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Adultery मजे - लूट लो जितने मिले
#21
मजे - लूट लो जितने मिले

चौथा अध्याय

मेरी पहली चुदाई की कहानी

भाग 1

अब तक की कहानी का सार

अब तक आपने पढ़ा कि खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला कि कैसे मैंने सारा आपा के हलाला से पहले नूरी खाला को चोदाl उसके बाद मेरा निकाह-ऐ-हलाला कुंवारी सारा आपा के साथ हुआ और कैसे मैंने कश्मीर में उसके साथ सुहागरात में उसे चोदा।

मैंने इमरान से कहाः मैं सारा को तलाक इमरान का इलाज हो जाने के बाद ही दूंगा और तभी इमरान सारा से दुबारा निकाह कर सकेगा। उसके बाद हैदराबाद वापिस आकर अगली रात जरीना की सुहागरात थीl अम्मी ने मुझे अपनी दूसरी बीवी के साथ सुहाग रात का हुकुम सुनाया लेकिन उस रात बिस्तर में सारा और जरीना दोनों मेरे साथ थीl सारा मेरे साथ ही सोने पर अड़ गयी, तो अपनी दूसरी बीवी जरीना की के साथ सुहागरात के बिस्तर पर पहले मैंने सारा की चुदाई की।

सारा की चुदाई के बाद मेरी छोटी बीवी कुंवारी जरीना की पहली चुदाई हुई और उसके बाद सारा और ज़रीना दोनों की एक साथ चुदाई हुई। वलीमे की रात मैंने दोनों की गांड मारी और सुबह डॉक्टर को दिखाना पड़ा और डॉक्टर ने ३ दिन चुदाई बंद का हुकुम सुना दिया।

आगे आनेवाला कथानक "खाला को चोदा" और "खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला" कहानी का ही विस्तार है, लेकिन वह कहानी चूंकि नूरी खाला और सारा के बारे में थी तो मुझे लगता है अन्य पात्रों के साथ हुए घटनाक्रम को अलग अध्याय के रूप में लिखा जाए तो उचित होगा।


लीजिये पेश है आगे की कहानी

सुबह उठा तो मुझे लूसी ने पकड़ लिया और बोली नवाब साहब आपको निकाह मुबारक और आपको तीन तीन बेहद खूबसूरत बेगमे मिली हैं और उनसे मिलने के बाद तो आप मुझे भूल ही गए हैं.

तो मैंने कहा तुम्हे तो मैं कभी भूल ही नहीं सकता तुम तो मेरा पहला प्यार हो .. और हमेशा मेरी पहली पसंद रहोगी .. और उसे कब कैसे मेरा सारा, ज़रीना और दिलिया से निकाह हुआ सब सबक्षेप में कह सुनाया और खाला के साथ जो भी हुआ वो भी बता दिया . मेरे और लूसी में कोई भी पर्दा नहीं था

तो लूसी बोली आप मेरे पास कब आएंगे तो मैंने कहा आज देखते हैंl

कुछ देर बाद मैं सारा से उसकी तबियत पूछने गया तो वह मुझसे लिपट गयी फिर मुझे चूमने लगी। और कहने लगी मेरा दूल्हा पूरा कसाई हैl फिर मैंने कहा कि कसाई कैसा है? तो आपा ने कहा कि अरे बड़ा जालिम है, लेकिन प्यारा और मस्त है।

सारा कहने लगी ओह आमिर ये तुमने कल क्या कर दिया। मेरी चुत का भुर्ता बना दिया देखो कैसे सूज गयी हैl बहुत दर्द हो रहा है , में मर जाउंगी, आआई रे! मेरे ज़नाज़े का इंतज़ाम कर लो।

मैंने चूत पर हाथ रखा तो वह बिलकुल सूजी हुई थी। उनके लिप्स पर किस किया और कहा आय लव यू! सारा, आपको चोद कर मैं धन्य हो गयाl रोते और सिसकते हुए बहुत प्यारी लग रही थी लेकिन मुझसे गुस्सा थी और बोली जाओ हम तुमसे अब कभी नहीं चुदवातीl कोई ऐसे भी अपनी खाला की लड़की को चोदता है। उसकी आँखो से आंसू आ गये, लेकिन मुझे उनके चेहरे पर संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी।

सारा ने मुझसे पुछा आमिर क्या आपने मुझे तलाक देने का इरादा बना लिया है ?

मैंने पुछा सारा तुम्हे ऐसा क्यों लगा?

तो सारा बोली जैसे तुमने पिछले तीन दिनों में मुझे बेदर्दी से चोदा है उससे तो यही लगता की तुम्हे लगता है मैं तुम्हे फिर नहीं मिलने वाली इसलिए ही ऐसे चोद रहे हो मेरी तुमने चूत और गांड का भरता बना डाला है और अब तो तीन दिन कुछ भी नहीं कर पाओगे मेरे साथ l

तो मैंने कहा मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं हैl

मैं तो तलाक के भी सख्त खिलाफ हूँ जहाँ तक मैं जानता हूँ मो. साहब खुद भी तलाक के बहुत खिलाफ थे पर फिर भी उन्होंने इसकी इजाजत दी ताकि जहाँ दिक्कत ज्यादा हो इससे आदमी या औरत न उस दिक्कत से निजात पा सकेl

तो सारा बोली तलाक के खिलाफ हो तो फिर आप मेरे साथ हलाला करने को क्यों राजी हो गए ?

तो मैंने कहा इसके कई कारण है मेरी रानी

एक अमिताभ बच्चन कई बार सुनाते हैं हरिवंश बच्चन ने कहा है-
"मन का हो तो अच्छा मन का न हो तो और भी अच्छा क्योंकि इसमें खुदा की रजा हैl"

तो मैं कौन होता हूँ उनकी हुकुमदुली करने वाला !

दूसरा हमारे खानदान में निकाह खांनदान में ही होते हैं और मेरे सिवा और कोई लड़का तो है नहीं तो फिर तुम्हारा हलाला कैसे होगा..

तीसरा मुझे मालूम था तुम बहुत खूबसूरत हो!

तो सारा ने पुछा वो कैसे हम तो कई साल से मिले ही नहीं !

मैंने कहाः अब हमारी अम्मी आपकी अम्मी और खाला तीनो बहने हैं और तीनो कितनी खूबसूरत और तुम भी उनकी ही औलाद हो तो कैसे खूबसूरत न होगी!

चौथा मैंने कश्मीर में तुम्हारी अम्मी के घर में तुम्हारे निकाह की टंगी हुई तस्वीर देखि थी जिससे पता लग रहा था तुम कितनी खूबसूरत हो
.
सारा अपनी तारीफ सुन कर खुश होती हुई और शर्माते हुए बोली और ..

और कश्मीर के बारे में कहा गया है
गर फ़िरदौस बर रूये ज़मी अस्त।
हमी अस्तो हमी अस्तो हमी अस्तll
(धरती पर अगर कहीं जन्नत है, तो यहीं है, यहीं है, यही हैं! )।

और सभी जानते हैं जन्नत में हूरे रहती है और फिर हूरे किस को बुरी लगती हैं तो हूर मिलेगी चाहे एक रात के लिए ही सही यही सोच कर मान गया

और जब ज़रीना को देखा तो और लालच आ गया और एक और वजह मिल गयी ..

और आखिरी और सब से अहम् ..
मुझे पता था मेरे से चुदने के बाद तुम कभी तलाक के लिए नहीं मानोगी और मैं तुम्हे पसंद तो करता ही था

इसलिए कुछ चिंता मत करो और फिर देख लो तुम्हे मेरे साथ मजा आया की नहीं

सारा ने खुश होकर मुझे किस किया और बोली आयी लव यु मेरे आमिर तुम बहुत प्यारे हो और चिपक गयी.

सारा बोली मजा तो बहुत आया पर दर्द भी बहुत हुआ तुमने बहुत बेदर्दी से किया.

हम बाते कर ही रहे थे की तभी वहां पर सारा की बहने ज़रीना, नरगिस और आयशा तथा इमरान की बहने दिलिया, अबीर और ज़ारा भी आ गयी और सारा की तबियत पूछने लगी। उन्हें देख सारा मुझ से थोड़ा अलग हो गयी l

दिलिया ने मेरे पास आकर मेरे कान में कहा कि पूरी हवेली को रातभर सोने नहीं दिया, ऐसा क्या कर डाला सारा और ज़रीना आपा के साथ? तो मैंने कहा कि मेरी जान जल्द ही तेरी भी यही हालत करूँगा, तो दिलिया ने कहा कि तो कर लेना, आओ तो सही, में चैलेंज देती हूँ तुम हार जाओगे, ज़रीना और सारा आपा तो सीधी थी, मीठी थी, तीखी नमकीन और कमसिन का मज़ा तो में ही दूँगी।

पिछली तीन रात जो मैंने सारा और ज़रीना के साथ गुजारी थी और जो जलवा देखा था उसके बाद सोचने लगा अगर सारा और ज़रीना मीठी और सीधी थी तो तीखी और नमकीन कैसी होगी। मेरे तनबदन की आग और भड़क गयी और मेरा लंड सनसनाता हुआ पूरा 8 इंची बड़ा हो गया और सलामी देने लगा।

फिर सारी बहने हमसे अपनी सुहागरात का किस्सा पूछने लगीl तो सारा बोली इनसे क्या शर्मl ये सभी मेरी बहने हैं, और तफ्सील से सुहाग रात का पूरा किस्सा सुनाने लगी। दोस्तों आप पूरा किस्सा "जन्नत - खड़ा लंड और 72 हूरे: दूसरे और तीसरे अध्याय" में पढ़ सकते हैं।

तो सारा बोली ये तो चुदाई में बहुत एक्सपर्ट है फिर सारा बोली आपने चुदाई किस से सीखी और सबसे पहले किस की चुदाई की बताइये प्लीज

उसके बाद मैंने अपनी बीवियों और सालियों को लूसी के साथ अपनी पहली चुदाई की कहानी सुनाई l

कहानी जारी रहेगी


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#22
मजे - लूट लो जितने मिले

चौथा अध्याय

मेरी पहली चुदाई की कहानी

भाग 2



परिचय:



अम्मी
- मेरे अम्मी रज़िया जान उम्र 38 साल कश्मीर में पैदा हुई और जिनका निकाह मेरे अब्बू से १८ साल की उम्र में हुआ था

अब्बा - मेरे अब्बा जनाब नवाब रोशन खान, उम्र लगभग 40. साल हैदराबाद के रहने वाले अछि खासी जमीन जायदाद है आंध्र प्रदेश , तेलंगना उत्तर प्रदेश और घर हैं हैदराबाद, दिल्ली गांव में हो हैदराबाद से लगभग 100 किलोमीटर दूर है और इसके इलावा हैदराबादी मोतियों का और कपड़ो का एक्सपोर्ट का बिज़नेस है और लंदन में मेरे फूफा के साथ साझेदारी में भी व्यापार है और वहां एक बड़ा पारिवारिक घर भी है अब्बू लंदन में पढ़े हुए हैं हमारे परिवार में लंदन जाकर पढ़ने की परम्परा भी रही है

आमिर - मेरा नाम आमिर नवाब खान है उम्र 18 साल अभी अभी दिल्ली में कॉलेज की पढाई पूरी की है और आगे की पढ़ाई के लिए लंदन जान तय है

मिस जेन- सत्ताईस साल की उम्र की एक लंबी ब्रिटिश सुन्दर रूप की मलिका थी, वो मेरी बहनों को पढ़ाती थीं। और साथ के साथ शाही चाल चलन की ज्ञाता क्योंकि उसका तालुक किसी शाही खानदान से था

लूसी- अठारह(18) साल की एक सुंदर युवा एंग्लो इंडियन लड़की थी जिसके मरहूम पिताजी भारतीय आयुर्वेद के ज्ञाता डॉक्टर थे और मरहूम माँ ब्रिटिश सुंदरी थी, लूसी के चेहरे और फिगर में अद्भुत सौंदर्य था । उसके कमर तक चमकीले, लहराते, भूरे बाल थे और गहरी बैंगनी आँखें और बड़े बड़े स्तन थे. उसकी माँ और सुश्री जेन की माँ प्रिय सहेलीया थी । जब एक दुर्घटना में लुसी के माता-पिता की मृत्यु हो गई, तो सुश्री जेन ने लुसी की देखभाल और पढाई का पूरा भार एक बड़ी बहन की तरह संभाला था ..

डायना - अठारह (18) साल की एक सुंदर ब्रिटिश सुंदरी जो जेन की कजिन थी जिसके माता पिता नहीं थे . सुश्री डायना सुश्री जेन की तुलना में थोड़ी लम्बी थी, उनके छोटे-छोटे बाल थे, छोटे स्तनों के साथ एक पतला और पुष्ट शरीर थ। और दूर से लड़का होने का आभास करवाती थी।

पात्रो की आयु कहानी के समयानुसार है l शेष पात्रो का परिचय समय समय पर कहानी के अनुसार होता रहेगा .


यह मेरी पहले सेक्स की कहानी है जो मैंने अपनी पत्नी और सालियो को मेरे पूर्व यौन जीवन के बारे में जानने की इच्छा करने पर सुनाई थी।

लीजिये पेश है लूसी मेरी प्यारी पहली कुंवारी के साथ मेरी पहली चुदाई का वाकया!

मुझे पूरा यकीन है ये कहानी आपके सेक्स के बारे में भी ज्ञान में कुछ वृद्धि ही करेगी l

अठारह वर्ष की आयु तक, मैं उन सभी छोटी-छोटी बातों से बिल्कुल अनभिज्ञ रह गया था, जो माता-पिता अपने बच्चों से छिपाने के लिए बहुत उत्सुक होते हैं।

हाँ कभी कभी सुन्दर लड़कियों और महिलाओ को देखकर स्वाभिक तौर पर मेरा लंड खड़ा हो जाता थाl इससे ज्यादा कभी मैंने इस पर ध्यान नहीं दिया पर लड़कियों की सुंदरता मुझे हमेशा आकर्षित करती थी और खास तौर पर जिनके बड़े स्तन होते थे उन लड़कियों को देख कर स्वाभिक तौर पर मेरा लंड खड़ा हो जाता थाl

मेरा बड़ा लंड हमेशा मेरे कॉलेज के दोस्तों के बीच कौतुहल और मजाक का विषय रहा थाl

एक बार ऐसे ही एक मौके पर एक हसीना को देख कर जब मेरा लंड खड़ा हो गया और पायजामे से साफ़ नजर आने लगा, तो मैंने अपनी अम्मी को मेरे अब्बा से फुसफुसाते हुए सुना ये लगता है आमिर आप पर ही जा रहा हैl

तो अब्बा अम्मी को बोलै खानदानी नियामत है नजर मत लगाओ .. इससे लड़किया बहुत खुश रहेंगी तुम्हारी तरह .. और अम्मी शर्मा कर एक तरफ हो गयी.

मुझे कुछ ज्यादा समझ नहीं आया क्योंकि मेरा सेक्स का ज्ञान उस समय ना के बराबर था.

यह लगभग 6 साल पहले मार्च के महीने के अंत में, जब मैं हमारे घर के पास दिल्ली की सड़कों में से एक में चल रहा था कि मैंने दो खूबसूरत महिलाओं को अपनी दिशा में आते देखा। एक सत्ताईस साल की उम्र की एक लंबी महिला थी, जो अन्य तथ्यों के तहत निश्चित रूप से एक सुन्दर रूप की मलिका थी, जिससे पास से गुजरने वालो की नज़रे बरबस उस पर टिक जाती थी।


लेकिन उसकी साथी थी जिसने प्रशंसा, आनंद, इच्छा और आश्चर्य की मजबूत भावना के साथ मुझे अपने रूप से अपनी और आकर्षित किया।

वह अठारह साल की एक सुंदर युवा लड़की थीl जिसमें चेहरे और फिगर का ऐसा अद्भुत सौंदर्य था जैसा मैंने कभी देखा या सपने में भी नहीं देखा था। चमकीले, लहराते, भूरे बाल उसकी कमर से लिपट गए थेl गहरी बैंगनी आँखें लंबे कर्लिंग भोहों के नीचे से दिखती थीं, और पूरे लाल होंठों के साथ मिलकर हंसने लगती थीं। ये और एक हजार अन्य आकर्षण जिन्हें मैंने बाद में जाना था, लेकिन इस दृश्य में जो मुझे सबसे ज्यादा आकर्षक लगा, वो उस लड़की की छातिया अद्भुत और बहुत ही असामान्य बड़े आकार की थी और उन स्तनों का सौंदर्य था, जो उसकी पोशाक से हर संभव उभार को नुमाया कर रहा था। जो कि सच्ची ब्रिटिश शैली कला में था। वह धीरे-धीरे और चुपचाप चलती थी और एक प्यारी सी मुस्कान के साथ अपने पूर्ण और परिपूर्ण रूप को रेखांकित करती हुई. बीच-बीच में वह बार-बार मेरी तरफ देखती थी।

वह लम्बी और लचीली युवा देवी थी, उसकी छोटी स्कर्ट सुंदर रूप से निर्मित लम्बी चिकनी और सुन्दर टांगो की जोड़ी की दिखा रही थीl उसने त्वचा के रंग का, स्पष्ट रूप से डिजाइन किए गए रेशम मोज़ा पहने हुए थे जो ध्यान आकर्षित कर रहे थे। मैं इस युवा और सुंदर लड़की से अपनी नज़रें नहीं हटा पा रहा था।

जब मैं जोड़ी के पास पहुँचा, तो मेरे आश्चर्य को देखकर उनमे से बड़ी महिला ने अचानक मेरा नाम पुकारा। "आमिर! आमिर! क्या आप को मैं याद हूँ?"

मैं इतना अचंभित था के एक पल के लिए मैं बिलकुल कुछ नहीं समझ पाया ये क्या था, लेकिन आवाज ने मुझे सुराग दिया।

'हां, मिस आप मुझे अच्छी तरह से याद हैं ', मैंने जवाब दिया, 'आप मिस जेन हैं, जो मेरी बहनों को पढ़ाती थीं। ओह! कितना सुखद आश्चर्य है! आप हैदराबाद से दिल्ली कैसे आयी? "मैंने कहा जबकि मेरी नज़र, उसकी साथी युवा संदरी पर ही टिकी हुई थी। उसने भी मेरी तरफ देखा और मुझे उसकी तरफ देखते हुए पाया, वह शरमा गई।

सुश्री जेन ने हम दोनों के नज़रो का आदान-प्रदान देखा।

''बिलकुल सही। मैंने शिक्षण छोड़ दिया है, जिसके लिए भाग्यशाली तरीके से मेरे लिए किसी भी समय की आवश्यकता अब नहीं है। मैं यहाँ अपने प्यारी सहेली के साथ एक फ्लैट में रह रही हूँ। मैं आपका उस से परिचय करवाती हूँ, आमिर ये है सुश्री लूसी - प्यारी लूसी, ये हैं आमिर।' लूसी की बैंगनी आँखें मुझ पर मुस्करायी; और लाल होंठ एक मीठी मुस्कान आयी और उसके गालों के केंद्र में डिम्पल दिखाई दिए। मुझे केवल अठारह वर्ष की आयु में, प्यार के चरण में कोई अनुभव नहीं होने के कारण, मैं इस प्यारी लड़की के सामने गया, मैंने उसे अपना दिल हार दिया। मैंने उसे और उसने मुझे अभिवादन कियाl

मैंने मिस जेन को चाय के कप के लिए, मेरे पास ही घर आने का अनुरोध किया लेकिन उन्होंने विनम्रता से मना कर दिया, क्योंकि उस दिन उनका कुछ पूर्व नियोजित काय्रक्रम थाl बाद में उस शाम खरीदारी के लिए उन्होंने सुपर मार्केट जाने की योजना बनाई हुई थी। एक या दो क्षण बाद, मेरे पास सुश्री जेन का मोबाइल नंबर और उसके फ्लैट का पता मेरी जेब में था, और मैंने अगले दिन चाय पर उनसे मिलने का वादा किया.

लुसी को फिर देखने और मिलने के अपने इच्छा को नियंत्रित करने में असमर्थ, मैं फिर से उनके उसी रास्ते से लौटने की प्रतीक्षा करता हुआ, लंबे समय तक एक कोने की झाड़ी में छिपा रहा, लेकिन शायद उन्होंने अपनी वापसी के लिए कुछ अलग मार्ग या मोड लिया।

शाम को मैं भी सुपर मार्केट गया और वहां फिर से लूसी और सुश्री जेन से मुलाकात की। मैंने सुश्री जेन और लूसी दोनों का अभिवादन किया, और लूसी भी मुझे देखकर मुस्कुराई। लुसी कुछ भारतीय पोशाक खरीदना चाहती थी और मैंने उसकी कपड़ो के चयन में मदद की। मैंने चुपके से उसके और सुश्री जेन के लिए एक लाल चोली और लहंगा खरीदा।

सुश्री लुसी मेरे साथ खरीदारी करते समय खुश थी और मुझे यह आभास हुआ कि उसे मेरा साथ पसंद है।

मैंने सुश्री जेन को उपहार दिया और उनसे अनुरोध किया कि वो मेरे द्वारा लुसी के लिए खरीदे गए उपहार को लूसी को दे। सुश्री जेन ने उस उपहार को स्वीकार किया, मुस्कुरायी, और मुझे लूसी को खुद को उपहार देने के लिए प्रोत्साहित किया, जो मैंने किया और सुश्री लुसी ने सुश्री जेन से सहमति लेकर मेरा उपहार स्वीकार किया।

लुसी वह ड्रेस ट्राई करना चाहती थी लेकिन वे लेट हो रही थींl सुश्री जेन ने लूसी को घर पर इसे आजमाने की सलाह दी, क्योंकि जरूरत पड़ने पर दुकानदार ने ड्रेस बदलने का वादा किया था। लेकिन, मुझे यकीन था कि यह उसे पूरी तरह से फिट करेगा, क्योंकि मैंने खरीदारी में उसकी मदद करते हुए उसके फिगर और छतियो का एक अच्छा अंदाजा लगा लिया था,जब वह कुछ कपड़े परखने के लिए पहन रही थी।

मैं लूसी को चाहने लग गया था, इसलिए शाम को, मैंने लुसी की एक झलक पाने के लिए सुश्री जेन द्वारा मुझे दिए गए पते का एक चक्कर लगाने का फैसला किया। फ्लैट मेरे घर के पास और पहली मंजिल पर था। उनके फ्लैट के ठीक सामने एक निर्माणाधीन इमारत थी जहाँ से मैं उसके फ्लैट की सभी खिड़कियाँ देख सकता था। मैं निर्माणाधीन इमारत की दूसरी मंजिल पर गया।

उसके फ्लैट की रोशनी चालू थी और पर्दे नहीं खींचे गए थे। सबसे पहले, मैंने लुसी को मेरे द्वारा दी गई ड्रेस को आज़माते हुए देखा। लुसी को अलग-थलग, अर्ध-नग्न, और उस लाल पोशाक को देखकर मुझे बहुत बड़ा इरेक्शन हुआ। पायजामे के अंदर मेरा लंड खड़ा हो गया था जैसे कि एक पुराने जमाने के तम्बू पोल नीचे होते थे।

दूसरी तरफ लुसी उस लाल चोली और लहंगा ड्रेस में अपनी सुंदरता को निहार रही थी। वह एक हूर की तरह लग रही थी जब वह उसी क्षण आईने में उसे देख रही थी।

मैंने दूसरे कमरे की खिड़की से देखा, कि एक साया सुश्री जेन के ऊपर लेटा हुआ था, उसे तंग आलिंगन में जकड़ते हुए, सुश्री जेन के सुंदर बड़े सफेद पैर उसकी पीठ पर पार हो गए, मैंने देखा कि वे सेक्स का आनंद ले रहे थे।

मेरा लंड उस तरीके से प्रेमपूर्ण दृश्य को बिस्तर पर दोनों को देखकर और भी सख्त हो रहा था। मैं बहुत चकित था और उस प्रेमपूर्ण दृश्य को देखने में तल्लीन था, कि मैं सुश्री लुसी को भूल गया और उन्हें देखता रहा जब तक उस साये (व्यक्ति) ने सुश्री जेन से खुद को नहीं उठाया।

वह उठा, मेरी और पीठ करके नंगा खड़ा हो गया और कपड़े पहनने लगा, जबकि सुश्री जेन अभी भी वहीं पड़ी हुई थी, अपनी आँखें बंद करके, पूरी तरह से नग्न, उसकी जांघों चौड़ी, मेरी टकटकी के लिए प्रकट करते हुए, गोल सफेद पेट और नीचे का हिस्सा जो काले घुंघराले बालों के साथ ढका हुआ था।

सुश्री जेन ने आँखों को खोला, अचानक कुछ देख, उठकर, उस साये को चूमा, और जल्दी से मेरे द्वारा उपहार दिए गए, लहंगे चोली पहनी। इस बीच, उस साये ने भी उस समय तक कपड़े पहने और कमरे से बाहर निकल गया। सुश्री जेन ने अपने कमरे के पर्दे खींचे और अपने कमरे की रोशनी बंद कर दी।

मैंने फिर से उस खिड़की को देखना शुरू कर दिया, जहाँ लुसी आईने को देखकर मेरे द्वारा उपहार में दी गई टॉप की गांठों को बाँधने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उसकी बड़ी छाती पर बड़े बड़े स्तन उसे बांधने नहीं दे रही थी।

सुश्री जेन ने सुश्री लुसी के कमरे में प्रवेश किया और खिड़की के पास आकर मुझे अपनी उंगलियों से आने का संकेत दिया क्योंकि उसने मुझे खिड़की पर देखा था। उसने अपना मोबाइल फोन लिया, मुझे फोन किया। मेरा मोबाइल बजने लगा और मुझे तुरंत वहां आने के लिए कहा।

मैं घबरा गया कि आगे क्या होने वाला है, क्या वह मेरे माता-पिता से शिकायत करने जा रही है। मेरी बहनों ने हमेशा यही बताया कि वह बहुत सख्त शिक्षक थीं। मैंने कांपती आवाज में फोन पर क्षमा मांगी, लेकिन उसने मुझे माफ़ नहीं किया।

सुश्री जेन ने आज्ञा दी- आमिर, यहां तुरंत आओ, वरना बहुत भयानक परिणाम भुगतने पड़ेंगे। उसने कहा कि आपमें साहस है कि आप युवा लड़की को अपने कपड़े बदल कर देख सकते हैं, लेकिन उसका सामना करने की हिम्मत नहीं है।

तो डर के मारे कांपता हुआ, जब मैं पहली मंजिल पर उस फ्लैट पर पहुंच गया। दरवाजा खुला था और सुश्री जेन हाथ में अपने मोबाइल के साथ मेरा इंतजार कर रही थीं और मुझे सुश्री जेन से मेरे मोबाइल फोन पर एक संदेश मिला।

कहानी जारी रहेगी ..


आमिर

नोट: 1. इस कहानी में अन्यत्र छपी हुई कहानी से कुछ बदलाव किये गए हैं आशा है पाठको को ज्यादा मजा आएगा
 


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#23
Excellent bro
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#24
मजे - लूट लो जितने मिले

चौथा अध्याय

मेरी पहली चुदाई की कहानी

भाग 3

भयभीत और कांपते हुए, जब मैं सुश्री जेन के फ्लैट के दरवाजे पर पहुँचा, तो वह वहाँ खड़ी थी और अपने हाथ में मोबाइल लेकर मेरा इंतजार कर रही थी। उस छोटी सी दूरी तय करने में मुझे लगभग एक घंटा लग गया।

मैंने एक और बहाने से निवेदन किया कि मेरे माता-पिता यहाँ हैं और मैंने उनसे कहा है कि मैं आपसे मिला हूँ और उन्होंने मुझे कल सुबह उनसे मिलने के लिए व्यक्तिगत रूप से उनसे मिलने के लिए आमंत्रित करने के लिए भेजा है। सुश्री जेन ने मुझे ताका झांकी (Voyeur) के लिए डांटा। मैंने फिर से निवेदन किया कि मैं जब यहाँ आया तो मुझे लगा मुझे ये जानना चाहिए कि क्या आप अभी जाग रहे थे या सेवानिवृत्त हो गए ( सोने चली गयी) हैं। यदि आप दिन के लिए सेवानिवृत्त हुए हैं तो मैं आप को परेशान नहीं करना चाहता था। इसीलिए मुझसे ये खता हो गयी जिसके लिए आप मुझे माफ़ कर देl

लेकिन सब बहाने बेअसर लगे तो मैं अपने घुटनों पर गिर गया और कहा 'सुश्री जेन, मैं सुश्री लुसी से बहुत प्यार करता हूं और उसके लिए कुछ भी करूंगा। मैं अपनी शरारत के लिए उसकी क्षमा माँगने वाला था, जैसे कि वह मुझसे यह सुनने के लिए प्रतीक्षा कर रही थी कि मैं लूसी से प्यार करता हूँ, मुझे ठीक उसी समय सुश्री जेन से मेरे मोबाइल फोन पर निम्न संदेश मिला।

प्रिय आमिर,

शुरू में, मुझे उस टेलीकॉन में आपके साथ कठोर होने के लिए खेद है और अभी पूरी तरह से खेद नहीं है, क्योंकि मैं चाहती हूं कि आप लुसी को अच्छी तरह से जान लें। मित्र सुश्री लुसी एक अनाथ है जिसका कोई रिश्तेदार इस दुनिया में जीवित नहीं है। वह अपने स्वर्गीय एंग्लो इंडियन माता पिता की इकलौती संतान हैं, जिनकी हाल ही में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई है। उस के पिता एक भारतीय आयुर्वेदिक डॉक्टर थे और माँ एक खूबसूरत ब्रिटिशर थीं।

वह अभी लंदन के एक ब्रिटिश कॉलेज से वापस आयी है। वह बहुत ही समझदार और बुद्धिमान लड़की है, और फिगर में भी सुन्दर ,चुलबुली और स्वभाव से प्यारी , जैसा कि आपने खुद देखा होगा! उसे सुंदरता अपनी दिवंगत मां की विरासत में मिली है। वह दूध जैसे गोरे रंग की,बहुत ही जवान और उसका गदराया हुआ शरीर, बड़े बड़े उभरे हुए मम्मे, सुडौल पट, बहुत ही सुंदर नयननक्स, गोरे मोटे सेब जैसे गाल, पूरा मांसल शरीर, हाथ पाँव की उँगलियाँ सुंदर और गुदाज़ है l

वह एक बेहद गर्म और भावुक स्वभाव की है, और आज जैसे आप उसे देख रहे थे, वह बेकार नहीं गया है l उसे आपसे प्यार हो गया है! आप उसे एक रमणीय साथी पाएंगे। मुझे लगता है कि आप भी उसे पसंद करते हैं और प्यार करते हैं। मुझे पता है कि आप बहुत ही कोमलता से उसकी देखभाल करेंगे,और वह आपके लिए दुनिया में कुछ भी करेगी ।

आप ब्रिटिश कॉलेज में जीवन के बारे में उससे बात कर सकते हैं; वह इसके बारे में बात करना पसंद करती है। मैं चाहती हूं कि वह खुश रहे, और मुझे लगता है कि आप इसमें मदद कर सकते हैं। याद रखें कि वह पिछले सप्ताह में अठारह वर्ष की हो गई है।

सादर,
सुश्री जेन जॉन


"आमिर आप ठिक हो?" सुश्री जेन से पूछा।

मैं इस उल्लेखनीय सन्देश को प्राप्त करने के बाद अपनी भावनाओं का वर्णन नहीं कर सकता। मेरा मन खुश से नाच उठा थाl बेशक, संदेश पढ़ने के बाद मुझे राहत मिली। मैं उन्हें इस सन्देश और मुझे माफ़ करने के लिए धन्यवाद कहा, उन के को हाथ चूमा और वह मुस्कुरायी और उन्हों ने आशीर्वाद दे कर कहा आमिर भगवान् आप दोनों को सब खुशिया दे!

संदेश पढ़ने पर मैं बहुत खुश हुआ और सुश्री जेन को धन्यवाद देना चाहता था। लुसी के ताजे फूल जैसा चेहरा, उसके कोमल लाल होंठ, उसकी खूबसूरत आँखें, और उसकी रसीली गालो में पड़ने वाले डिम्पल मेरेआँखों के सामने से गुज़र रहे थे, उसके तुरंत बाद उसके अद्भुत स्तन और उसके नाजुक सुडौल पैर, मुझे नज़र आ रहे थे . मेरे दिल और दिमाग पर लूसी की सुन्दर छवि छा गयी थी और मुझे पता लग गया था कि वह किस्मत की देवी मुझ पर मेहरबान हो गयी है, जो मुझे अब लुसी से मिलने के लिए मौका दे दिया है ।

सुश्री जेन के संदेश के अर्थ को गलत तरीके से समझना संभव नहीं था और वास्तव में जब मैं फ्लैट पर पहुंचा , तो वह मेरा स्वागत करने के लिए वहां थी।

उसने मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखा और मुझे अंदर बुलाया और हम सोफ़े पर बैठ गए। वह ठीक मेरे सामने बैठी और मुझे एक गिलास पानी दिया।

पानी पीने के दौरान मैं ब्रिटिश मूल की महिला सुश्री जेन को देख रहा था, जो लम्बी, सुनहरे गोरे बालो वाली (blonde) और बड़ी नीली आँखें और उनकी चिकनी मुलायम ठुड्डी थी। वह लाल मिनीस्कर्ट और गुलाबी रंग के टॉप पहने हुई थी । कमरे में मेरी आँखों ने मंद प्रकाश थाl

मैं कुछ नहीं कह सकता था। मैं सुहृ जेन के स्तन देख रहा था। उसका टॉप बहुत छोटा, और स्लीवलेस था और उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी और उसके टॉप का बटन खुला था। उसके स्तन ऊंचे और सख्त थे और निप्पल मजबूती से तने हुए थे। मैं ऊपर से निपल्स को ठीक से देख सकता था, और उसके खुशबू और शरीर की निकटता ने मुझे अवाक कर दिया था ।

भगवान, मैंने कभी किसी महिला को उससे ज्यादा कामुक नहीं देखा था और मैंने उस खिड़की से जो कुछ देखा था, उसे याद करने के बाद, उसे और करीब से देखना चाहता था। मैं उसे प्यार करने की कल्पना कर रहा था।

उसकी मिनीस्कर्ट उसकी जाँघों तक ऊँची हो गई थी, जिससे उसकी नायलॉन पैंटी का पता चल रहा था । मेरी नजरे फिर उसकी कोमल मलाईदार जांघों पर एक लंबे पल के लिए टिक गयी तो उन्हों ने उन्हें हल्का सा खोल दिया और मैं अपने दिमाग में उस प्यारी छोटी चूत और उस सभी कोमल पतले बालों को देख कर कल्पना करने लगा । लगभग तुरंत मैंने महसूस किया कि मेरा लंड नियंत्रण से बाहर हो गया है,।

वो लंबी, खूबसूरत मलाईदार जांघें बहुत आकर्षक लग रही थीं। यहां तक कि अगर मैं अंधेरे में उसकी बिल्ली को नहीं देख सकता था, तो मुझे लगा कि मेरा लंड जाग रहा था और मैं उसकी प्यारी, छोटी योनी के बारे में सोचना बंद नहीं कर प् रहा था । मैंने अपने अपने पैरों को एक साथ निचोड़कर अपने लंड के कड़ेपन को छिपाने का एक असफल प्रयास किया और वह मेरी बगल में आ कर बैठ गयीl

मैंने अपने लंड के कड़ेपण को दबाने की कोशिश की; मेरा ध्यान शरीर के उतार चढ़ावो और वक्रता पर लगा हुआ था। मैंने अपने लंड को समायोजित करने की कोशिश की। लेकिन यह नीचे बिल्कुल नहीं जाना चाहता था। ।

मैं कॉलेज में अक्सर अपने लिंग के आकार के बारे में लड़कों के लिए मनोरंजन की वस्तु बन गया था, जो मेरी उम्र के लड़के के लिए अस्वाभाविक रूप से बड़ा था, लेकिन मैंने पाया है कि यह हमारे परिवार में एक वंशानुगत उपहार था, मेरे पिता भी विशाल उपकरण के मालिक थे ।

मेरा लंड उन सुंदर नरम, मलाईदार जांघों के बीच विचरण करना चाहता था, और उस प्यारी चूत में सही से विचरण करना था। यह ऐसा था जैसे मुझे बस इतना करना है कि मैं अपनी आंखें बंद कर लूं और मैं इस खूबसूरत महिला के रसदार जवान छूट में अपने लंड के दाल कर महसूस करना चाहता था ।

अल्लाह , मैंने कभी उसकी जैसी औरत को क्यों नहीं भोगा?

जब मैंने उसे छिपाने के लिए व्यर्थ कोशिश की, उसने मेरे बहुत बड़े इरेक्शन को भी नोटिस किया और उसने उसे चकित किया और वह शरारत से मुस्कुराई और मेरे इरेक्शन को देखते हुए कहा कि खिड़की से वह दृश्य आपको अभी तक असहज कर रहा है। क्या आप उस चीज़ को नियंत्रित नहीं कर सकते?

मैंने हिचकिचाते हुए कहा कि इसका अपना दिमाग है और यह मेरे दिमाग के नियंत्रण में नहीं है और मैंने उस खिड़की से जो देखा उसके बाद इसे नियंत्रित करना बहुत मुश्किल है।

मैंने अपने लंड की कठोरया को नियंत्रित करने के लिए व्यर्थ प्रयास किया और मैंने अपना ध्यान सुश्री जेन से हटाने का फैसला किया l मैंने सुश्री लुसी की एक झलक पाने के लिए चारों ओर देखा, लेकिन फिर से लुसी के बारे में बहुत सोचा और इस तथ्य के साथ कि वह मेरे साथ प्यार कर रही थी तो मुझे चारो तरफ वही नजर आने लगी तो यह और कठिन हो गया। मैंने अपने लंड की कठोरता को समायोजित करने के लिए अपने पैरों को एक साथ निचोड़ा।

सुश्री जेन ने मेरी अधीरता पर ध्यान दिया और कहा कि आमिर आपको धैर्य रखना होगा। लुसी रात के लिए अपने कमरे में सेवानिवृत्त हो गई (सोने चली गयी) है।

कहानी जारी रहेगी।

आमिर

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#25
मजे - लूट लो जितने मिले

चौथा अध्याय

मेरी पहली चुदाई की कहानी

भाग 4


लुसी एक खूबसूरत लड़की है, जिसे अपनी माँ के पिता के साथ ख़ूबसूरती विरासत में मिली थी। वास्तव में वह असामान्य रूप से लम्बी थी। उसकी शरीर की बनावट बहुत कामुक थी और लूसी को उसे प्रदर्शित करना पसंद था। लूसी की माँ के बाल सुनहरे थे और उसके विपरीत लुसी के बाल लम्बे काले और माँ की ही तरह नीली आँखें है, जो मुझे काफ़ी लुभाती है।

यह हम दोनों के लिए पहली नज़र में प्यार था। मैं प्रशंसा, इच्छा और प्यार के साथ उसके लिए लगभग पागल हो गया था। वह मेरे देखने के कारण उसके प्रति मेरी दीवानगी से पूरी तरह परिचित हो गयी थी।

लुसी ' सुश्री जेन की साथी थी। उसकी माँ सुश्री जेन की माँ की प्रिय सहेली और सहपाठी थी। जब एक दुर्घटना में लुसी के माता-पिता की मृत्यु हो गई, तो सुश्री जेन ने लुसी की देखभाल और पढाई का पूरा भार एक बड़ी बहन की तरह संभाला और उसे ठीक से शिक्षित किया। लुसी ने अपना कॉलेज ख़त्म करने के बाद सुश्री जेन को लुसी को अपने घर ले आयी। वह एक आकर्षक प्यारी और प्यारी लड़की थी, जिसकी पीछे उसके मोहल्ले के सभी लड़के लगभग दीवाने थे और जब से वह केवल अठारह साल की हो गई थी, उसे शादी का एक से अधिक अच्छा प्रस्ताव मिले थे जिन सब को लूसी ने मना कर दिया था।

सुश्री जेन ने मुझे बताया कि उस दिन जब वे मुझसे मिले थे, तब उन्होंने सुश्री जेन के कुछ पुराने परिचितों से मुलाकात की थी, जिनके बेटे लुसी से शादी करना चाहते थे। जिसे भी लूसी ने मना कर दिया और सुश्री जेन को बताया था कि वह मुझसे मुझ से प्यार करती थी और कोई भी उसे मुझ से बेहतर कभी नहीं मिलेगा।

लूसी सुश्री जेन को बहुत मानती थी और लगभग उनकी पूजा करती थी औरसुश्री जेन की किसी भी मामूली इच्छा को पूरा करने के लिए तैयार थी ।जो सुश्री जेन की हो सकती है।चाहे वह व्यक्त हो या व्यक्त न की गयी हो। वैसे सुश्री जेन भी काफ़ी आकर्षक व्यक्तित्व की मालकिन थी और मैं उन्हें भी काफ़ी पसंद करता था।

ये सब सुनने के बाद मैं सुश्री जेन के पास बैठ गया और मैंने उसका हाथ पकड़ कर कहा: 'अब, सुश्री जेन, मैं आपसे गंभीरता से बात करना चाहता हूँ।'

'क्या मैंने कुछ ग़लत किया!' उसने कहा। मैं मुस्कुराया 'सुश्री जेन, आप अच्छी तरह जानती हैं कि आपने क्या किया है, लेकिन मैं इस बारे में बात करना चाहता हूँ कि आपको क्या करना है,' मैंने जवाब दिया। 'अब सुश्री जेन, आप मुझ से वादा करो कि तुम जैसा मैं चाहू वैसा ही करोगी!'

'बेशक, अगर मैं कर सकती हूँ तो ज़रूर करूंगी हूँ!' उसने कहा 'यह क्या है? क्या बहुत गंभीर या बहुत मुश्किल है?'

मेरी प्रिय जेन, सच तो ये है मैं तुम्हें तब से बुरी तरह से प्यार करता हूँ जब से आप मेरी बहनों को पढ़ा रही थी और आज मैंने जो आपका जलवा और प्यार देखा है। , उस खिड़की से जो देखा उसके बाद इसे नियंत्रित करना बहुत मुश्किल हैl उसने तुम्हें पाने के लिए मेरा आग्रह बढ़ा दिया है। " मैंने उसके हाथ पकड़ कर चूमते हुए कहाl

'मैं हैरान हूँ!' सुश्री जेन हकलाई और उसने कहा, 'आमिर! ये तुम क्या कह रहे हो? तुम मुझ पर एक चाल नहीं खेल रहे हो?'

'मैं तुम्हें सच बता रहा हूं" मैंने जवाब दियाl मैं अब काफ़ी गंभीरता से बोल रहा हूँ और उसकी आंखों में सीधे देख कर बोला' क्या तुम मुझे पसंद नहीं करती हो? '

यह पहली बार था कि मैंने एक महिला को उसके प्रति अपनी भावना व्यक्त की। मैं ख़ुद हैरान था मुझमे इतनी हिम्मत कहाँ से आ गयी थीl कहाँ तो मैं सुश्री जेन से बात करन तो बहुत दूर की बात है उन्हें देखता भी छुप-छुप कर थाl उनके प्यार भरे शब्दों ने मुझे अपने दिल की बात कहने की हिम्मत दे दी थी और उनके व्यवहार भाव और भंगिमा से मुझे पूरा विश्वास हो गया था ये मुझे कभी मना नहीं करेंगीl

"बेशक, प्रिय आमिर, आई लव यू! मैं भी आपको तब से ही पसंद करती हूँ! ," उसने जवाब दिया l उसने मेरा हाथ अपने हाथ में रखा है-"मैं अपने आप को और लुसी को आपके सम्मान और निष्ठा में समर्पित करती हूँ और आपकी सेवा में कभी भी कुछ भी कमी नहीं छोड़ूंगी!"

मैं हँसा उसके हाथ उठा कर उन्हें दुबारा चूमा 'शुक्रिया। सुश्री जेन मेरा प्रेम निवेदन स्वीकार करने के लिए लेकिन लूसी के बारे में क्या!' मैंने पूछा।

'ओह! उसकी आप बिलकुल चिंता मत करें मैंने उसे बिना किसी कठिनाई के प्रबंधित कर लेना है!' सुश्री जेन ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, फिर कुछ स्मरण करते हुई बोली। ' आप जानते नहीं हैं आमिर कि लूसी मेरे लिए कुछ भी करेगीl जो आप चाहेंगे वह वही करेगी। आज जब से आप से वह मिली है तो उसने मुझसे आपके लिए अपना प्यार कबूल किया, तो मैंने उसे बताया कि मैं उसके बारे में बहुत चिंतित हो रही हूँ क्योंकि मैं देख रही थी वह आपका ज़िक्र होते ही कितनी व्याकुल हो गयी थी जिसने उसकी स्वाभाविक इच्छाएँ उसके स्वास्थ्य और दिखावे को प्रभावित करना शुरू कर देंगी। वह बुरी तरह डगमगा गयी थी तब मैंने उसे मेरे पास बुलाया और मेरी बाहों में ले कर उसे नम्रता से चूमा और प्यार से कहा: "मेरा प्रिय, आप मेरी-मेरी छोटी बहन है, दुनिया में एक आदमी है और मुझे पूरा विश्वास है कि वह तुमसे प्यार करता और तुम चिंता मत करो! आमिर, तुम को यहाँ कल मिलने आ रहा है!"

तब लूसी ने शरमाते हुए मुझसे कहा। "अगर आप मुझे उससे मिलने और प्यार करने देने के लिए सहमति देंगे, तो मैं चाहती हूँ कि आप भी मेरे साथ रहे। मैं चाहती हूँ कि जब आमिर मेरे साथ मेरे कमरे में रहें तो आप भी वह रहे, जहाँ आप मेरी देखरेख कर सकें? क्या आप इसके लिए अपनी सहमति देते हैं, सुश्री जेन?"

सुहृ जेन बोली उसकी ये बात सुन कर मुझे नहीं पता था कि मुझे क्या कहना है, मैं हैरान रह गयी और घबरा गयी "मैं आपसे सहमत होने के लिए विनती करती हूँ, कृपया, मेरे प्रिय सुश्री जेन," लुसी ने सुश्री जेन को प्यार से फुसफुसायी।

'उसका ऐसा आग्रह सुन कर मेरा धीरे-धीरे जवाब आया: "तथास्तु यदि आप ऐसा ही चाहें, तो लुसी, हाँ!" मैंने उसे गले लगाया और चूमा और है कि उसे शांत किया और अब वह इसके बारे में सब ठीक पर वह बहुत ही प्यारी और सीधी है मुझसे बहुत प्यार करती है! आमिर, तुम बहुत भाग्यशाली आदमी बनने जा रहे हो!'

'मैं बहुत भाग्यशाली आदमी बनने जा रहे हूँ!' मैंने कहा और नम्रता से सुहृ जेन के हाथ को चूमा और मेरा दूसरा हाथ उसकी गोद में सरका और मैंने आशिक मिजाजी से उनके प्यार के क्षेत्र को धीरे से दबाया। क्या मैं पहले से ही ऐसा नहीं हूँ? यह देखकर कि मेरे हाथ उसके गुप्त खजाने के पास था और फिर से मेरा हाथ उसके योनि क्षेत्र पर टिक गया वह थोड़ा शर्मायी और मुस्कुरायी " अगर आप का पास होना किसी भी पुरुष के लिए पर्याप्त भाग्य नहीं है, तो आप मुझे एक बेहतरीन महिला और सबसे सुंदर लड़की को प्रदान कर रही हैं! मेरे प्रिय, मैं कभी भी आपको पर्याप्त रूप से धन्यवाद कैसे दे पाऊंगा! '

सुश्री जेन ने मुझे प्यार से देखा और मैंने देखा कि उसकी आँखें सुंदर थीं। वह एक सुडौल, कामुक, बड़े स्तन वाली, सुडौल महिला थी। हे देवताओं! क्या स्वर्गीय अप्सरा-सा रूप है! अब मैंने देखा वह अपनी हर पूर्णता पर मुग्ध ही रही थी। वह आकृति में बिल्कुल सही थी और हर सुंदरता पूरी तरह से विकसित थी जो कभी ख़ुद भगवान द्वारा बनाई गई बेहतरीन मूर्तियों में से एक सुंदरता का सबसे शानदार अवतार है। फिर उसके प्यारे सुनहरे बाल और गोरी त्वचा मानो सोने पर सुहागा।

उनके चौड़े कंधे, चट्टानों के रूप में सुडोल अलग-अलग खड़े उसके गौरवशाली स्तनऔर फिर उन पर चुंबन आमंत्रित करते हुए निपल्स, उसकी सुंदर गोल भुजाएँ, पतली कमर और उसके सुन्दर गोल कूल्हों और नितंबों जो एक उभरी हुई स्थिति में दिख रहे थे और वह शर्माती और लज्ज़ती हुई बहुत अधिक सुंदर लग रही थी।

उसने धीरे से कहा, 'आप सच में मेरे अपने हैं और मेरे सच्चे प्रेमी हैं, आपने जो कहा, उसके लिए धन्यवाद। मैंने इसे हमेशा तुम्हारी आँखों में अपने लिए चाहत और सम्मान देखा है। मुझे यह जानकर बहुत गर्व और ख़ुशी हो रही है कि आप मेरे अनुरोध पर मेरी मित्र से वह सब करेंगे, जो आपने अक्सर मेरे साथ करने का सपना देखा है!' फिर एक ठहराव के बाद, उसने कहा, 'और तुम पाओगे कि तुम्हारा ऐसा करना अपना प्रतिफल लेकर ज़रूर आएगा, आमिर!-प्रिय लुसी एक प्यारी वर्जिन है, लव!'

मुझे लगा कि लूसी वह कुंवारी है, जिसको प्राप्त करना मेरे लिए एक असली सौभाग्य की बात होगी।

मुझे अब पता था कि उसने यह सब प्लान किया है। मैंने कहा यदि आप सहमत हैं तो मैं पूरी योजना में एक छोटा-सा बदलाव चाहता हूँ।

मैंने उससे उस बारे में कहा जो मैंने उस खिड़की से देखी थी, जबकि आप उस आदमी से प्यार कर रही थी तो मैं चाहता हूँ कि आपके मेरे पास होना चाहिए।

इससे पहले कि वह कुछ कह पाती और मेरे आग्रह को नियंत्रित कर पाती, मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया और उसे बहुत प्यार से अपने गले लगा लिया, जिसे उसने गर्मजोशी से लौटा कर मेरा साथ दिया। मैंने अपने होंठ उसके स्वादिष्ट गीले होंठों से चिपका दिए। मैंने अपनी जीभ उसके प्यारे मुँह में घुसेड़ दी और कहा-अरे जान, मुझे भी अपनी जीभ दो। उसने तुरंत अपनी प्यारी छोटी जीभ मेरे मुँह के अंदर डाली और मैंने उसे बहुत प्यार से चूसा, उसके प्यार भरे स्तन को अपने सीने में दबा लिया, जबकि मेरा दूसरा उसकी चिकनी पीठ के व्यापक विस्तार पर भटक गया, मैंने अपने शरीर को उसके खिलाफ दबाया, ताकि वह उस कठोर प्रक्षेपण महसूस कर सके जो मेरी पतलून में धड़क रहा था।

एक तरह से पूजा करते हुए मैंने जेन के पूरे शरीर पर चुम्बनों के बरसात कर दी। बेशक, इसके कारण मेरे लंड की कठोरता बढ़ती जा रही थी और जेन का शरीर भी तेजी से उत्तेजित हो रहा था। उसने मुझे रोक दिया कि वह मेरे लिंग में हो रहे बदलाव को और करीब से महसूस करना चाहती थी। मेरे लिए ये सब एकदम नया था। जल्द ही मेरा लिंग अपनी सम्पूर्ण कठोरता को प्राप्त हो गया और हम दोनों जो भी एक साथ कर रहे थे, उसने हम दोनों के लिए समान रूप से उत्साहित और उत्तेजित कर दिया था और इससे पहले कि मैं उसे वांछित नई स्थिति में डाल पाता, उसने मेरी कमर के चारों ओर अपनी बाजुओं डालकर मुझे पकड़ लिया और आहें भरते हुए, अपना सिर मेरी छाती पर रख दिया और मेरे खड़े हुए लंड पर कड़ी मेहनत करते हुए उसने अपने शरीर को मेरे शरीर के और करीब कर दिया।

वह मुस्कुराई और मैं मैंने देखा कि उसकी आँखें मेरे अनियंत्रित सदस्य की ओर झुक गई थीं, वह कपडे फाड़ कर बाहर निकलने का असफल प्रयास करने लगा।

कामाग्नि में जलते हुए हमारे होठ लंबा चुंबन में लिप्त हो गए। जब उसने वह चुंबन तोड़ दिया तो मैंने कहा-सुश्री जेन, मैं चाहता हूँ आप और लुसी मेरी हवेली में आ कर मेरे पास रहें। वहाँ मेरे पास पर्याप्त स्थान हैं और हमारे पास देखभाल करने के लिए नौकर चाकर और सुविधाएँ हैं। क्या आप मर्रे इस प्रस्ताव से सहमत हैं?

पुनर्निर्मित होने से पहले दिल्ली में मेरा निवास आरामदायक पुराने ज़माने का फार्महाउस था जो भारतीय राजधानी शहर के बाहरी इलाके में था। वास्तव में इसमें तीन इमारतें थीं, पहली इमारत में कार्यालय थे और उसी में मेरे पिताजी का भी बैडरूम था, फिर मेरे निवास स्थान और तीसरे भाग में नौकरों के कमरे थे। मेरे निवास स्थान के भूतल पर एक बड़ा हॉल और पहली मंज़िल पर रहने के कमरे जिसमे नौकरों को पहुँच प्रदान की गयी थी, ताकि रात में परिवार और आगंतुक नौकरो से रह सके, एक ऐसी सुविधा जो मेरी भविष्य की कहानियों में मेरी कथा को प्रभावित करने के लिए भी मिलेगी। मेरे बेडरूम हवेली के पूरे प्रथम तल के एक बड़े हिस्से पर फैला हुआ था और उससे बाहर के बाग़ का एक सुन्दर नज़ारा मिलता था और अन्य बेडरूम और कमरे के साथ जुड़ा हुआ था जो आमतौर पर पर्दे और दरवाजों से अलग किया जा सकता था और आगंतुकों को आवंटित किया जाता था।

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आमिर

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#26
मजे - लूट लो जितने मिले
चौथा अध्याय

मेरी पहली चुदाई की कहानी

भाग 5


जेन ने कहा " आमिर! आप हमेशा से मुझे मस्त और अच्छे लगते थे और मैंने आपको अपनी उम्र के ज्यादातर लड़कों या लड़कों के विपरीत अच्छे स्वाभाव वाले रहे हो इसीलिए आप मुझे बहुत पसंद हैं। मैंने आपको आपके घर पर कसरत करते हुए देखा है और साथ ही साथ आपको मुझे बहुत रूचि से शर्माते हुए मेरे शरीर के उभारो को भी ताकते हुए देखा है। मैंने कई बार ये भी नोट किया है कि ऐसा करते हुए कई बार आपका ख़ास सदस्य उत्तेजित होकर अपनी उपस्थिति दर्ज करता था, तो उसे दबाने की आपको नाकाम कोशिश करते हुए भी मैंने देखा हैl उससे मुझे आपके विशेष औजार के विकराल होने का अंदाजा लगता रहा हैl

मैं आपके लिए विशेष रूप से आपके शरीर और लंड के प्रति आकर्षित रही हूँ और आपका सौम्य स्वाभाव मुझे पसंद रहा है। जब से मैं आपके घर में पहली बार आपसे मिली थी तभी मुझे आपके उभरे हुए अंग का अंदाजा हो गया थाl

जिस तरह आप मेरी एक झलक पाने को बेकरार रहते थे और किसी न किसी बहाने से मेरी नजरो के सामने आते थे, उसी तरह मेरी नजरे भी आपको देखने के लिए हमेशा उत्सुक रहती थी।

और जब आप मेरे सामने होते थे तो मैं अपनी नजरे आप से हटा नहीं पाती थी।

मैं, जानती थी आपकी टकटकी मेरी रसीली गोल आकृति पर लगी रहती थी और आप मेरे उभारो को मेरी भेषभूषा के माध्यम से देखते रहते थे वही मैं भी आपके शरीर और लंड को आपके भेस के माध्यम से देखती थी और यह मुझे हमेशा पसंद आया। "

तो मैंने कहा आपने बिलकुल ठीक कहा जब आप मेरी बहनों को पढ़ाने गई थी और मैंने आपको-आपको पहली बार देखा था तब आपके लंबे सुनहरे बालों जो आपके नितम्बो को छूते हुए गुलाबी स्कर्ट और टॉप उस दिन पहनी थी। आपकी वह ड्रेस आपके बड़े-बड़े गोल गोल स्तन, सेक्सी गांड, लंबे-लंबे सुडौल टाँगे और आपके शानदार और सुन्दर रूप को छिपा नहीं सकती थीं। आप उस दिन हमेशा की तरह बहुत आकर्षक लग रही थी। तभी से मैं आपका दीवाना हो गया था।

जेन ने कहा " आमिर, तुम नहीं जानते-मैं तुम्हें कितना चाहती हूँ!

आज दोपहर मैं तुमसे मिलने के बाद जब मैं अपने घर लौटी, मेरे पूरे स्तनों को दर्द हुआ। गलियारे के अंत में बाथरूम में घुसते ही मेरी नसें लड़खड़ा गईं, वहाँ पूरी लंबाई के दर्पण में ख़ुद को घूरते हुए अपने लम्बे झिलमिलाते बालों के साथ अपने नंगे कंधों के नीचे, मैंने ख़ुद को बेहद कामुक पाया।

मेरी आँखें मेरे गर्व से उभरी हुई, मलाईदार चमड़ी वाले स्तनों को देख कर मुझे और उत्तेजित कर रही थीl दो बड़े-बड़े बूब्स के निप्पल-मेरी पतली कमर-मेरे मुलायम सुडौल कूल्हे। मेरे सुनहरे जघन बाल मेरी उत्तेजना के साथ चमक रहे थीl मेरी चूत के होंठ असामान्य रूप से प्यारे लग रहे थे, मुझे शीशे के सामने ख़ुद को उंगली से चोदना शुरू करने का मन हुआ लेकिन मैंने फ़ैसला किया, क्यों ख़ुद को धोखा दू, जब एक अच्छा युवक मेरे लिए इंतज़ार कर रहा हैंl

भगवान, मैं चाहती हूँ आमिर मेरे बदन को चूसे सहलाये दबाये और रगड़ कर चोद दे! उस समय " मैंने ज़ोर से फुसफुसाते हुए कहा, आमिर मुझे चुसो। मेरी गीली योनि में गहरी धड़कन पशुवत वासना से जंगली हो रही है। मेरा दर्द से कांपता हुआ शरीर चुदाई के लिए बेकरार होता हुआ मुझे महसूस हुआ।

"भगवान, मैं सेक्स चुदाई और चूसा जाना चाहती हूँ!" मैंने ज़ोर से फुसफुसाते हुए कहा, मेरी गीली योनि में गहरी धड़कन पशुवत वासना से जंगली हो रही थी। मेरा दर्द, कांपता हुआ शरीर चुदाई के लिए त्यार पका हुआ महसूस हुआ।

मुझे डर था कि अगर मैंने अपनी इन कामुक इच्छाओं को दबा दिया तो मैं सचमुच अपना दिमागी संतुलन खो दूंगी। सेक्स का पागलपन मुझे अपने शरीर के भीतर गहरे से पूरी तरह से खा रहा था। मुझे वास्तव में लापरवाह और यौन-उत्सुक भूखी बना रहा था।

मैं किसी भी अन्य की तरह एक महिला ही हूँ। मुझे सेक्स की ज़रूरत थी-तेज, गर्म, रोमांचकारी रूप से संतुष्ट करने वाला सेक्स, घंटे के बाद घंटे, रात के बाद रात चलने वाल रोमांचक सेक्स-और मैं इसे और तुम्हे पाने के लिए कुछ भी और सब कुछ करूंगी और अब ही करूंगी मैंने ये निर्णय लिया। "

जैसे ही मैंने अपना निर्णय लिया मेरी आँखें अचानक चमक उठीं। मैंने सभी नैतिकता और औपचारिकता को त्याग कर आप से मिकल कर अपनी दिल की बात कहने का निर्णय ले लिया। मैंने अपनी प्रतिष्ठा और सम्मान की परवाह त्याग कर बिरह की आग के नरक से निकलने का फ़ैसला कर लिया। मैंने तुरंत निर्णय लिया मुझे आमिर से किसी भी हालात में जल्द से जल्द मिलना है। "

खुद को स्थिर करने के लिए एक गहरी साँस लेते हुए, सुश्री जेन ने जारी रखा, "इन सभी वर्षों," वह मुझे फुसफुसायी " ये सभी प्रतिष्ठा के चकर में खो गए, बर्बाद हो गए मेरी जवानी के वह वर्ष l मेरा पूरा कमबख्त जीवन! बिना किसी पुरुष के सेक्स के। आमिर! वह भी जब आप जैसा पुरुष जो मेरी तरफ़ आकर्षित है, मेरे इतना करीब था!

मैं हतप्रभ रह गया-"अरे रुको। तुमने कहा था, 'ये सब बरबाद हो गए, मेरी पूरी कमबख्त ज़िन्दगी, बिना सेक्स, बिना मर्द के, बिना मर्द के' , फिर मैंने जो तुम्हें सेक्स करते हुए देखा प्यार करते हुए, चूमते हुए देखा। उस खिड़की से सिर्फ़ एक घंटे पहले। वह सुश्री जेन क्या था?" मैंने उससे पूछा।

"ओह! आमिर तुम ध्यान से सुन रहे थे, तुम एक स्मार्ट मर्द हो। तुमने मुझे पकड़ लिया है, मुझे लगता है कि अब मुझे तुम्हें सच बताने की ज़रूरत है।" सुश्री जेन हकला गई।

" आमिर आज मुझे आपके माता-पिता का फ़ोन आया। उनके पास हमेशा मेरा नंबर था और हम हमेशा संपर्क में थे। वे चाहते थे कि मैं आपको प्रशिक्षित करूं और आपके व्यक्तित्व का विकास करूं और उन्होंने आपकी आगे की पढ़ाई के लिए आपको लंदन भेजने की योजना बनाई है।

मैं जब आपसे पहली बार मिली थी और उसके बाद आपकी बहनों को सिखा रही थी, तब भी और फिर जब मैं दिल्ली आ गयी तब भी, मैं आपसे मिल कर अपने प्यार का इज़हार करना चाहती थी और सोच रही थी किस प्रकार आपसे मिल सकूं। लेकिन लोक लाज और अपनी प्रतिष्ठा के कारण अपनी इन भावनाओ को मैं हमेशा दबा देती थी

उनके फ़ोन ने मेरी इन दबी हुई भावनाओ को फिर से जगाया। जब मैं आपसे दोपहर में मिली और आपने लुसी और मुझे जिस तरह से देखा, उससे मुझे पता लग गया कि आपने हमें पसंद किया है और आप लुसी को भी उतना ही पसंद करते हैं जितना आप जितना मुझे पसंद करते हैं और जब आपने हमारा पता और फ़ोन नंबर लिया, तो मुझे विश्वास हो गया हम बहुत जल्द फिर से मिलेंगे। "

लेकिन मैं जानना चाहता हूँ कि आपने "बिना आदमी के" क्यों कहा। मैं जानना चाहता हूँ कि मैंने उससे फिर पूछा क्योंकि मैं अधीर हो रहा था।

वह मुस्कुराती रही और आगे बढ़ती रही, "फिर तुम हमारे को माल में भी मिले और उसके बाद अभी शाम को मैंने तुम्हें खिड़की से अपने घर के आसपास घूमते देखा तो मुझे विश्वास हो गया आग दोनों तरफ़ बराबर लगी हुई है मैं इस मौके को पूरा करना चाहती थी। मैंने मेरे लिए तुम्हारी भावनाओं को जगाने के लिए एक लाइव शो देने की योजना बनाई। अब मुझे तुम्हे अपने साथी से मिलवा देना चाहिए। आमिर! आप मिलिए मेरे दोस्त से"

मूंछ और दाढ़ी रखने वाले सुश्री जेन के एक दोस्त ने उसके बेडरूम से कमरे में प्रवेश किया।

सुश्री जेन ने कहा, "आमिर! सुश्री डायना, मेरी एक प्रिय मित्र"। मुझे एक ज़ोर का झटका लगा क्योंकि सुश्री डायना ने अपनी नकली दाढ़ी और मूंछें हटा ली थीं। वे दोनों ज़ोर से हसी और सुश्री जेन ने पूछा कि आमिर क्या आपको हमारा ये छोटा-सा नाटक पसंद आया?

मैं दंग रह गया और सुश्री जेन को चूमना और गले लगाना चाहता था लेकिन सुश्री डायना की उपस्थिति ने मुझे ऐसे किसी भी तरह के साहसिक काम करने से रोक दिया।

सुश्री जेन की तुलना में सुश्री डायना थोड़ी लम्बी थी, उनके छोटे-छोटे बाल थे, छोटे स्तनों के साथ एक पतला और पुष्ट शरीर थ। उसने कोई मेकअप नहीं किया था और वह अपनी जींस और डेनिम शर्ट में थी। वह एक प्यारी लड़की थी। उसकी उम्र अट्ठारह के आसपास थी और दूर से लड़का होने का आभास करवाती थी।

इससे पहले कि मैं कुछ कह पाता मेरे मोबाइल पर मेरे माता-पिता से जल्द से जल्द घर वापस आने के लिए संदेश प्राप्त हुआ जबकि वे दिल्ली होते हुए मेरी खाला से मिलने के लिए कश्मीर यात्रा पर जा रहे थे।

मैंने सुश्री जेन से कहा कि आपने मुझे बुरी तरह से हिला डाला है, लेकिन मुझे यह अच्छा लगा है, क्योंकि इस कारण ही सही, मुझे आप से मिलने का और अपने दिल की बात कहने का और आपके दिल की बात जानने का मौका मिला है। मुझे अभी-अभी अपने माता-पिता से घर वापस आने का संदेश मिला है। इसलिए हमें अपनी बातचीत को बीच में रोकना होगा। फिर मैंने जाने से पहले सुश्री लुसी की एक झलक पाने के लिए सुश्री जेन से एक छोटा-सा निवेदन किया।

सुश्री जेन ने कहा कि लुसी अब तुम्हारी है लेकिन सुझाव दिया कि वह सोने चली गयी है और आप उसे परेशान नहीं करेंगे। जेन ने फिर मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे उसके कमरे में ले गयी और हमने धीरे से उसके बैडरूम में प्रवेश किया।

मैं लुसी को चुंबन करना चाहता था, लेकिन मैंने अपने आप को नियंत्रित किया। मैंने सुश्री डायना और सुश्री जेन से जल्दी जाने के लिए माफी मांगी। मैं सुश्री जेन और सुश्री डायना को कल फिर से हमारी बातचीत जारी रखने के वादे के साथ सुश्री जेन को अपने गले लगाया और चुम्बन करने के बाद लौट आया।

लूसी की कहानी जारी रहेगी ...

आपका आमिर



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मजे - लूट लो जितने मिले

चौथा अध्याय

मेरी पहली चुदाई की कहानी

भाग 6

लूसी के साथ रोमांस

सुश्री जेन और सुश्री डायना से बिदा लेने के बाद जब मैं घर पहुँचा तो वहाँ मेरे अम्मी अब्बा हैदराबाद से आगए थे मैं उनसे रात के खाने की मेज पर मिलाl मैंने उन्हें सुश्री जेन से हुई मुलाकात के बारे में बताया तो उन्होंने मुझे सुश्री जेन को फ़ोन कर उनसे बात कर उन्हें अगले दिन सुबह नाश्ते के लिए 9 बजे उनके साथ शामिल होने का अनुरोध करने के लिए कहाl क्योंकि उन्हें दोपहर में कश्मीर के लिए उड़ान पकड़नी है।

मैंने सुश्री जेन को मोबाइल फ़ोन पर संदेश के द्वारा अपने अम्मी अब्बा द्वारा दिए गए निर्देशों के बारे में बताया और उन्होंने ने त्वरित उत्तर में, पुष्टि कीl कि वह सुबह 9 बजे हमारे साथ नाश्ते पर शामिल होंगी।

सुश्री जेन अगले दिन सुबह ठीक 9 बजे घर के गेट पर दिखाई दीं। नाश्ते की मेज पर सामान्य आदान-प्रदान के दौरान, सुश्री जेन ने मेरे माता-पिता से कहा कि उन्होंने पढ़ाना बंद कर दिया है और अब व्यक्तिगत विकास के लिए युवाओं को प्रशिक्षित कर रही हैं। मेरे माता-पिता ने उनसे हमारे परिवार के परंपरा के अनुसार आगे की पढ़ाई के लिए मुझे लंदन भेजने की योजना बनाने प्रशिक्षण देने और-और मेरे व्यक्तित्व को विकसित करने में मदद करने का अनुरोध किया और फिर कहा की यदि उन्हें कोई दिक्कत न हो तो वह यही पर प्रशिक्षण जल्द-जल्द शुरू कर देl

सुश्री जेन ने मेरे अम्मी अब्बा को सूचित किया कि उसे यह करने में ख़ुशी होगी लेकिन अब उनके ऊपर दो लड़कियों की जिम्मेदारी भी है। मेरे माता-पिता ने कहा कि उन्हें इस बात से कोई समस्या नहीं है कि दोनों लड़कियाँ भी उसके साथ रह सकती हैं और अगर वह अपने साथियों के साथ यहाँ शिफ्ट हो सकती है तो उन्हें ख़ुशी होगी।

सुश्री जेन ने दोपहर में लुसी और डायना के साथ हमारे घर में शिफ्ट होने की सहमति दी। मेरे अब्बा ने मुझे सुश्री जेन के सभी निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया और जल्द ही नाश्ते को ख़त्म किया और मेरी अम्मी के साथ अपनी उड़ान पकड़ने के लिए एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए।

दोपहर में तीनों देवियाँ अपने सामान के साथ घर के पहले भाग में आ गयी। उन्हें मेरे कमरे के बगल में कमरे आवंटित किए गए थे और भूतल पर बने हॉल को कुछ बढ़िया सोफे, सोफे और दीवान लगाकर हमारी कक्षा और व्यावहारिक कमरे में बदल दिया गया था।

कुछ देर बाद में डायना ने मेरे कमरे में प्रवेश किया और कहा, आमिर, हम दोनों का ठीक से परिचय नहीं हुआ है, मैं डायना हूँ, 20 साल की, सुश्री जेन की एक प्रिय चचेरी बहन हूँ। मैं उसके साथ तब से रह रही हूँ जब मैं 10 साल की थी। वह मेरी एकमात्र जीवित रिश्तेदार है और मैं कॉलेज में पढ़ रही हूँ।

सुश्री डायना, गहरी नीली आँखों वाली, गुलाब जैसे लाल होंठ वाली और विकासशील उरोजों वाली-वाली गोरी युवती हैं। वह जेन से थोड़ी लम्बी उसके बाल लड़को जैसे कटे हुए थे। दूर से, वह एक लड़के जैसी लगती थीl इसी कारण से मुझे कल शाम एक आदमी के साथ सुश्री जेन बनाने की उलझन पैदा हुई। उन्हें देख लगता था उन्होंने अपनी इछाओ को दबा रखा थाl

डायना ने कहा कि अब मैं मुद्दे पर आती हूँ। "जैसा कि आप जानते हैं कि जेन एक कुंवारी है और वह आपको अपना तन बदन समर्पण करने के लिए बहुत उत्सुक है! और प्रिय आमिर, मैं कहना चाहती हूँ कि मैं भी आपसे प्यार करती हूँ और आपको अपना कौमर्य समर्पित करने को ततपर हूँ!" और उसने अपनी तरफ़ खींचा और पूरी उत्तेजना और प्यार से चूमा और मुझे गले लगाया और फिर मेरे अधरों को अतिरेक से चूमाl फिर वह कुछ शांत हुई जैसे अपने प्रेम को व्यक्त करने के बाद उसे कुछ आराम मिला होl फिर उसने कहा-आमिर, आप बहुत भाग्यशाली आदमी होने जा रहे हैl '

सबसे पहले मैंने प्रिय डायना को मुझ पर विश्वास करने के लिए, जिसका उसे कभी अफ़सोस नहीं होगाl उसको इसके लिए धन्यवाद दियाl दूसरी बात 'होने जा रहे है का क्या मतलब है!' मैंने कहा, मैंने अपना एक हाथ को उसकी गोद में सरकाया और प्यार से उस क्षेत्र को प्यार से दबाया और दूसरे हाथ से उसके स्तनों को सहलाया। क्या मैं पहले से ही ऐसा नहीं हूँ, देखिए मेरे पास इस प्यार और मजो के खजाने की पहुँच हैl मेरा हाथ उसके अंग पर टिक गया। क्या ये पहुँच किसी भी पुरुष के लिए पर्याप्त भाग्य नहीं हैंl आपके कारण मुझे दुनिया की बेहतरीन महिला और सबसे सुंदर लड़की का साथ मिलने वाला हैl डायना डार्लिंग, मैं इसके लिए कभी भी आपको पर्याप्त रूप से धन्यवाद कैसे दे पाऊँगा?

डायना हँसते हुए बोली। 'डार्लिंग,' हम आपसे बहुत मेहनत करवाने वाले हैं, लेकिन मेरी फीस मत भूलना! '

मैं हँसा। 'अगर मेरे भीतर सिर्फ़ एक बूंद बची है और आप उसे भी चाहेंगी तो प्रिय, वह मैं तुम्हे ख़ुशी से समर्पित कर दूंगा! अब मुझे सलाह दीजिए, मुझे क्या और कैसे करना होगा?-आप या सुश्री जेन ने मेरे और मेरे लिए क्या कोई सूची तैयार की है या मुझे अभी थोड़ा इंतज़ार करना होगा?'

डायना हंसी से लोटपोट होकर बोली " ये आप चाय के बाद जेन के साथ तय कर लीजियेगा, 'उसने कहा-जेन आपसे बात करना चाहती है और मैं लूसी को अलग ले जाऊँगी, ताकि आप दोनों को अकेला बात करने के लिए छोड़ सके। आमिर, मुझे लगता है कि उनका विचार यह है कि हम आज रात चाय के बाद आपके बेडरूम में मिलेंगे और फिर शाम के कार्यक्रम के बारे में फ़ैसला करेंगे।' उसके बाद कहा कि सुश्री जेन ने पर्दे हटा कर कमरे में प्रवेश किया। तो डायना बोली लीजिये जेन यही पर आ गयी हैं ' व जेन ने लुसी को हाथ पकड़ा हुआ था ताकि मैं उससे मिल सकू देखिये आमिर लुसी कैसे शरमा रही है!

मैंने उनसे कहा कि आइये मैं आपको घर दिखा देता हूँ मैं उन्हें घर के एक दौरे पर ले गया और सभी कमरों और विशेष रूप से मेरे कमरे को दिखाया, जो कि काफ़ी बड़ा और सभी आधुनिक विलासिता के साथ खूबसूरती से सजाया गया था।

क्या आप पार्क का एक चक्कर लगाना पसंद करेंगी? सुश्री जेन? " मैंने चाय के लिए जाने से पहले सुश्री जेन से बगीचे और खेत में टहलने के लिए आने का अनुरोध किया।

"मैं पैकिंग और अनपैकिंग के कारण थोड़ा थक गयी हूँ। आप देना और लुसी के साथ टहलने जा सकते हैं।" सुश्री जेन ने मुझे सुझाव दिया। डायना ने कहा कि वह वॉशरूम का इस्तेमाल करना पसंद करेंगी और लूसी को हरियाली और फूलों का बहुत शौक है। मुझे यक़ीन है कि वह इसे पसंद करेगी।

"चले, लुसी," मैंने उसका हाथ लपक लिया।

जल्द ही हम इमारतों से निकलकर एक छायादार पगडण्डी पर चल रहे थे और एकांत में थे तो मरी हिम्मत थोड़ी बढ़ गयी। मैंने एक गुलाब पकड़ा अपने घुटनों पर झुका, उसके हाथ को पकड़ा और उसके लिए अपने प्यार का इज़हार किया। मैंने उसे कहा कि वह कितनी सुंदर है मैंने उसे बोला मैं उससे कितना प्यार करता हूँ। मैंने उसे बताया कि मुझे उसके प्रेमी होने पर कितना गर्व है और निश्चित रूप से, आप भी मुझे प्यार करती हैं, मैं इसे आपकी आंखो और भारी होती हुई साँसों के कारण थक-थक करती हुई आपकी छाती से महसूस कर सकता हूँ। "

वह शरमा गयी और उसने उस गुलाब को स्वीकार कर लिया और मैंने उसके हाथ को चूमा। मेरे चूमने के कारण उसके गाल लाल हो गए लेकिन यह स्पष्ट रूप से मनभावन था और आपत्तिजनक तो हरगिज़ नहीं था, उसे चंचलता से शर्माते हुए बस इतना ही बोली, "ओह! आमिर!"

फिर मैं उठा उसे अपने पास खींचा और हम कुछ समय तक चलते रहे और जब हम इमारतों से काफ़ी दूरी पर, फूलों, झाड़ियों और पेड़ों के बीच आ गये, तो एक पेड़ की शाखा पर एक सुविधाजनक बैठने की जगह ढूँढ कर वहाँ पर बैठ कर शर्म के मारे लाल हो चुकी लूसी को मैंने अपनी बाहो में जकड़ लिया और उसे बहुत प्यार से बहुत देर तक अपने गले लगाया जिसमें उसने गर्मजोशी से मेरा साथ दिया। फिर मैंने उसके रसीले होंठो को चूमा और उसे मेरी खींच कर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में धकेल दी और उससे मेरे साथ भी वही करने को कहा।

उसने तुरंत अपनी प्यारी-सी जीभ निकाली और मैं अपनी जीभ से उसकी जीभ के साथ खेला और उसकी जीभ को बहुत प्यार से चूसाl एक हाथ से उसके प्यारी छाती को दबाया, जबकि दूसरा हाथ उसके शानदार और संगमरमर जैसे नितम्बों पर फेरते हुए, उसके बदन को अपने हाथों से अपने बदन पर दबाया, इतना है कि मेरी पतलून में धड़क रहा मेरा कठोर लिंग उसे चुभने लंगा। मैंने मुस्कुराते उसे सीट पर बैठाया तो वह मुस्कुरायी और मैंने देखा उसकी आँखें मेरे बेलगाम घोड़े की ओर झुक गई हैं, जो की उसे रोकने वालो कपड़ो को फाड़ कर आजाद होने के लिए फड़क रहा थाl

"ओह आमिर! कुछ शर्म करो और मुझे छोड़ो" लुसी ने कहा।

मैंने कहा, "लुसी, मेरा प्यारी, मैं इन खूबसूरत होठों को चूमने से ख़ुद को रोक नहीं सकताl अब आप सब से पहले कबूल करे तभी मैं आपको जाने दूंगा।"

"क्या तुम प्यार के बारे में कभी नहीं सोचती? मेरे प्यारी लुसी, मुझे देखो, मेरे चेहरे में, तुम देख लो कि मैं तुमसे कितना प्यार करता हूँ" , मैंने अपना हाथ उसके गले में तब तक डाले रखा जब तक मेरा दाहिना हाथ उसके गर्म स्तनो तक नहीं पहुँच गया।

उसने शर्माते अपना चेहरा मेरी तरफ़ किया जो उत्तेहजना और शर्म के प्रभाव की वज़ह से तो वह पहले से कहीं ज़्यादा गहरी लाली लिए हुए था, उसकी गहरे नीले रंग की आँखों मुझ से मिली, लेकिन जवाब में बोलने की बजाय यह मूक अपील थी, जिसे देख अमीने उसे हर्षातिरेक से चूमा और उसकी मीठी साँसों की खुशबू, में तब तक चूसता रहा जब तक कि वह भावनाओ के अतिरेक से कांपने नहीं लगी।

शाम होने लगी थी, मेरे हाथ उसकी खूबसूरत गर्दन, गोर चिकने मुलायम बदन को सहला रहे थे, धीरे-धीरे नीचे की तरफ़ उसके स्तनों की तरफ़ सरक रहे थे मैं फुसफुसाया, "प्रिय लूसी आपके स्तन बेहद शानदार हैंl"

हमारे बदन कामाग्नि में जल रहे था, भावनाओं के रोमांच हम पर हावी हो रहे थे l कई क्षणों तक वह मेरी बाहों में मुझ से लिपटी रही उसका एक हाथ मेरी जांघ पर आराम कर रहा था। मेरा लंड जाग गया था और तैयार था, लेकिन फिर वह यह कहते हुए अचानक उठ खड़ी हो गयी, "आमिर, अब हमे चलना चाइये नहीं तो उन्हें हमारी चिंता होगी।"

"तो डार्लिंग! अब हम कब फिर से अकेले होंगे? हमें अंदर जाने से पहले उसे व्यवस्थित करना चाहिए," मैंने जल्दी से कहा।

उसे अब रोकना लगभग असंभव था, हम फिर लौटने लगे तो उसने कहते हुए कहा "रात में, हम रात के खाने के बाद टहलने जा सकते हैं।"

मैंने उसे एक बार फिर गले लगाया और एक चुंबन दे दिया और मैंने कहा, "ये तो बहुत रमणीय हो जाएगा;। आप बहुत विचारशील और स्मार्ट हो लुसी मेरी जानl"

"आमिर, मुझे आशा है कि आप अपने व्यवहार आज रात में सुधार करेंगे। वहाँ इतना चुंबन नहीं होगा, नहीं तो मैं फिर से आप के साथ टहलने के लिए नहीं आऊंगी।" उसने झिझकते हुए कहा।

कहानी जारी रहेगी।



आपका आमिर

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1. मजे - लूट लो जितने मिले
2. दिल्ली में सुलतान V रफीक के बीच युद्ध
3.अंतरंग हमसफ़र
4. पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ एक नौजवान के कारनामे
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#28
मजे - लूट लो जितने मिले
चौथा अध्याय

मेरी पहली चुदाई की कहानी

भाग 7

जेन को पहली बार नग्न देखा




जब हम वापस पहुँचे, तो लुसी अपने कमरे में चली गई, मैं अपने कमरे की तरफ़ जा रहा था और मैं सुश्री जेन के कमरे से गुज़रा। मैंने पर्दे पर नज़र डाली और उसे अपनी ड्रेस बदलते हुए देखा। ओह, क्या कामुक दृश्य था।

कपडे बदलते समय सुश्री जेन की पीठ मेरी और थी और उसने अपने घुटने के बल होकर अपना हाथ सोफे पर रखा, फिर धीरे से अपनी स्कर्ट को नीचे किया और उसे फ़र्श पर गिरा दिया, ताकि उसकी स्कर्ट उसकी कमर से बाहर निकल सके। ऐसा करते समय वह एक सोफे पर झुकी l

फिर उसने अपने घुटनों को अलग किया और ख़ुद को स्कर्ट से बाहर निकाल लिया उसकी अजंता की कामुक मूर्ति जैसी आकृति और लालित्य को मैं देखता ही रह गया मैं उसकी पतली कमर, उसके विकसित बड़े कूल्हों और उसके शानदार नितंबों की भव्यता देख कर चकित रह गया।

हे खुदा ने ये खूबसूरती का कितना शानदार नमूना बनाया था। क्या शानदार गांड थी उसकी! गोरी, हाथी दांत की तरह चिकनी, कठोर और ऊपर की और उठी हुई बब्बूगोशे के आकार की गोल गांड। उसकी गांड के गाल जुड़े हुए थे पर बीच से उन्हें एक छायादार घाटी द्वारा अलग किए गए था जो की उसकी पारदर्शी पैंटी में से उसकी गांड के छोटे और प्यारे से गुलाबी छेद की झलक दिखा रहा था।

थोड़ा से नीचे नरम, काले बालों का गुच्छा उसके योनि क्षेत्र के आस-पास था गुच्छे ने उसके टांगो के बीच की घाटी के खोखले भाग में उसकी पीठ पर पिछली तरफ़ को झुका हुआ उस घाटी पर छा जाने का असफल प्रयास कर रहा था। जबकि नीचे उसकी योनी के चारो और घने, रसीले, चमकदार और घुंगराले बाल थे। जो उसकी योनि के होंठ पर और यहाँ तक कि उसकी जांघों पर छा रहे थे और उसकी नाभि तक जा कर सबसे अधिक विलासी भ्रम में फैले हुए थे।

इस स्थिति में सबसे सुंदर, सुरुचिपूर्ण और शिक्षित महिला को देख जो होता है उसे जान आप मेरी स्थिति समझ सकते हैं, उसके टाँगे थक कर नीचे हुई तो उसने ख़ुद को संभाला और तभी उसकी गांड और ऊपर उठ गयी और उसके शरीर की संरचना को मेरे सामने प्रस्तुत करने लगी। उसकी पीठ गहरी गहराई से घूम गयी और नितम्ब मेरी तरफ़ को निकल आये और उसके आश्चर्यजनक रूप से विकसित जांघों जिस पर उसके शानदार नितम्ब और गांड टिके हुए थे और मेरी आँखे के सामने आ गयी, बालो में छुपी उसकी योनि, उसकी लम्बी सुंदर टाँगे केले के तने जैसी चिकनी जाँघे और उत्कृष्ट रूप से छोटे पैर।

उसकी टांगो के मध्य में एक प्यारा-सा प्रेम का देवता का एक उपासना स्थल-उसके भीतर का नम गुलाबी, रमणीय भगशेफ जो कठोर प्रक्षेपण द्वारा अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहा था और उसके ठीक नीचे उसकी गुलाबी योनि के लपलपाते होंठ और इस स्थिति में, इसके ऊपर अभेद्य दिखने वाली उसकी योनि और गांड का छेद और उसकी सुडौल छरहरी-छरहरी काया का निचला भाग मेरे सामने था।

इस पूरे नज़ारे ने मेरे लिंग को ऐसा कड़ा किया कि मुझे अपने पैरों को एक साथ निचोड़ना पड़ा। मैंने महसूस किया कि यह कल शाम की तुलना में काफ़ी ज़्यादा कड़ा हो गया था।

लेकिन इस बार मैंने अपने उत्तेजना को दबाने की कोई कोशिश नहीं की, बल्कि मैंने उसे अपनी पैंट के ऊपर से ही रगड़ दिया जिससे उत्तेजना थोड़ी और बढ़ गयी, क्योंकि मेरा सारा ध्यान उसकी सुन्दर नितम्बो और सुडौल टांगो पर लगा हुआ था।

क्या शानदार दृश्य था, मैं उत्साहित होते ही हकला गया और मेरे मुँह से निकला अल्लाह! माशा अल्लाह! जिसे सुन वह पलटी और उसने मुझे देखा और शर्म के मारे अपनी गांड और योनि को हाथों से छुपाने की कोशिश करने लगी।

'ओह!' मैंने कहा। 'मेरी प्यारी सुश्री जेन, कृपया घबराये मत, मैं तुम्हारी अनोखी और जबरदस्त सुंदरता को देखकर हैरान हूँ। मैं इस को रोक नहीं पा रहा।'

उसने मेरे कठोर हो चुके लंड पर ध्यान दिया और चकित हो गई और वह काफ़ी अच्छी तरह से समझ गई कि मेरा क्या मतलब है

उसने कहा 'मैं भी आपको बहुत चाहती हूँ मेरे प्रेमी!-अरे, इतना ज़्यादा चाहती हूँ बुरी तरह से आपसे प्रेम करती हूँ-और मैंने डायना से कहा कि या तो आप आमिर को मेरे पास ले आओ या फिर मुझे आमिर के पास जाना चाहिए!। यह कह कर वह मेरे नज़दीक आ गयीl

'आमिर, मेरे प्रिय मित्र, आपने मुझे जैसे भी देखा है, उसके लिए मुझे भी आपकी वैसे ही देखना है। मेरा आग्रह है कि आप मुझ पर अपनी कृपा कर मुझे भी वही सुख प्रदान करे जो आपको इस दृश्य से मिला है। मेरे प्रिय साथी। आओ, मुझे एक बार अपने प्रिय लिंग को दिखाओ,।'

जब वह ये बोल रही थी तो उसकी सुडौल कोमल और लंबी उंगलियाँ मेरी पतलून की जिप खोलने में व्यस्त थी और एक पल में, मेरा बेतहाशा धड़कता हुआ कठोर लंड उसके हाथ में आ गया। मैं सोफे पर बैठ गया और उसके लिए अपने खड़े हुए कठोर लंड की पूरी लंबाई का पूरा नजारा देने के लिए अनुकूल स्थिति में लेटा हुआ था। यह पूरी तरह से सीधा, कठोर, लंबा और काफ़ी बड़ा लग रहा था, उसने हाथ फिरा कर मुट्ठी भर कर उसके पूरी लम्बाई और आकार का अनुमान लगाया। सुश्री जेन लंड के आकार और कठोरता दोनों पर चकित थीं। मेरे अस्वाभाविक रूप से बड़े लिंग का आकार, जो कॉलेज में लड़कों के लिए मनोरंजन और कोतुहल का एक कारण रहा है, ने उसकी आँखों में तुरंत चमक ला दी।

उसे देखकर वह उसे पसंद आया और उसकी ख़ुशी में उसने मेरे लिंग तो कस कर सहलाया दबाया और उसे निचोड़ा। यह मेरे पहले से ही अति उत्साहित स्थिति के लिए बहुत ज़्यादा था। मेरे लंड ने तुनक कर उसे सलाम ठोक दिया।

तो मैंने कहा: 'ओह! मेरे प्यारे कृपया एक पल के लिए रुकें, हम अपने सारे कपड़े उतार दें और उसके बाद ही हम अच्छे से प्यार की मिठास का आनंद ले सकते हैं, प्रिय, आप भी उसी समय इसका पूरा आनंद लें पाएंगे'।

सबसे पहले मैंने ख़ुद अपनी-अपनी पतलून को उतार दिया और फिर अपनी कमीज में रह गया और फिर उसकी पैंटी और टॉप को उतार दिया। उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी इसलिए वह मेरे सामने जैसी वह पैदा हुई थी बिलकुल नग्न खड़ी थी, दोनों में सो किसी को भी कोई घबराहट नहीं थी। मैंने पहली बार एक व्यसक लड़की को पूरा नग्न देखा था।

वह बहुत खूबसूरत थी, उसकी अद्भुत आकृति थी, गोरा रंग था, उसकी ऊँचाई लगभग 5' 6 थी और लंबे रेशमी सुनहरे बाल थे। उसकी पतली कमर थी, उसके कूल्हों की मोड़ इतनी अस्थिर थी कि आपको ऐसा लगेगा जैसे कि इसे बनाने वाले द्वारा संगमरमर से उकेर देखभाल से बाहर निकाला गया हो।

फिर मुझे ऐसा लगा जैसे कुम्हार ने कच्ची मिट्टी से उसकी सुन्दर काया को उकेरा हो। उसके कूल्हों का झुका होना, उसकी बड़ी विकसित छतिया परिपूर्णता के विचार को परिभाषित कर रहा थी। जब वह उन लंबे पतले हाथो की उंगलियों के साथ अपने बालों को ठीक कर रही थी, उसकी नाभि मेरी आँखों के सामने आ गयी, मैं उसकी खूबसूरती को निहारना चाहता था इसलिए मैंने उसे मुड़ने के लिए कहा।

  क्या स्वर्गीय रूप है! मैंने उसकी हर पूर्णता को देखा। वह आकृति में बिल्कुल शानदार थी और हर सुंदरता पूरी तरह से विकसित थी जो सर्वशक्तिमान अल्लाह ने कभी नरम और सख्त मांस और रक्त से बनाय हुई, वह अल्लाह द्वारा बनाई गई सुंदरता के सबसे शानदार रूपों में से एक थी, जो सुनहरे बालों और सफेद त्वचा के साथ पूरी की गयी थी। उसकी लम्बी सुराहीदार सुंदर गर्दन, व्यापक चिकने कंधे, चुंबन आमंत्रित करते हुए नाज़ुक गुलाबी निपल्स और सुन्दर चिकनी घाटी के दोनों तरफ़ अलग खड़े हुए और चट्टानों की तरह कठोर गौरवशाली अनार के आकार के शानदार गोल स्तन, उसकी सुंदर गोल भुजाएँ, उसकी छोटी कमर और उसके कूल्हों और नितंबों की असाधारण गोलाइयाँ। इन स्तनों की उत्तेजित और एक उभरी हुई स्थिति में इससे वह और अधिक सुंदर लग रही थी और मुझे गर्व महसूस हो रहा था कि वह मेरी है और मैं जल्द ही उसके इस अप्रितम सौंदर्य का पूरा आनंद उठाऊंगा।

बेशक, उसने भी देखा कि यह नज़ारा तेजी से 'मेरे शरीर में उत्तेजना और लंड का पुनरुत्थान' पैदा कर रहा था और वह बदलाव को करीब से देख सकती थी, जो उसके लिए बहुत ख़ुशी की बात थी। मेरा लंड जल्द ही अपनी पूरी उत्तेजना के कारण फुफकारने लगा और उसके द्वारा छूने, सहलाने और छेड़ने के कारण पूरी उत्तेजित स्थिति में था। जिसे देख वह भी समान रूप से उत्तेजित हो गयी थी, वास्तव में, इससे भी अधिक, इससे पहले कि मैं उसे किसी नई स्थिति में ला पाता, उसने अपनी बांह मेरी कमर के चारों ओर जकड़ ली। आह भरते हुए अपने चेहरे को मेरे सीने पर रख दिया, मेरे खड़े लंड की चुभन पर कड़ी मेहनत करते हुए, उसने अपना शरीर मेरे करीब धकेल दिया और अपने शरीर का पूरा बजन मेरे शरीर पर डाल दिया।

फिर उसने मुझे अपनी कमीज़ उतारने को कहा, जब मैंने अपनी कमीज निकाल दी तो ये जेन के लिए भी कि एक व्यस्क नंगे पुरुष जिसका लिंग अपने पूरे शबाब पर था उसका पहला दृश्य था। बेशक, मेरी लंड और अंडकोष उसके सबसे बड़े ध्यान और जिज्ञासा के केंद्र थे। मैंने उससे कहा कि वह मेरे लंड के बारे में अपनी जिज्ञासा को पूरी तरह से संतुष्ट कर ले और किसी तरह से मैंने अपनेी जिज्ञासा को थोड़ा नियंत्रित किया और तदनुसार, मैंने अपने सिर के नीचे एक तकिया लगा कर बिस्तर पर लेट गया।

उसे लगने लगा कि वह समय आ गया है; उसके प्यारे चेहरे पर गर्म लहू की तेज लहरों बह गईं और उसके गाल लाल हो गए। उसने अपनी आँखें नीचे कर लीं और मुझे उसे अपनी तरफ़ खींचने की इजाज़त दी मैंने उसे अपने पास खींचा हम दोनोआलिँगन में आ गये और हम कंधे से कंधा मिलाकर लेटे रहे, मेरे होंठ उसके होंठो के साथ जुड़ गए।

"ओह! सुश्री जेन! ओह! प्रिय जेन!" मैंने आह भरी। "मुझे अपनी जीभ दो, मुझे प्यार करो।" उसने उसी समय बिना थोड़ी-सी भी हिचकिचाहट के मुझे अपनी और खींचते हुए अपनी मखमली नरम जीभ मेरे मुँह में डाल दीl वह रमणीय प्रत्याशा मेरी थोड़ी-सी भी कामना के अनुरूप थी। मेरा एक हाथ उसके सिर के नीचे था और चुंबन करते हुए और उसकी स्वादिष्ट जीभ को चूसते हुए हम कुछ देर ऐसे लगे रहे। फिर उसने अपना एक हाथ मेरे तैयार लंड पर रखा, जो फटने की अवस्था में था।

मैंने उसकी जीभ को छोड़ा और उसके पूरे शरीर पर ऐसे चुम्बन करने लगा जैसे उसकी पूजा कर रहा हूँ। इससे पहले कि हम और आगे बढ़ पाते, हमने लुसी को यह कहते हुए सुना, सुश्री जेन! चाय तैयार है। आपसे चाय के लिए आने का अनुरोध है। उसने फिर से कमरे में आने की अनुमति मांगी।

मैंने चुम्बन तोड़ दिया और छिपने की कोशिश की, लेकिन सुश्री जेन ने मुझे रोक दिया और मेरे होंठों पर उंगली रख मुझे चुप रहने के लिए संकेत दिया और मुझसे फुसफुसायी कि चिंता मत करो, जब तक वह अनुमति नहीं देती तब तक लुसी कमरे में प्रवेश नहीं करेगी। उसने फिर लुसी को प्रतीक्षा करने के लिए कहा और बोली वह वस्त्र बदल रही है और एक पल में तैयार हो जाएगी। फिर उसने उसे डाइनिंग हॉल में जाने के लिए कहा और वह वहाँ चाय के लिए आ जायेगी।

एक आज्ञाकारी बच्चे की तरह, लुसी तुरंत वहाँ से चली गयी और हमने एक दुसरे को फिर से चूमा।

मैंने जेन से कहा, मुझे लुसी जिस तरह से आपके लिए प्रतिबद्ध है, वह पसंद आया है और मैं चाहता हूँ कि वह मेरे लिए भी उसी तरह प्रतिबद्ध रहे।

सुश्री जेन ने कहा कि आप यह कैसे सुनिश्चित करना चाहते हैं कि वह उसी तरह आपके लिए भी प्रतिबद्ध है, जैसे वह मेरे लिए समर्पित है। मैंने उसे बताया कि मेरे पास एक योजना है, और मुझे उसे क्रियान्वित करने के लिए उसकी मदद की ज़रूरत है, और सुश्री जेन को मेरी योजना, और उसके द्वारा उक्त योजना में निभाई जाने वाली भूमिका के बारे में बताया। जिसके लिए, यह कहते हुए फिर बड़ा मज़ा आएगा, वह सहमत हुई।

फिर जेन बोली मैं इसे दोनों लड़कियों को आप को समर्पित करने के लिए डायना पर भी खेलूंगी।

हमने फिर से आलिंगन किया, एक दुसरे को चूमा, कपड़े पहने और चाय के लिए रवाना हुए।

कहानी जारी है।



आपका आमिर

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#29
Ka baat hai ..... maje loot lo jitane mile .........
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#30
(07-11-2021, 05:38 PM)Eswar P Wrote: Excellent bro

thanks
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#31
(12-11-2021, 07:49 PM)Blue Bull Wrote: Ka baat hai ..... maje loot lo jitane mile .........

thanks
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#32
(25-10-2021, 08:02 AM)Nadeem.Kn Wrote: Waiting For Best Update

thanks
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#33
(26-10-2021, 06:45 PM)Eswar P Wrote: Nice story bro

thanks keep reading and commenting
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#34
(26-10-2021, 02:57 AM)Dg1973 Wrote: Amazing story, keep it up waiting for update

thanks .. keep reading and commenting
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#35
मजे - लूट लो जितने मिले

चौथा अध्याय

मेरी पहली चुदाई की कहानी

भाग 8

क्रम लाटरी से तय कर लिया

जब मैं चाय की मेज पर पहुँचा तो वहाँ पहले से ही सुश्री जेन, लुसी और डायना उपस्थित थे। लूसी मुझे देखकर फिर शरमायी। मैंने उनका अभिवादन किया।

हमें आपको देखकर बहुत प्रसन्नता हुई है, प्रिय आमिर! 'सुश्री जेन ने कहा।' आपका आमंत्रण मिलने होने पर हमें बहुत ख़ुशी हुई! ' और जेन ने मुझे प्यार से चूमा, कुछ हद तक लुसी इससे आश्चर्यचकित हुई क्योंकि ये उसके लिए सुश्री जेन का असामान्य व्यवहार था।

'तुम्हें नहीं पता कि मैं तुम्हें यहाँ देखकर कितना खुश हूँ, जेन! और तुमने मुझे एक बड़ा सुखद आश्चर्य दिया है'। मैंने सलामी देते हुए जवाब दिया। 'आप दोनों कैसी हो, लुसी और डायना-लगता है आप अपना ख़्याल ठीक से नहीं रख रही हो?' मैंने उन दोनों के नरम और प्यारे छोटे-छोटे हाथों को अपने हाथों में लिया और दोनों को अपनी ओर आकर्षित किया-और मैंने जोड़ा'जैसे सुश्री जेन द्वारा अनुरोध किया गया है कि मुझे वास्तव में आप दोनों की अच्छी देखभाल करने की आवश्यकता है!' मैंने जारी रखा, लूसी के कुंवारे दूधिया रंगत लिए गोरे गाल, अब लज्जा के साथ लाल हो गए थे। मेरे कहने का अर्थ उसने स्पष्ट रूप से सुश्री जेन और डायना की उसके ऊपर की गयी सख्ती से कथित परेशानी का संदर्भ निकाला थाl फिर भी वह उस सख्ती तो प्यार ही मानते हुए उसका पालन करती थी लेकिन मैंने देखा कि सुश्री जेन और डायना को मेरे दुस्साहस पर मुस्कुराहट लाने और लुसी पर इसके प्रभाव को समझने में कठिनाई हुई।

हमने चाय पर उल्लास से बातें कीं। हमने आपस में कुछ चुटकुले सुनाए और इसी में चाय समाप्त हो गई l जब हम उठे तो मुझे यह नोट करते हुए ख़ुशी हुई कि लूसी की शर्म और संयम धीरे-धीरे गायब हो रहे थे और धीरे-धीरे वह खुलती जा रही थी।

उसके बादे के अनुसार, डायना ने लुसी की भुजा को अपनी और खींचा और बगीचे को देखने के बहाने उसे बगीचे में ले गयी, जबकि मैंने सुश्री जेन के साथ बातचीत जारी रखी और सुश्री जेन मेरे पीछे-पीछे मेरे कमरे में आ गयी। जैसे ही मैंने दरवाज़ा ब्नद किया, वह खुली बाहों और उसकी खूबसूरत आँखों में मेरे लिए प्यार लिए मेरी ओर आयी, मुझे अपनी और खींचा और मुझे प्यार से चूम कर, फुसफुसाते हुए बोली, 'आमिर! हम गरीब लड़कियों की मदद करने का आपका निर्णय श्रेष्ठ है!'

मैं उससे लिपट गया और उसे प्यार से चूमने लगा। उसकी कमर के चारों ओर अपनी बांह डाल कर उसे अपने पास खींच कर एक सोफे पर दोनों चिपक कर बैठ गए। 'सुश्री जेन! इस समय केवल एक ही चीज है जो मैं सोच सकता हूँ। आप, डायना और लुसी तीनो स्वर्ग से मेरे आयी हुई हूरें हैं।' मैंने धीरे से जवाब दिया। मैंने उसकी आँखों में देखा।

आप गरीब महिलाएँ बिलकुल नहीं है आप तीनो तो अपार रूप और सौंदर्य की मालिकाये है और किसी भी सांसारिक और आलौकिक सुख को लेने और प्रदान करने में पूर्णतया सक्षम हैl

वह ज़ोर से हँसी और शरमा गई, फिर फुसफुसायी, 'आपने मुझे चाय की मेज पर आने पर जेन कहा थाl मैं आपकाी जेन बनना जारी रखना चाहती हूँ। "

मैंने उसे अपने पास खींचा और उसे गले लगा लिया और उसे बहुत धीरे चूम, मैं मुस्कुराया "मेरी जेन, और मैं हमेशा तुम्हारा टार्जन रहूंगा। मैंने अपनी छाती पर हाथ फेरा और धीरे से बोला-एएएएए.... बिल्कुल टार्जन की तरह" और फिर हम दोनों हंस पड़े।

उसने ख़ुद को मेरी गिरफ्त से मुक्त कर लिया। 'आमिर! मैं आपसे बात करना चाहती हूँ और मुझे कुछ मामलों की व्यवस्था करनी है! डायना ने मुझसे कहा है कि तुम उसमे हमारा साथ दोगो! क्या आपके कोई सुझाव है?'

'जैसा कि मेरे माता-पिता ने आदेश दिया था, मैं ख़ुद को आपके हाथों में समर्पित कर रहा हूँ, जेन डार्लिंग,' मैंने कहा, मैंने उसकी इस बारे में ख़ुशी को देखते हुए, ' मुझे यक़ीन है कि आपने और डायना ने इन मामलों पर चर्चा की है और आपके पास कुछ योजनाएँ हैं। फिर लुसी है, जो आपसे दोनों से थोड़ी-सी अलग है, मुझे यक़ीन है कि आप उसकी दीक्षा के लिए बेहतर व्यवस्था कर सकती हैं और उसमे मेरा पूरा सहयोग रहेगा मैं चाहता हूँ वह आप ही करें क्योंकि ऐसा आप ही उसे मुझ से बेहतर कर सकती हैं!

लेकिन मुझे बताओ, जेन, क्या लुसी वास्तव में मुझे अपना सर्वस्प समर्पण करने के लिए तैयार है। .. वह मुझे अपना कौमार्य समर्पित करने की लिए राजी है? यह अविश्वसनीय लगता है! '

सुश्री जेन ने उत्तर दिया, "वह केवल इच्छुक नहीं बल्कि उत्सुक हैं, आमिर;" 'तुम उसके दिल और दिमाग़ पर छाए हुए हो। तुम्हे प्यार, मन और उसके शरीर सब समर्पित कर तुम्हारी ही हो जाना चाहती है और मुझे लगता है तुम भी इसके लिए तैयार है! आमिर, मैं यह भी कहना चाहती हूँ कि न केवल लुसी बल्कि मैं और डायना, हम दोनों भी आपसे बहुत प्यार करते हैं और अपना प्यार और कौमार्य और ख़ुद को आपको समर्पित करने के लिए तैयार हैं!' और मुझे ऐसा कहते हुए मेरी और आकर उसने मुझे पूरी शिद्द्त से चूमा।

' प्रिय, मैं, डायना, लूसी और आप भी हम सभी कुंवारे हैं। तो सबसे पहले क्या किया जाए? " मुझे किस से शुरू करना होगा?

जेन ने कहा, 'ये मैं आप पर छोड़ रही हूँ, आमिर,' मेरा मानना कि आपको चुनने का अधिकार होना चाहिए। '

मुझे आप तीनों से समान रूप से प्यार है और मैं यह तय करने में असमर्थ हूँ कि पहले कौन होगा " , मैंने कहा। जेन ने कहा कि फिर इस मामले में हम लाटरी ड्रॉ करके फ़ैसला कर सकते हैं। एक ड्रॉ बनाया गया। सबसे पहली पर्ची पर नाम लुसी था और फिर डायना और आख़िर में जेन।

'मैंने पुछा तो फिर लुसी के साथ आज ही शाम किया जाए या क्या आप प्रस्ताव करते हैं कि उसे कल के लिए रखा जाना चाहिए और हमे पहले कुछ सबक की मदद से शिक्षित किया जाना चाहिए तथा इस बारे में ज़रूरी ज्ञान अर्जित कर लेना चाहिए और उसके लिए आपके द्वारा आज रात की व्यवस्था की जाएगी? आपका इस बारे में क्या विचार हैं, जेन?'

'इस बारे में भी आप ही निर्णय लीजिये, आमिर!' उसने जवाब दिया। फिर भी मैंने आपको और दोनों लड़कियों को काम कला और सम्भोग के खेल के एक हिस्से के रूप में कुछ ज्ञान देने की व्यवस्था करने के लिए आज रात एक शो की योजना बनाई जा सकती है। ' उसने जोड़ा।

मैंने उसे अपने करीब खींच लिया। ' फिर हम लूसी को कल रात के लिए रखेंगे।

मुझे यह जानकर बहुत ख़ुशी हुई कि लूसी ही मेरी पहली कुंवारी होगी। मुझे पास आपको धन्यववाद करने के लिए शब्द नहीं हैं और न ही ये बता सकता हूँ कि मैं कितना अच्छा महसूस कर रहा हूँ इस समय, जेन डार्लिंग; मैंने कहा।

मैंने उसके कान में फुसफुसाते हुए कहा लेकिन क्या आप मुझे आज रात एक मौका देंगे कि मैं दिखाऊँ कि मैं आपके मेरे प्रति अद्भुत दयालुता और प्रेम की कितनी सराहना करता हूँ! '

मेरी ये बात सुन कर वह शरमा गई और शर्माती हुई वह बहुत सुंदर लग रही थी।

प्रिय आमिर! मैं इस बारे में बात करना चाहती हूँ और आपकी सहायता से उसकी व्यवस्था करना चाहती हूँ, 'उसने धीरे से जवाब दिया।' मैं आपको इस बारे में हमारे विचारों के बारे में बताना चाहती हूँ? '

'प्लीज, मुझे इसका बेसब्री से इंतज़ार था!' मैंने जवाब दिया और उसे अपने पास खींच कर मीठी अंतरंगता को इंगित करने के लिए जिसमें उसने मुझे अनुमति दी थी, मेरा एक हाथ. जो खाली था उसकी छाती पर से होते हुए प्यार से उसके उन्नत वक्ष स्थल पर टिक गया।

मैंने कहा इससे पहले आप आपके विचारों को मुझे बताये उससे पहले मैं तुम्हें इस-इस घर के बारे में थोड़ा बता देता हूँ, जिसका तुम्हें पता होना चाहिएl इससे आपको अपनी योजना बाने में उचित मदद मिले।

मैंने कहा, जेन कि सभी नौकर-घर के उस हिस्से में सोते हैं जहाँ उनके निवास की व्यवस्था की गयी है और मैं घर के इस हिस्से में अकेला ही होता हूँ। मैं हमेशा से एकाकी रहा हूँ। घर इस तरह से बने हुए हैं कि नौकर रात में मेरे कमरे में रोशनी नहीं देख सकते हैं और मैं अपने कमरे ने रात को जाने के बाद आमतौर पर घंटों तक पढ़ता हूँ या अपने कमरे में टीवी देखता हूंl -मैं घर में अकेला ही होता हूँ! 'मैंने एक मुस्कान के साथ जोड़ा और वह शरमा गई और मुस्कुरा भी दी।' लगभग नब्बे प्रतिशत घर मेरे पास है और सुबह तक शांत ही रहता है। '

सुश्री जेन ने कहा, 'मेरा विचार यह है अगर आप हमारे कमरों में हमारे पास आते हैं और शायद रोशनी से किसी का ध्यान आकर्षित हो सकता है इसलिए रात में हम सभी को आपके बेडरूम में मिलना चाहिएl आपके कमरे में ही एक दूसरे की उपस्थिति में हमे अपनी प्यारी काम क्रीड़ाये करनी चाहिए। पोशाको का फ़ैसला मेरे या आपके द्वारा या आपसी सहमति से तय कर लेंगे। आशा है किसी को कोई ईर्ष्या नहीं होगी। चीजें कम या ज़्यादा उस क्षण के आधार पर तय की जाएंगी और प्रत्येक व्यक्ति दूसरों की सहायता करेगा और कार्यवाही की विशिष्टता में अपनी उपस्थिति में योगदान करके हमारे सुखों में उत्साह जोड़ेगा। आमिर आपको ये विचार कैसा लगा!-मैं तुम्हारे होठों पर मुस्कान देख रही हूँ!' जेन बोलीl

'मुझे लगता है कि आपका विचार सबसे आकर्षक है,' मैंने जवाब दिया, हौसले से देखते हुए और उसके भाव-भंगिमा के साथ खिलवाड़ करते हुए-सुश्री जेन ने कहा 'मैं आपको बताऊँ कि मैंने कितनी फ़िल्मों से देखा है काम क्रीड़ा का आनंद, दूसरी लड़की की मौजूदगी से बढ़ा है'। मैंने बाधित किया 'लेकिन हमारा मामला असाधारण है। मैं अपनी मुस्कुराहट को रोक नहीं पाया क्योंकि इस विचार की ख़ासियत ने मुझे और उत्तेजित कर दिया था!'

'किस तरह से?' उसने पूछा, कुछ उत्सुकता से मैंने सोचा। 'आप मुझे सीधे शब्दों का इस्तेमाल करने देंगे और मुझे अशिष्ट नहीं मानंगे?' मैंने जिज्ञासा की।

'निश्चित रूप से, आमिर', उसने एक आत्म-सचेत मुस्कान और शरमाते हुए उत्तर दिया।

'ठीक है, जेन, आप और डायना बहनें हैं, ऐसा आम तौर पर नहीं होता है कि बहनो के साथ उनकी बहनों के सामने सम्भोग किया जाए और बहुत कम बहनें अपनी बहनों को चुदाई करते हुए देख सकती हैं! क्या आप निश्चित हैं, आप और डायना इसका बुरा नहीं मानेंगे? मैं सबके नग्न रहने की ज़िद करूंगा!'

'एकदम पक्का!' जेन ने जवाब दिया। मैं उसे नम्रता से चूमा।

'यह बहुत मजेदार होगा!' मैंने ख़ुशी से कहा " डार्लिंग मैं आज रात से तुम तीनों को समर्पित रहूंगा अब जेन प्रिय, सिर्फ़ एक निवेदन और; क्या आप बुरा मानेंगे अगर मैं आपके साथ डायना से पहले सम्भोग करु और फिर डायना के साथ? '

'बेशक, आमिर,' जेन ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया और मुझे पता है कि डायना को इसका नजारा पसंद आएगा।

'मुझे यक़ीन है कि वह मेरे लिए कामेच्छा से बहुत ग्रसित हैं, और जल्द ही उसका भी नंबर आएगा!' मैंने कहा। 'इसके अलावा, जेन, लूसी के लिए क्या ये बेहतर होगा कि जब वह पहली बार मेरी आपके साथ चुदाई देखे!' (जेन ने मुझे हर्षातिरेक से चूमा) ।

मैं इसका इंतज़ाम जल्द से जल्द कर लूंगी। हम लुसी के साथ थोड़ा-सा नाटक करेंगे खेलेंगे और उसे उत्तेजित करने के लिए उसके नग्न आकर्षण का उपयोग करेंगे-और फिर, मेरे प्रिय, आपकी और मेरी एक लंबी प्यारी चुदाई होगी! ' (फिर से जेन मुझे हर्षातिरेक से चूमा।)

'एक और सवाल' मैंने जारी रखा। 'लुसी के बारे में जेन। स्पष्ट रूप से बात करने के लिए, इस प्यारी कुंवारी को क्या मुझे ही काली से फूल बनाना है?'

उन्होंने कहा, 'यह वास्तव में ऐसा ही है, आमिर।' और सिर्फ़ लूसी ही नहीं आपको मेरा और डायना का भी कौमार्य भंग करना है।

'क्या वह आपके और डायना के सामने सार्वजनिक रूप से अपनी पहली चुदाई करवाने के लिए सहमत होगी, इसलिए बोलने के लिए-क्या वह मेरे साथ गोपनीयता को पसंद नहीं करेगी और मेरे साथ अकेले अपने कौमार्य को खोना चाहेगी?'

'मुझे ऐसा नहीं लगता, आमिर,' जेन ने जवाब दिया, मेरी तरफ़ देखते हुए; ' वह बहुत कमसिन डरपोक और घबराई हुई है और वास्तव में डायना और मेरी उपास्थिति ने वह राहत महसूस करेगी।

जब हमने उसे बताया की उसे अपना पहला सम्भोग जल्द ही मेरे साथ कर अपना कौमार्य मुझे समर्पित करना है तो वह बहुत घबरा गयी और बोली आप उस समय मेरे पास होंगी न l तब मैंने उसे भरोसा दिलाया कि हम तब उसकी देखभाल करेंगे और उसके पास ही रहेंगे! '

'एक और बात यह है कि क्या लुसी जानती है कि तुम्हारी और डायना की वर्जिनिटी भी मुझे लेनी है।' मैंने पुछा 'हमने उसे अभी तक नहीं बताया है।' जेन ने जवाब दिया।

फिर जेन ने कहा अब ऐसा निश्चित करते हैं आप सबसे पहले लूसी के साथ ही करे क्योंकि ऐसा ड्रा में निकला है और इसके बाद मैं और फिर आख़िर में डायना।

इससे पहले कि हम बैठक का समापन करते, मैंने एक विचार से डायना और लूसी के साथ एक छोटी से शरारत करने का प्रस्ताव किया ताकि मुझे आत्मसमर्पण करने के लिए उसकी इच्छा का परीक्षण हो जाए, जिसे सुनने के बाद कि सुश्री जेन ने कहा, 'ओह यह अद्भुत होगा और हम इसे अभी करते हैं।' और जेन ने बोला इसे आप मुझ पर छोड़ दो।

' मेरे प्रिय जेन, मुझे लगता है कि आपके विचार वास्तव में शानदार हैं और हमने इसी योजना पर चलना चाहिए। मैं सिर्फ़ एक सुझाव डायना चाहूंगा-कार्यवाही को निर्देशित करने के लिए हम में से किसी एक को प्रत्येक शाम को नियुक्त किया जाना चाहिए,

निर्देशक ही तय करेगा कि क्या किया जाना है और दूसरों को निहित आज्ञा देगा। जब भी चाय पर मिलेंगे तो हर शाम कार्डों को राउंड में जिसे हुकुम का इक्का मिलेगा है, वह उस शाम की रानी या राजा होगा। '

ओह, आमिर! कितना प्यारा विचार है! 'वह ख़ुशी से बोली-' अब हम अपनी हर मुलाकात का नियमित बना सकते हैं! '

मैंने उसे चूमा। 'मुझे यक़ीन है कि आप सभी इस खेल को पसंद करेंगे और भरपूर आनंद लेंगे! एक आखरी सवाल और-क्या हम आज शाम को मिलेंगे?'

वह शरमा गई। 'आमिर, अगर आप तैयार है और अपने माता-पिता को हवाई अड्डे पर छोड़ने के बाद बहुत थक गए हैं तो मुझे लगता है कि हम ऐसा कर सकते हैं,'

जेन आपकी सुंदरता, आपको नग्न देखने की संभावना और बाहों लेकर प्यार करके परमानंद मिलने की प्रत्याशा में अगर कोई थकान है भी तो यह विचार उसे मिटाने के लिए पर्याप्त है। तो हम मिलेंगे! ' मैंने ये कहा तो उसने मुझे हर्षातिरेक से चूमा।

' चलिए एक बार फिर हमें यहाँ आमंत्रित करने के लिए एक विशेष धन्यवाद के साथ इस बैठक का समापन करते हैं-लेकिन मैं आपके पास वापस आऊँगा और मुझे पूरा विश्वास है इसके बाद हमारे पास एक मधुर समय होगा! अब, एक चुंबन और फिर हम दूसरों के साथ शामिल हो जाएंगे, मैं बोलाl

अब आप डायना और लूसी को बताओ कि हमने क्या व्यवस्था की हैl मैं लुसी के साथ में कुछ समय बिताना चाहूंगा ताकि वह थोड़ा सहज अनुभव करे। आप अगर उचित समझे तो उसे यह भी बता दे कि उसे कल की रात उस के लिए आरक्षित की गयी है, जिससे वह आज रात सहज हो आराम कर सकेगी और हम इस समय का उपयोग उसे सहज और उत्साहित करने के लिए करेंगे।

अब, जेन डार्लिंग, चलो अब प्रेम का खेल खेलते हैं! ' और एक लंबे आवेशपूर्ण चुंबन के बाद, होठों पर होंठ, मैंने अपनी विश्वास पात्र नौकरानियों में से एक को उसकी भूमिका के बारे में जानकारी दी और जल्द ही हम दोनों ने डायना और लुसी को टहलने के बाद बग़ीचे से लौटते हुए देखा।

कहानी जारी रहेगी



आपका आमिर

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1. मजे - लूट लो जितने मिले
2. दिल्ली में सुलतान V रफीक के बीच युद्ध
3.अंतरंग हमसफ़र
4. पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ एक नौजवान के कारनामे
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#36
मजे - लूट लो जितने मिले

चौथा अध्याय

मेरी पहली चुदाई की कहानी
भाग 9

समर्पण की शर्ते

अब जल्द आगे होने वाले घटनाक्रम और लूसी जेन और डायना जैसी सुन्दर लड़कियों को भोगने के बारे में सोच कर देखकर स्वाभिक तौर पर मेरा लंड खड़ा हो गया थाl

जब लुसी और डायना लौटी, मैंने रात के कार्यक्रम की व्यवस्था करने के लिए लड़कियों से विदा लीl

उसके बाद में हमारे नाटक के एक भाग के रूप में, सुश्री जेन ने लुसी और डायना से बात की। "मेरी प्यारी लड़कियों बहुत ध्यान से सुनो। तुम्हारे माता-पिता" उसने कहा कि उसने देखा कि लड़कियों की दोनों आँखें अपने माता-पिता के उल्लेख पर आँसू से भर गयी थी। "आपके माता-पिता," वह बोलती चली गई, "आपके माता पिता अचानक चले गए और अपने जाने के बाद आपके लिए उचित कोई प्रावधान या व्यवस्था नहीं कर सके या नहीं कर पाए या नहीं कर सकते थे। इसलिए आप दोनों मुझ पर पूरी तरह से निर्भर हैं, और आप दोनों का कोई अन्य रिश्तेदार भी नहीं है। मेरे बिना आप बिकुल अनाथ हो सार्वजनिक सम्पत्ति हो जाएंगी; मुझे लगता है कि मेरा मतलब आप समझ गयी हैं?"

"हाँ, सुश्री जेन," डायना ने उत्तर दिया, क्योंकि उन दोनों अपना सिर झुकाया हुआ था इसलिए उनके सुंदर गालों से आँसू नीचे आ रहे थे। "हम दोनों जानती हैं कि आप हमारे लिए बहुत अच्छी रही हैं और मैं आपको बताना चाहती हूँ कि आप यह जान लें कि लुसी और मैं दोनों इसकी बहुत सराहना करते हैं।"

"मुझे ख़ुशी है, देना और लुसी कि आप दोनों यह महसूस करती हैं," उसने कहा। "लड़कियों, अब आपका आचरण आपके भाग्य को नियंत्रित करेगा। मुझे यक़ीन है कि मैं आप में निराश नहीं होऊंगीl"

"सुश्री जेन मुझे आशा है कि आपको दो दुर्भाग्यपूर्ण लड़कियों को अपनी खभाल के तहत लेने में आपकी नेक कार्यवाही पर पछतावा करने का कभी कोई कारण नहीं होगा; मैं आपको हम दोनों की और से विश्वास दिलाती हूँ कि हम आपका हमेशा पूरा सम्मान करेंगे और आपको भरपूर प्यार करेंगे। आपको हर संभव तरीके से खुश रखने का पूरा प्रयास करेंगे।" लुसी ने उत्तर दिया,

जेन बोली बहुत अच्छे अब, आपके लिए खुशखबरी और बुरी खबरें साथ-साथ हैं। आप पहले क्या सुनना चाहेंगे?

ये सुन दोनों को एक झटका लगा और सुश्री जेन ने जारी रखा है ' मुझे पहले आपको खुशखबरी देनी चाहिए। , जो व्यक्तित्व विकास कक्षाएँ जो मैं लेती हूँ उसमे में मेरे एक छात्र हैं, श्री दीपक कुमार। कुछ दिनों पहले उसने मेरे लिए अपने प्यार का इज़हार किया और मुझसे शादी करने की इच्छा जताईl हालाँकि मुझे वह पसंद हैं और मुझे उनके साथ जीवन बिताना अच्छा लगेगा फिर भी मैंने उसका प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया, क्योंकि मुझ पर आप दोनों की ज़िम्मेदारी है।

मैंने उनसे कहा कि मैं उन्हें पसंद करती हूँ, लेकिन मैं उनके प्रस्ताव को स्वीकार नहीं कर सकती क्योंकि मुझे अपने दो छोटी परियो की देखभाल करनी है। यदि मैं आपसे शादी कर आपके साथ रहूंगी तो इन लड़कियों का खयाल कौन रखेगा? मेरे पास अपनी दोनों लड़कियों के लिए प्रावधान करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं मैं इन दोनों को अपनी छोटी बहने मानती हूँ। यदि वह आप दोनों का प्रावधान कर सकते है या उन्हें मेरे साथ अपना सकते हैं तो मैं उसके प्रस्ताव पर विचार कर सकती हूँ। उन्होंने मुझे बताया कि दो युवा लड़कियों के लिए उपयुक्त प्रावधान बनाने के लिए उनके पास पर्याप्त साधन नहीं हैं। फिर भी वह इस सम्बंध में मदद कर सकते हैं और इसी के लिए उन्होंने फिर मुझे अपने करीबी दोस्त आमिर से मिलवाया, जिन्हें मैं भी पहले जानती था क्योंकि मैं उनकी बहनों को टूशन पढ़ाया करती था। '

सुश्री जेन ने कहा कि मेरी श्री दीपक कुमार के प्रस्ताव स्वीकार करने की प्रबल इच्छा है और इस सिलसिले में, मैंने केवल श्री आमिर से मुलाकात की और उनके बात की है और हमारे पुराने सम्बन्धो के कारण उन्होंने बहुत विनम्रता से मेरे अनुरोध को स्वीकार किया है और आप दोनों की जिम्मेदारी लेने के लिए सहमत हुए हैंl उन्होंने आप दोनों की देखभाल करने के लिए मान लिया है लेकिन दो शर्तों को निर्धारित किया है;

सबसे पहले कि आप दोनों आमिर के साथ रहेंगे और वह दो अभागी लड़कियों को आपके एकमात्र अभिभावक के रूप में अपनी देखभाल में रखेंगे और आगे से आप दोनों आमिर को हर संभव तरीके से खुश करने की पूरी कोशिश करेंगे।

आपको आमिर को ही अपना कौमार्य समर्पित करना होगा और यदि मैं स्पष्ट काहू तो उनसे जब वो चाहे, जैसे चाहे चुदना होगा और उनकी हर इच्छा को पूरा करना होगा l

दूसरे, मुझे भी अपने कौमार्य को उनको अर्पण करना होगा और उसके बाद मुझे कम से कम एक महीने के लिए एक विवाह अनुबंध के तहत उसकी पत्नी के रूप में उसके साथ रहना होगा और अगर मैं चाहू, बाद में, जब मुझे दीपक कुमार के साथ विवाह कर पत्नी के तौर पर रहना चाहू, तब मैं आमिर से अलग हो सकती हूँ। '

अगर मैं आमिर के साथ ही रहना चाहू तो जो शर्ते आप पर लागू हैं मुझे भी उन्ही शर्तो को मानना होगा l

' तुम दोनों लड़कियाँ यह अच्छी तरह जानती हो कि मैं तुम दोनों से कितना प्यार करती हूँ और मैं तुम्हारी भलाई के लिए हमेशा कुछ भी करने को तैयार हूँ। इसलिए मुझे उनके इस प्रस्ताव में जहाँ मुझे आमिर को अपनी वर्जिनिटी सरेंडर करनी होगी और उसके साथ महीने भर रह कर सम्भोग करना होगा उसमे कोई दिक्कत नहीं है।

मैं हमेशा अपनी शादी की रात को अपनी शादी के उपहार के रूप में अपने पति को अपनी वर्जिनिटी सौंपना चाहती थी। चूँकि यह आमिर के साथ एक शादी का अनुबंध होगा और मैं अनुबंध के तहत आमिर की पत्नी बनूंगी, इसलिए मुझे आमिर के लिए अपना कौमार्य समर्पण करने में कोई समस्या नहीं है, क्योंकि मैं हमेशा उन्हें पसंद करती थी।

अब यह सब आप लड़कियों पर निर्भर है कि क्या आप आमिर की सरपरस्ती में जाना चाहती हैं या नहीं और ये भी ज़रूरी है कि आप उनकी शर्तों से सहमत हों। यदि आप दोनों सहमत नहीं हैं तो मैं आमिर से मेरी शादी के बाद या श्री दीपक कुमार से शादी के बाद आपकी जिम्मेदारी नहीं उठा पाऊँगी। अगर आप चाहती हैं कि मैं ही आपका सारा जीवन अविवाहित रहकर आपकी देखभाल करूं तो मैं ये प्रस्ताव अस्वीकार कर देती हूँl हमारे पास ज़्यादा समय नहीं है हमे आमिर को जल्द ही अपना निर्णय बताना होगाl ' सुश्री जेन ने कहा।

'नहीं, नहीं, सुश्री जेन आपको अवश्य जल्दी ही शादी करनी चाहिए' कहते हुए लुसी और डायना ने सिर हिलाया।' आप इस मौके को जाने न दें, सुश्री जेन' डायना ने कहा।

अन्यथा, कंगाल होकर सड़क पर आ जाना युवा जवान लड़कियों के लिए एक दुखद बात है और सार्वजनिक सम्पाती बन जाना वास्तव में किसी के लिए भी एक अप्रिय बात है, जेन ने मुसकराते हुए व्यथित युवतियों को फटकार लगाईl फिर जैसे लूसी ख़ुद से बात कर रही हो वैसे बडबड़ाई हम दोनों इतनी भी खुदगर्ज नहीं हैं सुश्री जेन की उज्वल भविष्य की राह में रोड़े बनें।

"ओह! सुश्री जेन! आप हमे पर कैसे ऐसा संदेह कर सकती हैं कि हम आपका जीवन बर्बाद होने देंगी? आपने ये कैसे सोच लिया हम आपकी ये बात नहीं मान कर आमिर की सरपरस्ती में जाने से मना कर देंगीl उन्होंने हमें अपने इस शानदार घर में शरण दी है और निश्चित रूप से आपको यह नहीं सोचना चाहिए कि हम कभी भी आपके या उसके प्रति कृतज्ञ नहीं होंगे।" उन्होंने लगभग एक साथ कहा।

"यह कहना काफ़ी आसान है कि आप अपने आप को आमिर की आज्ञाकारिता और सम्मान देने की प्रतिज्ञा करते हैं, लेकिन शायद ऐसे अवसर कभी आये जब आपके विचार और उनके विचार सहमत नहीं हो तो और फिर ऐसे में आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी?"

"ओह, सुश्री जेन," डायना ने जवाब दिया, "मुझे यक़ीन है कि आप मुझ पर विश्वास कर सकती हैं और अतीत में मेरे आचरण से निश्चित कर सकती हैं जब मैं कहती हूँ कि में उनकी थोड़ी-सी इच्छा के अनुसार सब कुछ करूंगी।" और तुम्हारे इस बारे में क्या विचार हैं, लुसी से सुश्री जेन से पूछा। ' सुश्री जेन, आप जानते हैं कि मैंने हमेशा आपका कितना सम्मान किया है। बेशक, मैं वह सब कुछ करूंगी जो आप कहती हैं और अब आमिर, कह सकते हैं या इच्छा कर सकते हैं, आप सुश्री जेन को जानते हैं कि मैं उनसे कितना प्यार करती हूँ। मैं उनकी प्रत्येक आज्ञा या मामूली इच्छाओं को हमेशा पूरी करूंगी चाहे वह बोली जाए, व्यक्त हो या अव्यक्त हो या इच्छुक हो या मैं आपकी इच्छा से या उनके इशारों का अनुमान लगा सकती हूँ और मुझे यक़ीन है कि वह हमेशा मुझसे प्यार करेंगे, मैं आपकी विश्वास दिलाती हूँ हम इतनी अच्छी लड़कियाँ साबित होंगी और हमारा पूरा जीवन उनको ही समर्पित रहेगा l "

" आमिर एक कठोर आदमी नहीं है, लेकिन मैं इस परिस्तिथि में उनका कोई अनुचित लाभ उठाने का प्रस्ताव नहीं करती।"

तो लड़कियों फिर ये तय रहा वह आप लड़कियों को अपने घर में उसी आधार पर लेने के लिए सहमत है, जैसे कि आप मेरे लिए समर्पित थीl मेरी प्यारी बहनों, आप कभी भी आपके प्रति उनकी किसी इच्छाओं या योजनाओं में उनके द्वारा निर्धारित की कई सीमाओं को पार नहीं करेंगीl अर्थात कभी उनकी किसी आज्ञा या इच्छा का उलंघन नहीं करेंगीl वह आपके आचरण के न्यायाधीश होंगे वही आपके लिए अंतिम उपाय का न्यायालय होंगे कि आप दोनों क्या करेंगी या नहीं करेंगी; आप सदैव अपनी हर योजना में उनसे परामर्श करेंगी और उनके निर्देशानुसार ही आपका आचरण होगा और आप दोनों उनकी अवज्ञा नहीं करेगी, आप उसकी हर इच्छा के अनुसार हमेशा सहमत होंगी। उसकी ओर से, वह आपसे विनम्र व्यवहार करेगा और इस बात का सबसे अच्छा ख़्याल रखेगा कि आपकी सभी जायज ज़रूरते पूरी होती रहे। मुझे पूरा विश्वास है आमिर आप दोनों का मुझ से भी अच्छा ख़्याल रखेंगे और आप दोनों उनके साथ हमेश खुश रहेंगी l और आप दोनों की आज तक की सरपरस्त के नाते मेरा सुझाव है आप दोनों ये प्रस्ताव स्वीकार कर ले l

यदि आप दोनों सहमत तो बहुत अच्छा होगा नहीं हो तो आगे का रास्ता आपके लिए खुला है; या तो आप इन शर्तों के साथ सहमत होंगी नहीं तो आप अपने लिए वैकल्पिक या अन्य व्यवस्थाएँ जो आपको ठीक लगती हो उसके लिए स्वतंत्र है और मेरा सुझाव है आप दोनों ये प्रस्ताव स्वीकार कर ले l "

"ओह, सुश्री जेन। बेशक, हम दोनों आमिर को पूरी तरह से समर्पित होंगी और उनकी आज्ञाकारी होने का वादा आपसे करती हैं और वह सब कुछ करेंगी जो वह कहेंगे और निश्चित रूप से हम उन्हें बहुत प्यार करती हैं और हम दोनों आगे इतनी अच्छी लड़कियाँ होंगी, की वह हमें हमेशा प्यार ही करेंगे।" उन्होंने फिर ज़ोर दिया। 'वह अब हमारे एकमात्र अभिभावक होंगे।'

इस पर सुश्री जेन ने कहा "लड़कियों, आप दोनों को इस तरह का प्यार पाने के लिए और अपने जीवन के बाक़ी समय के लिए प्यार करने वाले की सरपरस्ती मिलने के लिए बहुत-बहुत बधाईl" दोनों लड़कियों ने भी गले लग कर सुश्री जेन को उनकी होने वाली सगाई के लिए बधाई दी।

"तो ठीक है, यह तय हो गया है आप दोनों को उनकी सरपरस्ती उनकी शर्तो के साथ स्वीकार है और मुझे पूरी आशा है मुझे कभी कोई शिकायत सुनने को नहीं मिलेगी," जेन ने कहा। चलिए अब आमिर को बता दें कि उनके अनुसार सब सहमत हैं और वे इसके अनुसार वह उचित कागजात तैयार करवा ले।

आगे कहानी जारी रहेगी


आपका आमिर

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#37
 मजे - लूट लो जितने मिले

चौथा अध्याय

मेरी पहली चुदाई की कहानी

भाग 10

जेन उसके बाद मुझे मिलने मेरे कमरे में आयी और मुझे ये सुचना दी की लड़कियों ने हमारे प्रस्तावित योजना पर अपनी सहमति व्यक्त की है। जेन से इस मुलाकात के दौरान हमने होठों पर होंठ लगा कर लंबे आवेशपूर्ण चुंबन के बाद, हम चारो बगीचे में घूमने निकले फिर जैसी व्यवस्था की गई थी उसके अनुसार जेन मुझे पहले लुसी के साथ छोड़ जल्द ही डायना के साथ गायब हो गयी।

मैंने कहा मेरी लूसी आयी लव यू . मैंने महसूस किया लूसी जो पहले बहुत शर्मीली और डरपोक थी, लेकिन जब उसे पता लगा की आज उसके कौमार्य को भंग नहीं किया जाना है तो जल्द ही वह सहज हो गयी। उसके बाद लूसी को उसके कमरे में छोड़ कर मैं रात के लिए कुछ आवश्यक व्यवस्था करने के लिए हाल में वापिस आ गया।

अपने कमरे में लौटते हुए, जब मैं लुसी के कमरे के आगे से निकला तो देखा लूसी, पढ़ने के लिए लंबी कुर्सी पर बैठी कुछ पढ़ रही थी। मुझे देखा वह खड़ी हो गयी और घूमी जिससे उसकी स्कर्ट जो उसने पहनी हुई थी ऊपर को उठी और लूसी के शानदार नितम्ब और कशीदाकारी चिकनी झांघे और टाँगे मेरे सामने नुमाया हो गयी। जब लूसी ने मुझे देखा तो उसके गाल गुलाबी हो गये जब वह मेरी तरफ़ आयी उसके गालों पर एक रसीली लाली आ गई, उसकी आँखें चमक रही थीं, प्रसन्नता और प्रत्याशित आनंद के पूरे असरदार आकर्षक मिश्रण से युक्त। वह मुझ से मिली और वापिस अपने कमरे में चली गई, तो उसकी सफेद स्कर्ट हवा के एक जोरदार झोंके में उड़ गई, उसके स्तन ढीले-ढाले रेशम की जर्सी में मजबूती से खड़े थेL नश्वर मांस और रक्त से बना एक पुरुष हसीना के इस आकर्षक और उत्तेजक रूप में इस तरह के आकर्षण का सामना कितनी देर तक कर सकता है! मैं तो एक पल भी नहीं कर पाया और मेरा लंड उत्तेजना में अपनी उपस्थिति मेरी पतलून में दर्ज कराने लगा। उसके बाद अगले ही पल में, वह लपकी और मेरी बाहो में समा गयी।

मैंने उसे अपने कमरे में ले गया और उससे प्रस्तावित व्यवस्था और उसके लिए सहमति के बारे में पूछा। मैंने उससे पूछा 'लुसी डार्लिंग, क्या तुम मेरी सबसे पहली प्यारी प्रेमिका बनोगी?'

लुसी घूमी उसका पतला शरीर मेरी पकड़ में कांप रहा था और उसने मेरी ओर देखा और बोली। 'मैं कितनी खुशकिस्मत हूँ कि आप मेरी देखभाल करने के लिए तैयार हो गए।'

'सौभाग्यशाली?' मुझे आश्चर्य हुआ, न केवल उसने जो कुछ मुझसे कहा उससे मैं दंग रह गया, बल्कि यह महसूस करते हुए भी सम्मानित महसूस किया कि उसने मुझ पर ऐसा विश्वास जताया है।

और लुसी शरमा गई और अनायास मुस्कुराई। 'हाँ, बहुत भाग्यशाली। मैं वास्तव में बहुत खुशकिस्मत हूँ कि मैं आपकी पहला वर्जिन प्रेमीका होउंगी, मेरा कौमार्य आपके द्वारा भंग होगा और आप मेरे कौमर्य को भंग करने का आनंद मुझे देंगे। मेरा अब पूरा जीवन आपको ही समर्पित रहेगा' और वह शर्माते हुए मुस्कुरायी।

वह शानदार, पूरी तरह से अप्रत्याशित मुस्कान, जितना मैं झेल सकता था, उससे कहीं अधिक टी। लुसी आँखों उत्तेजना उत्साह और मेरे प्रति उसके प्यार से लबालब तरल स्टारलाईट की तरह चमकीली दिख रहि थी और उनकी खूबसूरती देखते ही बनती थी।

और फिर मैंने उसे अपने से दूर कर दिया और एक कंपकंपी भरी सांस में खींच लिया, जबकि मेरी आँखे अभी भी उसे देख रही थी जैसे कि वह ब्रह्मांड की एकमात्र महिला हो और एक ऐसा उपहार जो मेरी दिल की धड़कनों पर मंडरा रहा था। 'मैं इस सम्मान को देने के लिए आपका आभारी हूँ,' मैंने एक सांस ली। और उसके नरम गुलाबी मुँह को प्यार से चूमा।

मुझे लगा जैसे गड़गड़ाहट हुई। बिजली चमकी और ज़मीन कांपने लगी, दीवारों रोशन हो गयी, लेकिन इसे लुसी ने नहीं सुना था या यु कहिये और किसी ने नहीं सुना, क्योंकि ये शायद वहाँ हमारे चुंबन में जादू हुआ था और यह चुंबन पहले की तरह नहीं था और इसमें दोनों के मिलान का इशारा था। मैंने उसे अपने से चिपका लिया और वह भी मुझसे लिपटने लगी। जब मैंने अपनी जीभ उसके भागे हुए होठों के बीच खिसकाई, तो मेरा लंड उसकी जांघों के बीच जा कर ऐसे भड़कने लगा की उससे पहले मैंने कभी ऐसा महसूस नहीं किया था।

मेरे हाथ उसके बालों में घुस गए और उसने महसूस किया कि उसके स्तन सख्त हो गए हैं और उसके निप्पल कड़े हो गए हैं। उसकी त्वचा की गर्माहट और मेरे पर पड़ते हुए उसके वज़न ने अहसास करवा दिया कि उसका शरीर मेरे उन मर्दाना पहलुओं को पसंद करता है। इससे भी अधिक, उसने मेरी सुगंधित गंध, मस्क्युलर पुरुष और डिजाइनर कोलोन के एक आकर्षक-आकर्षक संयोजन की सराहना की। मेरी जीभ ने उसके दांतो को ब्रश किया और उसकी जीब की एक मीठी चूमि लेकर मेरी जीभ वापस लौट आयी उसकी हर तंत्रिका में आग लग गई वह और अधिक चाहती थी।

मैं उसके बालो, उसके माथे, उसकी आँखों, उसके गाल पर चुंबनकी बारिश कर दी और फिर, उसके शरीर को अपने और करीब कर लिया और मेरे चुम्बन के लिए हमेशा लोभी रहने वाले उसके लाल होंठो से मेरे होंठ चिपक गए और हम दोनों ने विक्षिप्तो की तरह एक लंबी और मजेदार किया जो हम दोनों को आज भी अच्छी तरह से याद है।

तो सारा जो इस कहानी को बड़े ध्यान से सुन रही थी बोली आमिर थोड़ा इस चुंबन के बारे में विस्तार से बताइये। इसमें ऐसे क्या ख़ास था जो ये आपको आज भी याद है।

मैं बोली ठीक है मैं इसका वर्णन करने का कुछ प्रयास करता हूँ। मेरे हाथ लूसी के लंबे भूरे बालों में दफ़न हुए लुसी के सिर के पीछे थे, उसकी बाँहें मेरे शरीर के चारों ओर थीं और वह मुझ से चिपकी हुई थीं।

पहले प्रभाव में जब मैंने उसे चूमा तो उसके होंठ बंद हो गए, लेकिन एक पल बाद उन्होंने चुंबन में भाग लिया और धीरे से, धीरे से, च्मबक से खींचती हुई उसकी रसीली जीभ मेरे मुंह में आ गई और उसके गले से जो रस निकला उसे मैं पि गया और वह मेरी साँसों को पीने लगी। किस करने के दौरान शरीर की सुगंध से लोग एक दूसरे के प्रति आकर्षित होने लगे। लूसी को देखते ही उसे चूमने का मन करने लगता था और फिर मैं लूसी को ताबड़तोड़ चूमने लगा , मैंने लूसी के निचले होंठों को अपने होंठों में भर लिया और चूसने लगा, लूसी ने भी मस्ती में आँखें बंद कर ली और मेरे चुम्बन का आनंद लेने लगीl

किस के दौरान भावनाओं का सैलाब शरीर के अंदर उमड़ने लगा। इसके अलावा शरीर में उत्तेजना के स्तर को बढ़ाने के लिए भी किस काफ़ी करगार साबित हुआ।

उसके बाद लूसी ने मुझे पकड़ कर वापिस मेरे होंठो को किस किया और मेरे सर को जकड़ के अपने मुंह से मुंह लगा दिया और वह मेरे ओंठ चूसने लगी और मैं उसके ओंठ चूसने लगा थोड़ी देर बाद वह मेरा निचला होंठ चूसने लगी और मैं उसका ऊपर का ओंठ चूसने लगा फिर उसने अपना मुंह थोड़ा-सा खोला और मेरी जीभ के मुंह में चली गयी।

लूसी मेरी जीब चूसने लगी फिर मेरी झीब से खेलने लगी और मैं लूसी की झीभ से खेलने लगा जो मैं करता थी लूसी भी वही कर उसका जवाब देती थी मैं जीभ फिराता तो वह भी वैसे ही जीभ फिरा देती थी फिर उसने मेरा ओंठ चूसा तो मैं उसका ओंठ चूसने लगा वह मेरे साथ लिपट गयी उसका बदन मेरे बदन से चिपक गया उसके दूध मेरी छाती में दब गए थे लूसी के हाथ भी मेरे बदन पर फिर रहे थे। हम दोनों एक दुसरे को बेकरारी से चूमने लगी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट हम एक दुसरे के लबों को चूमते रहे।

फिर रुक कर हमने कुछ सांस ली हमारे होंठ अभी भी जुड़े हुए थे। फिर दोनों ने एक लंबी सांस भरी जो इस बात का संकेत था इस बार ये किश लम्बी चलने वाली है। हम दोनों चुम्बन करते-करते गोल-गोल घुमने लगे जबकि उसके हाथ मेरी पीठ को सहलाते हुए मेरे नितंबों पर आ गए, उसने मुझे इतनी असाधारण अंतरंगता से खींच लिया था कि ऐसा लगा कि हमारे शरीर आपस में चिपक गए थे। किसी ने भी एक शब्द नहीं बोला-वास्तव में, उस परिस्थितियों में, कुछ भी बोलना असंभव था, क्योंकि हमारी जीभ एक साथ अकथ्य मिठास की एक गाड़ी में एक साथ एक दुसरे को प्रेम रस का आदान प्रदान कर रही थी, जो दोनों ने पहले कभी नहीं किया था। हालाँकि दिन में घुमते हुए भी हमने चुंबन किया था परतु उसमे ऐसी तड़प नहीं थी बल्कि कुछ झिझक और शर्म थी जबकि अब और की चाह थी और मन चाह रहा था ये कभी समाप्त न हो बस चलता रहे।

पर जैसा कहते हैं न "आल गुड थिंग्स मस्ट कम 2 अन एन्ड" सो रक्त जो मेरी नसों में तेजी से आ रहा था उसका दबाब असहनीय हो गया और मैं उससे अपना मुंह बंद करने के लिए मजबूर हो गया था। दोनों फिर भी चुप थे, लेकिन उसकी आँखों में प्यार और लालसा के साथ, उसने मुझे एक नीची कुर्सी पर बिठाया और मेरे एक हाथ पर हाथ रखकर, अपना दूसरा हाथ मेरे सिर के पीछे ले जाकर, मेरी आँखों में पूरा देख, मेरा नाम लहजे में फुसफुसायी ओह्ह्ह आमिर। मैंने उसके खुले को मुंह बार-बार चूमा और फिर चुम्बन तोड़ कर रुक गया।

मेरी अचानक यु रुकने से वह हिल गयी जबकि उसका शरीर अभी भी गर्म था और स्पंदन कर रहा था, वह और चाहती थी और इस के लिए वह अपना मुँह मेरे पास ले आयी। जीवन में पहली बार, इस बार लुसी को मुझ से चुंबन चाहिए था और वह उस उत्साह को नहीं भूल सकती जो मेरे चुम्बन ने उसके अंदर भर दिया था। यही मेरी हालत थी। ये एक विलक्षण अनुभव था। पहले प्यार का पहला अनुभव और फिर पहला चुम्बन। मन कह रहा था ये कभी ख़त्म न हो।

उसकी अनन्त शर्म ख़त्म हो गयी थी और मुझे चुंबन करने के लिए तड़प रही थी और वह वास्तव में नहीं जानती थी कि यह कैसे या कब हुआ था, वह आखिरकार मेरे साथ सेक्स के लिए तैयार थी।

आगे कहानी जारी रहेगी


आपका आमिर

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  2. दिल्ली में सुलतान V रफीक के बीच युद्ध
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  4. पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ एक नौजवान के कारनामे
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#38
मजे - लूट लो जितने मिले

चौथा अध्याय

मेरी पहली चुदाई की कहानी

भाग 11


सेक्स ज्ञान


मैंने लुसी की तरफ़ देखा और उसने कहा, "जनाब आमिर! , मुझे आशा है कि सुश्री जेन ने आपको ये जानकारी दी है कि हमने आपका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है और मैं आपको व्यक्तिगत रूप से आश्वस्त करना चाहती हूँ कि डायना और मैं दोनों आपकी इच्छाओं के प्रति पूरी तरह से आज्ञाकारी और अधीन रहेंगे और आप के अनुसार सब कुछ करेंगे। मुझे पूरा यक़ीन है कि हम आपको प्यार के लायक समझ हमेशा प्यार करेंगे और हम सदा आपकी प्यारी और अच्छी लड़कियाँ साबित होंगी।"

"तो ठीक है, यह तय हो गया है," मैंने कहा। "आओ और मेरे घुटने पर बैठो," मैंने आज्ञा दी। वह तुरंत उठी और बड़ी अदा और कोमलता से उठ कर मेरे घुटने पर बैठ गयी। उसका चेहरे से स्पस्ट लग रहा था कि वह मेरे चुम्बन के लिए तड़प रही थी और वह स्पष्ट रूप से उलझन में थी और शर्मिंदा थी, लेकिन मेरे द्वारा किए गए पहले अनुरोध को मना नहीं कर सकती थी, क्योंकि सभी चीजों में मेरी बात मानने के लिए उसने अभी कुछ क्षण पहली ही अपनी सहमती दी थी।

मैं उसकी कमर में बाजू डाल कर उसे अपनी और खींच आलिंगन किया और उसे पूरी भावना के चुंबन किया। उसने मुझे आलिंगन की अनुमति दी और मुझे भावुक कर दिया।

मेरा हाथ उसके घुटने पर गया और वह अपने पैर को ऊपर-नीचे करने लगी। उसका चेहरा शर्म से गहरा लाल हो गया, उसकी आँखें बंद हो गईं और वह धीरे से बड़बड़ायी, " ओह, मुझे नहीं लगता कि आपको ऐसा करना चाहिए, सिस्टर्स ने कॉन्वेंट में हमे सिखाया कि यह एक लड़की को किसी पुरुष को उसके शरीर को छूने के लिए अनुमति नहीं देनी चाहिए। ये अच्छा नहीं है।

"अब, लुसी," मैंने एक हंसी के साथ कहा, " मेरी जान, पहली बात जो हम करने जा रहे हैं वह है कि आपके दिमाग़ से बहुत सारी चीजें जो आपके कान्वेंट की सिस्टर्स ने आपको सिखाई हैं उन्हें ठीक करने की या भूलने की ज़रूरत है। मैं आपका प्रेमी और अभिभावक होने के नाते मुझे निश्चित रूप से ये अधिकार है।"

लूसी बस इतना ही बोली -- जीl

ये कहते हुए मैंने उसकी जांघ पर प्यार से चुटकी ली और उसके घुटने से लेकर उसके कूल्हे तक उसकी खूबसूरत टांग को सहलाया। उसका नरम शरीर मेरी बाहों में था और अपनी जांघो पर उसके नरम नितंबों को महसूस किया। फिर हम दोनों ने बार-बार गर्म, भावुक और बेहद कामुक चुंबन किये जिसने हमारी भहावनाओ को भड़का दिया और उत्तेजना के कारण उसका गोरा चेहरा उत्साह के साथ लाल हो गया था।

मैंने उसकोी गर्दन पकड़ कर उसके पूरे चेहरे, उसकी पलको और, उसके गुलाबी गालो को चूम लिया और उसे अपने गले से लगा कर उसकी बेतहाशा धड़कती हुई धड़कन को महसूस किया। अंत में, उसकी गर्दन को पकडे हुए अपने हाथ को ढीला करते हुए, मैंने अपना सिर उठाया तो मेरी कामुक आँखें उसे घूर रही थीं और उसकी आँखे शर्म और उत्तेजना के मारे बंद थी। उसका ये बेहोश करने वाला रूप मेरे अंदर की वासनाओ को भड़का रहा था

जब मैं रुक गया तो वह फुसफुसायी "ओह, जनाब! आपके ऐसे चुम्बन से मुझे कुछ होता है। ये मेरे अंदर आग लगा रहे है"।

मैं, इस समय तक तरह के जुनून में था; मैंने अपनी छाती के करीब उस प्यारी लड़की को पकड़ लिया और उसको अपनी छाती पर उसकी विकसित और उन्नत स्तनों को दबाने लगा। फिर मेरा दूसरा हाथ जो खाली था उसने उसके सुन्दर जांघो पर टिका हुआ था उससे उसकी जंघा की अंदर ले जाते हुए उन्हें उसकी रेश्मी ड्रेस के ऊपर से दबाते हुए निचोड़ दिया। मेरे ऐसा करने से लुसी और उसका योनि प्रदेश भी उत्तेजित हो गए, उसने मेरा हाथ रुपी घुसपैठिये को उसके महिलावाद के गहने से दूर धकेलने के लिए अपने एक कमजोर हाथ से प्रयास किया, लेकिन मुझे उसने ख़ुद से ज़्यादा मज़बूत पाया।

तभी रात के खाने की घंटी बजी और हम दोनों चुम्बन करते हुए अलग हो गए, नियत समय पर रात का भोजन परोसा गया। फिर हम सभी ने एक साथ मिल बैठ कर होम थिएटर में प्रोजेक्टर पर एक रोमांटिक फ़िल्म देखी और कुछ रोमांटिक संगीत सुना।

उसके बाद, सुश्री जेन ने हमें एक अर्धनग्न ऊंची स्कर्ट पहने लड़की की कुछ तस्वीरें दिखाईं, जिसमें उसके स्तनों के गुलाबी निपल्स और चुचकों के चारों ओर के घेरे दिखाई दे रहे थे।

उसने एक और लड़की जो अपनी सुडौल टाँगें और उसके कमर के ऊपर उसके खूबसूरत सफ़ेद ग्लोब वाली तस्वीर को दिखाया।

फिर उसने हमें आंशिक रूप से नग्न महिलाओं की कई तस्वीरें दिखाईं जो उनके गुप्त अंगों को प्रदर्शित करती हैं।

तब सुश्री जेन ने लड़कियों की कुछ और बिल्कुल स्पष्ट नग्न तस्वीरें दिखाईं, जो उनके सभी गुप्त आकर्षण और भागों का पूरा दृश्य दिखाती हैं। सुश्री जेन ने हमें बताया कि उनकी टांगों के बीच के सुंदर उद्घाटन को योनि बुर या चूत कहा जाता है और अंग्रेज़ी में इसे ही कन्ट या पूसी भी कहते है।

फिर उसने पुरुष की नग्न तस्वीर दिखाई जिसमे उसका लिंग सोया हुआ था और उसके बाद एक खूबसूरत खड़े हुए लंड या लिंग के साथ एक आदमी की तस्वीर दिखाई, जिसने लुसी और डायना को पूरी तरह से मंत्रमुग्ध कर दिया, क्योंकि यह पहली बार था जब उसने वास्तव में पूरी तरह से विकसित लंबे और कठोर, खड़े लंड की तस्वीर देखी थी। फिर सुश्री जेन बोली इस पुरष अंग को लंग या लंड या लौड़ा कहते है और जब पुरष कामुक और उत्तेजित हो जाता है तो ऐसे में इस अंग में रक्त का संचार बढ़ जाता है जिससे ये कड़ा हो जाता है। तो तीनो का ध्यान सीधा मेरे लंड की और गया जो उत्तेजित हो कड़ा था और मेरे पायजामे के आदर से अपने कड़ेपन का एहसास दिला रहा था। फिर मैंने देखा इस ने उनकी आंखों में चमक ला दी और यह देखते ही उनके चेहरे खिल उठे।

हम सभी ने उन्हें बड़ी दिलचस्पी से देखा, जाहिर तौर पर उत्साहित थे और दोनों लड़कियाँ शरमा रही थीं।

तो जेन हँसते हुए बोली तुम अभी नहीं जानती तुम्हारे पास और आमिर के पास क्या खजाना है तो फिर ध्यान से सुनो और सीखोl

सेक्स के बारे में जानने की जिज्ञासा लगभग सभी में होती है पर हर कोई सेक्स के बारे में जानता नहीं है। खासकर महिलाएँ, क्योंकि वह जानने की इच्छुक तो रहती हैं पर समाज का डर और अपने परिवार की बदनामी का डर उन्हें ये सब जानने के लिए रोक देता है।

सेक्स क्या है? कैसे होता है? मैंने पुछा l

जेन बोली-सेक्स एक अंग्रेज़ी शब्द है जिसे हिन्दी में संभोग कहते हैं।

सेक्स वह वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिससे इस पूरे संसार की पैदाइश हुई है। इंसान इसका उपयोग मजे के लिए भी करता है। जब दो विपरत लिंग वाले जीव (मर्द व औरत) अपने ख़ानदान को बढ़ाने के लिए अपने जननांगों (लंड और चूत) का प्रयोग करते हुए औलाद पैदा करते हैं या मिलते हैं तो यह प्रक्रिया संभोग कहलाती है।

सेक्स में मर्द का कार्य होता है शुक्राणु प्रदान करना और औरत का कार्य होता है अंडाणु प्रदान करना। इसके लिए मर्द अपने जननांग लंड को मादा के जननांग चूत में प्रवेश करता है और जिससे होने वाली रगड़े और गर्मी से मर्द के वीर्य तथा अंडाणु निकलते हैं और मिलते हैं और इनके आपस में मिलने के बाद नए जीव की उत्पत्ति होती है। इसीको सेक्स या संभोग या कहा जाता है।

लेकिन सेक्स के बारे में सभी को जानना चाहिए क्योंकि ये भी जैसे भूख लगने जैसी शरीर की एक कुदरती ज़रूरत है सम्भोग को योनि मैथुन, काम-क्रीड़ा, रति-क्रीड़ा भी कहते हैं।

जैसे ही शरीर बालिग़ व्यस्क होने लगता है हमारे बदन में ऐसे रस और हार्मोन बनने लगते हैं जिससे सेक्स करने की ज़रूरत महसूस होने लगती है

तो लूसी ने पुछा सेक्स में क्या-क्या शामिल है इसे कब कर सकते हैं?

तो जेन बोली कई जानवर व पक्षी सिर्फ़ अपने बच्चे पैदा करने के लिए उपयुक्त मौसम में ही सम्भोग करते हैं वहीं इंसानों में सम्भोग इस वज़ह के बिना भी हो सकता हैं। इंसान जब चाहे तब सेक्स कर सकता लेकिन मेरा मानना है जब तक इंसान व्यस्क न हो जाए उसे सेक्स नहीं करना चाहिए क्योंकि तब तक मन और शरीर कच्चा होता है। यदि कच्चेपन में सेक्स में कोई गलती हो जाए तो उसका बुरा असर ताजिंदगी रहता है और इंसान सेक्स से डरता है। फिर सेक्स के पूरे मजे अरे फायदे नहीं ले पाता। सम्भोग इंसानों में सुख प्राप्ति या प्यार या जज़्बात दिखाने का भी एक रूप हैं। सम्भोग अथवा मैथुन से पूर्व की क्रिया, जिसे अंग्रेज़ी में फ़ोर प्ले कहते हैं, के दौरान हर प्राणी के शरीर से कुछ विशेष प्रकार की गन्ध (फ़ीरोमंस) उत्सर्जित होती है जो दुसरे लिंग वाले यानी मर्द है तो औरत को या उल्टा को मैथुन के लिये अभिप्रेरित व उत्तेजित करती है।

योनि - मादा के जननांग को योनि (वजाइना) कहा जाता है। सामान्य तौर पर "योनि" शब्द का प्रयोग अक्सर भग के लिये किया जाता है, लेकिन जहाँ भग बाहर से दिखाई देने वाली संरचना है वहीं योनि एक विशिष्ट आंतरिक संरचना है।योनि बहुत संवेदनशील होती है.

योनि का बाहरी दिखाई देने वाला हिस्सा भग कहलाता है। यह दोनों जांघो के बीच योनि का प्रवेश-द्वार है। व्यस्क स्त्रियों में यह चारो और से बालों से घिरा होता है। यह त्वचा की कई परतों से बनी होती है, जो भीतरी अंगों को सुरक्षा प्रदान करती है। यह कई उपांगों को समाविष्ट किय हुए हैं जैसे भगशिशिनका, मूत्रमार्ग का छिद्र, योनि की झिल्ली (हाइमेन), लघु ग्रंथियां, वृहत भगोष्ठ, लघुभगोष्ठ इत्यादि। यह गर्भाशय से योनि प्रघाण तक फैली हुई लगभग 8 से 10 सेमीमीटर लम्बी नली होती है जो मूत्राशय एवं मूत्रमार्ग के पीछे तथा मलाशय एवं गुदामार्ग के सामने स्थित होती है। एक वयस्क स्त्री में योनि की पिछली भित्ति उसकी अगली भित्ति से ज्यादा लम्बी होती है और योनि गर्भाशय के साथ समकोण बनाती है।


योनि की भित्तियां मुख्यतः चिकनी पेशी एवं फाइब्रोइलास्टिक संयोजी ऊतक की बनी होती है जिससे इनमें फैलने का गुण बहुत अधिक होता है और इनमें रक्त वाहिनियों एवं तंत्रिकाओं की आपूर्ति होती है। सामान्य अवस्था में योनि की भित्तियां आपस में चिपकी रहती है संभोग क्रिया के दौरान लिंग के योनि में प्रविष्ट होने पर वे अलग-अलग हो जाती है।

योनि को चिकना बनाये रखने के लिए श्लेष्मा स्राव गर्भाशय ग्रीवा में मौजूद ग्रंथियों से ही आता है। यह स्राव क्षारीय होता है लेकिन योनि में प्राकृत रूप से पाये जाने वाले बैक्टीरिया (डोडर्लिन बेसिलाइ) श्लेष्मिक परत में मौजूद ग्लाइकोजन को लैक्टिक एसिड में बदल देते हैं, जिससे योनि के स्राव की प्रतिक्रिया अम्लीय हो जाती है। इससे योनि में किसी भी तरह का संक्रमण होने की संभावना समाप्त हो जाती है।

योनि का अम्लीय वातावरण शुक्राणुओं के प्रतिकूल होता है लेकिन पुरुष की अनुषंगी लिंग ग्रंथियों से स्रावित होने वाले द्रव क्षारीय होते हैं, जो योनि की अम्लता को निष्क्रिय करने में मदद करते हैं। डिम्बोत्सर्जन समय के आस-पास गर्भाशय ग्रीवा की ग्रंथियां भी ज्यादा मात्रा में क्षारीय श्लेष्मा का स्राव करती है। जिससे बच्चा बनाने में सहायता मिलती है।

शिश्न, लंड या लिंग- पुरूष अपने शिश्न या लिंग के द्वारा शुक्राणु को स्त्री के योनि में डालता है। लिंग की लम्बाई 7.5 सेटीमीटर से लेकर 10 सेंटीमीटर तथा इसकी चौड़ाई 2.5 सेंटीमीटर होती है। पुरूश के लिगं के मध्य में एक नलिका होती है। इस नली को मूत्र नलिका कहते है जो इसमें से होती हुई मूत्राशय की थैली तक जाती है। इसी नलिका द्वारा मूत्र और वीर्य की निकासी होती है। पुरूषों के लिंग में तीन मांसपेशियां होती है। दाहिनी व बांई कोरपस कैवरनोसम तथा बीच में कोरपस स्पैनजीऔसम। इन मांसपेशियों में रक्त की नलिकांए होती है। पुरूष लिंग की कठोरता के समय इन मांसपेशियों से अधिक रक्त का संचार होता है व इसके कारण लिंग की लम्बाई 10-15 सेमी और चौड़ाई 3.5 सेमी के लगभग हो जाती है। लिंग की सुपारी की त्वचा आसानी से ऊपर-नीचे खिसक सकती है तथा कठोरता के समय लिंग को चौड़ाई में बढ़ने के लिए स्थान भी देती है। लिंग के अगले भाग को ग्लैस या सुपाड़ा कहते है जो काफी संचेतना पूर्ण होता है।

यौवन में प्रवेश पर, अंडकोष विकसित होते हैं और यौनांग बडे़ हो जाते हैं। शिश्न का विकास 10 वर्ष की उम्र से लेकर 15 वर्ष की उम्र के बीच शुरू हो सकता है। विकास आमतौर पर 18-21 साल की उम्र तक पूरा हो जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान, शिश्न के ऊपर और चारों ओर जघन बाल आ जाते हैं।

स्तंभन - लंड का खड़ा और कड़ा होना

स्तंभन से अभिप्राय शिश्न के आकार में बढ़ने और कडा़ होने से है, जो यौनिच्छा करने पर शिश्न के उत्तेजित होने के कारण होता हैl प्राथमिक शारीरिक तंत्र जिसके चलते स्तंभन होता है, में शिश्न की धमनियाँ स्वतः फैल जाती हैं, जिसके कारण अधिक रक्त शिश्न के तीन स्पंजी ऊतक कक्षों में भर जाता है और इसे लंबाई और कठोरता प्रदान करता है। यह रक्त से भरे ऊतक रक्त को वापस ले जाने वाली शिराओं पर दबाव डाल कर सिकोड़ देते है, जिसके कारण अधिक रक्त प्रवेश करता है और कम रक्त वापस लौटता है। थोडी़ देर बाद एक साम्यावस्था अस्तित्व में आती है जिसमे फैली हुई धमनियों और सिकुडी़ हुई शिराओं में रक्त की समान मात्रा बहने लगती है और इस साम्यावस्था के कारण शिश्न को एक निश्चित स्तंभन आकार मिलता है।

यद्यपि स्तंभन सम्भोग के लिये आवश्यक है पर विभिन्न अन्य यौन गतिविधियों के लिए यह आवश्यक नहीं हैl


सेक्स, मैथुन, सम्भोग

प्रेम जताने की क्रिया अक्सर मैथुन से पहले निभायी जाती है। इसके पश्चात् पुरुष के लिंग में उठाव व कठोरता उत्पन्न होती है और स्त्री की योनि में सहज चिकनाहट। मैथुन करने के लिए पुरुष अपने तने हुए लिंग को स्त्री की योनि में प्रविष्ट करता है।

सम्भोग -  सेक्स की उस क्रिया को कहते है जिसमे नर का लिंग मादा की योनि में प्रवेश करता है।

मुख्यता सेक्स के चार हिस्से होते हैं

फोरे प्ले:-

सेक्स ये योनि प्रवेश से पहले ख़ुद को हुए अपने साथी को तैयार करना इसमें चूमना किश करना, सहलाना, प्यार करना। मीठी बाते करना। सब शामिल है सम्भोग अथवा मैथुन से पूर्व की क्रिया, जिसे अंग्रेज़ी में फ़ोर प्ले कहते हैं, के दौरान हर प्राणी के शरीर से कुछ विशेष प्रकार की गन्ध (फ़ीरोमंस) उत्सर्जित होती है जो विषमलिंगी को मैथुन के लिये अभिप्रेरित व उत्तेजित करती है। । ।

योनि प्रवेश:-

जिसमे पुरुष का लिंग औरत या स्त्री की योनि या चूत में प्रवेश करता है फिर उसे आगे पीछे किया जाता है यानी घर्षण। पुरुष अपने जननांग लंड को मादा के जननांग चूत में प्रवेश करता है और जिससे होने वाली गर्मी से दोनों को आनद मिलता हैl

स्खलन:-

इसमें घर्षण के बाद पुरुष और स्त्री का गर्मी से मर्द के वीर्य तथा अंडाणु निकलते हैं और मिलते हैं और इनके आपस में मिलने के बाद नए जीव की उत्पत्ति होती है। ये सेक्स का चार्म है इसमें दोनों का वीर्य या रास निकलता है जिसके सही समय पर होने वाले मिलान से नए जीव की उत्पति होती है।

आफ्टर प्ले:-

इसमें स्खलन के बाद एक दुसरे को चूमना प्यार करना और सहलाना शामिल है इसके बारे में बहुत कम जानते हैं और इसे करते हैं जबकि ये भी बाक़ी तीनो हिस्सों की तरह से ज़रूरी है।

तो डायना ने पुछा आपको सेक्स में सबसे ज़्यादा क्या पसंद है? तो मैं सोच कर बोला किस करना और मैंने अभी तक इससे ज़्यादा कुछ किया भी नहीं है।

डायना ने जेन से पुछा किस क्या है?

मैं डायना के गाल पर चुंबन करके बोला किसी दुसरे अंग को ओंठो से चूमा किस या चुम्बन कहलाता हैl

तो जेन बोली सेक्स के लिए शारीरिक संपर्क ज़रूरी है शारीरिक संपर्क स्थापित करने के पहले प्यार भरा संपर्क स्थापित करना ज़रूरी होता है। ज़्यादातर महिलाओं को प्रेम सम्बंध स्थापित करने के पहले मानसिक रूप से तैयार होने के लिए चुंबन, उनका परवाह करना, कामुक स्पर्श करना अच्छा लगता है। इसके द्वारा वे धीरे-धीरे इस सम्बंध के लिए मानसिक रूप से तैयार होने लगती हैंl

सेक्स करने की एक सीमा है चोदते हुए या तो आप झड़ जाएंगे या थक जाएंगे पर अगर आप प्यार का इज़हार या लम्बा प्यार करना चाहते हैं तो उसका बेस्ट रास्ता है किश करनाl



आगे कहानी जारी रहेगी


आपका आमिर

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चौथा अध्याय

मेरी पहली चुदाई की कहानी

भाग 12

चुदाई का पहला सबक - किस करना और स्खलन का पहला अनुभव

उसके बाद, सुश्री जेन ने लिंगों और पारस्परिक कामुक इच्छाओं और उन्हें जोड़ों के रूप में संतुष्टि देने के तरीकों के बारे में हमारी जिज्ञासा को समझाया और संतुष्ट किया, फिर हम सभी अपने-अपने बेडरूम में चले गए।

उसके बाद सब अपने कमरे में चले गए तो मैं सुश्री जाने के कमरे में गया और मैंने कहा-जेन! आपसे एक बात पूछनी हैl मैंने किसी किताब में पढ़ा है कि लड़को का लंड सधारणतया 6 इन्च का होता है।

'हाँ है तो। और ये तुम्हें लण्ड जैसे शब्द क्यों बोल रहे हो, तुम्हें शर्म नहीं आती, लड़की के सामने ऐसे शब्द बोल रहे हो?'

आमिर-सॉरी जेन! गलती हो गई। फिर नहीं बोलूंगा।

जेन-अरे तुम तो नाराज हो गए। मैं तो मज़ाक कर रही थी। पूछो और क्या पूछना है।

आमिर-क्या सभी लोगों के लण्ड 6 इन्च के ही होते हैं?

जेन-नहीं ऐसा नहीं है, कुछ लोगों के उससे भी बड़े होते हैं,लेकिन तुम क्यों पूछ रहे हो?

मैं सोचने लगा कि, अब्बू मेरे दोस्त दीपक कुमार उन सबके भी इतने ही बड़े हैं।

आमिर-वह क्या है कि मेरे दोस्त!

जेन-मुझे लगता है तुम्हें कुछ और पूछना है लेकिन तुम डर रहे हो। डरो मत, खुल कर पूछो, तुम्हें क्या पूछना है?

आमिर-वह मेरा एक दोस्त (बहाना बनाते हुए अपने बारे में सोच कर) है, वह बोल रहा था कि उसका लण्ड 6 इन्च से भी बड़ा है। लेकिन मुझे उसकी बात पर यक़ीन नहीं है।

जेन-वह बोल रहा है, तो होगा उसका बड़ा, इसमें यक़ीन ना करने की क्या बात है।

आमिर-नहीं मुझे लगता है कि उसे कोई बीमारी होगी, इसीलिए उसका लण्ड बड़ा होगा।

जेन-अरे कोई बीमारी से थोड़े ही लण्ड लंबा होता हैl वह तो हार्मोन या वंशगत या अपने अपने शरीर के हिसाब की वज़ह से होता है। किसी का 6 इन्च से लंबा, तो किसी का 6 इन्च से छोटा, पर ज्यादातर लोगों का 6 इन्च के आस-पास ही होता है, समझे!

आमिर-हाँ समझ गया जेन,-शुक्र है खुदा का, मैं समझ रहा था कि कहीं मुझे कोई बीमारी तो नहीं है। अच्छा हुआ पूछ लिया नहीं तो मैं हमेशा बेचैन रहता।

जेन अपने मन में सोचने लगी थीं कि ये किसी दोस्त की नहीं बल्कि ख़ुद की बात कर रहा है। इसे लगता है कि जेन को कुछ पता नहीं चलेगा, पर तुम ये भूल रहे हो कि मैंने तुमसे से ज़्यादा दुनिया देखी है। कल मैंने देखा है पक्का इसका लण्ड बड़ा है। अगर लंबा हुआ तो मेरी तो चांदी ही चाँदी हो जायेगी। जेन ने सोचा कि मेरा लण्ड देखने के लिए कुछ तो करना ही पड़ेगा।

आमिर-जेन आप क्या सोच रही हो?

जेन-कुछ नहीं तुम्हारे दोस्त के बारे में सोच रही हूँ।

मैंने हैरान होते हुए पूछा-क्यों क्या हुआ मेरे दोस्त को।

जेन ने मेरे चहरे पर परेशानी देख कर कहा-मुझे लगता है शायद तुम्हारे दोस्त को बीमारी भी हो सकती है।

आमिर-क्या बीमारी हो सकती है?

जेन-हाँ अगर मैं उसके लण्ड को देख लूँगी, तो बता सकती हूँ कि उसे बीमारी है या नहीं।

मैं कुछ सोचने लगा।

जेन-तुम्हें क्या हुआ? तुम क्यों सोच रहे हो। तुम्हारे दोस्त को बीमारी है, तुम्हें नहीं।

आमिर-वह क्या है कि,

जेन मन में हँसने लगीं-अब आ रहा है लाइन पर फिर वे बोलीं-हाँ हाँ बोलो, क्या बोल रहे हो।

आमिर-वह मैंने आपसे झूट बोला कि..

जेन-हाँ बोलो?

आमिर-कि मेरे दोस्त का लण्ड लंबा है।

जेन ने उदास होकर सोचा कि सब काम खराब हो गया फिर पूछा-तो क्या छोटा है?

आमिर-नहीं लंबा तो है, पर मेरे दोस्त का नहीं बल्कि।

जेन-हाँ साफ़-साफ़ बोलो कि क्या बात है?

आमिर-वह मेरे दोस्त का नहीं बल्कि मैं अपनी बात कर रहा था।

जेन-क्या?

आमिर-हाँ मुझे लगता है मेरा लण्ड लंबा है। क्योंकि मेरे दोस्त कॉलेज में मेरे लम्बे लंड के लिए मेरा मज़ाक उड़ाते थे।

जेन-यह तो देखना पड़ेगा, तभी मुझे पता चलेगा। मुझे यक़ीन तो नहीं है शायद फिर से तुम झूट बोल रहे होगे।

आमिर-नहीं जेन, मैं सच बोल रहा हूँ। वह तब मैं डर गया था कि आप से कैसे पूछूँ, इसी लिए मेरे दोस्त के जरिये आप से पूछ लिया।

जेन-चलो कोई बात नहीं। अब तो तुम तुम्हारे सवालों के जवाब मिल गए न?

आमिर-हाँ पर आपने कहा था कि कुछ बीमारी भी हो सकती है।

जेन-वह तो देख कर ही बता सकती हूँ ऐसे-कैसे बता दूँ।

आमिर-मैं दिखाता हूँ।

मैंने अपनी पैन्ट और चड्डी निकाल दी।

इतनी देर से लड़कियों की फोटो देखते हुए और सेक्स और लण्ड के बारे में बातें करने से मेरा लण्ड हार्ड हो चुका था। लण्ड जेन को सलामी दे रहा था। मेरे लण्ड को देखते ही जेन का मुँह खुला का खुला ही रह गया। जेन तो एक मूरत की तरह खड़ी एकटक मेरे लण्ड को देख रही थीं। ऐसा लग रहा था कि जेन को बिजली का झटका लगा हो।

मैं भी जेन का रिएक्शन देख कर परेशान हो गया। मुझे लग रहा था कि कहीं मुझे बीमारी तो नहीं है। इधर मेरा लंड हर सेकण्ड के साथ बढ़ रहा था।

जेन ना कुछ बोल रही थीं, ना कुछ कर रही थीं, वह बस मेरे लण्ड को ही देख रही थीं। जैसे रूम में सिर्फ़ जेन और मेरा लण्ड ही हो।

आमिर-क्या हुआ जेन?

जेन-कुछ नहीं, वह वो त,तुम्हारा लण्ड क्या सच में क्या ये रियल का है?

आमिर-मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है जेनl

जेन ने नॉर्मल होते हुए कहा-अरे कुछ नहीं।

आमिर-फिर आप इस तरह खड़ी क्यों थीं? बताइये न जेन क्या कोई प्रॉब्लम तो नहीं है?

जेन-रुको पहले मुझे ठीक से देखने दो फिर मैं बताती हूँ।

आमिर-हाँ ठीक है, लो देखो।

जेन- सच में बहुत बड़ा लंड है आमिर तुम्हारा! 7-8 इंच का तो होगाl मैंने अपने लाइफ में इतना बड़ा लण्ड कभी नहीं देखा।

आमिर - 8 इंच! मैंने एक बार मापा था!

आमिर-क्या मुझे कोई बीमारी तो नहीं है?

मेरा खड़ा हुआ लम्बा और बड़ा लण्ड देख कर जेन की चूत में तो पानी आ गया। और बोली

'आमिर मुझे देखना पड़ेगा कि तुम्हें बीमारी है कि नहीं?'

आमिर-हाँ जल्दी देख लीजिये।

जेन-रुको में अन्दर से तेल लेकर आती हूँ।

आमिर-तेल क्यों?

जेन-बीमारी है कि नहीं, ये चैक करने के लिए।

आमिर-हाँ लेकर आइए।

जेन ने तेल लाकर मेरे लण्ड पर डाल दिया और लण्ड पर अच्छे से लगाने लगीं। मुझे भी इसमें मज़ा आ रहा था, पर डर भी था कहीं कोई बीमारी तो नहीं मुझे। जेन ने अब अपने हाथों को हिलाना शुरू किया। जेन ने अब अपने हाथों की गति बढ़ा दी। लगभग 10 मिनट तक हिलाने के बाद मुझे लगा कि मेरे लण्ड का कड़ापण बढ़ गया है।

फिर से मेरे लण्ड से पानी निकल गया, और जेन ने वह पानी अपने हाथों में ले लिया।

जेन-ये देखो आमिर , इससे पता चलेगा कि तुम्हें कोई बीमारी है कि नहीं।

आमिर-लेकिन इससे कैसे पता चलेगा?

जेन- मैं इसे चख कर देखूंगी, तब मुझे पता चलेगा।

आमिर-लेकिन ये तो गंदा होगा।

जेन-नहीं ये गंदा नहीं होता है। इसी से बच्चा पैदा होता है।

आमिर-कैसे?

जेन-जब ये पानी किसी लड़की की चूत में जाता है, तब बच्चा पैदा होता है।

'मतलब?'

जेन-चुदाई के बाद ही ये पानी लड़की के चूत में जाता हैl रुको, मैं पहले चैक करती हूँ कि तुम्हें बीमारी है कि नहीं।

जेन ने मेरा पानी अपनी जीभ से चाट लिया। थोदी देर बाद जेन के चेहरे पर ख़ुशी देख कर मुझे भी थोड़ी राहत मिली।

आमिर-क्या हुआ जेन,सब ठीक तो है न?

जेन ने अपनी चूत खुजाई 'हाँ, सब ठीक है,'

आमिर-मुझे कोई बीमारी तो नहीं है?

जेन सोचने लगीं कि लड़के छोटी उम्र से ही लण्ड, चूत, चुदाई शब्द का उपयोग करते हैं पर उनको पूरा ज्ञान नहीं होता।

'डरने की कोई बात नहीं है। तुमको कोई बीमारी नहीं है।'

आमिर-फिर ये लण्ड इतना बड़ा क्यों है?

जेन-अरे तुम्हें तो भगवान का शुक्रिया करना चाहिए कि तुम्हें इतना अच्छा लण्ड मिला है। बहुत कम लोगों का इतना बड़ा होता है समझेl

आमिर-थैंक यू जेन!आपने मेरे सर से कितना बड़ा बोझ हल्का कर दियाl मैं बता नहीं सकता।

मैं अब भी नंगा ही खड़ा था।

'आमिर जैसे आज मैंने तुम्हारा लण्ड देखा हैl वैसे ही तुमने कभी किसी की चूत देखी है?'

आमिर - वह जेन कल आपको देखा था!

जेन-दुबारा देखना चाहोगे?

आमिर-हाँ देखने की इच्छा तो है।

जेन-हाँ मेरी चूत l

आमिर-अगर आप दिखायेंगी तो ज़रूर देखूंगा।

जेन ने अपनी नाइटी उतार दी। जेन नाइटी के अन्दर पूरी नंगी थीं। जैसे ही नाइटी ज़मीन पर गिरी, जेन मेरे सामने नंगी खड़ी थीं। मैं भी कमर के नीचे नंगा था। जेन की चूत चिकनी थी। जेन के दूध पके हुए आम की तरह दिख रहे थे।

जिस तरह जेन मेरे लण्ड को देख कर एक मूरत की तरह खड़ी थींl उसी तरह मैं भी जेन को नंगा देख कर मूरत की तरह खड़ा था।

जेन के चेहरे पर लण्ड मिलने की ख़ुशी झलक रही थीl! आमिर! कैसी लगी तुम्हें मेरी चूत?

जेन-आमिर, मेरे पास आ जाओ!

मैं जेन के पास चला गया। जेन और मेरे बीच बस कुछ कदमों का फ़ासला रह गया था। मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था।

जेन-हाथ लगाकर देखो मेरी चूत कोl

जैसे ही मेरे हाथों ने जेन की चूत को छुआ, मेरे शरीर में करंट लगा और मैं पीछे हो गया।

जेन-क्या हुआ, पसंद नहीं आई मेरी चूत?

आमिर-हम्म!

जेन-क्या तुमने इससे पहले कभी चूत देखी है।

मैं कुछ नहीं बोला।

जेन-क्या तुमने कभी चुदाई की है।

आमिर- नहीं जेन! मैंने किसी की चूत ही नहीं देखी। और ये चुदाई का क्या मतलब है?

जेन-करना चाहते हो?

आमिर-हाँ!!

जेन-तो शुरू करो न।

आमिर-मुझे चुदाई करना नहीं आती।

जेन-मैं तुम्हारी जेन हूँ तो मैं तुम्हें चुदाई कैसे करते है, सिखाऊँगी। मुझसे सीखोगे?

आमिर-हाँ, मुझे चुदाई करना सीखना है, आप मुझे सिखा दो।

जेन-मैं तुम्हें ऐसी चुदाई सिखाऊँगी कि तुम हर लड़की और हर औरत को खुश कर सकोगे।

आमिर-जी।

जेन-पहले मुझे किस करो।

मैंने जेन के लिप्स पर अपने होंठ रख दिए। लगभग 5 सेकण्ड बाद मैंने उसने छोड़ दिया, क्योंकि जेन ने मुझे धक्का दिया था।

तुम्हे किस करनी नहीं आती कभी किस की है तुमने?

मैंने कहा हाँ आपको और लूसी को किस करि है एक दो बार पर इससे ज़्यादा कुछ नहीं।

चलो फिर यही से शुरू करते हैं मैं तुम्हे किस करना सिखाती हूँ।

उसके बाद जेन ने मुझे पकड़ कर वापिस मेरे होंठो को किस किया और मेरे सर को जकड़ के अपने मुंह से मुंह लगा दिया और वह मेरा ऊपर का ओंठ चूसने लगी। मैं चुपचाप अपना जीभ चुसवा रहा था। जेन बोली बिलकुल अनारी हो तुम तो ठीक से किस करनी भी नहीं आती।

जेन-अरे सिर्फ़ होंठों के ऊपर होंठ रखने से किस नहीं किया जाता l तुम मेरे होंठों को अपने होंठों में रख कर चूसो। कभी ऊपर के होंठों को, तो कभी नीचे के होंठों को, होंठ चूसते हुए मुँह खुले पर अपनी ज़बान सामने वाले के मुँह में डाल कर उसकी ज़बान से साथ खेलो। फिर एक-दूसरे की ज़बान को चूसो। समझे कि नहीं अब,तो फिर अब शुरु करोl

जैसे जेन ने कहा, वैसे ही मैंने किस करना चालू किया। मैं अपने होंठों को जेन के होंठों पर रख कर चूसने लगा, कभी ऊपर के, तो कभी नीचे के होंठ को चूसने लगा।

जैसे ही जेन ने अपना मुँह खोलाl मैं जेन की जीभ को अपने होंठों में पकड़ कर चूसने लगा। लगभग 10 मिनट तक चूमता रहा। बाद में हमने चूमना छोड़ दिया।

जैसे ही जेन ने अपना मुँह खोलाl मैं जेन की जीभ को अपने होंठों में पकड़ कर चूसने लगा। लगभग 10 मिनट तक चूमता रहा। बाद में हमने चूमना छोड़ दिया।

जेन-तुम तो जल्दी सीख गए।

आमिर-मैंने ठीक किया।

जेन-ठीक क्या, तुमने बहुत अच्छा किया।

चलो अब जल्दी से फिर किश करो। चूसो मेरे होंठ और मैं उसके निचले ओंठ को चूसने लगाl थोड़ी देर बाद वह मेरा निचला होंठ चूसने लगी और मैं उसका ऊपर का ओंठ चूसने लगाl वह बोली अपना मुँह थोड़ा खोलो और किस का मज़ा लो मैंने अपना मुंह थोड़ा-सा खोला और जेन की जीभ मेरे मुंह में चली गयीl

आगे बेहद उत्तेजक और अत्यंत सुखद अनुभव हुआ जिसकी कल्पना भी नहीं कर सकता था। जेन बोली मेरी जीब को चूसो तो मैं जेन की जीभ चूसने लगा फिर जेन बोली मेरी जीभ से अभी झीब दो और खेलो जेन की जीभ मेरी झीब से खेलने लगी और मैं जेन की झीभ से खेलने लगाl जो जेन करती थी मैं भी वही कर उसका जवाब देता थाl वह जीभ फिराती मैं जीभ फिराता वह ओंठ चूसती मैं ओंठ चूसताl

यह सब करते-करते जेन मुझे धीरे-धीरे सरक सरक कर दिवार के पास ले गयी और मेरे साथ लिपट गयीl उसका बदन मेरे बदन से चिपक गया; उसके दूध मेरी छाती में दब गए थे और मुझे दिवार से सटा दियाl जेन के हाथ भी मेरे बदन पर फिर रहे थेl और वह मेरी जीभ को चूसने लगीl फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसाl जेन मुझे बेकरारी से चूमने लगी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट तक वह मेरे लबों को चूमती चुस्ती रही। फिर रुक कर सांस लेनी लगी और अपने होंठो को जीब पर फिरते हुए बोली सच मज़ा आ गया!

जेन बोली कैसी लगी किस मैंने कहा मज़ा आया l

जेन की सारी लिपस्टिक मेरे और उसके मुँह पर फ़ैल गयी थीl मेरे मुँह और अपने मुँह को उसने एक रुमाल जो वही स्टूल पर रखा था उससे पूंछाl जेन के होंठ फिर मेरे होंठो से जुड़ गए और हम दुबारा किस करने में लग गएl हमारे नाक आपस में टकरा रहे थे और कभी सीधे और कभी दाए कभी बायीं और मुँह कर किस कर रही थीl जेन की गर्म-गर्म मादक साँस मेरे मुंह पर लगने लगीl मुझे उसके होंठ बहुत नरम थेl उसे मैंने भी कस कर किश किया और जैसे वह किस करती थी वैंसे ही जवाब दियाl मेरे हाथ उसकी पीठ पर पहुँच गए l

हम दोने एक दुसरे के ओंठ चूसने लगे और हमारे मुँह खुल गए और मुँह का रास एकदूसरे के मुँह में रास घुलने लगा l उसकी गरम साँसे और ख़ुशबू मुझे मदहोश करने लगी l सच में जेन बहुत सेक्सी थी l तभी जेन ने मेरा लैंड पकड़ लिया और दबाने लगी लंड कड़ा हो चूका था l

जेन-अब मेरे गालों को चूमो, चूसो, पूरे चहरे पर चूमो,बाद में मेरे कानों को भी चूमो।

जैसे जेन ने कहा, मैंने वैसा ही किया। जेन के मुँह से आवाज़ निकल रही थी। दस मिनट तक वह सब करने के बाद मैं रुक गया।

जेन-अब मेरी गर्दन पर चूमो।

मैंने वैसे ही किया। जेन जोर-जोर से साँसें ले रही थीं।

जेन-अब मेरे दूध को हाथों से दबाओ। पहले आराम से दबानाl फिर थोड़ी देर बाद ज़ोर से दबानाl कभी लेफ्ट कभी राइट वाला, ठीक है।

'ठीक हैl'

' फिर मेरे निप्पल को थोड़ा खींचना और थोड़ा सहलाना। फिर अपनी ज़बान को मेरे निप्पल पर घुमानाl फिर मुँह में लेकर चूसना। जितना अन्दर तक हो सके। उतना मुँह में लेना और दूसरे दूध को हाथों से दबाते रहना।

'जी ठीक हैl'

जेन के दूध कॉटन की तरह नरम थे। जेन के दूध के साथ खेलने में मज़ा आ रहा था।

वो बीच-बीच में चिल्ला रही थीं कि और ज़ोर से और ज़ोर से दबाओ।

मेरे दूध चूसने से जेन मदहोश होने लगींl वे थोड़ी देर बाद अकड़ गईं। मुझे कुछ समझ नहीं आया। मैं तो जेन के दूध के साथ खेलता रहा।

मेरे उसके स्तन दबाने और खेलने से ही वह झड़ गयी थी फिर थोड़ी देर बाद जेन नॉर्मल हो गईं।

जेन-आमिर , सच में.,तुम जल्दी सीख जाते होl

आमिर-वह तो, जैसे आप बता रही हो, मैं तो वैसा ही कर रहा हूँ।

जेन-अब तुम मेरी नाभि के साथ खेलो., उसमें अपनी उंगली डालो उसे किस करोl उसमें अपनी जीभ डालो। और फिर अपनी जीभ को नाभि में आगे-पीछे करो, ठीक है?

'जी जेनl'

मैं अपनी उंगली जेन की नाभि में डाल कर खेलने लगा। फिर उस पर हल्के से चाटने लगा, मैं अपनी जीभ को नाभि में डाल कर आगे-पीछे करने लगा।

जेन को भी इसमें मज़ा आ रहा था।

जेन-आह्ह,फिर कुछ सोचते हुए रुक गयी और बोली आमिर अब रुक जाओ.।

आमिर-क्या हुआ क्यों रोका l

वो बोली जैसा हमने तय किया है तुम्हारा पहला सेक्स लूसी के साथ ही होगा इसलिएl

अब आगे का सबक कल सीखेंगे जब तुम लूसी के साथ होंगे और इस मौके को ख़ास होना चाहिए जिससे तुम और लूसी उसे कभी न भूलो l

किश करके नग्न लड़कियों के फोटो देख कर मैं बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो गया था और अब मैं जल्द से जल्द लूसी और बाक़ी दोनों लड़कियों के साथ यौन सम्बंध बनाना चाहता था। वह तीनो भी मेरे साथ यौन सम्बंध बनाना चाहती थी। मैं चाहता था किलूसी सबसे पहले बिना शर्त मेरे लिए आत्मसमर्पण कर दे और ऐसा लगता था कि वह तैयार थी और मैंने सोचा कि मैं अपने पहले सेक्स को ख़ास बनाऊंगाl क्योंकि, ये हम दोनों के लिए बहुत ख़ास मौका है मैंने अपनी ख़ास विश्वास पात्र सेविका को फ़ोन पर कुछ सन्देश भेज कर कुछ देर बार लूसी के मीठे सपनो में खो गया।

आगे कहानी जारी रहेगी,
 
 
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#40
Jabardasth kahani bhai
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