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Adultery पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ नौजवान के कारनामे
#61




ईशा सिर्फ अठारह साल की एक सुंदर लड़की थी और यद्यपि इतनी उम्र में, उसकी कोमल छाती पूरी तरह से उन अनुपातों में विकसित हुई थी , जो पुरुषो को प्रसन्न करती है। उसका चेहरा सुंदर और आकर्षक था; अरब के इत्र के रूप में उसकी सांस मीठी और, जैसा कि मैंने उसके टकराने पर मह्सूस किया था उसकी त्वचा मखमल की तरह नरम थी ।

ईशा को उसके अच्छे रूप के बारे में अच्छी तरह से पता था, और वो अपने सिर को गर्व से रानी की तरह उठा कर मटक मटक कर चलती थी और उसका ये रूप युवाऔ और पुरुषों को लालसाओं को बढ़ाता था और वो अक्सर उस पर प्रशंसात्मक टिप्पनिया करते थे । सुंदर ईशा सभी दिलों की वांछित थी और उसको क़ाफी लड़के हासिल करना चाहते थे और मंदिर में भी उसे काफी लड़के उसकी तरफ आकर्षित नज़र आये थे .

जब ईशा की मौसी मंदिर के जूता घर से जूते वापिस लेने गयी तो ईशा ने एक कोने में खड़ी हो चुपके से उस कागज के टुकड़े को देखा, जिसे उस युवा लड़के ने उसे चुपके से उसके हाथ में दिया था। उसे पढ़ने के बाद कुछ देर तक कुछ सोचने की मुद्रा में कड़ी रही . तभी उसकी मौसी ने ईशा को बुलाया चलो ईशा चलें और ईशा अपनी चाची की ओर अनमने ढंग से दौड़ी और उसका वो कागज़ का टुकड़ा नीचे गिर गया या उसने जानभूझ कर फेंक दिया . मैं उसके पीछे ही था तो मैंने फट से उस कागज के टुकड़े को उठाया और खुला होने के कारण, मैंने उसे पढ़ने के लिए आज़ादी ले ली।

"मैं आज शाम चार बजे पुराने स्थान पर रहूंगा," केवल वही शब्द उस कागज में निहित थे, लेकिन वे ईशा के लिए कुछ विशेष रुचि और मतलब रखते थे जिसे वो गुप्त रखना चाहती थी और मुझे तुरंत समझ आ गया इसीलिए वो कुछ समय के लिए एक ही विचारशील मुद्रा में कड़ी हुई कुछ सोच रही थी ।

वो जब मंदिर से बाहर निकली तो कुछ मनचलो ने सीटिया मारी और फब्तियां भी कसी पर उसने इसे हर रोज़ होने वाली घटना के तौर पर लिया और उन पर ध्यान न देकर अपनी मॉडसि के साथ साथ मंदिर से बाहर निकल गयी ..

हालाँकि वो मेरे पास कुछ बार छोटी बीमारियों के लिए आयी थी अपर आज मेरी उत्सुकता जाग उठी की वो कहाँ जा रही थी, और मेरे मन में उस दिलचस्प युवा लड़की के बारे में और अधिक जानने की इच्छा थी, जिसके साथ मैं मंदिर में सुखदायक संपर्क में आया था, मैंने घड़ी पर नज़र डाली और पाया कि 4 बजने में ज्यादा समय नहीं था उसके बाद की घटनाओं की प्रगति चुपके से देखने के लिए मैंने उसका अनुसरण करने का फैसला किया ।

रास्ते में वह अपनी चाची से कुछ बहाने बनाकर अपनी चाची से अलग हो गई और मैं उसका पीछा करता रहा। ईशा ने अपने आप को बहुत सावधानी से तैयार किया था, और वह उस बगीचे की ओर बढ़ गई, जहाँ मैं मनवी भाभी के साथ टहलने जाया करता था

मैं उसके पीछे गया।

एक लंबे और छायादार रास्ते के अंत में पहुंचने पर युवा लड़की ईशा झाड़ियों के झुरमुट के बीच एक छुपी हुई बेंच पर बैठ गयी ये एक ऐसी जगह गुप्त थी जिसे मैंने पहले कभी नहीं देखा था, और मुझे अंदाजा भी नहीं था के इस झाड़ियों में ऐसी गुप्त जगह हो सकती है .. मैंने मन में सोचा अगली बार मानवी भाभी के साथ यहाँ पर जरूर आऊँगा

ईशा वहां उस व्यक्ति के आने का इंतजार कर रही थी और मैं उन झाड़ीयो के बीच इस तरह से छिपा गया की मैं किसी को नजर नहीं आओ और साथ ही साथ ईशा को स्पष्ट रूप से देख सको और उनकी बाते सुन सकू ।

सौम्य लड़की ईशा ने अपनी एक टांग को ऊपर उठाया और अपनी दूसरी टांग पर रख दिया , उसने मिनी स्कर्ट पहनी कोई थी और मैंने उसकी गदरायी हुई जंघे जो उसकी तंग फिटिंग मिनी स्कर्ट के ऊपर उठने से उजागर हो गयी थी उन पर ध्यान दिया , मेरे आँखे उसकी स्कर्ट के अंदर तक देख पा रही थी और उसकी जाँघे एक बिंदु पर एक साथ मिल गयी थी , उसे स्थान पर उसकी पतली और झीनी सी पैंटी से पतली और आड़ू की तरह तिरछी, उसकी योनि का आभास हो रहा था की उसकी योनि के ओंठ आपस में चिपके हुए थे और उन बंद होंठो के बीच में उसकी टाइट योनी छुपी हुई थी ।‘’

कुछ की मिनटों में वो युवक भी वहां आ गया और ौसे आते ही ईशा को वहाँ आने का धन्यवाद दिया और दोनों बाते करने लगे की मंदिर में क्या हो रहा था तभी थोड़ी हवा चली और अचानक चारों तरफ़ बादल छा गए और अंधेरा हो गया और हवा गर्म और तेज हो गई, और युवा जोड़ा बेंच पर एक दुसरे के करीब से बैठ गया, ।

"ईशा तुम नहीं जानती कि मैं तुम्हें कितना प्यार करता हूँ," लड़के ने फुसफुसाया। और उसने नम्रता से अपनी साथी के होंठ पर एक चुंबन कर दिया ।

"हाँ, मैं भी करती हूँ " लड़की ने भोलेपन से कहा, , "पर ये तो तुम हमेशा ही बोलते रहते हो ? मैं इसे सुनकर थक गयी हूँ।" और वो नीचे की और देखने लगी और विचारशील दिखी।

"आप मुझे उन सभी मज़ेदार चीज़ों के बारे में कब और समझाएंगे जो आपने मुझे बताई हैं?" उसने पूछा, एक तेज नज़र दे रही है, और फिर तेजी से उसने नीचे बजरी पर अपनी आँखें झुका ली ।

"अब," युवा ने उत्तर दिया। "अभी मेरी प्रिय ईशा, जबकि अब हम अकेले है और रुकावट से मुक्त है तो ये एक अच्छा मौका है। आप जानती हैं, ईशा, अब हम कोई बच्चे नहीं रहे ?"

ईशा ने सहमति में सिर हिलाया।

" ये ऐसी चीजें हैं जो बच्चों को नहीं पता हैं, और जो प्रेमियों के लिए हैं जिन्हे न केवल जानना आवश्यक है, बल्कि अभ्यास करना भी जरूरी है।"

"ओह डियर," लड़की ने गंभीरता से कहा।

"हाँ," उसके साथी ने जारी रखा, "ऐसे रहस्य हैं जो प्रेमियों को खुश करते हैं, जिनसे प्रेमी प्यार करते और प्यार करने का आनंद देते हैं।"

"भगवान!" ईशा ने कहा, "कैसे, अरे आप तो वैसे ही भावुक हो गए हैं, जीतू जैसे आप तब थे जब आपने मुझे पहली बार मेरे लिए अपना प्यार व्यक्त किया था ।"

"मैं सच कहता हूँ मैं हमेशा ही तुमसे प्यार करता रहूंगा ," युवा ने जवाब दिया।

"बकवास मैंने देखा है आप मंदिर में दूसरी लड़कियों को भी देख रहे थे ," ईशा को जारी रखा, "लेकिन जीतू, और मुझे बताएं कि आपने क्या वादा किया था।"

जीतू ने कहा, "मैं आपको कर के दिखा सकता हूँ ।" "ज्ञान केवल अनुभव द्वारा सीखा जा सकता है।"

"ओह, तब आओ और मुझे दिखाओ," लड़की बोली , जिसकी उज्ज्वल आँखों और चमकते गाल में मुझे लगा कि मैं जिस तरह का निर्देश दे सकता हूँ और जिस ज्ञान को येपाना चाहती हैं उसके बारे में बहुत सचेत ज्ञान का मैं पता लगा चूका हूँ और उसे भी सीखा सकता हूँ ।

मुझे लड़की बाहर अधीर लगी और लड़के ने इसका फायदा उठाया और लड़की के मुँह और ओंठो पर अपने ओंठ लगा कर उसने सुन्दर और अधीर ही चुकी ईशा के मुंह से चिपका कर उसे हर्षातिरेक से चूमा।

ईशा ने इसका कोई प्रतिरोध नहीं किया; उसने भी इसमें भाग लिया और अपने प्रेमी के दुलार को उसी हर्ष और उत्सुकता के के साथ चूमते हुए वापस कर दिया।

फिर जीतू थोड़ा हिला और थोड़ा वो ईशा के पास आया और उसने ईशा को अपने और खींचा और फिर बिना किसी विरोध के उसने सुंदर ईशा की स्कर्ट के नीचे से अपना हाथ घुसा दिया और दुसरे हाथ को ईशा के स्तनों पर ले गया चमचमाते रेशम स्टॉकिंग्स के भीतर जो आकर्षण उन्हें मिला, उससे वे संतुष्ट नहीं हुआ और अपने हाथ और आगे ले गया और उसकी भटकती उंगलियां अब ईशा की युवा जांघों के नरम और मांस को छू गईं। और दुसरे हाथ उसके टॉप केअंदर घुस गया l

कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार

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RE: पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ नौजवान के कारनामे - by aamirhydkhan1 - 28-01-2022, 01:35 PM



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