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Adultery मजे - लूट लो जितने मिले
#80
मजे - लूट लो जितने मिले


सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-02


ऐनी बनी मेरी उस्ताद


फिर ऐनी आगे आ कर मेरे दुसरे निप्पल को अपने हाथ के नाखून से जोर-जोर से कुरेद रही थी। एक तो निप्पल चुसे जाने की मस्ती दूसरा निप्पल कुरेदे जाने की वजह से होता दर्द ने मुझे तो स्वर्ग में पहुँचा दिया था। इस बेताह मस्ती के कारण मेरे मुँह से आह ओह के आवाज निकल रही थी। मैने अपने हाथ उसकी पीठ और एक बाँह पर रख रखा था। एक हाथ से उसकी बाँह मसल रहा था और दुसरे हाथ उसकी पीठ और कमर पर फेर रहा था। वोह करीब 3-4 मिनट तक ऐसे ही करती रही फिर पर्ल बाँयी निप्पल छोड कर दाँयी निप्पल को चुसने लगी और बाँयी निप्पल को नाखुनो से कुरेदने लगी।

दुसरे निप्पल को अच्छी तरह से चुसने के बाद ही उसने मेरे को छोडा। फिर ऐनी ने मेरी और देख कर आँखो में आँखे डाल कर पूछा कैसा लगा निप्पल चुसवाना। मैं बोला क्या बताँऊ बस इतना कह सकता हूँ कि मुझे अभी बहुत कुछ सीखना है। सीखाओगी उस्ताद जी। ऐनी बोली जरूर आखिर उस्ताद या गुरु होती किस लिये है। गुरु का तो ये कर्तव्य है के उसके चेले की शादी से पहले उसे सेक्स की पूरी शिक्षा दे प्रेक्टिकल के साथ जिससे की उसकी पत्नी सुहाग रात को ये ना कह सके की उसकी गुरु ने उसको कुछ भी नहीं सिखाया। चलो पर्ल अब आमिर की छोड़ो अभी इसे पहले बहुत कुछ सीखना है ।

उसके मुहँ से ये बात सुन कर मैं बोला उस्ताद जी तुम्हारे विचार कितने उत्तम हैं। अगर तुम जैसी सबकी उस्ताद हो तो किसी भी चेले को रंडी के पास जाने की जरूरत ही नही। सुन कर उसने मेरे होंठो पर किस कर लिया और बोली तुम बिल्कुल मेरे सब्से सच्चे चेले कहलाने के लायक हो। चलो मैं अब तुम्हारा लंड पैन्ट से बाहर निकाल देती हूँ। ये भी मुझको गाली दे रहा होगा कि बात तो लंड को बाहर निकालने की कर रही थी और निप्पलस को मजा देने लगी। कह रहा होगा कितनी निर्दय है तुम्हारी उस्ताद। नंही उस्ताद मेरा लंड तो बल्की बहुत खुश है कि मेरी उस्ताद तुम हो।

मेरा लंड तो कह रहा है कि जिस तरह से तुम मेरी उस्ताद हो तुम्हारी चुत उसकी उस्ताद हुयी ओर जब तुम इतनी मस्त हो तो उसकी उस्ताद और भी मस्त होगी वोह भी अपनी उस्ताद से मिलने और उसकी बाँहो मैं जाने के लिये बेचैन है। ऐनी बोली उसके लिये तो उसको थोडा इंतजार करना पडेगा। पहले मैं अपने चेले को और उसके लंड को तो जी भर के प्यार कर लूँ और अपने चेले से अपने आप को और लंड के मालिक के उस्ताद को प्यार करा लूँ तब कही जा कर तुम्हारा लंड अपनी उस्ताद से मिल सकता हे समझे। मैंने कहा हाँ उस्ताद तुम ठीक कह रही हो।

इतना कह कर ऐनी ने मेरी पैन्ट खोलनी शुरु कर दी। जब ऐनी मेरी पैन्ट खोल रही थी तो उसकी नजर मेरी तरफ थी और पर्ल की नजर मेरे लंड की तरफ थी। दोनों मन्द-मन्द मुस्कुरा रही थी। सबसे पहले उसने मेरी बेल्ट को निकाल कर फेंक दिया। ओर मेरी पैन्ट का बटन खोलने लगी। बटन ओर चैन खोल कर उसने कमर से पकड कर एक ही झटके में मेरी पैन्ट नीचे कर दी और साथ मैं खुद भी नीचे बैठ गयी। मैंने भी अपने पैर और कूल्हे उठा कर पैन्ट निकालने में उसकी मदद की।

उसने पैन्ट निकाल कर उसको भी एक कोने में फेंक दिया। मैंने अन्डर वीयर पहन रखा था। उस समय पर्ल का मुँह बिल्कुल मेरे लंड के सामने था। मेरा लंड पूरी तरह से खडा था जो कि मेरे अन्डर वीयर के उभार से पता चल रहा था। उसने मेरी तरफ़ देखा और अपनी जीभ बाहर निकाल कर अपने होठों पर फिराने लगी। जैसे कोई बहुत ही स्वादिष्ठ चीज देख ली हो और फिर एक दम से आगे बढ कर मेरे लंड को उन्डर वीयर के उपर से किस करने लगी उन्डर वीयर की इलास्टिक से लेकर नीचे जाँघो के जोड तक। फिर ऐनी ने मेरे उन्डर वीयर की को कमर से पकड कर एक ही झटके मैं खीच कर उतार दिया।

मेरा लंड उत्तेजना के कारण मस्त होकर बुरी तरह से अकड़ कर बड़ा हो खडा हो गया थ। जैसे ही ऐनी ने मेरा उन्डर वीयर उतारा मेरा लंड पर्ल के मुँह के सामने एक लम्बे साँप की तरह फुँकार मारते हुये नाचने लगा। मेरा लंड देख कर एर्नी बोली-बोली रेअर्ल देखले कितना बडा लंड है मेरे चेले का। फिर ऐनी ने मेरे लंड को अपने हाथ में पकड लिया। जैसे ही उसने मेरे लंड को अपने कोमल हाथो में पकडा मुझे ऐसा लगा 440 वोल्ट का करंट लगा हो। मेरे लंड का हाल तब था जबकी उसने अभी तक एक भी कपडा अपने बदन से नहीं उतारा था। मैं सोचने लगा कि जब मैं उसको नंगा देखुँगा तो मेरा क्या हाल होगा।

ऐनी बोली पर्ल तुम ने देख लिया तुम्हे किस लंड से चुदना है और इसलिए अब बाकी काम आमिर के साथ निकाह कर लो फिर करना और आमिर त्युंहे भी पेरल के पूरे जलवे उसके साथ निकाह के बाद मिलेंगे अब तुम दोनों को निकाह तक थोड़ा सब्र करना होगा ।

ऐनी मेरे लंड को अपनी एक हथेली में रख कर दूसरे हाथ से उसको सहला रही थी जैसे किसी बच्चे को प्यार से पुचकारते हैं। थोडी देर तक इसी तरह मेरे लंड को पुचकारने के बाद ऐनी उठ कर खडी हो गयी और बोली लो निकाल दिया मैंने तुम्हारे लंड को बाहर। अब हम चल कर बैठते हैं और थोडी प्यार भरी बातें करते हैं। फिर मैं सोफे पर बेठ गया और ऐनी से बोला आओ माँ मेरी गोदी मैं बैठ जाओ ऐनी थोडी-सी मुस्कुरायी और आ कर मेरी गोदी में बैठ गयी।

ऐनी इस तरह से मेरी गोदी में बेठी थी की मेरा लंड उसकी गाँड की दरार में फंसा था। जैसा की मुझको मेरे लंड पर महसूस हो रहा था। उसने अपनी पीठ मेरे कंधे से लगा ली थी और अपनी गोरी दाँयी बाँह मेरे गले के पीछे से निकाल कर दुसरे हाथ से पकड ली। ओर मैंने पीछे से अपने हाथ उसके कमर में डाल कर उसके नंगे पेट को पकड लिया। उसके इस तरह से बैठने के कारण उसकी बड़ी चूचियाँ मेरे मुँह के सामने आ गयी। साथ ही साथ उसके मस्ताने चुतडो का दवाब मेरे लंड पर पड रहा था। मैं अपने आप को बडा ही खुशकिस्मत समझ रहा था इतनी मस्तानी औरत मेरी गोद में बैठी थी।



कहानी जारी रहेगी...

आपका आमिर खान हैदराबाद l


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RE: मजे - लूट लो जितने मिले - by aamirhydkhan1 - 19-08-2022, 07:37 PM



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