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Adultery मजे - लूट लो जितने मिले
#50
मजे - लूट लो जितने मिले

पांचवा अध्याय - वासना भरी ताबड़ तोड़ चुदाई

भाग 2

मजो की दुनिया में मेरे अनुभव

मेरी तीसरी दुल्हन दिलिया के साथ सुहागरात में क्या क्या खेल रचाए


मैं लंड से उसकी चूत रगड़ने लगा और अपना औज़ार एक ही झटके में उसकी चूत में दे माराl एक हल्की सी रुकावट पार करने लंड पूरा जड़ तक मेरी कुंवारी दुल्हन की बुर में समा गया, और दिलिया की चीख निकल गयी- आईई आहाह आआआआ आईईईई स्स्सस!

मगर गजब की हिम्मत थी उसमें, अपने हाठों में मेरा चेहरा लेकर चूमते हुए बोली- गज़ब किला फ़तेह किया तुमने आमिर, आई लव यू! बहुत दर्द हुआ लेकिन मुझे गर्व है कि मेरी चूत को तुमने एक ही धक्के में ही फाड़ दियाl अब शांत रहो, कोई धक्का मत मारनाl और मेरे बदन को चूमोl जब मैं अपने चूतड़ उछालूं तो शताब्दी की स्पीड से चोदना और मेरे झड़ने की परवाह मत करनाl मैं पहले ही झड़ चुकी हूँl मेरी फ़िक्र न करते हुए मस्ती से अपना पूरा रस मेरे अंदर ही डाल देनाl मैं आपके बच्चे की माँ आज ही की चुदाई में बनना चाहती हूँl

फिर कुछ देर बाद उसने अपने चूतड़ ऊपर उछाल कर इशारा कियाl मैंने अपने लंड को धीरे धीरे से दिलिया की चूत से बाहर करने की कोशिश चालू कर दी और वो भी 'अह अह्ह येस्स अह्ह्ह येस और आह्ह अह्ह!' करने लगीl

लेकिन दिलिया की चूत मेरे लोड़े को कसने लगी और लण्ड को जकड़ लियाl सच में बता नहीं सकता कि कितना मजा आ रहा था मुझेl ऐसा लग रहा था कि मेरा लण्ड अंदर फंस गया होl मैंने निकालने की बहुत कोशिश की लेकिन लंड बाहर नहीं निकल रहा थाl

फिर मैंने दिलिया को लिप्स पर किस करना शुरू कर दियाl जब मैं उसके ऊपरी ओंठ चूसता था तो चूत लण्ड को जकड़ने लगती थी और जब निचले ओंठ को चूसता था तो चूत लण्ड को ढीला छोड़ देती थीl जब मैं उसकी जीभ को अपनी जीभ से चूसता था तो चूत लण्ड को अंदर खींचने लगती थी जैसे चूत लण्ड को चूस रही होl

मेरी चीखें निकलने लगी- अह्ह आह येस अह्ह येस्स आह्ह अह्ह आह मजा आ गयाl

मैं जन्नत में थाl

फिर तो जैसे मुझे दिलिया की चूत की चाबी मिल गयीl मैं उसका निचला ओंठ चूस कर अपना लण्ड हल्का से पीछे करता था फिर कस कर धक्का लगा कर उसका ऊपरी ओंठ चूसने लगता था जिससे चूत लण्ड को जकड़ लेती थी, उसकी जीभ को चूसने लगता था तो जैसे चूत लण्ड को अंदर खींच कर चूसने लगती थीl

दिलिया को भी मजा आने लगा, उसने अपने टाँगें उठा कर मेरी पीठ पर लपेट लीl

मैंने भी ओंठ चूसने और अपनी चोदने की स्पीड को बढ़ा डाली और मेरे धक्के और भी तेज हो गएl मैं पूरे लंड को अन्दर डाल के बाहर निकालता था और फिर जोर से वापस अन्दर पेल देता थाl और मेरे लंड के झटकों से दिलिया के बड़े चूचे उछल रहे थेl

करीब दस मिनट चोदने के बाद फिर हम दोनों एक साथ झड़ गएl मैंने ध्यान रखा कि मेरा लण्ड मेरी नयी दुल्हन की चूत से बाहर न निकलेl मैं

कुछ देर के लिए अपनी तीसरी बेगम नंगे जिस्म के ऊपर ही पड़ा रहाl

कुछ देर के बाद वो शांत हुई तो मैं उसके बूब्स को चूसने लगा और अपने एक हाथ से उसके बालों और कानों के पास सहलाने लगाl और फिर कुछ देर के बाद मैंने उसकी बगलों को चाटा, वह पागल हो गयी और मुझे कस कर पकड़ लियाl मैंने उसके कानों को भी चूमना शुरू कर दिया तो कुछ देर के बाद वो फिर से गर्म हो गई।

मेरा लंड तो मेरी दुल्हन की चूत में पहले से ही था, फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया तो पहले तो वो चिल्लाई 'उम्म्ह! अहह! हय! याह!'

लेकिन फिर कुछ देर के बाद मैंने पूछा- मज़ा आ रहा है?

वो बोली- हाँ बहुत मज़ा आआआआ रहा है, हाईईईई, म्म्म्मम।

मैं उसको चूमता रहा और उसके बूब्स सहलाता रहाl

कुछ देर बाद मैं दिलिया को उठा कर बैठ गया, दिलिया मेरी गोद में थी, मैंने ध्यान रखा कि मेरा लण्ड चूत से बाहर न निकलेl और फिर हम बैठ कर चोदन करने लगेl मैं नीचे और दिलिया मेरे ऊपर थी। मैं उसका निचला ओंठ चूस कर अपना लण्ड हल्का से पीछे करता था, फिर कस कर धक्का लगा कर उसका ऊपरी ओंठ चूसने लगता थाl जिससे चूत लण्ड को जकड़ लेती थीl फिर उसकी जीभ को चूसने लगता था तो जैसे चूत लण्ड को अंदर खींच कर चूसने लगती थीl

मेरे तनकर खड़े लंड पर धीरे धीरे दिलिया अपनी चूत दबाकर लंड को अंदर घुसा रही थी। और मैं आपको बता नहीं सकता कि मुझे उस समय कितना मज़ा आ रहा था। वो मेरे लंड पर धीरे से उठती और फिर नीचे बैठ जाती जिसकी वजह से लंड अंदर बाहर हो रहा था और मेरी नयी ब्याहता बहुत मज़े कर रही थी।

सच कहूँ तो मेरी दिलिया बहुत मादक लग रही थी, उनके रेशमी सुनहरी बाल चारों तरफ फ़ैल गए थेl दिलिया उन्हें पीछे करते हुए मेरी छाती पर अपने हाथ रख देती थी मैंने भी अपने चूतड़ उठा कर उनका साथ दियाl मेरा लंड उसकी चूत के अंदर पूरा समा जाता था तो दोनों की आह निकलती थीl

फिर मेरे हाथ उनके बूब्स को मसलने लगे, मैं उसकी चूचियों को खींचने लगा तो दिलिया सिसक जातीl उसके बाद हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गएl मैं दिलिया को बेकरारी से चूमने लगा। चूमते हुए हमारे मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थीl फिर मैंने दिलिया की जम कर चुदाई की और उनको जन्नत की सैर कराई।

मैं दिलिया के ओंठ चूस रहा थाl दिलिया बोली- मेरा निचला होंठ चूसो!

मैं निचला होंठ चूसने लगा तो मेरी दुल्हन की चूत ने मेरा लण्ड ढीला छोड़ दिया, वह ऊपर उठ गयी और लण्ड बाहर आ गयाl

तभी दिलिया ने अपनी अलमारी से दो साड़ी निकाली, और पंखे के ऊपर डाल कर दो झूले बना लिए, और एक में वो बैठ गयी, और दूसरा थोड़ा लम्बा बनाया, और मेरे चूतड़ों के नीचे डाल कर मुझे बिठा दियाl

फिर वो इस तरह से बैठी कि उसने अपनी चुत लण्ड के ऊपर लगा दी और थोड़ी नीचे हुई सर्र से लण्ड थोड़ा सा अंदर गयाl दिलिया ने अपने हाथ ऊपर कर लिए और बोली- मुझे लिप-किश करोl

मैं बाजुओं के सहारे झूले पर बैठ गया और उसका निचला होंठ चूसने लगा, दुल्हन की चुत ढीली होने लगीl फिर दिलिया घूमने लगी उसने दोनों पैर बैठे बैठे दायीं ओर कर लिए और खुद को थोड़ा नीचे कियाl

सच में मजा आ गया! ऐसा लगा कि मैं जन्नत में पहुँच गया हूँl हम दोनों कराह रहे थे 'आआह ह ऊऊह्ह!'

कुछ देर में वह फिर घूमी और अपनी पीठ मेरी ओर कर दीl हम दोनों कराह रहे थे 'आआह! बहुत मजा आ रहा है!'

और वो फिर घूमी और दोनों पैर बायीं और कर दिए फिर उसने मुँह मेरे सामने कर लियाl हम फिर किस करने लगे, कभी मैं उसका ऊपर का होंठ चूसता कभी नीचे का तो कभी जीभ से जीभ मिला कर जीभ चूसतेl मुझे लग रहा था जैसे मेरे लण्ड की नसें कस रही होंl

और मेरी तीसरी बीवी इसी तरह घूमती रहीl ऊपर झूले में बल पड़ रहे थे और झूला कस रहा थाl पर वह जोर लगा कर लण्ड पर पेंच कस रही थीl लण्ड धीरे धीरे पूरा अंदर चला गयाl ऊपर झूला कसने के कारण दिलिया को ऊपर खींच रहा थाl

फिर दिलिया बोली- अब तुम भी घूमोl

मैं जैसे दिलिया घूमी थी, उसका उल्टा घूमने लगाl जब दोनों के झूले पूरे कस गए तो हम दोनों बिस्तर से ऊपर हो हवा में लटक गएl

तब दिलिया ने खुद को ढीला छोड़ दिया और मुझे बोली- मुझे ढीला छोड़ दो!

और उसने पैर भी ऊपर उठा लिएl झूले के दबाव के कारण दिलिया उलटी घूमने लगी और हम दोनों बेतहाशा चिल्लाने लगेl दोनों के बहुत मजा आ रहा थाl

फिर मैंने भी खुद को ढीला छोड़ पैर ऊपर उठा दिए मैं भी उल्टा घूमने लगाl झूला ऐसे कई बार घूमा और हम भी घूमेl हमारी हालत ख़राब थीl फिर हम दोनों एक साथ झड़ गएl

मैंने दिलिया की चूत अपने वीर्य से भर दीl मैं दिलिया की जीभ चूसने लगा और मेरी दुल्हन दिलिया की चूत मेरे लण्ड का रस निचोड़ती रहीl सच में, बता नहीं सकता कि हमें कितना मजा आयाl

हम दोनों झूले से नीचे उतरे तो मेरा लण्ड अभी भी अकड़ा हुआ था और दिलिया निढाल पड़ी थीl मैंने दिलिया को सहलाया उसका निचला ओंठ चूसा तो दिलिया की चुत का छेद वापस सिकुड़ गया थाl

मेरे लण्ड पर कई नील पड़ गए थेl दिलिया ने मेरे लण्ड पर पड़े हरेक नील तो चूमा, फिर प्यार से सहलाते हुए और मैंने दिलिया के लिप्स पर किस किया और कहा- आय लव यू! आपको चोद कर मैं धन्य हो गया!

दिलिया निढाल होकर लेट गयी, मैं उसको प्यार से सहलाने लगा और किस करने लगा और बोला- दिलिया, क्या तुमको मजा आया? दर्द तो नहीं हुआ?

वो बोली- बहुत मजा आयाl

मेरी छोटी कजिन बहन, जो अब मेरी दुल्हन थी, उसकी चूत बुरी तरह से सूज चुकी थी. लेकिन मेरा लण्ड तना हुआ खड़ा थाl

दिलिया लण्ड को खड़ा देख शर्मा कर सिकुड़ गयी और मुझसे लिपट गयी और बोली- मुझे और चोदो!

फिर मेरे हाथ दिलिया के बड़े बूब्स के ऊपर चले गएl वो सिसकारियाँ भर रही थी और एकदम मादक आवाजों से मुझे भी मोहित कर रही थीl

दिलिया के बूब्स एकदम मोटे थे और उसके निपल्स एकदम कस गए थेl वो गहरी साँसें ले के अपने पेट को हिला रही थीl

तभी दरवाजा खटखटाया गया और मेरी पहली बेगम सारा अंदर आयीl सारा दिलिया से लिपट गयी और बोली- दिलिया, आप तो सबसे कमाल होl आपने तो जबरदस्त नया पोज़ निकाला हैl

और मेरे लण्ड को सहलाते हुए बोली- अब मुझे भी चोदो!

मैंने सारा के कपड़े निकाल दिए और उसे किस करने लगाl मैंने सारा के हर अंग को चूमा और फिट पेट के बल लेटा दिया पीठ को चूमा और चाटाl मैंने सारा के मांसल गोरे चूतड़ों की जम कर जीभ से चटाई की और दांत से हल्के हल्के काटा भीl

सारा मस्त हो गयी, उसकी चुत पूरी गीली थीl वह मेरी और दिलिया की मस्त चुदाई देख कर कई बार झड़ चुकी थीl

मैंने उसके मोमे दबाये, चूचियों को चूसा और सारा की चुत में उंगली करने लगाl वह 'ऊऊह आआह्ह!' करने लगी, उसे फिंगर सेक्स का मजा देने के बाद मैंने सोचा कि अब उसकी चूत में लंड डालने का सही टाइम हो गया हैl

मैंने उसके बूब्स को दबाये और उसके निपल्स को अपनी जीभ से हिलाने लगाl फिर मैंने उसको घोड़ी बना दिया और अपना टनटनाया हुआ लंड उसकी चूत में पीछे से डालकर चोदना शुरू कियाl सारा भी मस्ती में गांड आगे पीछे कर मेरा साथ देने लगीl उसका चिल्लाना एकदम बंद हो गयाl

मैं उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा। मैं पीछे से उनके मोमों को पकड़ कर दबाता रहा और चूचुक मसलता रहाl जब मैं उनके मोमे दबाता था और फिर सारा को लिप किस करता तो इससे मेरा लण्ड अंदर बाहर जाता रहाl करीब बीस मिनट तक लगातार उसको उस पोज़िशन में चोदाl

सारा की हालत बुरी थी, मेरे साथ चुदने में वो भी दो बार झड़ गई थी और आज उसे चुदाई का अलग ही आनंद और संतोष मिला थाl

फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए, मैंने सारा की चूत अपने वीर्य से भर दीl

फिर कुछ देर आराम करने के बाद मैं दिलिया की जीभ चूसने लगाl मेरा लंड फिर कड़क हो गयाl मैं दिलिया की चूत में लण्ड डाल दिया और लिप किश करते हुए चोदने लगाl उसकी चुत बंद होती रही और खुलती रही और वो मेरे लण्ड का रस निचोड़ती रहीl

मैंने कस कस के झटके दिए और मेरे लंड का एक एक बूंद वीर्य मैंने दिलिया की चूत के अन्दर भर दियाl दिलिया की चूत का पानी भी धार मार गयाl हम दोनों के पानी के मिलने से दिलिया के चेहरे पर एक अजीब सा सकून थाl

दिलिया को खुश देख के मुझे भी बड़ी ख़ुशी हुईl लेकिन मेरे लण्ड अब बैठ नहीं रहा था और नील गहरे हो गए थेl

तभी सारा बोली- मुझे भी दिलिया की तरह चुदना हैl

और दिलिया की तरह झूले पर चढ़ गयी और मुझे नीचे लिटा कर ऊपर आ गयी फिर गोल घूमी ... फिर हम दोनों घूमते रहे और झड़ गएl

मेरे लण्ड पे नील और गहरे हो गए और लण्ड दुखने लगा परन्तु झड़ने के बाद भी बैठा नहींl

मैंने सारा को अपनी बाहों में ले लिया और उनकी चूत से बिना लंड को निकाले ऐसे ही लेटा रहा और तीनों चिपट कर सो गयेl

कहानी आगे जारी रहेगी

आपका आमिर
  

आमिर

आगे पढ़िए पांचवा अध्याय- वासना भरी ताबड़ तोड़ चुदाई  भाग 3 में


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RE: मजे - लूट लो जितने मिले - by aamirhydkhan1 - 16-12-2021, 08:09 PM



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