02-08-2022, 01:29 PM
मजे - लूट लो जितने मिले
छठा अध्याय -खड़े लंड की दास्ताँ.
भाग-19
खुली बालकनी में बारिश के साथ में चुदाई.
मैं सुबह लगभग 4 बजे उठा तो फिर ऐनी को किश करने लगा जिससे ऐनी भी जाग गयी l
मैं उसे गोदी में उठा कर वाशरूम ले गया और दोनों साथ में नहाये और फिर बेड पर आ गए और मैंने कमरे में रखी क्रीम जो तेल के पास ही रखी थी ऐनी की चूत पर लगायी उसकी चूत रात में हुई चुदाई के कारण सूज कर फूल गयी थी और दोनों किश करने लगेl फिर दोनों बालकनी में आ गए दूर-दूर तक कोई नहीं था जो हमें देख सकता हो बालकनी में एक सेट्टी पड़ी हुई थी और दोनों उस पर लेट गए l
ऐनी फिर मेरे को सीधा लिटा कर मुझे चूमते हुए नीचे जाने लगी।
ऐनी ने बहुत ही प्यार से मेरे लन्ड को चूमा।
मेरे को जब अपने लन्ड पर ऐनी की गर्म सांसे और गर्म होंट महसूस हुई तो मेरे लन्ड को सुकून मिला। ऐनी बेहद नाज़ुक तरीके से मेरे लन्ड पर अपनी उंगलियाँ घूमा रही थी। मैं आंखें बंद किये इस शारीरिक सुख के अनुभव का आनंद उठा रहा था।
तभी ऐनी मेरे लन्ड को सहलाते-सहलाते मेरे अंडों को अपनी गिरफत मैं लेकर घप्प से मेरे सुपडे को अपने मुह मैं लिया।
ऐनी के ऐसा करते ही मेरी कमर ख़ुद बा ख़ुद हवा में उठ गई।
थोड़ी देर तक मेरे लन्ड को चूसते-चूसते ही ऐनी को एहसास हुआ कि मेरे लन्ड की लंबाई बढ़ रही है। जो लन्ड कुछ देर पहले तक मुश्किल से 5.5 इंच नज़र आ रहा था वह अब 7 से 7.5 इंच की औकात मैं खड़ा था।
ऐनी ने देखा कि अब जब मेरा लन्ड बिलकुल अकड़ गया मैं आ गया है मैंने ऐनी से पूछा-ऊपर आना है? वह बोली-लंड की सवारी?
मैंने कहा-हाँ। तुम ऊपर आ जाओl
तो ऐनी होले से खड़ी हो कर मेरे ऊपर चढ़ गयीऔर मेरे होंटों को अपने होंटों मैं क़ैद करके नीचे अपना हाथ ले जा कर मेरे लन्ड के सुपडे को ठीक अपनी चूत के मुह पर टिका दिया और हल्का-सा दबाव बनाया। मेरे लंड का मोटा सूपड़ा ऐनी की चूत के मुह को खोल कर फंस गया ।
ठीक उसी वक़्त आसमान में काले-काले बादलों की घटा घिर आयी। और ठंडी हवा चलने लगी ।
ऐसे में मेरे लन्ड का सूपड़ा ज़बरदस्ती उसकी चूत को खोले उसमे फसा हुआ है। ऐनी को आनंद के साथ-साथ एक मीठे से दर्द का एहसास हो रहा था।
ऐनी अपनी चूत मेरे लन्ड पर टिकाये हुए ऊपर आसमान की तरफ़ गर्दन किये आंखें मूंद रखी थी। जिन आंखों में कुछ आंसू छलक आये।
वही मैं इसी आनंद मैं डूबा हुआ था। मुझे अपने लन्ड में और भी कड़कपन महसूस हुआ । ऐनी अभी आनन्द के सागर में गौते खा ही रही थी कि ऐनी की आहहह निकल गयी।
ऐनी: अभी रुको! ओहहह अभी धक्के मत मारो प्लीज l
ऐनी ने मुझ से धक्का मारने के लिए मना किया लेकिन मैं ने तो अभी धक्का मारा ही नहीं था। मैं तो ज्यों का त्यों ऐनी के नीचे लेटा हुआ था। इस बात का एहसास ऐनी को तब हुआ जब मैं ने अगली बार धक्का नहीं मारा और ना ही अपना लन्ड बाहर की तरफ़ खींचा।
ऐनी ने झुक कर मेरे लन्ड को देखा तो ऐनी की आंखें खुली की खुली रह गयी। मेरा लन्ड जितना कड़क हो रहा था उतनी उसकी लम्बाई बढ़ रही थी। जिस लन्ड के सुपडे को ऐनी ने चूत मैं लिया था वह 6 इंच का था लेकिन फिलहाल 2 इंच लन्ड चूत मैं घुसा हुआ था और फिर भी 6 इंच लन्ड बाहर था।
मैं: लेकिन मैंने तो कुछ किया ही नही।
ऐनी मेरी बात सुनकर चोंक गयी लेकिन अगले ही पल उसने मेरी तरफ़ मुस्कुरा के देखा ।
ऐनी सोचने लगती है कि 8 इंच का लन्ड है इस का अगर ये बाद मैं और बड़ा हुआ तो ये किसी भी चूत का भोसड़ा एक बार मैं ही बना देगा। ऊपर से इसका लन्ड कितना मोटा है।
ऐनी अभी ये सब सोच ही रही थी कि मैं ऐनी से बोला।
मैं: प्लीज कुछ करो या मैं शुरू करून।
ऐनी मेरी तरफ़ देखने लगी। ऐनी को भी लगा कि अब काफ़ी देर हो गयी है अब आगे बढ़ना चाहिए। ऐनी होले से अपना ज़ोर मेरे लन्ड पर लगाया । लेकिन मेरा लन्ड ऐनी की चूत मैं बुरी तरह से फंसा हुआ था। ऐनी की सारी कोशिश बेकार जा रही थी। क्योंकि मेरा लन्ड अब रत्ती भर भी ऐनी की चूत मैं नहीं जा पा रहा था।
ऐनी काफ़ी परेशान हो गयी । आख़िर में ऐनी मुझ से बोली ।
ऐनी: सुनो आमिर! तुम नीचे से कमर उठा कर धक्का मारो।
ऐनी: आमीर शुरू हो जाओ।
ऐनी ने इतना कह कर मेरे हाथ पकड़ कर अपनी कमर पर रख दिया। मैंने भी ऐनी की कमर पकड़ ली और नीचे से अपने कूल्हों को एडजस्ट करके अपनी कमर को ज़ोर से ऊपर की तरफ़ उछाल दिया। ठीक उसी वक़्त ऐनी भी ऊपर से मेरे लन्ड पर ज़ोर से बैठ गयी। नतीजा ये निकला कि मेरा 3 इंच लन्ड और ऐनी की चूत मैं घुस गया।
मेरा लन्ड चूत में घुसते ही मैं ज़ोर से चीख पड़ा। आहहहह! उंहहह ओहआई! ऐनी भी ज़ोर से चीख पड़ी और ठीक उसी समय बिजली कड़की और हमारी मिली जुली चीखे उस जोरदार बिजली की कड़क में दब कर रह गयी और बारिश शुरू हो गयी l
मेरे सुपडे की चमड़ी उतर कर नीचे की तरफ़ पूरी तरह से खींच गयी थी और ऐनी की आंखों से आंसू निकल आये। जहाँ आसमान में सावन की झड़ी लगी थी ऊपर आसमान से हल्की-हल्की बारिश हो रही थी नीचे मैं और ऐनी चुदाई का खेल-खेल रहे थे।
ऐनी की चूत जो पहली चुदाई से सूज गयी थी बुरी तरह से मेरे लन्ड पर कस गयी थी। अब बारी ऐनी की थी। ऐनी इस बार हल्का-सा ऊपर उठी जिससे मेरा करीब एक इंच लन्ड बाहर निकल गया। मुझे हल्का-सा दर्द हुआ इस लिए मैं कसमसा कर रह गया। लेकिन अगले ही पल ऐनी पूरे ज़ोर से मेरे लन्ड पर बैठ गयी।
ऐनी के ऐसा करते ही ऐनी की इस बार जोरदार चीख निकल गयी और ठीक उसी समय एक बार फिर ज़ोर से बिजली कड़की। इस बार खुले में चुदाई होने के कारण ये चीख ज़रूर कोई सुन लेता पर बारिश और बिजली की कड़कने के शोर में ये चीख दब के रह गयी l
ऐनी ने नीचे हाथ ले जाकर देखा तो मेरा लन्ड अभी भी 2 इंच के करीब बाहर ही था।
ऐनी: ओह गॉड अभी भी बाहर है।
मैं आंखों से इशारा करके पूछा . क्या?
ऐनी: लन्ड और क्या मेरे प्यारे!
ऐनी की इस बात पर मैं ओर ऐनी दोनों हसने कगे ।
ऐनी: चल मेरे घोड़े अब हो जा शुरू?
मैं: चुदाई के लिए।
ऐनी मुस्कुराते हुए हाँ मैं सर हिला दिया।
बारिश तेज हो गयी थी पर बालकनी कुछ उस तरह से बनी हुई थी के खुली हुई थी जहाँ पर सेट्टी पड़ी हुई थी जहाँ पर हम थे वहाँ बारिश नहीं आ रही थी क्योंकि उसके ऊपर छत थी । पर बीच बीच में कभी कभी पानी की कुछ फुहारे हमारे ऊपर आ जाती थी जिससे चुदाई का रोमांच और मजा और बढ़ जाता था ।
मैं भी मुस्कुराते हुए नीचे से हल्के-हल्के धक्के मारने लग गया। करीब पांच मिनट ऐनी की चूत और मेरा लंड दोनों एक दूसरे के आदि हो गए। अब दोनों एक दूसरे को बेइंतेहा चूमते हुए चुदाई कर रहे थे।
ऐसा लग रहा था जैसे दो आशिक हनीमून मना रहे हों।
ऐनी: हेय आमिर ये बचा खुचा लन्ड क्या मेरी बहन पर्ल के लिए बचाया है?
मैं एकदम से ऐनी के मुह से ऐसी बात सुनकर सकते में आ गया और उसे अपनी बहन पर्ल याद आते ही उसकी आँखों के सामने उसकी बहन पर्ल का चेहरा घूमने लगा । ऐनी को कुछ न करते देख मैं अपनी एक उंगली ऐनी की गांड के छेद पर घुमाने लगा।
जैसे ही मेरी ऊँगली ऐनी की गांड के छेद को छुआ ऐनी की कमर ऊपर उठी मैंने भी ऊपर को दबाब बढ़ाया और मैंने मैं ज़ोर से धक्का मार दिया और बचा हुआ लन्ड पूरी तरह से ऐनी की चूत में घप्प से घुस गया। उसकी कसी हुई चूत मेरे लंड को जकड़ रही थीl इसी के साथ ऐनी मेरे होंटों को चूमने के लिए मुझ पर झुक गयी।
अब थोड़ी देर ऐनी यूँही ऊपर से मेरे लन्ड पर धक्के मारने लगी और नीचे से मैं भी ऐनी की चुदाई करने लगा । जिस स्पीड में बारिश हो रही थी हमने उसी स्पीड में चुदाई शुरू कर दी पहली धीरे धीरे, फिर जब बारिश थोड़ी तेज हुई तो तेज फिर जब हलकी होती तो हलकी स्पीड से हम चुदाई करने लगे l
ऐनी लंड की सवारी की खिलाड़ी बन गयी थी। लेकिन ऐनी को चाहिए था कि मैं अब उसकी जबरदस्त चुदाई करू।
वो मेरे लंड की सवारी करने लगीl मैं नीचे से गांड उठा कर उसकी चूत को ठोकने लगाl ऐनी के मम्मे मेरे सामने उछल रहे थे ... मैंने उन दोनों को बारी-बारी से चूस कर चुदाई का मज़ा लिया l
बीस मिनट तक मैंने चूत को चोद-चोद कर लाल कर दियाl वह हांफने लगीl फिर अचानक उसका शरीर कांपने लगा और ूऊई आई कहती हुई वह मेरे ऊपर गिर गयी और झड़ गयी और मैं उसे किस करने लगा l
कुछ देर बाद ऐनी मेरे ऊपर से उठ कर नीचे लेट गयी और मेरे को अपने ऊपर खींच लिया। ऐनी अपनी टांगे चौड़ी कर के मेरे को अपनी टांगों के बीच में ले आयी और मेरा लन्ड पकड़ कर अपनी चूत के मुह पर रख दिया।
veil emojis
ऐनी: घुसा दो अब जल्दी से।
मैंने एक ज़ोर दार धक्का मारा तो ऐनी ने मेरे को अपने ऊपर खींच कर ज़ोर से गले लगा लिया और पीछे से कैंची की तरह अपनी टांगे मैं की कमर पर कस लिया।
ऐनी: आह मेरे राजा! ऐसे ही दम दिखा अपना।
वो मेरे लंड को पकड़ कर लेटी थीl मैंने भी तुरंत उसके स्तनों को दबा दियाl मैंने उसके स्तनों को बहुत ज़ोर से दबाया, जिससे उसके मुँह से आवाज़ निकल गईl मैंने बिना रुके बहुत तेजी से उसके मम्मों को मसलना शुरू कर दियाl मैंने उसको डॉगी स्टाइल में खड़ा किया और लंड डाल दियाl वह ज़ोर से चिल्ला उठी-अहहहह अहह हहह ... मर गई धीरे से करो l
मैंने कुछ देर धक्के नहीं मारे और ऐसे ही लंड पड़ा रहने दियाl फिर जब उसने अपनी गांड को हिलाना शुरू किया और अपने चूतड़ों को आगे पीछे चलाना शुरू कर दिया l
ऐनी बहुत तेजी से चिल्ला रही थीl मैं भी उसे उतनी ही तेजी से धक्के दे रहा थाl मुझे धक्के मारने में बहुत मज़ा आ रहा था क्योंकि उसकी कसी हुई चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी l
मैं उसे बड़ी तीव्र गति से झटके मारने लगाl जब मैं उसकी घोड़ी बना कर चोद रहा था, तो मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था l
वो पूरा लंड अन्दर लेते हुए अपनी गांड को मुझसे मिलाने लगीl वह मुझे कहने लगी कि तुम्हारा लंड तो मेरी चूत के अन्दर तक जा रहा है ... मुझे बड़ा बहुत अच्छा महसूस हो रहा हैl ये कहते हुए वह भी अपनी गांड को मुझसे बड़ी तेजी से टकरा रही थी और मैं भी उसे बड़ी तेज-तेज धक्के मार रहा थाl
मैंने आंखे बंद किये ही "ओह ऐनी, आह कितना मज़ा है इन सब" में बोलते हुए ऐनी की धुआंदार चुदाई शुरू कर दी।
करीब 30-35 मिनट की चुदाई के बाद अपना सारा पानी ऐनी की चूत मैं छोड़ दिया । जैसे ही मैं पानी छोड़ता है वैसे ही ऐनी भी झड़ने लगती है और साथ ही साथ चीख पड़ी ।
झड़ते हुए मेरा लन्ड सीधा ऐनी की बच्चे दानी के मुह को खोल कर अंदर घुस गया। करीब 5 मिनट तक मैं ऐनी की चूत मैं झड़ता रहा । जब मैं अपने अंडकोष पूरी तरह से ऐनी की चूत मैं खाली कर दिए तो ऐनी मुझे साइड में हटा कर ज़ोर-ज़ोर से हांफने लगी । हम दोनों एक दुसरे को चूमते हुई ऐसे ले लेते रहे और चुदाई रुकते ही बारिश भी रुक गयी l
लंड जी बदस्तूर खड़े हुए थे l
कहानी जारी रहेगी...
आपका आमिर खान हैदराबाद l
[*]मजे - लूट लो जितने मिले
[*]मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ
[*]अंतरंग हमसफ़र
[*]पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ एक नौजवान के कारनामे
[*]गुरुजी के आश्रम में सावित्री
[*]मेरे अंतरंग हमसफ़र - मेरे दोस्त रजनी के साथ रंगरलिया
[*]छाया - अनचाहे रिश्तों में पनपती कामुकता एव उभरता प्रेम-completed
[*]दिल्ली में सुलतान V रफीक के बीच युद्ध- completed
छठा अध्याय -खड़े लंड की दास्ताँ.
भाग-19
खुली बालकनी में बारिश के साथ में चुदाई.
मैं सुबह लगभग 4 बजे उठा तो फिर ऐनी को किश करने लगा जिससे ऐनी भी जाग गयी l
मैं उसे गोदी में उठा कर वाशरूम ले गया और दोनों साथ में नहाये और फिर बेड पर आ गए और मैंने कमरे में रखी क्रीम जो तेल के पास ही रखी थी ऐनी की चूत पर लगायी उसकी चूत रात में हुई चुदाई के कारण सूज कर फूल गयी थी और दोनों किश करने लगेl फिर दोनों बालकनी में आ गए दूर-दूर तक कोई नहीं था जो हमें देख सकता हो बालकनी में एक सेट्टी पड़ी हुई थी और दोनों उस पर लेट गए l
ऐनी फिर मेरे को सीधा लिटा कर मुझे चूमते हुए नीचे जाने लगी।
ऐनी ने बहुत ही प्यार से मेरे लन्ड को चूमा।
मेरे को जब अपने लन्ड पर ऐनी की गर्म सांसे और गर्म होंट महसूस हुई तो मेरे लन्ड को सुकून मिला। ऐनी बेहद नाज़ुक तरीके से मेरे लन्ड पर अपनी उंगलियाँ घूमा रही थी। मैं आंखें बंद किये इस शारीरिक सुख के अनुभव का आनंद उठा रहा था।
तभी ऐनी मेरे लन्ड को सहलाते-सहलाते मेरे अंडों को अपनी गिरफत मैं लेकर घप्प से मेरे सुपडे को अपने मुह मैं लिया।
ऐनी के ऐसा करते ही मेरी कमर ख़ुद बा ख़ुद हवा में उठ गई।
थोड़ी देर तक मेरे लन्ड को चूसते-चूसते ही ऐनी को एहसास हुआ कि मेरे लन्ड की लंबाई बढ़ रही है। जो लन्ड कुछ देर पहले तक मुश्किल से 5.5 इंच नज़र आ रहा था वह अब 7 से 7.5 इंच की औकात मैं खड़ा था।
ऐनी ने देखा कि अब जब मेरा लन्ड बिलकुल अकड़ गया मैं आ गया है मैंने ऐनी से पूछा-ऊपर आना है? वह बोली-लंड की सवारी?
मैंने कहा-हाँ। तुम ऊपर आ जाओl
तो ऐनी होले से खड़ी हो कर मेरे ऊपर चढ़ गयीऔर मेरे होंटों को अपने होंटों मैं क़ैद करके नीचे अपना हाथ ले जा कर मेरे लन्ड के सुपडे को ठीक अपनी चूत के मुह पर टिका दिया और हल्का-सा दबाव बनाया। मेरे लंड का मोटा सूपड़ा ऐनी की चूत के मुह को खोल कर फंस गया ।
ठीक उसी वक़्त आसमान में काले-काले बादलों की घटा घिर आयी। और ठंडी हवा चलने लगी ।
ऐसे में मेरे लन्ड का सूपड़ा ज़बरदस्ती उसकी चूत को खोले उसमे फसा हुआ है। ऐनी को आनंद के साथ-साथ एक मीठे से दर्द का एहसास हो रहा था।
ऐनी अपनी चूत मेरे लन्ड पर टिकाये हुए ऊपर आसमान की तरफ़ गर्दन किये आंखें मूंद रखी थी। जिन आंखों में कुछ आंसू छलक आये।
वही मैं इसी आनंद मैं डूबा हुआ था। मुझे अपने लन्ड में और भी कड़कपन महसूस हुआ । ऐनी अभी आनन्द के सागर में गौते खा ही रही थी कि ऐनी की आहहह निकल गयी।
ऐनी: अभी रुको! ओहहह अभी धक्के मत मारो प्लीज l
ऐनी ने मुझ से धक्का मारने के लिए मना किया लेकिन मैं ने तो अभी धक्का मारा ही नहीं था। मैं तो ज्यों का त्यों ऐनी के नीचे लेटा हुआ था। इस बात का एहसास ऐनी को तब हुआ जब मैं ने अगली बार धक्का नहीं मारा और ना ही अपना लन्ड बाहर की तरफ़ खींचा।
ऐनी ने झुक कर मेरे लन्ड को देखा तो ऐनी की आंखें खुली की खुली रह गयी। मेरा लन्ड जितना कड़क हो रहा था उतनी उसकी लम्बाई बढ़ रही थी। जिस लन्ड के सुपडे को ऐनी ने चूत मैं लिया था वह 6 इंच का था लेकिन फिलहाल 2 इंच लन्ड चूत मैं घुसा हुआ था और फिर भी 6 इंच लन्ड बाहर था।
मैं: लेकिन मैंने तो कुछ किया ही नही।
ऐनी मेरी बात सुनकर चोंक गयी लेकिन अगले ही पल उसने मेरी तरफ़ मुस्कुरा के देखा ।
ऐनी सोचने लगती है कि 8 इंच का लन्ड है इस का अगर ये बाद मैं और बड़ा हुआ तो ये किसी भी चूत का भोसड़ा एक बार मैं ही बना देगा। ऊपर से इसका लन्ड कितना मोटा है।
ऐनी अभी ये सब सोच ही रही थी कि मैं ऐनी से बोला।
मैं: प्लीज कुछ करो या मैं शुरू करून।
ऐनी मेरी तरफ़ देखने लगी। ऐनी को भी लगा कि अब काफ़ी देर हो गयी है अब आगे बढ़ना चाहिए। ऐनी होले से अपना ज़ोर मेरे लन्ड पर लगाया । लेकिन मेरा लन्ड ऐनी की चूत मैं बुरी तरह से फंसा हुआ था। ऐनी की सारी कोशिश बेकार जा रही थी। क्योंकि मेरा लन्ड अब रत्ती भर भी ऐनी की चूत मैं नहीं जा पा रहा था।
ऐनी काफ़ी परेशान हो गयी । आख़िर में ऐनी मुझ से बोली ।
ऐनी: सुनो आमिर! तुम नीचे से कमर उठा कर धक्का मारो।
ऐनी: आमीर शुरू हो जाओ।
ऐनी ने इतना कह कर मेरे हाथ पकड़ कर अपनी कमर पर रख दिया। मैंने भी ऐनी की कमर पकड़ ली और नीचे से अपने कूल्हों को एडजस्ट करके अपनी कमर को ज़ोर से ऊपर की तरफ़ उछाल दिया। ठीक उसी वक़्त ऐनी भी ऊपर से मेरे लन्ड पर ज़ोर से बैठ गयी। नतीजा ये निकला कि मेरा 3 इंच लन्ड और ऐनी की चूत मैं घुस गया।
मेरा लन्ड चूत में घुसते ही मैं ज़ोर से चीख पड़ा। आहहहह! उंहहह ओहआई! ऐनी भी ज़ोर से चीख पड़ी और ठीक उसी समय बिजली कड़की और हमारी मिली जुली चीखे उस जोरदार बिजली की कड़क में दब कर रह गयी और बारिश शुरू हो गयी l
मेरे सुपडे की चमड़ी उतर कर नीचे की तरफ़ पूरी तरह से खींच गयी थी और ऐनी की आंखों से आंसू निकल आये। जहाँ आसमान में सावन की झड़ी लगी थी ऊपर आसमान से हल्की-हल्की बारिश हो रही थी नीचे मैं और ऐनी चुदाई का खेल-खेल रहे थे।
ऐनी की चूत जो पहली चुदाई से सूज गयी थी बुरी तरह से मेरे लन्ड पर कस गयी थी। अब बारी ऐनी की थी। ऐनी इस बार हल्का-सा ऊपर उठी जिससे मेरा करीब एक इंच लन्ड बाहर निकल गया। मुझे हल्का-सा दर्द हुआ इस लिए मैं कसमसा कर रह गया। लेकिन अगले ही पल ऐनी पूरे ज़ोर से मेरे लन्ड पर बैठ गयी।
ऐनी के ऐसा करते ही ऐनी की इस बार जोरदार चीख निकल गयी और ठीक उसी समय एक बार फिर ज़ोर से बिजली कड़की। इस बार खुले में चुदाई होने के कारण ये चीख ज़रूर कोई सुन लेता पर बारिश और बिजली की कड़कने के शोर में ये चीख दब के रह गयी l
ऐनी ने नीचे हाथ ले जाकर देखा तो मेरा लन्ड अभी भी 2 इंच के करीब बाहर ही था।
ऐनी: ओह गॉड अभी भी बाहर है।
मैं आंखों से इशारा करके पूछा . क्या?
ऐनी: लन्ड और क्या मेरे प्यारे!
ऐनी की इस बात पर मैं ओर ऐनी दोनों हसने कगे ।
ऐनी: चल मेरे घोड़े अब हो जा शुरू?
मैं: चुदाई के लिए।
ऐनी मुस्कुराते हुए हाँ मैं सर हिला दिया।
बारिश तेज हो गयी थी पर बालकनी कुछ उस तरह से बनी हुई थी के खुली हुई थी जहाँ पर सेट्टी पड़ी हुई थी जहाँ पर हम थे वहाँ बारिश नहीं आ रही थी क्योंकि उसके ऊपर छत थी । पर बीच बीच में कभी कभी पानी की कुछ फुहारे हमारे ऊपर आ जाती थी जिससे चुदाई का रोमांच और मजा और बढ़ जाता था ।
मैं भी मुस्कुराते हुए नीचे से हल्के-हल्के धक्के मारने लग गया। करीब पांच मिनट ऐनी की चूत और मेरा लंड दोनों एक दूसरे के आदि हो गए। अब दोनों एक दूसरे को बेइंतेहा चूमते हुए चुदाई कर रहे थे।
ऐसा लग रहा था जैसे दो आशिक हनीमून मना रहे हों।
ऐनी: हेय आमिर ये बचा खुचा लन्ड क्या मेरी बहन पर्ल के लिए बचाया है?
मैं एकदम से ऐनी के मुह से ऐसी बात सुनकर सकते में आ गया और उसे अपनी बहन पर्ल याद आते ही उसकी आँखों के सामने उसकी बहन पर्ल का चेहरा घूमने लगा । ऐनी को कुछ न करते देख मैं अपनी एक उंगली ऐनी की गांड के छेद पर घुमाने लगा।
जैसे ही मेरी ऊँगली ऐनी की गांड के छेद को छुआ ऐनी की कमर ऊपर उठी मैंने भी ऊपर को दबाब बढ़ाया और मैंने मैं ज़ोर से धक्का मार दिया और बचा हुआ लन्ड पूरी तरह से ऐनी की चूत में घप्प से घुस गया। उसकी कसी हुई चूत मेरे लंड को जकड़ रही थीl इसी के साथ ऐनी मेरे होंटों को चूमने के लिए मुझ पर झुक गयी।
अब थोड़ी देर ऐनी यूँही ऊपर से मेरे लन्ड पर धक्के मारने लगी और नीचे से मैं भी ऐनी की चुदाई करने लगा । जिस स्पीड में बारिश हो रही थी हमने उसी स्पीड में चुदाई शुरू कर दी पहली धीरे धीरे, फिर जब बारिश थोड़ी तेज हुई तो तेज फिर जब हलकी होती तो हलकी स्पीड से हम चुदाई करने लगे l
ऐनी लंड की सवारी की खिलाड़ी बन गयी थी। लेकिन ऐनी को चाहिए था कि मैं अब उसकी जबरदस्त चुदाई करू।
वो मेरे लंड की सवारी करने लगीl मैं नीचे से गांड उठा कर उसकी चूत को ठोकने लगाl ऐनी के मम्मे मेरे सामने उछल रहे थे ... मैंने उन दोनों को बारी-बारी से चूस कर चुदाई का मज़ा लिया l
बीस मिनट तक मैंने चूत को चोद-चोद कर लाल कर दियाl वह हांफने लगीl फिर अचानक उसका शरीर कांपने लगा और ूऊई आई कहती हुई वह मेरे ऊपर गिर गयी और झड़ गयी और मैं उसे किस करने लगा l
कुछ देर बाद ऐनी मेरे ऊपर से उठ कर नीचे लेट गयी और मेरे को अपने ऊपर खींच लिया। ऐनी अपनी टांगे चौड़ी कर के मेरे को अपनी टांगों के बीच में ले आयी और मेरा लन्ड पकड़ कर अपनी चूत के मुह पर रख दिया।
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ऐनी: घुसा दो अब जल्दी से।
मैंने एक ज़ोर दार धक्का मारा तो ऐनी ने मेरे को अपने ऊपर खींच कर ज़ोर से गले लगा लिया और पीछे से कैंची की तरह अपनी टांगे मैं की कमर पर कस लिया।
ऐनी: आह मेरे राजा! ऐसे ही दम दिखा अपना।
वो मेरे लंड को पकड़ कर लेटी थीl मैंने भी तुरंत उसके स्तनों को दबा दियाl मैंने उसके स्तनों को बहुत ज़ोर से दबाया, जिससे उसके मुँह से आवाज़ निकल गईl मैंने बिना रुके बहुत तेजी से उसके मम्मों को मसलना शुरू कर दियाl मैंने उसको डॉगी स्टाइल में खड़ा किया और लंड डाल दियाl वह ज़ोर से चिल्ला उठी-अहहहह अहह हहह ... मर गई धीरे से करो l
मैंने कुछ देर धक्के नहीं मारे और ऐसे ही लंड पड़ा रहने दियाl फिर जब उसने अपनी गांड को हिलाना शुरू किया और अपने चूतड़ों को आगे पीछे चलाना शुरू कर दिया l
ऐनी बहुत तेजी से चिल्ला रही थीl मैं भी उसे उतनी ही तेजी से धक्के दे रहा थाl मुझे धक्के मारने में बहुत मज़ा आ रहा था क्योंकि उसकी कसी हुई चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी l
मैं उसे बड़ी तीव्र गति से झटके मारने लगाl जब मैं उसकी घोड़ी बना कर चोद रहा था, तो मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था l
वो पूरा लंड अन्दर लेते हुए अपनी गांड को मुझसे मिलाने लगीl वह मुझे कहने लगी कि तुम्हारा लंड तो मेरी चूत के अन्दर तक जा रहा है ... मुझे बड़ा बहुत अच्छा महसूस हो रहा हैl ये कहते हुए वह भी अपनी गांड को मुझसे बड़ी तेजी से टकरा रही थी और मैं भी उसे बड़ी तेज-तेज धक्के मार रहा थाl
मैंने आंखे बंद किये ही "ओह ऐनी, आह कितना मज़ा है इन सब" में बोलते हुए ऐनी की धुआंदार चुदाई शुरू कर दी।
करीब 30-35 मिनट की चुदाई के बाद अपना सारा पानी ऐनी की चूत मैं छोड़ दिया । जैसे ही मैं पानी छोड़ता है वैसे ही ऐनी भी झड़ने लगती है और साथ ही साथ चीख पड़ी ।
झड़ते हुए मेरा लन्ड सीधा ऐनी की बच्चे दानी के मुह को खोल कर अंदर घुस गया। करीब 5 मिनट तक मैं ऐनी की चूत मैं झड़ता रहा । जब मैं अपने अंडकोष पूरी तरह से ऐनी की चूत मैं खाली कर दिए तो ऐनी मुझे साइड में हटा कर ज़ोर-ज़ोर से हांफने लगी । हम दोनों एक दुसरे को चूमते हुई ऐसे ले लेते रहे और चुदाई रुकते ही बारिश भी रुक गयी l
लंड जी बदस्तूर खड़े हुए थे l
कहानी जारी रहेगी...
आपका आमिर खान हैदराबाद l
[*]मजे - लूट लो जितने मिले
[*]मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ
[*]अंतरंग हमसफ़र
[*]पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ एक नौजवान के कारनामे
[*]गुरुजी के आश्रम में सावित्री
[*]मेरे अंतरंग हमसफ़र - मेरे दोस्त रजनी के साथ रंगरलिया
[*]छाया - अनचाहे रिश्तों में पनपती कामुकता एव उभरता प्रेम-completed
[*]दिल्ली में सुलतान V रफीक के बीच युद्ध- completed