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Adultery मेरे अंतरंग हमसफ़र - मेरे दोस्त रजनी के साथ रंगरलिया
#7
मेरे अंतरंग हमसफ़र -

मेरे दोस्त रजनी के साथ रंगरलिया

UPDATE 06



'ओह रजनी, तुम बहुत अच्छे हो । मैं इस तरह पहले कभी नहीं झड़ी , 'तनु ने हांफते हुए कहा।

हम दोनों लड़कियों की योनी से हट गए और वीर्य से टपकते अपने लंड के साथ खड़े हो गए। तनु ने रजनी को उसकी ओर इशारा किया और उसका लंड तब तक चूसा जब तक कि वह फिर से खड़ा नहीं हो गया। उसकी देखा देखि नीरा भी मेरा लंड और वीर्य चाट गयी .

' रजनी, अब नीरा को चोदो और अपनी पुरानी इच्छा पूरी करो, 'तनु हंस पड़ी।

रजनी नीरा के पास गया जो फिर से अपनी आँखें बंद करके बिस्तर पर लेटी हुई थी। रजनी ने उसकी टखनों को पकड़ लिया और अपने पैरों को अपने कंधों पर रखकर अपना लंड उसकी चुत में ठोक दिया। नीरा हैरान रह गई।

'आयआयययययीईईईईईईई ', वह जोर से चिल्लाई। तनु की आँखों में फिर से एक जंगली चमक नज़र आ गई। उसने मुझे मेरे लंड से पकड़ लिया और मुझे अपने पास खींच लिया। बस उसके स्पर्श ने मेरे लंड को फिर से खड़ा कर दिया ।

'दीपक, अब जितना हो सके मुझे चोदो,' तनु चिल्लाई।

मैं इस पल का सालों से इंतजार कर रहा था। " उसने मुझे ऊपर से नीचे तक देखा और अपने होंठों पर जीभ फ़िरायी।

तनु ने मुझे खींच कर अपने सीने से लगा लिया और मेरे होंठों पर अपने गुलाबी नरम होंठ रख दिये। मेरी जीभ उसके होंठों को एक दूसरे से अलग कर तनु के मुँह में प्रवेश कर गयी। मैं इसके मुँह का कोई कोना अपनी जीभ फिराये बिना नहीं छोड़ना चाहता था। एक हाथ से मैं उसके बदन को अपने सीने पर भींचे हुए था और दूसरे हाथ को उसकी पीठ पर फेर रहा था। अचानक मैंने उसके चूत्तड़ों को पकड़ कर जोर से दबा दिया और अपने से सटा लिया। मैंने लंड को उसकी चूत के ऊपर सटा हुआ दिया । उसने मुझे पल भर के लिये छोड़ा मैंने उसके दोनों बूब्स को पकड़ कर जोर से मसल दिया। इतनी जोर से मसला कि उसके मुँह से "आआआआहहहह" निकल गयी। और निप्पलों को पकड़ कर जोर-जोर से मसलने लगा। "ऊओफफफफ प्लीज़ज़ज़.... प्लीज़ धीरे करो” तनु ने दर्द से तड़पते हुए कहा।

फिर मैं उसकी एक छाती को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा , मैं उसके शरीर के नीचे के हिस्सों पर हाथ फिरा रहा था। कभी उसके चूत्तड़ों पर चिकोटी काटता तो कभी चूत के ऊपर हाथ फेरता। फिर ,मैंने एक झटके से अपनी दो मोटी-मोटी अँगुलियाँ उसकी चूत में डाल दीं और तनु को चिहुँक उठने को मजबूर कर दिया। उसकी चूत बिलकुल गीली थी पहली बार मैं उसके बदन से खेल रहा था वो पहले से गर्म थिए और अब उसका और भी शरीर गरम होने लगा।

मैंने उसे बिस्तर पर पटक दिया और चूत के होंठों के बीच लंड की सटा दिया . फिर मैंने धीरे -धीरे तनु की चूत पर दबाव डाला। मगर मेरा लंड इतना मोटा था कि अंदर ही नहीं घुस पा रहा था। उसकी चूत से बह रहे रस और कुछ गुरु के रस से वो जगह चिकनी हो रही थी। दबाव बढ़ता गया मगर बार-बार लंड फ़िसल जाता था।

"तेल लाऊँ" रूबी जो सब देख रही थी उसने पूछा। " तेल लगाने से तो आराम से अंदर चला जायेगा। फिर क्या मजा आयेगा। मैं तो इसे भी चींखते हुए देखना चाहता हूँ।" मैंने बिस्तर की चादर से तनु की चूत को साफ किया । एक अँगुली में चादर का कोना पकड़ कर चूत के अंदर भी साफ़ कर दिया। अब तनु की चूत सूखी हो गयी। इस बार अपनी अँगुलियों से चूत के मुँह को फैला कर अपने लंड के टोपे को वहाँ लगाया और अपने शरीर का पूरा वजन तनु के ऊपर डाल दिया। अब लंड मेरी चूत के दीवारों को छीलता हुआ अंदर जाने लगा। तनु जोर-जोर से चींखने लगी "ओह्हहहह उहहहहऊऊऊऊऊ..... माँआआआआआ... मर गयीईईईईईई मुझे कोईईईईईई बचाओओ ऊऊऊऊऊऊऊहहहहह नहींईंईंईंईं!" मैंने उसे उसे चोदना शुरू कर दिया था ।

'ओओओओ , वह कराह उठी, दीपक, तुम्हारा बहुत बड़ा है । मुझे ऐसा लग रहा है जैसे तुम फिर से मेरी सील फाड़ रहे हो ।'

मेरा लंड इतना मोटा था कि तनु की चूत की चमड़ी मेरे लंड पर चिपक सी गयी थी। कुछ देर तक इसी तरह रहने के बाद जैसे ही मैं अपने लंड को बाहर खींचने लगा तो तनु छटपटाने लगी। मैंने देखा कि रजनी नीरा को चोद रहा था । फिर मैं तेज-तेज धक्के मारने लगा। उसके हर धक्के से तनु की जान निकल रही थी। लेकिन कुछ ही देर में दर्द खतम हो गया और मुझे भी मजा आने लगा। तनु भी नीचे से अपनी कमर उछालने लगी। आधे घंटे तक इस तरह से चोदता रहा। इस बीच तनु एक बार झड़ गयी ।

मैं भी तेजी से आगे बढ़ने लगा और जल्द ही तनु चिल्ला उठी, ' चोदो !जोर से करो ! बहुत अच्छा है। मुझे तेज तेज चोदो'।

हमारे स्ट्रोक की लय में दोनों लड़कियों के कूल्हे हिलने लगे। देखने लायक नजारा था। जल्द ही तनु फिर से झड़ गई और जोर से चीखने लगी 'दीपक, मैं गई ! कंमींणणगगगगगग '।

लेकिन अगले पाँच मिनट में मेरा बदन सख्त हो गया।मेरे हाथ उसकी चूँचियों पर गड़ गये। मैंने उसके निप्पलों को पकड़ कर अपनी और खींचा। वो मेरे सीने पर लेट गयी। मैंने उसके होंठ पर अपने होंठ रख दिये और कुछ और झटके के बाद मैंने तनु की योनी में अपना बीज डाल दिया और गर्म गर्म धार उसके अंदर मार दी अब हम दोनों एक दूसरे से लिपटे लेटे हुए थे। मेरा पूरा बदन पसीने से भीगा हुआ था।

मैंने देखा कि दोनों रजनीकान्त और नीरा भी झड़ चुके थे और झड़ने के बाद जोश से एक दूसरे को किस कर रहे थे।

जल्द ही हम बिना किसी रोक-टोक के लड़कियों के अंगो को छेड़ने लगे और कुछ जलपान के लिए बार की ओर चल पड़े।

रजनी ने उसे ड्रिंक ऑफर की।

मैंने पहले कभी नहीं पी कहकर नीरा ने ऑफर ठुकरा दी तो उसे जूस का गिलास पकड़ा दिया ।

मैंने कहा तनु तुम में सैडिस्ट स्ट्रीक है

'तुम सही हो दीपक । मैं खुद हैरान हूं। मुझे खुद इसके बारे में पता नहीं था। जब नीरा चिल्लाई तो मेरी चूचियां गर्म हो गयी थी । जब रजनी ने मुझे चोदा और मैं ऐसे झड़ी जैसे मैं पहले कभी नहीं झड़ी थी ' मेरा तुमसे चुदने का कोई इरादा नहीं था, लेकिन जब रजनी ने अपना लंड नीरा की चुत में घुसा दिया और जब वह फिर से चिल्लाई, तो मैं अपने आप को नियंत्रित नहीं कर पायी और मुझे तुम्हे तुरंत चोदने के लिए आमंत्रित करना पड़ा 
'

'यह मेरी खुशकिस्मती है की मैं तुम्हे चोद पाया । दरअसल जिस दिन से मैंने तुम्हें पहली बार देखा था, उसी दिन से मैं तुम्हें चोदना चाहता था। आज न केवल रजनी की इच्छा पूरी हुई है, बल्कि मेरी भी पूरी हुई है, 'मैंने मुस्कुराते हुए कहा।

तनु हंस पड़ी, 'हां, मैंने हमेशा महसूस किया था कि तुम मुझे चोदना चाहते हो।

'सच ?' मैं हँसा।

'दीपक, तैयार हो जाओ तुम्हें अभी नीरा की गांड भी चोदनी है,' तनु ने कहा।

'तनु, वह इंतजार कर सकती है। आज के लिए नीरा को चुत चुदाई का मजा लेने दो ,' रजनी ने कहा।

' हां, सही है। मैं किसी भी दिन नीरा की गांड चोद दूँगा ' मैंने कहा। नीरा कृतज्ञता से मुस्कुरा दी ।

नीरा को मैंने अपना लंड चूसने को कहा उसने तुरंत मान लिया। मेरे बाद उसने रजनी का भी लंड चूसा। उसने बिना किसी बड़बड़ाहट के हमारा वीर्य निगल लिया। रुचि ने पूछा, 'कैसा लगा?

वह मुस्कुराई और बोली, 'अच्छा था। दीदी! आप की चूत चाटू ?

ठीक है नीरा , अब तू अपनी दीदी की चूत चाट! मैंने कहा। तनु आपने राधा की जीभ देखी है? बहुत ही मजा आएगा एक बार चटवा कर देखो । नीरा ने अपनी जीभ बाहर निकाल ली। उसकी जीभ पतली और बहुत लंबी थी . मैंने तनु से कहा कि बहुत सी औरतें इस की जुबान के लिए सब कुछ दे देंगी . तनु मेरी बात मान कर इसे आजमाने के लिए तैयार हो गयी । वह लेट गई नीरा बिस्तर पर उसके घुटनों के बल तनु की टाँगों के बीच झुकी और उसकी चुत चाटने लगी । मिनटों में तनु खुशी से कराहने ने लगी और नीरा के सिर पर हाथ रखकर उसे उसके सुख स्थलों की ओर निर्देशित करने लगी ।


नीरा ने तनु की चुत में अपनी जीभ डाली। तनु जोश से पागल हो गई और चिल्लायी , दीपक ये यहाँ महीनों से है और मैंने ऐसा पहले क्यों नहीं किया इसकी जीभ तो बहुत मजे देती है ।


यह नजारा देखकर और सुनकर रजनी और मेरा लंड खड़ा हो गया। ' भाई नीरा को चोद दे । ' मैंने नीरा के चूत की ओर इशारा करते हुए कहा। रजनी ने तुरंत पीछे से उसकी चूत में लंड घुसा दिया और जब हो ऊपर हुई तो मैंने तनु की चूत में लंड घुसा डाला और जब तक मैंने समाप्त किया, तनु कई बार झड़ चुकी थी। 'बस, अब और नहीं ! मैं मर जाऊंगी,' रुचि ने हांफते हुए कहा।

तनु और रजनीकांत अपने कमरे में चले गए और साथ में रूबी को भी ले गए क्योंकि तनु ने तो बस कर दी थी और मैं नीरा को अपने साथ ले गया। हमने सोने से पहले एक बार और चुदाई की और रजनी ने सोने से पहले रूबी को एक बार चौदा ।


कहानी जारी रहेगी







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RE: मेरे अंतरंग हमसफ़र - मेरे दोस्त रजनी के साथ रंगरलिया - by aamirhydkhan1 - 12-05-2022, 10:07 PM



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