30-05-2022, 04:57 AM
मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ
भाग 38
ज़ीनत आपा की मदहोश अदा
कुछ न पहने होने की वज़ह से ज़ीनत आपा की मोटी मुलायम और गुदाज रान अपनी पूरी आबो ताब के साथ मेरी भूखी और प्यासी आंखों के सामने नीम नंगी हो रही थी। उसी कमरे में लगे शीशे में ज़ीनत आपा को अपना अक्स नजर आया और उन्होंने अपनी मुलायम रानों पर एक नज़र दौड़ाई, तो उन्हें अपनी सुहागरात का वाक़्या याद आ गया। जब मैंने पहली बार उनकी गान्ड और चूतड़ों पर बड़े ज़ोर और जोश से काटा था।
एक अरसा गुज़र जाने के बावजूद जीनत आपा को अपने दूल्हे के दांतों की चुभन अपनी गान्ड की पहाड़ी पर महसूस हो रही थी।
जीनत आपा ने अपना एक हाथ पीछे लेजा कर अपनी गान्ड घुमा कर और थोड़ी तिरछी हो कर शीशे में अपनी गान्ड को देखने लगी। कि कहीं मेरे "काटने" का निशान अब भी उनकी गान्ड की पहाड़ी पर बाक़ी तो नही।
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मैं उनकी जांघो और चूत को घूरने लगा तो ज़ीनत आपा ने शर्मा कर अपनी जांघो को सिकोड़ कर जोड़ लिया और तक टांग मोड़ कर अपनी चूत छुपाने लगी इनकी इस अदा ने मेरा दिल और लंड को घायल कर दिया। अपनी आपा को यूं अपनी गान्ड का जायज़ा लेता देख कर कमरे से बाहर खड़े खड़े मेरे होश की उड़ गये और मेरा लंड पहले से ज़्यादा रफ़्तार से फ़न फनाने लगा।
फिरजीनत आपा ने ड्रेसिंग टेबल से स्किन माय्स्चर क्रीम उठाई.और एक-एक कर के अपनी दोनों गुदाज रानों और लंबी-लंबी टांगों पर क्रीम लगाने लगी।
मैं अपनी बड़ी बेगम जो की शानदार और मस्त मचलती जवानी को देख कर मस्ती से बेक़रार हो रहा था।
आज ज़ीनत आपा की रसभरी जवानी एक अनोखा ही रस दे रही थी।
"हाये! मेरी जीनत मेरी जान! आपा अगर आप मुझे इजाज़त दो, तो में अपने लंड की टोपी पर क्रीम लगा कर तुम्हारी मोटी रानो पर अपने लंड से मालिश कर दू" कमरे में अपनी ज़ीनत आपा को अपनी गरम और मोटी रानों पर क्रीम से भरे हाथ फेरते देख कर गरम होते हुए मैंने मन में कहा।
फिर मेरे देखते ही देखते जीनत आपा ने एक बहुत ही मदहोश अंगड़ाई ली और मेरी तीनो छोटी बेगमे अर्शी जूनि और रुखसार उनकी और देखने लगी।
ज़ीनत की-की इस अंगड़ाई से उस के मोटे और बड़े मम्मे ऊपर की तरफ़ छलक उठे। तो मैं ज़ीनत आपा बहन की इस मदहोश अदा से मज़ीद गरम और बेचैन हो गया।
मदहोश करने वाली इस अंगड़ाई को देख कर किसी भी मर्द के लिए ख़ुद पर काबू रखना एक ना मुमकिन बात होती। बिल्कुल ये ही हॉल मेरा भी ज़ीनत आपा के जवान बदन को देख कर उस वक़्त हो रहा था। फिर मैंने अपनी चारो कजिन्स के बदन पर नजर डाली और मेरा लंड अपनी कजिन्स के बदन के खूबसूरत नज़ारे से फुल मस्ती में आया हुआ था। और उनके बारे में सोच-सोच कर मैं बहुत गरम हो रहा था। और मेरे हाथ मेरे खड़े लंड पर आहिस्ता-आहिस्ता फिसल रहे थे।
" ओह क्या मस्त मम्मे हैं मेरी कजिन्स के और क्या शानदार टाइट चूते है, हाय!
"चलो अब चारो अपने घुटनों के बल बैठो" , मैंने दृढ़ता से कहा। जब उन्होंने ऐसा किया तो मैं उनके सामने खड़ा हो गया।
अर्शी ने उत्साह से कहा, " मैं, मैं। मैं। पहले मैं! और वह सबको धकेल कर आगे बढ़ी और जीनत गिरते-गिरते बची और अर्शी ने मेरे लंड के चारों ओर अपना हाथ लपेट लिया और अपने होंठ मेरे लंड के सर पर रख कर लंड को लगभग तीन इंच अंदर ले गई। तभी जूनि भी आगे हो गयी और उसने मेरे लंड को कसकर पकड़ लिया और उसे सहलाया। । तभी रुखसार आगे आयी और उसने अर्शी और जूनि के सर और हाथो को पीछे किया और लंड को चूमने लगी । और फिर अर्शी बोली जूनि और रुखसार पहले मैं आयी थी तुम्हे मुझे क्यों हटाया और तीनो में छोटा-सा युद्ध शुरू हो गया ।
मैंने कहा तीनो रुक जाओ और ज़ीनत आपा आप पहले आओ और अर्शी जूनि और रुखसार हालांकि तुम तीनो मुझे बराबर अजीज हो और मैंने तुम तीनो को अपने प्यार का बरारबर हिस्सा दूंगा लेकिन तुम तीनो ने फिर से झगड़ा किया है । मैंने तुम्हे पहले भी झगड़ा करने से मना किया था और तुमने जीनत आपा को भी धकेला है इसलिए अब तुम तीनो को पहले सजा मिलेगी तुम तीनो आपस में भी लड़ती हो इसलिए अब तुम्हारी चुदाई नहीं होगी l
तो तीनो एकदम तड़प उठी और मुझसे माफी मांगने लगी और बोली अब कभी नहीं लड़ेंगी और तुम जो कहोगे वही करेंगी l
यह सुनकर मेरे होंठ मुस्कुरा उठे l
तो मैंने कहा ज़ीनत आपा तुम सब से बड़ी हैं तुम्हे उनसे माफ़ी मांगनी चाहिए और उनका हुक्म मानना होगा ।
तो तीनो ज़ीनत आपा से माफ़ी मांगने लगी
तो मैंने कहा की ज़ीनत आपा के पैर चुम कर उनसे माफ़ी मांगो तो तीनो ने ज़ीनत आपा के पैर चूमने चाहे तो उन्होंने तीनो को रोक दिया और उन्हें गला लगा लिया । मैंने कहा सीखो तुम आपा से और अब वादा करो को उनकी सब बात मानोगी ।
ज़ीनत आपा बोली तो तुम तीनो को वादा करना होगा l
पहला कभी आपस में नहीं लड़ोगी और मिल कर रहोगी l
तीनो बोली हमें कबूल है अब आपस में कभी नहीं लड़ेंगी कभी ज़ीनत आपा से भी नहीं लड़ेंगी l
ज़ीनत फिर बोली दूसरा तुम सलमान की भी सभी बातें मानोगी l
तीनो बोली हमें कबूल है सलमान भाई की सब बाते मानेंगी और सलमान भाई की ख़ुशी में ही हमारी ख़ुशी होगी l
तीनो आगे बोली हमें कबूल है सलमान की सब बाते मानेंगी पर एक शर्त है सलमान भाई कभी भी हमें चोदना बंद नहीं करेंगे।
तो मैंने कहा तुम चारो बहुत प्यारी हो । मैं भी वादा करता हूं अब तुम सब को कभी मेरी चुदाई के लिए तरसना नहीं पड़ेगा l बस तुम ज़ीनत आपा की सब बाते मानना और उन तीनो को अपने गले लगा लियाl ज़ीनत आपा भी हमारे साथ में चिपक गयी l मैंने चारो को बारी-बारी किश किया ।
फिर अर्शी की टांगो
के बीच मेरा लंड घुस गया था उसने मेरे लंड को कसकर पकड़ लिया और उसे सहलाया।
मैंने जल्द ही लंड उससे दूर खींच लिया। "आपको अपनी बहनो के साथ साझा करना होगा। चिंता न करो मेरा वादा है आपको अपना हिस्सा मिलेगा।"
अगले कई मिनटों तक, मैं चार आकर्षक और बहुत उत्साही में सबसे पहले अपना लंड चूसवाने के लिए जीनत आपा के पास गया । वह मेरे विशाल लंड को अपने गले में पूरा ले गयी।
ज़ीनत आपा ने मेरे लंड पकड़कर मुहं में ले लिया और कसे ओठो के साथ पूरा अन्दर लेती चली गयी।
एक दो बार सुपाडा चाटने के बाद जीनत आपा ने थोड़े और ओठ चौड़े किये और मुहं खोला। धीरे से मेरे लंड के सुपाडे के चारो ओर ओठो का घेरा बना लिया। लार से सनी लसलसी जीभ अब सुपाडे के चारो ओर घूम रही थी।
मेरी कामुक कराहे उसकी उत्तेजना के साथ बढ़ रही थी, उसके नितम्ब बढ़ती उत्तेजना के कारन ऐठ रहे थे। जीनत अपने हाथ को फिर से लंड की जड़ में ले गयी और लंड के सुपाडे के थोड़ा-सा और मुहं के अन्दर ठेल दिया, देखते ही देखते, लाल सुपाडा ज़ीनत के गीले और गरम मुहं में समा गया। जैसे ही ज़ीनत ने लार से भरा मुहं से मेरी कमर के झटके से हिलते लंड के सुपाडे को पहली बार चूसा, मेरे मुहं से हल्की-सी मादक आह निकल गयी।
ज़ीनत की लार से सनी गुनगुनी जीभ मेरे फूले हुए टमाटर की तरह लाल हो चुके सुपाडे के चारो तरफ नाच रही थी बीच-बीच में मुहं खोलकर ज़ीनत अपनी लम्बी जीभ लंड पर फिराती हुई नीचे की तरह ले जाती और फिर शरारतपूर्ण तरीके से वापस मुहं में ले आती।
ज़ीनत मेरे लंड के सुपाडे पर जीभ फिर रही थीऔर सुपाडे को जीभ से चाट रही थी जैसे कोई लोलीपोप चूसता है।
उसके बाद ज़ीनत ने मेरे सुपाडे को कसकर ओठो से जकड लिया। ओठ बंद करके सुपाडा चूसने लगती, जैसे बच्चे टॉफी चूसते है और धीरे-धीरे अपना सर हिलाने लगी, मैं कामुक लम्बी कराहे भर रहा था।
कहानी जारी रहेगी
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भाग 38
ज़ीनत आपा की मदहोश अदा
कुछ न पहने होने की वज़ह से ज़ीनत आपा की मोटी मुलायम और गुदाज रान अपनी पूरी आबो ताब के साथ मेरी भूखी और प्यासी आंखों के सामने नीम नंगी हो रही थी। उसी कमरे में लगे शीशे में ज़ीनत आपा को अपना अक्स नजर आया और उन्होंने अपनी मुलायम रानों पर एक नज़र दौड़ाई, तो उन्हें अपनी सुहागरात का वाक़्या याद आ गया। जब मैंने पहली बार उनकी गान्ड और चूतड़ों पर बड़े ज़ोर और जोश से काटा था।
एक अरसा गुज़र जाने के बावजूद जीनत आपा को अपने दूल्हे के दांतों की चुभन अपनी गान्ड की पहाड़ी पर महसूस हो रही थी।
जीनत आपा ने अपना एक हाथ पीछे लेजा कर अपनी गान्ड घुमा कर और थोड़ी तिरछी हो कर शीशे में अपनी गान्ड को देखने लगी। कि कहीं मेरे "काटने" का निशान अब भी उनकी गान्ड की पहाड़ी पर बाक़ी तो नही।
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मैं उनकी जांघो और चूत को घूरने लगा तो ज़ीनत आपा ने शर्मा कर अपनी जांघो को सिकोड़ कर जोड़ लिया और तक टांग मोड़ कर अपनी चूत छुपाने लगी इनकी इस अदा ने मेरा दिल और लंड को घायल कर दिया। अपनी आपा को यूं अपनी गान्ड का जायज़ा लेता देख कर कमरे से बाहर खड़े खड़े मेरे होश की उड़ गये और मेरा लंड पहले से ज़्यादा रफ़्तार से फ़न फनाने लगा।
फिरजीनत आपा ने ड्रेसिंग टेबल से स्किन माय्स्चर क्रीम उठाई.और एक-एक कर के अपनी दोनों गुदाज रानों और लंबी-लंबी टांगों पर क्रीम लगाने लगी।
मैं अपनी बड़ी बेगम जो की शानदार और मस्त मचलती जवानी को देख कर मस्ती से बेक़रार हो रहा था।
आज ज़ीनत आपा की रसभरी जवानी एक अनोखा ही रस दे रही थी।
"हाये! मेरी जीनत मेरी जान! आपा अगर आप मुझे इजाज़त दो, तो में अपने लंड की टोपी पर क्रीम लगा कर तुम्हारी मोटी रानो पर अपने लंड से मालिश कर दू" कमरे में अपनी ज़ीनत आपा को अपनी गरम और मोटी रानों पर क्रीम से भरे हाथ फेरते देख कर गरम होते हुए मैंने मन में कहा।
फिर मेरे देखते ही देखते जीनत आपा ने एक बहुत ही मदहोश अंगड़ाई ली और मेरी तीनो छोटी बेगमे अर्शी जूनि और रुखसार उनकी और देखने लगी।
ज़ीनत की-की इस अंगड़ाई से उस के मोटे और बड़े मम्मे ऊपर की तरफ़ छलक उठे। तो मैं ज़ीनत आपा बहन की इस मदहोश अदा से मज़ीद गरम और बेचैन हो गया।
मदहोश करने वाली इस अंगड़ाई को देख कर किसी भी मर्द के लिए ख़ुद पर काबू रखना एक ना मुमकिन बात होती। बिल्कुल ये ही हॉल मेरा भी ज़ीनत आपा के जवान बदन को देख कर उस वक़्त हो रहा था। फिर मैंने अपनी चारो कजिन्स के बदन पर नजर डाली और मेरा लंड अपनी कजिन्स के बदन के खूबसूरत नज़ारे से फुल मस्ती में आया हुआ था। और उनके बारे में सोच-सोच कर मैं बहुत गरम हो रहा था। और मेरे हाथ मेरे खड़े लंड पर आहिस्ता-आहिस्ता फिसल रहे थे।
" ओह क्या मस्त मम्मे हैं मेरी कजिन्स के और क्या शानदार टाइट चूते है, हाय!
"चलो अब चारो अपने घुटनों के बल बैठो" , मैंने दृढ़ता से कहा। जब उन्होंने ऐसा किया तो मैं उनके सामने खड़ा हो गया।
अर्शी ने उत्साह से कहा, " मैं, मैं। मैं। पहले मैं! और वह सबको धकेल कर आगे बढ़ी और जीनत गिरते-गिरते बची और अर्शी ने मेरे लंड के चारों ओर अपना हाथ लपेट लिया और अपने होंठ मेरे लंड के सर पर रख कर लंड को लगभग तीन इंच अंदर ले गई। तभी जूनि भी आगे हो गयी और उसने मेरे लंड को कसकर पकड़ लिया और उसे सहलाया। । तभी रुखसार आगे आयी और उसने अर्शी और जूनि के सर और हाथो को पीछे किया और लंड को चूमने लगी । और फिर अर्शी बोली जूनि और रुखसार पहले मैं आयी थी तुम्हे मुझे क्यों हटाया और तीनो में छोटा-सा युद्ध शुरू हो गया ।
मैंने कहा तीनो रुक जाओ और ज़ीनत आपा आप पहले आओ और अर्शी जूनि और रुखसार हालांकि तुम तीनो मुझे बराबर अजीज हो और मैंने तुम तीनो को अपने प्यार का बरारबर हिस्सा दूंगा लेकिन तुम तीनो ने फिर से झगड़ा किया है । मैंने तुम्हे पहले भी झगड़ा करने से मना किया था और तुमने जीनत आपा को भी धकेला है इसलिए अब तुम तीनो को पहले सजा मिलेगी तुम तीनो आपस में भी लड़ती हो इसलिए अब तुम्हारी चुदाई नहीं होगी l
तो तीनो एकदम तड़प उठी और मुझसे माफी मांगने लगी और बोली अब कभी नहीं लड़ेंगी और तुम जो कहोगे वही करेंगी l
यह सुनकर मेरे होंठ मुस्कुरा उठे l
तो मैंने कहा ज़ीनत आपा तुम सब से बड़ी हैं तुम्हे उनसे माफ़ी मांगनी चाहिए और उनका हुक्म मानना होगा ।
तो तीनो ज़ीनत आपा से माफ़ी मांगने लगी
तो मैंने कहा की ज़ीनत आपा के पैर चुम कर उनसे माफ़ी मांगो तो तीनो ने ज़ीनत आपा के पैर चूमने चाहे तो उन्होंने तीनो को रोक दिया और उन्हें गला लगा लिया । मैंने कहा सीखो तुम आपा से और अब वादा करो को उनकी सब बात मानोगी ।
ज़ीनत आपा बोली तो तुम तीनो को वादा करना होगा l
पहला कभी आपस में नहीं लड़ोगी और मिल कर रहोगी l
तीनो बोली हमें कबूल है अब आपस में कभी नहीं लड़ेंगी कभी ज़ीनत आपा से भी नहीं लड़ेंगी l
ज़ीनत फिर बोली दूसरा तुम सलमान की भी सभी बातें मानोगी l
तीनो बोली हमें कबूल है सलमान भाई की सब बाते मानेंगी और सलमान भाई की ख़ुशी में ही हमारी ख़ुशी होगी l
तीनो आगे बोली हमें कबूल है सलमान की सब बाते मानेंगी पर एक शर्त है सलमान भाई कभी भी हमें चोदना बंद नहीं करेंगे।
तो मैंने कहा तुम चारो बहुत प्यारी हो । मैं भी वादा करता हूं अब तुम सब को कभी मेरी चुदाई के लिए तरसना नहीं पड़ेगा l बस तुम ज़ीनत आपा की सब बाते मानना और उन तीनो को अपने गले लगा लियाl ज़ीनत आपा भी हमारे साथ में चिपक गयी l मैंने चारो को बारी-बारी किश किया ।
फिर अर्शी की टांगो
के बीच मेरा लंड घुस गया था उसने मेरे लंड को कसकर पकड़ लिया और उसे सहलाया।
मैंने जल्द ही लंड उससे दूर खींच लिया। "आपको अपनी बहनो के साथ साझा करना होगा। चिंता न करो मेरा वादा है आपको अपना हिस्सा मिलेगा।"
अगले कई मिनटों तक, मैं चार आकर्षक और बहुत उत्साही में सबसे पहले अपना लंड चूसवाने के लिए जीनत आपा के पास गया । वह मेरे विशाल लंड को अपने गले में पूरा ले गयी।
ज़ीनत आपा ने मेरे लंड पकड़कर मुहं में ले लिया और कसे ओठो के साथ पूरा अन्दर लेती चली गयी।
एक दो बार सुपाडा चाटने के बाद जीनत आपा ने थोड़े और ओठ चौड़े किये और मुहं खोला। धीरे से मेरे लंड के सुपाडे के चारो ओर ओठो का घेरा बना लिया। लार से सनी लसलसी जीभ अब सुपाडे के चारो ओर घूम रही थी।
मेरी कामुक कराहे उसकी उत्तेजना के साथ बढ़ रही थी, उसके नितम्ब बढ़ती उत्तेजना के कारन ऐठ रहे थे। जीनत अपने हाथ को फिर से लंड की जड़ में ले गयी और लंड के सुपाडे के थोड़ा-सा और मुहं के अन्दर ठेल दिया, देखते ही देखते, लाल सुपाडा ज़ीनत के गीले और गरम मुहं में समा गया। जैसे ही ज़ीनत ने लार से भरा मुहं से मेरी कमर के झटके से हिलते लंड के सुपाडे को पहली बार चूसा, मेरे मुहं से हल्की-सी मादक आह निकल गयी।
ज़ीनत की लार से सनी गुनगुनी जीभ मेरे फूले हुए टमाटर की तरह लाल हो चुके सुपाडे के चारो तरफ नाच रही थी बीच-बीच में मुहं खोलकर ज़ीनत अपनी लम्बी जीभ लंड पर फिराती हुई नीचे की तरह ले जाती और फिर शरारतपूर्ण तरीके से वापस मुहं में ले आती।
ज़ीनत मेरे लंड के सुपाडे पर जीभ फिर रही थीऔर सुपाडे को जीभ से चाट रही थी जैसे कोई लोलीपोप चूसता है।
उसके बाद ज़ीनत ने मेरे सुपाडे को कसकर ओठो से जकड लिया। ओठ बंद करके सुपाडा चूसने लगती, जैसे बच्चे टॉफी चूसते है और धीरे-धीरे अपना सर हिलाने लगी, मैं कामुक लम्बी कराहे भर रहा था।
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