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Adultery मजे - लूट लो जितने मिले
मजे - लूट लो जितने मिले

सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-22(b)

जेन ने कौमार्य मुझे सौंप दिया




जेन भी नहीं चाहती थी कि मैं उस पर दया करके उसकी कसी हुई चूत से जो अभी भीषण दर्द से वेहाल में से लंड बाहर निकाल ले। मैं भी समझ गया जेन दर्द बर्दाश्त कर रही है। एक तरह से जेन मेरी कमर को अपनी गोरी गुदाज जांघो से कसकर जकड लिया और दर्द बर्दाश्त करने की कोशिश करने लगी। अब उसे कुछ देर जेन की गोरी गुदाज जांघो के बंधन में रहकर ही कमर हिला-हिला कर जेन को चोदना होगा।

दोनों के बदनो की गरमी एक दूसरे में घुलने लगी, पसीना एक दूसरे में मिलने लगा और गरम-गरम सांसे एक दूसरे की बदन से टकराने लगी। जेन ने मेरी कमर पर बनाये जांघो का कसाव को ढीला कर दिया, मैं उसका इशारा समझ गया, मैंने कमर को हल्का-सा पीछे लेकर झटका दिया, लेकिन लंड अपनी जगह से चूत थोडा और आगे खिसक गया। फिर उसने धीरे-धीरे लंड को जेन की संकरी गुलाबी चिकनी चूत में उतारना शुरू कर दिया।

मैंने जेन को अभी हलके-हलके धक्के लगाकर चूत के मुहाने की दीवारों को नरम करने में लगा था। जितना अन्दर तक लंड घुस गया था वहाँ तक धक्के मार रहा था। दर्द के बावजूद भी जेन की मादक कराहे निकल रही थी-यस यस आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्आ ऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह यस-यस चोदो मुझे, चोदो इस चूत को, कसकर चोदो।

कुछ देर मैंने अपनी कमर पर पूरा जोर डालकर एक तगड़ा झटका लगाया और लंड थोडा और अन्दर खिसक गया। इस अचानक हमले से चूत की दीवारों से भयानक घर्षण हुआ। चूत की गुलाबी गीली दीवारों को मेरे लंड ने थोडा और चीर दिया, दीवारों की सलवटे फैलती चली गयी, भयानक घर्षण से जेन की मक्खन जैसी नरम गुलाबी गीली दीवारों में जलन शुरू हो गयी, ऐसा लग रहा था किसी ने लोहे की गरम राड उसके चूत में घुसेड दिया हो। दर्द और जलन से जेन की चूत की दीवारे बेहाल थी, दर्द के मारे चूत की दीवारों में खून का दौरान तेज हो गया था और वह बेतहाशा फाड़फाड़ने लगी।

जेन दर्द के कराहते हुए कांपते होठो से बोली-पेलो न बेदर्दी से, जो होगा देखा जायेगा, अब ठेल तो पूरा अन्दर तक, जितना ताकत से घुसेड सकते हो, डाल दो अन्दर तक, जहाँ तक जा सकता है जाने दो, उसके लिए राह बनावो, मेरी और मेरी चूत की परवाह न करो तुम, कब तक मेरी चूत के दर्द के चक्कर में लंड को इस तरह तड़पाते रहोगे। जब तक लंड चूत को चीरेगा नहीं, ये ऐसे ही नखरे दिखाती रहेगी। पेल दो पूरा लंड मेरी चूत की गहराई में।

मैंने अबकी बार अपना लौड़ा चूत से सटाकर कसकर शाट मारा, अगली बार के धक्के में मैंने थोडा दवाब बड़ा दिया। मेरी साँसे जल्दी-जल्दी आ रही थीं। जेन ने अपनी टंगे मेरे चूतड़ों से और बाहें मेरे कंधे पर लपेट दी थीं और अपने नितम्बो को ऊपर कि ओर उठा दिया। अन्दर अवरोध महसूस होने लगा था। जेन ने जोर से एक चीख मारी। मैंने भी उसको रोका नहीं।

मैंने अपना लण्ड थोड़ा-सा बाहर निकाला और अब मैंने कस के शाट मारा, तो मेरा लण्ड अब जेन की कुँवारी चूत की झिल्ली को चीरता हुआ आधा अंदर चला गया। जेन के स्तन ऊपर की ओर उठ गए और शरीर एंठन में आ गया मेरा 10 इंची गर्म, आकार में बड़ा लिंग पूरी तरह से गीली हो चुकी योनी में घुस गया।

जेन की चूत बहुत टाइट थी मुझे लगा मेरा लैंड उसमे जैसे फस गया और छील गया है मेरी भी चीखे निकल गयीl ऊह्ह्हह्ह मर गएl मैंने एक बार फिर पूरी ताकत लगा कर पीठ उठा कर लैंड को बाहर खींचने की कोशिश की लेकिन लण्ड टस से मस नहीं हुआ जेन की चूत ने मेरा लण्ड जकड लिया था। मैंने बहुत आगे पीछे होने की कोशिश की लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा फिर मैंने पूरी ताकत से एक और धक्का लगाया और लण्ड पूरा अंदर समां गया और मैं जेन के ऊपर गिर गया फिर में कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही पड़ा रहा तो कुछ देर के बाद वह शांत हुईl

मैंने उसके होंठों से अपने होंठ सटा कर एक जोरदार धक्का मारा और मेरा लंबा और मोटा लंड अन्दर चला गया था। इस बार के झटके से उसकी चीख उसके गले में ही रह गई और उसकी आँखों से तेजी से आँसू बहने लगे। उसने चेहरे से ही लग रहा था कि उसे बहुत दर्द हो रहा है। मैंने जेन को धीरे-धीरे चूमना सहलाना और पुचकारना शुरू कर दिया, मैं बोला मेरी रानी, मेरी जेन कुछ नहीं होगा थोड़ा देर में सब ठीक हो जाएगा।

मैंने उसे लिप किश किया मैं उसे लिप किश करता ही रहा वह भी कभी मेरा उप्पर लिप तो कभी लोअर लिप चूसती रही मैंने उसके लिप्स पर काटा उसने मेरे लिप्स को काट कर जवाब दिया, फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी। फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा। जेन मुझे बेकरारी से चूमने चाटने लगी और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। फिर मैंने उसकी चूची सहलानी और दबानी शुरू कर दी। वह सिसकारियाँ ले मजे लेने लगी।

मैंने अब उसकी चूची को मुँह में ले लिया और हल्के-हल्के धक्के मारने लगा। उसकी चूत बहुत टाइट थी। फिर उनकी स्तनों को सहलाना और मसलना शुरू कर दिया जेन का चीखना चिलाना बंद हो गया था।

जेन तेज-तेज सांसें ले रही थी। उसकी चूचियाँ अब ऊपर-नीचे हो रही थी। मैंने उसकी टांगों को अपनी टांगों में फंसा लिया था। मेरे हाथ जब उसकी गाण्ड पर लगे तो कुछ गीला-गीला-सा लगा। मैंने देखा तो उसके सफेद चादर पर खून के धब्बे साफ दिख रहे थे। वह मुस्कुराने लगी और मुझसे चिपक गई।

मैंने जेन को लिप किश दी और उनके बदन को सहलाया। उनके चुचो को दबाया और चूत पर हाथ फेरा और बोला आप तो जानती हो पहली बार थोड़ा दर्द होता है और खून भी आता है उसके बाद तो मजा है मजा है।

मेरा लंड और उसकी चूत दोनों मेरे वीर्य और चुतरस से एक दम चिकने हो चुके थे फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया तो पहले तो वह चिल्लाई, लेकिन फिर कुछ देर के बाद मैंने पूछा कि मज़ा आ रहा है? फिर वह बोली कि हाँ बहुत मज़ा आआआआ रहा है, हाईईईईई, म्म्म्मम! अब वह पूरी मस्ती में थी और मस्ती में मौन कर रही थी अआह्ह्ह आाइईई और करो, बहुत मजा आ रहा है।

जेन की चुत बहुत टाइट थी अभी तक लंड पूरा अंदर नहीं गया था। जेन को चुदाई में दर्द हो रहा था। वह पहली चुद रही थी इसलिए उसे ज्यादा देर एक पोजीशन में चोदना ठीक भी नहीं था। और फिर मैंने सोचा अब पोजीशन को बदला जाए।

फिर मैंने उसको घोड़ी बना दिया। मैंने जेन को उलटा करकर घुटनों के बल ला दिया और पीछे से धीरे से उसकी दर्द से बेहाल चूत में मुसल लंड पेल दिया। मैं जेन को पीछे से चोद रहा था। जेन अपने चूत दाने को सहलाकर अपना ध्यान दर्द से हटा रही थी। जेन को पता था कि जब मेरा लंड उसकी संकरी चूत के छेद को अन्दर गहराई तक चीरेगा तो उसे दर्द होना ही है। मैंने उसकी चूत में पीछे से लंड को डालकर चोदना शुरू किया।

जेन ने अब आगे होने वाले दर्द को बर्दाश्त करने के लिए तकिये में अपना मुहँ दबा लिया, ओठ भींच लिए, मुट्ठियाँ भींच ली और पैर के पंजो और उंगलियों को सिकोड़ कर खुद को दर्द झेलने के लिए तैयार कर लिया। मैंने एक लम्बा झटका लगाया।

जेन के मुहँ से घुटी-घुटी चीख निकल गयी, उसके दोनों आँखों में आंसू आ गए लेकिन मैंने लंड पर दबाव बनाते हुए उसे जेन की चूत में घुसेड़ना जारी रखा। जेन कभी पैर पटकती कभी सर झटकती। लेकिन मैंने जेन की चूत में लंड पेलना जारी रखा।

जरा जरा-सा खिसकता हुआ लंड धीरे-धीरे जेन की चूत में समां रहा था। जेन की चूत की आपस में चिपकी दीवारे मेरे लंड के लिए जगह बनाती जा रही थी, चूत की दीवारों की सिलवटे गायब होती जा रही थी, मक्खन जैसे नरम गुलाबी दीवारे जितना ज्यादा फ़ैल सकती थी फ़ैल जा रही थी और मेरे मुसल जैसे लंड को कसकर जकड़ ले रही थी। मैं जेन को लगातार चोद रहा था अपना लंड उसकी चूत में ठेलता जा रहा था। उसने फिर से जेन को सीधा किया और पहले की तरह चोदने लगा। जेन की पिंडलियाँ और नितम्ब उसकी चूत में हो रहे दर्द के कारन उसकी कमर को नीचे की तरफ ठेल रहे थे लेकिन मैं जेन को हिलने का कोई मौका नहीं दे रहा था। जेन मेरे लंड की खाल की सलवटे और फूली हुए नसे अपनी चूत की दीवारों पर महसूस कर रही थी लेकिन उसका दर्द के मारे बुरा हाल था, दर्द के कारन उसकी आँखो में आंसू आंसुओं की धारा बह रही थी, फिर भी उसने मुझे रुकने का इशारा किया नहीं किया। मैं भी लगातार धक्के लगाकर जेन को चोदता रहा।

मैं समझ गया था जेन को भीषण दर्द हो रहा होगा, आखिर लंड है ही इतना मोटा तगड़ा और जेन की चूत में सालो से कोई लंड नहीं गया था, इसलिए उसकी चूत का छेद बहुत संकरा और दीवारे कुछ ज्यादा ही सख्त हो चुकी थी। मेरे लिए इसमें कुछ ज्यादा अलग नहीं था, मैंने जीतनी भी लडकियों को चोदा था लंड चूत में डालते समय लगभग सबका ही हाल ऐसा हो जाता था। मैंने जेन का चेहरा तकिये से निकाला और उसके दर्द से भरे चेहरे को एकटक देखने लगा, उसकी आँखों के किनारे से होकर कान की तरफ बहती आंसुओं की धार पोंछी और पूरे चेहरे को बेतहाशा चूमने लगा। मैंने जेन के ओठो पर अपने ओठ रख दिए और जीभ उसके मुहँ में घुसेड दी और कसकर उसे चूमने लगा। मैंने जेन की पोजीशन फिर बदल दी, अब वह उसे घुटनों पर ले आया। जेन को चुदाई में दर्द हो रहा था। वह पहली चुद रही थी इसलिए उसे ज्यादा देर एक पोजीशन में चोदना ठीक भी नहीं था। मैंने अपने खून से भरे मोटे फूले हुए लंड को उसकी चूत पर रखा और फिर से एक झटके में जेन की गीली दर्द से बेहाल चूत पेल दिया। जेन के मुहँ से चीख निकल गयी। मैं पीछे से उसकी चूत में सटासट लंड पेलने लगा।

जेन फिर से भीषण दर्द से कराह उठी उसने बिस्तर में अपना मुहँ छिपा लिया, बिस्तर की चादर को कसकर जकड लिया, इस कारन उसकी चीख उसके चेहरे और बिस्तर के बीच में ही घुटकर रह गयी। जेन की दोनों आँखों से दर्द के कारन लगातार आंसू बह रहे थे। जेन से दर्द बर्दास्त नहीं हो रहा था, उसने मुझे रोका और सीधी होकर पीठ के बल बिस्तर पर लेट गयी। मैं जेन के ऊपर आ गया, जेन ने मुझे अपनी बांहों में जकड लिया और उसकी कमर पर पैर जमा दिए। जेन की गोरी गुदाज जांघे और कोमल हाथ मेरे बलिष्ट शरीर के इर्द गिर्द लिपट गए। मैंने जेन की चूत पर लंड सटाकर अन्दर की ओर पेल दिया और कमर हिलाकर धक्के लगाने लगा। जेन से कसकर मुझे जकड़ लिया और अपनी नाजुक संकरी चूत में उसका लंड फिर से लेने लगी। जेन के मुहँ से अब भी दर्द भरी कराहे ही निकल रही थी।

मैं जोर-जोर से कमर हिलाकर जेन की गुलाबी गीली चूत की दीवारों को जो उसके लंड को कसकर जकड़े थी को चीर कर, रगड़ता हुआ अपने मोटे मुसल जैसे लंड को जेन की चूत में पेल रहा था और हर धक्के के साथ चूत की गहराई के आखिरी छोर तक जाने का रास्ता बना रहा था।

जेन कांपती हुए आवाज में–आमिर अब देर मत करो, दर्द होता है तो होने दो। लंड को पूरी ताकत से चूत की आखिरी गहराई तक उतार दो, पूरा का पूरा लंड चूत के अन्दर डाल दो। मुझे मेरे चूत के आखिरी कोने तक जमकर चोद डालो। मुझे तुमारा पूरा लंड चाहिए। जो होगा देखा जायेगा। ये चूत है ही इसी लायक, जब तक मोटा तगड़ा लोहे जैसा सख्त लंड इसे कुचलेगा नहीं ये ऐसे ही नखरे दिखाती रहेगी। इस पर जितनी दया दिखावोगे उतना ही ये नाटक करेगी, बिना सख्ती किये ये तुमारे लंड को अपनी गहराई में उतरने का रास्ता नहीं देने वाली। मेरी चूत फटती है तो फट जाने दो।

मेरे धक्के बदस्तूर जारी थे और जेन की कराहे भी।

जलन के कारन जेन की चूत की गुलाबी दीवारों से रिसने वाला पानी बंद हो गया था, जिससे उसकी चूत सूख गयी थी, इससे मुझे लंड पेलने में ज्यादा जोर लगाना पड़ रहा था और चूत की दीवारों से रगड़ भी ज्यादा हो रही थी जो असुविधा जनक था। कम से कम आरामदायक लंड पेलने के लिए वह आदर्श स्थिति नहीं थी। पहले जेन की चूत लगातार पानी छोड़ रही थी लेकिन अब उसकी दीवारे दर्द के कारन खुश्क हो गयी है। मैने अपने लंड को बाहर निकाला और पास में पड़े चिकने तेल से सरोबार कर लिया। थोडा-सा तेल जेन की चूत के छेद पर उड़ेल दिया। फिर जेन की चिकनी चूत के छेद पर रखकर ठेल दिया। मेरा लंड जेन की गुलाबी नरम चूत की दीवारों को चीरता हुआ अन्दर चला गया।

मैंने जेन को सख्ती से जकड लिया और अपनी कमर पर पूरा जोर लगा दिया। मेरा लंड वासना की आग में तप रही जेन की चूत की दीवारों के प्रतिरोध को धराशाई करता हुआ, चीरता हुआ चूत की गहराईयों में जा धंसा। चूत की गुलाबी दीवारों की सलवटे गायब हो गयी, दीवारों के दोनों छोर अलग-अलग हो गए और दर्द से कांपती जेन की चूत की दीवारे फैलती चली गई और मेरे लंड ने आखिरकार अपने जरुरत भर की जगह बना ली। इतनी भीषण रगड़ के कारन जेन की चूत की गुलाबी मखमली दीवारे फिर से बुरी तरह जल उठी, वही भीषण दर्द फिर से लौट आया। दर्द से बेहाल जेन की चूत की दीवारे, आग की तरह तप रहे मुसल जैसे मोटे लंड को अपनी जकड़न से बाँधने की असफल कोशिश करने लगी, लेकिन अब न मुझे और न ही जेन को जलन की परवाह थी और न दर्द की। मैंने कमर उठाई और फिर में अपना मुसल लंड जेन की नाजुक-सी चूत में पेल दिया। लंड के लिए राह बनाते हुए चूत की दीवारे फैलती चली गयी और अन्दर जाते ही मेरे लंड को फिर से जकड लिया। मैं अब बेदर्दी से बिना किसी दया के जेन की चूत में लंड पेल रहा था।

मेरा लंड इतना बड़ा था कि जेन की जांघो के बीच में बना संकरा-सा चूत का छेद पूरी तरह एयरटाइट हो गया था, उसकी चूत पुरी तरह से भरी-भरी महसूस हो रही थी जबकि लंड का कुछ भाग अभी भी बाहर था। मैं अब तेजी से जेन की चूत में लंड ठेल रहा था।

मैं हर बार थोड़ी-सी कमर उठाता और पूरा का पूरा लंड जेन की चूत में ठेल देता, हर धक्के के साथ जेन के मुहँ से एक वासना भरी मादक कराह निकलती। जब जेन का दर्द थोडा कम हुआ तो उसने आंखे खोली और समाने मेरा चेहरा देखकर हल्का-सा शर्मा गयी। वह मेरी बांहों में, पूरी तरह से नंगी होकर अपने बदन की आग बुझवा रही थी और हमारी चुदाई की आवाजे और कराहे पूरे घर में गूँज रही थी। मैंने उसे कस कर चोद रहा है और वह जांघे उठा कर अपनी नाजुक-सी फूल-सी कोमल चूत में मेरा लम्बा तगड़ा लंड ले रही थी।

लंड इतना मोटा था कि उसकी चूत का कोना-कोना लंड से भर गया। इस तरह से कोई लंड से उसकी चूत ऊपर तक टाइट पैक हो जाएगी, उसके अन्दर की सारी जगह घेर कर उसकी चूत को चूत के मुहँ तक इस कदर कसकर भर देगा उसने कभी सोचा नहीं था। मैंने कमर हिलाने की स्पीड तेज कर दी, हर धक्के के साथ मेरा मोटा लंड जेन की चूत का हर कोना भरता हुआ उसकी योनि की गहराई के आखिर छोर तक पहुँच जाता और फिर एक झटके में बाहर आकर फिर अन्दर चला जाता। जेन की चूत की दीवारे फिर से चूत रस छोड़ने लगी थी। लगातार चोदते रहने से मैं भी हांफने लगा था। मैंने जेन से दोनों हाथ अपने चुताड़ो पर रखकर उन्हें फ़ैलाने को कहा। जेन से अपनी जांघो की फैलाया और दोनों हाथो से चुतड फैला दिए। मैंने धीरे से उसकी चूत में लंड घुसेडा और हलके धक्के-धक्के लगाने लगा। जेन अपनी नाजुक-सी छोटी गुलाबी चूत में इतना मोटा लंड आता जाता महसूस कर हैरान थी। मैं आइस्ते-आइस्ते लयबद्ध तरीके से जेन की चूत में लंड पेलने लगा।

झिझक ख़तम होते ही अब जेन की फुद्दि को अपने यार लंड की इतनी शिद्दत से तलब हो गई कि अब उस के लिए इंतिज़ार मुहाल हो रहा है । जेन ने फिर से चुतड जोड़ अपनी जांघे सीधे करी और मेरी कमर पर अपनी जांघो का घेरा बना लिया। मैं जेन को चूमता हुया आराम से धक्के लगा रहा था। जेन भी इस चुदाई का पूरा मजा ले रही थी।

मेरे को अब लंड को चूत में पेलने के लिए थोडा कम ताकत लगानी पड़ रही थी। मैंने फिर करारा झटका लगाया और लंड चूत को चीरता हुआ सीधा जेन के बच्चे दानी के मुहँ से टकराया और पूरा जोर लगा दिया। मेरा मोटा लम्बा लंड पूरा का पूरा जेन की नाजुक चूत में समा गया। मुझे उसकी टाइट चुत के कारण करने में समय कुछ ज्यादा लगा, लेकिन आखिरकार मैंने कर डाला।

मुझे लगा पीछे से लंड ज्यादा अन्दर तक गया और पहले से ज्यादा मजा आया। जेन भी मस्ती में गांड आगे पीछे कर मेरा साथ देने लगी उनका चिलाना एकदम बंद हो गया। और फिर में उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा। बीच-बीच में पीछे से उनके मोमो पकड़ कर दबाता रहा। जब मैं जेन के मोमे दबाता था तो वह मुँह पीछे कर मुझे किस करने को कहती थी और मैं जेन के लिप्स चूसने लगता। करीब 25 मिनट तक लगातार उसको उस पोज़िशन में चोदा। जेन की हालत बुरी थी वह कई बार झड़ चुकी थी।


जारी रहेगी
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मजे - लूट लो जितने मिले

सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-23

जेन बहुत उत्तेजित थी 




जेन की हालत बुरी थी वह कई बार झड़ चुकी थी।

लूसी और डायना हमारी चुदाई देख कर बहुत उत्तेजित थी । वह अपनी योनि और स्तनों को सहला रही थी और हमारे चुदाई में मस्त शरीर के करीब आ गई और मेरी जांघों के बीच पहुँचकर मेरी बड़ी गेंदों को पकड़ लिया। मेरा लंड इस समय तक जेन की टाइट फिटिंग चूत में लगभग पूरी तरह से फसा हुआ था। जैसे ही जेन ने इसे और भी अधिक लेने का प्रयास किया, लूसी की उंगलियों का अचानक स्पर्श हुआ और ये उत्तेजना मेरे लिए बहुत ज्यादा साबित हुई।

उसने मेरी गेंदों को धीरे से सहलाया, वह हमारे मजे में कोई रुकावट नहीं बनना चाहती थी, फिर भी अनजाने में मेरे आनंद को बढ़ा रही थी। मैं अभी जेन को कुछ देर और तक उसकी योनी में अपने भार को शूट करने से पहले एक दूसरे आसन में संभोग करते हुए चोदना चाहता था, लेकिन लूसी की नरम उंगलियों ने वह सब बदल दिया। मजे से कराहते हुए हुए, मेरा शरीर को सख्त हो गया और मैंने जेन की चूत में जोर से धक्के मारे जिससे उसके होठों पर और भी तेज कराह आ गई।

मेरा बड़ा लंड तेजी से उसके चूत रस से चिकनी उसकी योनी में फिसल रहा था और फिर मैंने महसूस किया कि मेरे लंड के आधार पर मेरी झांटो के बाल उसकी चूत के कोमल होंठों के खिलाफ खुरच रहे थे। मैंने एक आखिरी बार उसकी योनि में, वासना से उत्तेजित भगशेफ को खोदते हुए अपनी कमर चला कर धक्का मारा और वह और भी अधिक जोर से कामने लगी और उसका चरमोत्कर्ष एक नए स्तर तक बढ़ गया, हालाँकि, उसी समय मैंने भी अपनी बड़ी गेंदों में जमा हुए शुक्राणुओं की बाढ़ की पिचकारी मार दी।

शानदार जेन के साथ बिस्तर पर चुदाई करने का विचार मेरे थोड़े से यौन अनुभव के बावजूद, मेरी गेंदों में झुनझुनी डालने के लिए पर्याप्त था। और मेरी गेंदों को दबती और सहलाती हुई लूसी की उँगलियाँ मेरे लिए आवश्यक टॉनिक साबित हुईं। जो रॉकेट विस्फोट हुआ उसने जेन को आश्चर्यचकित कर दिया। भले ही उसकी युवा योनी जोर से धड़क रही थी क्योंकि ऑर्गैस्टिक खुशी की लहरें बाहर की ओर उड़ रही थीं, उसने स्पष्ट रूप से महसूस किया कि मेरा लंड सूज गया था, जो कि बहुत अधिक बड़ा हो रहा था या और फिर एक मोटी, गर्म धरा को बाहर निकाल दिया जो उसकी योनि के अंदर जाकर उसकी गर्भशय से टकराई थी।

इस पल कामोत्तेजना ने उसे एक पल के लिए पंगु बना दिया और फिर वह पहले से कहीं ज्यादा मजबूत होकर वापिस आगे हुई और मैंने फिर आगे धक्का लगा कर उसे एक बार फिर चोदा। मेरे लंड के स्पंदन और वीर्य की प्रचुरता, ने उसे कामोन्माद और आनंद की ऊंचाइयों तक पहुँचाया और उसके शरीर को यौन प्रतिक्रिया के चमत्कार को अनुभव करने के लिए प्रेरित किया। बेतहाशा चीखते-चिल्लाते, मैंने नई ऊर्जा के साथ उसकी योनि के अंदर बाहर अपनी कमर को तब तक फेंका जब तक कि मैं बिलकुल थक नहीं गया और मेरे लंड ने उसकी योनी में अपने वीर्य की आखिरी बूंद फेंकी और फिर मैं जेन के कांपते शरीर पर पड़ा रहा, तो उसने संतुष्टि भरी की एक धीमी, फुसफुसाती आह दी। "वाह, मजा आ गया!" यार, अच्छा हुआ मैंने तुम्हे चाहा । ये अच्छा था! "

मुझे जेन को इस तरह के तेजी से चोदते हुए देखकर डायना की चुदाई करवाने की इच्छा बहुत बढ़ गई थी। जेन की हांफने और उन्मादी खुशी के कराहों ने उसके युवा शरीर को उत्तेजना से कंपकंपा दिया था और वह शायद ही मेरे बड़े मोठे लंड से चुदाई करवाने के लिए वह अपनी बारी आने का इंतजार कर सकती थी, जिसने लूसी और जेन की गर्म छोटी योनी के अंदर परवेश करने के बाद उन्हें जबरदस्त आनद दिया था। अब उसे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसकी तर्जनी से बड़ी कोई चीज कभी भी उसकी योनी के अंदर नहीं गई थी। मेरे विशाल लंड को देख उसे कुछ आशंका थी की दर्द होगा; लेकिन जब उसने पहले लूसी को और फिर जेन को मजे लेते हुए देखा तो उसने दृढ़ निश्चय किया कि वह अपने टांगो के बीच के होठों के बीच मेरे लंड को लेगी और वह भी उस मनभावन कामुक भावनाओं का अनुभव करेगी जो स्पष्ट रूप से उसकी सहेलियों ने किया है। मेरा वीर्य जेन की योनि से बहने लगा ।

"मम्म, तुमने बहुत सारा वीर्य निकाला!" लूसी ने आश्चर्य से कहा। "मुझे लगा कि तुम अपनी सारी क्रीम निकाल रहे थे!" " ये मेरे नियंत्रण से बाहर है और जब तुमने मेरी गेंदों को सहलाया और दबाया तो मुझे बस शूट करना पड़ा ' मैं बुदबुदाया। लूसी अभी भी हैरानी से मेरे लंड को देख रही थी जो जेन को योनी के अंदर आराम कर रहा था स्वाभाविक रूप से, उसने ऐसा पहले कभी नहीं देखा था, लेकिन मैं बहुत अच्छी तरह से जानता था कि एक गर्म, रसदार योनी का स्वाद-मैंने लूसी को छोड़ने के बाद जैसा किया था वैसे ही जेन को छोड़ने के बाद अपनी उंगलियों को उसकी योनि और अपने रस में डुबोया और अपनी उंगलियों को चाटा और उसके बाद लूसी ने भी मेरी उंगलियों को भी चखा।

फिर डायना ने भी आगे बढ़ कर अपनी उंगलिया उस बहते हुए रस में भिगो दी और उन्हें चाटा और उसके चेहरे से लग रहा था कि वह जेन की योनी से बाहर निकलते ही मेरे लंड के चारों ओर अपना मुंह लगाने की बहुत तीव्र इच्छा रखती थी। वह उस मिलीजुली क्रीम को चाटना चाहती थी। जेन ने जब मेरा लंड मुँह में दाल कर चूसा था, उसे उसने देखा था और इसे करने के बारे में भी पढ़ा था; इसलिए वह अब मेरा लंड भी चूसना चाहती थी।

लूसी में मुझ से पुछा क्या वह चूस सकती है। मैं अविश्वास में कुछ प्रतिक्रिया देता इससे पहले ही लूसी ने जोर देकर कहा कि डायना को इसे आजमाने की अनुमति दी जाए और उसके आग्रह की तीव्रता के कारण जल्द ही मेरे लंड ने जेन की योनि में एक करवट ली और आग लगा दी। मुझे मालूम था कि डायना उन तीनो में से सबसे छोटी थी, वास्तव में उसकी योनि भी बहुत छोटी थी, लेकिन वह यह भी देख सकता था कि वह उसे हर संभव तरीके से पाने के लिए दृढ़ थी। एक बार जब मैं उसकी रुचि के बारे में जागरूक हो गया, तो निश्चित रूप से, मेरा लंड एक बार फिर कड़ा हो गया और जल्द ही मेरा लंड इतना गर्म हो गया कि मैं अब कुछ भी करने के लिए सहमत हो गया।

मैं एक पल के लिए जेन के दृढ़ स्तनों को पुचकारने लगा और इस बीच अपने लंड को जेन की गर्म योनी में गहराई में ही डाले रखा। मेरे हथेलियों और जेन के निपल्स के बीच के संपर्क ने स्वाभाविक रूप से की चूत को पहले से कहीं अधिक उत्तेजित और गर्म कर दिया और वह मेरी और झुकी और मुझे किस करने लगी अब वह चाहती थी की मैं दुबारा उसकी चुदाई कर दू।

जेन मेरे लंड के लिए पागल हो गयी थी और इसे अपनी योनी, अपने मुंह या अपनी गांड में लेने को उत्सुक थी। जेन ने कमजोर आवाज से कहा। "अरे, मैंने सोचा था कि आप इसे धोने जा रहे हो और ये नवाब साहब अभी भी एक चट्टान की तरह कठोर हैं तो इन्हे बेहतर जगह में पहले जाना चाहिए और उसके साथ ही उसका एक हाथ अपनी टांगो के बीच और दूसरा मेरी बड़ी गेंदों को पुचकारने के लिए पहुँच गया।" डायना थोड़ा इंतजार करो पहले यह दूसरी दिशा में जायेगा! "

जेन ने अपनी टांगों के दोनों ओर अपनी जाँघों को पूरी लंबाई में फैला दिया और मैं अपने लंड को उसकी योनी सेमें अंदर घुसा कर सीधे घुटने टेकने की स्थिति में आ गया।

डायना ने हालांकि, कभी भी लंड से न तो कभी चुदाई की थी और न ही कभी लंड चूसा था फिर भी वह हमारे रस के हर निशान को साफ करने के लिए मेरे लंड को चाटने पर पूरी तरह से आमादा थी।

जब मैंने डायना से उसके अनुभव के बारे में पूछा तो उसने तुरंत स्वीकार किया कि उसने लंड पहले कभी नहीं चूसा है । "ठीक है, आप चूसना चाहते हैं, तो जल्द ही आपको इसका अवसर मिलेगा," लेकिन उसके लिए आपको थोड़ा इन्तजार करना होगा । मैंने उससे वादा किया।



जारी रहेगी
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सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-24

कामुक जेन 





मेरी कामुक हरकतों से जेन की दोनों छातियाँ भारी हो गयी थी और दोनों निपल्स कड़क होकर खड़े हो गए थे और मुझे आमंत्रित कर रहे थे।

मैं जेन के पैरों की तरफ़ बिल्कुल नंगा खड़ा था और मेरा गरम, लंबा, मोटा और चुदाई के लिए पूरा तैयार लंड कमरे की छत की तरफ़ अपना मूह उठाए खड़ा था और मेरी नज़रें जेन की चूचियों पर जमी हुई थीं।

गोरी गोरी चुचियों के ऊपर उन खड़े हुए निप्पल्स को देखकर मेरा लंड भी उत्तेजित हो गया था और मैं बड़ी प्यासी निगाहों से जेन के बूब्स को देख रहा था ... जेन बिल्कुल नंगी लेटी हुई अपनी प्यासी चूत पर अपने हाथ को आहिस्ता-आहिस्ता फेर कर प्यार कर रही थी और उस की फूली हुई गोरी चूत के गुलाबी होंठो से रस की बूंदे टपक रही थींl

जेन की गोरी-गोरी टाँगों के दरमियाँ में, किसी भी क़िस्म के बालों के बगैर, जेन की सॉफ और गुलाब की पंखुड़ियों की तरह से चिपकी हुई चूत की दरार को देख कर मेरे मुँह से लार टपकने लगी।

जेन ने जब देखा कि मैं क्या देख रहा हूँ तो वह शर्म से पानी-पानी हो गई.

मैंने जेन के एक पके हुए आम के जैसे स्तन को एक हाथ से दबोच लिया और उसके दुसरे निपल्स को अपनी जीभ से चाटने लगा और जेन के बूब पर अपनी ज़ुबान को ऊपर नीचे घुमाते हुए उसके निप्पल को अपने मुँह में भरा और उसे चूसने लगा।

निप्पल को अपनी ज़ुबान से रगड़ते-रगड़तेमैंने निप्पल को अपने होंठो में भर कर काबू किया और फिर निप्पल को अपने होंठो से खींच कर ज़ोर से बाहर की तरफ़ खींचा और फिर छोड़ दिया ल फिर मैंने ताहि काम दुसरे निप्पल और बूब के साथ किया

फिर मैं उसे निप्पल चूसने लगा । कभी दाईं चूची तो कभी बाई.। जेन मेरे नीचे पड़ी हुई तड़प रही थी और सिसक रही थी।



जब मैंने जेन के जिस्म के नाज़ुक हिस्सो के तार छेड़ दिए. तो फिर उसके चाहने न चाहने के बावजूद उसका मादक जिस्म उसके नियंत्रण से बाहर निकलता चला गया।

जेन मेरे से लिपट कर मुझे चूमने लगी...दोनों के वासना की आग में तपते हुए ओंठ कांपते हुए फलकों के साथ एक दुसरे से चिपक गए.। एक दुसरे के मुहँ का रस एक दुसरे के ओंठो को चूसने देने लगे।

मेरा लंड जेन की चूत के ऊपर इधर उधर नाच रहा था... और अब इंतजार करने की हालत में नहीं था वह बोली अब बस करो और जल्दी से मेरे अंदर डाल दो" कहते हुए उस ने मुझे मेरे सिर के बालों से पकड़ कर अपने उपर खींच लिया। मैं पूरी तरह से झुकते हुए जेन के गुलाबी बदन के ऊपर छा गया और अपने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर जेन की चूत के सुराख पर उपर नीचे रगड़ा और फिर कुछ देर दाने को छेड़ने और रगड़ने के बाद लंड को जेन की गुलाबी चूत के मुहाने से सटाया । लंड की टोपी उस की चूत के रस से बहुत गीली हो गई थी ।और फिर जेन ने मेरे को बांहों में भरते हुए अपने हाथ मेरी पीठ पर जमा दिए ... जेन जानती थी मेरा लंड बहुत मोटा और तगड़ा है और उसकी ताज़ी चुदी हुई चूत जो सूज चुकी है जब उसपे लंड का दबाब पड़ेगा तो उसे दर्द होगा और उसकी चीखे निकल जाएगी इसीलिए उसने भी अपने आप को तैयार कर लिया था... उसे मालूम था मेरा लंड उसकी चूत को चीर के रख देगा इसीलिए वह दर्द को बर्दाश्त करने के लिए पूरी तरह तैयार थी...

मैंने उसे ओंठो पर चूमा और उसके बाद में धीरे से एक बार में हल्का-सा झटका मारा नतीजन सुपारा जेन की सूजी और कसी हुई गुलाबी चूत को चीरता हुआ अंदर फंस गया । मैंने फिर दूसरा झटका थोड़ा तेज मारा और पूरा का पूरा मुसल जेन की चूत के गुलाबी छेद में अंदर चला गया । जेन की बुर की दीवारों ने मेरे मुसल लंड को बुरी तरह जकड़ लिया और जेन के मुहँ से सिसकारी भरी कराह निकली आआआआ आअह्ह्ह्ह हाय मर गयी आह्हीईईईईईईईईईइ ऊऊऊऊ ओह्हह्ह हाय ... प्लीज... रुको

इसके बाद मैंने अपने लंड को बाहर खींचा और फिर से जेन की चूत में पेल दिया था... जेन कराहने लगी-ईईईईईईईईईई आअह्ह्ह्ह ।

चूत रस से भीगे होने के कारण अब मेरे विशालकाय लंड को अंदर प्रवेश करने को लेकर कोई खास प्रतिरोध का सामना नहीं करना पड़ा और लंड अपना रास्ता बनाता चूत में आराम से जाने लगा। मैंने फिर जेन की चुदाई शुरू कर दी । लेकिन चूत चुदाई में नई थी इस लिए ज्यों ही मेरा लंड उस की चूत में दाखिल हुआ तो जेन एक दम चिल्लाई आआआआहह... आहिस्ता...आहह"। मेरा लंड उसकी सील फाड़ चूका था इसलिए जेन की चूत के लिए अब अजनबी नहीं रहा था और उसकी चूत ने रस छोड़ते हुए लंड का स्वागत किया ।

मैं हल्का-सा ऊपर उठा जिस की वज़ह से लंड जेन की चूत से थोड़ा से बाहर निकला फिर दुबारा नीचे होते हुए मैंने दुबारा अपना लंड चूत की वादियों में धकेल दिया।

इस के साथ उस ने अपने मुँह को थोड़ा नीचे किया और जेन की छाती पर ऊपर नीचे होते हुए उसके बड़े-बड़े मम्मों के निपल को अपने मूँह में ले लिया और उन्हें सक करने लगा। अब मैं धीरे-धीरे से जेन की चूत को चोद रहा था और साथ ही साथ वह कभी उस के एक मम्मे को तो कभी दूसरे मम्मे को अपने होंठो और हाथो से चूस्ता और दबाता जा रहा था ।

फिर कुक देर बाद जेन की दोनों चूचियों को थाम के मैं उसे पेलने लगा शुरुआत मैंने बहुत धीरे से की जेन अपनी गांड को ऊपर की तरह उठा-उठा कर मेरा पूरा लंड अपने अंदर ले रही थी। पर कुछ ही देर में अपनी पूरी रफ्तार पकड़ ली और जेन को अपनी पूरी ताकत से पेलने लगा । कमरे में चुदाई की " ठप्प्प्प्प्प ठप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प के साथ-साथ जेन की आहह-आहह की आवाज़े भी गूँज रही थी।

जेन की सूजी हुई चूत फ़ैल चुकी थी और उसकी खुली गुलाबी चूत में लंड अब आराम से आ जा रहा था और साथ में दोनों की कामुक सिसकियाँ निकल रही थी । मैंने अपने मुसल को जेन की गुलाबी चूत में जोर से दे मारा तो उसे बाहर दर्द हुआ और जेन दर्द से तड़पने लगी। जेन यौन उत्तेजना में जंगली होती जा रही थी,

"आअह्ह्ह! । म्मम्मम!" जेन ने भी अपनी गांड उठा-उठा कर मेरी स्पीड को मैच करने की कोशिश करने लगी फच-फच की आवाज आने लगी साथ-साथ जेन कराह रही थी

ह्हह्ह्ह्हह आआऊऊईई! अब उस पूरे कमरे में यही आवाजें गूँज रही थीं ।

एक चुदाई और दूसरी कराहने की ! मेरी पंपिंग की गति बढ़ गयी और मैंने जेन की मांसल कमर के चारों ओर से कसकर पकड़ कर उसकी चूत पर ज़ोरदार बेरहम तरीके से चुदाई चालू रखी और फिर जेन के दोनों पैर सीधे हवा में उठ कर और भी अधिक फ़ैल गए और जेन का बदन कांपने लगा और फिर उसी समय मेरा भी शरीर अकड़ा और काँप उठा और आख़िर में मुँह से एक ज़ोरदार आवाज़ निकालने के साथ-साथ एक जबरदस्त धक्का मारा और जेन भी अपने चूत में मेरे लंड के अकड़न और ऐंठन को महसूस कर ख़ुशी और यौन आनंद से "आह ऊऊऊऊ हहम्मम्मम!" कर चिल्ला उठी और वह झड़ गयी और उसकी नर्म–गर्म चूत में मेरा लंड ने पिचकारियाँ मार दी और मेरा गर्म वीर्य से उसकी चूत पूरी भर गयी ।

मैंने कुछ देर बाद विशालकाय लंड को बाहर निकाला, जेन की चूत का मुँह खुला हुआ रहा और तभी लूसी ने फट से मेरा लंड अपने मुँह में लिया और सारा रस चाट गयी ।

जेन पसीने से तर बतर थक गयी थी उसकी चूत से गर्म वीर्य बह रहा था ।टाँगे फैली हुई थी और उसके बाल बिखर गए थे । जेन के गाल, गर्दन, कंधे, सीने और चूचियों पर चूसने और काटने के कारण बने लाल निशान थे बिस्तर पर कपडे फूल और जो कुछ भी उसने और मैंने पहना था सब फैला हुआ था और वह होंठो और गालो पर लगी मेरी लार को हथेलियों से थोड़ा-थोड़ा कर पोछती हुई आँखें बंद कर चित्त लेटी रही और लम्बी और गहरी साँसे ले रही थी ।

और अब मैं भी उसके जिस्मसे चिपक कर पसीने से शरा बोर जेन के पहलू में पड़ा गहरी साँसे ले रहा था और हमारी हवस भरी चुदाई देखने के बाद लूसी मेरा और जेन का बदन सहला रही थी।

जारी रहेगी
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सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-25

कामुक काशीमीरा इनायत




मेरी बीबी सारा और काशीमीरा इनायत दोनों कश्मीर के कॉलेज में साथ-साथ पढ़ती थी। मोहल्ले और कॉलेज में उनकी जोड़ी बहुत मशहूर थी। दोनों ही बहुत खूबसूरत और छरहरे बदन की थी। बदन के कटाव बड़े ही सैक्सी थे। इनायत की चूचियाँ सारा से भी बड़ी-बड़ी थी लेकिन एक दम टाईट थी।

दोनों अक्सर एक दूसरे के घर जाती थीं।

इनायत का मेरी खाला और सारा के घर जाने का मक्सद एक और भी था... उसका पडोसी अब्दुल। वह इनायत को बहुत अच्छा लगता था। उस समय वह कॉलेज में फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहा था। बहुत ही हेंडसम और खूबसूरत शख्सियत का मालिक था। इनायत उससे मन ही मन प्यार करने लगी थी। अब्दुल भी इनायत को पसंद करता था। लेकिन मुँह से कभी कहा नहीं। इनायत ने अपना दिल सारा के सामने खोल दिया था। दोनों आपस में लड़कों की बातें भी करती थी।

फिर मेरे मामा का लड़का इमरान अपनी फूफेरी बहन 19 साल की सारा के पीछे पड़ गया। इमरान में हर तरह की बुरी आदतें थी। वह मेरे अमीर मामा की बिगड़ी हुई औलाद था। मामा अच्छे पैसे वाले थे और फूफी बेचारी बेवा थी और ऊपर से चार बेटिया। मामा की अनाप शनाप कमाई थी और इमरान उस कमाई को अपनी अय्याशियों में खर्च कर रहा था। दो साल से फेल हो रहा था। इनायत इमरान की हरकतों के कारण उससे बुरी तरह नफ़रत करती थी। इमरान इनायत पर भी गंदी नज़र रखता था। मगर वह उससे दूर ही रहती थी।

एक दिन सारा और इनायत कुछ कर रही थी। अचानक इमरान वहाँ आ गया। उसने सारा से बात करने की कोशिश की और उसने अपना सिर घुमा लिया और उठ कर बाहर चली गयी इमरान उसके पीछे-पीछे गया। इनायत वहाँ अकेली रह गयी। कुछ देर में इमरान वापिस आ गया और उसने इनायत की बाँहों से पकड़ कर उठा दिया।

"क्या बात है क्यों परेशान कर रहे हो।"

"तू मुझे बहुत अच्छी लगती है।"

इनायत एक दम हकबका गयी। इससे पहले कि वह कुछ संभलती, उसने इनायत के दोनों बूब्स पकड़ कर मसल दिये। इनायत ने एक जबरदस्त चाँटा उसके गाल पर रसीद कर दिया। पाँचों अँगुलियाँ छप गयी थीं गाल पर। वह तिलमिला गया। "कुत्ते मुझे कोई बाजारू लड़की मत समझना जो तेरी बाँहों में आ जाऊँगी" उसे इनायत से ऐसी हरकत की शायद उम्मीद नहीं थी। वह अभी अपने गाल सहलाता हुआ किसी के कदमों की आवाज सुनकर वह वहाँ से भाग गया।

उस दिन इनायत का मूड खराब रहा। उसे बहुत गुस्सा आ रहा था। दोनों बूब्स दबाने से दर्द कर रहे थे। अपने कपड़े उतार कर अपनी गोरी छातियों को देखा तो छातियों पर मसले जाने के नीले-नीले निशान दिख रहे थे।

सारा आयी। "तू इमरान से लड़ पड़ी?" उसने पूछा।

"लड़ पड़ी? मैंने उसे एक जम कर चाँटा मारा। आवारा लोफर"

"अरे क्यों गुस्सा करती है? थोड़ा-सा अगर छेड़ दिया तो इस तरह क्यों बिगड़ रही है। वह तेरा होने वाला जीजा है। रिश्ता ही कुछ ऐसा है कि थोड़ी बहुत छेड़छाड़ तो चलती ही रहती है," उसने कहा।

"थोड़ी छेड़ छाड़... मॉय फ़ुट। देखेगी क्या किया उस तेरे आवारा आशिक ने?" मैंने कहकर अपनी कमीज़ ऊपर करके उसे अपनी छातियाँ दिखायीं। "चचचच कितनी बुरी तरह मसला है तेरे इमरान ने" फिर इनायत ने सारा को चेता दिया "अपने उस आवारा । लोफर आशिक को कह देना मेरे से दूर रहे।"

फिर सारा ने उसे बताया इमरान ने सारा से निकाह करने की जिद पकड़ ली है और मामू उसकी अम्मी के पास रिश्ता ले कर आये थे वैसे तो उन्हें भी इमरान की बुरी आदतों का इल्म था और चाहती थी की सारा का निकाह उनकी बहन के लड़के आमिर यानी मेरे साथ हो पर मैं अभी लंदन में पढ़ाई कर रहा था और फिर भाई के सामने वह मना नहीं कर पायी और इमरान की जिद के आगे वह झुक गयी और फिर कुछ दिनों बाद सारा का निकाह इमरान से हो गया और फिर लेकिन शादी के बाद पता चला उसका लंड बहुत छोटा था और वह सारा को चोद ही नहीं पाता था। इसी कारण दोनों में झगड़ा हुआ और इमरान ने गुस्से में सारा को तलाक दे दिया।

कुछ दिनों बाद सारा का निकाह मुझ से हुआ और उसने मेरे बड़े मोटे और काले लंड के साथ चुदाई के किस्से अपनी सहेली इनायत को सुनाये और इनायत को भी एक बड़े काले लंड से चुदाई करवाने की तेज इच्छा हुई। फिर इनायत का निकाह भी उसकी मुहब्बत अब्दुल अज़ीज़ से हो गया

गोरी और प्यारी कश्मीरी इनायत अब अब्दुल अजीज की बेगम हो गयी लेकिन उसने पाया की उसके शौहर का लंड पतला और छोटा है तो उसे बड़े निराशा हुई। अब्दुल अज़ीज़ को पोर्न फिल्मे देखने का बहुत शौक था और इसके कारण इनायत में एक बार फिर एक बड़े काले लंड से चुदाई करवाने की तेज इच्छा जाग गयी ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने साथ में बहुत सारी कामुक फिल्में देखीं और साथ-साथ बहुत सारी अश्लील किताबें (किताबें) पढ़ीं।

सारा से इनायत की अक्सर बात होती रहती थी और उसमे वह अक्सर अपनी चुदाई की बाते भी शेयर करती थी और इसके कारण भी इनायत में काले लंड से चुदने की इच्छा भड़कने लगी थी।

स्वाभाविक रूप से, वह दोनों भारतीयों पोर्न फिल्मे भी देखने लगे और उनमे दक्षिण भारतीय और खासकर हैदराबादी पोर्न फिल्मे शीघ्र ही उसकी पसंदीदा बन गयी, क्योंकि इन फिल्मो में नायक ज्यादातर बड़े लंड वाले हैदराबादी पुरुष होते थे और नायिकाएँ गोरी दक्षिण भारतीय और दक्कनी नायिकाएँ होती थी। फिर एक दिन उन्होंने एक कश्मीरी पोर्न फिल्म देखि जिसमे एक दूधिया गोरी कश्मीरी सुंदर लड़की को एक छोटे लंड वाला कश्मीरी लड़का चुदाई करके खुश करने की कोशिश कर रहा था और इसी कारण से इनायत को पंजाबी या अन्य देसी पोर्नोग्राफी भी पसंद नहीं थी। उसके पसंदीदा हैदराबादी दृश्य बन गए जिनमे बड़ा काला लंड तंग सफेद देसी फुदियों को फैलाते हैं।

जिस दिन वह-वह दोनों कोई ऐसी पोर्न फिल्म देखते थे जिसमे नायक हैदराबादी होता था उस रात इनायत जम कर अपनी चुदाई करवाती थी इस कारण अब्दुल ढूँढ कर नयी से नयी हैदराबादी पोर्न फिल्मे लाता था और अब्दुल को हमेशा उम्मीद थी कि उसकी प्यारी कश्मीरी बीबी इनायत ऐसे दृश्यों को केवल कल्पनाओं में रखेगी और वह दोनों ऐसे ही अपने सेक्स का मजा लेते रहेंगे और उनके जीवन पर इनका कभी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालाँकि, उसने जल्द ही पाया कि इनायत हैदरबादी पुरुषों के प्रति अधिक से अधिक जुनूनी होती जा रही थी और जैसे-जैसे द्रविड़ पुरुषों में उसकी गहरी दिलचस्पी बढ़ती गई, कश्मीरी और अन्य आर्य पुरुषों के लिए उसका ध्यान उतनी ही तेज़ी से कम होता गया। जल्द ही उसने पाया कि वह एक पसीने से तर दक्षिण भारतीय साथी को एक गोरी भारतीय नायिका के साथ चुदाई करते हुए देखने के बाद ही चरमोत्कर्ष पर पहुँच पा रही थी।

जारी रहेगी
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सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-26

 मालाबारी पहलवान


इसके अलावा, इनायत उन हैदराबादी पोर्न फिल्मों को ख़ास तौर पर देखना और भी ज्यादा पसंद करने लगी जिनमे नायिकाएँ कश्मीरी पंजाबी या उत्तर भारतीय थीं। अब इनायत की इस आदत ने अब्दुल को बहुत चिंतित कर दिया और उसे नहीं पता था कि अब इसे कैसे संभालना है।

एक रात जब उन्होंने एक पंजाबी नायिका की एक हैदराबादी पोर्न फिल्म देखी, जिसमें उसने एक बड़े देसी लंड का आनंद लिया गया तो इनायत ने अब्दुल से कहा कि उसे निश्चित रूप से एक बड़े लंड वाले की जरूरत है और वह उनके प्रति आसक्त हो गयी फिर उसने कहा कि अगर उसने जल्द ही किसी हैदराबादी बड़े लंड वाले आदमी के साथ संभोग नहीं किया तो वह पागल हो जाएगी।





इनायत की इस बात ने अब्दुल को परेशान कर दिया और लेकिन वह इनायत को  बहुत  प्यार करता था और उसकी हर मांग पूरी करने की कोशिश करता था और फिर कुछ अजीब सोच के बाद, अब्दुल ने इनायत से कुछ वक़्त माँगा। उसने कुछ खोज की तो चूंकि वे कश्मीर में रहते थे, वहाँ कोई हैदराबादी पुरुष नहीं मिला इसलिए अब्दुल ने उससे कहा, यहाँ ऐसा कोई पुरुष मिलना मुश्किल है लेकिन मैं इसके लिए प्रयास कर रहा हूँ। "

उस रात जब अब्दुल ने इनायत को बताया की वह उसकी मांग पूरी करने की कोशिश कर रहा है तो वह बहुत खुश हुई और वह बहुत तेज चरमोत्कर्ष पर पहुँची। उसकी गुलाबी कश्मीरी फुद्दी ने अब्दुल के छोटे गुलाबी कश्मीरी लंड को कसकर जकड़ लिया था, और अब्दुल ने महसूस किया कि इनायत की चूत की दीवारें और मांसपेशिया उसके लंड के चारों ओर बेतहाशा धड़क रही थी। जिससे प्यारी कश्मीरा इनायत की तंग चूत को एक बड़े  लुंड से चौदे जाने और भरे जाने के विचार ने अब्दुल को बहुत भयभीत और आशंकित कर दिया, फिर भी वह एक ही समय में गर्म और उत्तेजित हुआ और उन्होंने उस रात दो बार संभोग किया।

कुछ पखवाड़े के बाद, सर्दियाँ आने को थी और अब्दुल ने दिल्ली जाने का फैसला किया और तभी उन दिनों मालाबारी पहलवानों का एक दल कश्मीर में आया .   एक हैदराबादी व्यापारी  ने   बड़े मालाबारी पहलवानों का एक समूह था जो कुश्ती की द्रविड़ कला में माहिर थे । उन्हें कश्मीर में कुश्ती के लिए बुलवाया था ।

इस समूह के साथ पूरे देश का दौरा किया, उनके भयानक कुश्ती और मल्ल युद्ध के कौशल के असाधारण प्रदर्शन और अच्छी तरह से प्रचारित मेजबान जमींदार पहलवानों के खिलाफ चुनौतियाँ से उत्तर भारत की भूमि में अच्छा नाम और पैसा कमाया । विशेष कर कश्मीर में इन बड़े काला मालाबारी पहलवानों के जमावड़े ने दर्शकों को आकर्षित किया।

काम से घर आने के बीच अब्दुल ने एक मैच देखा जहाँ बड़ी काला मालाबारी पहलवानों ने बड़े से एक गोरे कश्मीरी पहलवानों को आसानी से हराया। जिसे देख अब्दुल वास्तव में डरा गया। लेकिन  इससे भी बुरी बात यह थी कि उसने मैच ख़त्म होने के बाद अपनी कई कश्मीरी महिलाओं को, बड़े काला मालाबारी पहलवानों घूरते हुए देखा। ये सुन्दर कश्मीरी महिलाये और लड़किया बहुत ही उत्साहित हो गयी थी और कुछ उन पहवानो के आस पास मंडरा रही थी और एक दो महिलाओ को अब्दुल ने उन  मालाबारी पहलवानों की बड़ी काली पसीने से तर मांसपेशियों को  छूते  हुए भी देखा।

कुश्ती मैच अपने आप में बिल्कुल अपमानजनक था, क्योंकि मालाबारी ने कई कश्मीरी महिलाओं के सामने कश्मीरी पहलवानों को आसानी से हरा दिया। कश्मीरी पुरुष बैठे बैठे, मैच देख रहे थे और उम्मीद कर रहे थे कि किसी तरह कोई कश्मीरी पहलवान, या शायद पंजाबी भाई जीत सकता है। हालांकि, कश्मीरी महिलाओं ने वास्तव में इस मैचों का पूरा आनंद लिया। जो हैदराबादी व्यापारी इस मंडली का मालिक था, वह बहुत बदमाश था क्योंकि वह न केवल अपने मालाबारी लड़ाकों से पैसा कमाने की कोशिश कर रहा था। बल्कि उसने नाम भी बहुत प्रभावशाली रखे थे उदाहरण के लिए, उस मण्डली का नाम ""मालाबार ब्लैक" रखा था और पहलवानो के नाम "मालाबार किंग, मालाबारी ब्लैक कोबरा" , " "मालाबार महा-लिंगम" "मालाबार किंग कोबरा:  इत्यादि रखे हुए थे जो सब हैदराबादी नाम थे ।

अब्दुल ने जो पोर्नोग्राफी देखी, उसमे वह भी पुरुषो के ऐसे ही नाम रखते थे जो स्पष्ट रूप से उनके लंड के आकार पर जोर देते थे।

अंत में, सभी मैच समाप्त होने के बाद, गोरी-गोरी और सुंदर कश्मीरी महिलाएँ और लड़किया इन मालाबारी विजेताओं के पीछे झुंड में आईं, प्रत्येक काली मांसपेशियों वाले उनके-शरीर को छूने की कोशिश कर रही थी। अब्दुल ने इससे पहले कभी हमारी कश्मीरी महिलाओं को कश्मीरी या पंजाबी पहलवानों के लिए ऐसा कुछ करते नहीं देखा था। इस बीच, जैसे-जैसे मैच समाप्त हुए, ज्यादातर पुरुष, कुश्ती के मैदान छोड़ने लगे। कई कश्मीरी पुरुष कश्मीरी महिलाओं के भद्दे व्यवहार से दुखी और सदमे में थे और वे लड़कियों और पहलवानो को कोसते हुए मैदान से बाहर चले गए। हालांकि, कश्मीरा के साथ मैंने जो हैदराबादी फिल्में देखीं, उसके कारण मालाबारी पुरुषों के साथ आर्य महिलाओं को देखकर मोहित होकर, अब्दुल पीछे रह गया और मालाबारी पहलवानो के आसपास की सुंदर महिलाओं को देख रहा था।

अब्दुल ईर्ष्या और मोह के मिश्रण में  बैठा था, तभी कुश्ती ग्राउंड गार्डों में से एक ने उसे देखा और पास आया।

" साहब! आप देखते हैं कि हमारी कश्मीरी महिलाएँ उन मालाबारी कल्लूओं पर किस तरह मोहित हो गयी हैं?" उसने पूछा।

" हाँ!  अब्दुल बोला।

"आप उन मालाबारियों के चेंजिंग रूम देखने चाहिए," उसने कहा। "ये लड़किया तब तक उन मालाबारी पहलवानो  का पीछा करते रहेंगी जब तक कि उन्हें उस काले लिंग में से कुछ नहीं मिल जाता और अब औरते बन के ही वापिस लौटेंगी और मुझे मालूम है पिछले दौरे के समय पर कई तो कश्मीर छोड़ कर इनके साथ ही चल दी थी!"

"ओह," मैंने जवाब दिया। मैं वास्तव में नहीं जानता था कि यह सब कैसे संभालना है और ये मालाबारी पहलवानो क्या कश्मीरी लड़किया और महिलाये पसंद करते हैं मैंने पुछा?

वह बोला "साहब कश्मीरी हूरे किसे पसंद नहीं हैं और आप जानते नहीं हो कश्मीर में जाने वाले पहलवानो के चयन बड़े मुक़ाबले के बाद किया जाता है क्योंकि वहाँ कश्मीर जाने के नाम पर बहुत बड़ी भीड़ लग जाती है और ये पहलवान उन लोगों में से सबसे बेहतरीन पहलवान हैं और साहब कुछ समय बाद, आप देखना इस शहर में बहुत सारे छोटे-छोटे काले बच्चे घूम रहे होने हैं," उसने चलते हुए कहा।

कीमती सुंदर हूर जैसी कश्मीरी महिलाओं की ऐसी प्रतिक्रिया को देखकर अब्दुल का छोटा कश्मीरी लंड वास्तव में खड़ा हो गया, और साथ ही उसे शर्मिंदगी और हार का अहसास भी हुआ।

जब वह घर गया तो उसे बहुत अजीब और बेवकूफ की तरह लगा। वह जानता था कि अगर उसकी कीमती कश्मीरा बेगम इनायत को मालाबारी  पहलवानो के बारे में पता चल गया, तो वह निश्चित रूप से उनमें से एक के साथ या उसकी अनुमति के बिना संभोग करेगी और वह उससे इतना ज्यादा प्यार करता था कि वास्तव में उसे ऐसा करने देना चाहता था। लेकिन वह उसे खोने के डर से वह बहुत डरता था । उसने उस दिन घर आ कर टीवी नहीं चलाया कही लोकल टीवी पर इन पहलवानो की कोई खबर इनायत को नहीं मिल जाए और उसने इसी डर से अलगे दिन अखबार भी नहीं खोला कही इन मालाबारी पहलवानो  के चकर में उसकी इनायत उसे छोड़ कर न चली जाए वह अगले सारे दिन अपने काम पर भी नहीं गया और उससे ही चिपक कर दिन भर लेटा रहा क्योंकि उसने पोर्न फिल्मो में अक्सर निजामी बेगमों को स्थायी रूप से मालाबारी लिंग और मर्दानगी की पूर्णता से आकर्षित होते हुए देखा था।

फिर भी, वह जानता था कि उसे अंततः गपशप के माध्यम से मालाबारी मंडली के बारे में जल्द या बाद में पता चल जाएगा। उसी समय, वह नहीं चाहता था कि इनायत मैच देखने जाए, क्योंकि उसे डर था कि वह महिलाओं की भीड़ में खुद पर नियंत्रण खो देगी और अन्य महिलाओं की तरह उन मालाबारियों के ड्रेसिंग रूम में चली जाएगी। इसके अलावा, उसे ये भी डर था कि वह एक बड़े मालाबार ब्लैक पहलवान के बड़े सांप जैसे लंड का अनुभव कर सकती है और वह उसे हमेशा के लिए खो सकता है।

इनायत ने बताया  दिन में सारा ने अपनी सहेली इनायत को फ़ोन किया था और उसे अपने घर दिल्ली में आने के लिए आमंत्रित किया । अब अब्दुल को सारा और मेरा नाम याद आया । उसे याद आया की उसकी पड़ोसन सारा का किस तरह  उसके शौहर इमरान का छोटा लंड होने के कारण तलाक हुआ और फिर उसका दूसरा निकाह हलाला मेरे साथ हुआ है और फिर उसने  रात मेरे साथ बिताने के बाद मेरे से तलाक लेने से मना कर दिया और मैंने भी सारा और उसकी दूसरी बहन ज़रीना से निकाह कर लिया अब वह मेरे साथ कितनी खुश है, उसे ये भी याद आ गया की मेरा ताल्लुक भी हैदराबाद से ही है ।

अब उसके दिमाग में इस तर्क के साथ ये स्कीम बनने लगी की अगर वह इनायत को चोदने वाले आदमी की पसंद को नियंत्रित कर ले, तो वह किसी को चुन सकता हूँ जो इनायत की हसरत भी पूरी कर दे और वह इन पहलवानो जैसा न हो और इससे कश्मीरा इनायत उसे छोड़ देगी ये संभावना खत्म हो जायेगी। इसलिए उसने ये बेहतर समझा कि इस तरह वह गतिविधियों को नियंत्रित कर सकता हैं और उसे लगा की अब वह इस खेल में जीत सकता है।

अंत में उसने कहा कि इनायत क्या तुम्हें याद है कि सारा का पति आमिर भी मालाबारी है और फिर उसने सारा के निकाह, इमरान से तलाक और मेरे साथ हलाला वाले किस्से को दोहराया और वह एक ही बार में गर्म हो गयी  । इनायत ने अब्दुल को चूमना शुरू कर दिया और उसका पजामा खोल दिया और नीचे खींचकर उसने अब्दुल की पांच अंगुलियों का   लंड अपने मुंह में ले लिया। वह लंबे समय तक नहीं टिक सका और जल्द ही चरमोत्कर्ष पर पहुँच गया और उसके मुंह के अंदर झड़ गया।

इमरान बोला इनायत हम हर बार सर्दियों में कश्मीर छोड़ कर दिल्ली जाते हैं,  इस बार कुछ दिन पहले चलते हैं और तुम भी अपनी सहेली सारा से मिल लेना और मैं भी व्यापार के सिलसिले में आमिर से मिल लूँगा और फिर मुझे कुछ दिन लुधियाना और सूरत आदि जगह जाना है तब तुम सारा के ही पास रह लेना ।


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जारी रहेगी
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सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-27

 दक्खिनी मर्द से चुदवाने की चाहत   

उसी दिन अब्दुल ने अपनी कश्मीरी बेगम इनायत के साथ श्रीनगर से दिल्ली की फ्लाइट पकड़ ली और जब वह हमारे घर पहुँचे तो इनायत और उसके खाबिन्द अब्दुल का सारा बेगम ने बड़ी गर्म जोशी से स्वागत किया और फिर शाम को जब मैं लौटा तो खूब बाते और हसी मजाक हुआ और दोनों सहेलिया बहुत  खुश थी । उन दिनों दिल्ली में मेरे साथ सिर्फ मेरी बेगम सारा थी और बाकी बेगमे हैदराबाद में थी ।

दोनों सहेलिया आपस की बातचीत में मस्त हो गयी थी और अब्दुल मेरे साथ अकेला था वह जल्दी ही मुझसे इधर उधर की बात करने लगा। फिर उसने सारा के इमरान के साथ निकाह, उसके साथ का इमरान फिर तलाक और मेरे साथ हलाला वाले किस्से को दोहराया और बोला की अब सारा बाजी आपके साथ बहुत खुश लग रही है ।



अब विषय औरतो की तरफ मुड़  गया था और उसने पुछा पूछा कि क्या मुझे कश्मीरी औरते पसंद हैं। मैंने कहा कि मैंने जरूर पसंद  हैं और मेरी तीन कश्मीरी पत्नियाँ हैं और मेरे अम्मी भी कश्मीरी है और-और फिर मैंने उससे कहा कि मेरी बीबी मुझे बहुत ज्यादा प्यार करती है।

इस पर अब्दुल बोला आप सही फरमा रहे हो इसी कारण से शायद वह आपके साथ निकाह के बाद एक बार भी कश्मीर नहीं आयी है और यहाँ तक की अपनी सहेली के निकाह में भी नहीं आयी थी । तो मैंने कहा उन दिनों मुझे कुछ काम था इसलिए नहीं आ सके थे और उससे माफ़ी मांगी ।

उधर सारा अपने अंतरंग सहेली को मेरे बारे में बता रही थी की वह मेरे साथ बहुत खुश है । मैं उसे खूब प्यार करता हूँ और खुश रखता हूँ और वह मुझे एक रात के लिए भी नहीं छोड़ती। वह अपने पीरियड्स में भी चुदाई करवाती है।

उधर अब्दुल ने मुझे बताया कि उसकी पत्नी भी मेरे जैसे दक्खिनी पुरुषों को बहुत पसंद करती है और फिर आपकी तीन पत्नियाँ हैं और मजाक में कहा कि आजकल के महंगाई के जमाने में एक बीबी की देखभाल करना भी एक विलासिता है और आपके पास पहले से ही 3 है। तो आप वास्तव में बहुत अच्छा समय बिता रहे होंगे और कैसे सबको  खुश रखते हो? वह आगे बोला आप दुसरे दक्खिनी या मालाबारी पुरुषों की तुलना में कम आक्रामक लग रहे हो ।

और उसके बाद उन्होंने मुझे अपनी बेगम कश्मीरा, इनायत के बारे में बताया की उसे दक्खिनी मालाबारी पहलवानो की कुश्ती देखने का बहुत शौक है ।


  वह मेरे औजार के आकार के बारे में अपनी शंकाओं को दूर करना चाहता था। वह अपनी बीवी के लिए छोटे लंडवाले मालाबारी को चुनना चाहता था तो उसने घुमा फिरा कर मालाबारी लंड के आकार के बारे में चर्चा की तो मैं हँसा और उससे कहा कि सारा मुझसे बहुत प्यार करती है और मुझे चिंता करने की कोई बात नहीं है, क्योंकि मुझे लगता है कि एक मालाबारी के हिसाब से मेरा औजार छोटा  ही है पर मेरी बेगमे मुझसे बहुत खुश रहती है।

तभी सारा और इनायत जहाँ हम बाते कर रहे थे वहाँ आ गयी और मैंने पहली बार इनायत को गौर से देखा तो मेरा लंड जो अब हमेशा खड़ा रहता था  इनायत के बदन के   सैक्सी कटाव  और  इनायत की सारा से भी बड़ी-बड़ी टाईट चूचियाँ  देख  थोड़ा  और  कड़ा हो गया और इनायत ने मेरे पायजामे में उभार को लंबे समय तक देखा, जो अब काफी बड़ा हो गया था।

फिर रात हुई देर तक  गप शप  हुई और  हसी मजाक हुआ और हम अपने-अपने कमरों में सोने चले गए । अब्दुल और इनायत हमारे साथ वाले कमरे में थे और मैंने सोरे से पहले सारा की चुदाई की और हमारी चुदाई की आवाजे और सारा की जोर-जोर की कराहो की आवाजे साथ के कमरे में आये हुए महमानो तक पहुँची और उन्हें सुन कर इनायत गर्म हो गयी और इनायत ने अब्दुल को चूमना शुरू कर दिया और उसका पजामा खोल दिया और नीचे खींचकर अब्दुल के ऊपर चढ़ गयी और उसने अब्दुल की पांच अंगुलियों का लंड अपने अंदर ले लिया। वह लंबे समय तक नहीं टिक सका और जल्द ही  झड़ गया।

अगले दिन वह घबराते हुए थोड़ा-थोड़ा मुझसे खुलने लगा और बोला की रात को काफी शोर हो रहा था

मैंने कहा हाँ यहाँ पहाड़ो जितनी शान्ति नहीं होती है । शहर  की सड़को पर दिन रात ट्रेफिक  चलता रहता है तो वह बोला नहीं ये कुछ और ही  आवाजे थी  तो मैं समझ गया अब्दुल कौन से आवाजों की बात कर रहा है । फिर वह थोड़ी हिम्मत करके बोला की आप की और सारा बाजी की आवाजे उनके कमरे में साफ सुन रही थी और बोला उसकी बेगम इनायत को इन दिनों दूसरो की चुदाई देखने का शौक लग गया है। फिर उसने मुझे बताया पहले उसकी बीबी दो पुरुषो को एक साथ एक महिला को चौदते हुए देखना चाहती थी । फिर एक बार उनके शिकारे पर कुछ विदेशी मेहमान आये जिनमे दो पुरुष और एक महिला थी और उसने छिप कर उन्हें चुदाई करते हुए देखा और वह बुखार उत्तर गया । 

अब इनायत एक मालाबारी पुरुष को एक कश्मीरी महिला को चोदते हुए देखना चाहती है और एक बार उसने अगर एक दक्खिनी आदिमी को एक कश्मीरी महिला को चोदते हुए देख लिया तो उसकी ये बिमारी ठीक हो जाएगी। मैंने उससे कहा हाँ यह बिल्कुल चॉकलेट केक जैसा है जिसे कुछ युवा लड़कियाँ चखना चाहती थीं। एक बार जब उन्होंने इसे चखा, तो उनकी उत्सुकता खत्म हो गई। उसे समझ आया और, इसलिए उसने मन में फैसला किया कि मैं उसकी बेगम के शौक को पूरा करने के लिए सही आदमी हूँ।

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सातवा अध्याय-मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएँ

भाग-28


गालो पर कश्मीरी सेबो की लाली



इनायत की उम्र करीब 24 साल की और 38D: 28: 37 की फिगर है। कश्मीरी औरतो की तरह दूध-सी गोरी त्वचा और गाल कश्मीरी सेबो की लाली लिए हुए हैं और इनायत की गोल-गोल ठोस बूब्स, सारा से भी बड़े थे और एक दम टाईट थे। मैंने अपने और जरीना के निकाह में इनायत को एक बार देखा था और तब निकाह से पहले इनायत छरहरे बदन की थी परन्तु निकाह के बाद चुदाई से उसका बदन पूरी तरह से भर गया था। लेकिन उसका पेट अभी भी सपाट था और जिस्म भर गया था। वह सारा से कद में थोड़ी छोटी लेकिन सारा की ही तरह खूबसूरत और सेक्सी थी।

कोई हैरानी की बात नहीं थी की अब्दुल इनायत को इतना चाहता था और वह उसकी हर ख्वाहिश पूरी करनी की जी तोड़ कोशिश करता था । अक्सर अब्दुल ये भी कहता था मर्द अपनी जिंदगी अपनी मर्जी से केवल शादी से पहले ही जीता है उसके बाद तो उसकी जिंदगी अपनी बीवी और बच्चो की ही ख्वाहिशो को पूरी करने में बीत जाती है ।

और फिर उस दिन उसने मेरे, सारा औरइनायत के साथ हैदराबाद के बारे में खूब बाते की और मुझसे दक्खन और मालाबार के बारे में बहुत कुछ पुछा और मैंने उसे जितना भी मैं जानता था वह सब बतया और उसे हमारे पास हैदराबाद आने का न्योता भी मैंने दिया और उससे ये भी वादा किया की मैं उन्हें खुद हैदरबाद में चार मीनार, सालार जुंग म्यूजियम ,गोलकुंडा का किला, हुसैन सागर झील , मक्का मस्जिद, रामोजी सिटी इत्यादि ले जाऊँगा और फिर उस दिन दिल्ली घूमने का कार्यक्रम बना और हम दिल्ली में लाल किला, चांदनी चौक, जामा मस्जिद, क़ुतुब मीनार पुराना किला वैगरह घूमने गए ।

मैं और सारा भी एक आरसे बाद घूमने निकले थे और सब को बहुत मजा आया ।

रात को उनकी आवाजे आ रही थी।

अब्दुल-नहीं इनायत मुझे जाना ही होगा । काम से सिलसिले में मुझे जयपुर और लुधियाना जाना ही होगा ।

इनायत-मत जाओ न मुझे छोड़ कर । या मुझे साथ ही ले जाओ ।

अब्दुल-नहीं इनायत वहाँ मैं दिन भर काम में मसरूफ रहूँगा और तुम होटल में बोर होती रहोगी । बेहतर है तुम यहाँ अपनी सहेली के पास ही रहो ।

इनायत-अच्छा तो कितने दिन लगेंगे आपको वहाँ?

अब्दुल-अब कई लोगों से मिलना है तो थोड़ा टाइम तो लगेगा पर तुम्हे तो मालूम अहइ मैं तुम्हारे बिना नहीं रह पाता। जल्द से जल्द वापिस आऊंगा ।

इनायत-अच्छा देखो ये जो कपड़े मैंने ख़रीदे हैं उनमे मैं कैसी लग रही हूँ! बताओ न ।

अब्दुल-मेरी जान तुम पर हे कपड़ा जचता है और आखिर तुम हो भी तो जन्नत की हूर और फिर चूमने की आवाजे आयी ।

अब्दुल-इनायत शोर कम करो साथ के कमरे में सब सुनाई दे रहा होगा और आपा क्या सोचेगी।

इनायत-वह कुछ नहीं सोचेगी ।वो भी अभी जवान है और उसे मालूम है यहाँ जवानी का खेल हो रहा है और उसके और मेरे बीच कोई पर्दा नहीं है । आह! जोर से करो और तेज आह!

अब्दुल- और आमिर भाई?

इनायत-कोई कुछ नहीं सोचेगा, दोनों भी वही कर रहे होंगे जो हम कर रहे हैं । कल आपने भी सुनी थी उनकी आवाजे। आआह्ह ओह्ह करो और तेज करो तेज-तेज धक्के मारो ना उफ्फ, अब तुम्हारे बिना पता नहीं कितना तड़पना पड़ेगा। ठप-ठप की आवाज आ रही थी और साथ में इनायत की कराहो की आवाज तेज होती जा रही थी।

इनायत चुदते हुए जोर-जोर से सिसक रही थी। उसका शौहर अब्दुल उसके उपर चढ़ कर उसे चोद रहा था और इनायत से अपनी गांड़ उछाल-उछाल कर उसे पूरा सहयोग दे रही थी। इनायत लंड को जड़ तक अन्दर लेने के लिए उछल रही थी जिससे उन दोनों के जिस्म आपस में टकरा-टकरा कर टप-टप की आवाज पैदा कर रहे थे और अब्दुल उसकी दोनों चुचियों को पकड़ कर मसल रहा था और कस-कस कर धक्के लगाने लगा तो इनायत कराह रही थी ।

" आह तेज और तेज पूरी जोर से और पूरा अंदर करो।

बदल का छोटा और पतला लंड जड़ तक पूरा इनायत की चूत में घुसा हुआ था और उसकी गेंदे बार-बार इनायत की छूट के ओंठो से टकरा रही थी और वह उसे और तेजी से चौदने के लिए कह रही थी।

कुछ मिनट की चुदाई में ही अब्दुल का बदन कांपने लगा तो उसने एक तेज धक्का मारा और इनायत के ऊपर ढेर हो गया। इनायत बोली: " हो गया आपका अच्छा अब मेरा भी कुछ करो ।

अब्दुल बिस्तर पर नंगी पड़ी हुई इनायत की चूत अपनी उंगलियों से मसलने लगा और उसे बूब्स चूसने लगा फिर उसकी दो उंगलियाँ उसकी चूत में घुस गई और इनायत एक बार फिर मस्ती भरी सिसकारियाँ भरने लगी। थोड़ी देर के बाद उसकी चूत झड़ती चली गई और फिर दोनों एक चादर में चिपक कर नंगे लेट गए गये। अब्दुल बहुत जल्दी ही सो गया ।

मैं-सारा तुम्हारी सहेली इनायत और अब्दुल की जोड़ी बहुत मस्त है ।

सारा; वह तो है सारा और अब्दुल दोनों एक दुसरे को काफी समय से चाहते थे और अब्दुल हमारे पड़ोस में ही रहता था और ये मुझसे कम और अब्दुल को देखने के लिए मेरे घर रोज आती थी ।

मैं और अब्दुल?

सारा अरे अब्दुल भी तो इनायत का पुराना आशिक है क्योंकि वह है भी तो इतनी खूबसूरत ।

मैं हाँ सो तो है लेकिन मेरे से कम ही होगा ।

सारा: मतलब तुम भी? तो क्या मैं खूबसूरत नहीं हूँ ।

मैं: अरे मैं तो ये कह रहा था कि मैं तुम्हारा दीवाना हूँ और तुम तो एक बला हो, मुझे तो यकीन ही नहीं होता कि एक इतनी खूबसूरत हसीन लड़की मेरी ज़िंदगी में आई है।मेरी जान मैं तो तुम्हारा दीवाना हूँ।

उसी समय मैंने सारा का एक निप्पल अपनी अँगुलियों में पकड़ कर खींचा तो सारा ने दर्द से बचने के लिये अपने बदन को आगे की और झुका दिया। मैंने सारा के निप्पल को अपने होंठों से छुया और अपने होंठ खोल कर निप्पल को अपने होंठों के बीच दबा लिया। मैं सारा के बूब्स को जोर-जोर से कुछ इस तरह मसलने लगा कि मानो वह उन से दूध निकाल रहा हो। सारा की चूत में भी पानी रिसने लगा।

अब सारा "आआआआहहहहह ऊऊऊऊहहहहह ऊऊऊऊईईईईईई माँआआआआआ उउउफ्फ्फ्फ" जैसी आवाजें निकाल रही थी। चुसाई और चुदाई की "फच-फच" की आवाज गूँज रही थी और जो की इनायत के कानो में जा रही थी। मैं बीच-बीच में सारा के बूब्स को मसल देता था। कोई पँद्रह मिनट तक इसी तरह चोदने के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला और फिर सारा की घोड़ी बना दिया पीछे से अपना लंड चूत में डाल दिया और बूब्स को मसलता हुआ धक्के मार उसे-उसे चोदने लगा। सारा कई बार झड़ चुकी थी। काफी देर तक इसी तरह चुदाई चलती रही। कुछ देर में मैंने अपना ढेर सार पानी सारा की चूत में झाड़ दिया। मेरे साथ-साथ सारा का भी चूत-रस निकल गया।

हमारी चुदाई की आवाजे सुन इनायत के गाल जो कश्मीरी सेबो की लाली लिए हुए थे सुर्ख लाल हो गए और उसने अपनी उंगलिया अपनी चूत में घुसा दी और आगे पीछे करने लगी और दुसरे हाथ से निपल मसलते हुए वह भी झड़ गयी और सो गयी।

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सातवा अध्याय-मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएँ

भाग-29

अंतराक्षरी का खेल




जिस दिन से वे दोनों हमारे घर पहुँचे, मुझे ऐसा लग रहा है कि इनायत मुझे घूर रही थी औरमुझे अपनी और आकर्षित करने को कोशिश कर रही थी और विशेष रूप से मेरी जनघो पर उसकी आँखे घूमती रहती थी हालाँकि दिन में मैंने अपने सैदव खड़े रहने वाले सदाबहार लंड को छिपाने के लिए डबल अंडरवीयर पहनता था और जब हमारी आँखें कभी-कभार मिल जाती थी और मैंने पाया वह मुझे आक्रामक तरीके से घूरती थी मैंने सोचा कि शायद ये सिर्फ मेरी कल्पना हो सकती है और शायद ये उसका स्वाभाव था।

मुझे भी इनायत उसकी बड़ी चूचियों और खूबसूरती के कारण आकर्षक लगी थी और मुझे लगता है कि वह भी मेरे बारे में ऐसा ही महसूस करती थी और जब मैंने अब्दुल की बातो के सिरों को इनायत की हरकतों से जोड़ा तो मुझे पूरा विश्वास हो गया की इनायत मेरे से चुदने के लिए कुछ ज्यादा ही उत्सुक थी।

अगली सुबह अब्दुल ने कहा कि उसे अपने व्यापार के लिए दूसरे शहरों में जाना है लेकिन हमने उसे अगले कुछ दिनों के लिए रुकने के लिए कहा और कुछ उसे रुकने के लिए मनाने में कामयाब रहे और कहा की रात को कुछ खेल खेलेंगे और तब इनायत ने कहा की रात में अंतराक्षरी खेलेंगे । तो अब्दुल रुकने के लिए मान गया क्योंकि उसे अंतराक्षरी का खेल बहुत अजीज था और वह फ़िल्मी गानो का बहुत शौकीन था ।

हाँ हाँ ! खूब गुजरेगी और मजा आयेगा जब मिल बैठ कर खेलेंगे चार यार !

इनायत भी इस पर बहुत खुश हुई और उसने मुझे गले लगाने की कोशिश की , उसने मुझे मुझसे ज्यादा देर तक थामे रखा। उसने अपने स्तनों को मेरी छाती से कसकर दबाया और उसने मुझे अंत में अपनी योनि क्षेत्र को मेरे लंड पर दबा दिया। मैं सारा से कुछ नहीं छिपाता था मैंने सारा से इसका जिक्र किया तो वह बोली ये तुम्हारा वहम है । वह अब्दुल से बहुत प्यार करती है और एक बार इमरान ने इसे छेड़ा था तो वह उसे से लड़ पड़ी थी । वैसे भी तुम्हारी साली है और साली तो आधी घर वाली होती है ।

उस रात हम अन्तराक्षरी खेलना शुरू कर रहे थे, मैं सिंगल सोफे पर पीठ करके बैठा था।

इनायत मेरी पार्टनर बनी और फिर सारा इस गेम के लिए अब्दुल को पार्टनर बनी। इनायत आकर मेरी टांगों के बीच बैठ गई। मेरी बीवी सारा और उनके पति हमारे सामने सोफे पर बैठे हुए थे अब पहले तो इसमें कुछ भी असामान्य नहीं लगता। हम सब एक दूसरे के साथ बहुत खुल गए थे और कुछ सेक्सी चुटकुले आपस में सुनाने लग गए थे।

जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ता है, इनायत लगातार मेरे करीब आती गयी। इनायत और मेरी बेगम सारा के काफी बड़े और गोल चूतड़ हैं। इस विभाग में वे दोनों लगभग एक समान हैं। आखिरकार उसके चूतड़ मेरे लंड को छूने लगे। दिन में मैं डबल अंडरवियर पहन कर लंड को दबा कर रखता था लेकिन रात ने घर आने के बाद मैं अपने लंड को अंडरवियर से मुक्त कर देता हूँ और मैं उसके नितम्बो के स्पर्श को नज़रअंदाज़ करने की कोशिश करता रहा लेकिन मेरे लंड ने इस स्पर्श का जवाब देना शुरू कर दिया। जितना अधिक मैं इसे अनदेखा करने की कोशिश कर रहा था, यह उतना ही कठोर होता जा रहा था।

वह लंड का स्पर्श होने पर पीछे को होती थी और मुझे पता था कि वह इसे महसूस कर रही है। मुझे नहीं पता था कि क्या करना चाहिए। मैंने सारा की तरफ देखा। उसने इसे अनदेखा करने का संकेत दिया लेकिन इनायत बार-बार पीछे होती रही फिर उसने गांड को थोड़ा हिलाया जैसे कि वह आराम कर रही ही और उसने लंड को अपनी गांड की दरार में दबा लिया। फिर जब एक मैंने मुश्किल शब्द से गाना सही ढंग से गाया, तो उसने अपने हाथों को ताली बजाई और लंड को अपने नितम्बो के खिलाफ दबाते हुए ऊपर और नीचे उछलने लगी। मुझ पर अब ज़ोर का ज़ुल्म हो गया था।

सारा इनायत की इस उछलने पर मुस्कुराई और कहा कि इनायत तुम अभी भी बच्ची की तरह ही उछल रही हो लेकिन मैं जानता था की इनायत स्पष्ट रूप से जानबूझकर ऐसा कर रही थी, इसलिए खेल में एक बिंदु पर जब मेरी बेगम सारा और इनायत के पति सही गीत गाने के लिए बातचीत में व्यस्त थे, मैं आगे झुक गया और इनायत के कान में फुसफुसाया "इनायत ये तुम क्या कर रही हो?"

"मैं खेल जीतने की कोशिश कर रही हूँ, क्या यह मजेदार नहीं है। ऐसा लगता है कि मुझे काफी अच्छा साथी मिला है और मैं बहुत आरसे के बाद सारा और अब्दुल को हरा पाऊंगी," वह बोली।

"आप को मालूम है कि मैं किस बारे में बात कर रहा हूँ। अब इसे बंद करो।"

"ओह, तुम्हारा मतलब यह है?" और अपने नितम्ब को मेरे लंड पर दबा कर सहला दिया। "अरे, मुझे नहीं पता था कि मेरी दोस्त सारा इतनी भाग्यशाली थी, मुझे जलन हो रही है।"

इसके साथ ही हमारी बारी आ गयी थी और हमें खेल पर ध्यान देना था। हमने खेलना जारी रखा और फिर इनायत ने घोषणा की कि वह कुछ खाना और पीना चाहती है और उसने पुछा किसी और को तो कुछ नहीं चाहिए? मैंने सोचा, अगर इनायत उठी तो सारा और अब्दुल को मेरा कठोर लंड दिखेगा। सारा की मुझे चिंता नहीं थी क्योंकि वह मेरी हालत जानती थी और उसे इनायत की हरकते भी दिख रही थी। लेकिन मैं इस बात से चिंतित था कि अगर अब्दुल ने इसे नोटिस किया तो क्या होगा।

इसलिए, मैंने जल्दी से बोला मुझे भी कुछ मिलेगा और अब्दुल ने भी अपना सर हिलाया और कहा " कुछ देर का ब्रेक । प्रिय सारा आप सब के लिए कुछ ले आओ। " सारा उठ कर रसोई में चली गयी और अब्दुल उसके साथ उसकी मदद करने के लिए चला गया।

हमारा ये खेल हाल में हो रहा था जिसमे से हम उन्हें रसोई में देख सकते थे। मैं इस अवसर पर इनायत के कान में फिर से फुसफुसाता हूँ, "इनायत, बस करो इसे रोको। आप हमें परेशानी में डाल दोगी।"

"क्यों आपको ऐसा क्यों लगा? मुझे तो ऐसा लगता है कि आप इसका आनंद ले रहे हैं। आमिर तुम जो कह रहे हो उसके उल्ट तुम्हारा अंग व्यवहार कर रहा है । तुम उसे नियंत्रित नहीं कर सकते हो? क्या हम बस मजाक कर रहे हैं। क्या ये सिर्फ खेल ही है। सच मे आमिर आपके पास वास्तव में एक मजबूत हथियार है," और वह वास्तव में फिर से मेरे लंड को जोर से अपनी गांड से दबाने लगी।

फिर मैने जो किया वह मुझे नहीं करना चाहिए था लेकिन मुझे ये हरगिज पसंद नहीं था क्योंकि वह मुझसे सता रही थी और उत्तेजित कर रही थी।

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सातवा अध्याय-मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएँ

भाग-30

डबल गेम


मैने जो किया वो मुझे नहीं करना चाहिए था लेकिन मुझे ये हरगिज पसंद नहीं था क्योंकि वह मुझसे सता रही थी और उत्तेजित कर रही थी ।

तो, मैं अपने हाथ उसके बगल में ले गया और उसके स्तन को पकड़ लिया, स्तन को दबाया और उसके निप्पल को मरोड़ दिया। "अगर मैं पूरी रात आपके साथ ऐसा करूं तो आपको कैसा लगेगा?"

उसने मुझे बेहतर पहुँच देने के लिए अपना हाथ उठाया और कहा, "वादा करो, वादा करो तुम ये करोगे " और ठिठक कर हँस पड़ी।

तभी सारा और अब्दुल वापस कमरे में आ गए। किसी के देखने से पहले मैंने जल्दी से अपना हाथ हटा लिया, लेकिन उन्होंने पूछा कि तुम दोनों किस बात पर हंस रहे हो।

इनायत बोली , "ओह, हम सिर्फ आज रात के लिए हमारी रणनीति बना रहे थे, और उसने कंधे के ऊपर से मेरी ओर देखा और मुझे आँख मार दी ।


स्वाभाविक रूप से उन्होंने मान लिया कि वह खेल के बारे में बात कर रही थी और मैं सोचने लगा कि वह ये सब कहाँ तक करेगी। मैंने महसूस किया की जब मैंने उसके निप्पल को मरोड़ा तो वह बहुत सख्त था। वह मेरे साथ जो भी कर रही थी उससे वह उत्तेजित थी।

अब वह और अधिक दबाव और अधिक हलचल के साथ अपनी गांड को मेरे लंड में घिस रही थी। मैं इसे अब और नहीं सह पा रहा था। मैंने फैसला किया कि मुझे अब बस प्रवाह के साथ बहना है, तो मैंने सोचा आमिर साहब मजे मिल रहे हैं तो लूट लो और आज रात वह एक समय में दो गेम खेलने वाली अकेली नहीं होगी।

तो, मैंने भी आगे हो कर अपना खड़ा हुआ लंड उसकी गांड पर पीसना शुरू कर दिया। मेरे कूल्हों को घुमाना और उसकी गांड पर दबाना शुरू कर दिया मेरी हरकते किसी और के लिए देखना संभव नहीं था क्योंकि वह बिलकुल मेरे आगे बैठी हुई थी और अब मुझे ये करना अच्छा लगा। मैंने अपने एक हाथ को उसके नितम्बो पर इस तरह से रखा कि उसके नितम्ब मेरे हाथ पर आगये और मेरा हाथ उसकी गांड की दरार में चला गया और अपने दुसरे हाथ उसके स्तनों के पास रख दिया और मैं उसे हिलने के लिए प्रोत्साहित करने लगा। उसने मेरे हाथो को महसूस किया और अपनी चुनरी इस तरह से ओढ़ ली के मेरे हाथ छुप गए और मुझे उसके नितम्ब और चूचिया दबाने की छूट मिल गयी ।

यह खेल में जो कुछ हो रहा था, उसके अनुरूप था खेल काफी लम्बा चला था और कोई भी टीम किसी हिसाब से कम नहीं थी और कुछ ही देर में इनायत बोली "यहाँ गर्मी हो रही है। मेरी पीठ दर्द हो रही है । मुझे खिड़की खोलने दो"

"जब तक ये खेल खत्म नहीं हो जाता आप कहीं नहीं जाएंगी" अब्दुल बोला,

मैं बोला। "इनायत खेल लगभग खत्म होने वाला है।" और हम जीत सकते हैं तुम इन्हे बहाना बनाने का कोई मौका मत दो और तुम्हे दर्द हो रहा है तो मैं मालिश कर देता हूँ और मैंने अपना हाथ उसके कंधों पर रखा और मैं उसके कंधों की मालिश करने लगा। ऐसा होना असामान्य नहीं था क्योंकि मैं ालक्से सारा की मालिश करता था जब भी वह पीठ में तनाव के बारे में बताती थी इसलिए हमारे ऐसा करने से उन्हें कोई शक नहीं हुआ या उन दोनों ने इसे नजरंअदाज किया। हम दोनों भी नाटक कर रहे थे और शायद अब्दुल और सारा दोनों मेरी और इनायत की हरकतों को नजर नदाज करने का नाटक कर रहे थे ।

मैं इनायत के करीब आया और अब मेरे लिए रुकना बहुत मुश्किल हो चूका था मैंने अपने हाथों को उसकी पीठ के नीचे खिसकाया हूँ और दिखावा किया कि मैं उसकी पीठ की मालिश कर रहा हूँ और उसके नितम्बों और गांड को हाथो से दबाने लगा फिर मैंने अपने हाथों को बगल में घुमाया और उसके स्तन के किनारे को छेड़ने लगा। वह वास्तव में आगे झुकी और अपने हाथों को अपने घुटनों पर रख लिया जिससे मुझे-मुझे किसी का ध्यान आकर्षित किये बिना अपने हाथों को थोड़ा और आगे ले जाने की मौका मिला और मैं अपने हाथ उसके निप्पलों तक ले गया और नीचे दूसरा हाथ उसकी गांड के दरार में ले गया।

मैंने देखा कि उसकी सांस थोड़ी उथली हो गयी थी क्योंकि नीचे मेरी उंगलिया उसकी सलवार में से होते हुए उसकी पेंटी के अंदर घुस कर उसकी गीली चूत तक पहुँच गयी थी और दुसरे हाथ से उसके निप्पल दबाने लगा, अब उसकी सांसें थोड़ी उखड़ रही थी। वह अकड़ी और झड़ गयी और तभी हम एक मुश्किल राउंड जीते तो वह ऐसे उछली जैसे वह मेरे लंड की सवारी कर रही हो और उसने मेरे लंड को दबा दिया।

फिर खेल खत्म हो गया और हम इस बारे में बात करने लगे कि कौन से टीम बेहतर थी। "इनायत ने कहा है कि मुझे लगता है कि दोनों हम एक अच्छी टीम हैं और आज हम एक साथ थे इसीलिए इतना मजा आया, है ना, आमिर?"



निश्चित रूप से, मेरा और सारा का सक्रिय यौन जीवन था और दोनों लगभग हर रात सेक्स करते थे । हर कोई आपस में बात कर रहा था और यह तय हो गया है कि अब सोना चाहिए क्योंकि रात काफी बीत चुकी थी। अब्दुल और सारा सोने के लिए सीढ़ियों से बेडरूम में जा रहे थे। इनायत सीधी हो रही थी। मैं बोला कि मुझे बाथरूम जाना है। हाल के पास का अतिथि स्नान कक्ष अपेक्षाकृत छोटा है और मैं उसमे चला गया मैंने दरवाजा खुलने की उन आवाज सुनते ही मैंने अपना चेहरा धोना और तौलिये से सुखाना समाप्त किया।

मुझे लगा की शायद सारा कुछ भूल गई है, इसलिए मैं बोला, "प्रिये क्या हुआ।" यह कहते हुए मैं मुड़ा और देखा तो वहाँ इनायत खड़ी थी।

"ठीक है, कुछ ख़ास नहीं आमिर! , मैं सिर्फ आपको शुभरात्रि कहना चाहती थी और एक दिलचस्प शाम के लिए धन्यवाद," वह बोली।

"इनायत, आप वास्तव में सीमाएँ लांघ रही हो। आपको इसे रोकने की जरूरत है।"

"ओह,। हमने अभी तक कुछ नहीं किया है। लेकिन मैं आपके पैरों के बीच उस बड़े सांप पर एक नज़र देखने की उम्मीद कर रही थी। हमेशा सारा को मुझसे बेहतर क्यों मिलता है? मुझे लगता है कि उसके बड़े स्तन, ऊँचा लम्बा कद और उसकी फिल्मस्टार कटरीना जैसी सुंदरता सभी मर्दो को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।" और फिर मैं आपकी प्यारी बीवी की सबसे गहरी दोस्त हूँ इतना तो मुझे आपकी आधी घरवाली होने के कारण हक है और फिर मैं भी उससे कम सुंदर नहीं हूँ

उसकी आक्रामकता और इस तथ्य के कारण कि हम छोटे बाथरूम के कारण एक दूर को लगभग छू रहे थे, मेरा लंड फिर से कड़ा होने लगा। इसलिए, मैं बोला "इनायत कोई हमे इस हालत में पकड़ ले उससे पहले हमे जाना होगा।"

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सातवा अध्याय-मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएँ

भाग-31

इनायत के साथ अकेला 



"इनायत, तुम पागल हो।"

"हाँ बेबी," वह बोली और फिर उसने मेरे पायजामे के ऊपर से ही लंड पर अपना हाथ फिराया और फिर मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़, अपने पंजों पर उठी और मेरे होठों पर चूमने लगी। फिर वह बोली, "ठीक है, मुझे लगता है किअभी मुझे इसके बारे में सपना देखना होगा।"

और फिर वह निकल कर अपने बट को हिलाती हुई अपने कंधे पर से देखती हुई अपने कमरे की तरफ चली गयी। मैं उसे खड़ा हुआ देखता रहा गया । कुछ देर बाद उनके कमरे से चुदाई की आवाजे आने लगी और मेरा लंड भी काफी कड़क था और मैं सारा के पास गया और मैं इनायत की कल्पना करते हुए मैंने उस रात सारा की जोरदार चुदाई कर दी ।

अगली सुबह मुझे इनायत के सामने जाने में भी संकोच हो रहा था क्योंकि मुझे नहीं पता कि अब इनायत के सामने मुझे कैसा व्यवहार करना है। मैं सोच रहा था कि क्या उसे अपनी पिछली रात की हरकटो का कोई पछतावा था और गर नहीं था तो वह आगे कैसे व्यवहार करेगी। खैर सुबह जब मैं अपने कमरे से बाहर आया तो इनायत और सारा अपने रात के कपड़ों में नाश्ता बना रही थी, जो असामान्य नहीं है। लेकिन इनायत ने पहले से भी कम और झीने कपडे पहने हुए थे।

हमने नाश्ता किया और अपनी सामान्य सुबह की दिनचर्या के अनुसार हम सब कुछ करते रहे। इनायत बहुत सामान्य तरीके से काम कर रही थी की जैसे कि कुछ हुआ ही न हो। अगर वह कल रात पछता रही थी, तो भी वह निश्चित रूप से इसे नहीं दिखा रही थी। बल्कि मुझे लग रहा था की वह कभी-कभी मुझे कुछ मोहक अदाओ से लुभाने की कोशिस कर रही थी।

सुबह इनायत के शौहर अब्दुल ने हमसे जाने की इजाजत ली। इनायत ने मेरी बीबी सारा को गले लगाया और फिर अब्दुल ने सारा को गले लगाया ।चुकी सारा औअर अब्दुल साथ ही पले और बढे थे और एक दुसरे को भाई बहन का मान देते थे इसलिए इसमें कुछ भी नहींअसामान्य नहीं था और मैंने अब्दुल का बैग उठाया और कार की ओर बढ़ने लगा तो मैंने देखा इनायत वहाँ अपनी बाँहों को फैलाये खड़ी थी और उसकी भौहें ऊपर उठी हुई हैं। उसने झट से मुझे गले लगाया और मुझे कस कर पकड़ लिया और वह स्पष्ट रूप से अपनी योनि क्षेत्र को मेरे अंदर धकेल रही थी। मैंने कहा मैं अब्दुल को स्टेशन तक छोड़ कर आता हूँ। अब कुछ दिन इनायत हमारे हघर में रुकने वाली थी ।

आखिरकार जब उसने मुझे छोड़ दिया तो मैं उसे पीछे धकेल कार की तरफ गया। जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो वह दरवाजे की चौखट पर अपना हाथ ऊपर एक बहुत ही मोहक मुद्रा में खड़ी हुई थी।

जब मैं वापिस आया तो दरवाजे पर दस्तक दी। कश्मीरी इनायत ने दरवाजा खोला और उसने जो पहना था उस पर मैं हैरान रह गया। उसने टाइट तंग चूड़ीदार किस्म की सलवार कमीज पहनी हुई थी जिसमे वह अत्यधिक कामुक लग रही थी। उसने कहा, "आपका स्वागत है।" और अपनी बाहों को फैला कर उसने मुझे गले लगा लिया।

हम अंदर गए और कश्मीरा मुझसे अब्दुल की गाडी समय पर थी या नहीं ये पूछने लगी। फिर मैं फ्रेश होने शॉवर में गया और अपने शरीर को धोने लगा। जैसे ही मेरे हाथ मेरे लंड पर पहुँचे, अचानक मुझे अहसास हुआ कि मैं घर इनायत के साथ अकेला था क्योंकि सारा कुछ सामान लेने बाज़ार गयी हुई थी।

मैं शॉवर से बाहर निकला और अपने बाल सुखा रहा था। "बाप रे।" मैंने अपने सिर के चारों ओर से तौलिया खींचा और देखा कि इनायत वहाँ एक चोगे में खड़ी थी और मेरे लंड को घूर रही थी।

मैंने अपनी कमर पर तौलिया लपेट लिया और कहा, "इनायत, तुम यहाँ क्या कर रही हो?"

"क्षमा करें, लेकिन मुझे कल रात के बाद इसे देखना था और भले ही यह इस समय पूरी तरह से कठोर नहीं है फिर भी ये बहुत बड़ा है।"

"इनायत, तुम्हें यह सही नहीं है।"

"मुझे पता था कि आप मेरे सामने नग्न होने में सहज नहीं होंगे। शायद इससे आपको बेहतर महसूस होगा।" और उसने अपना चोगा नीचे गिरा दिया और वह मेरे सामने बिलकुल नंगी खड़ी थी।

मैं बस उसके बदन को शराब को आँखों से पीने लगा और मैंने उसके बड़े और सुडोल प्यारे स्तनों का अध्ययन किया। वह बहुत प्यारी लग रही थी और उसके सख्त निप्पल उसके गुलाबी रंग के एरिओला से बाहर निकल रहे थे।

फिर मेरी नज़र फिर उसकी करीने से काटी हुई झांटो पर गई। उसकी बाहरी लेबिया सूजी हुई थी और उसके भीतरी होंठों को बड़ी ही खूबसूरती से चिपके हुए थे। यह वास्तव में एक सुंदर छोटी चूत थी जो अपने टाइट होने का आभास दे रहे थे और मैंने गीलेपन की हल्की चमक देखी।

जैसा कि मैंने नोटिस किया की उसका शरीर पूरी तरह से आनुपातिक नहीं था। उसके कूल्हे थोड़े चौड़े थे और उसके स्तन उसके फ्रेम के लिए बड़े थे। निश्चित रूप से चुदाई के लिए एकदम त्यार।

तो आमिर मैं अच्छी लगी आपको? उसने इतनी शांति और निडरता से कहा।

, मैं कब से उसे घूर रहा था। वह एक शांत खड़ी थी और मुझे घूरने दे रही थी। मैंने उसके चेहरे की ओर देखा और वह प्रसन्नचित आकर्षित करने वाली मुस्कराहट के साथ मेरी ओर देख रही थी।

"क्या, हुह, नहीं, ठीक है, मेरा मतलब है हाँ, लेकिन ..."।

"चिंता न करें आपको कुछ भी कहने की ज़रूरत नहीं है। यह मुझे वह सब बताता है जो मुझे जानना चाहिए।" और उसने मेरे अब उग्र कठोर लंड की ओर इशारा किया जो तौलिये के अंदर तंबू बना रहा था।

"मुझे देखना होगा किअब यह कैसा दिखता है," उसने कहा और तेजी से मेरी ओर बढी और मेरे हिलने से पहले ही तौलिया को खींच लिया।

"वाह आमिर, क्या बात है।" और फौरन एक हाथ लिया और उसे नीचे से दबा दिया।

मैं अंत में इतना ही कह सका, "इनायत। आपको इसे अभी रोकना होगा।"

उसने लगभग फुसफुसाते हुए कहा, " लेकिन आमिर, मुझे बस इसे पकड़ना है। यह बहुत सुंदर है।

जितना मैंने सपना देखा था, उससे कहीं ज्यादा बेहतर और बड़ा। " वह मेरे लंड को घूर रही थी।

मैंने कहा सारा आने वाली होगी तभी घंटी बजी और इनायत ने जल्दी से चोगा पहना और फिर सारा अंदर आ गयी और हमने रात का खाना खाया । कुछ देर तक वे बातें करते रहे और मैंने महसूस किया की इनायत थोड़ी घबराई हुई थी और फिर हम सब अपने कमरों में सोने चले गए।

जारी रहेगी
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सातवा अध्याय-मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएँ

भाग-32

लंड का साइज


बिस्तर पर पहुँच कर सारा ने मुझसे पुछा मेरा लंड का साइज क्या है

मैंने कहा - कभी मापा नहीं ! क्यों पूछ रही हो ?

सारा बोली की आज दिन में इनायत ने सारा से उसकी मेरे साथ पहली चुदाई के हर विवरण को सुनाने का आग्रह किया था और हर विवरण तफ्सील से बताने पर जोर दिया था तो सारा ने उसे हमारी सुहागरात की कहने सुनाई थीऔर इनायत ने बढ़ती हुई उत्तेजना के साथ पूरी कहानी को सुना । सारा ने उसे बताया कि कैसे हमारा निकाह हुआ तो और तब कहानी सुनते हुए इनायत अपनी चूचियों को मसलने लगी थी और सारा ने उसे हमारी चुदाई का हर विवरण बताया . इस दौरान उसने उससे ये भी पुछा था की मेरा लंड कितना बड़ा और मोटा है और हमारा सेक्स कितना लम्बा चलता है और ये सब सुन इनायत इतनी उत्तेजित हो गई कि वह सुनती हुई अपनी पेंटी के अंदर अपने हाथ ले गयी और अपनी चूत को सहलाने लगी ।

सारा बोली मैंने कभी मापा तो नहीं है पर 12ऊँगली से भी बड़ा है

ये बाते करते हुए मैंने सारा को नंगी कर दिया था और उसकी चूत में लंड घुसा दिया था की कमरे का दरवाजा खुला और वह दरवाजे पर इनायत खड़ी हुई थी और वो बोली की वो अब्दुल के साथ के बाद कभी अकेली नहीं सोई है और क्या वो हमारे कमरे में सो सकती है . हमारे कमरे में एक अतिरिक्त बेड था और अक्सर मैं सारा के साथ जरीना और डिलिया की चुदाई करता था और हम चारो उस पर साथ में सोते थे . हम दोनों कुछ भी कहते इससे पहले ही इनायत दुसरे बेड पर पसर गयी और बोली आप दोनों अपना कार्यक्रम जारी रखो . वैसे भी वो अपने शौहर के साथ अक्सर रात को पोर्न फिल्मे देखने के बाद ही सोती है और आज तो उसे लाइव चुदाई देखने का मौका मिलेगा .

मैंने दूसरो के सामने कई बार चुदाई की है इसलिए मुझे इसमें कोई जयदा हिचक नहीं थी और मेरे साथ सारा कुछ भी करने में नहीं हिचकिचाती थी तो उस रात मैंनेइनायत की और चोर आँखों से देखते हुए अपना पूरा बड़ा लंड बार बार पूरा निकाल कर और फिर पूरा चूत में घुसा कर सारा की लम्बी चुदाई की . और मैंने देखा की हमारी चुदाई देखते हुए इनायत पानी चूचिया दबा रही थी और अपनी चूत मसल रही थी .

जब मैंने और सारा ने अपना पानी निकाल दिया और हम लेट गए तो इनायत मेरे पास आयी और फिर इनायत के हाथ मेरे पूरे शरीर पर घूम रहे थे। उसके गोरी हाथों ने मेरी मजबूत मांसपेशियों की प्रशंसा की, और फिर उसका हाथ मेरे लंड पर चला गया ।

मेरा बड़ा काला लंड उसके छोटे हाथों में बाहर बड़ा लग रहा था। उसने विस्मय से मेरे लंड को देखा फिल्म पर और किताबों (किताबों) में उन काले लंडो को देखना वास्तविक जीवन में एक को देखने से बिल्कुल अलग था । यह तथ्य कि मेरा विशाल काला मानव-मांस प्यारी कश्मीरा के हाथों में था, विशेष रूप से मेरे लिए भी उत्तेजक था। उसने अपने जीवन में बास्तव में इस आकार के लंड को कभी नहीं देखा था। जब लंड पूरी तरह से खड़ा नहीं था तब भी अब्दुल से बहुत बड़ा था। जैसे ही उसने मेरे सके पुरुष-अंग पर अविश्वास में देखा, उसने महसूस किया कि उसके अपने कश्मीरी जननांग सिकुड़ गए और उसकी योनि गीली होने लगी . यह महसूस करते हुए कि मैं हर तरह से उसके पति अब्दुल से बड़े और तगड़े लंड का मालिक हूँ उसे हाथ को ऊपर नीचे ले जाने को कोशिस की तो उसने महसूस किया कि मेरी मर्दानगी उसके हाथों से फिसल रही है और साथ ही उसका छोटा हाथ पूरी तरह से लंड को नहीं पकड़ पा रहा है।


उसने मेरी लंड की टोपी को पकड़ लिया और मेरे लंड को जितना हो सके बाहर की ओर खींच लिया।

उसने मेरे लंड के पास अपनी हथेली रखते हुए उसने टोपी को दूसरे हाथ से खींचा। और फिर उसने मेरे बड़े कला लिंग को नापा।

"15 एंगुलिया ! ओह! वह मेरे पति के लंड आकार का 4 गुना है!" हाँ, सारा तुम्हारे आमिर का बारह इंच का काला मालाबारी लंड निश्चित रूप से मेरे पति अब्दुल चार इंच के कश्मीरी लंड से बहुत बड़ा है।

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भाग-33

ऊई अम्मी 




मैं लगभग सो गया था और सारा बोली इनायत क्या सोच रही है ?

इनायत बोली तुम इतना बड़ा कैसे अंदर ले पाती हो बहुत दर्द होता होगा !

सारा बोली हाँ पहली बार बहुत हुआ था अब नहीं होता .

सच सारा मैं तो इतना बड़ा लेने में मर ही जाऊंगी

अरे इनायत लंड लेने में कोई नहीं मरती . तू भी ले कर देख ले .

हम्म्म तेरा मिया तो सो गया है और फिर सब सो गए

सुबह उठा तो रसोई में गया तो इनायत और सारा अपने रात के कपड़ों में नाश्ता बना रही हैं, जो असामान्य नहीं है। लेकिन इनायत सामान्य से अधिक छोटे कपड़े पहने हुई थी है। इनायत ने नोटिस किया कि मैं अंदर आ गया हूँ और मुझे बोली "सलाम वालेकुम गहरी नींद सोये आप ?

मैं बोला वालवकुम अस्सलाम और अपनी बेगम सारा को चूमा , जो इनायत के ठीक बगल में खड़ी थी । मैंने फिर अपने लिए एक कप कॉफी ली और हमने नाश्ता किया और इस बीच इनायत बहुत सामान्य तरीके से काम करती रही जैसे कि कुछ हुआ ही न हो। कभी-कभी मुझे ऐसा लगता है कि वह मुझे कुछ बीच बीच में घूर रही थी ।

मुझे किसी कार्य से नाहर जाना था मैंने जाते समय अपनी बेगम सारा को गले लगाया जब मैं जा रहा था तो मैंने देखा इनायत कार के पास अपनी बाहों को फैलाये हुए खड़ी थी और उसकी भौहें उठी हुई थीं। मैंने झट से उसे गले लगाया तो उसने वह मुझे कस कर पकड़ लिया और , स्पष्ट रूप से अपने श्रोणि और स्तनो को मेरे ऊपर धकेल रही थी । उसका हाथ नीचे पहुंचा और उसके मेरी गांड को दबाया और फुसफुसा कर बोली , "मैं जल्द ही इसे देखना पसंद करूंगी।"

आखिरकार जब उसने मुझे छोड़ दिया , तो मैं अपनी कार की तरफ गया । मैंने पीछे मुड़कर देखा तो सारा नादर चली गयी थिएऔर इनायत दरवाजे की चौखट पर अपना हाथ ऊपर करके खड़ी थी जिसमें वो बहुत मोहक लग रही थीऔर उसने मुझे देख आकर आँख मारी ।

शाम को मैं अपने दिमाग में कल हुई िंयता के साथ हुई घटनाओं के बारे में सोचते हुए घर लौटा और दरवाजे पर दस्तक दी। इनायत ने दरवाजा खोला और उसने जो पहना था उस पर मैं हैरान रह गया । उसने टाइट सलवार कमीज पहनी हुई थी! यह तंग चूड़ीदार किस्म थी जिसे हमारी पारंपरिक रूढ़िवादी कश्मीरी महिलाओं ने पंजाब और अवध की अत्यधिक कामुक महिलाओं से सीखा था , जिन्होंने इसका इस्तेमाल पुरुषों को आकर्षित करने के लिए किया था।

हम अंदर गए और कश्मीरा मुझसे बात करने लगी मैंने पूछा कि सारा कहां है। उसने मुझसे कहा, मुझे कुछ चाहिए था किजिन्हे लेने वह अभी बाजार गई है और उसे देर हो जाएगी, आप की सेवा के लिए मैं हाजिर हूँ . मुझे अंदेशा हुआ कि अब कुछ होने वाला था। हमने कुछ देर बात की और मैं देख सकता था कि कश्मीरा इनायत घबराई हुई है। मैं चाहता था कि इनायत खुद चल कर आये .

मुझे इंतजार नहीं करना पड़ा। उसने मुझे छाए नाश्ता दिया और कुछ हैदराबादी अश्लील फिल्मों में इनायत ने दक्कनी बीबी को बड़े लंड के चुटकले सुने थे और उसने कुछ चुटकुले आर्य पुरुषों को डराने और बड़े लिंग वाले पुरुषो को लुभाने के लिए कहते हुए सुना था । इन फिल्मों से प्रेरणा लेते हुए, उसने इन चुटकुलों को सुनना शुरू कर दिया, सिवाय इसके कि उसने कश्मीरी छोटे लिंग के चुटकुले भी सुनाए।

फिर जब विषय बड़े लिंग के आकार के आसपास चला गया, तो मैंने मह्सूसो किया कि वह गर्म हो रही थी और भारी साँसे लेने लगी थी । उसने मुझसे मेरे लंड का आकार पूछा और मैंने मजाक में उससे कहा कि यह एक कदम लंबा है । उसका दिल डूब गया क्योंकि यह उससे भी बड़ा था जो उसने कल रात के अपने हाथ से मापा था।

फिर उसने आगे हो कर मेरे होठों पर किस किया। कुछ देर तक हम दोनों के मुंह आपस में गुंथे रहे।

मेरे पूरे शरीर पर कश्मीरा के हाथ घूम गए। उसके गोरी हाथों ने मेरी मजबूत मांसपेशियों की प्रशंसा की, । उसने मेरी पतलून की डोरी खोली और मेरी पतलून नीचे खींच ली। उसके हाथ मेरी पतलून के अंदर घूमते रहे, मेरे लंड की तलाश में। जब उसने आखिरकार उसे बाहर निकाला तो उसे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ। ऊई अम्मी !

मेरा बड़ा काला द्रविड़ लिंग उसे बहुत बड़ा लगा . फिल्म में और किताबों में उन द्रविड़ लिंगों को देखना वास्तविक जीवन में किसी को देखने से बिल्कुल अलग था । तथ्य यह था कि मेरा विशाल काला लिंग प्यारी इनायत के हाथों में था, अभी ढीला था और पूरा कठोर नहीं था । उसने अपने जीवन में इस आकार के लंड को कभी नहीं देखा था। यहाँ तक कि लिंग उसकी बाँहों से भी बड़ा था। उसके स्पर्श से जल्द ही यह पूरी तरह से खड़ा हो गया और इसने उसके पूरे हाथ और कलाई से भी बड़े लिंग को अविश्वास से देखा, उसने महसूस किया कि उसके कश्मीरी योनि उसके पेंटी के अंदर सिकुड़ गयी थी और उसने इस प्रकार रस छोड़ना शुरू कर दिया था जैसे कि वो मेरे अंग का स्वागत करने के लिए खुद को तैयार कर रही हो।

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सातवा अध्याय-मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएँ

भाग-34


ऊई! यह इतना बड़ा है कि मेरे हाथों में भी नहीं आ रहा है



उसने मेरे लण्ड को सहलाते हुए हाथ जोर से ऊपर नीचे करने की कोशिश की। आह! यह इतना बड़ा है कि मेरे हाथों में भी नहीं आ रहा है "" मेरे हंसने पर उसने कहा। अब मैं अपने पति के सफेदू को अपने पास भी नहीं आने दूँगी !

फिर मैंने कश्मीरा को अपनी बाहों में लिया और अपने बेडरूम में ले गया।


हम जल्दी से 69 मुद्रा में चले गए, और जब वह मुझे चूस रही थी तो मैं उसके जननांग को चाट रहा था। वह अपनी उँगलियों से मोटा लंड घेर भी नहीं पा रही थी, वह बोली ये कितना मोटा और विशाल है । उसने थोड़ी देर के लिए केवल लंड की टोपी को चूसा और फिर मुझे आग्रह किया " मुझे चोदो यार," ।

मैंने अपना लंड उसकी दरार के खिलाफ रखा, फिर उसे धीरे-धीरे ऊपर और नीचे रगड़ा, और अधिक से अधिक दबाव डाला जब तक कि मेरा सिर उस दरार में डूब नही गया और उसकी चूत के होंठ खुले। मैंने उसे उसके भगशेफ के खिलाफ लंड रगड़ा और वो कराह उठी और फिर उसका छेद पाया और धीरे से लंड का सर उसके शरीर के अंदर धकेल दिया। वह मेरे बड़े उपकरण की बदाद को अपनी योनि की नसों पर महसूस कर रही थी क्योंकि यह उसके अंदर चल गया था है। उसकी चूत मेरे पराक्रमी विशाल और मोठे मुसल की मोटाई से अत्यधिक तनावपूर्ण हो गयी थी । उसे लग रहा था की मैं उसकी योनि को फाड़ रहा था . इतना दर्द तो उसे अपनी पहली चुदाई में भी नहीं हुआ था .

यह गहरा और गहरा और उतना गहरा चला गया ,की जब तक कि उसे लगा कि निश्चित रूप सेवो इसे अब और नहीं ले पाएगी। मेरे हाथ उसके बड़े स्तनों को बार-बार निचोड़ रहे थे । फिर मैं उसकी टांगों के बीच हुआ और मैंने अपना फ्रेम उसके ऊपर से नीचे आने दिया और अचानक जोर से मेरा लंड उसके पेट में जाकर उसके गर्भाशय ग्रीवा तक जा पहुंचा।वो जोर से चिल्लाई। हाय मर गयी फाड़ डाली .

"उउउउउन्न्घघ!" वह कराह रही है, मैं उसकी पीठ को सहला रहा था ।

"यह तुम्हारे अंदर अब एक असली लंड है. " मैंने ठहाका लगाया। मैंने अपना बायाँ हाथ उसके सिर के पीछे सरकाया और उसके बालों को पकड़ लिया, फिर उसके सिर को पीछे झटका दिया। मेरे होंठ उसके स्तनों के निप्पलों को कुचल रहे थे फिर मैंने उसके ओंठो पर ओंठ रखे और मेरी जीभ उसके मुंह में धकेल दी मेरा वजन उसे बिस्तर परअपने नीचे दबाये हुए था ।

मैं उसके अंदर अपने कूल्हों को दबाया उसके सुपर टाइट योनी के अंदर अपना बड़ा लंड घुमाया । मेरा दाहिना हाथ उसके स्तन को सहला रहा था , बाया बाए स्तन को निचोड़ रहा था और निपल पर चुटकी बजा रहा था और मैंने उसकी चुदाई शुरू कर दी ।


मैं उसकी योनी की दीवारों को अब टांड के चहरो और फैला हुआ महसूस कर रहा था . वे मेरे लंड के चारों ओर तंग थी क्योंकि मेरा लंड उसके शरीर के उन कुंवारी हिस्सों तक पहुँच गया था जहाँ उसके पति का छोटालंड कभी नहीं पहुँच पाया , मैंने उसके अंदर लंड ऊपर और नीचे स्लाइड किया।



उसके मुंह में मेरी जीभ और मेरे कूल्हे अब तेजी से चल रहे थे, जैसे ही मैंने अपने पोल को और अधिक बल के साथ उसकी छूट में धकेला तो उसकी गांड उठ और गिरने लगी थी ।

मेरे कूल्हे उसकी जांघों के खिलाफ पटकने लग गए क्योंकि मैं लम्बे स्ट्रोक लगा रहा था . मैंने अपना पूरा लंबा लंड उसकी चूत में घुसा दिया और फिर पूरा निकाल कर उसे फिर पूरा वापस अंदर घुसा दिया। वह घुरघुरा रही थी और मेरे क्रूर पंपिंग ढ़ाको की लय में कराह रही थी ।

मेरे कूल्हे जल्दी से उठते और गिर रहे थे , मेरा लंड उसकी योनी के अंदर पंप कर रहा था । उसने अपने पैरों को मेरी कमर पर लपेट लिया। अंत में उसे वो चुदाई मिली जो वह इतने लंबे समय से चाहती थी, उसकी योनि भी अच्छी कठिन चुदाई का जवाब देना शुरू कर रही थी .
उसके स्तन सूजे और सख्त हो गए थे निप्पल लंबे और संवेदनशील चिपके हुए थे , उसकी योनी अब कामइच्छा से जल रही थी क्योंकि मेरा बड़ा लंड उसे अंदर से मथ रहा था । वह कराह रही थी ।


फिर मैंने पोजीशन बदली और कश्मीरा इनायत को मेरे लंड पर बैठने को कहा। मैं लेट गया और मेरा मोटा द्रविड़ स्तंभ आकाश में खाद हो गया गया। कश्मीरा राक्षसी लिंग पर बैठ गई और उसे धीरे-धीरे पूरा अंदर ले लिया। उसने धीरे-धीरे पंप किया, वह जल्द ही यह पूरा लेने में सक्षम हो गई। फिर वह एक पागल महिला की तरह मेरे बड़े काले लंड पर कूद रही थी। मैं उसके सूजे हुए फुद्दी होंठों को देख रहा था जो की लंड के चारो और चिपके हुए थे और फिर वो तेजी से चुदवा रही थी ।



मैंने उसकी लंबी और कड़ी चुदाई की, फिर मेरा तनाव बढ़ गया लंड मुंड फूला और बड़ा हो गया और लंड ने योनि में गहरी पिचकारियां मारी जिसे महसूस कर उसकी योनी और उसके गर्भ में चांदी की ज्वार बह रहा था ।

यह उसके लिए बहुत अधिक है और वह स्खलित हुई , और फिर मैं उसकी पीठ पर हाथ फेर रहा था मेरे बड़े पंपिंग लंड को अंदर लिए हुए योनी ऐंठन के रूप में खुशी से रो रही थी । फिर मैंने उसे लिटा दिया ।

जैसे ही हम मिले, मैंने उसे मुझे "मेरे यार" कर कर चूमा. मैंने सुबह तक कश्मीरा का आनंद लिया। इस बीच सारा वापस आ गई थी और उसने हमें संभोग करते देखा था। सुबह कश्मीरा चल नहीं पा रही थी। जब उसने चलना शुरू किया तब भी उसके पैर अलग थे।


सुबह कश्मीरा ने मुझे किस किया और धन्यवाद दिया। हालांकि, उस रात के बाद,अगली शाम को उसका पति लौट आया और उसने पाया कि कश्मीरा बहुत खुश थी . जब उन्होंनेउस रात सेक्स किया तो उसने पाया की अब वो कश्मीरा को खुश नहीं कर सकता है। मेरे बड़े 12 इंच के काले लिंग ने मीठी कश्मीरा इनायत की गुलाबी फुड्डी को स्थायी रूप से फैला दिया था और उसे अब अपने पति के छोटे सफेद जुब्ब के लिए बर्बाद कर दिया था । और उसका छोटा चार इंच का सफेद लंड उसकी लाल कश्मीरी फुद्दी को संभोग के लिए आवश्यक घर्षण प्रदान नहीं कर सकता ।

वास्तव में, जब वो उसके साथ सम्भोग कर रहा था तो वह मुश्किल से उसकी दीवारों को महसूस कर पाया और अब कश्मीरा बड़े लंड वाले द्रविड़ पुरुषों के प्रति और भी अधिक जुनूनी हो गई थी । यह ठीक वैसा ही हुआ था जैसा उन हैदराबादी पोर्नोग्राफी फिल्मों में दिखाया गया था, सिवाय इसके कि यह वास्तविक जीवन था और इसलिए इससे निपटना बहुत मुश्किल था।

इनायत ने अगली सुबह घोषणा  की कि वह अब मेरे साथ ही रहना चाहती है। सारा ने उसे अपने पति को नहीं छोड़ने के लिए मना लिया और उसके पति ने उसे हर सर्दियों में मेरे पास आने की अनुमति दी।

उसके बाद वो हमारे पास कुछ दिन और रहे और जब तक इनायत हमारे पास रही मुझ से चुदती रही ।

कहानी जारी रहेगी
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डायना 

भाग-35

डायना पर देखने सुनने का प्रभाव


डायना ने जेन और लूसी की चुदाई सब कुछ साक्षात देखा था फिर भी उसने जेन और लुसी के साथ अकेले होते ही उनसे उनकी चुदाई के हर विवरण को सुनने पर जोर दिया और उसे दोपहर के खाने के बाद पूरी कहानी उन दोनों ने सुन दी। उसने बढ़ती हुई उत्तेजना से पूरी कहानी को सुना । जेन ने उसे बताया कि कैसे उन्होंने मेरा इंतजार किया था, फिर मैंने शुरुआत में हल्के से जेन का हस्तमैथुन किया, जेन ने युवा डायना को चुदाई का हर विवरण बताया और जब जेन ने कहानी समाप्त की तो लुसी ने कुछ विवरणों में यह बताया कि जब मैं जेन का कौमार्य भंग कर रहा था यह उसके कोण से कैसा दिख रहा था और फिर उसने बताया कि कैसे उसने मेरे लंड को जेन की गर्म योनी से निकलने के बाद साफ किया था। डायना ये सब सुन इतनी उत्तेजित हो गई कि वह सुनती हुई अपनी शॉर्ट्स के अंदर अपने हाथ ले गयी और अपनी चूत को सहलाने लगी और ये लगभग रोज का नियम बन गया दोनों हररोज आपस में चुदाई के हर विवरण को सांझा करती थी ।



अगले कुछ दिन मैंने लूसी और जेन की भरपूर चुदाई की। कभी अकेले में तो कभी एक साथ मैंने अब अपनी अगली कई रातें लुसी या जेन के साथ बिताईं, कभी-कभी उनके कक्ष में, फिर से अपने में और कई बार जब मैं रात की प्रतीक्षा करने के लिए संतुष्ट नहीं होता, मैं कभी-कभी उन्हें दिन में अपने कमरे में ले जाता और उनके साथ आनंद लेता। इस बीच डायना हमारी प्रेम लीला की गवाह होती थी और स्वाभिक तौर पर चुदाई देख कर गर्म रहती थी

मुझे जेन और लुसी को इस तरह के नाटकीय प्रभाव से चोदते हुए देखकर और विवरण सुन कर डायना की चुदाई करवाने की इच्छा बहुत बढ़ गई थी। चुदाई के दौरान हम तीनो के कराहे, उन दोनों लड़कियों के हांफने और उन्मादी खुशी से भरी कराहो ने उसके युवा शरीर को उत्तेजना से कंपकंपा दिया था और अब वह मेरे बड़े, मोटे और मांसल लंड के अपनी छूट में जाने का और अपनी बारी आने का इंतजार नहीं कर सकती थी। उसे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसकी तर्जनी से बड़ी कोई चीज कभी भी उसकी योनी के अंदर नहीं गई थी। पहले तो मेरे विशाल लंड का इतना बड़ा घेरा देख वह थोड़ा घबराई थी पर जब उसने जेन और लूसी को बार-बार मजे लेते देखा, तो डायना ने ठान लिया था कि वह पहले मौके पर ही अपनी योनी के होठों के बीच मेरे लंड को ले लेगी और वह भी उन बेतहाशा मनभावन भावनाओं का अनुभव करेगी जो स्पष्ट रूप से जेन और लुसी अनुभव कर रही थी।

फिर पहले लूसी को माहवारी हुई और उससे अगले ही कुछ दिनों बाद जेन को भी माहवारी हो गयी ।

जेन और लूसी की तुलना में डायना थोड़ी और लम्बी थी, उनके छोटे-छोटे बाल थे, छोटे स्तनों के साथ एक पतला और पुष्ट शरीर था। वह मेरे पास से गुजरी तो मैंने उसे पकड़ कर अपने पास खींच कर मैंने उसे किश किया तो उसने मेरा चेहरा सहलाया और मुझे चूमा।

मैं उसके गर्म होठों को अपने ऊपर महसूस करते हुए जम गया। मेरी पहली प्रेमिका लुसी हांफने लगी। डायना के चुंबन की गर्मी ने मेरे अंदर उबाल ला दीया। डायना अपनी जीभ मेरे मुंह में दबा रही थी। मैं कराह उठा, मैं खुद को रोक नहीं सका।

उसके होंठ अद्भुत लग रहे थे। उसकी उंगलियाँ मेरे चेहरे पर कितनी कोमल थीं। उसकी बैंगनी आँखें मुझे घूर रही थीं। उसके चुंबन ने पेरी प्यास की जगा दिया। मैं कांप उठा, उससे ऐसा जुड़ा हुआ महसूस किया जैसे मैं मैंने कभी किसी के साथ नहीं रहा। इस सम्बंध की तुलना में लुसी पर मेरा क्रश फीका पड़ गया।

मेरा दिल तेजी से और तेजी से धड़क रहा था क्योंकि मुझे लगा जैसे वह था... उसकी धड़कन के साथ समन्वयित हो रहा था।

"जेन," लुसी हांफने लगी।

"वह भी आमिर के प्रेम की आग में जल रही थी," जेन ने कहा, उसकी आवाज स्वप्निल थी। "अब ये एक दिन तो होना ही था । हमे ध्यान रखना चाहिए था की हमारी चुदाई के दृश्य देख कर डायना पर क्या असर हो रहा है और हमे उसे पहले ही आमिर से मिलने का मौका देना चाहिए था पर हम अपने आंनद में उसे भूल गए थे. अब ये ठीक है अब वे चुंबन से शुरुआत कर रहे हैं।"

मैंने अपना एक हाथ को उसकी गोद में सरकाया और उनके योनि क्षेत्र को प्यार से दबाया और दूसरे हाथ से उसके स्तनों को सहलाया।

फिर मेरे दिल की धड़कन डायना से मेल खाने लगी थी । उसने उस समय अपनी आँखें बंद कर लीं और जैसे ही हमने चूमा, वह कराहने लगी और फिर वह गहरी सांस लेने लगी। मैंने महसूस किया कि वह मेरे फेफड़ों से सांस ले रही है। जैसे ही उसने मेरे साथ चुंबन तोड़ा, वह कांप उठी।

जारी रहेगी
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Nice story esme koi mote land wala kafir hin..du ko ad karo jo galiya de dekar tyamahre begamo ko chode front of u
कायर पति
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मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

डायना


भाग 36

झील किनारे पहला स्खलन

मेरी इच्छा लगभग प्रबल हो गई। वह मेरी तरफ सरक गई और अपनी बाहें मेरे गले में डाल दीं और हम चूमने लगे। पूर्वी आकाश में नीचे लटके हुए अमावस्या ने स्थिति को एक हल्का सा अतियथार्थवादी प्रकाश प्रदान किया। उसने अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी और मेरे साथ इस तरह से खेला कि आने वाली बड़ी चीजों का वादा किया। लेकिन फिर भी, मैं डर गया था। उसे पता था कि यह आखिरकार होने वाला था। तकनीकी और अनुभव के आधार पर मुझे भी पता था कि मुझे क्या करना है (मैंने पोर्न देखा, किताबें पढ़ीं, खुद अभ्यास किया उसने मुझे जेन और लुसी के साथ करते देखा) लेकिन वो इतनी घबराई हुई थी कि वह सोच नहीं सकती थी कि पहले क्या करना है। मैंने चुंबन को तोड़ा और कहा "यह वास्तव में आप पहली बार हैं, हुह?" वह सिर्फ सिर हिला सकती थी। "ठीक है, हमें आपको शांत करने के लिए बस कुछ करना होगा"। उसने कहा। मैं मैं सोचने लगा की मैं उसे कैसे शांत कर सकता हूँ?

वह फिर से मुझे चूमने लगी, वह अद्भुत जीभ मेरे मुंह में जटिल खेल खेल रही थी। उसके हाथ मेरी छाती को सहलाने लगे और कभी-कभार मेरे पेट के नीचे आ जाते थे मेरा लंड जोर से जोर से हिल रहा था । मैंने उसके स्तनों को सहलाया। वह कराह उठी, वो अपनी बाँहों मेरी पीठ पर ले गयी और खुद को मेरे खिलाफ दबा दिया। उसके मेरे ऊपर स्पर्श बहुत सुखद था! कोई भीख या मिन्नत नहीं, बस कोई है जो मुझे जितना चाहता था। मैंने उसके स्तनों को सहलाना शुरू कर दिया। शानदार! वह मुझे देखकर मुस्कुराई मैंने उसके स्तन मुक्त किये उसने मेरा हाथ पकड़ लिया, और उसे अपने स्तनों पर खींच लिया। मैं उनके बीच खो गया था! फिर मैंने उसके स्तनों को चूमा और चूसा, मैं चूसते हुए एक से दूसरे स्तन पर जा रहा था, निपल्स को छुए बिना उन्हें अपनी जीभ से काट रहा था। वह मेरे सिर को अपने स्तनों से कुचलते हुए, कराहती हुई घास पर लेट गई। अंत में, मैंने अपनी जीभ को पहले उसके निप्पल के चारों ओर बड़े घेरे में चलाना शुरू किया, धीरे-धीरे घेरा छोटा हो गया इतना छोटा कि मेरी जीभ उसके निप्पल के पार नहीं जा रही थी। धीरे-धीरे मैंने निप्पल को अपने मुंह में खींचा और उसे चूसने लगा।

मेरे सिर पर उसके हाथों का दबाव बढ़ गया और मैंने जितना हो सके उसके स्तनों को अपने मुँह में चूसने की कोशिश की।

आगे-पीछे उन संतरो के बीच हम दोनों में एक उन्माद चल रहा है। इस समय तक मेरा डिक अत्यधिक दर्द में था। मुझे पता था कि मुझे दबाव कम करने के लिए कुछ करना होगा लेकिन मुझे लगा कि मुझे उसे खुश करने के लिए और कुछ करने की जरूरत है।

इससे पहले कि मैं धीरे-धीरे अपनी जीभ ऊपर और नीचे उसकी योनि पर चलाता, मैंने उसके योनि को को एक सेकंड के लिए और सहला दिया। जब मैंने उसकी योनि के शीर्ष के पास उसके भगशेफ को जीभ से छुआ तो मैंने उसे उसकी सांस लेते हुए सुना। मैंने उसके पेट पर चूमा, प्रत्येक स्तन पर रुक गया और उसके होंठों को फिर से चूमा। हम धीरे-धीरे घास पर लेट गए, उसकी पीठ मेरे नीचे थी । मैंने अपना सिर उसके घुटने तक नीचे किया, और धीरे-धीरे उसकी जांघ के अंदर तक अपना रास्ता चूमा, मुश्किल से उसकी चूत को सहलाया, फिर दूसरे पैर को उसके दूसरे घुटने तक ले गया। मैं फिर उसके क्रॉच पर लौट आया और धीरे-धीरे उसकी योनी के चारों ओर अपना रास्ता चूमा, इस बात का ध्यान रखते हुए कि उसे न छुएं। मुझे पता था कि मैं उसे सता था, लेकिन ऐसा कर मैं उसे उत्तेजित कर रहा था।

मैंने उसकी उत्तेजना बढ़ाने के लिए प्रवेश से पहले योनि को चाटने का फैसला किया । और मुझे अपने अनुभास से पूरा विश्वास था कि वह भी बहुत जल्द ऑर्गेज्म अनुभव करेगी । मैंने अपनी जीभ को उसके सीने से नीचे उसके पेट तक और वापस उसके स्तनों तक चलाना शुरू कर दिया। वो जोर से कराहने लगी और, मैं उसकी योनी की ओर नीचे जाने लगा, जब उसने मेरा सिर खींच योनि पर लिया, मेरी आँखों में देखा, और पूछा "क्या आप जानते हैं कि आप क्या कर रहे हैं?" मैंने बस सिर हिलाया। उसने बहुत सेक्सी अंदाज में हंसते हुए कहा कि आगे बढ़ो।

मैंने फिर से अपना सिर उसके पेट पर रख दिया और अपनी जीभ को उस क्षेत्र के चारों ओर घुमाता रहा, कभी-कभी उसके योनि क्षेत्र में नीचे डुबकी लगाता और नाटकीय रूप से उसकी कराहे बढ़ जाती । मैंने उसके घुटनों, मैंने अपनी जीभ उसके टांगो पर चलाई. उसकी जनहे चूमि और फिर उसकी योनि पर आ गया यह जानते हुए कि मुझे उसके भगशेफ से शुरुआत करनी चाहिए। मैंने अपनी जीभ का इस्तेमाल तब तक भगशेफ को तलाशने के लिए किया जब तक कि मुझे वह नहीं मिल गया। मैं अपनी जीभ से उसके क्लिट को चाटने लगा और अपने मुंह में चूसने लगा। उसने अपने कूल्हों को झुकाया, मेरे सिर को पकड़ लिया, और उसे अपनी योनी के खिलाफ कुचल दिया। मैं उसकी योनि को धीरे से चूसता रहा, मेरी लार उसके रस में तब तक मिलती रही जब तक वह भीग नहीं गई। मैं उसकी योनि में जीभ फेरने लगा। एक गहरी साँस लेते हुए, मैंने अपनी जीभ को चूत में जहाँ तक जा सकी, धकेला।

मैंने अपनी जीभ को उसके भगशेफ तक छोटी अंदर और बाहर धकेलना देना शुरू कर दिया। मैं उसे ये अच्छा लगा और मैं मेरी जीभ से उसकी योनी को चोदता रहा।

कहानी जारी रहेगी
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मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं


डायना

भाग 37

झील किनारे सम्भोग

मैंने अपनी जीभ को डायना की भगशेफ तक अंदर और बाहर धकेलना देना शुरू कर दिया। मैं उसे ये अच्छा लगा और मैं मेरी जीभ से उसकी योनी को चोदता रहा। एक बार जब मैंने ऐसा कर लिया, तो मैंने अपनी जीभ को उसके शरीर के अंदर पूरा धकेल दिया और फिर उसे जितना गहरा जा सके दबा दिया। जैसे ही मेरी जीभ पूरी अंदर गयी उसका बदन काम्पा और उसकी चूत के होंठ मेरी हमलावर जीभ के चारों तरफ बंद हो गए।

मैं अब उसके अंदर जीभ घुमाने के लिए संघर्ष कर रहा था जाहिर तौर पर उसकी चूत इतनी कसी हुई थी कि अब मैं अपनी जीभ बिल्कुल नहीं हिला सकता था।

उसकी योनि की मासपेशिया संकुचन करते हुए बस अपने नम मुंह की मांसपेशियों को कस रही थी और यह उसके शरीर के अंदर के मेरी जीभ के नाजुक मांस के खिलाफ दबाव डाल रहा था। मेरी जीभ ने टाइट योनी के मांस के अंदर छोटे-छोटे घेरे बना दिए । जैसे-जैसे जीभ उसके चीरे के चारों ओर घूम रही थी जीभ उसकी चूत के सभी अलग-अलग किनारों पर ऊपर नीचे हो रही थी और उसके चारों ओर के मांस को उत्तेजित कर रही थी।

मैंने ऐसा करना जारी रखा, मैं उसके शरीर में बदलाव महसूस किया। मैं अपनी जीभ के चारों ओर नम मांस को महसूस का स्पंदन महसूस कर रहा था वो कांप रही थी ।

उसकी चूत में हलचल थी और उसके बाद तरल का एक गर्म प्रवाह हुआ जो उसके स्पंजी मांस से रिस रहा था। उसने अपने कूल्हों को ज़मीन से ऊपर उठाया और उसका शरीर को इस तरह अकड़ा और तन गया कि उसकी कोमल जांघें मेरे चेहरे पर दब रही थी ।

उसकी चूत के हिलने-डुलने से मेरी जीभ का उसकी योनि क्षेत्र में आगे-पीछे करना मेरे लिए आसान हो रहा था।

जल्द ही उसके शरीर के अंदर एक निरंतर गति थी जो उसकी चूत के मांस के खिलाफ मेरी जीभ की गति से भी अधिक तेज थी।

फिर, बढ़ी हुई नमी के साथ मैंने अपनी जीभ को एक तेज गति में अंदर और बाहर करना शुरू कर दिया, जो उसे अद्भुत तरीके से उत्तेजित कर रहा था।

हर बार जब मेरी जीभ ने उसे अंदर धकेला तो मैं उस नम मांस को अलग कर रहा था ।

फिर जब मैंने अपनी जीभ की वापस खींच लिया तो योनि के ओंठ एक बार फिर आपस में चिपक गये । और उसकी योनि से उसका रस बहने लगा ।

मैंने उसकी टांगें जुदा कर दीं और इस प्यारी सी जवान चूत को देखा। मैं यह सुनिश्चित करने जा रहा था कि मैंने उसे चोदने से पहले उसे और मजे मिलें । उसके बाद जब मैं उसकी यो नई में लंड दाल कर उसका कौमार्य बंहग करूँगा ऑटो उसे तकलीफ होगी, इसलिए जब तक वह कर सकती थी, उसे उसका मज़ा लेना चाहिए! मैंने उसकी योनी को सूंघा। मैं उसके रसो के स्वाद के लिए इंतजार नहीं कर सकता था इसलिए मैंने जीभ निकली ।

मैंने उसे अपनी जीभ चाटना जारी किया और वह कांप उठी। मैंने उसकी योनि को फिर से चाटा और वह फिर से सिहर उठी। मैंने उसकी स्लिट को ऊपर-नीचे चाटा। हर दूसरी या तीसरी बार योनि के ऊपर, मेरी जीभ ने उसकी योनि का चक्कर लगाया। उसकी योनि और बदन में एक बार फिर कंपकंपी आयी । जल्द ही मेरी लार और उसकी चूत के रस के बीच, उसकी कुंवारी योनी टपक रही थी। मैं जितना भी रस टपक रहा था सारा चाट गया ।

कुछ ही मिनटों के बाद, उसका बदन सख्त हो गया । मैंने उसकी योनि को अपने होठों के बीच चूसा और अपनी जीभ उसके चारों ओर घुमा दी। डायना अपने ऑर्गेज्म से कांप उठी । मैं उसके बगल में घास पर बैठ गया, और उसकी नग्न सुंदरता से मंत्रमुग्ध हो गया ।

मैंने उसे 69 के बारे में बताया और उसे बताया कि यह मेरा पसंदीदा है,. "लेकिन अगर ये करेंगे तो मेरी चूत और बट को तुम्हारे चेहरे को दबा देंगे और तुम्हारी नाक व्यावहारिक रूप से मेरे नितम्बो पर होगी!"

"ठीक है, हाँ!

मैंने उसे अपने लंड को धीरे धीरे चूसने के लिए कहा, मैं इसे "कुछ खास!" के लिए बचा रहा था। (उसकी कुंवारी योनि के लिए!)

मैंने उसकी गांड के साथ खेला और उसकी कुंवारी योनी में जितना हो सके उतना गहरा चाटा! उसके क्लिट पर लंबे मजबूत ओंठो ने उसे सिकोड़ रखा था। वह मेरी गेंदों के साथ खेल रही थी, मुजैसे उसने मेरे लंड का सिर अपने चेहरे पर रगड़ा मुझे वह अच्छा लगा! उसके मुँह में स्खलित न हो जाऊं इसलिए मैंने अपनी सारी एकाग्रता लगानी पड़ी । इससे पहले कि मैं अपना सकलित हो जाऊं, मैंने उसकी योनि को तेजी से चाटा और वो जल्दी से झड़ गयी और उसने मेरा लंड अपने मुँह से निकाल दिया ।

हम एक साथ बैठे, फिर से चुंबन किया और गले मिले। आखिरकार, उसने कहा " अब मुझे चौदो!"

वह हरी मुलायम घास पर लेट गई मैंने उसे लिटा कर उसकी टाँगे फैला दी मेरा लंड बहुत ज्यादा सख्त था मैंने लंड का सर उसके योनि के ओंठो पर ऊपर नीचे किया। फिर लंड उसकी योनि के छेद पर चिपका दिया. मैंने उससे कहा कि इससे थोड़ा दर्द हो सकता है। वह मुस्कुराई, और मैंने उसे थोड़ा सा अंदर धकेल दिया।और लंड का सिर लगभग अंदर था, और वह मजबूती से टिकी रही। मैं आधा इंच पीछे हट गया और फिर से आगे बढ़ा, तीन या चार बार मैंने लंड आगे पीछे किया ।

अंत में, मैंने उसे चेतावनी दी, "अब!" और मजबूती से लंड आगे बढ़ाया! वह झेंप गई, उसके चेहरे पर दर्द दिखा, लेकिनअब लंड अंदर चला गया था! उसकी कौमार्य की झिल्ली भंग हो गयी थी. मैं एक पल के लिए वहीं रुका रहा। उसे दर्द हुआ और फिर थोड़ी देर बाद उसने कहा कि वह ठीक है, और मैंने फिर से शुरू किया; थोड़ा और आगे और फिर पूरा गया और मेरी गेंदें उसकी गांड पर थप्पड़ मार रही थीं।

मेरा लंड बहुत लम्बा और मोटा है। उसकी चूत काफी फैली हुई थी। मैंने उसे वहीं रखा ताकि उसे इसकी आदत हो जाए। वो बोली बहुत दर्द हो रहा है. मैंने पुछा क्या आप चाहती हैं कि अब इसे यहां समाप्त कर दे?

मैंने अपना सारा काम कर लिया था, अब वो एक संभोग सुख की हकदार थी! वो बोली ये कुछ अलग ही अनुभव है ।सब भरा हुआ लग रहा है।

"नहीं, मुझे चोदो और जल्दी करो,?" मेरे हाथ उसके स्तनों को बार-बार दबा रहे थे । फिर मैंने जो धकाक मारा तो मेरा लंड उसके पेट में जाकर उसके गर्भाशय ग्रीवा तक जा पहुंचा। वो जोर से चिल्लाई। हाय मर गयी फाड़ डाली ।

मैं उसकी योनी की दीवारों को अब लंड के चहरो और फैला हुआ महसूस कर रहा था. उसकी योनि मेरे लंड के चारों ओर कस गयी थी और मेरा लंड उसके शरीर के कुंवारे हिस्सों को चूम रहा था ।

मैंने उसे पूरी तरह से अंदर दबा दिया, मैंने लंड बाहर निकाल कर फिर से अंदर घुसा दिया ।

मेरे कूल्हे धीरे धीरे चले और मैंने अपने लंड को और अधिक ताकत और तेजी के साथ उसकी चूत में धकेला।

मेरे कूल्हे उसकी जांघों के खिलाफ चिपक गए और मेरी गेंदे उसके ओंठो को चूम रही थी. फिर मैंने लम्बे स्ट्रोक लगाये। वह कराह रही थी और मेरे धक्को की लय में कराह रही थी । कुछ देर में उसके कूल्हे और नितम्ब उठने लगे। मेरा बड़ा लंड उसे अंदर से मथ रहा था । वह कराह रही थी । मैंने डायना को ज़ोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया। फिर थोड़ी देर के बाद वो झड़ गईं। मैंने उसकी चूत में धक्के लगाने चालू रखा ।मैंने उसकी लंबी और कड़ी चुदाई की, फिर मेरा तनाव बढ़ गया लंड मुंड फूला और बड़ा हो गया और स्खलित होते हुए लंड ने उसकी योनि में पिचकारियां मारी और उसे मेरे वीर्य से भर दिया। उसकी योनि संकुचन करने लगी ।

जब वो शानत हुई तो मैंने लंड बाहर निकाला तो लंड उसके रस मेरे वीर्य और खून में भीगा हुआ था ।.

वो बोली चलो स्विमिंग करते हैं. हम दोनों तालाब में उतरे और अपने अंगो को धोया ।

वो बाहर निकल कर बोली अब चलना चाहिए नहीं तो जेन हमारी चिंता करेगी ।

हमने कपड़े पहने और वापिस गए और उस रात कमरे में मैंने डायना को दो बार और चौदा. और इसके बाद हम सो गए ।

कहानी जारी रहेगी
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सातवा अध्याय-मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएँ

जेन के साथ गोवा  की यात्रा

भाग 01 

शुक्रवार की रात

गोवा का सफर


मैंने अपनी 10+2 परीक्षाओं के लिए कड़ी मेहनत की थी । अब जब छुट्टीया शुरू हो गई थी और फिर उसके बाद मैंने लुसी जेन और डायना के साथ हुए अपने पहले और उसके बाद के यौन अनुभवों से बहुत कुछ सीखा था। तो मैंने अपने परीक्षा परिणाम से पहले अगले कुछ महीनों के लिए बड़ी योजनाएँ बनाईं।

मेरे अब्बू अम्मी कश्मीर का काम खत्म करके वापिस लौट आए थे और-और उनके काश्मीर के इस दौरे के बीच मैंने लूसी, जेन और डायना के साथ अपनी पहली चुदाई कर ली थी । उनके आने के बाद जेन लूसी और डायना के साथ अपने फ्लैट पर वापिस चली गयी और अब मेरे लिए लुसी जेन और डायना से नियमित तौर पर मिलना आसान नहीं था और यह अप्रैल की शुरुआत थी और फिर जब सुश्री जेन ने सुझाव दिया कि हम छुट्टियों में कहीं घूमने चलते हैं क्योंकि मुझे कहीं भी छुट्टी पर गए एक लंबा समय हो गया था। और साथ ही सुश्री जेन ने मुझे चौंका दिया जब उन्होंने सुझाव दिया कि क्यों न हम गोवा की यात्रा करें। मैं तो जेन के साथ यात्रा करने के विचार से ही उत्तेजित और उत्साहित था और तुरंत सहमत हो गया।

सुश्री जेन ने उड़ान बुकिंग और होटल आरक्षण का जिम्मा अपने ऊपर ले लिया और हमने शुक्रवार शाम को निकलने और रविवार की रात लौटने का कार्यक्रम बनाया। जहाँ तक मेरा सम्बंध था, यह एक संपूर्ण सप्ताहांत छुट्टियों की योजना थी। हालांकि लोग आमतौर पर मार्च के बाद गोवा नहीं जाते हैं, लेकिन मुझे खुशी थी किअन्य किसी लोकप्रिय स्थानों के स्थान पर गोवा में हमारी गोपनीयता बनी रहेगी।

शुक्रवार की शाम आई और मैंने दोस्तों के साथ पास के एक जंगल रिसॉर्ट में जाने का बहाना बनाया और अब्बू ने इजाजत दे दी और मैं एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गया। सुश्री जेन ने मुझे पहले ही बता दिया था कि वह हवाई अड्डे पर मिलेंगी।

मैं एयरपोर्ट पहुँचा और लाउंज के बाहर इंतजार करने लगा। चेक-इन के लिए केवल 10 मिनट शेष थे जब मैंने देखा कि सुश्री जेन अंदर आ रही हैं। उसने एक गहरे रंग का गाउन पहना हुआ था जो उसके शरीर पर फिट बैठता था। यह गहरे रंग का था जिसमें छोटी-छोटी धारियाँ थीं। उसने सिर पर गुलाबी रंग का दुपट्टा पहना हुआ था और हल्के रंग की लिपस्टिक लगाई थी। कुल मिलाकर, गहरे रंग के कपड़े उसकी गोरी त्वचा के साथ अच्छी तरह से मेल खाते थे और उसके विशाल स्तन और उससे भी उसकी बड़ी गांड और नितम्बो को पूरी तरह से दिखा रहे थे।

वह बहुत खूबसूरत लग रही थी, उसकी अद्भुत आकृति उसकी ऊँचाई लगभग 5' 6 थी और लंबे रेशमी सुनहरे बाल थे। उसकी पतली कमर थी, उसके कूल्हों की मोड़ इतनी अस्थिर थी कि आपको ऐसा लगेगा जैसे कि इसे बनाने वाले द्वारा संगमरमर से उकेर देखभाल से बाहर निकाला गया हो।

फिर मुझे ऐसा लगा जैसे कुम्हार ने कच्ची मिट्टी से उसकी सुन्दर काया को उकेरा हो। उसके कूल्हों का झुका होना, उसकी बड़ी विकसित छतिया परिपूर्णता के विचार को परिभाषित कर रहा थी। जब वह उन लंबे पतले हाथो की उंगलियों के साथ अपने बालों को ठीक कर रही थी, उसकी नाभि मेरी आँखों के सामने आ गयी, मैं उसकी खूबसूरती को निहारना चाहता था।

मैंने देखा उसके साथ लूसी और डायना नहीं थी । मैंने उन दोनों के बारे में पुछा तो वह बोली इन छुट्टियों में केवल मैं और आप साथ होंगे । मुझे कोई आपत्ति नहीं थी ।

मैंने उसके साथ चेक-इन किया उसकी लम्बी सुराहीदार सुंदर गर्दन, व्यापक चिकने कंधे, चुंबन आमंत्रित करते हुए नाज़ुक गुलाबी निपल्स और सुन्दर चिकनी घाटी के दोनों तरफ़ अलग खड़े हुए और चट्टानों की तरह कठोर गौरवशाली अनार के आकार के शानदार गोल स्तन, उसकी सुंदर गोल भुजाएँ, उसकी छोटी कमर और उसके कूल्हों और नितंबों की असाधारण गोलाइयाँ। इन स्तनों की उत्तेजित और एक उभरी हुई स्थिति में इससे वह और अधिक सुंदर लग रही थी और मुझे गर्व महसूस हो रहा था कि वह मेरी है और मैं जल्द ही उसके इस अप्रितम सौंदर्य का पूरा आनंद उठाऊंगा और उसके बड़े-बड़े स्तनों और गांड को खुलेआम देखने लगा। सुश्री जेन को पहले से ही पता था कि मुझे उसके गोल, बड़े और सुडौल स्तनों और नितम्ब गालों को छेड़ना और देखना पसंद है। मैंने उसे फ्लाइट में चढ़ने के लिए अधीर होने का नाटक करते हुए जानबूझकर अपने नितम्ब गालों को हिलाते हुए देखा और उसने अपनी टाँगे थपथपायी और गांड मटकायी। नश्वर मांस और रक्त से बना एक पुरुष एक अध्भुत हसीना के इस आकर्षक और उत्तेजक रूप में इस तरह के आकर्षण का सामना कितनी देर तक कर सकता है! मैं तो एक पल भी नहीं कर पाया और मेरा लंड उत्तेजना में अपनी उपस्थिति मेरी पतलून में दर्ज कराने लगा और मेरा लंड कड़ा होने लगा ।

हम 15 मिनट के भीतर विमान में बैठे थे और मैंने देखा कि उस फ्लाइट पर बहुत कम लोग थे। हमारे पास पीछे की अंतिम कतार से पहले वाली कतार में दो सीटें थीं, गलियारे की सीट के साथ और गलियारे से परे भी सीटें खाली थीं। उड़ान सिर्फ दो घंटे से कम की थी और हम 6 बजे गोवा में उतरने वाले थे। जैसे ही विमान ने उड़ान भरी, रोशनी मंद हो गई और मुझे अपनी जांघ पर सुश्री जेन का हाथ महसूस हुआ। यह पूरी तरह से सीधा, कठोर, लंबा और काफ़ी बड़ा लग रहा था, उसने हाथ फिरा कर मुट्ठी भर कर उसके पूरी लम्बाई और आकार का अनुमान लगाया। सुश्री जेन लंड के आकार और कठोरता दोनों पर चकित थीं। मेरे अस्वाभाविक रूप से बड़े लिंग का आकार, जो स्कूल में लड़कों के लिए मनोरंजन और कोतुहल का एक कारण रहा है, ने उसकी आँखों में तुरंत चमक ला दी।

मैंने पलट कर उसकी तरफ देखा कि वह मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रही है। मेरा लंड अर्ध कड़ा हो चूका था और जेन भी गर्म थी और उसे इतने लंबे समय तक हमारे एकांत का इंतजार करना पड़ा था।

मैंने अपनी टांगो को फैला कर चारों ओर देखा। मैंने देखा कि कुछ अन्य यात्री इधर-उधर बिखरे हुए बैठे हुए थे और हमारी दो सीटों को छोड़कर अंतिम चार बिलकुल पंक्तियाँ खाली थीं। मैंने उसे अपनी और खींचा और देखा की उसके प्यारे चेहरे पर गर्म लहू की तेज लहरों से उसके गाल लाल हो गए। उसने अपनी आँखें नीचे कर लीं और मुझे उसे अपनी तरफ़ खींचने की इजाज़त दी मैंने उसे अपने पास खींचा हम दोनोआलिँगन में आ गये और हम कंधे से कंधा मिलाकर बैठे रहे, मेरे होंठ उसके होंठो के साथ जुड़ गए। मैंने उसके माथे, उसकी आँखों, उसके गाल पर चुंबनो की बारिश कर दी और फिर, उसके शरीर को अपने और करीब कर लिया और उसके चुम्बन के लिए हमेशा लोभी रहने वाले उसके लाल होंठो से मेरे होंठ चिपक गए और हम दोनों ने विक्षिप्तो की तरह एक लंबी और मजेदार किस की।

"जेन! ओह! प्यारी जेन!" मैंने आह भरी और फुसफुसाया। "मुझे अपनी जीभ दो, मुझे प्यार करो।" उसने उसी समय बिना थोड़ी-सी भी हिचकिचाहट के मुझे अपनी और खींचते हुए अपनी मखमली नरम जीभ मेरे मुँह में डाल दीl वह रमणीय प्रत्याशा मेरी थोड़ी-सी भी कामना के अनुरूप थी। मेरा एक हाथ उसके सिर के नीचे था और चुंबन करते हुए और उसकी स्वादिष्ट जीभ को चूसते हुए हम कुछ देर ऐसे ही चुंबन करते रहे। फिर उसने अपना एक हाथ मेरे तैयार लंड पर रखा, जो फटने की अवस्था में था।

मैंने उसकी जीभ को छोड़ा और उसके ओंठो को चूसने लगा । मुझे लगा कि सुश्री जेन मेरे लंड को मेरी जींस के ऊपर से सहला रही थी और फिर वह मेरी जींस की जिप की छेड़ रही थीऔर फिर कुछ ही सेकंड के भीतर उन्होंने मेरी जीन की जीप खोल दी और धीरे से मेरा अर्ध-खड़ा हुआ लंड बाहर निकाल लिया। मुझे मेरे लंड पर ठंडी हवा बहुत अच्छी लगी और लंड जल्दी से उसके स्पर्श का जवाब देने लगा।

उसे देखकर वह उसे पसंद आया और उसकी ख़ुशी में उसने मेरे लिंग तो कस कर सहलाया। यह मेरे पहले से ही अति उत्साहित स्थिति के लिए बहुत ज़्यादा था। मेरे लंड ने तुनक कर उसे सलाम ठोक दिया।

मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं और सुश्री जेन ने मेरे मोटे लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया और धीरे से दबा दिया । जैसे ही उसने महसूस किया कि यह उसके हाथ में सख्त हो गया है, सुश्री जेन ने हमारे बीच के आर्म रेस्ट को उठा दिया और खुद को सीट पर समायोजित कर लिया ताकि वह मेरे पर झुक सके।

जब मुझे एहसास हुआ कि सुश्री जेन के मन में क्या है, तो मैं मुस्कुराया। मैं सीधा हो गया और सुश्री जेन ने अपना सिर मेरी गोदी में नीचे कर दिया और मुझे अपने कराह को रोकने के लिए अपने ओंठो को सील करना पड़ा क्योंकि मुझे लगा कि उसके पतले होंठ मेरे लंड के सिर को घेरे हुए हैं। मेरा लंड फुफकार उठा जब सुश्री जेन अपने होठों को मेरे लंड पर नीचे ले जाने लगी हैं। मैं उसकी जीभ को अपने सख्त लंड के मोटे सिर पर चक्कर लगाते हुए महसूस कर सकता था।

यह बहुत साहसी और रोमांचकारी था क्योंकि कोई भी अन्य यात्री शौचालय के लिए किसी भी समय आ सकता है। मुझे यह भी पता था कि फ्लाइट अटेंडेंट भी कभी भी पीछे आ सकती है। मुझे जोर से कराहना नहीं करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी क्योंकि सुश्री जेन ने अपने गर्म और गीले मुंह में मेरे लंड को और अधिक निगलना और चूसना शुरू कर दिया था।

उसेक मेरे लंड चूसते हुए लगभग 5 मिनट हो गए होंगे और मुझे लगा कि मेरा गीला लंड उसके मुँह में धड़कने लगा है। मुझे पता था कि मैं खुद को ज्यादा देर तक नहीं रोक सकता। मैंने अपना हाथ उसके सिर पर रखा और उसे नीचे धकेल दिया। हालाँकि मेरा लंड 8 इंची लम्बा 3 इंची मोटा लंड तनकर पूरा 90 डिग्री का हो गया था। लेकिन सुश्री जेन ने इसे अच्छी तरह से अपने मुँह में पूरा भर लिया था।

जैसे ही मेरे विशाल लंड का बड़ा सिर उसके गले से टकराया, मैंने उसे चुपचाप उसका मुंह बंद करते सुना।

मैंने ऊपर देखा और देखा कि फ्लाइट अटेंडेंट ने अपना चक्कर लगाना शुरू कर दिया था और अपनी स्नैक ट्रॉली के साथ विमान के अगले भाग में खड़ी हो गयी थी। मैंने जल्दी से सुश्री जेन के सिर को छोड़ दिया और वह मेरी ओर प्रश्नवाचक दृष्टि से देखते हुए पीछे हट गईं। मैंने विमान के सामने की ओर इशारा किया और उसने तुरंत अपनी सीट पर ठीक से बैठ गयी जब उसने देखा कि फ्लाइट अटेंडेंट हमसे केवल 7-8 पंक्तियों दूर थी। मैं उस समय उस सुंदर अटेंडेंट के आगमन के समय को कोस रहा था।

मैं अपनी जीन्स में अपने धड़कते, सख्त मुर्गा को जितना हो सके अंदर वापिस डालने में कामयाब रहा और सुश्री जेन ने यह देखने के लिए अपना फोन चेक किया कि क्या उसकी लिपस्टिक ठीक है। उसके बाद उस छोटी उड़ान में हमें कुछ करने का कुछ ख़ास अवसर नहीं मिला क्योंकि यात्री शौचालय का उपयोग करने के लिए आते रहे जो कि हमारी पंक्ति के ठीक पीछे की पंक्ति के बाद था। सुश्री जेन ने मुझे चिंता न करने के लिए कहा और बोली जल्द ही हम वहाँ होंगे और मुझे मालूम था वह मेरी अच्छी देखभाल करेंगी।

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मजे-लूट लो जितने मिले


सातवा अध्याय-मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएँ

जेन के साथ गोवा  की यात्रा

भाग 02 

शुक्रवार की रात

गोवा एयरपोर्ट से होटल तक का सफर 

खराब मौसम के कारण फ्लाइट करीब 6.30 बजे उतरी और हमने 7.30 बजे तक अपना सामान लिया। सुश्री जेन ने मुझे बताया कि उन्होंने गोवा में होटल बुक किया हुआ जो पंजिम से लगभग 30 किमी दूर हैऔर होटल की गाडी हमे अन्य यात्रियों के साथ लेने आयी होगी। मैंने सुझाव दिया कि हम सामान कार में भेज दे और एक मोटरसाइकिलों को किराए पर लें और वह मान गई। सुश्री जेन ने मुझे बताया कि उन्हें वाशरूम का उपयोग करना था और मुझे बाइक की व्यवस्था करने के लिए अकेला छोड़ दिया।

10 मिनट के भीतर मैंने एक मोटर-स्कूटर किराए पर ले लिया सुश्री जेन के लिए हवाई अड्डे के अंदर र मैंने प्रतीक्षा की। 10 मिनट के नादर मैंने अपने कंधे पर एक हाथ महसूस किया और जब मैं मुड़ा तो मैंने जेन को देखा।

"वाह! तुम बहुत हॉट लग रही हो!" मैंने जो देखा उसने मेरे दिल की धड़कन को लगभग बंद कर दिया। मैंने सबसे खूबसूरत लड़की को सबसे कम कपड़े पहने हुए देखा, जेन मेरे सामने खड़ी थी, शर्मीली लेकिन उन कपड़ो में बिल्कुल खूबसूरत दिख रही थी।

मैं उसके पास गया; और वह मेरी ओर पीठ करके घूम गई। उसकी स्कर्ट बहुत छोटी थी और उसने पैंटी नहीं पहनी हुई थी, इसलिए उसकी गांड के गालों का निचला हिस्सा दिखाई दे रहा था।

मैं अब अपने आप को नियंत्रित नहीं कर पा रहा था।

मैंने देखा जब मैंने देखा कि जेन अब तंग-फिटिंग स्कर्ट पहने हुए थीं, जो उनके सुडौल, गोल और बड़े गालों को पूरी तरह से परिभाषित करती थीं। उसने ऊपर पिंक बटन डाउन स्लीव लेस ब्रा रहित बिकनी टॉप पहना था जो उनके बड़े बूब्स से चिपका हुआ था। उसकी पीठ नंगी थी

मैंने तुरंत उसे गले से लगा लिया और धीरे से उसे अपनी बाहों में ले लिया। इसी तरह, मैंने उसे स्मूच करना शुरू कर दिया और उसने भी पूरे जोश के साथ जवाब देना शुरू कर दिया। हम हनीमून पर गोवा आये हुए एक जोड़े की तरह व्यवहार कर रहे थे। मैंने उसके स्तनों और गांड को दबाना शुरू कर दिया और उसने मुझे नहीं रोका और वास्तव में उसे और अधिक गर्म कर रहा था।

मैंने उसे देखा और जेन ने उसके कूल्हे पर हाथ रखा और मुझे चिढ़ाते हुए उसके बट को बाहर धकेल दिया। मैंने उसे उसके गोल, बड़े गधे के गाल पर एक चंचल चपत लगायी और वह हंसते समय उसे फड़फाने लगी।

हम लगभग 7.30 बजे एयरपोर्ट से बाहर निकले। बादलों के कारण अँधेरा हो रहा था और होटल से आयी कार में सामान भिजवा दिया और जो हम मोटरसाइकिल पर सवार हो गए जो हमने कराये पर ली थी जल्द ही, हम होटल के रास्ते में थे। सुश्री जेन मेरे पीछे चिपक कर बैठी थीं और मेरी कमर के चारों ओर उसका दाहिना मेरे कंधे पर था। यह एक सुंदर सवारी थी और बागा के रास्ते में बिल्कुल भी भीड़ नहीं थी। जैसे ही हम सड़क के एक हिस्से में पहुँचे, जहाँ कोई दिखाई नहीं दे रहा था, मैंने महसूस किया कि सुश्री जेन का हाथ मेरी कमर के नीचे पहुँचा और उसने मेरे लंड को मेरी जींस पर जोर से दबा दिया मेरे अंडकोषों का बुरा हाल हो रहा था और मैं बाइक चलाते हुए जोर-जोर से कराह रहा था।

"सुश्री जेन! मुझे इस तरह चिढ़ाओ मत।" मैंने उससे भीख माँगी क्योंकि मैंने ठीक से मोटरसाइकिल चलने पर ध्यान केंद्रित किया हुआ था।

नारियल पानी वाला देख कर मैंने पूछा कि क्या वह कुछ नारियल पानी चाहती है और रास्ते में एक सड़क किनारे विक्रेता के साथ मैं रुक गया और हमने कुछ बातें की उसके लाल होंठों ने तुरंत मेरे मुंह में पानी भर दिया और मैंने सोचा कि किसी भी कीमत पर उन्हें चूमूं... फिर जब हम सड़क किनारे दुकान, कुल्फी खा रहे थे मैंने उसे चूमने की कोशिश की। लेकिन, उसने मुझे किस करने की इजाजत नहीं दी और बोली बाद में ।

मैंने में नारियल वाले की और देखा और उसे पैसे दिए तो वह बोला थोड़ा आगे एक रोड है " DEAD END AHEAD" का बोर्ड लगा है

फिर हमने फिर से होटल की यात्रा शुरुआत की और वही पर एक सुनसान सड़क थी जिसे देख कर लगता था कि जहाँ कोई नहीं आता जाता। लेकिन वहाँ बोर्ड नहीं था । मैंने अपनी बाइक उस सड़क पर मोड़ ली और अंदर ले गया। अँधेरा हो गया था और फिर उस रोड पर अंदर जा कर मैंने मोटरसाइकिल खड़ी कर दी और उसका चेहरा मेरे हाथों में ले लिया। उसे बहुत शर्म आ रही थी और वह अपना सिर नहीं उठा रही थी। मैं थोड़ा झुका और अपने होंठ उसके ऊपर रख दिए। वह होंठ शहद की तरह थे। इतना मीठा, इतना कोमल और रसदार। फिर उसने मेरे चुंबन का जवाब देना शुरू कर दिया और मुझे वापस चूम लिया।

मैंने उसके निचले होंठ को अपने होठों के बीच ले जाकर चूसा। फिर मैं अपनी जुबान में घुसने लगा, जिसका उन्होंने जोश से स्वागत किया और हमने 5 मिनट तक ऐसा ही किया। हमने अपने आप को गले लगाया और ऐसे एक दुसरे को चूमा जैसे कल नहीं आने वाला था। यह गोवा में मेरा पहला चुंबन था। मैं चाहता था कि यह सिर्फ एक चुंबन से ज्यादा हो।

तो, मैंने धीरे-धीरे उसकी गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया, जिससे उसका शरीर कांपने लगा। मैंने फिर चूमा और अपनी जीभ से उसकी गर्दन को चाटा। वह मेरे चुम्बन में खो गई थी। उसकी गर्म सांसें मेरी गर्दन को झकझोर रही थीं। वह भी मेरे गले को चूम रही थी और मेरे नाम ले कर कराह रही थी। फिर, मैंने अपने हाथों को उसकी नंगी पीठ पर धीरे से रगड़ना शुरू कर दिया।

वह मेरे चुंबन के कारण कराह रही थी। फिर मैंने धीरे से उसकी गांड पर हाथ फेरना शुरू कर दिया। मैंने उसकी गांड के गालों को मजबूती से थपथपाया, जिससे वह उछल पड़ी। मैं उसकी गांड की मालिश करने लगा और मेरे कानों में उसके विलाप बढ़ रहे थे। धीरे-धीरे मैं अपना बायाँ हाथ सामने की ओर ले आया।

मैंने अपने हाथों को उसके शरीर पर, उसके स्तनों के माध्यम से, उसकी छोटी-सी बिकिनी के ऊपर घुमाया। मेरे स्पर्श से वह कांप उठी। फिर, मैंने उसके दाहिने स्तन को अपने बाएँ हाथ से उसकी बिकनी पर थपथपाया। उसके गोल बड़े और भरे हुए स्तन थे और मैं उसके उत्तेजना के कारण उसके खड़े निप्पल को महसूस कर रहा था और उसकी सांसें भारी हो गई थीं।

हालाँकि वह मेरी हरकतों से गर्म हो रही थी, उसने महसूस किया कि क्या हो रहा है और उसने मेरा हाथ धक्का दिया और मुझसे पीछे हट गई।

जेन-" इस तरह खुले में इतना नहीं ।"

मैंने कहा आई एम सॉरी, मैं अभी-अभी तुम्हारी हॉटनेस पर फिदा हो गया हूँ ।

वह मुस्कुराई और बोली, "ठीक है। मैं भी तुम्हारे चुम्बन से मोहित हो गई। अब, यहाँ से चलते हैं, इससे पहले कि कोई हमें पकड़ ले।"

मैं-"ठीक है"

हम मुख्य सड़क पर वापस आए और फिर अपने होटल की और चले। रास्ते में वह मेरे कानों में फुसफुसायी, "चुंबन कमाल का था। मैंने कभी इतने जुनून से चूमा नहीं था"

मैं-"मुझे भी बहुत अच्छा लगा, लेकिन, आपने मुझे पूरी तरह से संतुष्ट नहीं किया।"

जेन-मुझे पता है कि जब हम चूमेंगे तो तुम शरारती हो जाओगे। लेकिन, तुम मुझे इतनी बुरी तरह से चूमना चाहता थी, इसलिए मैंने स्वीकार कर लिया। लेकिन, आपके हार्मोन मेरे लिए बहुत सक्रिय थे और ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगी। "

मैं-"ठीक है। मैं तुम्हें महसूस करना चाहता था। तुम बहुत हॉट लग रही हो। तुम मुझे इतना उत्तेजित कर रही हो।"

जेन-"आमिर दुखी मत होइए। हमें अभी लंबा रास्ता तय करना है, मेरे जानू।"

और मुझे चूमा और ड्राइव के दौरान वह मेरी पीठ पर चूमती रही और मुझे रास्ते में जगह-जगह छूती रही मेरे लंड को दबाती और सहलाती रही जिससे मेरा उत्तेजना से बुरा हाल था!

मैं उसके शरीर को पूरी तरह से महसूस करने के लिए उतावला और पागल हो रहा था और उसकी हरकतें ने मुझे बहुत कामुक बना दिया था। मेरा लंड इन सभी स्थितियों को नहीं समझता था कि हम खुले में थे और सिर्फ अपने हिस्से की खुशी चाहता था

और तभी मुझे एक और साइड की और जा रही सड़क नजर आयी और उस पर "DEAD END AHEAD" का बोर्ड भी लगा था ।

अँधा क्या चाहे दो आँखे और मेरी बाइक उस सुनसान बंद रास्ते पर मुड़ गयी ।


मैं उसकी जांघों को महसूस करने लगा। उसकी जाँघ पर मेरे स्पर्श से वह झकझोर गई। उसकी जाँघे ह बिल्कुल नए तकिये की तरह मुलायम चिकनी और फूली हुई थी। मैंने धीरे-धीरे अपना हाथ उसकी जांघ को ऊपर-नीचे रगड़ना शुरू किया और उसकी सांसें भारी और भारी होती गईं।

उसका शरीर भरा हुआ है, बड़े स्तन, गोल नितम्ब और कमर पतली है। फिर मैंने उसे अपनी गोद में बैठकर ड्राइवर की सीट पर आने को कहा।

पहले तो वह झिझकी लेकिन मेरे पास आकर मेरी गोद में बैठ गई। इस समय तक, मेरा लंड मेरी जीन के माध्यम से कड़ा हुआ था। मैंने उसे उसकी सेक्सी चिकनी कमर से पकड़ लिया और उसे वापस अपने शरीर की ओर खींच लिया। इससे मेरा लंड सीधे उसके नितम्ब के गालों में चला गया और वह हांफने लगी।

मैंने उसे वहीं पकड़ लिया जब उसने अपनी आँखें बंद कर लीं। उसने मेरे लंड को उसकी गांड के नीचे महसूस किया। अपनी भारी सांसों के माध्यम से, उसने कहा, "आमिर तुम्हारा लंड इतना कठोर और विशाल हो गया है। यह मेरी गांड के नीचे बहुत अच्छा लग रहा है।"

मैं-"हाँ बेबी, अभी और भी बहुत कुछ है।"

हमने धीरे-धीरे बाइक चलानी शुरू कर दिया और मैंने उसे बाइक के हैंडल को अपने हाथ में लेने के लिए कहा और उसका हाथ पकड़कर उसका मार्गदर्शन कर रहा था मानो वह बाइक चलाना सिख रही हो। मैंने उसकी गर्दन को चूमने की कोशिश की और हम फिर से शुरू हो गए। इस बार, मैंने धीरे से उसके बाएँ कंधे पर एक किस किया।

वह कांपने लगी और बाइक से नियंत्रण खोने लगी। मैंने बाइक की संभाला, फिर मैंने बाइक के हैंडल पर अपना हाथ उस के हाथ पर टिका दिया। धीरे-धीरे गाड़ी चलाते हुए मैंने उसकी गर्दन को चूमना शुरू कर दिया, जिसके लिए उसने कर्कश आवाजें कीं और वे आवाजें मुझे पागल कर रही थीं। मेरा लंड उछल रहा था और उसकी गांड में थपथपा रहा था।

मैंने उसकी गर्दन को चाटा, हल्का-सा दंश दिया और पूरे गालो, कंधे और गर्दन पर चूमा। इन हरकतों से वह काफी हॉट हो रही थीं। मैंने बंद सुनसान सड़क के अंत में बाइक रोक दी। मैंने देखा वहाँ अँधेरा था और हमे देखने वाला कोई नहीं था।

मैंने उसका मुँह पीछे कियाऔर उसे किस करते हुए मैंने धीरे से उसकी कमर पर हाथ रख दिया। मैं उसके शरीर में गर्मी के निर्माण को महसूस कर सकता था। उसने अपनी पीठ मेरी छाती पर टिका दी और जोर-जोर से कराह रही थी। उसने अपना चेहरा बगल की तरफ कर लिया और मुझे किस करने लगी। मैं अपने हाथों को उसके स्तनों पर ले लिया और उन्हें बिकनी शर्ट के ऊपर महसूस किया।

मैं स्तनों को पूरी तरह महसूस कर रहा था। मैंने महसूस किया कि जेन के बड़े स्तन मेरे हाथों में पूरी तरह फिट हो गए थे। उसकी साँसे भारी हो गयी और वह बेतहाशा मुझे किस कर रही थी। फिर मैंने अपना हाथ उसके बिकनी टॉप के अंदर ले लिया।

मैंने कुछ देर तक उसकी बिकिनी के अंदर उसके स्तनों की मालिश की। मुझे उसके उभरे हुए निप्पल बिकनी से बाहर निकलते हुए महसूस हो रहे थे। मैंने उसकी बिकनी को ऊपर धकेला और उसके नंगे स्तनों को महसूस किया। , मैं स्वर्ग में था। वे स्तन गुब्बारों की तरह इतने मुलायम थे। वे मेरे हाथों में बिल्कुल फिट बैठते थे।

कहानी जारी रहेगी
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मजे-लूट लो जितने मिले


सातवा अध्याय-मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएँ

जेन के साथ गोवा की यात्रा

भाग 03

शुक्रवार की शाम

गोवा की सुनसान सड़क


कुछ देर तक उस सुनसान सड़क पर बाइक चलाते हुए मैंने उसकी बिकिनी के अंदर उसके स्तनों की मालिश की। मुझे उसके उभरे हुए निप्पल बिकनी से बाहर निकलते हुए महसूस हो रहे थे। मैंने उसकी बिकनी को ऊपर धकेला और उसके नंगे स्तनों को महसूस किया। मैं स्वर्ग में था। वे स्तन गुब्बारों की तरह इतने मुलायम थे। वे मेरे हाथों में बिल्कुल फिट बैठते थे।

मैंने स्तनों को सहलाया दबाया उनकी मालिश की, कभी-कभी निप्पल को अपनी उँगलियों से पकड़कर उन्हें खींचा और पिंच किया तो वह कराहे भरने लगती थी। "आमिर, तुम मुझे मार डालोगे, ओह आह! और करो! बहुत अच्छा लगता है।" फिर उसने घूम कर मेरे बाल पकड़ लिए और चुंबन के लिए मेरा मुँह अपने मुँह की ओर खींच रही थी।

वह मेरी गोद में उत्तेजना से पागल हो रही थी और मैंने लंड बाहर निकाल कर उसकी गांड से सटा दिया और वह मेरे लंड को अपनी नितम्बो और जांघो से पीस रही थी। लगभग 10-15 मिनट मैं बाइक घुमाता रहा और फिर एक कोने में बाइक को रोका और मैंने धीरे-धीरे अपना दाहिना हाथ नीचे किया और उसकी स्कर्ट के अंदर दाल कर उसकी चूत पर लगा दिया। वह मेरे स्पर्श से झटक गई और उछल गई और भारी श्वास के साथ एक उसने लंबी कराह निकाली।

जैसे ही मैंने अपना हाथ उसकी चूत पर रखा, मुझे वहाँ सब गीला महसूस हुआ। उसने अपना प्री-जूस इतना छोड़ा कि उसकी योनि क्षेत्र पूरा हिस्सा गीला हो गया था। मैं उसके रस में भीगा अपना हाथ अपनी नाक की ओर लाया। उसकी चूत की उस महक ने मेरे रोंगटे खड़े कर दिए। सुगंध ने मुझे इतनी जोर से उत्तेजित किया कि मेरा लंड पूरा सीधा हो गया। यह हिल गया और जेन की नितम्बो की दरार में घुस गया।

मैंने उसके स्कर्ट के ऊपर, हलकों में हाथ घूमाकर, धीरे-धीरे उसकी चूत की मालिश की। फिर धीरे-धीरे, मैंने अपने दोनों हाथों से उसके घुटनों तक, उसके स्कर्ट को नीचे करना शुरू कर दिया उसने अपने कूल्हे उठा कर सहयोग दिया। अब, उसकी उसके रस में पूरी तरह से भीगी हुई योनि मेरे सामने नग्न थी। मैंने ऊपर से उसकी चूत को छूने और मलने लगा।

मैंने उसके ऊपर गोल घेरे बनाए। वह अपनी नंगे नितम्बो पर बाइक पर बैठी थी, मेरा लंड बीच से-से उसकी गांड की दरार में घुसा और मैं उसके चिकनी बाल रहित नरम लव होल को महसूस कर रहा था और लंडमुंड उसकी योनि के ओंठो का चुंबन ले रहा था। मैंने अपने दाहिने हाथ से उसकी चूत को सहलाया।

मैंने मोटरसाइकिल की फिर चलाया यू टर्न लिया और फिर से मोटर साइकिल चलाने लगा। मैंने अपना एक हाथ उसकी चूत पर दबाया और वह मेरे कानों में कराह उठी। धीरे-धीरे मैंने अपना हाथ योनि पर ऊपर-नीचे रगड़ना शुरू किया और दूसरी तरफ से मेरा लंड उसकी योनि के ओंठो और छेद के द्वार की मालिश कर रहा था। फिर मैंने अपनी बीच की उँगली से उसकी चूत के होठों के बीच ऊपर और नीचे मला। उसकी सांस तेज हो गई है। रगड़ते हुए मैंने अपनी उंगली अंदर डाली।

यह उसके रस के कारण इतनी आसानी से अंदर फिसल गयी। मेरी ऊँगली पूरी तरह से उसके छेद में घुस गयी और अब मैं उसकी चूत के अंदर अपनी उंगली घुमाने लगा। वह उत्तेजना के आसमान पर र थी। फिर मैंने उसे अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया, जिसके कारण वह नियंत्रण से बाहर हो रही थी।

मैंने अपनी दूसरी उंगली भी डाली। उसने भारी सांसों के साथ एक हल्की चीख निकाली। मैंने धीरे-धीरे उसे अपनी दो अंगुलियों से लगभग 5 मिनट तक धीरे-धीरे चोदा। फिर, मैं उन्हें अपनी नाक के पास ले आया और वह सुगंध मन को मोह लेने वाली थी। मैंने अपनी उँगलियाँ मुँह में डालीं और उसकी चूत का स्वाद चखा।

जेन की चूत का स्वाद लाजवाब था, यह देख रही थी मैं क्या कर रहा हूँ। उसका चेहरा दंग रह गया, जब उसने देखा कि मेरी उंगलियाँ उसके रस से भरी हुई हैं, मेरे मुँह में जा रही हैं।

जेन-"मेरा स्वाद कैसा स्वाद लगा?"

मैं-"आप स्वयं चख लो।"

इतना कहकर मैंने फिर से उसकी चूत में अपनी उंगलियाँ डाल दीं। मैंने उसे उसका रस चखने के लिए देने से पहले उसकी योनि के साथ थोड़ा खेला।

उसने मेरी उँगलियों को लॉलीपॉप की तरह चूसा और चूसते हुए वह कराह रही थी।

जेन-" अगर मुझे पता होता तो यह कितना अद्भुत होता। हैं मैंने बहुत पहले अपने रस का स्वाद चख लिया होता,

मैं-"हाँ सुश्री जेन बेबी, आज आप अपने जूस से बहुत ज्यादा चखोगे।"

इतना कह कर मैंने उसकी गर्दन पर एक किस किया और उसकी चूत में फिर से अपनी ऊँगली करने लगा। मैंने उसके छेद में अपनी उंगलियोंको अंदर बाहर करने की गति बढ़ा दी। मैंने मोटर साइकिल रोकी और अपने बाएँ हाथ से उसके स्तनों को दबाकर उसके निप्पलों को चुटकी बजाते हुए दाए हाथ की ऊँगली अंदर बाहर करने लगा। साथ ही मैं उसके कंधे, गर्दन और कॉलर बोन को चूम रहा था, काट रहा था और चूस रहा था।

वह जोर से कांप रही थी और मेरे लंड को अपने नितम्बो के बीच पीस रही थी। अगर कोई हमें बाइक पर देखता है, तो उन्हें शायद अंदाजा होता कि कुछ शरारती चल रहा है। लेकिन वहाँ दूर-दूर तक कोई नहीं था । यह 10 मिनट तक चला और मैं उसके कामोन्माद निर्माण को महसूस कर सकता था। मैंने इसे दूसरे स्तर पर ले जाने और उसे याद रखने के लिए एक अद्भुत संभोग देने का फैसला किया।

मैंने फिर से यू टर्न लिया और बंद छोर तक चला गया। मैंने उसके कंधे पर एक बाइट देते हुए और उसके निप्पल को जोर से दबाते हुए उसकी चूत में तीसरी उंगली डाली। इसने उसकी चूत के होठों को मेरी उँगलियों में मिला दिया, कस कर पकड़ लिया और उसे सहला दिया। वह फुदक गई और उसका सारा रस ड्राइविंग सीट पर बह गया। उसने मेरे बाल पकड़ लिए और अपने नाखून मेरे सिर में खोद लिए।

उसने 40-50 सेकंड में बहुत सारा रस छोड़ा। जैसे ही उसका रस निकला, उसकी जोर की कराह कर धीरे-धीरे थम गई। वह जोर-जोर से सांस ले रही थी और कराहने की आवाज दे रही थी। अंत में, जब उसका संभोग समाप्त हो गया, तो उसे होश आया। मैंने अपना हाथ हटा दिया और कुछ रस लेते हुए उसे पूरी तरह से चूसा।

उसने मेरे बाल छोड़े, पीछे मुड़ी और मुझे गहरा चूमा, मेरे मुँह से उसका रस चखा। मैंने उसे मुड़ने और मेरा सामना करने के लिए कहा और मैंने उसके स्तन चूसे और फिर हमने ऐसे ही 10 मिनट तक किस किया। उसके नीचे की बाइक की सीट उसके जूस में पूरी तरह से भीगी हुई थी। मेरी जीन भी गीली हो गयी थी, क्योंकि मैं अपनी जांघों पर गीलापन महसूस कर सकता था।

उसकी स्कर्ट उसके घुटनों पर थी। उसकी बिकनी उसके स्तनों से ऊपर थी, मैं फिर मोटर साइकिल का चक्कर मार कर सुनसान सड़क के बंद छोर पर पहुँच गया और पूरी तरह से पीछे की ओर झुक गया। वह मेरे सामने अपने पैरों के साथ बैठी थी। हमने उस पोजीशन में जानवरों की तरह किस किया।

किस करते हुए मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया। वह मेरे लंड को अपने हाथ से महसूस करने पर हांफने लगी।

जेन-"यह बहुत कठोर और बड़ा हो गया है।"

मैं-"हाँ बेबी, यह तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है, इसे भी कुछ प्यार दे दो।"

उसने मेरे लंड की लम्बाई पर अपना हाथ रगड़ना शुरू कर दिया, जिससे मेरी उत्तेजना और बढ़ गयी। मैंने अपने दोनों हाथों से उसके स्तन पकड़े और जोर से दबाया। उसके निप्पलों को पिंच किया और उन्हें खींच लिया, जिसके लिए उसने मेरे डिक को मजबूती से पकड़कर जवाब दिया, की उसे दर्द हो रहा था।

उसने मेरा लंड मेरे अंडरवियर के छेद से पूरा बाहर निकाल लिया । जेन के पीसने और रसो के स्खलन की वजह से मेरे अंडे पहले भीगा हुआ था।

जेन ने मेरा अंडरवेअर[b] और मेरे पेण्ट को निकाल दिया और मेरा लंड ऐसे तुरंत बाहर निकल आया, मानो कुछ ताजी हवा लेना चाहता था। वह मेरा लंड देखकर हांफने लगी।[/b]

जेन-" हे भगवान। , यह बहुत बड़ा और स्वादिष्ट लग रहा है,

"मैं-" हाँ बेबी, यह आपके द्वारा महसूस किए जाने के लिए बहुत लंबे समय से इंतजार कर रहा है।

जेन ने मेरे लंड के सिर को छुआ, अपने अंगूठे से और मुझे एक झटका लगा जिसने मेरे शरीर को हिला दिया। अपनी दो अंगुलियों का उपयोग करते हुए मेरे लंड को कस का पकड़ा और हाथ को नीचे की ओर खींचा और मेरे लंड के गुलाबी शीर्ष को उजागर किया, जो कि प्रीकम और जेन के रस में भीगने के कारण चमक रहा था। उसकी निगाहें मेरे लंड पर टिकी थीं और मैं उनमें उसकी भूख देख सकता था।

वह मेरी झांटो के बालों से खेलने लगी और उन्हें खींचा तो मैं कराह उठा। उसने फिर से मेरे लंड को मजबूती से पकड़ा और धीरे-धीरे हाथ ऊपर-नीचे करने लगी। उसने अपना दूसरा हाथ भी इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। दोनों हाथों से वह धीरे-धीरे मेरे लंड को सहला रही थी। उसने मेरी लंड को मजबूती से पकड़ कर हाथ नीचे की ओर खींचा और फिर से ऊँगली पूरी तरह ऊपर की ओर खींची।

उसने कुछ देर ऐसा किया और अचानक रुक गई और मुझे देखकर मुस्कुरा दी। फिर, वह धीरे से मेरे लंड पर झुक गई। मैं पहले से ही पूरी तरह से उत्तेजित था और अब वह मेरे लंड को चूसने वाली थी। बस उसे मेरे डिक की तरफ झुकता देख मेरा लंड बिकुल कड़ा हो गया और मेरा ऑर्गेज्म तैयार हो रहा था। लेकिन, उसने मेरे लंड के ठीक ऊपर रुककर मुझे चौंका दिया और उस पर थूक दिया।

उसने मेरे लंड को अपनी लार से भीगो दिया और फिर से सहलाने लगी। मैं थोड़ा निराश हुआ और उसके स्तन पकड़ लिए। मैंने उसके निप्पलों पर चुटकी ली, लेकिन उसकी लार बहुत गर्म थी। उसके हाथ इतने फिसलन वाले हो गए कि इससे उसके स्ट्रोक बहुत चिकने और तेज़ हो गए।

एक हाथ से वह मुझे सहला रही थी और दूसरे हाथ से मेरी गेंदों को कस कर पकड़ कर उन्हें निचोड़ रही थी। इससे मुझे हल्का दर्द हुआ और मेरे मुंह से एक कराह निकली। वह दूसरे हाथ से मेरी गेंदों की मालिश करने लगी। उसने जोर से मेरे लंड को सहलाया।

वह लार डालती चली गई और अपनी गति बढ़ा दी। मैं अपने कामोत्तेजना के निर्माण को महसूस कर सकता था और मैंने उसे यह बताया। उसने और भी तेजी से स्ट्रोक किया और मेरी गेंदों को कसकर निचोड़ा और आईने भी उसके स्तन दबाए।

मैं-"मैं स्खलित होने वाला हूँ, बेबी।"

मैंने अपनी गांड को ऊपर की ओर धकेलना शुरू कर दिया, उसके स्ट्रोक से मेल खाता हुआ और फिर मेरा शरीर जोर से कराहने लगा। गर्म सह की धारा के बाद धारा बह निकली। पहली धारा जेन को उसके होठों और नाक पर लगी।

उसके स्तन के लिए एक धारा चली गई और बाकी उसके हाथों पर गिर गई और सीट पर बह गई। मेरा स्खलन 30 सेकंड तक चला, जो काफी लंबा और तीव्र था। मैंने आराम कियाऔर मेरे लंड ने सह बाहर फेंकना बंद कर दिया।

मैंने जेन को यह कहते हुए चूमा "धन्यवाद बेबी, मुझे इसकी बहुत जरूरत थी । हवाई जहाज में बैठने से लेकर यहाँ तक मुझे इसकी बहुत आवश्यकता थी और ये मेरे पूरे जीवन में अब तक का सबसे अच्छा संभोग सुख में से एक था।" उसने बस एक मुस्कान दी और धीरे से अपना सह लेपित हाथ अपने मुँह की ओर लायी और मेरा सारा सह चाट लिया। इससे मेरे शरीर में एक और झटका लगा और मेरा लंड फिर से हिल गया।

उसने यह देखा और एक मुस्कान दी और मेरी ओर झुक गई। उसने मुझे चूमा, मुझे अपने होठों से मेरे सह का स्वाद दे रही थी। मेरे सह ने नमकीन स्वाद लिया, लेकिन यह उसके होठों से ज्यादा अच्छा लगा। हमने उस पोजीशन में 5 मिनट तक किस किया। इसी बीच मेरा लंड फिर से सख्त हो गया औरअब उसका पेट सहला रहा था।

उसने मुझे एक फूहड़ मुस्कान दी और मेरा लंड फिर से चूमने के लिए नीचे झुक गई। जैसे ही उसके होंठ मेरे लंड को छूने ही वाले थे, हमने अपने पीछे कुछ रोशनी देखी। जिससे हम दोनों डर गए। जेन ने तुरंत सर ऊपर खींच लिया और यात्री सीट पर चढ़ गयी और अपनी पोशाक को समायोजित किया।

मैं ड्राइविंग की स्थिति में वापस आ गया। और धीरे धीरे मोटरसाइकिल चलाने लगा  हमने पीछे मुड़कर देखा तो एक कार हमारी ओर आ रही थी। हमने कार में एक जोड़े को देखा और अनुमान लगाया कि वो भी  हमारी तरह आनंद लेना चाहते थे या गाड़ी चलाना सीख रहे  थे। हम दोनों ने एक-दूसरे को देखा और अपनी स्थिति पर हंसे और  होटल जाने का फैसला किया।

जेन ने अपनी स्कर्ट  ठीक की  और पाया  कि यह उसके रस और मेरे सह में भीगी हुई थी। मैं इसे अपनी नाक की ओर ले आया और हमारे रस को सूंघ लिया।

जेन ने मुझे चूमा और कहा, "यह अद्भुत था। आज जो हुआ उसे मैं कभी नहीं भूल सकती। इतने अद्भुत समय के लिए धन्यवाद।"

 मैंने फिर उसे सामने आकर मेरे आगे सड़क की ओर मुंह करके अपनी गोद में बैठने को कहा। मैंने उसे चूमा और लंड बाहर निकाल लिया और  मैंने उसकी स्कर्ट को  फैला दिया कि उसने मेरा लंड ढक दिया। मेरे लंड ने उसके गोल हिप्स के बीच में उसकी चूत के होठों को छुआ और  वो ड्राइविंग सीट पर  मेरे लंड के ऊपर  बैठी थी। अंधेरा था हमने  मोटरसाइकिल धीरे से चलाई। किसी  को पता नहीं चलने वाला था की उसकी स्कर्ट के नीचे पेंटी नहीं थी और मेरा लंड उसकी चूत से चिपका हुआ था और और इस तरह मजे लेते हुए  उस सुनसान  रास्ते पर मोटरसाइकिल चला  रहे थे  पर उस सफर में मुझे और जेन को बहुत मजा आया था .  

कहानी जारी रहेगी
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