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Adultery मजे - लूट लो जितने मिले
#81
मजे - लूट लो जितने मिले


सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-03

मेरी महबूबाओं और बीबियो की आपस में मुलाकात



मेरी कहानी "मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं " मेरी अब तक की कहानी "जन्नत की 72 हूरे, खड़े लण्ड की अजीब दास्ताँ: जो की "खाला को चोदा, खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला और मजो की दुनिया में मेरे अनुभव" के अगले भाग हैं l

इससे पहले जन्नत की 72 हूरे Ch. 5 में आपने पढ़ा मेरे कॉलेज के दोस्त राजकुमार ब्रेडी के बारे में पढ़ा था इसने मुझे बताया था उसकी सबसे छोटी और लाड़ली बहन पर्ल जिसे मैं इंग्लैंड में कई बार मिला थाl मुझे बहुत पसंद करती है और मुझसे ही निकाह करना चाहती हैl मैंने उसे इसमें अपनी दिक्कते बताई की मेरे तीन निकाह हो चुके हैंl और क्या उन्हें मेरी चौथी बीवी बनना मंजूर होगा? और हमारे मज़हब में सिर्फ़ 4 बीवियों ही कर सकते हैl मेरी कुछ और कजिन बहने हैं जिनसे मेरा निकाह होना लगभग तय हैl हमारे देश में मैं 4 से ज़्यादा निकाह नहीं कर सकताल और मुझे निकाह मिस्यार करने होंगे जिसमे लड़की की कुछ अख्तियार कम हो जाते हैं

ब्रैडी ने मुझे निकाह के लिए बधाई दी और कहा चुकी हमारे यहाँ मर्द एक से ज़्यादा बीविया रखता है उसे तुम्हारे साथ और बीवियों से कोई ऐतराज नहीं है उसे ब्रेडी मेरे बारे में काफ़ी कुछ बता चूका था l

तो ब्रैडी में मेरी समस्या का निदान सुझाया की मेरी बहन से निकाह के बाद तुम भी कैमरून के मैं परिवार का हिस्सा हो जाओगे और मैं तुम अपने अधिकार से मैं तुम्हे नागरिकता देता हूँ और मेरे देश के नागरिक जितने चाहे निकाह कर सकते हैं और बीविया रख सकते हैंl

मैं तुम्हे अपने देश का हिंदुस्तान में राजनयिक नियुक्त करता हूँl अब तुम पर हिन्दुस्तान की कोई कानूनी बंदिश नहीं रहेगीl

राजकुमार ब्रेडी की सबसे छोटी और लाड़ली बहन पर्ल जिसे मैं इंग्लैंड में कई बार मिला थाl मुझे बहुत पसंद करती है और मुझसे ही निकाह करना चाहती हैl ब्रेडी दिल्ली आया था। मैं उससे मिलने उसके होटल चला गया। वहाँ मुझे उसकी कजिन सिस्टर एनी जो उसके साथ आई थी मिली। एनी एक यूरोपियन। गोरी जिसके सुनहरे बाल थे। उसकी मोटी-मोटी आंखें। सुर्ख गुलाबी होंठ और दूध से रंग में गुलाब का मिला जुला रंग जैसा उसका रंग और गाल। सुडौल छातियाँ। पतली कमर। चेहरे पर क़ातिल मुस्कान। बेहद खूबसूरत जन्नत की हूर। उसे मैं ताज महल दिखाने आगरा ले गया और फिर ऐनी रात में एक शर्ट में मेरे कमरे में आ गयी और आकर सीधे मेरे गले लग गयी l

फिर हम दोनों ने एक दुसरे के कपडे उतार दिए और मैंने उसे चूमने लगा, फिर ऐनी ने अपना कौमार्य मुझे समर्पित कर दिया। उसके बाद हम रात के अँधेरे बरसात में खुली बालकोने में हमने बारिश के साथ ताल मिला कर चुदाई की और उसके बाद में सुबह होने से पहले ताज के पास नदी के किनारे पर उसने मुझसे नग्न फोटोशूट करवाया और फिर वहां हमने सूरज निकलने तक चुदाई की l

होटल ने मेरे दोस्त फ्रेड्डी की बहन पर्ल मिली जो बोली तुम्हारे कपडे मैं ही उतारूँगी और पहनाऊँगी। फिर ऐनी मेरे एक निप्पल को चूसते हुए दुसरे निप्पल को अपने हाथ के नाखून से जोर-जोर से कुरेदने लगी और अच्छी तरह से चुसने के बाद ही उसने मेरे को छोडा। फिर ऐनी ने पूछा कैसा लगा निप्पल चुसवाना। मैं बोला कि मुझे अभी बहुत कुछ सीखना है। सीखाओगी उस्ताद जी। और ऐनी को अपने उस्ताद मान लियाl

मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं 02 से उद्धृत:

"ऐनी मेरे लंड को अपनी एक हथेली में रख कर दूसरे हाथ से उसको सहला रही थी जैसे किसी बच्चे को प्यार से पुचकारते हैं। थोडी देर तक इसी तरह मेरे लंड को पुचकारने के बाद ऐनी उठ कर खडी हो गयी और बोली लो निकाल दिया मैंने तुम्हारे लंड को बाहर। अब हम चल कर बैठते हैं और थोडी प्यार भरी बातें करते हैं। फिर मैं सोफे पर बेठ गया और ऐनी से बोला आओ माँ मेरी गोदी मैं बैठ जाओ ऐनी थोडी-सी मुस्कुरायी और आ कर मेरी गोदी में बैठ गयी।

ऐनी इस तरह से मेरी गोदी में बेठी थी की मेरा लंड उसकी गाँड की दरार में फंसा था। जैसा की मुझको मेरे लंड पर महसूस हो रहा था। उसने अपनी पीठ मेरे कंधे से लगा ली थी और अपनी गोरी दाँयी बाँह मेरे गले के पीछे से निकाल कर दुसरे हाथ से पकड ली। ओर मैंने पीछे से अपने हाथ उसके कमर में डाल कर उसके नंगे पेट को पकड लिया। उसके इस तरह से बैठने के कारण उसकी बड़ी चूचियाँ मेरे मुँह के सामने आ गयी। साथ ही साथ उसके मस्ताने चुतडो का दवाब मेरे लंड पर पड रहा था।"

अब आगे:-

मेरी नजर उसकी बडी-बडी गोलाईयो की तरफ़ थी। मैंने अपना मुँह उसकी चुचियो के बीच की दरार में घुसा दिया। और उन्हें चूसा और चूमा और जब मैंने उसे स्तन चोदे तो उसके बाद ऐनी बोली चलो बाते करते हैं। फिर पर्ल भी मेरे साथ बैठ गयीl

मैंने उसे बताया की मेरे तीन निकाह हो चुके हैंl क्या पर्ल को मेरी चौथी बीवी बनना मंजूर होगा? मेरी कुछ और कजिन बहने हैं जिनसे मेरा निकाह होना लगभग तय है और मेरी कुछ अन्य महबूबाएँ भी हैं जिनके बारे में उसे पता होना चाहिए l फिर ये भी बताया की मेरे दोस्त और पर्ल के भाई ब्रैडी ने मुझे बताया है कि तुम मुझे पसंद करती हो और मेरे साथ ही निकाह करना चाहती है और मैं उससे जानना चाहता हूँ उसका क्या विचार हैl

तो पर्ल बोली उसे सब पता है उसे भाई ब्रेडी ने उसे सब बता दिया है और चुकी हमारे यहाँ मर्द एक से ज्यादा बीविया रखता है इस लिए मेरी अन्य बीवियों से कोई ऐतराज नहीं है और मुझे पाने के लिए मेरी दासी बन कर भी रहने को त्यार है और उसके देश में तो नागरिक जितने चाहे निकाह कर सकते हैं और बीविया रख सकते हैं। और मेरे से पुछा आमिर तुम्हे मेरी बहन ऐनी कैसी लगी?

मैंने कहा बहुत ही मस्तानी सेक्सी महा चुदक्कड चुदासी और रस से भरपूर। तो ऐनी इस पर मुस्कुरा दी और बोली ऐसे शब्द कोई भी औरत किसी मर्द से अपने बारे में सुने तो बस निहाल हो जाये और तुमने तो ये सब मेरे लिये कहा तो सुनकर मेरा दिल गदगद हो गया।

तो पर्ल बोली आमिर मैंने अभी सुना है तुमने मेरी बहन ऐनी को अपना उस्ताद मान लिया। इससे सब सीख लो तुम्हे सबकी बहुत जरूरत पड़ने वाली है क्योंकि मेरी और भी बहने हैं और सभी एक से बढ़कर एक सुंदर मस्तानी सेक्सी और रस से भरपूर हैं।

मैं बोलै ऐनी मैंने गौर किया हे की तुम्हारा टॉप काफी तंग है। जिसकी वजह से तुम्हारी चुचियाँ ब्लाउस को फाड कर बाहर आने को तैयार है। लगता है तुम्हारी चुचियाँ बहुत बडी हो गयी है जिसकी वजह से तुम्हारा ब्लाउस छोटा हो गया है।

मेरी बात सुनकर पर्ल खिलखिला कर हँस पडी और ऐनी बोली नहीं आमिर पर्ल का ये टॉप एक दम नया है। यहाँ आने से पहले उसने सिलवाया है और जानबूझ कर छोटा बनवाया था जिससे ये तुमको रिझाने के लिये इस्तमाल कर सके और इसकी चुचियाँ और भी बडी-बडी लगे। मुझे पता है कि तुमको टॉप में से छाँकती चुचियाँ कितनी पंसन्द है। इसीलिये गले का कट भी नोर्मल गहरे कट से थोडा ज्यादा रखा है। इस ये तो स्पेशल टॉप है जोकि मैने तुम्हारी के मस्ती बढ़ाने के लिये बनवाया है।

ओह ऐनी तुम मेरा कितना ख्याल रखती हो और तुम्हे मेरी पसंद नपसंद सब का पता है ।

तो ऐनी बोली मुझे तो ये पहली ही पता लगा गया था कि तुम दोनों एक दूसरे को पसंद करते हो और अब तुम दोनों ने भी एक दुसरे से सब कह सुन लिया है तो अब तुम दोनों सहमत हो तो अब इस निकाह में कोई अड़चन नहीं है।

मैंने कहा सो तो है बस अब अपने घर वालो की और बीबियो की इजाजत ले लू फिर निकाह भी हो जाएगा ।

फिर पर्ल ने कहा वह मेरी बाकी बीबियो और महबूबाओं से मिलना चाहती है। तो मैंने कहा मेरी बीबिया और कुछ महबूबाएँ यहाँ पर हैं उनसे मिलवा देता हूँ । तभी दरवाजा खुला और मेरी तीनो बीबिया सारा, ज़रीना, दिलिया और चारो सालिया अबीर, ज़ारा, नरगिस और आयशा आ गयी और उनके साथ में मेरी तीनो पहली महबूबाएँ लूसी, जेन, और डायना भी आ गयी ।

मैंने सबका परिचय ऐनी और पर्ल के साथ करवाया और सबसे आखिर में सुश्री जेन का परिचय मेरी पहली सेक्स गुरु कह कर ऐनी से करवाया और सुश्री जेन का परिचय ऐनी से मेरी नयी सेक्स गुरु कह कर करवाया । तो दोनों गले मिली और हैं ने ऐनी को बोला आपके बहुत शानदार चेला मिला है और आपको अपने इस चेले पर हमेशा गर्व रहेगा तो ऐनी ने कहा ये आपका चेला एक सच्चा हीरा है आपने इन्हे बहुत अच्छे से तराश कर प्रशिक्षित किया है और मैं तो अब सिर्फ इसे थोड़ा पोलिश कर चमका दूँगी ।

तो उसके बाद निकाह और नागरिकता के पूरे मसले पर चर्चा की गयी और उसके बाद जेन की सलाह पर मेरी तीनो बीबिया उसनी बहनो के साथ मेरे निकाह के बदले अपने निकाह को निकाह मिस्यार में बदली करने के लिए सहमत हो गयी और इसके इलावा भी मुझे जितने मर्जी निकाह करने की इजाजत दी और पर्ल और मेरे को निकाह तय होने को बधाई दी।

अब बस बड़ो की इजाजत लेनी बाकी थी और साथ ही ब्रेडी की मेरी किसी बहन से निकाह की भी सहमति लेनी थी जिसमे मिलने की कोई ख़ास अड़चन नहीं थी क्योंकि इसमें उनकी सभी समस्याओ का हल भी शामिल था और फिर सारा ने सलाह दी की ये काम नूरी खाला आसानी से करवा लेंगी क्योंकि उनकी बात अम्मी अब्बू मामू कोई भी नहीं टालता था।

उसके बाद हम सब दिल्ली की और वापिस लौट चले ।

कहानी जारी रहेगी...

आपका आमिर खान हैदराबाद l
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#82
मजे - लूट लो जितने मिले


सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-04


सेक्स का पाठ

मेरी कहानी "मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं " मेरी अब तक की कहानी "जन्नत की 72 हूरे, खड़े लण्ड की अजीब दास्ताँ: जो की "खाला को चोदा, खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला और मजो की दुनिया में मेरे अनुभव" के अगले भाग हैं l

इससे पहले जन्नत की 72 हूरे Ch. 5 में आपने पढ़ा मेरे कॉलेज के दोस्त राजकुमार ब्रेडी के बारे में पढ़ा था इसने मुझे बताया था उसकी सबसे छोटी और लाड़ली बहन पर्ल जिसे मैं इंग्लैंड में कई बार मिला थाl मुझे बहुत पसंद करती है और मुझसे ही निकाह करना चाहती हैl मैंने उसे इसमें अपनी दिक्कते बताई की मेरे तीन निकाह हो चुके हैंl और क्या उन्हें मेरी चौथी बीवी बनना मंजूर होगा? और हमारे मज़हब में सिर्फ़ 4 बीवियों ही कर सकते हैl मेरी कुछ और कजिन बहने हैं जिनसे मेरा निकाह होना लगभग तय हैl हमारे देश में मैं 4 से ज़्यादा निकाह नहीं कर सकताल और मुझे निकाह मिस्यार करने होंगे जिसमे लड़की की कुछ अख्तियार कम हो जाते हैं l

ब्रैडी ने मुझे निकाह के लिए बधाई दी और कहा चुकी हमारे यहाँ मर्द एक से ज़्यादा बीविया रखता है उसे तुम्हारे साथ और बीवियों से कोई ऐतराज नहीं है उसे ब्रेडी मेरे बारे में काफ़ी कुछ बता चूका था l

तो ब्रैडी में मेरी समस्या का निदान सुझाया की मेरी बहन से निकाह के बाद तुम भी कैमरून के मैं परिवार का हिस्सा हो जाओगे और मैं तुम अपने अधिकार से मैं तुम्हे नागरिकता देता हूँ और मेरे देश के नागरिक जितने चाहे निकाह कर सकते हैं और बीविया रख सकते हैंl

मैं तुम्हे अपने देश का हिंदुस्तान में राजनयिक नियुक्त करता हूँl अब तुम पर हिन्दुस्तान की कोई कानूनी बंदिश नहीं रहेगीl

राजकुमार ब्रेडी की सबसे छोटी और लाड़ली बहन पर्ल जिसे मैं इंग्लैंड में कई बार मिला थाl मुझे बहुत पसंद करती है और मुझसे ही निकाह करना चाहती हैl ब्रेडी दिल्ली आया था। मैं उससे मिलने उसके होटल चला गया। वहाँ मुझे उसकी कजिन सिस्टर एनी जो उसके साथ आई थी मिली। एनी एक यूरोपियन। गोरी जिसके सुनहरे बाल थे। उसकी मोटी-मोटी आंखें। सुर्ख गुलाबी होंठ और दूध से रंग में गुलाब का मिला जुला रंग जैसा उसका रंग और गाल। सुडौल छातियाँ। पतली कमर। चेहरे पर क़ातिल मुस्कान। बेहद खूबसूरत जन्नत की हूर। उसे मैं ताज महल दिखाने आगरा ले गया और फिर ऐनी रात में एक शर्ट में मेरे कमरे में आ गयी और आकर सीधे मेरे गले लग गयी l

फिर हम दोनों ने एक दुसरे के कपडे उतार दिए और मैंने उसे चूमने लगा, फिर ऐनी ने अपना कौमार्य मुझे समर्पित कर दिया। उसके बाद हम रात के अँधेरे बरसात में खुली बालकोने में हमने बारिश के साथ ताल मिला कर चुदाई की और उसके बाद में सुबह होने से पहले ताज के पास नदी के किनारे पर उसने मुझसे नग्न फोटोशूट करवाया और फिर वहां हमने सूरज निकलने तक चुदाई की l

होटल ने मेरे दोस्त फ्रेड्डी की बहन पर्ल मिली जो बोली तुम्हारे कपडे मैं ही उतारूँगी और पहनाऊँगी। फिर ऐनी मेरे एक निप्पल को चूसते हुए दुसरे निप्पल को अपने हाथ के नाखून से जोर-जोर से कुरेदने लगी और अच्छी तरह से चुसने के बाद ही उसने मेरे को छोडा। फिर ऐनी ने पूछा कैसा लगा निप्पल चुसवाना। मैं बोला कि मुझे अभी बहुत कुछ सीखना है। सीखाओगी उस्ताद जी। और ऐनी को अपने उस्ताद मान लियाl पर्ल ने कहा वह मेरी बाकी बीबियो और महबूबाओं से मिलना चाहती है। तो मैंने कहा मेरी बीबिया और कुछ महबूबाएँ यहाँ पर हैं उनसे मिलवा देता हूँ । तभी दरवाजा खुला और मेरी तीनो बीबिया सारा, ज़रीना, दिलिया और चारो सालिया अबीर, ज़ारा, नरगिस और आयशा आ गयी और उनके साथ में मेरी तीनो पहली महबूबाएँ लूसी, जेन, और डायना भी आ गयी ।

तो उसके बाद निकाह और नागरिकता के पूरे मसले पर चर्चा की गयी और उसके बाद जेन की सलाह पर मेरी तीनो बीबिया उसनी बहनो के साथ मेरे निकाह के बदले अपने निकाह को निकाह मिस्यार में बदली करने के लिए सहमत हो गयी और इसके इलावा भी मुझे जितने मर्जी निकाह करने की इजाजत दी और पर्ल और मेरे को निकाह तय होने को बधाई दी।

अब बस बड़ो की इजाजत लेनी बाकी थी और साथ ही ब्रेडी की मेरी किसी बहन से निकाह की भी सहमति लेनी थी और सबने मिल कर तय किया ये काम नूरी खाला को सौंपा जाए ।

मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं 03 से उद्धृत:

मैंने सबका परिचय ऐनी और पर्ल के साथ करवाया और सबसे आखिर में सुश्री जेन का परिचय मेरी पहली सेक्स गुरु कह कर ऐनी से करवाया और सुश्री जेन का परिचय ऐनी से मेरी नयी सेक्स गुरु कह कर करवाया । तो दोनों गले मिली और हैं ने ऐनी को बोला आपके बहुत शानदार चेला मिला है और आपको अपने इस चेले पर हमेशा गर्व रहेगा तो ऐनी ने कहा ये आपका चेला एक सच्चा हीरा है आपने इन्हे बहुत अच्छे से तराश कर प्रशिक्षित किया है और मैं तो अब सिर्फ इसे थोड़ा पोलिश कर चमका दूँगी ।

तो उसके बाद निकाह और नागरिकता के पूरे मसले पर चर्चा की गयी और उसके बाद जेन की सलाह पर मेरी तीनो बीबिया उसनी बहनो के साथ मेरे निकाह के बदले अपने निकाह को निकाह मिस्यार में बदली करने के लिए सहमत हो गयी और इसके इलावा भी मुझे जितने मर्जी निकाह करने की इजाजत दी और पर्ल और मेरे को निकाह तय होने को बधाई दी।

अब बस बड़ो की इजाजत लेनी बाकी थी और साथ ही ब्रेडी की मेरी किसी बहन से निकाह की भी सहमति लेनी थी जिसमे मिलने की कोई ख़ास अड़चन नहीं थी क्योंकि इसमें उनकी सभी समस्याओ का हल भी शामिल था और फिर सारा ने सलाह दी की ये काम नूरी खाला आसानी से करवा लेंगी क्योंकि उनकी बात अम्मी अब्बू मामू कोई भी नहीं टालता था।

अब आगे:-

उसके बाद ऐनी ने मुझसे जानना चाहा की मैं सेक्स में क्या जानता हूँ तो मैंने उसे जो कुछ भी थोड़ा बहुत सीखा था संक्षेप में बता दिया तो उसने पुछा तुमने ये सब किस्से सीखा है और मैंने उसे बोला मैंने बहुत कुछ अपने हर साथी से सीखा है ।

तो उसने मुझ से मेरे पहले सेक्स के बारे में पुछा तो मैंने उसे लूसी और जेन के बारे में संक्षेप में बताया । (जिसके बारे में आप मेरी कहानी "मजे-लूट लो जितने मिले-चौथा अध्याय-लूसी के साथ मेरी पहली चुदाई की कहानी भाग 1-17" में पढ़ सकते हैं।)


वो कहानी सुनने के बाद ऐनी बोली मुझे आगे क्या हुआ वह भी विस्तार से बताओ तो इस बीच मुझे मेरी तीनो दुल्हनों और चारो सालियो और पर्ल ने घेर लिया और बोली हमे भी जानना है ।

तो मैंने उसे कहा लूसी के साथ इस तरह, मैं फिर लूसी के साथ मस्ती करता रहा और जब मैं पूरी रात लुसी को चोदने के बाद सो रहा था जब मैंने सुना "आमिर?" दूर के दरवाजे से रोशनी की एक किरण अंदर आयी। दरवाजा खुला और इसके साथ ही सुश्री जेन ने मेरे कमरे में प्रवेश किया। और जेन ने मुझे लुसी की बाहों में आराम करते हुए देखा।

आमिर, क्या तुम जाग रहे हो? " उसने कमरे में प्रवेश किया।

मैंने करवट बदली, मेरी झिलमिलाती आँखें अंधेरे में उससे मिल रही थीं। "मिस जेन। आपको देख कर मुझे बहुत ख़ुशी हुई है।" मेरी आवाज गहरी और सम थी। मैं बैठ गया और पतली चादर मेरे शरीर से फिसल गई, जिससे मेरी नग्नता प्रकट हो गयी। सुश्री जेन ने मुझे नग्न देखा तो उनके गाल लाल हो गए और उन्होंने बहुत तेज़ी से दूसरी तरफ देखा।

"उह। वाह वाह। ठीक है... मुझे भी आपको भी देखकर अच्छा लगा।"

उसकी इच्छा के विरुद्ध, उसकी आँखें नीचे की ओर, मेरे मजबूत कंधों और गढ़ी हुई छाती पर बालों के नीचे, मेरे पेट के नीचे और सीधे मेरे आधे सीधे लंड पर घूम रही थीं, " मुझे तुमसे बात करनी है आमिर। आप कुछ कपड़े पहन लीजिये!

मेरे खड़े होते ही वह मुड़ गई और मैंने जल्दी से कुछ कपड़े पहन लिए। "आप मेरे साथ किस बारे में बात करना चाहती हैं?"

मेरे इस प्रश्न पर सुश्री जेन ने थूक निगला । वह एक अच्छी शिक्षिका थी जो उस समय जीवन शैली शिक्षण कर रही थी और अब वह एक स्वेच्छा से एक आदमी को प्यार करना सिखाने वाली थी।

उसने अपने होठों को एक साथ दबाया। उसने मेरी ओर देखा और फिर वह मेरी ओर मुड़ी। मैं उसे देखकर मुस्कुरा रहा था, मेरी आँखों में चमक आ गई थी। मैंने अपने काले बालों में एक बार हाथ चलाया, और चेहरे से बालो को हटा दिया। उसने महसूस किया कि वह मुझे घूर रही है, लेकिन वह मेरे को घूरने से खुद को रोक नहीं पा रही थी।

" मुझे नहीं पता कि यह कैसे कहना है। आप मेरे कमरे में क्यों नहीं चलते जहाँ हम निजी तौर पर बात कर सकते हैं? मेरे पास एक असाइनमेंट है।

"समझा।" मैंने उसका अध्ययन करते हुए कहा। "आप नर्वस हो। यह महत्त्वपूर्ण होना चाहिए।"

"जब कोई नर्वस हो तो इस बात का इशारा करना असभ्य है, आमिर।"

"मैं क्षमाप्रार्थी हूँ। मैं याद रखूँगा।"

हम कंधे से कंधा मिलाकर उसके कमरे की ओर बढ़े।

"क्या आप ड्रिंक लेना चाहेंगे?" मेरे जवाब देने से पहले सुश्री जेन ने जूस की बोतल उठा ली और फिर पुछा। जूस या शराब?

"अगर यह आपको मदद करेगा तो हाँ! कुछ भी।"

उसकी नजरे मुझ पर टिकी हुई थी और जब मैंने उस पर नज़र डाली तो वह फिर से पकड़ी गई.

मेरे पसंदीदा संतरे का रस और अपने लिए शराब के साथ गिलास भरने के बाद, वह मेरे पास बैठ गयी। जब सुश्री जेन बैठी तो उसकी गोरी और चिकनी टाँगे उसके लहंगे से बाहर निकल आयी। मेरी नजरे फिर उसकी कोमल लम्बी और सुंदर टांगो पर एक लंबे पल के लिए टिक गयी और मैं अपने दिमाग में उसकी प्यारी छोटी चूत की कल्पना करने लगा। लगभग तुरंत मैंने महसूस किया कि मेरा लंड कठोर हो रहा है। मैंने अपने लंड की कठोरया को नियंत्रित करने के लिए व्यर्थ प्रयास किया । मैंने अपने लंड की कठोरता को समायोजित करने के लिए अपने पैरों को एक साथ निचोड़ा।

जैसे ही उसने मुझे जूस का गिलास दिया, हमारी उंगलियाँ छू गईं। उसने मेरे लंड के कठोर होने को नोटिस कियाऔर वह शरमा गई। उसने अपना गला साफ किया।

आमिर! जैसा की आप के पिता जी और आप चाहते हैं मैं आपको जीवन शैली के बारे में प्रशिक्षित करून और उसके अंतर्गत मैं तुम्हें सेक्स के बारे में सिखाऊंगी। मैं तुम्हें सेक्स की कला में अभ्यास भी दूँगी और फिर ऐसे रहस्य सबसे आसानी से बेडरूम में प्राप्त किये जाते हैं।

"मैं समझ सकता हूँ," मैंने मुस्कुराते हुए कहा और मेरी आँखें उसकी चोली पर जहाँ उसकी स्तनों की दरार नजर आ रही थी वहाँ पर अटक गईं। मैंने अपना होंठ दांतो में दबाया तो उसका दिल तेजी से धड़कने लगा। "मैं चाहूंगा कि आप मुझे सिखाएँ, सुश्री जेन। मैं इस के लिए किसी और के बारे में नहीं सोच सकता।"

सुश्री जेन सत्ताईस साल की उम्र की लंबी महिला थी, जो की सुन्दर रूप की मलिका थी और उन्होंने उस समय मेरे द्वारा उन्हें उपहार दिया गया एक लाल लहंगा और चोली पहनी हुई थी। जूस पीते हुए मैं ब्रिटिश मूल की महिला सुश्री जेन को देख रहा था, जो लम्बी, सुनहरे गोरे बालो वाली (blonde) और उसकी बड़ी नीली आँखें शर्म और हितक से नीचे झुकी हुई थी । मैं सुश्री जेन के स्तन देख रहा था। उसकी चोली बहुत छोटा, छोटी और बाजू रहित थी और उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी और चोली का गला गहरा था। उसके स्तन ऊंचे और सख्त थे और निप्पल मजबूती से तने हुए थे। मैं चोली के कपड़े के ऊपर से उसके तने हुए निपल्स को ठीक से देख सकता था और उसके खुशबू, शरीर की निकटता और बातचीत के विषय ने मुझे और ज्यादा उत्तेजित करना शुरू कर दिया था।

"मुझे आपको चेतावनी देनी है। मैं कभी किसी पुरुष के साथ नहीं रही हूँ और मुझे लगता है कि मैं पूरी तरह से अयोग्य-"

"श, सुश्री जेन।" मैंने उसकी बात को काट दिया और उस की तरफ झुक गया, उसके चेहरे के बालों को ब्रश किया। "इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। आप जो कुछ भी जानती हैं वह मुझसे बहुत ज्यादा है। मैं आपको एक शिक्षक और एक मित्र के रूप में पाकर भाग्यशाली महसूस कर रहा हूँ।" मैं झुक गया और उसकी खुशबू को सूंघ सकता था।

मैं सोफे पर उसके नजदीक हुआ और मेरी जांघ ने उसे छुआ। वह मेरी तरफ झुकना चाहती थी, मुझे सूंघना और मेरी बाहो में समा जाना चाहती थी।

ये सब सुनने के बाद मैंने उसका हाथ पकड़ कर कहा: 'अब, सुश्री जेन, मैं भी आपसे गंभीरता से बात करना चाहता हूँ।'

'क्या अभी तक मैंने कुछ ग़लत किया है!' उसने कहा। मैं मुस्कुराया 'सुश्री जेन, आप अच्छी तरह जानती हैं कि आपने क्या किया है आपने लूसी से मिलवा कर मेरे ऊपर बहूत बड़ा एहसान किया है, लेकिन मैं इस बारे में बात करना चाहता हूँ कि आपको क्या करना है,' मैंने जवाब दिया।

मेरी प्रिय जेन, सच तो ये है मैं आपको तब से बुरी तरह से प्यार करता हूँ जब आप मेरी बहनों को पढ़ाया करती थी और मैंने जो आपका जलवा और प्यार देखा है। उसके बाद खुस को रोक पाना मेरे लिए बहुत मुश्किल हैl. " मैंने उसके हाथ पकड़ कर चूमते हुए कहा। आई लव यू!

मैं अब काफ़ी गंभीरता से बोल रहा था और उसकी आंखों में सीधे देख कर बोला'क्या आप मुझे पसंद नहीं करती हो?'

मैं ख़ुद हैरान था मुझमे इतनी हिम्मत कहाँ से आ गयी थीl मैं उन्हें छुप-छुप कर देखता थाl जेन के प्यार भरे शब्दों ने मुझे अपने दिल की बात कहने की हिम्मत दे दी थी और उनके व्यवहार भाव और भंगिमा से मुझे पूरा विश्वास हो गया था ये मुझे कभी मना नहीं करेंगीl

"बेशक, प्रिय आमिर, आई लव यू! मैं भी आपको तब से ही पसंद करती हूँ! ," उसने जवाब दिया l उसने मेरा हाथ अपने हाथ में रखा है-"मैंने अपने आप को और लुसी को समर्पित किया है और आपकी सेवा में कभी भी कुछ भी कमी नहीं छोड़ूंगी!"

मैं हँसा उसके हाथ उठा कर उन्हें दुबारा चूमा ' शुक्रिया। सुश्री जेन मेरा प्रेम निवेदन स्वीकार करने के लिए और फिर इसमें मुश्किल क्या है?

सुश्री जेन ने मुझे प्यार से देखा और मैंने देखा कि उसकी आँखें बहुत सुंदर थीं। वह एक सुडौल कामुक, बड़े स्तन वाली, सुडौल महिला थी। उसकेबाल प्यारे सुनहरे और गोरी त्वचा उसके सुन्दर रूप पर सोने पर सुहागा का काम कर रही थी।

उनके चौड़े कंधे, चट्टानों के रूप में सुडोल अलग-अलग खड़े उसके गौरवशाली स्तन, उन पर चुंबन आमंत्रित करते हुए निपल्स, उसकी सुंदर गोल भुजाएँ, पतली कमर और उसके सुन्दर गोल कूल्हों और उभरे हुए नितंब थे और वह शर्माती और लज्ज़ती हुई बहुत अधिक सुंदर लग रही थी।

उसने धीरे से कहा, ' यदि आपके स्थान पर कोई और होता तो मैं ये कभी नहीं करती लेकिन आप की बात बिलकुल लग है आप मुझे बहुत प्रिय है और आप मेरे सच्चे प्रेमी हैं, आपने जो कहा, उसके लिए धन्यवाद। मैंने हमेशा तुम्हारी आँखों में अपने लिए चाहत और सम्मान देखा है। मुझे यह जानकर बहुत गर्व और ख़ुशी हो रही है कि आप मुझे चाहते हैं ।

इससे पहले कि वह कुछ कह पाती, मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया और उसे बहुत प्यार से अपने गले लगा लिया। मैंने अपने होंठ उसके रस भरे होंठों से चिपका दिए। और उसके प्यार भरे स्तन को अपने सीने में दबा लिया, जबकि मेरा दूसरा हाथ उसकी चिकनी पीठ पर चला गया और मैंने अपने शरीर को उसके खिलाफ दबाया, ताकि वह मेरे कठोर हो रहे लंड को महसूस कर सके जो मेरी लुंगी में धड़क रहा था।

उसने मेरी कमर के चारों ओर अपनी बाजुओं डालकर मुझे पकड़ लिया और आहें भरते हुए, अपना सिर मेरी छाती पर रख दिया और मेरे खड़े हुए लंड पर उसने अपने शरीर को मेरे शरीर के और करीब कर दिया और कामाग्नि में जलते हुए हमारे होठ लम्बे चुंबन में लिप्त हो गए।


कहानी जारी रहेगी...

आपका आमिर खान हैदराबाद l
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#83
मजे - लूट लो जितने मिले


सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-05

स्नान कर लीजिये


मेरी कहानी "मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं " मेरी अब तक की कहानी "जन्नत की 72 हूरे, खड़े लण्ड की अजीब दास्ताँ: जो की "खाला को चोदा, खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला और मजो की दुनिया में मेरे अनुभव" के अगले भाग हैं l

इससे पहले जन्नत की 72 हूरे Ch. 5 में आपने पढ़ा मेरे कॉलेज के दोस्त राजकुमार ब्रेडी के बारे में पढ़ा था इसने मुझे बताया था उसकी सबसे छोटी और लाड़ली बहन पर्ल जिसे मैं इंग्लैंड में कई बार मिला थाl मुझे बहुत पसंद करती है और मुझसे ही निकाह करना चाहती हैl मैंने उसे इसमें अपनी दिक्कते बताई की मेरे तीन निकाह हो चुके हैंl और क्या उन्हें मेरी चौथी बीवी बनना मंजूर होगा? और हमारे मज़हब में सिर्फ़ 4 बीवियों ही कर सकते हैl मेरी कुछ और कजिन बहने हैं जिनसे मेरा निकाह होना लगभग तय हैl हमारे देश में मैं 4 से ज़्यादा निकाह नहीं कर सकताल और मुझे निकाह मिस्यार करने होंगे जिसमे लड़की की कुछ अख्तियार कम हो जाते हैं l

ब्रैडी ने मुझे निकाह के लिए बधाई दी और कहा चुकी हमारे यहाँ मर्द एक से ज़्यादा बीविया रखता है उसे तुम्हारे साथ और बीवियों से कोई ऐतराज नहीं है उसे ब्रेडी मेरे बारे में काफ़ी कुछ बता चूका था l

तो ब्रैडी में मेरी समस्या का निदान सुझाया की मेरी बहन से निकाह के बाद तुम भी कैमरून के मैं परिवार का हिस्सा हो जाओगे और मैं तुम अपने अधिकार से मैं तुम्हे नागरिकता देता हूँ और मेरे देश के नागरिक जितने चाहे निकाह कर सकते हैं और बीविया रख सकते हैंl

मैं तुम्हे अपने देश का हिंदुस्तान में राजनयिक नियुक्त करता हूँl अब तुम पर हिन्दुस्तान की कोई कानूनी बंदिश नहीं रहेगीl

राजकुमार ब्रेडी की सबसे छोटी और लाड़ली बहन पर्ल जिसे मैं इंग्लैंड में कई बार मिला थाl मुझे बहुत पसंद करती है और मुझसे ही निकाह करना चाहती हैl ब्रेडी दिल्ली आया था। मैं उससे मिलने उसके होटल चला गया। वहाँ मुझे उसकी कजिन सिस्टर एनी जो उसके साथ आई थी मिली। एनी एक यूरोपियन। गोरी जिसके सुनहरे बाल थे। उसकी मोटी-मोटी आंखें। सुर्ख गुलाबी होंठ और दूध से रंग में गुलाब का मिला जुला रंग जैसा उसका रंग और गाल। सुडौल छातियाँ। पतली कमर। चेहरे पर क़ातिल मुस्कान। बेहद खूबसूरत जन्नत की हूर। उसे मैं ताज महल दिखाने आगरा ले गया और फिर ऐनी रात में एक शर्ट में मेरे कमरे में आ गयी और आकर सीधे मेरे गले लग गयी l

फिर हम दोनों ने एक दुसरे के कपडे उतार दिए और मैंने उसे चूमने लगा, फिर ऐनी ने अपना कौमार्य मुझे समर्पित कर दिया। उसके बाद हम रात के अँधेरे बरसात में खुली बालकोने में हमने बारिश के साथ ताल मिला कर चुदाई की और उसके बाद में सुबह होने से पहले ताज के पास नदी के किनारे पर उसने मुझसे नग्न फोटोशूट करवाया और फिर वहां हमने सूरज निकलने तक चुदाई की l

होटल ने मेरे दोस्त फ्रेड्डी की बहन पर्ल मिली जो बोली तुम्हारे कपडे मैं ही उतारूँगी और पहनाऊँगी। फिर ऐनी मेरे एक निप्पल को चूसते हुए दुसरे निप्पल को अपने हाथ के नाखून से जोर-जोर से कुरेदने लगी और अच्छी तरह से चुसने के बाद ही उसने मेरे को छोडा। फिर ऐनी ने पूछा कैसा लगा निप्पल चुसवाना। मैं बोला कि मुझे अभी बहुत कुछ सीखना है। सीखाओगी उस्ताद जी। और ऐनी को अपने उस्ताद मान लियाl पर्ल ने कहा वह मेरी बाकी बीबियो और महबूबाओं से मिलना चाहती है। तो मैंने कहा मेरी बीबिया और कुछ महबूबाएँ यहाँ पर हैं उनसे मिलवा देता हूँ । तभी दरवाजा खुला और मेरी तीनो बीबिया सारा, ज़रीना, दिलिया और चारो सालिया अबीर, ज़ारा, नरगिस और आयशा आ गयी और उनके साथ में मेरी तीनो पहली महबूबाएँ लूसी, जेन, और डायना भी आ गयी ।

तो उसके बाद निकाह और नागरिकता के पूरे मसले पर चर्चा की गयी और उसके बाद जेन की सलाह पर मेरी तीनो बीबिया उसनी बहनो के साथ मेरे निकाह के बदले अपने निकाह को निकाह मिस्यार में बदली करने के लिए सहमत हो गयी और इसके इलावा भी मुझे जितने मर्जी निकाह करने की इजाजत दी और पर्ल और मेरे को निकाह तय होने को बधाई दी।

अब बस बड़ो की इजाजत लेनी बाकी थी और साथ ही ब्रेडी की मेरी किसी बहन से निकाह की भी सहमति लेनी थी और सबने मिल कर तय किया ये काम नूरी खाला को सौंपा जाए ।

उसके बाद ऐनी ने मुझसे जानना चाहा की मैं सेक्स में क्या जानता हूँ? तो मैंने उसे जो कुछ भी थोड़ा बहुत सीखा था संक्षेप में बता दिया तो उसने पुछा तुमने ये सब किस्से सीखा है और मैंने उसे बोला मैंने बहुत कुछ अपने हर साथी से सीखा है। मैंने ऐनी को जेन और लूसी के बारे में और लूसी के साथ मेरी पहली चुदाई के बारे में बताया । लूसी के साथ मेरे पहले सम्भोग के बाद जेन ने मुझ से कहा की वो अब मुझे सेक्स के बारे में जरूरी ज्ञान देना शुरू करेगी।

मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं 04 से उद्धृत:

उसने धीरे से कहा, ' यदि आपके स्थान पर कोई और होता तो मैं ये कभी नहीं करती लेकिन आप की बात बिलकुल अलग है। आप मुझे बहुत प्रिय है और आप मेरे सच्चे प्रेमी हैं। आपने जो कहा, उसके लिए धन्यवाद। मैंने हमेशा तुम्हारी आँखों में अपने लिए चाहत और सम्मान देखा है। मुझे यह जानकर बहुत गर्व और ख़ुशी हो रही है कि आप मुझे चाहते हैं ।

इससे पहले कि वह कुछ कह पाती, मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया और उसे बहुत प्यार से अपने गले लगा लिया। मैंने अपने होंठ उसके रस भरे होंठों से चिपका दिए। और उसके प्यार भरे स्तन को अपने सीने में दबा लिया, जबकि मेरा दूसरा हाथ उसकी चिकनी पीठ पर चला गया और मैंने अपने शरीर को उसके खिलाफ दबाया, ताकि वह मेरे कठोर हो रहे लंड को महसूस कर सके जो मेरी लुंगी में धड़क रहा था।

उसने मेरी कमर के चारों ओर अपनी बाजुओं डालकर मुझे पकड़ लिया और आहें भरते हुए, अपना सिर मेरी छाती पर रख दिया और मेरे खड़े हुए लंड पर उसने अपने शरीर को मेरे शरीर के और करीब कर दिया और कामाग्नि में जलते हुए हमारे होठ लम्बे चुंबन में लिप्त हो गए।

अब आगे:-

वह हांफने लगी, लेकिन हटी नहीं।

"ओह जेन" मैं फुसफुसाया, मेरा चेहरा उससे कुछ ही मिलीमीटर की दूरी पर था। "मैं तुम्हें तब से चाहता हूँ जब से मैंने तुम्हें पहली बार देखा था।"

और होंठों को उसके होंठो पर दबाते हुए मैं बोलै "आप नि: संदेह बहुत सुंदर हो।" और अब वह केवल फुसफुसा सकती थी। मेरे होंठ गर्म थे और उसके भी। मेरी जीभ उसके मुंह में चली गई, और उसके ओंठो और दांतो की जांच करने लगी। उसकी इच्छा के विरुद्ध, वह मेरे मुँह में कराह उठी और उसकी जीभ मेरी जीभ के साथ जुड़ गई और जब हम अंत में दूर हुए तो वह बेदम थी।

"सुश्री जेन इसके लिए धन्यवाद। मुझे इसकी सख्त जरूरत थी।" और फिर हम दुबारा चूमने लग गए ।

जेन ने मेरे के गले लग कर लूसी के साथ पहली चुदाई की बधाई दी । कुछ देर बाद वह चुम्बन तोड़ते हुए बोली आमिर तुम ने जो रात भर लूसी की चुदाई की है उसके कारण तुम से वह सेक्स की गंध आ रही है जो पुरुषो में से सेक्स करने के बाद आती है! आमिर! सार्वजनिक रूप से आप में से ऐसी गंध नहीं आनी चाहिए और आप इस तरह नहीं दिख सकते और-और निश्चित रूप से मेरे साथ तो बिलकुल नहीं! भोजन कक्ष में जाने से पहले आपको स्नान करना होगा! "

"यहाँ मेरा बाथरूम है। जेन के कमरे में एक शानदार बाथरूम था । आप यहाँ अपनी इच्छानुसार सारे गर्म पानी का उपयोग कर सकते हैं-आप जानते ही हो महिलाओं को पुरुषों की तुलना में गर्म शॉवर अधिक पसंद है और मुझे उनमें से भी अधिक पसंद है और शायद यही कारण है कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में बेहतर गंध आती है!" (हमारे घर में काफी महिलाओं और लड़किया थी इसलिए मेरे अब्बा ने बहुत पहले घर में एक अतिरिक्त बड़ा वाटर हीटर स्थापित किया था, जिससे बाथरूम में पूरे दिन गर्म पानी उपलब्ध रहता था और इससे भी मजेदार बात ये थी की वह बड़ा वाटर हीटर वास्तव में सोलर ऊर्जा से चलता था और अब्बा ने सोलर हीटर मेरे ही सुझाव पर लगवाया था।)

गाइड और परिचारिका के रूप में जेन ने मुझे सकारात्मक रूप से प्रभावित किया था लेकिन खुद को इस हालात में पाकर मुझे आनद आ रहा था और इस सुझाव को स्पष्ट रूप से पसंद करते हुए, मैं उस पर मुस्कुराया, उसने मुझे एक बड़ा तौलिया दिया, मुझे धीरे से छाती पर आधिकार जताते हुए धक्का दिया "आमिर! आगे बढ़ो! तुम किस बारे में सोच रहे हो? निश्चित रूप से तुम्हारे पास है इससे बेहतर बाथरूम है और तुम्हारे लिए ये कोई अजनबी जगह नहीं है और इसके अलावा, मैं तुम्हारे लिए अजनबी महिला नहीं हूँ' ! लेकिन स्नान करते हुए ज्यादा देर मत लगाना क्योंकि मुझे भूख लगी है और तुम भी वैसे ही हो। अब जाओ! नहा लो!"

उसने मुझे बाथरूम में अकेला छोड़कर दरवाजा बंद कर दिया।

मैंने मार्बल काउंटरटॉप पर लुंगी को उतार ढेर कर दिया, अंत में यह महसूस किया कि मेरे पास शॉवर के बाद पहनने के लिए कुछ भी साफ नहीं है। मैं पहले तो शरमाया । लेकिन यह एक ऐसी समस्या थी जिसे बाद में आसानी से हल किया जा सकता था और इस बीच शॉवर को देखा यह टब रहित और डबल आकार का था, जिसमें कांच के दरवाजे थे। मैंने अंदर कदम रखा और पानी को समायोजित किया।

जेन इस तरह के एक अप्रत्याशित, शानदार अवसर को पूरा लाभ उठाने में पूरी तरह से सक्षम से थी। बाथरूम के बाहर, तुरंत उसने नई योजनाएँ बनाई और उसने एक लंबी, गहरी सांस ली और फिर, दिल की गड़गड़ाहट के साथ उसने कपड़े उतार दिए और नग्न हो गयी। कमरे के आरामदायक तापमान के बावजूद आगे क्या होने वाला है ये सोच कर कंपकंपी आयी और उसने शावर के शुरू होने की आवाज सुनी।

मैंने बाथरूम के दरवाजे के खुलने की आवाज को नहीं सुना, लेकिन शॉवर के कांच के दरवाजे के खुलने ने निश्चित रूप से मेरा ध्यान खींचा और खासकर जब मैंने देखा की जेन शावर के खुले हुए दरवाजे के बीच से मेरे साथ जुड़ने के लिए शावर में आ रही थी। वह पूरी तरह से नग्न थी और उसने उसके पीछे दरवाजा खुला छोड़ दिया था ।

हालाँकि मैं जेन को पहले भी नग्न देख चूका था पर मैं उसे नंगी देख पहली बार की तरह ही उसकी अजंता की कामुक मूर्ति जैसी आकृति और काया के लालित्य को मैं देखता ही रह गया। मैं उसकी पतली कमर, उसके विकसित बड़े कूल्हों की भव्यता हो निहारने लगा।

मेरे मुँह से निकला वाह! बनाने वाले ने ये खूबसूरती का कितना शानदार नमूना बनाया हैं। मैं सुंदर सांचे में ढले हुए उसके सुदृढ़ स्तनों को देख रहा था, जिन पर किसमिस जैसे निप्पल थे। उसके चौड़े कंधे, चट्टानों के रूप में सुडोल अलग-अलग खड़े उसके गौरवशाली स्तन, उन पर चुंबन आमंत्रित करते हुए निपल्स, उसकी सुंदर गोल भुजाएँ, पतली कमर और उसके सुन्दर गोल कूल्हों और उभरे हुए नितंब थे और वह शर्माती और लज्ज़ती हुई अंदर आ रही थी और बहुत अधिक सुंदर लग रही थी।

थोड़ा से नीचे नरम, सुनहरी बालों का गुच्छा उसके योनि क्षेत्र के आस-पास था और उसकी योनी के चारो और घने, रसीले, चमकदार और घुंगराले सुनहरे बाल थे। जो उसकी योनि के होंठ पर और यहाँ तक कि उसकी जांघों पर छा रहे थे और उसकी नाभि तक जा कर सबसे अधिक विलासी भ्रम में फैले हुए थे।

जब वह आधे खुले दरवाजे से अंदर को आने लगी तो उसकी पीठ घूम गयी और नितम्ब एक तरफ से मेरी तरफ़ को निकल आये और उसके आश्चर्यजनक रूप से विकसित और चिकनी जांघों जिस पर उसके शानदार नितम्ब और गांड टिके हुए थे और मेरी आँखे के सामने आ गयी, बालो में छुपी उसकी योनि, उसकी लम्बी सुंदर टाँगे केले के तने जैसी चिकनी जाँघे और उत्कृष्ट रूप से छोटे पैर सब मेरे सामने आ गए।

उसकी गांड शानदार थी बिलकुल गोरी, हाथी दांत की तरह चिकनी, कठोर और ऊपर की और उठी हुई बब्बूगोशे के आकार की गोल गांड। उसकी गांड के गाल जुड़े हुए थे पर बीच से उन्हें एक छायादार घाटी द्वारा अलग किए गए था जो की जिसमे से उसकी गांड के छोटे और प्यारे से गुलाबी छेद की झलक दिख रही थी।

उसकी टांगो के मध्य में प्रेम का देवता का उपासना स्थल था जिसमे उसकी गुलाबी योनि के लपलपाते होंठ उसकी योनि और गांड का छेद और उसकी सुडौल छरहरी-छरहरी काया का निचला भाग मेरे सामने था।

इस पूरे नज़ारे ने मेरे लिंग को कड़ा कर किया। एक मिनट पहले ही मैं अपनी लुंगी उतार कर नग्न हुआ था और मेरा लंड बाहर निकलते हुए पहले ही आधा खड़ा था। और उसे इस तरह नग्न अपने पास आता देख पूरी तरह से खुश, उत्साहित और उत्तेजित लंड थोड़ा और तन गया। मैंने शावर से आ रहे स्प्रे के नीचे से अपने शरीर को पानी की धारा से थोड़ा दूर कर दिया और मुझे मालूम था उसके साथ इन हालात में अगले पाँच सेकंड में मेरा लंड लगभग 115 डिग्री तक तन जाने वाला था। मुझे समझ नहीं आया की मुझे अब क्या करना चाहिए? मैं पूरी तरह से घबरा गया था। मेरे लिए ये वास्तव में एक दुर्लभ घटना थी जिसमे मैं स्नानागार में एक महिला के साथ था, वह भी तब जब दोनों पूरी तरह से नग्न थे। मैंने उसे अपने कंधे पर से देखा। उसकी अभिव्यक्ति अनमोल थी और वह दिल से हँसी, फिर मेरे चारों ओर बाहें लपेटी और मेरी पीठ के साथ चिपक गयी। उसके नुकीले स्तनों ने मेरी पीठ में अलग-अलग चुभन पैदा की। वह स्पर्श करने के लिए गर्म थी और गर्म पर गर्म क्रिया ने मुझे बहुत गर्म कर दिया।

इस तरह से बात करना बड़ा कठिन था, मेरा शरीर आधा मुड़ गया था, लेकिन मैं बस मुड़ने के लिए बिल्कुल तैयार ही था। उसने मेरी तरफ देखा और उसने मेरे बाइसेप्स के पीछे से देखा। मैं अंत में मैं कुछ शब्द बोलने में कामयाब रहा: " सुश्री जेन! आपका यहाँ इस प्रकार आना मुझे बहुत अच्छा लगा और मैं आपको यहाँ अपने साथ देख आकर बहुत खुश हूँ और मुझे लगता है कि शायद यह वास्तव में एक बहुत अच्छा विचार है? लेकिन लुसी और डायना?

अब उसकी इस स्थिति के लिए उसका आधिकारिक तर्क सामने आया: " आप और मैं सिर्फ एक शॉवर साझा करने वाले अच्छे दोस्त हैं-हम दोनों पर्यावरण वादी हैं ऊर्जा के संरक्षण के लिए प्रयासरत है। मुझे भी स्नान की आवश्यकता है, हालांकि मेरे जरूरत आप जितनी नहीं हैं, तो इससे समझदार और क्या हो सकता है कि हम सांझा स्नान करे? ऐसा नहीं है कि हम डेटिंग कर रहे हैं या कुछ रोमांटिक कर रहे हैं। न ही आपने मुझे ऐसा कुछ करने के लिए मजबूर किया है। मैं अब आपकी जीवन शैली शिक्षक हूँ और आपको अपनी जीवन शैली सीखने के एक भाग के रूप में खुद को साफ करना सिखाने जा रही हूँ। आमिर, आपके माता-पिता और लुसी या डायना को इस घटना के बारे में तब तक पता नहीं चलेगा जब तक आप उन्हें नहीं बताते, क्‍योंकि मैं निश्‍चय ऐसा नहीं करूंगी।

मैंने अपना सिर हिलाया। नहीं, मैं निश्चित रूप से किसी से कुछ नहीं करूँगा! सुश्री जेन।

कहानी जारी रहेगी

आपका आमिर खान हैदराबाद l
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#84
मजे - लूट लो जितने मिले


सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-06

एक पत्थर से दो शिकार



मैंने जेन को शुक्रिया अदा किया की उनके कारण ही मुझे अपने पहले प्रेम अभियान में लूसी जैसी कुंवारी प्रेमिका के कौमार्य को भेदने का आनंद और अवसर प्राप्त हुआ है और मैं इसके लिए हमेशा उनका आभारी रहूंगा की आपने न केवल मेरा इन मजो से परिचय करवाया है और मुझे मेरी पहली प्रेमिका को प्राप्त करने में सहायता की है बल्कि मुझे काम कला में दीक्षित भी किया है ।

सुश्री जेन ने अब मुझे बधाई दी। उसने कहा कि वह "बहुत खुश थी कि उसने मेरे लिए लुसी जैसी शानदार लड़की को मेरे से मिलवाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।" वह ईमानदारी से मेरे और लूसी के लिए बहुत खुश थी ।

"आप जानते नहीं है की लूसी आप से मिल कर कितनी प्रसन्न हुई और वह बहुत खुश है कि उसने आपको प्रेमी के रूप में प्राप्त किया है, अब आप एक साथ हमेश खुश रहोगे, आपने एक बार एक-दूसरे के आलिंगन में प्राप्त होने वाले सर्वोच्च आनंद का स्वाद चखा है और इसे दुबारा बार-बार लेने के लिए आप उत्सुक है।"

सुश्री जेन "हमारे अगले पाठ कब शुरू हो सकते हैं?"

"तकनीकी रूप से, जितनी जल्दी करेंगे उतना बेहतर होगा," उसने कहा। "

मैंने उसे छुआ, उसने मेरी ओर टकटकी लगाकर देखा और मैंने पूछा। "हम कहाँ से शुरू करें?"

सुश्री जेन सोचने लगी हाय भगवान्। अब आमिर मुझे फिर से चूमने वाला है। शराब उस पर असर करने लगी थी, लेकिन उसमें मौजूद शिक्षिका इसके लिए तैयार नहीं थी। शिक्षिका क्या उसमें मौजूद महिला भी तैयार नहीं थी। वह कभी भी बिस्तर में इतनी जल्दी कूदने वाली लड़की नहीं थी और आखिरकार, अगर मुझे सफल होना था तो उन्हें चीजें ठीक से करवानी थी और सिखानी थी।

तो बोली ठीक है आमिर अभी शुरू करते हैं सो वह कभी-कभार गहरी सांसों के साथ रिचार्ज करती हुई मेरी तरफ आगे बढ़ी: "जहाँ तक इस विचार की अच्छाई या बुराई का सवाल है, आमिर मुझे लगता है कि यह एक अच्छा विचार है बल्कि एक शानदार विचार भी है! अगर मुझे ऐसा नहीं लगता तो मैं यहाँ कभी नहीं आती आपको कुछ मदद की आवश्यकता हो सकती है। पुरुष कभी-कभी मूर्खतापूर्ण चीजें कर सकते हैं-उदाहरण के लिए, उचित पर्यवेक्षण के बिना आप अपने सुंदर बालों को साबुन से धो सकते हैं। या यहाँ तक कि अगर आप शैम्पू का इस्तेमाल करते हैं, तो क्या आप जानते हैं क्रीम बालो को धोने के पहले के बजाय बाद में लगानी चाहिए? या क्रीम को लगाना भी चाहिए या नहीं? मैं यहाँ केवल आपकी मदद करने के लिए हूँ! और यह देखने के लिए कि आप अपनी पसंद को ध्यान में रखते हुए भी प्राकृतिक संसाधनों को ठीक से संरक्षित करते हुए इस्तेमाल करते हैं। और यही आदर्श जीवन शैली है जिसे सीखने में मुझे आपकी मदद करनी है ।"

मैं मुस्कुराया तो वह भी लगभग मुस्कुराते हुए बोली। "इसके अलावा, मेरा एक अन्य मकसद भी है, जो मैं सिर्फ आपको ही बता सकती हूँ।"

"सुश्री जेन! वह क्या है?"

"मैंने किसी पुरुष के साथ कभी नग्न शावर नहीं लिया है और इसके अतिरिक्त मैं हमेशा आपको नग्न स्नान करते समय देखना चाहती हूँ" उसने बिना किसी आशंका के रहस्योद्घाटन किया और जैसे ही वह ये बोली उसकी धड़कन तेज हो गयी। उसने खुद को थोड़ा कामुक महसूस किया और साथ में ये भी महसूस हुआ की उसका पूरा शरीर उत्तेजना से कस रहा है!

वह आगे बढ़ी: " इसलिए इस साहसिक कार्य के द्वारा मैं एक ही बार में दोनों विषयों पर अपनी जिज्ञासा को संतुष्ट करना चाह रही हूँ।"

मैंने कुछ नहीं कहा तो उसने फिर से शुरू किया: " इस तरह मैं एक पत्थर से दो शिकार करुँगी। मेरे पसंदीदा छात्र , आमिर ! आपको बताती हूँ की मेरे माता-पिता जब वे जीवित थे हमेशा जोर देकर कहा करते थे कि कोई भी बुद्धिमान व्यक्ति सूचना या शिक्षा के लिए अपनी स्वयं की आवश्यकताओं का विश्लेषण कर सकता है और फिर उसे सक्रिय रूप से उनको प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए, न कि उसे भगवान् या ब्रह्माण्ड की शक्तियों द्वारा एक थाली में डाल कर उसे परोसने की प्रतीक्षा करनी चाहिए, क्योंकि ऐसा कभी नहीं होता है । बिना प्रयास किये कुछ भी प्राप्त नहीं होता है? '

" वे इसे सकारात्मक प्रयास कहते थे और वे मुझसे इस तरह का ही यवहार करने की उम्मीद करते थे उन्होंने हमेशा से यही दावा किया कि उन्होंने खुद ऐसा ही किया, अन्यथा वे वहाँ नहीं होते जहाँ वे अपने जीवन में पेशेवर तौर पर पहुँचे थे। इसलिए मैं अपने जीवन में उनके कुछ सिद्धांतों को लागू कर रही हूँ-जिसका अर्थ है, मुझे पूरा विश्वास है कि मैं कोई गलती नहीं कर रही हूँ । मैं उसका लंबा तर्क सुनकर मुस्कुराया।

उसने मुझे प्रतिक्रिया देने के लिए मौका दिया और रुकते हुए, जेन मुस्कुराई, एक मुक्त हाथ से मेरे पास पहुँची और शावर का तापमान थोड़ा बढ़ा दिया। आप ठन्डे पानी में स्नान करने जा रहे थे आमिर! यह पानी बहुत ठंडा है! मैंने तुमसे कहा था, महिलाओं को स्नान के लिए पानी पुरुषों की तुलना में अधिक गर्म चाहिए होता है। अगर आपको यहाँ मेरी कंपनी चाहिए है, तो आपको इसके साथ रहना होगा। आखिरकार, यह मेरा स्नानघर है और इसलिए यहाँ के स्थानीय नियम मैं ही बनाती हूँ! "

मुस्कुराते हुए "उम!" मैं बुदबुदाया: "यह सब अच्छा है और मेरी समझ में आ गया है, मुझे लगता है। कम से कम, इस विषय पर आपके साथ बहस करना कठिन है।" और मैं उस पर मुस्कुराया: "निश्चित रूप से मेरे साथ शॉवर में तुम्हारा होना मेरे लिए थोड़ा आक्रामक है! लेकिन मुझे कोई शिकायत नहीं है, कुछ भी नहीं। बस मैं आश्चर्यचकित हूँ। ये मेरे लिए बहुत, बहुत सुखद आश्चर्य है।" मैं रुका, फिर से मुस्कुराया: "मेरे साथ स्नान करने के लिए आपका स्वागत है मिस जेन। ये बहुत-बहुत बढ़िया है गर्म पानी और तुम्हारे साथ यहाँ नग्न होना वास्तव में, मैं किसी भी दिन गर्म पानी और आपके बीच अगर चुनना हो तो मैं आपको चुनूंगा!"

क्योंकि, मुझे लगता है कि ठंडे पानी के नीचे आपके निप्पल अब की तुलना में और भी दिलचस्प होंगे! मैं उसको बोला

वह हँसी, अपने स्तनों को मेरी पीठ के खिलाफ और भी मजबूती से दबाया और धीरे से कहा, "शायद ऐसा! ठंडा पानी कभी-कभी इन्हे इतना कठोर बना देता है कि ये चुभने लगते हैं! लेकिन आपकी त्वचा के खिलाफ अच्छा महसूस हो रहा है।" उसने हसना बंद कर दिया और एक पल के लिए चुप हो गई, और मुझे गले लगा लिया। फिर वह फुसफुसाई " यदि आप चाहें तो आप उन्हें देख सकते हैं। मुझे कोई आपत्ति नहीं होगी। वास्तव में, मुझे यह पसंद आएगा की आप मुझे देखे! लेकिन आपको ऐसा करने के लिए मुड़ना होगा! मैं खुशी से आपको अर्ध चक्र में गोल घुमाने में आपकी मदद करूंगी। अपनी जेन को देखने के लिए गोल घूम जाओ मेरे टार्जन!

मैं उसे अपने कंधे पर देखते हुए, "लेडी जेन! आपका टार्जन हमेशा सोचा करता था कि आप नग्न कैसी दिखती होंगी, और मैंने अब तक जो देखा और महसूस किया है, उससे मुझे विश्वास हो गया है की वास्तविकता में आप मेरी कल्पना से कहीं अधिक है!"

आखिरकार! मेरी प्रशंसा और पारस्परिक रहस्योद्घाटन से प्रसन्न होकर, उसने मुझ पर छींटाकशी की कि हाँ, मैं वास्तव में उसके प्रति आकर्षित था!

"लेकिन आप मेरे शरीर के एक विशेष अंग की प्रतिक्रिया पर आश्चर्य मत करो! इसका व्यवहार मेरे सचेत नियंत्रण से पूरी तरह से बाहर है।" मैं उसको बोला .



कहानी जारी रहेगी

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#85
मजे - लूट लो जितने मिले


सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-07


साथ में नहाना, नहलाना



मेरा लिंग सीधा और सख्त हो रहा था, मेरी बात सुनकर जेन ने मेरे लिंग की ओर देखा मुस्कुराई और कहा कि और कहा कि तुम अब छोटे लड़के नहीं हो युवा हो गए हो इसमें चिंता की कोई बात नहीं है और कहा कि ऐसा होना बहुत स्वाभाविक है। वह जानती थी कि उससे अपेक्षा की जाती है कि वह मुझे सेक्स के बारे में सिखाने वाली है।

मैं उसके सामने की और घूम गया और मेरी दृष्टि उसके सुन्दर स्तनों की जोड़ी पर टिक गयी उसकी गोरी त्वचा पर पानी की बूंदें, उसके स्तनों के ऊपर से बह रही थी, उसके एरोला असाधारण रूप से सेक्सी और फूले हुए थे और छोटे निपल्स उभरे हुए थे और उनका रंग हल्का गुलाबी पन लिए हुए भूरा था। उसका पेट स्पॉट और कमर उसके आकार के अनुसार आनुपातिक थी और उसके योनि क्षेत्र पर कोई बाल नहीं था। उसने वहाँ के बाल पूरी तरह से साफ़ कर दिए थे।

उसने मेरे क्रॉच को देर तक घूरा। "" ओह। "हे भगवान!" घूरना जारी रहा। आपका लंड काफी बड़ा है आमिर! ये सकारात्मक रूप से बहुत बड़ा है! "

उसने अपनी सेक्स के ज्ञान को प्रदर्शित करने के लिए लंड शब्द का इस्तेमाल किया, वह चाहती नहीं थी लेकिन वह बड़े और खड़े लंड को देख आकर अचंभित थी इसीलिए बोलते समय यह उसकी जीभ से फिसल गया, उसने भी अजीब महसूस किया: "शांत रहो!" उसने खुद से कहा। वह आगे बढ़ने के लिए बाध्य थी: "और तुम्हारी जांघो पर कोई बाल नहीं है, आपने जरूर अपने बालो को शेव किया है!"

उसने मुझे कसकर गले लगाया। मेरा सीधा लंड उसके योनि क्षेत्र पर दब रहा था, मैंने अपना चेहरा उसके नंगे स्तनों के अंदर छुपाने के लिए नीचे किया। उसकी हथेलियाँ मेरे सिर के पीछे टिकी हुई थीं। मैं शांति की एक नई दुनिया में डूब गया। अब जेन के स्तनों पर मेरा पूरा नियंत्रण था। उसके स्तन कोमल और चिकने तथा गुलाबी निप्पलो के चारो और के घेरे (ऑरियोल्स) हल्के भूरे रंग के थे और वृत्त एक समान था। मैंने अपना मुँह खोलकर और अपनी जीभ से चारों ओर चाट कर उसके सूखे स्तनों को गीला कर दिया। फिर मैंने उसके निपल्स को चूमा और उन्हें बच्चे की तरह चूसने लगा।

तुम्हारी बचपन की प्यास अभी तक बुझी नहीं है? " उसने मज़ाक में पूछा।

"ना, ना। अरे! ..." मैं तो और ज्यादा से ज्यादा चाहता हूँ। उसने मेरे चारों ओर अपनी बाहें डाल दीं।

"अरे, हमें नहाने में देर हो जाएगी, मेरे चेले।" उसने याद दिलाया।

मैं इसे छोड़ने के मूड में नहीं था। "यह बहुत अच्छा है, सुश्री जेन" मैंने फट से उत्तर दिया।

"आप इन्हे पसंद करते हैं? लेकिन वे लुसी की तरह अच्छे नहीं हैं।"

"चलो। कौन कहता है कि वे अच्छे नहीं हैं। आप अभी भी एक युवा महिला हैं।" मैंने कहा।

"चुप रहो!" उसने कहा, भले ही उसे मेरे शब्द पसंद आए।

मैं और झुका और मैंने उसके स्तनों के नीचे, उसकी नाभि तक चूमना शुरू कर दिया। मैं खड़ा हुआ और उसे अपने करीब लाया-जितना मैं कर सकता था ।

मेरे हाथ उसकी पीठ पर थे और वे नीचे फिसल गए, उसके कमर को पार करते हुए उसके नितंबों के सुंदर इलाकों तक पहुँच गए। मैंने उसके नितम्बो को प्यार से छुआ और धीरे से थपथपाया।

"तुम्हारा पिछवाड़ा भी उतना ही आकर्षक है" मैंने उसके प्यारे नितंबों की प्रशंसा करते हुए कहा।

उसने मुझे प्यार से थप्पड़ मारा, हल्के कर्कश स्वर के साथ बोली "शरारती!"

हम दोनों बिलकुल नग्न और करीबी आलिंगन की स्थिति में थे। जेन ने शॉवर ऑन कर दिया। पानी धीरे-धीरे बहने लगा-उसके बालों से, उसके स्तनों के नीचे, नीचे उसके योनि क्षेत्र में उसकी जांघों के नीचे, पैरों के नीचे और उसके पैर की उंगलियों से बह रहा था। पानी की आवाज को छोड़कर पूरी तरह सन्नाटा छा गया था और। हम पूर्ण निकटता में प्यार भरी निगाहों से एक-दूसरे की ओर से देख रहे थे।

मेरा लंड का उभार उसकी योनि क्षेत्र में उसे चुभ रहा था और लंडमुंड उसकी नाभि का चुंबन ले रहा था उसने फिर लंड की तरफ देखते हुए पुछा, "क्या मैं इसे छू सकती हूँ? मेरा मतलब है, मैं क्या आपके लंड को छू सकती हूँ, ओह बिल्कुल ठीक। कृपया?" जब इस दूसरे प्रयोग में 'लंड' अधिक ठीक से निकला तो वह अपने आप में प्रसन्न हो गई।

मैंने आह भरी, स्थिति का आनंद लेने का फैसला किया और मैंने अनुमति में सिर हिलाया।

फिर से हमारा स्मूच शुरू हो गया और हम दोनों एक दुसरे को सहलाते हुए चूमने लगे । उसका हाथ मेरे लंड पर गया उसने मेरे इरेक्शन के ऊपरी वक्र के नीचे अपनी उँगलियों को फंसाया, शाफ़्ट को अपने हाथ में हिलाया उसका हाथ लंड की परिधि के चारों ओर मध्य-लंबाई पर फैला, केवल उसकी मध्यमा और अंगूठे की मदद से उसने गोल घेरा बना कर लंड को पकड़ा। उसने इसका अध्ययन किया, शाफ्ट-त्वचा के ढीलेपन और लंड के कड़ेपन की खोज की, और इसके परिणामस्वरूप मेरे पुरुष-शरीर में सराहनीय कंपकंपी उतपन्न हो गयी।

मेरे रोड ने उसके हाथ में एक तुनका लगाया तो वह हंस पड़ी। " यह बहुत सुंदर है, तुम्हारा यह लंड बहुत शानदार है। यह लगभग! एक अलग जानवर की तरह लगता है, मुझे इसका रंग पसंद आया और मैं इसकी बड़े गुलाबी टिप को देख सकती हूँ और यह काफी कड़ा होने के साथ-साथ मोटा लम्बा बड़ा और गर्म भी है, निश्चित तुम्हारी प्रेमिकाए तुमसे बहुत प्रसन्न रहेंगी ।

उसने कई बार तेजी से अपनी खोज का प्रदर्शन किया और मेरी लाल गर्म छड़ की पूरी लंबाई पर अपना हाथ आगे पीछे घुमाया और मेरे चेहरे को करीब से देखा और मेरे उगे होते लंड की प्रतिक्रिया को बेहद पसंद किया।

फिर उसने लंड को दबाया और फिर उसने लंड को निचोड़ा तो उसे लंड कड़ा और सख्त महसूस हुआ, तो उसने ध्यान दिया कि मेरी प्रतिक्रियाएँ लंड को सहलाने और निचोड़ने के बीच कैसे भिन्न थीं, "और ऐसी चीज़, यह उपकरण, ये औजार!-यह लड़कियों की योनि के अंदर जाने वाला है?" ओह तभी लूसी ...?

बेशक जेन मुझसे और लूसी से उम्र में बड़ी थी, शिक्षिका थी लेकिन एक व्यस्क पुरुष के लंड को इस तरह से देखने और छूने का ये उसका पहला अनुभव था और उसे हैरानी हो रही थी की लूसी की छोटी-सी योनि कैसे मेरे बड़े लंड को झेल गयी थी और साथ ही ये भी समझ गयी थी क्यों पहली चुदाई के दौरान लूसी को इतना दर्द हो रहा था ।

इस बीच शावर मेरी पीठ पर चल रहा था। मैं शौचालय के भीतर जेन के इतने करीब था कि पानी के छींटे उसके शरीर को गीला कर रहे थे।

जेन ने कहा, अब मैं तुम्हें साबुन लगा कर नहला देती हूँ।

उसके गीले शरीर को देखकर मैं और उत्तेजित होने लगा था। मेरा सीधा लंड उसकी जाँघों की तरफ इंगित कर रहा था और वह मेरे उस सजीव मांस को पकड़ने के लिए और अधिक उत्सुक थी।

जेन बोली आमिर क्या आप साबुन बिल्कुल नहीं लगाते हैं!

नहीं सुश्री जेन मैं साबुन इस्तेमाल करता हूँ?

जेन ने कहा कि हुह! आमिर! इसका मतलब है कि आप साबुन को बहुत हल्के में ही इस्तेमाल करते हो।

वो एक तरफ गयी और उसने साबुन उठाया और साबुन के साथ मेरी ओर आगे बढ़ गई।

जेन: आमिर पीछे मुड़ो।

अब फिर से मेरी पीठ उसके सामने थी। वह मेरे कंधों को सहलाने लगी और फिर कंधो पर साबुन मलने लगी। जैसे ही उसने मेरी नग्न त्वचा को छुआ, एक कंपकंपी मानो मेरे शरीर से गुजर गई। मैं जोर-जोर से सांस ले रहा था और मेरा पूरा शरीर गर्म हो रहा था।

जेन: इस्सस! आमिर आपको रगड़-रगड़ कर नहाना चाहिए।

उसने मेरे कंधों को साबुन से रगड़ना पूरा किया और फिर धीरे-धीरे वह मेरी पीठ को रगड़ने लगी और मेरी त्वचा के नीचे मेरी युवा जीवंत मांसपेशियों को महसूस कर रही थी । उसके गर्म, कोमल हाथ मुझमे कामुक संवेदनाओ को जगा रहे थे क्योंकि मेरा शरीर उत्तेजना में सिकोड़ रहा था और हिल रहा था। फिर उसने अपने हाथों को मेरे नितम्बों पर फिराया और अपनी साबुन लगी उँगली को मेरी गुदा से एक दो बार गुजारा और फिर उसने मेरी टांगो और पैरो को साबुन के साथ रगड़ा और सहलाया।

जेन: अब, आमिर! मेरी ओर मुड़ो और हाथ उठाओ।

मैंने मुड़ा और देखा कि वह मेरे शरीर को रगड़ने के लिए आगे को झुकी हुई थी और उसके शंक्वाकार स्तन मेरे सामने गाजर की तरह लटक रहे थे और मैं अपने आप को नियंत्रित नहीं कर सका और अपने हाथों को उसके कंधों पर रख दिया और अपना मुंह उसके स्तन के करीब लाया और उन्हें चूमा।

जेन: आआह फिर से शरारत? ।

वो बड़बड़ायी, आमिर मुझे तुम्हारी छाती बहुत अच्छी लगी! तुम्हारे छाती पर बालों के विकास की पतली बहुत पतली परत है और तुम्हारी छाती चिकनी और सपाट है। वह मेरी धड़कनों को अपनी हथेलियों पर स्पष्ट रूप से महसूस कर सकती थी, जो उसे स्पष्ट रूप से बता रही थी था कि मैं निश्चित रूप से उसके स्पर्श से उत्तेजित था। कुल मिलाकर, वास्तव में यह एक अद्भुत एहसास था!

एक बार मैंने उसके चेहरे पर नज़र डाली और जैसे ही हमारी नज़रें मिलीं, उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया। चीजों को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए, उसने मेरे सख्त निपल्स पर जोर देकर मेरी छाती को रगड़ा। उसने मेरी छुपी हुई ख्वाहिशों को जगाने के लिए मेरे निप्पल को बहुत धीरे से घुमाया।

: आह्ह्! जेन! ये आप क्या कर रही हो?

जेन क्या हुआ? क्या मैंने आपको चोट पहुँचाई?

बात करते हुए उसने जानबूझकर मेरे सख्त निप्पल पर अपनी उँगलियाँ दबाईं।

नहीं, मेरा मतलब है कि मुझे गुदगुदी महसूस हो रही है सुश्री जेन।

जेन बोली हुह! तो आमिर इस में नया क्या है? जब आपके निप्पल उस क्षेत्र में दबाए जाते हैं तो हर कोई ऐसा ही महसूस करता है। जब तुम मेरे निप्पल चूस रहे थे तो मुझे भी ऐसा ही लगा था।

मैंने सीधे उसकी आँखों में देखा, जब वह मेरे कड़े निपल्स को घुमा रही थी, लेकिन मैंने जेन की अपेक्षा से अधिक शरारती होने का फैसला किया!

हूँ फिर सुश्री जेन, क्या आप भी ठीक से साबुन नहीं लगाती हैं क्योंकि जब मैंने आपके स्तन चूसे, तो मुझे कुछ उमस भरा स्वाद महसूस हुआ था या कोई और आपको साबुन लगाता है जो आज अनुपस्थित था? और मैं मुस्कुराया ।

मैं अब सीधे उसके स्तनों को देख रहा था और मैं स्पष्ट रूप से उसके स्तन के मांस पर नजर गड़ाए हुए था, वह थोड़ी उलझन में थी कि क्या जवाब दूं।

जेन: आमिर तुम बहुत नटखट हो गए हो। अब आप मेरे निपल्स की देखभाल करने के लिए हैं, इसलिए मुझे अब किसी और की आवश्यकता नहीं है।


कहानी जारी रहेगी

आपका आमिर खान हैदराबाद l
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#86
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सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-08

नहलाना



आमिर! बैठो और अब मुझे तुम्हारी पीठ धोने दो।"

वह आगे झुकी और पानी से धो रहे साबुन को उठाया। उसने अपने हाथों में साबुन लगाया, फिर उन्हें मेरी पीठ पर फिरा दिया। "यह अच्छा लगता है," मैंने कहा।

उसने कहा आमिर! अपनी आँखें बंद करो और आराम करो

" नहाने से आराम मिलता है।" उसने मेरे कंधों की मालिश की। "आराम करो, प्रिये। मुझे थोड़ी देर के लिए तुम्हारी देखभाल करने दो।"

मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं और अपने शरीर को ढीला छोड़ दिया । उसने मेरे कंधों पर हाथ रखा और धीरे-धीरे मेरे कंधों और मेरी पीठ की मालिश करने लगी.

उसके हाथों को मेरे कंधों और पीठ पर रखना, एक ही समय में धोना और मालिश करना स्वर्ग जैसा महसूस हुआ। मैं आमतौर पर नहाने में इतना समय कभी नहीं बिताता।

जेन ने धीरे से कहा, "किसी भी बात की चिंता मत करो। बस आराम करो।"

अभी आपको केवल इतना करना है कि मैं आपको स्वच्छ बना दूं और आप को अच्छा महसूस हो । मैं यहाँ हूँ, याद है? आपको कुछ करने की ज़रूरत नहीं है। एक बार के लिए आप अपने आप को पहले रखो और मुझे बाकी सब चीजों की चिंता करने दो। उसने मेरी पीठ के दोनों ओर, मेरी रीढ़ के दोनों पोर पर काम किया। मैं आनंद से कराह रहा था। "बस इतना ही," उसने कहा। "बस मुझे यह तुम्हारे लिए करने दो।"

एक खूबसूरत, सेक्सी महिला जो मुझसे प्यार करती थी, मुझे अच्छा महसूस कराना चाहती थी। मैं उसे रोकने की कोशिश क्यों करूं?

जेन के हाथ पानी की सतह के नीचे, नीचे चले गए, और मेरी पीठ के निचले हिस्से को दबा दिया। यहीं मुझे सबसे ज्यादा तनाव महसूस हुआ तो उसने मेरी नितम्बो के नीचे मेरी गांड के छेद में अपनी ऊँगली को घुसाया और मैं कूद गया। वह हंसी। "क्षमा करें, प्रिये, विरोध नहीं कर सका।"

"यदि आप मुझे आराम देने की कोशिश कर रहे हैं, तो ऐसा करने का यह तरीका नहीं है।"
"मुझे पता है, लेकिन तुम्हारे पास इतना अच्छी गांड है मैं खुद को रोक नहीं सकी।" वह पानी लेकर मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगी।

उसकी उँगली मेरी रीढ़ की हादी के मनको को सहलाते हुए ऊपर की और दौड़ी,

"हम इस साबुन को धो देंगे और फिर मैं आपके बाल धोना चाहती हूँ।"

बचपन में जब मेरी माँ या आया मुझे नहलाती थी उसके अतिरिकत जहाँ तक मुझे याद है कभी किसी महिला ने मेरे बाल नहीं बाल नहीं धोए थे और नहलाना तो बहुत दूर की बात है, और फिर कम से कम ऐसे तो बिलकुल नहीं। उसने साबुन को हटाने के लिए मेरी पीठ पर पानी डाला। "ठीक है, पीछे झुको और अपनी आँखें बंद करो। मैं तुम्हारे बालों पर पानी डालने जा रही हूँ।"

मैंने उसके निर्देशों का पालन किया और एक पल के बाद मेरे सिर पर गर्म पानी गिर रहा था। जेन कुशल थी , जैसे ही उसने मेरे बालों में शैम्पू की मालिश शुरू की, मैंने अपनी आँखें बंद रखीं, मेरे छोटे बालों में उसके हाथों की अनुभूति का आनंद लिया।

" आमिर , आप का लिंग सेक्सी और विशाल हैं।

"बाद में," मैं बड़बड़ाया।

"ओह, बिल्कुल।" उसने मेरे बालों पर और पानी डाला। "आपके बालो को गीला कर रही हूँ ।"

"मैं समझ गया।"

मैं तब भी चुप रहा जब उसने मेरे बालों से शैम्पू हटाने के लिए मगे भर कर पानी और अपने हाथ का इस्तेमाल किया। "ठीक है, प्रिये, यह सब साफ है। मैंने तुम्हारी पीठ और तुम्हारे बाल कर लिए हैं .
फिर उसने धीरे-धीरे मेरे दाहिने हाथ और बाजू को सहलाना शुरू किया, उन्हें सूंघते हुए, उन्हें "मम्म, यह बहुत अच्छा लगता है" उसने मेरी बाजुओं को जानबूझकर धीमी विधि के साथ स्क्रब किया, , उसने जहां भी रगड़ा, उसे जीवन में लाना शुरू कर दिया, जिससे मेरा जिस्म हर जगह उसके स्पर्श के लिए तरस गया। उसका स्पर्श स्फूर्तिदायक और शांत करने वाला, उत्तेजक और आश्वस्त करने वाला और निर्विवाद रूप से पूरी तरह से स्वस्थ था। वो स्पर्श करते हुए मुझे साबुन रगड़ती रही और पानी डालती रही . ऐसा महसूस हुआ कि वर्षों की पूर्वधारणाएं, झूठे आदर्श, सामाजिक अपेक्षाएं जल्द ही नाले में बहने के साथ ही मुझसे दूर हो गईं। मैं ना केवल युवा और तरोताजा महसूस कर रहा था, बल्कि अधिक उम्रहीनत और बेदाग महसूस कर रहा था ।

उसने मेरे पूरे शरीर को अपने हाथों से धोया, मेरे हर हिस्से को साफ करने, दुलारने और छेड़ने के लिए उनका इस्तेमाल किया, सभी बाहरी, या वास्तव में लगभग आंतरिक, जहां वह पहुंच सकती थी। मेरे लिए पानी में स्थिर खड़े रहना असंभव था इसलिए मैं उस के ऊपर झुक गया था लेकिन इससे उसे मेरे किसी भी हिस्से में पहुंचने के लिए आसानी हो रही थी और मैं उसके हाथों के खिलाफ दबाने के लिए उसे और अधिक महसूस करने के लिए उसकी तरफ झुकता जा रहा था , और वो उसने मेरी त्वचा को उसकी बहुत नरम अवस्था में कच्चा रगड़ना जारी रखा । उसने मुझे कभी-कभी अपनी तरफ घुमाया, दूसरी बार मेरे पेट पर, फिर मेरी पीठ पर, मेरे कानों के पीछे से मेरे पैर की उंगलियों के बीच और बीच में सभी जगहों तक पहुंचने के लिए अपने हाथो का इस्तेमाल किया ।

उसका दाहिना हाथ मेरे लंड के पास पहुंचा और उसने मेरी जांघ को महसूस किया, जिससे मेरी मुस्कान चौड़ी हो गई। थोड़े समय के लिए मैं हिला नहीं, जाहिरा तौर पर पूरे स्नान के दौरान मैं बस उसके खूबसूरत, स्त्री रूप को देखने का आनंद ले रहा था और सचमुच आनंद में भीग रहा था ।

उसने धीरे से मेरे हाथों को पकड़ लिया और धीरे-धीरे मुझे अपने पैरों पर सीधा खड़ा गया, वो मुझे स्थिर रखना सुनिश्चित कर रही थी क्योंकि टब पानी, साबुन और शरीर के तेल से चिकना था। उसने दीवार पर लगे शॉवर हेड को उसके आधार से हटा दिया, और पानी चालू कर दिया, जब वह सही तापमान की प्रतीक्षा कर रही थी तो उसने उसे शावर पल्स सेटिंग में समायोजित कर लिया जो वह चाहती थी। जल्द ही उसने धीरे से मुझे धो दिया, जेट पर ध्यान केंद्रित किया, उदाहरण के लिए, मेरे काफी खड़े निपल्स और कठोर लिंग पर केवल थोड़ा सा कम वेग से पानी डाला । वो अब मेरी त्वचा को स्पर्श करने पर अविश्वसनीय रूप से नरम और अधिक संवेदनशील महसूस कर रही थी, और यह निश्चित रूप से मुहे भी बहुत अच्छा लगा!

फिर उसने शावर चला दिया और एक बार फिर पूरा बदन धुल गया .


कहानी जारी रहेगी

आपका आमिर खान हैदराबाद l
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#87
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सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-09

स्नान और आलिंगन



अब तक की कहानी का सार

कहानी "मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं " मेरी अब तक की कहानी "जन्नत की 72 हूरे, खड़े लण्ड की अजीब दास्ताँ: जो की "खाला को चोदा, खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला और मजो की दुनिया में मेरे अनुभव" के अगले भाग हैं l

खाला को चोदा में आपने पढ़ा कैसे मैंने सारा आपा के हलाला से पहले नूरी खाला को चोदा। उसके बाद मेरा निकाह-ऐ-हलाला कुंवारी सारा आपा के साथ हुआ और कैसे मैंने कश्मीर में उसके साथ सुहागरात में उसे चोदा।

अगली रात जरीना की सुहागरात थी लेकिन उस रात बिस्तर में सारा और जरीना दोनों मेरे साथ थी।

उसके बाद हैदराबाद वापिस आकर अम्मी ने मुझे अपनी दूसरी बीवी के साथ सुहाग रात मानने का हुक्म सुनाया पर सारा मेरे साथ ही सोने पर अड़ गयी। तो अपनी दूसरी बीवी सारा के साथ सुहागरात के बिस्तर पर पहले मैंने सारा की चुदाई की ।

सारा की चुदाई के बाद मेरी छोटी बीवी कुंवारी जरीना की पहली चुदाई हुई,और उसके बाद सारा और जरीना दोनों की एक साथ चुदाई हुई। वलीमे की रात मैंने दोनों की गांड मारी और सुबह डॉक्टर को दिखाना पड़ा और डॉक्टर ने ३ दिन चुदाई बंद का हुकुम सुना दियाl

उसके बाद मैंने अपनी बीबियो और सालीयो को सुहागरात की चुदाई की कहानी सुनाई और रात को डिलिया के साथ सुहागरात मनाई और वहां हुई झूले पर घमासान चुदाई के बाद, मेरे लंड का बूरा हाल हो गयाl उस पर नील पड़ गए और सूजा हुआ लंड बस खड़ा रहा l दिलिया के साथ झूले पर हुई घमासान चुदाई के बाद मेरे लंड की नसें दब गईंl मेरा लंड हर वक्त तना हुआ रहने लगाl

उसके बाद मैंने लूसी और सारा के साथ दिल्ली जाकर चेक-अप करवाने का प्लान बनायाl डॉक्टर जूली की दिल्ली में जान-पहचान थी और उसने मेरे सारे टेस्ट जल्दी ही करवा दियेl
फिर कुछ दिन बाद मैं लूसी और सारा चेकउप के लिए डॉक्टर जुली के साथ दिल्ली आ गए और जुली मेरे घर आयी और मैंने जुली को चोदाl अगले दिन सारा का जन्मदिन था और सारा का चौदहवा दिन था और नाश्ते के बाद मैंने सारा के सारी हसरते निकालने वाली चुदाई कीl

हम जब अपने दिल्ली वाले घर में थे मैंने डॉक्टर जूली को सारा के बेडरूम में ले जाकर चोद दियाl

"खड़े लण्ड की अजीब दास्ताँ " में आपने पढ़ा डॉक्टर जुली वापिस आ गयीl जुली बोली आमिर तुम्हारी डॉक्टरी जांच की रिपोर्ट आ गयी हैंl जुली के साथ एक बहुत खूबसूरत लड़की भी आयी थीl जुली ने उसका नाम डॉक्टर जेसिका (जस्सी) बताया जो की सेक्स विशेषज्ञ हैl इन्हे मैंने तुम्हारी खड़े और न बैठने वाले लंड की दिक्कत के बारे में बताया है और इन्होने ही जो टेस्ट बताये थेl वह मैंने करवाए थे और तुम्हारी सारी रिपोर्ट भी देखि हैंl फिर डॉक्टर जस्सी के कहने पर उनके सामने मैंने सारा की एक बार और चुदाई की l

डॉक्टर जूली और जस्सी ने बताया तुम्हारी डिलिया के साथ जबरदस्त चुदाई के तुम्हारी कुछ नसे इस तरह से हो गयी है, की अब तुम्हारा लंड खड़ा ही रहता हैl ये साधारणतया नहीं होता हैl उसका सीधा-सीधा इलाज़ नहीं है, लेकिन तुम्हे ये कुदरत से ख़ास मिली है तो इसे बचा कर रखोl

वैसे तो चुदाई मर्द के झड़ने के बाद ख़तम हो जाती है, क्योंकि झड़ने के बाद लंड में आया फ़ालतू खून वापिस चला जाता है और लंड बैठ जाता हैl तुम्हारे केस में ऐसा नहीं हैl खून नसे में आयी हुई सुकड़न के बाद वापिस नहीं जाता है और लंड खड़ा रहता हैl इसमें लड़कियों की और तुम्हारी बीवियों की तो मौज ही मौज है वह जितनी देर चाहे चुद सकती है l

और डॉक्टर जूली और डॉ जस्सी ने मुझे मेरी दिक्कत के बारे में समझाया की आगे से सेक्स में क्या-क्या ध्यान रखना है और अपने क्लिनिक पर अगले दिन चेकउप के लिए बुलाया , मैं सारा और डॉक्टर जुली डॉक्टर जस्सी के घर जो की उसका क्लिनिक भी था, वहां पर गएl डॉक्टर के पास कुछ लोग बैठे थे, तो मैं उसके घर के बग़ीचे में चला गयाl बग़ीचे में मुझे जस्सी की बहन मोनी मिली, जो बहुत सूंदर थी और गेंद से खेल रही थीl वहां मैं उसके साथ खेला और फिर उसको वहॉ पार्क में चोदाl फिर चेकउप के बाद, जुली और सारा मुझे जसिका के कमरे में ले गयी और हंसते हुए कमरे के अंदर सोफे पर बैठ गयी l कमरा गुलाब के फूलों से सज़ा था और सेज़ पर जस्सी दुल्हन बन सज धज कर बैठी थीl उसके बाद मैंने कुंवारी जस्सी की सील तोड़ी और सारा जुली और जस्सी के साथ सेक्स किया . वहां मुझे जस्सी की बहन सोनी मिली उसे मेरे साथ सेक्स करने के उसे त्यार कियाl उसके बाद रात में मोनी के जुड़वाँ बहन सोनी की भी सील तोड़ी और सारा जुली जस्सी सोनी मोनी और लूसी के साथ ग्रुप सेक्स कियाl इस बार मैं सबकी तस्सली कराने के बाद सिर्फ एक बार झड़ा पर बहुत मजा आया l

खाला नूरी ज़रीना दिलिया और मेरी बाकि चारि सालिया अबीर ज़ारा नरगिस और आयशा भी आयी l मुझे देखते ही ज़रीना और दिलिया मुझ से लिपट गयी और शिकायत भरे लहजे से बोली हम आपसे बहुत नाराज़ हैंl आप हमे छोड़ कर अकेले ही चले आयेl नयी दुल्हनों के साथ कोई ऐसे भी करता है क्या? चारो सालिया आपस में लड़ने लगी के अब कौन मेरी चौथी बीवी बनेगीl फिर मैं खाला को उनकी सहेली फरज़ाना के यहाँ छोड़ने गया और खाला को चोदाl

घर आया तो मैंने सारा और लूसी को बताया खाला कह रही थी. सारा तुम्हारी बहने और मामू की बेटिया, अब मुझसे निकाह करने के लिए उतावली हो गयी हैंl तो सारा बोली तो कर लीजिये सब से निकाह सब खुश रहेंगी, आप सेl

सारा बोली आमिर! काजी ने लड़कियों के आपस के झगडे को मिटाने का एक रास्ता निकला हैl आमिर तुम अबीर, ज़ारा, नरगिस और आयशा, चारो के साथ "निकाह मिस्यार" कर लोl


जन्नत की 72 हूरे में आपने पढ़ा मेरे कॉलेज के दोस्त राजकुमार ब्रेडी के बारे में पढ़ा था इसने मुझे बताया था उसकी सबसे छोटी और लाड़ली बहन पर्ल जिसे मैं इंग्लैंड में कई बार मिला थाl मुझे बहुत पसंद करती है और मुझसे ही निकाह करना चाहती हैl ब्रैडी ने मुझे निकाह के लिए बधाई दी और कहा चुकी हमारे यहाँ मर्द एक से ज़्यादा बीविया रखता है उसे तुम्हारे साथ और बीवियों से कोई ऐतराज नहीं है ब्रेडी उसे मेरे बारे में काफ़ी कुछ बता चूका था l

तो ब्रैडी में मेरी समस्या का निदान सुझाया की मेरी बहन से निकाह के बाद तुम भी कैमरून के मैं परिवार का हिस्सा हो जाओगे और मैं तुम अपने अधिकार से मैं तुम्हे नागरिकता देता हूँ और मेरे देश के नागरिक जितने चाहे निकाह कर सकते हैं और बीविया रख सकते हैंl

मैं तुम्हे अपने देश का हिंदुस्तान में राजनयिक नियुक्त करता हूँl अब तुम पर हिन्दुस्तान की कोई कानूनी बंदिश नहीं रहेगीl

ज़रीना और दिलिया मुझ से लिपट गयी और शिकायत भरे लहजे से बोली हम आपसे बहुत नाराज़ हैंl आप हमे छोड़ कर अकेले ही चले आयेl नयी दुल्हनों के साथ कोई ऐसे भी करता है क्या? मैंने अपनी तीनो बीवियों की जोरदार चुदाई करि और ग्रुप सेक्स का मजा लियाl

नर्से लिया और मधु जिन्होंने अस्पताल में मेरे टेस्ट किये थे की पहली चुदाई हुई . दोस्त राजकुमार रेडी दिल्ली आया था। मैं उससे मिलने उसके होटल चला गया। वहाँ मुझे उसकी यूरोपियन गोरी कजिन सिस्टर एनी जो उसके साथ आई थी मिली। एनी के सुनहरे बाल थे। उसकी मोटी-मोटी आंखें। सुर्ख गुलाबी होंठ और दूध से रंग में गुलाब का मिला जुला रंग जैसा उसका रंग और गाल। सुडौल छातियाँ। पतली कमर। चेहरे पर क़ातिल मुस्कान। बेहद खूबसूरत जन्नत की हूर। उसे मैं ताज महल दिखाने आगरा ले गया और फिर ऐनी रात में एक शर्ट में मेरे कमरे में आ गयी और आकर सीधे मेरे गले लग गयी l

फिर ऐनी ने अपना कौमार्य मुझे समर्पित कर दिया। उसके बाद हम रात के अँधेरे बरसात में खुली बालकोने में हमने बारिश के साथ ताल मिला कर चुदाई की और उसके बाद में सुबह होने से पहले ताज के पास नदी के किनारे पर उसने मुझसे नग्न फोटोशूट करवाया और फिर वहां हमने सूरज निकलने तक चुदाई की l

होटल ने मेरे दोस्त फ्रेड्डी की बहन पर्ल मिली जो बोली तुम्हारे कपडे मैं ही उतारूँगी और पहनाऊँगी। फिर ऐनी मेरे एक निप्पल को चूसते हुए दुसरे निप्पल को अपने हाथ के नाखून से जोर-जोर से कुरेदने लगी और अच्छी तरह से चुसने के बाद ही उसने मेरे को छोडा। मैंने ऐनी को उस्ताद मान लियाl पर्ल ने कहा वह मेरी बाकी बीबियो और महबूबाओं से मिलना चाहती है। तो मेरी तीनो बीबिया सारा, ज़रीना, दिलिया और चारो सालिया अबीर, ज़ारा, नरगिस और आयशा आ गयी और उनके साथ में मेरी तीनो पहली महबूबाएँ लूसी, जेन, और डायना भी आ गयी ।

तो उसके बाद निकाह और नागरिकता के पूरे मसले पर चर्चा की गयी और उसके बाद जेन की सलाह पर मेरी तीनो बीबिया उसनी बहनो के साथ मेरे निकाह के बदले अपने निकाह को "निकाह मिस्यार" में बदली करने के लिए सहमत हो गयी और इसके इलावा भी मुझे जितने मर्जी निकाह करने की इजाजत दी और पर्ल और मेरे को निकाह तय होने को बधाई दी।

अब बस बड़ो की इजाजत लेनी बाकी थी और साथ ही ब्रेडी की मेरी किसी बहन से निकाह की भी सहमति लेनी थी और सबने मिल कर तय किया ये काम नूरी खाला को सौंपा जाए ।

उसके बाद ऐनी ने मुझसे जानना चाहा की मैं सेक्स में क्या जानता हूँ? तो मैंने उसे जो कुछ भी थोड़ा बहुत सीखा था संक्षेप में बता दिया तो उसने पुछा तुमने ये सब किससे सीखा है और मैंने उसे बोला मैंने बहुत कुछ अपने हर साथी से सीखा है। मैंने ऐनी को जेन और लूसी के बारे में और लूसी के साथ मेरी पहली चुदाई के बारे में बताया । लूसी के साथ मेरे पहले सम्भोग के बाद जेन ने मुझ से कहा की वो अब मुझे सेक्स के बारे में जरूरी ज्ञान देना शुरू करेगी।

जेन ने मुझे एक बड़ा तौलिया दिया, मुझे धीरे से छाती पर आधिकार जताते हुए बाथरूम के अंदर धक्का दिया "आमिर! जाओ स्नान करो?उसने कपड़े उतार दिए और नग्न हो गयी और मेरे साथ स्नान घर में आ कर मेरी पीठ से चिपक गयी और मेरे साथ इस समय बाथरूम में होने के कई कारण मुझे गिनवाए और मुझे नहलाना शुरू कर दिया।

मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं 08 से उद्धृत:

उसने मेरे पूरे शरीर को अपने हाथों से धोया, मेरे हर हिस्से को साफ करने, दुलारने और छेड़ने के लिए उनका इस्तेमाल किया, सभी बाहरी, या वास्तव में लगभग आंतरिक, जहां वह पहुंच सकती थी। मेरे लिए पानी में स्थिर खड़े रहना असंभव था इसलिए मैं उस के ऊपर झुक गया था लेकिन इससे उसे मेरे किसी भी हिस्से में पहुंचने के लिए आसानी हो रही थी और मैं उसके हाथों के खिलाफ दबाने के लिए उसे और अधिक महसूस करने के लिए उसकी तरफ झुकता जा रहा था, और वो उसने मेरी त्वचा को उसकी बहुत नरम अवस्था में कच्चा रगड़ना जारी रखा । उसने मुझे कभी-कभी अपनी तरफ घुमाया, दूसरी बार मेरे पेट पर, फिर मेरी पीठ पर, मेरे कानों के पीछे से मेरे पैर की उंगलियों के बीच और बीच में सभी जगहों तक पहुंचने के लिए अपने हाथो का इस्तेमाल किया ।

उसका दाहिना हाथ मेरे लंड के पास पहुंचा और उसने मेरी जांघ को महसूस किया, जिससे मेरी मुस्कान चौड़ी हो गई। थोड़े समय के लिए मैं हिला नहीं, जाहिरा तौर पर पूरे स्नान के दौरान मैं बस उसके खूबसूरत, स्त्री रूप को देखने का आनंद ले रहा था और सचमुच आनंद में भीग रहा था ।

उसने धीरे से मेरे हाथों को पकड़ लिया और धीरे-धीरे मुझे अपने पैरों पर सीधा खड़ा गया, वो मुझे स्थिर रखना सुनिश्चित कर रही थी क्योंकि टब पानी, साबुन और शरीर के तेल से चिकना था। उसने दीवार पर लगे शॉवर हेड को उसके आधार से हटा दिया, और पानी चालू कर दिया, जब वह सही तापमान की प्रतीक्षा कर रही थी तो उसने उसे शावर पल्स सेटिंग में समायोजित कर लिया जो वह चाहती थी। जल्द ही उसने धीरे से मुझे धो दिया, जेट पर ध्यान केंद्रित किया, उदाहरण के लिए, मेरे काफी खड़े निपल्स और कठोर लिंग पर केवल थोड़ा सा कम वेग से पानी डाला । वो अब मेरी त्वचा को स्पर्श करने पर अविश्वसनीय रूप से नरम और अधिक संवेदनशील महसूस कर रही थी, और यह निश्चित रूप से मुहे भी बहुत अच्छा लगा!

फिर उसने शावर चला दिया और एक बार फिर पूरा बदन धुल गया.

अब आगे:-

जेन की निगाहें मेरे पूरे बदन पर फिरती रही तो मुझे उन में अपने लिए तारीफ़ और वह साथ में उसको होंठो पर प्रशंसात्मक मुस्कराहट थी।

स्नान के बाद भी मेरे चेहरे और सीने पर लूसी और मेरे के पहले प्रेम की कुछ निशानियाँ रह गई हैं जिन्हें जेन ने देख लिया और जोर-जोर से हँसने लगी और शावर से गर्म पानी मेरे बदन पर गिर रहा था जेन मुझे देखती जा रही थी। मैंने एक चुल्लू में पानी लिया और जेन के चहरे पर फेंक दिया।

"मिस जेन आओ ना... इस फुहार के नीचे!" मैंने जेन का हाथ पकड़कर फव्वारे के नीचे खींच लिया।

अब मैंने उसका हाथ पकड़कर शावर के नीचे कर लिया थोड़ी देर बाद जेन ने शावर को बंद किया और-और फिर जेन ने शैम्पू लेकर पहले तो मेरे सिर पर लाहगया और साबुन लेकर मेरे बदन पर लगाया और फिर मेरे लंड पर साबुन लगाकर शावर चालु करके मुझे फिर से धो लिया तो लंड उसके कोमल हाथ का स्पर्श पाकर खड़ा हो गया। मैं यह सब देख और महसूस कर रहा था। उत्तेजना के मारे मेरी साँसें तेज होने लगी थी और उधर जेन के खुद को काबू किया हुआ था लेकिन उसके उरोज साँसों के साथ ऊपर नीचे होने लगे थे।

मेरा लंड तो ठुमके पर ठुमके लगाने लगा था। जेन टकटकी लगाए मेरे लंड को ही देखती जा रही थी। उसने मुझे घुमाया तो उसकी तरसफ मेरी पीठ हो गयी थी और फिर मेरी पीठ पर हाथ फिराया और मेरी पीठ पर किश किया और मेरे से चिपक गयी... मैंने महसूस किया की स्तन कुछ बड़े थे तो मैंने गर्दन को थोड़ा पीछे घुमाया तो देखा की लूसी मेरे साथ चिपकी हुई थी और जब उसने देखा मैंने उसे देख लिया है तो लूसी बोली गुड मॉर्निंग! मेरे आमिर! आप मेरे बिना ही नहाने लग गये । मैं उठी तो आप वहाँ नहीं थे तो मैं आपको ढूँढती हुई इधर आयी थी ।

तो जेन बोली आमिर! मैंने लूसी को तुम्हे ढूँढते हुए देख लिया था इसीलिए जब, मैं अंदर आयी तो लूसी के लिए ही दरवाजा खुला छोड़ दिया था ताकि वह हमे देख ले ।

फिर मैं घूमा और लूसी को किश करने लगा। लूसी के चेहरे, ओंठो, गर्दन, सीने और स्तनों पर हमारे पहले प्रेम की बहुत सारी निशानियाँ थी मैंने उन सब जगह किश किया और थोड़ी देर बाद मैं लूसी के चहरे और गले पर साबुन लगाने लगा। जब मैंने उसकी कांख (बगलों) पर साबुन लगाया तो वह कसमसाने-सी लगी।

लूसी ने फिर मेरे सारे बदन पर साबुन लगाना शुरू कर दिया मैंने जल्दी से लूसी के स्तनों को पकड़ लिया, कठोर नहीं लेकिन बहुत गर्म तरीके से, लूसी ने एक विलाप के साथ इसका जवाब दिया और मुझे पूरा यकीन था कि उसके मुंह से और भी कई आहे निकलने वाली हैं। मैं उसके स्तनों पर साबुन मलने लगा । उसके उरोजों और पेट पर साबुन लगाते हुए उसकी चूत पर भी साबुन लगा दिया और फिर उसकी पहली चुदाई के बाद सूजी हुई योनि के टाइट गैप में अंगुली फिरा दी।

"ईईईईईईई! आमिर आप बहुत शरारती हो! " लूसी की कराह निकल गई। मैंने उसकी पीठ और नितम्बों पर साबुन लगाते हुए उसके नितम्बों की खाई में भी साबुन लगा दिया। लूसी कसमसा कर बस आह! ऊंह! ओह्ह्ह! करती रह गई। जेन बाथरूम में कड़ी हमारे प्रेम स्नान को देख रही थी ।

अब मैंने उसे अपनी बांहों में भरते हुए शॉवर के नीचे कर शावर चालू कर दिया। गर्म पानी हमारे बदन पर गिरने लगा और साबुन उतरती गई। मैं धीरे-धीरे लूसी के पूरे शरीर हाथ से मलने लगा। जेन भी लूसी और मेरे बदन पर हाथ फेरने लगी लूसी की साँसे बहुत तेज़ होने लग गई थी।

इस तरह एक-दो मिनट के भीतर हमारा स्नान समाप्त हो गया और जेन में मुझे और लूसी को तौलिया सौंप दिया। तौलिया में से भी अच्छी सुगंध आ रही थी और मैं लूसी को सुखाने लगा और लूसी और जेन ने मुंझे सुखाते हुए गहरी सांसे ली। फिर मैंने और लूसी ने मिल कर जेन को सुखाया । पूरे शौचालय उस साबुन की मनमोहक खुशबू से भर गया था और हमने खुद को तरोताजा महसूस किया।

जेन बोली आमिर थोड़ा रुको मैं आपके शरीर को तेल लगा देती हूँ।

जेन ने तेल की बोतल खोली और मैंने देखा कि तेल गुलाबी रंग का था। जेन बोली इसमें कुछ जड़ी बुटिया मिली हुई है जिससे आमिर तुम्हे अच्छा लगेगा ।

जेन ने मेरे बड़े और चौड़े कंधों और लंबे बाजुओं और हलके हाथों पर तेल रगड़ना शुरू कर दिया। स्नान के बाद यह सुखद अनुभव था और इससे निश्चित रूप से मेरे शरीर को और अधिक अच्छा लगा और आराम मिला। लूसी ने भी बोतल से थोड़ा तेल लिया, थोड़ा-सा मुस्कुराई और-और उसे अपनी दोनों हथेलियों में फैला लिया और मेरे पास आ गई और फिर मेरी लंबी बाँहों पर तेल लगाने के बाद आगे छाती की तरफ बढ़ गई। स्नान के बाद उसके गर्म हाथो का गर्म स्पर्श मेरे लिए राहत भरा था।

जब वह दोनों तैलीय हाथों ने मेरी छाती पर तेल रगड़ कर सहलाने लगी तो मेरा पूरा शरीर कांप गया लूसी हाथों को मेरे लंड को दबाते हुए महसूस कर रही थी ।

फिर जेन ने मेरे पेट पर तेल लगाया और मेरी टांगो पर तेल लगाने लगी। वह मेरी जाँघों और टांगों पर हाथ फेर रही थी? लेकिन उसने मेरी लंड पर वह तेल नहीं लगाया और बोली लंड के लिए ये तेल बहुत तेज है लंड पर नारियल के तेल जैसा हल्का तेल लगाना चाहिए और फिर लूसी ने दूसरी शीशी से नारियल का तेल निकाल कर लंड पर लगाया और फिर मेरी पीठ, कमर, नितम्बो और मेरी जांघों की पीठ पर तेल रगड़ना जारी रखा और दो से तीन मिनट में तेल रगड़ने की प्रक्रिया पूरी कर ली।

उसके कुछ देर बाद मैने महसूस किया की शरीर से तेल की चिकनाई बिलकुल गायब हो गयी थी और मैं बहुत तरोताजा महसूस कर रहा था ।

लव बाईट के निशान लूसी के शरीर और चेहरे पर नज़र आ रहे थे। उसके ओंठ सूज गए थे और क्योंकि वह सारी रात चुदी थी इसलिए ठीक से चल भी नहीं पा रही थी, लूसी ने टॉवल लपेट लिया था तो मैंने उसका टॉवल खींच कर अलग कर दिया । लूसी मेरे सामने बिलकुल नंगी खड़ी थी मैंने उसे अपने पास खींचा उसे किश किया।

और उसकी दाहिनी टांग उठा कर ऊँची की और जेन से बोला मिस जेन प्लीज इसे पकड़ो ।

" हम्म बोल कर जेन ने लूसी की टांग को पकड़ लिया

मिस जेन प्लीज इसका पैर इस प्लास्टिक वाली स्टूल पर रख दो जेन ने उसका पैर उस प्लास्टिक की स्टूल पर रख लिया तो उसकी योनि के ओंठो के बीच का गुलाबी छेद नज़र आने लगा।

फिर लूसी ने कहा देखो आमिर मेरी चूत की तुमने क्या हालत कर दी है! मैंने प्यार से चुत को सहलाया तो उसकी चूत सूजी हुई थी और फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी।

फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा। मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा और वह झड़ने लगी और मेरे हाथो को उसकी चूत गीली-गीली लगने लगी।

फिर मैं नीचे बैठ गया और उसके नितम्बों को हाथ से पकड़ कर अपने मुंह की ओर धकलते हुए उसकी योनि पर पहले तो 2-3 चुम्बन लिए और फिर उस पर अपनी जीभ फिराने लगा।

"ईईईईईईई! ओह! ओह! आआईईइ!"

मैंने उसके की योनि को पूरा मुंह में भर लिया और चूसने लगा। उत्तेजना के मारे लूसी का पूरा शरीर कांपने और झटके से खाने लगा था और जल्द ही उसके हिलते नितम्बों से लग रहा था उसका विरोध फजूल है उसे भी अब मज़ा आने लगा था।

उसने कसकर मेरा सिर अपने हाथों में पकड़ लिया और जोर-जोर से सीत्कार करने लगी-आमिर! आईईईईईईइ! आह!

उसके योनि तो फूल कर किसमिश से अंगूर के दाने जितनी हो गयी थी। मैंने उसे अपने मुंह में लिया और चूसने और जीभ से सहलाने लगा। एक दो बार हल्के दांत से उसे कुतर भी दिया।

"ईईईईईईइ! आह! ओह! प्लीज मत काटो, आह!"

अ और उसने मेरे सिर को अपनी योनि की ओर जोर से दबा दिया। फिर उसकी चूत पर मेरे मुँह रखते ही वह जोर से चिल्ला उठी आआहह, ओह! मम्म्मममम, चाटो ना। जोर से चाटो, सस्स्सस्स! हहा! और मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। अब वह सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वह अहाह, आहहह, आहहह! कर रही थी। इस बीच जेन मेरे लंड को पकड़कर सहलाने लगी।

अब मैंने एक हाथ की अंगुली उसके नितम्बों की खाई में लगाते हुए उसकी गांड के छेद में फिराई और हल्के से अपनी अंगुली का एक पोर उस छेद पर थोड़ा-सा अन्दर करते हुए फिराया और फिर उसकी योनि को पूरा मुंह में लेकर जोर से चूसा।

कहानी जारी रहेगी

आपका आमिर खान हैदराबाद l
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#88
मजे - लूट लो जितने मिले

सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-10

स्नान और आलिंगन





अब तक की कहानी का सार


कहानी "मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं " मेरी अब तक की कहानी "जन्नत की 72 हूरे, खड़े लण्ड की अजीब दास्ताँ: जो की "खाला को चोदा, खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला और मजो की दुनिया में मेरे अनुभव" के अगले भाग हैं l

खाला को चोदा में आपने पढ़ा कैसे मैंने सारा आपा के हलाला से पहले नूरी खाला को चोदा। उसके बाद मेरा निकाह-ऐ-हलाला कुंवारी सारा आपा के साथ हुआ और कैसे मैंने कश्मीर में उसके साथ सुहागरात में उसे चोदा।

अगली रात जरीना की सुहागरात थी लेकिन उस रात बिस्तर में सारा और जरीना दोनों मेरे साथ थी।

उसके बाद हैदराबाद वापिस आकर अम्मी ने मुझे अपनी दूसरी बीवी के साथ सुहाग रात मानने का हुक्म सुनाया पर सारा मेरे साथ ही सोने पर अड़ गयी। तो अपनी दूसरी बीवी सारा के साथ सुहागरात के बिस्तर पर पहले मैंने सारा की चुदाई की ।

सारा की चुदाई के बाद मेरी छोटी बीवी कुंवारी जरीना की पहली चुदाई हुई,और उसके बाद सारा और जरीना दोनों की एक साथ चुदाई हुई। वलीमे की रात मैंने दोनों की गांड मारी और सुबह डॉक्टर को दिखाना पड़ा और डॉक्टर ने ३ दिन चुदाई बंद का हुकुम सुना दियाl

उसके बाद मैंने अपनी बीबियो और सालीयो को सुहागरात की चुदाई की कहानी सुनाई और रात को डिलिया के साथ सुहागरात मनाई और वहां हुई झूले पर घमासान चुदाई के बाद, मेरे लंड का बूरा हाल हो गयाl उस पर नील पड़ गए और सूजा हुआ लंड बस खड़ा रहा l दिलिया के साथ झूले पर हुई घमासान चुदाई के बाद मेरे लंड की नसें दब गईंl मेरा लंड हर वक्त तना हुआ रहने लगाl

उसके बाद मैंने लूसी और सारा के साथ दिल्ली जाकर चेक-अप करवाने का प्लान बनायाl डॉक्टर जूली की दिल्ली में जान-पहचान थी और उसने मेरे सारे टेस्ट जल्दी ही करवा दियेl
फिर कुछ दिन बाद मैं लूसी और सारा चेकउप के लिए डॉक्टर जुली के साथ दिल्ली आ गए और जुली मेरे घर आयी और मैंने जुली को चोदाl अगले दिन सारा का जन्मदिन था और सारा का चौदहवा दिन था और नाश्ते के बाद मैंने सारा के सारी हसरते निकालने वाली चुदाई कीl

हम जब अपने दिल्ली वाले घर में थे मैंने डॉक्टर जूली को सारा के बेडरूम में ले जाकर चोद दियाl

"खड़े लण्ड की अजीब दास्ताँ " में आपने पढ़ा डॉक्टर जुली वापिस आ गयीl जुली बोली आमिर तुम्हारी डॉक्टरी जांच की रिपोर्ट आ गयी हैंl जुली के साथ एक बहुत खूबसूरत लड़की भी आयी थीl जुली ने उसका नाम डॉक्टर जेसिका (जस्सी) बताया जो की सेक्स विशेषज्ञ हैl इन्हे मैंने तुम्हारी खड़े और न बैठने वाले लंड की दिक्कत के बारे में बताया है और इन्होने ही जो टेस्ट बताये थेl वह मैंने करवाए थे और तुम्हारी सारी रिपोर्ट भी देखि हैंl फिर डॉक्टर जस्सी के कहने पर उनके सामने मैंने सारा की एक बार और चुदाई की l

डॉक्टर जूली और जस्सी ने बताया तुम्हारी डिलिया के साथ जबरदस्त चुदाई के तुम्हारी कुछ नसे इस तरह से हो गयी है, की अब तुम्हारा लंड खड़ा ही रहता हैl ये साधारणतया नहीं होता हैl उसका सीधा-सीधा इलाज़ नहीं है, लेकिन तुम्हे ये कुदरत से ख़ास मिली है तो इसे बचा कर रखोl

वैसे तो चुदाई मर्द के झड़ने के बाद ख़तम हो जाती है, क्योंकि झड़ने के बाद लंड में आया फ़ालतू खून वापिस चला जाता है और लंड बैठ जाता हैl तुम्हारे केस में ऐसा नहीं हैl खून नसे में आयी हुई सुकड़न के बाद वापिस नहीं जाता है और लंड खड़ा रहता हैl इसमें लड़कियों की और तुम्हारी बीवियों की तो मौज ही मौज है वह जितनी देर चाहे चुद सकती है l

और डॉक्टर जूली और डॉ जस्सी ने मुझे मेरी दिक्कत के बारे में समझाया की आगे से सेक्स में क्या-क्या ध्यान रखना है और अपने क्लिनिक पर अगले दिन चेकउप के लिए बुलाया , मैं सारा और डॉक्टर जुली डॉक्टर जस्सी के घर जो की उसका क्लिनिक भी था, वहां पर गएl डॉक्टर के पास कुछ लोग बैठे थे, तो मैं उसके घर के बग़ीचे में चला गयाl बग़ीचे में मुझे जस्सी की बहन मोनी मिली, जो बहुत सूंदर थी और गेंद से खेल रही थीl वहां मैं उसके साथ खेला और फिर उसको वहॉ पार्क में चोदाl फिर चेकउप के बाद, जुली और सारा मुझे जसिका के कमरे में ले गयी और हंसते हुए कमरे के अंदर सोफे पर बैठ गयी l कमरा गुलाब के फूलों से सज़ा था और सेज़ पर जस्सी दुल्हन बन सज धज कर बैठी थीl उसके बाद मैंने कुंवारी जस्सी की सील तोड़ी और सारा जुली और जस्सी के साथ सेक्स किया . वहां मुझे जस्सी की बहन सोनी मिली उसे मेरे साथ सेक्स करने के उसे त्यार कियाl उसके बाद रात में मोनी के जुड़वाँ बहन सोनी की भी सील तोड़ी और सारा जुली जस्सी सोनी मोनी और लूसी के साथ ग्रुप सेक्स कियाl इस बार मैं सबकी तस्सली कराने के बाद सिर्फ एक बार झड़ा पर बहुत मजा आया l

खाला नूरी ज़रीना दिलिया और मेरी बाकि चारि सालिया अबीर ज़ारा नरगिस और आयशा भी आयी l मुझे देखते ही ज़रीना और दिलिया मुझ से लिपट गयी और शिकायत भरे लहजे से बोली हम आपसे बहुत नाराज़ हैंl आप हमे छोड़ कर अकेले ही चले आयेl नयी दुल्हनों के साथ कोई ऐसे भी करता है क्या? चारो सालिया आपस में लड़ने लगी के अब कौन मेरी चौथी बीवी बनेगीl फिर मैं खाला को उनकी सहेली फरज़ाना के यहाँ छोड़ने गया और खाला को चोदाl

घर आया तो मैंने सारा और लूसी को बताया खाला कह रही थी. सारा तुम्हारी बहने और मामू की बेटिया, अब मुझसे निकाह करने के लिए उतावली हो गयी हैंl तो सारा बोली तो कर लीजिये सब से निकाह सब खुश रहेंगी, आप सेl

सारा बोली आमिर! काजी ने लड़कियों के आपस के झगडे को मिटाने का एक रास्ता निकला हैl आमिर तुम अबीर, ज़ारा, नरगिस और आयशा, चारो के साथ "निकाह मिस्यार" कर लोl


जन्नत की 72 हूरे में आपने पढ़ा मेरे कॉलेज के दोस्त राजकुमार ब्रेडी के बारे में पढ़ा था इसने मुझे बताया था उसकी सबसे छोटी और लाड़ली बहन पर्ल जिसे मैं इंग्लैंड में कई बार मिला थाl मुझे बहुत पसंद करती है और मुझसे ही निकाह करना चाहती हैl ब्रैडी ने मुझे निकाह के लिए बधाई दी और कहा चुकी हमारे यहाँ मर्द एक से ज़्यादा बीविया रखता है उसे तुम्हारे साथ और बीवियों से कोई ऐतराज नहीं है ब्रेडी उसे मेरे बारे में काफ़ी कुछ बता चूका था l

तो ब्रैडी में मेरी समस्या का निदान सुझाया की मेरी बहन से निकाह के बाद तुम भी कैमरून के मैं परिवार का हिस्सा हो जाओगे और मैं तुम अपने अधिकार से मैं तुम्हे नागरिकता देता हूँ और मेरे देश के नागरिक जितने चाहे निकाह कर सकते हैं और बीविया रख सकते हैंl

मैं तुम्हे अपने देश का हिंदुस्तान में राजनयिक नियुक्त करता हूँl अब तुम पर हिन्दुस्तान की कोई कानूनी बंदिश नहीं रहेगीl

ज़रीना और दिलिया मुझ से लिपट गयी और शिकायत भरे लहजे से बोली हम आपसे बहुत नाराज़ हैंl आप हमे छोड़ कर अकेले ही चले आयेl नयी दुल्हनों के साथ कोई ऐसे भी करता है क्या? मैंने अपनी तीनो बीवियों की जोरदार चुदाई करि और ग्रुप सेक्स का मजा लियाl

नर्से लिया और मधु जिन्होंने अस्पताल में मेरे टेस्ट किये थे की पहली चुदाई हुई . दोस्त राजकुमार रेडी दिल्ली आया था। मैं उससे मिलने उसके होटल चला गया। वहाँ मुझे उसकी यूरोपियन गोरी कजिन सिस्टर एनी जो उसके साथ आई थी मिली। एनी के सुनहरे बाल थे। उसकी मोटी-मोटी आंखें। सुर्ख गुलाबी होंठ और दूध से रंग में गुलाब का मिला जुला रंग जैसा उसका रंग और गाल। सुडौल छातियाँ। पतली कमर। चेहरे पर क़ातिल मुस्कान। बेहद खूबसूरत जन्नत की हूर। उसे मैं ताज महल दिखाने आगरा ले गया और फिर ऐनी रात में एक शर्ट में मेरे कमरे में आ गयी और आकर सीधे मेरे गले लग गयी l

फिर ऐनी ने अपना कौमार्य मुझे समर्पित कर दिया। उसके बाद हम रात के अँधेरे बरसात में खुली बालकोने में हमने बारिश के साथ ताल मिला कर चुदाई की और उसके बाद में सुबह होने से पहले ताज के पास नदी के किनारे पर उसने मुझसे नग्न फोटोशूट करवाया और फिर वहां हमने सूरज निकलने तक चुदाई की l

होटल ने मेरे दोस्त फ्रेड्डी की बहन पर्ल मिली जो बोली तुम्हारे कपडे मैं ही उतारूँगी और पहनाऊँगी। फिर ऐनी मेरे एक निप्पल को चूसते हुए दुसरे निप्पल को अपने हाथ के नाखून से जोर-जोर से कुरेदने लगी और अच्छी तरह से चुसने के बाद ही उसने मेरे को छोडा। मैंने ऐनी को उस्ताद मान लियाl पर्ल ने कहा वह मेरी बाकी बीबियो और महबूबाओं से मिलना चाहती है। तो मेरी तीनो बीबिया सारा, ज़रीना, दिलिया और चारो सालिया अबीर, ज़ारा, नरगिस और आयशा आ गयी और उनके साथ में मेरी तीनो पहली महबूबाएँ लूसी, जेन, और डायना भी आ गयी ।

तो उसके बाद निकाह और नागरिकता के पूरे मसले पर चर्चा की गयी और उसके बाद जेन की सलाह पर मेरी तीनो बीबिया उसनी बहनो के साथ मेरे निकाह के बदले अपने निकाह को "निकाह मिस्यार" में बदली करने के लिए सहमत हो गयी और इसके इलावा भी मुझे जितने मर्जी निकाह करने की इजाजत दी और पर्ल और मेरे को निकाह तय होने को बधाई दी।

अब बस बड़ो की इजाजत लेनी बाकी थी और साथ ही ब्रेडी की मेरी किसी बहन से निकाह की भी सहमति लेनी थी और सबने मिल कर तय किया ये काम नूरी खाला को सौंपा जाए ।

उसके बाद ऐनी ने मुझसे जानना चाहा की मैं सेक्स में क्या जानता हूँ? तो मैंने उसे जो कुछ भी थोड़ा बहुत सीखा था संक्षेप में बता दिया तो उसने पुछा तुमने ये सब किससे सीखा है और मैंने उसे बोला मैंने बहुत कुछ अपने हर साथी से सीखा है। मैंने ऐनी को जेन और लूसी के बारे में और लूसी के साथ मेरी पहली चुदाई के बारे में बताया । लूसी के साथ मेरे पहले सम्भोग के बाद जेन ने मुझ से कहा की वो अब मुझे सेक्स के बारे में जरूरी ज्ञान देना शुरू करेगी।

जेन ने मुझे एक बड़ा तौलिया दिया, मुझे धीरे से छाती पर आधिकार जताते हुए बाथरूम के अंदर धक्का दिया "आमिर! जाओ स्नान करो?उसने कपड़े उतार दिए और नग्न हो गयी और मेरे साथ स्नान घर में आ कर मेरी पीठ से चिपक गयी और मेरे साथ इस समय बाथरूम में होने के कई कारण मुझे गिनवाए और मुझे नहलाना शुरू कर दिया। फिर लूसी बॉथरूम के अंदर आ गयी और मैंने उसे चूमना और सहलाना शुरू किया और उसकी योनि को चूसा।

मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं 09 से उद्धृत:

मैंने उसके की योनि को पूरा मुंह में भर लिया और चूसने लगा। उत्तेजना के मारे लूसी का पूरा शरीर कांपने और झटके से खाने लगा था और जल्द ही उसके हिलते नितम्बों से लग रहा था उसका विरोध फजूल है उसे भी अब मज़ा आने लगा था।

उसने कसकर मेरा सिर अपने हाथों में पकड़ लिया और जोर-जोर से सीत्कार करने लगी-आमिर! आईईईईईईइ! आह!

उसके योनि तो फूल कर किसमिश से अंगूर के दाने जितनी हो गयी थी। मैंने उसे अपने मुंह में लिया और चूसने और जीभ से सहलाने लगा। एक दो बार हल्के दांत से उसे कुतर भी दिया।

"ईईईईईईइ! आह! ओह! प्लीज मत काटो, आह!"

अ और उसने मेरे सिर को अपनी योनि की ओर जोर से दबा दिया। फिर उसकी चूत पर मेरे मुँह रखते ही वह जोर से चिल्ला उठी आआहह, ओह! मम्म्मममम, चाटो ना। जोर से चाटो, सस्स्सस्स! हहा! और मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। अब वह सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वह अहाह, आहहह, आहहह! कर रही थी। इस बीच जेन मेरे लंड को पकड़कर सहलाने लगी।

अब मैंने एक हाथ की अंगुली उसके नितम्बों की खाई में लगाते हुए उसकी गांड के छेद में फिराई और हल्के से अपनी अंगुली का एक पोर उस छेद पर थोड़ा-सा अन्दर करते हुए फिराया और फिर उसकी योनि को पूरा मुंह में लेकर जोर से चूसा।


अब आगे :

लूसी के साथ मुखमैथुन करते हुए मेरी हलात बुरी हो गयी थी लंड फटने को हो रहा था तो फिर लूसी कितनी देर मेरे से अपने आप को बचा पाती। उसने जोर से हाआआआ हआहहहहहह करते हुए आह भरी फिर एक आनद भरी किलकारी उसके मुँह से छूट गयी उसका शरीर कांपने लगा । अकड़ा और-और उसके साथ ही उसका चूत रस बहकर मेरे मुंह में भर गया। लूसी का शरीर झटके खाने लगा।

मैंने अब उसकी योनि को छोड़ा और फिर उस पर चुम्बनों की झड़ी लगा दी।

हाह!, उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़! सीईईईईईईईईईईईईईईईईईई! अहह! करती हुई लूसी मजे से कराह रही थी ।

ह्म्‍म्म! आमिर हाहाहाहहह!"

अब मैं खड़ा हो गया और फिर से लूसी को अपनी बांहों में भर लिया और उसने भी मेरे होंठों पर चुम्बन लेने शुरू कर दिए।

मेरा लंड अब लोहे की सलाख जैसे कठोर हो गया था और मेरा खड़ा लंड अब उसकी चूत पर टक्कर मार रहा था।

लूसी की गोल-गोल बूब्स से भरी छाती और भरे-भरे गालों के साथ उसकी नशीली आंखें मुझे नशे में कर रही थी। मैं बोला मेरी जान तुम्हारे होठों की बनावट तो ऐसी है अगर कोई एक बार उनका रस चूसना शुरू करे तो रूकने का नाम ही न ले।

मैंने लूसी को अपने पर खींचा और बेकरारी से चूमने लगा और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट तक उसके लिप्स को किस करता रहा और-और उसके बूब्स दबाने लगा, वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी । मैंने उसको कहा-" अपनी जीभ मेरे मुँह में दोl' उसने दे दी। मैं उसकी जीभ को चूसने लगा।

मै चुचियों को मसलने लगा और वह मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें टॉयलेट के कमरे में गूंज रही थी, फिर मैंने मोमो को चूसना शुरू कर दिया उसके बूब्स कड़क हो गए थे और निप्पल खड़े हुए चूसने के लिए आमंत्रित कर रहे थे । मैंने चूचियों को चूसा और दांतो से कुतरे तो लूसी कराह उठी आह! यहहह! आह !

ओह्ह अमीर धीरे मेरे राजा धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा ही है। उसके बूब्स लाल हो गए थे । फिर मैंने उनकी नाभि को चूमा अपनी जीभ उसकी नाभि में डाल दी। मैंने उनके एक-एक अंग को चाट डाला। फिर वह मुझसे लिपट गयी। उसका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था।

मैं अब और इंतजार नहीं कर सकता था और मैंने उसे दीवार की ओर तब तक धकेलता रहा जब तक कि उसकी पीठ दीवार के साथ सट नहीं गयी। वही पास में जेन खड़ी थी और हमें देख रही थी, और लूसी से चिपट गया और उसकी छाती मेरी छाती से दबने लगी और मैं उसको लिप किस करने लगा। मेरे हाथ उसकी पीठ और चूतड़ दबाने लगे। मेरा लंड उसकी चुत ढूंढ़ने लगा । तो वह ज़ोर से चिल्लाई आहह आमिर अब लंड डाल दो।अब और इंतज़ार नहीं होता, प्लीज जल्दी करो ना, प्लीज आहहह।

जेन ने मेरा कठोर लिंग पकडा. और मेरा लम्बा मोटा लंड जो तनकर पूरा 90 डिग्री का हो गया था। उसे सहलाने लगी और अपनी उँगलियों में लपेट लिया। और लूसी की योनि के प्रवेश द्वार पर निर्देशित किया

लूसी के शरीर में एक सिहरन-सी दौड़ने लगी। जेन ने हाथ बढ़ाकर क्रीम की शीशी लेकर जल्दी से थोड़ी क्रीम लंड पर लगाई और फिर ढेर साड़ी क्रीम लूसी की छूट के छेद पर भी लगा दी।


जब जेन की उंगलिया लूसी की चूत पर क्रीम लगा रही थी तो लूसी आह! ऊंह! करती जा रही थी और उसका शरीर हिचकोले खा रहा था। यह सब दर्शा रहा था कि वह अब पूरी उत्तेजित और लंड लेने के लिए तैयार है। मैं लूसी को किश करते हुए उसके स्तन दबा रहा था ।

अब जेन ने धीरे से मेरा लंड उसकी योनि की फांकों के बीच लगा दिया। अब तक लूसी अपने आप को लंड के प्रवेश के लिए तैयार कर चुकी थी। उसने अपनी जांघें थोड़ी-सी और खोल दी और मेरे लंड का काम आसान कर दिया।

मैंने मेरा लंड जब ठीक से सेट हो गया तो मैंने लूसी की कमर जोर से पकड़ ली और एक धक्का लगा दिया। ठीक उसी समय जेन के हाथ मेरे नितम्बो पर आये और उसने भी दबाबा मेरे नितबो पर लगा दिया । इस दोहरो जोर से मेरा लंड बिना किसी रुकावट के एक ही झटके में अन्दर प्रवेश कर गया।

लूसी के एक चीख पूरे बाथरूम में गूँज उठी-उईईईईईईई! ओह! धीरे, आह!

लंड पूरा अंदर समा गया और मेरेी गेंदे उसकी योनि के ओंठो के टकराई ।जेन के एक हाथ ने लूसी के नितम्बों की तरफ करके मेरे लंड और लूसी की योनि को टटोलने की कोशिश की लंड पूरा अंदर गया है कि नहीं। वही उसी समय लूसी ने भी आगे से हाथ डाल कर मेरी गेंदों को सहलाया तो उन दोने के हाथ मिल गए और जेन ने उसके हाथ हो लंड की और निर्देश कर उसे एहसास करवाया की अब पूरा लंड उसकी योनि के अंदर है। लूसी तो जैसे विश्वास ही नहीं हो रहा होगा कि इतना लंबा और मोटा लंड इतनी आसानी से पूरा अन्दर चला जायेगा।

लेकिन अब छु कर देखने के बाद अविश्वास का कोई कारण नहीं रहा ।

मैंने लूसी के चेहरे की तरफ देखा तो उसपे हलके दर्द के भाव थे। मैं उसकी हालत समझ सकता था। उसे थोड़ा दर्द तो जरूर हो रहा था पर अब वह असहनीय नहीं था। 2-3 मिनट में लंड अपने ठिकाने में सेट हो जाएगा ।चूत की मासपेशिया संयोजित हो जाएंगी तो यह दर्द छू मंतर हो जाएगा । जेन सब कुछ बहुत पास से देख रही थी । उसने धीरे से लूसी के माथे को सहलाया जिसने उसे भरोसा दिया की बस कुछ मिनट की बात है और उसके बाद तो लूसी खुद अपने नितम्ब हिला-हिला कर चुदवायेगी।

मैंने थोड़ा नीचे होकर पहले तो उसकी गर्दन पर एक चुम्बन लिया और फिर एक हाथ से उसके एक उरोज को पकड़ कर धीरे-धीरे मसलना चालू कर दिया।

मैंने उसकी गर्दन पर चुम्बन लेते हुए उसके बगलों को भी चूमना शुरू कर दिया। लूसी के शरीर में रोमांच दौड़ने लगा। मेरे लंड ने योनि के अन्दर एक बार हिल कर चुंबन लिया तो लूसी की चूत ने भी संकुचन कर जवाब दिया। अब लंड और चूत की गहरी दोस्ती हो गयी थी।


अब में उसके बूब्स को चूसने लगा था और अपने एक हाथ से उसके बालों और कानों के पास सहलाने लगा था और फिर कुछ देर के बाद मैंने उसके कानों को भी चूमना शुरू कर दिया । फिर मैंने अपने नितम्बों को थोड़ा-सा हिलाया। लंड थोड़ा-सा बाहर निकाला और फिर से अन्दर घुस गया। लूसी की हलकी से कराह निकल गई। अब उसकी योनि लंड् के लिए समायोजित हो गयी थी।

मैंने उसके शानदार नितम्बो के गालों को पकड़कर धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए। पहले तो वह चिल्लाई जैसे ही मेरी जांघें उसके नितम्बों से टकराती तो फच्च की आवाज आती उस बीच में मैं उसके स्तनों पर और गर्दन पर चुम्बन भी लेता जा रहा था। अब तो लूसी ने भी अपने नितम्ब हिलाने शुरू कर दिए थे।

, लेकिन फिर कुछ देर के बाद मैंने पूछा कि मज़ा आ रहा है। फिर वह बोली कि हाँ बहुत मज़ा आआआआ! रहा है .हाईईईईई! म्म्म्मम! और फिर वह मजे ले-ले कर किलकारियाँ मारने लगी। फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब वह पूरी मस्ती में थी और मस्ती में मौन कर रही थी अआह्ह्ह आाइईई और करो, बहुत मजा आ रहा है। अब वह इतनी मस्ती में थी कि पूरा का पूरा शब्द भी नहीं बोल पा रही थी। अब में अपनी स्पीड धीरे-धीरे बढ़ाता जा रहा था हाअ, मेरे राजा मेरे नवाब राआआआजा, आईसीईई, चोदो और जोर से चोदो। आआआआ और ज़ोर से, उउउईईईई! माँ, आहह! हाँ, अब ऐसे ही, वह कराह रही थी।

जब मैं लूसी को दीवार के साथ खड़ी कर के उनकी चुदाई रहा था तो वहाँ पर डायना भी आ गयी । उस समय जेन भी हमारी गर्म चुदाई देख कर अपनी चूत में ऊँगली कर रही थी और हमे चुदाई करते हुए देख डायना भी गर्म हो गयी और उसने सोचा वह अब मोका है कि जेन से छेड़ छाड़ कर के उसे और गरम कर दे।


फिर कुछ देर के बाद मैंने महसूस किया कि मेरा लंड पानी से भीग रहा है। अब वह भी अपना पानी छोड़ने वाली थी, अब वह अपनी कमर और नितम्ब हिला कर चिल्ला रही थी और बडबड़ा रही थी आहहहहहह और चोदो और फिर कुछ देर के बाद वह बोली हाए मेरे राजा में झड़ने वाली हूँ और फिर मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, मैं बीच-बीच में उसके स्तनों की दबा रहा था औअर उसके नीपल्लो को भी मसल रहा था।

जेन और डायना आपसे में चूमा चाटी करती हुई हमारी चुदाई देख रही थी। इस बीच जेन ने अपना एक हाथ नीचे करके लूसी की योनि को टटोला और दुसरे से डायना की योनि को टटोला और उन दोनों के चीरे पर अंगुली फिराई और फिर उन की भगनासा को मसलने लगी। "उईईईई! ईईईई! माअ! आह मिस जेन आह! ईईईईईई! "

लूसी अपनी चरम उत्तेजना पर पहुँच गई थी। लूसी का शरीर थोड़ा-सा अकड़ा और वह झटके से खाने लगी और अपने नितम्बों को जोर-जोर से आगे पीछे करने लगी।

मैंने उसकी कमर को कसकर पकड़ लिया और 4-5 धक्के जोर से लगा दिये। मुझे लगा मेरे लंड के चारों ओर एक चिकनाई-सी लिपट गई है और अब लंड आराम से अन्दर बाहर होने लगा है। लूसी की योनि ने चूतरस छोड़ दिया था। और उसकी योनि अब मेरे लंड से एक प्रेमपूर्ण दस्ताने की तरह आलिंगन में चिपकी हुई थी।


लंड अभी भी लूसी की चूत में फंसा था। उसने अपने हाथ ऊपर करके मेरे गले में डाल लिए। मैंने एक हाथ से उसकी कमर को पकड़े रखा और दूसरे हाथ से उसके स्तनों को मसलने लगा। उधर जेन लूसी की योनि और भगनासा को सहला रही थी मैं उसके ओंठ चूस रहा था।

लूसी ने अपनी टाँगे चिपका ली और मेरे लंड को अपनी योनि में जोर से भींच लिया; में उसे लगातार धक्के लगा रहा था और फिर में ऐसे ही 15-20 मिनट तक उसको उसी पोज़िशन में चोदता गया।

तो उसीकी मीठी सीत्कार निकल गई "ईईईईईईईई!"

मैंने उसके कानों की लोब को मुंह में लेकर चुभलाना शुरू कर दिया। उसने मेरे सिर को अपने हाथों में पकड़कर चूमना शुरू कर दिया।

फिर लंड अंदर ही डाले हुए मैं कमोड की सीट पर बैठ गया लूसी का नंगा बदन मेरे ऊपर आ गया। लूसी ने मुझे अब भी नहीं छोड़ा और वह मेरे गालों, होंठों और गले पर बेतहाशा चुम्बन लिए ही जा रही थी। अब उसने अपने दोनों पैर मेरी कमर के दोनों और कर लिए और अपनी योनि को मेरे लंड पर घिसने लगी।

मैंने एक हाथ से उसकी कमर-कमर पकड़ ली। लूसी अब उकड़ू होकर मेरे ऊपर बैठ गई और जोर-जोर से मेरे लंड पर उछलने लगी। यह उसकी यौन उत्तेजना की पराकाष्ठा थी। उसके बाल चहरे पर फ़ैल गए।

मैंने उसकी कमर को पकड़ लिया और उसे सहारा देते हुए ऊपर नीचे होने में मदद करने लगा।

" आह! सनम मेरे सनम। आपने ये क्या जादू किया है आह! ईईईईईईइ!" लूसी ने झुककर मेरे होंठों को फिर से चूम लिया और मेरे से चिपक गयी और फिर से मेरे होंठों को चूमते हुए मेरे सीने से लग गई।

लूसी ने अब अपनी जांघें जितना हो सकता था चौड़ी कर ली। इससे मेरे लंड को और सुविधा हो गई थी। अब मैंने अपने नितम्ब उठा कर जोर-जोर से धक्के लगाने लगा था।

अब हर धक्के के साथ उसके नितम्ब पहले तो ऊपर उठते और फिर मेरे अंडो से लगते तो फच की आवाज निकलती और साथ ही उसने पैरों में जो पायल पहन रखी थी वह रुनझुन करने लगती।

लूसी ने अपने दोनों पैर ओर जोर से कस लिए। मैंने लूसी के नितम्बों पर 3-4 थप्पड़ से लगाए और फिर कसकर उसकी कमर पकड़ कर ऊपर को धक्के लगाने शुरू कर दिए।

हम दोनों चुदाई में इतने मस्त हो गए थे की हम जेन और डायना को भूल ही गए थे और दोनों बीच में हमे चुदाई करते हुए छोड़ बाथरूम से बाहर चली गयी थी ।

लूसी उस समय बहुत मादक लग रही थे उसके रेशमी बाल चारो तरफ फ़ैल गए थे लूसी उन्हें पीछे करते हुए कभी मेरी छाती पर अपने हाथ रख देती थी। कभी मुझे बहो में जकड कर अपने और खींचती थी । कभी मेरे नितम्बो पर हाथ रख कर दबा कर कहती थी और जोर से और जोर से चोदो मैंने भी अपने चूतड़ उठा कर चुदाई करना जारी रखा और उसने उसी ताल में मेरा पूरा साथ दिया । मेरा लंड जब उसकी चूत के अंदर पूरा समां जाता था तो उसकी नस्ती भरी आह निकलती थी और वह सिहर जाती थी और सिसकने लगती थी। उसके बाद लूसी मेरे ऊपर झुक गयी और हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए.।

"लूसी मेरी जान । क्या तुम भीगने के लिए तैयार हो?"

"मेरे राजा मेरे आमिर मैं तो कब की प्यासी हूँ मुझे सींच दो । आह! ईईईईईइ!" लूसी की योनि ने संकोचन शुरू कर दिया।

और फिर मैंने भी एक हुंकार लेते हुए उसकी योनि में फुहारें छोड़नी शुरू कर दी।

हम दोनों का स्खलन एक साथ हो गया। मैं झुककर लूसी से चिपक गया। लूसी ने अपने पैर थोड़े पीछे करते हुए पसार से दिए। लूसी की योनि अब भी संकोचन कर रही थी जैसे मेरे वीर्य का एक-एक करता चूस लेना चाहती हो। मैंने उसके कंधे पकड़ कर लंड की तरफ नीचे को दबाया और उसके शानदार नितम्बो के गालों को पकड़कर, मैंने उसकी योनि में जोर से धक्का और उसकी योनि की अपने वीर्य की आखिरी बूँद से भर दिया । हम दोनों एक साथ झड़ गए और हम दोनों जन्नत में थे।

कुछ देर बाद हम दोनों नहाकर कर बाथरूम से बाहर आ गए।


जारी रहेगी .
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#89
मजे - लूट लो जितने मिले

सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-11

महबूबा की बेकरारी




अब तक की कहानी का सार

कहानी "मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं " मेरी अब तक की कहानी "जन्नत की 72 हूरे, खड़े लण्ड की अजीब दास्ताँ: जो की "खाला को चोदा, खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला और मजो की दुनिया में मेरे अनुभव" के अगले भाग हैं l

खाला को चोदा में आपने पढ़ा कैसे मैंने सारा आपा के हलाला से पहले नूरी खाला को चोदा। उसके बाद मेरा निकाह-ऐ-हलाला कुंवारी सारा आपा के साथ हुआ और कैसे मैंने कश्मीर में उसके साथ सुहागरात में उसे चोदा।

अगली रात जरीना की सुहागरात थी लेकिन उस रात बिस्तर में सारा और जरीना दोनों मेरे साथ थी।

उसके बाद हैदराबाद वापिस आकर अम्मी ने मुझे अपनी दूसरी बीवी के साथ सुहाग रात मानने का हुक्म सुनाया पर सारा मेरे साथ ही सोने पर अड़ गयी। तो अपनी दूसरी बीवी सारा के साथ सुहागरात के बिस्तर पर पहले मैंने सारा की चुदाई की ।

सारा की चुदाई के बाद मेरी छोटी बीवी कुंवारी जरीना की पहली चुदाई हुई,और उसके बाद सारा और जरीना दोनों की एक साथ चुदाई हुई। वलीमे की रात मैंने दोनों की गांड मारी और सुबह डॉक्टर को दिखाना पड़ा और डॉक्टर ने ३ दिन चुदाई बंद का हुकुम सुना दियाl

उसके बाद मैंने अपनी बीबियो और सालीयो को सुहागरात की चुदाई की कहानी सुनाई और रात को डिलिया के साथ सुहागरात मनाई और वहां हुई झूले पर घमासान चुदाई के बाद, मेरे लंड का बूरा हाल हो गयाl उस पर नील पड़ गए और सूजा हुआ लंड बस खड़ा रहा l दिलिया के साथ झूले पर हुई घमासान चुदाई के बाद मेरे लंड की नसें दब गईंl मेरा लंड हर वक्त तना हुआ रहने लगाl

उसके बाद मैंने लूसी और सारा के साथ दिल्ली जाकर चेक-अप करवाने का प्लान बनायाl डॉक्टर जूली की दिल्ली में जान-पहचान थी और उसने मेरे सारे टेस्ट जल्दी ही करवा दियेl

फिर कुछ दिन बाद मैं लूसी और सारा चेकउप के लिए डॉक्टर जुली के साथ दिल्ली आ गए और जुली मेरे घर आयी और मैंने जुली को चोदाl अगले दिन सारा का जन्मदिन था और सारा का चौदहवा दिन था और नाश्ते के बाद मैंने सारा के सारी हसरते निकालने वाली चुदाई कीl

हम जब अपने दिल्ली वाले घर में थे मैंने डॉक्टर जूली को सारा के बेडरूम में ले जाकर चोद दियाl

"खड़े लण्ड की अजीब दास्ताँ " में आपने पढ़ा डॉक्टर जुली वापिस आ गयीl जुली बोली आमिर तुम्हारी डॉक्टरी जांच की रिपोर्ट आ गयी हैंl जुली के साथ एक बहुत खूबसूरत लड़की भी आयी थीl जुली ने उसका नाम डॉक्टर जेसिका (जस्सी) बताया जो की सेक्स विशेषज्ञ हैl इन्हे मैंने तुम्हारी खड़े और न बैठने वाले लंड की दिक्कत के बारे में बताया है और इन्होने ही जो टेस्ट बताये थेl वह मैंने करवाए थे और तुम्हारी सारी रिपोर्ट भी देखि हैंl फिर डॉक्टर जस्सी के कहने पर उनके सामने मैंने सारा की एक बार और चुदाई की l

डॉक्टर जूली और जस्सी ने बताया तुम्हारी डिलिया के साथ जबरदस्त चुदाई के तुम्हारी कुछ नसे इस तरह से हो गयी है, की अब तुम्हारा लंड खड़ा ही रहता हैl ये साधारणतया नहीं होता हैl उसका सीधा-सीधा इलाज़ नहीं है, लेकिन तुम्हे ये कुदरत से ख़ास मिली है तो इसे बचा कर रखोl

वैसे तो चुदाई मर्द के झड़ने के बाद ख़तम हो जाती है, क्योंकि झड़ने के बाद लंड में आया फ़ालतू खून वापिस चला जाता है और लंड बैठ जाता हैl तुम्हारे केस में ऐसा नहीं हैl खून नसे में आयी हुई सुकड़न के बाद वापिस नहीं जाता है और लंड खड़ा रहता हैl इसमें लड़कियों की और तुम्हारी बीवियों की तो मौज ही मौज है वह जितनी देर चाहे चुद सकती है l

और डॉक्टर जूली और डॉ जस्सी ने मुझे मेरी दिक्कत के बारे में समझाया की आगे से सेक्स में क्या-क्या ध्यान रखना है और अपने क्लिनिक पर अगले दिन चेकउप के लिए बुलाया , मैं सारा और डॉक्टर जुली डॉक्टर जस्सी के घर जो की उसका क्लिनिक भी था, वहां पर गएl डॉक्टर के पास कुछ लोग बैठे थे, तो मैं उसके घर के बग़ीचे में चला गयाl बग़ीचे में मुझे जस्सी की बहन मोनी मिली, जो बहुत सूंदर थी और गेंद से खेल रही थीl वहां मैं उसके साथ खेला और फिर उसको वहॉ पार्क में चोदाl फिर चेकउप के बाद, जुली और सारा मुझे जसिका के कमरे में ले गयी और हंसते हुए कमरे के अंदर सोफे पर बैठ गयी l कमरा गुलाब के फूलों से सज़ा था और सेज़ पर जस्सी दुल्हन बन सज धज कर बैठी थीl उसके बाद मैंने कुंवारी जस्सी की सील तोड़ी और सारा जुली और जस्सी के साथ सेक्स किया . वहां मुझे जस्सी की बहन सोनी मिली उसे मेरे साथ सेक्स करने के उसे त्यार कियाl उसके बाद रात में मोनी के जुड़वाँ बहन सोनी की भी सील तोड़ी और सारा जुली जस्सी सोनी मोनी और लूसी के साथ ग्रुप सेक्स कियाl इस बार मैं सबकी तस्सली कराने के बाद सिर्फ एक बार झड़ा पर बहुत मजा आया l

खाला नूरी ज़रीना दिलिया और मेरी बाकि चारि सालिया अबीर ज़ारा नरगिस और आयशा भी आयी l मुझे देखते ही ज़रीना और दिलिया मुझ से लिपट गयी और शिकायत भरे लहजे से बोली हम आपसे बहुत नाराज़ हैंl आप हमे छोड़ कर अकेले ही चले आयेl नयी दुल्हनों के साथ कोई ऐसे भी करता है क्या? चारो सालिया आपस में लड़ने लगी के अब कौन मेरी चौथी बीवी बनेगीl फिर मैं खाला को उनकी सहेली फरज़ाना के यहाँ छोड़ने गया और खाला को चोदाl

घर आया तो मैंने सारा और लूसी को बताया खाला कह रही थी. सारा तुम्हारी बहने और मामू की बेटिया, अब मुझसे निकाह करने के लिए उतावली हो गयी हैंl तो सारा बोली तो कर लीजिये सब से निकाह सब खुश रहेंगी, आप सेl

सारा बोली आमिर! काजी ने लड़कियों के आपस के झगडे को मिटाने का एक रास्ता निकला हैl आमिर तुम अबीर, ज़ारा, नरगिस और आयशा, चारो के साथ "निकाह मिस्यार" कर लोl


जन्नत की 72 हूरे में आपने पढ़ा मेरे कॉलेज के दोस्त राजकुमार ब्रेडी के बारे में पढ़ा था इसने मुझे बताया था उसकी सबसे छोटी और लाड़ली बहन पर्ल जिसे मैं इंग्लैंड में कई बार मिला थाl मुझे बहुत पसंद करती है और मुझसे ही निकाह करना चाहती हैl ब्रैडी ने मुझे निकाह के लिए बधाई दी और कहा चुकी हमारे यहाँ मर्द एक से ज़्यादा बीविया रखता है उसे तुम्हारे साथ और बीवियों से कोई ऐतराज नहीं है ब्रेडी उसे मेरे बारे में काफ़ी कुछ बता चूका था l

तो ब्रैडी में मेरी समस्या का निदान सुझाया की मेरी बहन से निकाह के बाद तुम भी कैमरून के मैं परिवार का हिस्सा हो जाओगे और मैं तुम अपने अधिकार से मैं तुम्हे नागरिकता देता हूँ और मेरे देश के नागरिक जितने चाहे निकाह कर सकते हैं और बीविया रख सकते हैंl

मैं तुम्हे अपने देश का हिंदुस्तान में राजनयिक नियुक्त करता हूँl अब तुम पर हिन्दुस्तान की कोई कानूनी बंदिश नहीं रहेगीl

ज़रीना और दिलिया मुझ से लिपट गयी और शिकायत भरे लहजे से बोली हम आपसे बहुत नाराज़ हैंl आप हमे छोड़ कर अकेले ही चले आयेl नयी दुल्हनों के साथ कोई ऐसे भी करता है क्या? मैंने अपनी तीनो बीवियों की जोरदार चुदाई करि और ग्रुप सेक्स का मजा लियाl

नर्से लिया और मधु जिन्होंने अस्पताल में मेरे टेस्ट किये थे की पहली चुदाई हुई . दोस्त राजकुमार रेडी दिल्ली आया था। मैं उससे मिलने उसके होटल चला गया। वहाँ मुझे उसकी यूरोपियन गोरी कजिन सिस्टर एनी जो उसके साथ आई थी मिली। एनी के सुनहरे बाल थे। उसकी मोटी-मोटी आंखें। सुर्ख गुलाबी होंठ और दूध से रंग में गुलाब का मिला जुला रंग जैसा उसका रंग और गाल। सुडौल छातियाँ। पतली कमर। चेहरे पर क़ातिल मुस्कान। बेहद खूबसूरत जन्नत की हूर। उसे मैं ताज महल दिखाने आगरा ले गया और फिर ऐनी रात में एक शर्ट में मेरे कमरे में आ गयी और आकर सीधे मेरे गले लग गयी l

फिर ऐनी ने अपना कौमार्य मुझे समर्पित कर दिया। उसके बाद हम रात के अँधेरे बरसात में खुली बालकोने में हमने बारिश के साथ ताल मिला कर चुदाई की और उसके बाद में सुबह होने से पहले ताज के पास नदी के किनारे पर उसने मुझसे नग्न फोटोशूट करवाया और फिर वहां हमने सूरज निकलने तक चुदाई की l

होटल ने मेरे दोस्त फ्रेड्डी की बहन पर्ल मिली जो बोली तुम्हारे कपडे मैं ही उतारूँगी और पहनाऊँगी। फिर ऐनी मेरे एक निप्पल को चूसते हुए दुसरे निप्पल को अपने हाथ के नाखून से जोर-जोर से कुरेदने लगी और अच्छी तरह से चुसने के बाद ही उसने मेरे को छोडा। मैंने ऐनी को उस्ताद मान लियाl पर्ल ने कहा वह मेरी बाकी बीबियो और महबूबाओं से मिलना चाहती है। तो मेरी तीनो बीबिया सारा, ज़रीना, दिलिया और चारो सालिया अबीर, ज़ारा, नरगिस और आयशा आ गयी और उनके साथ में मेरी तीनो पहली महबूबाएँ लूसी, जेन, और डायना भी आ गयी ।

तो उसके बाद निकाह और नागरिकता के पूरे मसले पर चर्चा की गयी और उसके बाद जेन की सलाह पर मेरी तीनो बीबिया उसनी बहनो के साथ मेरे निकाह के बदले अपने निकाह को "निकाह मिस्यार" में बदली करने के लिए सहमत हो गयी और इसके इलावा भी मुझे जितने मर्जी निकाह करने की इजाजत दी और पर्ल और मेरे को निकाह तय होने को बधाई दी।

अब बस बड़ो की इजाजत लेनी बाकी थी और साथ ही ब्रेडी की मेरी किसी बहन से निकाह की भी सहमति लेनी थी और सबने मिल कर तय किया ये काम नूरी खाला को सौंपा जाए ।

उसके बाद ऐनी ने मुझसे जानना चाहा की मैं सेक्स में क्या जानता हूँ? तो मैंने उसे जो कुछ भी थोड़ा बहुत सीखा था संक्षेप में बता दिया तो उसने पुछा तुमने ये सब किससे सीखा है और मैंने उसे बोला मैंने बहुत कुछ अपने हर साथी से सीखा है। मैंने ऐनी को जेन और लूसी के बारे में और लूसी के साथ मेरी पहली चुदाई के बारे में बताया । लूसी के साथ मेरे पहले सम्भोग के बाद जेन ने मुझ से कहा की वो अब मुझे सेक्स के बारे में जरूरी ज्ञान देना शुरू करेगी।

जेन ने मुझे एक बड़ा तौलिया दिया, मुझे धीरे से छाती पर आधिकार जताते हुए बाथरूम के अंदर धक्का दिया "आमिर! जाओ स्नान करो?उसने कपड़े उतार दिए और नग्न हो गयी और मेरे साथ स्नान घर में आ कर मेरी पीठ से चिपक गयी और मेरे साथ इस समय बाथरूम में होने के कई कारण मुझे गिनवाए और मुझे नहलाना शुरू कर दिया। फिर लूसी बॉथरूम के अंदर आ गयी और मैंने उसे चूमना और सहलाना शुरू किया और उसकी योनि को चूसा और मैंने उसे चूमना और सहलाना शुरू किया और उसकी योनि को चूसा।

मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं 10 से:

लूसी उस समय बहुत मादक लग रही थे उसके रेशमी बाल चारो तरफ फ़ैल गए थे लूसी उन्हें पीछे करते हुए कभी मेरी छाती पर अपने हाथ रख देती थी। कभी मुझे बहो में जकड कर अपने और खींचती थी । कभी मेरे नितम्बो पर हाथ रख कर दबा कर कहती थी और जोर से और जोर से चोदो मैंने भी अपने चूतड़ उठा कर चुदाई करना जारी रखा और उसने उसी ताल में मेरा पूरा साथ दिया । मेरा लंड जब उसकी चूत के अंदर पूरा समां जाता था तो उसकी नस्ती भरी आह निकलती थी और वह सिहर जाती थी और सिसकने लगती थी। उसके बाद लूसी मेरे ऊपर झुक गयी और हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए.।

"लूसी मेरी जान । क्या तुम भीगने के लिए तैयार हो?"

"मेरे राजा मेरे आमिर मैं तो कब की प्यासी हूँ मुझे सींच दो । आह! ईईईईईइ!" लूसी की योनि ने संकोचन शुरू कर दिया।

और फिर मैंने भी एक हुंकार लेते हुए उसकी योनि में फुहारें छोड़नी शुरू कर दी।

हम दोनों का स्खलन एक साथ हो गया। मैं झुककर लूसी से चिपक गया। लूसी ने अपने पैर थोड़े पीछे करते हुए पसार से दिए। लूसी की योनि अब भी संकोचन कर रही थी जैसे मेरे वीर्य का एक-एक करता चूस लेना चाहती हो। मैंने उसके कंधे पकड़ कर लंड की तरफ नीचे को दबाया और उसके शानदार नितम्बो के गालों को पकड़कर, मैंने उसकी योनि में जोर से धक्का और उसकी योनि की अपने वीर्य की आखिरी बूँद से भर दिया । हम दोनों एक साथ झड़ गए और हम दोनों जन्नत में थे।

कुछ देर बाद हम दोनों नहाकर कर बाथरूम से बाहर आ गए।

अब आगे :

जब मैं लूसी को दीवार के साथ खड़ी कर के चुदाई रहा था तो वहाँ पर डायना भी आ गयी। उस समय जेन भी हमारी गर्म चुदाई देख कर अपनी चूत में ऊँगली कर रही थी और हमे चुदाई करते हुए देख डायना भी गर्म हो गयी और उसने सोचा वह अब मोका है कि जेन से छेड़ छाड़ कर के उसे और गरम कर दे।

ये ही सोचते हुए डायना ने नंगी खड़ी हुई जेन की जांघो पर रखे हुए अपने हाथ को आहिस्ता-आहिस्ता हरकत में लाते हुए पूछा" मिस जेन मेरे पास आपके जिस्म की गर्मी को दूर करने का इससे बेहतर हल है और अगर आपके बॉस कोई और हल है तो वह मुझे बता दो?"

जेन ने अपनी जांघ पर डायना का हाथ महसूस किया तो उस ने ना तो जेन को कुछ कहा और ना ही डायना के हाथ को अपनी चिकनी जांघ से हटाने की कोशिश की।

जेन की तरफ से कोई रिस्पांस नहीं मिला तो डायना समझ गई कि जेन भी अब बहुत गरम हो चुकी है। इसीलिए ये सही मौका है उसे और गर्म करने का और अब जो कुछ भी करे जेन उस को मना नही करेगी।

ये ही सोचते हुए डायना जेन के नज़दीक हुई और उस ने अपना मुँह आगे बढ़ा कर अपने होंठ जेन के होंठो पर रख दिए।

डायना के होंठ अपने होंठो से टकराते हुए महसूस कर के जेन ने भी बिना कुछ सोचे समझे अपने होंठ खोल दिए।

दोनो की ज़ुबान एक दूसरे के साथ टकराई और दोनो ने एक दूसरे के जिस्म को अपनी बाहों में कसते हुए एक दूसरे की ज़ुबान को चूसना शुरू कर दिया।

"हाईईईईईईईईईईई! जेन ने डायना की जीभ को चुसते हुए कहा और साथ ही डायना ने हाथ बढ़ा कर जेन के मोटे मम्मे को अपनी हथेली में थाम कर दबाना शुरू कर दिया।

"उफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़! डायना क्यों मुझे गरम कर के पागल करने पर तुली हो तुम?" जेन ने भी गरम जोशी से अपनी ज़ुबान को डायना के मुँह में डालते हुए उसे जवाब दिया।

"मिस जेन मुझे आपकी गरम जवान चूत को छेड़ने और उस में से निकलते पानी को पीने का बहुत मज़ा आता है।" डायना ने बेताबी से अपने कपड़ों को जिस्म से अलग करते हुए कहा।

दोनो की साँसें तेज़ी से चल रही थी। दोनो बिल्कुल दीवानी और पागल होती जा रही थीं।

जेन ने डायना की टॉप और स्कर्ट उतारने में उसकी मदद की और खोल कर उस के बदन से अलग कर दिया। दोनो एक दूसरे की आँखों में आँखे डालते हुए एक दूसरे के मम्मो को हाथ में थाम कर प्यार से सहला रही थी।

दोनो के हाथ एक दूसरे की छातियों पर बहुत बेताबी और गरम जोशी से फिसल रहे थे।

"हाईईईईईई! तुम्हारी छातियाँ तो कल लूसी की पहली चुदाई देख कर पहले से भी ज़्यादा भारी हो गईं हैं" जेन ने बड़े प्यार से डायना को कहा।

फिर देखते ही देखते दोनों के ओंठ आपस में टकराए । और दोनो एक दूसरे के होंठो को ऐसे चूसने लगीं। जैसे आज के बाद ये होन्ट उन को दुबारा नही मिलेंगे। किस्सिंग करते करते, होंठो की सकिंग के साथ साथ दोनो की ज़ुबान की सकिंग भी शुरू हो गई । फिर दोनों की जीभे एक दूसरे के मुँह से बाहर आ कर आपस में टकराने लगी थी।

जेन ने अपना एक हाथ नीचे ला के डायना की बुर पर अपना हाथ फेरा। तो जेन के हाथ को अपनी गरम बुर पर महसूस कर के डायना की बुर की आग भड़क उठी।

डायना ने आहिस्ता से अपनी टाँगें थोड़ी-सी खोल दीं। तो जेन की उंगलीया डायना की चूत के नरम होंठो को आहिस्ता-आहिस्ता सहलाने लगी।

डायना ने भी जेन की चुत पर हाथ ले जाकर उसे सहलाना शुरू कर दिया और पहले से ही गर्म जेन की तो डायना की इस हरकत से जैसे सांस ही रुकने लगी।

" हाईईईईईईईईईई! ओह! डायना क्या जादू है तुम्हारे हाथो में! और फिर बोली मेरा तो आमिर का बड़ा लंड देखने के बाद से हाल बुरा है।

" मिस जेन आप फिकर ना करो, बस अगर आज तुम्हारी चूत की पहली चुदाई आमिर कर ही देगा डायना ने बेचैन होती जेन को तसल्ली दी ।

डायना बोली अरे मिस जेन! आमिर और लूसी आपके बाथरूम में क्यों हैं?

जेन ने जल्दी से डायना को पूरी बात कह सुनाई की कैसे वह मुझे यहाँ लायी थी और नहला रही थी तभी लूसी भी आ गयी और फिर मैंने लूसी की चुदाई शुरू कर दी ।

जेन और डायना चूमा चाटी करती हुई हमारी चुदाई देख रही थी इस बीच जेन ने अपना एक हाथ नीचे करके लूसी की योनि को टटोला और दुसरे से डायना की योनि को टटोला और उन दोनों के चीरे पर अंगुली फिराई और फिर उसकी भगनासा को मसलने लगी। "उईईईई! ईईईई! मा! आह मिस जेन आह! ईईईईईई!"

डायना बोली जेन आप अपने लिए तो ऐसे ही हिचकती रहेंगी मैं अब आपकी पहली चुदाई का बंदोबस्त करती हूँ । उधर मैं और लूसी आपस में खो गए थे और दोनों चुदाई में इतने मस्त हो गए थे की हम जेन और डायना को भूल ही गए थे और दोनों बीच में हमे चुदाई करते हुए छोड़ बाथरूम से बाहर चली गयी थी ।

बाहर निकल कर डायना और लूसी ने मिल कर नहाने के बाद पहनने के लिए मेरे और लूसी के कपड़े रखे और फिर दोनों मेरे कमरे की और चल दी ।

तब तक हमारी भी चुदाई और स्नान समाप्त हो गया था और मैं लूसी के साथ अपने कमरे की और चल दिया था । कमरे के पास मुझे डायना और जेन की बाते सुनाई देने लगी तो मैं वही बाहर रुक कर उनकी बाते सुनने लगा।

"मिस जेन में तो आप से कब से कह रही हूँ कि आप अपनी जवानी को यूँ ही बर्बाद मत करो और अब अपनी जवानी का रस अपने प्रेमी आमिर को चखा दो।" डायना ने जेन को मेरे बिस्तर पर के सीधा लिटाया और उस की टाँगों के दरमियाँ आ कर अपनी जीभ जेन की चूत में फैरने लगी।

"मुझे अपनी जवानी की प्यास बुझाने के लिए किसी की मदद की कोई ज़रूरत नहीं है" जेन ने सिसकते हुए डायना को उस की बात का जवाब दिया।

"अच्छा अगर तुम्हारी चूत को लंड की ज़रूरत नहीं तो फिर उस के लंड को देख कर ने तुम्हारी फुद्दि को कल रात और आज इतना गीला क्यों हो गयी?" ये कहते हुए डायना ने जेन की पानी छोड़ती गरम चूत से अपना मुँह ऊपर उठाया।

वाकई ही जेन मेरी और लूसी चुदाई को देख कर मेरे लंड के लिए बहुत ही गरम हो चुकी थी और अब उस के लिए डायना से अपनी जिस्मानी हालत को छुपाना नामुमकिन हो रहा था।

"डायना अब कोई आमिर के घोड़े जैसे लंड से चुदाई देखकर भी मेरी चूत गीली नहीं होगी क्या?" जेन ने जवाब दिया।

मिस जेन आप खुद से झूट मत बोलो आप सिर्फ़ और सिर्फ़ अपने जिस्म की आवाज़ सुनो, अपनी चूत की आवाज़ सुनो" डायना ने जेन को फिर समझाने की कोशिश की।

डायना ने जारी रखा मैंने आपके रात ने सपनो में अक्सर बडबाडते हुए सुना है। प्रिय आमिर, आई लव यू! मैं भी आपको तब से ही पसंद करती हूँ, जब मैं आपकी बहनो को पढ़ाने जाती थी। जब आप आमिर से मिलने के बाद जब अपने घर लौटी, तो आपके पूरे स्तनों को दर्द हुआ था। मैंने आपको कई बार पूरी लंबाई के दर्पण में नग्न हो कर ख़ुद को घूरते हुए और अपनी योनि में आमिर-आमिर कहते हुए ऊँगली करते हुए देखा है, मैंने आप को कई बार आमिर के बारे में बात करते समय बेहद कामुक पाया है।

डायना आगे बोली जेन कल आपने मुझे खुद बताया था की बाथरूम में शीशे के सामने आपका ख़ुद को उंगली से चोदना शुरू करने का मन हुआ लेकिन तब आपने फ़ैसला किया था, की खुद को धोखा देना ठीक नहीं है और वह भी तब जब एक आमिर जैसा अच्छा युवक आपको प्यार करता है और आपको भी वह बहुत पसंद है l

डायना ने जारी रखा फिर जेन आप बोली थी ये सब सच है डायना, मैं चाहती हूँ आमिर मेरे बदन को चूसे सहलाये दबाये और रगड़ कर चोद दे! यकींनन मैं चाहती हूँ आमिर मुझे चूसे और चोदे । तुम्हारी बाते सुन कर मेरी गीली योनि में गहरी धड़कन पशुवत वासना से जंगली हो रही है। मेरा दर्द से कांपता हुआ शरीर चुदाई के लिए बेकरार हो रहा है। पहले मुझे डर था कि अगर मैंने अपनी इन कामुक इच्छाओं को दबा दिया तो मैं सचमुच अपना दिमागी संतुलन खो दूंगी। अब सेक्स का पागलपन मुझे अपने शरीर के भीतर गहरे से पूरी तरह से खा रहा था। मुझे वास्तव में लापरवाह और यौन-उत्सुक भूखी बना रहा था। मैं भी किसी अन्य की तरह एक महिला ही हूँ। मुझे सेक्स की ज़रूरत है-तेज, गर्म, रोमांचकारी रूप से संतुष्ट करने वाला सेक्स, घंटे के बाद घंटे, रात के बाद रात चलने वाल रोमांचक सेक्स-और मैं इसे आमिर के साथ ही करुँगी और उसे पाने के लिए कुछ भी और सब कुछ करूंगी।

और फिर जैसे ही आपने अपना निर्णय लिया था तो मैं आपके पास ही खड़ी थी मैंने देखा था आपकी आँखें अचानक चमक उठीं थी मैंने पुछा क्या हुआ? तो आप बोली थी मैंने सभी नैतिकता और औपचारिकता को त्याग कर आमिर से अपनी दिल की बात कहने का निर्णय ले लिया है। मैंने अपनी प्रतिष्ठा और सम्मान की परवाह त्याग कर बिरह की आग के नरक से निकलने का फ़ैसला कर लिया है और अब मुझे आमिर से किसी भी हालात में जल्द से जल्द मिलना है। "

और फिर मिस जेन मैंने आप को आमिर से बोलते हुए सुना था "इन सभी वर्ष ये सभी प्रतिष्ठा के चकर में खो गए, बर्बाद हो गए मेरी जवानी के वह वर्ष l मेरा पूरा कमबख्त जीवन! बिना किसी पुरुष के सेक्स के। आमिर! वह भी जब आप जैसा पुरुष जो मेरी तरफ़ आकर्षित है, मेरे इतना करीब था!" तो अब क्या हुआ आप इतनी निराश क्यों हो गयी है?

मैंने लूसी की तरफ देख वह धड़ाधड़ आँसू बहा रही थी और रो रही थी। इससे पहले मैं या जेन कुछ बोलती लूसी मुझे खींच कर अंदर ले गयी और जेन के पैरो पर गिर गयी।

जारी रहेगी
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#90
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सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-12

बेकरारी का सबब




लूसी जेन के पैरो में गिर गयी तो जेन मुझे और लूसी को देख कर एक दम चौंक गयी मिस जेन और डायना की आँखे भी गीली थी और मिस जेन लूसी को बोली क्या हुआ लूसी तुम रो क्यों रही हो?

लूसी बोली मिस जेन अगर मुझ से कोई गलती हुई तो-तो आप मुझे सजा दो मैंने सब सुन लिया है बताओ आप इतनी निराश क्यों हो?

मैं भी बोला मिस जेन बताईये प्लीज क्या बात है आपको मेरी किस बात से दुःख पहुँचा है। प्लीज मुझे माफ़ कर दीजिये।

मिस जेन बोली नहीं ऐसी कोई बात नहीं है तुम दोनों ने कोई-कोई भूल नहीं की है।

तो मैं बोला फिर क्या बात है?

मैंने और लूसी ने आपकी और डायना की बात सुनी है वह कह रही थी "कि आप अपनी जवानी को यूँ ही बर्बाद मत करो और अब अपनी जवानी का रस अपने प्रेमी आमिर को चखा दो।" और आपने कहा।

"मुझे अपनी जवानी की प्यास बुझाने के लिए किसी की मदद की कोई ज़रूरत नहीं है" और फिर उस दिन आप ने मुझ से स्पष्ट कहा था इन सभी वर्ष ये सभी प्रतिष्ठा के चकर में खो गए, बर्बाद हो गए मेरी जवानी के वह वर्ष l मेरा पूरा कमबख्त जीवन! बिना किसी पुरुष के सेक्स के। आमिर! वह भी जब आप जैसा पुरुष जो मेरी तरफ़ आकर्षित है, मेरे इतना करीब था! "

और फिर आपने ही कर्म तय किया था कि सबसे पहले लूसी की पहली चुदाई होगी और फिर आपकी और फिर आख़िर में डायना। तो अब क्या हुआ आप इतनी निराश क्यों हो गयी है? कुआ मैंने अभी लूसी की दुबारा चुदाई कर दी है इसलिए तो आप मुझ से निराश नहीं ही गयी है?

उधर लूसी और डायना दोनों रो रही थी और आंसू बहा रही थी। तो डायना और लूसी बोली मिस जेन प्लीज बताओ क्या बात है? आप को हक़ है हमे डांटे का रोकने का या फिर सजा देने का। आप जानती हो हम दोनों आपको कितना मानती है।

मिस जेन की आँखों में आंसू थे और वह बोली मेरी प्यारी लूसी और जेन तुम दोनों लड़कियाँ यह अच्छी तरह जानती हो कि मैं तुम दोनों से कितना प्यार करती हूँ और मैं तुम्हारी भलाई के लिए हमेशा कुछ भी करने को तैयार हूँ और आमिर अगर तुम्हारी जगह कोई और पुरुष या लड़का होता तो मैं शायद उसके साथ सेक्स करने से पहले सू बार सोचती औऔर फिर उसके बाद भी मना कर देती। लेकिन आप जानते हो मैं आपको बहुत पसंद करती हूँ और मैं ये भी जानती हूँ की आप भी मुझे पसंद करते हो।

तो फिर अब क्या हुआ आपने क्यों अपना विचार बदल लिया?

तो मिस जेन बोली आमिर मुझे नहीं पता मैं इसे कैसे कहूँ आप मेरे बारे में पता नहीं क्या सोचोगे?

मैं बोला मिस जेन आप ज्यादा मत सोचो कोई कुछ नहीं सोचेगा आप बिंदास बोलो यहाँ सब आपके अपने ही हैं।

मिस जेन वह क्या है? मैं थोड़ा घबरा रही हूँ नहीं-नहीं थोड़ा डर रही हूँ। मुझे आपके लम्बे लंड् से दर लग रहा है आप जानते हो मैं कुंवारी हूँ और मैं बहुत डर गयी हूँ। कल रात में मुझे लुसी को चोदते हुए देखकर मेरी कामेच्छा इच्छा बहुत बढ़ गई थी। लूसी की हांफने और उन्मादी खुशी के कराहों ने मेरे युवा शरीर को उत्तेजना से हिला दिया था और अब मैं उस बड़ी, मांसल चुभन पर अपनी बारी आने का इंतजार नहीं कर पा रही थी, जिसने लुसी की गर्म छोटी योनी के अंदर जाने पर ऐसे चमत्कार किए थे।

फिर नहाते समय जब मैंने आपके लंड को छुआ और उसका माप लिया तो मुझे एहसास हुआ की मेरी तर्जनी से बड़ा कुछ भी कभी कुछ भी मेरी योनी के अंदर नहीं गया था और आपके विशाल लंड की लंबाई और परिधि इतनी बड़ी है ये कैसे मेरे अंदर जाएगा और फिर कल जब आपने लूसी का कौमार्य भंग किया था तो लूसी को बहुत दर्द हुआ था उसे याद करके मैं बहुत डर गयी थी इसलिए, मैंने डायना को बोला था मुझे सेक्स नहीं करना है।

मैं बोला मिस जेन आपने हो तो मुझे सेक्स का ज्ञान देते हुए बताया था स्त्री की योनिद्वार अत्यधिक सिकुड़ी हुई होती है। इसमें पहली बार लिंग का प्रवेश करना आसान नहीं होता, बल्कि इसे आसान बनाना पड़ता है। जब पहली बार सेक्स क्रिया के दौरान पुरुष स्त्री की योनि में अपने लिंग को प्रवेश करता है तो उसे कुछ दर्द होता है लेकिन यह दर्द कुछ देर बाद उसी तरह से गायब हो जाता है जिस तरह से फूल को प्राप्त कर लेने पर कांटे का दर्द दूर हो जाता है। इसके बाद वह प्यार के साथ सहवास, सम्भोग का सुख प्राप्त करने लगती है।

मैंने तुरंत जेन को अपनी बाहो में भर लिया और इससे पहले मैं कुछ बोलता लूसी बोली मिस जेन आपको जो दर्द कल मुझे हुआ वह तो याद रहा लेकिन आप ने इस पर ध्यान नहीं दिया की कल रात के पहले सम्भोग के बाद मैंने और आमिर ने दुबारा सेक्स का कितना आनद लिया और फिर आज सुबह भी हमने दुबारा सम्भोग किया और क्या आपको लगता है अब मुझे कोई दर्द है?

आप डर की मन से निकाल दो मुझे देखो मैं आपके सामने हूँ और बहुत खुश हुँब की मैंने अपनी पहली चुड़ै आमिर से करवाई है और हम दोनों ने कल और आज कई बार सेक्स के दौरान जन्नत के आनंद के लुत्फ़ उठाया है और इंशाल्लाह आप भी इस मजे का पूरा लुत्फ़ ले।

मैंने आमीन! कहा और बोला मिस जेन मैं आपके साथ बहुत आराम से करूँगा। लूसी के साथ कल रात मैंने पहली बार सेक्स किया था मैं भी थोड़ा ज्यादा ही रोमांचित, उत्सुक और उत्तेजित था, रोमांच, कौतुक, उत्सुकता, भय और घबराहट मुझे भी थी की मैं पता नहीं ठीक से कर पाऊँगा या नहीं इसलिए हो सकता है मैंने लूसी को कुछ ज्यादा दर्द दे दिया हो लेकिन अब मैं बहुत धीरे-धीरे और आराम से करूँगा आप बिलकुल चिंता मत करो।

और फिर पहले लूसी को चूमा लुसी एक बार फिर शरमा गयी और मुझे प्यार से वापस चूमने लगी।

और फिर डायना को चुंबन किया और आखिर में मैंने जेन के ओंठो पर एक नरम-सा चुम्बन ले लिया। वह शर्मा कर सिमट कर मुझ से लिपट गयी और मैं जेन को बहुत देर तक चुंबन करता रहा। उसके बाद जेन ने मुझे पकड़ कर वापिस मेरे होंठो को किस किया और मेरे सर को जकड़ के अपने मुंह से मुंह लगा दिया और वह मेरा ऊपर का ओंठ चूसने लगी। मैं अपने होंठों को जेन के होंठों पर रख कर चूसने लगा, कभी ऊपर के, तो कभी नीचे के होंठ को चूसने लगा।

मैंने अपना मुंह थोड़ा-सा खोला और जेन की जीभ मेरे मुंह में चली गयील मैं जेन की जीभ चूसने लगा तो वह मेरे साथ लिपट गयीl उसका बदन मेरे बदन से चिपक गया; उसके दूध मेरी छाती में दब गए थे l जेन के हाथ भी मेरे बदन पर फिर रहे थेl और वह मेरी जीभ को चूसने लगीl फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसाl जेन मुझे बेकरारी से चूमने लगी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट तक वह मेरे लबों को चूमती चुस्ती रही। फिर रुक कर सांस लेनी लगी। इस बीच लूसी और डायना भी हम दोनों के साथ लिप्त गयी थी मेरी एक तरफ लूसी थी जो आधी मुझ से और आधी जेन से लिपटी हुई थी एक तरफ डायना थी जो आधी मुझ से और आधी जेन से लिपटी हुई थी और सामने जेन थी जो हम तीनो से लिपटी हुई थी। दोनों लूसी और डायना मेरे को और जेन को बारी-बारी चुम रही थी।

फिर जेन बोली अब मैंने दृढ़ निश्चय किया है कि मैं अपनी छोटी से योनि के होठों के बीच आपके लंड को लूंगी और उन सभी मनभावन भावनाओं का अनुभव करुँगी जिन्हे मेरी प्यारी लूसी ने बनुभव किया है। मैं अब पूरी तरह से और पूरी तरह से सिर्फ़ तुम्हारी हूँ, आमिर, 'जेन ने धीरे से कहा, "इसमें आप मेरा पूरा साथ देना और मुझे आपसे सम्भोग का पूरा सुख लेना है।" उसकी आँखें प्यार से भरी हुई थी-' मैं ताउम्र तुम्हारी रहूंगी। मैं हमेशा तुम्हारी प्रेमिका बनकर खुश रहूँगी। इसलिए आप मुझे वही सुख दे जो आपने लूसी को दिया है और जैसे आपको अच्छा लगा वैसे करें! ' और वह प्यार और भरोसे से मुस्कराई।

लूसी ने पुछा तो आप ड्रेस का चयन कर लो फिर हम आपको त्यार कर देते हैं। जेन बोली ठीक है पहले सब लोग कुछ नाश्ता कर लो।
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सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-13

मिलन की तैयारी




हम नाश्ता करने हाल में चले गए। नाश्ते के बीच-बीच में मैं उसकी तरफ़ देखता ही जा रहा था और जब भी मैं उसे देखता था तो मैंने उसे मेरी तरफ देखते हुए पाया और दोनों एक दुसरे को देख मुस्कुरा देते थे और वह शर्मा कर आँखे झुका देती थी। वह मेरी नजरे भांप गयी थी। वह सेक्सी लग रही थी। जब लड़की रोमांस कररही होती है तो उसमे लग ही निखार आ जाता है वैसा ही निखार जेन में आ गया था क्योंकि अब उसका और मेरा रोमांस चल रहा था। फिर लूसी और डायना ने मिल कर जेन का थोड़ा मेक अप किया।

उसने कहा-"क्या देख रहे हो। ..."

"तुम्हे। इतनी खूबसूरत कभी नहीं लगी तुम। ।"

"हटो।" वह शरमा गयी।

"सच। तुम्हे बाँहों में लेने का मन कर रहा है"

"आमिर!"

"आओ मेरे गले लग जाओ.।"

' मैं कुर्सी से खड़ा हो गया और अपनी बाहें फैला दी। जेन धीरे-धीरे आंखे बंद करके मेरी तरफ़ बढने लगी। लूसी को शरारत सूझी उसने डायना को आँख मारी और डायना ने जेन को पकड़ लिया और इतने में लूसी ने मुझे अपने आलिंगन में कस लिया। मेरी पेंट में नीचे से लंड का उभार लूसी की टांगों के बीच में गड़ने लगा।

मुझे लिपटने का अंदाज जाना पहचाना लगा और आँखे खोली तो देखा लूसी मेरे से चिपकी हुई थी और डायना जेन से चिपकी हुई थी। मैं लूसी से कस कर चिपका तो वह और मेरे साथ चिपक गयी। मैंने लूसी के चेहरे को प्यार से ऊपर कर लिया और निहारने लगा। लूसी की आंखे बंद थी। हौले से मेरे होंट लूसी के होंटों से चिपक गए. कुछ देर बाद लूसी बोली आप दोनों थोड़ा इन्तजार करो, जेन अपनी ड्रेस चुन ले फिर हम जेन को त्यार कर देती हैं। तो मैं बोला देखो लूसी अब न तो मुझ से इन्तजार हो रहा है और न ही जेन से।

लूसी बोली आपका तो मुझे इस आलिंगन से पता लग गया है। अब मिस जेन से भी पूछे लेते हैं

लूसी ने जेन की तरफ मुस्कुरा कर देखा और बोली क्या आमिर ठीक कह रहे हैं मिस जेन अब आप से भी इन्तजार नहीं हो रहा है।

जेन कुछ नहीं बोली बस मुस्कुरा कर डायना के हाथो को अपने स्तनों पर रख उसके हाथो को अपने स्तनों पर दबाने लगी और डायना को किश करने लगी।

तो ठीक है मिस हम आप दोनों को दस मिनट दे रहे हैं।

मैं लूसी की गिरफ्त से निकल तेजी से जेन की तरफ लपका।

तो लूसी और डायना दोनों हसने लगी अरे आराम से मस जेन कही भागी नहीं जा रही अब वह आपकी हैं।

मैं कुछ नहीं बोला और मिस जेन को डायना के हाथो से खींच कर अलग किया और अपने गले से चिपका लिए और उसने अपने आपको मेरे हवाले कर दिया। हमारे होंठ जुड़ गए और वह मुझे चूमने लगी। उसने मेरे होंट दबा लिए और मेरे नीचे के होंट को चूसने लगी। मैं आनंद से भर उठा। मेरे नीचे का उभार उसकी टांगों के बीच अब ज्यादा चुभ रहा था। उसने थोड़ा सेट करके मुझे अपनी टांगों के बीच में कर लिया। मैंने लंड को उसकी योनि क्षेत्र पर दबा दिया और वह भी मेरे पर-पर नीचे से जोर लगा-लगा कर चिपकी जा रही थी।

फिर मैं अलग होते हुए बोला-"मिस जेन। एक बात कहूँ।"

"कहो आमिर"

"मैं तुम्हे देखना चाहता हूँ।"

वो तीनो मेरा मतलब समझ गयी, पर मेरे को तड़पाते हुए मजा लेने लगी। "तो देखो न। सामने तो खड़ी हैं मिस जेन।" डायना बोली

"नहीं। ऐसे नहीं।"

"लूसी ने इठला कर कहा-" तो फिर कैसे। "

"मतलब। कपडों में नहीं।"

"हटो आमिर। चुप रहो।" मिस जेन शर्माते हुए बोली

"न। । नहीं। । मैं तो यूँ ही कह रहा था।"

मिस जेन फिर मेरे से लिपट गयी। । " मेरे आमिर। क्या चाहते हो। बोलो।

"कुछ नहीं।"

"मुझे बिना कपडों के देखना चाहते हो न।"

मैंने उसे देखा। फिर बोला। "मेरी इच्छा हो रही थी। तुम्हे देखने की। क्या करून तुम हो ही इतनी सुंदर।"

"वो धीरे से प्यार करते हुए बोली-" सुनो मैं तो तुम्हारी हूँ। ख़ुद ही उतार लो। "

"सच।" मैंने उसके टॉप को ऊपर से धीरे से उतार दिया। वह सिहर उठी।

"आह! आमिर!"

ब्रा में कसे जेन के उरोज उभार कर सामने आ गए. मैंने प्यार से जेन के उरोजों को हाथ से सहलाया। फिर मैंने जेन की ब्रा खोल दी। तो मेरे मुंह से आह निकल पड़ी। जेन ने अपनी आंखे बंद करली। में उसके नज़दीक आया और उसके उभारों को सहला दिया। जेन को उत्तेजना से कंपकंपी आ गयी। मेरे से अब रहा नहीं गया। । मैंने उसके मस्त स्तनों की नोकों को मुंह में भर लिया और चूसने लगा।

"आमिर! मैं मर जाऊंगी। बस। करो।" उसकी ना में हाँ अधिक थी।

मैंने उसकी स्कर्ट की चैन खोल दी और नीचे बैठ कर उसे उतारने लगा। लूसी ने इस काम में मेरी मदद की और डायना ने मेरी शर्ट उतार दी। अब मैं घुटनों पर बैठे-बैठे ही जेन के गुप्तांगो को निहार रहा था। धीरे से मेरे दोनों हाथ जेन के नितम्बों पर चले गए और मैं उसे अपनी और खींचने लगा॥ उसका योनि क्षेत्र मेरे मुंह से सट गया और मेरी जीभ अब जेन की दोनों फाकों के बीच घुस गयी। मैंने थोड़ा और जोर लगा कर उसे अन्दर कर दी। फिर पीछे हट गया।

"देख लिया अब बस करो।" जेन बोली तो मैं खड़ा हो गया। ऐसा लग रहा था कि मेरा लंड पेंट को फाड़ कर बाहर आ जाएगा।

"आमिर! अब मैं भी तुम्हे देखना चाहती हूँ। मुझे भी देखने दो..."

डायना ने मेरे बाकी कपड़े भी उतार दिए. वह मेरा तराशा हुआ शरीर देख कर शर्मा गयी। अब हम दोनों ही नंगे थे। मेरा खड़ा हुआ लंड और कसरती बदन देख कर डायना बोली हाय!। ये तो बहुत मस्त है। मजा आ जाएगा। । पर मुझे कुछ नहीं कहना पड़ा। जेन ख़ुद ही मेरे पास आ गयी और मेरा इतना कड़क लंड देख कर मेरे से चिपकने लगी

कड़क, मोटा और लंबा लंड देख कर जेन की चुदवाने कि इच्छा बलवती होने लगी।

तभी लूसी बोली चलो दस मिनट हो गए। अब अबकी काम बाद में कर लेना ये तो ट्रेलर था पूरी फिल्म बाद में। चलो दोनों अपने कपडे पहनो। आप दोनों थोड़ा सब्र रखो। सब का फल मीठा होता है ...

अब हम जेन को त्यार कर देती हैं। तब तक आप थोड़ा आराम कर लो और फिर हम आपको बुलाने आ जाएँगी और जेन के कमरे में आ जाना।

फिर कपडे पहन अपने कमरे की और जाने लगा तो मुझे किसी ने पुकारा तो मैं जहाँ से आवाज आयी थी उस कमरे में चला गया।

एक सफेद मेज के पास डायना और उसके साथ एक और लड़की खड़ी हई थी जो की बेहद सुंदर थी। वह लड़की बहुत गोरी, लम्बी और बहुत अच्छे शरीर की मालकिन थी और उसका चेहरा ऐसा था जिसे हम केवल तस्वीरों में देखते हैं, उसने एक मुस्कान के साथ मेरा स्वागत किया। डायना ने उससे मेरा परिचय करवाया। उसके तुरंत बाद डायना बाहर चली गयी, डायना ने उसका नाम मैरी बताया और फिर मैरी ने मुझे आश्चर्यचकित करते हुए कपड़े उतारने के लिए कहा।

झिझकते हुए, मैंने धीरे-धीरे अपने कपड़े उतार दिए और फिर मैं केवल अंडरवियर पहने हुए खड़ा था। मैंने पूछा कि आगे क्या है, लेकिन उसने जोर दिया की मुझे नग्न होना चाहिए क्योंकि मालिश के दौरान आपका अंडरवेअर ख़राब हो सकता है और मेरे शर्मीलेपन को देखकर उसने मुझे आश्वासन दिया की वह बहुत सारे पुरुषो की नग्न मालिश कर चुकी है। जिससे मुझे मेरी शर्मिंदगी से राहत मिली और उसने मुझे तौलिया देते हुए कहा अगर आपकी शर्म लग रही है तो आप ये तौलिया लपेट कर अपना अंडरवेअर उतार दीजिये।

मैंने तौलिया लपेटा और अपना अंडरवेअर निकाल दिया, पर फिर भी मेरे तने हुए लंड ने तौलिये के अंदर टेंट बना कर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा दी और उसने भी एक बार उस उभार को नोटिस किया और फिर लंबी सफेद मेज पर तकिए की व्यवस्थित करते हुए उसने मुझे उस पर पेट के बल लेटने के लिए कहा, जो मैंने किया,

मुझे इतना तो समझ आ ही गया था कि मोहतरमा मालिश करेंगी पर मैं ये सोचने लगा देखते हैं आगे क्या होता है मोहतरमा क्या करती हैं।

मुझे ज्यादा देर तक इंतजार नहीं करना पड़ा मेरे लेटते ही उसने अपना लबादा उतारा वह भी पूरी नग्न थी और उसने अपनी खूबसूरत नरम हाथो से मेरी बाहों और कमर और फिर पीठ को सानना शुरू कर दिया। फिर वह मेरी पीठ और कमर को रगड़ने लगी। फिर से धीरे-धीरे काम करते हुए वह मेरे संवेदनशील अंगों में आ गई। जैसे ही उसने अपने हाथ मेरे पैरों के बीच रगड़े, रोमांच ने मेरे बालों को खड़ा कर दिया। मैं एक सुखद अनुभूति के साथ वहाँ पेट के बल लेटा हुआ था और उसके हाथ बड़ी कुशलता से मेरी पीठ दौड़ रहे थे और उसकी प्रत्येक हरकत से बेहतर महूसस कर रहा था फिर उसने मेरे नितम्बो और मेरी जांघो और मेरी टांगो की मालिश की और फिर मेरे पीठ पर अपने स्तन रगड़ते हुए मेरी पीठ की मालिश की।

फिर उसने मुझे सीधे पीठ के बल लेटने को कहा और उसने अपनी खूबसूरत बाहों से मेरी बाहों और छाती को सानना शुरू कर दिया। मैं एक सुखद अनुभूति के साथ वहाँ लेटा हुआ था और उसके हाथ बड़ी कुशलता से मेरे शरीर पर दौड़ रहे थे और जैसे ही उसने मेरे शरीर को रगड़ा, यौवन की भावना से मेरा रक्त झुनझुनाने लगा।

मैं उसके सुंदर कामुक रूप पर मुग्ध हो गया था । वह मालिश करती हुई कभी मेरे बहुत करीब आ जाती थी और कभी बहुत दूर हो जाती थी। मैं वहाँ मजे लेता हुआ लेटा रहा, जैसे उसने धीरे से मला; और जितनी देर वह मलती रही, मुझे उतना ही हलका लगने लगा। कोमलता से वह मेरे शरीर के ऊपर गई और मेरी जांघों के चारों मालिश की । मेरा लिंग कठोर तो पहले से ही था अब क़ुतुब मीनार की खड़ा हो गया। जब उसने मेरे टांगो के बीच रगड़ा मैं अपने 7वें स्वर्ग में था और हर बार जब वह मेरी गेंदों को छूती थी, तो वे बड़े और भारी लगने लगते थे।

उसने जो परफ्यूम इस्तेमाल किया वह रमणीय था मिनट मुझे सेकंड की तरह लग रहे थे। काश मैं वहाँ हमेशा के लिए लेटा होता। समाप्त करने के बाद उसने मेरे शरीर को एक चादर से ढँक दिया और मुस्कुराते हुए मुझसे पूछा कि क्या मैं बेहतर महसूस कर रहा हूँ। एक इलेक्ट्रिक वाइब्रेटर लेकर और खींचकर उसने चादर हटा दी और इस मशीन को मेरे शरीर पर चलाने लगी। फिर से मुझे पहले से कहीं अधिक रोमांच महसूस हुआ। अचानक एक तांत्रिक मुस्कान के साथ उसने वाइब्रेटर मेरी गेंदों के बीच चिपका दिया और मेरा लिंग इस समय सख्त और सीधा था। मैंने उसे उसकी खूबसूरत कमर के चारों ओर पकड़कर अपनी ओर खींचा और उसके लाल होंठों को चूमने लगा। उसने मुझे धीरे से पीछे धकेल दिया और मेरे लंड को पकड़ कर एक दो बार उसकी मालिश की और बोली अब आप स्नान कर लीजिये और मुझे बाथरूम में भेज दिया ।

जारी रहेगी
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मजे - लूट लो जितने मिले

सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-14

दिल बेकरार है



जेन खुद को शीशे में निहार रही थी। क्या मैं बूढी हो रही हूँ? अपने चेहरे को गौर से देखते हुए, चेहरे के एक-एक हिस्से की गौर से जाँच करते हुआ, जैसे कोई खूबसूरत औरत अधेड़ हो जाने के बाद खुद की खूबसूरती का जायजा लेती है। वह अभी भी जवान है और किसी भी मर्द के होश उडा देने में सक्षम है, ये उसे भी पता है लेकिन आज कुछ ऐसा हुआ जिसने गंभीरतापूर्वक विचार करने पर मजबूर कर दिया, पहली बार उसे अहसास हुआ की अब वह जवानी की दहलीज से फिसलना शुरू कर चुकी है। इसी के साथ टब में डुबकी लगा देती है।

30. साल की खूबसूरत जेन टब से नहाकर बाहर निकलती है और तेजी से खुद के नंगे बदन को तौलिये से लपेट लेती है, लेकिन आईने तक आते-आते तौलिया फिसल जाता है। खुद को नंगे आईने में देखते हुए अपनी हल्की भूरी चूची को रगड़ने लगती है, कुछ ही सेकंडो में उसकी चुचियाँ कड़ी हो जाती है, वह अपने उरोजो को अपने हाथ में लेकर प्यार से मसलती है और उसके शरीर में कामसुख की एक लहर दौड़ जाती है।

जेन को पता है वह उत्तेजित है और उसे सेक्स चाहिए। एक खूबसूरत लड़की के लिए उच्च चरित्र का जीवन जीना आसान नहीं होता। उसके सामाजिक दायरे में किसी भी भद्र पुरुष की तरफ वह कभी आकर्षित नहीं हुई सिवाय आमिर के। समाज में जेन को लोग बेहद उच्च चरित्र की महिला मानते है और काफी सम्मान भी देते है। जेन ने भी इस गरिमा को बनाकर रखा हुआ है, मेरे को छोड़कर आजतक किसी और पुरुष के लिए उसके मन में कभी विचार नहीं आया, हालाँकि वह मुझे भी वह अपने दिल की बात ये सोच कर नहीं बता पाई कि पता नहीं मैं क्या सोचूँगा।

आमिर हमेशा से जेन को बहुत मस्त और पसंद था। और जब उसे आमिर के माता पिता का सन्देश मिला की उसे आमिर को प्रशिक्षित करना है तो वह रात भर ठीक से सो नहीं पायी क्योंकि उसकी दबी हुई सेक्सुअल उत्तेजना काफी बढ़ गयी थी। वह तब से दिन रात आमिर के साथ चुदाई के बारे में सोचती रहती थी।

फिर जब आमिर उससे मिला और-और जब आमिर उसके फ्लैट पर रात को आया तो उसने आमिर के बहुत बड़े इरेक्शन को भी नोटिस किया तो उसे पता लग गया था कि आमिर भी उसे बहुत पसंद करता है । आमिर से मिलने के बाद उसके पूरे स्तनों को दर्द हुआ था। और वह बहुत कामुक हो गयी थी और उसका दर्द से कांपता हुआ शरीर चुदाई के लिए बेकरार हो गया था और उसने फ़ैसला किया था, की वह अपने शरीर चुदाई के लिए आमिर को सौंप देगी । उसे डर था कि अगर उसने अपनी इन कामुक इच्छाओं को दबा दिया तो वह सचमुच अपना दिमागी संतुलन खो देगी और फिर जब आमिर ने उसे पहली बार चूमा था तब से वह आमिर के बारे में और उसके साथ चुदाई के बारे में ही सोचती रहती है और वास्तव यौन-उत्सुक भूखी बन गयी है।

फिर जब आमिर ने उसे चूमा था तो उसकी वासना पूरी भड़क गयी थी और जब उसने पहली बार आमिर का लंड देखा था तो जेन आमिर के बड़े लंड के आकार और कठोरता दोनों पर चकित थीं।

और फिर जब आमिर ने लूसी की पहली चुदाई उसके सामने की तो उस दृश्यों ने जेन को सेक्सुअली हिलाकर रख दिया। जिस तरह से आमिरलोकि की चूची चूस रहा था, उसके शरीर को सहला रहा था। जेन सब याद करके अपने दोनों हाथो से अपने स्तनों को हलके-हलके मसलने लगी। और जेन के निप्पल कड़े होने लगे। फिर जेन ने आंखे बंद कर ली और स्तनों को तेजी से मसलना शुरू कर दिया और एक हाथ नाभि सहलाता हुआ, दोनों जांघो के बीच पेट के निचले हिस्से तक पहुच गया। पेट के निचले हिस्से से होते हुए फड़कती चूत तक पहुच गया और उंगलिया चूत के दाने के पास तक पहुच गयी।

और फिर वह कुंवारी थी और उसे बड़े लंड से छोड़ने में डॉ भी लग रहा था पर लूसी की उतेजनापूर्ण चुदाई देख कर इसने निर्णय लिया था वह आमिर के साथ जल्द से जल्द पहले सम्भोग अनुभव के पूरे मजे लेगी और जब उसने सुबह लूसी को दुबारा बिना किसी हितक और दर्द के चुड़ते हुए देख तो वह छोड़ने के लिए त्यार तो पहले ही थी अब बेकरार हो गयी ।

वो अब चाहती थी आमिर उसके स्तनों को चुसे दबाये काटे फिर जेन के मुहँ से सिसकारियाँ निकलने लगी। टांगो के बीच की में लगातार जेन का हाथ चल रहा था, उत्तेजना के मारे चूत भी गीली होने लगी, धड़कने और तेज हो गयी, जैसे-जैसे चूत का दाना जेन रगडती, उसके चुतड उछाल लेने लगे, जेन ने दुसरे हाथ से पाने स्तन दबा कर निप्पल दबाने लगी, एक हाथ से वह चूत का दाना रगड़ रही थी दूसरे से स्तनो को तेजी से सहला रही थी, उसके मुहँ से सिसकारियो की आवाजे तेजी से निकलने लगी, वासना से भरी चूत की दरार से पानी रिसने लगा।

उसका पेट और नाभि भी इस उत्तेजना के चरम में फद्फड़ाने लगे, पेट और चुतड सोफे से उछलने और आह! ओह्ह! आमिर मुझे चोदो, मेरे स्तन चूसो, मुझे प्यार करो बोलती हुई जेन के हाथो ने चूत को और तेजी से रगड़ना शुरू कर दिया। जल्दी ही उत्तेजना के चरम पर चूत रस तेजी से बाहर की तरफ बहने लगा। सारा शरीर कापने लगा, उसकी कमर अपने आप ही हिल रही थी, पैर काँप रहे थे, मुहँ से चरम की आहे निकल रही थी। और फिर अंतिम झटके के साथ पूरे शरीर में कंपकपी दौड़ गयी और जिस सोफे पर वह अधलेटी थी उस पर धडाम से ढेर हो गयी।

जारी रहेगी
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#93
मजे - लूट लो जितने मिले

सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-15

जेन और मेरे सेक्स की शुरुआत




इधर स्नान के बाद मैं अपने कमरे में गया तो मैंने टाइम पास के लिए टीवी चालु किया तो उसमे कोई डीवीडी लगी हुई थी यानी कोई वह डीवीडी देख रहा था तो मुझे कोतुहल हुआ की कौन-सी डीवीडी देखि जा रही थी तो मैंने उस डीवीडी को जहाँ रोका गया था वहीँ से प्ले कर दिया । किसी समारोह की डांस की रिकॉर्डिंग थी और उसमे मुझे डायना, जेन और लूसी नजर आयी । तो मुझे आभास हुआ की जरूर डायना यहाँ बैठी ये डीवीडी देख रही थी । लूसी ने घाघरा चोली, जेन ने साड़ी और डायना ने वेस्टर्न ड्रेस पहनी हुई थी और तीनो बहुत सुंदर लग रही थी। फिर उसमे लूसी का डान्स शुरू हो गया। लूसी ने बहुत सुंदर डांस किया और डांस करते समय उसकी बल खाती कमर गजब ढा रही थी। उसकी शिरकन किसी आर्टिस्ट जैसी थी।

फिर जेन ने लूसी के साथ अब डान्स करना शुरू कर दिया। मेरी तो दोनों को एक साथ डांस करते देख आह! निकल गयी। साडी में जेन बला की सुंदर लग रही थी। और उसका डान्स उससे भी सेक्सी था। वह अपने चूतड़ों को ऐसे मटका रही थी की देखने वाला अपना आपा खो बैठे। वह अपनी चूचियों को हिला-हिलाकर डान्स कर रही थी। डान्स करते टाइम उसका पूरा जिस्म थिरक रहा था। फिगर भी बिल्कुल 36-28-36 था। इतना मस्त फिगर देखकर मेरे लण्ड ने हुंकार भरी। मैं उसको देखता ही रह गया। उसकी मोटी-मोटी जांघों, गोल नितम्बो और बड़े-बड़े स्तनों को देखकर में पागल हो उठा।

मेरे दिमाग में जेन का भरा हआ मस्त हुस्न उसकी मोटी-मोटी जांघे और उसकी मस्त छातियाँ घूम रही थीं। मैं हर उस सीन को पाज करके देखने लगा जिसमें जेन या लूसी थी। शाम कब हो गई पता ही नहीं चला। जेन और लूसी के जिस्म को देख-देखकर मेरे लण्ड का बुरा हाल हो गया था।

जेन हालाँकि देखने में भरी हुई लगती थी लेकिन उसके जिस्म में गजब की लोच थी और नाचते हुए उसके बल खाते जिस्म को देख-देखकर मैं आहे भरता रहा, उसके दिल के आकार के चूतड़ों में थिरकन देखकर होश खोने लगा। मैं दिल ही दिल में सोचने लगा की आज जेन की चुदाई कैसे करनी है? जेन के जैसी भरी हुए मस्त बदन और जनम-जनम की प्यासी और कुंवारी चूत चोदने को मिलने वाली हो तो उस का लंड का जैसा हाल होना चाहिए मेरे लंड हाल भी वैसा ही था।

जब डायना ने जेन की पहली चुदाई का प्रस्ताव रखा तब तक जेन ने पहले ही लूसी की उतेजनापूर्ण चुदाई देख कर इसने निर्णय लिया था वह मेरे साथ जल्द से जल्द पहले सम्भोग अनुभव के पूरे मजे लेगी और जब उसने सुबह लूसी को दुबारा बिना किसी हिचक और दर्द के चुदते हुए देख तो चुदाई के लिए बेकरार हो गयी। वैसे भी जेन तो कई साल से मेरे जवान लंड के इंतज़ार में अपनी चूत का पानी ज़ाया कर रही थी।

और फिर जब मैं उसकी सहेली लूसी के लिए उससे मिला तो उसे पता चला की मैं उसे भी पसंद करता हूँ तो मेरे मोटे सख़्त और बड़े लंड को अपनी योनि के अंदर लेने के लिए बेचैन होने लगी थी।

"अंधे को क्या चाहिए दो आँखे" वाली मिसाल को ज़हन में रखते हुए जेन ने तुरंत हाँ कही थी।

इधर लूसी ने ब्यूटी पारलर बाली को बुलवा कर जेन के पूरे बदन की वैक्सिंग करवाई और सब अनचाहे बाल हटवा दिए और फिर उसके पूरे शरीर की सुगन्धित और औषधि युक्त विशेष तेलों से उसकी मालिश करवाई और फिर उसे स्नान करवाया।

बाद में डायना और मेरी विश्वासपत्र सेविका ईवा की सहायता से इस विशेष अवसर के लिए जेन पर सभी प्रकार के सौंदर्य उपचार किए। त्यार होने से पहले एक बार उसने जेन के खुद को दर्पण में निहारा तो चकित रह गयी, उसकी त्वचा वैक्सिंग और सौंदर्य उपचार से बिलकुल चिकनी हो गयी थी और फिर सौंदर्य उपचार प्रदान करने वाली ने उसके स्तनों, जांघो और योनि पर फूलो के रस से बना इत्र लगाया। डायना ने शरारत करते हुए जेन को किस किया और बोली आज तो आमिर की क्या हालत होगी मैं बस कल्पना ही कर सकती हूँ, इस रूप को देख कर तो मेरा भी मन कर रहा है काश मैं लड़का होती । इस तयारी की निगरानी एक खूबसूरत लाल रंग की गाउन पहने हुई लूसी ने की और सबने उनके निर्देशों को पूरा पालन करते हुए जेन का शृंगार किया।

जो काम कल जेन ने लूसी के साथ किये थे वही सब काम और उससे भी बढ़कर लूसी ने जेन के साथ करवाए । जेन ने अपने लिए लाल रंग की साडी चुनी और वह चाहती थी इस ख़ास मौके के लिए उसे दुल्हन की तरह तैयार किया जाएl जबकि लूसी के लिए मैंने हमारी पारंपरिक पारिवारिक दुल्हन की पोशाक का चुनाव किया था और लूसी ने जेन का सोलह शृंगार करवाया ाघ्नो और फूलो से शृंगार करवाया और फिर एक घूंघट ओढ़ा दिया ।

इस बीच लूसी ने फूलो वाले को भिजवा कर मेरे पलंग को गुलाब के फुलो की पत्तियों से सजवाया और फिर मैंने मोतिया और गुलाब की लाडियाँ अपने बेड के इर्द गिर्द टाँग कर अपनी सुहाग की मसहरी भी बनवा ली।

अब आप त्यार हैं और आपको आमिर के शयन कक्ष में चलना चाहिए, ' डायना ने सुश्री जेन को संकेत किया।

और फिर लूसी और डायना जेन को मेरे कमरे में ले आयी उसे और मुझे कमरे में ले आयी, उस वक्त मेरे कमरे के फर्श पर चारों तरफ गुलाब की पत्तियाँ बिखरी पड़ी थी। जिन की खुसबू ने पूरे कमरे को महका दिया था।

मेरे कमरे में दाखिल हो कर देना ने जब कमरे में बिछे हुए बेड पर नज़र दौड़ाई। तो वह खूबसूरती से सजे हुए बेड से अपनी नज़रें ही ना हटा सकी।

उफफ! आज जेन के साथ पहली चुदाई को सुहाग रात की तरह मनाने के लिएआमिर ने किस प्यार और शौक से "सुहाग सेज" के बिस्तर को सजाया है, हाईई! बिस्तर की सजावट को देख कर दिल तो करता है कि में भी अभी अपनी गाउन को उतार कर इस बिस्तर पर लेट जाऊ और आमिर के लंड से अभी ही चुदवा लूँ। " डायना ने इतनी खूबसूरती से सजे अपने बिस्तर को देख कर दिल ही दिल में सोचा।

जब लूसी ने डायना को कमरे में आ कर बहुत ही खोए हुए अंदाज में मेरेऔर जेन के बिस्तर की तरफ देखते पाया। तो लूसी ने मज़ाक में डायना के सर के उपर से गुलाब की पत्तियाँ निच्छावर करते हुए उसे कहा "मेरी जान आप बड़ी बेशरम हो जो अपने चुदाई के समय से-से पहले ही अपनी सुहाग रात की महसेरी (बेड) देखने चली आई हैं, लगता है आप को बड़ी आग लगी हुई है।"

"मजाक मत करो लूसी. तुम जानती हो ये सेज जेन दीदी के लिए सजी है, अभी तुम खुद कल ही चुदी हो और तुमने ही फूलो वालो को आमिर और जेन का बिस्तर सेट करने के लिए भेजा था और तुम मुझे छेड़ रही हो" डायना ने भी मज़ाक में अपनी सहेली की बात का उसी अंदाज़ में जवाब दिया और फिर हम चारो हसने लगे और जाने लगी तो मैंने उन्हें रोका और कहा जैसे कि हम सब ने मिल कर फैसला किया था आप दोनों भी यहाँ रहेंगी तो दोनों कमरे में एक तरफ सोफे पर जा कर बैठ गयी।

वो कमरा गुलाब के फूलों से सज़ा था और साथ में जेन गजरा और फूलों से शृंगार किये हुए स्वर्ग से आयी हुई अप्सरा लग रही थी। मेरा तो लंड उसे देख कर बेकाबू हो गया और मेरी हालत पहले से काम रोग से ग्रस्त थी अब और बुरी हो गयी । जेन बिस्तर के पास कड़ी हुई शर्मायी हुई अपने पैरो की तरफ देख रही थी। उसने हल्का-सा घूंघट किया हुआ था। उसका चेहरा शर्म और आगे जो होने वाला था वह सोच कर लाल हो रहा था। वह थोड़ी-सी घबराई हुई थी। मैं थोड़ा-सा आगे होकर और उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और उसको बेड पर ले गया। या खुदा! उसका नरम गर्म हाथ पकड़ते ही मेरे तनबदन की आग और भड़क गयी और मेरा लंड सनसनाता हुआ पूरा 10 इंची बड़ा हो गया और सलामी देने लगा।

अब सेज़ पर जेन दुल्हन बनी बैठी थी मैंने उसे कहा जेन आप ठीक से बैठ जाओ तो वह थोड़ा सरक गयी। फिर में उनके पास बैठ गया और उनका हाथ अपने हाथ में लेकर उनसे बातें करने लगा और बोला कि आप तो यह बताओ कि मुझे आपके साथ करना क्या है? तो उन्होंने शरमाते हुए मुझे अपनी बाहों में लिया और कहने लगी कि मेरे आमिर तुम्हे सब मालूम है। जेन ने गुलाबी रंग की रेशमी साड़ी पहनी हुई थी और पूरी गहनों और फूलो से लदी हुई थी।

मैंने जेन की तारीफ करना शुरू कर दिया।मैंने कहा जेन बहुत सुन्दर हो आप मेरे सपनो की रानी हो आप जानती ही हो जब मैं जवान भी नहीं हुआ था और जब से आप को देखा है तब से आप से बहुत प्यार करता हूँ और आप को पाना चाहता था। आज अल्लाह के करम से आप मेरी हो गयी हैं।... वह और भी शर्माने लगी और मेरे बहुत कहने पर मीठी आवाज़ में बोली मैं भी तब से आप को प्यार करती हूँ। फिर मैंने अपनी जेब से निकाल कर एक हीरे का हार उनको पहले नज़राने के तौर पर दिया। वह बोली आप ही पहना दीजिये और उसके गहने खड़कने लगे।

मैंने उसे हार पहनाया फिर धीरे से उसका घूंघट उठा दिया दूध जैसी गोरी चिट्टी लाल गुलाबी होंठ नाज़ुक होटों के नीचे काला तिल! नाक पर बड़ी नथ, मांग में टिका बालो में गजरा उसका चेहरा नीचे को झुका हुआ था इतनी सुन्दर दुल्हन देख मेरे मुँह से निकला वाह! तुम तो क़यामत हो मेरी जान मेरा लंड फुफकारने लगा।

निश्चित तौर पर इसमें किसी को कोई शक नहीं होगा की फिरंगन गोरिया देसी दुल्हन के लिबास में शृंगार करके कितनी सुंदर लगती हैं। जेन भी उनका कोई अपवाद नहीं थी पर उस दिन बहुत सुंदर लग रही थी ।

मैंने धीरे से उसके चेहरे को ऊपर किया जेन की आँखे बंद थी। इतनी सुन्दर गोरी मेम जेन मुझे अता फरमाने के लिए मैंने अल्लाह का शुक्रिया अदा किया और बोला मेरी जान अपनी आँखे खोलो और अपने आमिर को देखो उसने आँखे खोली और हलकी से मुस्करायी मैंने उसका ओंठो पर एक नरम-सा चुम्बन ले लिया । ये हमारे पहले मिलन की रात का पहला चुम्बन था वह फिर शर्मा कर सिमट कर मुझ से लिपट गयी।

फिर मैंने धीरे से उनके होंठो को फिर से चूमा, उफ उनकी खुशबू ही क्या सेक्सी थी? और मेरे चूमते ही उनकी सिहरन और उनके सोने के कंगनो की टकराहट से छन की आवाज़ मेरे लंड को फौलादी बना गयी थी।

मैंने अपने हाथ में जेन के हाथ की उंगली में अपने "नाम" की अंगूठी डाल दी और साथ ही जेन के हाथ को अपने होंठो पर ला कर उसे चूम लिया।

जेन मेरे प्यार का ये अंदाज़ देख कर खुशी से फूली ना समाई.और उस ने शर्मो हया को बुला कर बे इख्तियारि में अपनी बाहें अमेरे जिस्म के गिर्द लपेट ली।

ज्यों ही मैंने जेन की उंगली में सोने की रिंग पहनाई। तो लूसी और डायना ने तालियाँ बजा कर हमारे सम्बन्ध की शुरुआत की मुबारकबाद दी।


जारी रहेगी
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#94
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सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-16

जेन के साथ सेक्स की शुरुआत




ज्यों ही मैंने जेन की उंगली में सोने की रिंग पहनाई। तो लूसी और डायना ने तालियाँ बजा कर हमारे सम्बन्ध की शुरुआत की मुबारकबाद दी।

हमारी बातो से जेन मेरे साथ थोड़ा सहज हो गयी थी। अब मैंने जेन की तारीफ करना शुरू कर दि ।मैंने कहा जेन आप बहुत सुन्दर हो मैं आप से बहुत प्यार करता हूँ और आप को कब से पाना चाहता था। आज अल्लाह के करम से आप मेरी हो गयी हैं। वह और भी शर्माने लगी और मेरे बहुत कहने पर मीठी आवाज़ में बोली मैं भी आप को प्यार करती हूँ।

जेन शरमाते हुए थैंक यू बोली । तो मैंने उसके हाथ चुम लिए. तो वह बोली प्लीज आमिर आराम से करना । अपनी "माशूका जेन" की मीठी आवाज़ सुन कर मैं चहक उठा और हिन्दी अल्फ़ाज़ इस्तेमाल करते हुए बड़े रोमॅंटिक अंदाज़ में अपनी माशूका को होसला देते हुए बोला। उफफफ्फ़! मेरी जेन तुम चिंता मत करो तुम्हारा टार्जन तुम्हे बहुत प्यार करता है और तुम्हारे साथ पहली बार बहुत-बहुत आराम से करूँगा ।

मेरे बाते सुन कर तो जेन की कुंवारी बुर मेरे लंड को अपने अंदर लेने के लिए बेचैन होने लगी थी।

तुम्हारे जिस्म में बहुत गर्मी छुपी हुई है। जिस के लिए तुम्हे मेरे जैसे जवान मर्द की ज़रूरत है। मैं तुम्हारे प्यासे जवान बदन की गर्मी को अच्छी तरह से संभाल लूँगा। मेरी प्यारी जेन तुम फिकर मत करो, कुछ भी नहीं होगा, में हूँ ना में सब ठीक कर लूँगा तुम बस मजे लेना ।

जेन को मेरी प्यार भरी बाते सुन कर बड़ी खुशी महसूस हो रही थी जैसे उसे कारुन का ख़ज़ाना मिल गया हो ।

और जैसे मैंने उसका मन पढ़ते हुए उसके स्तनों पर पाने हाथ रखते हुए बोलै बोला मेरी जान कारुन के इस ख़ज़ाने का पता भी तो मुझे तुम ने ही बताया था । तो फिर चलें जन्नत की सैर करने मेरी जान ।

मेरी बात सुन जेन शर्म के मारे दोहरी हो गयी और मेरे से लिपट गयी । और बोली आमिर आप बड़े वह हो प्लीज आराम से करना मुझे आपके बड़े लंड से बहुत डर लग रहा है।

जेन आपकी आपके हुए आम जैसी भरी हुए मस्त बदन और जनम-जनम की प्यासी चूत चोदने को मिल जाय तो काबू करना मुश्किल है, लेकिन मेरे दिल की रानी जैसे आप कहोगी में वैसे ही करूँगा।

मैंने जेन के जिस्म के गिर्द अपने बाजुओं को लपेटा और जेन को कस कर अपने साथ चिपका लिया। फिर एक हाथ से जेन के भारी मम्मे को मसल्ते हुए जेन के गुदाज होंठो पर अपने होन्ट रख कर उन को चूसना शुरू कर दिया तो उसने भी ऐरे ओंठो को चूस कर मेरा साथ दिया। जेन के मोटे मम्मे 18 साल की जवान किसी लड़की के मम्मो जैसे सख़्त और मज़ेदार थे।

मैं तो कब से इस लम्हे का मुंतीज़ार था। इसीलिए उसे मेरा साथ देते महसूस कर मेरा दिल खुशी से झूम उठा। हमने एक लम्बा चुंबन किया और चूमने से जेन की पानी छोड़ती चूत और भी भड़क उठी।

फिर मैंने उसे थोड़ा दूर किया और उसे देखने लगा। जेन की उम्र उस 28. साल की थी रंग गोरा बाल सुनहरी और फिगर मस्त 36 24 36 है गोरी अँगरेज़ मेम जेन की कमर लचकदार है उसके गुलाब की पंखुड़ी जैसी होंठ नाज़ुक होंठ और आवाज़ बहुत मीठी है । जेन के भी बड़े-बड़े गोल गोल बूब्स। नरम चूतड़, सपाट पेट, भरा हुआ बदन कद 5 फुट 6 इंच था। मैंने जब जेन को लाल साडी में मलबूस हो कर फुल मेक अप और ज्वेलरी के साथ दुल्हन के रूप में देखा वह बहुत ज़्यादा खूबसूरत और प्यारी लग रही थी॥ तो उसके जवान जिस्म का ये नज़ारा देख कर देखता ही रह गया । मुझे ऐसे देखते हुए देख जेन ने आँखों के इशारे से पुछा क्या हुआ?

तो मैंने उसे अपनी बाहों के घेरे में भरते हुए कहा "जेन आज तो तुम्हारा ये सजा संवरा तैयार हुआ रूप मेरे लिए वियाग्रा का काम कर रहा है।"

उस वक्त मेरा कमरा, बेड की चादर पर बिखरे हुए फूलो और बिस्तर के इरद गिर्द लटकी हुई गुलाब और मोतिए की लड़ियों की खुश्बू से पूरी तरह महक रहा था।

वैसे तो जेन आज दुल्हन की तरह सज संवर कर बहुत बे करारी से मेरे साथ अपना कौमार्य मुझे समर्पित करने की मुंतीज़ार थी। मगर अब रात की तनहाई में मुझे अपने साथ बैठा हुआ महसूस कर के ना जाने क्यों शरम के मारे जेन के जिस्म से पसीने छूटने लगे थे और जेन के पूरे जिस्म और ख़ास तौर पर अपने गुदाज मम्मो और अपनी सॉफ्ट, चिकनी चूत पर जिस्म पर पारलर वाली ने जो खुसबूदार लोशन लगाया था उस तो लोशन और पसीने की मिलीजुली खुश्बू से जेन की ना सिर्फ़ चूत और मम्मे बल्कि उस का पूरा जिस्म महक उठा।

जब के दूसरी तरफ मेरा हाल भी बिल्कुल जेन जैसा ही था। हालाँकि मैंने कल ही लूसी की चूत का उद्घाटन किया था और आज सुबह ही उसे फिर से चोदा था लेकिन अब जेन की चूत का उदघाटन करने के इरादे से जेन के नज़दीक आते ही भी ना जाने क्यों एक अजीब किस्म की घबड़ाहट शुरू हो गई थी और शायद इसकी वजह ये थी की दोनों के जिस्मो में जवानी की "आग" बहुत शिद्दत से जल रही थी और एक दुसरे के लिए चाहत की आग बहुत सालो से जल रही थी । जिगर (जिगर मुरादाबादी) ने ऐसे ही किसी मौके के लिए फ़रमाया है।

ये इश्क़ नहीं आसाँ इतना ही समझ लीजे। इक आग का दरिया है और डूब के जाना है।।

कमरे में इतनी खामोशी थी। कि दोनों की तेज-तेज और घबराई हुई साँसों की आवाज़ भी हम दोनों को सॉफ साफ सुनाई दे रही थी।

मैं जानता था कि चाहे कुछ भी हो एक मर्द होते हुए पहल तो हर सूरत में अब मुझे ही करनी है।

इसी दौरान बिस्तर पर बैठ कर जेन के गुदाज और भरे हुए मस्त बदन का जायज़ा लेते-लेते मेरा लंड कड़ा हो कर पूरा सख्त हो गया था ।

जेन की ठोडी (चिन) के नीचे अपना एक हाथ रख कर जेन की झुकी हुई ठोडी को उपर की तरफ किया। और जेन के चेहरे की तरफ देखते हुए उसके ओंठो पर एक हलकी-सी किस कर दी और बोला चश्में बद्दूर, मिस जेन आज दुल्हन बन कर आप पहले से भी बहुत ज़्यादा खूबसूरत लग रही हो ।

तो जेन ने एक रवायती दुल्हन की तरह शरमाते हुए अपनी आँखे बंद कर लीं और अपना मुँह अपने मेहन्दी भरे हाथों से ढक लिया। मुझे उस से यूँ शरमाना बहुत अच्छा लगा।

मैंने बड़े प्यार से जेन के हाथों को उस के चेहरे हटाया और उसके मेक अप किये हुए चेहरे पर अपनी नज़रें जमाते हुए उसकी बहन के हुष्ण की तारीफ की। ाश्च कह रहा हूँ आप बहुत सुंदर लग रही हो अगर मैं आपको कभी पहले ऐसे देख लेता तो पता नहीं क्या कर बैठता ।

अपनी तारीफ सुन करजेन की पहले से गरम चूत में लगी आग और बढ़ गई और उस ने भी जज़्बात में आते हुए अपनी आँखे खोल कर शर्माते हुए मेरी तरफ देखा।

अपनी बहन का यूँ आँखे खोल कर उसे देखना मेरे दिल में तीर से चला गया।

अपनी तारीफ सुन कर जेन की पहले से गरम चूत में लगी आग और बढ़ गई और उस ने भी जज़्बात में आते हुए अपनी आँखे खोल कर शर्माते हुए मेरी तरफ देखा।

जेन का यूँ आँखे खोल कर देखना मेरे दिल में तीर से चला गया।

मैं जेन के हाथ को अपने हाथ में लेते हुए बड़े प्यार से बोला हमारे पहले मिलन के मौके पर यादगार के मैं तुम्हारे लिए तोहफा लाया हूँ, मुझे उम्मीद है मेरा ये तोहफा तुम को पसन्द आएँगा मिस जेन। "मैंने अपने हाथ में जेन का हाथ पकड़ जेन की आँखों के सामने किया और बोला" अच्छा ज़ेरा देख कर बताओ कि मेरी जान को मेरा दिया हुआ ये तोहफा कैसा है? "

जेन मेरे हाथ से अपनी कलाई छुड़ा कर मेरे द्वारा पहनाई अंगूठी का जायज़ा लेने लगी। तो बे इख्तियारी में कलाई हिलने की वजह से चूड़ियों की "छन छन" की गूँज पूरे कमरे में फैल गई।

दुल्हन बनी जेन ने तो उस वक्त पहले ही काफ़ी सारा ज़ेवर पहना हुआ था। मगर इस के बावजूद मेरे दिए हुए ये तोहफे को पहन वह खुश हो गयी और बोली मैं तो आपके लिए कोई तोहफा नहीं लायी मैंने दुबारा से जेन के हाथ को अपने हाथ में लिया और बड़े प्यार से जेन से मुखातिब हुआ, "मिस जेन आपने मेरे साथ अपनी जिंदगी के ये सबसे महत्त्वपूर्ण पल गुजारने का ये जो फ़ैसला किया है। मैं इस के लिए तुम्हारा, दिल से शूकर गुज़ार हूँ मेरी जान और तुमने तो मुझे एक साथ तीन लाजवाब तोहफे दिए हैं। कल लूसी, आज तुम और इसके बाद डायना । तुम तीनो जो मुझे इतना चाहती हो, को पाकर मैं धन्य हो गया हूँ ।"

मेरे ये प्यार भरे अल्फ़ाज़ सुन कर जेन के दिल में भी छुपी हुई मेरी मोहब्बत ने जोश मारा और उस ने भी उसी तरह प्यार भरे अंदाज़ में मेरी बात का जवाब दिया "आमिर मुझे बहुत खुशी है कि आप ने मुझे अपने दिल में एक माशूका बीबी और गुरु के बराबर का रुतबा दिया है और में पूरी कोशिश करूँगी कि आप के लिए एक अच्छी माशूका, बीबी और गुरु साबित हो सकूँ।"

जेन के मुँह से ये इलफ़ाज़ सुन कर मेरे सबर का पैमाना अब लबरेज हो गया। मैं बेड पर चढ़ गया और जेन के नज़दीक हो गया।

मैंने जेन के जिस्म को अपने बाहों में भर कर अपने जिस्म के साथ लगाया और इस तरह जेन को-को अपनी छाती से लगाने की वजह से ऊपर जेन के मोटे मम्मे मेरी की सख़्त जवान छाती से चिपक गये।

जब कि नीचे से मेरा खड़ा हुआ लंड भी साडी के ऊपर से उस की गरम प्यासी बुर पर टिक गया।

मेरे सख़्त और गरम लंड को अपनी चूत से छूता हुआ महसूस कर के जेन के पहले से गरम बदन में एक झुरझुरी-सी फैल गई.और मेरी बाहों में आते ही जेन समझ गई. कि अब मैं उस के साथ चुदाई का असल खेल शुरू करने वाला हूँ।

ये बात सोच कर जेन का जिस्म ना जाने क्यों खुद ब खुद ही सख़्त हो कर काँपने लगा अब तक जेन अपनी जवानी के दिन और राते अपनी उंगलियों पर गिन-गिन कर इस उम्मीद पर गुज़ार रही थी। कि उस की जिंदगी में कब वह वक्त आएगा जब मेरा जवान लंड उस की गरम फुद्दि में जा कर उस की चूत को जिन्सी सकून बख्शेगा।

आज लम्बे इन्तजार के बाद वह मौका आया है जब मेरा बहुत मोटा, लम्बा, ताज़ा और सख़्त लंड उस की चूत के दरवाज़े पर खड़े हो कर जेन की कुंवारी बुर के अंदर आने की इजाज़त तलब कर रहा था। तो उसकी छूट पानी छोड़ने लगी और उसका दिल चाहने लगा अब और देर न की जाए।

मैं अपने होंठ जेन के गाल पर चिस्पान करते उसके गुदाज और नरम गालों पर अपनी गरम ज़ुबान फेरने लगा।

अब जेन के अंदर की रही सही सारी शरम और झिझक भी ख़तम हो गई.और उस ने भी जोश में आते हुए मेरे गले में डाल दीं। वह मुझसे और कस का लिपट गयी। मेरे हाथ ने महसूस किया उसने बैकलेस चोली पहनी हुई थी जो सिर्फ दो डोरियों से बंधी हुई थी और ब्रा नहीं पहनी हुई थी फिर मेरे फिसल हाथ की कमर तक पहुँच गए थे... क्या चिकनी नरम और नज्जुक कमर थी ।

जेन के जवान जिस्म से उठती हुई उस की प्यासी जवानी की खुसबू के साथ-साथ, पसीने परफ्यूम और मेहन्दी की खुसबू के मिलाप ने जेन के बदन को और भी महका दिया था।

जेन के गरम बदन से आती हुई ये मधुर खुसबू जब मेरी नाक के ज़रिए दिमाग़ में पहुँची। तो जेन की मचलती जवानी की ये खुसबू मेरे को जेन के लिए और भी बेचैन करने लगी और मेरा लंड फुफकारने लगा।

मैंने आहिस्ता से अपना मुँह आगे बढ़ा कर अपने होन्ट जेन के प्यासे होंठो पर रख दिए।

। मेरे हाथ फिसल कर उसकी गांड पर पहुँच गए थे उसने साडी अपनी नाभि की नीचे और चूत के ऊपर पहनी हुई थी । उसकी साडी के ऊपर से ही माइन उसकी गांड की दरार को मैंने मह्सूस किया। तो आअह्ह्ह उसकी सिसकी निकल गयी ।

मेरे होंठो को अपने होंठो पर महसूस कर के जेन को ऐसा लगा जैसे उस की चूत में आग लग गयी हो। मैंने जेन के गुदाज होंठो को अपने होंठो में ले कर चूसना शुरू किया।

मेरे सपनो की रानी मेरे साथ थी दुल्हन बन मेरे से चुदने को त्यार थी मैंने फिर जेन से कहा आप सबसे सुन्दर, गोरी मस्त माल हो । आपको देखकर मैं कबसे आपका दीवाना हूँ मैंने हल्की-सी आवाज में 'आई लव यू जेन' आपको मालूम नहीं है मेरी क्या हालत है। मेरे मन आपको देखते हे बेकाबू हो जाता है तुम तो मेरे दिल की मल्लिक्का हो...मैं उनको बोला आपके गुलाबी नरम गुलाब के पंखुरियों जैसे होठों का रस चूसना शुरू करे तो रूकने का नाम ही न ले। मैंने आज तक तुम जैसी सेक्सी लड़की नहीं देखी!

मैंने फिर उसको अपने से हल्का-सा दूर किया हाथो से उसका चेहरा ऊपर किया और होंठो पर एक लम्बी किस की उसकी आँखे बंद थी मैंने उसके होंठो को छोड कर चेहरा ऊपर किया तो जेन ने आँखे खोली और मुस्करायी, मैं फिर उसके होंठो को चूमने लगा और वह गर्म होने लगी । इस तरह गरम होते हुए और अपनी शर्म-ओ-हया को भुलाते हुए जेन में मेरे जिस्म के गिर्द अपनी बाहों को लिपटा कर अपने होंठ मेरे होंठो के इस्तकबाल करने के लिए खोल दिए।

मैं तो बस इस लम्हे का ही इंतिज़ार था। जेन की खुद सुपुर्दगी का ये अंदाज़ मुझे बहुत भाया और उस ने जोश में आते हुए एक दम से जेन के होंठो, गाल और गर्दन पर अपने होंठो की चुम्मियों की जम कर बरसात-सी कर दी।

"हाई ईईईईई! जेन मेरी जान, तुम्हारे होंठ बहुत ही नरम और मज़े दार हैं।" मैंने अपने होंठो को जेन के मक्खन की तरह नरम होंठो पर रगड़ते हुए कहा।

आज मेरे होंठो के साथ अपने होन्ट और मेरी ज़ुबान के साथ अपनी ज़ुबान लहराने में जेन को एक अलग किसम की खुशी और मज़ा नसीब हो रहा था जिसे हासिल करने का कभी तवस्सुर भी नहीं किया था।

दूसरी तरफ मैं जेन के होंठो को ऐसे चूस रहा था। जैसे आज के बाद ये हसीन, गरम और जुसी लब मुझे कभी नसीब नहीं होंगे।

अब हम दोनों के दरमियाँ किस्सिंग और चूमा चाटी का ना रुकने वाला सिलसिला शुरू हो गया था।

फिर वह भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी। फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा। मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा। फिर मैंने अपने होंठ उसके होंठो से अलग किये । हम दोनों मुस्कराये और फिर बेकरारी से लिप्प किस करने लगे और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट तक उसका लिप्स किस लेता रहा वह मेरा लिप किस में भरपूर साथ दे रही थी।

फिर मैंने निचले होंठ को अपने दाँतों में बुरी तरह दबोच लिया और चूसने लगा। जेन को दर्द हो रहा था मगर वह मुझ से भी ज्यादा प्यासी थी, उसे दर्द में भी मज़ा आ रहा था। हम लोग एक दुसरे को किस करने लगे थे। मैंने जेन की पींठ, कमर पर अपनी उंगलियाँ फेरनी शुरू कर दी थीं। मेरे हाथ उनके कन्धों पर थे और वह मुझको अपनी और धकेल रही थी।

मैंने महसूस किया की जेन की जीभ मेरे होंठों में से मेरे मुह में अन्दर जाना चाह रही थी। मेरे होंठों को खोलती हुयी जीभ मेरे मुह में चली गयी और उसी बीच मेरा हाथ उनके चोली पर से होते हुए जेन की पीठ कमर पर होते हुए उनके स्तनों पर पहुँच गया। मेरा हाथ चोली के ऊपर से स्तनों को दबा रहा था। जेन की आँखें पूरी तरह से बंद थी। वह मेरे हर प्रयास को अनुभव कर रही थी और उसका पूरा मजा ले रही थी।

मेरे लब और ज़ुबान जेन के मीठे होंठो और नरम ज़ुबान से अपनी जंग लड़ रहे थे। कि इस दौरान मैंने जेन के होंठो को चूमते हुए जेन के सर पर से पल्लू उतार दिया। उसका रूप धीरे-धीरे मेरे सामने आने लगा था। वाह क्या रूप था मैं तो एकदम सन्न देखता रह गया...गोरी चिट्टी तीखे नैन नक्श। सुंदर मासूम चेहरा। मेरा लंड तो फुफकारने लगा और फिर मैंने एक-एक कर के जेन के कानो की बालियाँ, माथे का झूमर और गले में पहना हुआ सोने का हार उतार कर जेन के जिसम को भारी जेवरात के बोझ से आज़ादी दिला दी। जहाँ-जहाँ के गहने उतरे मैंने वहाँ किस किया। बिच-बिच में मैं उसकी मदहोश आँखों में देखता था तो वह मुस्करा देती थी ।

अब मैंने उसका मांग टिका हटा दिया और धीरे से मैंने उसकी गोरी पेशानी चुम ली । उसकी नशीली आंखें मुझे नशे में कर रही थी। फिर मैंने उसकी दोनों नशीली आँखों पर एक बोसा दिया। फिर जेन की नाक को चूमा तो वह सिहर उठी... फिर मैंने उसके गालो पर चुम्बन किया वह हलके-हलके खुलने और मुस्कराने लगी। मैंने फिर उसके गालो को चाटा। बहुत मोठा स्वाद था फिर मैंने ऊपरी होंठ पर किस किया और उसको धीरे-धीरे चूसा आअह्ह्ह उसकी सिसकी निकल गयी और उसका शरीर सिहरने लगा फिर मैंने निचला होंठ चूमा और चूसा। फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था।

मैं कम से कम 15 मिनट तक उसका लिप्स किस लेता रहा वह मेरा लिप किस में भरपूर साथ दे रही थी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी। फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा। जेन मुझसे कस कर लिपट गयी... मेरे हाथ अब उनके मोमो पर जा चुके थे मैंने उसके गोल-गोल बूब्स को पहले सहलाया फिर चोली के ऊपर से ही दबाया। मैंने महसूस किया उसकेबड़े बड़े बूब्स बहुत नरम मुलायम गोल और सुडोल थे। तभी मेरा हाथ को उसके निप्पल कड़क मह्सूस हुए और लगा कबूतर आज़ाद होना चाहते हैं मैंने चोली के ऊपर से ही उसके बूब्स को चूमा और निप्पल्स को चूसा।

फिर मैंने अपने हाथ को आगे बढ़ा कर उसे जेन की छाती पर आहिस्ता से रखा और बड़े आराम और सकून के साथ अपनी बहन की जवान, भरी और नरम छाती को अपनी गिरफ़्त में लेने की कोशिश करने लगा।

मगर जेन के बूबा इतना बड़ा था कि मेरे हाथ जेन के बूबे से फिसल गए।

जेन के मम्मे बड़े और मोटे होने की वजह से मेरे हाथ में नहीं समा पा रहे थे लेकिन वह लूसी के मम्मो से छोटे ही थे । अब लूसी के मामो का ख्याल आते ही मेरा ध्यान कमरे में बैठी लूसी की तरफ चला गया तो मैंने देखा की उस समय डायना भी लूसी को चूमते हुए उसके मोमे दबा रही थी ।

जेन के मम्मे पर हाथ रखते हुए मैं मम्मे को अपने हाथ से दबाने और सहलाने लगा।

"ओह क्या मस्त और जवान मम्मे हैं तुम्हारे जेन" मैंने जेन की छाती को अपनी हथेली में ले कर मसल्ते हुए कहा।

मेरे हाथ जेन के जवान प्यासे जिस्म के साथ छेड़ छाड़ करने लगे थे।और अपनी चुचियाँ मसलवाने के अमल को वह बहुत पसंद कर रही थी। इस का अंदाज़ा जेन की बंद आँखों और तेज़ी से ऊपर नीचे होते उस के सीने को देख कर बहुत अच्छी तरह लगाया जा सकता था।

मेरे हाथ जेन के-के भारी गुदाज मम्मे को हाथ से मसल रहे थे।जिससे जेन के जिस्म में लगी हुई आग मज़ीद भड़क गयी थी। जिस की वजह से उस के मुँह से एक प्यार भरी सिसकारियाँ निकालने लगी थी। "अह्हह्! ओह्ह्ह!"

मुँह से निकलने वाली सिसकारियों के साथ-साथ नीचे से जेन की चूत भी गीली होने लगी थी।

हम दोनों एक दूसरे की छाती से छाती मिला एक दूसरे से चूमा चाटी में मसरूफ़ थे।

फिर जेन के होंठो और ज़ुबान को सक करते-करते मैं अपने हाथ को जेन की कमर के पीछे ले गया। उसने बैकलेस चोली पहनी हुई थी जो सिर्फ दो डोरियों से बंधी हुई थी और ब्रा नहीं पहनी हुई थी और एक-एक कर अपनी दुल्हन बनी जेन की चोली की डोरियों को ढीली करने लगा। उनकी चोली जिसमे उनके स्तन पूरी तरह फिट थे और बाहर आने को आतुर थे। उसकी चोली स्लीव लेस थी मैंने उसकी चोली के ऊपर की डोरी खोल दी और उसके कंधो और बाँहों पर किस करने लगा। उसके बाद नीचे की भी डोरी खिंच कर ज्यों ही मैंने जेन की चोली की डोरियों को खोला। तो जेन की चोली उस की जवान चुचियाँ से ढीली हो गई।

जिस के साथ ही मैंने बड़े आराम से अपनी जेन की चोली को उतार कर जेन के जिस्म से अलग कर दिया और कबूतर अज़्ज़ाद कर दिए । जब मैंने जेन की चोली को अपने ही हाथों से उस के बदन से उतारा। तो ज़ाजेन की कसी हुई छातियों का दिल कश नज़ारा देखने को मिल गया। जेन शर्मा कर बाहों से छुपाने लगी तो मैंने अपनी बाहे फैला कर कहा अगर तुम्हे छुपना है तो मेरी छाती में छुप सकती हो और वह एकदम मुझसे लिपट गयी ।

मैंने धीरे से उसको अलग किया अभी भी उनके स्तन लाल साडी के पल्लू से ढके हुए थे मैंने धीरे उनके हाथ हटाए और पल्लू कंधे से हटाया । जेन के बड़े-बड़े मम्मो को देख कर मेरे जिस्म में एक मस्ती-सी छा गई और मैंने बिस्तर पर पड़ी गुलाब की पतिया उठा कर बड़े प्यार से जेन की भारी छातियों के ऊपर बिखेर दीं।

जेन के मम्मो पर फूलो की पत्तिया फैंकने के बाद मैं फिर से जेन के भारी मम्मों का जायज़ा लेने लगा। जेन के मम्मे बहुत उम्दा थे एकदम गोल सुडोल और बिलकुल भी ढलके हुए नहीं थे ।

उफ़फ्फ़ क्या नज़ारा था। कि जेन की खूबसूरत भारी छाती पर, उस के हल्के गुलाबी रंग के तने हुए गोल-गोल निपल्स, जेन की 36 इंची छाती पर बड़े फख्र से तन कर खड़े हुए मुझे आमंत्रित कर रहे थे।

मैंने अपना कुरता उतार दिया और जेन को अपनी छाती से लगा लिया और अपनी बाँहों में जकड लिया उसके नरम मुलायम बूब्स का मेरी छाती से दबने लगे मैं अपने आनंद को बयाँ नहीं कर सकता, मैंने जेन का मुँह चूमा और लिप किस करि।

जेन के निपल्स को यूँ अकड़ कर छाती पर खड़ा देख कर मुझे यूँ लगा। जैसे उस कि निपल्स मेरा इंतिज़ार कर रहे हैं कि कब मैं उन को अपने मुँह में ले कर उन की अकड़ को ख़तम कर दू।

इसीलिए मैंने अब अपनी बहन के मम्मे और निपल्स को मज़ीद इंतजार करवाना मुनासिब ना समझा। फिर उसकी छातियों को हाथो से पकड़ लिया और जोर से दबाने लगा दोनों बूब्स एक दम लाल हो गए । फिर मैंने उनके निप्पल्स को पकड़ लिया और मसलने लगा दोनों बूब्स एक दम नरम मुलायम गोल सुडोल थे। जेन के पिंक गुलाबी चुचुक (निप्पल) उत्तेजना से खड़े हो चुके थे। मेरे हाथों ने उनके स्तनों को अपनी हथेलियों में भरा और । मैंने स्तनों को सहलाना शुरू कर दिया। हम दोनों की साँसे तेज-तेज चलने लगी। फिर मैं उनके निप्पल के साथ खेल रहे था । मैं उसके स्तनों को देखे जा रहे था और उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। और फिर मैंने बेताबी से अपना मुँह आगे बढ़ा कर जेन के दाए मम्मे के निपल को अपने गरम होंठो में दबा लिया।

मैं बता नहीं सकता की उस पल क्या अनुभूति हुयी। फिर मैंने दुसरे निप्पल को किस किया और उसे भी चूसना शुरू कर दिया। उसने अपना सर उत्तेजना और आनंद के मारे पीछे की और कर लिया थी। मैंने चूचियों को दांतो से काटा तो मज़े की शिद्दत से उसके मुँह से एक शहद भरी सिसकारी ओह्ह्ह्! निकल कर पूरे कमरे में गूंजने लगी।

जेन की लज़्जत भरी सिसकारी सुन कर मेरे को और जोश आया और मैं जेन की चुचियों को मसलने लगा और वह मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थी, फिर मैंने उनके मोमो को चूसना शुरू कर दिया उनके मोमो कड़क हो गए थे और चुच्चिया कह रही थी हमे जोर से चूसो! मैंने चूचियों को दांतो से कुतरा तो जेन कराह उठी आह यह आह जेन कह रही थी धीरे मेरे राजा धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा ही है उसके बूब्स अब लाल हो चुके थे।

मैं बार-बार बाएँ और दायें निप्पल को चूसना जारी करे रहे जब तक की उसके पूरे शरीर में एक आग-सी न लग गयी। अब मेरा एक हाथ जेन के मम्मे पर था और दूसरा हाथ जेन के दुसरे मम्मे का निपल मेरे मुँह में था।



मैं जेन के मोटे तने हुए निपल को कभी चूसता कभी जीभ से छेड़ता और कभी पूरे स्तन और स्तनों के बीच की घाटी पर अपनी गर्म ज़बान फिरा देता।

जारी रहेगी
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#95
मजे - लूट लो जितने मिले

सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-17

जेन के साथ आलिंगन चुंबन और सहलाना 




मैं जेन के मोटे तने हुए निपल को कभी चूसता कभी जीभ से छेड़ता और कभी पूरे स्तन और स्तनों के बीच की घाटी पर अपनी गर्म ज़बान फिरा देता।

मैंने अपने दाहिने हाथ को, गोरे से कठोर होते जेन के स्तन की तरफ बढ़ा दिया। जेन ने अपनी बंद आंखे खोल दी और खुद को मेरी तरफ धकेला। जेन के दिल की धड़कने तेज हो गयी थी, सांसों की गति बढ़ गयी थी, पेट में लहरे-सी उठने लगी थी, सीने पर विराजमान दोनों उन्नत चोटियाँ हर साँस के साथ उठने गिरने लगी थी। मैंने जेन के जवान जिस्म को अपनी बाहों में जकड के अपने ओंठ जेन के नरम होंठो से मिला दिए. इसीलिए मेरे होंठ अपने होंठो के साथ टकराते ही जेन के जिस्म में उसकी जिस्मानी भूख पूरी आबो-ताब से भड़क उठी और जेन भी जोश में आते हुए अपना मुँह खोला।और मेरी ज़ुबान से अपनी ज़ुबान लड़ाने लगी ।

फिर मैं उसकी जुबान चूसने लगा और जुबान चूसते-चूसते मैंने जेन को बेड पर लिटा दिया और नीचे होकर जल्दी से जेन की साडी को खोला और एक ही झटके में जेन की साडी पेटीकोट और पेंटी को उस के जिस्म से अलग कर दिया।

जैसे ही मैंने पेंटी उतार कर उस के जिस्म के निचले हिस्से को भी नंगा किया। तो जेन पूरी नंगी हो गयी और जेन ने फॉरन अपनी टाँगें हवा में उठा कर, अपनी पानी से तर अपनी गरम फुद्दि को मेरी आँखों के सामने खोल दिया।

मैंने उसके पूरे नग्न स्वर्गीय रूप को उसकी हर पूर्णता को देखा। वह आकृति में बिल्कुल शानदार थी और हर सुंदरता पूरी तरह से विकसित थी जो सर्वशक्तिमान ने कभी नरम और सख्त मांस और रक्त से बनाय हुई, वह सर्वशक्तिमान द्वारा बनाई गई सुंदरता के सबसे शानदार रूपों में से एक थी, जो सुनहरे बालों और सफेद त्वचा के साथ पूरी की गयी थी। उसकी लम्बी सुराहीदार सुंदर गर्दन, चौड़े और चिकने कंधे, चुंबन आमंत्रित करते हुए नाज़ुक गुलाबी निपल्स और सुन्दर चिकनी घाटी के दोनों तरफ़ अलग खड़े हुए और चट्टानों की तरह कठोर गौरवशाली अनार के आकार के शानदार गोल स्तन, उसकी सुंदर गोल भुजाएँ, उसकी छोटी कमर और उसके कूल्हों और नितंबों की असाधारण गोलाइयाँ। इन स्तनों की उत्तेजित और एक उभरी हुई स्थिति में इससे वह और अधिक सुंदर लग रही थी और मुझे गर्व महसूस हो रहा था कि वह मेरी है और मैं अब उसके इस अप्रितम सौंदर्य का पूरा आनंद उठाऊंगा।

जेन की कुंवारी गरम और गीली चूत के मोटे होंठो को देख कर मेरा दिल और लंड मचल उठा और मैंने गरम जोशी से अपने हाथ की एक उंगलि जेन की-की चूत में फिरा दी और कहा "हाईईईईई! मिस जेन तुम्हारी चूत पानी छोड़-छोड़ कर कितनी गीली हो चुकी है मेरी जान" ।

" हाईईई! जेन ने मेरी उंगलि को अपनी फुद्दि के बाहर पा कर मज़े से सिसकते हुए जवाब दिया। आमिर ये सब आपका ही जादू है । जेन ने प्यार से मेरी तरफ हाथ बढ़ाया, मुझे ऊपर खींचा और मेरे चेहरे को सहलाया, मेरे बालो को कंघी करने लगी।

जेन ने अपने भीग चुके होठो को मेरे ओठो पर रख दिया, धीरे से साँस लेकर जेन ने अपने ओठ खोलकर अपनी जीभ को मेरे दांतों के बीच से होते हुए मेरे मुहँ की तरफ ठेल दिया। जेन अब मेरे मुहँ में डालकर डीप किस कर रही थी।

दोनों के मुहँ की लार एक में मिलने लगी। जेन अपनी जुबान से मेरी जुबान चूस रही थी चूम रही थी। उनकी बड़े-बड़े स्तनों से भरी पूरी छाती, मेरे सीने से टकरा रही थी। मैं भी जेन के दोनों स्तनों का भरपूर कसाव दबाव अपने सीने पर महसूस कर पा रहा है, जेन की सांसे तेज चल रही और उसका पूरा शरीर उत्तेजना के कारन कांप रहा था। मैंने अपने हाथ जेन की कमर पर रख दिए और हलके-हलके सहलाते हुए पीठ पर ऊपर बांहों तक ले जाने लगा, थोड़ी देर के बाद सहलाने में कसाव बढ़ गया, पीठ पर ऊपर की तरफ हाथ जाते ही मैं जेन को कसने की कोशिश कने लगा। जिससे पहले से ही सीने से रगड़ रहे कुचल रहे जेन के बड़े स्तन और कसकर मेरे सीने से रगड़ने लगे। जेन के शरीर की कंपकपी बता रही थी की उसकी उत्तेजना बहुत बढ़ गयी है, जेन को मेरी कंपकपी से मेरी उत्तेजना पता लग रही थी, चुम्बन करती हुई जेन मुझे उत्तेजित कर रही थी और बदले में मेरी हरकतों से उसकी उत्तेजना बढ़ रही थी।

उसके बदन में से मेरे लिए वर्षो से जमा प्यार निकल रहा था और खुद उसका शरीर अपने अन्दर की छिपी हुई वासना और हवस का समुन्दर बाहर निकालने को आतुर था।

मैंने उसे अपने पास खींचा और उसे गले लगा लिया और उसे बहुत धीरे चूम, मैं मुस्कुराया "मेरी जेन और मैं हमेशा तुम्हारा टार्जन रहूंगा। मैंने अपनी छाती पर हाथ फेरा और धीरे से बोला-एएएएए... बिल्कुल टार्जन की तरह" और फिर हम दोनों हंस पड़े।

मेरे हाथ उसके बालों में घुस गए और उसने महसूस किया कि मेरे जिस्म से चिपके हुए उसके स्तन सख्त हो गए हैं और उसके निप्पल कड़े हो गए हैं। उसकी त्वचा की गर्माहट और मेरे पर पड़ते हुए उसके वज़न ने अहसास करवा दिया कि उसका शरीर मेरे उन मर्दाना पहलुओं को पसंद करता है। इससे भी अधिक, उसने मेरी सुगंधित गंध, मस्क्युलर पुरुष और डिजाइनर कोलोन के एक आकर्षक-आकर्षक संयोजन की सराहना की। मेरी जीभ ने उसके दांतो को ब्रश किया और उसकी जीब की एक मीठी चूमि लेकर मेरी जीभ वापस लौट आयी । अब उसकी हर तंत्रिका में आग लग गई वह और अधिक चाहती थी।

मैंने उसकी स्थिति भांपते हुए उसके बालो, उसके माथे, उसकी आँखों, उसके गाल पर चुंबनकी बारिश कर दी और फिर, उसके शरीर को अपने और करीब कर लिया और मेरे चुम्बन के लिए हमेशा लोभी रहने वाले उसके लाल होंठो से मेरे होंठ चिपक गए और हम दोनों ने विक्षिप्तो की तरह एक लंबी और मजेदार चुंबन किया जो हम दोनों को आज भी अच्छी तरह से याद है।

मैंने उसे चूमा तो उसके होंठ बंद हो गए, लेकिन एक पल बाद मिस जाने ने चुंबन में भाग लिया और धीरे से, धीरे से, चुंबक से खींचती हुई उसकी रसीली जीभ मेरे मुंह में आ गई और उसके गले से जो रस निकला उसे मैं पि गया और वह मेरी साँसों को पीने लगी। किस करने के दौरान शरीर की सुगंध से हम लोग एक दूसरे के प्रति आकर्षित होने लगे। जेन को देखते ही उसे चूमने का मन करने लगता था और फिर मैं जेन को ताबड़तोड़ चूमने लगा, मैंने जेन के निचले होंठों को अपने होंठों में भर लिया और चूसने लगा, जेन ने भी मस्ती में आँखें बंद कर ली और मेरे चुम्बन का आनंद लेने लगीl

किस के दौरान भावनाओं का सैलाब शरीर के अंदर उमड़ने लगा। इसके अलावा शरीर में उत्तेजना के स्तर को बढ़ाने के लिए भी किस काफ़ी करगार साबित हुआ।

उसके बाद जेन ने मुझे पकड़ कर वापिस मेरे होंठो को किस किया और मेरे सर को जकड़ के अपने मुंह से मुंह लगा दिया और वह मेरे ओंठ चूसने लगी और मैं उसके ओंठ चूसने लगा थोड़ी देर बाद वह मेरा निचला होंठ चूसने लगी और मैं उसका ऊपर का ओंठ चूसने लगा फिर उसने अपना मुंह थोड़ा-सा खोला और मेरी जीभ के मुंह में चली गयी।

जेन मेरी जीब चूसने लगी फिर मेरी झीब से खेलने लगी और मैं जेन की झीभ से खेलने लगा जो मैं करता थी। जेन भी वही कर उसका जवाब देती थी। मैं जीभ फिराता। तो वह भी वैसे ही जीभ फिरा देती थी फिर उसने मेरा ओंठ चूसा तो मैं उसका ओंठ चूसने लगा। वह मेरे साथ लिपट गयी उसका बदन मेरे बदन से चिपक गया उसके दूध मेरी छाती में दब गए थे । जेन के हाथ भी मेरे बदन पर फिर रहे थे। हम दोनों एक दुसरे को बेकरारी से चूमने लगी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट हम एक दुसरे के लबों को चूमते रहे।

फिर रुक कर हमने कुछ सांस ली हमारे होंठ अभी भी जुड़े हुए थे। फिर दोनों ने एक लंबी सांस भरी जो इस बात का संकेत था इस बार ये किश फिर से लम्बी चलने वाली है। हम दोनों चुम्बन करते-करते उसके हाथ मेरी पीठ को सहलाते हुए मेरे नितंबों पर आ गए, उसने मुझे इतनी असाधारण अंतरंगता से खींच लिया था कि ऐसा लगा कि हमारे शरीर आपस में चिपक गए थे। किसी ने भी एक शब्द नहीं बोला-वास्तव में, उस परिस्थितियों में, कुछ भी बोलना असंभव था, क्योंकि हमारी जीभ एक साथ अकथ्य मिठास की एक गाड़ी में एक साथ एक दुसरे को प्रेम रस का आदान प्रदान कर रही थी, जो दोनों ने पहले कभी नहीं किया था। हालाँकि दिन में घुमते हुए भी हमने चुंबन किया था परतु उसमे ऐसी तड़प नहीं थी बल्कि कुछ झिझक और शर्म थी, जबकि अब और की चाह थी और मन चाह रहा था ये कभी समाप्त न हो बस चलता रहे।

मैंने उसकी जांघ पर हाथ फेरा और उसके घुटने से लेकर उसके कूल्हे तक उसकी खूबसूरत टांग को सहलाया। उसका नरम शरीर मेरी बाहों में था और अपनी जांघो पर उसके नरम नितंबों को महसूस किया। फिर हम दोनों ने बार-बार गर्म, भावुक और बेहद कामुक चुंबन किये जिसने हमारी भहावनाओ को भड़का दिया और उत्तेजना के कारण उसका गोरा चेहरा उत्तेजना के साथ लाल हो गया था।

मैंने उसकोी गर्दन पकड़ कर उसके पूरे चेहरे, उसकी पलको और उसके गुलाबी गालो को चूम लिया और उसे अपने गले से लगा कर उसकी बेतहाशा धड़कती हुई धड़कन को महसूस किया। अंत में, उसकी गर्दन को पकडे हुए अपने हाथ को ढीला करते हुए, मैंने अपना सिर उठाया तो मेरी कामुक आँखें उसे घूर रही थीं और उसकी आँखे शर्म और उत्तेजना के मारे बंद थी। उसका ये बेहोश करने वाला रूप मेरे अंदर की वासनाओ को भड़का रहा था

तो मैंने कहा आप मुझे बहुत अच्छी लगती हैं। अब मैंने उसकी तारीफ करनी शुरू कर दी।

मिस जेन आपको ऊपर वाले ने बड़ी फुर्सत से बनाया है। आपकी कमर, गाण्ड, पीठ, गला, स्तन, होंठ चेहरा, सब कुछ शानदार है। तुम सुन्दर गोरी युवती हो जिसके उन्नत उरोज हैंl आपकी फिगर बेहद कामुक और आकर्षक है और जबसे आपको पहली बार देखा था तबसे ही मैं तो आपका दीवाना हूँ।

वह मेरे चेहरे के पास अपना चेहरा ले आयी और बोली मैं भी तबसे तुम्हें प्यार करती हूँ और ये आपके प्यार और आकर्षण का ही जादू है कि मैं आज आपकी प्रेमिका बन आपकी आगोश में अपना कौमार्य आपको सम्पर्पित कर रही हूँ। मैं कुछ भी कह पाता इससे पहले कि उसने मुझे चूमना शुरू कर दिया मैंने उसके चुम्बन का जवाब दिया और उसे वापस चूमना शुरू कर दिया।

मैं उसके रस भरे होंठ चूसने लगा। अगले एक पल में, मेरा बेतहाशा धड़कता हुआ कठोर लंड उसके हाथ में आ गया। उसने हाथ फिरा कर मुट्ठी भर कर मेरे कठोर लैंड की पूरी लम्बाई और आकार का अनुमान लगाया। सुश्री जेन लंड के आकार और कठोरता दोनों पर चकित थीं। मेरे अस्वाभाविक रूप से बड़े लिंग का आकार, जो स्कूल में लड़कों के लिए मनोरंजन और कोतुहल का एक कारण रहा है, ने उसकी आँखों में तुरंत चमक ला दी। उसने मेरे इरेक्शन के ऊपरी वक्र के नीचे अपनी उँगलियों को फंसाया, लंड को अपने हाथ में हिलाया उसका हाथ लंड की परिधि के चारों ओर मध्य-लंबाई पर फैला, केवल उसकी मध्यमा और अंगूठे की मदद से उसने गोल घेरा बना कर लंड को पकड़ा। उसने इसका अध्ययन किया, लंड की लम्बाई-त्वचा के ढीलेपन और लंड के कड़ेपन की खोज की और इसके कारण मेरे पुरुष-शरीर में सराहनीय कंपकंपी उतपन्न हो गयी।

मेरे रोड ने उसके हाथ में एक तुनका लगाया तो वह हंस पड़ी। " यह बहुत सुंदर है, तुम्हारा लंड बहुत बड़ा मोटा और शानदार है। यह लगभग! एक अलग जानवर की तरह लगता है, मुझे इसका रंग पसंद आया और मैं इसकी बड़े गुलाबी टिप को देख सकती हूँ और यह काफी कड़ा होने के साथ-साथ मोटा लम्बा बड़ा और गर्म भी है, निश्चित तुम्हारी प्रेमिकाए सदैव तुमसे बहुत प्रसन्न रहेंगी।

उसने कई बार तेजी से अपनी खोज का आंनद लिया और मेरी लाल गर्म छड़ की पूरी लंबाई पर तेजी से अपना हाथ आगे पीछे घुमाया और मेरे चेहरे को करीब से देखा और मेरे उग्र होते लंड की प्रतिक्रिया को बेहद पसंद किया।

फिर उसने लंड को दबाया और फिर उसने लंड को निचोड़ा तो उसे लंड कड़ा और सख्त महसूस हुआ, तो उसने ध्यान दिया कि मेरी प्रतिक्रियाएँ लंड को सहलाने और निचोड़ने के बीच कैसे भिन्न थीं, "और ऐसी चीज़, यह उपकरण, ये औजार!-यह लड़कियों की योनि के अंदर जाने वाला है?" वह सोचने लगी ओह! तभी लुक को सम्भोग के दौरान इतना दर्द हुआ था ।

बेशक जेन मुझसे और लूसी से उम्र में बड़ी थी, शिक्षिका थी लेकिन एक व्यस्क पुरुष के लंड को इस तरह से देखने और छूने का ये उसका पहला अनुभव था और उसे हैरानी हो रही थी की लूसी की छोटी-सी योनि कैसे मेरे बड़े लंड को झेल गयी थी और साथ ही ये भी समझ गयी थी क्यों पहली चुदाई के दौरान लूसी को इतना दर्द हो रहा था।

आमिर, आप का लिंग सेक्सी और विशाल हैं। मेरा लंड तो ठुमके पर ठुमके लगाने लगा था। जेन टकटकी लगाए मेरे लंड को ही देखती जा रही थी।

बेशक, उसने भी देखा कि यह नज़ारा और उसके नरम हाथो का स्पर्श तेजी से मेरे शरीर में उत्तेजना और लंड में तबाव बढ़ा रहा था और वह बदलाव को करीब से देख सकती थी, जो उसके लिए बहुत ख़ुशी की बात थी। मेरा लंड जल्द ही अपनी पूरी उत्तेजना के कारण फुफकारने लगा और उसके द्वारा छूने, सहलाने और छेड़ने के कारण पूरी उत्तेजित स्थिति में था। जिसे देख वह भी समान रूप से उत्तेजित हो गयी थी, वास्तव में, इससे भी अधिक, इससे पहले कि मैं उसे किसी नई स्थिति में ला पाता, उसने अपनी बांह मेरी कमर के चारों ओर जकड़ ली। आह भरते हुए अपने चेहरे को मेरे सीने पर रख दिया, मेरे खड़े लंड की कठोरता पर कड़ी मेहनत करते हुए, उसने अपना शरीर मेरे करीब धकेल दिया और अपने शरीर का पूरा बजन मेरे शरीर पर डाल दिया।

जेन ने कहा ' आमिर! मैं आपको बहुत चाहती हूँ मेरे प्रेमी!-अरे, मैं आपसे बुरी तरह से प्रेम करती हूँ-यह कह कर वह मेरे नज़दीक आ गयी और मैं दोनों हाथो से स्तनों को हलके-हलके मसलने लगा। जेन के निप्पल कड़े होने लगे। जेन ने आंखे बंद कर ली। फिर मैंने स्तनों को तेजी से मसलना शुरू कर दिया और एक हाथ नाभि सहलाता हुआ, दोनों जांघो के बीच पेट के निचले हिस्से तक पहुच गया। पेट के निचले हिस्से से होते हुए फड़कती चिकनी चूत तक पहुच गया और उंगलिया चूत के दाने के पास तक पहुच गयी।

मैंने चूत के दाने को रगड़ना शुरू कर दिया। अब जेन के मुहँ से सिसकारियाँ निकने लगी। टांगो के बीच की में लगातारमेरा हाथ चल रहा था। उत्तेजना के मारे चूत भी गीली होने लगी। धड़कने और तेज हो गयी। मैं जैसे-जैसे चूत का दाना रगडता, उसके चुतड उछाल लेने लगे।

जारी रहेगी

आपका आमिर
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#96
मजे - लूट लो जितने मिले

सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-18

जेन के साथ आलिंगन चुंबन और सहलाना



मैंने चूत के दाने को रगड़ना शुरू कर दिया। अब जेन के मुहँ से सिसकारियाँ निकने लगी। टांगो के बीच में लगातार मेरा हाथ चल रहा था। उत्तेजना के मारे जेन की चुत भी गीली होने लगी। धड़कने और तेज हो गयी। मैं जैसे-जैसे चूत का दाना रगडता, उसके चुतड उछाल लेने लगे।

जेन ने अपना हाथ भी चूत पर रख दिया, एक हाथ मैं उसकी चुत का दाना रगड़ रहा था और वह दूसरे से चूत को तेजी से सहला रही थी, उसके मुहँ से सिसकारियो की आवाजे तेजी से निकलने लगी, वासना से भरी चूत की दरार से पानी रिसने लगा। उसका पेट और नाभि भी इस उत्तेजना के चरम में फड़फड़ाने लगे, पेट और चुतड उचलने लगे। जेन के हाथो ने चूत को और तेजी से रगड़ना शुरू कर दिया।

जेन की आंखे बंद थी, ओठ भींचे हुए थे, उत्तेजना चरम पर थी। कभी निचले ओठ से ऊपर वाले को काटती, कभी उपरी ओठ से निचले वाले को। सांसे धौकनी की तरह चल रही थी। चूत की दरार से निकलता गीलापन अब उसकी उंगलिया भिगो रहा था, कुछ बह कर जांघो की तरफ बह गया था।

उंगलिया चूत पर तेजी से चल रही थी। जेन बार-बार चुतड ऊपर की तरफ उछाल रही थी। वह ये सब नहीं करना चाहती थी लेकिन शरीर की वासना के आगे बेबस थी। उसकी चूत से लगातार पानी बह रहा था। चूत के पतले ओठो पर नाच रही उंगलियों पर उसका कोई बस नहीं था। चूत की दरार से बहते पानी को रोकने में वह लाचार थी। वासना के कारन थिरकते चुतड को रोकने में असमर्थ थी। उसे पता था ये सब रोकने का अब कोई रास्ता नहीं था। सिसकारियो के बीच उसने अपने एक उंगली चूत की दरार के बीच डाली, फिर दो चार बार अंदर बाहर करने के बाद, दो उंगलियों से चूत के दोनों ओठ फलाये और फिर से उंगली अन्दर घुसेड दी। मैंने मेरे हाथ से दाने को रगड़ना जारी रखा।

धीरे धीरे वह पूरी तरह लेट गयी। दोनों जांघे ऊपर की तरह उठा दी और अब मैंने अपनी दो उंगलियों को कसी चूत के छेद में घुसेड के अन्दर बाहर करने लगा।

जेन की कुवारी चूत बिलकुल कासी हुई थी। जेन चुत में अपनी दोनों उंगलिया को अन्दर डालने के लिए जोर लगाना पड़ रहा था। जेन की कसी हुई चूत की मखमली दीवारे उंगलियों को कस के जकड रही थी। उंगलियों की चुदाई जेन की उत्तेजना में चार चाँद लगा रही थी, जिससे उसे चरम सुख का अनुभव हो रहा था। जेन के मुहँ से लगातार सिसकारियो का सिलसिला चल रहा था, उगलियाँ के चूत में अन्दर बाहर होने से शरीर भी उसी अनुसार लय में आगे पीछे हो रहा था। अब न कोई शर्म थी, न कोई हिचक थी, बस एक आग थी और उसे बुझाना था, उंगलिया अपनी चरम गति से चूत में आ जा रही थी और उसी के साथ मैंने दाने को भी अधिक ताकत और गति से रगड़ने का सिलसिला शुरूकर दिया। जेन की हालत देख कर मेरा लंड भी फटने को हो रहा था।

जेन को लग रहा था जैसे अब चरम अब निकट ही है, एक तूफ़ान जो अन्दर धमाल मचाये हुआ था अब बस गुजर जाने को है। जेन अब बिस्तर पर तेजी से उछाल रही थी। उसकी कमर जोर-जोर के झटके खाने लगी। मेरी उंगलिया जिस गहराई तक जा सकती थी, वहाँ तक जाकर अन्दर बाहर होने लगी। पहले चूत में मेरी एक उंगलि भी बड़ी मुश्किल से जा रही थी अब दो भी आराम से जा रही थी। मेरा हाथ जेन के अन्दर बाहर पूरी ताकत से के झटके दे रहा था। अचानक उसका पूरा शरीर अकड़ गया, सिसकारियो का न रुकने वाला सिलसिला शुरू हो गया, जांघे अपने आप खुलने बंद होने लगी, जबकि मेरी अंगुलियाँ अभी भी चूत की गहराई में गोते लगाकर आ जा रही थी, दाना फूलकर दोगुने साइज़ का हो गया था लेकिन मेने उसे रगड़ना अभी भी बंद नहीं किया था। दाने के रगड़ने से चूत के कोने-कोने तक में उत्तेजना की सिहरन थी। चूत की दीवारों में एक नया प्रकार का सेंसेशन होने लगा, कमर और जांघे अपने आप कापने लगी, जेन को पता चल गया अब चरम निकट है, ये वासना के तूफ़ान की अंतिम लहर है। मैंने चूत से उंगलियाँ निकाल ली, चूत रस तेजी से बाहर की तरफ बहने लगा। सारा शरीर कापने लगा, उत्तेजना के चरम का अहसास ने उसके शरीर पर से बचा खुचा नियंत्रण भी ख़त्म कर दिया।

कमर अपने आप ही हिल रही थी, पैर काँप रहे थे, मुहँ से चरम की आहे निकल रही थी और फिर अंतिम झटके के साथ पूरे शरीर में कंपकपी दौड़ गयी और पूरा शरीर बिस्तर पर धडाम से ढेर हो दया।

जेन आनंद के सागर में गोते लगाते-लगाते लगभग अर्ध मूर्छा की हालत में पंहुच गयी। धीरे-धीरे सांसे काबू में आने लगी, चूत के दाने की सुजन कम होने लगी, स्तनों की कठोरता कम होने लगी। अपनी उखड़ती सांसे संभाले जेन अपने आप के स्त्रीत्व को महसूस करने लगी, उसे अपने औरत होने का अहसास होने लगा। उसने शरीर को ढीला छोड़ दिया।

मैं धीरे-धीरे उसका दूसरा हाथ पकड़ कर धीरे-धीरे खिसकाते हुए नीचे ले गया है और अपनी दोनों जांघो के बीच खड़े लंड पर रख दिया और जेन का हाथ, मेरे तन चुके लंड को सहलाने लगा।

दूसरी तरफ जेन की कमर के आस पास एक नयी सनसनी हुई क्योंकि अब मेरा हाथ जेन के बड़े-बड़े स्तनों को मसल रहा था कुचल रहा था। मेरे लंड में खून का दौरा और तेज हो गया था। मेरा दूसरा हाथ जेन की गोल चिकनी नरम गुदाज गोरी जांघो और नितम्बो की सहलाने लगा। ये सब कुछ मेरी उम्मीदों से बहुत ज्यादा था, जिसकी मैंने कभी कल्पना तक नहीं की थी। मेरा लंड इतना ज्यादा कड़ा हो चूका था कि मुझे और मैंने अगर अन्दर का दहकता लावा बाहर नहीं निकाला, अगर मैंने अब जेन को नहीं चोदा तो कही फट ना जाये।

जेन के हाथ मेरे लंड तक पंहुच गया था उसने मेरे लंड को कसकर पकड़ लिया।

जेन ने महसूस किया की मेरा लंड पकड़ते ही मेरी कमर ने उत्तेजना की कारन झटके लगने शुरू हो गए थे, जेन ने एक हाथ से गरम, खून से भरे मांस की गरम राड, लोहे की तरह सख्त हो चके लड़ को कसकर पकड़ा, मेरा बड़ा लंड पत्थर की तरह कठोर हो चूका था। जेन ने लंड को जड़ से पकड़कर जोर से ऊपर नीचे किया तो मैं कराह उठा और मेरे चहरे पर उत्तेजना नजर आ रही थी। जेन ने जीभ से अपने ओठो को गीला किया और तेज खून के बहाव के चलते कांपते लोहे की तरह सख्त हो चुके लंड को भूखी नजरो से देखते हुए जेन ने लंड से खेलना शुरू कर दिया, लंड की खाल को धीरे-धीरे ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया। जेन की उंगलियों की मालिश से मुझे बड़ा अच्छा फील हो रहा था, इतना अच्छा मुझे उस दिन तक किसी दूसरी चीज से नहीं अनुभव हुआ था। जेन के कोमल हाथो से मेरे लंड पर लग रहे झटके से इतना अच्छा मुझे कभी महसूस नहीं हुआ था।

जेन ने फुर्ती से बिस्तर के पास से तेल की शीशी को उठाया और मेरे लंड पर उड़ेल दिया और लंड के चारो और तेजी से हाथ ऊपर नीचे करने लगी। जेन के हाथ नीचे जाते ही तेल से सना सुपाड़ा चमकने लगता और ऊपर आते ही मुठी में घुस कर गुम हो जाता। तेल लगाने से अब हाथ आसानी से लंड पर फिसल रहे थे।

जैसे जैसे जेन मेरे खड़े लंड पर झटको को स्मूथ और लयदार ऊपर नीचे करती उसी तरह मेरी कमर भी झटके मारती रहती। धीरे-धीरे जेन ने स्ट्रोक्स की रफ़्तार बढ़ा दी, बीच-बीच अपने ओठो पर अपनी जुबान फिराती रहती। अब उसने लंड पर हथेली की कसावट और तेज कर दी थी और अपनी पूरी स्पीड से लंड की खाल को ऊपर नीचे करने लगी। तभी लंड के सुपारे पर उसे वीर्य के निकलने से पहले निकलने वाली कुछ बूंदे नजर आई। जेन ने हाथो के ऊपर नीचे करने की स्पीड कम कर दी और फिर कलात्मक तरीके से उंगलियाँ लंड पर फिराने लगी। हवस की आग में जलती जेन की अतृप्त कामवासना उससे कुछ नए खेल खिलवाना चाहती थी। अब सही गलत सबका भेद मिट गया था। बस अब वासना ही रह गयी थी।

मैंने उसके गालो पर चुम्बन किया वह हलके-हलके मुस्कराने लगी मैंने फिर उसके गालो को चाटा। बहुत मोठा स्वाद था फिर मैंने ऊपरी होंठ पर किस किया और उसको धीरे-धीरे चूसा आअह्ह्ह उसकी सिसकी निकल गयी और उसका शरीर सिहरने लगा फिर मैंने निचला होंठ चूमा और चूसा। फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट तक उसका लिप्स किस लेता रहा वह मेरा लिप किस में भरपूर साथ दे रही थी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी। फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा।

मैंने जेन की छातियों को हाथो से पकड़ लिया और जोर से दबाने लगा दोनों बूब्स एक दम लाल हो गए ... फिर मैंने उनके निप्पल्स को पकड़ लिया और मसलने लगा दोनों बूब्स एक दम नरम मुलायम गोल सुडोल थे। जेन के पिंक गुलाबी चुचुक उत्तेजना से खड़े हो चुके थे। मेरे हाथों ने उनके स्तनों को अपनी हथेलियों में भरा और उन्हें किस करने लगा। मैंने स्तनों को सहलाना शुरू कर दिया। हम दोनों की साँसे तेज-तेज चलने लगी।

मैंने जेन को अपनी छाती से लगा लिया और अपनी बाँहों में जकड लिया उसके नरम मुलायम बूब्स का मेरी छाती से दबने लगे मैं अपने आनंद को बयाँ नहीं कर सकता, मैंने जेन का मुँह चूमा और लिप किस करि। फिर मैं उनके निप्पल के साथ खेला मैंने एक निप्पल अपने मुह में रखा और उसे चूसने लगा ।नहीं बता सकता की उस पल क्या अनुभूति हुयी। फिर मैंने दुसरे निप्पल को किस किया और उसे भी चूसना शुरू कर दिया। उसने अपना सर उत्तेजना और आनंद के मारे पीछे की और कर लिया थी। मैंने चूचियों को दांतो से काटा जेन कराह उठी

मै उनकी चुचियों को मसलने लगा और वह मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थी। फिर मैंने उनके मोमो को चूसना शुरू कर दिया उनके मोमो कड़क हो गए थे। मैंने चूचियों को दांतो से काटा जेन कराह उठी आह कह रही थी धीरे मेरेआमिर धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा ही है उसके बूब्स अब लाल हो चुके थे

इस बीच जेन धीरे-धीरे सुपाडे को उंगलियों से सहलाने लगी और उंगलियों से मेरे लंड की मालिश करनेटी रही। इतने प्यार और जादुई तरीके से लंड की मालिश होने से मैं आनंद की सागर में गोते लगाने लगा। लंड को फुफकारते हुए देख उसका मन करने लगा की लंड को चूसना चाहिए।


जारी रहेगी

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#97
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सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-19

जेन ने की लंड की चुसाई 




मेरा 8 इंची लम्बा 3 इंची मोटा लंड तनकर पूरा 90 डिग्री का हो गया था। जेन ने अपने जीवन में कभी 8 इंच का इतना बड़ा लंड नहीं देखा था। वह इस नजारे से पूरी तरह मंत्रमुग्ध हो गई थी। मेरे लंड को बड़े प्यार से देख रही थी तो मैंने पूछ लिया क्या हुआ मिस जेन?

जेन बोली मेरा तुम्हारा लिंग बहुत शानदार और बड़ा है। वह अपना मुँह मेरे लंड के चार इंच करीब तक ले आयी और फिर मैंने अपने कूल्हों को हिलाया तो मेरा लंड उसकी आँख के ठीक नीचे, उसके गाल को छू गया। नरम गाल पर लंड के स्पर्श का एहसास अध्भुत था। वह अपने गाल के से टच हो रहे लंड की गरमी और चिकनाहट को महसूस कर रही थी ।

मैंने मिस जेन को मेरे लंड पर प्यार करने को कहा। पहले तो वे घबराई फिर मेरे कहने पर लंड पर प्यार से सहलाने लगी। फिर उसने मेरे कड़े, फड़कते और तने हुए लंड को पकड़ कर नीचे की तरफ झुकी और पोजीशन बनाकर ऐसे झुकी की लंड उसके मुहँ के सामने आ जाये। जब लंड का सुपाडा मुहँ से बस एक इंच दूर रहा गया उसने लंड पर एक मीठी किश कर दी। ये पहली बार था जब मेरे लंड को किश की गयी थी। फिर जेन ने दुबारा लंड पर किस की और बोली आमिर मैं तुम्हारा लंड चूसना चाहती हूँ। मैं तुमारे लोहे जैसे सख्त कठोर तड़पते फूले लंड को अपने मुहँ में लेकर आइसक्रीम की तरह चूसूंगी। मैंने लंड पहले कभी नहीं चुसवाया था तो ये सुन कर मुझे उत्तेजना होने लगी खड़े फूले हुए कठोर लंड के लिए उसके मुहँ और गुलाबी गीले ओठ से चुसवाने के ख्याल से मेरे शरीर में एक सिरहन-सी दौड़ा गयी। फिर से उसने झुकते हुए पोजीशन बनाकर अपना मुँह लंड के मुहँ के सामने ले आयी। जब लंड का सुपाडा जेन के मुहँ से बस एक इंच दूर रहा गया तो जेन ने थोड़े से ओठ खोले और एक हल्की-सी फूंक लंड के सुपाडे पर मारी। उसकी उंगलियों ने हलके-हलके लंड को रगड़ना शुरू कर दिया।

फिर जेन के लंड को कसकर पकड़कर तीन बार जोर से ऊपर नीचे किया। मैं मजे और आनंन्द से कराहने लगा। उसके बाद जेन ने थोड़ा और ओठ खोले, ओठो पर जीभ फिरा कर ओंठो को गीला किया। फिर थोड़ा-सा और झुक कर पूरी जीभ बाहर निकाल ली। जीभ का अगला हिस्सा सुपाडे के छेद तक पंहुच गया था, जेन ने लंड को जीभ से चाट लिया।

लंड के स्वाद से जेन की काम वासना और ज्यादा भड़क गयी। जेन के जीवन में भी ये पहला मौका था जब वह लंड चूसने जा रही थी। एक दो बार सुपाडा चाटने के बाद जेन ने थोड़े और ओठ चौड़े किये और मुहँ खोला और धीरे से मेरे लंड के सुपाडे के चारो ओर ओठो का घेरा बना लिया। जेन की लार से सनी लसलसी जीभ अब सुपाडे के चारो ओर घूम रही थी। लंडमुंड अब आधा मुँह में और आधा बाहर था। मेरी आह निकली।

मेरी कामुक कराहे मेरी उत्तेजना के साथ बढ़ रही थी और नितम्ब बढ़ती उत्तेजना के कारन ऐठ रहे थे। जेन अपने हाथ को फिर से लंड की जड़ में ले गयी और उसने मेरे अंडकोष सहलाये और लंड के सुपाडे के थोड़ा-सा और मुहँ के अन्दर धकेला और लंड का लाल सुपाडा जेन के गीले और गरम मुहँ में समा गया। जैसे ने जेन ने लार से भरा मुहँ से मेरी कमर के झटके से हिलते लंड के सुपाडे को पहली बार चूसा, मेरे मुहँ से हल्की-सी मादक आह निकल गयी।

जेन की लार से सनी गुनगुनी जीभ मेरे फूले हुए टमाटर की तरह लाल हो चुके सुपाडे के चारो तरफ घूम रही थी बीच-बीच में मुहँ खोलकर जेन अपनी लम्बी जीभ लंड पर फिराती हुई नीचे की तरफ ले जाती और फिर शरारतपूर्ण तरीके से वापस मुहँ में ले आती।

जेन मेरे लंड के सुपाडे पर जीभ फिरा रही थी। सुपाडे को जीभ से ऐसे चाट रही थी जैसे लोलीपोप चूसा जाता है।

उसके बाद जेन ने सुपाडे को कसकर ओठो से जकड लिया। ओठ बंद करके सुपाडा चूसने लगती और धीरे-धीरे अपना सर हिलाने लगी, मैं मजे से भरी कामुक लम्बी कराहे भर रहा था।

कुछ देर बाद मेरा हाथ जेन के सर तक पंहुच गया, उसने जेन के सुनहरे बालो को मजबूती से पकड़ लिया और उसके सर को नीचे की तरफ ठेलने लगा। जेन मेरी और से इस तरह के आचरण के लिए बिलकुल तैयार नहीं थी। उसे मेरा पूरा लंड गटकना पड़ा। मेरा लंड उसके ओठो को चीरता हुआ, खुरधुरी जीभ पर से गुजरता हुआ जेन के गले तक पंहुच गया। जेन को लगा किसी ने उसका गला घोट दिया, अन्दर की साँस अन्दर रह गयी बाहर की बाहर, उसका दम घुटते-घुटते बचा था। उसको तेज खांसी-सी आ गयी और मुहँ में पूरा लंड होने की वजह से घुट कर रह गयी।

जेन के अन्दर विरोध और आनन्द दोनों के भाव थे, वह मुझे रोकना चाहती थी ये-ये भी चाहती थी की ये चलता रहे क्योंकि इस तकलीफ में भी उसे मजा आ रहा था। मेरी ये आक्रामकता जेन को अच्छी लग रही थी असल में उसे गर्व हो रहा था कि मैं इतनी जल्दी मुहँ चोदना सीख गया था। जेन ने मुहँ से ही लम्बी साँस ली और मेरे लंड की जड़ के चारो ओर सख्ती से अपने ओठ कसे दिए और जेन मेरा पूरा लंड गले में अंदर ले गयी है, इस बात का अहसास होते ही मेरी मादक कराहे पूरे कमरे में गूजने लगी, उसकी हिलती कमर के साथ उसका पूरा शरीर कम्पन करने लगा।

साथ में बैठी हुई लूसी और डायना हमारा मुख मैथुन और जेन के मुँह की चुदाई बड़े गौर से देख रही थी।

जेन जोर-जोर से चीख कर कहना चाहती थी-हाँ आमिर इसी तरह से धक्के मार-मार कर उसके मुहँ को चोद डालो, कसकर चोदो और दम लगाकर चोदो और चोदते रहो। लेकिन कह नहीं पाई क्योंकि लंड उसके मुँह में गले तक अंदर था, मेरी कमर जोर से धक्का मार के लंड को जेन के मुहँ में बार-बार गले तक पहुँचा रही था, लेकिन अब मेरा शरीर उत्तेजना के आवेश में कांप रहा था इसलिए मेरे झटको में स्थिरता की कमी थी और ये ज्यादा देर तक करना खतरनाक था। इससे जेन के मुहँ में मेरा खड़ा हुआ कठोर लंड इधर उधर टकरा सकता था या जेन के दांत लंड पर लग सकते थे। जो की काफी दर्दनाक हो सकता था और जेन ये भली भांति जानती थी।

जेन ने अपना हाथ मेरे हाथ पर रखा और रुकने का इशारा किया। मैं अब काम वासना में डूब चूका था इसलिए नहीं रुका तो जेन ने झटके से-से खुद को अलग किया, एक लम्बी साँस इस तरह ली जैसे किसी का कुछ देर तक गला दबाये रखो फिर छोड़ दो तो वह जैसे सांस लेगा जेन की हालत भी कुछ ऐसी हो गयी थी। वह जोर से खांसी और उसने दो तीन सांसे जोर-जोर से ली फिर बोली जब मैं चूस रही हूँ तो आमिर मुझे अपने तरीके से चूसने दो। आप तो ऐसा मेरा डीएम घोंट दोगो और लंड पर मेरे दांत लग सकते हैं।

मैंने जेन के सर से तुरंत हाथ हटा लिया और बोलै सॉरी मिस जेन मैं अपना नियंत्रण खो बैठा था।

जेन आमिर प्यार से करो चुदाई में चुसाई प्यार से करने की चीजे होती है इनमे जल्दबाजी ठीक नहीं। मुझे करने दो। क्या आपको मजा नहीं आ रहा। अगर आ रहा है तो जल्दबाजी क्यों? मैं आपको मुहँ चोदने का तरीका बताती हूँ। इतना कहकर जेन ने लंड पकड़कर मुहँ में ले लिया और कसे ओठो के साथ पूरा अन्दर लेती चली गयी।

पहले जहाँ जेन सिर्फ मेरे लंड के सुपाडे से खेल रही थी अब पूरा लंड मुहँ में लेकर चूस रही थी। जेन नेमुझे इशारे में अपनी कमर हिलाने को कहा, मैं धीरे-धीरे कमर को झटके देने लगा। जेन के कसे ओठो से गुजरता हुआ लंड पूरा का पूरा मुहँ में समा जाता और फिर एक झटके में बाहर आ जाता। उसने अपने हाथ की उंगली और अंगूठे से एक छल्ला-सा लंड की जड़ में बना लिया था। इससे वह लंड के इधर उधर भागने या तिरछा हो जाने को रोक सकती थी। अब जेन के मुहँ और प्रियम के लंड के बीच में उसका हाथ था जिससे वह ज्यादा तेज धक्के को नियंत्रित कर सकती थी। अब उसने दुसरे हाथ से मेरे नितम्ब दबा दिए तो मैं समझ गया की अब वह जोर से मुँह की चुदाई के लिए इशारा कर रही है जब मैं अपने नितम्बो को जोर-जोर से उछालने लगा तो जेन ने अपने ओठो का कसाव थोडा कम कर दिया और लंड की जड़ से अपने हाथ का घेराव हटा लिया ताकि मेरा लंड आसानी से पूरा का पूरा मुहँ में चला जाये और मुझे मुहँ चोदने का भरपूर आनंद मिले। लंड स्त्रियों के किसी भी छेद में पूरा का पूरा समा जाने को हमेशा आतुर रहता है। बार-बार जेन को अहसाह हो रहा था कि खून से भरा, खड़ा हुआ कठोर फड़कता गरम लंड उसके नरम-नरम गुनगुने गीले मुहँ में ठेला जा रहा है। मेरी कमर को जोर-जोर से हिलाने से पूरी तरह से खून से लबालब भरा फड़कता लंड का सुपाडा जीभ की पूरी लम्बाई तय करके मुहँ के आखिरी छोर गले तक जा रहा था।

वासना की प्रबलता के कारन जेन ने अपनी आँखे बंद कर ली, वह भी प्रियम की कमर से लय मिलाकर अपना सर लंड पर आगे पीछे करने लगी। अब लंड जिस अधिकतम गहराई तक मुहँ में जा सकता था जा रहा था। लंड के अन्दर जाते ही जेन अपने जीभ लंड पर फेरने लगती। इससे लंड गीला हो जाता था और आसानी से अन्दर बाहर हो रहा था। कमरे में बस लंड चूसने और मेरे कराहने की आवाजे ही सुनाई पड़ रही थी।

मैंने ध्यान से देखा कि जेन के होंठ मेरे बड़े मोटे लंड के आस-पास तक फैले हुए थे उसके गर्म और नम मोटे होठों के बीच से मेरा लंड उसके मुँह के अंदर और बाहर हो रहा था हैं। क्योंकि मेरा लंड बहुत लंबा है (लगभग 8 इंच) और इसकी मोटाई के कारण जेन का मुँह पूरा खुला हुआ था। मैंने जेन के सिर को अपने दोनों हाथों से पकड़कर मेरे लंड की तरफ जोर से दबा दिया।

जेन ने अपना-अपना शरीर और आत्मा सब कुछ बस मेरे लंड चूसने में झोक दिया था, दिल आत्मा मन शरीर सब कुछ लगाकर वह बस मेरा पूरा का पूरा लंड अपने मुहँ की गहराई तक ले रही थी। लंड पर उसके ओठो का कसाव अभी भी उतना ही तगड़ा था, उसके ओठो के कसाव को चीरते हुए लंड बार-बार जेन के मुहँ में गले तक आ जा रहा था। हम दोनों में काम वासना में डूबे हुए बिना नखरे के मुख मैथुन कर रहे थे और इस पहले अनुभव का पूरा आनद ले रहे थे।

जेन काफी देर से बेड पर झुके हुए मेरा लंड चूस रही थी इसलिए उसकी गर्दन और कंधे दर्द करने लगे थे लेकिन उसको इसकी कोई परवाह ही नहीं थी। वह मेरे लंड को और ज्यादा कसकर पकड़कर आक्रामक और वाइल्ड तरीके से चूसने लगी, आखिरकार वह सालो से इस लंड की भूखी थी।

मैं आनद में गोते लगाते हुए बोलै-आह मिस जेन बहुत मजा आ रहा है, क्या लंड चूसती हो आप। आह-आह आह...और जोर से और अन्दर तक लेकर चूसो आह-आह अह्ह्ह्ह।

वासना से भरे भूखे आदमी की तरह जेन के कसमसाते नितम्बो और ऊपर नीचे हिलते हुए जेन के स्तनों को देखकर मैंने अपने लंड के धक्के जेन के नरम गीले मुहँ में और तेज कर दिए। फिर खुद को न रोक पाते हुए मैंने कापते हुए एक हाथ जेन के नितम्ब की तरफ बढ़ाया।

जेन के शरीर में एक सिहरन सी दौड़ गयी जब मैंने उसके गोलाकार ठोस मांसल चुतड को हाथ हाथ भरने की कोशिश करने लगा। जेन ने फूले हुए लंड चूसते चूसते बीच में एक लम्बी साँस ली, और एक पल को ठहर सी गयी, जब उसे अहसाह हुआ की मेरी उंगलियाँ उसके चुतड की दरार के बीच नाच रही है। जेन ने लंड चूसने के रफ़्तार और बढ़ा दी । इस तरह का कामुक समर्पण और काम पीड़ा उसके अन्दर भी है उसे तो पता ही नहीं था।

जारी रहेगी

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मजे - लूट लो जितने मिले

सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-20

जेन के मुँह में पिचकारी 




जेन के शरीर में एक सिहरन-सी दौड़ गयी जब मैंने उसके गोलाकार ठोस मांसल चुतड को हाथ-हाथ भरने की कोशिश करने लगा। जेन ने फूले हुए लंड चूसते-चूसते बीच में एक लम्बी साँस ली और एक पल को ठहर-सी गयी, जब उसे अहसाह हुआ की मेरी उंगलियाँ उसके चुतड की दरार के बीच नाच रही है। जेन ने लंड चूसने के रफ़्तार और बढ़ा दी। इस तरह का कामुक समर्पण और काम पीड़ा उसके अन्दर भी है उसे तो पता ही नहीं था।

मेरी उंगलिया जांघो के अन्दर घुस कर उसकी जांघो को सहला रही थी। वह कमर के नीचे पूरी तरह से नंगी थी, फिर मैंने उसकी चिकनी गीली हो चुकी चूत को सहलाने लगा तो इससे जेन का खुद पर से बचा खुचा नियंत्रण भी समाप्त हो रहा था। जेन पूरी गति सेमेरे लंड को चूस रही थी, उसका हाथ और ओठ लंड पर ऊपर नीचे तेजी से हो रहे थे और मेरी उंगलिया जेन की चूत के ओंठो पर विचरण कर रही थी। जिससे चूत के ओठ उत्तेजना से कांपने लगे।

उसके बाद एक तेज सिसकारी जेन के मुहँ से निकली, मेरी एक उंगली ने चूत के गीले हो चुके ओठ पर से गुजरते हुए, ठोस खून से भरे लाल, उत्तेजना से फडकते, कली नुमा चूत के दाने को छु लिया। जेन के नितम्ब अपने आप ही हिलने लगे, उसको गोरी चिकनी गुदाज जांघे कापने लगी।

मेरी मिडिल फिंगर जेन के चूतडो की दारार को सहलाती हुई गांड के छेद पर से गुजरी तो मैंने मिडिल फिंगर से गांड के छेद पर हल्का दबाव डाला और आगे सहलाते हुए चला गया। जेन के शरीर में पहले से भी ज्यादा तेज सिहरन दौड़ गयी। जेन ने अब पागलो की तरह मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया और उत्तेजना के मारे लंड पर दांत भी गड़ाने लगी, फिर और जोरदार तरीके से लंड को चूसने लगी।

जेन जिस तरह से मेरे लंड पर पूरी तरह झुककर तेजी से पागलो की तरह लंड को बेतहाशा मुहँ में पूरा का पूरा ले रही थी, इससे मेरी कराहने की आवाज और बढ़ गयी। कराहते हुए मैंने एक बार फिर अपना ध्यान जेन के लगभग नंगे हो चुके चुतड और चूत की तरफ लगाया। मेरी मिडिल उंगली गांड के छेद से हटकर जेन की चूत पर आ गयी और नीचे से ऊपर की तरफ चूत के ओठो को रगड़ने लगी। उगली रगड़ते-रगड़ते चूत के फूले दाने के पास तक जाती और फिर नीचे आ जाती। कभी-कभी दाने को भी छु लेती और तभी जेन के पूरे शरीर में सिहरन दौड़ जाती। इसके बादमैंने जेन के चूत के ओठो अलग करते हुए, अपनी उंगली जेन की गरम गीली मखमली गुलाबी चूत के अन्दर घुसा दी। मेरा पूरा शरीर चूत के स्पर्श से रोमांचित हो गया। इधर जेन ने भी मेरा लंड चूसने में कोई कोर कसर बाकि नहीं रखी।

मैं–ओह ओह्ह ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह मिस जेन! वह भी उत्तेजना से कांपने लगी।

इसे उत्तेजना में मेरे लण्ड से मेरा पूर्व वीर्य द्रव उसकी जीभ पर रिस गया। यह अविश्वसनीय उत्साह का मिश्रण था, जहाँ वह भी उत्तेजना से कांप रही थी। उसके बादजेन ने थोड़ा और ओठ खोले, ओठो पर जीभ फिरा कर उसको गीला किया। फिर थोड़ा-सा और झुक कर पूरी जीभ बाहर निकाल ली। जीभ का अगला हिस्सा सुपाडे के छेद तक पंहुच गया था, मिस जेन ने जल्दी से प्रीकम की निकल आई बूंदों को जीभ से चाट लिया।

प्रीकम की बूंदों के स्वाद ने जेन की भूख और बढ़ा दी। वह मेरे लंड को अपने मुँह में फूला हुआ महसूस कर रही थी, जब मैंने धक्का दिया तो मेरे अंडकोष उसकी ठोड़ी से टकराये उसने मेरे लंड को उसके मुंह से बाहर निकाल दिया।

मैंने अपने लिंग को तब इतना ही बाहर निकाला कि अब केवल फूला हुआ लंडमुंड ही उसके मुंह में था और मैं कराह उठा, "मस जेन अब बस लंडमुंड चूसो ... ओह, हाँ ... यह ... आप उस पर अपनी जीभ का उपयोग करें ... ओह, हाँ, यह अच्छा लगता है ..."

मेरे लंड का प्लम के आकार का लंडमुंड मेरे लंड से बड़ा हो गया था, इसलिए एक बार उसके सामने के दांतों मेरे लंड पर लगे तो मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसके दांतों से बचा कर चूसने के लिए-लिए सख्ती से फुसफुसाया। तो उसने लंड के अपने मुँह से मुक्त कर दिया। वह अपनी आँखें बंद करके, अपना मुँह खोल कर मज़े ले रही थी और मेरे लंड उसके मुँह के बाहर था। मैंने लंड को उस खाली जगह में वापस धकेल दिया और वह वापस अपनी जीभ से लंड के सिर को रगड़ती चली गई। अब वह मेरे लंड को एक लोली पॉप की तरह से जीभ फिरा कर चूसने लगी। अब उसके मुँह की लार से वह वास्तव में मेरे लंड को स्पॉन्ज कर रही थी और जिस तरह से उसकी लार और मुँह के तरल पदार्थ मेरे लंड पर लेप कर रहे थे।

थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद, मैंने रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी और अपने लंड को उसके मुंह में ज्यादा से ज्यादा घुसेड़ दिया। इससे उसे इस बात का अहसास हुआ कि इस दर पर, मैं बहुत जल्द उसके मुंह में पिचकारियाँ मारूंगा।

वह मेरे वीर्य को इतने करीब से निकलते हुए देखने की संभावनाओं से उल्लेखनीय रूप से उत्साहित थी। मैं उसके चेहरे पर पिचकारी मारूंगा ये तथ्य उसे परेशान नहीं कर रहा था बल्कि उसे लगा यह देखना रोमांचकारी होगा और उसे लगा कि वह बाद में सफाई कर सकती है।

मैंने अपने अब तक के जीवन में ऐसा कुछ कभी अनुभव नहीं किया था। मुझे एहसास हुआ की अब कभी भी जेन के लंड चूसते मुहँ के अन्दर उसके अन्दर उबल रहे गरम लावे की शूटिंग शुरू हो सकती है। मेरे लंड पर जेन की जीभ और ओठो का गीला नरम स्पर्श उसके चरम आनंद की अनुभूति करा रहा था। मुझे पता था अब उसका नियंत्रण कभी भी टूट सकता है मैं कभी भी जेन के मुहँ में झड़ना शुरू कर सकता हूँ।

अब मेरा लंड और कठोर हो गया था और लंड का सर भी फूल कर उसकी जीभ से भी बड़ा हो गया था। उस समय मैं अपना पूरा लंड उसके मुँह में घुसा देता था, लेकिन लंड को केवल आंशिक रूप से बाहर खींच रहा था। मैंने अपने हाथों को उसके सिर से हटा दिया।

मेरी टांगे तनने लगी चुतड सिकुड़ने लगे, अब उसका खुद को काबू में रखना असंभव था, फिर भी जेन की चूत से खेलने के लालच में मैं खुद को थोड़ी देर और रोकने की नाकाम कोशिश करने लगा। लेकिन जेन अपनी पूरी स्पीड से मेरा लंड चूस रही थी, इसलिए अब ज्यादा देर तक मेरा रुक पाना असंभव था। इससे पहले किसी भी औरत ने मेरे लंड को चूसा नहीं था इसलिए इतनी उत्तेजना मैं संभल नहीं पा रहा था। मुझे अहसाह होने लगा था अब गरम सफ़ेद गाढ़ा लावा बस निकलने ही वाला है और दुनिया में कोई भी तरीका ऐसा नहीं जो इसे रोक सके। जेन ने महसूस किया की मेरा शरीर अकड़ने लगा है और वह भी बेतहाशा तरीके से चूस-चूस के थक चुकी थी इसलिए उसको भी अब जल्दी मची थी। उसने भी अपनी जांघे और कुल्हे जोर-जोर से झटकने शुरू कर दिए, वह चूत में घुसी मेरी उंगली के इर्द गिर्द अपनी कमर और कुल्हे हिलाने लगी, ताकि उसकी गीली चिकनी मखमली चूत भी साथ में झड जाये।

मैं-ओह ओह्ह्ह ओह्ह्ह्ह मुझे कुछ हो रहा है मिस जेन ऐसा लगता है मेरे लंड से कुछ बाहर निकलने वाला है लगता है मैं झड़ने वाला हूँ। ओ ओह्ह्ह। अब मैं और नहीं रोक सकता।

मेरा कुल्हा पहले ऊपर उठा फिर नीचे गिरा। जेन अबमेरा रस अपने मुहँ में ही गिराना चाहती है ताकि एक भी बूँद बेकार न जाये। उस समय मैं नौसखियो की तरह इधर उधर हिल रहा था, लेकिन जेन ने कठोरता से उसका लंड थामे रखा और मुहँ में गले की गहराई तक ले जा कर पूरा अन्दर लेती रही। जेन ने इससे पहले कभी किसी के लंड का रस अपने मुहँ में नहीं गिराया था लेकिन वोमेरा लंड रस मुहँ में लेने को त्यार थी। वह चाहती थी मैं सिर्फ और सिर्फ उसके मुंह में झडूं।

काम उत्तेजना के चरम पर मैंने बेदर्दी से अपना लंड जेन के मुहँ में पेल दिया, उसका लार से सना, फूला कठोर लंड जेन के ओठो को चीरता हुआ जेन के मुहँ में घुसता चला गया और जब तक जेन के ओठ लंड की जड़ तक नहीं पंहुच गए, लंड सरसराता हुआ मुहँ में जाता रहा। फिर मैंने एक लम्बी कराह ली और अपने लंड को पूरी तरह जेन के हवाले कर दिया और खुद की उंगली और ज्यादा तेजी से जेन की चूत में अन्दर बाहर करने लगा। मुझे अपनी गोलियों में फट रहे ज्वालामुखी की आग उगलती हुई उत्तेजना साफ़ महसूस होने लगी। लग रहा था गरम धधकते लावे की एक तेज लहर मेरे गोलियों को छोड़कर आगे की तरफ निकल पड़ी थी।

तभी जेन ने मुँह पीछे कर लिया और मेरा लंड का मुँह उस समय उसके गले के प्रवेश द्वार के ठीक सामने था ठीक उस समय मैं उत्कर्ष पर पहुँचा और उसके मुँह में पिचकारी मार दी। वीर्य की बड़ी धार उसके गले तक जा कर लगी और वही चिपक गयी और वह तुरंत उस गाढ़े और मोटी वीर्य की धार को निगलने की कोशिश करने लगी। एकमात्र समस्या यह थी कि इसकी चिपचिपाहट के कारण, वह वीर्य जिस गति से निकलन रहा था उस गति से वह वीर्य की निगल नहीं पायी।

साथ ही मैं लंड को आगे पीछे भी कर रहा था जिससे मेरे अंडकोष उसकी नाक से टकरा कर नाक को भी दबा रहे थे, उसके मुँह में मेरा लंड ठूसा हुआ था इसलिए वह केवल नाक से ही या जब लंड बाहर निकलता था तब ही साँस ले सकती थी। मैं उसकी सांस लेने तक अपने शुक्राणु की पिचकारी मार रहा था।

जब उसे सांस लेने में दिक्कत हुए तो वह खाँसने लगी, तो उसकी नाक से मेरे वीर्य निकल आया, मैंने उसके मुँह के अंदर पम्पिंग करनी और पिचकारियाँ मारनी जारी रखि। बलगम और शुक्राणु से उसका नाक मुँह और गला भर गया जिससे खांसी होती थी और अब निगलना और भी कठिन हो गया। उसने कातर निगाहो से मेरी और देखा तो मैंने लंड बाहर निकाल लिया और आखरी कुछ पिचकारियाँ उसके मुँह पर मार दी जिससे मेरे वीर्य उसके मुँह आँखो गालो माथे और बालो तक फ़ैल गया

तभी जेन ने अपने गीले मुहँ में मेरे सफ़ेद गाढे लंड रस की गरम ताजा बूँद महसूस की, जिसे वह तुरंत ही गटक गयी, ताकि इस बार दम घुटने की कोई गुंजाईश न रहे और लंड अपनी गहराई तक जा कर पूरा समाये और झड़ता रहे।

जिस तरह मैं इस समय झड रहा था बिलकुल इसी तरह की संवेदना और करंट वह भी अपने कमर के आसपास महसूस कर रही थी जहाँ मैं तेजी से अपनी उंगली जेन की चिकनी गीली चूत में अन्दर बाहर कर रहा था। जेन की चूत में भी झड़ना शुरू होने का कम्पन महसूस होने लगा था, एक गुदगुदी भरी कंपकपी से उसकी चूत की दीवारे झनझनाने लगी थी। उसका पूरा शरीर अकड़ा। वह भी मेरे लंड को जोर-जोर से चूसने लगी जिसके कारन मेरे नितम्ब तेजी से हिल रहे थे कांप रहे थे। जेन के ओठो की सख्ती चरम पर थी और लंड रस के मुहँ में झड़ने से, लंड को उसकी जड़ तक मुहँ में निगलने से जेन के मुहँ से बस गलगल्लाने की आवाज ही आ रही थी।

मेरे लंड से निकलती वीर्य की हर बूँद को जेन अपने मुहँ में लेकर निगलती जा रही थी, मैं अब तक 6-7 बार शूट कर चूका था और जेन झट से लंड रस को निगलकर उसके लंड को अपने सख्त ओठो जकडे हुए, उस पर अपनी जीभ तेजी से फिर रही थी। मेरे परम आनंद की सीमा नहीं थी, झड़ते लंड पर गीले मुहँ में जब लगातार गीली खुर्खुरी जीभ आपके लंड को अपने आगोश में लेकर सहलाने से मैं काम आनंद से पागल हो गया। मैंने ने चार पांच बार और अपने कुल्हो को तेज झटका दिया और पहले की तरह की पूरा लंड जेन के मुहँ में, इसी के साथ उसके लंड रस की बची आखिरी चार पांच किस्ते भी जेन के मुहँ में जा गिरी। जेन का पूरा मुहँ मेरे वीर्य से भर गया।

मैंने भी जेन की चूत में अपनी पूरी उंगली घुसा दी और ठहर गया। जेन का कुल्हा जोर से कांपा, जेन के मुहँ से लम्बी सिसकारी भरी आह निकली और कुछ देर तक जेन का पूरे शरीर में कंपकपी होती रही, मैं जेन का कम्पन महसूस कर रहा था और जेन का अकड़ा शरीर निढाल होने लगा। मैं भी हांफते हुए बिस्तर पर निढाल हो गया, जेन सारा लंड रस गटक गयी और फिर से लंड चूसने लगी। अब वह धीरे-धीरे लंड चूस रही थी।

मैंने जेन को गले लगा लिया और जेन भी जोर से मुझ से लिपट गयी, में जेन की बांह के ऊपर सिरे पर हलके-हलके हाथो से सहलाने लगा।

जारी रहेगी

आपका आमिर
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#99
मजे - लूट लो जितने मिले

सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-21

अब रुकना मुश्किल है 





जेन के लिपट जाने से उसके स्तन और चूची मेरे सीने से टकराने लगे। मेरे को भी जेन के स्तन और चुचियो का अहसाह हो रह था, मैंने जेन पर अपनी बांहों का कसाव बढ़ा दिया, जिससे स्तन और चूची ज्यादा कसकर मेरे सीने से रगड़ने लगी। इस रगडन से पेंट के अन्दर कैद मेरे लंड में हल्की-सी हरकत हुई।

आमिर-तुम्हे पता है जेन, तुम बहुत खूबसूरत हो! तुम सच में बहुत खूबसूरत औरत हो मेरा यकीन करो। तुम एक ऐसी बला की खूबसूरत औरत हो जिसे कोई भी मर्द अपनी प्रेमिका होने पर गर्व महसूस करेगा।

उसकी चूत में हल्की-सी वासना के उफान की सनसनाहट-सी महसूस हो रही थी, इससे वह इंकार नहीं कर सकती थी, हर बीतते पल के साथ ये सनसनाहट बढती जा रही थी, क्योंकि मैं अपने एक हाथ से जेन के उठे हुए चिकने गोलाकार गोरे मांसल चुतड लगातार मसल रहा था और जेन के शरीर को अपने ऊपर ठेल रहा था।

जेन अपनी चिकनी नरम गुदाज जांघो और चूतडो के बीच मेरे बढ़ते, कठोर होते लंड के तनाव को महसूस कर रही थी।

जैसे ही मैंने जेन के ओठो को कसकर चूम लिया, जेन के मुहँ से हल्की आह निकल गयी, मैं सख्ती से जेन के ओठ चूमने लगा और अपनी जीभ जेन के मुहँ में डाल दी।

एक हाथ से मैंने कसकर जेन को खुद से चिपकाये हुए था जबकि उसका एक हाथ जेन के भारी गोल मांसल चुतड की लगातार मालिश कर रहा था। मैं बार-बार जेन की कमर को धक्का लगाकर खुद पर ठेल देता जिससे मेरा सख्त होकर तन चुके खड़े लंड का उभार जेन की चिकनी नरम गुदाज जांघो पर पहले से ज्यादा जोर से महसूस होता।

पिछले कुछ समय से उसके अन्दर जो काम वासना उफान मार रही थी और मुझे मिलने के बाद उसके कारण जेन का दिल उसके साथ नहीं था। उसकी चेतना का विरोध कमजोर होता जा रहा था। उसे अपनी चूत के अन्दर एक लंड चाहिए था। उसे खून से भरा हुआ, फूला हुआ, गरम, लोहे की राड की सख्त हुए एक तगड़ा लंड अपनी चूत में चहिये था जो उसकी चूत की दीवारों में दहसत पैदा कर दे, अन्दर जाकर चूत का हर कोना चोद दे, जैसे पहले किसी ने उसकी चूत को चोदा न हो। उसे ऐसा लंड अभी चहिये था और मेरे लंड को महसूस करके और फिर लूसी की चुदाई की देख उसकी वासना बढ़ गयी थी। उसे अपनी चूत में एक लंड चहिये था और लंड की सबसे ज्यादा जरुरत उसे अभी थी। अपने दिमाग के सारे विरोध, अंतर्विरोध के बाद भी जेन अपनी जगह से एक इंच भी न हिली, उसके गोरे-गोरे सुडौल ऊपर तनी हुए सख्त चुचियाँ सामने की तरफ तने हुए ठोस स्तन नुमायाथे।

मैंने फुर्ती से जेन की ओठो को जोर से चूम लिया। जेन ने कुछ ही देर पहले पूरे शरीर की वैक्सिंग और नहाने के बाद शरीर पर तेल लगाया था, जिससे शरीर पर बालों का नामोनिशान नहीं था, जिसके कारन कंधो से लेकर कमर तक उसकी नरम गोरी त्वचा से ढका नाजुक बदन बल्ब की रौशनी में संगमरमर की तरह चमक रहा था। जेन ने सर झुकाकर अधखुली आँखों से खुद के नंगे खूबसूरत शरीर को देखने लगी। उसके स्तन कठोर होकर समाने की तरफ तने हुए थे, जब उसने अपनी तनी हुई चुचियाँ देखि तो जेन की सांसे तेज हो गयी। उसकी गरम-गरम सांसे मक्खन जैसे मुलायम गोरे-गोरे सुडौल स्तनों पर से होती हुई चुचियों पर जाकर लग रही थी। वह बला की खूबसूरत लग रही थी। इतने साल अपनी हवस को कुचलने का एक फायदा भी उसे मिला। उसके कुंवारे स्तन सुडौल, ठोस और सामने की तरफ तने हुए थे और गोल सुडोल और ठोस तने हुए स्तन हमेशा मेरी कमजोरी रहे हैं ।

मैंने जेन के चुतड छोड़ कर अब स्तन मसलने शुरू कर दिए, धीरे-धीरे उसकी हथेली और उँगलियों की सख्ती बढती जा रही थी, बीच-बीच में जेन के ओठ चुसना छोड़ चुचियो पर अपने दांत गडा देता, तो जेन के मुहँ से सीत्कार भरी सिसकारी फूट पड़ती, फिर वह उन्हें छोटे बच्चे की तरह चूसने लगता, फिर वापस जाकर जेन के ओठो से ओठ सटा देता और अपनी जीभ जेन के मुहँ में ठेल देता और दोनों के मुहँ की लार एक दुसरे में घुलने मिलने लगी।

मुझे अपनी किस्मत पर यकीन नहीं हो रह था, बिना कपड़ो की परतो के क्या ये वही जेन का जादुई खूबसूरत जिस्म है जिसको वह वर्षो से बिना कपड़ो के देखने की तमन्ना पाले हुए था। इतनी खूबसूरत जेन को चोदने के ख्याल से ही मेरा रोम-रोम खड़ा हो गया तो क्या लंड खड़ा नहीं होता । पुरा तन गया । लंड की तरफ खून का दौरान तेज हो गया। आज सालो बाद मैं जेन को चोदने जा रहा था, वह भी वह जेन जो असलियत में मेरी कल्पनाऔ से भी कही ज्यादा खूबसूरत है। इतनी खूबसूरत, फूल-सी नाजुक जेन को जब मैं चोदूगा, तो कितना मजा आएगा, ये सोच के ही मेरा लंड और ज्यादा तनता चला गया। मैं साथ में जेन बेतहाशा चूम रहा था। फिर मैं जेन की जांघो के बीच में त्रिकोण बनाती, चिकनी गोरी बाल रहित चूत त्रिकोण घाटी, को देखने लगा। मुझे लगा जैसे मैं जन्नत से भी अच्छे जगह की सैर कर रह था और मेरे समाने एक नंगी हूर खड़ी होकर मुझे अपने अन्दर समां जाने का आमंत्रण दे रही थी उसकी खूबसूरत कसी हुई चिकनी गुलाबी चूत में समां जाने की। पूरी तरह समा जाने की, अन्दर तक, आखिर छोर तक।

मैं फिर जेन के स्तन पर से हाथ हटाकर उसके दोनों चूतडो का जायजा लेने लगा।

कमर से नीचे जांघो तक उभरे हुए, कुंवारे गोल सुडौल कसावट लिए हुए, नरम-नरम मांसल बड़े-बड़े चुतड देख कर मैं पागल-सा होने लगा।

मैं उसे दीवार की और ले गया और उसके हर उठते पड़ते कदम के साथ उसके सुडौल मांसल बड़े-बड़े गोलाकार नितम्ब बारी-बारी से उठ गिर रहे थे। उसके पीछे चला रहा मैं टकटकी लगाये जेन को पूरी तरह से हमेशा के लिए अपनी आँखों में समा लेना चाहता था। बलखाती कमर और मटकते कुल्हे और हिलते चुतड देखकर मैं तो जैसे पलक झपकाना ही भूल गया।

उसके पीछे चलते-चलते मेरा फनफनाता मुसल जैसा मोटा लंड सीधा हो गया और उछाल कर बाहर आ गया।

जेन ने आश्चर्य से मेरी कमर की तरफ देखा, मेरा मोटा लम्बा, खून के तेज दौरान से कांपता लंड बिलकुल धमकाने वाले अंदाज में ऊपर की तरफ सीधा होता जा रहा है।

मेरे लंड की मोटाई और लम्बाई देख जेन की आंखे फटी की फटी रह गयी।

मेरे मोटे लंड का सुपाडा खून के तेज बहाव के कारन फूल गया था और खून के बहाव के कारन होने वाला कम्पन साफ नजर आ रहा था। उसे थोडा बहुत अंदाजा था कि मेरा लंड बड़ा है लेकिन इतना बड़ा होगा ये उसकी कल्पना से भी परे था।

मैं अपने मुसल लंड को हाथो में लेकर मसलने लगा। तेजी से मसलने लगा।

जेन एकटक उसे देखती रही। जेन मेरे मुसल जैसे तनकर एकदम कड़क लोहे की राड की तरह हो चुके लंड को देखने में खोयी हुई थी। मैं कुछ देर तक लंड को मसलता रहा, फिर आखिरकार हारकर मैं बोलै-जेन इसे अपने हाथो में लो न, ये तड़प रहा है तुमारे लिए, इसे अपने नरम-नरम हाथो से सहलाओ मसलो रगडो कुचलो, जो मर्जी हो वह करो लेकिन इसे अपने हाथो में ले लो।

जेन की जैसे तन्द्रा भंग हुए, उसने धीरे से मेरे लंड की तरह हाथ बढ़ा दिए और अपने नाजुक हथेलियों में मेरे कठोर लंड को जकड़ लिया।

आमिर-इसे रगड़ो न जेन, देखो कितना काँप रहा है।

जेन ने हौले-हौले उसके लंड पर हथेली फिसलानी शुरू कर थी। जेन के हाथ मेरे सख्त खड़े लंड पर फिसलने लगे। मैं लय में कमर हिलाने लगा और अपने लंड की तरफ देखते हुए–इस तरह से पेलूगा तुमारी चूत में ये मोटा लंड।

जेन कुछ नहीं बोली बस लंड मसलती रही।

जेन ने अपने ओठ भींच लिए, वह आंखे फाड़-फाड़ कर बसमेरे लंड को ही देखे जा रही थी और उस पर अपने हाथ तेजी से फिसला रही थी, उसकी नज़रे ही नहीं हट रही थी लंड से, आमिर का लंड तो बहुत बड़ा है और मोटा भी ये तो फाड़ डालेगा। वह इतना बड़ा लंड अपने जीवन में कभी देखेगी ऐसा उसने सपने में भी नहीं सोचा था। कोई औरत, कोई भी औरत इतने बड़े लंड को अपनी चूत के अन्दर कैसे ले सकती है, शायद इसलिए लूसी पहली चुदाई में इतना चिल्ला रही थी और पहली चुदाई के बाद कितनी मुश्किल से बिस्तर से उठी थी, मोटे लम्बे मुसल जैसे लंड की दहशत के बावजूद जेन के दिमाग के कोने में एक अनजानी आकर्षण भरी चाह उपज रही थी। जेन ने एक लम्बी आह भरी और वासना भरी आँखों से लंड को देखने लगी।

जेन ने मेरे फूले हुए सुपाडे पर अपने नरम होठो को मादक किस करते हुए कहा लंड और ज्यादा हाहाकारी लग रहा है ।

मेरे बड़े लंड ने जेन के मन में एक बार फिर दहशत भर दी थी, लेकिन उसे पता था अब बहुत देर हो चुकी है, अब हम दोनों ही इतना आगे आ चुके है-है कि पीछे नहीं लौट सकते, इस हालत में न ही वह मेरे को रोक पायेगी, अगर वह मेरे को रोकना भी चाहे तो वह मानेगा नहीं और मानने का सवाल भी नहीं उठता, इतनी खूबसूरत नंगी औरत का एक-एक रोम देखने के बाद कौन पीछे हटना चाहेगा, कौन रस टपकाते गुलाबी ओठो का रस नहीं पीना चाहेगा, कौन इतनी कोमल, गुलाबी संगमरमर की तरह चमकते दमकते जिस्म को बिना भोगे छोड़ देगा, कौन सुडौल तने हुए स्तनों को नहीं मसलना चाहेगा, कौन गोरी गुदाज मांसल जांघो पर अपनी जांघे नहीं रगड़ना नहीं चाहेगा, कौन मक्खन जैसी चिकनी नरम गुलाबी चूत को बिना चोदे छोड़ देगा।

मेरे को रोकना के बारे में सोचना तो बहुत दूर की बात थी, असल में वह खुद को ही नहीं रोक पा रही थी। उसे ये करना ही होगा, हर हाल में करना होगा, अगर उसे अपनी आत्मा की खिलाफ जाकर भी ये करना पड़े तो वह भी सही। मेरी हर धड़कन के साथ कांपते मोटे तगड़े लंड को अपनी मक्खन जैसी चूत के अन्दर गहराई तक लेना ही होगा, यही हाहाकारी मुसल लंड सालो से हवस की आग में जल रहे शरीर की भूख मिटा सकता है, यही वह लंड है जो उसकी चूत में उमड़ रहे वासना की आग को ख़तम कर रिमझिम फुहारे बरसा सकता है। सालो से लंड की प्यासी चूत को चीर कर, फाड़कर चूत के दूसरे छोर तक जाना होगा, जितना ज्यादा से ज्यादा मेरी चूत की गहराई तक लंड जायेगा मैं ले जाउंगी। चाहे जितना दर्द हो, चाहे चूत फट जाये, उसकी दीवारों चटक जाये, उनसे खून बहने लगे फिर भी ये मोटा-सा भयानक लंड मेरी चूत की अंतिम गहराई तक जायेगा। जब तक मेरे शरीर में दम रहेगा तब तक इससे चुदवाती रहूंगी। मुझे अपनी चूत की वर्षो की प्यास मिटानी है, मुझे अपनी चूत की दीवारों में उमड़ रही चुदास की आग को बुझाना है, जैसे सावन में बार-बार बरसते बादल धरती की प्यास बुझाते है ऐसे ही ये मोटा लम्बा मेरा लंड बार-बार मेरी चूत में जाकर चोदेगा और मैं बार-बार झड़ झड़ कर चूत के अन्दर लगी आग को बुझाऊंगी और अपनी तृप्ति हासिल करूगी, असली तृप्ति भरपूर तृप्ति, परम सुख परम संतुष्टि, ऐसी संतुष्टि जिसको मेरे नंगे जिस्म का एक-एक रोम महसूस करे। जेन ने अपनी टूटी हुई हिम्मत और पस्त हौसलों को एक नयी जान दी।

मैं भी जेन को घूर-घूर कर अपने लड़ को हाथ मसल रहा था उससे मनमाने तरीके से खेल रहा था

वो अब अपनी सालो से मन के कोने में दबी हवस और चुदाई की लालसा को छिपाना नहीं चाहती थी। अब वह खुलकर चुदना चाहती थी और उसकी चूत भी उसके वासना में जलते जिस्म की आग बुझाने को तैयार थी। जोर-जोर से स्तन मसलना और चूची मुहँ में लेकर चुसना। वह अपनी हर सेक्स फंताशी को पूरा करना चाहती थी, सालो से दबी उसकी वासना और हवस की तमन्नाये अब उफान मार-मार कर बाहर आने लगी थी, अब वह और अपनी वासना को दबाना नहीं चाहती थी, जो होगा देखा जायेगा, मेरा लंड चूसने के बाद उसकी इतनी हिम्मत हो गयी थी कि अब लोकलाज को किनारे रख, समाज के खोखले ढकोसलो को दरकिनार कर वह अपने जिस्म की प्यास बुझाने के लिए तैयार थी, अब मेरे लंड से वर्षो से दबाती आई अपनी वासना को जी भर के मिटाएगी।

अब मेरे से रहा नहीं गया, मैंने जेन को अपने आगोश में ले लिया और हौले-हौले चूमने लगा। कभी गर्दन कभी कानो कभी कान फिर से गर्दन को चूमने लगता। जेन पूरी तरह से वासना के आगोश में चली गयी थी, उसकी गरम सांसे धौकनी की तरह चलने लगी थी, छाती तेजी से उठने गिरने लगी। यही हाल मेरा का भी हो चूका था, मेरी सांसे भी तेज हो गयी थी, बदन गरम हो गया था और लंड इतना सख्त हो गया था फटने की कगार पर पंहुच गया था।

चुमते चुमते मैं रूक गया और जेन के खूबसूरत जिस्म की एक-एक बनावट एक-एक कोना अपनी आँखों के जरिये अपने दिलो दिमाग में उतारने लगा। जेन का गोरा सपाट पेट, उसकी गोरी, केले के तने जैसी चिकनी मुलायम मांसल जांघे और जांघो के बीच बना चूत घाटी त्रिकोण सब कुछ नुमाया हो गया, बड़े-बड़े गोल सुडौल मांसल चुतड। जांघो के बीच स्थित चिकनी चूत घाटी में बालो का नामोनिशान नहीं था, जेन ने जांघ के बीच चूत के इलाके का न केवल आज क्लीन शेव किया था, बल्कि उसका स्पेशल मेकअप भी किया था ऐसा लग रहा था कि उसकी चूत पर कभी बाल थे ही नहीं और पूरा इलाका हल्का गुलाबी रंग में चमक रहा था।

मुझे जेन की त्रिकोण चूत घाटी साफ़ नजर आ रही थी, बिलकुल संगमरमर की तरह सफ़ेद, मक्खन की तरह चिकनी सपाट और उसके बीच में बनी मदमस्त चूत के नरम ओठो का गुलाबी कटाव भी साफ़ नजर आ रहा था।

सर से लेकर पांव तक जेन के शरीर पर अब एक कपड़ा नहीं था, वह बिलकुल प्राकृतिक अवस्था में मेरे पास थी, ऊपर से नीचे तक एक दम नंगी, न कोई कपड़ा था न कोई पर्दा था। उसका संगमरमर की तरह चमकता शरीर, हर एक अंग की झलकती मादकता सब कुछ खुलकर बाहर आ गया था।

मैं तो सीधे जैसे स्वर्ग पंहुच गया हो और कोई हूर बिलकुल नंगी होकर अपना मखमली जिस्म लिए उसके सामने हो, मैं जितनी खूबसूरत औरत की कल्पना कर सकता था उससे परे बेमिशाल खूबसूरत जिस्म की मालकिन जेन उसके सामने थी और अपने गुलाबी हूरो जैसे हुस्न से मुझे वासना में मदहोश किये दे रही थी। मेरी आंखे पलक झपकाना भूल गयी, जेन को नंगी देखकर मेरे लंड में खून का दौरान दोगुना हो गया, उसका लंड फूलकर बिलकुल पत्थर बनने की कगार पर आ गया था। मैं कुछ देर तक एकटक जेन की खूबसूरती देखता रहा।

जेन के नाजुक मखमली जिस्म की कसावट देखकर कोई भी जेन की उम्र 10 साल कम ही बताएगा। मैं हमेशा बस अंदाजा ही लगाता था, उसे भी नहीं पता था जेन के जिस्म बनावट इतनी कमाल की है कि किसी के भी होश उड़ा दे। मैं बस ऊपर से नीचे तक जेन को जी भर के देख ही रहा था। अपनी फंताशी में उसने कई बार जेन को नंगा किया लेकिन उसे यकीन नहीं था कि कभी वह जेन को सर से पांव तक पूरा साक्षात् नंगा अपनी आँखों से देख पायेगा। लम्बा गोलकार मुहँ, रस टपकाते पतले ओठ सुराही जैसी पतली गर्दन, छाती पर भरे पूरे सुडौल सामने की तरफ तने हुए स्तन और उनके शीर्ष पर विराजमान दो चुचियाँ, सपाट पेट और उसके बीच में सुघड़ नाभि, पेट पर फैट का नामोनिशान नहीं, भरी-भरी गोलाकार गोरी-गोरी गुदाज जांघे, उठे हुए गोलकार मांसल बड़े-बड़े चुतड और जांघो के बीच में हल्की गुलाबी सफ़ेद रंग की तरह चमकती मखमल की तरह चिकनी त्रिकोण चूत घाटी, किसी को भी पागल कर दे।

जारी रहेगी

आपका आमिर
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मजे - लूट लो जितने मिले

सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-22

जेन ने कौमार्य मुझे सौंप दिया




जेन उस वक्त इसीलिए खुश थी. कि अब उस की रूखी ज़िंदगी और प्यासी चूत में रोनक आने वाली थी । एक दूसरे के लिए गरमी और प्यास इतनी बढ़ गयी थी की दोनों के लिए रुकना अब मुमकिन नहीं था ।

उसने अपनी उंगली अपनी चुत में डाली और फिर मेरे मुँह में डाली और बोलै, “मेरी उंगली पर मेरी प्यासी चूत का पानी लगा हुआ है. इस को चूस कर उस की गर्मी का अंदाज़ा लगा सकते हो, कि वो तुम्हारे लंड के लिए कितनी तड़प रही है ।”

मैंने फॉरन अपने मुँह में डाली हुई जेन की उंगली को चूसना शुरू कर दिया. और उंगली पर लगे हुए नमकीन पानी का ज़ायक़ा बहुत ही अच्छा लगा और मैं जेन की उंगली को “शर्प शरप” कर के चाटने लगा ।

“बस भी करो मेरी उंगली भी खा जाओगे क्या?” जेन ने मेरे मुँह से अपनी उंगली निकाली और मुझे धकेल कर थोड़ा पीछे किया ।

वाकई ही तुम्हारी चूत के पानी का ज़ायक़ा बहुत मस्त है” मैंने अपने होंठो पर ज़ुबान फेरते हुए कहा।

अच्छा अब दिल भर कर अपने होंठो और ज़ुबान की प्यास बुझा लेना, अब तुम मुझे बताओ कि तुम्हारा लंड कितना तड़प रहा है मेरी गरम फुद्दि में जाने के लिए?

मेरे लंड को आज एक नई कुंवारी और करारी फुद्दी चोदने को मिल रही थी. इसीलिए वो आज पहले से भी ज़्यादा जोश में आते हुए सख़्त और तन चुका था।

फिर उसने मेरा लंड छुआ और उसे कड़क पाकर बोली ओह आमिर! ये तो बॉर्डर पर खड़े हुए फौजी की ऐसे अकड़ कर खड़ा है।

आज जेन वाकई ही बहुत अच्छी तरह से तैयार हो कर आई थी. इसीलिए वो बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। जेन को देख कर विश्वास हो गया की मुझ पर किस्मत जबरदस्त मेहरबान थी कि पहले से ही बला की खूबसूरत, परफेक्ट शारीरिक बनावट की मालकिन जेन ने आज ही अपनी चूत को क्लीन सेव भी किया और बॉडी हेयर भी क्लीन किये। ऊपर से खूबसूरत बॉडी आयल और मेकअप ने सोने पर सुहागा कर दिया। इससे सामने से देखने वालो को जेन साक्षत आसमान से उतरी बिना कपड़ो की हूर जैसी लग रही थी। मेरी नजर कभी जेन के रस टपकाते ओठ पर अटक जाती, कभी जेन के गोलाकार सुडौल गोरे स्तनों पर टिक जाती, तो कभी दो जांघो के बीच बने गोरे मखमल जैसे चिकने और रपटीले गुलाबी चूत घाटी के त्रिकोण पर, कभी वह जेन की चिकनी गोरी मांसल जांघे घूरने लगता। मुझे समझ ही नहीं आ रहा था किसको ज्यादा देर तक निहारू। जेन ने सर झुककर एक बार खुद को निहारा और अपने खूबसूरत मादक जिस्म की मादकता में मन ही मन में आनंदित होकर वासना की समुद्र में गोते लगाने लगी लगी।

मैं जेन की जिस्म के और करीब आ गया जेन ने कुछ तो डर के मारे और कुछ आगे होने वाले का अनुमान लगाने के लिए अपनी आंखे बंद कर ली। जैसे ही मेरा सख्त हाथ उसकी कमर के नीचे से वासना से दहकती उसकी जांघो के बीच में नरम चिकनी त्रिकोण चूत घाटी के भूतपूर्व बालो के चिकने जंगली इलाके (जो अभी पूरी तरह से साफ़ सुथरा गुलाबी चिकना मैदान था) पर से फिसलता हुआ नीचे बढ़ा, जेन ने पैर फैलाकर खुद ही पूरी तरह से हथियार डाल दिए।

फिर मैंने जेन के होंठों पर अपने होंठों रख दिए होंठ चसते हुए मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर में डाल दिया। उसकी कमर पर हाथ फेरा तो उसके पूरे जिश्म में कंपन होने लगी।

मेरी सेक्सी छुअन से जेन पागल हो गयी, मेरी गर्म बांहों में मेरा शरीर जल रहा था!

मैंने जेन को अपनी तरफ किया और अपने होंठों को जेन के होंठ पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा। मैं बहुत जोश में था और जेन के होंठों पर ही टूट पड़ा। फिर मैं जेन को की चूचियों को दबाने लगा।

मैंने अपना मुँह जेन की गर्दन पर किया और उस पर किस करने लगा। उसके शरीर से पसीने और लेडीज परफ्यूम की महक आ रही थी जो मुझे मदहोश कर रही थी! मैंने जेन के गले पर किस करते हुए अपना मुँह जेन के कान के पास किया और मेरे कान में कहा- जेन! आप बहुत अच्छी लग रही है!

मैंने उसकी एक चूची को मुँह में ले लिया और दूसरी को हाथ से सहलाने लगा। मैंने अब उसकी दूसरी चूची को मुँह में ले लिया और उसकी पहली चूची को जोर से दबाया। जेन ने एक सिसकी-सी ली। अबकी बार मैंने थोड़ा-सा और जोर से दबाया। अब उसकी सिसकी में दर्द पैदा हो गया।

जेन ने मेरे सामने अपने जिस्म और मन दोनों का समर्पण कर दिया, अब उसके अन्दर किसी बात का प्रतिरोध करने की शक्ति ख़त्म हो गयी थी। जेन ने अपनी जांघे मेरे लिए खोल दी थी।

उसकी दुधिया गुलाबी गीली चिकनी चूत दिखने लगी। मैं तो उसकी चूत की बनावट को देखकर हैरान रह गया, भला कोई चूत इतनी खूबसूरत कैसे हो सकती है। चिकनी सुडौल गोरी-गोरी मांसल जांघो के बीच में स्थित जेन की गीली गुलाबी सफ़ेद चूत अलग ही चमक रही थी। चूत की शुरुआत में ऊपर गुलाबी परतो के बीच उसका चूत दाना छिपा हुआ था उसके नीचे सलीके से दोनों गुलाबी ओठों की फांके नीचे की तरफ गयी हुई थी और चूत के मुहाने पर पंहुचते-पंहुचते गायब हो गयी थी। पूरी चूत बिलकुल साफ़ दुधिया गुलाबी रंग से नहाई हुई, आसपास की चमड़ी भी उसी रंग में चमक रही थी।

एक दम साफ़ हल्की गुलाबी लालिमा लिए जेन की चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी और उसकी चूत रस उसके पतले गुलाबी ओठो को सरोबार किये हुए था। मैं तो बस जेन की चूत देखता ही रह गया। फिर मेरे फिसल हाथ जेन की कमर तक पहुँच गए थेl मैंने अपना हाथ धीरे से जेन की जांघो के बीच उस वर्जित इलाके चूत घाटी की तरफ बढ़ाया, जहाँ आज से पहले बस उसके स्वर्गीय पति और प्रियम की उंगलिया गयी थी। उसने धीरे से अपनी उंगलिया जेन की चूत की तरफ बढ़ाई और बहता चूत रस पोछने लगा

जेन का चूत रस उंगलियों पर लेकर उसका रस पान करने लगा। रसपान करने के बाद उसने हलके से जेन की चूत के गुलाबी गीले ओठों को फैलाया और गुलाबी चूत दाने को रगड़ने लगा।

वासना में तपती जेन की तेज धडकनों से बढे तेज खून के बहाव के कारन लाल गुलाबी होकर कर फूल गए चूत दाने या चूतलंड को जैसे ही मैंने छुआ, तो जेन के सुडौल मांसल चुतड अचानक से झटके में ऊपर को उठ गए, ऐसा लगा जैसे उसे बिजली का करंट लगा हो।

मैंने जेन के गुलाबी लाल फूले हुए चूत दाने पर उंगली का दबाव बढ़ा दिया और पांच सात बार तेजी से रगड़ दिया। और फिर कुछ देर तक मसलता ही रहा।

जेन के मुहँ से मादक कामुक कराह निकल गयी-ओह्ह! उफफफफफफफफ्फ़! ओह्ह्ह्ह! यस ओह्ह्ह्हह! यस।

मैंने जेन के चूत दाने को मसलना जारी रखा। जेन की कमर अपने आप झटके खाने लगी। उसके मुहँ से सिकरियाँ फूटने लगी।

जेन-आह्ह्हह्ह्ह्ह! मैं आअऊऊऊह्ह्ह्ह! ऊऊऊह्ह्ह।

मैंने धीरे से अपनी उंगलियाँ जेन की बाल रहित चिकनी चूत के पतले-पतले गुलाबी ओठो की तरफ बढ़ा दी और उन्हें सहलाने लगी, उनसे छेड़खानी करने लगा। पहले से ही सेंसिटिव गरम गीली चूत के ओठो को रगड़ना जेन के बर्दाश्त से बाहर हो गया।

जेन की नरम, गोरी, चिकनी और वासना की आग में जलती गुलाबी चूत को ऊपर से सहलाते मैंने ऐसा अपने सेक्स जीवन में कभी भी एक्सपीरियंस नहीं किया था, उसने जेन की गीली हो चुकी गुलाबी चूत को बमुश्किल अभी हाथ ही लगाया है और जेन के होश फाख्ता हो गए है, उसका खुद पर से काबू ख़तम हो गया है।

फिर मैंने उसकी चत के मुँह पर उंगली रख दी। उसकी चूत में जैसे आग निकल रही थी। मैंने अपनी उंगली को जरा-सा अंदर डाला, तो वह सीईईईll कर उठी।

मैंने जेन की चूत के ओठो को धीरे से इधर उधर किया और अपनी मध्य उंगली को उसकी बेहद कसी गीली गरम गुलाबी चूत में डालने लगा, चूत की दीवारे एक दूसरे से सटी हुई थी और चूत के छेद को इस कदर कस के रखा था कि हवा को भी जगह बनानी पड़े। उसकी उंगली को चूत की कसी दीवारों के जबदस्त विरोध का समाना करना पड़ रहा था। मैंने उंगली पर और जोर डाला, नाख़ून तक उसकी उंगली चूत की गुलाबी, मलमली, गीली दीवारों को चीरती हुई अन्दर घुस गयी। जेन के पूरे शरीर में कंपकपी दौड़ गयी, उसका पूरा शरीर उत्तेजना से गरम होने लगा।

मैंने और दबाव बढ़ाया, उंगली जेन की चूत की दीवारों का विरोध चीरती हुई अन्दर घुसती चली गयी, मैंने थोडा थोड़ा करके पूरी उंगली जेन के चूत में पेल दी। चूत की दीवारे अभी भी हार मानने को तैयार नहीं थी, वह बार-बार उंगली को बाहर की तरफ ठेलने की कोशिश करती। आखिरकार चूत की दीवारों के बीच मेरी उंगली ने अपने लिए जगह बना ही ली। जेन की चूत की नरम मखमली दीवारे जो चूत के रस से सराबोर हो चुकी थी, मेरी उंगली को कसकर चारो ओर जकड लिया। मैंने जेन की चूत में उंगली घुसेड कर अन्दर बाहर करनी शुर कर दी और अपनी गीली जीभ जेन के फूले हुए लाल चूत दाने पर रख दी और उसे चूमने चाटने लगा।

हमारी चुदाई का नंगा नाच लूसी और देना दोनों चुपचाप देख रही थी।

मुझे जेन की चूत की कसावट का अंदाजा हो गया था। जेन की चूत बहुत टाइट थी। जेन की मखमली चूत की दीवारों की सलवटे मैं अपनी उंगली पर महसूस कर रहा था। मैंने झटके से उंगली बाहर खींची और फिर झटके से अन्दर डाल दी। जेन का शरीर पूरी तरह से काम वासना की उत्तेजना से अकड़ने लगा था, उसके मुहँ से निकलने वाली आहे कराहे और तेज हो गयी थी। वह मुझे अपने ऊपर खीचने की कोशिश करने लगी। मैंने अब दूसरी उंगली भी चूत में घुसेड दी और तेजी से उंगली को जेन के चूत के छेद में अन्दर बाहर करके जेन की गरम गीली चूत को दो उंगलियों से चोद रह था और अपने नीचे लेटी खूबसूरत जेन को एकटक देखता जा रहा था।

मैंने अपनी उंगली से चूत का चोदना रोक दिया और फिर अपने पैर फंसा कर जेन के पैरो को और फैला दिया, जेन की चूत पर एक भी बाल नहीं था इसलिए अब कोई भी दूर से जेन की चिकनी गोरी गुलाबी चूत के खुले ओठो और गुलाबी छेद को देख सकता था। जिसे चूत की दीवारे कसकर बंद किये हुई थी। मैं पूरी तरह से जेन के ऊपर आ गया उसने अपने पैरो को हिलाकर थोडा एडजस्ट किया। अब खून से लबालब भरा मोटा लंड, जिसकी नसे दूर से ही देख रही थी, जेन की जांघो के बीच बिलकुल चूत के मुहाने पर झूल रहा था।

हर धड़कन के साथ कांपते मोटे लबे लंड को जिसका सुपाडा खून की वजह से फूल कर टमाटर जैसा लाल हो गया था को देखकर जेन ने अपनी आंखेबंद कर ली। ये मोटा-सा बड़ा-सा फूला हुआ लंड अभी उसकी चूत की दीवारों को चीर कर रख देगा, फाड़ कर रख देगा, इसी ख्याल से जेन का रोम-रोम खड़ा हो गया। जेन के शरीर में सिहरन दौड़ गयी। मैंने जेन के ओठो को कसकर चूमा और फिर खुद की कमर को थोडा नीचे झुकाते हुए, हाथ से चूत के दोनों ओठो को अलग-अलग किया और फिर लंड को चूत के लाल फूले हुए चूत दाने पर रगड़ दिया।

बस कुछ ही पलो में ...जेन के मुहँ से एक लम्बी कामुक कराह निकल गयी–आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह-ओह्ह्ह्हह ओह्ह्ह्हह उफ्फ्फ्फ़। जेन उत्तेजना के इस भंवर को संभाल नहीं पाई और उसका शरीर कांपने लगा, उसके नितम्ब अपने आप उठने गिरने लगे। शायद वह झड़ने लगी थी। कुछ देर तक वह इसी तरह हिलती रही और फिर शांत हो गयी। हालाँकि वह मेरा साथ न दे पाने के लिए शर्मिंदा थी लेकिन उसकी उत्तेजना पर उसका कोई नियंत्रण नहीं था। इन सब का अनुभव था इसलिए मैंने जेन के सुडौल गोरे स्तनों को मसलना तेज कर दिया, जेन के गले और कान के पीछे तेजी से चूमने लगा, चाटने लगा।

बारी बारी से उसके मांसल सुडौल गोरे-गोरे स्तनों को मसलते हुए बीच-बीच उसके फूले हुए लाल चूत दाने को रगड़ने लगता। दूसरे हाथ से उसके नरम-नरम बड़े बड़े मांसल चुताड़ो मसलने लगता, जेन की कमर उठाकर, उसकी जांघे और चूत घाटी त्रिकोण पर खुद का फडकता हुआ मोटा लम्बा लंड रगड़ने लगता।

धीरे धीरे जेन का जिस्म फिर से गरम होना शुरू हुआ, मैंने अपने मोटे लंड के फूले हुए सुपाडे से जेन का फूला चूत दाना जोरे से रगड़ दिया और फिर मैंने लंड को जेन की गुलाबी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया

मोटे मुसल जैसे लंड के फूले हुए सुपाडे से लालिमा लिए चूतदाना रगड़ने से जेन बहुत जल्दी फिर से पूरी तरह से उत्तेजित हो गयी। जेन की आहे फिर निकालनी शुरू हो गयी, कुछ ही पलो में जेन फिर से वासना के भंवर में मस्त होकर सिसकारियाँ भरने लगी, उसकी चूत की दीवारों से फिर पानी झरने लगा। मैंने जेन की गुलाबी चिकनी चूत पर अपना लंड रगड़ना अनवरत जारी रखा। जेन वासना में मस्त होकर सिसकारियाँ भरती रही।

इन्ही मादक कराहो के बीच मैंने लंड को जेन की चूत के छेद पर रखा और रगड़ने लगा।

जेन की कराहे और सिसकारियाँ बढती जा रही-रही थी। मैंने कमर को और झुकाते हुए लंड को जेन की चूत से सटा दिया और उसकी चूत रगड़ने लगा। जेन भी उसकी चूत को सहलाते मेरे लंड पर हाथ फेरने लगी।

मैंने जेन की चिकनी गुलाबी गीली चूत को सहलाते-सहलाते जेन की चूत के ओठ खोल दिए और-और अपने खड़े लंड का फूला सुपाडा उसकी मखमली गुलाबी चूत पर सटा दिया। जेन को लगा अब बस मैं अपना मुसल लंड उसकी चूत में पेल देगा। मैं जेन की जांघो को अपने और करीब ले आया और अपने लंड को उसकी चूत के मुहाने पर लगा दिया

मैंने कमर पर जोर लगाया और अपने मोटे लंड का फूला हुआ सुपाडा जेन की चूत में पेलने की कोशिश करने लगा। उसने आइस्ते से जेन के कसे संकरे चूत छेद पर दबाव बढ़ाया और अपने सुपाडे को जेन की गीली चूतरस से भरी चूत के हवाले करने लगा। जेन की चूत के गुलाबी ओंठ उसके फूले सुपाडे के इर्द गिर्द फ़ैल गए।

जेन की चूत पर लंड सटाने के बाद उसने दो बार लंड को चूत में पेलने की कोशिश की और दोनों बार चिकनी चूत की कसी दीवारों और उसके चारों तरफ फैले चिकने चूत रस के कारन के कारन लंड फिसल गया।

मैंने अपने लण्ड का सुपाड़ा जेन की कुँवारी चूत के छोटे से छेद पर रख दिया। जेन अब लंबी-लंबी साँसे लेने लगी थी। मैंने इस बार लंड को जड़ से पकड़कर चूत के मुहाने पर लगाया और जोर का धक्का दे मारा। मैंने अपने लौड़े को जरा-सा जोर से दबाया तो थोड़ा-सा लण्ड उसकी चूत में घुसा। जेन के चेहरे पर दर्द दिखाई दे रहा था। मैं उसको अभी और तड़पा के चोदना चाहता था। मैंने उसकी चूत में अपना लण्ड थोड़ा-सा और घुसा दिया, तो उसकी चीख निकल गईं।

जेन की चूत की मखमली कुँवारी गुलाबी गीली दीवारों को चीरता हुआ लंड का सुपाडा चूत में घुस गया।

मेरे लंड का मोटा सुपाडा अन्दर जाते ही जेन दर्द से कराह उठी, जेन का पूरा शरीर काम उत्तेजना के कारन गरम था, चूत भी गीली थी, लगातार उसकी दीवारों से पानी रिस रहा था और जेन भी मेरा मोटा फूला हुआ मुसल लंड चूत में अन्दर तक लेने के लिये मानसिक रूप से तैयार थी फिर भी मेरा लंड इतना लम्बा और मोटा तगड़ा था किसी भी रोज चुदने वाली औरत की चीखे निकाल दे और जेन की चूत ने तो पहली बार लंड के दर्शन किये थे।

जेन-आआअह्ह्ह आआआआआह्हह्हह्हह्हहईईईईईईईईई स्सस्सस्स मैं आह्ह्हह्ह स्सस्सस्सस, हाय मैं मर गयी, प्लीज मैं बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज इसे बाहर निकाल लो, वरना मेरी चूत फट जाएगी, आआआआऐईईईईईईईऊऊऊऊऊऊऊऊ।

चूत की दीवारों में हाहाकार मच गया, दर्द के मारे चूत का बुरा हाल हो गया, जेन ने मुट्ठिया भीच ली, उसके जबड़े सख्त हो गए और अपने निचले ओठो को दांतों के बीच में कसकर दबा लिया। पूरे शरीर को कड़ा करके दर्द बर्दाश्त करने की कोशिश करने लगी।

चूत की दीवारे पूरा जोर लगाकर लंड को बाहर ठेलने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैं कमर से पूरा दबाव बनाये हुए था, जिससे दर्द से फाड़फाड़ती चूत की दीवारों अपनी हर कोशिस के बाद भी लंड को बाहर की तरफ ठेलने में नाकाम रही। चूत की मखमली चिकनी गीली दीवारों के पास और कोई रास्ता ही नहीं बचा था, आखिर मेरे गरम लोहे जैसे सख्त, खून के भरने से फूलकर मुसल बन गए मोटे लंड के फूले हुए सुपाडे को अपने आगोश में लेना ही पड़ा, चूत की गुलाबी दीवारों की सलवटे फैलने लगी। जेन दर्द से चीखने लगी, मेरी सख्त पकड़ के नीचे उसका पूरा कसमसाने लगा, खुद को मेरी पकड़ से आजाद करने की कोशिश करने लगी। पैर पटकने लगी, अपनी गुदाज जांघो को सिकोड़ने लगी, नितम्बो को नीचे की तरफ दबाने लगी ताकि भीषण दर्द से बेहाल जेन की चूत से सुपाडा बाहर निकल जाये।

मैंने अभी सिर्फ अपने लंड का सुपाडा घुसाया था और जेन की दर्द भरी कराह सुनकर सोच में पड़ गया। अभी इसका ये हाल है तो जब पूरा लंड जायेगा ये तो बेहोश ही हो जाएगी। जेन की हालत देखकर मैं जेन की चूत से लंड निकालने वाला ही था लेकिन निकाला नहीं बल्कि, मैंने जेन की ओठो पर ओठ रख दिए और उसे बेतहाशा चूमने लगा। कुछ देर तक चूमता ही रहा।

दर्द से परेशान जेन ने मेरी कमर को घेरकर ऊपर चुताड़ो तक अपनी गोरी जांघे सटा दी और मेरे नितम्बो को जकड लिया। मैं जेन को चुमते-चुमते ही कमर हिलाने लगा।


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