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Adultery मजे - लूट लो जितने मिले
#64
मजे - लूट लो जितने मिले

छठा अध्याय -खड़े लंड की दास्ताँ.

भाग-7


जन्नत की हूर जैसी सोनी



मैं और सोनी दोनों मादरजात नग्न अवस्था में पड़े थे। मैंने पहली बार उसकी योनि में हाथ फिराया और खुश होकर बोला क्या कयामत की बनावट है यार, इतनी मखमली, रोयें तक नहीं हैं! अय हय.l मेरी तो किस्मत खुल गई!

ऐसा कहते हुए मैंने उसकी पहले से गीली हो चुकी योनि में अपनी एक उंगली डाल दी।

वो इस हमले के लिए तैयार नहीं थी, और चिहुंक उठी, लेकिन फिर अगले हमले का इंतजार करने लगी। कुछ देर पहले सल्तनत की रक्षा करने वाली.l अब खुद ही पूरी सल्तनत लुटाने को तैयार बैठी थी।

अब तो उसका भी हाथ मेरे सख्त मूसल से लिंग को सहलाने लगा थाl साथ ही मैं उसके जिस्म का हर अंग चुम्बन से सराबोर कर रहा था। उसकी योनि तो कब से उसके लिंग के लिए मरी जा रही थी और अब उसकी सल्तनत लूटने का वक्त भी आ ही गया।

मैं उसके पैरों की तरफ घुटनों के बल बैठ गया और मैंने उसके दोनों पैरों को फैला कर योनि को बड़े प्यार से सहलायाl वो तड़प उठी।

फिर मैंने योनि पर एक चुम्बन अंकित किया, उसके शरीर के रोयें खड़े हो गए और फिर अपने लिंग महाराज को योनि के मुहाने पर टिका कर सोनी पर झुक गया। मैंने ताकत लगाई लेकिन लण्ड अंदर नहीं जा रहा थाl योनि कुंवारी थी l मैंने अपनी उंगलियों से योनि के मुँह को खोला और लण्ड के सुपांडे को अन्दर फसा दिया सोनी कराहने और ओह्ह्ह आह करने लगी l

मैंने थोड़ी ताकत लगाई और अपना लगभग चौथाई लिंग योनि की दीवारों से रगड़ते हुए अंदर चला गयाl मैंने एक और धका लगाया, उसकी झिल्ली को फाड़ते हुए लण्ड अन्दर पेवस्त करा दिया।

वो दर्द के मारे बिलबिला उठी और छूटने की नाकाम कोशिश करने लगी। पर मैंने उसे दबोच लिया और उसके उरोजों को दबाते हुए एक और जोर का झटका दिया और अपने लिंग को जड़ तक सोनी की योनि में बिठा दिया।

वह रो पड़ी है मर गयी बहुत दर्द हो रहा हैl जालिम ने मेरी फाड़ डाली पर मैंने हंसते हुए कहा- क्यों जानेमन.l अब हुई ना सल्तनत फतह?

उसने मरी सी आवाज में कहा- हाँ हो तो गई.l पर जंग में तो मेरा ही खून बहा है ना, आपको क्या फर्क पड़ना है। तुमने तो मार डालने का पक्का इरादा कर रखा है क्या? आराम आराम से नहीं कर सकते क्या? वो रोते हुए बोली।

मेरा जवाब था कि जंग में तो खून-खराबा आम बात है.l अब सिर्फ लड़ाई का मजा लो! और पहली पहली बार है तो थोड़ा दर्द तो होगा ही ना, अभी थोड़ी देर में कहोगी. कि जोर जोर से मारो, धीरे धीरे में मजा नहीं आ रहा!

थोड़ा दर्द होता तो मैं सह लेती, पर तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी, थोड़ा धीरे चोदो, बुर भी तुम्हारी है और मैं भी तुम्हारी ही हूँl

अब मैं लंड को अंदर डाल कर आराम करने लगा और सोनी को किस करने लगाl मैं उसके होंठ चूसने लगा। यह पहला प्रवेश चूत और लंड के पहले मिलाप की घड़ी होती हैl लण्ड और चुत को एक दूसरे को पहचानने का और एडजस्ट करने का समय होता है। डॉक्टर जूली के मुताबिक़ इस वक्त कभी भी जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिये और चूत और लंड को पूरा मौका देना चाहये कि वो आपस में हिलमिल सके और एक दूसरे को पहचान सकें।

मैं भी जूली की बताई हुई बातों का ध्यान रखते हुए सोनी को होटों पर चुम्बन और मम्मों को चूसने में लग गया। थोड़ी देर में सोनी सामान्य हो गयी।

यह कहते हुए मैंने फिर एक बार अपना पूरा लिंग 'पक्क.l की आवाज के साथ बाहर खींच लिया। किसी बड़े मशरूम की तरह दिखने वाला लिंग का अग्र भाग योनि से बाहर आ गया.l मुझे बड़ा मजा आया। लण्ड खून में सना हुआ था।

फिर मैंने योनि को अपने लिंग के अग्र भाग से सहलाया और एक ही बार में अपना तना हुआ लिंग योनि की जड़ तक बिठा दिया। इस अप्रत्याशित प्रहार से सोनी लगभग बेहोश सी हो गई, पर कमरा 'आहह ऊहह..' की आवाजों से गूंज उठा।

परन्तु मैं जानता था कि यह उसकी प्रथम चुदाई है ऐसा तो होना ही था, अभी थोड़ी देर बाद यह खुद ही जोर लगाने लगेगी और चूतड़ उछाल उछाल कर चुदवाएगी।

मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरु किए, लण्ड उसकी चुत को चीरता हुआ जड़ तक पूरा 8 इंच अंदर चला गयाl आआहहह! ऊउम्म्मम म्म्मम! आईईईईईईई! माँम्म्म्म्म् म्माआआ!

उसके मुँह से दर्द भरी परन्तु उत्तेजनापूर्ण आवाजें निकलने लगी। लगभग पाँच मिनट बाद जब मेरा पूरा लन्ड उसकी बुर में हिचकोले खाने लगाl वह भी चूतड़ उछाल उछाल कर अपनी बुर में मेरा लण्ड लेने लगी।

अब वह मेरे लण्ड को सुपारे से ले कर टट्टों तक उछल-उछल कर चुदवा रही थी। उधर सारा की हालत खराब हो गई थी वह एक हाथ से अपने हाथ से अपनी बुर को मींजे जा रही थीl दूसरे हाथ से अपनी चूचियों को दबाये जा रही थी तथा मुँह से उत्तेजनापूर्ण अजीब अजीब आवाजें आआहहह... ऊऊउउउम्म्म म्म्मम... आईईईईई -सीईईईसीई... आआ... निकाले जा रही थी। उसे देख कर लग रहा था कि वह अभी सोनी को हटा कर खुद चुदवाने की इच्छा रखती हो।

इधर मैं सोनी की बुर का बैन्ड बजाने में लगा हुआ थाl बुर टाईट थी, लण्ड भी अटक अटक के जा रहा था l मैं अब अपनी पूरी ताकत लगा कर उसकी बुर में डाल रहा था l हर धक्के पर उसकी मुँह से हल्की हल्की चीख निकल रही थीl आईईईईईई -सीईईईसीई... आ! .

करीब दस पन्द्रह मिनट की चुदाई के बाद उसकी बुर अब पूरे मजे से मेरे लन्ड लील रही थी और वो- चोद डालो, फ़ाड डालो, आज पूरी तरह से फ़ाड दो मेरी बुर को, और जोर जोर से मारो, पूरा डाल दो मेरे राजा!

अचानक उसने मुझे अपनी पूरी ताकत से मुझे दबाना शुरु कर दियाl मैं समझ गया कि अब इसकी बुर ने पानी छोड़ देना हैl मुझे जस्सी का पाठ याद था मैंने भी अपने धक्कों की रफ़्तार धीरे धीरे कम कर दी। दो मिनट बाद उसकी पकड़ ढीली पड़ गई, उसका बदन कांपने लगा फिर ऐंठ गया उसकी बुर ने अपना पानी छोड़ दिया था। मैंने अपने धक्कों की रफ़्तार में और कमी कर दीl

मैं उसके मम्मे सहला रहा था, और देखना चाहता था कि अब उसकी चूत कैसी दिखायी दे रही है। मैंने उसकी जाँघें ऊपर उठायीं तो देखा कि उसकी चूत थोड़ी चौड़ी हो गयी थी। उसमें खून और सोनी का पानी दोनों टपक रहे थे।

फ़िर वह उठी और बाथरुम में जा कर अपनी बुर को साफ़ करने लगी। पाँच मिनट बाद वो बाहर निकली तो उसके चेहरे पर सन्तुष्टि के भाव थे। उधर सारा मुझे पकड़ कर बाथरूम में लेकर गयी और लैंड को धोकर साफ़ कियाl सारा ने चूसा और मुझसे चिपक गयी हम वापिस कमरे में आ गएl हम दोनों खड़े खड़े एक दूसरे के बदन को सहला रहे थे। और हम दोने बाहर आ गए मैंने सोनी को किस किया l

बाप रे, मेरी बुर तो सूज कर गोलगप्पा बन गई है! सोनी बोली।

मैं खड़ा सोनी का चेहरा देखता रहा ,दर्द के मारे वो तड़प रही थी पर संतुष्टि के भाव थेl वह अपने ओंठो को भींच रही थी और रो रही और अह्ह्ह्हह अह्ह्ह ाऊओह्ह कराह रही थी सुबकती हुई बहुत प्यारी लग रही थीl मैंने उसके गालो को चूमा और गले लग कर सहलाया l वह कह रही ही आह्हः मार डाला बेदर्दी ने मार डाल.l कोई ऐसे भी करता है क्याl मुझे लगता हैं मैं मर जाऊँगीl

मैंने सोनी को चूमते हुए कहा मेरी जान मेरी रानी पहली बार थोड़ी तकलीफ होती हैl अब तो मजे ही मजे हैं मैंने सोनी को पास खिंचा और सहलाना चाहा तो वह बोली आप मोनी से साथ करोl मैंने मोनी को अपने पास खींच लिए और तड़ातड़ चुम्बन जड़ दिएl और उसके उरोज दबाने लग गयाl वह भी मेरा साथ देने लगी.l मैंने उसे अपनी गोद में उठा लिया मोनी ने अपने टाँगे मेरे कमर पर लपेट ली और मैंने खड़े खड़े ही उसकी गीली चूत में लण्ड पेल दियाl लण्ड एक झटके में अंदर चला गया धीरे धीरे मोनी ऊपर नीचे हो कर चुदवाने लगी और मैंने लय में धक्के लगाएl हम दोनों के होठ जैसे जुड़ गए और हम किस करते रहेl फिर कुछ देर में मोनी झड़ गयी और बोली आमिर अब तुम सोनी को चोदोl

लंड महाराजा बार बार झड़ने के बाद भी बादस्तूर खड़े थेl

आमिर! किसका इंतज़ार कर रहे हो, सोनी को फिर से चोदोl जस्सी बोली।

'हाँ आमिर! मुझे चोदो ना अब रहा नहीं जाता। सोनी ने धीरे से कहा।

कहानी जारी रहेगी




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RE: मजे - लूट लो जितने मिले - by aamirhydkhan1 - 01-04-2022, 09:54 AM



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