20-11-2021, 02:06 PM
अंतरंग हमसफ़र
तृतीय अध्याय
खूबसूरत युवा सहेलिया
भाग -6
सौत बनी साथी
तृतीय अध्याय
खूबसूरत युवा सहेलिया
भाग -6
सौत बनी साथी
फूफा जी ने बड़ी बुआ की चुत को सहलाना शुरू कर दियाl थोड़ी ही देर में बड़ी बुआ की चुत गीली होने लगीl वह ज़ोर जोर से कामुक सिसकरियाँ भरने लगीl
फूफा जीने एक उंगली बड़ी बुआ की चुत के अन्दर डाल दी, तो बड़ी बुआ ने ज़ोर की सिसकारी लीl
मेरा लंड अब तक बहुत ज़्यादा सख्त हो चुका थाl
थोड़ी देर तक फूफा जी बड़ी बुआ की चुत में अपनी उंगली अन्दर बाहर करते रहे l
फूफा जी ने बड़ी बुआ की टाँगें पकड़ कर नीचे की ओर खींचा तो बड़ी बुआ बिस्तर पर लेट गई। अब फूफा जी ने बड़ी बुआ की दोनों टाँगें उठा कर फूफा जीके नीचे दो तकिये लगा दिये, जिससे बुआ की चूत ऊपर को उठ गई। बड़ी बुआ ने अपनी टाँगों को चौड़ा करके छत की ओर उठा दिया, फिर फूफा जी के सिर को पकड़ कर अपनी चूत के ऊपर दबा दिया। फूफा जी अपनी जीभ निकाल कर बड़ी बुआ की चूत के अंदर उसे डाल कर घुमाने लगे। बुआ के पूरे जिस्म में सिहरन-सी दौड़ने लगी। बड़ी बुआ अपनी कमर को और ऊपर उठाने लगी जिससे फूफा जी की जीभ ज़्यादा अंदर तक जा सके।
बड़ी बुआ के हाथ बिस्तर को मजबूती से थामे हुए थे, बुआ मुँह खुल गया। बुआ ज़ोर से चीख पड़ी-हाँऽऽऽ और अंदर आआहहह ऊऊहह इतने दिन कहाँ थे पागल हो जाऊँगी l
ऊऊहहह ऊऊईई छोटी ये क्या कर रहे हैं मुझे संभालो मेरा छूटने वाला हैl
एकदम से बड़ी बुआ की चूत से रस की बाढ़-सी आई और बाहर की ओर बह निकली। बड़ी बुआ का पूरा जिस्म किसी पत्ते की तरह काँप रहे थे काफ़ी देर तक बुआ झड़ना चलता रहा l
जब सारा रस फूफा जी के मुँह में उड़ेल दिया तो बड़ी बुआ ने फूफा जी के सर को पकड़ कर उठाया। फूफा जीकी मूछें, नाक, होंठ सब बुआ के रस से सने हुए थे। फूफा जी ने अपनी जीभ निकाली और अपने होंठों पर फिराई।
"छी... गंदे!" बड़ी बुआ ने फूफा जी से कहा।
"इसमें गंदी वाली क्या बात हुई? यह तो टॉनिक है। तुम मेरा टॉनिक पी कर देखना... अगर जिस्म में रंगत ना आ जाये तो कहना।"
"जानू अब आ जाओ!" बड़ी बुआ ने फूफा जी को अपने ऊपर खींचा, "मेरा जिस्म तप रहा है। नशे की खुमारी कम होने की बजाय बढ़ती जा रही है... इससे पहले कि पागल हो जाऊँ अंदर डाल दो।"
फूफा जी ने अपने लंड को बड़ी बुआ के मुँह से लगाया।
"एक बार मुँह में तो लो... चूत में बाद में डालूँगा। पहले एक बार प्यार तो करो इसे!"
बड़ी बुआ ने फूफा जीके लंड को अपनी मुठ्ठी में पकड़ा और अपनी जीभ निकाल कर उसे चूसना और चाटना शुरू कर दिया। बुआ अपनी जीभ से फूफा जीके लंड को एकदम नीचे से ऊपर तक चाट रही थी और अपनी जीभ से फूफा जीके लंड के नीचे लटकते हुए अंडकोषों को भी चाट रही थी। फूफा जीका लंड बड़ा प्यारा लग रहा था। छोटी बुआ फूफा जी के लंड को चाटते हुए बड़ी बुआ और फूफा जी के चेहरे को देख रही थी।
बड़ी बुआ का उत्तेजित चेहरा बड़ा प्यारा लग रहा था। दिल को सकून मिल रहा था कि छोटी बुआ बड़ी बुआ और फूफा जी ने मुझे इतना प्यार दिया था और तीनो के रिश्ते सुधर गए थे।
छोटी बुआ ने मुस्कुराते हुए कहा-पहले बड़ी बुआ से प्यार की दो बातें कर लो बाद में अपने औजार पर ज्यादा-सा तेल लगा लेनाl फिर अपना औजार को बड़ी बुआ के छेद में बहुत ही धीरे-धीरे घुसा देनाl जल्दीबाजी मत करना, नहीं तो दीदी बहुत चिल्लाएगीl समझ गए नाl
फूफा जीके लंड से चिपचिपा-सा बेरंग का प्री-कम निकल रहा था जिसे बड़ी बुआ बड़ी बेकरारी से चाट कर साफ़ कर देती थी।
बुआ काफ़ी देर तक फूफा जीके लंड को तरह-तरह से चाटती रही। फूफा जीका लंड काफ़ी मोटा था इसलिये मुँह के अंदर ज़्यादा नहीं ले पा रही थी और इसलिये जीभ से चाट-चाट कर ही उसे गीला कर दिया था।
कुछ देर बाद फूफा जीका लंड झटके खाने लगा। फूफा जी ने बुआ के सिर पर हाथ रख कर रुकने का इशारा किया।
"बस...ll बस...ll और नहीं! नहीं तो अंदर जाने से पहले ही निकल जायेगा।" कहते हुए फूफा जी ने बड़ी बुआ के हाथों से अपने लंड को छुड़ा लिया l
फूफा जी ने कहा आज तुम दोनों को क्या हो गया है कहाँ तो एक दुसरे से बात भी नहीं करती थी और अब ये सब एक साथ l
तो बड़ी बोली जानू इसका पूरा श्रेय दीपक को है ... वह कुछ दिन जब वह पहले छोटी से मिला तो किसी बात पर उसने कहा जब प्यार के लिए समय कम है तो झगड़ा क्यों करना अगर अपना दायरा बढ़ा लो और सबको जो मिले उसे मिल बाँट लो तो ज़्यादा ही मिलता है l
यही बात उसने मुझे भी कही जब छोटी बुआ ने उससे पुछा बॉब और टॉम ने तुम्हे तंग तो नहीं किया। बस यही बात घर कर गयी और हमे लगा पहले जिस भी कारण से जो भी हुआ उसे भूल कर आगे बढ़ना चाहिए l
और हम बहने जब आपस में मिली तो किसी को भी कुछ नहीं कहना पड़ा बस आपस में गले लग गयी l
तो फूफा जी बोले तो फिर आ जाओ छोटी बुआ की जान तुम दोनों को आज बहुत प्यार करूंगा l
और बड़ी बुआ की टाँगों को फैला कर फूफा जीके बीच घुटने मोड़ कर झुक गए।
फूफा जी ने अपने लंड को बुआ की चूत से सटाया।
"आपका बहुत मोटा है। बड़ी की चूत को फाड़ कर रख देगा।" छोटी बुआ ने घबराते हुए कहा, "धीरे-धीरे करना नहीं तो बड़ी दर्द से मर जायेगी" l
वो हंसने लगे।
"आप बहुत खराब हो! इधर तो जान की पड़ी है।" छोटी बुआ ने फूफा जी से कहा।
छोटी बुआ ने भी अपने हाथों से बड़ी की चूत को चौड़ा कर फूफा जीके लंड के लिये रास्ता बनाया। फूफा जी ने अपने लंड को बड़ी बुआ की चूत के दर पर टिका दिया।
छोटी बुआ ने फूफा जीके लंड को पकड़ कर बड़ी की फैली हुई चूत के अंदर खींचा।
"अंदर कर दो..." छोटी बुआ की आवाज़ भारी हो गई थी।
फूफा जी ने अपने जिस्म को बड़ी बुआ के जिस्म के ऊपर लिटा दिया। फूफा जीका लंड बड़ी बुआ की चूत की दीवारों को चौड़ा करता हुआ फूफा जी अंदर जाने लगा। बड़ी बुआ सब कुछ भूल कर फूफा जी के सीने से लग गई। बस सामने सिर्फ़ फूफा जी ज़ थे और कुछ नहीं। वह ही इस वक़्त बुआ के पति आशिक, बुआ के सैक्स पार्टनर और जो कुछ भी मानो, थे।
जैसे ही फूफा जी का लंड बुआ की चूत को चीरता हुआ आगे बढ़ा बुआ के मुँह से "आहहऽ" की आवाज निकली और फूफा जीका लंड पूरा का पूरा बुआ की चूत में धंस गया। और छोटी बुआ बड़ी बुआ के निप्पलों को सहलाने लगी और माथे पर प्यार से हाथ फिराने लगी l
फूफा जी इस पोजीशन में छोटी बुआ के होंठों को चूमने लगे। तो बड़ी बुआ अपने नितम्ब ऊपर उठा कर फूफा जी के लंड को और अंदर लेने का यत्न करने लगी l
फूफा जी बड़ी बुआ से बोले "अच्छा तो अब पता चला कि मुझसे मिलने के लिये तुम भी इतनी बेसब्र थी... कहकर वो अपने हाथों का सहारा लेकर बुआ के जिस्म से उठे और साथ-साथ उनका लंड भी बुआ की चूत को रगड़ता हुआ बाहर की ओर निकला और फिर वापस पूरे जोर से छोटी बुआ की चूत में अंदर तक धंस गया।
"ऊऊऊहह दर्द कर रहा है। आपका वाकयी काफी बड़ा है। बुआ की चूत छिल गई। बुआ ने उनके आगे-पीछे होने की ताल से अपनी ताल भी मिलाई।
हर धक्के के साथ उनका लंड छोटी बुआ की बुआ की चूत में अंदर तक घुस जाता और उनकी कोमल झाँटें बुआ की मुलायम त्वचा पर रगड़ खा जाती। वो जोर-जोर से बुआ को ठोकने लगे उनके हर धक्के से पूरा बिस्तर हिलने लगता। काफी देर तक वो ऊपर से धक्के मारते रहे।
बुआ ने नीचे से अपनी टाँगें उठा कर उनकी कमर पर लपेट ली थी और उनके बालों भरे सीने में तने हुए निप्पल रगड़ रही थी। इस रगड़ से एक सिहरन सी पूरे जिस्म में दौड़ रही थी।
बुआ ने अपने हाथों से उनके सिर को पकड़ कर अपने होंठ उनके होंठों पर लगा कर अपनी जीभ उनके मुँह में घुसा दी। छोटी बुआ इसी तरह उनके लंड को अपनी चूत में लेने के लिये अपनी कमर को उचका रही थी। उनके जोरदार धक्के बुआ पागल बना रहे थे। उन्होंने अपना चेहरा ऊपर किया तो बुआ उनके होंठों की छुअन के लिये तड़प कर उनकी गर्दन से लटक गई।
फूफा जी के शरीर में दम काफी था जो बुआ के जिस्म का बोझ उठा रखा था। बुआ अपने हाथों और पैरों के बल पर उनके जिस्म पर झूल रही थी।
इसी तरह बुआ को उठाये हुए वो लगातार चोदे जा रहे थे, बुआ "आआहह! माँआ! मम्म! ऊफ़्फ़! आआहह!" जैसी आवाजें निकाले जा रही थी।
उनके धक्कों से तो बुआ निढाल हो गई थी। वो लगातार इसी तरह पंद्रह मिनट तक ठोकते रहे। इन पंद्रह मिनट में बुआ दो बार झड़ चुकी थी लेकिन उनकी रफ़्तार में कोई कमी नहीं आई थी।
उनके सीने पर पसीने की कुछ बूँदें जरूर चमकने लगी थीं। बुआ ने अपनी जीभ निकाल कर उन नमकीन बूँदों को चाट लिया। वो बुआ की इस हरकत से और जोश में आ गए।
पंद्रह मिनट बाद उन्होंने बड़ी बुआ की चूत से अपने लंड को खींच कर बाहर निकाला।
उन्होंने छोटी बुआ को किसी बार्बी डॉल की तरह एक झटके में उठाकर हाथों और पैरों के बल घोड़ी बना दिया। छोटी बुआ की चूत अब उनके सामने थी।
"मम्म डाल दोओ आज मुझे जितना जी में आये मसल डालो... आआआह मेरी गर्मी शाँत कर दो।"
छोटी बुआ छटपटा रही थी उनके लंड के लिये।
"एक मिनट ठहरो।" कहकर उन्होंने रुमाल उठाया और चूत को अच्छी तरह साफ़ करने लगे। यह जरूरी भी हो गया था, छोटी बुआ की चूत में इतना रस निकला था कि पूरी चूत चिकनी हो गई थी। उनके इतने मोटे लंड के रगड़ने का अब एहसास भी नहीं हो रहा था।
जब तक लंड के रगड़ने का दर्द नहीं महसूस होता तब तक मज़ा उतना नहीं आ पाता है। इसलिये छोटी बुआ भी उनके इस काम से बहुत खुश हुई। छोटी बुआ ने अपनी टाँगों को फैला कर अपनी चूत के अंदर तक का सारा पानी सोख लेने में मदद की। छोटी बुआ की चूत को अच्छी तरह साफ़ करने के बाद उन्होंने अपने लंड पर चुपड़े बड़ी बुआ के रस को भी रुमाल से साफ़ किया।
छोटी बुआ ने बेड के सिरहने को पकड़ रखा था और कमर उनकी तरफ़ कर रखी थी। उन्होंने वापस अपने लंड को छोटी बुआ चूत के द्वार पर लगा कर एक और जोरदार धक्का दिया।
"हम्म उहफ़्फ़" छोटी बुआ के मुँह से एक आवाज निकली और छोटी बुआ ने उनके लंड को अपनी चूत में रगड़ते हुए अंदर जाते हुए वापस महसूस किया। वो दोबारा जोर-जोर से धक्के लगाने लगे। उनके धक्कों से छोटी बुआ के बड़े-बड़े स्तन किसी पेड़ पर लटके आमों की तरह झूल रहे थे।
छोटी बुआ के गले पर पहना हुआ नेकलेस उनके धक्कों से उछल-उछल कर छोटी बुआ की चूचियों को और छोटी बुआ की ठुड्डी को टक्कर मार रहे थे l छोटी बुआ ने उसके लॉकेट को अपने दाँतों से दबा लिया जिससे कि वो झूले नहीं।
फूफा जी ने छोटी बुआ की इस हरकत को देख कर छोटी बुआ के नेकलेस को अपने हाथों में लेकर अपनी ओर खींचा। छोटी बुआ ने अपना मुँह खोल दिया।
अब ऐसा लग रहे थे मानो वह किसी घोड़ी की सवारी कर रहे हों और नेकलेस उनके हाथों में दबी उसकी लगाम हो। वह इस तरह छोटी बुआ की लगाम थामे बुआ को पीछे से ठोकते जा रहे थे।
तभी छोटी बुआ बोली आज जानू अपना रस बड़ी में डालो। बड़ी बुआ को घोड़ी बना कर छोटी बुआ ने फूफा जी का लंड बड़ी बुआ की छूट पर लगा कर फूफा जी के नितम्बो को आगे की और दबा दिया और फूफा जी ज़ोर से बुआ को पीछे से ठोकने लगे .l
तभी छोटी बुआ बोली आज जानू अपना रस बड़ी में डालो। बड़ी बुआ को घोड़ी बना कर छोटी बुआ ने फूफा जी का लंड बड़ी बुआ की छूट पर लगा कर फूफा जी के नितम्बो को आगे की और दबा दिया और फूफा जी ज़ोर से बुआ को पीछे से ठोकने लगे।
"जानू ... ऊऊहह...जानू ... मेरा झड़ने वाला है... तुम भी मेरा साथ दो प्लीईऽऽऽज़!" बड़ी बुआ ने फूफा जी से बड़ी बुआ के साथ झड़ने की गुज़ारिश की।
फूफा जी ने बड़ी बुआ की पीठ पर झुक कर बड़ी बुआ के झूलते हुए दोनों मम्मों को अपनी मुठ्ठी में पकड़ लिया और पीछे से अपनी कमर को आगे पीछे ठेलते हुए जोर-जोर के धक्के मारने लगे।
बड़ी बुआ ने अपने सिर को झटका देकर अपने चेहरे पर बिखरी अपनी ज़ुल्फों को पीछे किया तो बड़ी बुआ के दोनों मम्मों को मसलते हुए फूफा जी के हाथों को देखा। उनके हाथ बड़ी बुआ के निप्पलों को अपनी चुटकियों में भर कर मसल रहे थे और छोटी बुआ फूफा जी को लिप करने लगी l
"अम्मंह...जानू ...जानू!" मैं झड़ रही हूँ...जानू तुम भी आ जाओ... तुम भी अपनी धार छोड़ कर मेल कर दो। "
फूफा जी ने महसूस किया कि उनका लंड भी झटके लेने लगा है। उन्होंने छोटी बुआ की गर्दन के पास अपना चेहरा रख दिया। उनकी गर्म-गर्म साँस छोटी बुआ की गर्दन पर महसूस हो रही थी।
उन्होंने लगभग छोटी बुआ के कान में फुसफुसाते हुए कहा, " ... मेरा निकल रहा हैl
" आज दीदी को भर दो छोटी बुआ ने कहा और एक साथ बड़ी बुआ और फूफा जी दोनों के जिस्म से अमृत की धारा बह निकली।
उनकी उँगलियों ने छोटी बुआ की चूचियों को बुरी तरह निचोड़ और तीनो बिस्तर पर गिर पड़े, वह बड़ी बुआ के ऊपर ही पड़े हुए थे, तीनो के जिस्म पसीने से लथपथ हो रहे थे।
बड़ी बुआ बोली "आआहह जानू! आज आपने मुझे वाकई ठंडा कर दिया आपने मुझे वो... मज़ा... दिया जिसके... लिये मैं ... काफ़ी सालो से तड़प रही थीll मममऽऽऽ।" बुआ का चेहरा तकिये में धंसा हुआ था और वह बड़बड़ाये जा रही थी।
फूफा जी बहुत खुश हो गये और बड़ी बुआ की नंगी पीठ को चूमने लगे और बीच-बीच में बड़ी बुआ की पीठ पर काट भी लेते।
उसके बाद मैं और अलका दोनों वहाँ से चुपचाप खिसक लिए और अलका ने मुझे चुम कर मेरे गले लग गयी और कहा थैंक यू तुमने मेरे माँ और मौसी को दुबारा एक करवा दियाl
उसके बाद वह जेन के पास चली गयी
मेरे दिमाग़ में दुबारा वही खटक रहा था क्या कारण है की आज बॉब अपने कमरे में इतनी जल्दी चला गया और उसने साथ में सिगरेट पीने की पेशकश भी नहीं की। तो मैं बॉब के कमरे की तरफ़ चला गया।
मैंने जाकर बॉब का कमरा खटखटाया और जब उसने दरवाज़ा खोला तो किसी भी कोने से ये नहीं लगा की वह सो रहा था या सोने जा रहा था। मैंने उससे उसके आराम में खलल डालने के लिए क्षमा मांगी और फिर बोला भाई आज हमने दोपहर के खाने के बाद साथ में सिगरेट नहीं पि इसलिए मैं आपके पास आ गयाl लगता है आज वहाँ तालाब पर हुई गतिविधियों ने आपको थका दिया है।
बॉब बोलै नहीं ऐसी कोई बात नहीं है मैं माँ और पिताजी के सामने सिगरेट नहीं पीना चाहता था। वह अशिष्ट होता। फिर मुझे जोरदार तलब लगी थी और आप मेरी बहनो के साथ बात कर रहे थे l जिसमे मैं विघ्न नहीं डालना चाहता था इसीलिए जल्दी से अपने कमरे में आकर सिगरेट पीने लगा l अगर आपको कुछ अन्यथा लगा तो मुझे माफ़ कर दीजिये और मुझे सिगरेट जला कर दे दी।
फिर मैंने बॉब के साथ उसके कमरे में सिगरेट पी। सुबह की घटनाओं ने हम दोनों को सबसे अशांत और उत्तेजित स्थिति में छोड़ दिया था। "मैं कहता हूँ, मेरे भाई," उसने कहा, " मेरे लिए रुखसाना के लिए कल का इंतज़ार करना काफ़ी मुश्किल है। इसके अलावा, जब हम बहुत सारे लोग एक साथ हो तो ऐसा मौका मिलना लगभग असंभव है। मुझे लगता है हमारा अपने प्रयासों में असफल होने की संभावना ज़्यादा हैl कोई और रास्ता निकालना चाहिए नहीं तो मैं इसके लिए मर जाऊँगा। उसका कमरा मेरे कमरे के साथ ही है, मुझे अभी अपना भाग्य आज़माना चाहिएl
मैंने उसे जल्दबाजी में कुछ भी करने से रोकने की कोशिश की, क्योंकि हम अभी तक निश्चित नहीं थे कि रुखसाना ने अभी तक ये नहीं जताया था के वह भी इतनी जल्दी अपना कौमार्य समर्पण करने के लिए उत्साहित और तैयार थी।
हालाँकि जैसे इन मामलो अक्सर होता है वैसे ही वॉव को समझाने के लिए मेरे द्वारा दिए गए कारण, तर्क और वितर्क सब व्यर्थ साबित हुए। फिर बॉब बोला "इधर देखें," उन्होंने कहा, "ओह रुखसाना! उसके विचार ही मेरे लिंग को कितना उत्तेजित और तैयार कर देते हैंl" उसने पतलून को खोलकर अपना कठोर हो चूका लिंग बहार निकाल लिया। उसकी नसों विकृत ही चुकी थी और फूली हुई साफ़ नज़र आ रही थी। उसका तैयार उबलता हुआ गर्म खून फटने के लिए तैयार और ख़ुद बॉव बहुत उत्तेजित था,। तभी मैंने कहा भाई तुझे और तेरे लड़ को अगर जल्द राहत नहीं पहुँचाई गयी तो ज़रूर तुम्हे कुछ हो जाएगा।
मैंने सिगरेट को अपने होठों से हटा दिया और रूबी को बुलायाl वहाँ अंदर आकर उसने जब बॉब की हालत देखि तो तुरंत वह अपने घुटनों पर हो कर उसने लंड को पहले पकड़ कर सहलाया, फिर चूमा और, चूसा, और फिर अपनी ड्रेस उठा कर योनि के अंदर ले कर तेजी से ऊपर नीचे होने लगी। जिससे जल्दी ही उसके हथियार ने रूबी की योनि के अंदर अपना सारा लावा उगल दिया।
इससे बॉब को कुछ समय के लिए राहत मिली पर कुछ ही देर बाद जैसे ही बातचीत में रुख़्साना का नाम आया l बॉब का लिंग फिर सर उठाने लगा और जल्द ही पूरा खड़ा हो गया तो मैंने उसके लंड को पकड़ कर सहलाया और बोला बस थोड़ी देर और इंतज़ार करोl मुन्ना, जल्द ही तुम अपने मक़सद में कामयाब होकर अपने गंतव्य पर पहुँच जाओगे।
बॉब! आज खेल में भी रुखसाना तुम्हे बार बारदेख रही थी और मैंने देखा था वह तुम्हारा लंड देखते हुए दो बार उसका हाथ भी अपनी योनि पर चला गया था।
फिर मैंने उससे पुछा क्याँ तुमने उससे उसका फ़ोन नंबर लिया है। तो वह बोलै नहीं वह तो नहीं लिया। मैं तो उसकी ख़ूबसूरती में ऐसा खो गया की मूझे कुछ होश नहीं रहा। हाँ सब को दिख रहा था, तुम्हारा उसके प्रति दीवानापण।
तो फिर वह बोलै भाई प्लीज उसका नंबर दिलवा दोl तो मैंने कहा नंबर या तो अलका से लेना पड़ेगा या जेन के पास से लेना पड़ेगा। तो मैंने पहले जेन को व्हाट्सप मैसेज किया (हिन्दी अनुवाद) ।
मैं जेन से: हाय कैसी होl
जेन; हाय मैं ठीक हूँ आप कैसे हो l
मैं: मुझे तुमसे थोड़ी मदद चाहिए l
जेन: बोलो मैं तुम्हारे लिए क्या कर सकती हूँ l
मैं: बॉब को रुकसाना का फ़ोन नंबर चाहिए तुम्हारे पास है क्या l
जेन: नहीं मेरे पास नहीं है मैं लेना भूल गयी l
जेन: आप अलका से ले लो उसके पास ज़रूर होगा l
मैं: अच्छा याद दिलाया मुझे सबके नंबर रखने चाहिए आगे से धयान रखूँगा l
मैं अच्छा मुझे अलका लूसी और सिंडी का नंबर भी भेज दो l
जेन: xxxxxxxxx, अलका xxxxxxxxxxl लूसी xxxxxxxxxxl सिंडी l
मैं: थैंक यू l
मैं: लूसी और सिंडी कहाँ है l
जेन: अपने कमरों में होंगी l
मैं: लव यू टेक केयर l
उसके बाद मैंने अलका का और बाक़ी सबका नंबर सेव कर लिया और अलका को व्हाट्सप मैसेज किया (हिन्दी अनुवाद) ।
मैं अलका से: हाय, अलका कैसी हो मैं दीपकl
अलका: हाय, मुझे पता है मेरे पास तुम्हारा नंबर है l
मैं: तुमने कब लिया मेरा नंबर l
अलका: वह कल मौसी ने दिया था, जब वह माँ के साथ जा रहे थे के कोई ज़रूरत हो तो दीपक से बात कर लेना l
मैं: मेरे पास नहीं था मुझे जेन से लेना पड़ा l
मैं: तुम्हारे पास नंबर था तो फिर कॉल क्यों नहीं किया l
अलका: फिर मैं आप से मिलना चाहती थी इसलिए कॉल नहीं किया था l
मैं: अच्छा क्या कर रही हो ज़्यादा बिजी तो नहीं हो l
अलका: नहीं कुछ ख़ास नहीं l
मैं: मुझे तुमसे थोड़ी मदद चाहिए l
अलका: बताइये l
मैं: बॉब को रुकसाना का फ़ोन नंबर चाहिए l
अलका: ज़रूर प्लीज वेट लव बर्ड्स की मदद करनी ही चाहिए (स्माइली) l
अलका: xxxxxxxxxx रुखसाना l
मैं: हुमा का भी दे दो, टॉम का फ़ोन भी आता ही होगा (स्माइली) l
अलका: xxxxxxxxxxl हुमा l
मैं: थैंक्स, आज डिनर पर तुम्हारे घर कितने बजे चलना है l
अलका: वही नार्मल समय परl बाक़ी माँ से पूछ कर बता दूँगी l
अलका: मेरे पास सब के नंबर नहीं हैं l
मैं: मुझे भेज देना मैं सबको व्हाट्सउप कर दूंगा l
अलका: सबके नंबर शेयर कर लो l
मैं: ठीक है टेक केयर l
और उसके बाद मैंने अलका को सबके नंबर भेज दिए l
मैंने बॉब को रुखसाना का और टॉम को हुमा का नंबर भेज दिया और बॉब उसका नंबर सेव करने लग गया l
उधर नंबर मिलते ही टॉम का मास्ज आया थैंक्स भाई इसकी बहुत ज़रूरत थी। तुमने मेरी मुराद बिन मांगे ही पूरी कर दी है। तुम बहुत अच्छे भाई हो l अपने भाई की ज़रूरतों का बहुत अच्छा ख़्याल रखते हो। l मैंने उसे मैसेज भेजा भाई के लिए कुछ भी। ज़्यादा माखन मत मार उससे बात कर।
और बॉब से कहा पहले रुखसाना को मैसेज भेज ताकि वह तेरा नंबर सेव कर ले।
आगे क्या हुआ ये अगले भाग में पढ़िए।
ये कामुक कहानी जारी रहेगी l
आपका दीपक
ये कामुक कहानी जारी रहेगी l
आपका दीपकl
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