23-11-2021, 08:43 PM
मजे - लूट लो जितने मिले
चौथा अध्याय
मेरी पहली चुदाई की कहानी
भाग 16
चौथा अध्याय
मेरी पहली चुदाई की कहानी
भाग 16
सबसे मजेदार बात ये है कि जिस कारण से मैं लूसी की तरफ़ पहली बार सबसे ज़्यादा आकर्षित हुआ था अभी तक मैंने कुँवारी लूसी के जवान जानलेवा स्तनों को छुआ भी नहीं था। उसका सरल स्वभाव उसकी मासूमियत और भोलेपन ने मुझे मोह लिया था और जब इस तरह से वह पहली बार स्खलित हुई तो उसे कुछ समझ नहीं आया ये क्या हुआ था।
हर अर्थ में लूसी के लिए एक नया अनुभव था क्योंकि न केवल वह एक कुंवारी थी, उसने पहले कभी हस्तमैथुन भी नहीं किया था। उसकी टाँगे पेट और छाती कांपने लगे। उसकी साँसें छिटपुट हो रही थीं और उसकी त्वचा फड़क रही थी। मैंने उसकी क्लिट को छेड़ते हुए उसके होंठो पर मौखिक हमला जारी रखा और उसने अपने होंठों से मेरे होंठो पर-पर दबाव डाला, फिर अलका उसके पहले संभोग सुख की उमंग में चिल्ला उठी! उसका शरीर अकड़ने लगा उसकी साँसे तेज चलने लगी उसके शरीर में एक उफान आया और वह निढाल हो कर मुझ से लिपट गयीl
लुसी ने अपने होंठ मेरे होंठो पर दबाये और बहुत स्वादिष्ट और उत्साही चुंबन करती रही जबकि मैं उसके गुप्तांगो को सहलात रहा। जब वह झड़ गयी तो उसने लंबे समय तक मुझे पकडे रखा और हम दोनों गीले चुम्बन करते रहे उसने नम आंखों के साथ मुझ पर कृतज्ञता व्यक्त की, वह हर्षातिरेक से फुसफुसाई 'ओह, आमिर! यह स्वर्गीय अनुभव था!'
तभी धीमे से जेन उठ कर लूसी के पास आयी और उसे सहलाते हुए बोली मेरी जान अभी तो ये सिर्फ़ शुरुआत है ... अभी तो आगे बहुत सारे अनूठे और शानदार अनुभव तुमको होंगे।
मैंने लूसी को अपनी बाहों में जकड़ लिया, अब डर का कोई मतलब नहीं था, खतरे की कोई भावना नहीं थी औरवो उस स्वतंत्रता में आनन्दित थी, उसने आनंद पूर्ण आहें भरींल ओर्गास्म होने के कारण वह पसीने से भीग गयी हमारे ओंठ जुड़ गए। मैंने पहली बार ड्रेस के ऊपर से उसके बूब्स सहलाये, दबाये और पकड़ लिए मेरा बदन उत्तेजना से तपने लगा था मैंने उसे अपने ऊपर खींच लिया
वो मेरे ऊपर लेटी रही और उसी पोजीशन में उसने मुझ से पुछा क्या मैं आपको अच्छी लगती हूँ? तो मैंने कहा आप मुझे बहुत अच्छी लगती हैं। आपकी मुस्कराहट इतनी अच्छी है के जब आप मुस्क़ुराती है तो आपके चेहरे से नज़र ही नहीं हटती हैl मन करता है आप मुस्कराती रहे और मैं आपको देखता रहूl पहले तो वह थोड़ा शर्मायी फिर वह बोली बस इतना ही!
अब मैंने उसकी तारीफ करनी शुरू कर दी।
लूसी तुम्हे ऊपर वाले ने बड़ी फुर्सत से बनाया है। तुम्हारी कमर, गाण्ड, पीठ, गला, स्तन, चेहरा, ओंठ सब कुछ जिश्म का हर एक हिस्सा शानदार है। 18 साल की उम्र की ऐसी जवान हो तुम जिसमे एक बच्ची और एक औरत भी नज़र आती है। तुम अल्हड सुन्दर गोरी कमसिन तरुण युवती हो जिसके उन्नत उरोज हैंl आपकी फिगर शानदार है और जबसे आपको उस दिन पहली बार जेन के साथ देखा है, तबसे मैं तो आपका दीवाना हो गया हूँ।
वह मेरे चेहरे के पास अपना चेहरा ले आयी और बोली मैं भी तबसे तुम्हें प्यार करती हूँ और ये आपके प्यार और आकर्षण का ही जादू है कि मैं आज आपकी पहली प्रेमिका दुल्हन बन आपकी आगोश में अपना कौमार्य आपको सम्पर्पित करने को ततपर हूँ। मैं कुछ भी कह पाता इससे पहले कि उसने मुझे चूमना शुरू कर दिया मैंने उसके चुम्बन का जवाब दिया और उसे वापस चूमना शुरू कर दिया।
मैं उसके रस भरे होंठ चूसने लगा।
आगे क्या होने वाला है इस प्रत्याशा में मेरा हथियार अपना विकराल रूप धारण कर चूका था और अंडरवियर के अंदर से मेरे लंड का उभार नज़र आ रहा था और लूसी को चुभने लगा। वह बोली कुछ चुभ रहा है लूसी बोली सुश्री जेन, आमिर मुझे ये ड्रेस और गहने चुभ रहे हैl
फिर मैंने कहा ठीक है लूसी अब आप खड़ी हो जाओ, मैं आपको इस ड्रेस में निहारना चाहता हूँ।
लूसी ने लाल लेहंगा चोली जिसकी कोई लगभग सात महीन परतें थी और उसके ऊपर ढेर सारे गहणे पहने हुए थे और साथ में गजरा और फूलों से शृंगार किये हुए बड़े-बड़े स्तनों वाली स्वर्ग से आयी हुई हूर लग रही थी। उसके ऊपर एक महीन चुनरी जिस पर सोने की नक्काशी की गयी थीो ओढ़ी हुई थी। मेरा लंड उसका ये रूप देख कर बेकाबू हो गया और मैं पूरी तरह से काम रोग से ग्रस्त हो गया था।
दूध जैसी गोरी चिट्टी लाल गुलाबी होंठ! नाक पर बड़ी नथ, मांग में टिका बालो में गजरा, उसका चेहरा नीचे को झुका हुआ था इतनी सुन्दर लूसी को दुल्हन के रूप में देख मेरे मुँह से निकला वाह जेन! तुम ठीक कह रही थी रोज़ी वाकई में बहुत सुन्दर है और दुल्हन के रूप में तो बस क्या तारीफ करूँ समझ ही नहीं आ रहा। मेरा लंड फुफकारने लगा था अब मुझ से सब्र नहीं हो रहा।
लूसी बिस्तर के पास शर्मायी हुई अपने पैरो की तरफ़ देख रही थी। उसने सर पर हल्का-सा घूंघट किया हुआ था। उसका चेहरा शर्म और आगे जो होने वाला था वह सोच नीचे झुका हुआ था। मैंने आगे होकर उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और उसको बेड पर ले गया।! उसका नरम गर्म हाथ पकड़ते ही मेरे तनबदन की आग और भड़क गयी और मेरा लंड सनसनाता हुआ पूरा 8 इंची बड़ा हो गयाl लगा वह पायजामा फाड़ कर अभी बाहर आ जाएगा।
मैंने धीरे से उसके चेहरे को ऊपर किया लूसी की आँखे बंद थी। बोला मेरी महबूबा अपनी आँखे खोलो और अपने दीवाने प्रेमी को देखो। उसने आँखे खोली और हलकी से मुस्करायी मैंने उसका ओंठो पर एक नरम-सा चुम्बन ले लिया। वह फिर शर्मा कर सिमट कर मुझ से लिपट गयी।
मैंने फिर उसको अपने से हल्का-सा दूर किया हाथो से उसका चेहरा ऊपर किया और होंठो पर एक लम्बी किस की। उसकी आँखे बंद थी मैंने उसके होंठो को छोड कर चेहरा ऊपर किया तो उसने आँखे खोली और मुस्करायी। मैं फिर तो मैंने उसे चूमना शुरू किया। उसके ओंठ बेहद नरम और गीले थे वह मेरा पूरा साथ दे रही थी।
फिर एक हाथ उसकी छाती पर ले गया और उसे सहलाते हुए उसके मुलायम बदन को महसूस कर रहा था और उसके गोल-गोल बूब्स को सहला दबा रहा था। वह भी मेरी छाती पर अपने हाथ फिराने लगी। मैंने उसकी छाती को कस कर दबाया तो वह मुझसे लिपट गयी थी और उसकी 35D साईज की चूचीयाँ मेरे सीने से दब गयी।
फिर मैंने उत्तेजना में उन्हें जकड़कर अपनी बाहों में मसल डाला। तो लूसी ने कहा कि प्लीज धीरे करो बहुत दर्द होता है। फिर मैंने उनके गालों पर अपनी जीभ फैरनी चालू कर दी और फिर उसके होठों को चूमता हुआ, नाक पर अपनी जीभ से चाट लिया। अब जेन भी उत्तेजित हो चुकी थी और सिसकारियाँ भरती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी। अब में उनके चेहरे के मीठे स्वाद को चूसते हुए उनकी गर्दन को चूमने, चाटने लगा था और मेरे ऐसा करते ही वह सिसकारी लेती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी। मैं उसका पूरा चेहरा गाल नाक माथा आँखे धीरे-धीरे सब चूमते-चूमते चाट गया।
लुसी! मैं तुम्हें नग्न देखना चाहता हूँ। मैंने उससे कहाl
'मुझे डर है कि मुझे इन सभी बटन और डोरिया खोलने के लिए आपकी मदद चाहिए,' सुश्री जेन और डायना ने काफ़ी म्हणत और तकलीफ से बाँधा है उसने कहा मैं भी जल्दबाज़ी में कुछ भी फाड़ना नहीं चाहती ...'तेजी से साँस लेते हुए, लुसी थोड़ी घूमी और मुझे उसकी पतली पीठ को पेश किया।' मुझे अभी तक यह नहीं पता कि इसमें सभी बटन और डोरिया बिल्कुल दुर्गम स्थान पर क्यों हैं! '
'नहीं, यह वास्तव में शर्मनाक होगा,' मैंने स्वीकार किया। 'ऐसा लगेगा जैसे मैंने आप से जबरदस्ती कर दी हो।'
जब मैंने उसके कपडे उतारने शुरू कर दिए सबसे पहले धीरे से उसकी चुनरी हटा दी। पहली परत थी वह चुनरी जिसने लूसी का पूरा बदन छुपा हुआ थाl उसका चाँद-सा खूबसूरत रूप मेरे सामने था। आज की रात निश्चित रूप से आनंद दायक होगी। मैं तो एकदम से सन्न हो उसे देखता ही रह गया। गोरी चिट्टी कमसिन तीखी नैन नक्श। गोल मुस्कुरता हुआ शर्म के मारे लाल चेहराl मेरा लंड का तनाव फिर बढ़ने लगा।
ये सभी बटन और डोरिया बिल्कुल दुर्गम स्थान पर हैं ताकि आप इसे ख़ुद न खोल सके मैंने उसे धीरे से सूचित किया और जैसे ही मैंने बटन खोलने शुरू किये तो एक हलकी-सी थरथराहट उसे झकझोर रही थी क्योंकि उसने मेरी उंगलियों के कोमल दबाव को अपनी पीठ पर महसूस किया। इससे पहले कभी भी कोई पुरुष उसके इतने नज़दीक नहीं आया था की वह उसके कपडे उतारे और मेरी उंगलियों को उसने मह्सूस किया। भले ही वह उसके अनुरोध पर था, फिर भी ये हम दोनों के लिए एक चुनौती थी। ' आपका दूल्हा इन सात परतो को धीरे-धीरे और मोहक तरीके से हटाने वाला है। यह हमारी सांस्कृतिक परंपरा है।
ओह बोल कर लूसी ने एक गहरी सांस ली और फिर जैसे उसे इसका मतलब समझ आया तो दुबारा ओह बोलते हुए शर्माने लगी।
मैंने फिर कहा आपको इन परतो को पहनाने के लिए जेन और ईवा का शुक्रिया अदा करना चाहिए क्योंकि मुझे नहीं लगता कि इन दिनों ज्यादातर लड़कियाँ इस ख़ास परंपरा की ख़ास परवाह करती हैं, ' मैंने लूसी से कहा और दूसरी परत को उसके बदन से अलग कर मैंने उसे नीचे लूसी के पैरो पर गिरने दिया।
दूसरी परत हटने से लूसी की पीठ कंधे, बाजू और गर्दन का कुछ भाग उजागर हो गया और मैंने जो भाग उजागर हो गए थे उन पर किश किया
अब तीसरी परत के अगले बटन आगे की तरफ़ थे तो धीरे से उसके स्तनों को दबाते हुए उसके अगले बटन ढीले करने लगा। अब में लूसी की ड्रेस के ऊपर का हिस्सा खोल कर उसके बूब्स को दबाने लगा था। उसके मांसल बूब्स दबाने से वह सिहरने, सिकुड़ने और छटपटाने लगी थी, मैंने उसकी ड्रेस की तीसरी परत को बिलकुल ढीला कर दिया। तीसरी परत में वक्ष स्थल का कुछभाग और आधे कंधे उजागर हुए और उसकी टखने उजागर हो गए l
मैंने अपनी आँखें मूँद लीं और अपने सफ़ेद दाँतों को भींच लिया क्योंकि रेशम की परत को निकलना मेरे आत्म-नियंत्रण का परीक्षण कर रहा था। उसकी त्वचा रेशम की महीन परत के बीच में से मोतियों के सबसे चमकदार मोती की तरह चमक रही थी और उसके बदन से आ रही गुलाब और बादाम की मीठी-मीठी ख़ुशबू अविश्वसनीय रूप आकर्षक थी। परत ढीली करने के बाद मैंने धीरे-धीरे इस परत को भी हटा दिया और चौथी परत में उसका एक खूबसूरत कंधा पूरा नग्न हो गया और उसकी पिण्डलिया आधी उजागर हो गयी। मैं धीरे-धीरे नग्न हुए भागों को चूमता गया और फिर धीरे से उसकी गर्दन से होते हुए उसकी ठोड़ी को चूमते हुए उसके गुलाबी होठों को चूमने लगा और कुछ देर तक बड़ी शिद्दत से चूमता रहा।
फिर मैंने उसके गालो को चूमा, उसकी शर्मीलापन लिए हुए भोली आँखे प्रत्याशित ख़ुशी के करामाती मिश्रण के साथ चमक रही थी। मैंने फिर उसके नग्न कंधे चूमे, और उन अगली डोरियों को खोलने लग गया, जो पिछली परत को हटाने के बाद उजागर हुए थेl
मैंने इसके बाद इस परत को भी ढीली कर निकाल दिया और उसे नीचे गिरने दिया, पांचवी परत में दूसरा कंधा भी उजागर हो गया और टाँगे घुटनो तक नंगी हो गयी। अब उसके शरीर के ऊपरी हिस्से में उसके स्तन और पेट छुपे हुए थे और उसके कंधे पूरो नग्न हो गए थे। अब मुझे किसी और प्रोत्साहन की आवश्यकता नहीं थी। अगली परत को हटाने से पहले मैंने कंधो से लेकर ओंठो तक चुम्बन की प्रक्रिया को दोहराया।
मैं रुक गया और उसके इस रूप को निहारने लगाl
अब, लुसी इधर-उधर घूमने लगी उसने नोट कर लिया था कि मैं रुक गया हूँ और उसने बेहिचक कहा 'मैं इस में नहीं सोना चाहती'। 'ये पारियाँ वाली पोशाक आपके परिवार के लिए अनमोल हैं। जिस परवाह के साथ वे मुझे पहनाई गयी हैं स्पष्ट है ये पोशाक पारंपरिक हैं और ठोस सोने की कढ़ाई से बनाई गयी हैं।' मैं इसे खराब नहीं करना चाहती l
अब अगली परत में साइड से खोलने पर उसके स्तन लगभग नग्न हो गए और उसकी टाँगे घुटनो के ऊपर तक नग्न हो गयी और उसकी चिकनी जाँघे अब मेरे सामने थी और मैंने उसके पूरे शरीर पर इस बार हाथ फिराया ... पूराबदन एक दम चिकना थाl
अब एक ही परत रह गयी थीl
लूसी ने फ़रमाया, 'लेकिन अब मैं क्या पहन कर सोऊँगी?'
मुझे उसकी ओर देखने के लिए मजबूर होना पड़ा और मैं उसके रूप को देखता हो रह गया। मेरी प्रतिक्रिया देख वह सोचने लगी कही उसने कुछ ग़लत तो नहीं कह दिया। पर मैं उसके रूप में खो-सा गया था। वह बहुत कम कपड़ो में लगभग नग्न अवस्था में वहाँ खड़ी थी क्योंकि ये महीन परत बहुत छोटी थी और बहुत कम अंग छुपा रही थी। उसके बड़े गोल और कड़े स्तनों स्पष्ट थे, उसके गुलाब के रंग के उभरे हुए निप्पल अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे थे। मैंने एक गहरी सांस भरी। ' मैं कहना चाहता था कि इस कमरे में आज रात को कौन सोने वाला है, लेकिन मैं सिर्फ़ इतना ही कह पाया कि मैं तुम्हें कुछ दिलवाऊंगा।
मुझे महसूस हुआ अब वासना मेरे ऊपर हावी हो रही है क्योंकि मेरा लंड अब बिलकुल अकड़ गया था। और मेरे मुँह से एक आह निकलीl
'मुझे खेद है कि मैं आपको परेशान कर रही हूँ,' लूसी ने असहजता के साथ कहाl
लुसी ने मेरे पास आ गयी और मेरे हाथ से जो परत मैंने अभी निकाली थी उसे पकड़ लिया। उसने कहा, "बस प्लीज अब आखिरी वाली को भी निकाल दो फिर मैं तुम्हे परेशान नहीं करूंगी, मैं आपसे वादा करती हूँ ।"
फिर मैं सोचने लगा जिसने भी ये ड्रेस डिज़ाइन की है और इस तरह से सोचा है उस पर क्या प्रभाव हुआ होगा और इस पोशाक का किस तरह का कामुक प्रभाव मेरे पूर्वजो पर पड़ा होगा क्योंकि ये पोशाक तो पारम्परिक है । मुझे ऐसे सोचते देख डायना धीरे से मेरे पास आयी और बोली जब लूसी को ये पोशाक पहना रहे थे तो हमारा भी कुछ ऐसा ही हाल था जैसा आपका अब है अगर हम पुरुष रही होती तो पता नहीं हम क्या कर बैठती लूसी से साथ l
मैंने बड़ी कठिनाई से एक कराह को दबा दिया, मेरा ध्यान उसके स्तनों और उसके नितम्बो के उभारो की और चला गया और मैं उत्तेजना से भर गया। अद्भुत उत्तेजक नज़ारा था। मैं अब आखिरी डोरियों और बटनो के साथ जूझ रहा था और कल्पना करने लगा की अब उसे पकड़ कर बिस्तर पर लिटा कर मुझे इस तरह उत्तेजित करने का क्या परिणाम हुआ है ये उसे बताने का समय अब आ गया है। लेकिन मैं विश्वस्त था कि उसे कोई आभास नहीं था की उसे ऐसे देख कर मेरा क्या हाल हुआ है।
कल मैंने जेन को भी लगभग ऐसे ही अर्धनग्न और फिर नग्न होते हुए देखा था लेकिन लूसी का ये नज़ारा कुछ अलग ही था और इसका प्रभाव अत्यधिक उत्तेजक थाl
मैंने एक बार फिर एक आदमी को ऐसे उत्तेजित करने का परिणाम लूसी को सिखाने के बारे में सोचा और अपना कुरता और पायजामा उतार दिया लेकिन फिर मुझे उससे बहुत शर्मिंदगी हुई क्योंकि मुझे पता था कि वह मुझ पर पड़ने वाले प्रभाव से काफ़ी अनजान थी। मैं भी इससे पहले कभी ऐसी किसी महिला के साथ ऐसी स्थिति में नहीं रहा हूँ जो अपनी मोहक शक्ति के बारे अनजान हो या नहीं जानती हो और पहली बार में, मैंने पाया था कि इश्कबाज़ी और चापलूसी करने का क्या अंजाम हो सकता है, लेकिन फिर अचानक, मुझे उसकी मासूमियत बड़ी चुनौती लग रही थी।
लुसी मेरी ओर घूम गयी, मेरी भारी हो गयी आवाज़ की कठोर धार को उसने पकड़ लिया और मेरी ओर देखते हुए मेरी आँखों की चमक को देखने लगी। 'आमिर ... क्या कुछ गड़बड़ है?' उसने बेबसी से सवाल किया।
'मैं कितना ईमानदार हो सकता हूँ?' आमिर ने पूछा।
'आप हमेशा मेरे साथ ईमानदार रह सकते हैं। वास्तव में, यह मेरे लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है।'
'भले ही यह आपको शर्मिंदा करे?' मैंने संकेत किया।
'भले ही यह मुझे शर्मिंदा करे,' लूसी ने बिना किसी हिचकिचाहट के पुष्टि की।
तुम इस समय अर्ध नग्न हो और बहुत खूबसूरत हो, 'मैंने सांस ली। मेरा चेहरा वासना जनित उत्तेजना से लाल हो गया।' तुम मुझे लुभा रही हो' और वह चौंकी।
आगे क्या हुआ पढ़िए अगले भाग 17 में।
आपका आमिर खान l
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