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Adultery मजे - लूट लो जितने मिले
#13
मजे - लूट लो जितने मिले

दूसरा अध्याय

खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला

भाग 5

मैं भी रात भर का जगा हुआ था और नींद मुझे भी आ रही थी तो मैंने सोचा थोड़ा आराम कर लेते हैं

मैं सारा को अपनी बांहों में भरकर लेट गया। फिर मुझे नींद आने लगी। सुबह लगभग 3-4 बजे मैं जाग गया आँख खोली तो पता चल गया की मेरे लौड़े को सारा चूस रही हैं। पर आँखें बंद करके लेटा रहा। सारा मुझे हिलते देखा तो जोर से चूसने लगीl ऐसें चुप्पा लगवाने में मुझे बड़ा मजा आ रहा था।

मुझे जगा देख सारा लेट गई, और अपनी दोनों टांगों को फैला दिया।

फिर मैंने अपनी आँखों को खोला, और सारा को कहा- जो काम रात में अधूरा रह गया था उसे अब पूरा करते हैंl

सारा मेरा इरादा समझ गयी और सुनकर घबरा गई। हाथ जोड़कर बाली- "प्लीजll आप वहां मत करिए बड़ा दर्द होगाl"

मैंने कहा- "सारा । मैं जैसा कह रहा हूँ वैसा करोl मेरा दिमाग खराब हो जाएगा तो उसकी जिम्मेदार तुम होगी ?"

मैंने जब गुस्से से कहा तो वो डर गईं।

मैंने उसको कहा- "चलो तेल पकड़ाओ l"

उसने चुपचाप तेल की शीशी मुझे दे दी l

मैंने तेल की शीशी ली और सारा को कहा- "तुम घोड़ी बन जाओl"

वो घोड़ी बन गई। मैंने खूब सारा तेल उसके चूतड़ों पर डाल दिया। तेल की धार उसके चूतड़ों की दशा में होती हुई उसकी गाण्ड तक जा रही थी। मैंने अपनी उंगली उसकी गाण्ड में घुसा दी। सारा ने अपनी गाण्ड आगे कर दी।

मैंने उसको कहा- "अगर अब तेरी गाण्ड एक इंच भी हिली तो मैं बिना तेल के ही गाण्ड मार दूँगा l"

सुनकर सारा बोली- "नहीं-नहीं अब नहीं हिलाऊँगीll"

फिर मैंने उसकी गाण्ड में उंगली पेल दी। अब उसकी गाण्ड हिल नहीं रही थी, बस वो अपनी गाण्ड को सिकोड़ रही थी। दो-तीन मिनट मैं उसकी गाण्ड में उंगली चलाता रहा। फिर मैंने अपनी दूसरी उंगली भी उसकी गाण्ड में पेल दी। अब सारा को दर्द होने लगा और वो रोने लगी। मैंने उसको कुछ कहा नहीं, अपना काम करता रहा। जब मैंने देखा इसकी गाण्ड अब लौड़ा लेने को तैयार हैं तब मैंने उसको पलंग के कोने में घोड़ी बना दिया, और मैं नीचे खड़ा होकर उसकी गाण्ड पर अपना लौड़ा अइजस्ट करने लगा।


सही कोन बनाकर मैंने उसको कहा- "में अब लौड़ा पेलने जा रहा हैl"

उसने फिर से रोना शरू कर दिया और बोली- "प्लीज मान जाइए नाl"

मैंने कहा- "चुपचाप घोड़ी बनी रह, नहीं तो कुतिया बनाकर चोदूंगाl"

फिर मैंने अपना लण्ड उसकी गाण्ड में जैसी ही डाला वो उछल पड़ी और मेरे पैरों में गिर के रोने लगी। मैंने उसको गुस्से से कहा- "प्यार से गाण्ड मरवा लें, नहीं तो तेरी अम्मी को अभी यही बुलाता है। उनके सामने ही तेरी गाण्ड मार्रूंगाl"

से सुनकर वो सिहर कर रह गई, और चुपके से फिर से घोड़ी बन गई।

फिर मैंने सारा के पेट के नीचे एक तकिये लगाए, उसके दोनों पैरों को फैलाया और अपना लंड उसकी गांड में डाल दिया। मेरा सुपाड़ा अब उसकी गाण्ड के छेद में चला गया था।

मैंने उसको कहा- "तू अपनी गाण्ड को पीछे की तरफ जोर लगाकर धकेलl" मैं जानता था वो ऐसा नहीं कर पाएगी पर में देखना चाहता था की वो करती है या नहीं?

उसने करने की कोशिश की। और फच की आवाज हुई और खून निकला और एक ही धक्के अब मेरा पूरा लण्ड उसकी गाण्ड में था। l बेचारी पाऊँ पटकती रही और मैंने उसे अपने हांथो से जकड रखा था l मेरी हर चोट पर उसकी एक जोर की चीख निकल रही थी। मैं उसकी चीखों की परवाह करें बिना उसकी गाण्ड में अपना लण्ड पेले जा रहा था। में उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा ।

सारा इस बीच - "उईईई माँ उईईई माँl बस करो , मर गयी l" करती जा रही थी।

करीब 20-25 मिनट बाद मुझे लगा की मैं अब झड़ने वाला हूँ, तो मैंने कस के धक्के मारने शुरू कर दिए। उसकी- चीखें और तेज हो गई। मैंने कस के एक शाट मारा और मैं उसकी गाण्ड में झड़ गया। उसकी गाण्ड में मैंने अपना लण्ड ऐसे ही पड़ा रहने दिया। मेरे लण्ड को उसकी गाण्ड ने अभी तक कस के दबाया हुआ था। सारा अभी तक अपनी गाण्ड को आगे पीछे किये जा रही थी। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरे लण्ड की मालिश हो रही हो। अब मैंने अपना लण्ड बाहर खींचा तो फुच्च की आवाज के साथ मेरा लौड़ा बाहर आ गया और खून की धारा बह निकलीl

मैं पलंग पर लेट गया । सारा भी पेंट के बल पलंग पर लेट गई फिर बोली- "आपने मुझे इतना दर्द दिया है, आप बड़े खराब होll"

मैंने सारा के गाल को चूमते हुए कहा- "जान अब इस दर्द की आदत डाल लोl" बोली मैं बाथरूम हो कर आती हूँl

मैं समझ गया उसकी गाण्ड में मेरा माल चिपचिप कर रहा होगा, मैंने कहा- "जाओ। लेकिन जल्दी से आ जाना ll" वो उठकर चली गई। थोड़ी देर में आ गई। तो मैंने उसे कहा अब थोड़ी देर आराम कर लो पर वो बेतहाशा रो रही थी और बोल रही थी बहुत दर्द हो रहा हैl तुम आराम से नहीं कर सकते क्या? कल तुमने तुमने मेरी चूत फाड़ी और आज गांड दोनों फाड़ डालीl मैं तुमसे नहीं बोलती और मेरे सीने पर सर रख कर लेट गयीl

पर मेरा लंड अभी भी शांत नहीं हुआ था और मैंने सारा को थोड़ा सा पुचकारा और बोला पहली बार थोड़ी तकलीफ तो होती ही है फिर तुम इतनी प्यारी हो की मैं तुमसे दूर रह ही नहीं पा रहा हूँl

सारा ने
मेरे होंठो को चुम लिया बोली आराम से करो न मेरे राजा मैं पूरी तुम्हारी हूँ.

मैंने उसे लिप किश किया मैं उसे लिप किश करता ही रहा वह भी कभी मेरा उप्पर लिप तो कभी लोअर लिप चूसती रही मैंने उसके लिप्स पर काटा उसने मेरे लिप्स को काट कर जवाब दिया,फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी. फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा. सारा मुझे बेकरारी से चूमने चाटने लगी और चूमते चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। फिर मैंने उसकी चूची सहलानी और दबानी शुरू कर दी वह सिसकारियां ले मजे लेने लगी मैंने धीरे धीरे उसकी चूत पर अपने दूसरी ऊँगली से से उसके क्लाइटोरिस तो सहलाना शुरू कर दिया सारा गर्म होने लगी धीरे धीरे चूत ढीली और गीली होनी शुरू हो गयी

मैंने उसको कहा- "अपने सलवार से मेरा लण्ड पॉछ दो, और अपनी चूत भी इसी से साफ कर लोl" उसने ऐसा ही किया। मैंने सारा को उठा कर गोद में बिठा लिया और थोड़ी देर में ही दूसरा राउंड स्टार्ट हो गया

मैं सारा से बोला - अपनी चूचियों से मेरे चेहरे पर मसाज करl सारा ने अपनी चूचियाँ पकड़ कर मेरे क्लीन शेव चेहरे पर रगड़ना शुरू कर दिया। मेरा लण्ड ठीक मेरी चूत के नीचे था, तभी मैंने सारा की कमर पकड़ कर एक जोरदार धक्का माराl वो उछल पड़ीl तब तक मगर मेरा टोपा चूत में फंस चुका था।

मेरा लंड इस समय लोहे की सलाख जैसा सख्त और गर्म था और सारा उस पर पर बैठी हुई थी। मैंने जोर लगाया तो सारा चिल्ला पड़ी। मैंने उसे खिलौने की तरह उठाया और खड़े हो कर एक और झटका दिया।

सारा बोली प्लीज आराम से करो नहीं तो मैं मर जाऊँगी, इतना अधिक दर्द मुझे कभी नहीं हुआ था, सारा बेहोश सी होने लगी। पता नही मुझे क्या हुआ था l सारा का हुस्न गोरा रंग खूबसूरती मेरे जोश को बढ़ा रही थी l

फिर मैं सारा को गोद मे ले कर बैठ गया और वो मेरे होंठ चूसने लगी , लगभग दो मिनट तक हम ऐसे ही बैठे रहे, दो मिनट बाद सारा को थोड़ा आराम मिलाl तो मैं फिर बोला - सारा बेगम अपनी चूत को ऊपर-नीचे करोl

सारा रोते-रोते अपनी चूत को ऊपर-नीचे करने लगी, बीस-पच्चीस बार ऊपर-नीचे करने के बाद मुझे अच्छा लगने लगा। मैं सारा को ही देख रहे था और बोला - जब दर्द ख़त्म हो जाए तो बताना।

सारा बोली- अब दर्द हल्का हो गया है।

बस यह सुनते ही मैंने सारा कमर पकड़ कर उसे थोड़ा ऊपर उठाया और नीचे से जोर-जोर से धक्के लगाने लगा ।

सारा के बड़े-बड़े कोमल मम्मे किसी फुटबॉल की तरह उछाल मार रहे थे और मेरे ,मुँह से टकरा कर मुँह की मालिश लकर रहे थे । और उसकी चूत भी अब गीली हो गई थी।

मैंने उसे रोका नीचे उतारा

फिर मैं बोला - चल सारा अब पहले अपनी चूत पूँछ और फिर कुतिया बन जा।

सारा उठी तो मैंने एक रूमाल से उसकी चूत पूँछी और बोलै अब जब रगड़ कर अंदर जाएगा तो देख कितना मजा आएगा और मेरे ऊपर से उठ कर हाथ-पैरों के बल झुक गई। मैंने पीछे आकर लण्ड को चूत पर रख कर जोर से झटका मारा और एक ही बार में पूरा लण्ड अन्दर डाल दिया।

सारा अब किसी कुतिया की तरह चुद रही थी। और लंड जब सूखी हुई चूत को रगड़ता हुआ अंदर बाहर हो रहा था तो सच बहुत मजा आया और फिर सारा जल्द ही झड़ गयी ।

उस रात मैंने सारा को ऐसे ही दो बार और चोदा और उस सूखी चुदाई से चूत बिलकुल सूज गयी थीl मैंने उसे चूमा और सहलाया

कहानी आगे जारी रहेगी.


आमिर

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RE: मजे - लूट लो जितने मिले - by aamirhydkhan1 - 31-10-2021, 10:52 PM



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