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Adultery मजे - लूट लो जितने मिले
#62
मजे - लूट लो जितने मिले

छठा अध्याय -खड़े लंड की दास्ताँ.

भाग- 5

कुंवारी जस्सी के साथ सेक्स 




जस्सी मेरे न बैठने वाले लंड से चुदने के लिए दुल्हन बन कर बैठी थी और बला की खूबसूरत लग रही थी, हाईट 5 फुट 6 इंच, गोरी, काले बाल, पतला बदन, वो एकदम जूही चावला जैसी लगती थीl मेरी उससे कल ही मुलाकात हुई थी और बहुत कम बात हुई थीl मैंने उसे ठीक से देखा भी नहीं थाl लेकिन मुझे मालूम चल चूका था किआज एक नयी जन्नत की सैर करने का मौका खुदा ने दे दिया हैl

मुझे फ़क़ीर की बात का ख्याल हो आया, के मुझे नियामत मिलने वाली हैl सच में ये मेरे लिए एक अनोखा समय था, जब इतनी जल्दी जल्दी नयी हसीनाएं मिल रही थी, जो बिलकुल हूरो जैसे थीl

फिर में जस्सी के पास गया, उनका हाथ अपने हाथ में लेकर उनसे बातें करने लगा, और बोला कि आप तो यह बताओ कि आपको मेरे बारे में क्या मालूम है, जो आप मेरे साथ सुहाग की सेज पर आने को तैयार हो गयी ? तो जस्सी ने शरमाते हुए मुझे अपनी बाहों में लिया और कहने लगी कि मेरा आमिर राजा मुझे जुली ने आपके बारे में सब बता दिया हैl फ़क़ीर की बात याद करके तुरंत मैंने सबसे पहले जस्सी को एक मेवा खिलाया l

मैं आपके लंड को देखकर आपकी मुरीद हो गयी हूँl आप बाते भी बहुत अच्छी करते हैंl आप मेरे मुरीद हो जाएंगेl मैं आपसे चुदने और आपका इलाज करने ही आपको यहाँ बुलाया हैl

जस्सी ने मुझ से पुछा अब आपके लंड में दर्द तो नहीं है तो मैंने कहा नहीं अब बिलकुल दर्द नहीं हैl

जस्सी ने मेरे सबसे पसंदीदा लाल रंग की साड़ी पहनी हुई और गहनों से लदी हुई थी और फूलो से सजी हुई थीl जुली ने उसे हल्का सा मेकउप भी किया थाl वह गजब की सुन्दर लग रही थीl उसने चेहरा घूंघट में छुपाया हुआ थाl

मैंने एक गुलाब का फूल उठाया और सारा की और देखा llसारा उठ कर एकअंगूठी लायी और मुझे दियाl मैंने गुलाब के फूल से जस्सी का घूंघट उठाया और कहा मोहतरमा एक तोहफा पेश करता हूँ नज़राना कबूल फरमाएl उसने बायां हाथ आगे किया और बोली हज़ूर आप ही पहना दीजियेl मैंने उसे अंगूठी पहना दी और उसके हाथो को चूम लियाl मेरे चूमते ही उसकी सिहरन और सोने के कंगनो की टकराहट से छन की आवाज़ मेरे लंड को फौलादी बना गयी थीl

फिर मैंने धीरे से उनके होंठो को चूमा, उफ उसकी खुशबू ही क्या सेक्सी थी? l फिर मैंने धीरे से उन्हें अपनी बाहों में लिया और उनके होंठो पर चूमना और अपनी जीभ से गीली चटाई शुरू कर दीl अब जस्सी सिहरकर मुझसे लिपट गयी थी और उसकी 36 साईज की चूचीयां मेरे सीने से दब गयी थीl

फिर मैंने उत्तेजना में उसे जकड़कर अपनी बाहों में मसल डालाl तो जस्सी ने कहा कि आमिर धीरे करो बहुत दर्द होता हैl फिर मैंने उनके गालों पर गुलाब छुआ और ओंठो पर गुलाब फिर दियाl फिर गालो पर जीभ फैरनी चालू कर दी और फिर उनके ऊपर के होठों को चूमता हुआ, उनके नाक पर अपनी जीभ से चाट लियाl अब जस्सी भी उत्तेजित हो चुकी थी और सिसकारियां भरती हुई मुझसे लिपटी जा रही थीl अब में उनके चेहरे के मीठे स्वाद को चूसते हुए उनकी गर्दन को चूमने, चाटने लगा था और मेरे ऐसा करते ही वो सिसकारी लेती हुई मुझसे लिपटी जा रही थीl

मैं जस्सी के ब्लाउज के ऊपर से ही उनके बूब्स को सहलाने लगा थाl उसके बूब्स दबाने से वो सिहरने, सिकुड़ने और छटपटाने लगी थी, जिससे मैंने जोश में आकर उनका ब्लाउज जो की आगे से खुलता था उसके हुक धीरे धीरे खोल दिए और उसे अलग करके लाल ब्रा भी उतार दीl उफ़फ्फ़! अल्लाह ने उसे क्या खूबसूरती से बनाया था? अब मेरा खड़ा लंड तनकर पूरा खड़ा हो गया था और जस्सी का चिकना, गोरा बदन, मेरी बाहों में सिर्फ़ साड़ी और पेटीकोट में थाl

अब उनके होंठो को किस करते हुए उनके मुँह का स्वाद और उनके थूक का मीठा और सॉल्टी टेस्ट मुझे मधहोश कर रहा थाl अब उनकी आहें भरने की सेक्सी आवाज़ और नंगे जिस्म पर आभूषण से मेरा लण्ड एकदम तन गया थाl वो उत्तेजना से सिसकारी भरते हुए बोली कि ओह! आमिर मेरे राजा मेरी प्यास बुझा दोl

यह देख कर सारा का एक हाथ अपने आप ही अपनी चूत के ऊपर चला गयाl

तब जुली ने कहा- आमिर , क्यों न सारा को भी साथ ले लो वो बेचारी यूँ ही गर्म हो रही है।

मैंने कहा- हाँ हाँ, आ जाओ सारा और जुली, तुम दोनों भी शामिल हो जाओ हमारे खेल में।

जुली बोली नहीं मैं थोड़ी देर बाद आऊँगी अभी तुम जस्सी और सारा को प्यार करो और बाहर चली गयी

सारा झट से उठी और आकर हमारे बीच में खड़ी गई और हम दोनों को जफी डाली।

मैंने एक हाथ अब सारा के कूल्हों के ऊपर रख दिया और उसकी कमीज के ऊपर से उसके चूतड़ों को रगड़ने लगा।

फिर मैंने जस्सी के खुले हुए होटों के ऊपर एक चुम्मी दे दी और फिर मैंने दोनो हाथों से जस्सी और सारा को पकड़ा और दोनों को अपने से पूरी तरह से लिपटा लियाl अपने हाथ मैंने दोनों के उरोजों पर रख दिए, जो गोल और बहुत ही सॉलिड थे।

इतने में दरवाज़ा खुला जुली और मोनी एक ट्रे में हम चारो के लिए खास दूध लेकर आई और बोली- चलो चलो, तुम सब यह दूध पहले पी लो फिर और कुछ करना।

हम भी गिलास पकड़ कर दूध पीने लगे तब मैंने देखा की सारा और जस्सी की नज़र मेरी पैंट पर थी जिसमें मेरा लंड एकदम खड़ा और बाहर निकलने के लिए छटपटा रहा था।

सारा ने एक हाथ से मेरी पैंट के बटन खोल दिए और लपक कर लंड को खींच कर बाहर निकाल लिया।

जस्सी एकटक मेरे लंड को देख रही थी और मुझको लगा कि उसने पहले इतना लम्बा तगड़ा खड़ा लंड नहीं देखा थाl जस्सी बोली उफ़ इतना लम्बा तगड़ा मेरे अंदर कैसे जाएगाl ये तो मुझे फाड़ देगाl

दूध खत्म होने के बाद जुली ने हम सबका चार्ज अपने हाथों में ले लिया।

जुली बोली- सबसे पहले आमिर सारा को चोदेंगे और जस्सी इस चुदाई के खेल को ध्यान से देखगी। क्यूंकि चुदाई के समय थोड़ी बहुत तकलीफ तो होगी जस्सी को, तो इन दोनों की गरम चुदाई देख कर थोड़ी गरम भी हो जायेगी, क्यों ठीक है न?

हम सबने हामी में सर हिला दिया, फिर मैं जस्सी के कपड़े उतारने में लग गया। जहाँ के भी कपडे उतरता वहां मैं जस्सी को चूमता गयाl सारा ने अपने, जुली के और मेरे कपडे निकाल दिएl

सारा को तो नंगी मैंने देखा ही था, लेकिन जस्सी को पहली बार देख रहा था तो उसको मैं बड़ी उत्सुकता से देख रहा था।

जब दोनों नंगी हो गई तो मैंने देखा कि सारा के मम्मी गोल और मोटे हैं, लेकिन जस्सी के गोल और बहुत ही मोटे लगे। मैंने आगे बढ़ कर जस्सी के मम्मों को हाथ से तोलना शुरू किया।

वास्तव में वो काफी उम्दा किस्म के मम्मे थे और जस्सी के शरीर की शान थे। उसके चूतड़ भी गोल और ज़्यादा उभरे हुए थे और बार बार घोड़ी बना कर चोदने लायक थे।

उस की चूत भी कुछ ज़्यादा उभरी हुई थी, हालांकि घने काले बालों के बीच छुपी हुई थी।

यह सारा नीरीक्षण करने के बाद, मेरे लंड की अकड़ और अधिक हो गई और वो सीधा जस्सी की तरफ ही इशारा कर रहा था।

तब तक जस्सी को लेकर जुली पलंग के दूसरी तरफ चली गई और मुझको, सारा को पलंग की ओर धकेल दिया।

मैंने सारा को एक बहुत सख्त जफ़्फ़ी मारी और उसको चूमते हुए पलंग पर ले आया, उसकी चूत को हाथ लगाया तो वो बेहद गीली हो चुकी थी।

अब मैंने सारा को घोड़ी बनाया और उसकी चूत पर थोड़ी क्रीम लगाई और उस पर अपना लंड रख कर जुली की तरफ देखने लगा।

उसने हल्के से आँख का इशारा किया और मैंने झट से लंड पहले थोड़ा और फिर पूरा का पूरा सारा की चूत में डाल दिया।

उसके मुंह से आनन्द की सिसकारी निकल पड़ी और वो स्वयं ही अपने चूतड़ आगे पीछे करने लगी।

यह देख कर मैं अपने घोड़े को सरपट दौड़ाने लगा और रेल के इंजिन की तरह अंदर बाहर करने लगा।

मेरे हाथ उसके मम्मों की सेवा में लग गए।

सारा की चुदाई को जस्सी बड़े आनन्द और गौर से देख रही थी और जुली के हाथ की उंगली जस्सी की कुंवारी चूत पर चल रही थी और उसको मस्त कर रही थी।

जस्सी का मुंह खुला हुआ था और उसका एक हाथ अपने मम्मे को टीप रहा था और उसकी जांघें जुली को हाथ को कभी जकड़ रही थी और कभी उसको छोड़ रही थी।

कोई 6-7 मिन्ट में ही सारा बड़ी तीव्रता से झड़ गई और पलंग पर पसर गई।

मैंने उसको सीधा किया और ताबड़तोड़ उसके होटों को चूमने लगा और उसके मम्मों को चूसने लगा। वो बुरी तरह से कसमसाने लगी लेकिन मैंने उसको सांस लेने के लिए भी समय नहीं दिया।

तब जुली आई और मुझको उठा कर जस्सी की तरफ ले गई और मेरे लौड़े को भी गीले कपड़े से साफ़ कर दियाl

मैंने जाते ही जस्सी को अपनी बाहों में बाँध लिया और उसके लबों को चूसने लगा।

उसका हाथ अब मेरे लौड़े से खेल रहा था।

तब जुली ने जस्सी को बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चूत पर थोड़ी क्रीम लगाई और मेरे लंड को भी क्रीम लगा कर तैयार कर दिया।

मैं जस्सी के गोल और मोटे मम्मों को चूसने लगा, उसके खड़े निप्पलों को भी बारी बारी लोली पोप की तरह चूसने लगा।

जुली ने मेरे चूतड़ पर हल्की सी थपकी मारी और मैं समझ गया कि चूत में लंड के जाने का समय निकट आ गया हैl मैंने लंड को हल्का से एक धक्का दिया और वो एक इंच अंदर चला गया और फिर एक और धक्का मारा तो आगे का रास्ता बंद मिला।

मैंने लंड को बाहर निकाला और उसको उसकी भग पर रगड़ा और फिर एक ज़ोर का धक्का मारा तो लंड पूरा अंदर और जस्सी जोर से चिल्लाई- हायययययय मर गई रे! मार डाला, मेरी फट गयी!

अब मैं लंड को अंदर डाल कर आराम करने लगा। यह पहला प्रवेश चूत और लंड के पहले मिलाप की घड़ी होती है और एक दूसरे को पहचानने को और एडजस्ट करने का समय होता है। जुली के मुताबिक़ इस वक्त कभी भी जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिये और चूत और लंड को पूरा मौका देना चाहये, कि वो आपस में हिलमिल सके और एक दूसरे को पहचान सकें।

मैं भी जुली की बताई हुई बातों का ध्यान रखते हुए जस्सी को होटों पर चुम्बन और मम्मों को चूसने में लग गया।

ऐसा करने से जस्सी अपनी चूत में हो रहे दर्द को भूलने लगी और नीचे से चूतड़ की थाप देकर मुझको लंड चलाने के लिए उकसाने लगी।

मैं भी धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा। पूरा लौड़ा निकाल कर फिर धीरे से अंदर डालने में मुझको भी बहुत मज़ा आने लगा और जस्सी के भी आनन्द की सीमा नहीं रही।

जुली हमारे दोनों के पसीने पौंछ रही थी और सारा एक हाथ से अपनी भग को रगड़ रही थी और दूसरे हाथ से मेरे लंड को अंदर बाहर होते महसूस कर रही थी।

जस्सी की चूत में से अब काफी रस निकल रहा था । उसके मम्मों के निप्पल एकदम खड़े थे और मैंने चूस चूस कर अपने अंदर कर लिया था।

जुली मुझको चूतड़ों पर बराबर थपकी दे रही थी और मैं उसकी थपकी के कारण अपनी स्पीड बढ़ाने लगा।

ऐसा करने के कुछ मिन्ट में ही जस्सी छूट गई और चूतड़ उठा कर मुझसे नीचे से लिपट गई और मुझको कस कर अपने बाहों में जकड़ लिया जबकि उसका शरीर ज़ोर से कांपने लगा। मैं भी उसके अन्दर झड़ गया ।

हम दोनों कुछ क्षण इसी तरह एक दूसरे की बाहों में लिपटे रहेl जब सांस ठीक हुई तो जस्सी ने मेरे मुंह अपने मुंह के पास लाकर ज़ोरदार किस होटों पर किया और बोली- थैंक यू आमिर! मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ। सच में बहुत मजा आया l शुरू में थोड़ा दर्द हुआ, बाद में तुमने बहुत मजे दिएl

मैं बोला- तुम्हारा भी थैंक यू जस्सीऔर जुली, तुमने मुझको लाजवाब तोहफा दिया।

जुली ने दौड़ कर हम दोनों का बदन साफ़ कर दिया और जस्सी की चूत पर लगे खून के धब्बे भी अछी तरह से साफ़ कर दिए।

जस्सी अब बिस्तर पर पसर गई थी और जुली उसकी चूत पर क्रीम लगा रही थी ताकि उसको कम दर्द हो।

सारा की नज़र अभी तक मेरे लौड़े पर अटकी थी क्यूंकि वो अभी भी खड़ा था।

सारा ने मुझ को और जस्सी को स्पेशल दूध का गिलास दिया।

दूध पीने के बाद मैं काफी फ्रेश हो गया था और जुली की चूत और मम्मों की तरफ देख रहा था।

सारा धीरे से आई और मेरे लंड से खेलने लगी और हैरान होकर जुली से पूछने लगी- यह आमिर का लंड अब कभी भी नहीं बैठेगा यह सारा दिन रात इसी तरह खड़ा रहेगा।

सारा के लिए ये और भी हैरानी की बात इसलिए भी थी क्योंकि उसके पहले पति इमरान का लंड तो खड़ा ही नहीं होता था और मेरा लंड बैठ नहीं रहा थाl

जुली बोली- तुम जैसी खूबसूरत और कमसिन लड़की को देख कर मेरा भी अगर लंड होता तो वो भी ऐसे ही खड़ा रहता।

मैं बोला- तुम चीज़ ही बड़ी मस्त हो जुली,और तुम्हारी सहेली जस्सी भी कम नहीं यार!

जुली भी मेरे लंड के साथ खेल रही थी और मुझको यकीन था कि वो और भी चुदाई के मूड में है। मैंने सारा को इशारा किया कि वो जुली को संभाल ले थोड़ी देर तक!

उसने जुली की कमर में हाथ डाला और उसके मुंह पर ज़ोरदार चुम्मी की।

पहले तो जुली हैरान होकर देख रही थी कि यह क्या हो रहा है और फिर उसको मज़ा आने लगा, उसने भी चुम्मी का जवाब चुम्मी से दिया।

तब सारा ने उसको ज़ोर से अपनी मोटी बाँहों में भींच लिया, फिर उसके मम्मों को चूसने लगी, पहले दायाँ और फिर बायाँ।

एक हाथ उसने उसकी बालों भरी चूत में डाल दिया और उसकी भग को मसलने लगी। फिर उसने जस्सी की गोल मस्त गांड को गोल गोल मसलना शुरू कर दिया।

जुली को खूब मस्ती चढ़ गई, वो भी सारा की चूत को छेड़ने लगी।

इधर जस्सी की भी आँखें दोनों की तरफ ही थीं, वो यह अजीब तमाशा देख रही थी और अपनी चूत पर हाथ फेरने लगी।

उसके हाथ को हटा कर अब मैं भी उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा।

तब तक सारा जुली के साथ मेरे पास आई और आते ही बोली- सरकार आपका स्पेशल गिफ्ट तैयार है। इस गीले और चुदासे गिफ्ट को कबूल फरमायें।

मैंने भी उसी लहजे में कहा- शाबाश मलिका-ए-औरतजात, आपने पूरी मेहनत से यह तोहफा तैयार किया है, यह हमको कबूल है!

यह कह कर मैंने जुली को अपने आगोश में भर लिया और ताबड़तोड़ चूमने का दौर शुरू कर दिया।

उसकी चूत को हाथ लगाया तो वो एकदम तरबतर थी अपने सुगन्ध भरे पानी से।

मैंने जुली को जस्सी की बगल में लिटा दिया और झट से उसकी खुली टांगों में बैठ कर अपनी तोप का निशाना साधने लगा।

जुली ने अपनी टांगें बिलकुल फैला दी तो शाहे-ऐ-आलम समझ गए की भट्टी पूरी तरह से गर्म है, पहले धीरे से डाला लंड को और वो पानी की फिसलन से एकदम आधा अंदर चला गया, अगला धक्का लंड को उसकी चूत की गहराई तक ले गया, अंदर पहुंचा कर कुछ दम लेने लगे हम दोनों।

उधर जस्सी के साथ सारा छेड़छाड़ कर रही थी क्योंकि उसको अभी भी चूत में थोड़ा सा दर्द था लेकिन वो जुली और मेरी चुदाई को बड़े ध्यान से देख रही थी।

अब धीरे धीरे मैंने जुली को अपनी पूरी स्पीड से चोदना शुरू किया, पहले लेट कर फिर उसको अपने ऊपर लेकर पोजीशन बदल बदल कर चोदना शुरू किया।

अंतिम धक्के उसको घोड़ी बना कर लगाए, फिर जब वो छूटी तो उठ कर मेरे गले से लिपट गई।

हम, चोदते और सोते रहे। यही क्रम काफी देर चला और फिर हम चारो थक कर सो गए।

जुली और जस्सी शाम को उठी और फ्रेश होने के बाद हम बगीचे में आ गएl वहां पर सारा चाय ले आयीll

चाय पीने के बाद जस्सी बोली थैंक यू जुली आमिर तुम्हे मुझे मेरी जिंदगी का सबसे हसीं तोहफा दिया सच में बहुत मजा आयाl आमिर तुम बहुतअच्छा चोदते हो, तुम्हारी बीवी हमेश तुमसे खुश रहेगीl सारा हंसती हुई बोली बीवी नहीं बीविया इनकी अब 5 बीविया हैं l सारा, ज़रीना, दिलिया, डॉ जुली और लूसीl अगर आपको भी मिला लू तो 6 हो जाएंगीl

जस्सी बोली इनसे शादी करके तो मेरी लाटरी ही निकल जायेगी लेकिन अभी मैं आगे पढाई करना चाहती हूँl हाँ, जब भी मौका मिलेगा मैं इनकी सेवाएं लेती रहूंगीl आमिर तुम बहुत ही लकी हो, इस मामले में! तुम्हारा केस अजीब और अनोखा है, लेकिन हम लड़कियों के लिए बहुत ही फायेदमंद है।

लंड महाराजा बार बार झड़ने के बाद भी बादस्तूर खड़े थे

कहानी जारी रहेगीl

आमिर खान हैदराबाद

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RE: मजे - लूट लो जितने मिले - by aamirhydkhan1 - 06-03-2022, 07:07 AM



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