17-06-2022, 03:11 PM
पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
CHAPTER-5
रुपाली - मेरी पड़ोसन
PART-21
सुपर संडे - ईशा का कौमार्य भेदन
ईशा धीरे से बोली अपने बहुत देर लगा दी मैंने आपकी आँखो में मेरे लिए बहुत प्यार देखा है . .आप बहुत अच्छे इंसान हो आपको पाकर मैं बहुत खुश हूँ के मुझे आप जैसा चाहने वाला मिला है .. ईशा बोली अब मैं आपकी हूँ अब मैं आपको पूरा पाना चाहती हूँ .. आप मुझे जी भर कर प्यार करो ..
मैं ईशा को सुहाग के सेज़ पर ले गया और उसे बिठा दिया ..ईशा ने भी चुनरी को ओढ़ कर घूंघट कर लिया मैं बैड के पास आया और ईशा के पास बैठ गया। और उसका हाथ अपने हाथ में लेकर उनसे बातें करने लगा और बोला मेरी जान मैं तो तुम्हे पहली बार देख कर ही तुम्हारा दीवाना हो गया था
तो ईशा बोली हाँ मैंने भी देखा था आप मुझे मंदिर में ही घूरे जा रहे थे ..आपकी आँखे मेरे एक एक अंग को बहुत गौर से देख रही थी ऐसा लग रहा था आप मुझे जैसा नंगी कर देख रही थे ..
वो बोली जब आप पार्क में मेरी मदद को त्यार आये गए तभी आप मुझे पसंद आ गए थे इसीलिए मैं आप से लिपट गयी थी .. और सोच रही थी काश आप मुझे मिल जाओ तो मजा आ जाए . उसकी बाते सुन मेरा लंड कड़ा हो गया मैंने उससे पुछा तुम तो मान नहीं रही थी फिर मान गयी ?
तो वह बोली उसके बाद जब आपने अपना लंड का उभार दिखाया तो मैंने कहाः अब तड़पना ठीक नहीं है
तो मैंने कहा जब आप मेरा आखिरी प्रस्ताव सुन कर और मुस्कुराती हुई मुड़ कर दूसरी मेज जहाँ पर उसकी पेंटी पड़ी थी उस तरफ बढ़ गयी थी तो . मेरा दिल मेरे मुँह तक आ गया की मेरी पूरी मेहनत के बेकार हो गयी और मैं यही सोच रहा था की अब कभी भी मैं आप से नहीं मिल पाऊँगा .. मैं बहुत निराश हो गया था
फिर जब तुम मेज के पास पहुँच कर पीछे की और मुड़ी थी और मुझे देखने लगी तो मुझे फिर उम्मीद बंधी थी तो मैंने अपनी बाहे फैला कर उसे मेरे पास आने का निमंत्रण दिया था लेकिन जब तुम फिर मुड गयी और फिर वापिस अपनी पैंटी उठाने के नीचे झुकी तो मुझे लगा और ये किस्सा यही ख़त्म हो गया अब तुम पैंटी उठा कर बाहर चली जायेगी . और निराश होकर अपना सर नीचे झुका लिया था ..
फिर जब मैंने तुम्हारे चलने की आवाज सुनी तो मैंने सर उठाया और देखा तुमने बड़े सेक्सी अंदाज में अपनी पैंटी अपने मुँह में पकड़ी हुए मेरी तरफ देख रही थी कर बड़े शरारती तरीके से मुस्कुरा रही थी
तुमने मुझ से पूरा बदला लिया है तो ईशा बोली इसके लिए मैं आपसे माफ़ी चाहती हूँ और प्यार में थोड़ी छेड़छाड़ और सतां तडपाना तो चलता है इसीसे प्यार का पता भी चलता है और प्यार का मजा बढ़ जाता है .. आपने भी तो मुझे कैसे कैसे डराया था ..
..और फिर आप ही बताइये जब आपको पता चाला मैं राजी हूँ तो आपको कितना अच्छा लगा था और आप कैसे उछल गए थे और मुझे अपनी बाहों में भर लिया था ..
मैं बोला बिलकुल अंत भला तो सब भला अब तुम यह बताओ कि मुझे आपके साथ करना क्या है? तो उन्होंने शरमाते हुए मुझे अपनी बाहों में लिया और कहने लगी कि मेरे दीवाने आपको सब मालूम है
मैंने पुछा तुम त्यार हो .. तो वो बोली आप ही देर लगा रहे हो मैं तो कब से त्यार हूँ .. उसकी बात सुन कर मेरा लंड पूरा तन गया .
. ईशा लाल रंग के लहंगे चोली चुनरी और पूरी गहनों से लदी हुई थी. मैंने एक गुलाब का फूल दिया और कहा तुम्हारी खिदमत में पेशे खिदमत है गुलाब
बातें करते करते मैने अपना हाथ ईशा की जाँघ पर रख दिया। उसने कोई विरोध नहीं किया, फिर ईशा का घूंघट उठा कर मैंने बिस्तर से एक गजरा उठाया और उसको मसल कर उसके ओंठो पर अपने ऊँगली फेरने लगा ईशा मदहोश होने लगी .. अब मैंने अपने हाथों से उसका चेहरा उठाया और उसके गालों पर चूम लिया। उसने अपनी आँखे बन्द कर लीं। अब मैंने उसके होंठों पर चूमा।
उफ़ऽऽ !!
क्या गुलाब की पंखुड़ी जैसे मलाईदार होंठ थे। मैंने उसके होंठो को चूसना शुरु किया
फिर मैंने धीरे से उसके होंठो को चूमा, उफ उनकी खुशबू ही क्या सेक्सी थी? और मेरे चूमते ही उसकी सिहरन और उनके सोने के कंगनो की टकराहट से छन की आवाज़ मेरे लंड को फौलादी बना गयी थी. और धीरे धीरे अपने हाथ उसके शरीर पर चलाने लगा। उसकी साँसें तेज होने लगी। मैंने उसके उरोजों पर हाथ रखा और उनको दबाने लगा उसके मुँह से सी...। सी...॥ की अवाजें निकलने लगी।
फिर मैंने धीरे से उन्हें अपनी बाहों में लिया और उनके होंठो पर चूमना और अपनी जीभ से गीली चटाई शुरू कर दी. अब ईशा सिहरकर मुझसे लिपट गयी थी और उसकी 34D साईज की चूचीयां मेरे सीने से दब गयी थी.
फिर मैंने उत्तेजना में उन्हें जकड़कर अपनी बाहों में मसल डाला. तो ईशा ने कहा कि मेरी जान धीरे करो बहुत दर्द होता है. आज तक मुझे ऐसे किसी ने नहीं छुआ है .. भगवान् ने मेरा ये सब तुम्हारे लिए ही बचा कर रखा था फिर मैंने उनके गालों पर अपनी जीभ फैरनी चालू कर दी और फिर उसके ऊपर के होठों को चूमता हुआ, उनके नाक पर अपनी जीभ से चाट लिया. अब ईशा उत्तेजित हो चुकी थी और सिसकारियां भरती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी. अब में उनके चेहरे के मीठे स्वाद को चूसते हुए उनकी गर्दन को चूमने, चाटने लगा था और मेरे ऐसा करते ही वो सिसकारी लेती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी.
कौमार्य
अब में ईशा के चोली के ऊपर से ही उसके बूब्स को दबाने लगा था. अब उनके मांसल बूब्स दबाने से वो सिहरने, सिकुड़ने और छटपटाने लगी थी
जिससे मैंने जोश में आकर उसकी चुनरी और चोली को उतार दिया उसने ब्रा नहीं पहन रखी थी भगवान् ने उसे क्या खूबसूरती से बनाया था? अब मेरा लंड तनकर पूरा खड़ा हो गया था और उसका सुडोल, चिकना, गोरा बदन, मेरी बाहों में सिर्फ़ लहंगे में था.
अब उनके होंठो को किस करते हुए उनके मुँह का स्वाद और उनके थूक का मीठा और सॉल्टी टेस्ट मुझे मदधहोश कर रहा था. अब उनकी आहें भरने की सेक्सी आवाज़ और नंगे जिस्म पर आभूषण मेरे लंड के लिए एक वियाग्रा की गोली से कम नहीं थे. फिर वो उत्तेजना से सिसकारी भरते हुए बोली कि ओह मेरे राजा मुझ पर ये क्या हुआ? मुझे मसल दो, मुझ पर छा जाओ, मुझे अब और मत तड़पाओ, आओ मेरे राजा मेरी प्यास बुझा दो.
अब उनकी हालत देखकर मैंने भी सोचा कि देर करना उचित नहीं है और उसके कपडे उतार दिए , क्या मस्त माल था? थैंक यू गॉड , शुक्रिया. फिर मैंने सिर्फ़ गहनों में लदी ईशा के पेट की अपनी जीभ से ही चुदाई कर डाली, सपाट पेट, लहराती हुई कमर, गहरी नाभि और बूब्स पर तनी हुई निपल्स, आँखे अधमुंदी चेहरा और गला मेरे चाटने के कारण गीला और शेव्ड हल्के गुलाबी रंग की चूत, केले के खंभे जैसी जांघे और गोरा बदन.
फिर ०वो बोली ये गहने तो मैंने चूमते चूमते सारे गहने भी उतार दिए अब वो बिलकुल नग्न थे मेरे सामने और स्तनों की गोलाइयाँ, चूचकों का गुलाबी रंग, शरीर का कटाव, कमर का लोच, नितंब का आकार - कुछ भी नहीं छुप रहा था
अब मेरा मन तो कर रहा था कि बस चूमता, चाटता रहूँ और अपनी बाहों में जकड़ कर मसल डालूँ और जिंदगी भर ऐसे ही पड़ा रहूँ और उफ क्या-क्या नहीं करूँ? और फिर अपनी जीभ उनकी चूत पर लगाकर उनकी चूत को चाटने लगा. तो वो उछल पड़ी और मेरे बालों को अपने हाथ में लेकर सिसकारी भरने लगी और बड़बडाने लगी मेरी 18 साल की कुँवारी चूत की प्यास तूने आज और भड़का दी है.
फिर वो मेरी जीभ की मस्त चटाई में ही झड़ गई और मेरे बालों को कसकर पकड़कर मेरे होठों को चूसने लगी. फिर में उठकर उनकी जाँघो के बीच में आ गया और अपने मुँह में उनकी निपल्स लेते हुए अपनी एक उंगली उनकी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा, लेकिन उनकी टाईट चूत बहुत सख्त और तंग थी और मेरी कोशिश पर ईशा चीखने लगती थी, लेकिन बड़ी मुश्किल से मेरी 1-2 उंगली उनकी चूत में अंदर जा पाई.
मैंने अपने कपडे उतार डाले और ईशा मेरा बड़ा लंड देख कर बोली अरे ये तो बहुत बड़ा है ये तो मेरी दुर्गति कर देगा .. तो मैंने कहा दुर्गति नहीं ईशा बहुत मजे देगा .
फिर मैंने ईशा से कहा कि बस एक बार दर्द होगा, मैं भी आराम से करूंगा और तुम जो दर्द हो उसको बर्दाश्त कर लेना फिर सारी जिंदगी मस्ती ले पाओगी. फिर मैंने उनको चूमते हुए और बूब्स दबाते हुए अपना लंड उनकी चूत के मुँह पर सेट किया और उसकी चूमता चाटता रहा. अब उसकी सुगंध से मेरा लंड जो कि अब पूरा 9 इंच लंबा और 3 इंच मोटा हो गया था, फंनफना कर ईशा की चूत में घुसने की कोशिश करने लगा था.
फिर बड़ी मुश्किल से धक्का लगाने पर मेरा लंड 2 इंच अंदर घुसा तो ईशा की चीख निकल पड़ी, रज्जज्ज आईईईईईईईई दर्द उउउउइईईईईई हो रहा है और और उसकी हथेलियों को अपनी हथेली से दबाते हुए उनकी चूत पर एक ज़ोर का शॉट मारा और मेरा लंड 2 इंच अंदर घुस गया. अब दर्द से दोहरी ईशा ओह ओह कहकर चीखने लगी और छटपटाने लगी थी. फिर मैंने उसकी चीखों की परवाह किए बिना एक ज़ोर का धक्का और मारा तो मेरा फनफनाता हुआ लंड उसकी चूत की झिल्ली को फाड़ता हुआ 5 इंच अंदर घुस गया.
अब वो ओह ओह कहकर ज़ोर से चिल्लाने लगी थी और चीखने लगी थी, आआईईईईई रे , मैं धीरे से उसे सहलाने लगा और चूमने लगा और अपना लंड 2 इंच बाहर निकालकर फिर से एक ज़ोर का शॉट मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ चूत की जड़ में समा गया. कौमार्य भेदन हो गया था कुछ देर ऐसे ही उसके ऊपर लेटा हुआ उसे चूमता और उसके स्तनों के सहलाता रहा
कौमार्य भेदन के बाद ही सम्भोग का असली आनंद आता है। मतलब, जो बुरा होना था, वो हो चुका। अब वो इस क्षणिक दुःख दर्द को भूल कर उन्मुक्त भाव से सम्भोग के सुख को भोगना चाहती थी। उसको चूमते सहलाते हुए मैं कह रहा था,
“बस बस… हो गया… हो गया… अब और दर्द नहीं होगा।”
यह कह कर मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए। हर धक्के के साथ ईशा की जाँघें और खुलती जातीं और अंततः उतनी खुल गईं, जितना कि वो खोल सकती थी। कुछ देर के बाद, मैंने धक्कों की गति कुछ और बढ़ा दी। ईशा का दर्द पूरी तरह ख़त्म तो नहीं हुआ, लेकिन कम ज़रूर हो गया था। मैं ईशा को पूरी तरह भोग रहा था - उसके स्तनों को अपने हाथों से; उसके होंठों को अपने होंठों से; और उसकी योनि को अपने लिंग से। ईशा पुनः रति-निष्पत्ति के चरम पर पहुँच गई थी और उसकी देह कांपने लगी।
“आह….”
उधर मैं लयबद्ध तरीके से धक्के लगाए जा रहा था। साथ ही साथ ईशा को चूमता भी जा रहा था। उसने महसूस किया कि ईशा की साँसे उखड़ने लगी और देह थिरकने लगी। ईशा ने महसूस किया कि पहले जैसा ही, लेकिन अधिक तीव्रता से उसकी योनि में उबाल आने लगा। कामोद्दीपन के शिखर पर पहुँच कर कैसा महसूस होता है, आज उसको पहली बार महसूस हुआ था। वो छटपटाने लगी और उसकी योनि से कामरस छूट गया। ईशा ने मैं के होंठों को अपने मुँह में ले लिया, और उसकी कमर को अपनी टांगों में कस लिया। स्खलन के साथ ही ईशा की आहें निकलने लगी - आज अपने जीवन में पहली बार वो इस निर्लज्जता से आनंद ले रही थी। ईशा ने महसूस किया कि सम्भोग में वाकई पर्याप्त और अलौकिक सुख है। वो मुझ से बोली मुझे हमेशा ऐसे ही प्यार करते रहना अब मैं हमेशा के लिए तुम्हारी ही रहूंगी !
उधर मैं भी कमोवेश इसी हालत में था। मैं जल्दी जल्दी धक्के लगा रहा था। उसकी साँसें और दिल की धड़कन भी बढ़ने लगी थी। आवेश के कारण मेरे चेहरे पर लालिमा आ गई थी और महसूस कर लिया था कि मेरा स्खलन होने वाला है; और मैं अब ईशा को जोर जोर से चूम रहा था और उसके स्तनों को कुचल मसल रहा था। उसी समय मेरा लिंग ने भी अपना वीर्य ईशा की योनि में छोड़ना शुरू कर दिया। आश्चर्य है कि ईशा की योनि स्वतः संकुचन करने लगी कि जैसे मैं के लिंग से निकलने वाले प्रेम-रस का हर बूँद निचोड़ लेगी। मैं ने सात आठ आखिरी धक्के और लगाए, और ईशा के ऊपर ही गिर गया। मैंने ईशा को अपने आलिंगन में कस कर भर लिया, और कुछ देर उस पर ही लेटा रहा।
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार
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ईशा धीरे से बोली अपने बहुत देर लगा दी मैंने आपकी आँखो में मेरे लिए बहुत प्यार देखा है . .आप बहुत अच्छे इंसान हो आपको पाकर मैं बहुत खुश हूँ के मुझे आप जैसा चाहने वाला मिला है .. ईशा बोली अब मैं आपकी हूँ अब मैं आपको पूरा पाना चाहती हूँ .. आप मुझे जी भर कर प्यार करो ..
मैं ईशा को सुहाग के सेज़ पर ले गया और उसे बिठा दिया ..ईशा ने भी चुनरी को ओढ़ कर घूंघट कर लिया मैं बैड के पास आया और ईशा के पास बैठ गया। और उसका हाथ अपने हाथ में लेकर उनसे बातें करने लगा और बोला मेरी जान मैं तो तुम्हे पहली बार देख कर ही तुम्हारा दीवाना हो गया था
तो ईशा बोली हाँ मैंने भी देखा था आप मुझे मंदिर में ही घूरे जा रहे थे ..आपकी आँखे मेरे एक एक अंग को बहुत गौर से देख रही थी ऐसा लग रहा था आप मुझे जैसा नंगी कर देख रही थे ..
वो बोली जब आप पार्क में मेरी मदद को त्यार आये गए तभी आप मुझे पसंद आ गए थे इसीलिए मैं आप से लिपट गयी थी .. और सोच रही थी काश आप मुझे मिल जाओ तो मजा आ जाए . उसकी बाते सुन मेरा लंड कड़ा हो गया मैंने उससे पुछा तुम तो मान नहीं रही थी फिर मान गयी ?
तो वह बोली उसके बाद जब आपने अपना लंड का उभार दिखाया तो मैंने कहाः अब तड़पना ठीक नहीं है
तो मैंने कहा जब आप मेरा आखिरी प्रस्ताव सुन कर और मुस्कुराती हुई मुड़ कर दूसरी मेज जहाँ पर उसकी पेंटी पड़ी थी उस तरफ बढ़ गयी थी तो . मेरा दिल मेरे मुँह तक आ गया की मेरी पूरी मेहनत के बेकार हो गयी और मैं यही सोच रहा था की अब कभी भी मैं आप से नहीं मिल पाऊँगा .. मैं बहुत निराश हो गया था
फिर जब तुम मेज के पास पहुँच कर पीछे की और मुड़ी थी और मुझे देखने लगी तो मुझे फिर उम्मीद बंधी थी तो मैंने अपनी बाहे फैला कर उसे मेरे पास आने का निमंत्रण दिया था लेकिन जब तुम फिर मुड गयी और फिर वापिस अपनी पैंटी उठाने के नीचे झुकी तो मुझे लगा और ये किस्सा यही ख़त्म हो गया अब तुम पैंटी उठा कर बाहर चली जायेगी . और निराश होकर अपना सर नीचे झुका लिया था ..
फिर जब मैंने तुम्हारे चलने की आवाज सुनी तो मैंने सर उठाया और देखा तुमने बड़े सेक्सी अंदाज में अपनी पैंटी अपने मुँह में पकड़ी हुए मेरी तरफ देख रही थी कर बड़े शरारती तरीके से मुस्कुरा रही थी
तुमने मुझ से पूरा बदला लिया है तो ईशा बोली इसके लिए मैं आपसे माफ़ी चाहती हूँ और प्यार में थोड़ी छेड़छाड़ और सतां तडपाना तो चलता है इसीसे प्यार का पता भी चलता है और प्यार का मजा बढ़ जाता है .. आपने भी तो मुझे कैसे कैसे डराया था ..
..और फिर आप ही बताइये जब आपको पता चाला मैं राजी हूँ तो आपको कितना अच्छा लगा था और आप कैसे उछल गए थे और मुझे अपनी बाहों में भर लिया था ..
मैं बोला बिलकुल अंत भला तो सब भला अब तुम यह बताओ कि मुझे आपके साथ करना क्या है? तो उन्होंने शरमाते हुए मुझे अपनी बाहों में लिया और कहने लगी कि मेरे दीवाने आपको सब मालूम है
मैंने पुछा तुम त्यार हो .. तो वो बोली आप ही देर लगा रहे हो मैं तो कब से त्यार हूँ .. उसकी बात सुन कर मेरा लंड पूरा तन गया .
. ईशा लाल रंग के लहंगे चोली चुनरी और पूरी गहनों से लदी हुई थी. मैंने एक गुलाब का फूल दिया और कहा तुम्हारी खिदमत में पेशे खिदमत है गुलाब
बातें करते करते मैने अपना हाथ ईशा की जाँघ पर रख दिया। उसने कोई विरोध नहीं किया, फिर ईशा का घूंघट उठा कर मैंने बिस्तर से एक गजरा उठाया और उसको मसल कर उसके ओंठो पर अपने ऊँगली फेरने लगा ईशा मदहोश होने लगी .. अब मैंने अपने हाथों से उसका चेहरा उठाया और उसके गालों पर चूम लिया। उसने अपनी आँखे बन्द कर लीं। अब मैंने उसके होंठों पर चूमा।
उफ़ऽऽ !!
क्या गुलाब की पंखुड़ी जैसे मलाईदार होंठ थे। मैंने उसके होंठो को चूसना शुरु किया
फिर मैंने धीरे से उसके होंठो को चूमा, उफ उनकी खुशबू ही क्या सेक्सी थी? और मेरे चूमते ही उसकी सिहरन और उनके सोने के कंगनो की टकराहट से छन की आवाज़ मेरे लंड को फौलादी बना गयी थी. और धीरे धीरे अपने हाथ उसके शरीर पर चलाने लगा। उसकी साँसें तेज होने लगी। मैंने उसके उरोजों पर हाथ रखा और उनको दबाने लगा उसके मुँह से सी...। सी...॥ की अवाजें निकलने लगी।
फिर मैंने धीरे से उन्हें अपनी बाहों में लिया और उनके होंठो पर चूमना और अपनी जीभ से गीली चटाई शुरू कर दी. अब ईशा सिहरकर मुझसे लिपट गयी थी और उसकी 34D साईज की चूचीयां मेरे सीने से दब गयी थी.
फिर मैंने उत्तेजना में उन्हें जकड़कर अपनी बाहों में मसल डाला. तो ईशा ने कहा कि मेरी जान धीरे करो बहुत दर्द होता है. आज तक मुझे ऐसे किसी ने नहीं छुआ है .. भगवान् ने मेरा ये सब तुम्हारे लिए ही बचा कर रखा था फिर मैंने उनके गालों पर अपनी जीभ फैरनी चालू कर दी और फिर उसके ऊपर के होठों को चूमता हुआ, उनके नाक पर अपनी जीभ से चाट लिया. अब ईशा उत्तेजित हो चुकी थी और सिसकारियां भरती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी. अब में उनके चेहरे के मीठे स्वाद को चूसते हुए उनकी गर्दन को चूमने, चाटने लगा था और मेरे ऐसा करते ही वो सिसकारी लेती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी.
कौमार्य
अब में ईशा के चोली के ऊपर से ही उसके बूब्स को दबाने लगा था. अब उनके मांसल बूब्स दबाने से वो सिहरने, सिकुड़ने और छटपटाने लगी थी
जिससे मैंने जोश में आकर उसकी चुनरी और चोली को उतार दिया उसने ब्रा नहीं पहन रखी थी भगवान् ने उसे क्या खूबसूरती से बनाया था? अब मेरा लंड तनकर पूरा खड़ा हो गया था और उसका सुडोल, चिकना, गोरा बदन, मेरी बाहों में सिर्फ़ लहंगे में था.
अब उनके होंठो को किस करते हुए उनके मुँह का स्वाद और उनके थूक का मीठा और सॉल्टी टेस्ट मुझे मदधहोश कर रहा था. अब उनकी आहें भरने की सेक्सी आवाज़ और नंगे जिस्म पर आभूषण मेरे लंड के लिए एक वियाग्रा की गोली से कम नहीं थे. फिर वो उत्तेजना से सिसकारी भरते हुए बोली कि ओह मेरे राजा मुझ पर ये क्या हुआ? मुझे मसल दो, मुझ पर छा जाओ, मुझे अब और मत तड़पाओ, आओ मेरे राजा मेरी प्यास बुझा दो.
अब उनकी हालत देखकर मैंने भी सोचा कि देर करना उचित नहीं है और उसके कपडे उतार दिए , क्या मस्त माल था? थैंक यू गॉड , शुक्रिया. फिर मैंने सिर्फ़ गहनों में लदी ईशा के पेट की अपनी जीभ से ही चुदाई कर डाली, सपाट पेट, लहराती हुई कमर, गहरी नाभि और बूब्स पर तनी हुई निपल्स, आँखे अधमुंदी चेहरा और गला मेरे चाटने के कारण गीला और शेव्ड हल्के गुलाबी रंग की चूत, केले के खंभे जैसी जांघे और गोरा बदन.
फिर ०वो बोली ये गहने तो मैंने चूमते चूमते सारे गहने भी उतार दिए अब वो बिलकुल नग्न थे मेरे सामने और स्तनों की गोलाइयाँ, चूचकों का गुलाबी रंग, शरीर का कटाव, कमर का लोच, नितंब का आकार - कुछ भी नहीं छुप रहा था
अब मेरा मन तो कर रहा था कि बस चूमता, चाटता रहूँ और अपनी बाहों में जकड़ कर मसल डालूँ और जिंदगी भर ऐसे ही पड़ा रहूँ और उफ क्या-क्या नहीं करूँ? और फिर अपनी जीभ उनकी चूत पर लगाकर उनकी चूत को चाटने लगा. तो वो उछल पड़ी और मेरे बालों को अपने हाथ में लेकर सिसकारी भरने लगी और बड़बडाने लगी मेरी 18 साल की कुँवारी चूत की प्यास तूने आज और भड़का दी है.
फिर वो मेरी जीभ की मस्त चटाई में ही झड़ गई और मेरे बालों को कसकर पकड़कर मेरे होठों को चूसने लगी. फिर में उठकर उनकी जाँघो के बीच में आ गया और अपने मुँह में उनकी निपल्स लेते हुए अपनी एक उंगली उनकी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा, लेकिन उनकी टाईट चूत बहुत सख्त और तंग थी और मेरी कोशिश पर ईशा चीखने लगती थी, लेकिन बड़ी मुश्किल से मेरी 1-2 उंगली उनकी चूत में अंदर जा पाई.
मैंने अपने कपडे उतार डाले और ईशा मेरा बड़ा लंड देख कर बोली अरे ये तो बहुत बड़ा है ये तो मेरी दुर्गति कर देगा .. तो मैंने कहा दुर्गति नहीं ईशा बहुत मजे देगा .
फिर मैंने ईशा से कहा कि बस एक बार दर्द होगा, मैं भी आराम से करूंगा और तुम जो दर्द हो उसको बर्दाश्त कर लेना फिर सारी जिंदगी मस्ती ले पाओगी. फिर मैंने उनको चूमते हुए और बूब्स दबाते हुए अपना लंड उनकी चूत के मुँह पर सेट किया और उसकी चूमता चाटता रहा. अब उसकी सुगंध से मेरा लंड जो कि अब पूरा 9 इंच लंबा और 3 इंच मोटा हो गया था, फंनफना कर ईशा की चूत में घुसने की कोशिश करने लगा था.
फिर बड़ी मुश्किल से धक्का लगाने पर मेरा लंड 2 इंच अंदर घुसा तो ईशा की चीख निकल पड़ी, रज्जज्ज आईईईईईईईई दर्द उउउउइईईईईई हो रहा है और और उसकी हथेलियों को अपनी हथेली से दबाते हुए उनकी चूत पर एक ज़ोर का शॉट मारा और मेरा लंड 2 इंच अंदर घुस गया. अब दर्द से दोहरी ईशा ओह ओह कहकर चीखने लगी और छटपटाने लगी थी. फिर मैंने उसकी चीखों की परवाह किए बिना एक ज़ोर का धक्का और मारा तो मेरा फनफनाता हुआ लंड उसकी चूत की झिल्ली को फाड़ता हुआ 5 इंच अंदर घुस गया.
अब वो ओह ओह कहकर ज़ोर से चिल्लाने लगी थी और चीखने लगी थी, आआईईईईई रे , मैं धीरे से उसे सहलाने लगा और चूमने लगा और अपना लंड 2 इंच बाहर निकालकर फिर से एक ज़ोर का शॉट मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ चूत की जड़ में समा गया. कौमार्य भेदन हो गया था कुछ देर ऐसे ही उसके ऊपर लेटा हुआ उसे चूमता और उसके स्तनों के सहलाता रहा
कौमार्य भेदन के बाद ही सम्भोग का असली आनंद आता है। मतलब, जो बुरा होना था, वो हो चुका। अब वो इस क्षणिक दुःख दर्द को भूल कर उन्मुक्त भाव से सम्भोग के सुख को भोगना चाहती थी। उसको चूमते सहलाते हुए मैं कह रहा था,
“बस बस… हो गया… हो गया… अब और दर्द नहीं होगा।”
यह कह कर मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए। हर धक्के के साथ ईशा की जाँघें और खुलती जातीं और अंततः उतनी खुल गईं, जितना कि वो खोल सकती थी। कुछ देर के बाद, मैंने धक्कों की गति कुछ और बढ़ा दी। ईशा का दर्द पूरी तरह ख़त्म तो नहीं हुआ, लेकिन कम ज़रूर हो गया था। मैं ईशा को पूरी तरह भोग रहा था - उसके स्तनों को अपने हाथों से; उसके होंठों को अपने होंठों से; और उसकी योनि को अपने लिंग से। ईशा पुनः रति-निष्पत्ति के चरम पर पहुँच गई थी और उसकी देह कांपने लगी।
“आह….”
उधर मैं लयबद्ध तरीके से धक्के लगाए जा रहा था। साथ ही साथ ईशा को चूमता भी जा रहा था। उसने महसूस किया कि ईशा की साँसे उखड़ने लगी और देह थिरकने लगी। ईशा ने महसूस किया कि पहले जैसा ही, लेकिन अधिक तीव्रता से उसकी योनि में उबाल आने लगा। कामोद्दीपन के शिखर पर पहुँच कर कैसा महसूस होता है, आज उसको पहली बार महसूस हुआ था। वो छटपटाने लगी और उसकी योनि से कामरस छूट गया। ईशा ने मैं के होंठों को अपने मुँह में ले लिया, और उसकी कमर को अपनी टांगों में कस लिया। स्खलन के साथ ही ईशा की आहें निकलने लगी - आज अपने जीवन में पहली बार वो इस निर्लज्जता से आनंद ले रही थी। ईशा ने महसूस किया कि सम्भोग में वाकई पर्याप्त और अलौकिक सुख है। वो मुझ से बोली मुझे हमेशा ऐसे ही प्यार करते रहना अब मैं हमेशा के लिए तुम्हारी ही रहूंगी !
उधर मैं भी कमोवेश इसी हालत में था। मैं जल्दी जल्दी धक्के लगा रहा था। उसकी साँसें और दिल की धड़कन भी बढ़ने लगी थी। आवेश के कारण मेरे चेहरे पर लालिमा आ गई थी और महसूस कर लिया था कि मेरा स्खलन होने वाला है; और मैं अब ईशा को जोर जोर से चूम रहा था और उसके स्तनों को कुचल मसल रहा था। उसी समय मेरा लिंग ने भी अपना वीर्य ईशा की योनि में छोड़ना शुरू कर दिया। आश्चर्य है कि ईशा की योनि स्वतः संकुचन करने लगी कि जैसे मैं के लिंग से निकलने वाले प्रेम-रस का हर बूँद निचोड़ लेगी। मैं ने सात आठ आखिरी धक्के और लगाए, और ईशा के ऊपर ही गिर गया। मैंने ईशा को अपने आलिंगन में कस कर भर लिया, और कुछ देर उस पर ही लेटा रहा।
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार
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