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Adultery पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ नौजवान के कारनामे
पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 18

अंतरंग हमसफ़र






नाश्ता ख़त्म करने के बाद हमने मंदिर में जाने का फ़ैसला किया और महर्षि अमर मुनि गुरूजी की आज्ञा अनुसार दूध और दही से लिंग महाराज और कुलदेव का विधि पूर्वक पूजन किया और गऊ के लिए रोटी, चींटी के लिए आटा और अनाज दाल, पक्षियों के लिए अनाज और आटे की गोली और कुछ रोटी घी और चीनी इस सभी का दान दिया ।

मंदिर से आते हुए मैं सोच ही रहा था ... मेरी पहले अन्य महबूबाओं के अतिरिक्त मेरी चार स्थायी प्रेमिकाए पहले ही हैं रोज़ी रूबी मोना और टीना—इनकी कहानी आप मेरी इस फोरम पर अन्य कहानी मेरे अंतरंग हमसफ़र में पढ़ ही रहे हैं और गुजरात आने के बाद मेरे सेक्स जीवन ने कैसी जबरदस्त करवट ली है

सबसे पहले यहाँ मेरे सम्बन्ध मेरे सेविका आशा से बने ... फिर मानवी भाभी उसके बाद मेरे सम्बन्ध रुसी सुंदरी ऐना से बने, फिर मैंने रुपाली भाबी, ईशा। चेरी और हेमंती और कामिनी के साथ सम्भोग किया


[Image: 3s4.gif]

और अभी मुझसे चुदने को कामिनी की तीनो बहने जो वृद्ध हीरा की पत्निया थी, हेमा, रीती, मरीना, लिली, डेजी, रीती, प्रियंवदा, ऐश्वर्या भाभी और अन्य चारो भाभियाँ हैं ...

वापिस आये तो मैंने कामिनी और उसकी तीनो बहनो रजनी चांदनी और मोहिनी तथा बाबा की चारो बेटिया मीना, मधु सोना और सबसे छोटी रौशनी का परिचय माँ। पिताजी, महाराज और ताईजी से करवाया और उनको बताया कैसे इनकी जिम्मेदारी बाबा ने मुझे सौंप दी है और अब ये मेरे साथ ही रहेंगी ... इससे पहले की घर का कोई सदस्य कुछ कहता मैंने उन सबको मानसिक तौर पर इनका परिवार में स्वागत करने को त्यार कर दिया और सभी मेरे पास खड़ी हो गयी ... तो मैंने ईशारा किया तो सबने माँ। पिताजी, महाराज और ताईजी के चरण छू कर अभिनन्दन किया और आशीर्वाद लिया ... तो मैंने कहा हम एक बार हॉस्पिटल में उन वृद्ध हीरा की तबीयत के बारे में पता करने के बाद बाज़ार हो कर आते हैं, मैं इन्हे कपडे और ड्रेसेस दिलवा देता हूँ

यदि मेरे प्रवृति जैसे किसी को ऐसी शक्तिया मिले तो उसे सबसे पहला ख़्याल क्या आएगा । मैं ये ही सोच रहा था की इस बीच राजमाता कामिनी उसकी बहनो और लड़कियों को बोली आप सभी अस्पताल जाने से पहले अपने वस्त्र बदल ले उनकी व्यवस्था कुमार की सचिव हेमा कर देगी । और उनके ठहरने की व्यबस्था रानीवास में करने का निर्देश मेरी सचिव को और महाराज के सचिव को दे दिया ...

तो पिता महाराज बोले आप हॉस्पिटल और बाज़ार बाद में चले जाना अभी राज पुरोहित जी आ रहे हैं आज विवाह संकल्प लिया जाना है और उसके बाद कुछ ज़रूरी पारिवारिक रस्मे जो विवाह के समय करनी होती हैं उन्हें पूरा कर लेंगे और उनमे सभी की उपस्थिति ज़रूरी होगी ।

उसके बाद राज पौरोहित ने छोटा-सा यज्ञ कर पिताजी और महाराज से विवाह संकल्प करवाया और सब परिवार वालो ने पूजा की और उसके बाद सब महिलाओ ने कुछ रीती रिवाज़ पूरे किये ... शेष रीती रिवाज़ सायकाल में किये जाने थे जिसमे मेरी उपस्थिति परिवार का सदस्य होने के नाते आवश्यक थी ...

पूजा समाप्त होने के बाद कामिनी मेरे पास आयी और बोली हम सब हॉस्पिटल में बाबा से एक बार मिलने के बाद अपने निवास स्थान वापिस जा कर अपना कुछ सामान लाना चाहती हैं और जैसा की बाबा ने निर्देश दिया था आपको भी एक बार वहाँ आना होगा ... उस समय भाई महाराज भी मेरे समीप ही खड़े थे ...


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वो स्थान सूरत के पास था जहाँ जाने में सड़क मार्ग से लगभग 2-3 घंटे लगते थे और फिर वापिस आने के लिए आज समय अपर्याप्त लग रहा था तो मैंने उन्हें सुझाव दिया वह आज दोपहर में चली जाए मैं कुछ देर बाद रस्मे पूरी करके साय काल में उन्हें लेने आ जाऊँगा ... और इसकी व्यवस्था करने के लिए मैंने हेमा को बुलाया तो भाई महाराज बोले आने जाने की व्यवस्था हम हेलीकाप्टर से करवा देते हैं ... आप साथ ही चले जाओ और जल्दी से लौट आओ ...

हेमा मेरे पास आ कर बोली ... जब आप लोग पूजा कर रहे थे तो हॉस्पिटल से आपके लिए फ़ोन आया था और उन्होंने बताया हीरा बाबा अब काफ़ी स्वस्थ हो गए थे और वह छुट्टी करवा कर चले गए हैं और उन्होंने अपने परिवार को बोला है मेरी चिंता मत करो अब मैं अपनी साधना करूंगा और आप दीपक के साथ ही रहना और मेरे लिए सन्देश भेजा हैं की मुझे एक बार इनके साथ बाबा के निवास पर जाना होगा ... ये सन्देश सुन कर भी उनका पूरा परिवार शांत रहा

मैं सोचने लगा किसी ने के साथ यदि ऐसा होता तो वह कितना आंदोलित होता परेशान होता और उसकी पत्नि और बेटिया तो निश्चित तौर पर रोने लगती क्योंकि उनका पति और पिता अब उन्हें हनेशा के लिए छोड़ कर चला गया था ... पर वह सब की सब शांत थी ... निश्चित तौर पर हीरा बाबा ने उन्हें अंगूठी के प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए पहले ही मानसिक तौर पर इसके लिए त्यार कर दिया था ...

फिर मैंने जब पिताजी और भाई महाराज से प्रस्थान की आज्ञा मांगी तो पिताजी ने आज्ञा दे दी और अपने माँ पिताजी और राजमाता अपने कक्ष में विश्राम के लिए चले गए

भाई महाराज एकांत में मुझे बोलै की ये सब लड़किया बहुत सुन्दर हैं और मुझे उन्हें अपने पास ही रखना चाहिए ... ऐसा निर्मल और कोमल सौंदर्य अन्यत्र ढूँढने के लिए मुझे काफ़ी प्रयत्न करना होगा और अब मुझे अपने लिए रानिवास (हरम) भी बनवा लेना चाहिए और इसके लिए मुझे जो भी धन चाहिए वह कोषाध्यक्ष से लेने की आज्ञा दी ...

और फिर महाराज ने आज्ञा दी की अपनी सचिव हेमा और- अंगरक्षिका मरीना को भी साथ ले कर जाओ और सांयकाल से पहले लौट आना ... और कुछ अन्य सेवक भी ले जाओ


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तो इस पर कामिनी बोली अन्य सेवको की आवश्यकता नहीं है ... वहाँ सब व्यवस्था है और उसने महाराज को भी वहाँ पधारने के लिए आमंत्रित किया ...

जिस पर महाराज बोले विवाह संकल्प लेने के बाद हमारे परिवार की परम्परा में वर को अन्य कार्य करने निषिद्ध हैं । बाद में कभी मेरे साथ अवश्य आएंगे.

उसके बाद मैं अपनी सचिव हेमा अंगरक्षिका मरीना और हीरा की पत्नियों और पुत्रियों के साथ विमान की और रवाना हो गया.

अब मुझे अंगूठी की शक्तियों का क्या, कैसे और किस पर प्रयोग करना चाहिए । मैं रास्ते में ये ही सोच रहा था ... वायु मार्ग से कामिनी ने जो रास्ता बताया वह छोटा ही था ... जल्द ही हम वृद्ध हीरा के निवास के पास पहुँच गए ...


जारी रहेगी
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getting more and more interesting. thanks for sharing. would it be convenient to add larger updates please
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 19


वृद्ध हीरा का निवास स्थान




महल से हीरा के घर तक के रास्ते में मैं सोच रहा था की अब इस नगूठी का प्रयोग मैं कैसे और किससे शुरू करून .. अगर किसी को ऐसे शक्तिया मिले तो सबसे पहला विचार आता है की मेरे पास बहुत सारी धन दौलत, सुन्दर स्त्रियों और आलिशान घर और सुखमय और आनंदमय शानदार जीवन के लिए सुविधाएं जुटाने का विचार आता है ..

दादा जी की वसीयत के हिसाब से और पिताजी के व्यापार के कारण और मेरी खुद की एक अंतर्राष्ट्रीय कपंनी में नौकरी के कारण मुझे कभी धन दौलत की कमी महसूस नहीं हुई थी ,, फिर भी मुझे लगा की अगर जरूरत होगी तो भाई महाराज के कोष से आवश्यकता अनुसार धन ले लूँगा ..



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और सुन्दर स्त्रियों की भी मेरी सेक्स लाइफ में कभी भी कोई कमी नहीं रही थी परन्तु फिर भी मुझे नयी नयी लड़कियों से मिलने और उनके साथ सेक्स करने में अलग ही आनंद मिलता था ,, और अब तो मेरे पास ऐसी शक्ति भी थी जिससे मैं इस लड़कियों को नियंत्रित भी कर सकता था और अपने और उनके सेक्स के आनद को बढ़ा सकता था .., तो मैंने शुरुआत सेक्स से ही करने की ठानी .. और भाई महाराज के सुझाव से बहुत पहले ही मैंने सूरत में घर खरीद लिया था जिसे मैंने अपना रानिवास ( हरम) बनाने का फैसला किया ..

हालाँकि जब मैंने कामिनी को पहली बार चोदा तो वो कुंवारी नहीं थी पर फिर भी उसकी एक दो बार चुदी हुई टाइट चूत तो चोदने में मुझे बहुत मजा आया था और जब उसकी चुत के मांसपेशियों ने मेरे लंड की जकड़ लिया था और संकुचन करने लगी थी तब मुझे लगा था जैसे उसकी चूत मेरे लंड को चूस रही थी और इसी कारण से मैं कामिनी को पसंद करने लगा था इसलिए मैंने उसके साथ ही अपने दिमाग को नियंत्रित करने वाले प्रयोग को शुरू करने का फैसला किया लेकिन मैं उसे बहुत ज्यादा बदलना नहीं चाहता था। बस कुछ मामूली सुधार और बदलाव करना चाहता था इसीलिए तदनुसार ही मैंने उसे अपना पहला मानसिक आदेश देना शुरू कर दिया।




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"आपका मूल चरित्र, पसंद-नापसंद वैसे ही रहेगा, लेकिन अब से आप हमेशा हर समय मेरे साथ सेक्स करना पसंद करेंगे और आप मेरे साथ सेक्स के दौरान कोई भी विचार, कल्पना या खिलौना आज़माना चाहेंगे चाहे वो कितना भी जंगली क्यों न हो , जो मुझे दिलचस्प लगे उसमे पूरा सहयोग करोगे । इसके अलावा, आप मेरे द्वारा अन्य महिलाओं के साथ यौन संबंध रखने के लिए पूरी तरह से सहमत रहोगे , और आपको खुद किसी अन्य अन्य पुरुष या पुरुषो में कोई दिलचस्पी नहीं है। एकमात्र पुरुष जिसके साथ आप यौन संबंध बनाना चाहते हैं, वो मैं हूं, और अगर मैं आपको इसके बारे में कुछ भी अलग तरीके से न बतायू तब तक आप सेक्स केवल मेरे साथ ही करने को इच्छुक रहेंगी । लेकिन आपको इस बात से कोई दिक्कत नहीं होगी कि मैं दूसरी लड़कियों को आपके सामने भी चोद रहा हूं क्योंकि आपको लगता है कि वास्तव में आप अकेली महिला हैं जिससे मैं प्यार करता हूं। वास्तव में, आप अन्य महिलाओं को भी आकर्षक लगने लगेंगी और महिलाये और लड़किया भी आपको आकर्षित करने लगेंगी । और जब भी मैं चाहूं, आपको अन्य लड़कियों के साथ मिलकर मेरे साथ जुड़कर व सेक्स करके आपको खुशी होगी। ” उस पल के लिए मैंने सोचा और फिर एक मुस्कराहट के साथ उसके लिए कुछ अच्छा करने के लिए एक आखिरी चीज जोड़ दी: "जब भी मैं आपके साथ संभोग कर रहा हूं, और अपने चरम उत्कर्ष पर पहुंचू तो आप भी हमेशा मेरे साथ ही चरम पर पहुँच कर आपको भी उसी समय संभोग का चरम सुख प्राप्त होगा।

मेरी सचिव हेमा ने कामिनी द्वारा निर्देशित कुछ फ़ोन किये और सूरत पहुँचने पर हम हवाई अड्डे पर उतरे और फिर कामिनी के निर्देश पर हेमा द्वारा व्यवस्थित एक प्रतीक्षारत कार से समुद्र तट की ओर चल पड़े। फिर हम समुद्र तट पर एक नाव पर सवार हुए, जो हमारा इंतज़ार कर रही थी और मैंने पाया कि यह समुद्र के किनारे से लगभग 15 समुद्री मील दूर यानि भारतीय क्षेत्र की सीमा के बाहर समुद्र में एक द्वीप था। (भारत की क्षेत्रीय सीमा तट से 12 समुद्री मील तक समुद्र की ओर फैली हुई है)।

कामिनी ने मुझे बताया यह पहाड़ों से छिपा हुआ और जंगली पेड़ों से आच्छादित एक निर्जन द्वीप जैसा दिखता है जिसे बेकार माना जाता है और यहां तक कि यहाँ के जंगल की लकड़ी को भी बेकार ही समझा जाता था जिसकी बाजार में कीमत उसे लाने के खरच से ज्यादा थी .. इस कारण इस द्वीप पर कोई नहीं आता था इसी कारण ये द्वीप पूर्णतया सुरक्षित था ।

द्वीप के तटों पर हमारा स्वागत कुछ पहरेदारों द्वारा किया गया जो छिपे हुए थे और हमारे पहुँचने के कुछ समय बाद प्रकट हुए और हमें एक महल नुमा निवास स्थान में ले गए जिसका रास्ता गुप्त था । महल राजसी था लेकिन छिपा हुआ था और इसे हवाई जहाज से भी देखना संभव नहीं था और इन पहरेदारों की मदद और सहयोग के बिना वहां पहुंचना लगभग असंभव था।



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मुझे एक राजसी हॉल में ले जाया गया .. फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या पसंद करेंगे ? क्या आपकी भूख लगी है ?" "

नहीं, मैं ठीक हूं, कुछ ठन्डे पेय या कॉफी या चाय से काम चल जाएगा और मैं आपसे जल्दी से पैकअप करने का अनुरोध करता हूं और अपने साथ केवल बहुत आवश्यक सामान ही ले . . बाकी सामान की व्यवस्था महल में हो जायेगी । हम यहाँ में जल्द से जल्द वापसी करेंगे।” मैंने कहा। कामिनी ने अपनी छोटी बहन से कहा कि वह उसका भी बैग भी पैक करे क्योंकि उसने यहाँ मेरे साथ रुक कर उनका साथ देने का फैसला किया है क्योंकि इन्हे ऐसे अकेला छोड़ना उचित नहीं रहेगा और मैंने हेमा और मरीना को महिलाओं की पैकिंग में मदद करने के लिए कहा।

.. कामिनी की बहने और हीरा की बेटिया और अन्य सभी लोग तुरंत हॉल से बाहर चले गए, मैं कामिनी के साथ अकेला रह गया और उसने मुझे बताया कि यह हीरा का सिंहासन है और मुझे उस पर बैठने को कहा . कामिनी बोली हीरा ने जो भी उसकी अंगूठी पहने उसे उसका उत्तराधिकारी जानकर कुछ चीजें सौंपने के लिए कहा था . चूँकि मैंने अब हीरा की अंगूठी पहनी है, इसलिए मुझे इस महल की कमान संभालनी है।

उसने समझाया कि इस हॉल के अलावा, वहां हीरा का एक हरम, एक बड़ा बगीचा है। और महल में हीरा के लिए एक बड़ा बेडरूम, स्नानागार और भोजनालय इत्यादि हैं । फिर एक खजाना कक्ष जहाँ सभी कीमती सामान रखे जाते हैं। इसके इलावा उसने मुझे कुछ कागज़ , और कुछ अन्य वस्तुए सौंपी जिनका खुलासा कहानी में आगे समय समय पर होगा ..

मैंने कामिनी को बोला अभी तो मैं परिवार में विवाह के कारण व्यस्त रहूँगा . अतः इस बस्तुओं को फिलहाल वो यही संभाल कर सुरक्षित रखे और यहाँ के व्यवस्थापक को बुलवा ले ..

कामिनी ने बताया कि यह द्वीप एक स्वतंत्र स्थान है और स्वाभाविक रूप से बाहरी दुनिया से छिपा हुआ है और हीरा ही इस भूमि का कानून था और केवल कुछ लोग ही ही शहर में सभी जरूरतों के लिए बाहर जाते थे जो हीरा के प्रति पूरी तरह से वफादार थे .. (मुझे पता था कि हीरा ने उन सबका दिमाग नियंत्रित किया है )। फिर कामिनी ने मुझे हीरा का ताज सौंप दिया गया और मुझे उनके सिंहासन पर बिठा दिया और इस महल और हरम को अपने लिए इस्तेमाल करने के लिए कहा.



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मेरे पूछने पर कामिनी ने मुझे बताया उस महल का व्यव्थापक एक षण्ड ( हिजड़ा ) है जिसका नाम बिजली है जो न केवल उस द्वीप का व्यवस्थापक था बल्कि पूरा कोष और उसके अंतर्गत ही द्वीप और महल की पूरी सुरक्षा व्यवस्था भी थी .. और वो हीरा का पूर्ण वफादार था .. ..

षण्ड बिजली जब आया तो कामिनी ने हीरा के निर्देश अनुसार मुझे इस द्वीप और महल और हरम की सब स्त्रियो का स्वामी घोषित किया और मैंने षण्ड बिजली को मानसिक तौर पर निर्देश दिए की वो अब मेरा वफादार रहेगा .. और मेरी अनुपस्थिति में कामिनी का पूर्ण वफादार रहेगा ..

कामिनी ने मुझे बताया द्वीप की और पूरे महल की सुरक्षा व्यवस्था षण्डो के हाथ में है .. तो मैंने सब षण्डो की सेना को नियंत्रित करने का निर्देश दिया की अब मैं ही उन सब का स्वामी हूँ .. और सुरक्षा में नियुक्त जो षण्ड वृद्ध हो गए थे या सेवा निवृत हो गए थे या होना चाहते थे. मैंने षण्डो के प्रमुख बिजली को उन्हें उचित धन दे कर बिदा करने का निर्देश दिया ,, और साथ ही उन्हें मानसिक निर्देश देते हुए वो कभी इस द्वीप पर आये थे , रहे थे , हीरा की सेवा में थे .. सब भूल जाने का निर्देश दिया .. ताकि स्थान का गुप्त होने का राज बना रहे ..

मैंने साथ ही अपनी सचिव हेमा और अंगरक्षक मरीना को भी मेरे प्रति वफादार रहने का निर्देश दिया ..

इसी प्रकार महल में रानिवास में और हरम में जितने भी सेवक और सेविकाएं जो वृद्ध हो गए या गयी थी थे या सेवा निवृत हो गए थे या होना चाहते थे मैंने षण्डप्रमुख बिजली को उन्हें उचित धन दे कर बिदा करने का निर्देश दिया ,, और साथ ही उन सेवक सेविकाओं को मानसिक निर्देश देते हुए वो कभी इस द्वीप पर आये थे , रहे थे , हीरा या उसके परिवार की सेवा में थे .. सब भूल जाने का निर्देश दिया ..

जो सेवक सेविकाएं अभी मेरे लिए अपनी सेवाएं देना चाहते थे उन्हें भी हीरा के बारे में सब भूल जाने और मेरी . मेरी अनुपस्थिति में कामिनी की और उसकी बहनो की आज्ञा मानने और मेरे अगले आदेश तक सेवा करने का निर्देश दिया और हम सब की अनुपस्थिति में प्रमुख षण्ड बिजली की आज्ञा पालन का निर्देश जारी किया ..




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जो लोग वहीँ रहना चाहते थे उन्हें भी मेरे प्रति वफादार रहने का निर्देश दिया और इसकी अनुमति दी और उनके रहन सहन के लिए उचित व्यवस्था करने का निर्देश षण्डप्रमुख बिजली को दिया


फिर सब मेरा आदेश मान रहे है ये जांचने के लिए सब को तीन बार अपने स्थान पर ही कूदने को बोला .. जिसका सबने पालन किया और जिससे पता चला सब मेरी सेवा के लिए ततपर थे


इसी बीच सेविका कुछ शीतल पेय ले आयी और जिसको पीने के बाद मैं तारो तजा महसूस करने लगा और यहां परीक्षण करने के लिए मेरा कामिनी पर नियंत्रण है, मैंने 5 बार कूदने की आज्ञा दी", "अपना पसंदीदा गाना गाना शुरू करें", "शेर की तरह दहाड़ें"। और निश्चित रूप से उसने मेरे सभी आदेशों का पूरी तरह से पालन किया जिससे आखिरकार मुझे विश्वास हो गया कि मैंने वास्तव में यह महाशक्ति प्राप्त कर ली है। इसलिए मैंने उसे इन 3 आज्ञाओं को भूल जाने की आज्ञा दी .. मैं कामिनी से अब एक चुंबन चाहता था और उसने मुझे एक त्वरित चुंबन दे दिया। मेरे मन में उसके साथ सम्भोग करने की भावना जागृत हो गयी क्योंकि उसकी योनि की सम्भोग के दौरान मांसपेशियां मेरे लंड के चारों ओर कस गयी थी और उसकी योनि की मांसपेशियों ने मुझे लंड चूसने का एहसास दिया था ।

मैंने उसे पौंआ चुम्बन करने का निर्देश दिया और इस बार हमने गहरा और लम्बा चुंबन किया फिर मैंने उसे बोला "ठीक है, अगर आप चाहती हैं तो आप जल्दी से मेरे लंड पर आ जाओ ?" मुझे उम्मीद थी कि इस सवाल ने उसे हतप्रभ कर दिया होगा और उसका जवाब होगा "क्या तुम पागल हो?" लेकिन अब। जैसे ही प्रश्न समाप्त हुआ, मैंने उसकी आँखों में एक चमक देखी और "जिस तरह से आप सोचते हैं वो मुझे पसंद है" के साथ उसने मेरी पैंट नीचे खींची, अपने घुटनों पर बैठ गई और मेरे लंड को चूसने लगी वो अद्भुत थी। जल्द ही जब मेरा लंड अपने पूरे आकार तक बढ़ गया तो उसने मुझे उस सिंघासन पर पीछे धकेल दिया, उसने अपना लेहंगा उतार दिया और मेरे इंतजार कर रहे लंड पर चढ़ गई। एक ही बार में मेरा लंड उसकी पूरी तरह से भीगी हुई चूत में पूरा समा गया और वह मेरी सवारी ऐसे करने लगी जैसे फिर कभी अबसर उसे नहीं मिलेगा ।



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उसकी योनि की मांसपेशियां मेरे लंड के चारों ओर कस गईं और उसके तरल पदार्थ मेरे लिंग के चारों ओर बहने लगे,

आज उसके साथ सम्भोग करते हुए मैंने पहले ही दो बार अपना वीर्य उत्सर्जित कर दिया था अन्यथा वह जिस गति से जा रही थी, मैंने शीघ्र ही अपना वीर्य स्खलित कर देना था .. वैसे तो अंगूठी की शक्तियों के कारण मैं अपना स्खलन भी नियंत्रित कर सकता था परन्तु मैंने काम की धारा के साथ बहने का निर्णय लिया और दो बार के पूर्व स्खलन के कारण मेरा तुरंत स्खलनं नहीं हुआ , लेकिन मुझे अभी भी लगा कि मैं इसे लंबे समय तक रोक नहीं सकता अगर वह इसी तरह जारी रही और मैंने जितना संभव हो सके रोकने की कोशिश की। दूसरी ओर मुझे पता था कि एक बार जब मैं अपना लोड शूट करूंगा तो वह वीर्य की मात्रा को देख बड़े आश्चर्य में होगी ।

मैंने बस उसका साथ देने का फैसला किया, उसकी गांड पकड़ ली और उसकी गति को और भी तेज कर दिया। उसे इस तरह से सवारी करने से यह फायदा हुआ कि उसके शानदार डी-कप आकार के स्तन मेरे चेहरे से टकरा रहे थे और मैंने उसके निप्पलो को बहुत मुश्किल से चूसना शुरू कर दिया, जबकि मैंने उसकी गांड को हाथ से कस कर दबाते हुए निचोड़ा। हम कुछ देर तक इसी तरह जारी रहे, हमारे दोनों की कराहे और धक्को की गति तब तक तेज होती गयी जब तक कि अंत में मैंने अपनी गेंदों में झुनझुनी महसूस नहीं की और उसके कुछ सेकंड बाद में मैंने अपना वीर्य उसकी गर्म योनी में गहरा भर दिया।

जैसे ही मैंने वीर्य की पहली पिचकारी मारी जो उसके गर्भाशय के द्वार से टकराई उसकी वासना से भरी तेज चीख निकली मुझे यकीन है कि महल के सभी गार्डों और निवासियों ने उसे सुना होगा। वो मेरे लंड पर कई बार हिली-डुली और मेरे लंड ने भी उसकी योनि के अंदर धक्के मार कर उसे तब तक थपथपाया जब तक वो थोड़ा शांत नहीं हो गई.

वाह, वह अद्भुत था" उसने फिर से कपड़े पहनते हुए कहा।

जल्द ही सभी महिलाएँ लौट आईं और कुछ चाय और हल्का भोजन करने के बाद हमने महल का एक छोटा सा भ्रमण किया .. बिजली को कुछ आवश्यक निर्देश दिए और फिर हम सब वापस सूरत के समुद्र तट की ओर चल पड़े।


जारी रहेगी
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 20


सेक्सी लाल रंग की पोशाक




नाव से सूरत के तट पर पहुँचने के बाद हम सिटी सेंटर पहुंचे और हमारे शहर के सबसे बड़े और सबसे महंगे डिपार्टमेंट स्टोर में गए और मैंने और कामिनी ने स्टोर के अधोवस्त्र विभाग का दौरा करने का फैसला किया था। मैंने लड़कियों को अपने कपड़े चुनने के लिए कहा और वहां पहुंचने पर, मैंने कामिनी के साथ गर्म अधोवस्त्रो को चुनना और देखना शुरू कर दिया और सेक्सी ब्रा, पैंटी और स्टॉकिंग्स सबने मुझ पर अपना प्रभाव छोड़ा। कामिनी के साथ और उनके परफेक्ट फिगर के साथ, उन अधोवस्त्र ने वास्तव में मेरी कामुकता को बढ़ा दिया और मेरा लंड पूरा कठोर हो खड़ा हो गया ।

जब हम वास्तव में एक बहुत सेक्सी लाल रंग की पोशाक को देख रहे थे तो एक अविश्वसनीय रूप से सुंदर, गोरी और सुनहरे बालो वाली सेल्सगर्ल हमारे पास आई: "हाय, मैं मिया हूँ, मैं आपकी कैसे मदद कर सकती हूँ?" उसने भांप लिए था की हम अच्छी राशि खर्च करने वाले हैं तो उसने पुछा आप क्या लेंगे चाय या कॉफ़ी .. मैंने कामिनी की और देखा तो वो बोली कॉफ़ी तो उसने पास ही खड़ी एक युवा लड़की को बुला कर दो कॉफ़ी लाने को बोला



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उसने कामिनी के आकार की कुछ पोशाक चुनी और हमें चेंजिंग रूम में ले जाना चाहती थी जब मैंने उसकी ओर देखा तो उसे बहुत आकर्षक पाया और उसे मैंने आदेश दिया "इसे ड्रेस को अपने आकार में भी ले लो, मैं चाहता हूं कि आप इसे हमारे लिए मॉडल करें। आप जो कर रहे हैं उससे आप पूरी तरह वाकिफ होंगे लेकिन आप मेरी बात मानने से खुद को रोक नहीं पाएंगे और जब तक हम यहाँ रहेंगे आप हमारे अलावा किसी और से बात नहीं करेंगे। और आप हमें चेंजिंग रूम से ज्यादा किसी अन्य निजी जगह . शायद स्टोरेज या ब्रेक रूम पर ले जाएंगी , । ” उसने मुझे देखा, पूरी तरह से चौंक गई लेकिन पहले से ही उसने अपने लिए सही आकार की पोशाक की तलाश शुरू कर दी थी ।

एक बार मिल जाने के बाद, उसने कहा "ठीक है, आप दोनों मेरे साथ आओ, हम इसे अपने ब्रेक रूम में आजमाएंगे, यह अधिक निजी है।" और फिर उसने फुसफुसाते हुए स्वर में कहा "कृपया मेरे साथ आप ऐसा मत करो, मैं ऐसा नहीं करना चाहती"। फिर भी, वह पहले से ही हमें 'केवल स्टाफ' दरवाजे के माध्यम से मार्गदर्शन करती हुई और हमें खाली ब्रेक रूम में ले गयी । कामिनी और मैं बैठ गए और मैंने कहा "ठीक है, अपने कपड़े उतारो ताकि आप हमारे लिए इस अधोवस्त्र का मॉडल बन सकें" और एक खामोश सिसकने के साथ, उसने अपने कपड़े उतारना शुरू कर दिया। अपने ब्लाउज के हर बटन खोते हुए उसने हर बार "नहीं, कृपया मत करो" कहा, लेकिन खुद को रोक नहीं पा रही थी और जल्द ही वह केवल अपने पेंटी होज में हमारे सामने खड़ी थी। वह कितनी सुन्दर थी! उसकी गोरी त्वचा, पूरी तरह से चिकनी और रेशमी, पूरी तरह से सपाट पेट के साथ एक पतली कमर को एक प्यारा सा नुकीला और मनमोहक बोल और बड़े स्तनों द्वारा पूरा किया गया था जो सीधे खड़े थे जैसे कि उसने वियाग्रा की एक पूरी डिब्बी निगल ली हो। वह बस बहुत खूबसूरत थी। वह बहुत प्यारी थी, मैंने उसके लिए भी इसे मज़ेदार बनाने का फैसला किया और इस तरह उसे एक और आदेश भेजा: "एक बार जब आप पूरी तरह से नग्न हो जाएंगे, तो यह पूरी चीज आपको इतनी कामुक बना देगी, आप अपने सभी डर और चिंताओं को भूल जाएंगे " वह अपनी पेंटीहोज और जाँघिया गिराने के लिए झुकी और अचानक मैंने उसके शरीर पर बहते हुए पसीने को देखा और वो थोड़ा कराहने लगी ।



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जब वह उठी तो मैंने उसके पूरी तरह से बाल रहित योनि होंठों के बीच गीलेपन की स्पष्ट चमक देखी। उसने अपने होंठो पर जीभ फेरी और भूख और वासना से भरी आँखों से मेरी ओर देखा। एक सेकंड बाद में वह मेरे ऊपर थी, मेरी कमीज फाड़ते हुए बड़बड़ाते हुए बोली "मुझे नहीं पता कि मैं क्या कर रही हूँ, मैं खुद को रोक नहीं सकती ... मुझे इसकी ज़रूरत है ... मैं बहुत कामोत्तेजित हो गयी हूँ ... मुझे आप अपना लंड दीजिये .. मुझे अब लंड चाहिए ..." और उसने मेरे सब कपडे उतार डाले और जिस क्षण मैं नग्न हुआ , वह अपने घुटनों पर बैठ गई और मेरी खड़े हुए कठोर लंड को अपने ओंठो में उसने ऐसे ले लिया जैसे कि उसे तपते हुए रेगिस्तान में ठंडा पानी मिल गया हो।

उसने मेरा लंड चूसा और चाटा जैसे कि उसका जीवन उसी पर निर्भर था। उसने मेरे लंड की जिस तन्मयता से चूसा उस मुझे स्वर्गीय आनंद मिला , इस बीच मैंने कामिनी को मिया के पीछे धीरे से कपड़े उतारते देखा। यह बेहतर और बेहतर होता जा रहा था। जब कामिनी पूरी नग्न हुई , तो उसने मिया के पीछे घुटने टेक दिए और बिना किसी चेतावनी के मिया की टपकती हुई योनी को चाटना शुरू कर दिया। इस नई उत्तेजना से आश्चर्यचकित होकर मिया खुशी से झूमने लगी लेकिन एक बार भी उसने मुड़ कर चाटने वाली को देखने के लिए मेरे लंड को चाटना बंद नहीं किया।

मैंने इस दृश्य का आनंद लिया और मिया के अपने डिक के चारों ओर कुछ और क्षणों के लिए कराहते हुए चाटने दिया, फिर मैंने मेरा लंड चूसने वाली उस सुंदरी को पकड़ा, उसे ऊपर खींच लिया और उसे बहुत्त देर तक चूमता रहा और उसे टेबल पर बिठा दिया और उसके स्तनी को पहले सहलाया फिर उसके निप्पलों को चूमा और स्तनों को जोर से पकड कर दबा दिया



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फिर एक तेज और जोरदार धक्के के साथ मैंने अपना तलवार जैसा लंड उसकी टपकती हुई कुंवारी चूत की चीरते हुए गहराई तक अंदर घुसा कर दबा दिया और जब मैंने उसकी गर्भाशय ग्रीवा पर चोट की, तो उसने वासना, दर्द और उत्तेजना भरी एक तेज और लंबी चीख निकाली आह मर गयी ओह्ह्ह्हआअह्हह्ह्ह्हमाररररररड़ड़ड़ड़डालअअअअअ । और मैंने अपना मुँह उसके मुँह पर लगा कर उसे किस किया और उसे छोड़ा तो वो लेट गयी और फिर मैंने लंड को झटके से पूरा बाहर निकाल लिया तो मेरा लंड उसके रस और कुंवारे लहू से सना हुआ था और दूसरे धक्क्के के साथ मैंने उसे आदेश दिया झडो-CUM. और वह मेरे लंड के चारों ओर कंपकंपी और ऐंठन करने लगी। "हाँ हाँ हाँ हाँ हाँ मैं गयी ओह्ह्ह्ह आआहहहहहहह्ह्ह्ह हूँ !" वह चिल्लाई

और जब वो झड़ रही थी तो उसकी योनि के संकुचन ने मुझे भी लगभग चरम उत्कर्ष के करीब पहुंचा दिया, लेकिन अभी उसके साथ सम्भोग करते हुए मेरी तस्सल्ली नहीं हुई थी । वह अभी भी बंद आँखों से सम्भोग के चरमउत्कर्ष से नीचे आने की कोशिश कर रही थी, मैंने कामिनी को मेज पर चढ़ने और उसके चेहरे पर बैठने का इशारा किया। जब मिया ने महसूस किया कि उसके चेहरे पर छाया पड़ रही है, तो उसने अपनी आँखें खोलीं और एक बार फिर उसके चेहरे पर झटका लगा: "नहीं, नहीं, मुझे लड़कियां इस तरह से पसंद नहीं हैं, मैं ऐसा नहीं करना चाहती! कृपया नहीं!" - "क्या आप चाहते हैं कि पहले मैं आपको चोदता रहूं? उसके बाद तुम उस चूत को चाटोगी !" मैंने उत्तर दिया। कामिनी की गीली योनी इस बीच मिया के चेहरे पर लगभग पहुँच ही चुकी थी और उसकी योनि से टपकते हुए रस की पहली बूंद नाक और होठों पर गिर गयी थी लेकिन वह अभी भी दूर जाने की असफल कोशिश कर रही थी। "इसे चाटो", मैंने मिया को आदेश दिया और तुरंत उसने कामिनी की गांड पकड़ ली और योनि के होंठो पर अपने होंठ लगा लिए और जीभ से चाटने लगी ।



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आह आह करती हुई कामिनी एकदम से जोर जोर से कराहने लगी और मैंने अपने सामने लेटी हुई मिया की खूबसूरत ब्रिटिश योनि को चोदना शुरू कर दिया। इस बीच कामिनी आगे झुक कर मुझे चूमने लगी और मैं कामिनी के होंठो और जीभ को चूसते हुए मिया को च रहा था वही मिया मुझ से चढ़वाते हुए कामिनी की योनि चाट रही थी और कामिनी अपने छूट मिया से चटवाते हुए मेरे को किस कर रही थी ".. अद्भुत आनद आ रहा था और ये मिया और कामिनी के लिए यह उस समय तक क का सबसे अच्छा सेक्स है ।

'कोई अन्य लंड आपको इस तरह खुश नहीं करेगा। आपको यह लंड चाहिए बोलता हुआ मैं उसे चोद रहा था । और वह अपने दूसरे कामोन्माद की लहर पर सवार होकर कामिनी की चूत में चीख पड़ी।और कांपती हुई झड गयी मैंने उसे धक्के देना जारी रखा और उसका दूसरा ओर्गास्म अभी भी बंद नहीं हुआ था जब वह तीसरे से धुल गई थी।

वह अब समन्वित तरीके से हिल भी भी नहीं पा रही थी। उसका शरीर और अंग केवल अनियंत्रित रूप से कांप रहे थे और हिल रहे थे, लेकिन इस बीच उसने चाटते हुए कामिनी को चार्म उत्कर्ष के किनारे से आगे धकेल दिया और उसने मिया के पूरे चेहरे को अपने रस से ढक दिया, और अब दोनों सम्भोग सुख के आन्नद में कराहते हुए चिल्ला रही थी।

गोरी मिया के चेहरे पर कामिनी के रस को चमकते हुए देखना आखिरी बूंद थी जो मुझे अपने चरमोत्कर्ष तक पहुँचने के लिए भी चाहिए थी।




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मैं उस बिंदु पर पहुंच गया जहां मैं अब और नहीं पकड़ सकता था, मैंने महसूस किया कि मेरी गेंदें सिकुड़ रही हैं मैंने उसके चौथे चरमोत्कर्ष को ठीक उसी समय चरम पर जाने दिया, और मैंने अपने गर्म बीज को उसके गर्भ में गहराई से पिचारी मार कर दाल दिया, जबकि ठीक उसे समय कामिनी भी दुबारा उत्कर्ष पर पहुंची और उसने अपनी योनि को मिया के मुँह पर दबा दिया और उधर और मिया के योनि के जल पर टूट गया। यह आखिरी संभोग युवा लड़की के लिए बहुत अधिक था उसका शरीर बेतहासाहा काम्पा और फिर उसका शरीर एकदम ठंडा हो गया था, और वो बेहोश जैसी हो गयी थी .

मैंने मिया की योनि में बार बार ऐसी पिचकारियां मारी जैसे मेरे वीर्य के संसाधन अंतहीन हो गए हो आखिरकार मैं अंत में और अधिक उत्पादन नहीं कर सका और मेरे धक्को की गति भी कम हो गयी और मैंन आराम किया। कामिनी और मिया दोनों पसीने से लथपथ थी , जो उनके गुलाबी, उत्तेजित, और उजागर स्तनों पर और उसके शरीर के नीचे छलक रहा था। पसीने की एक महीन चमक मिया के माथे और कामिनी के चेहरे से ढकी को हुई थी, मिया यौन रूप से संतुष्ट और पूरी तरह से थकी हुई थी।

मैं नम्रता से उसे निपल्स और उसके होंठ के साथ उसके मुँह को चूमा तो वो मुस्कुराने लगी ।

फिर उसने ऊपर देखा की हमे ढूंढती हुई कॉफी परोसने वाली युवा ट्रेनी भारतीय लड़की जो काफी आकर्षक थी काफी के कप लिए हुए खड़ी थी हमे देख रही थी और मैंने उसे देखा तो मुझे देख वह मुस्कुराई.

जारी रहेगी
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so erotic and hot update, wow
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 21

पोशाक
 का चयन




शॉपिंग के नाम पर ही लड़किया और महिलाये कितनी खुश होती हैं ये तो सभी जानते हैं. इसलिए इस शॉपिंग के बाद भी सभी बहुत खुश थी . कामिनी उसकी बहनो और लड़कियों ने अपने लिए लगभग चार चार पोशाकें खरीदी, शायद दो या तीन जोड़ी जूते सैंडल और चप्पलें इत्यादि खरीदी और सभी बहुत खुश थी . हाँ मैंने अपनी अन्य चारो स्थायी प्रेमिकाओ रोज़ी रूबी मोना और टीना के इलावा अपनी फूफेरी बहनो अलका, जेन लूसी और सिंडी , आशा , मानवी भाभी रुसी सुंदरी ऐना, रुपाली भाबी, ईशा चेरी, हेमा, रीती, मरीना, लिली, डेजी, प्रियंवदा, ऐश्वर्या भाभी और अन्य चारो भाभियाँ और हेमंती सभी को भेंट देने के लिए भी कुछ पोशाके खरीदी .. और सबको पैक करवा लिया ..

हम शाम के निर्धारित समय से पहले ही वापस महल लौट आये, जब मैं और कामिनी अकेले थे तो मैंने कामिनी को बोला मेरे निर्देश के अनुसार रूबी, टीना, मोना और रोजी ने भी आप सबके लिए कुछ परिधान मंगवा लिए हैं जो मेरी ख़ास रुचि के अनुसार हैं। और मैंने उसकी तरफ देखा और उसे रोजी के साथ जाने और उसमें से अपनी पसंद के परिधान चुनने को कहा


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कामिनी की आँखें विस्मय से चौड़ी हो गईं। " आप ने ऐसे कौन से ख़ास वस्त्र मंगवाए हैं ?"

उसने मुझे चुंबन किया तो मैंने जवाब दिया " पूरे शहर में जो भी सबसे बढ़िया वस्त्र उपलब्ध थे उन्हें मैंने तुम सबके लिए मंगवाया है कामिनी आप इसके साथ इनमे से सबसे बेहतरीन, महीन, सबसे पतली और पारदर्शी अंतवस्त्रो कीआधा दर्जन जोड़ी भी चुन लेना। आपको उन्हें पहने हुए देखकर मुझे आंनद आएगा ! ”

"ओह, कुमार," कामिनी ने , अपना सिर झुका दिया और भ्रम में शरमाते हुए बड़बड़ायी , " आप भी ना मुझे शर्म आती हो।" किसी पुरुष के साथ इस तरह के अंतरंग कपड़ों के बारे में चर्चा करना उसे शर्मनाक लग रहा था, और वह शरमा गई और उसका चेहरा लाल हो गया।

"कामिनी , मैं तुम्हें पसंद करता हूँ," मैंने उसकी ठुड्डी के नीचे एक उंगली रखते हुए और उसके चेहरे को ऊपर की ओर तब तक उठाते हुए कहा, जब तक कि वह सीधे मेरी आँखों में न देख ले, "मैं चाहता हूँ कि आप आपको उस संग्रह में से सबसे पतले, सबसे चिकने, रेशमी, और सबसे टाइट अधोवस्त्रो का भी चयन करें। आप ये भी सुनिश्चित करें कि वे आपको टाइट फिट आये और खुले किस्म के हो ताकि वे आपके शानदार रूप को बढ़ा कर पेश करें । इस काम में मोना आपकी मदद करेगी और मैंने उसे बताया मोना एक प्रशिक्षित ड्रेस डिज़ाइनर है

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"लेकिन, कुमार," कामिनी फुसफुसाए, "मैंने कभी भी उस तरह के अधोवस्त्र नहीं पहने हैं जिसका आप उल्लेख करते हैं। खासकर! खुले किस्म के तुम्हें पता है, गाँव की लड़कियाँ केवल मोटी, बंद किस्म की पोशाके ही पहनती हैं!"

" मेरी जान अब आप गाँव या द्वीप पर नहीं रह रही हो ," मैंने कहा, और उसे चूमते हुए बोला और आप गांव में नहीं रह रहेी हो , और न ही आप इस तरह के रूप में आचरण करना चाहिए। अब तुम एक शाही महिला हो और अब से एक महिला के शाही वस्त्र पहनोगी; इसलिए अब ये आपकी जिम्मेदारी है की आप ये सुनिश्चित करें कि आपके कपड़े स्टाइलिश और सर्वोत्तम गुणवत्ता के हैं, आप अपनी सुंदरता के साथ सर्वश्रेष्ठ पहनने के लिए बिलकुल फिट हैं।"

"बहुत अच्छा, कुमार," उसने विनम्रता से कहा। "जैसा आप निर्देशित करेंगे, मैं ठीक वैसा ही करूंगी ।"
"अच्छा," मैंने कहा। अब आप अपने लिए कुछ और कपड़े चुनें और कुछ सौंदर्य उपचार भी प्राप्त करे ले । और हाँ अपनी बहनो और बेटियों को भी बोल देना उन्हें भी इसी तरह की पोशाके लेनी है और कैसे व्यवहार करना है सब समझा देना ..


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मैंने उसे बताया कि रोजी एक आयुर्वेदिक डॉक्टर है और रूबी एक प्रशिक्षित नर्स है, मोना एक योग्य फैशन डिजाइनर है और टीना एक प्रशिक्षित ब्यूटीशियन है। वे उन्हें तैयार होने में मदद करेंगी और सभी मेरी विश्वासपात्र हैं .

इसके साथ ही कामिनी अपने कमरे में चली गई। उसे मेरे कमरे के बगल में एक विशेष कमरा आवंटित किया गया था

आगंतुकों के कमरे में प्रवेश करने पर, मोना और टीना ने एक सबसे विशिष्ट स्टोर की महिला मालिक के साथ कामिनी का स्वागत किया, उन्हें सूचित कर निर्देश दिया था कि कामिनी जो उन्हें पसंद आयेगा वो उसे चुनेंगी।

कामिनी ने स्वयं को गाउन, जूते, टोपी आदि के चयन में व्यस्त कर लिया, फिर कुछ अधोवस्त्र दिखाने के लिए कहा। दुकानदार ने उसके निरीक्षण के लिए कुछ अधोवस्त्र प्रदर्शित किए जैसे कि आज के युग की शाही महिलाओं के लिए प्रचलन में थे, लेकिन कामिनी ने और बेहतर सामग्री के लिए पूछताछ और आग्रह करते हुए उन वस्त्रो को एक तरफ रख दिया।

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दुकानदार ने फिर उसे झिलमिलाते, झालरदार लचीले , रेशमी वस्त्रों को दिखाया, जो सबसे पतले, सबसे पारदर्शी बनावट और अत्यधिक हल्के थे। कामिनी ने मेरे निर्देशों के अनुसार खुली शैली का चयन करने के लिए सावधानी बरतते हुए छह जोड़ी सुरुचिपूर्ण अंतर्वस्त्रों और इतनी ही सेक्सी ब्रा और पैंटी का चयन किया।

सभी अंतवस्त्र रमणीय बनावट वाले और अत्यधिक पतले थी जिनमे जितना वे छुपाएंगे, उससे कहीं अधिक प्रकट होगा, वह खुद को उजागर करने के उद्देश्य से इस तरह के प्यारे कपड़ों को हासिल कर अपने प्रेमी को लुभाने के विचार से ऐसी खूबसूरत पोशाक पहनने के बारे में सोचकर कौन सी महिला रोमांचित नहीं होती? फिर कामिनी ने इस पोशाकों से मैचिंग ज्वैलरी के कई जोड़े के साथ अपने चयन को पूरा किया।


फिर उसने अपनी बहनो और हीरा की चारो बेटियों के लिए भी उनकी पसंद के अनुसार कुछ वस्त्रो और सामग्रियों का चयन किया. और अपनी बहनो को और लड़कियों को बुलवा लिया

वह अपनी पसंद की प्रशंसा करते हुए प्रसन्न हुई, और फिर उन्हें अपने सीने में समेट लिया और उन्हें अपने कमरे में भिजवाने का आदेश दिया । फिर बहनिओ को भी मेरे निर्देश अनुसार चयन और व्यवहार की सलाह दी और उनकी चयन में कुछ मदद की और फिर उन्हें उन वस्त्रो के साथ छोड़ कर लिविंग रूम में जाते हुए, उसने अपनी तीनोछोटी बहनो रजनी चांदनी और मोहिनी में से सबसे छोटी बहन मोहिनी को मेरे साथ बातचीत करते हुए देखा.


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जाहिर तौर पर मोहिनी ने अपनी इस छोटी सी पहली हवाई यात्रा का आनंद लिया था, और उसके गाल गुलाबी रंग के थे, उसकी युवा आँखें ख़ुशी और उत्साह के साथ चमक रही थीं क्योंकि वह झीलों, जानवरों आदि के बारे बाते कर रही थी ।

जैसे ही कामिनी ने कमरे में प्रवेश किया, मैं अपने पैरों पर खड़ा हुआ और उसका स्वागत किया; उसने भी जवाब में मेरा अभिवादन किया और मोहिनी की बाते सुनने के लिए मेरे सामने सोफे पर बैठ गई। कामिनी को आश्चर्य हुआ कि कुछ घंटे पहले मैंने उस दूकान पर दो कुंवारी लड़कियों की वासना में भर कर बेरहमी भी चुदाई की थी और उनकी इच्छाओं की वेदी पर उनके कौमार्य का बलिदान किया था और वो वही मेरी सेविकाएं बनने के लिए लगभग त्यार थी ।

उसे ये सब शायद ही विश्वसनीय लग रहा था फिर भी, वह मेरे प्रति बुरा महसूस नहीं कर रही थी क्योंकि मैंने ये उसके दिमाग में भर दिया है कि वह मेरी सबसे प्यारी प्रेमीका है और मैं उसके लिए निश्चित रूप से मैं उसे प्यार करने वाला उसका प्यारा सुन्दर युवा प्रेमी हूँ और उसकी निगाहें मेरी पतलून के सामने टिकी हुई थीं, जहां पिछली रात, आज सुबह और द्वीप पर भी उसके पति हीरा के आसन पर मेरे इंजन की तरह चलने वाले लंड ने उसे अध्भुत यौन सुख का अनुभव करवाया था.

मैंने हल्के रंग की और कसकर फिट होने वाली पतलून पहनी हुई थी, जो मेरे टांगो के आकार को रेखांकित करती थी और वो निश्चित गांठ दिखाती थी जहां मेरे मर्दाना अंग आराम करते थे। कामिनी की ओर देखते हुए, मैंने देखा कि उसकी आँखें मेरे व्यक्तित्व के उसी हिस्से पर टिकी हुई थीं; उसने अचानक मेरी आँखों की और देखा, और मुझे अपने और देखते हुए देख उसने शर्मा कर तुरंत अपना चेहरा नीचे झुका दिया.

हालाँकि, इस बीच मोहिनी मुस्कुराती हुई अपनी यात्रा का वृत्तांत सूना रही थी । कुछ ही पलों में मैं कुछ प्रॉपर्टी एजेंट्स को अपने रानिवास या हराम के लिए उपयुक्त स्थान तलाशने के लिए टेलीफोन कॉल करने के लिए मैं लड़कियों को अकेला छोड़कर चला गया। मैंने कामिनी और मोहिनी से कहा कि वे अपनी बातचीत जारी रखें और मैं टेलीफोन कॉल खत्म करने के बाद उनके साथ फिर से मिलूंगा।


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"आपको यहाँ कैसा लगा, कामिनी दी?" मोहिनी ने पूछा।
"ओह, यह वास्तव में बहुत अच्छा है," उसने जवाब दिया।
"मुझे लगता है कि कुमार के साथ जहाँ हो वो सभी जगह अच्छी लगेंगेी । आपको यह जगह या द्वीप में से कौन सी जगह ज्यादा पसंद आयी है मोहिनी , ?”
"ये महल हाँ," मोहिनी ने उत्तर दिया, "मुझे यह जगह पसंद आयी है। कुमार बहुत अच्छे हैं और मुझे उम्मीद है कि वह हमें हमेशा यहां रहने देंगे। ओह, दीदी आपको पता ही होगा कि यह संपत्ति और महल कितना बड़ा और विशाल है! और यहाँ कितना कुछ है पक्षी मुर्गिया हाथी और घोड़े! और बड़े अस्तबल! आओ, यदि आप मेरे साथ चलोगी तो मैं उन्हें आपको दिखाऊंगी ।”

कामिनी ने दरवाजे की ओर देखते हुए कहा, "लेकिन इसके लिए हमे पहले राजकुमार या उनके राजा भाई की अनुमति लेनी चाहिए ।" "यह सबसे अच्छा होगा, मोहिनी , कि हम हमेशा कुमार को पहले ही बताएं कि हम कहाँ होंगे, कम से कम तब जब हम अपने कमरों में कुछ समय के लिए नहीं होंगे।

बेहतर होगा यदि हम उसके लौटने तक प्रतीक्षा करें और मैं उससे पूछूंगी कि क्या हमारे लिए महल में घूमना ठीक रहेगा। हमें उसके प्रति बहुत आज्ञाकारी और आदरपूर्ण रहना चाहिए आप इसे समझ ले ।"

इस समय, मैंने अपनी कॉल समाप्त की और उनके पास लौटा तो कामिनी ने शांत स्वर में पूछा कि क्या लड़कियों के लिए मैदान और महल में घूमना ठीक रहेगा ।


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"ओह, निश्चित रूप से, आप अन्य लड़कियों को भी अपने साथ ले जा सकते हैं" मैंने उसे कंधे पर थपथपाते हुए और मोहिनी के गाल पर चुटकी लेते हुए उत्तर दिया। मेरी सचिव को साथ ले जाओ और महल का निरीक्षण करो। आपको अभी तक ऐसा करने का मौका नहीं मिला है।"

फिर मैंने उससे पुछा " वैसे, कामिनी, क्या आपने उस काम का ध्यान रखा था जिसके बारे में मैंने आपसे बात की थी?"

"ओह, हाँ, राजकुमार," उसने जवाब दिया। “जैसा आपने निर्देश दिया था; मैंने आपके द्वारा ऑर्डर की गई सामग्री का चयन कर लिया है और यह मेरे कमरे में है।"

उसके बाद कामिनी और मोहिनी मेरी सचिव के साथ महल घूमने चली गयी और मैं उसके बाद विवाह पूर्व कुछ पारिवारिक रस्मो में शामिल होने चला गया ..

शाम तक काफी मेहमान और दूर पास के रिश्तेदार विवाह में शामिल होने के लिए आने लगे और मेरी दोनों बुआ, फूफा और फूफेरी बहने अलका जेन लूसी और सिंडी भी आये थे और मेरे दोनों फूफेरे भाई बॉब और टॉम सीधे विवाह वाले दिन आने वाले थे ..

इसके इलावा भाई महाराज के विवाह में आमंत्रित किये गए पारिवारिक मेहमान आने शुरू हो गए थे

परिवार के कुछ ख़ास सदस्यों के साथ हमने कल प्रातः महाऋषि के हिमालय स्तिथ आश्रम के लिए प्रस्थान करना था जहाँ हमे एक यज्ञ में भाग लेना था .. और वहां से लौट कर बारात के साथ विवाह के लिए प्रस्थान करना था ..

अब सांयकाल की चाय के समय सब लोग एकत्रित होने थे और सबका आपस में परिचय करवाया जाना था और फिर कुछ नाच गाना और संगीत की महफ़िल सजने वाले थी ..

जारी रहेगी
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे


VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 22

मौसियो  के परिवार


अब सांयकाल की चाय के समय सब लोग एकत्रित होने थे और सबका आपस में परिचय करवाया जाना था और फिर कुछ नाच गाना और संगीत की महफ़िल सजने वाले थी ..

मैंने अपने कक्ष   से देखा  सांयकाल  से  पहले विवाह समारोह में पहुंचने वाले पहले रिश्तेदार भाई महाराज  की मौसी के परिवार था ।

भाई महाराज की दो मौसी (मासी) हैं  जिनका नाम श्रीमती नेहा पटेल और स्नेहा सोलंकी है, दोनों जुड़वां बहनें हैं  और उनकी शादी क्रमशः  रवीश पटेल और विशाल सोलंकी से हुई थी   दोनों मौसा बचपन के सबसे अच्छे दोस्त थे और  मेरी ताई जी  से बड़ी  दोनों  मौसिया  का परिवार  मुंबई  में  पड़ोसी थी  । उन दोनों   में  से नेहा मौसी  बड़ी थी और स्नेहा  मौसी उनसे कोई १० मिनट छोटी थी . 


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पटेल परिवार के मुखिया ६० साल के रवीश पटेल मौसा  थे, जो एक उद्योगपति थे, उनका  लंबा  कद  और  बाल आंशिक रूप से भूरे हो  चले थे । उनकी पत्नी 56 साल की नेहा मौसी थीं, फिर भी वह पुरानी सिने अभिनेत्री  की तरह खूबसूरत दिखती थीं और  उनकी त्वचा में कोई सिकुड़न या झुर्रिया  नहीं थी । उनकI दो संताने थी । उनका बड़ा बेटा आशीष 37 साल का था, जो अपने पिता के विपरीत, मध्यम कद का  था। उनकी पत्नी स्मिता  35 वर्षीय महिला थीं, जिसकी  चमकदार त्वचा हमेशा चमकती रहती थी, और एक तेज नाक के साथ एक लम्बे  चेहरे वाली महिला थी और जिसे  देख कोई भी विश्वास नहीं करेगा कि वह एक व्यसक लड़की की मां है, वह कॉलेज जाने वाली लड़की की तरह दिखती थीं । फिर  उनकी  बेटी  श्रीजा 34 साल की थीं, जो आशीष की बहन और नेहा मौसी की बेटी थीं। वह एक मॉडल के तरह पतली और सुंदर थी, लेकिन अभी तक अविवाहित थी  और वर्तमान में, वह राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान में एक वैज्ञानिक और शोधकर्ता थी।  खानदान की सबसे युवा और छोटी, नेहा मौसी की पोती आशीष की चुलबुली बेटी थी, रीता, एक 18 साल की होनहार लड़की, जिसने अभी-अभी मुंबई के सबसे प्रतिष्ठित कॉलेज, सेंट फ्रेंको कॉलेज में स्नातक के पहले वर्ष में दाखिला लिया था।


कभी-कभी या तो  ये चमत्कार होता  है या यह संयोग से होता है। न केवल दोनों परिवारों के  घरो की  इमारतें संरचना समान थीं, बल्कि दोनों परिवारों की पारिवारिक संरचना एक दूसरे के साथ सौ प्रतिशत आश्चर्यजनक ढंग से मिलती जुलती थी।


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सोलंकी परिवार के मुखिया ६० वर्ष के विशाल सोलंकी थे और वे भी उद्योगपति ही  थे, और रवीश मौसा  के बचपन के मित्र भी थे। अपने दोस्त के विपरीत, विशाल अपने नाम के ठीक उलटे  मध्यम कद और मोटे  थे लेकिन उनके बाल काले थे। उनकी पत्नी स्नेहा भी अपनी जुड़वाँ  बहन की तरह 56 वर्ष की ही थीं, रवीश की पत्नी नेहा की जुड़वां बहन होने के नाते, उनकी ढलती  हुई  उम्र में एक उत्कृष्ट सुंदरता का  उदहारण थी। स्नेहा और नेहा दोनों मौसिया दो जुड़वां बहनें होने के कारण आपस में  बहुत ज्यादा जुड़ी हुई थीं। पटेलों की तरह स्नेहा मौसी का भी एक बेटा और एक बेटी थी। उनका बेटा पीयूष 36 साल का था और उसकी पत्नी मीना 35 साल की थी। मीना इतनी खूबसूरत महिला थीं और उन्होंने अपनी काया को इस तरह बनाए रखा कि शादीशुदा  होने के बावजूद वह कॉलेज जाने वाली लड़की की तरह दिखती थीं। अब यह उल्लेख करने की आवश्यकता ही  नहीं है कि मौसरे भाई पीयूष और आशीष बचपन के करीबी दोस्त थे और बिल्कुल सगे  भाई जैसे ही  थे। उनकी पत्नी मीना, आशीष की पत्नी स्मिता के साथ एक बहन की तरह करीब थीं। अपने दोस्त रविश की   तरह,  विशाल मौसा  की भी एक  34 वर्षीय बेटी, बीना है   जो मुंबई विश्वविद्यालय में मानव विज्ञान में प्रोफेसर और शोधकर्ता थी। अपने प्रिय मौसेरी बहन  और मित्र श्रीजा की तरह,  बीना भी अविवाहित  ही  थीं। अब सोलंकी परिवार की आखिरी थी  जीवन से भरपूर , १८ साल की, खूबसूरत युवा और जोशीली लड़की, नीता .   वह पीयूष और मीना की इकलौती बेटी और स्नेहा मौसी की पोती थी, और वह नेहा मौसी की पोती, अपनी सबसे अच्छी दोस्त रीता के साथ स्नातक की प्रथम वर्ष में पढ़ रही थी।

 दोनों परिवार एक परिवार की तरह गहराई से जुड़े हुए थे आप  इसे ऐसे समझ लीजिये उनके घरो के बीच में कोई दीवार नहीं थी  और अगर आप उनका नाम नहीं जानते तो यही मानेगे की ये एक ही परिवार है ।

  रीता और नीता, रवीश और विशाल को बड़े पापा,  और नेहा और स्नेहा को  बड़ी माँ के रूप में संबोधित करतो थी । दोनों लड़कियां  अपनी बुआ और मौसी दादी की  बेटी , श्रीजा   और बिना को श्रीजा आंटी और बीना आंटी कहकर संबोधित करती थीं। वे  दूसरे के माता-पिता को चाचा-चाची कहकर संबोधित करती थी । इसी तरह, परिवारों के दोनो  बेटे और दोनो  बेटियां अपने परिवार के मुखिया  को रवीश अंकल और भास्कर अंकल और मौसी के रूप में उनकी  पत्नियों को संबोधित करते थे । लेकिन परिवारों की दो बहुओं के मामले में अंतर था। दोनों बहुएं स्मिता और मीना   रवीश  मौसा और भास्कर मौसा को पापा कहकर संबोधित करती थीं और नेहा और स्नेहा को मॉम कहकर संबोधित करती थीं।

दोनों लड़कियां एक साथ ही  कॉलेज के लिए निकलती थीं और उपलब्धता के अनुसार अपने परिवार की कारों से एक साथ कॉलेज जाती और  लौटती थीं अन्यथा दोनों लड़कियां मेट्रो ट्रेनों से जाती थीं जो उनके लिए सुविधाजनक थी। जिस दिन वो लोग सूरत आये थे उस दिन नीता के पापा कार लेकर सुबह  जल्दी चले  गए थे और इसी तरह रीता के दादा भी कार लेकर किसी  जरूरी काम से गए थे, आखिरकार दोनों लड़कियों को मेट्रो ट्रेन से कॉलेज जाना पड़ा था . जब भी ऐसा था तो परिवार उनसे टैक्सी ले कर जानने को कहता था लेकिन लड़कियां आम जनता की तरह मेट्रो से जाना पसंद करती थी ।


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जब उनका आगमन पर ताई जी ने स्वागत किया गया तो बड़े पापा  रवीश के पास खड़ी  बड़ी माँ नेहा हालाँकि  56 साल की थीं, फिर भी वह अपनी आयु से बीस  वर्ष कम की यानी 36, के आसपास  की ही दिखती थी उनकी त्वचा तैलीय चिकनी, स्पष्ट, बेदाग और दीप्तिमान चमकती त्वचा वाली एक लंबी, और गोरी  महिला थी। उनका  चेहरा सुंदर अंडाकार , गोल गाल, प्राकृतिक मेहराब के आकार की सुडौल अच्छी तरह से परिभाषित भौहें, मोटी काली लंबी प्राकृतिक पलकों के साथ बड़ी और बोलती हुई  आँखें,   रसदार, चौड़े मोटे  होंठ, लंबी चिकनी गर्दन और सेक्सी गोल कंधे, पतली लंबी चिकनी भुजाएँ थीं। , कलात्मक लंबी उंगलियां। और उनका सुखद मुस्कुराता हुआ चेहरा था, सुन्दर आकार के कान,  उनका सुडौल शरीर और अभी भी  छाती सुडोल और स्तन गोल थे ,  कूल्हे चौड़े गोलाकार और उनकी लंबी   कामुक  टाँगे थी । उसके पास एक और बहुत ही अनूठी विशेषता थी, उसके पेट की नाभि बहुत सुंदर और गहरी थी, जिस तरह से उनका  पेट पतला और कमर   पतली थी  जैसे  किसी कलाकार  ने  उनके रूप  को अपने ब्रश से  उकेर कर बनाया हो । 

उनके बाद   विशाल  मौसा और  स्नेहा मौसी  का स्वागत किया  स्नेहा  मौसी नेहा मौसी की जुड़वाँ बहन होने के कारण दिखने में लगभग नेहा मौसी के ही जैसी थी  पर उनके स्तन नेहा मौसी के मुकाबले  बड़े, गोलाकार, दृढ़,  और उत्कृष्ट थे। उसकी बाहें लंबी, बड़ी, फिर भी अत्यधिक  चिकनी  थीं, उसके कूल्हे और नितम्ब भी  उपेक्षाकृत बड़े थे पर  अच्छी तरह से नियंत्रित थे। उसकी जांघें और पिण्डलिया  पूरी तरह से आकर में थी ! उसके पास 38-26-38 के माप के साथ आदर्श बड़ा नाशपाती का शरीर था। कूल्हे का आकार अतुल्य  था! साथ ही,   उनके पास ही खड़ी उनकी पोती नीता ने नदाजा लगाया था  स्नेहा दादी  की ब्रा का आकार 38D होना चाहिए  । वह  दिखने में बिलकुल  एक पुरानी  ब्यूटी क्वीन की तरह थी। दोनों ने  प्योर सिल्क गोल्ड जरी बॉर्डर वाली  सिल्क की  साड़ी  और बिना बाजू का बैकलेस ब्लाउज पहना हुआ था। दोनों बहने  सिर से पैर तक   सोने और हीरे के गहनों से सजी हुई थी, जिसमें उसका सुंदर सुडौल  सेक्सी  और कामुक शरीर दिख रहा था। नीता ने सोचा कि ये दोनों बहने  अपने जवानी के  दिनों में निस्संदेह सुंदर  सेक्सी  और कामुक रही होंगी । दोनों बहने   अनुग्रह और कामुकता का प्रतीक महिलाये  थी। 


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वही तीसरी बहन मेरी ताई भी कुछ कम नहीं थी  वो  उसने छोटी तो थी ही और देखने में दोनों से  बाहर छोटी लगती थी और   ताई जी ने चमकदार सफ़ेद की सिल्क साडी, हार , कमर बंद   और  हीरे जड़ित सोने की बाजूबंद और हाथों में सोने से भरी हुई  चूड़ियाँ, सोने और हीरे की अंगूठी अपनी पतली लंबी सुंदर उंगलियों पर पहन रखी थी।

बहनो और  जीजा के स्वागत के बाद मेरी ताई जी  अपने  बड़े भांजे और उसकी पत्नी स्मिता का स्वागत किया. नीता ने  स्मिता आंटी की तरफ देखा। नीता को आश्चर्य हुआ कि उसकी स्मिता आंटी जरा भी नहीं बदली थी , जिसे वह अपने बचपन से  अब  तक देख रही थी। वह 36 साल की उसकी  माँ के समान उम्र की थी, लेकिन कॉलेज में पढ़ने वाली  उसकी किसी अन्य दोस्त की तरह ही दिखती थी । 

स्मिता आंटी   शानदार, सुन्दर,  और आकर्षक व्यक्तित्व वाली एक सुडौल आकृति वाली युवती लगती थी । वह बहुत ही आकर्षक, सुंदर, मोहक, मनोरम और आकर्षक प्रतीत होती थी। नीता ने स्मिता के भव्य और अद्भुत फिगर की सराहना की, उनका रंग बहुत गोरा था और उनकी ऊंचाई लगभग 5'5″ थी। अन्य गहनो के अतिरिक्त उसने एक नथ  और झुमके पहने हुए थे जो केक पर चेरी की तरह थे। वे उसकी सुंदरता में एक और अतरिक्त आयाम जोड़ रहे थे । उन लंबी पतली भुजाओं के साथ, उसकी नाभि दुनिया को दिखाने  के लिए नग्न थी, उसकी साड़ी उसके सुन्दर सुडोल शरीर पर इतनी समग्र रूप से लिपटी हुई थी, कि उसके शरीर की नक्काशी लाल और काले रंग की साड़ी  जो उसके आकर्षक क्रीम-आधारित रंग के पूरक  होने पर सज गए थे ।

जारी रहेगी
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waah... great going
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे


VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 23

मौसियो  की पोतिया 

ताई जी  ने   भी स्मिता  की तरफ देखा। नेहा  को आश्चर्य हुआ कि   स्मिता शादी के इतने साल बाद भी    जरा भी नहीं बदली थी , जिसे वह शादी के काफी दिनों बाद आज  देख रही थी। वह 36 साल की  उम्र  में भी  कॉलेज में पढ़ने वाली लड़की ही दिखती थी ।

स्मिता  शानदार, सुन्दर, और आकर्षक व्यक्तित्व वाली एक सुडौल आकृति वाली युवती लगती थी । वह बहुत ही आकर्षक, सुंदर, मोहक, मनोरम और आकर्षक प्रतीत होती थी। 

ताई जी ने स्मिता के भव्य और अद्भुत फिगर की सराहना की तो सब खिलखिला कर हस  पड़े  ..  

स्मिता  की चमचमाती त्वचा  जो लगभग क्रीमी मिल्क चॉकलेट के रंग की है  उनकी लाल रंग की  साड़ी की लाली से आश्चर्यजनक रूप से चमक  रहा था, स्मिता   की   गहरी आँखें  उनके चरित्र की  गहराई को दर्शाती हैं। वह वास्तव में अपनी भव्य आंखों के कारण  ठेठ मराठी सुंदरी दिखती हैं,   उनकी  साडी के आंचल  ने अंदर उनके    भारी,  उछलते  हुए, पहाड़ी कोण के आकार  के उनके  दृढ़ और भरे हुए स्तन  खड़े निप्पल के साथ उत्तेजक रूप से झूल रहे थे। मैंने उनकी  पतली कमर, पतले सपाट पेट को  और  अच्छी तरह से परिभाषित और तने हुए  शरीर के मोड़ो को सराहा . उनकी धनुषाकार भौहें  नीचे झाँकती हुई  मखमली  पलकों को देख रही थीं।  उसके नाजुक कानों में सुंदर झुमके लहरा रहे थे उनकी  सुन्दर पतली नाक में उन्हों ने  एक छोटी सी नथ पहनी हुई थी और वो जब भी  मुस्कुराती हैं तो  उनके मोतियों  जैसे सफ़ेद दाँत चमक उठते हैं । 

उन्हें ऐसे  मुस्कुराते  हुए अपने  काले बालों  को अपनी उंगलियों से  पीछे करते  देखना बहुत  आनददायी है।   स्मिता  भाभी  की   काली आँखों  और दिल के आकार के फूले हुए होठों के साथ उसकी आवाज बहुत मीठी है  कुलमिला कर उनका  सुन्दर व्यक्तित्व  बहुत  प्रिय है ।


[Image: NARI1.jpg]

मैं अपने कमरे की खिड़की से  सबको देख रहा था  दोनों परिवारों के बाकी  लोगो की पीठ मेरी और थी पर इस बीच  चुलबुली रीता आगे बढ़ आयी  इसलिए मेरा ध्यान तब  बाकी लोगो को छोड़ कर चुलबुली रीता की ओर  गया  उसे अपने दीप्तिमान चेहरे पर बड़ी, कोल-लाइन वाली आँखों के साथ अपनी दिलकश सुंदरता से बिल्कुल भी अभिमान नहीं था । उसके बाल मध्यरात्रि की तरह काले थे और यह उसके कंधों पर लहराते हुए उसकी पीठ पर छाए हुए थे । उसके होंठ  स्ट्रॉबेरी  की तरह मीठे और रस भरे  लग रहे थे  और वो बहुत खूबसूरत लड़की थी  और  उन सबसे  खूबसूरत थे जो मुझे मेरे  जीवन उस दिन तक  में कभी भी व्यक्तिगत रूप से मिली थी । रीता न तो बहुत लंबी थी और न ही बहुत छोटी, शायद 5' 2'' और उसकी  त्वचा न केवल  गोरी  थी बल्कि  वो अपने परिवार के अन्य लोगों की तुलना में थोड़ा अधिक गोरी है  नीता की हरी  आँखें  थीं जो  मुझे बहुत पसंद आयी  । उनकी लंबी पलकों के साथ चौड़ी और बड़ी बड़ी आंखें थीं। उसकी भौहें पतली और धनुषाकार  थीं जो उसके सुंदर चमकदार माथे से मेल खाती थीं। उसकी नाक लंबी और पतली और बहुत प्यारी थी, जो उन दोनों बड़ी आंखें के बीच में जाती थी । और उसने एक मराठी छोटी सी पहनी हुई थी  जो उसकी सुंदरता में चार चाँद लगा रही थी . उसके बाल काले और सुंदर प्राकृतिक थे,  उसकी ठुड्डी पर एक बहुत छोटा डिंपल था जो मुस्कुराने पर गायब हो जाता था और उसके गालो पर  बड़े डिंपल  के रूप में प्रकट होते थे  और उसके गाल पर जो बहुत प्यारे  लग रहे थे । उसके होंठ मोटे और फूले हुए थे और  प्राकृतिक गुलाबी रंग के थे । 

 वह अपने ड्रेसिंग सेंस के लिए बहुत परिपक्व थी।  मैंने  को पहली बार नीली जींस और  लाल टी-शर्ट पहने हुए देखा   जो उसकी गोरी त्वचा पर बहुत जच रहे थे  जो उसे और भी आकर्षक बना रहे थे । उसकी गांड बड़ी थी और उसकी टाँगें और जाँघें थोड़ी चौड़ी थीं  उसके स्तन थोड़े बड़े थे। वे गोल भी नहीं थे, बाहर से नुकीले दिखते थे। लेकिन उनका रूप निराला था। मुझे पूरा विश्वास था  कॉलेज में उसके सहपाठी लड़के  जरूर उसके स्तनों और उसके रूप के  प्रशंसक  होंगे ।  उसकी अदाओ में  शर्मीलापन था, उसके शरीर की हरकतों में झिझक और उसकी आवाज़ में कोमलता थी।  उसका पेट सपाट था और उसकी कमर  बहुत ही आकर्षक थी .  

रीता लगातार अपनी सबसे अच्छी दोस्त और चचेरी बहन नीता को घूर रही थी,  फिर रीता के साथ ही नीता भी ताई जी के पास चली आयी  और ताई जी  उसकी आश्चर्यजनक सादगीभरी  सुंदरता से खुश दिख रही थी। उसकी सुंदरता जादुई और मोहक थी। नीता  के सुनहरे बाल उसके  कंधों पर लहरा रहे थे । उसके मीठे मीठे होंठ थे। मुझे उसके कर्व्स की कोमलता पसंद आयी .   जब वह मुस्कुराई तो वह सितारों के जैसी  सुंदर लग रही थी   उसकी त्वचा चीनी मिट्टी की तरह चिकनी और पूरी तरह से निर्दोष थी। नीता सादगीभरी और वह अपनी सुंदरता से  पूरी तरह से  अनभिज्ञ थी।   शायद इसीलिए उसकी त्वचा इतनी चमकती थी, यह उसकी आंतरिक सुंदरता थी जिसने उसकी आँखों को रोशन किया हुआ है । जब वह मुस्कुराई और हँसी तो सब उसे देख उसके साथ  ही मुस्कुराये ।  उसका  सुंदर लंबा  और पतला शरीर एक मॉडल की तरह था। उसकी भूरी आँखें, गहरी और शांत थीं। उसके लंबे, लहराते हुए  सुनहरे बाल   बहुत  चिकने और रेशमी थे . 


[Image: SIS1.jpg]

 उसकी भूरी आँखें बस मंत्रमुग्ध कर देने वाली थीं। उसके  कान सुनहरे बालों में छुपे हुए थे, उसने गुलाबी और नीली लिनन की मिनी  स्कर्ट पहनी हुई थी जो उसकी सफेद नंगी जांघों को उजागर कर रही थी । जिसमे से  से उसकी  दो चिकने, मांसल और चमकदार सफेद टाँगे  स्पष्ट दिख रही थी । उसने सफ़ेद रंग का टाइट टॉप  पहना हुआ था  जिसमे से  उसके 32B स्तनों की रूपरेखा अच्छी तरह से दे दिख रही थी   जो उसके कदमों से उछल रहे थे जिन्हे ने मेरा ध्यान क्झास तौर पर आकर्षित किया था ।  उसकी जाँघों के पिछले भाग उभरे हुए थे, उसकी हैमस्ट्रिंग तनी हुई थी, उसकी जांघें उसके शरीर के बाकी हिस्सों के अनुपात में बड़ी और मांसल थीं। । मैंने उसके गोल आकार के  32B स्तनों का   अनुमान उसकी ब्रा के कपों से लगाया गया था क्योंकि उसके कप और ब्रा की पट्टियाँ उसके द्वारा पहने गए सफेद पारदर्शी टॉप केबीच से नजर आ रही थी । 

उसका चेहरा  फोटोजेनिक है और  उसकी गर्दन हंस की गर्दन की तरह लम्बी और पतली  है ,  उसके  पतले गुलाबी होंठ गुलाब की पंखुड़ियों की तरह दिखाई दे रहे थे। वह  शर्मीली,लग रही थी । नीता ने भी रट्टा की ही तरह नाक में नथनी पहनी हुई थी  और गले में एक चैन पहनी हुई थी .. उन दोनों के  सुंदर व्यक्तित्व ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। 

फिर ताई जी ने  रीता और  नीता का माथा चूम कर उनका स्वागत किया  और फिर शेष  आगंतुको का स्वागत किया और सब लोग  महल के अंदर चले गए । 


[Image: BUS1.jpg]



  मैंने अपने कपडे इत्यादि बदल लिए थे और मैं अपने कमरे के पीछे बगीचे  में  साधारण  कपडे पहन टहलने चला गया .. मुझे हमेशा से पौधों  और बगीचे अति प्रिय रहे है ,, और जब भी वहां देखता हूँ की कुछ पौधों को कुछ भी देखभाल की जरूरत  है  तो मैं स्वयं को रोक नहीं पाता  हूँ  और कई बार अपने  कपडे मिटटी  इत्यादि से खराब कर लेता था इसलिए अब  मेरा हमेशा प्रयास रहता था की बगीचे इत्यादि में मैं साधारण कपडे पहन कर ही जाऊं ..  

इतेफक से उस समय मेरा  ध्यान कुछ पौधों पर गया जिन्हे  देख मुझे लगा इन्हे पानी की और अन्य देखभाल की  जरूरत है तो मैंने देखा वहां कोई माली या अन्य  सेवक नहीं था क्योंकि सभी लोग विवाह के आयोजन के  कार्यो में व्यस्त थे तो मैं ही कुछ बागवानी के औजार ले कर  उन पौधों  को पानी इत्यादि देने लगा ..  उस हालात में मुझे देख अनजान लोग अक्क्सर ये धोखा खा जाते थे के मैं  माली ही हूँ..  

और घुमते हुए उस कक्ष के पास पहुँच गया जहाँ  मौसियो  का परिवार चाय नाश्ते के बाद  बैठ कर गप्पे मार रहा था  म

रीता ने नीता को बड़ों से दूर हॉल के एक तरफ ले गयी और  और कुशन कुर्सियों पर बैठ गई ताकि वे अपनी   बचकानी बातें  निजता में कर सकें।

मेरा ध्यान दोनों लड़कियों पर गया और मुझे उनकी अव्वाज सुनाई देने लगी .. 

नीता ने कहा, "रीता क्या आपने देखा, हमारे दोनों के परिवार के सदस्य कितने करीब हैं?"
रीता ने उत्तर दिया, "हमारा दो अलग-अलग परिवार नहीं हैं, बल्कि यह एक करीबी परिवार है।"
"लेकिन, एक आश्चर्यजनक बात यह है कि हमारी दादी ने अधिक गहने पहने हैं और हमारी माताओं और बुआओँ  की तुलना में अधिक चमकदार दिख रही हैं," नीता ने कहा।

रीता ने जवाब दिया, "आप  को शायद मालूम नहीं है  नीता  , आमतौर पर महिलाएं अपनी शुरुआती उम्र में जब बूढ़ी होती हैं तो गहनों पर अधिक  आकर्षित  हो जाती हैं और छोटी दिखने की कोशिश करती हैं। और फिर ये उनकी छोटी बहन के घर विववाह में शामिल होने आयी हैं तो उन्हें अपनी बहन को ये भी तो जताना है की वो कितनी खुश और ऐश्वर्यपूर्ण हैं.  "

दोनों लड़कियाँ हँस पड़ीं।

नीता ने कहा, "रीता पता नहीं  तुम क्या सोचोगी पर मुझे आज जीवन का पहला शर्मनाक अनुभव हुआ जब हम दोनों कॉलेज से लौटते समय मेट्रो ट्रेन में सवार हुए।"


[Image: BUS2.jpg]

"अरे  नीता ! क्यों? क्या हुआ?   मुझे विस्तार से बताओ ," रीता ने पूछा।

"तुम्हे याद  ही होगा  हो, आज दोपहर में मेट्रो में असामान्य रूप से भीड़ थी और चलने के लिए कोई जगह नहीं थी।

हाँ आज उस समय पता नहीं  क्यों इतनी भीड़ थी  .. हो सकता है इस समय रोज इतनी ही भीड़ होती हो रीता बोली .. वैसे हम रोज इस समय तो कॉलेज से वापिस नही आते हैं  आज तो हमे शादी के लिए शामिल होने के लिए आना था इसीलिए हम जल्दी लौट आये थे  फिर क्या हुआ नीता ?

 नीता बोली  जब ट्रेन आई, तो भारी भीड़ ने डब्बे में चढ़ने  के लिए एक दूसरे को धक्का दिया और हम दोनों अलग हो गए। मैंने  देखा तुमने उस ट्रैन के डब्बे के अंतिम गेट में प्रवेश किया और मैं बड़ी मुश्किल से पहले गेट से  दाखिल हो पायी .  ट्रैन के डिब्बे  में प्रवेश करने के बाद, मुझे कार के बीच की ओर धकेला गया। मैं जिस स्थान पर खड़ी थी वह अंधेरा था क्योंकि ऊपर का बल्ब खराब था और उसमे से  मंद प्रकाश आ रहा था । तेन में इतने भीड़ थी की हर व्यक्ति का शरीर, बैग और सामान हर दूसरे व्यक्ति के संपर्क में थे।

यात्रा में कुछ स्टेशनों को पार करने के बाद, मैंने अपने बट पर कुछ महसूस किया, कुछ ऐसा जो मुझे लगातार छू रहा था और मुझे चुभ रहा था। यह तीखा और कठोर था। यह देखते हुए कि मेट्रो में कितनी भीड़ थी, मुझे लगा कि यह किसी के बैग का बकल या ज़िप है क्योंकि मुझे लगा कि यह तेज है। मैंने इसे नज़रअंदाज कर दिया क्योंकि लोगों को अपने बैग हटाने के  लिए कहने के लिए तो क्या पेअर रखने की भी जगह नहीं थी। 

मुझे भीड़ में फस  कर खड़ा होना पड़ा। मैं थोड़ा हिली और कहीउसकी पर मैंने महसूस किया कि मेरे बट पर वो स्पर्श अभी भी  था। मुझे बड़ा  अजीब लग रहा था । मैंने घूमने और खुद देखने का फैसला किया कि क्या पक रहा है। मैंनेअपने पीछे  एक अधेड़ उम्र के  आदमी को देखा, जिन्हे अगर मैं बुलाऊंगी तो उन्हें 'अंकल' कहूंगी , मेरे बहुत करीब खड़ा  हुआ था ,  मेरे पीछे उसकी पैंट के पास उसका हाथ था । इसके बाद मैंने जो कुछ देखा, उसने मुझे इतना डरा  दिया है  कि मैं इसके बारे में आपके अलावा किसी से भी बात नहीं कर सकती ।  सार्वजनिक रूप से मेरा यह पहला अनुभव था। उस आदमी  ने अपना लिंग पैंट  से बाहर निकाल लिया  था जिसे मैं अँधेरे के कारण  ठीक से नहीं देख पायी  पर मैंने उसे मेरे नितम्बो पर  रगड़ा । वह पिछले १०-१५ मिनट से ऐसा कर रहा था और  जब मैं हिली तब भी  नहीं रुका  फिर मैं थोड़ा और  उससे दूर खिसकी  तब भी वह मेरे साथ ही  चिपका रहा और मेरे पीछे ही चिपका रहा ।

मुझे फिर से  लगा कि वह कठोर वस्तु फिर से मेरी पीठ और नितम्बो में बार बार  चुभ रही है। तो मैंने डरते हुए  नीचे देखने की कोशिश की। मैंने  देखा उसका हाथ उसकी पैंट में घूम रहा  था। मैंने उसे अपने से दूर रखने के लिए अपनी कोहनी  उसके पेट में मारी तो उसने भी मुझे  जोर से धक्का दिया। 


[Image: backh2.gif]

उसे इस बात का कोई  डर नहीं था कि दूसरे उसकी इस गन्दी हरकत को देख सकते हैं। उसकी वासना इतनी प्रबल थी कि ऐसा घिनोना काम करने से पहले ही उसने शर्म  और  सार्वजनिक  स्थानों में मर्यादा  बनाये रखने के सभी नियमो के  अवरोधों को पार कर लिया था ।  यह मेरे लिए एक अजीब और भयानक अनुभव था और मैं किसी भी बात का विरोध करने से बहुत डर गयी थी । जब उसने देखा अब मैं कोई विरोध नहीं कर रही हूँ तो उसकी हिम्मत और बढ़ गयी और फिर  उसका एक हाथ मेरी नाभि को छूने लगा  और अचानक उसने मेरी जींस के बटन खोल दिए और मेरी जींस को मेरे नितंबों तक नीचे खींच लिया और मेरे नितम्बो पर बस मेरी पैंटी ही रह गई। फिर उसने मेरी  पेंटी  भी नीचे सरका दी और अपनी उंगली सीधे मेरी चूत के अंदर डाल दी। मैं इतना हैरान और परेशान थी  कि मैं जम गयी  और विरोध करने में इस तरह से असमर्थ हो गयी थी  जैसे  मेरे शरीर को लकवा मार गया ही । फिर अचानक मुझे लगा कि मेरे नितम्बो के गालों के बीच एक सख्त मांसल बेलनाकार चीज घुस गई है, क्योंकि उसने उसे मेरे नितम्बो के अंदर उस सख्त मांसल बेलनाकार चीज के साथ जोर से धक्का दिया था। सौभाग्य से वह कठोर वस्तु मेरी चूत में नहीं घुसी, वह मेरी चूत और गांड  के छेद के बीच में  फंस गई।

मुझे होश आया और मैंने फटाफट उस चीज को अपनी गांड की  फांक से निकाल कर उसकी हरकत का पुरजोर विरोध किया,  उसको पीछे धक्का दिया और अपनी पैंटी ऊपर खींच ली। फिर अपने पूरी हिम्मत जुटा कर  पूरे साहस के साथ, मैं  उसे चेतावनी देती हुई फुसफुसायी  कि अब इसके बाद आपने ऐसा किया तो  मैं चिल्लाऊंगी । मैं इतना घबरायी हुई  और तनाव में थी  कि मैं इस बात से बिलकुल अनजान था कि इस समय  मैंने सिर्फ पैंटी पहनी हुई है । उसने मेरे ननगे नितम्बो पर हाथ फेरा तो मुझे एहसास हुआ और मेरी जींस मेरे नितंबों के नीचे  थी  और शोर मचाने पर  मेरा ही  तमाशा बनेगा .. अब तो मेरी रहगी सही  हिम्मत भी जवाब दे गयी और लेकिन इससे पहले कि मैं आगे की कार्रवाई के बारे में सोचूं, अचानक उस दुष्ट कमीने अधेड़  ने मेरी गांड के अंदर अपनी सख्त मांसल बेलनाकार चीज को मेरी पेंटी  के कपड़े के ऊपर से थपथपाया और मेरे नितम्ब के गालों को पेंटी के कपडे के ऊपर ही अंदर और बाहर ले गया। हालांकि वह सख्त बेलनाकार चीज सीधे मेरी त्वचा को नहीं छू रही थी, और मैं इसे अपनी पैंटी के कपड़े से महसूस कर रही  थी  जो कभी मेरी गांड के छेद के पास और कभी मेरी चूत के प्रवेश द्वार के पास घूम रहा था। मैंने नीचे देखा तो   मैंने उस  अधेड़ आदमी के लंड की हलकी सी झलक देखि  l

अब उसने महसूस किया मैं कोई प्रतिरोध नहीं कर रही हूँ तो उसने मेरी कमर को अपने बाएं हाथ में कस कर पकड़ लिया  और मेरे स्तनों को अपने दाहिने हाथ में दबाने लगा  और साथ ही साथ मेरी पैंटी के  ऊपर अपने लिंग को मेरे नितम्बो की दरार में अंदर और बाहर धकेल रहा था। 

यह कुछ मिनटों के लिए चला  और अंत में, मैंने अपनी पूरी ताकत से उसे जबरन हटाने  का फैसला किया, लेकिन अफसोस, मुझे लगा कि मेरी पैंटी और मेरी जीन पर कुछ चिपचिपा तरल पदार्थ छिड़का हुआ है, यहां तक कि कुछ तरल पदार्थ कपड़ों से पार होकर  मेरे नितम्बो पर भी  चिपक गया था ।    

 इससे पहले कि मैं कुछ प्रतिक्रिया कर पाती , उस व्यक्ति ने मेरे स्तन से अपना हाथ हटा लिया और मेरी गांड से अपना लिंग भी हटा लिया, और उस भीड़ में हवा की तरह गायब हो गया। मैंने राहत भरी सांस ली और  अपनी जींस को ऊपर खींचने से पहले, मैंने अपनी उंगली को अपनी पैंटी के कपड़ों पर  फिराई  तो वो चिपचिपा  तरल पदार्थ मेरी ऊँगली पर चिपक गया , मैंने उसे सूंघा, तो मुझे उसकी गंध  अजीब लगी ," नीता ने शर्मीली और धीमी आवाज में पूरी घटना को रीता को बताया ।

"ओह ...  हे प्रभु ! मुझे बताओ, मेरी  बहना मेरी प्यारी  सहेली, क्या तुमने इसका आनंद लिया क्योंकि यह तुम्हारा पहला पुरुष  के साथ सेक्स का अनुभव  था ?" रीता ने  नटखट मुस्कान के साथ  नीता से पूछा।

"रीता तुम मजे की बात कर रही हो ? यह तो वस्तुतः  बलात्कार था वो भी  भीड़ के बीच में !" नीता ने गुस्से में कहा।

रीता ने सांत्वना भरे स्वर में कहा, "नाराज मत हो मेरी जान , मैं तो बस तुम्हे  चिढ़ा रही थी, और ध्यान रहे, यह  बलात्कार नहीं था, तुम अभी भी एक कुंवारी लड़की हो।"

कुछ क्षण बाद नीता ने कहा, "रीता हो सकता है, मैंने अपने अवचेतन मन में  इसका थोड़ा सा आनंद लिया हो क्योंकि घटना के तुरंत बाद जब मैं अपनी जीन्स खींच रही थी, तो मैंने अपनी चूत को गीला पाया था ।"


जारी रहेगी

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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 24

मौसियो की पोतियो के पहले कामुक अनुभव 





नीता की कहानी सुन तब रीता ने कहा, "नीता तुम अच्छी तरह जानती हो, हम न केवल कजिन बहने हैं और सबसे अच्छी दोस्त हैं क्या गज़ब इतेफाव है कि उसी दिन, उसी क्षण में, वही घटना थोड़े से भिन्न प्रकार से मेरे साथ भी हुई थी।"


[Image: train00.jpg]

"प्लीज रीता मुझे पूरी बात पूरे विस्तार से बताओ," नीता ने उत्तेजित होते हुए कहा। रीता फिर अपने आपबीती बताती चली गई, " मुझे उन्मादी भीड़ ने धक्का देकर मध्य दरवाजे से थोड़ी दूरी पर धकेल दिया और मैंने उस भीड़ के साथ ही उस ट्रैन के डब्बे के अंतिम गेट में प्रवेश किया। मैं दो बूढ़े आदमीयो के बीच फंसी हुई थी और ट्रैन चलने पर असंतुलित होकर गिर रही थी।


[Image: train0.jpg]


मैंने अपना संतुलन बनाये रखने की कोशिश की ताकि मैं किसी और को न छू सकूं, जगह बदलने की भी कोशिस की ताकि मैं ठीक से खड़ी हो सकू। लेकिन, भीड़ इतनी ज़्यादा थी के हिलना भी संभव नहीं था । मेरे आस पास पकड़ने के लिए कुछ नहीं था इसलिए मैंने सहारे और संतुलन बनाये रखने के लिए अपना दाहिना हाथ छत पर रख दिया। कुछ सेकंड के लिए, मैंने अपने कूल्हे के दोनों तरफ़ दो हाथ महसूस किए, जो मेरे कूल्हों के ऊपर और नीचे हो रहे थे और कूल्हों को पकड़ने का प्रयास कर रहे थे। मुझे यक़ीन ही नहीं हुआ की कि अभी मेरे साथ ये क्या हुआ और मैं बेचैन हो उठी और मैंने इन हाथों को दूर करने की कोशिश की। मैंने अपने आप को ट्रेन में इस प्रकार छूने से बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन ट्रैन के उस डिब्बे में मेरे लिए हाथ हिलाने या सांस लेने के लिए भी जगह नहीं थी। मेरे पीछे एक बूढ़ा आदमी था जो जोर-जोर से सांस ले रहा था और मेरा ये विश्वास है की ये उसी के हाथ थे, पहली बार मुझे लगा उसके हाथ भीड़ के कारण दुर्घटना से मुझे छू गए थे।

[Image: train-c1.jpg]



अगला स्टेशन आया और भीड़ के कारण। आपको बाहर जाने के लिए हिलने-डुलने की ज़रूरत नहीं है, बस लोगों की एक लहर आती है जो आपको अंदर या बाहर ले जाती है आपको बस किसी भी तरह से खड़े रहना है अन्यथा आपको भीड़ आपको डिब्बे से बाहर निकाल देगी। दरवाज़ा खुला तो लोग इधर-उधर भागने लगे।

मुझे थोड़ी से जगह नज़र आयी और मैं वहाँ चली गयी तो अब वह बूढ़ा आदमी जो मेरे पीछे था अब मेरे सामने आ खड़ा हुआ। अचानक मेरे बायीं ओर से आए एक हाथ ने मेरे बाएँ स्तन को पकड़ लिया और उसे प्यार से सहलाने लगा। मैंने अपने पीछे देखने की कोशिश की, और देखा कि एक बूढ़ा आदमी जिसने गहरा सूट पहना हुआ था और मेरी ऊंचाई से थोड़ा-सा ऊँचा मेरी पीठ और नितम्बो के साथ चिपका हुआ था। ये वह ही आदमी था जो पहले मेरे सामने खड़ा हुआ था अब मेरे वह मेरे पीछे चिपक गया था




[Image: train01.jpg]
यह सब इतना अप्रत्याशित था कि मैं तुरंत प्रतिक्रिया नहीं कर सकी और स्तब्ध रह गयी। अत्यधिक भीड़ के कारण आसपास के इलाके में अंधेरा-सा हो गया था। तुम्हें याद हो होगा, आज सुबह मैंने लो-नेक और छोटी टी-शर्ट पहनी हुई थी जिसमे से मेरा पेट भी दिखाई दे रहा था? और इन उपयुक्त परिस्थितियों का लाभ उठाकर मेरे पीछे खड़े वृद्ध ने मेरी स्तनों के बीच की दरार पर हाथ रख दिया। योंकि मेरी टी-शर्ट लचीली कपड़े की सामग्री से बनी थी तो उसका हाथ बड़ी आसानी से मेरी टी शर्ट के अंदर फिसल गया और उसके हाथ ने मेरी ब्रा के कप्स को सहलाया और बिना समय बर्बाद किए उसने ब्रा कप्स को ऊपर उठा दिया, परिणामस्वरूप मेरे दोनों स्तन ब्रा के प्यालों से मुक्त हो गए। वह मेरे अब तक अनछुए दोनों स्तनों को सहलाने लगा।

ये मेरा पहला अनुभव था जब किसी पुरुष ने मेरे जीवन में पहली बार मेरे स्तनों को छुआ था और ये अनुभब मुझे अप्रत्याशित रूप से सार्वजनिक तौर पर कल मेट्रो ट्रैन के उस भीड़ वाले डिब्बे में हुआ। मुझे अजीब-सी सनसनी महसूस हो रही थी और मेरे निप्पल सख्त और खड़े हो गए थे। भगवान जाने मेरे साथ क्या हुआ, बस मुझे लकवा मार गया और मैं उसकी इस हरकत से सम्मोहित हो गयी और जैसे मेरे निप्पलों ने प्रतिक्रिया दी उससे मुझे ऐसा लगा जैसे मैं उसकी इस ग़लत हरकत का विरोध करने के बजाय उसे प्रोत्साहित कर रही थी। मेरे निपल्स की कठोरता के कारण बूढ़े ने भी कुछ ऐसा ही महसूस किया होगा और ये सोचा होगा कि मैं इसका आनंद ले रही हूँ। उसने मेरी टी-शर्ट को ऊपर सरकाया और मेरे दोनों स्तनों को नीचे की तरफ़ बाहर निकाला। तभी एक और स्टेशन आया और बूढ़े में मौका देख मुझे अपनी तरफ़ सीधा किया और वह मेरे ऊपर झुक गया। अचानक मुझे उसकी गर्म और गीली जीभ अपने एक निप्पल पर महसूस हुई। उसी समय जो बूढ़ा मेरे पीछे था उसका एक हाथ मेरे नितम्ब सहलाने के बाद दबाने लगा और उसका दूसरा हाथ मेरे उस दुसरे स्तन को दबने लगा जिसे मेरे सामने खड़े बूढ़े ने चूसने के बाद छोड़ा था

मुझे अब समझ आया दरअसल मैं जिन दो बूढ़ो के बीच फसी हुई थी वह दोनों ही मिल कर मेरी इस हालत का भरपूर फायदा उठा रहे थे ... मेरे सामने वाले बूढ़े का एक हाथ मेरे नंगे हो चुके पेट और कमर पर चलने लगा और फिर उसका हाथ मेरी नाभि के नीचे रेंगता हुआ और मेरी इलास्टिक दार पेण्ट और फिर पैंटी के लोचदार इलास्टिक के अंदर चला गया जिस समय सामने वाला बूढ़ा मेरी पैंटी के अंदर हाथ घुसा रहा था ठीकउसी समय जो बूढ़ा मेरे पीछे था उसने मेरी पैंट और पेंटी नीचे कर दी और सामने वाले का हाथ मेरी पैंटी के अंदर रेंगता रहा, उसकी उँगलियों ने मेरे झांट के बालों को अलग किया और अंततः मेरी बाहरी लेबिया को छूने लगा और अंत में, उसकी दो उँगलियाँ मेरी योनि के अंदर चली गईं। उसकी उंगलिया मेरी-मेरी चूत के भीतरी होंठ के ऊपर भगशेफ को रगड़ने लगी।



[Image: train2.jpg]
नीता, तुम्हे विश्वास नहीं होगा मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरे शरीर में 1000 वोल्ट बिजली चल रही थी क्योंकि उसकी जीभ लगातार मेरे दोनों निपल्स को वैकल्पिक रूप से बारी-बारी चूस रही थी और उसके एक हाथ की उंगलियाँ मेरी चूत से मेरे भगशेफ को रगड़ते हुए अंदर और बाहर आ रही थीं और उसका दूसरा हाथ मेरी कमर को पकडे हुआ था वही जो बूढ़ा मेरे पीछे था वह मेरे नितम्बो को सहला और दबा रहा था। फिर मैंने अपने नितम्बो पर कुछ महसूस किया जो मुझे लगातार मेरे नितम्बो में चुभ रहा था।

मैंने थोड़ा मुड़ कर नीचे को देखा की उस आदमी के हाथ में कुछ 6 इंच लम्बा सख्त मांसल चीज थी जिसे मैं अँधेरे के कारण देख तो नहीं पायी-पायी पर उसने उसे मेरे नितम्बो पर रगड़ा।

यह मेरे जीवन का पहला सेक्स का अनुभव था और अचानक हुए इस दो तरफा एक साथ हुए हमले से मेरी चूत के अंदर का बाँध फट गया और मैं कांपने लगी, फिर मेरा बदन अकड़ा और-और मेरा तरल बाहर निकलने लगा जो मुझे लगता है कि उसे मेरे सामने खड़े हुए बूढ़े ने अपनी हथेली में जमा कर लिया और अपना हाथ निकाल लिया ... जैसे ही उसने निकला मेरे पीछे वाले ने मेरी चूत को छेड़ना शुरू कर दिया तो मैंने-मैंने उत्तेजना में भर कर अपने बाएँ हाथ से उसका हाथ ज़ोर से पकड़ कर अंदर को दबा दिया ताकि उसकी उंगलियाँ मेरी चूत के अंदर और गहराई तक जा सकें और अपने दूसरे हाथ में मैंने अपने सामने खड़े बूढ़े के चेहरे को अपने निप्पल की ओर इतनी ज़ोर से दबाया कि उस ठरकी बूढ़े के पास मेरे निप्पल को काटने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचा था।



[Image: train3.jpg]
मेरे पीछे वाला मेरी चूत में ऊगली करता रहा और मेरे सामने वाला मेरे स्तन चूस रहा था और पीछे वाला अपने दुसरे हाथ से मेरे नितम्ब मसलने लगा ...

मेरे दाहिने निप्पल पर अभी भी काटने का छोटा-सा निशान है। ट्रेन अगले स्टेशन के पास पहुँच रही थी इसलिए हम दोनों एक दूसरे से दूर हट गए और मैंने देखा कि उसकी उंगलियों से मेरा तरल पदार्थ बह रहा था जिसे वह मेरे सामने ही चाटने लगा पर इस दूर हटने में मैं अपने पीछे वाले से चिपक गयी और फिर एक भीड़ का रेला आया और उसका लंड मेरे नियतं के गालो के ऊपर होते हुए दरार में घुसा और मेरी योनि से टकराने लगा।

मैं उस धक्के में सामने वाली बूढ़े के पास पहुँच गयी । उसने मेरी कमर को दाए हाथ में कस कर पकड़ लिया और मेरे स्तनों को अपने बाए हाथ में दबाने लगा और साथ ही साथ मेरी पैंटी के ऊपर से अंदर गुसा कर अपने लिंग को मेरे नितम्बो की दरार में अंदर और बाहर धकेल रहा था। जब ट्रेन फिर से चलने लगी तो मुझे धीरे-धीरे अहसास होने लगा की मेरे पेट पर और फिर मेरी नाभि के ऊपर कुछ ज़ोर से चुभ रहा था। इसे भी मैं अंधेरे के कारण स्पष्ट रूप से नहीं देख सकी, बस एक लंबे शारीरिक अंग की रूपरेखा नज़र आयी। मैंने इसे छुआ तो पता चला यह एक सख्त और लंबी मांसल वस्तु थी। मैंने हाथ ने इसे पकड़ लिया और हाथ को वस्तु की चौड़ाई और लंबाई को मापने के लिए ऊपर की ओर बढ़ा दिया। मेरा अंदाजा है जो चीज मेरे आगे टकरा रही थी उसकी लंबाई लगभग 6 इंच होगी और वह बहुत गर्म थी।



[Image: train4.jpg]

अब मैंने अपने पीछे वाले का भी औजार पकड़ लिया और पाया की दोनों का औजार लगभग एक जैसा था पैर पीछे वाले का औजार सामने वाले के औजार से थोड़ा-सा मोटा और करीब 7 इंच लम्बा था मैंने और अधिक तलाशने की कोशिश की और मेरे हाथो को उन दोनों के तथाकथित लिंग के आसपास के मोटे जघन बाल महसूस हुए।

फिर नीचे की ओर और खोजबीन करने पर मैंने दोनों के लिंग के नीचे दो लटकी हुई गेंदों को महसूस किया और उन्हें सहलाया और ने उसके लिंग पर अपना पूरा हाथ घुमाकर त्वचा को ऊपर और नीचे खींचना शुरू कर दिया। मेरे ऐसा करते ही मेरे पीछे वाले आदमी ने आह भरी और उसके लंड ने तरल पदार्थ छोड़ना शुरू कर दिया । मेरी हथेली उसके चिपचिपे तरल पदार्थों से भरी हुई थी और उसका चिपचिपा तरल पदार्थ मेरी ड्रेस के ऊपर भी गिर कर चिपक गया ।

उसका तरल पदार्थ निकलने के बाद कुछ देर तो वह व्यक्ति मेरे साथ चिपका रहा और फिर वह थोड़ा पीछे हुआ और अगला सततयों आते ही गायब हो गया ...

आह की कराह के साथ सामने वाले बूढ़े ने तुरंत प्रतिक्रिया व्यक्त की और मेरे मुंह की ओर अपने चेहरे के पास खींच लिया, तथा जल्दी-जल्दी मेरे पूरे चेहरे पर चुंबन करने के बाद, मेरे नरम होंठो को काटना शुरू कर दिया और मेरे मुंह के अंदर अपने गंदी और खुरदरी जीभ डाल मेरी जीभ की जांच की। तो मैंने उसकी गेंदों को कस कर दबा दिया तो उसने मेरे होंटो को अपने दांतो में दबा लिया ।




[Image: back-boob.gif]
नीता, मेरे होठों पर कट के ये निशान देखो, उस बदमाश बूढ़े ने मेरे कुँवारे होंठों को काट दिया और मैं दर्द से बिलबिला उठी और उसने मेरी जीभ चूसना शुरू कर दिया और तुम देखो उस समय मेरे पास उसकी जीभ चूसने के अलावा कोई विकल्प नहीं था क्योंकि यह मेरे शरीर से उत्पन्न होने वाली एक और नई सनसनी थी। मैंने अभी भी उसके लिंग को पकड़ा हुआ था और उसे पकड़ते समय मैंने पाया कि उसके लिंग के अग्रभाग को ढकने वाली त्वचा को बाहर और नीचे की ओर खींचा जा सकता है। बूढ़ा अपने लिंग की त्वचा को ऊपर और नीचे खींचने के लिए मेरे कान में फुसफुसाया। मैं उस समय ख़ुद को एक नए खिलौने के साथ खेलती हुई एक छोटी लड़की की तरह महसूस कर रही थी।

मैंने उसके लिंग पर अपना पूरा हाथ घुमाकर त्वचा को ऊपर और नीचे खींचना शुरू कर दिया। कुछ समय बाद, उसका लिंग मेरी हथेली में धड़कने लगा और उसके लिंग से भारी मात्रा में गर्म तरल बाहर निकल गया और मेरी हथेली में भर गया और साथ ही मेरी टी-शर्ट पर भी छिड़क गया। बूढ़े आदमी ने मुझे चूमा और उसने जल्दी से पैंट के अंदर अपने लिंग वापस ले लिया और अगले स्टेशन में वह भीड़ के साथ गायब हो गया। मेरी हथेली उसके तरल पदार्थों से भरी हुई थी इसलिए अपनी हथेली को साफ़ करने के लिए, मैंने अपनी हथेली को अपनी पेण्ट पर रगड़ा। तभी मेरे मन में एक विचित्र विचार आया, उस बूढ़े के उस वीर्य का स्वाद कैसा होगा क्योंकि उसने मेरे सामने ही मेरे रस का स्वाद चखा था, तो मैंने सोचा उसका स्वाद लेने में क्या हर्ज है। मैंने अपनी उंगली को अपने मुंह के अंदर उसके सह के साथ भिगो दिया, यह थोड़ा अजीब था मगर इतना बुरा स्वाद भी नहीं था। "



[Image: train5.jpg]

"ओह ... भगवान! अब, मैं सब कुछ समझ गयी। आज, ट्रेन से नीचे उतरने के बाद और घर लौटते समय, मैंने आपकी टी-शर्ट और जींस के सामने और पीछे बहुत सारे पानी के धब्बे और आपके निचले होंठ पर एक लाल कटमार्क देखा था। जब मैंने आपसे इस बारे में पूछा तो आपने उत्तर दिया था कि जब आप एक सेब काट रही थी तब आपने अपने होठों को काट लिया था। इसके अलावा, आपने यह भी स्पष्ट किया था कि यात्रियों द्वारा ले जा रहे किसी जार / कंटेनर से आपकी ड्रेस पर कुछ तरल पदार्थ के छींटे पड़ गए होंगे। इसका मतलब है कि आप उस समय मुझसे झूठ बोली थी" नीता ने कहा।

क्षमाप्रार्थी स्वर में, रीता ने कहा, "मेरी प्रिय नीता, वास्तव में मुझे आपसे झूठ बोलने और उस समय ही सब कुछ नहीं बताने के लिए बहुत खेद है क्योंकि मैं बहुत घबराई और डरी हुई थी। और फिर सब यहाँ विवाह में आने के लिए हमारा इंतज़ार कर रहे थे और फिर तुमने भी उस समय भीड़ में तुम्हारे साथ ट्रैन में क्या हुआ था मुझे तुरंत नहीं बताया था। मैं तुम्हें एकांत में अपना स्तन दिखाऊंगी कि कैसे उस बूढ़े ने मेरे निप्पल के पास काटने के निशान बन दिए हैं।"

"भगवान का शुक्र है, मेरे मोलेस्टर ने मेरे शरीर में कोई निशान नहीं बनाया," नीता ने हंसते हुए कहा "और रीता आप को तो एक साथ दो-दो पुरुषो के साथ सेक्स करने का दुर्लभ अवसर मिला हैl"

इस पर दोनों लड़कियाँ हँस पड़ीं।

"नीता, वैसे, मैंने कल उस बड़ी चीज़ को अँधेरे में सिर्फ़ उसके रूप को महसूस किया है, मैंने उसे अँधेरे के कारण देख नहीं पायी। पुरुष व्यक्ति का लिंग वास्तव में कैसा दीखता है? मेरा मतलब है, एक व्यस्क पुरुष कजा लंड और बाक़ी अंग?" रीता से पूछा।

नीताने अपनी सहेली की और देखा

"रीता, क्या तुमने कभी किसी पुरुष को नग्न नहीं देखा है?" नीता से पूछा।



[Image: boobpress.gif]

रीता ने बस ज़मीन की तरफ़ देखा क्योंकि वह थोड़ी शर्मिंदगी महसूस कर रही थी। नीता ने तुरंत इस सच्चाई को भांप लिया की उसकी सहेली रीता ने कभी किसी पुरुष को बिना कपड़ों के नहीं देखा था!

" शांत रहो, रीता। मैंने भी किसी पुरुष को नग्न नहीं देखा है। उन्हें बिना कपड़े पहने देखना ख़ुद को देखने से बहुत अलग है।

मुझे अपने बचपन की एक घटना याद है जब मैं 3 या 4 साल का थी। मेरे पिताजी स्नान कर रहे थे और मैं अचानक बाथरूम में घुस गयी थी। मैंने अपने पापा को उस समय नग्न देखा था, उनके लिंग के जिसके चारों ओर बहुत सारे बाल थे। फिर अगले दिन जब माँ तैयार हो रही थी और उन्होंने कोई कपड़े नहीं पहने हुए थे तब मैंने पहली बार माँ को भी नग्न देखा था। मैंने माँ के बड़े-बड़े स्तन देखे और मैंने देखा माँ के नीचे बहुत सारे बाल थे। फिर मैंने सोचा कि मैं मम्मी और पापा से अलग क्यों हूँ? मेरे पास माँ की तरह बड़े स्तन और बाल क्यों नहीं हैं?

"मेरे पास नीचे वहाँ पापा की तरह कुछ भी नहीं है? मुझे याद है जब मैं अपने माता पिता से इस बारे-बारे में अपने संदेहों के बारे में पुछा ीोवो दोनों हँसे और उन्हों ने मुझे चूमा," नीता ने कहा।

"नीता, हाल ही में सिर्फ़ 3 दिन पहले मैंने अपनी माँ के पूर्ण-नग्न शरीर को देखा है, जबकि माँ अपनी पैंटी और ब्रा पहन रही थी। उसके बड़े गोल बूब्स हैं जिनका आकार हमसे बड़ा, 36 डी होना चाहिए। मैं उनकी योनि भी नहीं देख सकी क्योंकि उनकी योनि गहरे काले बालों की एक झाड़ी के अंदर ढकी हुई है" रीता ने कहा।

"चिंता मत करो! किसी दिन निश्चित रूप से हम दोनों एक पुरुष व्यक्ति को नग्न और उसका लंड देखेंगे," रीता ने नीता को आश्वासन दिया। मैं तो ये भी कह सकती हूँ कि एक महिला की चूत अध्ययन करने के लिए सबसे रहस्यमय चीज है, " नीता ने मुस्कुराते हुए कहा।

जारी रहेगी


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very nice buildup
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 25

मौसियो की पोतियो की नग्न तैराकी



भाई महाराज किसी कार्य में व्यस्त थे इसलिए महमानो से मिलने नहीं आ सके थे और रात्रि के भोजन के बाद संगीत का कार्यक्रम था और मेरी ताई जी अपने बहनो और उनके परिवार के साथ व्यस्त हो गयी.

मैंने लड़कियों के मन में झाँका तो पाया दोनों ट्रैन में हुई घटना के बारे मेंं ही सोच रही थी और दोनों लड़कियां ट्रेन की घटना पर विचार करते हुए कुछ देर तक चुप रहीं। रीता एक पुरुष के लिंग के बारे में सोच रही थी, इससे उसे अपने पैरों के बीच एक जकड़न का अहसास हुआ और उसे वह अहसास अच्छा लगा। नीता उस बूढ़े द्वाराअपने स्तनों के काटने के बारे में ही सोच रही थी।

मैंने सोचा आगे देखते हैं ये लड़किया और क्या करती हैं ..

रीता ने कहा। "नीता हालांकि, हम दोनों जीव विज्ञान की छात्राये हैं और महिला योनि के अंगों से अच्छी तरह वाकिफ हैं फिर भी जब तक छोटे से दर्पण की सहायता के बिना अपनी चूत के अंदर देखना बहुत मुश्किल है। मैंने कई बार आईने के सामने अपनी चूत को चौड़ा करके अपनी चूत के अंदर देखने की कोशिश की है लेकिन मैं हमेशा भ्रमित हो जाती हूँ और कभी-कभी मुझे आश्चर्य होता है कि मेरा मासिक धर्म कहाँ से आता है? मेरा पेशाब कहाँ से निकलता है? एक बच्चा कहाँ से निकलता है और जब से जरूरी बात की एक पुरुष लिंग कहाँ प्रवेश करता है?"


[Image: pool1a.jpg]

"सुनो, मेरे प्रिय, यदि आप किसी फूल के मूल तक पहुँचना चाहते हैं, तो आपको एक एक कर पंखुड़ियों के बाद पंखुड़ी को पार करना होगा, उसी तरह से हमारा मूल छेद योनि है जो परत के बाद परत को पार करने के बाद गहरे में स्थित है, और उसे देखने और जानने के लिए, विस्तृत निरीक्षण की आवश्यकता होगी। ?" नीता ने कहा। रीता ने कहा यहाँ तो अब बोर ही हो रहे हैं .

तो रीता नीता दोनों अपने बड़ी मम्मी और बड़े पापा के पास गयी और उनसे पुछा अब आगे क्या कार्यक्रम है ?

"रीता, नीता अबी फिलहाल कोई और ख़ास कार्यक्रम तो है नहीं अब तो रात्रि के भोजन के बाद संगीत का कार्यक्रम होगा आप सब तब तक आराम कर लीजिये .. यात्रा से थक गए होंगे फिर रात्रि के कार्यक्रम के लिए त्यार हो जाना

तो रीता बोली फिर तो तब तक हम तो बहुत बोर हो जाएंगे बड़ी मां !

तो मेरी ताई जी बोली फिर आप दोनों स्विमिंग पूल में तैरने चले जाओ क्योंकि रात्रि के भोजन के लिए अभी काफी समय है! ," ताई जी ने नीता को प्रस्ताव दिया और बोली इस कक्ष के दायी तरफ में स्विमिंग पूल के लिए रास्ता है और इस समय वो बिलकुल सुनसान है। आप दोनों स्विमिंग पूल का आनंद ले सकती हैं ।" उन दोनों ने अपनी माताओ की तरफ देखा तो बड़ी माँ ने जोर से बोला जिसे सबने सुना .. दोनों लड़किया स्विमिंग करने जा रही है .. किसी और को भी जाना है क्या ?



[Image: pool1.png]
स्मिता (रीता की माँ) ने दोनों लड़कियों की स्विमिंग पूल की तरफ जाते हुए देखा और कहा, "ठीक है प्रिय, लेकिन आप दोनों को रात्रि के भोजन के समय तक यहाँ लौट आना होगा ।"

दोनों थैंक यू बड़ी मासी बोल पूल के तरफ चल दी
"नीता रुको, मुझे अपने स्विमिंग सूट लाने दो," रीता ने उत्तर दिया।
नीता ने फुसफुसाते हुए कहा , "रीता ये एक प्राइवेट पूल है, वहां इस समय कोई नहीं है और ऐसे ही चलते हैं।"

रीता फुसफुसाते हुए बोली नीता फिर में जो कहूँगी वो आप करोगी .

"ठीक है। लेकिन आपको कभी किसी को कुछ न बताने का वादा करना होगा,"नीता ने कहा।

दोनों लड़कियां स्वीमिंग पूल की ओर चल पड़ी और वहां पहुँच कर देखा पूल पर कोई नहीं था और शर्माते हुए नीता ने अपने कपड़े उतारना शुरू कर दिया।

रीता ने झटपट अपनी कमीज को अपने सिर के ऊपर से खींच लिया जबकि नीता ने अपनी स्कर्ट नीचे खिसका दी। नीता ने थोड़ी देर के लिए एक-दूसरे को देखा, फिर नीता ने अपना टॉप उतार दिया, जबकि रीता ने अपनी जींस उतार दी। लड़कियों ने दर्जनों बार एक-दूसरे के सामने अपने कपड़े उतारे थे, लेकिन हर बार पहलेउन्हों ने अपनी ब्रा और पैंटी पहने हुए थी । वे एक दूसरे के सामने कभी इस तरह से नग्न नहीं हुई थी । रीता सफेद पेंटी पहने थीं और नीता गुलाबी. उन्होंने शर्म से एक-दूसरे के टॉपलेस रूप को देखा, प्रत्येक ने दूसरेके स्तनों पर ध्यान दिया। दोनों लड़कियों के गोल सुदृढ़ और मध्यम आकार के 32 बी आकार के स्तन थे। उनके निपल्स थोड़े सख्त थे, जो छोटेगुलाबी रंग के गोल घेरों से घिरे हुए थे, । उनकी बगलों में पहले से ही छोटे बाल उग आए थे। इसके साथ ही, दोनों ने एक साथ अपने अंगूठे को अपनी पैंटी के इलास्टिक में घुसाया और पेंटी को नीचे खिसका दिया और हिचकिचाते हुए उन्होंने एक-दूसरे के नग्न शरीर को देखा और दोनों एक साथ मुस्कुरा दी । दोनों को एक साथ नग्न होना और एक दुसरे को देखना अच्छा लगा। जिससे उनकी वासना थोड़ी थोड़ा जागने लगी और दोनों ने अपनी योनि के अंदर थोड़ा कसाव महसूस किया और अपनी दोस्त और चचेरी बहन की झांघो में छुपी हुई छोटी सी योनि दरार को देखा। और उन्हें वो योनि का ऐसे कसना बहुत अच्छा लगा!


[Image: pool2.jpg]

फिर दोनों लड़कियाँ मुड़ीं और पानी की ओर दौड़ पड़ीं और पानी में कूद गयी अपने खेल में खोई हुई, प्रत्येक लड़की जल्द ही अपनी और अपने दोस्त की नग्नता से काफी बेखबर हो गई। काफी देर तक तैरने, खेलने के के बाद, दोनो थकी हुई युवतियों ने खुद को पानी से बाहर निकाला और पूल के पास घास पर लेट गई। मैं वही छिपा हुआ उन्हें नग्न नहाते और तैरता हुआ देखता रहा

पहले तो वे वहीं बैठ गयी और आराम किया जब साँसे नियंत्रित हो गयी तो । लेकिन नीता ने रीटा की ओर देखा तो पाया की उसकी सहेली भी उसे घूर रही थी, विशेष रूप से उसक स्तनों को और उसके जांघो के बीच के जंक्शन पर उसके छोटे से छेद को घूर रही थी।

"नीता," रीता बोली , "मैंने सोचा था कि सभी लड़कियों को एक जैसा होना चाहिए। लेकिन आप मुझसे अलग हैं।"

नीता ने अपनी योनि को देखा। फिर उसने रीता की ओर देखा। रीता सही थी! उनकी योनिया अलग थी ! उनकी दोनों की चूतें बंद थीं। जहां रीता के पैरों के बीच एक गहरी लंबी लाइन थी वहीं नीता की इनर लाइन उनसे थोड़ी छोटी थी। रीता की आंतरिक रेखा के विभाजन पर एक हल्का मांसल उभार था। लेकिन, उसकी योनि के हर तरफ की त्वचा रीटा की तरह नहीं थी। रीटा की तुलना में उसका क्रॉच ज्यादा उभरा हुआ और भरा लग रहा था, जबकि रीटा का योनि क्षेत्र एक मामूली टीले की तरह था । क्योंकि वह रीता की तुलना में बहुत अधिक पतली थी। वह अपने दोस्त के नन्ही योनी की अपने सामने देख बहुत उत्साहित थी और अपनी योनि के साथ उसकी योनि की तुलना कर रही थी । नीता ने कहा कि उनका योनि क्षेत्र पतले बालो से ढका हुआ था ।



[Image: POOL3.jpg]

क्या तुम मुझे अपनी योनि करीब से देखने दोगी ," नीता ने प्रस्ताव रखा।

उस उम्र में रीता की उत्सुकता भी उतनी ही थी तो वो बोली तुम मुझे अपनी दिखाओ और मैं तुम्हें अपनी दिखाऊंगी ' इसके साथ ही दोनों लड़कियों ने एक-दूसरे को देखा और अपनी आपसी सहमति से सिर हिलाया।

जारी रहेगी
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 26

मौसियो की पोतियो का परस्पर निरीक्षण और हस्तमैथुन




रीता बोली नीता वैसे तो लड़कियों के यौन अंगों में योनि, वल्वा, भगशेफ या भगनासा, गर्भाशय ग्रीवा, गर्भ, अंडाशय, मूत्रमार्ग और पीठ मार्ग (गुदा क्षेत्र) आदि शामिल हैं। इसके इलावा स्तन, ओंठ, नितम्ब, नाभि और कमर भी स्त्री के महत्त्व पूर्ण अंग है जिनका सेक्स में एक विशेष स्थान है।

लड़कियों की जननेंद्रि है योनि इसे चूत, बुर, भग और भोसड़ी भी कहा जाता है .
योनि वह मार्ग है जो जांघो के बीच में एक दरार होती है जो ही गर्भाशय की ओर जाता है। योनी शरीर के बाहर से दिखाई देती है और पुरुष या लड़के का लिंग साधारणतय यही प्रवेश करता है।


[Image: HYMN.jpg]

भगशेफ या भग्नाशा योनी के बाहर होता है और स्पर्श करने के लिए बहुत संवेदनशील होता है। इससे महिलाओं को उनके यौन सुख का भरपूर आनंद मिलता है। कामोत्तेजना के दौरान इस क्षेत्र में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है, जिससे योनी और भगशेफ में सूजन और अतिरिक्त संवेदनशीलता हो जाती है।

किसी भी महिला का स्तन उसके शरीर का सबसे खूबसूरत और अहम और आकर्षक हिस्सा होता है। स्तनों का माप या कोई अन्य एक मापदंड नहीं रखा जा सकता। यह एक बहुत ही संवेदनशील सेक्स अंग भी होता है, जिसे छुने से महिलाएँ कामोत्तेजित भी महसूस करती हैं।

सम्भोग मैथुन या सेक्स की उस क्रिया को कहते हैं जिसमे नर का लिंग मादा की योनि में प्रवेश करता हैं। सम्भोग को योनि मैथुन, काम-क्रीड़ा, रति-क्रीड़ा भी कहते हैं। महाभारत के अनुशाशन पर्व के अनुसार लड़की सम्भोग या मिलान के समय पुरुष से कई गुना ज़्यादा आनंद सुख और तृप्ति की प्राप्ति करती है।

सम्भोग इंसानों में, संतान प्राप्ति, सुख प्राप्ति या प्यार या जज़्बात दिखाने का भी एक रूप हैं। सम्भोग अथवा मैथुन से पूर्व की क्रिया, जिसे अंग्रेज़ी में फ़ोर प्ले कहते हैं, के दौरान हर प्राणी के शरीर से कुछ विशेष प्रकार की गन्ध (फ़ीरोमंस) उत्सर्जित होती है जो विषमलिंगी को मैथुन के लिये अभिप्रेरित व उत्तेजित करती है।

नीता बोली तो रीता अब इस सब को करीब से देखने और प्रक्रियाओं समझने के लिए पारस्परिक निरीक्षण शुरू करते हैं

तत्पश्चात वो दोनों एक दुसरे के पास आ गयी और इस प्रकार बैठ गयी की ेकी आंके एकदुसरे के योनि प्रदेश के बिलकुल पास थी और थोड़ा साइड में मुड़ कर दोनों अधलेटी हो गयी जिससे उनकी टाँगे इस तरह से खुली हुई थी जिससे उन्हें पारस्परिक निरीक्षण के लिए अपनी कुंवारी योनि के खोलने और देखने दिखाने में सुविधा हो ।




[Image: 2.jpg]
दोनों लड़कीया अब अपनी दोस्त की सबसे खास जगह की जांच करने के लिए स्वतंत्र थी। शरमाते हुए दोनों लड़कियों ने दूसरे की भीतरी जाँघ को छुआ। दोनों दूसरी की जांघो के अंदरूनी हिस्से के मांस की नरमी और और चिकनायी से चकित थी । दोनों को दुसरे की चिकनाई अपनी से ज्यादा लगी । कोई भी महिला या लड़की अपनी चूत का पूरा विवरण नहीं देख सकती है। कुछ मिनटों के स्पर्श के बाद, रीता और नीता की की चुत की अन्वेषण यात्रा उनकी परस्पर दोस्त की तंग योनि के द्वार की तरफ बढ़ने लगी । और प्रत्येक लड़की ने अपना हाथ अपनी सहेली की योनी पर रख दिया, तो दोनों को आंनद भरी झुरझुरी हुई । उन्होंने उन्हें अपने सामने वाले शरीर के सबसे संवेदनशील मांस को रगड़ा और सहलाया और स्त्री योनि के निरिक्षण और अध्यन करने के इस अनूठे अवसर का पूरा फायदा उठाया।

रीता के यौन क्षेत्र में बहुत काले काले और लम्बे घुँघराले बाल थे, लेकिन उसके योनी के दोनों किनारों पर बाल छोटे थे, और नीता के यौन क्षेत्र पर बालों का एक छोटा सा गुच्छा था, लेकिन उसकी योनि के किनारों से गहरे बाल उग रहे थे। उन्होंने पहले बालो के लगा कर थोड़ी जगह बनायी और फिर एक-दूसरे की बाहरी लेबिया के कोमल मांस और बालों को सहलाया, और उनके थपथपाकर उनकी बाहरी लेबिया ने बीच से गुजरने वाली योनि के ओंठो को थोड़ा अलग कर दिया।

रीता की बाहरी लेबिया फूली हुई और बड़ी थी जबकि नीता की बाहरी लेबिया रीटा की तुलना में आकार में छोटी थी।

"रीता, बस अपनी जांघों को थोड़ा फैलाओ, मैं तुम्हारी चूत के अंदर का निरीक्षण करना चाहती हूँ," नीता ने अनुरोध किया।

रीता ने जवाब दिया, "बिल्कुल प्रिय, साथ ही तुम भी थोड़ा फैलाओ ताकि साथ-साथ हम दोनों एक-दूसरे का निरीक्षण कर सकें।"

पहले नीता ने रीता की मांसल बाहरी लेबिया को सबसे ऊपर से फैलाया और पाया कि भीतरी होंठ उसके भगशेफ की जड़ से शुरू होकर नीचे की ओर जा रहे हैं।

"रीता, तुम्हारे भीतरी होंठ लंबे, चिकने और गुलाबी रंग के हैं," नीता ने कहा।


[Image: 49-0.jpg]

" मेरी जान , तुम्हारे भीतरी होंठ थोड़े छोटे और भूरे-काले हैं, लेकिन तुम्हारे भीतर के होंठ झुर्रीदार हैं," रीता ने उत्तर दिया।
फिर रीता को नीता का भगशेफ नजर आया जो थोड़ा बड़ा एक छोटे अंगूर के जैसी थी था जहां से उसके भीतर के होंठ मिले थे और उसकी चूत के ऊपर एक छोटा सा हुड बन गया था। उसने उसे छुआ, वह स्पंजी थी।

"ओह, यह अच्छा लगता है," नीता कराह उठी ।

नीता ने कहा, "यहाँ तुम्हारी भगशेफ है जो छोटी मटर की तरह है।"

रीता ने नीता के भगशेफ के नीचे देखा, तो उसे एक छोटा सा छेद मिला।

"ओह ... भगवान, नीता, मुझे तुम्हारा पेशाब का छेद मिल गया है जी छोटा सा है । मुझे आश्चर्य है कि इस छोटे से छेद से आपका बहुत सारा सुनहरा पानी कैसे निकलता है," रीता ने कहा।

नीता ने कहा, "मुझे आपकी भगशेफ के ठीक नीचे आपका भी पेशाब का छोटा सा छेद मिला है ।"

फिर दोनों लड़कियों ने उससे नीचे की ओर देखा जहां योनि के अंदरूनी होंठ खत्म हुए और यही लड़की की अद्भुत योनि का छेद है ।


[Image: 47-4.jpg]

"ओह्ह्ह... आगे हर जगह गुलाबी है और मुझे तुम्हारी योनि का छेद दिखाई दे रहा है," रीता ने कहा।

"बिलकुल मुझे भी दिखा यही वह छेद है जहाँ से हमारा मासिक धर्म, कामोन्माद और बच्चे निकलते हैं," नीता ने समझाया। "लेकिन नीता , तुम सबसे महत्वपूर्ण बात भूल रही हो । यही वह छेद है जहाँ सम्भोग के दौरान पुरुष का लिंग प्रवेश करता है," रीता ने कहा।

नीता बोली रीता आप तो जानती ही हो फिर भी दोहरा देती हूँ हमने जीव विज्ञान में पढ़ा है

दोनों लड़कियों हँसी और एक साथ बोल उठी !

"मुझे विश्वास है आप सम्भोग का पूरा आनंद लोगी और अपने साथी पुरुष को भी पूरा मजा करवाओगी ?"

नीता ने कुछ हिचकिचाते हुए रीता से पूछा। क्या आपको ....? और वाक्य अधूरा छोड़ दिया

मुझे विश्वास है " जब मैं इसे स्वयं करती हूँ ये उससे बेहतर होगा ," रीता ने शर्म से समाप्त किया।

"रीता! क्या तुम सच में खुद को नीचे छूती हो?" नीता से पूछा।

नीता चकित लग रही थी। "मैंने सोचा कि मैं अकेली लड़की थी जो ऐसा करती है," उसने धीरे से कहा।

दो लड़किया अपनी तरुण अंतरंगता में आनंदित होकर एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराईं।

और रीता ने नीता की योनि को रगड़ते हुए पुछा

"नीता? क्या अब यह अच्छा लगा या जब आप इसे खुद करती हो तब ज्यादा अच्छा लगता है ," रीता ने कहा।



[Image: 47-5.jpg]
नीता ने कहा, " मुझे हमेशा ही अच्छा लगता है कि जब भी मैं अपनी योनि की छोटी गांठ (भग्नाशा) को छूती हूं और रगड़ती हूँ तो अच्छा लगया है और इस समय आपकी उंगली ठीक उसी जगह है और मुझे बहुत अच्छा लग रहा है ।"

मैं उस बीच छुप कर इन दोनों लड़कियों की हरकते देख रहा था और मुझे उनकी उत्सुकता भी स्वाभाविक हरकते देख कर मजा आ रहा था की किस प्रकार दोनों लड़किया परस्पर यौन अंगो का निरिक्षण कर रही थी और स्पर्श के आनंद को महसूस कर रही थी .

मुझे याद आया मैंने भी ऐसा ही निरिक्षण अपने फूफेरे भाइयो टीम और बॉब के साथ रोजी रुबी मोना और टीना का तालाब के किनारे पर किया था जिसे आप - मेरे अंतरंग हमसफ़र - में पढ़ सकते हैं और बहुत मजा आया था पर ये उससे बहुत लग था क्योंकि यहाँ दो तरुण युवतिया परस्पर यौन अंगो का निरिक्षण कर रही थी.

रीता ने अपने सामने नीता की भगशेफ को अपनी उंगली को जोर से दबाया और इस छेड़छाड़ की स्वभाविल प्रतिक्रिया स्वरुप नीता का शरीर काम्पा और वो आअह्ह्ह करते हुए कराह उठी . रीता को अपने दोस्त को आंनद को लेते देख मजा आया और नीता के भगशेफ को और अधिक सक्रिय रूप से घुमाना और रगड़ना शुरू कर दिया। इस रमणीय उत्तेजना के बदले में, नीता ने भी रीता की योनी के मांस पर अपना हाथ जोर से और तेजी से रगड़ना शुरू कर दिया।

जब भी नीता ने खुद के साथ ऐसा किया तो उसे यह हमेशा अच्छा लगता था और वह अपने दोस्त को भी अच्छा महसूस कराना चाहती थी। जैसे ही नीता ने अपनी मध्यमा उंगली को रीता के योनि खिसकायी , नीता को वहाँ नमी महसूस हुई ,

उसे याद आया कि जब उसने पहली बार खुद को रगड़ा था।और वो गीली हो गयी तो उसने सोचा था कि उसने खुद को गीला कर लिया है, लेकिन नमी में पेशाब की तरह गंध नहीं आई थी और पेशाब की तरह महसूस भी नहीं हुआ था । बल्कि उसने बहुत से फिसलन भरा महसूस किया था और तरल में बिल्कुल भी गंध नहीं थी। यहाँ उसने अपनी जीभ भी बाहर निकाल कर अपनी उंगलियों से रीता के रस का थोड़ा सा स्वाद चखा स्वाद भी खराब नहीं था!

रीता खुशी से कराह रही थी क्योंकि नीता ने उसकी उत्तेजित भगशेफ के साथ खेलना शुरू कर दिया था। आखिरकार रीता ने उत्तर दिया, " यही वह जगह है जहाँ मैं खुद को सबसे अच्छा छूना पसंद करती हूँ!"


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ये जान कर नीता को अच्छा लगा की उसकी दोस्त को भी को हस्तमैथुन के दौरान जिस तरह का मजा आ रहा है और इससे उत्साहित होकर नीता ने रीता को उसी उत्साह और ऊर्जा के साथ रगड़ना शुरू कर दिया, जिससे वो वह अक्सर देर रात को अपनी चूत को रगड़ कर मजे लेती थी। उसने रीता के जांघो के जोड़ के अंदरूनी चिकने हिस्सों को रगड़ा और अपनी उँगलियों को ऊपर-नीचे और रीता के योनि के ऊपर बार बार घुमाया। उसने अपनी मध्यमा उंगली को रीता की योनि के अंदर हलके से घुसाया । उसने रीता के लिए वह सब कुछ करने की कोशिश की जो उसे अपने साथ करने में मज़ा आता था। और ये परभाई हो रहा था क्योंकि रीता की कराह और बदन की हलचल बढ़ गई थी। और नीता जल्द ही खुशी से कराहने लगी थी ।


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दोनों लड़कियों ने अपने निजी हस्तमैथुन सत्र के दौरान कामोन्माद राहत के आनंद का अनुभव किया हुआ था। चूंकि प्रत्येक अब दूसरे के साथ वही कर रहा था जो उसे खुद के साथ करने में मज़ा आया था, लड़कियों की रगड़ जल्द ही कूल्हों के पास आपस में जुड़ गई। पूल का वो स्थान उन तरुणियो के आनंद की कराह र की आवाजों से भर गया था और दोनों जल्द ही चरमोत्कर्ष के करीब और करीब पहुँच गयी जिसने उन दोनों के अंगों को कांपने के लिए मजबूर कर दिया फिर उनका शरीर अकड़ा और और एकसाथ ही आनंदमय कामोन्माद विस्फोट के साथ दोनों के काम रस ने उनकी साथी के हाथो को भिगो दिया और दोनों आपस में लिपट गयी

हालांकि कोई भी लड़की उन सभी भावनाओं को पूरी तरह से नहीं समझ पायी थी जो उनके अंदर दौड़ रही थीं, फिर भी प्रत्येक ने अपने ऑर्गोस्म के बाद में और दूसरे के नरम और नग्न शरीर की निकटता का आनंद लिया। दोनों लड़कियों ने अपने पहले आपसी हस्तमैथुन का भरपूर आनंद लिया था और फिर भी वे दोनों इस बात को लेकर अनिश्चित थीं कि अब उन्हें आगे क्या करना चाहिए।



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"यह अच्छा था," रीता ने कहा। नीता ने सहमति के तौर पर अपनी सहेली को चूम लिया।

तभी कुछ आवाज आयी और उन्हें लगा कोई आ रहा है तो दोनों फटाफट उठी और कपडे उठा कर चेंजिंग रूम मे चली गयी.

जारी रहेगी
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(22-09-2022, 01:11 PM)koolme98 Wrote: very nice buildup

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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 27


मौसियो की समलैंगिक पोतियो 



दोनों लड़कियों ने पूल के किनारे एक बिल्ली को किसी सजोते जानवर के पीछे भागते हुए देखा और उसके बाद सन्नाटा छा गया।

मेहमानो के लिए बनाया गया ये छोटा स्वीमिंग पूल झाड़ियों और पेड़ों से घिरा हुआ था और झाड़ियों और पेड़ों से पास चेंजिंग रूम भी बनाए गए थे। और पूल के चारों ओर एक सुंदर बगीचा था मैं भी चुपचाप चेंजिंग रूम के पास के बगीचे में घुस गया और ध्यान से छिप गया ताकि वे मुझे न देख सकें लेकिन मैं उन्हें चेंजिंग रूम के झाड़ियो वाले खुले हुए दरवाजे से देख पा रहा था। और दोनों ने शावर लिया और तौलिये से खुद को सुखा रही थी .

सेक्स के साथ सबसे मजेदार बात ये है की अगर आपको सेक्स में मजा आये तो आप इसे बार बार करना चाहते हैं ताकि आप और ज्यादा मजे ले सके और यही उन दोनों तरुणियो के साथ हुआ ..

उन्हें अपने पहले पारस्परिक लेस्बियन सेक्स में बेशक बहुत मजा आया और वो दोनों अब इसे दुबारा करना चाहती थी क्योंकि इस सेक्स सेशन ने उनकी जिज्ञासा को जरूर थोड़ा सा शांत किया था की उनकी योनि कैसी है पर साथ हो दोनों की वासना को भड़का दिया था .



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उन्होंने कुछ देर रुक कर पुष्टि की कि कोई और तो पूल की ओर नहीं आ रहा है। जब कोई नहीं आया तो रीता ने कहा, "प्रिय नीता, अभी भी डिनर के लिए काफी समय है, अभी केवल 6.30 बजे है और मुझे लगता है कि रात 8.30 बजे से पहले डिनर नहीं परोसा जाएगा, इसलिए समय बीतने के लिए जो हमने अभी कुछ देर पहले हमने स्विमिंग पूल के किनारे पर किया था उसीका दूसरा सत्र क्यों नहीं कर लेते हैं ।"

"ज़रूर," नीता ने जवाब दिया।

इस बार वे चुंबन के साथ शुरू हो गयी और उन्होंने पूरी भावना के एक दूसरे को चूमा, बिना किसी झिझक के रीता के बालों की हलके से पकड़ कर रीता की उंगलियों ने उसका सर पकड़ लिया । रीता की जीभ उसके मुँह में घुसते ही नीता ने खुशी से आह भरी, और नीता ने उसे पकड़कर अपने दुबले-पतले शरीर को उसके शरीर पर दबा दिया। हालांकि, जल्द ही, नीता थोड़ा पीछे हट गई, और रीता ने नीता की जीभ को अपने होंठों से पकड़ लिया, और फिर वह उसकी गर्दन की ओर बढ उसकी गर्दन को चूमने लगी ।

उनके इस चुंबन के कारण उनके तौलिये जो उनके बदन पर स्तनों के ऊपर और कंधो के नीचे से लिपटे हुए थे थोड़े ढीले हुए और उनके स्तनों पर चले गए

चुंबन कि तीव्रता से नीता रीता की बाहों में पिघलने लगी और नीता ने अपना सिर एक की ओर झुका लिया और अपने छोटे हाथों को रीता के सपाट पेट के ऊपर और धीरे-धीरे और सावधानी से उसके दृढ़ स्तनों को दबाने लगी ।

नीता ने अपनी उँगलियों कोरीता के कंधो पर फिराते हुए उसकइ तौलिये को खींच दिया और स्तनों के पास हाथ ले जाते हुए , रीता को अपने निपल्स के निचुड़ने की अनुभूति देने से पहले, अपने हाथों के नीचे की कोमल त्वचा की अनुभूति का आंनद, नीता ने रीता के स्तनों को हलके से दबा कर लिया जिससे रीता की एक आअह्ह्ह्ह निकली ।



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"जोर से दबाओ ," उसने नीता के कान मेंफुसफुसाया और उसके कान में अपनी जीभ घुसा दी फिर ओंठो से उसके कानो को हल्का सा चुंबन किया और फिर कान को हल्के से प्यार से कुतर दिया । अब ओह्ह्ह्ह करती हुई नीता कराह उठी .

मैं उन्हें एक कोने में छिपा हुआ देख रहा था, मेरे पूरे बदन से पसीना आ रहा था और मेरे मांसल शरीर से पसीने की बूंदें धरती पर गिर रही थीं। अचानक मुझे पेशाब करने की तीव्र इच्छा हुई। पर मैं वहां से हटना नहीं चाहता था क्योंकि उनकी लेस्बियन हरकते देख कर मुझे मजा आ रहा था मैंने वहीँ झाड़ियों के पास पेशाब कर दिया इस बीच मैं उन्हें स्पष्ट रूप से देख सकता था क्योंकि मेरे खड़े होने की जगह से मुश्किल से 10 से 12 फुट की दूरी पर थी। और उसके बाद उन्हें देखने में ऐसा तलीन था की पेण्ट की ज़िप ंबंद करना ही भूल गया . दोनों युवा तरुणिया जवानी के खेलो का स्वाद चखना शुरू कर चुकी थी। मेरे लिए यह दो तरुण लड़कियों के पहले होंठ लॉक को देखने का एक अवसर था जो परस्पर समलैंगिकता से मिलने वाले आनंद से परिचित हो रही थी । दोनो लड़कियों की सुंदरता कमसिन बदन बातचीत और कराहो ने मुझे उत्सुक बना दिया, और मैंने पूल चेंजिंग रूम के पास झाड़ियों के बीच एक उपयुक्त स्थान ढूँढा जिससे मैं उन्हें छिप कर देख और सुन सकू और उन्हें देखता हुआ उनकी बातों को सुनने लगा । ( आश्चर्य जनक बात ये थी की पूल के चेंजिंग रूम में कोई दरवाजा नहीं था )

नीता ने धीरे से उसके सिर वापस उसे सामना करते हुए रीता की गर्दन एक नरम चुंबन किया। उसकी काली आँखों में शुद्ध किशोर वासना दिख रही थी और नीता ने दुबारा अपने ओंठ रीता के ओंठो पर रख दिए और उसने अपने होंठ दृढ़ता से उसके होंठो पर दबा दिए। रीता की जीभ एक बार फिर नीता के मुंह की जांच करने लगी और इसकी जीभ को सहलाने लगी , तो नीता ने रीता को जीभ को अपने मुंह में चूसने की कोशिश की। हालाँकि, रीता को अपनी जीभ अपने मुँह में लेने की अनुमति नहीं दी तो नीता ने भी रीता को संतुष्ट करने के लिए पर्याप्त दबाव के साथ अपनी उंगलियों को एक साथ उसके चुचकों पर ना लाकर, नीता ने अपनी जीभ निकाल कर उसे चिढ़ाया ,



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तब रीता ने जल्द ही नीता की जीभ को मुंह से जोर से चूसकर, और उसके नन्हे गोल नितम्ब के गालों को पकड़ कर जोर से निचोड़कर जवाबी कार्रवाई की। रीता ने नीता को थोड़ा ऊपर खींचा और खुद पीछे झुक गयी जिससे अब नीता का पूरा भार रीता के ऊपर थ, और उसके सिर को इसने पीछे झुका दिया की नीता को उसे ठीक से चुंबन करने के लिए रीता के पैर की उंगलियों पर असुविधाजनक तरीके से खड़ा होना पड़ा।

"अरे!" कहते हुए रीता सीधी हुई और फिर दूर होने लगी तो नीता बोली बोली ये उचित नहीं है रीता तो नीता हँस पड़ी !"

रीता शरारत से मुस्कुराई और नीता को देखा और बोली प्यार के खेल में सब जायज है मेरी छोटी सी जान," , नीता के हाथों को पकड़ कर वहां रखे सोफे की ओर ले जाने लगी तो बैठने से पहले।

"आई एम सॉरी," नीता ने थपथपाते हुए कहा, ज्यादा मुस्कुराने की कोशिश नहीं की, "लेकिन कभी-कभी मैं खुद को रोक नहीं पाती हूँ ..."




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"कोई बात नहीं और चिंता मत करो," रीता बोली और और बदले में नीता के दोनों हाथो को चूमा, "कभी कभी जब आप शरारत करती हो तो मुझे बहुत अच्छी लगती हो !" और रीता ने उसे अपने पकड़ से आज़ाद कर दिया

नीता मुस्कुराई और फर्श की और देखने लगी , रीता की टिप्पणी से नीता थोड़ा शर्मिंदा महसूस कर रही थी

नीता तुम्हें पता है मैंने मेरे पिता और मेरी माँ को कल ऐसे ही चुंबन करते हुए और माँ के स्तन दबाते हुए देखा था जब मैं अचानक उनके कमरे में बिना दरवाजे खटकाये हुए चली गयी थी और वो चुंबन में इतना तल्लीन थे की उन्हें मेरे आने और जाने का कुछ पता नहीं चला .

"हाय... हाय... हाय," नीता ने एक धूर्त मुस्कान दी और कहा, "इसका मतलब है, चाचा और चाची अभी भी अपने जीवन का पूरा आनंद ले रहे हैं।"

"आपको क्या लगता है? आपके माता-पिता इसका आनंद नहीं ले रहे हैं!" रीता ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया।

"केवल, हम दोनों ही उस आनंद का मजा नहीं ले रहे हैं," नीता ने कहा।

तो रीता बोली हम दोनों ही नहीं लगता है हमारी दोनों बुआ श्रीजा आंटी और और बिना आंटी भी इस आनंद से वंचित हैं .

नीता बोली रीता तुम्हे कुछ पता है हमारी बुआओँ ने शादी क्यों नहीं की ?

रीता बोली ज्यादा तो नहीं पर मैंने एक बार पापा और मामी की बात करते हुए सुना था .. दोनों की शादी की बात चली थी .. वो किसी कारण से बनी नहीं और फिर दोनों ने शादी न करने का फैसला किया



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नीता ने कहा, "ठीक है, छोड़ो उनको लेकिन जब भी मौका मिले हम दोनों को अपने यौन सुखों का आनंद लेना चाहिए।"

"लेकिन पहले, मुझे आपको तैयार करना होगा," रीता ने कहा।

"ओह वो कैसे ?" नीता ने मासूमियत से पूछा तो रीता उसका हाथ पकड़ कर खड़ी हो गई।

"मुझे लगता है कि अब हमे पहले वार्म-अप का आनंद लीजिये ," नीता ने धीरे से कहा और रीता के चेहरे की तरफ, उसकी गर्दन और कॉलर बोनपर अपनी उंगलियां चलाते हुए, "आप चाहे तो हम इसको अभी रोक देते हैं । .."

"बिलकुल नहीं!" रीता हसते हुए बोली क्योंकि उसके हाथो ने नीता के तौलिये को ढीला कर नीचे गिरा दिया था और रीता की उंगलियां नीता के छोटे स्तनों के बीच की दरार पर पहुँच गयी थी और रीता ने नीता को अपनी और खींचा, जिससे नीता ने प्रत्याशा में अपनी पीठ को पीछे की और झुका दिया था ।

"अच्छा," रीता ने नीता के सख्त हो चुके निपल्स तक पहुँचते हुए कहा, "मैं इसे निगलने वाली हूँ !"

नीता ने शर्म से रीता को देखा और रीता को एक निर्बाध दृश्य देने के लिए अपनी बाहों को उसकी पीठ के पीछे रख दिया और स्तनों को आगे कर दिया ।

जैसे ही रीता ने अपना मुँह नीता के निप्पल पर रखने लगी तो वो रुक गयी

"अरे तुम रुक क्यों गयी ," नीता बोली

रुको मुझे देखने दो .. क्या ये वही निप्पल है जिसपे ट्रैन ने उस बूढ़े ने काटा था । रीता ने पुछा



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" हम्म ऐसा क्या दिखा आपको क्या वहां काटने के निशान पड़ गए हैं" नीता ने चिंता भरे स्वर में पुछा

"नहीं ऐसा तो नहीं है पर ये थोड़ा लाल हो गया है " और रीता ने उसे हाथ की उंगलियों से पकड़ कर थोड़ा घुमाया तो नीता की आनंद भरी और दर्द से मिली जुली कराह निकली

फिर रीता ने अपना मुँह नीता के स्तन पर लगा दिया और बोली अब तुम मुझे रोकना मत ,

फिर उस निप्पल को चूसने का आनंद लेने लगी तो नेत्र भी आनंद से आह निकल जाती हैं. अअ ईई ऊऊऊऊ अअ ईई ऊऊऊऊ अअ ईई ऊऊऊऊ अअ ईई ऊऊऊऊ अअ ईई ऊऊऊऊ

फिर नीता ने रीता के ओंठो को को चूमा, तरुण लड़की का दूसरी तरुण कामुक लड़की के होठों का चुंबन और इशारे माहौल को और अधिक कामुक बना रहा था । उसके हाथों ने नीता के छोटे, संतरे के आकार के सुदृढ़ स्तनों को सहलाया और धीरे से निचोड़ा। फिर वो नीता के कठोर, गुलाबी रंग के निप्पल पर अपनी जीभ फेरते हुए चूसने लगी । रीता मुस्कुराई, नीता की पीठ के पीछे हाथ रखकर उसके दुसरे गुलाबी निप्पल को अपने मुंह में लेने के लिए झुकी और उसे चूसने लगी और उसने नीता के किशोर नरम नितम्बो को मजबूती से पकड़ लिया ।

नीता अपने हाथों को रीता के स्तनों पर ले गयी और तब तक रीता ने नीता के पूरे स्तन को अपने मुंह में भरकर चूसना शुरू कर दिया.



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"ओह, रीता... हाँ!" रीता की जीभ उसके निप्पल को छेड़े इससे पहले ही नीता बोल उठी , फिर रीता ने नीता के दुसरे स्तन को भी दांतों ने हल्का सा कुतर दिया, जिससे नीता पूरी तरह से रीता से लिपट गयी और कराहने लगी ।

ओह्ह्ह हैए आअअ ऊऊऊऊहहहह ऊऊऊऊ अअ ईई ऊऊऊऊ

उनकी कराहे सुन कर पहली बार अब मेरा हाथ मेरे लंड पर चला गया था जो अब भी मेरी पेण्ट से बाहर था और कठोर होकर खड़ा हो गया था.

जारी रहेगी
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 28


समलैंगिक कजिन बहने 





रीता ने नीता के पूरे स्तन को अपने मुंह में भरकर चूसना शुरू कर दिया. जिससे नीता पूरी तरह से रीता से लिपट गयी और कराहने लगी ।

ओह्ह्ह हैए आअअ ऊऊऊऊहहहह ऊऊऊऊ अअ ईई ऊऊऊऊ

रीता ने नीता के निप्पल्स को चूसते हुए निप्पल पर अपनी जीभ को घुमाया और फिर नीता को सोफे पर बिठा दिया। नीता ने अपनी आँखें बंद कर स्तन चूसे जाने की संवेदना का आनंद लिया जैसे ही उसका स्तन रीता के मुंह से निकला और रीता ने सांस छोड़ी तो नीता को अपने स्तन पर गीली ठंडी हवा का अनुभव हुआ।
.
"रीता आप मुझे गीला कर रही हो ," नीता ने लालसा भरे स्वर में कहा।



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रीता ने उस पर चुटकी ली। "भगवान का शुक्र है कि यहाँ मैं भीगी हुई पैंटी वाली अकेली नहीं हूं।" जैसे ही उसने कहा, "ओह रुको। हमने पैंटी तो पहनी ही नहीं है।"

नीता उसकी ये बात सुन कर हंस पड़ी। "लेट जाओ," रीता ने धीरे से कहा, और नीता ने उसका पालन करते हुए उसकी ओर देखा।

रीता थोड़ा मुस्कुरा रही थी, लेकिन बिना समय गंवाए वह नीता के दुसरे स्तन के चारों धीमी गति से अपनी जीभ घुमातो हुई निप्पल की ओर बढ़ रही थी।

इस बीच, नीता ने अपनी जांघ पर रीता के हाथ को महसूस किया ।

"मम्म!" नीता ने रीता को कराहते हुए सुना क्योंकि उसकी उंगलियां नीता की टांगो के जोड़ पर चली गईं और रीता नीता की चूत की गर्माहट को, महसूस करते हुए बोली "तुम बहुत संवेदनशील हो!"

"तुमने ही मेरी सोई हुई संवेदनाओ को जगाया है और ये सिर्फ तुम्हारे कारण है. मैं ये सच कह रही हूँ ये मेरा वादा है ," नीता चिढ़ाते हुए बोली और अपने मुट्ठी में रीता के सर के बाल पकड़ लिए ताकि वह उसे थोड़ा नीचे कर सके।

"वादा तेरा वादा ... तो फिर वो जो आप बोल रही थी जब उस अधेड़ ने आपको स्पर्श किया था तब भी आप ... उसने वाक्य अधूरा छोड़ा दिया " रीता ने मुस्कुराते और बुदबुदाते हुई नीता की आँखों में देखा और फिर नीता के सीने और पेट के ऊपर से अपनी जीभ धीरे-धीरे चलाने लगी।

"ठीक है, अगर आप मुझे चिढ़ाने के बदले तो इसे आप ऐसे समझे की अपनी जीभ से कुछ और बेहतर करने का वादा करती हो तो इसी उम्मीद में ...," नीता हँस पड़ी।

"ठीक है आप चिंता मत करो मेरे पास मैं अभी भी आप के लिए बहुत सारी योजनाओं हैं मेरी जान ।" रीता बोली , और एक आवेशपूर्ण चुंबन उसकी नाभि पर किया, "



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और जैसे ही रीता ने नीता की जांघो के बीच काले बालों की एक झलक देखी तो बोली "अरे, अब मुझे रोकने की कोशिश करने का कोई मतलब नहीं है,"

नीता ने चिढ़ाते हुए जवाब दिया, "बिलकुल आपको इससे बेहतर पता होना चाहिए ..."

नीता मुस्कुरा दी रीता के माथे को चूमा और लेट गयी और मधुरता से उत्तर दिया, "लेकिन मैं आपको अभी रुकने के लिए कहने का सपना भी नहीं देखूंगी।"

"अच्छा!" रीता ने हंसते हुए कहा और उसकी जांघो के बालों के बीच में अपनी जीभ चलाने लगी ।

रीता नीता की भगशेफ के पास पहुंच कर रुक गई और एक बार फिर नीता की ओर देखा। और उसने सोच-समझकर पूछा, " "नीता, क्या तुमने कभी हजामत बनाने के बारे में सोचा है?"

" मैं बस अपनी टांगो के लिए क्रीम इस्तेमाल करती हूं," नीता ने जवाब दिया,

"उम, मेरा मतलब टांगो से बिल्कुल नहीं था," रीता ने एक धूर्त मुस्कान के साथ योनि को चूमते हुए कहा, "मेरा मतलब यहाँ से था " और सर झुकाकर अपनी जीभ नीचे कर ली, जिससे नीता ने एक लंबी सांस ली।

"ओह! मम्म !" नीता ने हकलाते हुए रीता के बालों को पकड़ लिया और बोली , "लेकिन वहां तो छूते ही मुझे कुछ होता है !"


रीता ने चंचलता से पूछताछ की, अपनी प्रतिभाशाली जीभ से नीता के भगशेफ का चक्कर लगाया, और वो कठोर हो गयी । " क्या होता है ?"

जवाब में, आअह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह हाय करती हुई नीता कराहने लगी और रीता ने नीता की एक जांघ के बाद दूसरी जांघ पर ऊपर नीचे चुंबन शुरू कर दिया ।


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"तो," रीता ने चुंबन करते हुए नीता से एक बार फिर पुछा, "क्या आप इसके बारे में सोचा है?"

" -किस बारे में ?!" नीता ने हांफते हुए रीता के बालों को अपनी उंगलियों के चारों ओर घुमाया और अनजाने में उसे खींच लिया।

"शेविंग के बारे में," रीता ने उसकी जांघो के क्षेत्र को मोहक अंदाज से चूमते हुए कहा ।

"मैं... ओह, नहीं!" नीता ने जवाब दिया

"ओह, लेकिन क्यों नहीं?" रीता ने चिढ़ाते हुए कहा.

"अरे, मम्म... ओह! मैंने यह नहीं कहा कि मैं, मैं नहीं करूंगी, लेकिन क्यों " नीता ने आहें भरते हुए वह अपने पैरों को जितना दूर ले जा सकती थी उतना ले गयी और टाँगे चौड़ी कर दी ।

"ओह, मुझे लगता है कि क्लीन शेव लुक आपको बहुत अच्छी तरह से सूट करेगा!" रीता ने हंसते हुए कहा और नीता ने रीता के गालो पर अपने हाथ फिरा , और उसकी त्वचा की कोमलता का थोड़ा सा आनंद लिया।

"मैं इस बारे में ज्यादा नहीं जानती ," नीता बोली और रीता ने अपना सर घुमाया और नीता की उंगलियों को चूमा ।

"यह मेरा विचार है," रीता ने एक मुस्कान के साथ कहा और नीता की आंतरिक जांघ तक अपनी उंगलियों को चलाया ।

रीता ने नीता की जांघो ले लेकर उसकी घुटने तक अपने जीभ को फिराया और फिर घुटनो से लेकर जांघो तक अपनी जीभ को दूसरी टांग पर फिराया और टांगो और जांघो के नादरूनी हिस्सों पर चुंबन शुरू कर दिया। हर समय नीता मजे ले ले कर ओह्ह आह्हः हाय हाय उफ्फ्फ करती हुई चीखती-चिल्लाती रही, वह चाहती थी कि रीता उसे छोड़ दे। और वो बाजुओं के सहारे अधलेटी हो गयी .

मुझे नीता का हर अंग साफ दिखाई दे रहा था। नीता के शानदार छोटे गोल स्तन रीता की हर हरकत के साथ झूम उठे । उसके छोटे स्तन उसकी पीछे को झुकी हुई छाती से लटके हुए थे, वे सामान्य रूप से दिखने वाले गोले नहीं थे। उसके स्तन थोड़े अण्डाकार उल्टे गुंबदों की तरह थे, जो उसके सख्त फूले हुए निपल्स के घेरों से ढके हुए थे। उसके घेरे छोटे और गुलाबी थे। मैंने उसकी कामुकता की हर बारीकि को देखा - उसके पूरे कूल्हे, उसकी पीठ की वक्र, उसकी बढ़िया गांड की उछाल।

नीता बिलकुल वैसी लड़की थी,जिसकी मैंने कल्पना की थी। मेरा लंड और कड़ा हो गया था और मेरे लंड की नसे फूल कर गहराने से उभर गयी थी।



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नीता का पूरा बदन कमाल का था मैं उसकी खूबसूरती को कुदरत का ख़ास तोहफा कहूंगा। मैं उसके चिकने सुडौल आकार के टांगों को देख सकता था और उन दोनों के बीच उसका योनि का चीरा उन सभी लड़कियों से छोटा था, जिन्हें मैंने अब तक चोदा है। उसकी योनि क्षेत्र पर बालों का एक बड़ा घना जंगलों जैसा गुच्छा था जो मुझे पसंद नहीं आया क्योंकि सब कुछ उस गुच्छे के काले रंग में विलीन हो गया था । लेकिन जब रीता उसकी योनि के पास के बालो हो हटाया तो मैंने देखा उसकी योनि के ओंठो पर बहुत कम बाल थे और मैं उस तरुण लड़की की सूजी हुई योनी और मैंने देखा अंदर सब लाल था।

ओह, मुझ पर भगवान ने बहुत बड़ी कृपा कर मेरे लिए आज का जा दिन ख़ास बनाया था। मेरा लंड बेकाबू हो गया था, वह बहुत लंबा हो ऊपर-नीचे धड़क रहा था। मैं लड़कियों को गौर से देख रहा था, और मेरे मेरे बाए हाथ से मेरे लंड को पकड़ लिया और धीरे-धीरे मैं अपने लंड की चमड़ी को ऊपर और नीचे खींच रहा था।

"ओह! रीता!" नीता कराह उठी जब उसने उसकी योनि के आसपास चूमा, "कृपया! कृपया! कृपया! मुझे चाटो ! प्लीज अब और चाटो !" और नीता ने अपनी टाँगे कसने की कोशिस की

"चाटो ? किस जगह चाटो, कहाँ चाटो?" रीता ने मुस्कुराते हुए पुछा और अपनी जीभ को उसकी सूजे हुए चूत के होंठों के चारों ओर फिराना शुरू कर दिया, और इस बीच रीता ने अपने मजबूत हाथों से रीता के पैरों को अलग करने के लिए पकड़े रखा ।

"ओह! मैं... मैं...मैं," नीता का हकलाते हुए जवाब आया, नीता ने अपने बदन में स्पर्श की और अधिक जरूरत का मजबूत अहसास मह्सूस किया ।

"साफ़ बोलो तुम्हे कहा चाहिए !" रीता ने मांग की, " साफ़ बोलो नहीं तो तुम्हें कुछ नहीं मिलेगा !..."

"मेरी योनी!" नीता कांटे हुए तड़प कर बहुत जोर से बोली , उसे अब कोई परवाह नहीं थी कि अगर उनकी आवाज सुनकर उनके माता-पिता अचानक कमरे आ गए कि क्या हो रहा है। तो?

नीता के काँपने पर रीता हसी और साथ ही नीता का शरीर प्रत्याशा से काँप उठा। नीता ने तब महसूस किया कि रीता की गीली जीभ उसकी आंतरिक लेबिया के नीचे घूम रही है, जिससे वह हताशा में एक लंबा विलाप कर रही है।
"मम्म... ओह, रीईईईईताआआआ ," नीता ने कराहते हुए कहा, "कृपया, । मुझे आपकी जीभ अपने अंदर चाहिए ! ..मेरी योनि के अंदर ."

जवाब में, रीता मुस्कुराई और अपना चेहरा योनि के पास में ले जाने से पहले अपनी लंबी उंगलियों से नीता की चूत के होंठों को खोल दिया। फिर रीता ने नीता के भगशेफ की मालिश करने के लिए दो अंगुलियों का इस्तेमाल किया, उसे धीमी, गोलाकार गति में रगड़ते हुए उसकी जीभ नीता की योनि के ओंठो को चाटने लगी । परफ्यूम की हल्की-सी महक के अलावा, नीता को कोई खास गंध नहीं आ रही थी। और उसकी त्वचा बिलकुल दूधिया रंग की थी । जब रीता लगातार चाटती और मालिश करती रही तो उसका रंग हल्का गुलाबी हो गया और वह नीता के कामोत्तेजना और रीता की मेहनत से एक या दो डिग्री गर्म हो गया।

"ऊह! अंदर जो गुलाबी है वो लाल हो रहा है है!" रीता ने चिढ़ाते हुए कहा, "बिल्कुल तुम्हारी तरह!"

" धत्त्त !" नीता ने अपनी शर्मिंदगी में शरमाते हुए कहा।



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"ओह, जब आप ऐसा करती हैं तो आप बहुत प्यारी लगती हो," रीता ने नीता की चूत के अंदर की ओर अपनी गर्म जीभ से चाटने से पहले मुस्कराहट के साथ उत्तर दिया।

"ऊह! ओह हां!" नीता हांफ रही थी, उसका शरीर उत्तेजना से कांप रहा था क्योंकि उसने रीता को रोकने के लिए अपनी जांघों को एक साथ दबा दिया था।

नीता को उतना ही अच्छा महसूस कराने के लिए, रीता ने ध्यान से धीरे से नीता की तंग योनी में एक उंगली सरका दी। नीता के कूल्हे सोफे से उठे और उसने अपने स्तनों को सहलाते हुए अपने निप्पलों को पिंच किया। वो कराह उठी ओह्ह्ह हैए आअअ ऊऊऊऊहहहह ऊऊऊऊ अअ ईई ऊऊऊऊ हाईए ! उसके होंठ अलग हो गए और उसकी साँसे तेज हो गई। उसकी आँखें बंद की और उसकी पीठ धनुषाकार हो गई क्योंकि उसके शरीर ने रीता की हरकतों का जवाब दिया।

उसने नीता की चूत के अंदर और बाहर अपनी उँगली करने लगी और अपनी जीभ से उसके क्लिट को फड़फड़ाया।

"बस हो गया," नीता ने विलाप करने से पहले कहा, "यह बहुत अच्छा लगता है।"

रीता ने नीता की योनि पर चाटती रही जिससे रीता का भी यौन उन्माद बढ़ गया और नीता ने रीता के अनुभवहीन स्पर्श पर उसकी प्रतिक्रिया से प्रेरित होकर, नीता ने अपनी योनि को टाइट करते हुए उसकी भीतरी दीवारों ने रीता की उंगली को कस लिया . फिर उसने रीता को पलट और सोफे पर लिटा दिया और उसके ऊपर आ गयी और उसने रीता के होंठों पर योनि रख कर बैठ गयी .

नीता ने कराहते हुए कहा, "कृपया रुको मत । ऐसी की करती रही .. मैं बहुत करीब हूं। यह बहुत अच्छा लग रहा है। मुझे आने दो, रीता। ।"

हालाँकि, जब नीता के शरीर में उत्तेजना की लहर दौड़ गई, तो रीता ने उसे दूर करने के लिए अतिरिक्त प्रयास किया। उसने महसूस किया कि नीता करीब थी। रीता ने उसकी चूत को अपनी उँगलियों से चोद दिया और उसकी योनि को चूसा।

नीता ने महसूस किया उसकी मानसिक उत्तेजना उतनी ही उत्तेजक थी जितनी शारीरिक,। नीता एक शक्तिशाली संभोग की ओर बढ़ रही थी। रीता ने उसकी योनि में अपनी उंगली को नीता की योनी में थोड़ा और गहरा घुसाया ।

"ओह, हाँ," नीता बुदबुदाई। "मुझे चोदो । मुझे चोदो ।"

नीता का एक हाथ रीता के सिर के पिछले हिस्से में चला गया और उसकी उँगलियाँ रीता के लम्बे बालो में उलझ गईं और रीता के मुँह पर खुद को और मजबूती से दबाया।



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नीता के अंदर की ज्वलंत संवेदनाएं प्रज्वलित थींऔर रीता ने उ उसकी चूत को चाटना जारी रखा जल्द ही क्योंकि उसकी जीभ और मुँह नीता के चूत रस से रस भर गया । फिर नीता को अपनी चीख को कम रखने के लिए सोफे पर रखे तकिए से अपना चेहरा ढंकना पड़ा, क्योंकि रीता की जीभ की हरकतों ने उसे झड़ने के बहुत करीब ला दिया था ।

"मम्म, तुम्हारा स्वाद बहुत अच्छा है!" रीता ने सराहना की और नीता की आंतरिक ओंठो को लंबा चूसने के लिए और उनके बीच अपनी जीभ को सरका दिया , "मेरी जीभ इससे आगे नहीं जा पा रही है "


मैं नीता को उसके जीवन के ऐतिहासिक क्षण में देखकर बहुत धीमी आवाज में कराह रहा था क्योंकि मैं लगातार उन्हें देखता हुआ हस्तमैथुन कर रहा था।

नीता जवाब में केवल कराही और मुस्क़ुआई और उसने अपनी पीठ को पीछे को झुकाया और अपने दाँतों को जकड़ लिया।


रीता उसे उत्तेजित करने के लिए नए तरीके खोज रही थी रीता ने अपनी उँगलियाँ नीता के भगशेफ के दोनों ओर रख दीं और इस तरह धक्का दिया कि वह और भी अलग दिखे। फिर ध्यान से उसे अपने दांतों में मजबूती से लिया और धीरे से उसे कुतर दिया।

उस समय मैं कल्पना कर रहा था जैसे मैं नीता को चोद रहा हूँ और मेरे लंड पर मेरी पकड़ की गति तेज हो गई, मैं पागल आदमी की तरह अपना हाथ हिला रहा था।




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रीीीिटाआ हाईए ओह्ह्ह हैए आअअ ऊऊऊऊहहहह ऊऊऊऊ अअ ईई ऊऊऊऊ मर गयीीीी

नीता हांफ रही थी और अनियंत्रित रूप से कराह रही थी, सोफे पर इधर-उधर हो रही थी क्योंकि रीता ने अपनी जीभ की नोक से अपने क्लिट पर हल्के से कुतरने से उसका पूरा शरीर मजे और आंनद में कांप रहा था। रीता ने फिर धीरे-धीरे अपने ओंठो को योनि के ओंठो पर रगड़ना शुरू कर दिया, नीता के सूजे हुए भगशेफ को अपने दांतों के बीच घुमाने लगी क्योंकि नीता व्यावहारिक रूप से तकिए के अंदर चिल्ला रही थी। फिर की नीता की चूत की भीतरी दीवारें सिकुड़ने लगीं, रीता ने अपना मुँह नीचे की ओर घुमाया और उसकी योनि के होठों को चूसा बार बार चूसा और नीता का जितना हो सके उतना जूस पीती रही । इस बीच, रीता ने अपनी तर्जनी से नीता के भगशेफ पर भी हमला जारी रखा, उसके ऊपर धीमी गति से घेरे बनाकर, अनजाने में उसे घुमाया और चुटकी ली ।


मैं देख रहा था कि नीता कराह रही थी और उसका शरीर बहुत तेज कांपने लगा और फिर अकड़ने लगा और फिर वो रीता के ऊपर गिर गयी

उसे देख मैं सोच रहा था की मेरा लंड नीता की चूत के अंदर है और मैं भी जड़ने वाला था लेकिन किसी तरह, मैंने अपना स्खलन न होने देने के लिए खुद को नियंत्रित किया।


रीता हँसी के साथ बोली, "मम्म! ओह! " नीता का रस उसके सुंदर चेहरे पर लगा हुआ था, "क्या तुम कभी रुकती नहीं हो ?"

नीता मुस्कुराई और बोलने की कोशिश की, लेकिन अब वो केवल आअह्ह्ह कर धीरे से कराह सकती थी और फिर रीता उसके चारों ओर अपनी बाहें डालती हुई उठी।

"मैं नहीं रोक सकती !" नीता ने हांफते हुए कहा कि उसकी साँसे तेज चल रही थी वो बोली "यू आर... जस्ट वैरी वैरी गुड!"

"ऐसा इसलिए है क्योंकि आप बहुत यमी हैं," उसे गले लगाया और रीता ने नीता को धीरे से चूमा फिर रीता ने कहा




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"लेकिन मेरी जान ये तो केवल मजो की शुरुआत है, !"

नीता उसकी ओर देखकर मुस्कुराई, उसकी सांसें सामान्य गति से धीमी हो रही थीं, और उसके चेहरे की लाली धीरे धीरे फीकी हो रही थी।

जारी रहेगी
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 29

समलैंगिक कजिन बहने



ऐसा इसलिए है क्योंकि आप बहुत यमी हैं," उसे गले लगाया और रीता ने नीता को धीरे से चूमा फिर रीता ने कहा

"लेकिन मेरी जान ये तो केवल मजो की शुरुआत है, !"

नीता उसकी ओर देखकर मुस्कुराई, उसकी सांसें सामान्य गति से धीमी हो रही थीं, और उसके चेहरे की लाली धीरे धीरे फीकी हो रही थी।

"रीता मैं सच कह रही हूँ ?" नीता बोली।

रीता धीरे से मुस्कुराई, "सच, मुझे कि यह बहुत सेक्सी लगता है।"
नीता अचानक उठ खड़ी हुई और बोली, "रीता, अब समय आ गया है कि मैं आपका एहसान वापस कर दूं।"



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नीता रीता की ओर बढ़ी और उसे कसकर गले लगा लिया और अपने गर्म होंठ रीता के होठों पर रख दिए।रीता की आँखे आनंद में बंद हो गयी और नीता की जीभ की नोक ने रीता नामक गुलाबी कली को उसके होठों पर तब तक फहराया जब तक कि रीता धीरे से कराहने न लगी और साथं साथ नीता भी धीरे से कराह रही थी। नीता की जीभ रीता के मुंह के अंदर जाकर उसकी जीभ चूसने लगी, नीता और रीता बारी-बारी से एक दुसरे की जीभ चूसने लगी। दोनों के मुंहों के बीच लार का भारी आदान-प्रदान हुआ। नीता ने बड़े उत्साह से रीता के स्तनों को उसके ऊपर से दबाते हुए निचोड़ना शुरू कर दिया। फिर नीता का एक हाथ रीता के पेट पर फिसल गया, और नीचे की ओर खिसकी और रीता की योनि के पास उसकी नंगी त्वचा तक पहुंच गई। जब नीता की उँगलियों ने रीता की चूत के होठों को हल्के से सहलाया, तो रीता की आँखें खुल गईं और वह सीधी खड़ी हो गई। उसके लंबे, घने घुंगराले बाल उसके कंधों पर फैल गए और वो लम्बे साँस लेने लगी जैसे उसकी छाती भारी हो गई हो और उसकी चाटो ऊपर नीचे होने लगी ।


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रीता का मौन समर्पण मुझे बेहद उत्तेजक लगा । मैंने उन्हें गौर से देखा। लड़कियों से मेरी तरफ एक कामुक लहर चली जिससे मेरी इरेक्शन मजबूत हो गयी । मैं अपने बड़े नग्न लंड के साथ थोड़ा आगे हुआ, लेकिन मैं अभी भी एक दर्शक की तरह उन्हें देखता रहा और उनकी हर क्रिया का अध्ययन किया कि रीता ने नीता के स्पर्श का कैसे जवाब दिया और कैसे नीता ने रीता के साथ की गई हर चीज का स्वतंत्रता से पूरा आनंद लेने के लिए रीता को पूरा मौका दिया।

जब मैंने नीता की तरह देखा तो मेरा लंड एक सख्त लोहे की रोड में बदल गया, पहले रीता ने नीता की जांघ के ऊपर हल्के से सहलाया , फिर उसकी जांघ के संवेदनशील हिस्से को सहलाने के लिए उसके थोड़े अलग पैरों के बीच अपनी उंगलिया घुसा दी। रीता का शरीर कांपने लगा। मैंने अपने शरीर में तेज उत्तेजना को महसूस किया। मेरी आंतरिक गर्मी बढ़ गई जो मेरे लिए एक सामान्य घटना नहीं थी । यह ऐसा था जैसे मैं एक पोर्न फिल्म में दो नायिकाओं को लेस्बियन सेक्स करते हुए देख रहा था, मुझे इस समय वहां नहीं होना चाहिए था, मैं अपनी असहजता को रोक नहीं पाया इतनी आकर्षक लड़कीयो ने मेरे होश उड़ा दिए और मुझे उन्हें पाने के लिए बेताब कर दिया?



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मेरा लंड फड़क रहा था मैंने लंड की तुनके हुए देखा और फिर जब मैंने दो नग्न लड़कियों को देखा तो मैं फिर से जकड़ गया, मेरे जुनून को पछाड़ते हुए मेरा यौन बुखार कुछ डिग्री तक बढ़ गया।

रीता के अगले कदम में कोई झिझक या शर्म नहीं थी । नीता भी पीछे नहीं हटी नीता ने रीता के स्तनों को हथेली से दबाया और उन्हें आपस में दबाया, फिर उसने एक निप्पल को अपनी उंगली और अंगूठे के बीच घुमाते हुए एक निप्पल को चाटा और चूसा। रीता का सिर सोफे के कोने में तकिए पर टिका हुआ था और उसकी पलकें फिर से बंद हो गईं, नीता ने उसके अंदर जो भी संवेदनाएँ जगाईं, उसके कारण रीता ने स्वेच्छा से खुद को नीता को ऐसे समर्पित कर दिया मानो उसने अभी-अभी अपने आप को अपने बंधनों से मुक्त किया हो और वह उस आनंद को स्वीकार कर रही हो जो कोई दूसरी लड़की उसे देना चाहती थी।

फिर नीता ने ठीक वैसा ही किया जैसा रीता ने उससे पहले उस्ले साथ किया था, नीता के छोटे स्तनों को हथेली से दबाते हुए, उन्हें हल्के से निचोड़ते हुए, फिर एक निप्पल को चाटने और चूसने के लिए अ नीता की छाती पर अपना मुँह और जीभ को आजाद छोड़ दिया और फिर दूसरे स्तन और निप्पल को चूसा और चाटा नीता का सिर रीता के सीने से लगा हुआ था और रीता ने अपनी जीभ को रीता के निप्पल पर घुमाया, जिससे रीता के शरीर को झटका लगा।

"ओह," नीता ने एक गहरी आह भरते हुए कहा, रीता ने जो भी कामुक संवेदनाएं जगाईं, उसने स्पष्ट रूप से नीता की जकड़ लिया। उसके हाथों ने रीता के कंधों को पकड़ लिया, उसे अपने पास खींच लिया क्योंकि नीता उसके निप्पल को छेड़ और चूस रही थी और बोली , "ओह्ह्ह नीता यह तो स्वर्ग जैसा लगता है।" और साथ ही नीता के हाथ रीता की पीठ को सहला रहे थे


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मैं रीता के सफेद छोटे गोल स्तनों के साथ-साथ छोटे लाल-भूरे रंग के निप्पल देख सकता था जिससे मेरी रीढ़ में करंट आ गया।

नीता उसके साथ सावधान और कोमल थी, वह महसूस कर रहा था कि रीता उसे कितनी बुरी तरह चाहती थी, वह उसे कितना कहाँ और कैसे छूना चाहती थी, रीता को तरह से उसे पहले कभी छुआ नहीं गया था, उसके बाद सुखदायक स्पर्शों ने रीता को गर्म और उत्तेजित कर दिया। नीता का सिर उसकी छाती में घुसा हुआ था और उसके होठों ने रीता के निप्पल को पकड़ लिया था। पूरे समय नीता ने उत्साह से रीता के निप्पल को जीभ से थपथपाया और फिर उसे अपने मुंह में ले लिया। रीता ने नीता के सिर को अपने स्तन से दबाया, जिसने उसे जोर से चूसने के लिए प्रोत्साहित किया ।

""जब तक तुम मेरी उंगलियों को अपनी योनी में महसूस करने के लिए भीख नहीं मांगोगी तब तक मैं तुम्हारे भगशेफ के साथ ऐसा ही करने वाली हूँ," नीता फुसफुसाई.

रीता ने अपने होठों के बीच का निप्पल छोड़ा , उनके बीच की गर्मी बढ़ रही थी। उनके भीतर उमड़ रही कामेच्छा मुझे साफ नजर आ रही थी।

स्वीमिंग पूल के चेंजिंग रूम में रीता के कामोत्तेजना की फीकी गंध ने नीता की नाक को भर दिया । उसने गहरी साँस ली, उत्तेजक सुगंध और उसके द्वारा इस्तेमाल किए गए बॉडी वाश या लोशन की मिलीजुली सुगंध नेरीता की मादक सुगंधित गुलदस्ता बना दिया था ।



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नीता को सुगंध महसूस हो रही थी क्योंकि उसने एक गहरी सांस खींची और फिर धीमी कराह के साथ उसे धीरे-धीरे सांस की बाहर छोड़ दिया । उसके हाथ रीता की जाँघों पर छिटक गए और उसने उन्हें फैला दिया क्योंकि वह फर्श पर घुटनों के बल बैठी उनके बीच में आ गयी थी

लेकिन नीता करीब झुक गई और उसके कान में बोली । "अपनी आँखें बंद करें।"
रीता ने जैसा निर्देश दिया, वैसा ही किया।
" सोचो मत । बस महसूस करो," नीता फुसफुसाए।
रीता ने सिर हिलाया।

नीता रीता के सामने घुटनों के बल बैठ गई। उसने रीता की टाँगें चौड़ी कर दीं और रीता की पिछली हरकतों की नकल करते हुए -यह सोचकर कि वह ठीक कर रही है, नीताके हाथ की उँगलियों से रीता की योनी के ऊपर रख दिया । अब रीता उसके लिए अपने पैरों को चौड़ा करना चाहती थी, नीता ने दूसरे हाथ ने रीता के स्तनों में से एक को पकड़ लिया और उसे दबा दिया और शरीर के निचले हिस्से पर उसकी उंगलियों ने उसे धीरे-धीरे उसकी भगशेफ से लेकर उसकी चूत के द्वार तक सहलाया फिर उसका हाथ रीता की गुदा और वापस उसके भगशेफ की ओर फिराया । नीता ने इस क्रिया को तब तक दोहराया जब तक कि रीता शरीर में फिर से आग नहीं लग गई और नीता के स्पर्श ने उसे और अधिक दीवाना बना दिया। फिर नीता रेता के पास में झुकी और अपनी जीभ को भीगे हुए, थोड़े सूजे हुए चूत के होंठों पर फिरा कर सहलाया। रीता ने एक कराह भरते हुए गहरी साँस ली और नीता ने फिर वही क्रिया दोहराई, पहले एक तरफ चाटा और फिर दूसरी तरफ चाटने लगी ।

"बिल्कुल सही," रीता ने वासना से बुदबुदायी ।

जारी रहेगी
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(09-09-2022, 05:09 PM)aamirhydkhan1 Wrote: b

[Image: cl5.webp]

b


[Image: KAMINI.jpg]
तो इस पर कामिनी बोली अन्य सेवको की आवश्यकता नहीं है ... वहाँ सब व्यवस्था है और उसने महाराज को भी वहाँ पधारने के लिए आमंत्रित किया ...
b
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 30

समलैंगिक कजिन बहने




नीता रीता के साथ अंतरंगता साझा करना चाहती थी, और सिर्फ शारीरिक सुख से कहीं आगे निकल जाना चाहती थी। बेशक, नीता यौन उत्तेजना के लिए रीता की मन और शरीर की प्रतिक्रिया से मोहित हो गई थी। एक सेकंड बाद, नीता की जीभ रीता की चूत के होंठों पर आ गई, जिससे उसे अपनी दोस्त के शरीर के सबसे अंतरंग हिस्से का पहला स्वाद मिला। उसकी जीभ ने उसकी योनि के आंतरिक होंठों को सहलाया और नीता ने योनि के उभरे हुए नुकीले सिरे को ओंठो से पकड़ लिया। वह एक वासनापूर्ण प्रेमी की तरह थी - कि वह रीता के नीचे, और भी नीचे झुक गई, जिसने अपने खुले होंठों के बीच सांस भरते हुए योनि को चूसा। शुद्ध परमानंद से रीता की आंखें बंद हो गयी और गर्दन आनंद के कारण उसके सिर के पिछले हिस्से में लुढ़क गईं।


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रीता कराह उठी, "आह्ह्ह्ह।" और उसकी गहरी कराह , उस शांत कमरे में गूँजने लगी जिसे सुन नीता की उत्तेजना बढ़ गई। उसने अपनी उँगलियों से भगशेफ को थोड़ा और जोर से रगड़ा, जिससे रीता के कूल्हे हिल गए। फिर उसने अपनी उँगलियों से रीता के योनी के होठों को फैलाया और उस कली पर अपनी जीभ तब तक चलाई , जब तक कि रीता फिर से कराह नहीं उठी, नीता ने उसके साथ जो किया उस ने रीता को रोमांचित कर दिया।

नीता ने धीरे से रीता की भगशेफ को चूस लिया उसके शरीर का एक अत्यधिक संवेदनशील हिस्सा जिसे किसी के होंठ ने कभी छुआ नहीं था। लेकिन रीता ने खुद को स्थिर किया। उसकी आँखें बंद थी और रीता ने अपनी भगशेफ पर चुंबन को अनुभव करते हुए पर ध्यान केंद्रित किया की उसे कैसा महसूस होता है ।

नीता को चूसते हुए कुछ क्षण बीत चुके थे, नीता ने रीता की इस नई अद्भुत अनुभूति में आत्मसात होने दिया। फिर रीता ने महसूस किया कि नीता की ठंडी, कोमल उंगलियाँ उसकी लेबिया को लंबे, धीमे स्ट्रोक में रगड़ रही हैं। वह पहले से ही गीली थी। जब नीता की उंगलियों की युक्तियों ने उसके भगशेफ को गोलाकार गति में मालिश किया, सही मात्रा में दबाव के साथ, अजीब लगने और अयोग्यता के सभी विचार उसके दिमाग से भाग गए - यौन इच्छाओं द्वारा प्रतिस्थापित करने वाली ऐसी संवेदनाओ को उसने पहले इससे पहले कभी भी अनुभव नहीं किया था.

चूमने से कुछ अजीब से सेक्सी इच्छाये और बलवती हो रही थी और यौन पूर्ति के लिए तड़प बढ़ गयी थी जो केवल चुंबन की मांग से बहुत अधिक और लग थी । और रीता अब कराहने लगी थी .. ओह्ह आह उहह हाय हाई करती हुई वो कराह रही थी


उनकी ऐसी कामुक हरकते देखते हुए मेरा लंड लोहे हो रोड की तरह सख्त हो गया था, और अब मैं धीरे-धीरे अपने बड़े लंड की मालिश कर रहा था, मैं स्खलन के मूड में नहीं था, बस मैं उन दो लड़कियों के नग्न शरीर की हरकते देखते हुए आनंद ले रहा था।


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नीता ने अपनी उँगलियाँ रीता के भगशेफ के खिलाफ दबा दी और तेजी से रगड़ी, जिससे रीता हांफने लगी। उसके पैर की उंगलियां नीता के शरीर में मुड़ गईं और उसकी नब्ज तेज हो गई। इस डर से कहीं उसकी कराहे सुन कोई आ ना जाए रीता ने अपने निचले होंठ पर थोड़ा सा दांत से दबाया, और ओंठो को बंद करने का सफल प्रयास किया लेकिन आनद की लहरो के साथ कराह निकली पर इस बार थोड़ी धीमी ध्वनि के साथ तो रीता ने अपने हाथ से अपने मुँह को बंद करने का प्रयास किया । उधर नीता के हाथ रीता की भीतरी जांघों पर गए और उन्हें फैलाकर अपनी उंगलियों ने उसके कूल्हों के चारों फिराया ।
नीता की जीभ ने रीता की भगशेफ को फिर से फड़फड़ाया, उसके कूल्हों को हाथ से झटका दिया और चुप रहने के उसके सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद रीता के के होंठों से एक तेज कराह निकली ।


रीता की प्रतिक्रिया से प्रोत्साहित होकर, नीता की जीभ तितली के पंखों की तरह रीता की जांघो के बीच अति संवेदनशील कली पर तेजी से फड़फड़ाने लगी। नीता वही पर टिकी रही, जिससे रीता अपनी सीट पर बैठ गई। इतना अद्भुत रीता को कभी नहीं लगा था। खूबसूरत, इतना मोहक। नीता को भी इसमें मजा आ रहा था और इससे नीता की भी और करने की चाहत बढ़ गयी । जैसे ही रीता ने अपने योनि प्रदेश को नीता के मुंह से और मजबूती से दबाया तो उसके कूल्हे सोफे से उठ गए। बदले में, नीता अपनी जीभ से उसके भगशेफ पर थोड़ा और दबाव डालते हुए उसे चाट गईऔर फिर ओंठ लगा कर नीता ने रीता के सूजे हुए मोती को चूस लिया और रीता को अपनी योनी में मानो एक अजीब गर्म चिंगारी का अहसास हुआ।

फिर नीता ने अपने हाथों से रीता के स्तनों को फिर से दबाया और फिर अपने अंगूठे को सख्त निपल्स पर घुमाया, तो रीता को लगा कि अब वह आंनद से मर जाएगी । नीता ने साथ में रीता के क्लिट को अपनी जीभ से छेड़ा, फिर धीरे से अपने मुंह में चूसा, और उसके हाथ बारी-बारी से उसके स्तनों को गूंथते हुए और निपल्स से टकराते हुए, रीता ने अपने पूरे बदन में उत्तेजना की लहर महसूस की।

नीता ने उसके कान में कहा, "तुम नीता के लिए आओगी, है ना?"



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अपनी टांगो के बीच में लाल-गर्म सनसनी होने से रीता हांफने लगी। रीता ने आँखे खोल कर नीता को देखा पर जल्दी के एक अजीब से नशे के कारण उसकी आँखें बंद हो गईं। नीता अपनी निगाहों में रीता के चेहरे पर आ रही इतनी सारी भावनाएँ पढ़ रही थी - और रीता भी आँखे बंद किये हुए अपनी ऐसी कच्ची और वास्तविक भावनाएँ में उलझी हुई पूछ बैठी, "नीता क्या आप वास्तव में यही चाहती हैं?" और अपनी आँखे थोड़ी सी खोली

नीता ने सिर हिलाया। वह जल्दी से हिली, एक हाथ को रीता की पीठ और सोफे के बीच में फँसा दिया ताकि वह अपनेी हथेली को स्तन पर रख सके जबकि नीता ने अपना दूसरा हाथ रीता की योनि के ओंठो को और फैलाने के लिए नीचे खिसकाया ।

"मैं चाहती हूँ कि तुम मेरे लिए आओ," नीता फुसफुसायी और अपने होठों के बीच से रीता की भगशेफ को मुक्त किया, उसने धीरे-धीरे रीता की चूत में एक उंगली डाली, उसके भगशेफ को ढँक दिया, और अधिक दबाव के साथ उसकी मालिश की।

ओह!" नीरता के ऐसा करते ही रीता ने अपने भीतर गहरी कामुक संवेदनाओं का एक और विस्फोट महसूस किया क्योंकि अभी तक जिनसे वो अनजान थी ऐसी अविश्वसनीय रूप से गर्म-गर्म भावनाएं उसके अंदर एक साथ एकत्रित और प्रज्वलित हो गयी थी । उसकी आँखें फिर से बंद हो गईं और उसने खुद को अपने कजिन और सबसे प्यारी सहेली को सौंप दिया, जिससे वह अब इस शानदार मजे का का पूरा अनुभव ले सके।


फिर नीता ने रीता की चूत में दूसरी उँगली डाली और उसकी भगशेफ को अंगूठी से रगड़ा और दुसरे हाथ से स्तनों की मालिश की, जिससे रीता उसके साथ मजबूत अर्ध-आलिंगन में लिपट गई। रीता को अब हर तरफ झुनझुनी महसूस हुई और उसकी त्वचा एक ऐसे यौन बुखार से तपने लगी जिसे उसने पहले कभी नहीं अनुभव किया था । नीता की उँगलियाँ रीता की योनि के अंदर और बाहर होने लगी ,


अब रीता का शरीर इस तरह से हिल गया जो उसके लिए पूरी तरह से अपरिचित था, नीता की कामुक हरकतों और उसके माध्यम से आने वाली पागल-दुष्ट संवेदनाओं का जवाब रीता का शरीर अपने आप दे रहा था। रीता को लगा अब उसका अपने शरीर पर कोई नियंत्रण नहीं रहा है। नीता के स्ट्रोक से उसके कूल्हे भी उसी लय में आगे पीछे हुए । जब नीता ने गति बढ़ाई, तो रीता के शरीर ने अपने आप प्रितिक्रिया देते हुए अगुवाई की, अपने कूल्हों को पीसकर उसका साथ दिया।


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आअह्हह्ह्ह्ह रीता के होठों से एक कराह निकली और उसके भीतर का तनाव बढ़ गया था, वह रिहाई के लिए तरस रही थी, लेकिन उस पल की सुंदरता के आगे झुकने को तैयार नहीं थी।
" वेरी गुड ।" रीता बोली

नीता की जीभ ने अनजाने में नीता की योनि के एक संवेदनशील स्थान पर प्रहार किया तो , एक एरोजेनस ज़ोन का खुलासाहुआ जिसके बारे में दोनों कुछ नहीं जानती थी। रीता कराह उठी और अपना सिर बगल की ओर झुका लिया। और उसने सांस भरते हुए मांग की, "और।"

रीता की पीठ पूरी तरह झुक गयी और उसके कूल्हे उसके दिल की धड़कन और उसकी नब्ज की धड़कन के साथ सिकुड़ गए। नीता की मोती उंगली,उसकी योनि में सरक गई और इस आक्रमण से रीता रो पड़ी। नीता का अंगूठा रीता के भगशेफ को रगड़ रहा था और नीता की पतली पतली उंगलीया रीता की योनि की भीतरी दीवारों को सहला रही थी, जो रीता की उत्तेजना के बढ़ने के साथ-साथ जकड़ती और छूटती थी, रीता जानती थी कि इस गर्म, और तेज कामुक भावनाओं का अधिक समय तक आनंद लेना असंभव था। रीता की कोमल कराहे और तेज हो गयी । उसका शरीर कांपने लगा और उसकी उँगलियाँ नीता के बालों की लटों में कस गईं। सनसनी की तीव्रता तेजी से बढ़ी ।

"ओह, यह अच्छा है," रीता बड़बड़ायी । "मैं आने वाली हूँ। ऐसा करते रहो," उसने कहा। "मैं बहुत करीब हूं।"

नीता ने रीता की भगशेफ को चूसा और रीता के कूल्हे झुक गए और उसकी आंतरिक मांसपेशियां जकड़ गईं और कांपता हुआ रीता का बदन अकड़ने लगा. चरमोत्कर्ष पर रीता ने नीता की उंगलियों को छोड़ दिया।



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"ओह हां!" वह चिल्लाई।

उसकी टांगो के बीच ऊर्जा का तेज गोला था और जब नीता की जीभ उसकी चूत के अंदर उस अति-प्रतिक्रियाशील स्थान पर फड़फड़ायी , तो उग्र संवेदनाएँ भड़क उठीं ।

जैसे ही नीता की उंगली गहरी गई तो रीता ने उसे कस कर निचोड़ लिया, उसके कूल्हे फिर से सोफे से उठ गए।

"हे भगवान, हाँ," वह कराह रही थी क्योंकि उसके अंदर की हर नस थरथरा रही थी और उसका शरीर सिर से पैर तक काँप रहा था। उसने अपने निचले होंठ पर थोड़ा सा दांत से दबाया और अपनी आँखें बंद रखीं और उसकी योनि में फिर जैसे बाढ़ आ आयी. उसने अपने उत्कर्ष के हर सेकंड का स्वाद चखा, पहली कभी भी वो इतना आनंदित नहीं हुई थी । नीता का मुँह और उंगलिया रीट्रा के चुतरस से भर गयी .. जिसे नीता धीरे धीरे चाट गयी

जब नीता की ऊँगली धीरे-धीरे उसकी धड़कती हुई योनी से बाहर निकली, तो रीता विरोध करने लगी , रीता अपने साथ साझा किए गए अंतरंग संबंध को छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी।

वह धीरे से मुस्कुराई और बड़बड़ाई, " ये बहुत शानदार था ।"

जैसे ही नीता बगल में बैठी और रीता को अपनी ओर खींच लिया, उसकी पलकें खुल गईं और दोनों एक दुसरे को चुम्बन करने लगी। और मैं थोड़ा साइड में होकर छुप गया ।



[Image: les18.jpg]

तभी बिल्ली के चलने की आवाज आयी तो दोनों ने जल्दी से इधर उधर देखा तो रीता बोली अँधेरा हो रहा है कोई आ न आजाये जल्दी से कपडे पहन लो।

दोनों ने जल्दी के कपडे पहन लिए पर फिर रीता ने कमरे से बाहर झाँक कर देखा कोई नजर नहीं आया तो वापिस आ कर नीता को किस करने लगी । अभी भी दोनों का मन नहीं भरा था. दोनों कपडे पहन कर भी किश करती रही।

जारी रहेगी
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 31


असली मजे का थोड़ा सा स्वाद




नीता ने रीता को रोका और बोली कहो अब कुछ अलग अनुभव करते हैं जो आप के साथ मेट्रो ट्रैन में उस बुड्ढे ने किया था वो मैं आपके साथ करुँगी और जो मेरे साथ हुआ है वो आप मेरे साथ करना . ताकि ये भी पता छाए के हमने एक दुसरे के अनुभव को कितने ध्यान से सुना है ।

नीता ने रीता को धक्का दिया और नीता रीता के बदन पर उसकी पीठ के साथ चिपक गयी। और कुछ देर बाद उसने रीता की की स्कर्ट नीचे खिसका दी और दोनों ऐसे हिलने लगी जैसे ट्रैन में यात्रा के दौरान खड़े हुए लोग हिलते हैं । फिर नीता ने अपने हाथ की माध्यमा और प्रथमा ऊँगलीया मिला कर उसके नितम्बो पर रगड़ी । वह 4-5. मिनट से ऐसा करती रही तो रीता थोड़ा हिल कर आगे हुए तो भी नीता नहीं रुकी फिर रीता थोड़ी और उससे दूर खिसकी तब भी वह रीता के साथ ही चिपकी रही और उसके नितम्बो पर ऊँगली फिराती रही और एक बार नीता ने रीता के नितम्बो पर हलकी सी चुटकी काटी। उफ्फ्फ ओह्ह्ह करके रीता हलकी से कराही और बोली मुझे बिलकुल ऐसा ही लगा था जब उसकी वो कठोर वस्तु फिर से मेरी पीठ और नितम्बो में बार बार चुभ रही थी । काश वो मर्द यहाँ सच में होते तो कितना मजा आता । फिर रीता ने नीता को से दूर करने के लिए अपनी कोहनी हलके से उसके पेट मारने का नाटक किया तो नीता ने भी रीता को जोर से धक्का मारने का नाटक किया। और उसे एक कोने में ले गयी ।




[Image: BUS2.jpg]
ठीक इस मौके पर मैंने चीजों को अपने नियंत्रण में लेने की सोची और सोचा अब इन दोनों को असली मजे का थोड़ा सा स्वाद चखाया जाये। मैंने उन दोनों के मष्तिष्क पर नियंत्रण करते हुए उन्हें आदेश दिया की वो दोनों अपनी आँखे बंद कर ले और तब तक ना खोले जब तक मैं उन्हें आँखे खोलने के लिए आदेश न दू औरये सोचे जो ट्रैन में उनके साथ हुआ था वो ही अब फिर उनके साथ हो रहा है ।



नीता ने चारो तरफ देखा वहां कोई नहीं था परन्तु मैं वही छुपा हुआ उनकी हरकते देख रहा था और उन दोनों ने फिर मेरे आदेश के अनुसार अपने आँखे बंद कर ली और मैंने अगला आदेश दिया की वो महसूस करें की वो पुरुष ही उनके साथ चिपका हुआ है और उसके बाद चुपके से मैं उस कमरे में दाखिल हुआ और एक हाथ से रीता की नाभि को छूने लगा और उस बीच नीता ने रीता की स्कर्ट की ज़िप को खोल और उसे रीता के नितंबों तक नीचे खींच लिया और रीता के नितम्बो पर हाथ फेर उन्हें थोड़ा सहलाया । मैंने नीता को मानसिक निर्देश दिया वो रीता से थोड़ा पीछे हट जाए और आँखे बंद रखते हुए अपनी चूचिया खुद दबाये और नीता एक तरफ हो अपनी चूचिया दबाने लगी ।


[Image: BUS1.jpg]

उस समय मैं साथ साथ रीता को निर्देश देता रहा को वो यही महसूस करे की वो इस समय ट्रैन में हैं और ये सब उसके साथ जो कुछ भी वो बूढ़ा कर रहा था वही सब अब नीता उसके साथ कर रही है ।

मैं रीता के करीब आ गया फिर रीता के नितम्बो पर हाथ फेरते हुए रीता की पेंटी भी नीचे सरका दी और अपनी उंगली सीधे रीता की चूत के अंदर डाल दी। एक बार फिर रीता जम गयी और विरोध करने में इस तरह से असमर्थ हो गयी। मैंने रीता के नितम्बो के गालों के बीच अपना लंड घुसा दीया , और अंदर की एक जोर से धक्का दिया पर उसकी चूत या गांड में नहीं घुसाया और उसकी चूत और गांड के छेद के बीच की जगह को लंड से सहलाने लगा । लंड रीता की चूत के होंठो तक पहुँच गया और उनको छेड़ने लगा ।

रीता ने आँखे बंद रखते हुए फटाफट मेरी ऊँगली और मेरे लंड को अपनी गांड और चूत की फांक से निकाल कर मेरी हरकत का विरोध करने का नाटक किया, और पीछे धक्का देने का भी नाटक किया और अपनी पैंटी ऊपर खींच ली। फिर पूरे साहस के साथ, चेतावनी देती हुई मेरे कान में फुसफुसायी कि अब इसके बाद आपने ऐसा किया तो मैं चिल्लाऊंगी । तो मैंने उसकी नग्न नितम्बो पर हाथ फेर उसे अहसास करवाया की उसकी स्कर्ट अभी भी आधी नीचे हैं और उस ट्रैन वाले दुष्ट कमीने अधेड़ की तरह रीता की गांड के अंदर अपनी अपने सख्त मांसल बेलनाकार लंड को रीता की पेंटी के कपड़े के ऊपर से थपथपाया और उसके नितम्ब के गालों को पेंटी के कपडे के ऊपर ही अंदर और बाहर ले गया और अपनी उंगलियों कभी रीता की गांड के छेद के पास और कभी उसकी चूत के प्रवेश द्वार के पास घुमाने लगा ।


[Image: finger.gif]

फिर मैंने रीता की कमर को स्तनों के नीचे से कस कर पकड़ लिया और फिर हाथ को स्तनों पर लेजाकर उसके स्तनों को अपने दाहिने हाथ में दबाते हुए रीता की पैंटी के ऊपर अपने लंड को उस रीता के नितम्बो की दरार में अंदर और बाहर धकेलता रहा ।

कुछ देर बाद रीता ने पानी छोड़ दिया और मैंने रीता के स्तन से अपना हाथ हटा लिया और नीता की आदेश दिया की वो रीता की किश करे . नीता ने रीता को किस किया तो रेटर आने नीता को किश करते हुए थक यू नीता कहा और नीता के कहा अब आपकी बारी है रीता ।

रीता उत्तेजित होते हुए नीता को धक्का देकर पलट गयी और नीता को एक कोने में ले गयी ।

नीता ने अपना दाहिना हाथ ऊपर कर ऐसे रखा था मानो उसने अपना हाथ छत पर रख दिया हो । और उसके कुछ सेकंड के बाद रीता ने नीता के कूल्हे के दोनों तरफ़ अपने दोनों हाथ रख दिए जो नीता के कूल्हों के ऊपर और नीचे हो रहे थे और कूल्हों को पकड़ने का प्रयास कर रहे थे। मैंने रीता को मानसिक निर्देश दिया वो नीता के स्तनों को सहलाये और दोनों को सख्त मानसिक ताकीद दी की उन्हें आँखे नहीं खोलनी है और वही महसूस करना है जो उन्होंने ट्रैन में महसूस किया था और पीछे से मैं नीता के साथ चिपक गया ।


नीता को यक़ीन ही नहीं हुआ की कि जो उसके साथ उस भीड़ में ट्रैन केअंदर हुआ वही फिर हो रहा है. वो बेचैन हो उठी और रीता के हाथों को दूर करने की कोशिश की।और खुद को इस प्रकार छूने से बचाने की पूरी कोशिश की, उसके पीछे मैं जोर-जोर से सांस ले रहा था।

थोड़ी देर बाद मैंने नीता को घुमाया और उसके सामनेहो गया और अब रीता नीता के पीछे थी । और उसने बायीं ओर से आए एक हाथ से नीता के बाएँ स्तन को पकड़ लिया और उसे प्यार से सहलाने लगी ।

आसपास अंधेरा-सा हो गया था। नीता ने लो-नेक और छोटी टी-शर्ट पहनी हुई थी जिसमे से उसका पेट भी दिखाई दे रहा था? और इन उपयुक्त परिस्थितियों का लाभ उठाकर पीछे खड़ी रीता ने नीता के स्तनों के बीच की दरार पर हाथ रख दिया। उसका हाथ बड़ी आसानी से नीता की टी शर्ट के अंदर फिसल गया और उसके हाथ ने नीता की ब्रा के कप्स को सहलाया और बिना समय बर्बाद किए उसने ब्रा कप्स को ऊपर उठा दिया, परिणामस्वरूप नीता के दोनों स्तन ब्रा के प्यालों से मुक्त हो गए। वह मेरे अब तक अनछुए दोनों स्तनों को सहलाने लगी ।



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यही अनुभब नीता को अप्रत्याशित रूप से सार्वजनिक तौर पर मेट्रो ट्रैन के उस भीड़ वाले डिब्बे में हुआ था । अजीब-सी सनसनी महसूस होने के कारण उसके निप्पल सख्त और खड़े हो गए थे। नीता रीता की इस हरकत से सम्मोहित हो गयी और निप्पलों की प्रतिक्रिया ने मुझे प्रोत्साहित किया की वो इसका आनंद ले रही है । मैंने रीता की मानसिक आदेश दिया की वो नीता को नीचे से ऊँगली करे और उसके नितम्बो को सहलाये । और फिर रीता वैसा ही करने लगी फिर मैंने उसकी टी-शर्ट को ऊपर सरकाया और दोनों स्तनों को नीचे की तरफ़ बाहर निकाला और उसके स्तनों के ऊपर झुक गया। उसे मेरी गर्म और गीली जीभ अपने एक निप्पल पर महसूस हुई। उसी समय रीता जो नीता के पीछे थी उसका एक हाथ नीता के नितम्ब सहलाने के बाद दबाने लगा और उसका दूसरा हाथ नीता के उस दुसरे स्तन को दबने लगा जिसे मैंने चूसने के बाद छोड़ा था और मैं अब दूसरा स्तन दबाने के बाद चूस रहा था ।

अब नीता को भी अहसास हो गया को वो अब दो के बीच फसी हुई थी दोनों मिल कर उसकी इस हालत का भरपूर फायदा उठा रहे थे। मेरा हाथ नीता के नंगे हो चुके पेट और कमर पर चलने लगा और फिर मेरा वो हाथ नाभि के नीचे रेंगता हुआ नीता की इलास्टिक दार पेण्ट और फिर पैंटी के लोचदार इलास्टिक के अंदर चला गया । जिस समय मैं उसकी पैंटी के अंदर हाथ घुसा रहा था ठीक उसी समय मैंने रीता को निर्देश दिया और उसने नीता की पैंट और पेंटी नीचे कर दी और मेरा हाथ नीता की पैंटी के अंदर रेंगता रहा । मेरी उँगलियों ने नीता की बड़ी बड़ी झांटो के बालों को अलग किया और लंड से बाहरी लेबिया को छूने लगा और अंत में, लंड उसकी योनि के पास चली गईं। मेरा लंड नीता की चूत के भीतरी होंठ के ऊपर भगशेफ को रगड़ने लगी।


मेरी जीभ लगातार मेरे दोनों निपल्स को वैकल्पिक रूप से बारी-बारी चूस रही थी और इससे नीता के शरीर में कामुकता जाग रही थी क्योंकि इसके साथ साथ मेरा लंड उसकी चूत को और उसकी भगशेफ को रगड़ रहा था और मेरा दूसरा हाथ उसकी कमर को पकडे हुआ था नीता के पीछे रीता नीता के नितम्बो को सहला और दबा रही थी । फिर मैं अपना दूसरा हाथ रीता के नंगे नितम्बो पर ले गया और रीता ने भी दो उंगलियों को मिला कर नीता के नितम्बो पर रगड़ा।


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इस दो तरफा हमले से नीता की चूत के अंदर का बाँध फट गया और वो कांपने लगी, उसका बदन अकड़ा और-उसका तरल बाहर निकलने लगा । मैंने नीता के नितम्बो को सहला कर लंड को उसकी जांधो के ऊपर रगडा और इस बीच रीता ने नीता के रस को अपनी हथेली में जमा कर लिया और अपना हाथ निकाल लिया । जैसे ही उसने निकला मैंने नीता की स्तनों को छेड़ना शुरू कर दिया तो नीता ने उत्तेजना में भर कर अपने बाएँ हाथ से रीता का हाथ ज़ोर से पकड़ कर अंदर को दबा दिया ताकि रीता की उंगलियाँ उसकी चूत के अंदर और गहराई तक जा सकें और अपने दूसरे हाथ में उसने मेरे चेहरे को अपने निप्पल की ओर इतनी ज़ोर से दबाया कि मैं उसके निप्पल को कुतरने लगा ।

पीछे से रीता नीता की चूत में ऊगली करती रही और मैं स्तन चूस रहा था और एक हाथ से नीता के और दुसरे हाथ से रीता के नितम्ब मसलने लगा।

रीता ने अपने उंगलिया जो नीता के रस से भरी थी वो पहले खुद चाटी फिर थोड़ी सी मुझे चटाई और फिर बाकी नीता के मुँह से लगा दी जिसे वो पूरा चाट गयी नीता पलटी और रीता के साथ चिपक गयी और फिर रीता ने एक आगे धक्का दिया और मेरा लंड उसकी टांगो के बीच दरार में घुसा और उसकी योनि से टकराने लगा।




मैंने नीता की कमर को दाए हाथ में कस कर पकड़ लिया और उसके स्तनों को अपने बाए हाथ में दबाने लगा और साथ ही साथ मैं पैंटी के ऊपर से अंदर गुसा कर अपने लिंग को अंदर और बाहर धकेल रहा था। अब नीता ने इसे छुआ तो उसे पता चला यह एक सख्त और लंबी मांसल लंड बहुत गर्म और लोहे की रोड की तरह सख्त था । नीता ने लंड को हाथ ने इसे पकड़ लिया और अधिक तलाशने की कोशिश की और लिंग के नीचे दो लटकी हुई गेंदों को महसूस किया और उन्हें सहलाया और उसने मेरे लिंग पर अपना पूरा हाथ घुमाकर त्वचा को ऊपर और नीचे खींचना शुरू कर दिया।



[Image: train5.jpg]
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आह की कराह के साथ मैंने तुरंत उसे अपने चेहरे के पास खींच लिया, तथा जल्दी-जल्दी नीता के पूरे चेहरे पर चुंबन करने के बाद, उसके नरम होंठो को चूमा और फिर मुंह के अंदर अपनी जीभ डाल नीता की जीभ की जांच की। तो नीता ने मेरी गेंदों को कस कर दबा दिया तो मैंने नीता के होंटो को अपने दांतो में दबा लिया ।

नीता, ने मेरी जीभ चूसना शुरू कर दिया क्योंकि उस समय उसकी पास उसकी जीभ चूसने के अलावा कोई विकल्प नहीं था क्योंकि उसके शरीर से एक और नई सनसनी उत्पन्न हो गयी थी। नीता ने अभी भी मेरे लिंग को पकड़ा हुआ था और अग्रभाग को ढकने वाली त्वचा को बाहर और नीचे की ओर खींचा रही थी। इसी बीच मैने रीता को भी मेरे अंडकोषों को सहलाने और मेरे लंड से खेलने का निर्देश दिया ।

रीता ने लिंग पर अपना पूरा हाथ घुमाकर त्वचा को ऊपर और नीचे खींचना शुरू कर दिया। कुछ समय बाद, मेरा लिंग मेरी हथेली में धड़कने लगा और भारी मात्रा में गर्म तरल बाहर निकल गया और रीता और नीता दोनों की हथेली में भर गया मैंने दोनों को बारी बारी चूमा और वीर्य निकलने के बाद कुछ देर तो मैं नीता और रीता दोनों के साथ चिपका रहा और फिर थोड़ा पीछे हुआ और दरवाजे से बाहर जाकर झाड़ियों में छुप गया ।

तभी रीता और नीता ने मेरा वीर्य चाटा और पर हथेलिया चाट कर साफ़ कर ली और दोनों बोली यह थोड़ा अजीब है मगर इतना बुरा स्वाद भी नहीं था। "

अब मैंने उसने आँखे खोलने का निर्देश दिया तो दोनों बोली ये बड़ा अजीब था । मुझे लगा यहाँ कोई पुरुष था । रीता बोली तुम्हारे साथ बहुत मजा आया पर ये तो उससे बहुत अलग और बहुत ज्यादा मजेदार था । नीता बोली काश वो मर्द यहाँ सच में होते तो कितना मजा आता ।

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