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अंतरंग हमसफ़र
मेरे अंतरंग हमसफ़र

सातवा अध्याय

लंदन का प्यार का मंदिर

भाग 28


अगली मुख्य डिश



मुखशुद्धि करवा कर पतली, छोटे काले बालों वाली उच्च पुजारिन का मुकुट पहने डोना अलग हो गयी और धीरे-धीरे चल कर पानी जगह पर जा कर बैठ गयीv वो भी 22 साल की उम्र के बाद भी अन्य पुजारिणो के तरह प्यार सौंदर्य और सेक्स की देवी की कृपाप्राप्त होने के कारण 18 साल की ही लगती थी । उसके सी-कप के स्तन और दिलकश और अच्छे आकार के थे। उसका पेट सपाट था और उसके कूल्हे उसी अनुपात में बाहर निकल आए थे। उसकी गांड कामुक थी और उसके शरीर के भोग से मैं खुश था।

"मास्टर अगली डिश का समय हो गया है ," रूना ने कहा। रूना पुजारन सुनहरे बालों वाली और खूबसूरत चेहरे वाली एक पतली लंबी उच्च पुजारिन जिसके सर पर बंधे मुकुट से स्पस्ट था की वह निश्चय ही एक महान महायाजक का चिह्न था। रूना के लंबे सुनहरे बाल उसकी पीठ के पीछे धीरे से लहरा रहे थे और उसके बड़े और गोल स्तनों में हलचल मच गई जब उसने अपने शरीर को कामुक लय में हिलाया। उसके स्तन सीधे और कड़े हो गए थे, उसके निपल्स के भीतर केंद्रित पॉइंट्स सूज गए थे। उसका सिर ऊँचा था और उसकी टकटकी का स्तर; उसकी गहरी भूरी आँखें कमरे के बाहर एक दूर स्थान पर टिकी हुई थीं। रूना की उम्र 23 साल थी परन्तु वह भी सभी अन्य पुजारिणो के तरह प्यार सौंदर्य और सेक्स की देवी की कृपाप्राप्त होने के कारण 18 साल की ही लगती थी ।

उसने अपनी कुर्सी को पीछे धकेला और मुझसे कुछ फुट की दूरी पर चली गई। उसने अपने अंगूठों को अपनी पेंटी और ब्रा की पतली डोरियों पर टिका दिया।

"अब मुझे अगली डिश के लिए इनकी आवश्यकता नहीं होगी," रूना ने शरारत से मुस्कुराते हुए कहा।




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उसके साथ, उसने पैंटी को अपने पैरों से नीचे धकेल दिया, और अपनी ब्रा की डोरी को खेंच दिया और फिर दो सेकंड में वे उसकी टखनों पर गिर गईं। वह उनमें से निकल गई। अब रूना मेरे सामने बिलकुल नग्न थी। मैंने रूना की चूत देखी। उसके योनि के टीले के ऊपर भूरे रंग के फर का एक बारीकी से काटा हुआ, उल्टा त्रिकोण था, लेकिन उसके नीचे सब कुछ नंगा था। उसके भगशेफ के ऊपर मीठा, मांसल हुड, उसके होठों की आकर्षक सूजन, गुप्त ऊर्ध्वाधर भट्ठा जो उनके बीच पड़ा था - सभी मेरी नज़र के सामने थे।

उसकी योनि बहुत प्यारी और सबसे स्वादिष्ट लग रही थी । बहुत प्रयास से मैंने उसकी टांगों के बीच से उसके चेहरे की ओर देखा, जो एक कामुक मुस्कान लिए हुए था ।

"क्या अब आप अगली डिश आजमाना चाहेंगे ?" रूना ने पूछा। यह लंदन शाही के वसंत की एक खूबसूरत शाम थी। मौसम सामान्य रूप से गर्म था और हमारे पास की खिड़कियां खुली थीं। ठंडी हवा ने कमरे को ठंड से ताजा कर दिया ।हमारे पास ही चूल्हा रखा था मैं सिर्फ एक पास्ता सॉस निकाल रहा था और रूना स्पेगेटी को निकाल रही थी। अरुगुला और चेरी, सब्ज़िया , टमाटर का सलाद पहले से ही मेज पर थी । पास ही रास्पबेरी नींबू और व्हीप्ड क्रीम की एक कैन भी रखी थी ।

जल्द ही डिश त्यार हुई और रूना ने अपनी टांगो को फैला दिया, रूना ने अपनी प्यारी योनि मेरे खाने के मात्र एक ऊपर मेरे सामने पेश की । रूना ने अपनी टांगो की जोड़ा और बोली मास्टर आपकी अगडली डिश आपके सामने पेश है और रूना ने मेरी प्लेट में नीचे की ओर अपनी गांड फैला दी।

रूना ने अपने योनि क्षेत्र पर पास्ता डाल दिया रूना के ओंठ जुदा हुए और होठों से एक छोटी सी आह भर निकली ओर वो मुझे देखकर मुस्कुराई। ।

"हे भगवान, यह मेरे लिए बहुत गर्म है। शायद मुझे पहले इसे कुछ देर पहले ठंडा करना चाहिए था ?!"

रूना ने कुछ स्पेगेटी रूना की गांड पर डाला और रूना के हाथों और घुटनों पर उठ गई। "नास्टर आओ और इसे ग्रहण करो !" रूना ने कहा और रुना की गांड को प्लेट के ऊपर उठाया, पास्ता रूना सॉस से ढके नितम्ब के गालों के बीच, टेबल और प्लेट पर हर जगह टपक रहा था ।

"जरूर देखने में तो स्वादिष्ट लग रहा है ।" मैंने टेबल पर बैठते ही कहा।

मैं उसमें एक भूखे शेर की तरह गोता लगाना चाहता था, लेकिन मैं अपनी नई डिनर प्लेट को सभी कुछ करने नहीं देन चाहता था । मैंने अपने हाथों को रूना के नितम्ब के गालो पर रखा और पास्ता और सॉस को रूना के नितम्बो, योनि, स्तनों और और नीचे रूना की टांगो पर फैला दिया। मैंने अपनी प्लेट से और अधिक स्कूप किया और इसे ऋणी की सभी साफ जगहों पर छिड़क दिया। मैंने एक मुट्ठी ली और उसे रूना की चूत पर मला।



[Image: food4.jpg]

फिर मैंने उसे चाट चाट कर खाना शुरू किया और मैंने उसकी योनि के अंदर भी चाटा। मैंने रूना के पैरों में से एक को उठा लिया और रूना के तलवे को चाट लिया, जिससे रूना फुफकारने लगी । मैंने रूना पैर की उंगलियों को अपने मुंह में डाल लिया और रूना पैर की उंगलियों के बीच अपनी जीभ को घुमाया, और रूना जोर से हंस पड़ी।

मैंने रूनाकी टांगो और पैरों को ऊपर उठाया, रूना की पिंडलियों को चूसने और चाटने के बाद रुक गया ताकि मैं दूसरे पैर पर शुरू कर सकूं और मैं अपने तरीके से काम कर सकूं। मैंने धीरे-धीरे उसकी टांगो को चूसा और अपनी जीभ को रूना की टांगो और घुटनो के पिछले हर इंच पर घुमाया,।

कुछ देर उसकी जांघो को चाटने के बाद उसके तितम्बो के पास मैं रुक गया और बहुत रुकने और प्रत्याशा के बाद मैंने रूना के नितम्ब को चूमा । यह अभी भी भोजन में ढका हुआ था, फिर मैंने उसके प्रत्येक नितम्ब के गाल पर एक हलकी सी चपत लगाई ।

"यह मेरे भोजन पर अपने निताब रखने के लिए है. " रूना बस कराहने लगी ।

मैंने और पास्ता उसके नितम्बो पर डाला और कुछ और चांटे लगा दिए, रूना के गोल और गोरे नितम्ब लाल-सॉस वाले नितम्ब हो गए । पास्ता सॉस हर जगह बिखरा हुआ था।

जब मैंने स्मैक किया, रूना ने मुझे कहा , "मैं खुद को रोक नहीं पायी । मैंने रूना को चूमा कर उसकी साँसों का स्वाद चखा, यह थोड़ा नरम था - इसकी जरूरत थी ।"

"बिल्कुल, मुझे बताएं कि आपको यह डिश कैसी लगी।"

अपना मुंह चौड़ा करके मैं नीचे झुक गया, अपना सिर ऊपर कर लिया.

महायाजक रूना के हाथ मेरे पूरे शरीर में घूम गए और मुझे मजा आ गया । मेरा लंड भयानक काले नाग की तरह फन उठाए उसकी योनि को डसने के लिए फुफकार रहा था मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने विकराल लिंग पर रख दिया और रूना गनगना उठी। लंबा और ३" मोटा लिंग उसके हाथों में था, और उसके मुख से सिसकारी निकल पड़ी और वो मदहोशी के आलम में मेरे बेलन जैसे जैसे लिंग पर बेसाख्ता हाथ फेरने लगी। कितना गर्म और सख्त। इधरमैं उसके सीने के उभारों को सहला और दबा रहा था रहे थे, और उसकी चिकनी योनी में आहिस्ता आहिस्ता उंगली चला रहा था जिससे वो पूरी तरह पागल हो चुकी थी।


और फिर उसने धीरे धीरे अपने हाथ को मेरे कड़े और खड़े लिंग पर लपेट दिया। फिर जब उसने देखा कि मैं तैयार हूँ तो उसने मेरा लिंग अपने हाथ में लिया और धीरे से हाथ ऊपर नीचे करने लगी । मैं उत्साहित था।


[Image: o2.gif]

मैंने रूना की चूत पर सारी स्पेगेटी चूस ली, और जिस तरह से मैं उसे चबा रहा था और साथ साथ उसके नितम्बो पर थप्पड़ मार रहा था और रूना के ऊपर से अपनी जीभ बाहर निकाल कर चाट रहा था उससे स्पष्ट था की डिश बहुत स्वादिष्ट बनी थी । मैंने जो भी चाटा था उसे मुँह में भरा और मुँह रूना के मुँह के पास ले गया और उसके मुँह में डिश को सरका दिया और फिर रूना को साफ-सुथरा करने के लिए उसके बाकी अंग चाटता रहा। मैंने अपनी नाक की नोक से रूना की गांड को गुदगुदाया और मैंने रूना के पसीने को साँस में लिया और रूना की योनि का स्वाद चखा।

मैंने रूना की पुसी से लेकर उसकी टेलबोन तक हर इंच चाटते हुए अपनी जीभ की रूना की गांड की दरार के ऊपर की ओर घुमाया।

रूना ने मेरे चेहरे पर अपनी गांड को रगड़ना शुरू कर दिया, मेरे चेहरे को खिलौने की तरह इस्तेमाल करते हुए, अपने शरीर को मेरी ठुड्डी, जीभ और नाक पर पीस लिया।

अब तक रूना की गांड ज्यादातर साफ थी। अपेक्षाकृत अब उसके स्तन मैं चाटने लगा और चूसने लगा । मैंने एक उंगली चाटी और रूना की चूत के द्वार पर रख दी और धीरे से अंदर जाने की अनुमति माँगने लगा ।

"क्या मैं?"

"जरूर ।" उसने सोचा अब मैं लंड घुसाने के लिए पूछ रहा हूँ लेकिन मैंने अचानक एक उंगली उसकी योनी में घुसेड़ दी, वो चिहुंक उठी। "आह, ये क्या किया?मास्टर उंगली निकालिए ना आााााह" उसके मुख से खोखली आवाज निकली, वस्तुत: उसे दर्द कम मजा ज्यादा आया। मैंने अब अनुभव शिकारी की तरह उसे जाल में फसा लिया था और अब अंतिम प्रहार करने की तैयारी में था , मैंने धीरे से अपनी उंगली अंदर खिसकानी शुरू कर दी।

मैंने अब उंगली मेरी योनी के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।"आह, ओह उफ आह " उसकी सिसकारियां निकल रही थी और जो भी हो रहा था रूना को अच्छा लग रहा था, वो पूर्ण रूप से अपने आप को मेरे हवाले कर चुकी थी।

फिर मैंने अपनी नुकीली जीभ को बाहर निकाला और उसे रूना के योनि के गुलाबी छेद के चारों ओर घुमाया, जिससे वह अच्छी और गीली हो गई। मैंने अपनी जीभ को चपटा किया और उसके ऊपर और चारों ओर चाटा, अपनी जीभ को उसकी योनि में धकेल दिया, और उसे ऐसे चाटा जैसे मैं एक आइसक्रीम कोन चाट रहा था। अंत में, मैंने अपनी जीभ को रूना की भगनासा के ऊपर फड़फड़ाया, जिससे रूना फुदकने लगी ।

मैंने अपनी उंगली रूना की चूत से बाहर निकाली और रूना के छोटे से छेद पर थूक दिया। फिर मैंने अपनी मध्यमा और तर्जनी को इकठ्ठा किया और धीरे-धीरे इसे वापस अंदर की ओर किया, धीरे से रूना के योनि में मैंने अपनी उंगलियों को अंदर और बाहर किया। मेरी जीभ ने मेरी उंगलियों के चारों ओर घूमती और चाटती रही ।




[Image: DISH1.jpg]

"हम्म…। हां…।"

मैंने अपनी उँगलियों को तब तक गहरे, गहरे में धकेला जब तक कि मैं दोनों को आधार तक न पहुँचा दूं। रूना "ऊउओओओओओयूओ" चिल्लायी .

रूना की चूत इतनी रसीली हो चुकी थी वो मस्ती में भर गई और नीचे से मेरा हाथ उसकी चूत को मजा दे रहा था और ऊपर से वो अपने स्तनों को खुद ही दबा रही थी। एक बार फिर से हम दोनों के होंठ मिल गए।


अब नीचे से मेरा लंड रूना की चूत पर ऊपर-नीचे रगड़ खा रहा था। और मैं एक हाथ से उसकी चूचियों को दबा रहा था और दूसरे हाथ से लंड के टोपे को उसकी चूत पर रगड़ रहा था। इस वजह से रूना चुदने के लिए तड़प गई।

और साथ साथ मेरे एक हाथ से उसके सीने के उभारों को दबाने लगा और इससे वो उत्तेजित हो कराहने लगी और मेरा दूसरा हाथ उसकी कमर से नीचे के नाजुक अंगों को सहलाने लगा। यह सब हम दोनों को आनंदित कर रहा था, उसकी कामोत्तेजना भड़क कर उसे पागल कर रही थी , मदहोश कर रही थी और वो अब एक मैं नादान पगली कामपिपाशु बन मुझे हौले हौले समर्पित होती जा रही थी।
वो सिसकारते हुए बोली- आह्ह … प्लीज बस चोद दो मास्टर ।

मैंने भी अब देर करना ठीक नहीं समझा । मैंने उसी पूर्ण नग्नावस्था में रूना को चित्त लिटा कर उसके पैरों को अलग किया और उसकी दोनों जंघाओं के बीच अपने आप को स्थापित किया, पहले से गीली उसकी योनी के छोटे से छिद्र के मुख पर अपने विकराल लिंग का सुपाड़ा टिकाया, तो उसके शरीर में झुरझुरी दौड़ गई।

मैंने उसकी टांगों को दोनों हाथों से खोला और लंड उसकी चूत के मुंह पर लगा दिया। नीचे की ओर जोर देते हुए मैंने लंड को उसकी चूत में उतार दिया। और एक करारा धक्का मारा और वो चीख पड़ी। "आााााााह " लेकिन मैं तैयार था, अपने होंठों से उसके होंठ बंद कर दिए ।

फच्चाक से उसकी गीली चिकनी योनी के संकीर्ण छिद्र को फैलाता हुआ या यों कहिए चीरता हुआ मेरे लिंग का गोल अग्रभाग प्रविष्ट हो गया। आााााह दर्द से रूना की आंखों में आंसु आ गए।

लंड का टोपा उसकी चूत में घुस गया था । मैंने अपना मुह उसके मुह से सटा कर चंद सेकेंड रुकने के बाद फिर एक धक्का मारा," ओहहहह मााा मर गईईई" अब लंड के सुपाडे से भी आगे दो इंच तक लंड अंदर चला गया था . और लंड का प्रवेश होते ही उसको जैसे स्वर्ग सा मिल गया। और बोलै ले एक धक्का और हुम," "आाााहहहहह," उसकी चीख घुट कर रह गयी मैंने एक और करारा ठाप मार दिया । अब उसकी मेरी आंखें फटी की फटी रह गई।, सांस जैसे रूक गयी और अब पूरा लिंग किसी खंजर की तरह उसकी योनी को ककड़ी की तरह चीरता हुआ जड़ तक समा गया था या यों कहिए कि घुसा दिया था। मैं कुछ पल उसी अवस्था में रुका, फिर कुछ देर बाद हौले से लिंग बाहर निकाला, तो रूना को पल भर थोड़ा सुकून की सांस लेने का मौका मिला और फिर लिंग पूरी ताकत से दुबारा एक ही बार में भच्च से उसकी योनी के अंदर जड़ तक ठोंक दिया ,"



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उसे अब दर्द की जगह जन्नत का अनंद मिल रहा था, वो हर ठाप पर मस्ती से भरती जा रही थी। और फिर वो मस्ती में भर कर बेशरमी पर उतर आई, " आह मास्टर ओह राजा, आााााााा,हां हाहं," पता नहीं और क्या क्या मेरे मुह से निकल रहा था और उसने मेरी गर्दन को नीचे की ओर खींचते हुए मुझे अपने ऊपर लिटा लिया और अपनी टांगों को मेरी गांड पर लपेटने लगी। मैंने अब लम्बे ढ़ाके मारते हुए एक दूसरे धक्के में पूरा लंड उसकी चूत में घुसाने लगा और मैंने ऊपर नीचे होते हुए उसकी चूत में लंड को पेलना शुरू कर दिया। और फिर मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी। अब फच -पच करते हुए लंड उसकी चूत में अंदर बाहर हो रहा था। अगले पांच मिनट तक मैंने उसको ऐसे ही चोदा।

रूना भी ठाप का जवाब ठाप से देने लगी। नीचे से उसकी कमर चल रही थी। और अब वो चुदाई का आनंद ले रही थी " चोद मेरे राजा चोद,"उसके मुह से स्ती भरी बातों निकल रही थी, वो पगली की तरह अपने बुर में घपाघप लंड पेलवा रही थी और यह दौर करीब १५ मिनट तक चला कि अचानक उसका पूरा बदन कांपने लगा, मैं अब पूरी रफ्तार से उसकी चूत की कुटाई किए जा रहा था कि अचानक उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझे महसूस होने लगा कि उसकी चूत गरमा गरम रस छोड़ रही है और वो अपने चरम अनंद में मेरे से चिपक गई, और फिर शरमा कर मेरे चौड़े सीने में अपना चेहरा छुपा लिया। मैंने रूना को अपनी बांहों में समेट लिया और हम दोनों चुंबन करने लगे ।

पुजारिन क्सेनु ने भांप लिया की रूना अब स्खलित हो चूकी है और उसने मेरे लंड को रूना की योनि से बाहर खींच लिया ताकि मेरा लंड उसकी संकुचन करती योनि से मुक्त हो जाए। रूना ने मेरे ओंठो को और फिर मेरे गाल पर चूमा, फिर रूना मेरे साथ चिपक कर लेट गई, जोर से काम्पी और बदन ऐंठा और बेसुध हो गई और सीट पर निढाल हो कर लुढ़क गई।



मुख्य पुजारिन क्सेनु सब पुजारिणो में सबसे छोटी और प्यारी लग रही थी-5' 5 " , काले बाल, बी-कप, खूबसूरत और पतले एक क्लासिक युवा ब्राजीलियाई थे जिसने सुंदर रत्न जड़ित महायाजक का मुक्तक पहना हुआ था। उसके लंबे, घने बहुत काले बाल सीधे उसकी पीठ के निचले हिस्से में लटके हुए थे। उसका चेहरा सुनहरा था, कुछ गोल, बादाम के आकार की आंखों में हालाँकि उसने काजल पहना था, उसकी आँखों की पलकें स्वाभाविक रूप से धुएँ के रंग की थीं। उसका शरीर उसकी छातीयो और कूल्हों की ही तरह छोटा था। क्सेनु की उम्र 21 होने के बाबजूद वह भी अन्य पुजारिणो के तरह प्यार सौंदर्य और सेक्स की देवी की कृपाप्राप्त होने के कारण 18 साल की ही लगती थी और उसके व्यक्तित्व की सबसे ख़ास चीज थी उसकी मनमोहक मुस्कान लिए वो आकर मुझे चूमने लगी

जारी रहेगी


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RE: अंतरंग हमसफ़र - by aamirhydkhan1 - 23-10-2022, 09:48 PM



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