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Adultery मजे - लूट लो जितने मिले
#1
मजे - लूट लो जितने मिले


मेरे नाम आमिर है. मैं हैदराबाद का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 21 साल है. मैं अपने अम्मी अब्बा की इकलौती संतान हूँ. मैंने विदेश से पढ़ाई की है और पढ़ाई पूरी कर कुछ दिन पहले ही घर वापिस आया हूँ.



कुछ दिन पहले सब लोग एक शादी में दिल्ली गए हुए थे. वहां पर मेरे अम्मी के चाचा के बेटी यानि मेरी खाला नूरी भी आयी हुई थी. अम्मा ने मुझे उनसे मिलवाया. नूरी खाला बहुत सुन्दर हैं, एकदम गोरा रंग, गोल चेहरा बड़ी बड़ी काली आँखें सुन्दर तीखे नैन नक्श मीठी आवाज ... खाला बहुत हंसमुख हैं.



कुछ ऐसे हालात बने की मेरे निकाह हुए और मैंने खाला की भी चुदाई की . वो मुझसे कैसे चुदी, पढ़ें इस अजीबोगरीब कहानी में!


INDEX

मजे - लूट लो जितने मिले 


प्रथम अध्याय - खाला को चोदा 

भाग 1 on Page 1
भाग  2 on Page 1
भाग  3 on Page 3

दूसरा  अध्याय -  खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला 

भाग 1 on Page 3
भाग 2 on Page 4
भाग 3  on Page 4
भाग 4 on Page 5
भाग 5 on Page 5
भाग 6 on Page 5
भाग 7 on Page 5

तीसरा  अध्याय - आपा और दूसरी बीबी के साथ सुहागरात   

भाग 1 on Page 5
भाग 2 on Page 5
भाग 3 on Page 6

चौथा अध्याय - मेरी पहली चुदाई की कहानी 

भाग 1 on Page 6
भाग 2 on Page 7

पांचवा अध्याय - वासना भरी ताबड़ तोड़ चुदाई 
मजो की दुनिया में मेरे अनुभव  

भाग 6-डॉक्टर जूली की चुदाई
भाग 7 -जूली अपने पूरे रंग में


छठा अध्याय -खड़े लंड की दास्ताँ.
भाग-19 खुली बालकनी में बारिश के साथ में चुदाई
भाग-20 ताज के पास नदी के किनारे पर न्यूड और सेक्सी फोटोशूट. 


सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं 

भाग-18
भाग-19
भाग-20
भाग-21
भाग-22
भाग-23
भाग-24




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#2
मजे - लूट लो जितने मिले

पहला अध्याय

खाला को चोदा

भाग 1



मेरे नाम आमिर है. मैं हैदराबाद का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 21 साल है. मैं अपने अम्मी अब्बा की इकलौती संतान हूँ. मैंने विदेश से पढ़ाई की है और पढ़ाई पूरी कर कुछ दिन पहले ही घर वापिस आया हूँ.

कुछ दिन पहले सब लोग एक शादी में दिल्ली गए हुए थे. वहां पर मेरे अम्मी के चाचा के बेटी यानि मेरी खाला नूरी भी आयी हुई थी. अम्मा ने मुझे उनसे मिलवाया. नूरी खाला बहुत सुन्दर हैं, एकदम गोरा रंग, गोल चेहरा बड़ी बड़ी काली आँखें सुन्दर तीखे नैन नक्श मीठी आवाज ... खाला बहुत हंसमुख हैं.

मुझे पता चला कि खाला शादी के कुछ ही साल बाद ही जवानी में ही बेवा हो गयी थी. मेरी खाला से अच्छी बन गयी और बातचीत में पता चला कि खाला की चार बेटियाँ हैं और उनमें से एक की शादी हो चुकी है.

जब सगाई हो रही थी तो खाला मेरे साथ ही बैठी थी. शादी के दौरान खाला ने मेरे साथ खूब अपनी सेल्फ़ियाँ ली और मुझसे पूछा कि मेरी कितनी गर्लफ्रेंड हैं.

मैंने बताया- अभी तीन साल बाद विदेश से घर वापिस आया हूँ, कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.

तो खाला ने पूछा- विदेश में कितनी गर्लफ्रेंड थी?

मैंने कहा- बहुत सारी.

तो खाला ने मुस्कुरा के पूछा- फिर तो बहुत मजे किये होंगे?

इससे पहले मैं जवाब देता, खाला का फ़ोन आ गया और खाला उठ कर चली गयी.

उसके बाद खाला मेरी अम्मी से मिली और फिर कहीं नज़र नहीं आयी. मैंने पता किया तो पता चला किसी कारण से खाला को इमरजेंसी में वापिस अपने घर कश्मीर अर्जेंट जाना पड़ा है इसीलिए वे चली गयी.

मैं सगाई में बोर होता रहा क्योंकि मेरे वहां कोई परिचित या दोस्त नहीं थे.

सगाई हो गयी तो अम्मी अब्बू ने बुलाया और कहा- बेटा आमिर, नूरी खाला से तो तुम मिल ही चुके हो, एक जरूरी काम से तुम्हें नूरी खाला के पास कश्मीर जाना होगा, उनका बहुत जरूरी काम है हम शादी बीच में छोड़
कर जा नहीं सकते और वहाँ जो खाला कहें, वह हमारा हुक्म मान कर पूरा करना.

मैंने सर झुका कर आदाब बजाया और अगली फ्लाइट से कश्मीर श्रीनगर निकल गया.

कश्मीर मैंने देखा भी नहीं था और नूरी खाला का साथ मुझे अच्छा लगा था.

वहाँ जाकर जो कुछ मालूम हुआ, उससे मेरे कान सुर्ख हो गए, मेरी 1 कजिन जिसका नाम सारा था और उम्र लगभग १९ साल थी की शादी हमारे कजिन इमरान से हुई थी और उनका आपस में बहुत प्यार मोहब्बत था, पता नहीं क्या हुआ कि उसने ग़ुस्से में आकर मेरी कजिन सिस्टर को तलाक़ दे दिया और इसी कारण से वह शादी में भी नहीं आयी थी.

इस तलाक देने के बाद मेरे कजिन को बहुत पछतावा हुआ और इमरान ने दोबारा सारा से शादी करने की ख्वाहिश की, मौलवी साहेब बोले- शरीयत के रूल से सारा को हलाला से गुजरना होगा और कम से कम एक रात के लिए किसी और की बीवी बनना पड़ेगा, तब ही इन दोनों की शादी हो सकती है.

नूरी खाला ने मुझे बताया कि वो एक रात की शादी मुझको सारा से करनी होगी. जब मुझे यह बात मालूम हुई तो मैंने मन ही मन कहा- चलो एक रात की ही बात है, मज़े कर लो आमिर साहब!
मैंने हामी भर ली और कहा- खाला, आपकी बेटी का घर बस जाए, मुझे उससे ज्यादा कुछ नहीं चाहिए.

नूरी खाला बहुत खुश हुई और मुझे गले लगा कर प्यार किया और बोली- बेटा, कभी कुछ भी चाहिए हो तो बेझिझक मांग लेना.

अगले दिन निकाह होने की बात तय हो गयी. खाला का घर काफी बड़ा था, मुझे रात में अलग कमरा सोने के लिए दिया और मैं सोने के तैयारी करने लगा.

कुछ देर बाद मेरा मोबाइल बजा और खाला का फ़ोन था, उन्होंने कहा- सो गए थे क्या?

तो मैंने कहा- सोने की तैयारी कर रहा था.

खाला बोली- तुम मेरे कमरे में आओ! और फ़ोन कट गया.

मैं खाला के कमरे में गया तो देखा कि मोहतरमा लाल कपड़ों में दुल्हन बन घूंघट ओढ़े मेरा बिस्तर पर इंतजार कर रही थी. फिर मैं उनके पास गया और पूछा- खाला, ये सब क्या है?

खाला बोली- आमिर, आज तुम्हारा इम्तेहान है. तुम्हें सारा से सिर्फ शादी ही नहीं करनी, उसके साथ सोना भी है और शौहर बीवी की तरह चोदना भी है. मैं पक्का करना चाहती हूँ कि तुम उसे चोद पाओगे या नहीं.

मैंने कहा- आपको ऐसा क्यों लगता है?

तो खाला ने सारा की पूरी कहानी बताई, खाला बोली- इमरान मेरे भाई का बेटा है, उसी ने जिद कर के सारा से शादी की थी लेकिन शादी के बाद पता चला उसका लंड बहुत छोटा था और वह सारा को चोद ही नहीं पाता था. इसी कारण दोनों में झगड़ा हुआ और इमरान ने गुस्से में सारा को तलाक दे दिया. अब मैं चाहती हूँ हलाला के जरिये ही सही, कम से कम एक बार तो सारा को चुदाई का पूरा सुख मुझ से मिल जाए.

अब वे यह देखना चाहती थी मेरा लंड कितना बड़ा है और क्या मैं ठीक से चोद पाता हूँ या नहीं! इसीलिए उन्होंने ये सारा इंतज़ाम किया था.

फिर नूरी खाला बोली- आमिर, मेरे साथ आराम से करना क्योंकि मैं भी कुंवारी हूँ!

मैं फिर चौंका- ये कैसे?

तो खाला बोली- मेरी चारों बेटियाँ मेरी बड़ी आपा की औलाद हैं. बिमारी से आपा के इन्तकाल के बाद तुम्हारे खालू भी बीमार रहने लगे तो बच्चों की देखभाल के लिए मेरा निकाह आपा के शौहर से कर दिया गया. और बिमारी के कारण सुहागरात भी नहीं मनी और निकाह के कुछ दिन बाद ही वे चल बसे और तुम्हारी ये नूरी खाला शादी कर के भी कुंवारी रह गयी. आज इसी बहाने तुम्हारी खाला की हसरतें भी पूरी हो जाएंगी.

तो मैं खाला को गले लगा कर बोला- खाला, मुझसे एक बार चुदने के बाद मुझसे चुदे बिना रह नहीं पाओगी.

खाला ने लाल लहंगा, चोली चुनरी और ढेर सारे गहने पहने हुए थे और साथ में गजरा और फूलों से शृंगार किये हुए स्वर्ग से आयी हुई अप्सरा लग रही थी. मेरा तो लंड उसे देख कर बेकाबू हो गया और मेरी हालत काम रोग से ग्रस्त हो गयी.

खाला बिस्तर के पास शर्मायी हुई अपने पैरों की तरफ देख रही थी. उसने हल्का सा घूंघट किया हुआ था. उसका चेहरा शर्म और आगे जो होने वाला था, सोच कर लाल हो रहा था, वह थोड़ी सी घबराई हुई थी.
मैं थोड़ा सा आगे होकर और उनका हाथ अपने हाथ में ले लिया और उनको बेड पर ले गया.

या खुदा!! उनका नर्म गर्म हाथ पकड़ते ही मेरे तनबदन की आग और भड़क गयी और मेरा लंड सनसनाता हुआ पूरा 8 इंची बड़ा हो गया और सलामी देने लगा.

मैंने नूरी खाला की तारीफ करना शुरू कर दिया. मैंने कहा- खाला, बहुत सुन्दर हो आप, आप मेरे सपनों की रानी हो, जबसे आपको देखा है, तब से आपसे बहुत प्यार करता हूँ मैं और आपको पाना चाहता था. आज अल्लाह के करम से आप मेरी हो गयी हैं.

वह और भी शर्माने लगी और मेरे बहुत कहने पर मीठी आवाज़ में बोली- मैं भी आप को प्यार करती हूँ.

दूध जैसी गोरी चिट्टी लाल गुलाबी होंठ नाज़ुक होटों के नीचे काला तिल! नाक पर बड़ी नथ, मांग में टिका बालों में गजरा, उनका चेहरा नीचे को झुका हुआ था इतनी सुन्दर दुल्हन देख मेरे मुँह से निकला वाह!! तुम तो क़यामत हो मेरी जान!

मेरा लंड फुफकारने लगा. मैंने धीरे से उनके चेहरे को ऊपर किया, नूरी खाला की आँखें बंद थी. इतनी सुन्दर नूरी खाला मुझे अता फरमाने के लिए मैंने अल्लाह का शुक्रिया अदा किया और बोला- मेरी जान, अपनी आँखें खोलो और मुझे देखो!

उन्होंने आँखें खोली और हल्की से मुस्करायी मैंने उनके ओंठों पर एक नर्म सा चुम्बन ले लिया. यह उनका पहला चुम्बन था, वह फिर शर्मा कर सिमट कर मुझ से लिपट गयी.

मैंने खाला को अपने गले लगाया और पीठ पर हाथ फिराया, उनकी पीठ बहुत चिकनी थी, मैंने पूछा- क्या आपको मालूम है सुहागरात में क्या करते हैं?

उन्होंने अपना सर हाँ में हिलाया और मुझसे और कस का लिपट गयी.

मेरे हाथ ने महसूस किया उन्होंने बैकलेस चोली पहनी हुई थी जो सिर्फ दो डोरियों से बंधी हुई थी और ब्रा नहीं पहनी हुई थी फिर मेरे फिसल हाथ की कमर तक पहुँच गए थे ... क्या चिकनी नरम और नाजुक कमर थी.
मेरे हाथ फिसल कर उनकी गांड पर पहुँच गए थे. उन्होंने लहंगा अपनी नाभि की नीचे और चूत के ऊपर पहना हुआ था. उनकी गांड की दरार को मैंने महसूस किया. 'आअह्ह्ह...' उनकी सिसकी निकल गयी.

मैंने फिर पूछा- खाला, क्या आप तैयार हो?

उन्होंने हाँ में सर हिलाया और धीरे से बोली- इस रात का इंतज़ार तो हर लड़की करती है.

मेरे सपनों की रानी मेरे साथ थी दुल्हन बन मेरे से चुदने को तैयार!

मैंने फिर से कहा- आप सबसे सुन्दर, गोरी मस्त माल हो. आपको देखकर मैं तो दीवाना हो गया हूँ!

मैंने हल्की सी आवाज में बोला- आई लव यू खाला! आपको मालूम नहीं है मेरी क्या हालत है. मेरे मन आपको देखते ही बेकाबू हो जाता है, तुम तो मेरे दिल की मलिका हो!

मैं आगे बोला- आपके गुलाबी नर्म गुलाब के पंखुरियों जैसे होठों का रस चूसना शुरू करे तो रूकने का नाम ही न ले। मैंने आज तक तुम जैसी सेक्सी लड़की नहीं देखी!

मैंने फिर उनको अपने से हल्का सा दूर किया, हाथों से उनका चेहरा ऊपर किया और होंठों पर एक लम्बी किस की. उनकी आँखें बंद थी, मैंने उनके होंठों को छोड़ कर चेहरा ऊपर किया तो खाला ने आँखें खोली और मुस्करायी.

मैं फिर मैं उनके ओंठों को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी. फिर मैंने अपनी जीभ उनके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी. फिर मैंने भी उनकी जीभ को चूसा. मेरी जीभ जब उनकी जीभ से मिली तो उनका शरीर सिहरने लगा.

फिर मैंने अपने होंठ उनके ओंठों से अलग किये हम दोनों मुस्कराये और फिर बेकरारी से लिप किस करने लगे और चूमते चूमते हमारे मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था।

कम से कम 15 मिनट तक लिप किस करता रहा, वह मेरा लिप किस में भरपूर साथ दे रही थी. खाला को दर्द हो रहा था मगर खाला मुझ से भी ज्यादा प्यासी थी, उने दर्द में भी मज़ा आ रहा था।

हम लोग एक दूसरे को किस करने लगे थे. मैंने खाला की पीठ, कमर पर अपनी उंगलियाँ फेरनी शुरू कर दी थीं. मेरे हाथ उनके कन्धों पर थे और वह मुझको अपनी ओर खींच रही थी और उसी बीच मेरे हाथ उनके चोली पर से होते हुए खाला की पीठ कमर पर होते हुए उनके स्तनों पर पहुँच गये. मेरा हाथ चोली के ऊपर से स्तनों को दबा रहा था. खाला की आँखें पूरी तरह से बंद थी. वह मेरे हर प्रयास को अनुभव कर रही थी और उसका पूरा मजा ले रही थी.

फिर मैंने धीरे से उन्हें अपनी बांहों में लिया और उनके ओंठों पर चूमना जारी रखा. अब नूरी खाला सिहरकर मुझसे लिपट गयी थी और उनकी 38 साईज की चूचियां मेरे सीने से दब गयी थी. मैंने उत्तेजना में उन्हें जकड़कर अपनी बांहों में मसल डाला.

तो नूरी खाला ने कहा- आमिर, मेरे दूल्हे, धीरे करो, बहुत दर्द होता है.

कहानी जारी रहेगी.
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#4
मजे - लूट लो जितने मिले

प्रथम अध्याय

खाला को चोदा

भाग 2



नूरी खाला ने कहा- आमिर, मेरे दूल्हे, धीरे करो, बहुत दर्द होता है.

फिर मैंने उनके गालों पर अपनी जीभ फेरनी चालू कर दी और फिर उनके ऊपर के होठों को चूमता हुआ, उनके नाक पर अपनी जीभ से चाट लिया. अब नूरी खाला उत्तेजित हो चुकी थी और सिसकारियां भरती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी. अब मैं उनके चेहरे को चूसते हुए उनकी गर्दन को चूमने, चाटने लगा था और मेरे ऐसा करते ही वो सिसकारी लेती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी.

अब मैंने खाला के कपड़े उतारने शुरू किये तो खाला बहुत उत्तेजित थी, कि आज वह पहली बार किसी मर्द के सामने बिना
कपड़ों के होने वाली थी. और तो और आज एक पुरुष को पूर्ण नग्न देखने का मौका मिलने वाला था.

धीरे से मैंने उसकी गोरी पेशानी चूम ली और धीरे से उनकी चुनरी हटाने लगा. उन्होंने भी मुझे चुनरी हटाने में मदद की. मैंने खाला को कहा- नूरी खाला आप मुझे बिल्कुल मुमताज लगती हैं!

तो वे बोली- मेरे शाहजहां, मैं आपकी मुमताज ही हूँ! आप आगे से मुझे मुमताज ही कहें!

अब मैंने उसका मांग टीका हटा दिया, उनकी नशीली आंखें मुझे नशे में कर रही थी। फिर मैंने उनकी दोनों नशीली आँखों पर एक चुम्मा दिया. फिर अपनी मुमताज का नाक को चूमा तो वे सिहर उठी.

मैंने चुनरी के एक पल्लू को लहंगे और एक कंधे से हटाया और वो एक तरफ गिर गया, अब चुनरी एक कंधे पर थी साथ ही चुनरी
का दूसरा हिस्सा जो लहंगे में घुसा हुआ था होता है, वे मेरे सामने लहंगे और चोली में थी और चुनरी आधे बदन पर थी क्या क़यामत का नज़ारा था.

मेरा लंड फिर सनसनाने लगा. मैंने खाला को एक बार फिर से अपनी बाहों में भर लिया और हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देखने लगे.

उनकी चोली में उनके स्तन पूरी तरह फिट थे और बाहर आने को आतुर थे. उसकी चोली स्लीव लेस थी, मैंने उसकी चोली के ऊपर की डोरी खोल दी और उसके कंधों और बाँहों पर किस करने लगा. उसके बाद नीचे की भी डोरी खींच कर चोली की अलग कर दिया और खाला के उरोज आजाद कर दिए.

नूरी खाला शर्मा कर बांहों से अपनी छाती छुपाने लगी और मुझसे लिपट गयी. मैंने धीरे से उनको अलग किया और छातियों को हाथों से पकड़ लिया और जोर से दबाने लगा, दोनों बूब्स एकदम लाल हो गए. फिर मैंने उनके निप्पल्स को पकड़ लिया और मसलने लगा. खाला के गुलाबी चूचुक उत्तेजना से खड़े हो चुके थे. मेरे हाथों ने उनके स्तनों को अपनी हथेलियों में भरा और उन्हें किस करने लगा. हम दोनों की साँसें तेज तेज चलने लगी.

मैंने अपना कुर्ता उतार दिया और खाला को अपनी छाती से लगा कर अपनी बाँहों में जकड़ लिया, उनके नर्म मुलायम बूब्स का मेरी छाती से दबने लगे. मैं अपने आनंद को बयां नहीं कर सकता! मैं उनके स्तनों को देखे जा रहे था और उनका दिल जोर जोर से धड़क रहा था. मैंने एक निप्पल अपने मुख में रखा और चूसने लगा. अल्लाह... नहीं बता सकता कि उस पल क्या अनुभूति हुयी. फिर मैंने दूसरे निप्पल को किस किया और उसे भी चूसना शुरू कर दिया. उन्होंने अपना सर उत्तेजना और आनंद के मारे पीछे की ओर कर लिया था.

मैंने चूचियों को दांतों से काटा तो खाला कराह उठी और वो मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थी, खाला कह रही थी- धीरे मेरे राजा, धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा ही है!

उनके बूब्स अब लाल हो चुके थे, उनके पूरे शरीर में एक आग सी लग गयी. तभी पता नहीं क्या हुआ, उनके शरीर में एक उफान सा आया और वे सिस्कारती हुई निढाल सी हो गयी.

मैं समझ गया कि वे झड़ चुकी हैं. और मैंने पहली बार उसकी चूत को छुआ, मुझे योनि में गीलापन सा महसूस हुआ. वो उसका पहला ओर्गास्म था उस सुहागरात में!

और उन्हें लगा कि उन्होंने पैंटी में पेशाब कर लिया है. खाला बहुत शर्मिंदगी महसूस करने लगी.

फिर मैंने लहंगे का नाड़ा खोल कर उतार दिया दिया और उनकी चूत पैंटी के ऊपर ही हाथ फेरने लगा. उन्हें जैसे करंट सा लगा, उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी, उनका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था. और फिर पैंटी पर भी किस किया. मैंने उसके हिप्स को पकड़ा और अपने चेहरे को पैंटी से सटा डाला और उसे चूमने लगा.

मैंने धीरे से अपनी उंगलियाँ पैंटी के इलास्टिक में डाली और धीरे धीरे उसे नीचे करना शुरू कर दिया और पैंटी उतर फेंकी.

उनकी चुत पर कोई बाल नहीं था. खाला ने अपनी चूत से बाल साफ़ किये हुए थे, चूत थोड़े गुलाबी रंग की थी और गीलेपन की कुछ बूंदे साफ़ दिख रही थी.

नूरी खाला की कमर बल खा रही थी ... मेरी हालात भी ख़राब हो चली थी.

अब उनकी हालत देखकर मैंने भी सोचा कि देर करना उचित नहीं है और उनको पूरी नंगी कर दिया, क्या मस्त माल था!
थैंक यू अल्लाह, शुक्रिया.

फिर मैंने सिर्फ़ गहनों में लदी नूरी ... सपाट पेट, लहराती हुई कमर, गहरी नाभि और बूब्स पर तनी हुई निपल्स, आँखें अधमुंदी चेहरा और गला मेरे चाटने के कारण गीला और शेव्ड हल्के ब्राउन कलर की चूत, केले के तने जैसी जांघें और गोरा बदन.
मेरा मन तो कर रहा था कि बस चूमता, चाटता रहूँ और अपनी बांहों में जकड़ कर मसल डालूँ और जिंदगी भर ऐसे ही पड़ा रहूँ!

फिर अपनी जीभ उनकी चूत पर लगाकर उनकी चूत को चाटने लगा तो वो उछल पड़ी और मेरे बालों को अपने हाथ में लेकर सिसकारी भरने लगी और बड़बडाने लगी- आमिर मैं 10 साल से तेरे बड़े होने का इंतज़ार कर रही थी, मेरी 30 साल की कुँवारी चूत की प्यास तूने आज और भड़का दी है.

मैंने अपना पायजामे का नाड़ा खोला और खाला ने मेरा पायजामा अपने हाथों से निकाल दिया. फिर मेरे कहने पर खाला ने अपना हाथ मेरे अंडरवियर पर रखा और खाला ने मेरा कठोर लिंग पकड़ा. अब मेरा 8 इंची लम्बा 3 इंची मोटा लंड तनकर पूरा 90 डिग्री का हो गया था। खाला मेरे लंड पकड़कर सहलाने लगी और अपनी उँगलियों में दबोच लिया. वो बहुत बड़ा था.

खाला बोली- आमिर, क्या ये मेरे अंदर जा पायेगा? ये मेरी चूत फाड़ तो नहीं देगा?

मैं बोला- नहीं मेरी रानी, ये तो तुम्हारा आशिक़ है और हमारे प्यार और आनंद का औज़ार है, इसी से तो हम दोनों को प्यार के मजे मिलेंगे.

मैंने उन्हें मेरे लंड पर प्यार करने को कहा. पहले तो वे घबराई फिर मेरे कहने पर लंड पर एक मीठी चुम्मी की. मेरे हिप्स भी हरकत करने लगे थे.

उसके बाद मैंने खाला को इस तरह लिटा दिया कि मेरी छाती के साथ नूरी खाला की पीठ लगने लगी. मैंने अपने दोनों हाथों में उनके स्तन दबा लिए. हम दोनों पूरी तरह से नंगे थे. मेरा लंड उनकी चूतड़ों की दरार में घुस रहा था.

मैं उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा उन्हें जैसे करंट सा लगा और उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी, मैंने उनकी चूत में अपनी एक उंगली की पंखुरियों को अलग करने की कोशिश की पर वह बहुत टाइट थी. मैंने दो उंगलियों की मदद से चूत की पंखुड़ियों को अलग किया, मैंने धीरे धीरे चुत में उंगली घुसानी शुरू की तो वो ज़ोर से चिल्लाई- आहह अब लंड डाल दो, अब और इंतज़ार नहीं होता, प्लीज जल्दी करो ना, प्लीज आहहह!

मैं उन्हें उंगली से लगातार चोद रहा था और वो ज़ोर से सिसकार कर रही थी- ये तूने क्या कर दिया? अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है, जल्दी से चोद दो, मेरी चूत में आग लग रही है।

वो ज़ोर-जोर से हाँफ रही थी और जैसे कोई कई मीलों से दौड़कर आई हो!

अब मैं भी उनको चोदना चाहता था मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और चूत खोलने की कोशिश की लेकिन वह बहुत टाइट थी, मैंने अपने उँगलियों से चूत को खोला और लंड का गुलाबी सुपारा बीच में रख दिया, फिर नूरी खाला से बोला- खाला आप तैयार हो?

वो बोली- हाँ मैं पूरी तरह से आपकी ही हूँ मुझे सुहागरात का पूरा सुख चाहिए!

"देखो, हो सकता है कि तुम्हें थोड़ा दर्द हो... पर बाद में अच्छा लगेगा." मैंने कहा.

"मैं जानती हूँ. बस आप मुझे प्यार करो." खाला ने बोला.

मैं बोला- खाला, मेरी आँखों में देखो!

मैंने उनकी छाती पर अपना हाथ फिराना शुरू कर दिया. फिर मैंने धीरे धीरे अन्दर डालना शुरू किया. फिर धीरे से थोड़ा पीछे और फिर अन्दर की ओर दबाया लेकिन चूत बहुत टाइट थी और लंड अंदर जा नहीं रहा था.

मेरे लिए भी रुकना मुश्किल हो रहा था, फिर मैंने कस कर जोर लगाया और लंड दो इंच अंदर चला गया.

खाला चीखने चिलाने लगी- हाआअ... आमिर आईईईईई ईईई दर्द उउउउइई ईईईई हो रहा है! उउउईईईई माँ, आहहहाँ!

उनकी चीख से मैं और मदहोश हो गया, मैंने कहा- धीरे से चिल्लाओ खाला, सब सुन कर क्या सोचेंगे!

एक बार फिर मैं पीछे हटा और फिर अन्दर की ओर दबाव दिया. मैंने थोड़ा सा लंड पीछे किया उठा और फिर से धक्का दिया,
अन्दर अवरोध महसूस होने लगा था. लंड झिल्ली तक पहुँच चुका था मेरा लंड खाला की हायमन से टकरा रहा था और जब उसने उसे भेदकर आगे बढ़ना चाहा तो खाला चिल्लाने लगी कि दर्द के मारे मर जाऊँगी.

मैंने पूरी ताकत के एक धक्का लगा दिया.

"ओह अम्मी..." खाला के मुख से निकला, खाला के स्तन ऊपर की ओर उठ गए और शरीर एंठन में आ गया. मेरा गर्म, आकार में बड़ा लिंग पूरी तरह से गीली हो चुकी योनि में घुस गया. अन्दर, और अन्दर वो चलता गया, नूरी खाला दर्द के मारे चिललाने लगी- आहह आमिर उउइइ ओह्ह्ह्हह बहुत दर्द हो रहा है! प्लीज इसे बाहर निकाल लो, मुझे नहीं चुदना तुमसे! तुम बहुत जालिम हो! यह क्या लोहे की गर्म रॉड घुसा डाली है तुमने मुझमें! निकालो इसे! बहुत दर्द हो रहा है, मैं दर्द से मर जाऊँगी. प्लीज निकालो इसे!
और खाला की आँखों से आंसू निकल आये.

मैंने कहा- मैं 2 मिनट में बाहर खींच लूँगा और अब और नहीं फाड़ूँगा!

और धीरे से उन्हें सहलाने लगा और चूमने लगा और अपना लंड 2 इंच बाहर निकालकर फिर से एक ज़ोर का शॉट मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ चूत की जड़ में समा गया.

खाला की चूत बहुत टाइट थी मुझे लगा कि मेरा लंड भी छिल गया है, मेरी भी चीखें निकल गयी... हम दोनों एक साथ चिल्ला रहे थे.

थोड़ी देर तक मैंने खाला को धीरे धीरे चोदा, फिर हम दोनों झड़ गये और मैं खाला के ऊपर गिर गया. मैं कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही पड़ा रहा तो कुछ देर के बाद वो शांत हुई.

मेरा लंड खाला की चूत के अंदर ही था, उनकी चूत ने मेरे लंड को जैसे जकड़ लिया था. कुछ देर बाद जब मुझे लगा कि झड़ने के बाद भी मेरा लंड खड़ा है. मेरे साथ पहली बार ऐसा हुआ था कि झड़ने के बाद भी लंड खड़ा था.

फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो वह वीर्य, खाला के चूतरस और खून से भीगा हुआ था . बेड शीट खून से सन चुकी थी. मैंने फिर खाला को चूमा और उनके बदन को सहलाया और बोला- आप तो जानती हो कि पहली बार थोड़ा दर्द होता है और खून भी आता है, उसके बाद तो मजा ही मजा है.

खाला बोली- पर क्या कोई ऐसे भी चोदता है जैसे तुमने मुझे चोदा. तुम बड़े जालिम हो.

फिर मैंने उनको प्यार से चूमा तो कहने लगी- मेरा महबूब बड़ा प्यारा कसाई है, बहुत बेदर्दी से चोदता है, लेकिन मुझे जन्नत की सैर कराई.

हम दोनों उठ कर वाशरूम चले गए और अपने अंगों को धोया. मैंने उनकी चूत पर क्रीम लगाई. फिर हम बिस्तर पर वापिस आ गए तो खाला बोली- चूत में अभी भी दर्द हो रहा है!

मैंने कहा- मुझे देखने दीजिये.

मैंने चूत पर किस किया और चाटने लगा तो वो बोली- आअह्ह्ह... आराम मिल रहा है, बहुत अच्छा लग रहा है, प्लीज और चाटो!

उन्हें दस मिनट तक मैंने चाटा और चूसा और फिर खाला झड़ गयी. मैंने उन्हें किस किया और हम दोनों एक दूसरे से चिपट कर सो गए.

कहानी जारी रहेगी.
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#5
मजे - लूट लो जितने मिले

प्रथम अध्याय

खाला को चोदा

भाग 3


सुबह पांच बजे मेरी आँख खुली तो नूरी खाला मुझसे से चिपट कर सो रही थीं. वे मेरे सीने से लिपटी हुई सोते हुए बड़ी प्यारी और मासूम लग रही थीं, उनको देखते ही मेरा संयम टूट गया. सोते देख मुझे उन पर प्यार आ गया और धीरे से मैंने उनकी गोरी पेशानी चूम ली. मेरे स्पर्श से वह जग गईं और बड़े प्यार से बोलीं- मेरी आँख लग गयी थी.

मैंने पूछा खाला- आपकी तबीयत कैसी है?

"हम्म ..."

मैंने प्यार से उनके गुलाबी होंठों को चूमते हुए पूछा- क्या आपको अच्छा नहीं लगा?

वे धीरे से बोलीं- अच्छा तो लगा ... मजा भी बहुत आया ... पर दर्द बहुत हुआ.

मैंने उनकी चूची मसल दी तो कराहते हुए उन्होंने मेरे होंठों को चूम लिया- आराम से करो न ... मेरे राजा मैं पूरी तुम्हारी हूँ.

मैंने फिर से चूची मसली तो शरमाते हुए उन्होंने कहा- तुमने अपनी खाला को बड़ी बेरहमी से जिबह किया, ऐसा भी करता है कोई, देखो मेरी कैसे सूज गयी है.

खाला ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चुत पर रख दिया. उन्होंने पैंटी भी नहीं पहनी थी. सच में उनकी चुत एकदम सूजी हुई थी. मैंने प्यार से चुत को ऊपर से ही को सहलाया ... फिर मैं उनके होंठों को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगीं. मैंने अपनी जीभ उनके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगीं. मैंने भी उनकी जीभ को चूसा. मेरी जीभ जब उनकी जीभ से मिली, तो उनका शरीर सिहरने लगा और वे रिसने लगीं क्योंकि मेरे हाथों को उनकी चुत गीली गीली लगने लगी थी. मैंने उनकी चुत को ऊपर से हो चूमा और उसके बाद मैं अपने हाथों से उनके मस्त मोमे दबाने लगा. एक पल बाद ही मुझे उनका निप्पल कड़ा होता सा महसूस हुआ.

अपनी उंगलियों से मैंने निप्पल को खींचा तो खाला कराह उठीं- आआह मेरे राजा धीरे ... बहुत दुख रहे हैं.

मैंने निप्पल को किस किया और फिर उनके होंठों को चूमा. मैंने इस डर से कि कहीं खाला मना न कर दें, मैंने उन्हें दबोच लिया और उनके रसीले होंठों को किस करने लगा.

जिसका उन्होंने बड़ी कामुक और मादक अंदाज में जवाब दिया. वह नींद से भरी बोलीं- आमिर, मेरी आदत मत बिगाड़ो, तुम तो कुछ दिनों में चले जाओगे और मैं तड़पती रह जाऊंगी. मेरा तो नंबर ही नहीं लगेगा.

मैंने कहा- खाला इसकी फ़िक्र न करें, आप सबसे सुन्दर, गोरी और मेरे से बड़ी होने के बावजूद मस्त माल हो. आपको देखकर तो कोई भी पागल हो जाएगा, जैसे कि मैं हूँ. आपको मालूम नहीं है मेरी क्या हालत है. मेरा मन आपको देखते ही बेकाबू हो जाता है. आप तो मेरे दिल की मल्लिका हो.

खाला की गोल गोल चूचियों से भरी, उनकी छाती और भरे भरे गालों के साथ उनकी नशीली आंखें, मुझे नशे में कर रही थीं. मैं उनको बोला- आपके होंठों की बनावट तो ऐसी है, अगर कोई एक बार इनका रस चूसना शुरू करे, तो रूकने का नाम ही न ले.

नूरी खाला- मेरे राजा, पहले मेरी चुत चोदो ... फिर जैसा चाहे वैसा कर लेना ... लेकिन धीरे से चोदना ... ताकि दर्द न हो.

मैं उन पर चढ़ कर बेकरारी से उनको चूमने लगा. चूमते वक्त हमारे मुँह खुले हुए थे ... जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थीं ... और हमारे मुँह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था. मैं कम से कम 15 मिनट तक उनके होंठों का किस लेता रहा. साथ मेरे हाथ उनके मम्मों को दबाने में लगे हुए थे, वो भी मेरा साथ देने लगी थीं.

मैं उनकी चुचियों को बेरहमी से मसलने लगा और वो मादक आवाजें निकालने लगीं- उम्म्ह... अहह... हय... याह...

मादक आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थीं फिर मैंने उनके मम्मों को चूसना शुरू कर दिया. उनके मम्मे कड़क हो गए थे और चूचियां कह रही थीं कि हमें जोर से चूसो.

मैंने चूचियों को दांतो से काटा खाला कराह उठीं- आह आह उह धीरे मेरे राजा धीरे प्यार से चूसो ... सब माल तुम्हारा ही है.

खाला के चूचे अब लाल हो चुके थे. इसके बाद मैं नीचे को आया और मैंने उनकी नाभि को होंठों से चूमा ... फिर अपनी जीभ उनकी नाभि में डाल दी. जीभ के खुरदुरे स्पर्श से खाला मस्त हो गईं और मेरे सर को अपने पेट पर दबाने लगीं.

खाला का पेट एकदम सपाट था. कमर पतली और नाजुक थी. मैंने उनके इस इलाके के एक एक हिस्से को चाट डाला. अब मैं उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा. चूत पर मेरा सेक्सी टच होते ही उन्हें जैसे करंट सा लगा, उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गईं. उनका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था. उनकी चूत गीली होने लगी थी.

मैंने पूछा- अब चूत कैसी है?

उन्होंने गांड उठाते हुए कहा- तुम खुद देख लो ... तुम्हारे लंड के लिए तड़प रही है.

मैंने उनकी चुत को चूमा तो चूत की खुशबू ने मुझे मदहोश कर दिया. मैं उनकी चूत को चाटने लगा. उनकी चूत के रस में क्या गज़ब का स्वाद था.

खाला बोलीं- आह ... मुझे बहुत अच्छा लग रहा है ... सच में बड़ा बहुत आराम मिल रहा है.

मेरा उनकी चूत की दरार में अन्दर जीभ पेलते ही वो जोर से चिल्ला उठीं- आआहह ... ओमम्म्म ... चाटो ना जोर से ... इस्स्स ... उहह ...

वे मचलने लगीं और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगीं.

अब वो सिसकारियां मारने में लग गई थीं. वो 'अहह ... आहहह ... आहहह ...' कर रही थीं. उनके ऐसा करने से मेरे लंड में भी सनसनी होने लगी थी. फिर मैंने अपना लंड उनके हाथ में थमा दिया. कुछ ही पल में मेरा लंड तनकर पूरा 90 डिग्री का हो गया था. खाला मेरे लंड को पकड़कर सहलाने लगीं.

मैंने उनको उठाकर उनकी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी, तो वो ज़ोर से चिल्ला दीं- आहह अब बस लंड डाल दो ... अब और इंतज़ार नहीं होता ... प्लीज जल्दी करो ना ... प्लीज आहहह.

जब मैंने उनकी चूत में अपनी उंगली की तो वो मेरे लंड को ज़ोर से आगे पीछे करने लगीं और ज़ोर से मोन करने लगीं. उनकी चूत पूरी डबल रोटी की तरह फूली हुई थी. अब मैं उन्हें उंगली से लगातार चोद रहा था.

वो ज़ोर से सीत्कारें भर रही थीं- आह ये तूने क्या कर दिया ... अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है ... मेरी जान जल्दी से चोद दो ... मेरी चूत में आग लग रही है.

खाला ज़ोर-जोर से हाँफ रही थीं और ऐसे लग रहा था ... जैसे कई मीलों से दौड़कर आई हों.

उनके मुँह से 'आहह ... एम्म ... ओह ... आआअ ... डालो ना अन्दर ...' जैसी आवाजें निकल रही थीं. अब मैंने उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और उनके दोनों पैरों को फैला दिया. फिर अपना लंड उनकी चूत की फांकों में डाल दिया. जैसे ही मेरे लंड का सुपारा उनकी चूत में गया ... तो वो ज़ोर से चिल्लाने लगीं- उम्म्ह... अहह... हय... याह... बहुत मोटा है ... नहीं मुझे छोड़ दो ... नहीं मैं मर जाऊँगी ... आह ... अपना लंड बाहर निकाल लो.

लेकिन मैंने उनकी चिल्लपों को अनसुना करते हुए एक ज़ोर का धक्का लगा दिया. तो वो और ज़ोर से चिल्ला उठीं.

फिर मैंने उनके होंठों पर किस करते हुए उनके मुँह को बंद किया और अपने लंड के धक्के लगाता गया. वो बेहद छटपटा रही थीं और अपने बदन को इधर से उधर करने में लगी थीं. लेकिन मैं नहीं माना. इस वक्त मैं नूरी खाला की चूत में धक्के पे धक्के लगाए जा रहा था. उनकी आँखों से आंसू निकल रहे थे. फिर मैंने एक जोर का झटका लगा दिया. इस एक तगड़े झटके में मेरा पूरा लंड उनकी चूत के अन्दर चला गया. उनकी दबी हुई आह निकल गयी.

पूरा लंड पेलने के बाद मैं कुछ देर के लिए उनके ऊपर ही पड़ा रहा. कुछ देर के बाद जैसे ही वो शांत हुईं तो मैं उनके मम्मों को चूसने लगा. अपने एक हाथ से उनके बालों और कानों के पास सहलाने लगा था. फिर कुछ ही देर के बाद मैंने उनके कानों को भी चूमना शुरू कर दिया. अब कुछ पल बाद वो फिर से गर्म हो गईं और उनकी कमर ने हिल कर मेरे लंड को इशारा दिया.
मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया ... तो पहले पहल वो चिल्लाईं, लेकिन फिर कुछ देर के बाद चुप होकर लंड को जज्ब करने लगीं.

मैंने पूछा- खाला, मज़ा आ रहा है?

वो धीरे से बोलीं- हाँ बहुत मज़ा आ रहा है ... मेरी इस चूत का इलाज सिर्फ तुम्हारी चुदाई ही है ... हायईई ... म्म्म्मम!

मैंने धक्के तेज किए तो वो जोर-जोर से चिल्लाने लगीं. फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी. अब दर्द खत्म हो गया था और वो पूरी मस्ती में थीं ... मस्ती में सिसकारियां ले रही थीं- अआहह आआइईई ... और करो ... बहुत मजा आ रहा है.

इस वक्त वो इतनी मस्ती में आ चुकी थीं कि पूरा का पूरा शब्द भी नहीं बोल पा रही थीं. मैं अपनी स्पीड धीरे-धीरे बढ़ाता जा रहा था.

"हाआअ ... राआआजा ... आईसीईई ... चोदो और जोर से चोदो ... आज मेरी चूत को फाड़ दो ... आज कुछ भी हो जाए ... लेकिन मेरी चूत फाड़े बगैर मत झड़ना ... आआह और ज़ोर से ... उउईईई अल्ला ... आहह ..." वे ऐसे ही गर्म आहें और कराहें निकाल रही थीं.

फिर कुछ देर के बाद मैंने महसूस किया कि मेरा लंड पानी से भीग रहा है. अब वो भी अपना पानी छोड़ने वाली थीं. वो नीचे से अपनी कमर उठा-उठाकर चिल्ला रही थीं और बड़बड़ा रही थीं- आहहह और चोदो मेरी चूत को ... आज मत छोड़ना ... इसे भोसड़ा बना देना.

मैंने कमर उठा आकार लम्बे लम्बे धक्के देना चालू कर दिए.

वे कुछ देर के बाद बोलीं- हाय मेरे राजा ... मैं झड़ने वाली हूँ.

मैंने उनकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वो भी कुछ देर के बाद झड़ गईं.

फिर वो अचानक से चिल्ला भी नहीं सकीं, क्योंकि उनका मुँह मेरे मुँह से दबा था और मैं उनको ज़ोर-ज़ोर से किस करता गया और धक्के लगाते गया.

तभी मेरे मुँह से उनका मुँह एक पल के लिए छूटा कि वो बोल उठीं- आह ... आज फाड़ ही डाल मेरी चूत को ... वो तुम्हारे जैसा ही लंड मांगती है.

इसके बाद मैंने फिर से धक्कों का रेला पेला जमा दिया तो वो कुछ नहीं बोलीं ... शायद पानी छूट गया था. लेकिन मैं उन्हें लगातार धक्के लगा रहा था.

मैं ऐसे ही पांच मिनट तक उनको इसी पोज़िशन में चोदता चला गया. शायद अब उन्हें फिर से मज़ा आने लगा था. अब वो भी अपने कूल्हे उछाल-उछालकर मुझसे चुदवा रही थीं. मैंने उन्हें और ज़ोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया था. फिर थोड़ी देर के बाद वो फिर झड़ गईं और शांत पड़ गईं. मैं उनको चूमता रहा और उनके मम्मों को सहलाता रहा.

फिर मैंने कहा- इस बार खाला आप ऊपर आ जाओ.

उनकी हां हुई और मैं उनके नीचे और खाला मेरे ऊपर आ गई थीं. मेरे तनकर खड़े लंड पर धीरे धीरे अपनी चूत दबाकर लंड को अन्दर घुसा रही थीं. दोस्तों आज पहली बार में उसकी चूत की चमड़ी को अपने लंड की चमड़ी पर रगड़ते हुए देख रहा था और मैं आपको बता नहीं सकता कि मुझे उस समय कितना मज़ा आ रहा था. वो मेरे लंड पर धीरे से उठतीं और फिर नीचे बैठ जातीं, जिसकी वजह से लंड अन्दर बाहर हो रहा था. वो खुद अपनी चुदाई मेरे लंड से कर रही थीं और बहुत मज़े कर रही थीं. सच कहो तो नंगी खाला मेरे लंड पर उछलते हुए मुझे बहुत मादक लग रही थीं. उनके रेशमी सुनहरे बाल चारों तरफ फ़ैल गए थे. खाला उन्हें पीछे करते हुए मेरी छाती पर अपने हाथ रख देती थीं.

मैंने भी अपने चूतड़ उठा कर उनका साथ दिया. जब मेरा लंड उनकी चूत के अन्दर पूरा समा जाता था, तो हम दोनों की आह निकल जाती थी. फिर मेरे हाथ उनके हिलते हुए मम्मों को मसलने लगे. मैं उनकी चूचियों को खींचने लगता था तो खाला सिहर जाती थीं और सिसकने लगती थीं.

उसके बाद खाला मेरे ऊपर झुक गयी और हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए. मैं खाला को बेकरारी से चूमने लगा और चूमते चूमते हमारे मुँह खुले हुए थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थीं.

इस तरह से मैंने खाला की जम कर चुदाई की और उनको जन्नत की सैर करा दी. मेरे लंड की लगातार चोटों से थोड़ी देर के बाद खाला फिर से झड़ गईं.

इसके बाद मैंने उनको घोड़ी बना दिया. अब मैंने उनकी चूत में पीछे से लंड को डालकर चोदना शुरू किया. मुझे लगा पीछे से लंड ज्यादा अन्दर तक गया और पहले से ज्यादा मजा आया.

खाला भी मस्ती में गांड आगे पीछे कर मेरा साथ देने लगीं. उनका दर्द वाला चिल्लाना एकदम बंद हो गया. मैं उन्हें लगातार धक्के देकर चोदता रहा. बीच बीच में पीछे से उनके मम्मों को पकड़ कर दबाता भी रहा. जब मैं उनके मोमे दबाता था, तो वह मुँह पीछे कर मुझे किस करने को कहती थीं और मैं उनके लिप्स चूसने लगता. मैंने करीब दस मिनट तक लगातार उनको उसी पोज़िशन में चोदा, उनकी हालत बुरी हो गई थी ... वह कई बार झड़ चुकी थीं.

खाला निढाल होकर लेट गईं. मैं उनको प्यार से सहलाने लगा और किस करने लगा. मैं बोला- खाला क्या आपको मजा आया ... दर्द तो नहीं हुआ?

खाला बोलीं- बहुत मजा आया ... मेरे दुखती चूत का इलाज तुम्हारे लंड की चुदाई ही है.

खाला की चूत बुरी तरह से सूज चुकी थी ... एकदम पकौड़ा हो गई थी. लेकिन मैं एक बार भी नहीं झड़ा था और लंड अभी भी तनतनाया हुआ खड़ा था.

खाला ने लंड को सहलाते हुए कहा- आज क्या बात है ... ये ढीला क्यों नहीं हो रहा है?

मैंने कहा- आज ये आपकी गांड मारे बिना नहीं रूकेगा.

खाला शर्मा कर सिकुड़ गईं और मुझसे लिपट गईं. खाला बोलीं- आमिर, आज सारा भी वापिस आ जाएगी और शाम को तुम्हारा उसका निकाह हो जाएगा. फिर तुम उसको भी जम के चुदाई का पूरा सुख देना ... बेचारी चुदाई के लिए बहुत तड़पी है. आज सारी रात तुमको उसकी चुदाई करनी है. मेरी गांड तो तुम, जब मर्जी मार लेना. अभी मेरी चूत की आग ठंडी करके थोड़ा आराम कर लो.

मैंने कहा- जो हुकुम मेरी मुमताज मलिका.

मैं खाला को बेकरारी से चूमने लगा. चूमते हुए हमारे मुँह खुले हुए थे, जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थीं. फिर मैंने खाला की जम कर चुदाई की और उनको जन्नत की सैर कराई. फिर थोड़ी देर के बाद वो फिर झड़ गईं. खाला कई बार झड़ने के बाद निढाल हो रही थीं. मैं उनकी चूत में धक्के लगाने चालू रखता तो खाला फिर गर्म हो जाती थीं. आखिरी बार हम दोनों एक साथ झड़ गए. हम दोनों जन्नत में थे ... इतना मजा आह. बस मत पूछो यार मज़ा आ गया.

खाला के शरीर पर कई नीले निशान पड़ गए थे. फिर उनको प्यार से सहलाते हुए और उनके होंठों पर किस करते हुए मैंने कहा- आय लव यू खाला ... आपको चोद कर मैं धन्य हो गया.

खाला सिसकते हुए बहुत प्यारी लग रही थीं, लेकिन मुझसे गुस्सा भी थीं. वे बोलीं- जाओ हम तुमसे अब कभी नहीं चुदवाऊंगी ... कोई ऐसे भी अपनी खाला को चोदता है.

उनकी आंखों से आंसू आ गये, लेकिन मुझे उनके चेहरे पर संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी.

खाला की चुदाई का पहला अध्याय यही खत्म होता है.



इसके बाद अगले अध्याय में अपनी आपा सारा के हलाला का जबरदस्त चुदाई का किस्सा सुनाने वाला हूँ.

कहानी में मेरे लंड का, खूबसूरत लड़कियों और औरतो के साथ का और मजे - लूट लो जितने मिले के लिंक का खुलासा आगे होगा,तब तक थोड़ा सा इंतजार करिये.

जारी रहेगी 

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3.अंतरंग हमसफ़र
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#6
Amazing story, keep it up waiting for update
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#7
Nice story bro
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#8
मजे - लूट लो जितने मिले

प्रथम अध्याय

खाला को चोदा

भाग 3


सुबह पांच बजे मेरी आँख खुली तो नूरी खाला मुझसे से चिपट कर सो रही थीं. वे मेरे सीने से लिपटी हुई सोते हुए बड़ी प्यारी और मासूम लग रही थीं, उनको देखते ही मेरा संयम टूट गया. सोते देख मुझे उन पर प्यार आ गया और धीरे से मैंने उनकी गोरी पेशानी चूम ली. मेरे स्पर्श से वह जग गईं और बड़े प्यार से बोलीं- मेरी आँख लग गयी थी.

मैंने पूछा खाला- आपकी तबीयत कैसी है?

"हम्म ..."

मैंने प्यार से उनके गुलाबी होंठों को चूमते हुए पूछा- क्या आपको अच्छा नहीं लगा?

वे धीरे से बोलीं- अच्छा तो लगा ... मजा भी बहुत आया ... पर दर्द बहुत हुआ.

मैंने उनकी चूची मसल दी तो कराहते हुए उन्होंने मेरे होंठों को चूम लिया- आराम से करो न ... मेरे राजा मैं पूरी तुम्हारी हूँ.

मैंने फिर से चूची मसली तो शरमाते हुए उन्होंने कहा- तुमने अपनी खाला को बड़ी बेरहमी से जिबह किया, ऐसा भी करता है कोई, देखो मेरी कैसे सूज गयी है.

खाला ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चुत पर रख दिया. उन्होंने पैंटी भी नहीं पहनी थी. सच में उनकी चुत एकदम सूजी हुई थी. मैंने प्यार से चुत को ऊपर से ही को सहलाया ... फिर मैं उनके होंठों को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगीं. मैंने अपनी जीभ उनके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगीं. मैंने भी उनकी जीभ को चूसा. मेरी जीभ जब उनकी जीभ से मिली, तो उनका शरीर सिहरने लगा और वे रिसने लगीं क्योंकि मेरे हाथों को उनकी चुत गीली गीली लगने लगी थी. मैंने उनकी चुत को ऊपर से हो चूमा और उसके बाद मैं अपने हाथों से उनके मस्त मोमे दबाने लगा. एक पल बाद ही मुझे उनका निप्पल कड़ा होता सा महसूस हुआ.

अपनी उंगलियों से मैंने निप्पल को खींचा तो खाला कराह उठीं- आआह मेरे राजा धीरे ... बहुत दुख रहे हैं.

मैंने निप्पल को किस किया और फिर उनके होंठों को चूमा. मैंने इस डर से कि कहीं खाला मना न कर दें, मैंने उन्हें दबोच लिया और उनके रसीले होंठों को किस करने लगा.

जिसका उन्होंने बड़ी कामुक और मादक अंदाज में जवाब दिया. वह नींद से भरी बोलीं- आमिर, मेरी आदत मत बिगाड़ो, तुम तो कुछ दिनों में चले जाओगे और मैं तड़पती रह जाऊंगी. मेरा तो नंबर ही नहीं लगेगा.

मैंने कहा- खाला इसकी फ़िक्र न करें, आप सबसे सुन्दर, गोरी और मेरे से बड़ी होने के बावजूद मस्त माल हो. आपको देखकर तो कोई भी पागल हो जाएगा, जैसे कि मैं हूँ. आपको मालूम नहीं है मेरी क्या हालत है. मेरा मन आपको देखते ही बेकाबू हो जाता है. आप तो मेरे दिल की मल्लिका हो.

खाला की गोल गोल चूचियों से भरी, उनकी छाती और भरे भरे गालों के साथ उनकी नशीली आंखें, मुझे नशे में कर रही थीं. मैं उनको बोला- आपके होंठों की बनावट तो ऐसी है, अगर कोई एक बार इनका रस चूसना शुरू करे, तो रूकने का नाम ही न ले.

नूरी खाला- मेरे राजा, पहले मेरी चुत चोदो ... फिर जैसा चाहे वैसा कर लेना ... लेकिन धीरे से चोदना ... ताकि दर्द न हो.

मैं उन पर चढ़ कर बेकरारी से उनको चूमने लगा. चूमते वक्त हमारे मुँह खुले हुए थे ... जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थीं ... और हमारे मुँह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था. मैं कम से कम 15 मिनट तक उनके होंठों का किस लेता रहा. साथ मेरे हाथ उनके मम्मों को दबाने में लगे हुए थे, वो भी मेरा साथ देने लगी थीं.

मैं उनकी चुचियों को बेरहमी से मसलने लगा और वो मादक आवाजें निकालने लगीं- उम्म्ह... अहह... हय... याह...

मादक आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थीं फिर मैंने उनके मम्मों को चूसना शुरू कर दिया. उनके मम्मे कड़क हो गए थे और चूचियां कह रही थीं कि हमें जोर से चूसो.

मैंने चूचियों को दांतो से काटा खाला कराह उठीं- आह आह उह धीरे मेरे राजा धीरे प्यार से चूसो ... सब माल तुम्हारा ही है.

खाला के चूचे अब लाल हो चुके थे. इसके बाद मैं नीचे को आया और मैंने उनकी नाभि को होंठों से चूमा ... फिर अपनी जीभ उनकी नाभि में डाल दी. जीभ के खुरदुरे स्पर्श से खाला मस्त हो गईं और मेरे सर को अपने पेट पर दबाने लगीं.

खाला का पेट एकदम सपाट था. कमर पतली और नाजुक थी. मैंने उनके इस इलाके के एक एक हिस्से को चाट डाला. अब मैं उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा. चूत पर मेरा सेक्सी टच होते ही उन्हें जैसे करंट सा लगा, उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गईं. उनका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था. उनकी चूत गीली होने लगी थी.

मैंने पूछा- अब चूत कैसी है?

उन्होंने गांड उठाते हुए कहा- तुम खुद देख लो ... तुम्हारे लंड के लिए तड़प रही है.

मैंने उनकी चुत को चूमा तो चूत की खुशबू ने मुझे मदहोश कर दिया. मैं उनकी चूत को चाटने लगा. उनकी चूत के रस में क्या गज़ब का स्वाद था.

खाला बोलीं- आह ... मुझे बहुत अच्छा लग रहा है ... सच में बड़ा बहुत आराम मिल रहा है.

मेरा उनकी चूत की दरार में अन्दर जीभ पेलते ही वो जोर से चिल्ला उठीं- आआहह ... ओमम्म्म ... चाटो ना जोर से ... इस्स्स ... उहह ...

वे मचलने लगीं और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगीं.

अब वो सिसकारियां मारने में लग गई थीं. वो 'अहह ... आहहह ... आहहह ...' कर रही थीं. उनके ऐसा करने से मेरे लंड में भी सनसनी होने लगी थी. फिर मैंने अपना लंड उनके हाथ में थमा दिया. कुछ ही पल में मेरा लंड तनकर पूरा 90 डिग्री का हो गया था. खाला मेरे लंड को पकड़कर सहलाने लगीं.

मैंने उनको उठाकर उनकी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी, तो वो ज़ोर से चिल्ला दीं- आहह अब बस लंड डाल दो ... अब और इंतज़ार नहीं होता ... प्लीज जल्दी करो ना ... प्लीज आहहह.

जब मैंने उनकी चूत में अपनी उंगली की तो वो मेरे लंड को ज़ोर से आगे पीछे करने लगीं और ज़ोर से मोन करने लगीं. उनकी चूत पूरी डबल रोटी की तरह फूली हुई थी. अब मैं उन्हें उंगली से लगातार चोद रहा था.

वो ज़ोर से सीत्कारें भर रही थीं- आह ये तूने क्या कर दिया ... अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है ... मेरी जान जल्दी से चोद दो ... मेरी चूत में आग लग रही है.

खाला ज़ोर-जोर से हाँफ रही थीं और ऐसे लग रहा था ... जैसे कई मीलों से दौड़कर आई हों.

उनके मुँह से 'आहह ... एम्म ... ओह ... आआअ ... डालो ना अन्दर ...' जैसी आवाजें निकल रही थीं. अब मैंने उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और उनके दोनों पैरों को फैला दिया. फिर अपना लंड उनकी चूत की फांकों में डाल दिया. जैसे ही मेरे लंड का सुपारा उनकी चूत में गया ... तो वो ज़ोर से चिल्लाने लगीं- उम्म्ह... अहह... हय... याह... बहुत मोटा है ... नहीं मुझे छोड़ दो ... नहीं मैं मर जाऊँगी ... आह ... अपना लंड बाहर निकाल लो.

लेकिन मैंने उनकी चिल्लपों को अनसुना करते हुए एक ज़ोर का धक्का लगा दिया. तो वो और ज़ोर से चिल्ला उठीं.

फिर मैंने उनके होंठों पर किस करते हुए उनके मुँह को बंद किया और अपने लंड के धक्के लगाता गया. वो बेहद छटपटा रही थीं और अपने बदन को इधर से उधर करने में लगी थीं. लेकिन मैं नहीं माना. इस वक्त मैं नूरी खाला की चूत में धक्के पे धक्के लगाए जा रहा था. उनकी आँखों से आंसू निकल रहे थे. फिर मैंने एक जोर का झटका लगा दिया. इस एक तगड़े झटके में मेरा पूरा लंड उनकी चूत के अन्दर चला गया. उनकी दबी हुई आह निकल गयी.

पूरा लंड पेलने के बाद मैं कुछ देर के लिए उनके ऊपर ही पड़ा रहा. कुछ देर के बाद जैसे ही वो शांत हुईं तो मैं उनके मम्मों को चूसने लगा. अपने एक हाथ से उनके बालों और कानों के पास सहलाने लगा था. फिर कुछ ही देर के बाद मैंने उनके कानों को भी चूमना शुरू कर दिया. अब कुछ पल बाद वो फिर से गर्म हो गईं और उनकी कमर ने हिल कर मेरे लंड को इशारा दिया.
मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया ... तो पहले पहल वो चिल्लाईं, लेकिन फिर कुछ देर के बाद चुप होकर लंड को जज्ब करने लगीं.

मैंने पूछा- खाला, मज़ा आ रहा है?

वो धीरे से बोलीं- हाँ बहुत मज़ा आ रहा है ... मेरी इस चूत का इलाज सिर्फ तुम्हारी चुदाई ही है ... हायईई ... म्म्म्मम!

मैंने धक्के तेज किए तो वो जोर-जोर से चिल्लाने लगीं. फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी. अब दर्द खत्म हो गया था और वो पूरी मस्ती में थीं ... मस्ती में सिसकारियां ले रही थीं- अआहह आआइईई ... और करो ... बहुत मजा आ रहा है.

इस वक्त वो इतनी मस्ती में आ चुकी थीं कि पूरा का पूरा शब्द भी नहीं बोल पा रही थीं. मैं अपनी स्पीड धीरे-धीरे बढ़ाता जा रहा था.

"हाआअ ... राआआजा ... आईसीईई ... चोदो और जोर से चोदो ... आज मेरी चूत को फाड़ दो ... आज कुछ भी हो जाए ... लेकिन मेरी चूत फाड़े बगैर मत झड़ना ... आआह और ज़ोर से ... उउईईई अल्ला ... आहह ..." वे ऐसे ही गर्म आहें और कराहें निकाल रही थीं.

फिर कुछ देर के बाद मैंने महसूस किया कि मेरा लंड पानी से भीग रहा है. अब वो भी अपना पानी छोड़ने वाली थीं. वो नीचे से अपनी कमर उठा-उठाकर चिल्ला रही थीं और बड़बड़ा रही थीं- आहहह और चोदो मेरी चूत को ... आज मत छोड़ना ... इसे भोसड़ा बना देना.

मैंने कमर उठा आकार लम्बे लम्बे धक्के देना चालू कर दिए.

वे कुछ देर के बाद बोलीं- हाय मेरे राजा ... मैं झड़ने वाली हूँ.

मैंने उनकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वो भी कुछ देर के बाद झड़ गईं.

फिर वो अचानक से चिल्ला भी नहीं सकीं, क्योंकि उनका मुँह मेरे मुँह से दबा था और मैं उनको ज़ोर-ज़ोर से किस करता गया और धक्के लगाते गया.

तभी मेरे मुँह से उनका मुँह एक पल के लिए छूटा कि वो बोल उठीं- आह ... आज फाड़ ही डाल मेरी चूत को ... वो तुम्हारे जैसा ही लंड मांगती है.

इसके बाद मैंने फिर से धक्कों का रेला पेला जमा दिया तो वो कुछ नहीं बोलीं ... शायद पानी छूट गया था. लेकिन मैं उन्हें लगातार धक्के लगा रहा था.

मैं ऐसे ही पांच मिनट तक उनको इसी पोज़िशन में चोदता चला गया. शायद अब उन्हें फिर से मज़ा आने लगा था. अब वो भी अपने कूल्हे उछाल-उछालकर मुझसे चुदवा रही थीं. मैंने उन्हें और ज़ोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया था. फिर थोड़ी देर के बाद वो फिर झड़ गईं और शांत पड़ गईं. मैं उनको चूमता रहा और उनके मम्मों को सहलाता रहा.

फिर मैंने कहा- इस बार खाला आप ऊपर आ जाओ.

उनकी हां हुई और मैं उनके नीचे और खाला मेरे ऊपर आ गई थीं. मेरे तनकर खड़े लंड पर धीरे धीरे अपनी चूत दबाकर लंड को अन्दर घुसा रही थीं. दोस्तों आज पहली बार में उसकी चूत की चमड़ी को अपने लंड की चमड़ी पर रगड़ते हुए देख रहा था और मैं आपको बता नहीं सकता कि मुझे उस समय कितना मज़ा आ रहा था. वो मेरे लंड पर धीरे से उठतीं और फिर नीचे बैठ जातीं, जिसकी वजह से लंड अन्दर बाहर हो रहा था. वो खुद अपनी चुदाई मेरे लंड से कर रही थीं और बहुत मज़े कर रही थीं. सच कहो तो नंगी खाला मेरे लंड पर उछलते हुए मुझे बहुत मादक लग रही थीं. उनके रेशमी सुनहरे बाल चारों तरफ फ़ैल गए थे. खाला उन्हें पीछे करते हुए मेरी छाती पर अपने हाथ रख देती थीं.

मैंने भी अपने चूतड़ उठा कर उनका साथ दिया. जब मेरा लंड उनकी चूत के अन्दर पूरा समा जाता था, तो हम दोनों की आह निकल जाती थी. फिर मेरे हाथ उनके हिलते हुए मम्मों को मसलने लगे. मैं उनकी चूचियों को खींचने लगता था तो खाला सिहर जाती थीं और सिसकने लगती थीं.

उसके बाद खाला मेरे ऊपर झुक गयी और हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए. मैं खाला को बेकरारी से चूमने लगा और चूमते चूमते हमारे मुँह खुले हुए थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थीं.

इस तरह से मैंने खाला की जम कर चुदाई की और उनको जन्नत की सैर करा दी. मेरे लंड की लगातार चोटों से थोड़ी देर के बाद खाला फिर से झड़ गईं.

इसके बाद मैंने उनको घोड़ी बना दिया. अब मैंने उनकी चूत में पीछे से लंड को डालकर चोदना शुरू किया. मुझे लगा पीछे से लंड ज्यादा अन्दर तक गया और पहले से ज्यादा मजा आया.

खाला भी मस्ती में गांड आगे पीछे कर मेरा साथ देने लगीं. उनका दर्द वाला चिल्लाना एकदम बंद हो गया. मैं उन्हें लगातार धक्के देकर चोदता रहा. बीच बीच में पीछे से उनके मम्मों को पकड़ कर दबाता भी रहा. जब मैं उनके मोमे दबाता था, तो वह मुँह पीछे कर मुझे किस करने को कहती थीं और मैं उनके लिप्स चूसने लगता. मैंने करीब दस मिनट तक लगातार उनको उसी पोज़िशन में चोदा, उनकी हालत बुरी हो गई थी ... वह कई बार झड़ चुकी थीं.

खाला निढाल होकर लेट गईं. मैं उनको प्यार से सहलाने लगा और किस करने लगा. मैं बोला- खाला क्या आपको मजा आया ... दर्द तो नहीं हुआ?

खाला बोलीं- बहुत मजा आया ... मेरे दुखती चूत का इलाज तुम्हारे लंड की चुदाई ही है.

खाला की चूत बुरी तरह से सूज चुकी थी ... एकदम पकौड़ा हो गई थी. लेकिन मैं एक बार भी नहीं झड़ा था और लंड अभी भी तनतनाया हुआ खड़ा था.

खाला ने लंड को सहलाते हुए कहा- आज क्या बात है ... ये ढीला क्यों नहीं हो रहा है?

मैंने कहा- आज ये आपकी गांड मारे बिना नहीं रूकेगा.

खाला शर्मा कर सिकुड़ गईं और मुझसे लिपट गईं. खाला बोलीं- आमिर, आज सारा भी वापिस आ जाएगी और शाम को तुम्हारा उसका निकाह हो जाएगा. फिर तुम उसको भी जम के चुदाई का पूरा सुख देना ... बेचारी चुदाई के लिए बहुत तड़पी है. आज सारी रात तुमको उसकी चुदाई करनी है. मेरी गांड तो तुम, जब मर्जी मार लेना. अभी मेरी चूत की आग ठंडी करके थोड़ा आराम कर लो.

मैंने कहा- जो हुकुम मेरी मुमताज मलिका.

मैं खाला को बेकरारी से चूमने लगा. चूमते हुए हमारे मुँह खुले हुए थे, जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थीं. फिर मैंने खाला की जम कर चुदाई की और उनको जन्नत की सैर कराई. फिर थोड़ी देर के बाद वो फिर झड़ गईं. खाला कई बार झड़ने के बाद निढाल हो रही थीं. मैं उनकी चूत में धक्के लगाने चालू रखता तो खाला फिर गर्म हो जाती थीं. आखिरी बार हम दोनों एक साथ झड़ गए. हम दोनों जन्नत में थे ... इतना मजा आह. बस मत पूछो यार मज़ा आ गया.

खाला के शरीर पर कई नीले निशान पड़ गए थे. फिर उनको प्यार से सहलाते हुए और उनके होंठों पर किस करते हुए मैंने कहा- आय लव यू खाला ... आपको चोद कर मैं धन्य हो गया.

खाला सिसकते हुए बहुत प्यारी लग रही थीं, लेकिन मुझसे गुस्सा भी थीं. वे बोलीं- जाओ हम तुमसे अब कभी नहीं चुदवाऊंगी ... कोई ऐसे भी अपनी खाला को चोदता है.

उनकी आंखों से आंसू आ गये, लेकिन मुझे उनके चेहरे पर संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी.

खाला की चुदाई का पहला अध्याय यही खत्म होता है.



इसके बाद अगले अध्याय में अपनी आपा सारा के हलाला का जबरदस्त चुदाई का किस्सा सुनाने वाला हूँ.

कहानी में मेरे लंड का, खूबसूरत लड़कियों और औरतो के साथ का और मजे - लूट लो जितने मिले के लिंक का खुलासा आगे होगा,तब तक थोड़ा सा इंतजार करिये.
 

 
कहानी जारी रहेगी

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दूसरा अध्याय

खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला


भाग 1



अब तक आपने जन्नत - खड़ा लंड और 72 हूरे- खाला को चोदा भाग 1-3 में पढ़ा कि नूरी खाला को जबरदस्त चुदाई का मजा देने के बाद दूसरे दिन मेरा निकाह हलाला की बंदिश में बंधी मेरी आपा सारा से होना था और उसके साथ मुझे शौहर के मानिंद रात गुजारनी होगी. मतलब उसे चोदना होगा. नहीं पढ़ा जो जल्दी से पढ़ ले.

अब आगे:

इधर उस हलाला वाली आपा के बारे में बता दूँ. आपको याद होगा कि मेरी एक कजिन थी, जिसका नाम सारा था और उसकी उम्र लगभग उन्नीस साल की थी. उसकी शादी हमारे कजिन इमरान से हुई थी और उनका आपस में बहुत प्यार मोहब्बत था. फिर पता नहीं क्या हुआ कि इमरान ने ग़ुस्से में आकर मेरी कजिन सिस्टर को तलाक़ दे दिया और इसी कारण से वह शादी में भी नहीं आयी थी.

इस तलाक देने के बाद मेरे कजिन को बहुत पछतावा हुआ और इमरान ने दोबारा सारा से शादी करने की ख्वाहिश की, तो मौलवी साहेब बोले कि शरीयत के रूल से सारा को हलाला से गुजरना होगा और कम से कम एक रात के लिए किसी और की बीवी बनना पड़ेगा, तब ही तुम दोनों की शादी हो सकती है.

उसके बाद शाम के समय मेरा और सारा का निकाह हो गया. तो मेरे मामू जो सारा के ससुर भी थे, उन्होंने मुझे बाहर बुलाया और कहने लगे कि आमिर बात सिर्फ निकाह की नहीं थी, तुम्हें रात को अपनी कजिन सिस्टर के साथ मियां बीवी की तरह सोना भी पड़ेगा.

मुझे ये बात पहले ही खाला ने बता दी थी. मैं और भी खुश हो गया. लेकिन दिखावे के गुस्से से मैं बोला कि मामू ये नहीं हो सकता.

तो मामू ने मेरे अब्बा को फ़ोन किया और दिक्कत बताई, तो उन्होंने भी इजाजत दे दी.

मैंने इतने में देखा सारा की एक छोटी बहन ज़रीना भी थी. वो अठारह साल की थी और बला की खूबसूरत थी. एकदम पतली लम्बी ... गोरा रंग और कश्मीरी होने के कारण उसके लाल सुर्ख गाल थे. वो देखने में बिल्कुल ज़रीन खान हीरोइन जैसी लग रही थी. उसे देख कर यही लगता था कि यह तो सच में ज़रीन खान की जुड़वाँ बहन है. मैंने उसको देखा तो देखता रह गया. मेरा मन बेईमान हो गया.

मैंने खाला से पूछा- ज़रीना के लिए क्या सोचा है?

तो खाला बोलीं- अभी सोच रहे हैं ... सोचती थी कि तुमसे इसका निकाह करवा दूँगी.

इधर अब सारा भी मेरी बीवी थी, पर उसे तो हलाला के चलते तलाक देना होगा.

मैंने कहा- खाला, इसके बदले, आप मुझे जरीना दे दो. वह मुझे भा गयी है. ज़रीना से भी मेरा निकाह पढ़वा दो.

इस बात पर खाला बोलीं- चाहती तो मैं भी यही चाहती हूँ.

इसके बाद खाला ने मामू से बात की. ये बात फिर अब्बा हज़ूर और अम्मी के पास गयी और उन्होंने भी इजाजत दे दी. मेरा निकाह सारा के साथ साथ जरीना से भी पढ़वा दिया गया.

अब कुछ बाकी नहीं था, तो मैं एक रात का दूल्हा बन सारा के साथ रात गुजारने के लिए ऐसे मान गया जैसे मैं सारा की चुदाई बेमन से कर रहा हूँ.

हम घर आए. सर्दियों की रातें थी. रात को 8:30 बजे उन्होंने मुझे कमरे में भी भेज दिया, इससे पहले मैंने सारा को बचपन में ही देखा था, पर अब तो वो बहुत निखर गयी थी.


जहां मेरी कजिन सारा अपने एक रात के शौहर का इंतज़ार कर रही थी. सारा भी बला की खूबसूरत थी, उसके बड़े बड़े मम्मे, जिनकी साइज 38c थी. उसकी मोटी गांड की साइज 40 इंच थी. सपाट पेट और कमर 26 इंच की और जिस्म भरा हुआ था. वो लम्बी थी और मुख़्तसर ये कि वो खतरनाक हद तक खूबसूरत और सेक्सी थी.

उस वक्त वो लाल रंग के कश्मीरी दुल्हन के कपड़ों में थी. दुल्हन के लिबास के लिए लाल मेरा पसंदीदा कलर है. मैं उसके पास बैठ गया. मैंने करीब जाकर उसका घूंघट उठा दिया और सारा की ओर देखा. उसकी शक्ल सूरत बिल्कुल कटरीना कैफ की थी. मुझे तो अपने नसीब पर रश्क़ होने लगा.

एक ही दिन में दो नयी बीवियां ... एक कटरीना जैसी और दूसरी ज़रीन जैसी. दोनों कश्मीरी सेब जैसे लाल गालो वाली और हूरो जैसी खूबसूरत. मेरी तो जैसे लाटरी लग गयी मेरा लौड़ा सलामी देने लगा. साथ साथ मैंने उसका हाथ अपने हाथ में पकड़ रखा था और उसे सहला भी रहा था.

मैंने उससे कहा- सारा, मेरे दिल की तमन्ना आज पूरी होने जा रही है. मैं कभी सोच भी नहीं सकता था कि तुम्हारे साथ कुछ कर सकूँगा.

उसने बोला- आमिर, मेरे भी दिल में दबी दबी ख्वाहिश थी कि काश कभी हम आपस में चुदाई कर सकते. लेकिन ऐसा न हो सका और तुम पढ़ने इंग्लैंड चले गए और मेरी तीन महीने पहले शादी हो गयी.

फिर मैंने पूछा- उसने तुम्हारी जैसी खूबसूरत बला को तलाक़ कैसे दे दिया?

सारा बोली- मेरा उससे झगड़ा होता था.

मैं- किस बात को लेकर?

वह खुल बताने में शर्मा रही थी ... मैंने कहा- शर्माओ मत ... अब मैं तुम्हारा शौहर हूँ और कजिन भाई भी हूँ. शायद तुम्हारी आगे की जिंदगी में कुछ मदद कर सकूं.

वह शर्मा कर बोली- इमरान का लंड बहुत कमजोर था और खड़ा भी नहीं होता था. वह नामर्द था और मैं अब तक कुंवारी हूँ.

मैंने पूछा- अब दुबारा निकाह के बाद कैसे होगा ... तुम कैसे मान गईं?

वह बोली- अब वह इलाज कराने को मान गया है.

मैंने कहा- अगर ठीक नहीं हुआ तो तुम्हारा क्या होगा?

वह धीरे धीरे रोने लगी- वह मुझे मारता भी था. अब मैं उससे शादी नहीं करना चाहती, पर अम्मी के दबाव में हलाला के लिए राजी हो गयी हूँ. फिर उससे दुबारा निकाह भी कर सह लूंगी.

मैंने उसके आंसू पौंछे और बोसा लेकर बोला- मेरी जान, अब तुम मेरी जिम्मेवारी हो.

फिर मैंने आहिस्ता से उसका हाथ पकड़ कर अपने होंठों से लगा लिया, उसे मेरे स्पर्श से कंपकंपी सी आ गयी. फिर मैंने उसकी एक उंगली अपने मुँह में लेकर आहिस्ता आहिस्ता चूसी और कभी कभी बाईट भी कर देता था. वो गर्म हो रही थी.

उसने मुझे गले से लगा लिया और हम दोनों ने एक बहुत डीप किस की. फिर मैंने उसकी जुबान चूसनी शुरू कर दी. उसने मेरी भी ज़ुबान चूसी. इस दौरान मेरा बायाँ हाथ उसके बालों पे था, जिससे मैंने उसकी गर्दन को पीछे को खींची हुई थी. मेरा दायाँ हाथ उसके मम्मों को दबा रहा था. वो मादक सिसकारियां भर रही थी.

फिर मैंने उसकी क़मीज़ उतार दी, उसने रेड ब्रा पहनी हुई थी. उफ्फ्फ्फ ... क्या मम्मे थे उसके ... दूधिया रंगत के पिंक निप्पल एकदम से खड़े हुए थे. मैंने आहिस्ता आहिस्ता उसके सारे कपड़े उतार दिए और अपने भी निकाल दिए. वो मुझे दीवानों की तरह छाती पे किस कर रही थी और मेरे निप्पल से खेल रही थी. मैं भी उसके सारे जिस्म पे हाथ फेर रहा था और वो गरम से गरमतर हो रही थी.

फिर मैंने उसे उल्टा लेटने को कहा, वो लेट गयी और मैंने उसकी गर्दन से उसे चाटना शुरू किया. उसके दोनों बाज़ू हाथ और आर्मपिट ... उफ्फ्फ्फ़ ... क्या मदहोश कर देने वाली महक थी उसके जिस्म की. जब मैं उसके आर्मपिट और गर्दन पे ज़ुबान लगाता था, तो वो ऊपर को उछल पड़ती थी, जिससे मेरा लंड उसकी गांड पे टच हो रहा था.

उसने हाथ बड़ा कर मेरा लंड पकड़ा और बोली- उफ्फ्फ्फ़ हाय अल्लाह ... इतना बड़ा इतना मोटा ... और मजबूत ... मेरी तो ये आज फाड़ ही डालेगा ... ज़रीना तो बहुत किस्मत वाली है ... जिसे इतना मजबूत लंड मिला है.

मैंने कहा- मेरी रानी, आज ये तुम्हारा है ... आज रात इसके पूरे मजे कर लो.

हम दोनों जल्द ही चुदाई की पोजीशन में आ गए. इस वक्त मैं उसके ऊपर दोनों तरफ टांगें फैला कर चढ़ा हुआ था. इसी तरह चूमते चाटते मैं उसकी गांड पे आ गया और ज़ोर से उसकी नंगी गांड पे एक थप्पड़ मारा.

'उफ्फ़ ...' उसकी गांड ऐसे फड़फड़ाई कि क्या बताऊं. फिर मैंने उसकी गांड पे दांत से काटना शुरू कर दिए, जिससे वह मरने की हद तक पहुंच गयी. फिर मैंने अपना हाथ उसकी गांड की दरार में डाला और उसकी चूत और गांड को सहलाने लगा. साथ साथ उसकी टांगों को भी चूमने लगा. फिर मैंने उसे सीधा लेटने को कहा. जब मैंने उसका मुखड़ा देखा तो टमाटर की तरह लाल हो रहा था. मुझसे रहा ही न गया और मैं उसके गालों पे बहुत देर किस करता रहा, काटता भी रहा. फिर मैंने उसकी गर्दन पे किस किया और फिर उसके मम्मों को सहलाने लगा.

मैं अब भी उसके ऊपर उसी पोजीशन में था और जब मैंने नीचे मुँह कर के उसके मम्मे को अपने मुँह में लिए, तो साथ साथ मेरा लंड उसकी बग़ैर बालों की चूत, जो बिल्कुल गीली हुई पड़ी थी, उससे टच कर रहा था. मैंने नोट किया जब मेरा लंड उसकी चूत से टच करके ऊपर को उठता था तो उसकी चूत के रस से लंड की टोपी के साथ एक तार सी बन जाती. मैं पूरे जोश में था. मैंने बारी बारी उसके दोनों चूचे चूसे और उनको दबा दबा कर काटता भी रहा. फिर मैं उसके पेट पे किस करता रहा और उसकी चूत पे आ गया.

मैंने उसकी रानों पे किस किया और वहां जुबान से चाटने चूमने लगा. जब मैंने अपनी जुबान उसकी चूत के आसपास फेरी, तो मुझे उसकी गीली चूत का कुछ अजीब सा स्वाद लगा लेकिन मैं मज़े से पागल हो रहा था. मैंने दीवानगी के साथ उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.

ऐसा करते देख कर सारा ने खुद ब खुद अपनी टांगें फैला दीं और मेरे बालों में हाथ फेरने लगी. मैं ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत चाट रहा था. मैं उस वक्त तक नहीं रूका, जब तक कि उसकी चूत का पानी न निकल गया. मैं ये देख कर हैरान रह गया कि उसकी मनी (कामरस) भी बिल्कुल मेरी मनी की तरह गाढ़ी थी.

फिर जब मैंने अपना मुँह हटाया तो वो भूखी शेरनी की तरह उठी, उसने मुझे नीचे गिराया और मेरे ऊपर चढ़ गयी. मेरा लंड जो इस वक्त बिल्कुल खूंखार हो चुका था ... उसकी गीली चूत से टच हुआ.

लेकिन उसने एक नया काम किया. मैं सोच रहा था कि अभी मेरा लंड अपनी चूत में ले लेगी लेकिन उसने मेरे पेट पे लेट कर इस पोजीशन में कर लिया कि मेरा लंड बस उसकी चूत के मुँह को टच करता रहे. उसने अपनी ज़ुबान से मेरे होंठों पे और आस पास लगाई और मेरे मुँह में लगी अपनी मनी को चाटना शुरू कर दिया.

उफ्फ्फ ... क्या बताऊं ... यार उसने अपनी खुद की सारी मनी मेरे मुँह से साफ़ कर दी. इसके बाद उसने मेरे माथे से बोसे लेना शुरू किया. किस के साथ साथ वो हिल भी रही थी, जिससे लंड और चूत आपस में चुम्मी चुम्मी खेल रहे थे. मुझे और उसे इस खेल का भरपूर मज़ा आ रहा था. उसने मेरी आँखों, मेरे गाल, मेरी नाक को पहले किस किया, फिर चूसा. फिर उसने मेरे कानों को किस किया ... लिक किया ... बाईट किया और कान में ज़ुबान डाल दी.

उफ्फ़फ ... मेरा तो बुरा हाल हो गया था.

फिर उसने मुझे फ्रेंच किस की और अचानक किस खत्म करके उसने मेरे होंठों के ऊपर वाले हिस्से को, मतलब मूंछों वाली जगह को लिक किया और मेरे नाक में भी अपनी जुबान से किस करती रही. ये मेरे लिए नया तजुर्बा था.

फिर उसने मेरी गर्दन को किस किया और फिर मेरे सीने को दोनों हाथ से मसलती रही. वो मेरे सीने पे और कन्धों पर काटती रही. सारा इस वक़्त ज़ख़्मी शेरनी से कुछ कम नज़र नहीं आ रही थी. उसने मेरे निप्पलों की भी किस करना चालू कर दिया और बारी बारी से वो मेरे दोनों निप्पलों को दांतों से काटने में लग गई.

खैर ... वो किस करती हुई मेरे नीचे आ रही थी. जब वो नीचे हो रही थी, तो मेरे लंड पर उसकी चूत ऐसे फिसली कि मत पूछो ... मैं तो उस रगड़ से सातवें आसमान पे पहुंच चुका था. मुझे कुछ जल्दी नहीं थी ... मैं बस अपनी एक रात की शादी को एन्जॉय कर रहा था.

खैर उसने मेरे लंड की टिप पर ज़ुबान रख दी और लंड को हाथ में पकड़ा, जो उसकी चूत के पानी से बिल्कुल गीला हो चुका था. वो मेरे लंड को सहलाने लगी और मेरी गोटियों को अपनी ज़ुबान की नोक से बिल्कुल नीचे से ऊपर तक मेरे लंड के सुराख तक चाटती हुई ऊपर आई. फिर उसने मेरे लंड की टोपी को किस किया और मुझे टांगें खोलने को कहा.

मैंने टांगें खोलीं तो अगले ही लम्हे में मेरा पूरा जिस्म मज़े से कंपकंपा उठा. उसने मेरी गांड के सुराख़ के पास से शुरू चाटना करके मेरी गोटियों और मेरे लंड की टोपी तक जो जुबानी चांटा लगाया. तो मेरे मुँह से बेइख़्तियार सिसकारी निकल गई- उम्म्ह... अहह... हय... याह... सीईईईई आह ...

क्या बताऊं ... सारा पूरी खिलाड़िन थी.

फिर उसने मेरे लंड को अपने मुँह में ले कर चूसना शुरू कर दिया. मैंने उसे इशारा किया तो वो मेरे ऊपर 69 पोजीशन में आ गयी. ऊपर होने की वजह से उसकी चूत और गांड खुल कर मेरे सामने आ गयी थी. मैंने भी दीवानों की तरह उसकी चूत पे ज़ुबान चलानी शुरू कर दी. अब मैं अपनी ज़ुबान उसकी चूत में भी डाल रहा था और ज़ुबान से सारा को छेड़ रहा था. जैसे ही मेरी ज़ुबान उसकी चूत में जाती, वो बहुत ज़ोर से मेरे लंड का चुप्पा लगाती.

ऐसे ही करते करते हम दोनों का पानी निकल गया, जिसे हम दोनों ने पी लिया. सर्दी के बावजूद भी हमारे जिस्म तप रहे थे. इस सारे काम में हमें तक़रीबन एक घंटा लग गया था ... और इस एक घंटे में हम दोनों एक दूसरे से बहुत कम बोले.

वो मेरे बराबर में लेट गयी और बोली- आमिर ... मुझे ज़िंदगी में इतना मज़ा कभी नहीं आया ... जितना आज आया है. आज तुम मेरी सील भी तोड़ दो.

इसके बाद अगले भाग में अपनी आपा सारा की जबरदस्त सील तोड़ चुदाई का किस्सा सुनाने वाला हूँ.

कहानी जारी है.


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दूसरा अध्याय

खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला



भाग 2


मैंने कहा- जल्द ही यह काम भी कर दूंगा, ये तो क़िस्मत की बात होती है, तुम्हारी शादी हो गयी ... फिर भी तुम कुंवारी रही और मेरी सुहागरात तुम्हारे साथ मन रही है. कसम से तुम्हारे साथ बहुत मजा आ रहा है. शायद किस्मत हमें मिलाना चाहती है.

फिर हम कुछ देर इधर उधर की बातें करते रहे. इस दौरान में उसके मोटे मोटे चूतड़ों पे हाथ फेरता रहा, जिससे वो आहिस्ता आहिस्ता फिर से मस्त होने लगी और उसने उठ कर फिर से मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया, जो अब तक खड़ा हो चुका था. उसने चूस चूस कर मेरा लंड सुजा दिया था. चूसने से लंड बिल्कुल लोहे की रॉड की तरह कड़क हो गया था. जब वो लंड चूस रही थी, उस वक़्त वो अपनी चूत को मेरे पांव के अंगूठे से रगड़ रही थी.

फिर वो एकदम से उठी और बोली- आमिर, अब बस करो ... मुझे आज भर दो.

मैं उठा और मैंने उसकी दोनों टांगों को फैलाया तो हैरान रह गया कि इतना भरा हुआ जिस्म होने के बावजूद भी इतनी लचक थी कि टांगें बिल्कुल बेड के साथ लग गईं और उसकी मोटी और सूजी हुई चूत खुल कर मेरे सामने आ गयी.

मैंने देखा कि उसकी खुली छाती पर तने हुए उरोज अपने सिरे पर गुलाबी छतरी ताने मुझे ललचा रहे थे. मैंने एक तरफ के गुलाबी चुचूक को अपने मुँह में रखा और दूसरे को उंगलियों के बीच फंसाकर हल्के से दबाने लगा. थोड़ी देर बाद दूसरे निप्पल को मुँह में भरा व इधर के निप्पल को उंगलियों से दबाने लगा.

मैंने चूत के सुराख़ पर लंड की टोपी रख दी और हल्का हल्का रगड़ने लगा. फिर मैं अपने लंड को उसकी चूत पर लगा कर अन्दर बाहर करने की कोशिश करने लगा लेकिन आधी टोपी तक कभी मैं लंड अन्दर करने की बजाए उसके दाने पे रगड़ देता, तो वह तो किसी कुतिया की तरह गुर्राने लगती. फिर तुंरत ही अपने चूतड़ों और घुटनों को ऊपर नीचे करके लंड को अपनी चूत पर टक्कर दिलवाने लगी.

फिर वो हाथ जोड़ कर बोली- आमिर प्लीज़ पेल दो ना ... क्या मुझे मारने का इरादा?

सारा मेरे लिंग को अपनी चूत के प्रवेश पर बार बार रगड़ रही थी और शायद जैसे ही वो सही सीध में आया, मैंने धीरे धीरे नीचे होना शुरू किया ... पर या तो चिकनाई ज्यादा थी ... या सारा का छेद सही नहीं बैठ पा रहा था ... जिस वजह से मेरा लंड फ़िसल गया.

सारा ने अपना हाथ बढ़ाया और अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर फिर से रख कर फिर से नीचे दबाने को कहा. पर इस बार फिर से लंड नाभि की तरफ़ चला गया. तब मैंने ख़ुद ही अपने लिंग को पकड़ा और सारा की चूत में डालने की कोशिश की. जैसे ही मैंने एक हल्का सा धक्का लगाया, तो शायद वो थोड़ा अन्दर गया. क्योंकि सारा के हाथ और पाँव एकदम हवा में उठ गए और मुँह से सिसकारी निकल गई.

सारा के मुँह से हल्की सी चीख निकल गई- उम्म्ह... अहह... हय... याह... आहह अब लंड डाल दो ... अब और इंतज़ार नहीं होता ... प्लीज जल्दी करो ना ... प्लीज आहहह ...
अब मैं टोपी से लगातार उसकी चूत को छेड़ रहा था और वो ज़ोर से सिसकारियाँ भर रही थी- आमिर ये तूने क्या कर दिया? अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है, जल्दी से चोद दो, मेरी चूत में आग लग रही है.

वो ज़ोर-जोर से हाँफ रही थी और 'आहह ... एम्म ... ओह ... आआअ ... डालो ना अन्दर ...' जैसी आवाजें निकाल रही थी.

अभी मैंने दो तीन ही धक्के मारे थे कि सारा ने दर्द से तड़फ कर मुझे रोक दिया, वो बोली- दर्द हो रहा है ... आपका तो बहुत बड़ा है ... मेरी चूत बहुत छोटी है फट जाएगी.

मैंने कहा- घबराओ मत आराम से करेंगे.

हम दोनों एक दूसरे को 'आई लव यू...' बोले जा रहे थे. मैंने टोपी एडजस्ट करके एक इतने ज़ोर का धक्का लगाया कि मेरा लंड चूत में सैट हो गया. मैंने अपने लंड के बाहर निकले हिस्से पर थूक लगाया और उसके दोनों पैरों को फैला दिया.

अब मैंने दबाव बनाते हुए अपने लंड को उसकी चूत में और अन्दर डाल दिया. वो मछली की तरह तड़फ उठी. तभी मैंने सारा की कमर पकड़ कर एक और जोरदार धक्का दे मारा. वो उछल पड़ी. मगर तब तक मेरे लंड का काफी हिस्सा उसकी चूत में फंस चुका था. मैंने फिर एक जोरदार धक्का मारा. पूरा कमरा सारा की चीख से भर गया. उसकी सील टूट गई थी. मैंने सारा की चुची को दबाना चालू कर दिया. मैंने सारा के दर्द की परवाह किए बगैर अगला झटका लगा दिया और अपना मूसल लंड चूत में घुसेड़ दिया.

इस बार सारा पहले से ज्यादा तेज़ चिल्लाई, सारा के आंसू निकल आये थे, पर मैं कहां मानने वाला था. मैंने फिर एक और जोर से धक्का मारा. इस बार करीब आधा लंड अन्दर घुस गया था. जैसे ही लंड घुसा ... वो बहुत जोर से चिल्लाने लगी- आह ... फट गई ... आहह आआअह ... प्लीज़ इसे बाहर निकालो ... मैं मर जाऊंगी ... उफ़फ्फ़ आहह आआहह ...

उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे थे लेकिन मैं नहीं रुका. मुझे लगा मेरा लंड उसकी झिल्ली से जा टकराया था क्योंकि इस बार मैंने कोई अवरोध महसूस किया था. मैंने हल्का ज़ोर लगाया लेकिन लंड अन्दर नहीं जा रहा था.

एक बार फिर मैं थोड़ा सा पीछे हटा और फिर अन्दर की ओर दबाव दिया. उसको दर्द हुआ तो मैंने थोड़ा सा लंड फिर से पीछे किया और कमर उठा कर फिर से धक्का मार दिया. मेरा लंड ज्यादा गहरायी तक अन्दर चला गया था. मुझे महसूस हुआ कि मेरे लिंग को सारा ने अपनी योनि रस ने भिगो दिया था, जिसकी वजह से लिंग आसानी से अन्दर और बाहर हो पा रहा था.

अगली बार के धक्के में मैंने थोड़ा दवाब बढ़ा दिया. मेरी साँसें जल्दी जल्दी आ रही थीं. सारा आपा ने अपनी टांगें मेरे चूतड़ों से और बाहें मेरे कंधे पर लपेट दी थीं और अपने नितम्बों को ऊपर की ओर उठा दिया था. अन्दर अवरोध महसूस होने लगा था. लंड झिल्ली तक पहुँच चुका था. मेरा लंड सारा आपा की हायमन से टकरा रहा था और जब लंड ने उसे भेदकर आगे बढ़ना चाहा तो सारा चिल्लाने लगी कि दर्द के मारे मैं मर जाऊँगी.

मैंने पूरी ताकत के एक धक्का लगा दिया. सारा की टांगों ने भी मेरे चूतड़ों की नीचे की ओर से कस लिया. 'ओह अम्मी ...' सारा के मुँह से निकला.

जैसे ही मेरा मोटा मजबूत गर्म, आकार में बड़ा लिंग पूरी तरह से गीली हो चुकी योनि में घुस गया, तो सारा आपा के बड़े बड़े स्तन ऊपर की ओर उठ गए और शरीर एंठन में आ गया. लंड अन्दर और अन्दर चलता चला गया, चूत के होंठों को खुला रखते हुए क्लिटोरिस को छूता हुआ लंड पूरा का पूरा अन्दर तक चला गया था. सारा आपा की योनि मेरे लिंग के सम्पूर्ण स्पर्श को पाकर व्याकुलता से पगला गयी थी.

उधर मेरे हिप्स भी कड़े होकर दबाव दे रहे थे और लिंग अन्दर जा चुका था. पूरा लंड उसकी चूत में समा गया और उसकी चीख निकल गयी. सारा की चीख इतनी बुलंद थी कि एक बार को तो मैं भी डर गया कि कोई पूछने ही न आ जाए ... लेकिन तब भी मुझे सारा आपा की सील तोड़ने में बहुत मज़ा आया.

आपा भी दर्द के मारे चिल्लाने लगी ... जो इर्द गिर्द गूँज उठी थी- आहहह आय मर गई ... उउउइइ ओहह ... बहुत दर्द हो रहा है ... प्लीज इसे बाहर निकाल लो ... मुझे नहीं चुदवाना तुमसे ... तुम बहुत जालिम हो ... यह क्या लोहे की गर्म रॉड घुसा डाली है तुमने मुझमें ... निकालो इसे ... नो प्लीज बहुत दर्द हो रहा है ... मैं दर्द से मर जाऊंगी प्लीज निकालो इसे!

सारा आपा की आँखों से आंसू की धारा बह निकली. मैं उन आंसुओं को पी गया. मैं बोला- मेरी रानी ... बस इस बार बर्दाश्त कर लो ... आगे मजा ही मजा है.

सारा आपा चुप हो गई.

कुछ ही देर की कोशिशों के बाद लंड सैट हो गया और दर्द भी काफूर सा होने लगा था. अब सारा चीखने चिल्लाने लगी- हाआअ ... राआआजा ... आईसीईई और जोर से और जोर से चोदो. आज मेरी चूत को फाड़ दो, आज कुछ भी हो जाए लेकिन मेरी चूत फाड़े बगैर मत झड़ना ... आआह और ज़ोर से ... उउउईईई अम्मी ... आहह..

फिर तो झटकों का सिलसिला शुरू हो गया. अब मैं उसके ऊपर लेट कर उसे किस भी कर रहा था और एक हाथ से उसके मम्मों को सहला भी रहा था.

कभी कभी 2 उंगलियों में उसकी निप्पल को भी ले कर मसलता और कभी बहुत ज़ोर से खींचता, उसके निप्पल तने हुए थे. मैं भी मज़े से लंड को चूत के अन्दर बाहर कर रहा था. दस मिनट में वो 2 बार छूटी, कमरे में मेरे झटकों की आवाज़ बहुत बुलंद थी.

अब मैं उसकी चिल्लपों से कतई नहीं डर रहा था और न ही उसके बोलने की आवाज़ आ रही थी. खैर झटकों के एक लम्बे सिलसिले के बाद मैंने उससे बोला कि मैं झड़ने वाला हूँ.

तो उसने बोला- अन्दर ही डालो ... मुझे तुमसे एक बच्चा चाहिए.

मैंने कहा- जो हुकम सारा बेगम!

मैं ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगा. अब सारा भी भरपूर साथ दे रही थी. फिर एक दर्दनाक झटके के साथ मेरा लंड उसकी बच्चेदानी से जा टकराया और वहीं रुक कर पानी छोड़ने लगा. मैंने महसूस किया कि वो भी फारिग हो गयी थी. मैं सारा के ऊपर गिर गया.

मैं कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही पड़ा रहा ... कुछ देर के बाद वो भी शांत हो गई. मैं ऐसे ही उसके ऊपर ही लेटा हांफता रहा और वो मेरी कमर और मेरे बालों को सहलाती रही. इतना खुमार था कि मेरी आंखें मजे के कारण बन्द हो रही थीं, मगर दिल करता था कि मैं यूं ही इसी हालत में ही सो जाऊं.

लेकिन ... अभी तो बहुत मज़े लेने थे.

कुछ देर बाद मैं उसके ऊपर से लुढ़क कर साइड पे बेड पे सीधा गिर गया और मेरा लंड भी बाहर आ गया. मेरे लंड पे खून लगा हुआ था. सारा की चूत से खून मेरा स्पर्म और उसका पानी बह रहा था. चादर लाल हो गयी थी. मैं साइड टेबल से सिगरेट का पैकेट उठा कर सिगरेट पीने ही लगा था कि उसने मुझे फ्लास्क से दूध निकाल कर गिलास को भर कर दिया ... जो नीम गरम था. उसने खुद भी एक गिलास दूध पिया.

दूध पीने के बाद हम दोनों वाशरूम में पहुंचे. गर्म पानी का शावर लिया और फिर से बेड पर आ गए.

उसके बाद अगला राउंड शुरू हो गया. मैंने कहा- सारा इस बार तुम ऊपर आओ.

मैं सीधा लेट गया और सारा मेरे ऊपर आ गयी और मुझे लिप किस करने लगी. कुछ ही देर में सारा ने मेरा लंड अपनी चूत में डाल लिया और हम लिप किस करते हुए चुदाई करने लगे.
कुछ देर बाद सारा सीधी हो गयी और उसने अपने हाथ मेरी छाती पर रख दिए. मैं उसके गोल सुडौल मम्मे चूसने दबाने लगा, तो वो खुद ब खुद मेरे लंड पर ऊपर नीचे होने लगी. मेरे भी चूतड़ चलने लगे थे. हर धक्के के साथ सारा के मुँह से आह निकल जाती थी. सचमुच वो काफी मादक लग रही थी.

लगभग आधे घंटे बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए.

अगले राउंड में हमने पोज़ बदल दिया और मैंने सारा को घोड़ी बना दिया और लंड उसकी चूत में डाल दिया. मुझे लगा जैसे मेरा लंड इस बार कुछ ज्यादा अन्दर गया. फिर हम रिदम में चुदाई करने लगे. मैं उसके गोल मम्मे दबाने लगा और खुद आगे पीछे होने लगी. हर धक्के के साथ सारा के आह निकल जाती थी. सचमुच वो काफी प्यासी थी. फिर पन्द्रह बीस धक्कों के बाद पीछे से अन्दर डाले हुए ही मैंने उसे खड़ा कर किया और कस कस कर धक्के लगाने शुरू कर दिए.

लगभग बीस मिनट बाद हम दोनों एक साथ फिर से झड़ गए.

उस रात मैंने सारा आपा या सारा बेगम, जो भी कह लो, लगातार 4 बार चोदा, जब मैं आखरी बार उसकी गांड में लंड डाल कर चोद रहा था तो फजर का टाइम हो गया और मामू ने डोर नॉक कर के हमें आवाज़ दी. मैं ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा ताकि मामू भी चुदाई की आवाज़ सुन लें और समझ जाएं कि हम जाग रहे हैं.

खैर फिर मैं फारिग हुआ. हमने एक बहुत लम्बी जफी लगाई और किस भी की.

फिर हम फ्रेश होने चले गए.

कहानी आगे जारी रहेगी.



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मजे - लूट लो जितने मिले

दूसरा अध्याय

खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला


भाग 3


ख़ैर फिर मैं फ़ारिग हुआ। हमने एक और लम्बी जफी लगाई और फिर चुम्बन किया, जिसके बाद हम सफ़ाई कने के लिए चल दिए। दर्पण में मेरे सीने पर उसके नाखूनों के और उसके पूरे जिस्म पर मेरे दांतों के निशान साफ़ दिख रहे थे।

मैंने सारा से पूछा,

"क्या तुम अब भी इमरान (उसका पहला शौहर) के पास जाना चाहती हो?"

"क्या आप चाहते हो कि मैं इमरान के पास चली जाऊँ?"

सारा बोली मैं आपको एक छोटी से कहानी हलाला के बाद सुनाती हूँ उसी में म्रेरे जवाब छुपा है

सायरा को पत्नी रूप में पाकर अनवर बहुत खुश था, माँ ने जब पहली बार बहू को देख कर कहाथा कि चाँद का टुकड़ा है तब अनवर अचानक ही बोल पड़ा था, “माँ यह चाँद का टुकड़ा नहीं,पूरा का पूरा चाँद है और मैं खुशनसीब हूँ जो यह मेरे भाग्य में आया, ऊपर वाले का मैं बहुत ही शुक्रगुजार हूँ कि उसने मुझे दुनिया की सबसे अच्छी माँ दी और अब दुनिया की सबसे सुंदर पत्नी दी है।”

सायरा और अनवर एक दूसरे को बहुत चाहने लगे थे, अगर कभी सायरा एक दो दिन के लिए मायके चली जाती तो अनवर का घर में मन नहीं लगता था यही हाल सायरा का भी था, जबकभी अनवर को व्यवसाय के सिलसिले में शहर से बाहर जाना पड़ता तब सायरा बुझी बुझी सी रहती और जल्दी से जल्दी अनवर के वापस लौट आने की ऊपर वाले से दुआ मांगती।

शुरू में तो सब अच्छा ही चल रहा था लेकिन जब एक माँ और पत्नी का अभिमान आपस में टकराने लगे तब घर बिगड़ने में देर नहीं लगती। माँ को लगने लगा कि अनवर अब सायरा के कारण मेरीअवहेलना करने लगा है तो सायरा उसको दुश्मन नजर आने लगती। माँ ने बहू के विरुद्ध अनवर के कान भरने शुरू कर दिये, जब किसी झूठ को बार बार दोहराया जाए तो वह भी सच लगनेलगता है। सायरा ने भी एक दो बार माँ के बदले हुए व्यवहार के बारे में अनवर को बताया लेकिन अनवर ने अनसुनी कर दिया।

उस दिन कुछ ज्यादा ही हो गया और सायरा ने अपने मायके जाने का फैसला कर लिया, अनवरने काफी समझाया लेकिन वह नहीं मानी और जाने की जिद पर अड़ी रही। अनवर सायरा से बेहद प्यार करता था लेकिन उस दिन उसके अंदर का पुरुष उसके ऊपर हावी हो गया और अनवर ने आव देखा न ताव और सायरा से दो टूक कह दिया, “अगर सायरा तू जाना चाहती है तो जा मैं भी आज से तुझे आज़ाद करता हूँ।” तलाक, -३ कह कर सायरा को छोड़ दिया अपना निकाह तोड़ दिया।

सायरा चली गयी लेकिन उसके जाने के बाद अनवर पागल सा हो गया और सायरा को लेने उसके घर चला गया। सायरा के पिता ने अनवर को समझाया, “बेटा अब सायरा तुम्हारी पत्नी नहीं रही, अब तुम दोनों का निकाह टूट चुका है, अब ये तुम्हारे साथ नहीं जा सकती।”

अनवर बोला, “मैं सायरा से दोबारा निकाह करने को तैयार हूँ।” सायरा के पिता ने अनवर को फिर समझाया, “बेटा, इससे दोबारा निकाह करने के लिए सायरा को हलाला करना होगा, हलाला मतलब सायरा को किसी दूसरे से निकाह करके उसके साथ कम से कम एक रात उसकी पत्नी के रूप में गुजारनी होगी, उसके बाद सायरा का शौहर जब अपनी मर्जी से इसे तलाक देगा तभी इसके साथ तुम्हारी दोबारा शादी हो सकती है। इसमे अहम है दोनों को पति पत्नी के रूप में रिश्ता कायम करना, और इसके लिए हर कोई तैयार भी नहीं होता, और यह रिश्ता दोनों की रजामंदी से बनाया जाता है किसी की ज़ोर जबर्दस्ती से नहीं।

दरअसल हलाला की पूरी जानकारी न होने की वजह से लड़के तलाक तो दे देते हैं और फिर बाद में पछताते हैं।”

अनवर ने कहा, “अगर मैं अपने किसी जानकार को हलाला के लिए तैयार कर लूँ तो क्या आप रजामंद होंगे?”

सायरा के पिता बोले, “हाँ! अगर कोई विश्वसनीय व्यक्ति हुआ तो अवश्य हम रजामंद होजाएंगे, हमारी बेटी के जीवन का जो सवाल है।”

अनवर वहाँ से वापस आकर सीधा सुहेल के घर गया। सुहेल का घड़ियों का कारोबार था और इसी सिलसिले में उसको स्विट्ज़रलैंड भी जाना पड़ता था। सौभाग्य से सुहेल उस दिन घर पर ही था,अचानक काफी दिनों बाद अपने बचपन के मित्र अनवर को देखकर खुश हो गया एवं बड़ी गर्मजोशी से उसको गले लगा लिया।

घर के अंदर पहुँच कर सुहेल ने अनवर से पूछा, “भाई! सब ठीक है? मुंह क्यो लटका रखा है?” तबअनवर ने अपनी पूरी परेशानी सुहेल के सामने रख दी एवं सायरा के हलाला के लिए सुहेल से विनती की।

सुहेल अभी कुँवारा था, सच पूछो तो व्यवसाय को जमाने में उसे शादी के बारे में सोचने का वक़्त ही नहीं मिला। सुहेल बोला, “अनवर भाई! यह सब तो ठीक है परंतु आजकल मेरे रिश्ते भी काफी आ रहे है, हर रोज़ कोई न कोई आकर दरवाजे पर बैठा रहता है, जरा सोच कर देखो अगर मैंने सायरा से निकाह कर लिया तो कोई भी रिश्ते वाला मेरे दरवाजे पर नहीं फटकेगा।”

अनवर ने हाथ जोड़ कर कहा, “सुहेल भाई, तुम मेरे बचपन के दोस्त हो, तुम्हें मेरी सभी अच्छाइयाँ और बुराइयाँ पता है और मेरा भला बुरा भी खूब जानते हो, अब मुझे बस तुम्हारा ही सहारा है और इस निकाह का सिर्फ हम तीनों और काजी को ही पता ओग, आप जल्दी से तलाक दे देना बस आप आजाद हो जाएंगे।”

सुहेल बोला, “भाई इन कार्यों में जल्दी नहीं चलती, वक्त देना पड़ता है अगर तुम्हारा और सायरा का भला करते करते मुझसे जरा भी चूक हो गयी तो दोज़ख की आग में तो मुझे ही जलना पड़ेगा।”

“ठीक है भाई, तुम समय ले लेना लेकिन एक बार मुझे इस गलती से बाहर निकाल दो।” अनवर हाथ जोड़ कर खड़ा हो गया।

सुहेल से सायरा का निकाह हो गया, पहली रात को सुहेल ने सायरा को समझाया, “देखो, तुममेरे पास अनवर की अमानत हो, मैं तुम्हारी मर्जी के बिना तुम्हें हाथ भी नहीं लगाऊँगा फिरभी हम दोनों को एक बार तो रिवाज निभाना ही होगा क्योंकि उसके बिना मैं तुम्हें तलाकभी नहीं दे सकूँगा अतः तुम इस घर में सुकून से रह सकती हो और थोड़ा खुश रहने की कोशिश करोगी तो आगे का रास्ता और भी आसान हो जाएगा।”

काफी बड़ा घर था जिसमे सुहेल और सायरा के अलावा बस नौकर चाकर ही रहते थे, सुहेल भी ज्यादा समय बाहर ही रहता, रात में घर आता, खाना खाकर थोड़ी देर दोनों टहलते फिरअपने अपने कमरे में सोने चले जाते, दोनों अलग अलग कमरों में सोते थे।

सुहेल को कुछ दिनों के लिए स्विट्ज़रलैंड जाना था तो उसने सायरा को बताया, “सायरा मैं कुछ दिनों के लिए स्विट्ज़रलैंड जा रहा हूँ, तुम यहाँ अकेली बोर होगी, चाहों तो अपने मायके चली जाओ या मेरे साथ चलना चाहो तो मेरे साथ चलो स्विट्ज़रलैंड, तुम्हें भी अच्छा लगेगा और मनभी बहल जाएगा।”

सायरा ने एक दिन सोचा और फिर सुहेल के साथ स्विट्ज़रलैंड जाने का निर्णय ले लिया।

सायरा और सुहेल स्विट्ज़रलैंड चले गए, वहाँ की खूबसूरत वादियाँ और मनमोहक नजारे सायरा कोभा रहे थे, सायरा को लगा जैसे वह एक खूबसूरत दुनिया में आ गयी है, अब वह दिल्ली की तंग गलियों को भूल चुकी थी।

स्विट्ज़रलैंड मे सुहेल का अपना एक घर था, वह सायरा को वहाँ छोड़ कर अपने व्यवसाय के लिए चला जाता, जिस दिन कोई काम नहीं होता उस दिन वह सायरा को घुमाने ले जाता।

क्रिसमस पर स्विट्ज़रलैंड में बहुत बर्फबारी होती है, वहाँ की बर्फबारी के सुंदर दृशयों कोदिखाने के लिए सुहेल सायरा को भी ले गया। दुनिया भर से बड़ी संख्या में सैलानी वहाँ की बर्फबारी देखने व स्कीइंग करने आते हैं, सायरा ने तो यह सब पहली बार देखा था, उसे इन सबको देखकर बड़ा आनंद आ रहा था।

वे दोनों एक बर्फीली चोटी के ढलान पर चढ़ रहे थे, ऊपर से सफ़ेद बर्फ रुई के फ़ाहों की तरह गिर रही थी, सायरा ऊपर से गिरती बर्फ को देखने लगी तो उसका संतुलन बिगड़ गया एवं वहडगमगाकर गिरने लगी तभी सुहेल ने अपनी बाहों के सहारे से सायरा को गिरने से रोक लिया,सायरा बुरी तरह घबरा गयी क्योंकि नीचे गहरी खाई थी और ड़र कर सुहेल से लिपट गयी।

तभी घोषणा होने लगी, “सभी सैलानियों से अनुरोध है कि वे तुरंत ही वापस आ जाए, एक भयंकर बर्फीले तूफान ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया है।”

सुहेल वापस चलने ही वाला था कि तूफान में घिर गए और वह बड़ी फुर्ती से सायरा को लगभग खींचते हुए नजदीक वाले होटल में घुस गया।

“सायरा आज हम घर नहीं जा सकेंगे, सारे रास्ते बंद हैं, आज की रात हमे यही ठहरना पड़ेगा,मैं जाकर देखता हूँ और दो कमरे बुक करवा लेता हूँ।”

काफी कोशिशों के बाद भी उस होटल में सुहेल को एक कमरा और वह भी सिंगल मिला। सुहेल नेसायरा को कमरे में सोने के लिए कहा और बताया कि वह बाहर ठहरकर ही रात गुजर लेगा लेकिन सायरा इस बात के लिए तैयार नहीं हुई और उसने कठोरता से सुहेल से कहा, “अगर कमरे में रात गुजारेंगे तो दोनों नहीं तो मैं भी तुम्हारे साथ बाहर ही रहूँगी।”

काफी बहस के बाद दोनों कमरे में सोने चले गए। बर्फ़ीला तूफान बहुत तेज था, बाहर का तापमान ज़ीरो डिग्री से भी नीचे चला गया था लेकिन कमरों का तापमान सामान्य था, अतः लेटते ही दोनों को नींद आ गयी।

नींद में न जाने कब सायरा सुहेल के आगोश में थी, दोनों की गरम साँसे एक दूसरे से टकरा रहीं थी, तभी सुहेल ने सायरा को कस कर अपनी बाहों में जकड़ लिया, सायरा को भी अच्छा लगरहा था और उसने भी अपनी नर्म बाहें फैलाकर सुहेल को अपने आगोश में ले लिया। उस रात भयंकर तूफान के बीच फंसी सायरा का हलाला हो गया।

सुबह तूफान थम गया था और सुहेल वापस अपने घर आ गया था, अभी कुछ दिन और सुहेल को स्विट्ज़रलैंड में ही रहना था, लेकिन उस होटल वाली रात के बाद भी घर पर आकर दोनों अपने अपने कमरों मे ही सोते थे।

एक दिन सायरा की तबीयत अचानक बिगड़ गयी, सुहेल उसको लेकर डॉक्टर के पास गया।डॉक्टर ने सभी तरह के टेस्ट किए, पूरा चेक अप करने के बाद डॉक्टर ने बताया, “सुहेल सर,एक खुशखबरी है, आप पिता बनने वाले है और सायरा माँ बनने वाली है।”

सुहेल जब सायरा को लेकर वापस दिल्ली आया तो अनवर दौड़ा दौड़ा उससे मिलने आया। अनवरने सुहेल और सायरा के हाल चाल जानने के बाद सुहेल से विनती की, “भाई! अब सायरा केबिना जीना मुश्किल रहा है, तू जल्दी से उसे तलाक दे दे, मैं जल्दी से जल्दी उससे निकाह करके उसे अपने घर ले जाना चाहता हूँ।”

सुहेल बोला, “भाई अनवर, मैं अब सायरा को तलाक नहीं दे सकता, वह मेरे बच्चे की माँ बनने वाली है।”

अनवर के तो पैरों तले जमीन खिसक गयी और वह सुहेल को तरह तरह की लानत देने लगा यहाँ तक कह दिया कि सुहेल तूने दोस्त होकर दगा किया है, मैंने कभी नहीं सोचा थी कि तू मेरे साथ विश्वासघत करेगा।

सुहेल बोला, “अनवर भाई! मैं, सायरा और मेरा खुदा ही जानता है कि मैंने सायरा को हमेशा तेरी अमानत समझ कर रखा और हलाला के सिवा मैंने कभी भी उसके साथ कुछ नहीं किया लेकिन खुदा को शायद यह मंजूर नहीं था कि हलाला के बाद सायरा तुम्हें मिल जाएगी।”

“भाई तुम मेरी सायरा वापस लौटा दो, मैं तुम्हारे बच्चे को तुम्हें सौंप दूंगा।” अनवर ने गिड़गिड़ा कर कहा।

“तो क्या अब मैं एक माँ को उसके बच्चे से जुदा करने का महापाप भी कर लूँ? नहीं भाई! अब मैं सायरा को किसी भी हालत में तलाक नहीं दे सकता, वह मेरी बीवी है, मैंने उससे निकाह किया है और उसको लेकर मैं वापस स्विट्ज़रलैंड जा रहा हूँ, सायरा बच्चे को वहीं जन्म देगी।”

अनवर अब मन मसोस कर रह गया, अपने क्षणिक गुस्से पर पछताने लगा, “क्यो, आखिर क्यों मैंनेबिना सोचे समझे सायरा को तीन तालक देकर घर से निकाल दिया था, मैंने तो सोचा था कि हलाला के बाद सायरा फिर मेरी हो जाएगी लेकिन यह तो कभी नहीं सोचा था कि हलाला केबाद ऐसा भी हो सकता है कि सायरा हमेशा के लिए बेगानी हो जाएगी।”

जब सारा चुप गयी तो मैंने चूमते हुए कहा इसका मतलब तो लगता है नहीं, तो सारा बोली हाँ पक्का नहीं अब मैं उसके पास नहीं जाना चाहतीl

सुबह मौलवी साहब को बुलाया गया और उन्होंने रवायत बताई, जिसके मुताबिक़ मैं सारा को तीन तलाक देकर उसकी इमरान से शादी का रास्ता साफ़ कर सकता था।

मैंने कहा, "इमरान को बुलवाइए, मैं उससे बात करूँगा, फिर कोई फ़ैसला करूंगा।"


कहानी आगे जारी रहेगी.


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दूसरा अध्याय

खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला

भाग 4



इसके बाद इमरान ने खाला और मामू से बात की. ये बात फिर अब्बा हज़ूर और अम्मी के पास गयी और उन्होंने भी इजाजत दे दी. मेरा निकाह दिलिया से तय हो गया.

रात भर की जबरदस्त चुदाई या ठुकाई जो मर्जी कह लीजिये सारा की चूत सूज गयी थी और दिन भर थोड़ा लंगड़ा कर चल रही थी तो उसे दवाई दिलवाई.

अब्बू अम्मी ने कहा सारा का तो क्योंकि हलाला का मसाला था इसलिए उन्होंने चुपचाप निकाह करने की इजाजत दे दी थी पर अब मेरा निकाह और वलीमा की दावत धूम धाम से करना चाहते थेl इसलिए बातचीत कर फैसला हुआ निकाह हैदराबाद में ही किये जाए क्योंकि वही सुविधा रहेगी इसलिए मुझे जल्दी लौट आने को कहा और मैंने वापिस हैदराबाद जाने की बात की.

ख़ाला बोली, "कुछ दिन रुक जाओ, लोग तो हनीमून मनाने कश्मीर आते हैं। तीनों बीवियों से सुहागरात मना लो, फिर चले जाना।"

तो मैंने कहा अब अब्बू अम्मी और घर के लोग जल्द ही मेरी दुल्हनों से मिल कर वलीमे की दावत देना चाहते हैं इसलिए हमे जल्द से जल्द निकलना होगा और इस पूरे घटनाक्रम में शाम और फिर रात हो गयीl मैं वापिस हैदराबाद जाना चाहता था पर अब कोई फ्लाइट नहीं थीl

तो ख़ाला बोली अच्छा कल चले जाना तो तय हुआ बाकी दुल्हनों की सुहागरात हैदराबाद में ही होगी और आज फिर मुझे सारा के साथ ही रहना था .

जैसे ही रात हुई मामू ने मुझे बुलाया और कहा कल रात जो चीखने चिल्लाने की आवाज़ आयी थी वह नवाबी तेहज़ीब के मताबिक सही नहीं हैं जो भी करो नज़ाकत को देख कर करो . सारे नौकर नौकरानी सुनते है और बातें बाहर जा सकती हैl

मैने सर झुका कर आदाब कियाl अब इस बात का असर थोड़ा उल्टा हुआ, क्योंकि हमारे यहाँ है गांड मारने का रिवाज l

मैंने सोचा आज इसकी गांड ही मारूंगा और गांड मारने के ख्याल भर से मेरा लंड टनटना गयाl मै कमरे में अपनी दुल्हन के पास पहुंचा तो देखा की वह सो रही थी .

गोरी सारा चूड़ीदार और कुरता में थी और उसे थकी हुयी सोते देख मुझे उस पर प्यार आया और धीरे से मैंने उसकी गोरी पेशानी चुम ली . मेरे स्पर्श से वह जग गयी और बड़े प्यार से बोली तुम कब आये आमिर मेरी आँख लग गयी थी .

मैंने पूछा आपा आपकी तबीयत कैसी है आज आप ठीक से चल नहीं प् रही थी . मैंने प्यार से उनके गुलाबी होंठो को चूमते हुए पुछा क्या आपको अच्छा नहीं लगा वह धीरे से बोली अच्छा तो लगा मजा भी बहुत आया पर दर्द बहुत हुआ और उन्हों मेरे होंठो को चुम लिया आराम से करो न मेरे राजा मैं पूरी तुम्हारी हूँ.

शरमाते हुए उसने कहा अपनी दुल्हन और आपा को बड़ी बेरहमी से किया ,ऐसा भी करते है कोई , कल रात तुमने बहुत तंग किया. देखो कैसे सूज गयी है. और मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चुत पर रख दिया. उसने पैंटी भी नहीं पहनी थी चुत एकदम सूजी हुई थी मैंने प्यार से चुत सलवार की ऊपर से ही को सहलाया फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी.

फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा. मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा और वह झड़ने लगी और मेरे हाथो को उनके चूक गीली गीली लगने लगी. मैंने उनकी चुत को ऊपर से हो चूमा और बोला आज इसे थोड़ा आराम देता हूँ उसके बाद मैंने अपने हाथो के उसके मोमे दबाने लगा और तभी उनका निप्पल मुझे कड़ा सा महसूस हुआ तो मैंने अपनी उंगलियों से निप्पल को खींचा को आपा कराह उठी आआह मेरे राजा धीरे बहुत दुख रहे हैं. मैंने निप्पल को किस की और फिर उनके ओंठो को चूमा.


मैंने रूम में जाकर पहली सारा को किस किया उसके कपडे निकाले और सारा को लण्ड पकड़ा दिया और कहा- "अब चूसोl"

सारा मेरे लौड़े को चूसने लगी। दो मिनट में मेरा लौड़ा टनटना का पूरा तैयार हो गया। सारा पलंग पर जाकर लेट गई, और अपनी दोनों टांगों को फैला दिया। मुझे देखकर हँसी आ गई।

मैंने उसको कहा- "मैं अब तुमको आगे से नहीं पीछे से चोदूंगाl"

सारा सुनकर घबरा गई। हाथ जोड़कर बाली- "प्लीज ! आप वहां मत करिए मैंने सुना है वह बड़ा दर्द होता है l"

मैंने कहा- "सुनो। मैं तमको जैसा कहें वैसा करोl मेरा मूड खराब मत करो समझी?"

मैंने जब गुस्से से कहा तो वो डर गईं।

मैंने उसको कहा- "चलो एक काम करो, कोई तेल लेकर आओl"

उसने कहा- "सामने खिड़की के पास से उठा लीजिएl"

मैंने सारा को कहा- "तुम घोड़ी बन जाओl"

उसने एक बार फिर मिन्नत की तो मुझे तरस आ गया और मैंने कहा अच्छा फिर लेट गया और बोला चलो मेरा लंड चूसो l और मैं उसका सर पकड़ कर अपने लन्ड पर रगड़ने लगा ।

सारा ने जोर लगाने की कोशिश कीl मगर मेरे आगे उसकी एक न चली उसके होंठ न चाहते हुए भी मेरे लन्ड पर फिर रहे थे। मुझे अच्छा लगा रहा था और मेरा लंड अकड़ रहा थाl

एक मिनट बाद सारा को भी अच्छा लगने लगा,और उसने भी जोर लगाना बंद कर दिया।

तभी मैंने उसके बाल जोर से खींचे तो उसका मुँह खुल गया। जैसे ही मुँह खुला वैसे ही मैंने अपना लण्ड अन्दर करके उसका सर अपने लण्ड पर दबा लिया।

मेरे लण्ड ने मुँह में अपना आकार बढ़ाना शुरू कर दियाl सारा छटपटा उठीl गूँ गूँ करती हुई हाथ-पांव पटकने लगीl मगर मैंने उसे नहीं छोड़ा!

मेरा लण्ड मुँह से होते हुए गले तक चला गया है।सारा की आँखों से आंसुओं की धार निकल पड़ी। वो मेरी जाँघों पर पंजे मार रही थीl नाखून गड़ा रही थीl मगर मुझ पर इसका कोई असर न हुआ। उल्टा मैंने उसका सर जोर से दबा दिया ।

सारा ने हाथ जोड़ लिए और मुझे लण्ड निकालने के लिए विनती वाली नजरों से देखा।

मैं सारा से बोला l जैसे बोलूँगाl वैसे ही करेगी न?

सारा ने तुरंत आँखों से हामी भरी। मैंने सारा का सर छोड़ दियाl

सारा बिस्तर पर गिर पड़ी, और एक दमे के मरीज की तरह हांफ रही थी।

इतने में मैं बोला हाँl अब सारा पूरी कुतिया लग रही है।

फिर मैं उसके दोनों हाथ फैला कर उनके ऊपर अपने घुटने रख कर सारा के सीने पर बैठ गया और कहा- अब लण्ड को चाटो ।
मेरा हलब्बी लण्ड देख कर सारा की आँखें फ़ैल गईं।

मेरा करीब आठ इंच लंबा और तीन इंच मोटा कालाl लौकी जैसा लण्ड, सारा मुँह पर रखा हुआ था।
सारा लण्ड देख के हक्की-बक्की थी।

मैं बोला - चाट इसे जल्दी नहीं तो फिर मुँह में डालू क्या ।

सारा ने जल्दी से जीभ निकाल कर लण्ड चाटना शुरू कर दिया।

मैं बोला - हाँl अब तू पूरी कुतिया बनी।

सारा रोती जा रही थी और लंड चाटती जा रही थी, उसके दोनों हाथ मेरे पैरों के नीचे दबे हुए थे।

बीच बीच में मैं लण्ड को पकड़ कर सारा के चेहरे पर मार देता था , उसके गोरे गालों पर मेरा भारी लण्ड मुक्के की तरह पड़ रहा था।

फिर मैंने कहा अब खड़ी हो जाओ और अपने पैरो को ढीला कर दिया और उसे पकड़ कर किश किया और उसके स्तनों को मसल दिया l

फिर मैंने सारा को कहा- "अब तुम मेरे ऊपर आ जाओ और मेरे लण्ड पर अपनी चूत रखकर बैठ जाओl" ये सोच कर के गांड बची लाखो पाए सारा फट से मेरे ऊपर आ गई। उसने अपने नाजुक हाथ से मेरा लौड़ा पकड़ा और अपनी चूत के मुंह पर लगा दियाl

और हल्का सा दबाया। मैं तो इसी माके की इंतजार में था। जैसी ही सारा ने अपनी चूत को मेरे लण्ड पर दबाया, मैंने नीचे से जोर का धक्का मारा।

सारा को शायद इसकी उम्मीद नहीं थी, इसलिए उसने एक जार की चौख मारी- "उईईई मर गईl" मैंने उसकी कमर को कस के पकड़ रखा था। वो उठ नहीं पाई। एक मिनट तक लण्ड पूरा उसकी चूत में घुसा रहा।

फिर मैंने उसकी गाण्ड के नीचे हाथ रखकर उसको ऊपर उठाया और कहा- "अब मेरे लौड़े पर उछल-उछलकर इसको अपनी चूत में अंदर-बाहर करती रहोll

सारा ने हल्के-हल्के ऊपर-नीचे होना शुरू कर दिया।

मैंने सारा में कहा- "अगर हर बार में पूरा लण्ड अंदर नहीं लिया तो मैं नीचे से फिर धक्का मारूंगाl"

सुनते ही सारा ने कहा- “नहीं नहीं प्लीजll आप मत करनाl"

में मुश्कुरा पड़ा। मैं जानता था अब वो सही से लौड़ा खायेगी। फिर मैंने सारा से कहा- "मेरे मुँह में अपने हाथ से पकड़कर अपनी चूची चुसवाओl"

उसने मेरे मुँह में अपनी चूची लगा दी। मैं उसकी चूची चूसने लगा। अब मेरा लण्ड सारा की चूत में फिसल फिसल के जा रहा था। क्योंकी सारा की चूत अब पानी छोड़ रही थी। फिर सारा की चूत संचुकन करने लगी . ये अनोखा अनुभव मुझे पहली किसी चुदाई में नहीं हुआ था ..

सारा ने कहा- "अब आप मेरे ऊपर आ जाइएl"

मैंने कहा- "ऐसे नहीं, पहले तुम मुझे कहाँ की- 'प्लीज मेरे ऊपर आकर मेरी चूत मारोl"

सुनकर सारा शर्मा गईं। मैंने जरा जोर से कहा सारा !

सारा ने हल्के से कहा- "मेरी जान मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चोदोl"

मैंने कहा- "ऐसे नहीं,जोर में बोलो साथ वाले कमरे में सुनाई देना चाहिए l"

सारा ने अब जोर से कहा- "मेरी जान मेरे ऊपर चढ़कर मुझे चोदोl"

ये सुनकर मेरा जोश और बढ़ गया। मैंने सारा को नीचे कर दिया और उसकी चूत में अपना लण्ड अंदर-बाहर करने लगा। मैंने सारा से कहा- "अब तुम भी नीचे से अपनी चूत को उठा-उठाकर चुदवाओ"l

सारा को अब मजा आ रहा था। वो अब नीचे से अपनी चूत उठा रही थी। ऐसा करने में उसकी चूत दो बार झड़ गई। उसने अपनी आँखों को बंद कर लिया और उसके चेहरा पर स्माइल दिखने लगी। 5 मिनट ऐसे ही चलता रहा। सारा ने मेरी पीठ पर अपने नाख़ून गड़ा दिए थे। चुदाई में इसका पता नहीं चला। पर अब इसका एहसास होने लगा था। मैं सारा के ऊपर से उठने लगा, पर उसने मुझे अपनी बाहों में कसकर दबा लिया।

सारा की चूत फिर संचुकन करने लगी और लंड चूसने लगी और मैं झड़ गया. फिर मैंने अपना सारा जोर लगाकर 10-15 शाट में सारा की चूत में माल झाड़ दिया।और चूत ने जैसे मेरे लंड को चूस चूस का निचोड़ दिया ..

मैंने कहा- "क्या हुआ?"

सारा ने कहा- "प्लीजll ऐसे ही लेटे रहिए ना l"

फिर सारा ने कहा देखो मेरी चूत की तुमने क्या हालत कर दी है और मुझे अब नींद भी आ रही हैll

मैंने अपने मोबाइल में 5 बजे का अलार्म लगा दिया और सारा से कहा- " अलार्म बजते ही मेरा लौड़ा मुँह में लेकर चसना शुरू कर देना। पांच बजे का अलार्म लगया है अगर पहले उठ जाओ तो चूस कर मेरा लौड़ा खड़ा करोगी तो मैं उठ जाऊँगा समझी या नहीं?"

सारा ने सिर हिला दिया।

कहानी आगे जारी रहेगी.



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1. मजे - लूट लो जितने मिले
2. दिल्ली में सुलतान V रफीक के बीच युद्ध
3.अंतरंग हमसफ़र
4. पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ एक नौजवान के कारनामे
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#13
मजे - लूट लो जितने मिले

दूसरा अध्याय

खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला

भाग 5

मैं भी रात भर का जगा हुआ था और नींद मुझे भी आ रही थी तो मैंने सोचा थोड़ा आराम कर लेते हैं

मैं सारा को अपनी बांहों में भरकर लेट गया। फिर मुझे नींद आने लगी। सुबह लगभग 3-4 बजे मैं जाग गया आँख खोली तो पता चल गया की मेरे लौड़े को सारा चूस रही हैं। पर आँखें बंद करके लेटा रहा। सारा मुझे हिलते देखा तो जोर से चूसने लगीl ऐसें चुप्पा लगवाने में मुझे बड़ा मजा आ रहा था।

मुझे जगा देख सारा लेट गई, और अपनी दोनों टांगों को फैला दिया।

फिर मैंने अपनी आँखों को खोला, और सारा को कहा- जो काम रात में अधूरा रह गया था उसे अब पूरा करते हैंl

सारा मेरा इरादा समझ गयी और सुनकर घबरा गई। हाथ जोड़कर बाली- "प्लीजll आप वहां मत करिए बड़ा दर्द होगाl"

मैंने कहा- "सारा । मैं जैसा कह रहा हूँ वैसा करोl मेरा दिमाग खराब हो जाएगा तो उसकी जिम्मेदार तुम होगी ?"

मैंने जब गुस्से से कहा तो वो डर गईं।

मैंने उसको कहा- "चलो तेल पकड़ाओ l"

उसने चुपचाप तेल की शीशी मुझे दे दी l

मैंने तेल की शीशी ली और सारा को कहा- "तुम घोड़ी बन जाओl"

वो घोड़ी बन गई। मैंने खूब सारा तेल उसके चूतड़ों पर डाल दिया। तेल की धार उसके चूतड़ों की दशा में होती हुई उसकी गाण्ड तक जा रही थी। मैंने अपनी उंगली उसकी गाण्ड में घुसा दी। सारा ने अपनी गाण्ड आगे कर दी।

मैंने उसको कहा- "अगर अब तेरी गाण्ड एक इंच भी हिली तो मैं बिना तेल के ही गाण्ड मार दूँगा l"

सुनकर सारा बोली- "नहीं-नहीं अब नहीं हिलाऊँगीll"

फिर मैंने उसकी गाण्ड में उंगली पेल दी। अब उसकी गाण्ड हिल नहीं रही थी, बस वो अपनी गाण्ड को सिकोड़ रही थी। दो-तीन मिनट मैं उसकी गाण्ड में उंगली चलाता रहा। फिर मैंने अपनी दूसरी उंगली भी उसकी गाण्ड में पेल दी। अब सारा को दर्द होने लगा और वो रोने लगी। मैंने उसको कुछ कहा नहीं, अपना काम करता रहा। जब मैंने देखा इसकी गाण्ड अब लौड़ा लेने को तैयार हैं तब मैंने उसको पलंग के कोने में घोड़ी बना दिया, और मैं नीचे खड़ा होकर उसकी गाण्ड पर अपना लौड़ा अइजस्ट करने लगा।


सही कोन बनाकर मैंने उसको कहा- "में अब लौड़ा पेलने जा रहा हैl"

उसने फिर से रोना शरू कर दिया और बोली- "प्लीज मान जाइए नाl"

मैंने कहा- "चुपचाप घोड़ी बनी रह, नहीं तो कुतिया बनाकर चोदूंगाl"

फिर मैंने अपना लण्ड उसकी गाण्ड में जैसी ही डाला वो उछल पड़ी और मेरे पैरों में गिर के रोने लगी। मैंने उसको गुस्से से कहा- "प्यार से गाण्ड मरवा लें, नहीं तो तेरी अम्मी को अभी यही बुलाता है। उनके सामने ही तेरी गाण्ड मार्रूंगाl"

से सुनकर वो सिहर कर रह गई, और चुपके से फिर से घोड़ी बन गई।

फिर मैंने सारा के पेट के नीचे एक तकिये लगाए, उसके दोनों पैरों को फैलाया और अपना लंड उसकी गांड में डाल दिया। मेरा सुपाड़ा अब उसकी गाण्ड के छेद में चला गया था।

मैंने उसको कहा- "तू अपनी गाण्ड को पीछे की तरफ जोर लगाकर धकेलl" मैं जानता था वो ऐसा नहीं कर पाएगी पर में देखना चाहता था की वो करती है या नहीं?

उसने करने की कोशिश की। और फच की आवाज हुई और खून निकला और एक ही धक्के अब मेरा पूरा लण्ड उसकी गाण्ड में था। l बेचारी पाऊँ पटकती रही और मैंने उसे अपने हांथो से जकड रखा था l मेरी हर चोट पर उसकी एक जोर की चीख निकल रही थी। मैं उसकी चीखों की परवाह करें बिना उसकी गाण्ड में अपना लण्ड पेले जा रहा था। में उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा ।

सारा इस बीच - "उईईई माँ उईईई माँl बस करो , मर गयी l" करती जा रही थी।

करीब 20-25 मिनट बाद मुझे लगा की मैं अब झड़ने वाला हूँ, तो मैंने कस के धक्के मारने शुरू कर दिए। उसकी- चीखें और तेज हो गई। मैंने कस के एक शाट मारा और मैं उसकी गाण्ड में झड़ गया। उसकी गाण्ड में मैंने अपना लण्ड ऐसे ही पड़ा रहने दिया। मेरे लण्ड को उसकी गाण्ड ने अभी तक कस के दबाया हुआ था। सारा अभी तक अपनी गाण्ड को आगे पीछे किये जा रही थी। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरे लण्ड की मालिश हो रही हो। अब मैंने अपना लण्ड बाहर खींचा तो फुच्च की आवाज के साथ मेरा लौड़ा बाहर आ गया और खून की धारा बह निकलीl

मैं पलंग पर लेट गया । सारा भी पेंट के बल पलंग पर लेट गई फिर बोली- "आपने मुझे इतना दर्द दिया है, आप बड़े खराब होll"

मैंने सारा के गाल को चूमते हुए कहा- "जान अब इस दर्द की आदत डाल लोl" बोली मैं बाथरूम हो कर आती हूँl

मैं समझ गया उसकी गाण्ड में मेरा माल चिपचिप कर रहा होगा, मैंने कहा- "जाओ। लेकिन जल्दी से आ जाना ll" वो उठकर चली गई। थोड़ी देर में आ गई। तो मैंने उसे कहा अब थोड़ी देर आराम कर लो पर वो बेतहाशा रो रही थी और बोल रही थी बहुत दर्द हो रहा हैl तुम आराम से नहीं कर सकते क्या? कल तुमने तुमने मेरी चूत फाड़ी और आज गांड दोनों फाड़ डालीl मैं तुमसे नहीं बोलती और मेरे सीने पर सर रख कर लेट गयीl

पर मेरा लंड अभी भी शांत नहीं हुआ था और मैंने सारा को थोड़ा सा पुचकारा और बोला पहली बार थोड़ी तकलीफ तो होती ही है फिर तुम इतनी प्यारी हो की मैं तुमसे दूर रह ही नहीं पा रहा हूँl

सारा ने
मेरे होंठो को चुम लिया बोली आराम से करो न मेरे राजा मैं पूरी तुम्हारी हूँ.

मैंने उसे लिप किश किया मैं उसे लिप किश करता ही रहा वह भी कभी मेरा उप्पर लिप तो कभी लोअर लिप चूसती रही मैंने उसके लिप्स पर काटा उसने मेरे लिप्स को काट कर जवाब दिया,फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी. फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा. सारा मुझे बेकरारी से चूमने चाटने लगी और चूमते चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। फिर मैंने उसकी चूची सहलानी और दबानी शुरू कर दी वह सिसकारियां ले मजे लेने लगी मैंने धीरे धीरे उसकी चूत पर अपने दूसरी ऊँगली से से उसके क्लाइटोरिस तो सहलाना शुरू कर दिया सारा गर्म होने लगी धीरे धीरे चूत ढीली और गीली होनी शुरू हो गयी

मैंने उसको कहा- "अपने सलवार से मेरा लण्ड पॉछ दो, और अपनी चूत भी इसी से साफ कर लोl" उसने ऐसा ही किया। मैंने सारा को उठा कर गोद में बिठा लिया और थोड़ी देर में ही दूसरा राउंड स्टार्ट हो गया

मैं सारा से बोला - अपनी चूचियों से मेरे चेहरे पर मसाज करl सारा ने अपनी चूचियाँ पकड़ कर मेरे क्लीन शेव चेहरे पर रगड़ना शुरू कर दिया। मेरा लण्ड ठीक मेरी चूत के नीचे था, तभी मैंने सारा की कमर पकड़ कर एक जोरदार धक्का माराl वो उछल पड़ीl तब तक मगर मेरा टोपा चूत में फंस चुका था।

मेरा लंड इस समय लोहे की सलाख जैसा सख्त और गर्म था और सारा उस पर पर बैठी हुई थी। मैंने जोर लगाया तो सारा चिल्ला पड़ी। मैंने उसे खिलौने की तरह उठाया और खड़े हो कर एक और झटका दिया।

सारा बोली प्लीज आराम से करो नहीं तो मैं मर जाऊँगी, इतना अधिक दर्द मुझे कभी नहीं हुआ था, सारा बेहोश सी होने लगी। पता नही मुझे क्या हुआ था l सारा का हुस्न गोरा रंग खूबसूरती मेरे जोश को बढ़ा रही थी l

फिर मैं सारा को गोद मे ले कर बैठ गया और वो मेरे होंठ चूसने लगी , लगभग दो मिनट तक हम ऐसे ही बैठे रहे, दो मिनट बाद सारा को थोड़ा आराम मिलाl तो मैं फिर बोला - सारा बेगम अपनी चूत को ऊपर-नीचे करोl

सारा रोते-रोते अपनी चूत को ऊपर-नीचे करने लगी, बीस-पच्चीस बार ऊपर-नीचे करने के बाद मुझे अच्छा लगने लगा। मैं सारा को ही देख रहे था और बोला - जब दर्द ख़त्म हो जाए तो बताना।

सारा बोली- अब दर्द हल्का हो गया है।

बस यह सुनते ही मैंने सारा कमर पकड़ कर उसे थोड़ा ऊपर उठाया और नीचे से जोर-जोर से धक्के लगाने लगा ।

सारा के बड़े-बड़े कोमल मम्मे किसी फुटबॉल की तरह उछाल मार रहे थे और मेरे ,मुँह से टकरा कर मुँह की मालिश लकर रहे थे । और उसकी चूत भी अब गीली हो गई थी।

मैंने उसे रोका नीचे उतारा

फिर मैं बोला - चल सारा अब पहले अपनी चूत पूँछ और फिर कुतिया बन जा।

सारा उठी तो मैंने एक रूमाल से उसकी चूत पूँछी और बोलै अब जब रगड़ कर अंदर जाएगा तो देख कितना मजा आएगा और मेरे ऊपर से उठ कर हाथ-पैरों के बल झुक गई। मैंने पीछे आकर लण्ड को चूत पर रख कर जोर से झटका मारा और एक ही बार में पूरा लण्ड अन्दर डाल दिया।

सारा अब किसी कुतिया की तरह चुद रही थी। और लंड जब सूखी हुई चूत को रगड़ता हुआ अंदर बाहर हो रहा था तो सच बहुत मजा आया और फिर सारा जल्द ही झड़ गयी ।

उस रात मैंने सारा को ऐसे ही दो बार और चोदा और उस सूखी चुदाई से चूत बिलकुल सूज गयी थीl मैंने उसे चूमा और सहलाया

कहानी आगे जारी रहेगी.


आमिर

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#14
मजे - लूट लो जितने मिले

दूसरा अध्याय

खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला

भाग 6

मैं अपनी दो बीवियों के साथ सुहागरात मना रहा हूँ. छोटी बीवी पहली चुदाई में होने वाले दर्द से डर रही है तो मैंने उसे कहा कि वो अपनी बड़ी बहन की चुदाई होती देखे-


अगले दिन अपनी दोनों कमसिन दुल्हनों के साथ हैदराबाद की फ्लाइट से चला गया। और मेरे साथ खाला सारा की दूसरी बहने मामू सभी चले क्योंकि आज वलीमा (रिसेप्शन) की दावत थी

बाकी लोगो के साथ होने के बावजूद सारा फ्लाइट तक में भी मुझे छोड़ने को तैयार नहीं थी। वह ज़िद करके मेरे साथ हो चिपक कर बैठी और पूरी फ्लाइट में मेरे लंड को दबाती-सहलाती रही। मैं भी पीछे नहीं रहने वाला था। मुझे जब मौका मिलता, मैं उसकी गांड और मम्मों से खेल लेता।

हैदराबाद पहुँचने पर हमारा जोरदार स्वागत हुआ। नयी बहुओं को ढेरों तोहफे और मुझे बधाई मिली। सभी बहुत खुश थे। उस रात वलीमा की दवाती हुई और मेरा और डिलिअ का निकाह भी हो गया . फिर

मेरा ज़रीना के साथ सुहागरात मनाने का तय हुआ। मेरे मन में आने वाली रात के ख़्याल आने लगे। मेरी ज़रीना, हाय! उसका चेहरा मोहरा एक्ट्रेस ज़रीन खान जैसा है। हाइट भी पांच फिट सात इंच है, गहरी काली आंखें और काले बाल। ग़ज़ब की मादक सुंदर है वो। जब भी मुस्कुराती है, गालों के डिंपल बस दीवाना-सा कर देते हैं। लाल रंग के साड़ी में फूलों-गहनों से लदी ज़रीना, महकती हुई सुहाग की सेज़ पर, मेरे इंतज़ार में सो गयी। दिन भर की भागदौड़ के बाद रात में जब सब लोग अपने कमरों में चले गए, तो सभी सालियाँ और बहनें मिल कर मुझे मेरे कमरे में ले गयी।

वहाँ मेरे ख़्याल से कुछ अलग ही नज़ारा था। ज़रीना और सारा एक ही बिस्तर पर सो रही थीं। मैंने सारा को जगा कर उसे दूसरे कमरे में जाने के लिए कहा लेकिन उसका ऐसा कोई इरादा नहीं था, ज़रीना भी तब तक जग चुकी थी। मेरा मन खराब-सा रहा था। मैंने सारा से कहा, "यार, आज मेरी और ज़रीना कि सुहागरात है। क्यों बेकार में कवाब में हड्डी बन रही हो?"

"क्यों? क्या मैं एक दिन में ही बेकार हो गयी हूँ? कल तो रात भर छोड़ नहीं रहे थे, अब मैं यहाँ रुक भी नहीं सकती?"

"मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है, लेकिन तुम्हारे रहते, तुम्हारी बहन के साथ मैं कैसे कुछ कर पाऊंगा?"

इस पर सारा ने कहा, "क्यों? मेरे रहते तुम्हारा लंड खड़ा नहीं होगा क्या? दो-दो को देख़ कर गांड फ़ट गई, या दोनों को एक साथ झेलने की हिम्मत नहीं है?"

उसने मुझे ललकारा, तो मैं भी चुप नहीं रहा। पलट कर बोला, "लंड तो मेरा कमरे में घुसने से पहले ही खड़ा हो गया था, लेकिन क्या तुम्हारे सामने तुम्हारी बहन का मन कुछ करने को करेगा? और रही बात दोनों को झेलने की, तो रात भर दोनों को इतना चोदूँगा कि दोनों की दोनों सुबह उठने लायक नहीं रहोगी।"

इस पर ज़रीना बोली, "क्यों? इसमें क्या बुराई है? हम दोनों को एक दूसरे की सब बात मालूम हैं, हम आपस में कुछ भी नहीं छुपाती। मुझे तो तुम्हारी और सारा कि भी सब बातें मालूम हैं।"

अब चौंकने की बारी मेरी थी। थोड़ी देर शान्ति से सोचा और फिर मैं वहीं बिस्तर पर बैठ कर बोला, "ठीक है, जैसी तुम दोनों की मर्जी, मुझे तो फ़ायदा ही फ़ायदा है।"

सारा बोली, "तुम अब जिसको मर्जी चोदो, मुझे कोई फ़र्क़ नहीं, लेकिन हर बार तुम्हें अपना पानी मुझमें ही छोड़ना पड़ेगा। मुझे जल्दी से जल्दी तुम से एक बच्चा चाहिए।तुम्हे मैंने सायरा की कहानी सुनाई थी न"।

ज़रीना ने भी इसके लिए हामी भर दी।

अब तक मेरा लंड भड़क कर पूरा तैयार था। मैंने ज़रीना को तोहफा दिया और उसका घूँघट हटाया और उसके होंठ चूमने लगा। शुरू में तो वह हिचक रही थी, लेकिन धीरे-धीरे अपने आपको ढीला छोड़ दिया। जैसे-जैसे मैं उसके होंठों को चूसता रहा, उसे मज़ा आने लगा।

उसकी चूचियाँ चकित कर देने वाली थी। छोटे-छोटे सन्तरे के आकार की चूचियाँ और उसकी निप्पलों को नज़र ना लगे, बिल्कुल मटर के दाने से भी छोटे। मैंने हल्के हाथों से उनको ख़ूब दबाया।

मेरा लंड एकदम से खड़ा और कड़क हो गया था और पजामे का तम्बू बना रहा था। मैं फिर से उसकी चूचियाँ दबाने लगा और फिर उसके ऊपर चढ़ कर उसकी साड़ी ऊपर करके उसकी पैन्टी में हाथ डाल कर थोड़ी देर उसे देखने लगा। वाह क्या कुंवारी और चिकनी बुर थी, एक भी बाल का नामोनिशान नहीं, बिल्कुल छोटा-सा गुलाबी छेद।

मैंने उसकी बुर में अपनी उंगली डाल दी तो वह ज़ोर से चीख पड़ी 'आआआह हहहह। ।' वह उठ कर बिस्तर से नीचे उतर गई और बोली-दर्द होता है, मार डालोगे क्या?

इस पर सारा बोली-मियाँ जी, ज़रीना अभी कुंवारी है, इसकी चूत बहुत टाइट है। थोड़ा प्यार से और आराम से काम लो।

मैंने कहा-यार, अभी तो दोनों बड़ी-बड़ी हांक रही थीं कि तुम्हें दोनों मिलकर निचोड़ देंगी, अब क्या हुआ?

सारा ने कहा-निचोड़ेंगी तो ज़रूर, पर अपने हिसाब से। ज़रीना और मैं आज रात तुमको छोड़ने वाली नहीं हैं, पर उसका पहली बार है, इसलिए थोड़ा घबरा रही है। एक काम करो पहले मुझे चोद लो ताकि वह चुदाई देख कर अच्छे से गर्म हो जाए और फिर वह अपने आप करने को कहेगी।

बात मेरे को भी जमी। सारा ने मेरा और ज़रीना का हाथ पकड़ कर हमें सोफे पर बिठा दिया और बोली-शुरू करे - शैल वी स्टार्ट?

सारा ने सिर्फ़ आसमानी नीले रंग की साड़ी पहन रखी थी, न ब्रा न पैंटी सिर्फ़ साड़ी को छातियों पर साड़ी को बाँधा हुआ था। सारा के कंधे नंगे थे, वह बड़ी ग़ज़ब लग रही थी। वह बेड पर खड़ी हो गयी और अपने मम्मों पर हाथ फेरने लगी और कंधे हिलाने लगी। कभी आगे, तो कभी पीछे करने लगी। अपने होंठों पर जीभ फेरने लगी। उसने साड़ी को नीचे से उठा कर अपनी एक नंगी टांग बाहर निकाली और अपने बदन को लहराया, गांड को मटकाया और साड़ी को जांघों से भी ऊपर उठा दी।

वाह क्या नज़ारा था, मेरा लंड बेकाबू होने लगा।

मैंने ज़रीना का हाथ पकड़ कर लंड पर रख दिया। वह धीरे-धीरे मेरे लंड को सहलाने लगी। ज़रीना भी ये सीन देख कर स्तब्ध थी। फिर सारा ने साड़ी गिरा कर दूसरी टांग नंगी करके अपनी गांड लहराई और जीभ अपने होंठों पर फेर कर मुझे ललचाने लगी। अब उसने धीरे-धीरे नीचे झुक कर साड़ी को कमर तक ऊंची करके अपनी चूत की दर्शन करवाए। फिर पलट कर अपने चूतड़ दिखाए और उनको मटकाया। चूतड़ों को आगे पीछे किया।

उफ्फफ्फ्फ़ क्या नज़ारा था, क्या लचीली गांड थी, एकदम चिकनी नरम मुलायम और गद्देदार, फिर वह कभी साड़ी गिरा देती, कभी उठा देती। फिर घोड़ी बन अपनी गांड दिखाने लगी और अपने हाथ गांड पर फेरने लगी। कभी इस साइड से घूम कर, कभी उस साइड से घूम कर गांड दिखाने लगी। साड़ी उसकी चिकने बदन से बार-बार नीचे गिर जाती। वह कभी आधी कभी पूरी उठा कर अपनी गांड पर हाथ फेरती और जीभ निकाल कर होंठों पर फेरने लगती।

मैं लगातार ललचा रहा था और ज़रीना के हाथ के ऊपर से अपने लंड को दबाने लगता था। सामने सारा कभी लेट जाती, कभी घोड़ी बन कर अपने बदन की लचक का नज़ारा दे रही थी। कभी अपने दाएँ चूतड़ को दिखाती, कभी बांए चूतड़ को दिखाने लगी। फिर उसने साड़ी पेट तक उठा कर अपनी नाभि और सपाट पेट को दिखाया और कमर को लचकाते हुए मटकाया।

फिर थोड़ा और ऊपर उठा कर अपनी चूची की गोलियों का नज़ारा करवाया। फिर लेट कर अपनी पूरी गांड का नज़ारा करवाया। इसके बाद वह घुटनों पर बैठ कर अपने सर और बालों पर अपने हाथ-हाथ ले जाती।

वो अपनी साड़ी को एक साइड से उठा कर उस तरफ़ के मम्मे को सहलाते हुए दूसरे मम्मे को सहलाने लगी। उसने कानों में झुमका, मांग में टीका और नथ पहन रखी थी और गले में एक बड़ा-सा हार पहन रखा था। सच में बड़ी मादक लग रही थी। फिर उसने साड़ी की गांठ को खोला और पल्लू से चेहरा और बदन छुपा लिया। फिर धीरे-धीरे नीचे करते हुए, उसने थोड़ा-सा पल्लू गिरा कर मुझे अपने एक मम्मे का नजारा कराया। एकदम गोल-गोल बड़े बड़े मम्मे, मैं उसकी तरफ़ लपका, उसने मुझे रोक दिया। वह बोली-राजा थोड़ा रुको, सब तुम्हारा ही है।

कहानी जारी है।

 


आमिर

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#15
मजे - लूट लो जितने मिले

दूसरा अध्याय

खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला

भाग 7


सारा का सेक्सी डांस

मैं रूक कर अपना लंड सहलाने लगा. सारा फिर लहराई और उसने पल्लू उतार फेंका.

मैं आंखें फाड़ फाड़ उसे घूरना लगा. फिर उसने अपनी एक चिकनी टांग ऊपर उठा दी और लगभग पूरी नंगी हो गयी. सिर्फ पेट पर साड़ी लिपटी हुई थी. वो लेट गयी, जैसे अब मेरा इंतज़ार कर रही हो.

फिर उठ कर बैठी और छातियां ऊपर नीचे करने लगी, जैसे माधुरी ने धक धक डांस करते हुए किया था. फिर उसने पल्लू पूरा नीचे गिरा दिया और बाल आगे कर अपने एक मम्मे को छुपा लिया. फिर घूम कर अपनी नंगी पीठ दिखाने लगी. अगले ही पल लेट कर अपने छातिया नंगी करके मम्मों को सहलाने लगी और साड़ी घुटनों से ऊपर कर कूल्हे ऊपर करके ऐसे उछालने लगी, जैसे लंड को और अन्दर लेने के लिए मरी जा रही हो.

फिर अपना एक तरफ से आधा शरीर नंगा करके एक तरफ के चूतड़ और मम्मे दिखाने लगी, फिर जल्दी जल्दी पूरे बेड पर उलटने पलटने लगी.

ऐसा लग रहा था कि वह कामाग्नि में जल रही है. मेरा भी यही हाल था. मैंने जरीना की तरफ देखा, वह भी अपने मम्मों और चूत को हाथ से सहला रही थी. उसकी भी कामाग्नि भड़कने लगी थी. अब सारा बैठ गयी, सिर्फ एक जांघ और चूत को साड़ी में छुपा कर मुझे फ्लाइंग किस दी और आंख मारी. फिर उसने अपनी साड़ी वैसे ही लपेट कर बांध ली, जैसे शो शुरू होने से पहले थी. फिर जीभ निकल कर होंठों पर फेरी और एक उंगली से नजदीक आने का इशारा किया. मैं एकदम शेर की तरह सारा पर लपका और उसकी टांगों पर हाथ फेरकर होंठों पर चुम्बन लेने आगे हुआ. वो पीछे होने लगी और उसकी साड़ी पैरों से खिसकने लगी. जैसे कह रही हो कि नीचे से ऊपर आओ.

मैंने वापिस टांगों पर आ कर उसके पैरों की उंगलियों को चूमा. उसकी सिसकारी निकल गयी. फिर उसकी पिंडलियों पर प्यार से हाथ फेरा और किस की. वह साड़ी ऊपर करती रही और मैं घुटनों पर फिर जांघों के अन्दर, फिर चूत पर, नाभि पर किस करता हुआ साड़ी के ऊपर से ही चूचियों को किस करने लगा.

उसने साड़ी की गांठ खोल दी और मैंने चुचों को किस किया. वह अधलेटी सी हो गयी. उसने अपने शरीर का भार अपनी बांहों पर कर दिया. मैंने उसे देख कर मुस्काराते हुए उसके होंठों पर एक मीठी चुम्मी कर दी.

फिर मैं थोड़ा दूर हुआ और उसके खुले बालों को पीछे किया. वह अपना चेहरा आगे ले आयी और मैं उसे धीरे धीरे किस करने लगा. मेरे हाथ उसके मम्मों को सहलाते हुए पेट, कमर, गांड पर चलने लगे.

मैंने फ़ौरन उसे अपने पास खींच लिया और उसकी चूचियां दबाने लगा, ज़रीना वहीं पर सोफ़े पर लेट गई और हमारा खेल देखने लगी. यूँ तो मैंने उसकी चूचियों को कल कई बार देखा था, पर आज उनमें जो कड़कपन था, वो और दिन के मुकाबले अलग ही था.

मैं उसकी चूचियों को चूसने में लग गया. मैंने 10-15 मिनट तक चूचियों को खूब चूसा, मेरा लंड और कड़क हो गया था. मैंने अपना कुरता उतार दिया.

मैंने उसे बिस्तर पर लिटा लिया और उसकी बुर पर हाथ फ़ेरना शुरू कर दिया, उसने भी मेरा लंड पकड़ कर सहलाना चालू कर दिया. अपनी कुंवारी बीवी ज़रीना को इसी तरफ़ देखता देख, मैंने अपनी सारा की बुर में उंगली करना शुरू कर दिया और सारा जो अब काफ़ी हद तक गरम हो चुकी थी, वह चुदवाने को बेक़रार थी.

सारा ने मुझसे कहा- जो भी करना है, जल्दी करो, पर मैं उसकी चूचियों को चूसने में ही लगा हुआ था. तभी उसने मेरा पायजामा उतारा, अंडरवियर नीचे किया और लंड पकड़ कर अपनी चूत पर फिराने लगी.

ज़रीना चीखी- उफ्फफ … सारा आपा इतना बड़ा तगड़ा मेरे अन्दर कैसे जाएगा?

सारा बोली- ज़रीना चिंता मत कर बहुत मजे करेगी … तू बस देखती रह और मजे लेने के लिए तैयार हो जा.

मैं समझ गया कि अब तड़पाना अच्छा नहीं है. मैं भी खड़ा हो गया और उसे पटक कर उसके ऊपर चढ़ गया. मैं धीरे-धीरे अपना लंड डालने लगा. मेरा लंड 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है.

मैंने धीरे से धक्का लगाया और पूरा लंड डाल दिया. उसका मुँह खुल गया और आंख से पानी आ गया.

सारा तड़फ कर बोली- आज क्या हो गया है तुम्हें? मार ही डालने का इरादा कर रखा है क्या?

मैंने धीरे-धीरे शॉट लगाने शुरू किए..

‘आआहहह … ऊउम्म्म् म्म्मम …’

हम दोनों कल रात भी बार बार चुदाई कर चुके थे, परन्तु आज जैसी चुदाई का आनन्द पहले कभी नहीं आया था.

काफ़ी देर तक करने के बाद मैंने उससे कहा- सब कुछ मैं ही करूँगा, तो तुम क्या करोगी?

ये कहते हुए मैं उसके ऊपर से हट गया.

अब वह मेरे ऊपर बैठ कर अपनी बुर में मेरा लंड लेने लगी. पूरे लंड को सुपारे से टट्टों तक को दबा दबा कर चुदवा रही थी, मेरी बीवी की हालत इस तरह की हो रही थी, जैसे किसी मछली को गरम रेत पर छोड दिया गया हो. वह अपने हाथ से अपनी बुर को मींजे जा रही थी तथा मुँह से अजीब अजीब आवाजें निकाले जा रही थी ‘आआआह … ऊउम्म्म म्म्मम … आईईई … सीईईईईसीई.. … आआआ …’

उसे देख कर मेरी और सारा की रफ़्तार में बेतहाशा तेजी आ गई, चुदाई के मारे सारा का बुरा हाल था. अब उससे रुका नहीं जा रहा था, वो बोली- मेरा तो बस होने वाला है, मैं गई, मैं गई. आह्ह्हह्ह … फ़ा … ड़ … दो … पूरा डाल डाल कर पेलो. आज तो बहुत खुजली हो रही है इस बुर में. सारी खुजली मिटा दो इस बुर की.

मैं- तुम अब घोड़ी बन जाओ, तो मजा आए.

सारा- ठीक है, आज सारी हसरत मिटा लो. बाद में मत कहना कि तुम्हारी तबियत से नहीं मार पाया.

मैंने एक रूमाल से उसकी चूत पूँछी और लंड को भी पूछ कर सूखा दियाl

सारा को घोड़ी बनाने के बाद मैंने घुटने के बल हो कर उसकी बुर में एक बार फ़िर से अपना लंड घुसेड़ दिया. उसने कभी घोड़ी बन कर चुदाई नहीं करवाई थी, इसलिए इस अवस्था में उसकी बुर थोड़ी कस गई थी. मेरा मोटा लंड अटक अटक कर जा रहा था. मुझे अब ज्यादा ताकत लगा कर उसकी बुर में डालना पड़ रहा था.

हर धक्के पर उसके मुँह से हल्की हल्की चीख निकल रही थी- आईईईई सीईईसीई … आआआआ … चोद डालो मेरे राजा. आज पूरी तरह से फाड़ दो मेरी बुर को … कल अगर कोई कसर रह गई हो, तो आज पूरी कर दो. ऐसी फाड़ो कि कम से कम हफ़्ते तक इसे चुदवाने की जरूरत ना पड़े.

करीब दस-पन्द्रह मिनट के बाद मेरा भी लंड झड़ने को हो गया, मैंने सारा से कहा- बस अब मेरा भी काम होने वाला है.

“ऐ जी … बाहर मत निकालना. अन्दर ही छोड़ दो सारा माल!” वो बोली.

आठ-दस धक्कों के बाद लंड की पिचकारी छूट पड़ी और सारा का सारा माल सारा की बुर में भरता चला गया.

थोड़ी देर हम उसी पोजिशन में रहे, लंड अपने आप सिकुड़ कर बाहर आ गया. सारा उठी और बाथरूम में जा कर अपनी बुर को साफ़ करने लगी. पांच मिनट बाद वो बाहर निकली, तो उसके चेहरे पर सन्तुष्टि के भाव थे.

सारा- आमिर, आज तो ऐसी मारी है कि सूज गई है. बाप रे, अगर ज़रीना की भी ऐसे ही मारोगे, तो यह बेचारी तो शायद सुबह उठने लायक नहीं बचेगी.

ज़रीना मेरे बराबर में लेटकर लंड हाथ में लेते हुए बोली- हुँह, अब यह क्या मारेंगे, इनके लंड की हालत तो देखो, सूख कर मूंगफ़ली की तरह हो गया है.

दूसरी बीवी के साथ सुहागरात में पहले सारा को चोदने के बाद यहाँ सारा के हलाला की कहानी को विराम देते हुए अगले अध्याय में मेरी दूसरी बीवी ज़रीना की नथ उतरने जा रही थी.

कहानी जारी है।


आमिर

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#16
मजे - लूट लो जितने मिले



तीसरा अध्याय

आपा और दूसरी बीबी के साथ सुहागरात



भाग 1


सारा का गरमा गर्म डांस और फिर उसके बाद सारा की चुदाई देखने के के बाद मेरी छोटी बीवी जरीना गरमा गई थी और मैं उसको चोदने की तैयारी में था. और सुहागरात की सेज पर पहली बीबी सारा को चोदने के बाद अब मेरी दूसरी बीवी ज़रीना की नथ उतरने जा रही थी.

मैं बोला ज़रीना - लंड को मुँह में ले लो, थोड़ी देर में मूंगफ़ली से तोप बन जाएगा मेरी जान..

ज़रीना बोली- छी: यह कोई मुँह में लेने की चीज है? घिन नहीं आएगी क्या?

इससे पहले मैं कुछ कहता, सारा बोली- इसको मुँह में लेने का तो अपना अलग ही मजा है मेरी बहन. अगर तुझे नहीं लेना तो मत ले, पर मैं यह मौका नहीं छोड़ने वाली. तू तो अपनी बुर में ही ले लेना, चुसाई मैं कर लेती हूँ.

ज़रीना बोली- तेरी मर्जी, मैं तो यह नहीं करूँगी. मुझे तो इसमें घिन आ रही है.

फ़िर मैंने ज़रीना को पकड़ लिया और उसके होंठों का चुम्बन लेने लगा. वो पहले ही इतनी गर्म हो चुकी थी कि ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ी और वह भी मुझे जोर जोर से चूमने लगी. उसने मुझे कस कर पकड़ लिया. काफ़ी देर तक मैं उसके होंठों को चूसता रहा, उसे भी अब इस सब में पूरा मजा आने लगा था.

मैंने फ़िर से उसकी ब्रा उतार दी … वाऊउउउ … उसकी चूचियां देख कर मैं तो चकित ही रह गया. छोटे छोटे सन्तरे के आकार की चूचियां और उसकी निप्पलों को नज़र ना लगे, बिल्कुल मटर के दाने से भी छोटे. मैंने दस बारह मिनटों तक चूचियों को खूब दबाया.

उधर सारा मेरा लंड मुँह में ले कर धड़ाधड़ चूसे जा रही थी. मेरा लंड एक बार फ़िर से एकदम खड़ा और कड़क हो कर बुर को दहाड़ मार मार कर बुलाने लगा था. मैं फिर भी उसकी चूचियां दबाने लगा था, जब मुझसे नहीं रहा गया तो मैंने उसकी साड़ी खोलनी शुरू कर दी. साड़ी खोल कर मैंने उसकी पैन्टी खींच ली और थोड़ी देर उसे देखने लगा.

वाह चिकनी बुर थी, मैं उसकी बुर पर हाथ फ़ेरने लगा, परन्तु इस बार मैंने अपनी उंगली उसकी बुर में नहीं डाली क्योंकि मुझे डर था कि कहीं वह फ़िर से ना बिदक जाए, इसलिए मैं सिर्फ़ उसकी बुर को ऊपर से ही मसलता रहा.

उसके मुँह से अब ‘आआहहह … ऊउम्म उम्म्ह… अहह… हय… याह… आईईईई सीईईईसीई … आआआ …’ की आवाजें निकल रही थीं.

उधर सारा ने मेरे लंड को चूस-चूस कर बेदम कर रखा था, ज़रीना की बुर का भी बुरा हाल हो गया था, उसकी बुर का मक्खन बह कर उसके चूतड़ों तक पहुंच चुका था.

अब मुझे लग रहा था कि इसकी बुर पूरी तरह से लंड लेने के लिए बेकरार है. परन्तु बुर एकदम नई थी, इसलिए मैंने सोचा कि इसे थोड़ा और तड़फ़ाया जाए ताकि पहली बार लंड लेने में इसकी गर्मी इसके दर्द के एहसास को कम कर दे.

मैं उसकी चूचियां को पीने लगा. चूचियों को पीने मेरी की हालत और खराब हो गई, सारा भी अब मेरा लंड पीना छोड़ वहीं पर बैठ गई और हमारा खेल देखने लगी. मैं अब उसकी चूचियों को और कस कर चूसने में लग गया. उसने भी मेरा लंड पकड़ कर सहलाना चालू कर दिया.

ज़रीना अब काफ़ी हद तक गर्म हो चुकी थी, वह चुदवाने को बेक़रार थी, उसने मुझसे कहा- अब करते क्यों नहीं, जल्दी करो, अब नहीं रहा जा रहा. मेरी बुर में दर्द होने लगा है, डाल दो अब इसमें.
पर मैं उसकी चूचियों को चूसने में ही लगा हुआ था. तभी उसने मेरा लंड पकड़ा और अपनी बुर की तरफ़ ले जाने की कोशिश करने लगी.

मैं समझ गया कि अब तड़पाना अच्छा नहीं है. मैंने पलट कर अपनी छोटी बीवी जरीना की दोनों टांगों को फ़ैला दिया उसके ऊपर चढ़ गया.

मैं धीरे-धीरे अपना लंड उसकी बुर में डालने की कोशिश करने लगा, परन्तु उसकी बुर का छेद इतना छोटा था कि मेरा 8 इंच का लंड बार बार फ़िसल कर नीचे चला जा रहा था. अत: मैंने अपने दोनों हाथ उसके पैरों के नीचे से ले जाकर उसके दोनों पांव ऊपर उठा लिए, जिससे उसकी बुर ऊपर की ओर उठ गई तथा लंड उसकी बुर के बिल्कुल सामने आ गया.

फ़िर मैंने ताकत लगा कर एक जोर का धक्का लगाया और लंड उसकी बुर फाड़ता हुआ लगभग दो इंच लंड उसकी बुर में घुस गया.
तकलीफ के मारे जरीना का मुँह खुल गया और आंख से पानी आ गया, वह जोर से चिल्लाई- आईईई माँम्म्म्म्म् म्माआआ … घुस्स्स गया आआआ … मेरी बुर फ़..फ़..ट्ट्ट्ट्ट गई. मरर गई.

वह इतनी जोर से चिल्लाई थी कि मुझे लगा शायद उसकी आवाज को पूरे घर ने सुना होगा, वह इतने जोर से चिल्लाएगी, इसका मुझे जरा भी अंदाजा नहीं था, वरना मैं पहले ही उसके मुँह पर हाथ रख लेता.

मैंने कुछ देर ऐसे ही पड़े रहने में अपनी भलाई समझी.

जरीना रोती हुई बोली- तुमने तो मार ही डालने का इरादा कर रखा है क्या? आराम आराम से नहीं कर सकते क्या? या यह कोई रबड़ का खिलौना है कि जैसे मर्जी वैसे तोड़ मरोड़ दिया?
पर मैं बोला- मेरी इसमें क्या गलती है, तुम्हारी बुर है ही इतनी छोटी सी. मैंने तो अभी अपना सुपारा ही तुम्हारी बुर के अन्दर डाला है, इसमें ही तुम्हारा यह हाल है, तो पूरा लंड तुम्हारी बुर में जाएगा.. तो तुम्हारा क्या हाल होगा? और पहली पहली बार है, तो थोड़ा दर्द तो होगा ही ना, अभी थोड़ी देर में कहोगी कि जोर जोर से मारो, धीरे धीरे में मजा नहीं आ रहा.

वो कलप कर बोली- थोड़ा दर्द होता तो मैं सह लेती, पर तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी, थोड़ा धीरे चोदो, बुर भी तुम्हारी है और मैं भी तुम्हारी ही हूँ, एक रात में ही सारी जान निकाल दोगे, तो बाकी दो चार रातों तक चुदवाने के लायक भी नहीं रहूँगी, फ़िर अपना लंड पकड़ कर बैठे रहना.

परन्तु मैं जानता था कि यह उसकी प्रथम चुदाई है, ऐसा तो होना ही था. अभी थोड़ी देर बाद यह खुद ही जोर लगाने लगेगी और चूतड़ उछाल उछाल कर चुदवाएगी.

मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए.. लंड उसकी सील को चीरता हुआ जड़ तक पूरा 8 इंच अन्दर चला गया.

‘आआह … ऊउम्म म्म्मम … उम्म्ह… अहह… हय… याह… आईईई ईईईई … माँम्म्म म्माआआ …’ उसके मुँह से दर्द भरी परन्तु उत्तेजनापूर्ण आवाजें निकलने लगीं.

लगभग पांच मिनट बाद जब मेरा पूरा लंड उसकी बुर में हिचकोले खाने लगा, तो वह भी चूतड़ उछाल उछाल कर अपनी बुर में मेरा लंड लेने लगी. अब वह मेरे लंड को सुपारे से ले कर टट्टों तक उछल-उछल कर चुदवा रही थी.

उधर हम दोनों की चुदाई देख कर सारा की हालत दोबारा खराब हो गई थी. वह एक हाथ से अपने हाथ से अपनी बुर को मींजे जा रही थी तथा दूसरे हाथ से अपनी चूचियों को दबाये जा रही थी. वो अपने मुँह से उत्तेजनापूर्ण अजीब अजीब आवाजें ‘आआहहह.. ऊऊउउउम्म्म म्म्मम.. आईईईईई सीईईईसीई…. आआ..’ निकाले जा रही थी.

उसे देख कर लग रहा था कि वह अभी ज़रीना को हटा कर खुद चुदवाने की इच्छा रखती हो.

इधर मैं ज़रीना की बुर का बैन्ड बजाने में लगा हुआ था. बुर बड़ी टाईट थी, लंड भी अटक अटक के जा रहा था. मैं अब अपनी पूरी ताकत लगा कर उसकी बुर में डाल रहा था. हर धक्के पर उसकी मुँह से हल्की हल्की चीख निकल रही थी ‘आईईई ईईई सीईईईसीई … आआआ …’

करीब दस मिनट की चुदाई के बाद उसकी बुर अब पूरे मजे से मेरे लंड लील रही थी और वो मजे में चिल्लाने लगी थी- चोद डालो, फाड़ डालो, आज पूरी तरह से फाड़ दो मेरी बुर को और जोर जोर से मारो, पूरा डाल दो मेरे राजा.

अचानक उसने मुझे अपनी पूरी ताकत से मुझे दबाना शुरू कर दिया. मैं समझ गया कि अब इसकी बुर को पानी छोड़ना है. मैंने भी अपने धक्कों की रफ़्तार पूरी बढ़ा दी. दो मिनट बाद उसकी पकड़ ढीली पड़ गई, उसकी बुर ने अपना पानी छोड़ दिया था.

करीब पांच मिनट के बाद मेरा भी लंड झड़ने को हो गया. मैंने अपने धक्कों की रफ़्तार में और तेजी कर दी, आठ-दस धक्कों के बाद लंड की पिचकारी छूट पड़ी और सारा का सारा माल ज़रीना की बुर में भरता चला गया. मैंने अपने हाथ उसकी टांगों के नीचे से निकाले और उसके ऊपर ही लेट गया. मेरी और उसकी सांसें बड़ी तेजी से चल रही थीं.

मैं उसके मम्मे सहला रहा था और देखना चाहता था कि अब उसकी चूत कैसी दिखायी दे रही है. मैंने उसकी जांघें ऊपर उठाईं, तो देखा कि उसकी चूत थोड़ी चौड़ी हो गयी थी. उसमें से वीर्य और खून दोनों टपक रहे थे.

फ़िर वह उठी और बाथरूम में जा कर अपनी बुर को साफ़ करने लगी. पांच मिनट बाद वो बाहर निकली, तो उसके चाल में थोड़ा लचकपन था, पर चेहरे पर सन्तुष्टि के भाव थे.

उधर सारा मेरे लंड को पकड़ कर मुझे बाथरूम में लेकर गयी और लंड को धोकर साफ़ किया. सारा ने लंड चूसा और मुझसे चिपक गयी. हम वापिस कमरे में आ गए. हम दोनों खड़े खड़े एक दूसरे के बदन को सहला रहे थे. हम दोनों बाहर आ गए.

मैंने ज़रीना को किस किया. ज़रीना बोली- बाप रे, मेरी बुर तो सूज कर गोलगप्पा बन गई है.

मैं खड़ा ज़रीना का चेहरा देखता रहा, दर्द के मारे वो तड़प रही थी, पर संतुष्टि के भाव थे. वह अपने होंठों को भींच रही थी और रो रही और अह्ह्ह्हह अह्ह्ह.. ऊओह्ह कराह रही थी.

सुबकती हुई ज़रीना बहुत प्यारी लग रही थी. मैंने उसके गालों को चूमा और गले लग कर सहलाया. वह कह रही थी- आपने मुझे मार डाला, बेदर्दी ने मार डाला.. कोई ऐसे भी करता है क्या.
ज़रीना बोली- मुझे इतनी बेदर्दी से चोद दिया.. इतनी सजा क्यों दी, मुझे जबकि आपा के साथ तो इतने मजे ले रहे थे. मुझे लग रहा था कि मैं मर जाऊंगी.

मैंने ज़रीना को चूमते हुए कहा- तुम्हारा हाथ तो मैंने खाला से खुद मांगा है. मैं अपनी रानी को कुछ नहीं होने दूंगा. मेरी जान मेरी रानी.. पहली बार थोड़ी तकलीफ होती है, अब तो मजे ही मजे हैं.

मेरी ये बात सुन कर सारा मुस्कुराने लगी.

करीब बीस मिनट तक यूं ही प्यार मुहब्बत चलती रही.

कहानी जारी है।

 


आमिर

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#17
मजे - लूट लो जितने मिले


तीसरा अध्याय

तीसरा अध्याय - आपा और दूसरी बीबी के साथ सुहागरात



भाग 2



मैं अपनी दो बीवियों के साथ सुहागरात मना रहा था. बड़ी वाली पिछली रात अपनी सील तुडवा चुकी थी, अब छोटी बीवी ने भी अपनी नाथ उतरवा ली थी ! अब पढ़िए उसके बाद कैसे मैंने दोनों को एक साथ चोदा l


तभी सारा बोली "आमिर किसका इंतज़ार कर रहे हो, ज़रीना को फिर से चोदो।"

ज़रीना ने धीरे से कहा "हाँ आमिर... मुझे चोदो ना... अब रहा नहीं जाता।"

मैंने ज़रीना को अपनी बांहों में उठाया और बेड पर लिटा दिया। मैं ज़रीना को पागलों की तरह चूमने लगा और बोला "मेरी ज़रीना, मैं पहली झलक में ही तुम्हारा तो दीवाना हो गया था।"

मैं उसके ऊपर लेट कर उसके बूब्स से खेलने लगा और धीरे-धीरे उन्हें भींचने लगा। ज़रीना कि सिसकारियाँ तेज हो रही थीं। मैं उसके निप्पलों को अपने दांतों से दबाने लगा। कभी ज़ोर से भींच लेता, तो वह उछल पड़ती।

उसकी बांहें मेरी पीठ को सहला रही थीं और वह मुझे भींच रही थी। मैं थोड़ा नीचे खिसका और उसकी जांघों के बीच आकर उसकी चूत को चाटने लगा। अपनी जीभ को उसकी चूत में डाल देता और जोर-जोर से चूसता।

जैसे ही मैं और ज़ोर से उसकी चूत को चाटने लगा, ज़रीना पागल हो गई "ओह आमिर! ... ये क्या कर रहे हो, आज तक ऐसा मज़ा नहीं आया, हाय अल्ला मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। हाँ जोर-जोर से चाटो।"

वो उत्तेजना में चिल्ला रही थी।

मैंने ज़रीना के घुटनों को मोड़ कर उसकी छाती पर कर दिया, जिससे उसकी चूत का मुँह ऊपर को उठ गया और अच्छी तरह दिखायी देने लगा। उसकी चूत का मुँह छोटा-सा था। मैं अपनी जीभ जोर-जोर से उसकी चूत में अन्दर बाहर करने लगा।

"ओह आमिर" इतना कहते हुए ज़रीना दूसरी बार झड़ गई। मैं रस पीने लगा।

कुछ ही पलों में जरीना फिर से गरम हो गई, ज़रीना गिड़गिड़ाने लगी "ओह आमिर, अब और मत तड़पाओ, अब सहा नहीं जाता, जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो प्लीज़।"

जैसे ही मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा तो वह डरते हुए बोली "आमिर... धीरे-धीरे डालना, मुझे तुम्हारे लंबे लंड से डर लगता है।"

सारा कि तरफ़ हँस कर देखते हुए मैंने एक ही झटके में अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया। मैंने जानवर बनते हुए कहा "तुम्हारा मतलब ऐसे?"

"ओह मर गई, तुम बड़े बदमाश हो। जब मैंने धीरे से डालने को कहा, तो तुमने इतनी ज़ोर से क्यों डाला, दर्द हो रहा है" उसने तड़पते हुए कह दिया एक ही सांस में।

"सॉरी डार्लिंग, तुम चुदाई में नयी-नयी हो, तो मैं समझा तुम मज़ाक कर रही हो, क्या ज़्यादा दर्द हो रहा है?" यह कहकर मैं अपने लंड को अन्दर बाहर करने लगा।

"ओह आमिर... बहुत मज़ा आ रहा है, अब और मत तड़पाओ, जोर-जोर से करो, आह आमिर आज मुझे पता चला कि असली चुदाई क्या होती है, हाँ राजा ज़ोर से चोदते जाओ, ओह मेरा पानी निकालने वाला है, हाँ ऐसे ही।" ज़रीना उत्तेजना में चिल्ला रही थी और अपने कूल्हे उछाल-उछाल कर मेरे धक्कों का साथ दे रही थी।

सारा ने सच कहा था, ज़रीना कि चूत वाकयी में कसी-कसी थी। ऐसा लग रहा था कि मैं उसकी गांड ही मार रहा हूँ। मैं उसे जोर-जोर से चोद रहा था और अब मेरा भी पानी छूटने वाला था।

अचानक उसका जिस्म थोड़ा थर्राया और उसने मुझे ज़ोर से भींच लिया। "आमिर मेरी चूत गई..."।

ये कहकर वह निढाल हो गई। मैंने भी दो तीन धक्के लगा कर अपना पानी उसकी चूत निकलना चाहा, पर तभी सारा बोली "पहली बार तुम्हारा पहला मिलन था, इसलिए मैंने नहीं रोका, अब इस माल पर मेरा और सिर्फ़ मेरा हक़ है।"

उसने मेरे लंड को लगभग खींचते हुए अपनी चूत में घुसेड़ लिया और लगी धक्के लगाने। मैंने भी उसे दबोचा और कस कर धक्के लगते रहे और फिर सारा के अन्दर अपना माल छोड़ दिया।

हम दोनों की सांसें तेज चल रही थीं। हम तीनों थक कर लेटे हुए थे।

सारा बोली "तुम ज़रीना से मज़े लेते रहो।"

मैं एक हाथ से ज़रीना और दूसरे से सारा के चूचे सहलाने लगा और सारा को किस करने लगा।

कुछ देर में ज़रीना बोली "ये अच्छी बात है, आमिर मुझे फिर से चोदो।"

ज़रीना ने ये कहकर एक बार फिर मुझे अपने ऊपर घसीट लिया।

उसने अपने होंठों पर जीभ फिराते हुए अपना चेहरा मेरी तरफ़ बढ़ाया। मैं भी उसकी ओर बढ़ा और अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिये। उसने मेरे चेहरे को कस कर पकड़ते हुए अपने होंठों का दबाव मेरे होंठों पर कर दिया और चूसने लगी। हम दोनों के मुँह खुले और दोनों की जीभ आपस में खेलने लगी। हम दोनों की सांसें उखड़ रही थी।

वो सिसकी "ओह आमिर!"

मैं भी सिसका "ओह ज़रीना!"

वो नशीली आवाज़ में बोली "आमिर मुझे एक बार और किस करो ना!"

मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिये और उसके होंठों को चूसने लगा। अब हम लोग धीरे से खिसकते हुए सोफ़े पर, फिर ज़मीन पर लेट गए थे। मैं उसके ऊपर अधलेटा हुआ था। अपने हाथ से उसके मम्मे सहला रहा था और ज़ोर से भींच रहा था।

वो मादकता में बोली "ओह आमिर, कितना अच्छा लग रहा है।"

"ओह ज़रीना... तुम कितनी सुंदर हो, तुम्हारा बदन कितना प्यारा है!" यह कहकर मैं उसके मम्मे चूसने लगा और बीच-बीच में उसके निप्पल को दांतों से काट रहा था।

उसके मुँह से सिसकरी निकल रही थी, "आमिर ये क्या कर डाला तुमने, बहुत अच्छा लग रहा है, हाँ किये जाओ।"

मैं उसे चूमते हुए नीचे की ओर बढ़ रहा था। उसकी प्यारी चूत बहुत ही अच्छी लग रही थी। उसकी चूत बिल्कुल साफ़ थी। मैं उसकी चूत को चाटने लगा। मैंने ज़ोर लगाया, तो वह और ज़ोर से सिसकने लगी।

जैसे ही मैं अपनी जीभ उसकी चूत के छेद पर रगड़ने लगा, उसने मेरे सर को ज़ोर से अपनी चूत पर दबा दिया। मैं अपनी जीभ से उसकी चूत की चुदाई करने लगा। ज़रीना ने ज़ोर से सिसकारी भरी और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया।

ज़रीना ने मेरे बाल पकड़ कर मुझे उसके ऊपर कर लिया और बोली "आमिर मुझे चोदो, आज मेरी चूत को फाड़ दो, मुझे अपना बना लो।"

मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर रख कर पूछा "ज़रीना, तुम वाकयी और चुदवाना चाहती हो?"

वो उत्तेजना में चिल्लायी "हाँ ... अब देर मत करो और अपना लंड मेरी चूत में डाल दो, फाड़ दो मेरी चूत को!"

मैं अपने लंड को धीरे-धीरे उसकी चूत में डालने लगा। उसकी चूत बहुत ही टाइट थी। फिर थोड़ा-सा खींच कर एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरा लंड उसकी-उसकी चूत में जड़ तक समा गया।

"ओह ... बहुत दर्द हो रहा है आमिर।" वह दर्द से चिल्ला उठी और उसकी आंखों में आंसू आ गए।

उसकी आंखों के आंसू पौंछते हुए मैंने कहा "डार्लिंग, अब चिंता मत करो, जो दर्द होना था, वह हो गया, अब सिर्फ़ मज़ा आएगा।"

इतना कहकर मैं उसे चोदने लगा। मेरा लंड उसकी चूत के अन्दर बाहर हो रहा था।

करीब दस मिनट की चुदाई के बाद उसे भी मज़ा आने लगा। वह भी अपनी कमर उछाल कर मेरे धक्के का साथ देने लगी। उसकी सिसकरियाँ बढ़ रही थीं "हाँ आमिर... ज़ोर जोर से करो, ऐसे ही करते जाओ, बहुत अच्छा लग रहा है, प्लीज़ रुकना नहीं, आह और ज़ोर से, लगता है मेरा छूटने वाला है।" और वह झड़ गयी।

मुझे अभी अपने लंड में तनाव लग रहा था। मुझे सारा याद आ गयी इसलिये मैं अपने लंड को ज़रीना कि चूत से निकालने जा रहा था कि वह बोली "क्या कर रहे हो? निकालो मत, बस मुझे चोदते जाओ।"

उधर से सारा कि आवाज़ आयी "हिम्मत ना करना उसके अन्दर निकालने की, अपना लंड निकालो और मेरी चूत में डाल दो और मुझे चोदो और बस चोदते जाओ और अपना सारा पानी मेरी चूत में डाल दो। अपनी सारा कि प्यासी चूत की साऱी प्यास बुझा दो।"

यह कहकर उसने लंड फिर निकाला और मैं नीचे लेट गया और वह मेरे ऊपर चढ़ गयी। वह उछल-उछल कर चुदवाने लगी। मैंने भी अपनी गांड उठा कर उसका साथ दिया और सारा ने अपनी स्पीड बढ़ा दी।

उसका शरीर कंपकंपाया "ओह आमिर! चोदो, लगता है मेरा छूटने वाला है।"

वो ज़ोर से चिल्लायी और वैसे ही मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया।

हम दोनों काफ़ी थक चुके थे। जब मेरा मुरझाया लंड उसकी चूत से बाहर निकल आया, तो मैंने उसकी बगल में लेट कर सिगरेट जला ली।

ज़रीना ने कहा "आमिर बहुत मज़ा आया, आज मैं लड़की से औरत बन गयी।"

मैंने जवाब दिया "हाँ ज़रीना! काफ़ी मज़ा आया।"

मैं उसके मम्मे और चूत दोनों सहला रहा था, जिससे मेरे लंड में फिर गरमी आ गयी थी।

जैसे ही उसका हाथ मेरे खड़े लंड पर पड़ा वह चिहुँक उठी "आमिर ये तो फिर तन कर खड़ा हो गया है, इसे फिर से मेरी चूत में डाल दो।"

"हाँ रानी! मैं भी मरा ज़रा जा रहा हूँ, तुम्हारी चूत है ही इतनी प्यारी" यह कह कर मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और उसे कस कर चोदने लगा। थोड़ी देर में सारा भी आ कर मुझे चूमने लगी और मेरे निप्पल पर दांत मारने लगी।

मैं कराहने लगा, वह बोली "हमें एक साथ चोदो।"

मैं एक हाथ से ज़रीना और एक हाथ से सारा के निप्पल दबाने लगा। वह दोनों मेरे नीचे थीं। फिर मैं नीचे पीठ के बल लेट गया और सारा कि चूत को अपने मुँह पर खींच लिया। वह मेरे मुँह पर बैठ गयी। मैंने उसकी चूत चूसनी शुरू कर दी। मेरे हाथ उसके चूचे खींच रहे थे। फिर ज़रीना भी उठी और मेरे लंड के ऊपर बैठ गयी, धीरे-धीरे मेरा लम्बा लंड उसकी चूत में समां गया। वह कराहने लगी और फिर धीरे-धीरे ऊपर नीचे होने लगी।

जैसे सारा थोड़ी देर पहले उछल-उछल कर मेरे लंड को चोद रही थी, वैसे ही जरीना भी चुदने लगी।

दस मिनट तक यह दौर चला। तब तक ज़रीना एक बार झड़ चुकी थी, पर मेरा लंड तो जैसे मानने को तैयार ही ना था। सच में मैं जन्नत में था और मेरी दोनों दुल्हनें मस्त मजे ले रही थीं।

थोड़ी देर बाद सारा उलटी घूम गयी और ज़रीना को किस करने लगी और उसकी चुचि सहलाने लगी। ज़रीना भी उसकी चूचियों को चूसने लगी।

कुछ देर तक यह दौर चला, फिर दोनों झड़ गईं और मेरा लंड और मुँह उनके पानी से भीग गया। दोनों निढाल हो गयी थीं। मेरा लंड अभी भी ज़रीना के अन्दर ही था।

फिर सारा मुझसे बोली "अब इसे घोड़ी बना कर चोदो। तुम पीछे से अपना लंड डालना।"

मैंने वैसा ही किया। मैंने उसकी कमर को अपने दोनों हाथों से पकड़ रखा था और दे दनादन... अपना लंड उसकी चूत में दिए जा रहा था। इस दौरान मैंने महसूस किया कि ज़रीना भी अपनी कमर आगे पीछे कर मेरा सहयोग कर रही थी और पूरे मजे ले रही थी।

दस मिनट तक ऐसे ही चला। तब तक ज़रीना फिर एक बार झड़ चुकी थी, पर मेरा लंड तो जैसे मानने को तैयार ही ना था।

मैंने ज़रीना से लंड निकाल कर सारा को घोड़ी बना कर उसकी चूत में लंड घुसा डाला। पांच मिनट दे दनदना दन करने के बाद जैसे मेरी आंखों में नींद-सी भर आई और मेरे लंड ने वीर्य की एक जोरदार पिचकारी सारा कि चूत में छोड़ दी और मैं निढाल होकर बिस्तर पर लेट गया।

सुबह होने लगी थी। मैं दोनों के बीच में लेट गया, मैं जन्नत में था। मेरे बगल में दो-दो हूरें थीं।

मेरे मुँह से सिर्फ इतना ही निकला:

गर फिरदौस बर रूये ज़मी अस्त l
हमी अस्तो हमी अस्तो हमी अस्त ll
(धरती पर अगर कहीं जन्नत है, तो यहीं है, यहीं है, यही हैं)

वे दोनों मुझसे सांप के जैसी लिपट गईं. मैं दोनों को चूमता रहा और उनका बदन सहलाता रहा. फिर हम तीनों चिपक कर देर तक सोते रहे।



कहानी जारी है।

 



आमिर


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#18
आप सभी को एवं आपके समस्त परिवार को  प्रकाश पर्व दिपावली  कि हार्दिक शुभकामनाएं...
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#19
मजे - लूट लो जितने मिले

तीसरा अध्याय

आपा और दूसरी बीबी के साथ सुहागरात

भाग 3



मेरी दोनों बीवियाँ जन्नत की हूरें हैं और मैंने उन्हें और उन्होंने मुझे जन्नत की सैर करवाई. लेकिन मैंने ज़न्नत के पिछले दरवाजे से प्रवेश करने की सोची और छोटी दुल्हन को घोड़ी बनाया तो क्या हुआ आगे पढ़िए

रात भर की मेहनत के बाद सुबह होने लगी थी। मैं दोनों के बीच में लेट गया, मैं जन्नत में थाl मेरे बगल में दो-दो हूरें थीं। वे दोनों मुझसे सांप के जैसी लिपट गईl मैं दोनों को चूमता रहा और उनका बदन सहलाता रहा।

फिर हम तीनों चिपक कर देर तक सोते रहे। सुबह उठने पर सारा ने मुझसे पूछा- रात केसी गुजरी?

मेरे मुँह से सिर्फ इतना ही निकला:

गर फ़िरदौस बर रूये ज़मी अस्त।
हमी अस्तो हमी अस्तो हमी अस्तll
(धरती पर अगर कहीं जन्नत है, तो यहीं है, यहीं है, यही हैं! )।

मैं बोला- मेरी बीवियाँ जन्नत की हूरें हैं, और मैंने उन्हें, और उन्होंने मुझे जन्नत की सैर करवाई। कुछ देर में दरवाजे पर आहट हुई, नूरी खाला और सारा की बहनें नरगिस, आयशा और इमरान की बहनें दिलिया, उसकी बहन अबीर दुलहनों से मिलने आयी।

मैंने तौलिया लपेट कर सारा और जरीना को कपड़े उठा कर बाथरूम भेजा और दरवाजा खोला। तभी सारा और जरीना लंगड़ाती हुई बाहर निकल आयी। सबने सारा और जरीना को गले लगाया और बधाई दी।

इतने में अम्मी भी आ गयी और बोली- तुम्हारी दुलहनें तो जन्नत की हूरें हैं, आमिर! इन्हें प्यार से सम्भाल कर रखना।

मालूम चला कि इमरान भी अपनी बाकी बहनो के साथ हैदराबाद आ गया है, और बाकी भी बहुत सारे रिश्तेदार, आज रात को वलीमा (रिसेप्शन) की दावत में आ रहे हैं।

मैं इमरान से मिलने गया और उसके हाल पूछे। उसने बताया- आमिर! लगता है अब तुम्हारी लाटरी लगने वाली है।

इमरान: मैं अब्बा हुजूर के पास से आ रहा हूँ। कश्मीर वाली नूरी फूफी (मेरी खाला) और तुम्हारे अब्बा भी उनके पास बैठे हैं, और सारा वाले मामले के बाद नूरी फूफी (मेरी खाला) कह रही हैं कि सुबह सारा और ज़रीना से मिल कर आयी थी। दोनों बहुत खुश और संतुष्ट हैं।

अब वे जल्द ही अपनी बाकी बेटियों नरगिस और आयशा की शादी कर देना चाहती हैं।

अब्बू और मामू बोले "चूँकि हमारे खानदान में शादियाँ परिवार में ही होती हैं लेकिन लड़के दो ही हैं, आमिर और इमरान और लड़कियाँ ज्यादा हैं तो देखते हैं कैसे होता है।"

अब्बू और मामू बोले "इमरान का जब तक इलाज नहीं हो जाता तब तक रोकते हैं, फिर देखते हैं।"

लेकिन खाला चाहती है, उनकी सभी बेटियों का निकाह जल्द से जल्द हो जाए, और फिर मेरी (इमरान की) सभी बहनो का निकाह तो आमिर, तुम से ही होना है, इसलिए इमरान बोला " आमिर! अब तुम और निकाह जल्द करने के लिए तैयार हो जाओ।"

रात को वलीमा दावत के बाद अब्बा जान ने बुलाया और कहा- "कल रात जो चीखने चिल्लाने की आवाज़ आयी थी, वह हमारी तहजीब के मुताबिक ठीक नहीं है, जो भी करो नजाकत को देख कर करो। सारे मेहमान नौकर नौकरानी सुनते हैं और बातें बाहर जा सकती हैं।"

कल सुहागरात में तो ज़रीना की सील खोली थी अब फिर ये बात सुन कर मुझे गांड मरने का ख्याल आ गया .

मैंने सर झुका कर आदाब किया और वहां से अपने कमरे की ओर निकल गया। रास्ते में इमरान मिल गया। इमरान ने मुझसे पूछा तुमने श्रीनगर और कल रात ऐसा क्या किया कि झंडे गड़ गए? मैंने पूरा हाल बता दिया।

तभी लंगड़ाती हुई सारा, मुझे ढूँढ़ती हुई आ गयी और कहने लगी- आमिर! मुझे छोड़ कर आप कहाँ चले गए? कहने लगी- मैं आप से दूर नहीं रह सकती। उसके कपड़े बिल्कुल बेतरतीब थे। वह बिल्कुल दीवानों की तरह, किसी के होने, न होने की परवाह करे बगैर मुझसे लिपट गयी।

इमरान हँसते हुए बोला- "सारा बेगम, हम भी है यहाँ! हमारा भी आदाब कबूल कीजिये।" वह एकदम सम्भली और शर्मा कर मेरे पीछे छिपने लगीl "तो आमिर! ये झंडे गाड़े हैं तुमने?" इमरान बोला।

कटरीना सी सारा शर्म से पानी- पानी हो गयी और वापिस भाग गयी।

इमरान की बहन दिलिया जिसका निकाह मुझसे हुआ था, वह भी आ गयी और बोली- आमिर आप जाओ, सारा आपा तड़प रही है, उन्हें सम्भालो ।

मैं उसके पीछे-पीछे अपने कमरे में वापिस आया। सारा मुझ से लिपट गयी और बोली- आप मुझे अकेली छोड़ कर न जाया करें, मुझे साथ ले कर चला करें। अगर मैं सो रही हूँ तो मुझे जगा लिया करें और रोने लगी। फिर मुझे चूमने लगी ।

मैंने उसके आंसू पौंछे, उसे प्यार किया। उसके कंधों पर हाथ रख कर कहा- मेरी जान! मैं तुम्हें छोड़ कर कहीं नहीं जा रहा।

फिर उसे बहुत प्यार से चूमने लगा, उसके मोमे दबाये और चूत पर हाथ रख कर पूछा- कैसी हैं? तो सारा बोली- बिल्कुल सूज गयी है दुःख रही है, पर तुम्हारे लिए बिछी जा रही है।

मैंने उसे लिप किस किया। हमारे होंठ खुल गए और जीभ मिल गयी। उसकी सांसें भी तेज हो रही थी और पेट भी तेज-तेज से ऊपर नीचे हो रहा था। ये मेरे लिए अच्छे संकेत थे, तो मैंने भी मौक़े का फायदा उठाया और धीरे से उसकी सलवार को पैरों से ऊपर की तरफ सरका दिया।

धीरे-धीरे सलवार जाँघों तक आ गई। मैंने उसकी मस्त नर्म जाँघों को सहलाया तो वों अब मेरे पास होने लगी। मैंने जल्दी से उसकी सलवार का नाड़ा खोला और फटाफट सलवार और पैंटी को नीचे कर दिया।

उसने मेरे हाथों को पकड़ कर ऐसे करने से जैसे मुझे रोका। फिर वों शर्माती हुई अपने कपड़े उतारने लगी। सारा वाकयी में बहुत सुंदर है। लेकिन मैं अब कहाँ रुकने को थाl मेरे लिए इसकी चूत यानी कि मेरी जन्नत का दरवाजा खुल गया था। मैंने जल्दी से हाथ को नंगी चूत के ऊपर रख दिया।

मेरे हाथ रखते ही वों सिहर उठी और मुझसे लिपट गई। मैं उसके नंगे बदन को देखना चाहता था। मैंने उसके और अपने सारे कपड़े उतार दिए। फिर मैंने उसकी नंगी टाइट चूत धीरे-धीरे से सहलाई।

मैंने चूत के दाने को सहलाना शुरू कर दिया! तो वों मेरे हाथ को नाखून मारने लगी। इधर मेरा लंड का बुरा हाल हो रहा था।

हम आपस में बात नहीं कर रहे थे, लेकिन बात तो बस हमारे हाथों से और क्रियाओं से हो रही थी। मैंने सारा की चूत को सहलाना चालू रखा।

थोड़ी देर के बाद सारा का हाथ अपने आप ही मेरे लंड पर आ गया और वों मुझसे लिपट भी गई। मैंने जल्दी से उसके गालों के ऊपर किस की और फिर उसके नर्म मीठे होंठों को चूसने लगा। वों भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।

मैंने नीचे अपना काम जारी रखा था। अब मैंने धीरे से उंगली को चूत में डालनी शुरू कर दी और मेरी उंगली अंदर चूत में आराम से घुस गई।

मैं समझ गया कि वों तैयार हो चुकी है। फिर मैंने देर ना करते हुए उसको दूसरी तरफ घुमाया और उसकी गांड को अपने पास में खींचा। ऐसा करने से उसकी चूत बाहर को आ गई, तो मैंने भी वक्त बर्बाद न करते हुए लंड को चूत पर घुमाना चालू कर दिया। और फिर मैंने सोचा कि क्यों ना सारा को थोड़ा तड़पाया जाए! मैं बस लंड को चूत पर रगड़ रहा था।

थोड़ी देर बाद जब उस से बर्दाश्त नहीं हुआ, तो उसने अपने हाथ में लंड को पकड़ के चूत के छेद पर रखा, और पीछे की तरफ जोर लगाया ।

बस फिर क्या था मेरा लंड जन्नत में प्रवेश कर गया और यह जन्नत उस वक्त जहन्नुम के जैसी आग उगल रही ही। मुझे जो आनंद मिला तो मैं आप को किसी भी तरह के शब्दों में नहीं बता सकता हूँ। अब मैंने भी देर ना करते हुए मोर्चा सम्भाला चुदाई का, और दोनों हाथों से उसकी गोल गांड को पकड़ा और लंड को दे दनादन उसकी चूत में पेलने लगा।

क्या बताऊँ, कितना सुकून मिल रहा था मुझे! उसे भी खूब मजा आ रहा था, क्योंकि वों भी हर धक्के के साथ गांड को आगे-पीछे धकेल कर साथ दे रही थी मेरा।

वों मादकता में चिल्ला भी रही थी- और जोर से चोदो मुझे, हाँ, इसी तरह हाँ, बहुत अच्छा लग रहा है! और तेजी से डालों अपना लंड, आह! मेरा भी छूटने वाला है।

"वाह! क्या टाइट चूत है? हाँ! ले मेरे लंड को अपनी चूत में!" मैंने करीब 15 मिनट तक अपनी बड़ी बेगम सारा की चूत चुदाई की, और इस बीच में वों दो बार मेरे लंड के ऊपर ही झड़ गई।

मैंने इस हसीन सेक्स के लिए, उसके कान के ऊपर होंठों को लगा के उसे थेंक्स कहा। वों भी मुझसे लिपट गई और उसने होंठों के ऊपर किस कर के अपनी स्टाइल में थेंक्स कहा मुझे!

तभी मेरी छोटी दुल्हन जरीना जो वहीं सो रही थी, जाग गयी, और आकर मुझ से लिपट गयी। उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए थे। मैं उसको चूमने लगा मैंने उसे लिप किश किया मैं उसे लिप किश करता ही रहा वह भी कभी मेरा उप्पर लिप तो कभी लोअर लिप चूसती रही मैंने उसके लिप्स पर काटा उसने मेरे लिप्स को काट कर जवाब दिया,

फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी. फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा. जरीना मुझे बेकरारी से चूमने चाटने लगी और चूमते चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। फिर मैंने उसकी चूची सहलानी और दबानी शुरू कर दी वह सिसकारियां ले मजे लेने लगी मैंने धीरे धीरे उसकी चूत पर अपने दूसरी ऊँगली से से उसके क्लाइटोरिस तो सहलाना शुरू कर दिया ज़रीना गर्म होने लगी धीरे धीरे चूत ढीली और गीली होनी शुरू हो गयी और एक झाकते में पूरा लंड अंदर पेल दिया वो चिल्लाई पर चूत गीली थी इक मिनट रुकने के बाद मैंने धक्का लगाना शुरू किया.. फिर कुछ देर में ही वो भी मेरा साथ देने लगी। मुझे जैसे जन्नत का मज़ा आ रहा था।

ज़रीना ने जल्द ही ढेर सारा पानी मेरे लंड पर छोड़ दिया. मैं झड़ने के बाद भी लिप्स किस करता रहा . करीब 30 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों ही साथ में झड़ गए। दो-तीन झटकों बाद मैंने लण्ड निकाल लिया ।

मैंने अब उसकी चूची को मुँह में ले लिया और हल्के-हल्के धक्के मारने लगा। जरीना को अब जरा सा आराम मिला था जैसे। मैंने उसके होंठों को चसते हुए कहा- "अब कैसा लग रहा है?"

ज़रीना ने कोई जवाब नहीं दिया।

मैंने उसको कहा- "अपनी जीभ मेरे मुँह में दोl' उसने दे दी। मैं उसकी जीभ को चूसने लगा। फिर मैंने उसको कहा- "अपने दोनों हाथ मेरी कमर पे रख दोll"

उसकी चूड़ियों की खनक सेक्स का मजा दोगुना कर रही थी। उसका नाजुक बदन मेरे जिम से चिपका हुआ था। मैंने उसकी टांगों को थोड़ा और फैला दिया। मैंने अब धक्कों की स्पीड बढ़ा दी। जरीना की अब जोर-जोर से सिसकियां निकल रही थी। उसकी चूड़ियां में हर धक्के पर खनक उठती थी। उसकी पायजेब और चूड़ियां मेरे हर धक्के के साथ लय बना रही थी। फिर मैंने उसके होंठों पे होंठ रख दिए और कस-कस के धक्के मारे। 20-25 धक्कों में मेरा सारा वीर्य उसकी चूत में भर गया। मैं उसके ऊपर ही लेट गया मेरा। लौड़ा झड़ने के बाद भी जरीना की चूत में चिपक कर फंसा हुआ था। फिर धीरे-धीरे लण्ड सिकुड़कर बाहर आने लगा।

ज़रीना तेज-तेज सांसें ले रही थी। उसकी चूचियां अब ऊपर-नीचे हो रही थी। वो मुस्कुराने लगी और मुझसे चिपक गई।

मैंने उसकी टांगों को अपनी टांगों में फंसा लिया था। मेरे हाथ जब उसकी गाण्ड पर लगे तो कुछ गीला-गीला सा लगा।

और फिर मैंने जरीना से कहा- अब तुम घोड़ी बन जाओ। मैं अब तुम्हारी गाँड मारूँगा।

"नहीं! मैं तुम्हें अपनी गाँड नहीं, सुना है बहुत दर्द होता है!" जरीना ने जवाब दिया।

"गाँड तो तुम्हें मरवानी पड़ेगी! हाँ, तुम्हें दर्द होगा तो मैं रुक जाऊँगा." मैंने उत्तर दिया- चलो बिस्तर पर पेट के बल लेट जाओ।

"नहीं, मैं आप को अपना इतना मोटा लंड मेरी गाँड में नहीं डालने दूंगी, बचाओ-बचाओ!! अम्मी मुझे बचाओ! " जरीना जोर से चिल्लायी।

"जितना चिल्लाना है, जोर से चिल्ला लो, आज प्यारी अम्मी भी आप को बचाने के लिये नहीं आ सकती, मैं आज तुम्हारी गाँड मार के रहूँगा। अगर खुशी से मरवाओगी तो आप को मजा भी आयेगा और दर्द भी कम होगा." मैंने कहा।

"प्रॉमिस?" जरीना ने कहा ।

"प्रॉमिस! कसम ले लो!" मैंने जरीना को कहा- "आप बहने सब चीखती बहुत हैं, इसलिए अगर आप इजाजत दें तो आपकी कलाई में रस्सी बांध कर आपको उलटा कर, आपके दोनों हाथ बेडपोस्ट से बांध देता हूँ और आपके मुंह को कपड़े से बांध कर आपकी गांड मर लेता हूँ।"

"मेरे राजा आमिर! पहले मेरी चूत चोदोl फिर जैसा चाहे वैसा कर लेना लेकिन धीरे से, ताकि दर्द न हो।"

फिर मैंने जम कर जरीना की चूत चुदाई की और जरीना को जन्नत की सैर कराई, जरीना भी मजे ले-ले कर चुद रही थी। फिर जरीना के हाथ बांध कर उसके मुंह में दुपट्टा ठूंस कर मैंने जरीना की चूत में उंगलियाँ घुसा कर गीली की और दुल्हन की गाँड में अपनी उंगलियों को घुसा दिया।

फिर चूत में अपना लंड घुसा कर लण्ड को चिकना किया, और गांड के ऊपर रख कर हल्का सा धक्का लगा कर, सुपारे को जरीना की गांड में फंसा दिया। गू-गू, गों-गों करती जरीना दर्द से कराही।

"थोड़ी देर की बात है जानू! मेरा लंड तुम्हारी गाँड में घुस रहा है." कह कर मैंने पूरा लंड उसकी गाँड में घुसा दिया। " थोड़ा सा खून निकला और इस एक जोरदार धक्के से अब मेरा पूरा लण्ड उसकी गाण्ड में था।

गु-गु!, ऊऊ!, ऊई!, ईई! जरीना जोर से चिल्लायी। उसकी गांड बहुत टाइट थी ।

"डरो मत मेरी जान! अब मेरा लंड पूरा का पूरा तुम्हारी गाँड में है, सब ठीक हो जायेगा।" मैंने कहा और अपना लंड अंदर बाहर करने लगा।

क्योंकि जरीना मुंह बंधा था, बेचारी केवल पाँव पटक सकती थी जिन्हें मैंने अपने हाथों से जकड़ रखा थाl कुछ देर में उसका दर्द कम हो गया और वों मजे लेने लगी। मैंने देखा तो उसके सफेद चादर पर खून के धब्बे साफ दिख रहे थे।

क्या गद्देदार चूतड़ थे, मुलायम गोरी चमड़ी, सख्त टाइट मांस, और टाइट कुंवारी गांड का छेद, बस मजा आ गया! काफी देर तक उस नाजुक गांड की चुदाई कर मैं धन्य हो गया।

मैंने जरीना को खोल दिया. हम दोनों लेट गए. पास में ही मेरी बड़ी बेगम सारा नंगी बैठी ये सारा खेल देख रही थी. ।

"अब तुम्हारी बारी है गाँड में लंड लेने की " मैंने कुछ ही देर बाद छोटी दुल्हन जरीना को अपनी बड़ी बहन सारा से कहते सुना ।

मेरी बड़ी बेगम सारा ने मुझसे कहा-बेशक मेरी गांड मारो, लेकिन अपना माल मेरी चूत में ही निकालना! वादा करो? मैंने भी वादा कर दिया। "ठीक है, ज़रा धीरे-धीरे करना और जब मैं कहुँ तो रुक जाना।" सारा ने मुझ से विनती करते हुए कहा।

"ठीक है, तुम जैसा कहोगी वैसा ही करूंगा।" कह कर मैं अपना लंड सारा कि गाँड पर रगड़ने लगा। "देख जरीना अब सारा कि गाँड भी फटने वाली है, ये फटी, ये फटी" जरीना मंजे ले-ले कर बोल रही थी।

"ओह! मर गयी! आमिर प्लीज निकाल लो, बहुत दर्द हो रहा है।" सारा चिल्लायी। पर उसकी आवाज़ ना सुन कर, मैंने एक करारा धक्का मार कर अपना पूरा लंड सारा कि गाँड में घुसा दिया।

जरीना आकर मुझे पीठ पर चूमने लगी। सच में मुझे बहुत मज़ा आया। मैंने जरीना को अपनी तरफ़ खींचा और उसको दबोच कर जरीना के मम्मे अपने एक हाथ से दबाने लगा और उसके ओंठ चूसने लगा।

मैं उसको ओंठों में खो गया। जरीना कि मादक सिसकियाँ और सारा कि दर्द भरी चीख़ों ने मेरा दिमाग़ सुन्न कर दिया था। पता नहीं सारा ने कब मेरा लण्ड अपनी गांड से निकाला और घोड़ी बने-बने ही अपनी चूत में ले लिया और आगे पीछे होकर चुदने लगी।

मुझे कुछ होश नहीं था कि मैं कब तक उनको यों ही चोदता रहा। मेरी बड़ी दुल्हन झड़ती गयी और फिर मैंने अपना सारा माल सारा कि चूत में छोड़ा और उनकी बाँहों में आँखें बंद कर लेट गया।

सुबह नूरी खाला ने सारा और जरीना कि हालत देखी तो पूरा माजरा समझ गयी। खाला मेरी दोनों दुलहनों को लेडी (महिंला) डॉक्टर के पास ले गयी और लेडी (महिंला ) डॉक्टर ने सारा और जरीना के लिए 3 दिन चुदाई बंद का हुक्म दे दिया।

कहानी आगे जारी रहेगी।

 

आमिर


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#20
Oh super bhai.
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