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Adultery मजे - लूट लो जितने मिले
#38
मजे - लूट लो जितने मिले

चौथा अध्याय

मेरी पहली चुदाई की कहानी

भाग 11


सेक्स ज्ञान


मैंने लुसी की तरफ़ देखा और उसने कहा, "जनाब आमिर! , मुझे आशा है कि सुश्री जेन ने आपको ये जानकारी दी है कि हमने आपका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है और मैं आपको व्यक्तिगत रूप से आश्वस्त करना चाहती हूँ कि डायना और मैं दोनों आपकी इच्छाओं के प्रति पूरी तरह से आज्ञाकारी और अधीन रहेंगे और आप के अनुसार सब कुछ करेंगे। मुझे पूरा यक़ीन है कि हम आपको प्यार के लायक समझ हमेशा प्यार करेंगे और हम सदा आपकी प्यारी और अच्छी लड़कियाँ साबित होंगी।"

"तो ठीक है, यह तय हो गया है," मैंने कहा। "आओ और मेरे घुटने पर बैठो," मैंने आज्ञा दी। वह तुरंत उठी और बड़ी अदा और कोमलता से उठ कर मेरे घुटने पर बैठ गयी। उसका चेहरे से स्पस्ट लग रहा था कि वह मेरे चुम्बन के लिए तड़प रही थी और वह स्पष्ट रूप से उलझन में थी और शर्मिंदा थी, लेकिन मेरे द्वारा किए गए पहले अनुरोध को मना नहीं कर सकती थी, क्योंकि सभी चीजों में मेरी बात मानने के लिए उसने अभी कुछ क्षण पहली ही अपनी सहमती दी थी।

मैं उसकी कमर में बाजू डाल कर उसे अपनी और खींच आलिंगन किया और उसे पूरी भावना के चुंबन किया। उसने मुझे आलिंगन की अनुमति दी और मुझे भावुक कर दिया।

मेरा हाथ उसके घुटने पर गया और वह अपने पैर को ऊपर-नीचे करने लगी। उसका चेहरा शर्म से गहरा लाल हो गया, उसकी आँखें बंद हो गईं और वह धीरे से बड़बड़ायी, " ओह, मुझे नहीं लगता कि आपको ऐसा करना चाहिए, सिस्टर्स ने कॉन्वेंट में हमे सिखाया कि यह एक लड़की को किसी पुरुष को उसके शरीर को छूने के लिए अनुमति नहीं देनी चाहिए। ये अच्छा नहीं है।

"अब, लुसी," मैंने एक हंसी के साथ कहा, " मेरी जान, पहली बात जो हम करने जा रहे हैं वह है कि आपके दिमाग़ से बहुत सारी चीजें जो आपके कान्वेंट की सिस्टर्स ने आपको सिखाई हैं उन्हें ठीक करने की या भूलने की ज़रूरत है। मैं आपका प्रेमी और अभिभावक होने के नाते मुझे निश्चित रूप से ये अधिकार है।"

लूसी बस इतना ही बोली -- जीl

ये कहते हुए मैंने उसकी जांघ पर प्यार से चुटकी ली और उसके घुटने से लेकर उसके कूल्हे तक उसकी खूबसूरत टांग को सहलाया। उसका नरम शरीर मेरी बाहों में था और अपनी जांघो पर उसके नरम नितंबों को महसूस किया। फिर हम दोनों ने बार-बार गर्म, भावुक और बेहद कामुक चुंबन किये जिसने हमारी भहावनाओ को भड़का दिया और उत्तेजना के कारण उसका गोरा चेहरा उत्साह के साथ लाल हो गया था।

मैंने उसकोी गर्दन पकड़ कर उसके पूरे चेहरे, उसकी पलको और, उसके गुलाबी गालो को चूम लिया और उसे अपने गले से लगा कर उसकी बेतहाशा धड़कती हुई धड़कन को महसूस किया। अंत में, उसकी गर्दन को पकडे हुए अपने हाथ को ढीला करते हुए, मैंने अपना सिर उठाया तो मेरी कामुक आँखें उसे घूर रही थीं और उसकी आँखे शर्म और उत्तेजना के मारे बंद थी। उसका ये बेहोश करने वाला रूप मेरे अंदर की वासनाओ को भड़का रहा था

जब मैं रुक गया तो वह फुसफुसायी "ओह, जनाब! आपके ऐसे चुम्बन से मुझे कुछ होता है। ये मेरे अंदर आग लगा रहे है"।

मैं, इस समय तक तरह के जुनून में था; मैंने अपनी छाती के करीब उस प्यारी लड़की को पकड़ लिया और उसको अपनी छाती पर उसकी विकसित और उन्नत स्तनों को दबाने लगा। फिर मेरा दूसरा हाथ जो खाली था उसने उसके सुन्दर जांघो पर टिका हुआ था उससे उसकी जंघा की अंदर ले जाते हुए उन्हें उसकी रेश्मी ड्रेस के ऊपर से दबाते हुए निचोड़ दिया। मेरे ऐसा करने से लुसी और उसका योनि प्रदेश भी उत्तेजित हो गए, उसने मेरा हाथ रुपी घुसपैठिये को उसके महिलावाद के गहने से दूर धकेलने के लिए अपने एक कमजोर हाथ से प्रयास किया, लेकिन मुझे उसने ख़ुद से ज़्यादा मज़बूत पाया।

तभी रात के खाने की घंटी बजी और हम दोनों चुम्बन करते हुए अलग हो गए, नियत समय पर रात का भोजन परोसा गया। फिर हम सभी ने एक साथ मिल बैठ कर होम थिएटर में प्रोजेक्टर पर एक रोमांटिक फ़िल्म देखी और कुछ रोमांटिक संगीत सुना।

उसके बाद, सुश्री जेन ने हमें एक अर्धनग्न ऊंची स्कर्ट पहने लड़की की कुछ तस्वीरें दिखाईं, जिसमें उसके स्तनों के गुलाबी निपल्स और चुचकों के चारों ओर के घेरे दिखाई दे रहे थे।

उसने एक और लड़की जो अपनी सुडौल टाँगें और उसके कमर के ऊपर उसके खूबसूरत सफ़ेद ग्लोब वाली तस्वीर को दिखाया।

फिर उसने हमें आंशिक रूप से नग्न महिलाओं की कई तस्वीरें दिखाईं जो उनके गुप्त अंगों को प्रदर्शित करती हैं।

तब सुश्री जेन ने लड़कियों की कुछ और बिल्कुल स्पष्ट नग्न तस्वीरें दिखाईं, जो उनके सभी गुप्त आकर्षण और भागों का पूरा दृश्य दिखाती हैं। सुश्री जेन ने हमें बताया कि उनकी टांगों के बीच के सुंदर उद्घाटन को योनि बुर या चूत कहा जाता है और अंग्रेज़ी में इसे ही कन्ट या पूसी भी कहते है।

फिर उसने पुरुष की नग्न तस्वीर दिखाई जिसमे उसका लिंग सोया हुआ था और उसके बाद एक खूबसूरत खड़े हुए लंड या लिंग के साथ एक आदमी की तस्वीर दिखाई, जिसने लुसी और डायना को पूरी तरह से मंत्रमुग्ध कर दिया, क्योंकि यह पहली बार था जब उसने वास्तव में पूरी तरह से विकसित लंबे और कठोर, खड़े लंड की तस्वीर देखी थी। फिर सुश्री जेन बोली इस पुरष अंग को लंग या लंड या लौड़ा कहते है और जब पुरष कामुक और उत्तेजित हो जाता है तो ऐसे में इस अंग में रक्त का संचार बढ़ जाता है जिससे ये कड़ा हो जाता है। तो तीनो का ध्यान सीधा मेरे लंड की और गया जो उत्तेजित हो कड़ा था और मेरे पायजामे के आदर से अपने कड़ेपन का एहसास दिला रहा था। फिर मैंने देखा इस ने उनकी आंखों में चमक ला दी और यह देखते ही उनके चेहरे खिल उठे।

हम सभी ने उन्हें बड़ी दिलचस्पी से देखा, जाहिर तौर पर उत्साहित थे और दोनों लड़कियाँ शरमा रही थीं।

तो जेन हँसते हुए बोली तुम अभी नहीं जानती तुम्हारे पास और आमिर के पास क्या खजाना है तो फिर ध्यान से सुनो और सीखोl

सेक्स के बारे में जानने की जिज्ञासा लगभग सभी में होती है पर हर कोई सेक्स के बारे में जानता नहीं है। खासकर महिलाएँ, क्योंकि वह जानने की इच्छुक तो रहती हैं पर समाज का डर और अपने परिवार की बदनामी का डर उन्हें ये सब जानने के लिए रोक देता है।

सेक्स क्या है? कैसे होता है? मैंने पुछा l

जेन बोली-सेक्स एक अंग्रेज़ी शब्द है जिसे हिन्दी में संभोग कहते हैं।

सेक्स वह वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिससे इस पूरे संसार की पैदाइश हुई है। इंसान इसका उपयोग मजे के लिए भी करता है। जब दो विपरत लिंग वाले जीव (मर्द व औरत) अपने ख़ानदान को बढ़ाने के लिए अपने जननांगों (लंड और चूत) का प्रयोग करते हुए औलाद पैदा करते हैं या मिलते हैं तो यह प्रक्रिया संभोग कहलाती है।

सेक्स में मर्द का कार्य होता है शुक्राणु प्रदान करना और औरत का कार्य होता है अंडाणु प्रदान करना। इसके लिए मर्द अपने जननांग लंड को मादा के जननांग चूत में प्रवेश करता है और जिससे होने वाली रगड़े और गर्मी से मर्द के वीर्य तथा अंडाणु निकलते हैं और मिलते हैं और इनके आपस में मिलने के बाद नए जीव की उत्पत्ति होती है। इसीको सेक्स या संभोग या कहा जाता है।

लेकिन सेक्स के बारे में सभी को जानना चाहिए क्योंकि ये भी जैसे भूख लगने जैसी शरीर की एक कुदरती ज़रूरत है सम्भोग को योनि मैथुन, काम-क्रीड़ा, रति-क्रीड़ा भी कहते हैं।

जैसे ही शरीर बालिग़ व्यस्क होने लगता है हमारे बदन में ऐसे रस और हार्मोन बनने लगते हैं जिससे सेक्स करने की ज़रूरत महसूस होने लगती है

तो लूसी ने पुछा सेक्स में क्या-क्या शामिल है इसे कब कर सकते हैं?

तो जेन बोली कई जानवर व पक्षी सिर्फ़ अपने बच्चे पैदा करने के लिए उपयुक्त मौसम में ही सम्भोग करते हैं वहीं इंसानों में सम्भोग इस वज़ह के बिना भी हो सकता हैं। इंसान जब चाहे तब सेक्स कर सकता लेकिन मेरा मानना है जब तक इंसान व्यस्क न हो जाए उसे सेक्स नहीं करना चाहिए क्योंकि तब तक मन और शरीर कच्चा होता है। यदि कच्चेपन में सेक्स में कोई गलती हो जाए तो उसका बुरा असर ताजिंदगी रहता है और इंसान सेक्स से डरता है। फिर सेक्स के पूरे मजे अरे फायदे नहीं ले पाता। सम्भोग इंसानों में सुख प्राप्ति या प्यार या जज़्बात दिखाने का भी एक रूप हैं। सम्भोग अथवा मैथुन से पूर्व की क्रिया, जिसे अंग्रेज़ी में फ़ोर प्ले कहते हैं, के दौरान हर प्राणी के शरीर से कुछ विशेष प्रकार की गन्ध (फ़ीरोमंस) उत्सर्जित होती है जो दुसरे लिंग वाले यानी मर्द है तो औरत को या उल्टा को मैथुन के लिये अभिप्रेरित व उत्तेजित करती है।

योनि - मादा के जननांग को योनि (वजाइना) कहा जाता है। सामान्य तौर पर "योनि" शब्द का प्रयोग अक्सर भग के लिये किया जाता है, लेकिन जहाँ भग बाहर से दिखाई देने वाली संरचना है वहीं योनि एक विशिष्ट आंतरिक संरचना है।योनि बहुत संवेदनशील होती है.

योनि का बाहरी दिखाई देने वाला हिस्सा भग कहलाता है। यह दोनों जांघो के बीच योनि का प्रवेश-द्वार है। व्यस्क स्त्रियों में यह चारो और से बालों से घिरा होता है। यह त्वचा की कई परतों से बनी होती है, जो भीतरी अंगों को सुरक्षा प्रदान करती है। यह कई उपांगों को समाविष्ट किय हुए हैं जैसे भगशिशिनका, मूत्रमार्ग का छिद्र, योनि की झिल्ली (हाइमेन), लघु ग्रंथियां, वृहत भगोष्ठ, लघुभगोष्ठ इत्यादि। यह गर्भाशय से योनि प्रघाण तक फैली हुई लगभग 8 से 10 सेमीमीटर लम्बी नली होती है जो मूत्राशय एवं मूत्रमार्ग के पीछे तथा मलाशय एवं गुदामार्ग के सामने स्थित होती है। एक वयस्क स्त्री में योनि की पिछली भित्ति उसकी अगली भित्ति से ज्यादा लम्बी होती है और योनि गर्भाशय के साथ समकोण बनाती है।


योनि की भित्तियां मुख्यतः चिकनी पेशी एवं फाइब्रोइलास्टिक संयोजी ऊतक की बनी होती है जिससे इनमें फैलने का गुण बहुत अधिक होता है और इनमें रक्त वाहिनियों एवं तंत्रिकाओं की आपूर्ति होती है। सामान्य अवस्था में योनि की भित्तियां आपस में चिपकी रहती है संभोग क्रिया के दौरान लिंग के योनि में प्रविष्ट होने पर वे अलग-अलग हो जाती है।

योनि को चिकना बनाये रखने के लिए श्लेष्मा स्राव गर्भाशय ग्रीवा में मौजूद ग्रंथियों से ही आता है। यह स्राव क्षारीय होता है लेकिन योनि में प्राकृत रूप से पाये जाने वाले बैक्टीरिया (डोडर्लिन बेसिलाइ) श्लेष्मिक परत में मौजूद ग्लाइकोजन को लैक्टिक एसिड में बदल देते हैं, जिससे योनि के स्राव की प्रतिक्रिया अम्लीय हो जाती है। इससे योनि में किसी भी तरह का संक्रमण होने की संभावना समाप्त हो जाती है।

योनि का अम्लीय वातावरण शुक्राणुओं के प्रतिकूल होता है लेकिन पुरुष की अनुषंगी लिंग ग्रंथियों से स्रावित होने वाले द्रव क्षारीय होते हैं, जो योनि की अम्लता को निष्क्रिय करने में मदद करते हैं। डिम्बोत्सर्जन समय के आस-पास गर्भाशय ग्रीवा की ग्रंथियां भी ज्यादा मात्रा में क्षारीय श्लेष्मा का स्राव करती है। जिससे बच्चा बनाने में सहायता मिलती है।

शिश्न, लंड या लिंग- पुरूष अपने शिश्न या लिंग के द्वारा शुक्राणु को स्त्री के योनि में डालता है। लिंग की लम्बाई 7.5 सेटीमीटर से लेकर 10 सेंटीमीटर तथा इसकी चौड़ाई 2.5 सेंटीमीटर होती है। पुरूश के लिगं के मध्य में एक नलिका होती है। इस नली को मूत्र नलिका कहते है जो इसमें से होती हुई मूत्राशय की थैली तक जाती है। इसी नलिका द्वारा मूत्र और वीर्य की निकासी होती है। पुरूषों के लिंग में तीन मांसपेशियां होती है। दाहिनी व बांई कोरपस कैवरनोसम तथा बीच में कोरपस स्पैनजीऔसम। इन मांसपेशियों में रक्त की नलिकांए होती है। पुरूष लिंग की कठोरता के समय इन मांसपेशियों से अधिक रक्त का संचार होता है व इसके कारण लिंग की लम्बाई 10-15 सेमी और चौड़ाई 3.5 सेमी के लगभग हो जाती है। लिंग की सुपारी की त्वचा आसानी से ऊपर-नीचे खिसक सकती है तथा कठोरता के समय लिंग को चौड़ाई में बढ़ने के लिए स्थान भी देती है। लिंग के अगले भाग को ग्लैस या सुपाड़ा कहते है जो काफी संचेतना पूर्ण होता है।

यौवन में प्रवेश पर, अंडकोष विकसित होते हैं और यौनांग बडे़ हो जाते हैं। शिश्न का विकास 10 वर्ष की उम्र से लेकर 15 वर्ष की उम्र के बीच शुरू हो सकता है। विकास आमतौर पर 18-21 साल की उम्र तक पूरा हो जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान, शिश्न के ऊपर और चारों ओर जघन बाल आ जाते हैं।

स्तंभन - लंड का खड़ा और कड़ा होना

स्तंभन से अभिप्राय शिश्न के आकार में बढ़ने और कडा़ होने से है, जो यौनिच्छा करने पर शिश्न के उत्तेजित होने के कारण होता हैl प्राथमिक शारीरिक तंत्र जिसके चलते स्तंभन होता है, में शिश्न की धमनियाँ स्वतः फैल जाती हैं, जिसके कारण अधिक रक्त शिश्न के तीन स्पंजी ऊतक कक्षों में भर जाता है और इसे लंबाई और कठोरता प्रदान करता है। यह रक्त से भरे ऊतक रक्त को वापस ले जाने वाली शिराओं पर दबाव डाल कर सिकोड़ देते है, जिसके कारण अधिक रक्त प्रवेश करता है और कम रक्त वापस लौटता है। थोडी़ देर बाद एक साम्यावस्था अस्तित्व में आती है जिसमे फैली हुई धमनियों और सिकुडी़ हुई शिराओं में रक्त की समान मात्रा बहने लगती है और इस साम्यावस्था के कारण शिश्न को एक निश्चित स्तंभन आकार मिलता है।

यद्यपि स्तंभन सम्भोग के लिये आवश्यक है पर विभिन्न अन्य यौन गतिविधियों के लिए यह आवश्यक नहीं हैl


सेक्स, मैथुन, सम्भोग

प्रेम जताने की क्रिया अक्सर मैथुन से पहले निभायी जाती है। इसके पश्चात् पुरुष के लिंग में उठाव व कठोरता उत्पन्न होती है और स्त्री की योनि में सहज चिकनाहट। मैथुन करने के लिए पुरुष अपने तने हुए लिंग को स्त्री की योनि में प्रविष्ट करता है।

सम्भोग -  सेक्स की उस क्रिया को कहते है जिसमे नर का लिंग मादा की योनि में प्रवेश करता है।

मुख्यता सेक्स के चार हिस्से होते हैं

फोरे प्ले:-

सेक्स ये योनि प्रवेश से पहले ख़ुद को हुए अपने साथी को तैयार करना इसमें चूमना किश करना, सहलाना, प्यार करना। मीठी बाते करना। सब शामिल है सम्भोग अथवा मैथुन से पूर्व की क्रिया, जिसे अंग्रेज़ी में फ़ोर प्ले कहते हैं, के दौरान हर प्राणी के शरीर से कुछ विशेष प्रकार की गन्ध (फ़ीरोमंस) उत्सर्जित होती है जो विषमलिंगी को मैथुन के लिये अभिप्रेरित व उत्तेजित करती है। । ।

योनि प्रवेश:-

जिसमे पुरुष का लिंग औरत या स्त्री की योनि या चूत में प्रवेश करता है फिर उसे आगे पीछे किया जाता है यानी घर्षण। पुरुष अपने जननांग लंड को मादा के जननांग चूत में प्रवेश करता है और जिससे होने वाली गर्मी से दोनों को आनद मिलता हैl

स्खलन:-

इसमें घर्षण के बाद पुरुष और स्त्री का गर्मी से मर्द के वीर्य तथा अंडाणु निकलते हैं और मिलते हैं और इनके आपस में मिलने के बाद नए जीव की उत्पत्ति होती है। ये सेक्स का चार्म है इसमें दोनों का वीर्य या रास निकलता है जिसके सही समय पर होने वाले मिलान से नए जीव की उत्पति होती है।

आफ्टर प्ले:-

इसमें स्खलन के बाद एक दुसरे को चूमना प्यार करना और सहलाना शामिल है इसके बारे में बहुत कम जानते हैं और इसे करते हैं जबकि ये भी बाक़ी तीनो हिस्सों की तरह से ज़रूरी है।

तो डायना ने पुछा आपको सेक्स में सबसे ज़्यादा क्या पसंद है? तो मैं सोच कर बोला किस करना और मैंने अभी तक इससे ज़्यादा कुछ किया भी नहीं है।

डायना ने जेन से पुछा किस क्या है?

मैं डायना के गाल पर चुंबन करके बोला किसी दुसरे अंग को ओंठो से चूमा किस या चुम्बन कहलाता हैl

तो जेन बोली सेक्स के लिए शारीरिक संपर्क ज़रूरी है शारीरिक संपर्क स्थापित करने के पहले प्यार भरा संपर्क स्थापित करना ज़रूरी होता है। ज़्यादातर महिलाओं को प्रेम सम्बंध स्थापित करने के पहले मानसिक रूप से तैयार होने के लिए चुंबन, उनका परवाह करना, कामुक स्पर्श करना अच्छा लगता है। इसके द्वारा वे धीरे-धीरे इस सम्बंध के लिए मानसिक रूप से तैयार होने लगती हैंl

सेक्स करने की एक सीमा है चोदते हुए या तो आप झड़ जाएंगे या थक जाएंगे पर अगर आप प्यार का इज़हार या लम्बा प्यार करना चाहते हैं तो उसका बेस्ट रास्ता है किश करनाl



आगे कहानी जारी रहेगी


आपका आमिर

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RE: मजे - लूट लो जितने मिले - by aamirhydkhan1 - 16-11-2021, 08:20 PM



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