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अंतरंग हमसफ़र
मेरे अंतरंग हमसफ़र


सातवा अध्याय

लंदन का प्यार का मंदिर

भाग 13

विशेष समारोह आरंभ- दुग्ध स्नान 



उनमे से एक महिला ने फायिथिआ का चोगा पूरा हटा दिया और उसके साथ खड़े हुई परिचारकों में से एक को सौंप दिया। उसके बाद मैं अब उसके स्तनों के लुभावने आकर्षण का विरोध नहीं कर सकता था और मैंने पाइथिया को पकड़ लिया और हमने एक दुसरे को खुरदरे चुंबन के लिए पास खींच लिया, पसीने से लथपथ मेरी छाती के खिलाफ उसके बड़े स्तनों को मसल दिया। हमारा चुंबन गहरा और कठोर हो रहा था, होंठ क्रूर वासना से चुभ रहे थे क्योंकि हमारी जीभ एक दूसरे के स्वाद का आंनद ले रही थी। कुछ ह देर में पाइथिया थोड़ा कांपने लगी क्योंकि वह अब एक छोटा चरमोत्कर्ष अनुभव कर रही थी जोकि मेरे लिंग के द्वारा लंबे समय तक उसकी योनि के होंठों और भगशेफ पर दबाव देने के कारण हुआ था।

उसने अपने पैरों को थोड़ा फैलाया और मुझे उस दुग्ध, गुल्ब जल और गुलाब की पत्तियों से भरे कुंड की और ले गयी और हम चुंबन करते हुए उस कुंड की सीढ़ियों में प्रवेश करने लगे ।


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एक मिनट के भीतर मुझे महसूस हुआ कि दूध का स्तर मेरे घुटनों को पार कर रहा है और मेरी जांघें भीग रही हैं। मैं बहुत सचेत था क्योंकि स्तर बढ़ रहा था और मुझे एक अजीब एहसास हो रहा था क्योंकि मुझे लगा कि मेरे शरीर के उस हिस्से में दूध बह रहा है। वह वहीँ पर रुक गयी और मैंने पाइथिया और मेरी नंगी टांगो को दूध से ढका हुआ देखा।

वो बोली कुमार इस समय आप और मैं अपने शरीर के अंगों पर चंद्रमा की पवित्र शक्ति धारण कर रहे हैं क्योंकि चंद्र का एक नाम शशांक भी है और चंद्र का कारक है दूध और अभी हम दूध के कुंड में हैं और अब हमे अपने लक्ष्य के लिए अपने शरीर को शुद्ध करना है और फिर हम नयी उच्च पुजारिन को शक्ति प्रदान करुँगी जो की मैं-मैं इस शुद्धि प्रक्रिया से शुरू कर रही हूँ जिसमे आप मेरी सहायता करने के लिए माध्यम के रूप में कार्य करेंगे पहले मैं आपको शक्ति प्रदान करुँगी और फिर वह शक्ति आप आरम्भकर्ता के तौर पर हमारे पुजरिनो को प्रदान करेंगे।


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वो बोली इस दौरान मैं इस मंत्र का जाप करूँगी और शुद्धिकरण की प्रक्रिया के दौरान आपको भी मेरे साथ इसका जप करना होगा। ये बहुत आसान है?

मैंने सहमति में सिर हिलाया।

वो बोली इस मंत्र शुरू करने से पहले मैं आपको चेतावनी दे दूं कि दुग्ध शुद्धिकरण स्नान समाप्त होने तक आपको बीच में कुछ भी बोलने की अनुमति नहीं है। मैं माध्यम के रूप में मैं आपको शुद्ध होने में मदद करूंगी। मैं आपके सभी यौन अंगों में पूरी ताकत और क्षमता हासिल करने में भी आपकी मदद करूंगी और आपको इस क्रिया से चन्द्रमा और प्रेम की देवी से शक्ति प्राप्त होंगी उसे संभालना होगा और फिर उस शक्ति को नई पुजारिन को प्रदान करना होगा। उसने ये बात मेरी आँखों में देख कर बोली।


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मैं फिर नीचे उतरा और उसे किस करने के बाद आगे बढ़ने लगा तो वह ऊपर की पायदान पर थी और उसके स्तन मेरे मुँह के सामने थे और उसने अपने स्तन मेरी पूह पर लगा दिए और अपनी छाती और अपने स्तनों के बीच में मेरा मुँह दबा दिया और मैंने उसके स्तनों को चूमा, फिर हम कुछ सीढिया उतरे तो दूध मेरे लंड और पुजारिन की चूत और गांड को ढँक रहा था और अब धीरे-धीरे मेरी कमर के करीब आ रहा था! और उन्हो कुछ मन्त्र बोला और मैंने उसे दोहराया और आस पास खड़ी लड़किया उस मन्त्र का जाप करने लगी मुझे उसके बस दो ही शब्द मुझे याद है प्रेम की देवी, चंद्र? और उन्होंने मन्त्र कई बार दोहराया मैंने उनके पीछे मंत्र दोहराया। वह बोली अब तुम बस इसी मन्त्र का जाप करो अगर नहीं कर सकते तो सुन कर अपना ध्यान उस पर लगा कर रखो!

कुमार याद रखना आप माध्यम हो और इसलिए आपका-आपका मन केवल मंत्र पर केंद्रित होना चाहिए जबकि आपका शरीर मेरे निर्देशों का पालन करेगा। बस रिलैक्स करो और जैसा मैं कहती हूँ वैसा ही करो। प्रेम की देवी की जय हो!

यह कहते हुए कि वह अन्य मंत्रों का जोर-जोर से जाप करने लगी। एक दो मिनट तक मंत्र का जाप चलता रहा जिसके बाद उन्होंने मुझसे मंत्र दोहराने को कहा और बोली रुको मत। अब अपने आप को अब उस दिव्य शक्ति के साथ सशक्त बनाने के लिए, आपको अपने शरीर में प्राप्त होने वाली शक्ति को अपने अंदर समाहित करने की आवश्यकता है।


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अब आपके पास चंद्रमा की शक्ति आएगी और आपको उस शक्ति को अपने अंदर समाहित करना है और चंद्र के कारक दूध के अंदर ही करना है और एक सिद्धि ऊपर हुई जिससे मेरा लंड उनकी जांघो के स्पर्श में आ गया और उन्होंने अपनी जांघो को मेरी जांघो से उस प्रकार सटा दिया की अब मेरा लंड उनकी जांघो के ऊपर था और एक हाथ से मेरे कंधों को पकड़ लिया और फिर

पाईथिया ने अपना दूसरा हाथ नीचे कर मेरा लंड पकड़ कर पानी अपनी जांघो को मेरे लंड पर रगड़ दिया और फिर वह घूमी और अब मैं उसके गाण्ड के पीछे था और मेरा लंड उसके नितम्बो जो मेरी तरफ बाहर निकल आये थे और मुझे अपने लंड पर मुख पुजारिन के चिकने गोल नितम्ब अपनी कठोर छड़ पर दबाब देते हुए महसूस हुए, और फिर मुझे मेरे लंड पर उसके नितम्बो का एक स्पष्ट प्रहार महसूस किया, क्योंकि उसकी गांड और नितम्ब मेरे लंड को सहला रहे थे!

अब मेरा लंड बहुत कड़ा हो रहा था और मैंने जब थोड़ा आगे को दबाब दिया तो उसने अपने एक हाथ से मेरा हाथ पकड़ा और उसे अपनी बायीं जांघ की ओर निर्देशित किया। फिर मेरे दुसरे हाथ को भी अपनी द दूसरी जांघ पर रख लिया और अब हमारे हाथ दूध के नीचे थे और पुजारिन की पकड़ मेरे हाथ पर मजबूत थी। मैंने उसकी चिकनी बाल रहित नग्न जांघ महसूस की और इस बीच मेरा लंड उनके नितम्बो को दबा रहा था । उन्होंने मुझे बोलै सामने लगे हुए शीशे में देखो और उसमे मैंने देखा की मैं पुजारिन की गांड के साथ चिपका हुआ था और उनके बड़े स्तन कड़े होकर शीशे की तरफ इशारा कर रहे थे । पुजारिन ने अब मेरे हाथो को पकड़ कर अपने नितम्बो पर रख दिया मैंने उसने सहलाया और फिर वह घूम गयी और मेरी पीठ को थाम लिया और अब हम एक सीढ़ी और नीचे हुए और अब हम बहुत करीब खड़े थे और मेरे पूरे शरीर पर उसने अपने सुंदर पतले बदन को स्पर्श किया! अब दूध का स्तर उनकी नाभि तक था।


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उन्होंने मेरा अपना हाथ उनकी पीठ पर ले लिया। मैं सोच रहा था की अब लंड योनि से स्पर्श करेगा लेकिन अब वह एक सीढ़ी नीचे हुई और मेरा हाथ पकड़ लिया और अपनी कमर पर ले गयी और अपने हाथ मेरे लंड पर ले जा कर लंडमुंड को अपनी नाभि पर दबा दिया और मुझे अपने दुसरे हाथ से झे गले लगा लिया जिससे उनके गोल बड़े, तंग स्तन स्वाभाविक रूप से मेरे चेहरे पर दब गए। उन्होंने अपने अब्दं का पूरा भार मेरे ऊपर डाल दिया जिससे उनके गोल आकार के स्तन मेरे पेट औअर छाती के नीचते भाग में दब गए और कुछ सेकंड के लिए उसने अपने स्तनों से मेरी छाती और लंड को अपने नाभि पर रगड़ा।

इस तरह से किसी भी लड़की के बदन पर मैंने अपना लिंग इससे पहले इस तरह नहीं रगड़ा था। फिर अपना हाथ मेरे लिंग पर रख कर एक सीढ़ी और उत्तरी और अब मेरा लिंग ऊपर को होकर उसके स्तनों की दरार में था।

उसने अपने दाहिने हाथ से मेरा हाथ पकड़ा और मुझे धीरे से अपनी ओर खींच लिया, और अपने बाएँ हाथ से मुझे गले लगा लिया। मैंने भी सहारे के लिए उनकी कमर पकड़ ली और इस प्रक्रिया में मैं उसके इतने करीब आ गया कि उसके दोनों स्तन मेरे शरीर पर पूरी तरह से दब गए और उसके रबर-टाइट स्तन मेरे पेट पर कसकर दबे रहें। उन्होंने मेरे हाथ को अपने कूल्हों की ओर निर्देशित किया और इस दूधिया कुंड में दूध अब उनके कंधे व ऊपरी छाती तक आ गया।


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पाईथिया ने मेरे हाथ को अपने कूल्हों की ओर निर्देशित किया और इस कुंड के अंदर तरल दूध के दबाव के कारण उसका चेहरा मेरे कंधे व ऊपरी छाती में दब गया और मैंने उसकी कमर एक हाथ से पकड़ी और दूसरा हाथ को उसके नग्न नितम्बो पर ले जाकर नितम्बो के गालो के हर हिस्से को महसूस कर रहा था और फिर मैंने एक सेकंड के लिए उनकी गांड की दरार भी महसूस की! वह मुझे अपने दाहिने हाथ से कमर पर पकड़े हुयी थी जबकि उनका बायाँ हाथ, जो शुरू में मेरी पीठ पर था, अब सीधे मेरे नितंबों पर आ गया। मैं सीधे उसकी गांड को छुआ और उसकी तंग गनद को अपनी उंगलियों से महसूस कर रहा था फिर मैंने अपनी पूरी बायीं हथेली उसके चौड़े दाहिने नितम्ब के गाल पर रख दी! और मेरा दाहिना हाथ को वह अपनी गाण्ड पर ले गयी थी और अब मेरा बायाँ हाथ उसकी गाण्ड की जकड़न को महसूस कर रहा था!

मैंने हांफते हुए सांस भरी और मंत्र का जाप जारी रखा। पाईथिया के शरीर से एक अजीब-सी मादक महकआ रही थी, जो मुझे कमजोर बना रही थी और परिणामस्वरूप मेरे सख्त हो चुका लंड अब उसकी योनि क्षेत्र पर और मेरे हाथ उसके नितम्बो पर और अधिक जोर से धकेले जा रहे थे। मैं साथ में अपनी छाती पर उसके कड़े हो रहे निपल्स को कठोर हो कर बड़े होते हुए महसूस कर रहा था।

मंत्र का उच्चारण करते हुए मैंने अपनी उँगलियाँ उसके स्तनों पर ले गया। कुंड में दूध की चिकनाई के कारण अब वह ठीक से खड़ी नहीं हो पा रही थी मैंने एक हाथ से उसे कमर से पकड़ रखा था और उसने भी एक हाथ से मुझे पकड़ा हुआ था जबकि दूसरे हाथ से उसके निप्पल मसल रहा था।

अब मैंने अपना हाथ अपने लंड पर ले गया और फिर उसकी योनि पर लंड रगड़ा उसे इससे तुरंत पाईथिया का चेहरा प्राकृतिक शर्म से लाल हो गया। अमिन अब उसे एक सीढ़ी और नीचे ले गया और अब दूध उसके नाक तक आ गया था जबकि मैं अपने लम्बे कद के होने के कारण अभी भी आराम से खड़ा था।


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मैं उसे पकड़ा और एक दो बार उसे साथ में लेकर दूध में डुबकी लगा दी बाहर निकले तो अब मेरा लंड पाईथिया के योनि के ओंठो के ऊपर चिपका हुआ योनि का चुंबन ले रहा था। और बीच-बीच में उसके फिसलन भरे ओंठो पर हिलता-डुलता और धड़क रहा था। वह मेरी ओर देख रही थी, अपनी बड़ी चौड़ी अतिरंजित आँखों में मासूमियत लिए हुए चंचलता से झपका रही थीं। मैं उसके दिल की धड़कन को महसूस कर सकता था, उसकी सांसें तेज चल रही थीं। वह बहुत खूबसूरत थी। मेरे मन में प्यार स्नेह और वासना की एक साथ कई भावनाएँ खिल उठीं। मैंने उसे कस कर गले से लगा लिया और फिर मैंने अपना चेहरा नीचे किया और उसके होठों को अपने होंठों से ढँक लिया, तो उसने एक नरम स्त्रैण भरी कराह भरी। उसने अपनी आँखें बंद कर लीं, हमारे गर्म मीठे मुंह हमारी जीभों के लिए खेल का मैदान बन गए।

मैंने उसके कंधों को नीचे किया और मजबूती से उसकी गांड को मजबूत हाथों से थपथपाया, जबकि मेरा लंड उसकी योनि के ऊपर और नीचे खिसक गया। यह अंदर जाना चाहता था। मैंने उसे ऊपर उठाने के लिए उसकी जाँघों के पिछले हिस्से को पकड़ने की कोशिश की लेकिन उसका बदन तेलों और दूध की चिकनाई के कारण बहुत फिसलन भरा था, मेरा हाथ उसके बदन से फिसल गए मैंने फिर उसे बाहो में भर कर उसे उसके पैरों से उठा लिया। वह कराह उठी तभी मैंने देखा की गागा और गोगिआ और उनके साथ अन्य तीन परिचारिकायें भी अब उस दुग्ध कुंड में आगयी है तब मैंने महसूस किया कि वह भारहीन हो गई थी। गागा और गीगी दोनों अब उसकी दोनों तरफ खड़ी थी और उन दोनों में पाईथिया को उठा लिया था। मैंने अपने हाथों को उसके कूल्हों पर रख दिया, लंड को स्थिति में ले आया। तभी मैंने महसूस किया की मेरे नितम्बो पर चार हाथ आ गए है और उन्होंने मुझे भी ऊपर उठा दिया था और पांचवी ने पाईथिया की चिकनी कमर को मेरे लंड के पास खींचा और फिर मेरे स्पंदनशील लंड मुंड पर उसकी योनि टिका दी।

फिर जुड़वा बहनो ने पाईथिया को पकड़ कर उसका शरीर थोड़ा नीचे दबाया और जिन चार हाथो ने मेरे नितम्बो को ऊपर उठाया था उन्हों ने मेरे नितम्ब ऊपर उठा दिये, अलीना का शरीर उनकी पकड़ से थोड़ा फिसल गया और मेरा विशाल पूर्ण रूप से सीधा लंड उसकी योनी में सररर करते हुए गया और वह मजबूती से उसे अंदर लेते हुए नीचे आ गई, मेरे लिंग का मोटा सिरा उसके योनि के होंठों को अलग कर अंदर जा चूका था। उसकी योनि कसी हुई थी, और उसकी चूत और मेरा लंड दोष की फिसलन भरे स्नेहक में लिपटे हुए थे। अब चारो लड़किया मिल कर हमारे सम्भोग के ढ़ाको को नियोजित करने लगी और इस बीच पांचवी लड़की पाईथिया के स्तन चूस रही थी और ासाथ साथ उसके भगनासा की अपने हाथ की उंगलियों से छेड़ रही थी वह हांफती हुई स्खलन करने लगी, उसका शरीर सख्त हो गया, उसके पैर और हाथ सख्त हो गए, उसके हाथ मुट्ठियों में बदल गए। पांचवी ने मेरे हाथों पाईथिया के स्तनों पर रख दिए। पाईथिए कांप उठी, उसके स्तन झरझरा रहे थे, उसके निपल्स गुलाबी और सख्त थे। अन्य लोगों ने विस्मय और आसक्ति से पाईथिया का सम्भोग देखा। पाईथिया और मुझे लड़किया ऊपर नीचे करती रही। मुझे अब केवल आनद लेना था और मैंने उसकी योनि की हर लहर और पेशी को महसूस किया क्योंकि यह मेरे लंड के सिर को रास्ता दे रही थी और मेरा लंड उसकी योनि में आगे पीछे लंड की पूरी लम्बाई की यात्रा कर रहा था।

पाईथिया को लड़कियों ने मेरे साथ मेरी छाती पर कस कर दबा दिया और अब उसकी बाँहें मेरे गले में थी और मैं उसे चुम्बन करने लगा। मैंने उसकी गलो ओंठो गर्दनऔर कानो को चूमा। अब मेरे लंड मैं उसके भीतर गहरे तक था। वह आनंद के सागर में थी। आखिरकार उसकी कमर उछल गयी और वह जोर से काम्पी उसका शरीर ऐंठा और स्खलित हो गयी और इस बीच अन्य लड़कियों ने उसे दुलार किया।

मैं भी उस कामोत्तेजना भी योनि के चूषण, संकुचन और फिसलन भी घर्षण की अनुभूति से स्खलन की और बढ़ने लगा तो पांचवी लड़की बोली मास्टर आप नियंत्रण कीजिये और डेल्फी जो आपको ऊर्जा दे रही है उसे अपने अंदर अवशोषित कीजिये । मैंने अपनी गति थोड़ी कम की और अपने नितम्ब उठा कर लंड को आगे धकेल दिया और पूरा लंड अंदर जा कर लंडमुड योनि की आखरी दीवार से जा टकराया और मेरे कूल्हे योनि और अंडकोष नितम्बो से टकरा गए!


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और जब मैंने उसके बाद एक और शॉट लगाया तो पायथिया बोली आह मजा आया और ये बेहतर है । हाँ। हाँ। हाँ। और। तेज़-तेज़। हा। हा-हा। आ। आ, हहाायी। ऊओ. आह। प्रिय। आह। ओह्ह। चोदो। हहान और तेज़। " हर झटके के साथ पायथिया के मुँह से एक लफ्ज़ निकल रहा था।

मैं हाथ उसके स्तनों पर ले गया और उसके होंठ चूसने लगा। अब धक्कों में गति मैंने कम कर दी थी और। अब मेरा लंड पायथिया की गीली चूत में आराम से आ जा रहा थाऔर जब हमारे हर झटके में मेरे अंडकोष पायथिया की चूत के ओंठो से टकरा रहे थे। फट-फट फच फच की आवाज आ रही थी और पायथिया अभी मजे में अपने कूल्हे अब ऊपर नीचे कर मेरे स्ट्रोक से लय मिला कर चुदवा रही थी। दोनों मस्ती में चूर एक दूसरे को ख़ूब मजे ले-ले कर चोद रहे थे।

जल्द ही अब वह बारी-बारी उत्कर्ष पर पहुँच कर झड़ रही थी! मैं अति रोमांचित, उग्र, उत्साही हो कर लगभग हिंसक लम्बे-लम्बे शॉट लगाने लगा था। हम दोनों ने अद्भुत मजे का अनुभव किया। उसने मुझे गले से लगा लिया! और मेरे मुँह को चूमते हुए अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी और मैं उसकी जीभ चूसने लगा और उसका बदन उत्तेजना से कांप रहा था! जैसे ही वह बार-बार ओर्गास्म करती थी, मेरी कमर में गर्मी बढ़ गई। जोर से कराहते हुए, मैं खुद को नियंत्रित करने के लिए तेजी से साँस छोड़ते हुए, उसकी ऊर्जा अवशिष्ट करनेक लगा और उसकी कम इस्तेमाल की हुई योनि की मांसपेशियों ने मुझे बार-बार कसकर जकड़ रही थी।

मैं भी चरम के काफ़ी नज़दीक ही था और लगभग तैयार था लेकिन मैंने खुद को नियंत्रण किया मुझे महसूस हुआ की वह अपनी ऊर्जा मेरे अंदर स्तांन्तरित कर रही थी और मैंने उसे अपने अंदर अवशोषित किया फिर कुछ देर बाद मैं पीछे हट गया और मैंने लंड को बाहर निकाला तो पायथिया दबाव में अचानक रिलीज होने पर हांफने लगी। वह कराह रही थी, उसके पैर कांप रहे थे, उसके हाथ नीचे लटक गए। मैं पाईथिया की ऐसी हालत देख थोड़ा चिंतित हो गया क्योंकि वह अब बेहोश लग रही थी।

फिर लड़कियों ने धीरे से पाईथिया को कुंड से बाहर निकला और उसे फर्श पर लिटा दिया।


जारी रहेगी

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RE: अंतरंग हमसफ़र - by aamirhydkhan1 - 16-09-2022, 02:23 PM



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