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अंतरंग हमसफ़र
#31
अंतरंग हमसफ़र

तृतीय अध्याय

खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग -7

बॉब की रुखसाना के लिए बेकरारी.

फिर मैं आगे कहानी सुनाते हुए बोला जब मैंने बॉब को रुखसाना का नंबर दे दिया और उसे रुख़्साना को मैसेज करने को कहा। मैंने उसे थोड़ा सब्र रख कर संयत होने को कहा क्योंकि अधिक अधीर होने से बना हुआ काम भी बिगड़ सकता हैl तो बॉब थोड़ा संयत हुआ और मुझसे रुखसाना से मिलवाने के लिए मिन्नत करने लगा l मैंने बॉब से कहा इसके लिए मुझे भी इसमें अपना हिस्सा चाहिए जिसके लिए बॉब सहर्ष तैयार हो गया, तो हमने आपस में सलाह करके आगे का पूरा प्लान बनाया।

जिसकी पहली शर्त थी की पहले वह रुखसाना के कमरे में जाए, या उसे अपने या मेरे कमरे में आमंत्रित करे उसे मनाये और उसकी उत्साही सहमति; प्राप्त करे l फिर उसे सम्भोग में संलग्न करे उसका कौमार्य बॉब को ही भंग करना होगा l तब मैं उन्हें उनकी मस्ती के बीच में आश्चर्यचकित करने के लिए उनके कामुक प्रलाप में शामिल हो जाऊँगा और उससे पहले उन दोनों के मिलन को आसान करने में उनकी मदद करूंगा।

उसके बाद बॉब ने रुखसाना का नंबर सेव कर लिया और रुखसाना को व्हाट्सप मैसेज किया (हिन्दी अनुवाद) ।

बॉब रुखसाना से: हाय बेबी मैं बॉब, रुखसाना आप कैसी हो।

रुखसाना: हाय, आपके पास मेरा नंबर कहा से आया।

रुखसाना: मैं अच्छी हूँ, आप कैसे हो।

बॉब; मैंने आपका नंबर दीपक भाई से लिया l आप क्या कर रही हैं।

बॉब: मेरी हालात ठीक नहीं है।

रुखसाना: अरे क्या हुआ आपको, मैं कुछ ख़ास नहीं आपके बारे में ही सोच रही थी।

बॉब: बस एक पल भी चैन नहीं आ रहा है।

रुखसाना: ऐसा क्या हो गया।

बॉब: मन बहुत बेचैन है।

रुखसाना; आप कहाँ पर है।

बॉब: अपने कमरे में।

रुखसाना: ठीक है मैं पांच मिनट में आती हूँ तब तक अपना ख़याल रखो।

रुखसाना: आपका कमरा कौन-सा है कहाँ पर है।

बॉब: बस आपके कमरे के साथ में जो दाए हाथ पर कमरा है वह मेरा है।

फिर प्लान के अनुसार बॉब जल्दी से अपने सारे कपड़े निकाल कर बिस्तर पर चादर ले कर लेट गया l

मैंने कहा बॉब थोड़ा-सा अभिनय करोl तुम्हारा काम जल्द ही बन सकता है l दरवाज़ा को बिना चिटकनी लगाये भिड़ा कर छोड़ दिया और मैं उस कमरे में छिप गया।

कुछ देर बाद दरवाज़ा खटखटाया और रुखसाना की आवाज़ आयी, बॉब बॉब।

तो बॉब ने थोड़ी धीमे आवाज़ में कहा आ जाईये दरवाज़ा खुला है।

तो रुखसाना अंदर आ गयी।

उसने लाल रंग की सुन्दर ड्रेस पहनी हुई थी जिसमे वह बहुत सुन्दर लग रही थी और उसने थोड़े-सा शृंगार भी किया हुआ था।

बॉब आँखे बंद कर लेट गया था।

रुखसाना बोली बॉब आप कैसे हैं।

फिर वह बोला कौन है।

और आँखे खोल कर बोला अरे रुखसाना आप हैं और मुस्करा दिया।

अरे आप तो ठीक लग रहे हैं और मुस्कुरा रहे हैं।

तो मिर्ज़ा ग़ालिब के चेले ने मौके पर शेर चिपका दिया।

" उन के देखे से जो आ जाती है मुंह पर रौनक़,।
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है"।l

रुखसाना आ कर उसके पास बैठ गयी और बॉब उठने का प्रयास करने लगा l रुखसाना को अपने पास आया देख उसका पहले से उत्तेजित लंड पूरा भड़क कर कड़क हो गया और चादर में तम्बू बन गया l जिसे छुपाने के लिए बॉब ने एक टांग मोड़ ली।

रुखसाना ने उसके माथे पर हाथ रखा तो उत्तेजना के कारण तपते बॉब का बदन उसे गर्म महसूस हुआl वह बोली अरे लगता है आपकी तो बुखार आ गया है l इसके लिए दवा ली क्या आपने।

तो बॉब ने कहा अब आप आ गयी है तो दवा भी मिल जायेगी l

रुखसाना ने पुछा क्या मतलब आपका?

तो बॉब बोलाl मेरी बिमारी भी आप है और इसका इलाज़ भी आप ही के पास है।

बॉब बोलाl मुझे आप बहुत अच्छी लगती हैं।

रुखसाना बोली मैं आपकी कितनी अच्छी लगती हूँ?

बॉब ने सिखाये अनुसार फिर एक शेर चिपका दिया।

" हुस्न-ए-मह गरचे ब-हंगाम-ए-कमाल अच्छा है।
उस से मेरा मह-ए-ख़ुर्शीद-जमाल अच्छा है "।l

1-हुस्न-ए-मह =चांद की ख़ूबसूरती,

2l मह-ए-ख़ुर्शीद-जमाल-ख़ूबसूरत सूरज का चांद l

लड़कियों को हमेशा अपनी खूबसूरती की तारीफ अच्छी लगती है और फिर शेरो शायरी भी हो तो बस कहने ही क्या।

बॉब बोलता गया मैं अब आपके बिना नहीं रह सकता l फिर उसका हाथ पकड़ कर अपने दिल के पास रख कर बोलाl देखिये मेरी धड़कन कितनी तेज हो गयी हैl

रुखसाना बोली हाँ ये तो काफ़ी तेज हो गयी हैl आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए

बॉब बोलाl मुझे मेरी बिमारी का और उसका इलाज़ पता है बस आप थोड़ा-सा मेरा साथ दीजिये।

तो रुखसाना बोली आपकी मदद करके मुझे बहुत ख़ुशी होगी।

देखिए खेल में जब मैंने आपको पकड़ा था तो आपने वादा किया था मनचाहा इनाम मिलेगा l

बॉब फिर बोला

" देखिए पाते हैं उश्शाक़ बुतों से क्या फ़ैज़।
इक बरहमन ने कहा है कि ये साल अच्छा है "॥

(उश्शाक़-चुंबन-बोसा)

और फिर बॉब ने दुसरे हाथ से उसका सर नीचे कर उसके होठो पर किस किया।

और बॉब बोला मैं पहली ही झलक से आपका दीवाना हो गया हूँl मैं आपसे प्यार करने लगा हूँ और अब आपके बिना नहीं रह सकता, आप बस मेरी हो जाईये।

और फिर दुबारा से उसे बेतहासा चूमने लगा और रुखसाना भी उसका साथ देने लगी फिर चुम्बन तोड़ कर बोली अब कुछ ज़्यादा हो रहा हैl बॉब आप ख़ुद को नियंत्रित कीजिये इतना ज़्यादा चुम्बन ठीक नहीं हैl मुझे भी कुछ होता है।

चाचा ग़ालिब के चेले को फिर मौका मिला उसने फिर चिपकाया।

" बोसा देते नहीं और दिल पर है हर लहज़ा निगाह l
जी में कहते हैं कि मुफ़्त आए तो माल अच्छा है "।l

(लहज़ा-पल, लम्हा)

तो रुखसाना शर्माते हुए और मुस्कुराते हुए बोली क्या अब थोड़ा आराम मिला आपको।

तो बॉब ने जवाब दिया

" हजारो ख्वाहिशे ऐसी कि हर ख़्वाहिश पर दम निकले।
बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले।l "

फिर बॉब ने अपने चादर हटा दी और उसका हाथ पकड़ कर अपने खड़े हुए लंड पर रख दिया और बोलाl अब अपने इस मरीज का भी इलाज़ कर दो।

तो रुखसाना ने पहले लंड को सहलाया और फिर बॉब के तरफ़ देख कर मुस्कुरायी फिर लंड की तरफ़ मुँह किया सर को झुकाया और लंड के अगर भाग पर एक किश की और फिर मुँह खोल कर हलके-हलके चूसने लगी इस अचानक मिली ख़ुशी से बॉब का लंड बहुत जल्दी अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँच गया और उसमे मुँह में पिचकारियाँ मार दी जिसे वह पूरा चाट गयी और उसके बाद उसे जीभ में भर कर एक गोला बना कर बॉब को देख कर मुस्कुरायी।

तो चाचा ग़ालिब का कच्चा शागिर्द बोला।

" बे-तलब दें तो मज़ा उस में सिवा मिलता है।
वो गदा जिस को न हो ख़ू-ए-सवाल अच्छा है "। ।

गदा -भिखारी, भिक्षु,

ख़ू-ए-सवाल -इश्क़ करने वाले, प्रेमी

उसके बाद रुखसाना कुछ नहीं बोली और मुँह में उसकी जीभ पर रखे बॉब के वीर्य के गोले को मुँह में घुमाया और बॉब के ओंठो के साथ अपने ओंठ जोड़ कर अपनी जीभ और वीर्य के गोले को बॉब के मुँह में सरका दिया और जीभ से उस पर धक्का मारा और वह उस गोले को निगल गया और फिर काफ़ी देर तक दोनों ऐसे-सी चुम्बन करते रहे फिर वह अलग हुई।

और चचा ग़ालिब ने एक आखिरी शेर दे मारा।

" क़तरा दरिया में जो मिल जाए तो दरिया हो जाए।
काम अच्छा है वह जिस का कि मआल अच्छा है "।l

मआल -परिणाम, नतीजा, अन्त

तो वह वही पड़ा ग़ालिब का दीवान उठा का बोली चचा ग़ालिब के नए-नए चेले जी क्या आपको उनकी कोई और नज़्म भी याद है l जब बॉब कुछ नहीं बोला।

तो वह हाथ छुड़ा कर दूर हट गयी और वापिस जाने लगी तो बॉब ने कहा अरे आप कहाँ जा रही हैं।

तो वह बोली

" ख़त्म हुआ खेल बंजारे का अब रुखसती की तैयारी हैं।
जुड़ा था जो रिश्ता कभी तेरे शहर से उसे अलविदा कहने की बारी हैं "॥

अभी आप थोड़ा ग़ालिब पढ़ लीजिये और आराम कीजिये बाद में मिलते हैं।

तो बॉब उठ कर खड़ा हो गया और उसे पकड़ कर अपनी तरफ़ खींचा और गले लगा कर बोला आप तो हमसे रूठ कर यु मत जाईये ये सब आप के ही लिए था।

तो बॉब बोला रुखसाना आप जानती नहीं हो मेरी क्या हालात हैl में ज़्यादा इंतज़ार करने की स्थिति में नहीं हूँ मैं आपसे दूर ज़्यादा देर नहीं रह सकता हूँ और अगर मैं आपसे नहीं मिला तो मर जाऊँगा।

तो उसने बॉब को एक चुम्बन किया और जाने लगी और बोली आप दो घंटो में मेरे कमरे में आइये l अभी मुझे जेन के पास जाना है नहीं तो कही वह मुझे ढूँढते हुए यही न आ जाए और भाग गयी।

फिर बोली मैं मैसेज करूंगी तब तुम मेरे कमरे में आ जाना।

तो उसके बाद मैंने बॉब को बोला अब तुम नहा कर त्यार हो जाओ l तब तक मैं जेन के कमरे में जा कर देखता हूँ क्या कर सकते हैं।

उसके बाद मैं जेन के कमरे में चला गया और उसे बताया कैसे उसका भाई रुखसाना के लिए बिलकुल बेकरार हो चूका है l अगर हमने इन दोनों को नहीं मिलवाया तो कह रहा है वह मर जाएगाl इसलिए हमे उसकी मदद करनी होगी l रुखसाना जेन के कमरे में जाने से पहले शायद फ्रेश होने अपने कमरे में चली गयी थी lहम बात कर ही रहे थे की इतने में रुखसाना आ गयी तो मैं चुप कर उनके कमरे से निकल गया l जेन ने उसका स्वागत किया और फिर आज सुबह तालाब पर हुई मस्तियो की बात करते हुए उससे पूछने लगीl उसे कैसा लगा आज के खेल मेंl

तो रुख़्साना बोली आज जैसा मज़ा तो उसे पहले कभी नहीं आया और उसे बहुत अच्छा लगा।

जेन ने फिर पुछा और क्या-क्या अच्छा लगा तो उसने कहा तालाब, शराब और खेल और मस्ती सब कुछl जेन ने पुछा बस यही और मेरा भाई बॉब नहीं अच्छा लगा तुमको l तो जेन बोली मुझे भी उसकी हरकते देख कर यही लग रहा था l उसकी आँखे सारा समय तुम पर ही टिकी हुई थी l किसी और की तरफ़ तो वह देख भी नहीं रहा था।

तो रुखसाना शर्माते हुए बोली और मुझे आपका भाई बॉब अच्छा लगा l मुझे लगता है वह मुझे प्यार करने लगा है और जब वह मुझे ऐसे प्यार से देखता है मुझे भी कुछ-कुछ होने लगता है l आपा कुछ करो न के हमारा मिलन हो जाए।

तो जेन ने पुछा अब कहाँ से आ रही हो?

रुखसाना ने बॉब के कमरे में जो हुआ था वह सब कह सुनायाl जेन बोली रुखसाना मालूम है लड़का लड़की के मिलन में क्या होता है l तो रुखसाना बोली ज़्यादा तो नहीं पता पर यही पता है दोनों बहुत प्यार करते हैं l तो जेन बोली लगता है तुम्हे सब करके दिखाना पड़ेगा और जेन ने मुझे फ़ोन अपने कमरे में बुलाया।

ये कामुक कहानी जारी रहेगीl

आपका दीपकl


आगे क्या हुआ पढ़िए अगले भाग 8 में।
 
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RE: अंतरंग हमसफ़र - by aamirhydkhan1 - 22-11-2021, 01:42 PM



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