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Adultery पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ नौजवान के कारनामे
#51
पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ एक नौजवान के कारनामे

CHAPTER- 4

INDEX

CHAPTER- 4


कामदेव  


PART-1  गर्भदान

PART-2 कामदेव हैं कौन
PART-3  प्रायश्चित, नियम, राजकुमारी से भेंट



.................................

पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ एक नौजवान के कारनामे


CHAPTER- 4

गर्भदान

PART-1

वंश वृद्धि के लिए साधन


दादा गुरु महर्षि अमर मुनि जी बोले कुमारो गर्भदान एक प्राचीन और स्वीकृत परंपरा है । महाराज उस समय उस प्रस्ताव को सुन कर विवेकहीन थे परन्तु शाही परिवार से जुड़े ऐसे नाजुक मुद्दों को गुरुओं, साधुओं और तपस्वियों के साथ साझा करने में सुरक्षा थी।

प्रत्येक शाही परिवार के पास अपने स्वयं के आध्यात्मिक परामर्शदाता होते थे और उन्होंने राज्यों से संरक्षण प्राप्त होता था । दोनों की ये व्यवस्था परस्पर जरूरतों को पूरा करती थी और पीढ़ी दर पीढ़ी वफादारी की कसौटी पर खरी उतरती थी । कभी भी किसी भी राजा ने प्रतिद्वंद्वी राजा के गुरु के साथ खिलवाड़ नहीं किया। गुरु और तपस्वी प्रलोभन से ऊपर थे और सैदेव राजा के हित की बात करते थे उसे शिक्षित करते थे और राजा हमेशा उनका मान सममान करते थे और उनकी सलाह के अनुसार चने का प्रयास करते

गुरु और तपस्वियों और साधुओ ने यौन इच्छा कामनाओ सहित सभी पर अपने कठोर तप और साधना से विजय प्राप्त की थी। और इस प्रकार यौन शक्ति और कौशल के लिए वो अधिकानाश तौर पर अनिच्छुक हो होते थे । उनके शरीर में योग, ध्यान, शारीरिक फिटनेस और ऊर्जा प्रवाह के उनके गहन अभ्यास से उनके पास अथाह शक्तिया उनके नियंत्रण में होती थी । उनके परिवार होते थे, लेकिन एक आदमी को अपना जीवन कैसे जीना चाहिए, इसके लिए वे सेक्स केवल संतान के लिए करते थे इसके इतर वे संयम का अभ्यास करते थे और शास्त्रों में इस संयम को शक्ति का एक स्रोत माना जाता है ।

गुरुओं के आश्रम शहरो के बाहर नदियों के तट पर तलहटी में, या हिमालय या पर्वतो में और जंगलो में होते थे । कुछ गुरुजन पहाड़ों में आगे बढ़ गए और आध्यात्मिक ऊंचाइयों को हासिल किया, जिससे वे कभी वापिस नहीं लौटे।

और जो गुरु और ऋषि शाही परिवारों के साथ जुड़े हुए थे, वे उन्हें उचित सलाह देते रहते थे और कभी कभी ही उन्हें नियोग के लिए भी राज परिवार में याद किया जाता था और किसी किसी मामले में राजवंश में उनका अच्छा खून कभी कभी वंश वृद्धि के काम लिया जाता था ।

यह सब महाराजा ने एक राजकुमार के रूप में प्रशिक्षण के तहत जाना और सिखा था। लेकिन उन्हों ने कभी नहीं सोचा था कि उनके साथ ऐसा होगा।

अनिच्छा से, महाराज इस प्रस्ताव पर सहमत हो गए थे , लेकिन यह सब चुपचाप किया जाना था।
महाराज ने कहा, "हम महारानी और रानियों को को विश्राम और यज्ञ के लिए गुरुदेव के आश्रम में भेज देते हैं। वहीँ पर गुरु जी की आज्ञा के अनुसार युवराज के लिए साधन किया जाएगा ।"

तो फिर गुरु जी के परामर्श के छ: नौकरानियों की एक छोटी टीम बनायीं गई उनके साथ १२ पुरुष, महाराज राजमाता और महारानी और अन्य चारो जूनियर रानियों के साथ मेरा 'तीर्थयात्रा' पर जाने का कार्यक्रम बना । इस यात्रा में केवल महाराज, मैं , राजमाता और महारानी ही यात्रा का असली उद्देश्य जानते थे । यात्रा में कुछ रात्रि ठहराव शामिल थे और हमे वहाँ 4 से 6 सप्ताह बिताने के लिए निर्धारित किया गया था, और हमे रानियों की गर्भावस्था की पुष्टि होने के बाद ही वापस लौटना था।

सबसे पहले पूरी टीम को गुरूजी के आश्रम जाना था वहां पर महाराजा का एक और विवाह होना तय हुआ .. इसके बाद महर्षि ने मुझे, जूही और ऐना को रुकने का ईशारा किया और महाराज , मेरे पिताजी और अन्य सभी लोग महर्षि से आज्ञा और आशीर्वाद ले कर अपने राज्य चले गए .

महर्षि बोले आप को वंश वृद्धि के लिए गर्भदान साधन और साधना करनी होगी

शास्त्रों में धर्म के साथ साथ अर्थ, काम तथा मोक्ष को भी महत्व दिया गया है। यहां काम को भी नकारात्मक रूप में न मान कर सृजन के लिए आवश्यक माना गया है। हालांकि साथ ही कहा गया है काम को योग के समान ही संयम और धैर्य से साधना चाहिए। यही कारण है कि प्राचीन भारत में काम की पूजा की जाती थी और मदनोत्सव भी मनाया जाता था, जो मनोहारी और अद्भुत होता था।

प्रेम और काम का देवता माना गया है। उनका स्वरूप युवा और आकर्षक है। वे विवाहित हैं । वे इतने शक्तिशाली हैं कि उनके लिए किसी प्रकार के कवच की कल्पना नहीं की गई है।

कहानी जारी रहेगी




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RE: पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ नौजवान के कारनामे - by aamirhydkhan1 - 05-01-2022, 10:25 PM



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