16-01-2022, 09:05 PM
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पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ एक नौजवान के कारनामे
CHAPTER- 4
नियम
PART-2
काम
CHAPTER- 4
नियम
PART-2
काम
दादा गुरु महर्षि अमर मुनि जी बोले काम , कामसूत्र, कामशास्त्र और चार पुरुषर्थों में से काम की बहुत चर्चा होती है। खजुराहो में कामसूत्र से संबंधित कई मूर्तियां हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या काम का अर्थ सेक्स ही होता है? नहीं, काम का अर्थ होता है कार्य, कामना और कामेच्छा से। वह सारे कार्य जिससे जीवन आनंददायक, सुखी, शुभ और सुंदर बनता है काम के अंतर्गत ही आते हैं।
कई कहानियों में काम का उल्लेख मिलता है। जितनी भी कहानियों में काम के बारे में जहां कहीं भी उल्लेख हुआ है, उन्हें पढ़कर एक बात जो समझ में आती है वह यह कि कि काम का संबंध प्रेम और कामेच्छा से है।
लेकिन असल में काम हैं कौन? क्या वह एक काल्पनिक भाव है जो देव और ऋषियों को सताता रहता था ?
मदन
मदन काम भारत के असम राज्य के कामरूप ज़िले में स्थित एक पुरातत्व स्थल है। इसका निर्माण 9वीं और 10वीं शताब्दी ईसवी में कामरूप के राजवंश द्वारा करा गया था।
मदन मुख्य मंदिर है और इसके इर्दगिर्द अन्य छोटे-बड़े मंदिरों के खंडहर बिखरे हुए हैं। माना जाता है कि खुदाई से बारह अन्य मंदिर मिल सकते हैं।
वसंत काम का मित्र है, इसलिए काम का धनुष फूलों का बना हुआ है। इस धनुष की कमान स्वरविहीन होती है। यानी जब काम जब कमान से तीर छोड़ते हैं तो उसकी आवाज नहीं होती है। वसंत ऋतु को प्रेम की ही ऋतु माना जाता रहा है। इसमें फूलों के बाणों से आहत हृदय प्रेम से सराबोर हो जाता है।
गुनगुनी धूप, स्नेहिल हवा, मौसम का नशा प्रेम की अगन को और भड़काता है। तापमान न अधिक ठंडा, न अधिक गर्म। सुहाना समय चारों ओर सुंदर दृश्य, सुगंधित पुष्प, मंद-मंद मलय पवन, फलों के वृक्षों पर बौर की सुगंध, जल से भरे सरोवर, आम के वृक्षों पर कोयल की कूक ये सब प्रीत में उत्साह भर देते हैं। यह ऋतु कामदेव की ऋतु है। यौवन इसमें अँगड़ाई लेता है। दरअसल वसंत ऋतु एक भाव है जो प्रेम में समाहित हो जाता है।
दिल में चुभता प्रेमबाण : जब कोई किसी से प्रेम करने लगता है तो सारी दुनिया में हृदय के चित्र में बाण चुभाने का प्रतीक उपयोग में लाया जाता है। प्रेमबाण यदि आपके हृदय में चुभ जाए तो आपके हृदय में पीड़ा होगी। लेकिन वह पीड़ा ऐसी होगी कि उसे आप छोड़ना नहीं चाहोगे, वह पीड़ा आनंद जैसी होगी। काम का बाण जब हृदय में चुभता है तो कुछ-कुछ होता रहता है।
इसलिए तो बसंत का काम से संबंध है, क्योंकि काम बाण का अनुकूल समय वसंत ऋतु होता है। प्रेम के साथ ही बसंत का आगमन हो जाता है। जो प्रेम में है वह दीवाना हो ही जाता है। प्रेम का गणित मस्तिष्क की पकड़ से बाहर रहता है। इसलिए प्रेम का प्रतीक हृदय के चित्र में बाण चुभा बताया जाता है।
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार
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