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Adultery मजे - लूट लो जितने मिले
#49
मजे - लूट लो जितने मिले

पांचवा अध्याय - वासना भरी ताबड़ तोड़ चुदाई

भाग 1

मजो की दुनिया में मेरे अनुभव

मेरी तीसरी दुल्हन दिलिया के साथ सुहागरात. 


तभी अम्मी मेरे कमरे में आयीl अम्मी बोली- सब दुल्हनों को अलग अलग कमरा दे दिया हैl सारा के साथ वाला कमरा दिलिया का हैl

अम्मी बोली- आमिर बेटा, दिलिया तैयार हो रही है, तुम आज दिलिया के पास जाओl लेकिन देखो, ज्यादा शोर मत करना, और चली गयीl

पूरा परिवार अब्बा हज़ूर के दोस्त के बच्चों की शादी में दो दिन के लिए बाहर चला गयाl सारा की तबियत ठीक नहीं थीl घर में कोई ज्यादा लोग नहीं थे तो नौकरों को छुट्टी दे दी, सिर्फ मेरी पहली चुदाई की साथी लूसी, सारा और दिलिया रह गए घर मेंl

जब अम्मी और परिवार वाले चले गए तो घर में मैं सारा लूसी और दिलिया ही रह गए तभी घर के बाहर एक फ़क़ीर बाबा मुझे नजर आये वो बहुत भूखे लग रहे थे तो मैंने उन्हें अंदर बुलाया उनके हाथ पैर और उन्हें पुछा .. तो वो बोलो कई दिनों से भूखा हूँ

तो मैंने उन्हें खाना खिलवाया और फिर उनसे पुछा बाबा आपको और क्या चाहिए ?

तो बाबा बोले थोड़ा सा दूध तो मैंने उन्हें दूध और मिठाईया मंगवा दी

बाबा खा कर खुश हो गए बाबा ने मुझ से मेरा नाम पुछा तो मैंने अपना और सारा और लूसी का परिचय उनसे करवाया और सारा की दुल्हन की तरह सजी हुई देख कर बोले ये तुम्हारी बेगम हैं क्या ?

मैंने कहा जी बाबा अभी हाल ही में मेरा इनके साथ निकाह हुआ है और सारा बोली बाबा आप थोड़ी मिठाई मेवे और पैसे और रुपए अपने पास रख लो तो बाबा बोले खुदा! मेरा निगाहबान है! अब मैं अल्लाह के भरोसे हूँ मेरी जरूरतों का ख्याल वो रखता है !

तो मैंने कहाः बाबा आपको जब भी कुछ चाहिए हो जो बेझिझक यहाँ आ जाईयेगा .. तो बाबा बोले मैं तो घूमता रहता हूँ पता नहीं कब कहा ..का दाना पानी अल्लाह ने लिखा है

फिर मुझे बोले तुम बहुत नेक दिल हो आमिर खुदा तुह्मे अपनी सब नियामते बख्शेगा और . बाबा ने मिठाई का एक टुकड़ा और उस पर एक फल और मेवा रख कर कुछ दुआ की और मुझे दिया और बोले ये तुम्हारे लिए है और बोलै इसे मेरे सामने खा लो .. मैंने वो खा लिया .. फिर उसके बाद कुछ मेवे उठा कर मुझे कुछ दुआ कर के मुझे दे कर बोले आमिर तुम्हे और तुम्हारी बेगमो को इस दुनिया की और जन्नत की सभी खुशिया मिलेंगी और वो भी बहुत जल्दी . ये एक एक मेवा अपनी हर बेगम को खिला देना ..

मैंने उन्हें कुछ और लेने को और रुकने को कहा पर वो रुके नहीं और चले गए ..

मैंने एक एक मेवा लूसी और सारा को खिला दियाl

उसके बाद मैंने वो मेवे सारा को संभाल कर रखने के लिए दे दिए तो लूसी कुछ देर बाद उनको गिन कर बोली आमिर ये तो 72. मेवे हैं ...

सारा बोली- आमिर, आज आप दिलिया की साथ सुहागरात मनायें! मैंने एक मेवा लिया और दिलिया के कमरे में चला गया l

मैं दिलिया के कमरे में पहुंचाl पूरा कमरा ताजे फूलों से सजा हुआ था और बेड पर ढेर सारे फूल थेl मेरी नजरें दिलिया को ढूंढ रही थी और मैं बिस्तर पर बैठ गया, तो लगा कि बिस्तर पर फूलों के बीच कोई हैl

मेरे हाथ को कुछ नर्म नर्म लगा, तो कुछ फूल हटाए, तो वहां फूलों में छुपी हुई दिलिया का चेहरा नज़र आयाl मैंने धीरे से उसके ओंठों को चूमा और धीरे धीरे सारे फूल हटाने लगाl फूलों के बीच दिलिया बिना कपड़ों के सिर्फ जेवर पहन के लेटी हुई थीl

फिर मैं अपने मुँह से एक एक फूल हटाने लगाl सबसे पहले मैंने दिलिया के माथे से फूल हटाए और उसके माथे को धीरे से चूमाl फिर आँखों पर से फूल हटाए और आँखों को चूमा,तो दिलिया ने आँखें खोल दीl उसकी आँखों में एक शरारत थी और वह मुस्करा रही थीl


मैंने और फूल हटाए और उसके नाक फिर उसको गालों को चूमाl उसका नर्म गाल चूमते ही मेरे तनबदन की आग और भड़क गयी, और मेरा लंड सनसनाता हुआ पूरा 8 इंची बड़ा हो गया, और सलामी देने लगाl

मैंने यह तो सोचा था आज दिलिया मिलेगी, पर इस तरह मिलेगी, ये मैंने सपने में भी नहीं सोचा थाl मैंने भी सोचा कि चलो अब दिलिया को ऐसे हो प्यार करूंगाl मेरे ऐसे चूमने से दिलिया की साँसें तेज होने लगीl

उसके बाद मैंने उसके मुँह पर से सभी फूल हटा दिए . मैंने दिलिया को वो मेवा खिला दिया और कहा दिलिया ये मेवा खा लो बाबा ने आर्शीवाद के साथ दिया हैl

उसके बाद मैंने अपने होंठ दिलिया के होंठों पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा। वह भी मेरा साथ देने लगीl

फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दीl मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा और वह मेरी जीभ को चूसने लगीl फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसाl मैं दिलिया को बेकरारी से चूमने लगाl चूमते चूमते, हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी, और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था।

जब मैंने अपना मुँह हटाया, तो दिलिया ने अपना सर ऊपर उठा लिया, जैसे कह रहो हो रुक क्यों गए, तो मैंने उसे एक बार और चूमा और उसके बाद उसकी गर्दन को चूमने लगाl दिलिया अपने हाथ हिलाने लगी और मुझे पकड़ कर अपनी ओर खींचने लगीl मैंने उसके हाथ पकड़ कर फूलों में छिपा दिए और न में गर्दन को हिलायाl

हम दोनों कुछ नहीं बोल रहे थे, तो दिलिया ने आँखें बंद कर अपनी सहमति दीl मैंने उसको होंठों पर एक और किस कर दीl उसके बाद मैंने दिलिया के कंधों से सभी फूल हटा दिए, और कंधों को पहले किस किया, फिर गर्दन का पास दाए कंधे को पहले चूसाl वहां निशान पड़ गया और दिलिया के मुँह के आह निकलीl

मैंने उसकी आँखों में देखा, उसकी आँखें कह रही थी 'प्लीज दर्द होता हैl'

मैंने जहाँ निशान था, वहां धीरे से किस किया और पूरा दाया कन्धा जीभ से चाट लियाl वाह क्या नमकीन स्वाद थाl फिर वैसे ही बायें कंधे को चूमा और चाटाl दिलिया मेरे चूमने से सिहर जाती थीl

उसके बाद मैंने उसके पेट को चूमा और नाभि में अपनी जीभ घुसा दीl दिलिया पानी पानी हो गयीl

उसके बाद दिलिया के सफ़ेद बड़े-बड़े खरबूजे देख कर मेरी तो जुबान रुक गई। जैसे ही फूल हटे दिलिया के आधे नंगे स्तन को देख कर मस्त होने लगा, मेरा लंड टाइट हो गयाl मैं उसके बड़े बड़े सफ़ेद मोमे देख कर पागल हो गया, जो उत्तेजना से लाल हो रहे थेl

मैंने स्तनों को चूमा, पर चूचुक से फूल नहीं हटाया, और स्तनों को जीभ से चाटने लगाl मेरे चूमने से उसका सीना सिहरने लगा और दिलिया उत्तेजना में सर इधर उधर करने लगीll वह सिसकारियाँ लेने लगी 'अह अम्म् ऊऊऊ मम्मम!' और मैंने एक हाथ से उसके दूध पकड़ कर जोर से दबा दिएl

दिलिया की हालात ख़राब हो रही थीl मैं भी पूरा सेक्स में डूब चुका था, मैं अपने हाथ उसके पीछे ले गया, और उसकी मुलायम नर्म पीठ को कस कर पकड़ लिया, और अपने कपड़े भी उतार कर नंगा हो गयाl मेरा लंड तन कर तैयार थाl

फिर मैंने दिलिया के हाथ ऊपर उठा दिए, और उसकी बगलों को किस लिया,और जीभ से चाट लियाl वह सिहर गयीl

फिर मैंने उसकी बाजुओं और फिर हाथों को चूमा और उंगलियों को चाट लियाl फिर मैंने उसके पेट को जहाँ तहाँ चूमा और नाभि पे किस करने के बाद उसकी नाभि में अपनी जीभ घुसेड़ दीl वो गनगना गयी, वो गर्म से गर्मतर हो रही थीl

फिर मैंने उसकी टांगों से फूलों को हटाया, लिक-किस करके हुए पाँव तक पहुंच गया, और जहाँ जहाँ के फूल हटाता था, वहां किस करता चला गयाl वासना से दिलिया की हालत ख़राब हो चुकी थीl मैंने उसे सब जगह चूमा और चाटा, परन्तु उसकी चूत और चूचुक तो छुए भी नहींl

वह तड़प रही थीl फिर दिलिया ने मेरे सर को पकड़ा और मुँह को चूचुकों के पास ले आयीl उसके चूचुक बिल्कुल कड़े होकर ऊपर को उठ गए थेl कह रहे थे हमें भी किस करो, चूसोl

मैंने और तड़पाना ठीक नहीं समझा, और मुँह से उसके चूचुक पर पड़ी गुलाब की पंखुरियाँ निगल गया. और चूचुक चूसने लगाl उसके चूचुक गुलाबी रंग के थेl मैं दिलिया की चुची पर जानवरों की तरह टूट पड़ा। उसके चूचुक जिन्हें आज तक किसी ने नहीं छुआ था, अब मैं उसके दायें निप्पल को चूस रहा था और काट रहा था। फिर मैंने उसके बायें स्तन को भी फूल हटा कर नंगा कर दिया निप्पल को चूसा और काटा! उसके स्तन एकदम फूल कर सख्त हो गए थे और निप्पल भी कठोर हो ऊपर को तन गए थे।

दिलिया समझ गयी कि अब उसकी चूत की बारी हैl

मैंने उसकी टांगों को पूरा खोल दिया और और उसकी कुंवारी चूत को जबान से लिक करने लगाl फिर धीरे धीरे करके मैंने अपनी पूरी जबान को चूत के छेद में डाल दी और अपनी एक उंगली के ऊपर थूक लगा के मैंने उसकी गांड के छेद में पिरो डालीl मेरी नयी दुल्हन के मुँह से 'इस्स्स्सस!' निकल गयाl मैं आगे से चूत को चाट रहा था और पीछे गांड के छेद को उंगली से चोद रहा थाl

चूत की खुशबू और नमकीन स्वाद से बड़े मजे मिल रहे थे मुझेl

मेरी तीसरी कुंवारी दुल्हन सिसकारी लेती हुई सेक्सी आवाज में बोली- प्लीज! मेरा पिशाब निकलने वाला है, क्या कर रहे है आप?

मैं समझ गया कि उसका लंड खाये बिना ही क्लाइमेक्स होने वाला हैl

और फिर अहो होह आह! करते हुए उसका बदन कांपने लगाl जैसे ही वह झड़ी उसने आनन्द में अपनी आँखें बंद कर लीl उसके चेहरे पर परमान्द के भाव थेl

दिलिया की चूत से इतना पानी निकलाकि मेरा पूरा चेहरा गीला हो गयाl मैंने मुँह को हटाया नहीं और चूत को पूरी तरह से चाट के सारे पानी को चाट भी गयाl

मैं इस तरह उसके जिस्म से करीब एक घंटे खेलाl

और तभी सारा की आवाज़ आयी- अरे इसकी चुदाई तो करो!

और मैंने देखा कि दरवाज़ा जो मैंने खुला छोड़ दिया था उस पर सारा और लूसी खड़ी हमें देख रही थीl

मैंने उसे डांटा तो दिलिया बोली- देखने दो ना, इनसे क्या शर्म?

सारा बोली- दिलिया देख, अब इसी लंड से तेरी भी चूत फटेगीl

दिलिया तेज़-तेज़ साँसें ले रही थी और पागलों की तरह मुझे चूम रही थी।

मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया। अब दिलिया का खुद के ऊपर काबू नहीं रहा था, वो मेरे लोड़े को हिला के बोली- जल्दी से अपना हथियार डाल दो मेरे अंदर! अब मेरे से रहा नहीं जा रहा हैl

और दिलिया उत्तेजना में भर बोली- फाड़ दो मेरी चूत एक ही झटके में! इस गुफा की झिल्ली अपने हथियार से चीर कर रख दो! और अपनी कजिन की चूत की धज्जियाँ उड़ा दोl चोद दो पटक कर मुझे! और कसम है आपको कि हम पे कोई भी दया मत करनाl

और फिर मैंने उसकी मुलायम झांटों पर अपना लंड टिकाया और फनफनाते हुए लंड से उसकी चूत रगड़ने लगाl दिलिया अपने कूल्हे उछाल उछाल कर मज़े ले रही थीl मैं उसके होंठ चूसने लगा और मैंने अपना औज़ार एक ही झटके में उसकी चूत में दे माराl

एक हल्की सी रुकावट और फिर फचक की आवाज़ से लंड पूरा जड़ तक मेरी कुंवारी दुल्हन की बुर में समा गयाl

और दिलिया की चीख निकल गयी- आईई आहाह आआआआ आईईईई स्स्सस!

मगर गजब की हिम्मत थी उसमेंl अपने हाठों में मेरा चेहरा लेकर चूमते हुए बोली- गज़ब किला फ़तेह किया तुमने आमिर! आई लव यू! बहुत दर्द हुआ लेकिन मुझे गर्व है कि मेरी चूत को तुमने एक ही धक्के में ही फाड़ दियाl अब शांत रहो, कोई धक्का मत मारनाl और मेरे बदन को चूमोl जब मैं अपने चूतड़ उछालूं तो शताब्दी की स्पीड से चोदना और मेरे झड़ने की परवाह मत करनाl मैं पहले ही झड़ चुकी हूँl मेरी फ़िक्र न करते हुए मस्ती से अपना पूरा रस मेरे अंदर ही डाल देनाl मैं आपके बच्चे की माँ आज ही की चुदाई में बनना चाहती हूँl

यह कामुक कहानी चलती रहेगीl


आमिर

आगे पढ़िए पांचवा अध्याय- वासना भरी ताबड़ तोड़ चुदाई  भाग 2 में



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RE: मजे - लूट लो जितने मिले - by aamirhydkhan1 - 04-12-2021, 03:19 PM



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