10-10-2022, 05:16 AM
(This post was last modified: 24-10-2022, 04:16 AM by aamirhydkhan1. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मजे - लूट लो जितने मिले
सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं
भाग-22
जेन ने कौमार्य मुझे सौंप दिया
जेन उस वक्त इसीलिए खुश थी. कि अब उस की रूखी ज़िंदगी और प्यासी चूत में रोनक आने वाली थी । एक दूसरे के लिए गरमी और प्यास इतनी बढ़ गयी थी की दोनों के लिए रुकना अब मुमकिन नहीं था ।
उसने अपनी उंगली अपनी चुत में डाली और फिर मेरे मुँह में डाली और बोलै, “मेरी उंगली पर मेरी प्यासी चूत का पानी लगा हुआ है. इस को चूस कर उस की गर्मी का अंदाज़ा लगा सकते हो, कि वो तुम्हारे लंड के लिए कितनी तड़प रही है ।”
मैंने फॉरन अपने मुँह में डाली हुई जेन की उंगली को चूसना शुरू कर दिया. और उंगली पर लगे हुए नमकीन पानी का ज़ायक़ा बहुत ही अच्छा लगा और मैं जेन की उंगली को “शर्प शरप” कर के चाटने लगा ।
“बस भी करो मेरी उंगली भी खा जाओगे क्या?” जेन ने मेरे मुँह से अपनी उंगली निकाली और मुझे धकेल कर थोड़ा पीछे किया ।
वाकई ही तुम्हारी चूत के पानी का ज़ायक़ा बहुत मस्त है” मैंने अपने होंठो पर ज़ुबान फेरते हुए कहा।
अच्छा अब दिल भर कर अपने होंठो और ज़ुबान की प्यास बुझा लेना, अब तुम मुझे बताओ कि तुम्हारा लंड कितना तड़प रहा है मेरी गरम फुद्दि में जाने के लिए?
मेरे लंड को आज एक नई कुंवारी और करारी फुद्दी चोदने को मिल रही थी. इसीलिए वो आज पहले से भी ज़्यादा जोश में आते हुए सख़्त और तन चुका था।
फिर उसने मेरा लंड छुआ और उसे कड़क पाकर बोली ओह आमिर! ये तो बॉर्डर पर खड़े हुए फौजी की ऐसे अकड़ कर खड़ा है।
आज जेन वाकई ही बहुत अच्छी तरह से तैयार हो कर आई थी. इसीलिए वो बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। जेन को देख कर विश्वास हो गया की मुझ पर किस्मत जबरदस्त मेहरबान थी कि पहले से ही बला की खूबसूरत, परफेक्ट शारीरिक बनावट की मालकिन जेन ने आज ही अपनी चूत को क्लीन सेव भी किया और बॉडी हेयर भी क्लीन किये। ऊपर से खूबसूरत बॉडी आयल और मेकअप ने सोने पर सुहागा कर दिया। इससे सामने से देखने वालो को जेन साक्षत आसमान से उतरी बिना कपड़ो की हूर जैसी लग रही थी। मेरी नजर कभी जेन के रस टपकाते ओठ पर अटक जाती, कभी जेन के गोलाकार सुडौल गोरे स्तनों पर टिक जाती, तो कभी दो जांघो के बीच बने गोरे मखमल जैसे चिकने और रपटीले गुलाबी चूत घाटी के त्रिकोण पर, कभी वह जेन की चिकनी गोरी मांसल जांघे घूरने लगता। मुझे समझ ही नहीं आ रहा था किसको ज्यादा देर तक निहारू। जेन ने सर झुककर एक बार खुद को निहारा और अपने खूबसूरत मादक जिस्म की मादकता में मन ही मन में आनंदित होकर वासना की समुद्र में गोते लगाने लगी लगी।
मैं जेन की जिस्म के और करीब आ गया जेन ने कुछ तो डर के मारे और कुछ आगे होने वाले का अनुमान लगाने के लिए अपनी आंखे बंद कर ली। जैसे ही मेरा सख्त हाथ उसकी कमर के नीचे से वासना से दहकती उसकी जांघो के बीच में नरम चिकनी त्रिकोण चूत घाटी के भूतपूर्व बालो के चिकने जंगली इलाके (जो अभी पूरी तरह से साफ़ सुथरा गुलाबी चिकना मैदान था) पर से फिसलता हुआ नीचे बढ़ा, जेन ने पैर फैलाकर खुद ही पूरी तरह से हथियार डाल दिए।
फिर मैंने जेन के होंठों पर अपने होंठों रख दिए होंठ चसते हुए मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर में डाल दिया। उसकी कमर पर हाथ फेरा तो उसके पूरे जिश्म में कंपन होने लगी।
मेरी सेक्सी छुअन से जेन पागल हो गयी, मेरी गर्म बांहों में मेरा शरीर जल रहा था!
मैंने जेन को अपनी तरफ किया और अपने होंठों को जेन के होंठ पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा। मैं बहुत जोश में था और जेन के होंठों पर ही टूट पड़ा। फिर मैं जेन को की चूचियों को दबाने लगा।
मैंने अपना मुँह जेन की गर्दन पर किया और उस पर किस करने लगा। उसके शरीर से पसीने और लेडीज परफ्यूम की महक आ रही थी जो मुझे मदहोश कर रही थी! मैंने जेन के गले पर किस करते हुए अपना मुँह जेन के कान के पास किया और मेरे कान में कहा- जेन! आप बहुत अच्छी लग रही है!
मैंने उसकी एक चूची को मुँह में ले लिया और दूसरी को हाथ से सहलाने लगा। मैंने अब उसकी दूसरी चूची को मुँह में ले लिया और उसकी पहली चूची को जोर से दबाया। जेन ने एक सिसकी-सी ली। अबकी बार मैंने थोड़ा-सा और जोर से दबाया। अब उसकी सिसकी में दर्द पैदा हो गया।
जेन ने मेरे सामने अपने जिस्म और मन दोनों का समर्पण कर दिया, अब उसके अन्दर किसी बात का प्रतिरोध करने की शक्ति ख़त्म हो गयी थी। जेन ने अपनी जांघे मेरे लिए खोल दी थी।
उसकी दुधिया गुलाबी गीली चिकनी चूत दिखने लगी। मैं तो उसकी चूत की बनावट को देखकर हैरान रह गया, भला कोई चूत इतनी खूबसूरत कैसे हो सकती है। चिकनी सुडौल गोरी-गोरी मांसल जांघो के बीच में स्थित जेन की गीली गुलाबी सफ़ेद चूत अलग ही चमक रही थी। चूत की शुरुआत में ऊपर गुलाबी परतो के बीच उसका चूत दाना छिपा हुआ था उसके नीचे सलीके से दोनों गुलाबी ओठों की फांके नीचे की तरफ गयी हुई थी और चूत के मुहाने पर पंहुचते-पंहुचते गायब हो गयी थी। पूरी चूत बिलकुल साफ़ दुधिया गुलाबी रंग से नहाई हुई, आसपास की चमड़ी भी उसी रंग में चमक रही थी।
एक दम साफ़ हल्की गुलाबी लालिमा लिए जेन की चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी और उसकी चूत रस उसके पतले गुलाबी ओठो को सरोबार किये हुए था। मैं तो बस जेन की चूत देखता ही रह गया। फिर मेरे फिसल हाथ जेन की कमर तक पहुँच गए थेl मैंने अपना हाथ धीरे से जेन की जांघो के बीच उस वर्जित इलाके चूत घाटी की तरफ बढ़ाया, जहाँ आज से पहले बस उसके स्वर्गीय पति और प्रियम की उंगलिया गयी थी। उसने धीरे से अपनी उंगलिया जेन की चूत की तरफ बढ़ाई और बहता चूत रस पोछने लगा
जेन का चूत रस उंगलियों पर लेकर उसका रस पान करने लगा। रसपान करने के बाद उसने हलके से जेन की चूत के गुलाबी गीले ओठों को फैलाया और गुलाबी चूत दाने को रगड़ने लगा।
वासना में तपती जेन की तेज धडकनों से बढे तेज खून के बहाव के कारन लाल गुलाबी होकर कर फूल गए चूत दाने या चूतलंड को जैसे ही मैंने छुआ, तो जेन के सुडौल मांसल चुतड अचानक से झटके में ऊपर को उठ गए, ऐसा लगा जैसे उसे बिजली का करंट लगा हो।
मैंने जेन के गुलाबी लाल फूले हुए चूत दाने पर उंगली का दबाव बढ़ा दिया और पांच सात बार तेजी से रगड़ दिया। और फिर कुछ देर तक मसलता ही रहा।
जेन के मुहँ से मादक कामुक कराह निकल गयी-ओह्ह! उफफफफफफफफ्फ़! ओह्ह्ह्ह! यस ओह्ह्ह्हह! यस।
मैंने जेन के चूत दाने को मसलना जारी रखा। जेन की कमर अपने आप झटके खाने लगी। उसके मुहँ से सिकरियाँ फूटने लगी।
जेन-आह्ह्हह्ह्ह्ह! मैं आअऊऊऊह्ह्ह्ह! ऊऊऊह्ह्ह।
मैंने धीरे से अपनी उंगलियाँ जेन की बाल रहित चिकनी चूत के पतले-पतले गुलाबी ओठो की तरफ बढ़ा दी और उन्हें सहलाने लगी, उनसे छेड़खानी करने लगा। पहले से ही सेंसिटिव गरम गीली चूत के ओठो को रगड़ना जेन के बर्दाश्त से बाहर हो गया।
जेन की नरम, गोरी, चिकनी और वासना की आग में जलती गुलाबी चूत को ऊपर से सहलाते मैंने ऐसा अपने सेक्स जीवन में कभी भी एक्सपीरियंस नहीं किया था, उसने जेन की गीली हो चुकी गुलाबी चूत को बमुश्किल अभी हाथ ही लगाया है और जेन के होश फाख्ता हो गए है, उसका खुद पर से काबू ख़तम हो गया है।
फिर मैंने उसकी चत के मुँह पर उंगली रख दी। उसकी चूत में जैसे आग निकल रही थी। मैंने अपनी उंगली को जरा-सा अंदर डाला, तो वह सीईईईll कर उठी।
मैंने जेन की चूत के ओठो को धीरे से इधर उधर किया और अपनी मध्य उंगली को उसकी बेहद कसी गीली गरम गुलाबी चूत में डालने लगा, चूत की दीवारे एक दूसरे से सटी हुई थी और चूत के छेद को इस कदर कस के रखा था कि हवा को भी जगह बनानी पड़े। उसकी उंगली को चूत की कसी दीवारों के जबदस्त विरोध का समाना करना पड़ रहा था। मैंने उंगली पर और जोर डाला, नाख़ून तक उसकी उंगली चूत की गुलाबी, मलमली, गीली दीवारों को चीरती हुई अन्दर घुस गयी। जेन के पूरे शरीर में कंपकपी दौड़ गयी, उसका पूरा शरीर उत्तेजना से गरम होने लगा।
मैंने और दबाव बढ़ाया, उंगली जेन की चूत की दीवारों का विरोध चीरती हुई अन्दर घुसती चली गयी, मैंने थोडा थोड़ा करके पूरी उंगली जेन के चूत में पेल दी। चूत की दीवारे अभी भी हार मानने को तैयार नहीं थी, वह बार-बार उंगली को बाहर की तरफ ठेलने की कोशिश करती। आखिरकार चूत की दीवारों के बीच मेरी उंगली ने अपने लिए जगह बना ही ली। जेन की चूत की नरम मखमली दीवारे जो चूत के रस से सराबोर हो चुकी थी, मेरी उंगली को कसकर चारो ओर जकड लिया। मैंने जेन की चूत में उंगली घुसेड कर अन्दर बाहर करनी शुर कर दी और अपनी गीली जीभ जेन के फूले हुए लाल चूत दाने पर रख दी और उसे चूमने चाटने लगा।
हमारी चुदाई का नंगा नाच लूसी और देना दोनों चुपचाप देख रही थी।
मुझे जेन की चूत की कसावट का अंदाजा हो गया था। जेन की चूत बहुत टाइट थी। जेन की मखमली चूत की दीवारों की सलवटे मैं अपनी उंगली पर महसूस कर रहा था। मैंने झटके से उंगली बाहर खींची और फिर झटके से अन्दर डाल दी। जेन का शरीर पूरी तरह से काम वासना की उत्तेजना से अकड़ने लगा था, उसके मुहँ से निकलने वाली आहे कराहे और तेज हो गयी थी। वह मुझे अपने ऊपर खीचने की कोशिश करने लगी। मैंने अब दूसरी उंगली भी चूत में घुसेड दी और तेजी से उंगली को जेन के चूत के छेद में अन्दर बाहर करके जेन की गरम गीली चूत को दो उंगलियों से चोद रह था और अपने नीचे लेटी खूबसूरत जेन को एकटक देखता जा रहा था।
मैंने अपनी उंगली से चूत का चोदना रोक दिया और फिर अपने पैर फंसा कर जेन के पैरो को और फैला दिया, जेन की चूत पर एक भी बाल नहीं था इसलिए अब कोई भी दूर से जेन की चिकनी गोरी गुलाबी चूत के खुले ओठो और गुलाबी छेद को देख सकता था। जिसे चूत की दीवारे कसकर बंद किये हुई थी। मैं पूरी तरह से जेन के ऊपर आ गया उसने अपने पैरो को हिलाकर थोडा एडजस्ट किया। अब खून से लबालब भरा मोटा लंड, जिसकी नसे दूर से ही देख रही थी, जेन की जांघो के बीच बिलकुल चूत के मुहाने पर झूल रहा था।
हर धड़कन के साथ कांपते मोटे लबे लंड को जिसका सुपाडा खून की वजह से फूल कर टमाटर जैसा लाल हो गया था को देखकर जेन ने अपनी आंखेबंद कर ली। ये मोटा-सा बड़ा-सा फूला हुआ लंड अभी उसकी चूत की दीवारों को चीर कर रख देगा, फाड़ कर रख देगा, इसी ख्याल से जेन का रोम-रोम खड़ा हो गया। जेन के शरीर में सिहरन दौड़ गयी। मैंने जेन के ओठो को कसकर चूमा और फिर खुद की कमर को थोडा नीचे झुकाते हुए, हाथ से चूत के दोनों ओठो को अलग-अलग किया और फिर लंड को चूत के लाल फूले हुए चूत दाने पर रगड़ दिया।
बस कुछ ही पलो में ...जेन के मुहँ से एक लम्बी कामुक कराह निकल गयी–आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह-ओह्ह्ह्हह ओह्ह्ह्हह उफ्फ्फ्फ़। जेन उत्तेजना के इस भंवर को संभाल नहीं पाई और उसका शरीर कांपने लगा, उसके नितम्ब अपने आप उठने गिरने लगे। शायद वह झड़ने लगी थी। कुछ देर तक वह इसी तरह हिलती रही और फिर शांत हो गयी। हालाँकि वह मेरा साथ न दे पाने के लिए शर्मिंदा थी लेकिन उसकी उत्तेजना पर उसका कोई नियंत्रण नहीं था। इन सब का अनुभव था इसलिए मैंने जेन के सुडौल गोरे स्तनों को मसलना तेज कर दिया, जेन के गले और कान के पीछे तेजी से चूमने लगा, चाटने लगा।
बारी बारी से उसके मांसल सुडौल गोरे-गोरे स्तनों को मसलते हुए बीच-बीच उसके फूले हुए लाल चूत दाने को रगड़ने लगता। दूसरे हाथ से उसके नरम-नरम बड़े बड़े मांसल चुताड़ो मसलने लगता, जेन की कमर उठाकर, उसकी जांघे और चूत घाटी त्रिकोण पर खुद का फडकता हुआ मोटा लम्बा लंड रगड़ने लगता।
धीरे धीरे जेन का जिस्म फिर से गरम होना शुरू हुआ, मैंने अपने मोटे लंड के फूले हुए सुपाडे से जेन का फूला चूत दाना जोरे से रगड़ दिया और फिर मैंने लंड को जेन की गुलाबी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया
मोटे मुसल जैसे लंड के फूले हुए सुपाडे से लालिमा लिए चूतदाना रगड़ने से जेन बहुत जल्दी फिर से पूरी तरह से उत्तेजित हो गयी। जेन की आहे फिर निकालनी शुरू हो गयी, कुछ ही पलो में जेन फिर से वासना के भंवर में मस्त होकर सिसकारियाँ भरने लगी, उसकी चूत की दीवारों से फिर पानी झरने लगा। मैंने जेन की गुलाबी चिकनी चूत पर अपना लंड रगड़ना अनवरत जारी रखा। जेन वासना में मस्त होकर सिसकारियाँ भरती रही।
इन्ही मादक कराहो के बीच मैंने लंड को जेन की चूत के छेद पर रखा और रगड़ने लगा।
जेन की कराहे और सिसकारियाँ बढती जा रही-रही थी। मैंने कमर को और झुकाते हुए लंड को जेन की चूत से सटा दिया और उसकी चूत रगड़ने लगा। जेन भी उसकी चूत को सहलाते मेरे लंड पर हाथ फेरने लगी।
मैंने जेन की चिकनी गुलाबी गीली चूत को सहलाते-सहलाते जेन की चूत के ओठ खोल दिए और-और अपने खड़े लंड का फूला सुपाडा उसकी मखमली गुलाबी चूत पर सटा दिया। जेन को लगा अब बस मैं अपना मुसल लंड उसकी चूत में पेल देगा। मैं जेन की जांघो को अपने और करीब ले आया और अपने लंड को उसकी चूत के मुहाने पर लगा दिया
मैंने कमर पर जोर लगाया और अपने मोटे लंड का फूला हुआ सुपाडा जेन की चूत में पेलने की कोशिश करने लगा। उसने आइस्ते से जेन के कसे संकरे चूत छेद पर दबाव बढ़ाया और अपने सुपाडे को जेन की गीली चूतरस से भरी चूत के हवाले करने लगा। जेन की चूत के गुलाबी ओंठ उसके फूले सुपाडे के इर्द गिर्द फ़ैल गए।
जेन की चूत पर लंड सटाने के बाद उसने दो बार लंड को चूत में पेलने की कोशिश की और दोनों बार चिकनी चूत की कसी दीवारों और उसके चारों तरफ फैले चिकने चूत रस के कारन के कारन लंड फिसल गया।
मैंने अपने लण्ड का सुपाड़ा जेन की कुँवारी चूत के छोटे से छेद पर रख दिया। जेन अब लंबी-लंबी साँसे लेने लगी थी। मैंने इस बार लंड को जड़ से पकड़कर चूत के मुहाने पर लगाया और जोर का धक्का दे मारा। मैंने अपने लौड़े को जरा-सा जोर से दबाया तो थोड़ा-सा लण्ड उसकी चूत में घुसा। जेन के चेहरे पर दर्द दिखाई दे रहा था। मैं उसको अभी और तड़पा के चोदना चाहता था। मैंने उसकी चूत में अपना लण्ड थोड़ा-सा और घुसा दिया, तो उसकी चीख निकल गईं।
जेन की चूत की मखमली कुँवारी गुलाबी गीली दीवारों को चीरता हुआ लंड का सुपाडा चूत में घुस गया।
मेरे लंड का मोटा सुपाडा अन्दर जाते ही जेन दर्द से कराह उठी, जेन का पूरा शरीर काम उत्तेजना के कारन गरम था, चूत भी गीली थी, लगातार उसकी दीवारों से पानी रिस रहा था और जेन भी मेरा मोटा फूला हुआ मुसल लंड चूत में अन्दर तक लेने के लिये मानसिक रूप से तैयार थी फिर भी मेरा लंड इतना लम्बा और मोटा तगड़ा था किसी भी रोज चुदने वाली औरत की चीखे निकाल दे और जेन की चूत ने तो पहली बार लंड के दर्शन किये थे।
जेन-आआअह्ह्ह आआआआआह्हह्हह्हह्हहईईईईईईईईई स्सस्सस्स मैं आह्ह्हह्ह स्सस्सस्सस, हाय मैं मर गयी, प्लीज मैं बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज इसे बाहर निकाल लो, वरना मेरी चूत फट जाएगी, आआआआऐईईईईईईईऊऊऊऊऊऊऊऊ।
चूत की दीवारों में हाहाकार मच गया, दर्द के मारे चूत का बुरा हाल हो गया, जेन ने मुट्ठिया भीच ली, उसके जबड़े सख्त हो गए और अपने निचले ओठो को दांतों के बीच में कसकर दबा लिया। पूरे शरीर को कड़ा करके दर्द बर्दाश्त करने की कोशिश करने लगी।
चूत की दीवारे पूरा जोर लगाकर लंड को बाहर ठेलने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैं कमर से पूरा दबाव बनाये हुए था, जिससे दर्द से फाड़फाड़ती चूत की दीवारों अपनी हर कोशिस के बाद भी लंड को बाहर की तरफ ठेलने में नाकाम रही। चूत की मखमली चिकनी गीली दीवारों के पास और कोई रास्ता ही नहीं बचा था, आखिर मेरे गरम लोहे जैसे सख्त, खून के भरने से फूलकर मुसल बन गए मोटे लंड के फूले हुए सुपाडे को अपने आगोश में लेना ही पड़ा, चूत की गुलाबी दीवारों की सलवटे फैलने लगी। जेन दर्द से चीखने लगी, मेरी सख्त पकड़ के नीचे उसका पूरा कसमसाने लगा, खुद को मेरी पकड़ से आजाद करने की कोशिश करने लगी। पैर पटकने लगी, अपनी गुदाज जांघो को सिकोड़ने लगी, नितम्बो को नीचे की तरफ दबाने लगी ताकि भीषण दर्द से बेहाल जेन की चूत से सुपाडा बाहर निकल जाये।
मैंने अभी सिर्फ अपने लंड का सुपाडा घुसाया था और जेन की दर्द भरी कराह सुनकर सोच में पड़ गया। अभी इसका ये हाल है तो जब पूरा लंड जायेगा ये तो बेहोश ही हो जाएगी। जेन की हालत देखकर मैं जेन की चूत से लंड निकालने वाला ही था लेकिन निकाला नहीं बल्कि, मैंने जेन की ओठो पर ओठ रख दिए और उसे बेतहाशा चूमने लगा। कुछ देर तक चूमता ही रहा।
दर्द से परेशान जेन ने मेरी कमर को घेरकर ऊपर चुताड़ो तक अपनी गोरी जांघे सटा दी और मेरे नितम्बो को जकड लिया। मैं जेन को चुमते-चुमते ही कमर हिलाने लगा।
जारी रहेगी
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सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं
भाग-22
जेन ने कौमार्य मुझे सौंप दिया
जेन उस वक्त इसीलिए खुश थी. कि अब उस की रूखी ज़िंदगी और प्यासी चूत में रोनक आने वाली थी । एक दूसरे के लिए गरमी और प्यास इतनी बढ़ गयी थी की दोनों के लिए रुकना अब मुमकिन नहीं था ।
उसने अपनी उंगली अपनी चुत में डाली और फिर मेरे मुँह में डाली और बोलै, “मेरी उंगली पर मेरी प्यासी चूत का पानी लगा हुआ है. इस को चूस कर उस की गर्मी का अंदाज़ा लगा सकते हो, कि वो तुम्हारे लंड के लिए कितनी तड़प रही है ।”
मैंने फॉरन अपने मुँह में डाली हुई जेन की उंगली को चूसना शुरू कर दिया. और उंगली पर लगे हुए नमकीन पानी का ज़ायक़ा बहुत ही अच्छा लगा और मैं जेन की उंगली को “शर्प शरप” कर के चाटने लगा ।
“बस भी करो मेरी उंगली भी खा जाओगे क्या?” जेन ने मेरे मुँह से अपनी उंगली निकाली और मुझे धकेल कर थोड़ा पीछे किया ।
वाकई ही तुम्हारी चूत के पानी का ज़ायक़ा बहुत मस्त है” मैंने अपने होंठो पर ज़ुबान फेरते हुए कहा।
अच्छा अब दिल भर कर अपने होंठो और ज़ुबान की प्यास बुझा लेना, अब तुम मुझे बताओ कि तुम्हारा लंड कितना तड़प रहा है मेरी गरम फुद्दि में जाने के लिए?
मेरे लंड को आज एक नई कुंवारी और करारी फुद्दी चोदने को मिल रही थी. इसीलिए वो आज पहले से भी ज़्यादा जोश में आते हुए सख़्त और तन चुका था।
फिर उसने मेरा लंड छुआ और उसे कड़क पाकर बोली ओह आमिर! ये तो बॉर्डर पर खड़े हुए फौजी की ऐसे अकड़ कर खड़ा है।
आज जेन वाकई ही बहुत अच्छी तरह से तैयार हो कर आई थी. इसीलिए वो बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। जेन को देख कर विश्वास हो गया की मुझ पर किस्मत जबरदस्त मेहरबान थी कि पहले से ही बला की खूबसूरत, परफेक्ट शारीरिक बनावट की मालकिन जेन ने आज ही अपनी चूत को क्लीन सेव भी किया और बॉडी हेयर भी क्लीन किये। ऊपर से खूबसूरत बॉडी आयल और मेकअप ने सोने पर सुहागा कर दिया। इससे सामने से देखने वालो को जेन साक्षत आसमान से उतरी बिना कपड़ो की हूर जैसी लग रही थी। मेरी नजर कभी जेन के रस टपकाते ओठ पर अटक जाती, कभी जेन के गोलाकार सुडौल गोरे स्तनों पर टिक जाती, तो कभी दो जांघो के बीच बने गोरे मखमल जैसे चिकने और रपटीले गुलाबी चूत घाटी के त्रिकोण पर, कभी वह जेन की चिकनी गोरी मांसल जांघे घूरने लगता। मुझे समझ ही नहीं आ रहा था किसको ज्यादा देर तक निहारू। जेन ने सर झुककर एक बार खुद को निहारा और अपने खूबसूरत मादक जिस्म की मादकता में मन ही मन में आनंदित होकर वासना की समुद्र में गोते लगाने लगी लगी।
मैं जेन की जिस्म के और करीब आ गया जेन ने कुछ तो डर के मारे और कुछ आगे होने वाले का अनुमान लगाने के लिए अपनी आंखे बंद कर ली। जैसे ही मेरा सख्त हाथ उसकी कमर के नीचे से वासना से दहकती उसकी जांघो के बीच में नरम चिकनी त्रिकोण चूत घाटी के भूतपूर्व बालो के चिकने जंगली इलाके (जो अभी पूरी तरह से साफ़ सुथरा गुलाबी चिकना मैदान था) पर से फिसलता हुआ नीचे बढ़ा, जेन ने पैर फैलाकर खुद ही पूरी तरह से हथियार डाल दिए।
फिर मैंने जेन के होंठों पर अपने होंठों रख दिए होंठ चसते हुए मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर में डाल दिया। उसकी कमर पर हाथ फेरा तो उसके पूरे जिश्म में कंपन होने लगी।
मेरी सेक्सी छुअन से जेन पागल हो गयी, मेरी गर्म बांहों में मेरा शरीर जल रहा था!
मैंने जेन को अपनी तरफ किया और अपने होंठों को जेन के होंठ पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा। मैं बहुत जोश में था और जेन के होंठों पर ही टूट पड़ा। फिर मैं जेन को की चूचियों को दबाने लगा।
मैंने अपना मुँह जेन की गर्दन पर किया और उस पर किस करने लगा। उसके शरीर से पसीने और लेडीज परफ्यूम की महक आ रही थी जो मुझे मदहोश कर रही थी! मैंने जेन के गले पर किस करते हुए अपना मुँह जेन के कान के पास किया और मेरे कान में कहा- जेन! आप बहुत अच्छी लग रही है!
मैंने उसकी एक चूची को मुँह में ले लिया और दूसरी को हाथ से सहलाने लगा। मैंने अब उसकी दूसरी चूची को मुँह में ले लिया और उसकी पहली चूची को जोर से दबाया। जेन ने एक सिसकी-सी ली। अबकी बार मैंने थोड़ा-सा और जोर से दबाया। अब उसकी सिसकी में दर्द पैदा हो गया।
जेन ने मेरे सामने अपने जिस्म और मन दोनों का समर्पण कर दिया, अब उसके अन्दर किसी बात का प्रतिरोध करने की शक्ति ख़त्म हो गयी थी। जेन ने अपनी जांघे मेरे लिए खोल दी थी।
उसकी दुधिया गुलाबी गीली चिकनी चूत दिखने लगी। मैं तो उसकी चूत की बनावट को देखकर हैरान रह गया, भला कोई चूत इतनी खूबसूरत कैसे हो सकती है। चिकनी सुडौल गोरी-गोरी मांसल जांघो के बीच में स्थित जेन की गीली गुलाबी सफ़ेद चूत अलग ही चमक रही थी। चूत की शुरुआत में ऊपर गुलाबी परतो के बीच उसका चूत दाना छिपा हुआ था उसके नीचे सलीके से दोनों गुलाबी ओठों की फांके नीचे की तरफ गयी हुई थी और चूत के मुहाने पर पंहुचते-पंहुचते गायब हो गयी थी। पूरी चूत बिलकुल साफ़ दुधिया गुलाबी रंग से नहाई हुई, आसपास की चमड़ी भी उसी रंग में चमक रही थी।
एक दम साफ़ हल्की गुलाबी लालिमा लिए जेन की चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी और उसकी चूत रस उसके पतले गुलाबी ओठो को सरोबार किये हुए था। मैं तो बस जेन की चूत देखता ही रह गया। फिर मेरे फिसल हाथ जेन की कमर तक पहुँच गए थेl मैंने अपना हाथ धीरे से जेन की जांघो के बीच उस वर्जित इलाके चूत घाटी की तरफ बढ़ाया, जहाँ आज से पहले बस उसके स्वर्गीय पति और प्रियम की उंगलिया गयी थी। उसने धीरे से अपनी उंगलिया जेन की चूत की तरफ बढ़ाई और बहता चूत रस पोछने लगा
जेन का चूत रस उंगलियों पर लेकर उसका रस पान करने लगा। रसपान करने के बाद उसने हलके से जेन की चूत के गुलाबी गीले ओठों को फैलाया और गुलाबी चूत दाने को रगड़ने लगा।
वासना में तपती जेन की तेज धडकनों से बढे तेज खून के बहाव के कारन लाल गुलाबी होकर कर फूल गए चूत दाने या चूतलंड को जैसे ही मैंने छुआ, तो जेन के सुडौल मांसल चुतड अचानक से झटके में ऊपर को उठ गए, ऐसा लगा जैसे उसे बिजली का करंट लगा हो।
मैंने जेन के गुलाबी लाल फूले हुए चूत दाने पर उंगली का दबाव बढ़ा दिया और पांच सात बार तेजी से रगड़ दिया। और फिर कुछ देर तक मसलता ही रहा।
जेन के मुहँ से मादक कामुक कराह निकल गयी-ओह्ह! उफफफफफफफफ्फ़! ओह्ह्ह्ह! यस ओह्ह्ह्हह! यस।
मैंने जेन के चूत दाने को मसलना जारी रखा। जेन की कमर अपने आप झटके खाने लगी। उसके मुहँ से सिकरियाँ फूटने लगी।
जेन-आह्ह्हह्ह्ह्ह! मैं आअऊऊऊह्ह्ह्ह! ऊऊऊह्ह्ह।
मैंने धीरे से अपनी उंगलियाँ जेन की बाल रहित चिकनी चूत के पतले-पतले गुलाबी ओठो की तरफ बढ़ा दी और उन्हें सहलाने लगी, उनसे छेड़खानी करने लगा। पहले से ही सेंसिटिव गरम गीली चूत के ओठो को रगड़ना जेन के बर्दाश्त से बाहर हो गया।
जेन की नरम, गोरी, चिकनी और वासना की आग में जलती गुलाबी चूत को ऊपर से सहलाते मैंने ऐसा अपने सेक्स जीवन में कभी भी एक्सपीरियंस नहीं किया था, उसने जेन की गीली हो चुकी गुलाबी चूत को बमुश्किल अभी हाथ ही लगाया है और जेन के होश फाख्ता हो गए है, उसका खुद पर से काबू ख़तम हो गया है।
फिर मैंने उसकी चत के मुँह पर उंगली रख दी। उसकी चूत में जैसे आग निकल रही थी। मैंने अपनी उंगली को जरा-सा अंदर डाला, तो वह सीईईईll कर उठी।
मैंने जेन की चूत के ओठो को धीरे से इधर उधर किया और अपनी मध्य उंगली को उसकी बेहद कसी गीली गरम गुलाबी चूत में डालने लगा, चूत की दीवारे एक दूसरे से सटी हुई थी और चूत के छेद को इस कदर कस के रखा था कि हवा को भी जगह बनानी पड़े। उसकी उंगली को चूत की कसी दीवारों के जबदस्त विरोध का समाना करना पड़ रहा था। मैंने उंगली पर और जोर डाला, नाख़ून तक उसकी उंगली चूत की गुलाबी, मलमली, गीली दीवारों को चीरती हुई अन्दर घुस गयी। जेन के पूरे शरीर में कंपकपी दौड़ गयी, उसका पूरा शरीर उत्तेजना से गरम होने लगा।
मैंने और दबाव बढ़ाया, उंगली जेन की चूत की दीवारों का विरोध चीरती हुई अन्दर घुसती चली गयी, मैंने थोडा थोड़ा करके पूरी उंगली जेन के चूत में पेल दी। चूत की दीवारे अभी भी हार मानने को तैयार नहीं थी, वह बार-बार उंगली को बाहर की तरफ ठेलने की कोशिश करती। आखिरकार चूत की दीवारों के बीच मेरी उंगली ने अपने लिए जगह बना ही ली। जेन की चूत की नरम मखमली दीवारे जो चूत के रस से सराबोर हो चुकी थी, मेरी उंगली को कसकर चारो ओर जकड लिया। मैंने जेन की चूत में उंगली घुसेड कर अन्दर बाहर करनी शुर कर दी और अपनी गीली जीभ जेन के फूले हुए लाल चूत दाने पर रख दी और उसे चूमने चाटने लगा।
हमारी चुदाई का नंगा नाच लूसी और देना दोनों चुपचाप देख रही थी।
मुझे जेन की चूत की कसावट का अंदाजा हो गया था। जेन की चूत बहुत टाइट थी। जेन की मखमली चूत की दीवारों की सलवटे मैं अपनी उंगली पर महसूस कर रहा था। मैंने झटके से उंगली बाहर खींची और फिर झटके से अन्दर डाल दी। जेन का शरीर पूरी तरह से काम वासना की उत्तेजना से अकड़ने लगा था, उसके मुहँ से निकलने वाली आहे कराहे और तेज हो गयी थी। वह मुझे अपने ऊपर खीचने की कोशिश करने लगी। मैंने अब दूसरी उंगली भी चूत में घुसेड दी और तेजी से उंगली को जेन के चूत के छेद में अन्दर बाहर करके जेन की गरम गीली चूत को दो उंगलियों से चोद रह था और अपने नीचे लेटी खूबसूरत जेन को एकटक देखता जा रहा था।
मैंने अपनी उंगली से चूत का चोदना रोक दिया और फिर अपने पैर फंसा कर जेन के पैरो को और फैला दिया, जेन की चूत पर एक भी बाल नहीं था इसलिए अब कोई भी दूर से जेन की चिकनी गोरी गुलाबी चूत के खुले ओठो और गुलाबी छेद को देख सकता था। जिसे चूत की दीवारे कसकर बंद किये हुई थी। मैं पूरी तरह से जेन के ऊपर आ गया उसने अपने पैरो को हिलाकर थोडा एडजस्ट किया। अब खून से लबालब भरा मोटा लंड, जिसकी नसे दूर से ही देख रही थी, जेन की जांघो के बीच बिलकुल चूत के मुहाने पर झूल रहा था।
हर धड़कन के साथ कांपते मोटे लबे लंड को जिसका सुपाडा खून की वजह से फूल कर टमाटर जैसा लाल हो गया था को देखकर जेन ने अपनी आंखेबंद कर ली। ये मोटा-सा बड़ा-सा फूला हुआ लंड अभी उसकी चूत की दीवारों को चीर कर रख देगा, फाड़ कर रख देगा, इसी ख्याल से जेन का रोम-रोम खड़ा हो गया। जेन के शरीर में सिहरन दौड़ गयी। मैंने जेन के ओठो को कसकर चूमा और फिर खुद की कमर को थोडा नीचे झुकाते हुए, हाथ से चूत के दोनों ओठो को अलग-अलग किया और फिर लंड को चूत के लाल फूले हुए चूत दाने पर रगड़ दिया।
बस कुछ ही पलो में ...जेन के मुहँ से एक लम्बी कामुक कराह निकल गयी–आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह-ओह्ह्ह्हह ओह्ह्ह्हह उफ्फ्फ्फ़। जेन उत्तेजना के इस भंवर को संभाल नहीं पाई और उसका शरीर कांपने लगा, उसके नितम्ब अपने आप उठने गिरने लगे। शायद वह झड़ने लगी थी। कुछ देर तक वह इसी तरह हिलती रही और फिर शांत हो गयी। हालाँकि वह मेरा साथ न दे पाने के लिए शर्मिंदा थी लेकिन उसकी उत्तेजना पर उसका कोई नियंत्रण नहीं था। इन सब का अनुभव था इसलिए मैंने जेन के सुडौल गोरे स्तनों को मसलना तेज कर दिया, जेन के गले और कान के पीछे तेजी से चूमने लगा, चाटने लगा।
बारी बारी से उसके मांसल सुडौल गोरे-गोरे स्तनों को मसलते हुए बीच-बीच उसके फूले हुए लाल चूत दाने को रगड़ने लगता। दूसरे हाथ से उसके नरम-नरम बड़े बड़े मांसल चुताड़ो मसलने लगता, जेन की कमर उठाकर, उसकी जांघे और चूत घाटी त्रिकोण पर खुद का फडकता हुआ मोटा लम्बा लंड रगड़ने लगता।
धीरे धीरे जेन का जिस्म फिर से गरम होना शुरू हुआ, मैंने अपने मोटे लंड के फूले हुए सुपाडे से जेन का फूला चूत दाना जोरे से रगड़ दिया और फिर मैंने लंड को जेन की गुलाबी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया
मोटे मुसल जैसे लंड के फूले हुए सुपाडे से लालिमा लिए चूतदाना रगड़ने से जेन बहुत जल्दी फिर से पूरी तरह से उत्तेजित हो गयी। जेन की आहे फिर निकालनी शुरू हो गयी, कुछ ही पलो में जेन फिर से वासना के भंवर में मस्त होकर सिसकारियाँ भरने लगी, उसकी चूत की दीवारों से फिर पानी झरने लगा। मैंने जेन की गुलाबी चिकनी चूत पर अपना लंड रगड़ना अनवरत जारी रखा। जेन वासना में मस्त होकर सिसकारियाँ भरती रही।
इन्ही मादक कराहो के बीच मैंने लंड को जेन की चूत के छेद पर रखा और रगड़ने लगा।
जेन की कराहे और सिसकारियाँ बढती जा रही-रही थी। मैंने कमर को और झुकाते हुए लंड को जेन की चूत से सटा दिया और उसकी चूत रगड़ने लगा। जेन भी उसकी चूत को सहलाते मेरे लंड पर हाथ फेरने लगी।
मैंने जेन की चिकनी गुलाबी गीली चूत को सहलाते-सहलाते जेन की चूत के ओठ खोल दिए और-और अपने खड़े लंड का फूला सुपाडा उसकी मखमली गुलाबी चूत पर सटा दिया। जेन को लगा अब बस मैं अपना मुसल लंड उसकी चूत में पेल देगा। मैं जेन की जांघो को अपने और करीब ले आया और अपने लंड को उसकी चूत के मुहाने पर लगा दिया
मैंने कमर पर जोर लगाया और अपने मोटे लंड का फूला हुआ सुपाडा जेन की चूत में पेलने की कोशिश करने लगा। उसने आइस्ते से जेन के कसे संकरे चूत छेद पर दबाव बढ़ाया और अपने सुपाडे को जेन की गीली चूतरस से भरी चूत के हवाले करने लगा। जेन की चूत के गुलाबी ओंठ उसके फूले सुपाडे के इर्द गिर्द फ़ैल गए।
जेन की चूत पर लंड सटाने के बाद उसने दो बार लंड को चूत में पेलने की कोशिश की और दोनों बार चिकनी चूत की कसी दीवारों और उसके चारों तरफ फैले चिकने चूत रस के कारन के कारन लंड फिसल गया।
मैंने अपने लण्ड का सुपाड़ा जेन की कुँवारी चूत के छोटे से छेद पर रख दिया। जेन अब लंबी-लंबी साँसे लेने लगी थी। मैंने इस बार लंड को जड़ से पकड़कर चूत के मुहाने पर लगाया और जोर का धक्का दे मारा। मैंने अपने लौड़े को जरा-सा जोर से दबाया तो थोड़ा-सा लण्ड उसकी चूत में घुसा। जेन के चेहरे पर दर्द दिखाई दे रहा था। मैं उसको अभी और तड़पा के चोदना चाहता था। मैंने उसकी चूत में अपना लण्ड थोड़ा-सा और घुसा दिया, तो उसकी चीख निकल गईं।
जेन की चूत की मखमली कुँवारी गुलाबी गीली दीवारों को चीरता हुआ लंड का सुपाडा चूत में घुस गया।
मेरे लंड का मोटा सुपाडा अन्दर जाते ही जेन दर्द से कराह उठी, जेन का पूरा शरीर काम उत्तेजना के कारन गरम था, चूत भी गीली थी, लगातार उसकी दीवारों से पानी रिस रहा था और जेन भी मेरा मोटा फूला हुआ मुसल लंड चूत में अन्दर तक लेने के लिये मानसिक रूप से तैयार थी फिर भी मेरा लंड इतना लम्बा और मोटा तगड़ा था किसी भी रोज चुदने वाली औरत की चीखे निकाल दे और जेन की चूत ने तो पहली बार लंड के दर्शन किये थे।
जेन-आआअह्ह्ह आआआआआह्हह्हह्हह्हहईईईईईईईईई स्सस्सस्स मैं आह्ह्हह्ह स्सस्सस्सस, हाय मैं मर गयी, प्लीज मैं बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज इसे बाहर निकाल लो, वरना मेरी चूत फट जाएगी, आआआआऐईईईईईईईऊऊऊऊऊऊऊऊ।
चूत की दीवारों में हाहाकार मच गया, दर्द के मारे चूत का बुरा हाल हो गया, जेन ने मुट्ठिया भीच ली, उसके जबड़े सख्त हो गए और अपने निचले ओठो को दांतों के बीच में कसकर दबा लिया। पूरे शरीर को कड़ा करके दर्द बर्दाश्त करने की कोशिश करने लगी।
चूत की दीवारे पूरा जोर लगाकर लंड को बाहर ठेलने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैं कमर से पूरा दबाव बनाये हुए था, जिससे दर्द से फाड़फाड़ती चूत की दीवारों अपनी हर कोशिस के बाद भी लंड को बाहर की तरफ ठेलने में नाकाम रही। चूत की मखमली चिकनी गीली दीवारों के पास और कोई रास्ता ही नहीं बचा था, आखिर मेरे गरम लोहे जैसे सख्त, खून के भरने से फूलकर मुसल बन गए मोटे लंड के फूले हुए सुपाडे को अपने आगोश में लेना ही पड़ा, चूत की गुलाबी दीवारों की सलवटे फैलने लगी। जेन दर्द से चीखने लगी, मेरी सख्त पकड़ के नीचे उसका पूरा कसमसाने लगा, खुद को मेरी पकड़ से आजाद करने की कोशिश करने लगी। पैर पटकने लगी, अपनी गुदाज जांघो को सिकोड़ने लगी, नितम्बो को नीचे की तरफ दबाने लगी ताकि भीषण दर्द से बेहाल जेन की चूत से सुपाडा बाहर निकल जाये।
मैंने अभी सिर्फ अपने लंड का सुपाडा घुसाया था और जेन की दर्द भरी कराह सुनकर सोच में पड़ गया। अभी इसका ये हाल है तो जब पूरा लंड जायेगा ये तो बेहोश ही हो जाएगी। जेन की हालत देखकर मैं जेन की चूत से लंड निकालने वाला ही था लेकिन निकाला नहीं बल्कि, मैंने जेन की ओठो पर ओठ रख दिए और उसे बेतहाशा चूमने लगा। कुछ देर तक चूमता ही रहा।
दर्द से परेशान जेन ने मेरी कमर को घेरकर ऊपर चुताड़ो तक अपनी गोरी जांघे सटा दी और मेरे नितम्बो को जकड लिया। मैं जेन को चुमते-चुमते ही कमर हिलाने लगा।
जारी रहेगी
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