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Adultery मजे - लूट लो जितने मिले
#55
मजे - लूट लो जितने मिले


पांचवा अध्याय - वासना भरी ताबड़ तोड़ चुदाई

भाग 6

मजो की दुनिया में मेरे अनुभव

डॉक्टर जूली की चुदाई


डॉक्टर जूली ने भी मुझे और मेरे खड़े लैंड को देखाl मेरा लंड हर वक्त तना हुआ रहने लगा, इसीलिए लंड सामान्य स्थिति में नहीं आ रहा हैl डॉक्टर जूली ने लंड को पकड़, एक बार मुआयना किया, और उसे सहलाने लगीl

उसके होंठों पर सुर्ख लाल रंग की लिपस्टिक थी और तन पर काली पारदर्शी नाइटी थीl ये नाइटी उसको लूसी ने दी थी, उसके अन्दर उसने ब्रा और पैंटी नहीं डाली हुई थीl

वो ऐसी मस्त माल लग रही थी कि क्या बताऊंl उसकी तैयारी देख कर लग रहा था कि वो चुदने की पूरी तैयारी के साथ आई थीl

उसके एक हाथ को पकड़ कर मैंने झटके से अपनी ओर खींचा तो वह एकदम से मेरी तरफ आ गईl

मैंने उसके बालों से होते हुए उसके चेहरे को पकड़ा और उसके लाल होंठों पर धीरे से किस कियाl

मैंने जो बाबा ने दिए थे उनमे से एक मेवा उसके मुँह में डाल कर उसे खिला दिया l

वो सिहर गई और मुझसे चिपक गईl

फिर हम दोनों धीरे धीरे किस करने लगेl कभी मैं उसके ऊपर के होंठों को चूसता, तो कभी वो मेरे होंठों को चूसतीl

धीरे से मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाली, जिसे उसने प्यार से चूसा और अगले ही उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी, जिसे मैंने भी प्यार से चूसाl

और शर्मा कर मुझ से लिपट गयीl मुझ से रहा नहीं गया और मैंने उसे किस कर दियाl

वह थोड़ा दूर हुईl जुली बोली आमिर मैं तुम्हे बहुत चाहती हूँ, आज हिम्मत कर तुम्हे अपने दिल के बात कहने आयी हूँl

मैं उसे देखता रह गया और उसके हाथ को पकड़ कर अपनी और खींचा और उसके होंठो पर अपने होंठ लगा कर किस करने लगा, और बोला जुली, तुम बहुत सुन्दर हो और प्यारी भी होl

मैंने जुली को अपनी गोदी में उठा लिया और किस करना लगाl जुली बोली प्लीज रुकोl तो मैंने उसे अंदर सोफे पर बिठा दियाl मैंने कहा जुली तुम बहुत सुन्दर हो अब जब मैंने तुम्हे आधा नंगा देख ही लिया है तो अब तुम शर्म छोड़ कर मुझे प्यार करने दोl

जुली बोली मैं मन ही मन तुम्हे अपना मान चुकी हूँl मैंने सिर्फ मर्द के तौर पर तुम्हे नंगा देखा है और तुमने मुझे नंगा देखा है, और मैंने उसे पकड़ कर गले लगा लियाl

जुली मुझसे लिपट गयीlऔर मैं उसके ओंठ चूसने लगा वह भी मेरा साथ देने लेगीl

इसके बाद वो एक दम से हटी और एक कोने में सिमट कर दुबक कर बैठ गयीl

एक डॉक्टर होने के बाद भी उसका ये व्यवहार मुझे समझ नहीं आयाl

मैंने उससे पुछा तुम तो डॉक्टर हो यह सब तो जानती होगी? वह बोली हाँ पढ़ा तो सब है, पर देखा सिर्फ तुम्हे l बचपन से ही तुम्हे चाहती थीl फिर पढाई के लिए दिल्ली आ गयीl सोचती थी तुम मुझे भूल गए होंगेl मेरा परिवार बहुत पुराने ख़यालात का हैl कल जब तुम्हे सेक्स करते हुए देखा तो मेरी दबी हुई कामनाये जाग उठीl इसलिए यहाँ आयीl

फिर मैंने पुछा क्या तुम कुंवारी होl

तो जुली कुछ नहीं बोली l

तो मैंने पुछा कोई बॉय फ्रेंड थाl तो बोली हां एक बना था , उसी से एक बार सेक्स किया था l उसका लंड बहुत पतला थाl बस उसने कुछ धक्के लगा के दम निकल गया और वह शर्म के मारे भाग गयाl

फिर कभी भी इसलिए हिम्मत नहीं की कोई बॉय फ्रेंड बनाने की फिर सेक्स तो दूर की बात हैl आज मैं अपने सुख का अहसास करना चाहती हूँ।'

उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- आज अपनी इच्छा से अपने लिये कुछ कर रही हूँ और मेरे परिवार में किसी को कुछ नहीं मालूम है।

मैंने कहा- कोई बात नहीं, अगर तुम नहीं चाहती तो कोई बात नहीं, कोई जबरदस्ती नहीं हैl

वो आगे कुछ नहीं बोली बस मेरे लिप्स को किश करने लगीl मैंने उसका ओंठो पर एक नरम सा चुम्बन ले लिया, और जुली के चेहरे को अपने हाथों में लेकर गाल पर किस किया, और वह फिर शर्मा कर सिमट कर मुझ से लिपट गयीl मैंने जुली को अपने गले लगाया और पीठ पर हाथ फिरा दियाl उसकी पीठ बहुत नरम मुलायम और चिकनी थीl

ओए होएll क्या बताऊँll जुली जो की 21 साल की बला की ख़ूबसूरत हैl उसे देख मेरा लंड बेकाबू हो गयाl जुली का रंग दूध से भी गोरा, इतना गोरा के छूने से मैली हो जाए l बड़ी बड़ी काली मदमस्त आँखे, गुलाबी होंठ, हलके भूरे रंग के लम्बे बाल, बड़े बड़े गोल गोल बूब्सl नरम चूतड़, पतली कमर, सपाट पेट, पतला छरहरा बदन और फिगर ३6 २४ ३६ थाl कद ५ फुट ५ इंच थाl दिखने में एकदम माधुरी जैसी है और आवाज़ मीठी कोयल जैसीl जुली किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी। मेरा 7 इंची हथियार शिकार के लिए तैयार l

उसे गोदी उठा कर बेड रूम में ले गया और उसे बिस्तर पर बिठा दिया मैं थोड़ा सा आगे होकर बिस्तर पर बैठ गया और उसका हाथ पर अपना हाथ रख दिया l उसका नरम मुलायम मखमल जैसा गर्म हाथ पकड़ते ही मेरा लंड फुफकारे मारने लगा और सनसनाता हुआ पूरा 8 इंची बड़ा हो गया थाl

उसकी चमड़ी इतनी नरम मुलायम नाजुक और पारर्दर्शी थी के उसकी फूली हुई नसे साफ़ नज़र आ यही थीl मैने एक गुलाब उठा कर उसके हाथो को छू दिया और वह कांप कर सिमटने लगी दूध जैसी गोरी चिट्टी लाल गुलाबी होंठ!

तुम तो बेहद हसीं हो हो मेरी जान l मैंने धीरे से उसके चेहरे को ऊपर किया जुली की आँखे बंद थी ll उसने आँखे खोली और हलकी से मुस्करायीl

जुली ने सिर्फ नाइटी डाली हुई थी, अन्दर उसने ब्रा और पैंटी नहीं डाली हुई थीl उसके गोल गोल सुडोल मम्मी मुझे ललचा रहे थे फिर मेरे हाथ फिसल कमर तक पहुँच गए थेll क्या चिकनी नरम और नाजुक कमर थीl और उसे घूरने लगाl मेरे इस तरह घूरने से जुली को शर्म आने लगी और वो पलट गयी l

मैंने उसे अपनी बाहों में लिया, वो शरमाई लेकिन मैं तो पक्का खिलाड़ी था। उसको खड़ा किया और पूरे जिस्म को अपने बाँहों में जकड़ लिया। मैंने उसे दीवार के साथ खड़ा कर दिया। उसके दोनों हाथ दीवार के साथ सटे हुए थे गांड मेरी तरफ थी, मैंने पीछे से उसके मोम्मे पकड़ लिए और दबाना शुरू कर दिया, वो कसमसाने लगी। मैंने उसकी गांड पर हाथ फिराते हुए उसे गर्म कर दिया, और धीरे धीरे नाइटी उतार कर उसे बेपर्दा कर दिया, और मैं तो नंगा था हीl

उसके बूब्स को पकड़ कर सहलाने लगा और चूमने लगा क्या मस्त बूब्स थे उसकेll एकदम सेक्सी बड़े बड़ेll फिर में धीरे धीरे उसकी चूत तक पहुंचा और उसकी चूत को देखने लगा। तभी वो बोली कि क्या देखते ही रहोगे या कुछ करोगे भी? और फिर में अपने मुहं को उसकी चूत के पास ले जाकर मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटना शुरू किया और जीभ से चोदने लगा।

वो शरमा रही थी लेकिन मैं पागल हुआ जा रहा था। एक भरी-पूरी जवान लड़की मेरे सामने नंगी खड़ी थी। मैंने उसके मोम्मे चूसना शुरू कर दिया। उसे भी मजा आने लगा लेकिन मुझ से रहा नहीं गया। मैं जल्दी से जल्दी उसे चोदना चाहता था।

लंड पकड़ कर बोली तुम्हारे लंड से चुदने में बहुत मजा आएगा और उसे सहलाने लगीl

मैंने उसे किस चूमने और सहलाने के बाद तभी करीब दस मिनट बाद मैंने उसके दोनों पैरो को फैलाकर. उसे लिटा लिया और लंड उसकी चूत पर रख दिया। जैसे ही धक्का लगाया वो सिहर उठी। उसकी चूत कसी थी। जैसे ही मैंने जोर लगाया वो रोने लगी।

मैंने जोर से धक्का लगाया, लंड पूरा अंदर चला गया वो चीख पड़ी- मर गई मां, फाड़ दिया! मार दिया, बचाआआआआओ! कोई है मुझे इस जालिम से बचाओ! फाड़ दी मेरी, धीरे डालो!

लंड ने जुली की चूत के अन्दर जगह बना ली थी। पर जुली मुझे मेरा लंड निकालने के लिये लगातार बोले जा रही थी, कह रही थी- आमिर , प्लीज मेरे अंदर बहुत जलन हो रही है। निकालो!

मैंने उसकी बात को अनसुना करते हुए अपने काम को करना चालू रखा, बस हल्के-हल्के मैं अपने लंड को अन्दर बाहर कर रहा था, दोनों हाथ मेरे पूरे जिस्म का बोझ उठाये हुए थे और वो भी दर्द करने लगे थे, तो मैंने अपना पूरा बोझ जुली के ऊपर दे दिया और उसके होंठों को चूसने लगाl

धीरे-धीरे मेरी मेहनत रंग लाने लगी और अब जुली अपनी कमर भी उचकाने लगी, मैंने अपने को रोका और जुली की तरफ देखते हुए बोला- तुम अपनी कमर को क्यों उचका रही हो?

तो बड़ी ही साफगोई से बोली- मेरी चूत के अन्दर जहाँ-जहाँ खुजली हो रही है, तुम्हारे लंड से खुजलाने का मन कर रहा है। कितनी मीठी! यार ये बहुत ही मीठी-मीठी खुजली है, जितनी मिटाने की कोशिश कर रही हूँ, उतनी ही बढ़ती जा रही है।

'मजा आ रहा है?'

'बहुत मजा आ रहा है!' जुली बोली- मैं चाहती हूँ कि तुम अपना लंड मेरी बुर के अन्दर डाले ही रहो।

उसके इतना कहने के साथ ही मैं रूक गया और उसके चूची को मैं अपने मुंह के अन्दर भर लेता, तो कभी उसके दाने पर अपनी जीभ चलाता. या फिर उन दानों को बोतल में भरे हुए आमरस के अन्तिम बूंद समझ कर चूसता।

मुझे बहुत मजा आ रहा था कि जुली एक बार फिर बोली- आमिर, खुजली और बढ़ रही है।

मैं समझ चुका था, अब उसे मेरे लंड के धक्के चाहिये थे, इसलिये मैं एक बार फिर पहली वाली पोजिशन में आया और अपने दोनों हाथों को एक बार फिर बिस्तर पर टिकाया और इस बार थोड़ा तेज धक्के लगाने लगाl

जुली भी अपनी कमर उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगी, करीब 10 मिनट तक दोनों एक दूसरे से दंगल लड़ रहे थे कि जुली ढीली और सुस्त हो गई और अब उसने अपनी कमर उचकाना बंद कर दिया थाl वो झड़ गयी थीl तो मैंने उसे दुबारा किस करना शुरू किया और उसके मोमे चूसने लगा वो दुबारा गर्म हो गयीl


एक बार जब लंड बाहर निकल आया था. लंड पर उसके योनि से निकली कुछ खून के बूंदे लगी हुई थी मतलब उसका बॉय फ्रेंड उसकी कौमार्य की झिल्ली का भेदन नहीं कर पाया था और वो अभी तक कुंवारी ही थीl

मैंने अपना लंड तभी उसकी चूत में डालकर धीरे धीरे चोदने लगाll लेकिन वो दर्द से अपनी आंखे बंद करके, मुझे जोर से पकड़कर चुपचाप पड़ी रही, और कहने लगी कि और जोर से चोदो मुझेll कर दो आज मुझे पूराll दो मुझे आज चुदाई का पूरा मजाl लेकिन उसकी चूत बहुत टाईट थीl तभी में उसे स्पीड बड़ा कर चोदे जा रहा था और उसे जबरदस्त धक्को के साथ चोदने लगाl

मुझे मजा आने लगा। मेरे धक्के बढ़ने लगे और डॉक्टर जुली को भी स्वाद आने लगा। वो लगातार बोले जा रही थी- फ़क फ़क कम फ़क मि हार्डर! आह आह ओह्ह! वो चीखे जा रही थी, मैं धक्के मारता चला जा रहा था। मज़ा दोनों को आ रहा था। 15 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ने जा रहा था। मैं भी चिल्लाने लगा- हाय जुली, मेरी जान! मजा आ गया तुझे चोद कर कर! वाह क्या जवानी है! ले मेरी जान, ले ले ले! वो भी बोले जा रही थी- आह आह आह आआआआआआआ! और मैं झड़ गया। वो भी तीन बार झड़ चुकी थी। अपना पूरा वीर्य चूत में छोड़कर उसके ऊपर ही लेटा रहा और उसके बूब्स को चूसने लगा।

लंड महाराजा झड़ने के बाद भी बादस्तूर खड़े थेl

कहानी जारी रहेगीl

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RE: मजे - लूट लो जितने मिले - by aamirhydkhan1 - 12-01-2022, 08:29 PM



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