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Adultery मजे - लूट लो जितने मिले
#63
मजे - लूट लो जितने मिले

छठा अध्याय -खड़े लंड की दास्ताँ.



भाग- 6



हूर जैसी लड़की ने लिया मेरा इम्तेहान



मेरी अब तक की कहानी "खड़े लण्ड की अजीब दास्ताँ: जो की "खाला को चोदा, खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला और मजो की दुनिया में मेरे अनुभव" के अगले भाग हैं l



मेरी पिछली कहानी में आपने पढ़ा डॉक्टर जुली वापिस आ गयी जुली बोली आमिर तुम्हारी डॉक्टरी जांच की रिपोर्ट आ गयी हैं जुली के साथ एक बहुत खूबसूरत लड़की भी आयी थी जुली ने उसका नाम डॉक्टर जेसिका (जस्सी) बताया जो की सेक्स विशेषज्ञ है इन्हे मैंने तुम्हारी खड़े और न बैठने वाले लंड की दिक्कत के बारे में बताया है और इन्होने ही जो टेस्ट बताये थे वह मैंने करवाए थे और तुम्हारी सारी रिपोर्ट भी देखि हैं फिर डॉक्टर जस्सी के कहने पर उनके सामने मैंने सारा की एक बार और चुदाई की l



डॉक्टर जूली और जस्सी ने बताया तुम्हारी डिलिया के साथ जबरदस्त चुदाई के तुम्हारी कुछ नसे इस तरह से हो गयी है की अब तुम्हारा लंड खड़ा ही रहता है ये साधारणतया नहीं होता है उसका सीधा सीधा इलाज नहीं है .l लेकिन तुम्हे ये कुदरत से ख़ास मिली है तो इसे बचा कर रखोl



वैसे तो चुदाई मर्द के झड़ने के बाद ख़तम हो जाती है क्योंकि झड़ने के बाद लंड में आया फ़ालतू खून वापिस चला जाता है और लंड बैठ जाता है पर तुम्हारे केस में ऐसा नहीं है खून नसे में आयी हुई सुकड़न के बाद वापिस नहीं जाता है और लंड खड़ा रहता हैl इसमें लड़कियों की और तुम्हारी बीवियों की तो मौज ही मौज है वह जितनी देर चाहे चुद सकती है l



और डॉक्टर जूली और डॉ जस्सी ने मुझे मेरी दिक्कत के बारे में समझाया की आगे से सेक्स में क्या क्या ध्यान रखना है और अपने क्लिनिक पर अगले दिन चेकउप के लिए बुलाया



खड़े लण्ड की अजीब दास्ताँ Chl 02 में आपने पढ़ा मैं, सारा और डॉक्टर जुली डॉक्टर जस्सी के घर जो की उसका क्लिनिक भी था वहां पर गए तो डॉक्टर के पास कुछ लोग बैठे थे तो मैं उसके घर के बग़ीचे में चला गया वह मुझे जस्सी की बहन मोनी मिली जो बहुत सूंदर थी और गेंद से खेल रही थी वहां मैं उसके साथ खेला और फिर उसको वहॉ पार्क में चोदा .l



खड़े लण्ड की अजीब दास्ताँ भाग 3 में आपने पढ़ा पार्क में डॉ जासी की बहन मोनी की चुदाई के बाद डॉ जस्सी के यहाँ मेरे कुछ और टस्ट हुए और उसके बाद मैंने कुंवारी जस्सी की सील तोड़ी और सारा जुली और जस्सी के साथ सेक्स किया



अब आगे



सारा ने मुझ से पुछा आपको कैसा लग रहा है?



तो मैंने कहा ऐसा लग रहा है जैसे जीते जी जन्नत में आ गया हूँl



मुझे इतनी खूबसूरत हूर जैसी महबूबाएं मिली हैंl



सारा मुस्कुराते हुए बोली हाँ लगता हैं उन फ़क़ीर बाबा की बात सच हो गयी हैl



मैंने पुछा वो कैसे सारा?



तो सारा बोली "इस्लाम में ऐसी मान्यता है कि खुदा के बन्दों को जन्नत नसीब होती है। जन्नत वह स्थान है जहाँ मानव जीवन के रूप में होने वाले सभी कष्ट खत्म हो जाते हैं। प्रत्येक व्यक्ति जो 'जन्नत' में जाता है, उसको जन्नत में 72 कुंवारी हूरें दी जाएँगी।



हदीस तिरमिज़ी में दिए गए हूरों के सौंदर्य के वर्णन इस प्रकार है;



हूर एक अत्यधिक सुंदर युवा स्त्री होती हैl उसका रंग सफेद है, और साधारण स्त्रियों की तरह शारीरिक कमियों जैसे मासिक धर्म, रजोनिवृत्ति, मल व मूत्रा विसर्जन, गर्भधारण इत्यादि संबंधित विकारों से मुक्त होती है।



प्रत्येक हूर किशोर वय की कन्या होती है। उसके उरोज उन्नत, गोल और बडे होते हैं जो झुके हुए नहीं हैं। हूरें भव्य परिसरों वाले महलों में रहतीं हैं।



हूर का मुख दर्पण से भी अधिाक चमकदार होता है, तथा उसके गाल में कोई भी अपना प्रतिबिंब देख सकता है।



सारा बोली खुदा के बन्दों को कुरान पर तफ़सीरों और टिप्पणियों में, ऑवरिस का वर्णन इस प्रकार है:



चौड़ी और सुंदर आँखें वालीl माणिक या मूंगा के रूप में सुरुचिपूर्ण या आदमी द्वारा पहले से अछूती 72 हूरे मिलती हैं और मर्द का लंड कभी भी न बैठने वाला होता हैl"



एक तो आपका लंड बैठ नहीं रहा ऊपर से इतनी खूबसूरत हूरो जैसी रोज नयी नयी कुंवारी महबूबाएंl



मैं उसकी बात सुन बस मुस्कुरा दिया और बोला बस 6 ही तो मिली हैं, तो लूसी इसी के साथ अंदर आयी और बोली आपकी सभी महबूबाएं मुझे मालूम हैं l मैंने पुछा लूसी तुम कब आयी तो जुली बोली मैंने गाडी भेज कर लूसी को भी बुला लिया थाl



सब कहने लगी हमें भी आमिर की सब महबूबाओं के बारे में जानना हैl



तुम्हे सबकी कहानी एक-एक करके सुना दूंगाl जो आगे मिलेंगी उन्हें तुम सब देख जान ही लोगीl



फिर हम चारो एक साथ स्विमिंग पूल में नहाये और चारो को एक बार फिर चोद डालाl जस्सी बोली आमिर आज यही रुक जाओl आराम करने की लिए मैं और जस्सी चिपट के सो गएl



शाम के समय मुझे जूली ने जगाया और पुछा आमिर अब कैसे हो मैंने कहा तरोताजा महसूस कर रहा हूँl तभी जस्सी भी बोली जो मैंने सुबह बताया था, वह सब याद हैं न? मैंने कहा हाँ सब याद हैl तो वह बोली आज रात देखेंगे तुम्हे कितना याद है? मैंने कहा हाँ देख लेना l



फिर हमने चाय पी और मैं और सारा बाहर फार्म हाउस में सैर करने चले गएl



रात में लूसी और जूली ने स्पेशल खाना बनाया और सबने बड़े मजे ले कर खायाl फिर मैंने जूली से पुछा आज क्या करना हैl जूली बोली आज तुम्हारा इम्तेहान हैं, देखना है जस्सी ने जो पढ़ाया सिखाया उसे तुम कितना समझेl



जूली बोली आमिर जाओ जस्सी के कमरे में तुम्हारा परचा है हम आते हैंl मैं कमरे में चला गयाl दरवाजा जैसे ही सरकाया, तो अंदर लाल रंग की धीमी रौशनी थी और कमरा पूरा फूलो से सजा हुआ थाl कलियों फूलो से पूरा कमरा महक रहा थाl बिस्तर भी सुहाग की सेज बना हुआ था और बिस्तर पर एक मोहतरमा दुल्हन के लिबास में फूलों से सजी गहनों से लदी हुई मेरा इंतज़ार कर रही थीl



मुझे अंदर आया देख वो बिस्तर पर बैठ गई और सर पर पल्लू डाल लिया। मैं समझ आया मेरा इम्तेहान इन्ही मोहतरमा ने लेना हैl



मैं उसके पास आकर बैठ गया और अपना कान पकड़ते हुए कहा कि सुहागरात के दिन आपको इस तरह इंतजार कराने के लिए माफी चाहता हूँl आप जो सजा देना चाहो, मुझे कुबूल है!



उस वक्त वो नजरें झुकाए बैठी थी, उसने पलकों को थोड़ा उठाया और मुस्कुरा कर कहा- अब आगे से आप हमें कभी इंतजार ना करवाइएगाl आपके लिए इतनी ही सजा काफी है।



मैंने 'सजा मंजूर है..' कहते हुए उसे बांहों में भर लियाl मैंने पुछा आपका नाम क्या है वह धीरे से बोली सोनी (बदला हुआ नाम ) इतने में मोनी, सारा, जूली, और जस्सी भी हंसती हुई अंदर आ गयी मोनी बोली ये मेरी छोटी बहन सोनी हैl ये भी डॉक्टर हैl हम दोनों ने एक दुसरे को वादा किया हुआ हैl हमारा पहला सेक्स एक ही पुरुष के साथ होगाl इसलिए आमिर आज पेश इ खिदमत है तुम्हारी नयी मल्लिकाl



मैंने मोनी को पुछा ये सब क्या है डॉ साहब? तो मोनी बोली ये भी हमने प्लान किया था और मेरी और तुम्हारी मुलाकात भी प्लान की गयी थीl जस्सी और जुली दीदी को हमारी पार्क की चुदाई की बारे में सब मालूम है और जुली ने सारा को भी सब समझा दिया थाl



मैंने सारा की और देखा तो उसने आगे आ कर मुझे एक अंगूठी पकड़ा दी.l मैंने एक गुलाब उठाया और सोनी को पेश करते हुए बोला मल्लिका ऐ हुस्न पेश खिदमत है आपके गुलाम की और से मोहब्बत का पहले नज़रानाl सोनी ने हाथ आगे बढ़ाया तो मैंने उसे अंगूठी पहना दी, फिर धीरे से उसका घूंघट उठा दियाl



मैं उसे देखता रह गयाl सोनी हूबहू मोनी की कार्बन कॉपी थीl मैं कभी सोनी तो कभी मोनी की और देखने लगाl मोनी फिर बोली आमिर सोनी मेरी जुड़वाँ बहन हैl लेकिन मुझ से छोटी हैl जेसिका बोली परचा कैसा लगा जनाब?



मैंने कहा बड़ा हसीं परचा है l ऐसा परचा पहले कभी नहीं लिया गया मेराl



फिर मैंने सोनी के ओंठ चूमे और सोनी के गहने बड़ी नजाकत से उतारने लगा ।



पहले तो सोनी शर्म से दोहरी हो गई, किसी पुरुष का ऐसा आलिंगन पहली बार था, सोनी के शरीर में कंपकपी सी हुई.l पर वो जल्द ही संयत होकर मेरा साथ देने लगी।



गहनों के बाद मैंने उसकी दुल्हन चुनरी भी उतार दी, मेरे दिल की धड़कनें और तेज होने लगीं, मैं उसके और करीब आ गया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिएl वो घबराहट, शर्म और खुशी से लबरेज होने लगी।



उसने तुरंत ही अपना चेहरा घुमा लिया.l पर मैंने अपने हाथों से उसका चेहरा थाम लिया और अपनी ओर करते हुए कहा कि जानेमन शर्म औरत का सबसे मंहगा गहना होता है, लेकिन सुहागरात में ये गहना भी उतारना पड़ता है.l तभी तो पूर्ण मिलन संभव हो पाएगा।



वो मुस्कुरा कर रह गई, और कहती भी क्या.l लेकिन उसकी शर्म अब और बढ़ गई, तभी मैंने उसके कंधे पर चुम्बन अंकित कर दिया और उसने अपना चेहरा दोनों हाथों से ढक लिया। मैंने अपने एक हाथ से उसकी पीठ सहलाई और दूसरे हाथ को सोनी के लंहगे के अन्दर डाल कर जांघों को सहलाने लगाl



मैंने उसके जननांग को छूना चाहा और मेरे छूने के पहले ही उसमें सरसराहट होने लगी, सोनी के सीने के पर्वत कठोरतम होने लगे, वो शर्म से लाल होकर चौंकने की मुद्रा में लंहगे में घुसे हाथ को पकड़ कर निकालने लगी।



मैंने हाथ वहाँ से निकाल तो दिया, पर तुरंत ही दूसरा पैंतरा आजमाते हुए, उसके उरोजों को थाम लिया।



वो अब समझ चुकी थी कि आज उसकी जिन्दगी की सबसे हसीन रात की शुरूआत हो चुकी है, पर उस पर शर्म हावी थी, तो मैंने कहा- जान अब शरमाना छोड़ कर थोड़ा साथ दो ना!



तो उसने आँखें खोल कर मेरी आँखों में देखा और झिझक से थोड़ा बाहर आते हुए मस्ती से मेरी गर्दन में अपनी बांहों का हार डालकर मुझे अपनी ओर खींचा और मेरे कानों में कहा कि जनाब सल्तनत तो आपको जीतनी है, हम तो मैदान में डटे रहकर अपनी सल्तनत का बचाव करेंगें। अब आप ये कैसे करते हैं आप ही जानिए।



इतना सुनते ही मेरे अन्दर अलग ही जोश आ गया.l मैंने उसका ब्लाउज का हुक खोला नहीं.l बल्कि सीधे खींच कर तोड़ दिया और मिनटों में ही अपने कपड़ों को भी निकाल फेंका।



अब मैं केवल अंतर्वस्त्र में रह गए था । मैंने अगले ही पल उसका लंहगा भी खींच दिया, उसने हल्का प्रतिरोध जताया, लेकिन वो खुद भी इस कामक्रीड़ा में डूब जाना चाहती थी। अब मैं उसके ऊपर छा गया और उसके सीने पर उभरी दोनों पर्वत चोटियों को एक करने की चेष्टा करने लगा । अनायास ही सोनी के मुंह से सिसकारी निकलने लगी, तभी मैंने उसके सीने की घाटी पर जीभ फिरा दी।



उधर नीचे मेरा लण्ड सख्त हो चुका l लण्ड चुत को ढूंढ रहा था, सोनी ने लण्ड को अंडरवियर के ऊपर से हाथ लगा कर लम्बाई का अनुमान लगांने कोशिश की!



सोनी बोली मुझे खून खराबे का डर तो था, लेकिन यह भी पता था कि आज नहीं तो कल ये तो होना ही है, वह आँखें मूँदे ही आने वाले पलों का आनन्द लेने लगी, उसका प्रतिरोध भी अब सहयोग में बदलने लगा था।



मैं अब उसके अंतर्वस्त्रों को भी फाड़ने की कोशिश करने लगाl मेरे इस प्रयास से उसे तकलीफ होने लगी.l तो उसने खुद ही उन्हें निकालने में उनकी मदद कर दी। उसके उरोज आज़ाद हो गए वाह क्या गोलाईयाँ थीl बड़े बड़े नरम नरम पर बिलकुल भी ढलके हुए नहीं थे और गुलाबी रंग के छोटे छोटे निप्पलl मैं निप्पल बारी बारी किस कर चूसने लगाl और वह सिसकारियां भरने लगी तभी मैंने एक झटके में अपने बचे कपड़े भी निकाल फेंके। मेरे लिंग को देखते हो वह चिल्ला उठी l जस्सी दीदी इनका लण्ड इतना बड़ा है, यह तो आपने नहीं बताया, ये तो मुझे चीर के रख देगाl मोनी बोली सोनी घबराओ नहीं तुम्हारा और मेरा शरीर एक जैसा हैl देखो मुझे कुछ नहीं हुआ सही सलामत खड़ी हूँ यहाँ तुम्हारे पास l सोनी यह तो मजे का औजार है, जितना बड़ा तगड़ा होगा उतने ही ज्यादा मजे देगाl चाहो तो सारा आपा से पुछा लोl



तभी किसे पूर्वनियोजित स्कीम के अनुसार जूली और सारा ने मेरे ऊपर हमला बोल दियाl दोनों अपने पूरे कपडे उतार चुकी थीl सारा ने घुमा कर मुझे किस करना शुरू कर दिया और जूली ने मेरा लण्ड पकड़ कर सहलाना शुरू कर दियाl मैं भी सारा की किस का जवाब उसके ओंठ चूस कर देने लगा और जूली के मम्मो को दबाने लगाl फिर मैं बोला आज की रात की रानी सोनी है थोड़ा रुको जान, पहले सोनी को प्यार कर लू फिर तुम्हारा भी नंबर लगेगाl



दोनों बोली अच्छा ठीक है फिर अब सोनी को पहचानो तो जानेl



मैं सोनी की और पलटा तो देखा बिस्तर पर मोनी और सोनी दोनों बिलकुल नंगी लेटी हुई थीl दोनों हूबहू एक दुसरे की कार्बन कॉपी; कौन सोनी? और कौन मोनी? पहचानना बहुत मुश्किल था l



मैंने गौर से देखा दोनों की चुत बिलकुल सफाचट थीl



फिर मैंने दोनों के चेहरे देखे एक के चेहरे पर शर्म के भाव थे दूसरी के चेहरे पे उत्तेजना थीl मैंने जो शर्मा रही थी उसे चूमना शुरू किया और बोला यही सोनी हैl



चारो बोली वाह क्या पहचाना हैl जूली बोली आमिर तुमने तो सोनी को एक बार देख कर ही सटीक पहचान लियाl जबकि मेरी दोनों बहुत पुराणी सहेलिया हैं मैं फिर भी भूल कर जाती हूँl



फिर मैं सोनी और मोनी, दोनों की चुत को सहलाने लगाl मोनी की चुत चुदाई से सूज कर फूली हुई थी, जबकि सोनी की चुत एकदम कोरी कुंवारी थीl मैंने दो उंगलियों से सोनी की चुत को खोलाl वह अंदर से गुलाबी रंग की थी और बहुत मुश्किल से खुली.l जबकि मोनी की चुत थोड़ा आराम से खुल गयी और फटने के बाद अंदर से लाल थीl मोनी ने मुझे किस किया l



मोनी बोली आमिर सोनी अब तुम्हारी हुई तुम एक इम्तेहान में पास हो गएl



इतने में लूसी एक ट्रे में हम सब के लिए खास दूध लेकर आई और बोली- चलो चलो, सब यह दूध पहले पी लो फिर और कुछ करना।



हम सब ने दूध पिया l



लंड महाराजा बादस्तूर खड़े थेl



कहानी जारी रहेगीl


आमिर खान हैदराबाद


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RE: मजे - लूट लो जितने मिले - by aamirhydkhan1 - 17-03-2022, 12:34 PM



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