07-11-2021, 04:10 PM
(This post was last modified: 08-11-2021, 11:01 PM by aamirhydkhan1. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
दिल्ली में सुलतान और रफीक के बीच युद्ध
UPDATE 15
हारने वाले को सजा
हारने वाले को सजा
इस आखिरी शक्तिशाली प्रहार में जिसमे रीमा ने अपना घुटना फिर से परवेज की कमर में मारा था उससे परवेज को जमीन से उछल गया। रीमा के घुटने की कड़ी हड्डी के कारण उसके अंडकोष लगभग कुचल गए और इस वार के कारण परवेज अपने अंडकोष पकड़कर जमीन पर गिर गया। उसे भयंकर दर्द हुआ । वह रोते हुए बुरी तरह से तड़पने लगा और मुझे माफ़ कर दो मेरी जान बक्श दो बोलने लगा ।
जब उन्होंने परवेज को फर्श पर पड़ा हुआ देखा, उनकी पीठ मुड़ी हुई थी और दर्द में उसके गुप्तांगों को जकड़ रखा था। परवेज की ऐसी हालत देख चारों औरतें हंस पड़ीं और मल्लिका बोली कैसा मुर्ख सुलतान हैं ये। बिना सोचे समझे शर्त लगा ली ये पता लगाने की कोई कोशिश ही नहीं की के सामने दुश्मन कौन है कितना ताकतवार है । रीमा बोली और जब पता चला की सामने वाला उससे बहुत ज्याद शक्तिशाली है फिर भी उसके साथ मुक़ाबले में उतर गया ।
सुल्ताना बोली मैंने तो मना किया था शर्त मत लगाओ और रफ़ीक को जब पहली बार देखा था तब भी बोलै था माफ़ी मांग लो पर ये नहीं माने।
गुलनाज बोली इस सुलतान ने औरतो के चक्कर में अपना मान सामान इज्जत सब दाव पर लगा दिया।
रीमा बोली इसने सोचा था कि रफ़ीक कोई मामूली बंगाली बाबू होगा जिसे ये आसानी से पीट देगा और उस दिन कैसे अपनी डींगे मार रहा था अब देखो कैसे पिता हुआ गिड़गिड़ा कर अपनी जान की भीख मांग रहा है । फिर चारो औरतो हसने लगी । देखो कैसे गिड़गिड़ा रहा, हाँ-हाँ हाँ हाँ।
ये देख सुन रानी रक्किनी वैरावी ने रीमा को रोका और कहा कि बस इतना काफी है, इसे अब और मारोगी तो वह मर जाएगा। अब बस करो, उसे और मत मारो, शतरंज के खेल में भी में भी राजा को मारना मना होता है। हारने वाले राजा को आप उसे कैद कर सकती हो, सजा दे सकती हैं या अपना गुलाम बना सकती हो।
रीमा ने हंसते हुए कहा, जैसा आपका हुक्म रानी साहिबा "अब वह पंद्रह दिनों तक चल नहीं पाएगा।"
फिर उन्होंने उसे कुछ देर के लिए फर्श पर ऐसे ही लेते रहने दिया, जिससे वह अपने दर्द से उबर सके और परवेज तड़पता हुआ रोटा हुआ वहाँ लेटा रहा ।
कुछ देर बाद जब परवेज का रोना थोड़ा कम हो गया तो वह हाथ जोड़ कर बैठ गया तो परवेज को बैठा हुआ देखने के बाद मल्लिका ने कहा रीमा ऐसा लग रहा था कि कुछ हद तक अब ये और सजा झेलने लायक हो गया है।
फिर रीमा बोली "अब, इस हारे हुए सुलतान को नियम तोड़ने के लिए उसकी सजा देने का समय हो गया है।"
रीमा ने गुलनाज और मल्लिका से कहा कि वह उसे फर्श पर लेटा दें और उसकी बाहे इसके सर के ऊपर पकड़ ले और सुल्ताना को उसके सिर के ऊपर फैली हुई भुजाओं पर बैठने के लिए कहा। उसके ऊपरी धड़ को स्थिर करके, गुलनाज़ और मल्लिका ने उसके पैरों को पकड़ लिया, सुल्ताना उसके हाथो को पकड़ कर उसके ऊपर बैठ गयी और रीमा परवेज की टांगो के बीच चली गई।
रीमा परवेज की टांगों के बीच पहुँच गई और उसके सूजे हुए दोनों अंडकोषो में से एक अंडकोश को-को प्रत्येक हाथ में पकड़ लिया, जब उसे यकीन हो गया कि उसने अपने हाथों से उसके अंडों को पूरी तरह से जकड़ लिया है तो उसने धीरे-धीरे उन्हें दबाना शुरू कर दिया। जब रीमा ने ऐसा किया तो परवेज, जो पहले से ही अपने पैरों के बीच की गयी दर्दनाक पिटाई के कारण दर्द से तड़प रहा था, रोने गिगगिड़ाने और बड़बड़ाने लगा, जबकि उसकी बीबी, मल्लिका और गुलनाज़ विस्मय से रीमा और परवेज देख रही थीं।
"आह, खेलने के लिए दो अच्छे रसगुल्ले," रीमा ने मुस्कुराते हुए अंकोशों को दबाते हुए कहा।
रीमा को परवेज के अंडकोष पर काम करते देख सभी औरते भी गर्म हो रही थी। जैसे ही उसने महसूस किया कि रीमा उसके अंडकोष को दबा कर निचोड़ रही है, जिसके कारण परवेज तब तक चिल्लाते हुए तड़पता रहा जब तक कि उसने अपनी आवाज लगभग खो नहीं दी। वह लगभग दर्द से पागल हो गया था और उसे अपनी मौत नजर आ रही थी क्योंकि रीमा ने उसकी गेंदों पर अपनी मौत की पकड़ बनाए रखी हुई थी। फिर रीमा ने कुशलता से परवेज के अंडकोष के निचले हिस्से पर दबाव बढ़ाया, और तब तक हिंसक रूप से दबाया जब तक कि वे, एक-एक करके, ऊपर की ओर, उसके हाथों से बाहर नहीं निकल गए। यह परवेज के लिए बेहद दर्दनाक था।
फिर उसने परवेज के अंडकोषों को फिर पकड़ लिया और तब तक निचोड़ा जब तक कि उसका अनैच्छिक स्खलन नहीं ही गया।
उसके बाद में रीमा ने परवेज के अंडकोषों की थैली को छोड़ दिया। परवेज बुरी तरह से टूट गया था। जिन औरतो को वह जीत कर प्यार करना चाहता था उन औरतो ने उसे पीटा था और लगभग मार ही डाला था दी थी जिससे उससे उसके टट्टे दर्द से धड़क रहे थे। वह इतना अपमानित कभी नहीं हुआ था।
पर अभी उसके अपमान और पीड़ा का अंत नहीं हुआ था और उसकी ये दर्दनाक पीड़ा खत्म नहीं हुई थी।
अब रफीक आगे बढ़ा और बोला ये तो वह सजा थी जो आपने इस हारने वाले और नियम तोड़ने वाले को दी है अभी इसे मैंने भी सजा देनी है और रफ़ीक ने औरतो को परवेज की बाहों में पकड़ कर बैठाने को कहा।
चारो औरतो ने रफ़ीक की तरफ देखा तो-तो सभी औरतो के होश उड़ गए। रफीका का बड़ा काला लंड पूरी तरह से सीधा और एक हथियार के रूप में खड़ा था। रफीक का लण्ड उसके राजसी पेशीय-शरीर से उछलकर हवा के बीच में ठुमुक कर फुफकारने लगा। रफ़ीक का लंड इतना बड़ा था कि ऐसा लगता था कि वह जीवंत है और दिल की धड़कन से धड़क रहा है, एक खतनाक औजार की तरह सीधा, डरावना और काले तलवार या भाले की तरह जो एक फुट या बारह अंगुलीयों से अधिक लंबा था।
इतना कहकर रफीक परवेज की छाती पर बैठने के लिए उठ खड़ा हुआ और अपने विशाल काला लुंड से उसके चेहरे पर वार करने लगा। उसने परवेज की बीबी सुल्ताना से उसके बड़े कला लंड का सीधे परवेज के चेहरे पर हस्तमैथुन करवा दिया। जब वह अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँचा, तो सुल्ताना ने दूसरे हाथ की दो अंगुलियों से परवेज का मुंह खोल दिया, जिससे रफीक के अधिकांश शुक्राणु परवेज के मुंह में चले गए कुछ शुक्राणु परवेज के होठों पर गिरे, तो सुल्ताना ने अपनी उंगलियों का इस्तेमाल करके रफीक के बचे हुए सभी शुक्राणुओं को परवेज के मुंह में डाल दिया। परवेज, जो एक अवधी सुलतान था, इससे पहले कभी इतना अपमानित निराश या कमजोर नहीं हुआ था ।
तब रफीक ने सुल्ताना से कहा कि वह परवेज के चेहरे पर उसका लंड फिर से लगाए. रीमा और गुलनाज को उसका चेहरा स्थिर रखने के लिए कहा।
"अब मैं इस हरामज़ादे को पिशाब-खोर बनाने जा रहा हूँ," रफीक ने कहा। इतना कहकर वह परवेज के मुंह में पेशाब करने लगा और पराजित प्रतिद्वंद्वी के मुंह में धार मार दी, और उसे यह सब पीने के लिए कहा। परवेज को रफीक का पिशाब पीते देख चारों बेगमे हंस पड़ीं।
जारी रहेगी
आमिर
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