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Adultery मजे - लूट लो जितने मिले
#61
मजे - लूट लो जितने मिले

छठा अध्याय -खड़े लंड की दास्ताँ.

भाग- 4


डॉ जस्सी के क्लिनिक पर मेरे लंड की जांच


मोनी की चुदाई के बाद मैं टॉयलेट गया, वहां लंड को साफ़ किया और वापिस क्लिनिक में आयाl डॉ जस्सी के मेहमान जा रहे थेl डॉ जस्सी मेरे पास आयी और माफ़ी मांगते हुए बोली कुछ गेस्ट आ गए थेl इसलिए आपको इंतज़ार करना पड़ा, उसके लिए माफ़ी चाहती हूँl

मैंने कहा कोई बात नहीं, मैं आपके बगीचे में घूमने चला गया थाl बहुत सूंदर बगीचा और आलीशान घर है आपकाl इतने में मोनी भी वही आ गयी ,तो डॉ जस्सी बोली आमिर इनसे मिलो ये मेरी बहन है डॉ मोनीl मोनी ने मुझे आँख मारी, तो मैंने भी आँख मार कर जवाब दियाl मोनी ने पुछा दीदी क्या ये वही हैं जिनके बारे में आप बता रही थीl तो डॉक्टर जस्सी बोली हाँ बहन एक बार तुम भी इनका मुआयना कर लो, फिर कुछ और टेस्ट कर लेते हैंl इनका एक अलग ही केस हैl

जैसे मैंने तुम्हे बताया ऐसे बहुत से केस आते हैं जिनके लंड खड़ा नहीं होताl जो लोग आप से पहले आये थे, उनकी भी दिक्कत यही थी, उनके लड़के का लंड खड़ा नहीं होताl उसका इलाज भी लम्बा हैl

पर इनका बैठता नहीं है l रिसर्च के लिए एक अच्छा प्रोजेक्ट है, मोनी l

इससे पहले मोनी कुछ बोलती. मैंने सारा की तरफ देखते हुए बोला मेरा भी कजिन है इमरान उसकी भी यही दिक्कत है, लंड खड़ा नहीं होताl क्या आप उसका इलाज कर देंगी तो मैं उसको भी यही बुलावा लेता हूँ l तो डॉक्टर जस्सी बोली ऐसे केस की तो मोनी एक्सपर्ट है l आप उसको बुलवा लो, तो मैंने वही से खाला को फ़ोन कर बताया और इमरान को आने को बोलाl खाला बोली ज़रीना और दिलिया भी तुम्हे बहुत मिस कर रही हैं l मैं उनको भी इमरान के साथ ले कर आती हूँl

कुछ देर बाद खाला का वापिस फ़ोन आया. इमरान कश्मीर चला गया है, कल सुबह सीधा दिल्ली फ्लाइट से आ जायेगाl खाला के साथ ज़रीना , दिलिया और मेरी बाकी चारो सालिया भी कल सुबह दिल्ली आ रही हैंl मैंने उन्हें लाने के लिए डॉ जुली को बोलाl डॉ जस्सी ने कहा आमिर चिंता मत करो सब इंतज़ाम हो जाएगा l

तो मैंने डॉक्टर से अगले दिन का इमरान के लिए टाइम ले लियाl मोनी आँख मारते हुए बोली आमिर आप भी साथ आइयेगाl मैंने कहा जो हुकुम डॉ साहब l

उसके बाद डॉ मुझे जांच कक्ष में ले गयी और दोनों ने मिल कर मेरे कुछ हुए टेस्ट किये lटेस्ट करते हुए दोनों एक दुसरे को देख करे मुस्कुरा रही थी l और मोनी तो मेरे लंड को ऐसे देख रही थी जैसे अभी चूसने लग जायेगी l

उसके बाद मैंने डॉ जस्सी से पुछा फिर अब क्या प्रोग्राम है?

जुली बोली- अब मैं तुम्हे सिखाऊंगी कैसे तुम्हे अपना ख्याल रखना है और कैसे अपने लण्ड के ऊपर निय्रंत्रण पाना हैl उसकी बात सुन मैंने जेसिका और मोनी की और देखा, तो जुली बोली ये दोनों भी डॉक्टर है और इस काम में मेरी मदद करेगी l हम उसके लिए तैयार होकर आई है आज हम यही रहेंगे।

जुली बोली-जस्सी, तुम मेरे साथ आओ।

वो दोनों चले गए तो मैंने सारा से पूछा- कहाँ गई हैं दोनों?

सारा बोली - वो कुछ नहीं, ज़रा जस्सी से कुछ बातें कर रही है।

थोड़ी देर में दोनों वापस आ गई और जुली बोली- सब ठीक है आमिर, थोड़ी देर तुम आराम करो तब तक हम तैयारी करते हैं ।

यह कह कर हम तीनो बैडरूम में चली गयी। मैं सोफे पर ही ऊँघने लगाl

करीब घंटे के बाद सारा के साथ जुली बाहर आ गई और - मैं अभी आती हूँ कह वापिस गई। वह कमरे में गयी और थोड़ी देर बाद कुछ लेकर कमरे में चली गयीl

सारा ने आगे बढ़ कर मुझ को लबों पर चूम लिया और मैंने भी उसको एक बहुत ही गहरी चुम्मी दी।

फिर मैंने एक हाथ सारा के चूतड़ पर रख दिया और उसको हल्के हल्के मसलने लगा।

सारा बड़े ही प्यारे रंग की सिल्क की साड़ी पहने हुए थी और मेरे हाथ उसके चूतड़ों पर नहीं टिक रहे थे।

अब मैं सारा के मम्मों के साथ खेल रहा था और उसका हाथ मेरे अंडकोष पर था। फिर मैंने सारा के मम्मों को उसके ब्लाउज के ऊपर से चूमना शुरू कर दिया।

मैं अपने लंड को उसकी चूत को साड़ी के ऊपर से रगड़ रहा था। फिर हम एक दुसरे को थोड़ी देर हम यु ही एक दुसरे से खेलते रहे। फिर थोड़ी देर हमारा चूमना चाटना रगड़ना चलता रहा । हम दोनों एक दुसरे के होंठ चूसने लगे ।

कुछ देर बाद जुली बाहर आयी और बोली आमिर आज मैं तुम्हे एक नयी दुल्हन का तोहफा दे रही हूँ। जस्सी दुल्हन बनी तुम्हारा सुहाग की सेज पर इंतज़ार कर रही रही। जाओ प्यार से करना। l वह चूंकि सेक्स की विशेषज्ञ है तुम्हारी पूरी समस्या समझ कर पूरी मदद करेगी। मैंने जुली को पकड़ कर किस किया उसने भी शिद्दत के साथ चूमने में मेरा साथ दिया।

फिर जुली बोली मुझे छोड़ो आमिर जस्सी तुम्हारा इंतज़ार कर रही हैl मैं और सारा भी अंदर रहेंगीl मैंने कहा जस्सी को कोई ऐतराज तो नहीं हैl जुली बोली नहीं वह मेरी बहुत पुराणी सहेली हैl हमारा आपस में कुछ भी छुपा हुआ नहीं है l

जुली बोली जस्सी कुवारी है, इसलिए धीरे धीरे करनाl जुली बोली पहले सेक्स में कभी भी जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहियेl लण्ड को चूत के अंदर डालने के बाद चूत और लंड को पूरा मौका देना चाहये. कि वो आपस में हिलमिल सके और एक दूसरे को पहचान सकें। चुदाई के दौरान होंठो पर चुम्बन और मम्मों को सहलाना दबाना और चूसना चाहिएl ।

चूत को चूसना और लण्ड को भी चूसना चाहिएl इससे चुसवाने वाले को अच्छा लगता हैl चूत में ऊँगली डालने से भी लड़कियों को मजा आता हैl

फिर जुली और सारा मुझे जसिका के कमरे में ले गयी और हंसते हुए कमरे के अंदर सोफे पर बैठ गयी l कमरा गुलाब के फूलों से सज़ा था और सेज़ पर जस्सी दुल्हन सज धज कर बैठी थीl

कहानी जारी रहेगीl

आमिर खान हैदराबाद

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Note:- मैं स्वास्थ्य या किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप किसी योग्य डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।


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#62
मजे - लूट लो जितने मिले

छठा अध्याय -खड़े लंड की दास्ताँ.

भाग- 5

कुंवारी जस्सी के साथ सेक्स 




जस्सी मेरे न बैठने वाले लंड से चुदने के लिए दुल्हन बन कर बैठी थी और बला की खूबसूरत लग रही थी, हाईट 5 फुट 6 इंच, गोरी, काले बाल, पतला बदन, वो एकदम जूही चावला जैसी लगती थीl मेरी उससे कल ही मुलाकात हुई थी और बहुत कम बात हुई थीl मैंने उसे ठीक से देखा भी नहीं थाl लेकिन मुझे मालूम चल चूका था किआज एक नयी जन्नत की सैर करने का मौका खुदा ने दे दिया हैl

मुझे फ़क़ीर की बात का ख्याल हो आया, के मुझे नियामत मिलने वाली हैl सच में ये मेरे लिए एक अनोखा समय था, जब इतनी जल्दी जल्दी नयी हसीनाएं मिल रही थी, जो बिलकुल हूरो जैसे थीl

फिर में जस्सी के पास गया, उनका हाथ अपने हाथ में लेकर उनसे बातें करने लगा, और बोला कि आप तो यह बताओ कि आपको मेरे बारे में क्या मालूम है, जो आप मेरे साथ सुहाग की सेज पर आने को तैयार हो गयी ? तो जस्सी ने शरमाते हुए मुझे अपनी बाहों में लिया और कहने लगी कि मेरा आमिर राजा मुझे जुली ने आपके बारे में सब बता दिया हैl फ़क़ीर की बात याद करके तुरंत मैंने सबसे पहले जस्सी को एक मेवा खिलाया l

मैं आपके लंड को देखकर आपकी मुरीद हो गयी हूँl आप बाते भी बहुत अच्छी करते हैंl आप मेरे मुरीद हो जाएंगेl मैं आपसे चुदने और आपका इलाज करने ही आपको यहाँ बुलाया हैl

जस्सी ने मुझ से पुछा अब आपके लंड में दर्द तो नहीं है तो मैंने कहा नहीं अब बिलकुल दर्द नहीं हैl

जस्सी ने मेरे सबसे पसंदीदा लाल रंग की साड़ी पहनी हुई और गहनों से लदी हुई थी और फूलो से सजी हुई थीl जुली ने उसे हल्का सा मेकउप भी किया थाl वह गजब की सुन्दर लग रही थीl उसने चेहरा घूंघट में छुपाया हुआ थाl

मैंने एक गुलाब का फूल उठाया और सारा की और देखा llसारा उठ कर एकअंगूठी लायी और मुझे दियाl मैंने गुलाब के फूल से जस्सी का घूंघट उठाया और कहा मोहतरमा एक तोहफा पेश करता हूँ नज़राना कबूल फरमाएl उसने बायां हाथ आगे किया और बोली हज़ूर आप ही पहना दीजियेl मैंने उसे अंगूठी पहना दी और उसके हाथो को चूम लियाl मेरे चूमते ही उसकी सिहरन और सोने के कंगनो की टकराहट से छन की आवाज़ मेरे लंड को फौलादी बना गयी थीl

फिर मैंने धीरे से उनके होंठो को चूमा, उफ उसकी खुशबू ही क्या सेक्सी थी? l फिर मैंने धीरे से उन्हें अपनी बाहों में लिया और उनके होंठो पर चूमना और अपनी जीभ से गीली चटाई शुरू कर दीl अब जस्सी सिहरकर मुझसे लिपट गयी थी और उसकी 36 साईज की चूचीयां मेरे सीने से दब गयी थीl

फिर मैंने उत्तेजना में उसे जकड़कर अपनी बाहों में मसल डालाl तो जस्सी ने कहा कि आमिर धीरे करो बहुत दर्द होता हैl फिर मैंने उनके गालों पर गुलाब छुआ और ओंठो पर गुलाब फिर दियाl फिर गालो पर जीभ फैरनी चालू कर दी और फिर उनके ऊपर के होठों को चूमता हुआ, उनके नाक पर अपनी जीभ से चाट लियाl अब जस्सी भी उत्तेजित हो चुकी थी और सिसकारियां भरती हुई मुझसे लिपटी जा रही थीl अब में उनके चेहरे के मीठे स्वाद को चूसते हुए उनकी गर्दन को चूमने, चाटने लगा था और मेरे ऐसा करते ही वो सिसकारी लेती हुई मुझसे लिपटी जा रही थीl

मैं जस्सी के ब्लाउज के ऊपर से ही उनके बूब्स को सहलाने लगा थाl उसके बूब्स दबाने से वो सिहरने, सिकुड़ने और छटपटाने लगी थी, जिससे मैंने जोश में आकर उनका ब्लाउज जो की आगे से खुलता था उसके हुक धीरे धीरे खोल दिए और उसे अलग करके लाल ब्रा भी उतार दीl उफ़फ्फ़! अल्लाह ने उसे क्या खूबसूरती से बनाया था? अब मेरा खड़ा लंड तनकर पूरा खड़ा हो गया था और जस्सी का चिकना, गोरा बदन, मेरी बाहों में सिर्फ़ साड़ी और पेटीकोट में थाl

अब उनके होंठो को किस करते हुए उनके मुँह का स्वाद और उनके थूक का मीठा और सॉल्टी टेस्ट मुझे मधहोश कर रहा थाl अब उनकी आहें भरने की सेक्सी आवाज़ और नंगे जिस्म पर आभूषण से मेरा लण्ड एकदम तन गया थाl वो उत्तेजना से सिसकारी भरते हुए बोली कि ओह! आमिर मेरे राजा मेरी प्यास बुझा दोl

यह देख कर सारा का एक हाथ अपने आप ही अपनी चूत के ऊपर चला गयाl

तब जुली ने कहा- आमिर , क्यों न सारा को भी साथ ले लो वो बेचारी यूँ ही गर्म हो रही है।

मैंने कहा- हाँ हाँ, आ जाओ सारा और जुली, तुम दोनों भी शामिल हो जाओ हमारे खेल में।

जुली बोली नहीं मैं थोड़ी देर बाद आऊँगी अभी तुम जस्सी और सारा को प्यार करो और बाहर चली गयी

सारा झट से उठी और आकर हमारे बीच में खड़ी गई और हम दोनों को जफी डाली।

मैंने एक हाथ अब सारा के कूल्हों के ऊपर रख दिया और उसकी कमीज के ऊपर से उसके चूतड़ों को रगड़ने लगा।

फिर मैंने जस्सी के खुले हुए होटों के ऊपर एक चुम्मी दे दी और फिर मैंने दोनो हाथों से जस्सी और सारा को पकड़ा और दोनों को अपने से पूरी तरह से लिपटा लियाl अपने हाथ मैंने दोनों के उरोजों पर रख दिए, जो गोल और बहुत ही सॉलिड थे।

इतने में दरवाज़ा खुला जुली और मोनी एक ट्रे में हम चारो के लिए खास दूध लेकर आई और बोली- चलो चलो, तुम सब यह दूध पहले पी लो फिर और कुछ करना।

हम भी गिलास पकड़ कर दूध पीने लगे तब मैंने देखा की सारा और जस्सी की नज़र मेरी पैंट पर थी जिसमें मेरा लंड एकदम खड़ा और बाहर निकलने के लिए छटपटा रहा था।

सारा ने एक हाथ से मेरी पैंट के बटन खोल दिए और लपक कर लंड को खींच कर बाहर निकाल लिया।

जस्सी एकटक मेरे लंड को देख रही थी और मुझको लगा कि उसने पहले इतना लम्बा तगड़ा खड़ा लंड नहीं देखा थाl जस्सी बोली उफ़ इतना लम्बा तगड़ा मेरे अंदर कैसे जाएगाl ये तो मुझे फाड़ देगाl

दूध खत्म होने के बाद जुली ने हम सबका चार्ज अपने हाथों में ले लिया।

जुली बोली- सबसे पहले आमिर सारा को चोदेंगे और जस्सी इस चुदाई के खेल को ध्यान से देखगी। क्यूंकि चुदाई के समय थोड़ी बहुत तकलीफ तो होगी जस्सी को, तो इन दोनों की गरम चुदाई देख कर थोड़ी गरम भी हो जायेगी, क्यों ठीक है न?

हम सबने हामी में सर हिला दिया, फिर मैं जस्सी के कपड़े उतारने में लग गया। जहाँ के भी कपडे उतरता वहां मैं जस्सी को चूमता गयाl सारा ने अपने, जुली के और मेरे कपडे निकाल दिएl

सारा को तो नंगी मैंने देखा ही था, लेकिन जस्सी को पहली बार देख रहा था तो उसको मैं बड़ी उत्सुकता से देख रहा था।

जब दोनों नंगी हो गई तो मैंने देखा कि सारा के मम्मी गोल और मोटे हैं, लेकिन जस्सी के गोल और बहुत ही मोटे लगे। मैंने आगे बढ़ कर जस्सी के मम्मों को हाथ से तोलना शुरू किया।

वास्तव में वो काफी उम्दा किस्म के मम्मे थे और जस्सी के शरीर की शान थे। उसके चूतड़ भी गोल और ज़्यादा उभरे हुए थे और बार बार घोड़ी बना कर चोदने लायक थे।

उस की चूत भी कुछ ज़्यादा उभरी हुई थी, हालांकि घने काले बालों के बीच छुपी हुई थी।

यह सारा नीरीक्षण करने के बाद, मेरे लंड की अकड़ और अधिक हो गई और वो सीधा जस्सी की तरफ ही इशारा कर रहा था।

तब तक जस्सी को लेकर जुली पलंग के दूसरी तरफ चली गई और मुझको, सारा को पलंग की ओर धकेल दिया।

मैंने सारा को एक बहुत सख्त जफ़्फ़ी मारी और उसको चूमते हुए पलंग पर ले आया, उसकी चूत को हाथ लगाया तो वो बेहद गीली हो चुकी थी।

अब मैंने सारा को घोड़ी बनाया और उसकी चूत पर थोड़ी क्रीम लगाई और उस पर अपना लंड रख कर जुली की तरफ देखने लगा।

उसने हल्के से आँख का इशारा किया और मैंने झट से लंड पहले थोड़ा और फिर पूरा का पूरा सारा की चूत में डाल दिया।

उसके मुंह से आनन्द की सिसकारी निकल पड़ी और वो स्वयं ही अपने चूतड़ आगे पीछे करने लगी।

यह देख कर मैं अपने घोड़े को सरपट दौड़ाने लगा और रेल के इंजिन की तरह अंदर बाहर करने लगा।

मेरे हाथ उसके मम्मों की सेवा में लग गए।

सारा की चुदाई को जस्सी बड़े आनन्द और गौर से देख रही थी और जुली के हाथ की उंगली जस्सी की कुंवारी चूत पर चल रही थी और उसको मस्त कर रही थी।

जस्सी का मुंह खुला हुआ था और उसका एक हाथ अपने मम्मे को टीप रहा था और उसकी जांघें जुली को हाथ को कभी जकड़ रही थी और कभी उसको छोड़ रही थी।

कोई 6-7 मिन्ट में ही सारा बड़ी तीव्रता से झड़ गई और पलंग पर पसर गई।

मैंने उसको सीधा किया और ताबड़तोड़ उसके होटों को चूमने लगा और उसके मम्मों को चूसने लगा। वो बुरी तरह से कसमसाने लगी लेकिन मैंने उसको सांस लेने के लिए भी समय नहीं दिया।

तब जुली आई और मुझको उठा कर जस्सी की तरफ ले गई और मेरे लौड़े को भी गीले कपड़े से साफ़ कर दियाl

मैंने जाते ही जस्सी को अपनी बाहों में बाँध लिया और उसके लबों को चूसने लगा।

उसका हाथ अब मेरे लौड़े से खेल रहा था।

तब जुली ने जस्सी को बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चूत पर थोड़ी क्रीम लगाई और मेरे लंड को भी क्रीम लगा कर तैयार कर दिया।

मैं जस्सी के गोल और मोटे मम्मों को चूसने लगा, उसके खड़े निप्पलों को भी बारी बारी लोली पोप की तरह चूसने लगा।

जुली ने मेरे चूतड़ पर हल्की सी थपकी मारी और मैं समझ गया कि चूत में लंड के जाने का समय निकट आ गया हैl मैंने लंड को हल्का से एक धक्का दिया और वो एक इंच अंदर चला गया और फिर एक और धक्का मारा तो आगे का रास्ता बंद मिला।

मैंने लंड को बाहर निकाला और उसको उसकी भग पर रगड़ा और फिर एक ज़ोर का धक्का मारा तो लंड पूरा अंदर और जस्सी जोर से चिल्लाई- हायययययय मर गई रे! मार डाला, मेरी फट गयी!

अब मैं लंड को अंदर डाल कर आराम करने लगा। यह पहला प्रवेश चूत और लंड के पहले मिलाप की घड़ी होती है और एक दूसरे को पहचानने को और एडजस्ट करने का समय होता है। जुली के मुताबिक़ इस वक्त कभी भी जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिये और चूत और लंड को पूरा मौका देना चाहये, कि वो आपस में हिलमिल सके और एक दूसरे को पहचान सकें।

मैं भी जुली की बताई हुई बातों का ध्यान रखते हुए जस्सी को होटों पर चुम्बन और मम्मों को चूसने में लग गया।

ऐसा करने से जस्सी अपनी चूत में हो रहे दर्द को भूलने लगी और नीचे से चूतड़ की थाप देकर मुझको लंड चलाने के लिए उकसाने लगी।

मैं भी धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा। पूरा लौड़ा निकाल कर फिर धीरे से अंदर डालने में मुझको भी बहुत मज़ा आने लगा और जस्सी के भी आनन्द की सीमा नहीं रही।

जुली हमारे दोनों के पसीने पौंछ रही थी और सारा एक हाथ से अपनी भग को रगड़ रही थी और दूसरे हाथ से मेरे लंड को अंदर बाहर होते महसूस कर रही थी।

जस्सी की चूत में से अब काफी रस निकल रहा था । उसके मम्मों के निप्पल एकदम खड़े थे और मैंने चूस चूस कर अपने अंदर कर लिया था।

जुली मुझको चूतड़ों पर बराबर थपकी दे रही थी और मैं उसकी थपकी के कारण अपनी स्पीड बढ़ाने लगा।

ऐसा करने के कुछ मिन्ट में ही जस्सी छूट गई और चूतड़ उठा कर मुझसे नीचे से लिपट गई और मुझको कस कर अपने बाहों में जकड़ लिया जबकि उसका शरीर ज़ोर से कांपने लगा। मैं भी उसके अन्दर झड़ गया ।

हम दोनों कुछ क्षण इसी तरह एक दूसरे की बाहों में लिपटे रहेl जब सांस ठीक हुई तो जस्सी ने मेरे मुंह अपने मुंह के पास लाकर ज़ोरदार किस होटों पर किया और बोली- थैंक यू आमिर! मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ। सच में बहुत मजा आया l शुरू में थोड़ा दर्द हुआ, बाद में तुमने बहुत मजे दिएl

मैं बोला- तुम्हारा भी थैंक यू जस्सीऔर जुली, तुमने मुझको लाजवाब तोहफा दिया।

जुली ने दौड़ कर हम दोनों का बदन साफ़ कर दिया और जस्सी की चूत पर लगे खून के धब्बे भी अछी तरह से साफ़ कर दिए।

जस्सी अब बिस्तर पर पसर गई थी और जुली उसकी चूत पर क्रीम लगा रही थी ताकि उसको कम दर्द हो।

सारा की नज़र अभी तक मेरे लौड़े पर अटकी थी क्यूंकि वो अभी भी खड़ा था।

सारा ने मुझ को और जस्सी को स्पेशल दूध का गिलास दिया।

दूध पीने के बाद मैं काफी फ्रेश हो गया था और जुली की चूत और मम्मों की तरफ देख रहा था।

सारा धीरे से आई और मेरे लंड से खेलने लगी और हैरान होकर जुली से पूछने लगी- यह आमिर का लंड अब कभी भी नहीं बैठेगा यह सारा दिन रात इसी तरह खड़ा रहेगा।

सारा के लिए ये और भी हैरानी की बात इसलिए भी थी क्योंकि उसके पहले पति इमरान का लंड तो खड़ा ही नहीं होता था और मेरा लंड बैठ नहीं रहा थाl

जुली बोली- तुम जैसी खूबसूरत और कमसिन लड़की को देख कर मेरा भी अगर लंड होता तो वो भी ऐसे ही खड़ा रहता।

मैं बोला- तुम चीज़ ही बड़ी मस्त हो जुली,और तुम्हारी सहेली जस्सी भी कम नहीं यार!

जुली भी मेरे लंड के साथ खेल रही थी और मुझको यकीन था कि वो और भी चुदाई के मूड में है। मैंने सारा को इशारा किया कि वो जुली को संभाल ले थोड़ी देर तक!

उसने जुली की कमर में हाथ डाला और उसके मुंह पर ज़ोरदार चुम्मी की।

पहले तो जुली हैरान होकर देख रही थी कि यह क्या हो रहा है और फिर उसको मज़ा आने लगा, उसने भी चुम्मी का जवाब चुम्मी से दिया।

तब सारा ने उसको ज़ोर से अपनी मोटी बाँहों में भींच लिया, फिर उसके मम्मों को चूसने लगी, पहले दायाँ और फिर बायाँ।

एक हाथ उसने उसकी बालों भरी चूत में डाल दिया और उसकी भग को मसलने लगी। फिर उसने जस्सी की गोल मस्त गांड को गोल गोल मसलना शुरू कर दिया।

जुली को खूब मस्ती चढ़ गई, वो भी सारा की चूत को छेड़ने लगी।

इधर जस्सी की भी आँखें दोनों की तरफ ही थीं, वो यह अजीब तमाशा देख रही थी और अपनी चूत पर हाथ फेरने लगी।

उसके हाथ को हटा कर अब मैं भी उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा।

तब तक सारा जुली के साथ मेरे पास आई और आते ही बोली- सरकार आपका स्पेशल गिफ्ट तैयार है। इस गीले और चुदासे गिफ्ट को कबूल फरमायें।

मैंने भी उसी लहजे में कहा- शाबाश मलिका-ए-औरतजात, आपने पूरी मेहनत से यह तोहफा तैयार किया है, यह हमको कबूल है!

यह कह कर मैंने जुली को अपने आगोश में भर लिया और ताबड़तोड़ चूमने का दौर शुरू कर दिया।

उसकी चूत को हाथ लगाया तो वो एकदम तरबतर थी अपने सुगन्ध भरे पानी से।

मैंने जुली को जस्सी की बगल में लिटा दिया और झट से उसकी खुली टांगों में बैठ कर अपनी तोप का निशाना साधने लगा।

जुली ने अपनी टांगें बिलकुल फैला दी तो शाहे-ऐ-आलम समझ गए की भट्टी पूरी तरह से गर्म है, पहले धीरे से डाला लंड को और वो पानी की फिसलन से एकदम आधा अंदर चला गया, अगला धक्का लंड को उसकी चूत की गहराई तक ले गया, अंदर पहुंचा कर कुछ दम लेने लगे हम दोनों।

उधर जस्सी के साथ सारा छेड़छाड़ कर रही थी क्योंकि उसको अभी भी चूत में थोड़ा सा दर्द था लेकिन वो जुली और मेरी चुदाई को बड़े ध्यान से देख रही थी।

अब धीरे धीरे मैंने जुली को अपनी पूरी स्पीड से चोदना शुरू किया, पहले लेट कर फिर उसको अपने ऊपर लेकर पोजीशन बदल बदल कर चोदना शुरू किया।

अंतिम धक्के उसको घोड़ी बना कर लगाए, फिर जब वो छूटी तो उठ कर मेरे गले से लिपट गई।

हम, चोदते और सोते रहे। यही क्रम काफी देर चला और फिर हम चारो थक कर सो गए।

जुली और जस्सी शाम को उठी और फ्रेश होने के बाद हम बगीचे में आ गएl वहां पर सारा चाय ले आयीll

चाय पीने के बाद जस्सी बोली थैंक यू जुली आमिर तुम्हे मुझे मेरी जिंदगी का सबसे हसीं तोहफा दिया सच में बहुत मजा आयाl आमिर तुम बहुतअच्छा चोदते हो, तुम्हारी बीवी हमेश तुमसे खुश रहेगीl सारा हंसती हुई बोली बीवी नहीं बीविया इनकी अब 5 बीविया हैं l सारा, ज़रीना, दिलिया, डॉ जुली और लूसीl अगर आपको भी मिला लू तो 6 हो जाएंगीl

जस्सी बोली इनसे शादी करके तो मेरी लाटरी ही निकल जायेगी लेकिन अभी मैं आगे पढाई करना चाहती हूँl हाँ, जब भी मौका मिलेगा मैं इनकी सेवाएं लेती रहूंगीl आमिर तुम बहुत ही लकी हो, इस मामले में! तुम्हारा केस अजीब और अनोखा है, लेकिन हम लड़कियों के लिए बहुत ही फायेदमंद है।

लंड महाराजा बार बार झड़ने के बाद भी बादस्तूर खड़े थे

कहानी जारी रहेगीl

आमिर खान हैदराबाद

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  7.  मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ
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#63
मजे - लूट लो जितने मिले

छठा अध्याय -खड़े लंड की दास्ताँ.



भाग- 6



हूर जैसी लड़की ने लिया मेरा इम्तेहान



मेरी अब तक की कहानी "खड़े लण्ड की अजीब दास्ताँ: जो की "खाला को चोदा, खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला और मजो की दुनिया में मेरे अनुभव" के अगले भाग हैं l



मेरी पिछली कहानी में आपने पढ़ा डॉक्टर जुली वापिस आ गयी जुली बोली आमिर तुम्हारी डॉक्टरी जांच की रिपोर्ट आ गयी हैं जुली के साथ एक बहुत खूबसूरत लड़की भी आयी थी जुली ने उसका नाम डॉक्टर जेसिका (जस्सी) बताया जो की सेक्स विशेषज्ञ है इन्हे मैंने तुम्हारी खड़े और न बैठने वाले लंड की दिक्कत के बारे में बताया है और इन्होने ही जो टेस्ट बताये थे वह मैंने करवाए थे और तुम्हारी सारी रिपोर्ट भी देखि हैं फिर डॉक्टर जस्सी के कहने पर उनके सामने मैंने सारा की एक बार और चुदाई की l



डॉक्टर जूली और जस्सी ने बताया तुम्हारी डिलिया के साथ जबरदस्त चुदाई के तुम्हारी कुछ नसे इस तरह से हो गयी है की अब तुम्हारा लंड खड़ा ही रहता है ये साधारणतया नहीं होता है उसका सीधा सीधा इलाज नहीं है .l लेकिन तुम्हे ये कुदरत से ख़ास मिली है तो इसे बचा कर रखोl



वैसे तो चुदाई मर्द के झड़ने के बाद ख़तम हो जाती है क्योंकि झड़ने के बाद लंड में आया फ़ालतू खून वापिस चला जाता है और लंड बैठ जाता है पर तुम्हारे केस में ऐसा नहीं है खून नसे में आयी हुई सुकड़न के बाद वापिस नहीं जाता है और लंड खड़ा रहता हैl इसमें लड़कियों की और तुम्हारी बीवियों की तो मौज ही मौज है वह जितनी देर चाहे चुद सकती है l



और डॉक्टर जूली और डॉ जस्सी ने मुझे मेरी दिक्कत के बारे में समझाया की आगे से सेक्स में क्या क्या ध्यान रखना है और अपने क्लिनिक पर अगले दिन चेकउप के लिए बुलाया



खड़े लण्ड की अजीब दास्ताँ Chl 02 में आपने पढ़ा मैं, सारा और डॉक्टर जुली डॉक्टर जस्सी के घर जो की उसका क्लिनिक भी था वहां पर गए तो डॉक्टर के पास कुछ लोग बैठे थे तो मैं उसके घर के बग़ीचे में चला गया वह मुझे जस्सी की बहन मोनी मिली जो बहुत सूंदर थी और गेंद से खेल रही थी वहां मैं उसके साथ खेला और फिर उसको वहॉ पार्क में चोदा .l



खड़े लण्ड की अजीब दास्ताँ भाग 3 में आपने पढ़ा पार्क में डॉ जासी की बहन मोनी की चुदाई के बाद डॉ जस्सी के यहाँ मेरे कुछ और टस्ट हुए और उसके बाद मैंने कुंवारी जस्सी की सील तोड़ी और सारा जुली और जस्सी के साथ सेक्स किया



अब आगे



सारा ने मुझ से पुछा आपको कैसा लग रहा है?



तो मैंने कहा ऐसा लग रहा है जैसे जीते जी जन्नत में आ गया हूँl



मुझे इतनी खूबसूरत हूर जैसी महबूबाएं मिली हैंl



सारा मुस्कुराते हुए बोली हाँ लगता हैं उन फ़क़ीर बाबा की बात सच हो गयी हैl



मैंने पुछा वो कैसे सारा?



तो सारा बोली "इस्लाम में ऐसी मान्यता है कि खुदा के बन्दों को जन्नत नसीब होती है। जन्नत वह स्थान है जहाँ मानव जीवन के रूप में होने वाले सभी कष्ट खत्म हो जाते हैं। प्रत्येक व्यक्ति जो 'जन्नत' में जाता है, उसको जन्नत में 72 कुंवारी हूरें दी जाएँगी।



हदीस तिरमिज़ी में दिए गए हूरों के सौंदर्य के वर्णन इस प्रकार है;



हूर एक अत्यधिक सुंदर युवा स्त्री होती हैl उसका रंग सफेद है, और साधारण स्त्रियों की तरह शारीरिक कमियों जैसे मासिक धर्म, रजोनिवृत्ति, मल व मूत्रा विसर्जन, गर्भधारण इत्यादि संबंधित विकारों से मुक्त होती है।



प्रत्येक हूर किशोर वय की कन्या होती है। उसके उरोज उन्नत, गोल और बडे होते हैं जो झुके हुए नहीं हैं। हूरें भव्य परिसरों वाले महलों में रहतीं हैं।



हूर का मुख दर्पण से भी अधिाक चमकदार होता है, तथा उसके गाल में कोई भी अपना प्रतिबिंब देख सकता है।



सारा बोली खुदा के बन्दों को कुरान पर तफ़सीरों और टिप्पणियों में, ऑवरिस का वर्णन इस प्रकार है:



चौड़ी और सुंदर आँखें वालीl माणिक या मूंगा के रूप में सुरुचिपूर्ण या आदमी द्वारा पहले से अछूती 72 हूरे मिलती हैं और मर्द का लंड कभी भी न बैठने वाला होता हैl"



एक तो आपका लंड बैठ नहीं रहा ऊपर से इतनी खूबसूरत हूरो जैसी रोज नयी नयी कुंवारी महबूबाएंl



मैं उसकी बात सुन बस मुस्कुरा दिया और बोला बस 6 ही तो मिली हैं, तो लूसी इसी के साथ अंदर आयी और बोली आपकी सभी महबूबाएं मुझे मालूम हैं l मैंने पुछा लूसी तुम कब आयी तो जुली बोली मैंने गाडी भेज कर लूसी को भी बुला लिया थाl



सब कहने लगी हमें भी आमिर की सब महबूबाओं के बारे में जानना हैl



तुम्हे सबकी कहानी एक-एक करके सुना दूंगाl जो आगे मिलेंगी उन्हें तुम सब देख जान ही लोगीl



फिर हम चारो एक साथ स्विमिंग पूल में नहाये और चारो को एक बार फिर चोद डालाl जस्सी बोली आमिर आज यही रुक जाओl आराम करने की लिए मैं और जस्सी चिपट के सो गएl



शाम के समय मुझे जूली ने जगाया और पुछा आमिर अब कैसे हो मैंने कहा तरोताजा महसूस कर रहा हूँl तभी जस्सी भी बोली जो मैंने सुबह बताया था, वह सब याद हैं न? मैंने कहा हाँ सब याद हैl तो वह बोली आज रात देखेंगे तुम्हे कितना याद है? मैंने कहा हाँ देख लेना l



फिर हमने चाय पी और मैं और सारा बाहर फार्म हाउस में सैर करने चले गएl



रात में लूसी और जूली ने स्पेशल खाना बनाया और सबने बड़े मजे ले कर खायाl फिर मैंने जूली से पुछा आज क्या करना हैl जूली बोली आज तुम्हारा इम्तेहान हैं, देखना है जस्सी ने जो पढ़ाया सिखाया उसे तुम कितना समझेl



जूली बोली आमिर जाओ जस्सी के कमरे में तुम्हारा परचा है हम आते हैंl मैं कमरे में चला गयाl दरवाजा जैसे ही सरकाया, तो अंदर लाल रंग की धीमी रौशनी थी और कमरा पूरा फूलो से सजा हुआ थाl कलियों फूलो से पूरा कमरा महक रहा थाl बिस्तर भी सुहाग की सेज बना हुआ था और बिस्तर पर एक मोहतरमा दुल्हन के लिबास में फूलों से सजी गहनों से लदी हुई मेरा इंतज़ार कर रही थीl



मुझे अंदर आया देख वो बिस्तर पर बैठ गई और सर पर पल्लू डाल लिया। मैं समझ आया मेरा इम्तेहान इन्ही मोहतरमा ने लेना हैl



मैं उसके पास आकर बैठ गया और अपना कान पकड़ते हुए कहा कि सुहागरात के दिन आपको इस तरह इंतजार कराने के लिए माफी चाहता हूँl आप जो सजा देना चाहो, मुझे कुबूल है!



उस वक्त वो नजरें झुकाए बैठी थी, उसने पलकों को थोड़ा उठाया और मुस्कुरा कर कहा- अब आगे से आप हमें कभी इंतजार ना करवाइएगाl आपके लिए इतनी ही सजा काफी है।



मैंने 'सजा मंजूर है..' कहते हुए उसे बांहों में भर लियाl मैंने पुछा आपका नाम क्या है वह धीरे से बोली सोनी (बदला हुआ नाम ) इतने में मोनी, सारा, जूली, और जस्सी भी हंसती हुई अंदर आ गयी मोनी बोली ये मेरी छोटी बहन सोनी हैl ये भी डॉक्टर हैl हम दोनों ने एक दुसरे को वादा किया हुआ हैl हमारा पहला सेक्स एक ही पुरुष के साथ होगाl इसलिए आमिर आज पेश इ खिदमत है तुम्हारी नयी मल्लिकाl



मैंने मोनी को पुछा ये सब क्या है डॉ साहब? तो मोनी बोली ये भी हमने प्लान किया था और मेरी और तुम्हारी मुलाकात भी प्लान की गयी थीl जस्सी और जुली दीदी को हमारी पार्क की चुदाई की बारे में सब मालूम है और जुली ने सारा को भी सब समझा दिया थाl



मैंने सारा की और देखा तो उसने आगे आ कर मुझे एक अंगूठी पकड़ा दी.l मैंने एक गुलाब उठाया और सोनी को पेश करते हुए बोला मल्लिका ऐ हुस्न पेश खिदमत है आपके गुलाम की और से मोहब्बत का पहले नज़रानाl सोनी ने हाथ आगे बढ़ाया तो मैंने उसे अंगूठी पहना दी, फिर धीरे से उसका घूंघट उठा दियाl



मैं उसे देखता रह गयाl सोनी हूबहू मोनी की कार्बन कॉपी थीl मैं कभी सोनी तो कभी मोनी की और देखने लगाl मोनी फिर बोली आमिर सोनी मेरी जुड़वाँ बहन हैl लेकिन मुझ से छोटी हैl जेसिका बोली परचा कैसा लगा जनाब?



मैंने कहा बड़ा हसीं परचा है l ऐसा परचा पहले कभी नहीं लिया गया मेराl



फिर मैंने सोनी के ओंठ चूमे और सोनी के गहने बड़ी नजाकत से उतारने लगा ।



पहले तो सोनी शर्म से दोहरी हो गई, किसी पुरुष का ऐसा आलिंगन पहली बार था, सोनी के शरीर में कंपकपी सी हुई.l पर वो जल्द ही संयत होकर मेरा साथ देने लगी।



गहनों के बाद मैंने उसकी दुल्हन चुनरी भी उतार दी, मेरे दिल की धड़कनें और तेज होने लगीं, मैं उसके और करीब आ गया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिएl वो घबराहट, शर्म और खुशी से लबरेज होने लगी।



उसने तुरंत ही अपना चेहरा घुमा लिया.l पर मैंने अपने हाथों से उसका चेहरा थाम लिया और अपनी ओर करते हुए कहा कि जानेमन शर्म औरत का सबसे मंहगा गहना होता है, लेकिन सुहागरात में ये गहना भी उतारना पड़ता है.l तभी तो पूर्ण मिलन संभव हो पाएगा।



वो मुस्कुरा कर रह गई, और कहती भी क्या.l लेकिन उसकी शर्म अब और बढ़ गई, तभी मैंने उसके कंधे पर चुम्बन अंकित कर दिया और उसने अपना चेहरा दोनों हाथों से ढक लिया। मैंने अपने एक हाथ से उसकी पीठ सहलाई और दूसरे हाथ को सोनी के लंहगे के अन्दर डाल कर जांघों को सहलाने लगाl



मैंने उसके जननांग को छूना चाहा और मेरे छूने के पहले ही उसमें सरसराहट होने लगी, सोनी के सीने के पर्वत कठोरतम होने लगे, वो शर्म से लाल होकर चौंकने की मुद्रा में लंहगे में घुसे हाथ को पकड़ कर निकालने लगी।



मैंने हाथ वहाँ से निकाल तो दिया, पर तुरंत ही दूसरा पैंतरा आजमाते हुए, उसके उरोजों को थाम लिया।



वो अब समझ चुकी थी कि आज उसकी जिन्दगी की सबसे हसीन रात की शुरूआत हो चुकी है, पर उस पर शर्म हावी थी, तो मैंने कहा- जान अब शरमाना छोड़ कर थोड़ा साथ दो ना!



तो उसने आँखें खोल कर मेरी आँखों में देखा और झिझक से थोड़ा बाहर आते हुए मस्ती से मेरी गर्दन में अपनी बांहों का हार डालकर मुझे अपनी ओर खींचा और मेरे कानों में कहा कि जनाब सल्तनत तो आपको जीतनी है, हम तो मैदान में डटे रहकर अपनी सल्तनत का बचाव करेंगें। अब आप ये कैसे करते हैं आप ही जानिए।



इतना सुनते ही मेरे अन्दर अलग ही जोश आ गया.l मैंने उसका ब्लाउज का हुक खोला नहीं.l बल्कि सीधे खींच कर तोड़ दिया और मिनटों में ही अपने कपड़ों को भी निकाल फेंका।



अब मैं केवल अंतर्वस्त्र में रह गए था । मैंने अगले ही पल उसका लंहगा भी खींच दिया, उसने हल्का प्रतिरोध जताया, लेकिन वो खुद भी इस कामक्रीड़ा में डूब जाना चाहती थी। अब मैं उसके ऊपर छा गया और उसके सीने पर उभरी दोनों पर्वत चोटियों को एक करने की चेष्टा करने लगा । अनायास ही सोनी के मुंह से सिसकारी निकलने लगी, तभी मैंने उसके सीने की घाटी पर जीभ फिरा दी।



उधर नीचे मेरा लण्ड सख्त हो चुका l लण्ड चुत को ढूंढ रहा था, सोनी ने लण्ड को अंडरवियर के ऊपर से हाथ लगा कर लम्बाई का अनुमान लगांने कोशिश की!



सोनी बोली मुझे खून खराबे का डर तो था, लेकिन यह भी पता था कि आज नहीं तो कल ये तो होना ही है, वह आँखें मूँदे ही आने वाले पलों का आनन्द लेने लगी, उसका प्रतिरोध भी अब सहयोग में बदलने लगा था।



मैं अब उसके अंतर्वस्त्रों को भी फाड़ने की कोशिश करने लगाl मेरे इस प्रयास से उसे तकलीफ होने लगी.l तो उसने खुद ही उन्हें निकालने में उनकी मदद कर दी। उसके उरोज आज़ाद हो गए वाह क्या गोलाईयाँ थीl बड़े बड़े नरम नरम पर बिलकुल भी ढलके हुए नहीं थे और गुलाबी रंग के छोटे छोटे निप्पलl मैं निप्पल बारी बारी किस कर चूसने लगाl और वह सिसकारियां भरने लगी तभी मैंने एक झटके में अपने बचे कपड़े भी निकाल फेंके। मेरे लिंग को देखते हो वह चिल्ला उठी l जस्सी दीदी इनका लण्ड इतना बड़ा है, यह तो आपने नहीं बताया, ये तो मुझे चीर के रख देगाl मोनी बोली सोनी घबराओ नहीं तुम्हारा और मेरा शरीर एक जैसा हैl देखो मुझे कुछ नहीं हुआ सही सलामत खड़ी हूँ यहाँ तुम्हारे पास l सोनी यह तो मजे का औजार है, जितना बड़ा तगड़ा होगा उतने ही ज्यादा मजे देगाl चाहो तो सारा आपा से पुछा लोl



तभी किसे पूर्वनियोजित स्कीम के अनुसार जूली और सारा ने मेरे ऊपर हमला बोल दियाl दोनों अपने पूरे कपडे उतार चुकी थीl सारा ने घुमा कर मुझे किस करना शुरू कर दिया और जूली ने मेरा लण्ड पकड़ कर सहलाना शुरू कर दियाl मैं भी सारा की किस का जवाब उसके ओंठ चूस कर देने लगा और जूली के मम्मो को दबाने लगाl फिर मैं बोला आज की रात की रानी सोनी है थोड़ा रुको जान, पहले सोनी को प्यार कर लू फिर तुम्हारा भी नंबर लगेगाl



दोनों बोली अच्छा ठीक है फिर अब सोनी को पहचानो तो जानेl



मैं सोनी की और पलटा तो देखा बिस्तर पर मोनी और सोनी दोनों बिलकुल नंगी लेटी हुई थीl दोनों हूबहू एक दुसरे की कार्बन कॉपी; कौन सोनी? और कौन मोनी? पहचानना बहुत मुश्किल था l



मैंने गौर से देखा दोनों की चुत बिलकुल सफाचट थीl



फिर मैंने दोनों के चेहरे देखे एक के चेहरे पर शर्म के भाव थे दूसरी के चेहरे पे उत्तेजना थीl मैंने जो शर्मा रही थी उसे चूमना शुरू किया और बोला यही सोनी हैl



चारो बोली वाह क्या पहचाना हैl जूली बोली आमिर तुमने तो सोनी को एक बार देख कर ही सटीक पहचान लियाl जबकि मेरी दोनों बहुत पुराणी सहेलिया हैं मैं फिर भी भूल कर जाती हूँl



फिर मैं सोनी और मोनी, दोनों की चुत को सहलाने लगाl मोनी की चुत चुदाई से सूज कर फूली हुई थी, जबकि सोनी की चुत एकदम कोरी कुंवारी थीl मैंने दो उंगलियों से सोनी की चुत को खोलाl वह अंदर से गुलाबी रंग की थी और बहुत मुश्किल से खुली.l जबकि मोनी की चुत थोड़ा आराम से खुल गयी और फटने के बाद अंदर से लाल थीl मोनी ने मुझे किस किया l



मोनी बोली आमिर सोनी अब तुम्हारी हुई तुम एक इम्तेहान में पास हो गएl



इतने में लूसी एक ट्रे में हम सब के लिए खास दूध लेकर आई और बोली- चलो चलो, सब यह दूध पहले पी लो फिर और कुछ करना।



हम सब ने दूध पिया l



लंड महाराजा बादस्तूर खड़े थेl



कहानी जारी रहेगीl


आमिर खान हैदराबाद


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#64
मजे - लूट लो जितने मिले

छठा अध्याय -खड़े लंड की दास्ताँ.

भाग-7


जन्नत की हूर जैसी सोनी



मैं और सोनी दोनों मादरजात नग्न अवस्था में पड़े थे। मैंने पहली बार उसकी योनि में हाथ फिराया और खुश होकर बोला क्या कयामत की बनावट है यार, इतनी मखमली, रोयें तक नहीं हैं! अय हय.l मेरी तो किस्मत खुल गई!

ऐसा कहते हुए मैंने उसकी पहले से गीली हो चुकी योनि में अपनी एक उंगली डाल दी।

वो इस हमले के लिए तैयार नहीं थी, और चिहुंक उठी, लेकिन फिर अगले हमले का इंतजार करने लगी। कुछ देर पहले सल्तनत की रक्षा करने वाली.l अब खुद ही पूरी सल्तनत लुटाने को तैयार बैठी थी।

अब तो उसका भी हाथ मेरे सख्त मूसल से लिंग को सहलाने लगा थाl साथ ही मैं उसके जिस्म का हर अंग चुम्बन से सराबोर कर रहा था। उसकी योनि तो कब से उसके लिंग के लिए मरी जा रही थी और अब उसकी सल्तनत लूटने का वक्त भी आ ही गया।

मैं उसके पैरों की तरफ घुटनों के बल बैठ गया और मैंने उसके दोनों पैरों को फैला कर योनि को बड़े प्यार से सहलायाl वो तड़प उठी।

फिर मैंने योनि पर एक चुम्बन अंकित किया, उसके शरीर के रोयें खड़े हो गए और फिर अपने लिंग महाराज को योनि के मुहाने पर टिका कर सोनी पर झुक गया। मैंने ताकत लगाई लेकिन लण्ड अंदर नहीं जा रहा थाl योनि कुंवारी थी l मैंने अपनी उंगलियों से योनि के मुँह को खोला और लण्ड के सुपांडे को अन्दर फसा दिया सोनी कराहने और ओह्ह्ह आह करने लगी l

मैंने थोड़ी ताकत लगाई और अपना लगभग चौथाई लिंग योनि की दीवारों से रगड़ते हुए अंदर चला गयाl मैंने एक और धका लगाया, उसकी झिल्ली को फाड़ते हुए लण्ड अन्दर पेवस्त करा दिया।

वो दर्द के मारे बिलबिला उठी और छूटने की नाकाम कोशिश करने लगी। पर मैंने उसे दबोच लिया और उसके उरोजों को दबाते हुए एक और जोर का झटका दिया और अपने लिंग को जड़ तक सोनी की योनि में बिठा दिया।

वह रो पड़ी है मर गयी बहुत दर्द हो रहा हैl जालिम ने मेरी फाड़ डाली पर मैंने हंसते हुए कहा- क्यों जानेमन.l अब हुई ना सल्तनत फतह?

उसने मरी सी आवाज में कहा- हाँ हो तो गई.l पर जंग में तो मेरा ही खून बहा है ना, आपको क्या फर्क पड़ना है। तुमने तो मार डालने का पक्का इरादा कर रखा है क्या? आराम आराम से नहीं कर सकते क्या? वो रोते हुए बोली।

मेरा जवाब था कि जंग में तो खून-खराबा आम बात है.l अब सिर्फ लड़ाई का मजा लो! और पहली पहली बार है तो थोड़ा दर्द तो होगा ही ना, अभी थोड़ी देर में कहोगी. कि जोर जोर से मारो, धीरे धीरे में मजा नहीं आ रहा!

थोड़ा दर्द होता तो मैं सह लेती, पर तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी, थोड़ा धीरे चोदो, बुर भी तुम्हारी है और मैं भी तुम्हारी ही हूँl

अब मैं लंड को अंदर डाल कर आराम करने लगा और सोनी को किस करने लगाl मैं उसके होंठ चूसने लगा। यह पहला प्रवेश चूत और लंड के पहले मिलाप की घड़ी होती हैl लण्ड और चुत को एक दूसरे को पहचानने का और एडजस्ट करने का समय होता है। डॉक्टर जूली के मुताबिक़ इस वक्त कभी भी जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिये और चूत और लंड को पूरा मौका देना चाहये कि वो आपस में हिलमिल सके और एक दूसरे को पहचान सकें।

मैं भी जूली की बताई हुई बातों का ध्यान रखते हुए सोनी को होटों पर चुम्बन और मम्मों को चूसने में लग गया। थोड़ी देर में सोनी सामान्य हो गयी।

यह कहते हुए मैंने फिर एक बार अपना पूरा लिंग 'पक्क.l की आवाज के साथ बाहर खींच लिया। किसी बड़े मशरूम की तरह दिखने वाला लिंग का अग्र भाग योनि से बाहर आ गया.l मुझे बड़ा मजा आया। लण्ड खून में सना हुआ था।

फिर मैंने योनि को अपने लिंग के अग्र भाग से सहलाया और एक ही बार में अपना तना हुआ लिंग योनि की जड़ तक बिठा दिया। इस अप्रत्याशित प्रहार से सोनी लगभग बेहोश सी हो गई, पर कमरा 'आहह ऊहह..' की आवाजों से गूंज उठा।

परन्तु मैं जानता था कि यह उसकी प्रथम चुदाई है ऐसा तो होना ही था, अभी थोड़ी देर बाद यह खुद ही जोर लगाने लगेगी और चूतड़ उछाल उछाल कर चुदवाएगी।

मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरु किए, लण्ड उसकी चुत को चीरता हुआ जड़ तक पूरा 8 इंच अंदर चला गयाl आआहहह! ऊउम्म्मम म्म्मम! आईईईईईईई! माँम्म्म्म्म् म्माआआ!

उसके मुँह से दर्द भरी परन्तु उत्तेजनापूर्ण आवाजें निकलने लगी। लगभग पाँच मिनट बाद जब मेरा पूरा लन्ड उसकी बुर में हिचकोले खाने लगाl वह भी चूतड़ उछाल उछाल कर अपनी बुर में मेरा लण्ड लेने लगी।

अब वह मेरे लण्ड को सुपारे से ले कर टट्टों तक उछल-उछल कर चुदवा रही थी। उधर सारा की हालत खराब हो गई थी वह एक हाथ से अपने हाथ से अपनी बुर को मींजे जा रही थीl दूसरे हाथ से अपनी चूचियों को दबाये जा रही थी तथा मुँह से उत्तेजनापूर्ण अजीब अजीब आवाजें आआहहह... ऊऊउउउम्म्म म्म्मम... आईईईईई -सीईईईसीई... आआ... निकाले जा रही थी। उसे देख कर लग रहा था कि वह अभी सोनी को हटा कर खुद चुदवाने की इच्छा रखती हो।

इधर मैं सोनी की बुर का बैन्ड बजाने में लगा हुआ थाl बुर टाईट थी, लण्ड भी अटक अटक के जा रहा था l मैं अब अपनी पूरी ताकत लगा कर उसकी बुर में डाल रहा था l हर धक्के पर उसकी मुँह से हल्की हल्की चीख निकल रही थीl आईईईईईई -सीईईईसीई... आ! .

करीब दस पन्द्रह मिनट की चुदाई के बाद उसकी बुर अब पूरे मजे से मेरे लन्ड लील रही थी और वो- चोद डालो, फ़ाड डालो, आज पूरी तरह से फ़ाड दो मेरी बुर को, और जोर जोर से मारो, पूरा डाल दो मेरे राजा!

अचानक उसने मुझे अपनी पूरी ताकत से मुझे दबाना शुरु कर दियाl मैं समझ गया कि अब इसकी बुर ने पानी छोड़ देना हैl मुझे जस्सी का पाठ याद था मैंने भी अपने धक्कों की रफ़्तार धीरे धीरे कम कर दी। दो मिनट बाद उसकी पकड़ ढीली पड़ गई, उसका बदन कांपने लगा फिर ऐंठ गया उसकी बुर ने अपना पानी छोड़ दिया था। मैंने अपने धक्कों की रफ़्तार में और कमी कर दीl

मैं उसके मम्मे सहला रहा था, और देखना चाहता था कि अब उसकी चूत कैसी दिखायी दे रही है। मैंने उसकी जाँघें ऊपर उठायीं तो देखा कि उसकी चूत थोड़ी चौड़ी हो गयी थी। उसमें खून और सोनी का पानी दोनों टपक रहे थे।

फ़िर वह उठी और बाथरुम में जा कर अपनी बुर को साफ़ करने लगी। पाँच मिनट बाद वो बाहर निकली तो उसके चेहरे पर सन्तुष्टि के भाव थे। उधर सारा मुझे पकड़ कर बाथरूम में लेकर गयी और लैंड को धोकर साफ़ कियाl सारा ने चूसा और मुझसे चिपक गयी हम वापिस कमरे में आ गएl हम दोनों खड़े खड़े एक दूसरे के बदन को सहला रहे थे। और हम दोने बाहर आ गए मैंने सोनी को किस किया l

बाप रे, मेरी बुर तो सूज कर गोलगप्पा बन गई है! सोनी बोली।

मैं खड़ा सोनी का चेहरा देखता रहा ,दर्द के मारे वो तड़प रही थी पर संतुष्टि के भाव थेl वह अपने ओंठो को भींच रही थी और रो रही और अह्ह्ह्हह अह्ह्ह ाऊओह्ह कराह रही थी सुबकती हुई बहुत प्यारी लग रही थीl मैंने उसके गालो को चूमा और गले लग कर सहलाया l वह कह रही ही आह्हः मार डाला बेदर्दी ने मार डाल.l कोई ऐसे भी करता है क्याl मुझे लगता हैं मैं मर जाऊँगीl

मैंने सोनी को चूमते हुए कहा मेरी जान मेरी रानी पहली बार थोड़ी तकलीफ होती हैl अब तो मजे ही मजे हैं मैंने सोनी को पास खिंचा और सहलाना चाहा तो वह बोली आप मोनी से साथ करोl मैंने मोनी को अपने पास खींच लिए और तड़ातड़ चुम्बन जड़ दिएl और उसके उरोज दबाने लग गयाl वह भी मेरा साथ देने लगी.l मैंने उसे अपनी गोद में उठा लिया मोनी ने अपने टाँगे मेरे कमर पर लपेट ली और मैंने खड़े खड़े ही उसकी गीली चूत में लण्ड पेल दियाl लण्ड एक झटके में अंदर चला गया धीरे धीरे मोनी ऊपर नीचे हो कर चुदवाने लगी और मैंने लय में धक्के लगाएl हम दोनों के होठ जैसे जुड़ गए और हम किस करते रहेl फिर कुछ देर में मोनी झड़ गयी और बोली आमिर अब तुम सोनी को चोदोl

लंड महाराजा बार बार झड़ने के बाद भी बादस्तूर खड़े थेl

आमिर! किसका इंतज़ार कर रहे हो, सोनी को फिर से चोदोl जस्सी बोली।

'हाँ आमिर! मुझे चोदो ना अब रहा नहीं जाता। सोनी ने धीरे से कहा।

कहानी जारी रहेगी




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  1. मजे - लूट लो जितने मिले
  2. दिल्ली में सुलतान V रफीक के बीच युद्ध
  3. अंतरंग हमसफ़र
  4. पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ एक नौजवान के कारनामे
  5. गुरुजी के आश्रम में सावित्री
  6. छाया - अनचाहे रिश्तों में पनपती कामुकता एव उभरता प्रेम
  7.  मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ
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#65
मजे - लूट लो जितने मिले

छठा अध्याय -खड़े लंड की दास्ताँ.

भाग-8


सोनी की पहली और 6 सुंदरियों की चुदाई

मैंने सोनी को अपनी बाँहों में उठाया और बेड पर लिटा दिया। मैं सोनी को पागलो की तरह चूमने लगा .फिर उसके ऊपर लेट कर मैं उसके बूब्स से खेलने लगा और धीरे धीरे उन्हें भींचने लगा। सोनी की सिसकरियाँ तेज हो रही थी। मैं उसके निप्पलों को अपने दाँतों से दबाने लगा। कभी जोर से भींच लेता तो वो उछल पड़ती।

उसकी बाँहें मेरी पीठ को सहला रही थी और मुझे भींच रही थी। 'ओह आमिर अब और मत तड़पाओ, अब सहा नहीं जाता, जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो।प्लीज़! वह गिड़गिड़ाने लगी।

जैसे ही मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा तो वो बोली, 'आमिर! धीरे-धीरे डालना, मुझे तुम्हारे लंबे लंड से डर लगता है।'

जस्सी की तरफ हँस कर देखते हुए मैंने एक ही झटके में अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया। 'तुम्हारा मतलब ऐसे?' मैंने कहा।

'ओहहहहह म म म मर गई, तुम बड़े बदमाश हो जब मैंने धीरे से डालने को कहा तो तुमने इतनी जोर से क्यों डाला, दर्द हो रहा है ना!' उसने तड़पते हुए कहा।

'सॉरी डार्लिंग! तुम चुदाई में नयी नयी हो तो मैं समझा तुम मजाक कर रही हो, क्या ज्यादा दर्द हो रहा?' यह कहकर मैं अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा।

'ओह आमिर बहुत मज़ा आ रहा है, अब और मत तड़पाओ, जोर-जोर से करो, आआआहहहहह... आमिर! हाँ राजा! जोर से चोदते जाओ, ओहहहहहह मेरा पानी निकालने वाला है, हाँ ऐसे हीl वह उत्तेजना में चिल्ला रही थी और अपने कुल्हे उछाल-उछाल कर मेरे धक्कों का साथ दे रही थी।

जस्सी ने सच कहा था, सोनी की चूत वाकय में कसी-कसी थी। ऐसा लग रहा था कि मैं उसकी गाँड ही मार रहा हूँ। मैं उसे जोर-जोर से चोद रहा था और अब मेरा भी पानी छूटने वाला था।

अचानक उसका जिस्म थोड़ा थर्राया और उसने मुझे जोर से भींच लिया। 'ऊऊऊऊऊ आमिर मेरी चूऊऊत गई...कहकर सोनी निढाल हो गई।

मैंने भी दो तीन धक्के लगा कर अपना पानी उसकी चूत निकलना चाहा पर जस्सी बोली आमिर मेरी बाते याद करो मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिएl मैं एक हाथ से जस्सी और दुसरे से सारा के चूचे सहलाने लगा और सारा को किश करने लगा l

फिर कुछ देर के बाद मैंने महसूस किया कि मेरा लंड पानी से भीग रहा है। अब वो भी अपना पानी छोड़ने वाली थी, अब वो नीचे से अपनी कमर उठा-उठाकर चिल्ला रही थी और बडबड़ा रही थी आहहहहहह और चोदो मेरी चूत को, आज मत छोड़ना, इसे भोसड़ा बना देना और फिर कुछ देर के बाद वो बोली हाए मेरे राजा में झड़ने वाली हूँ। और फिर मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वो भी कुछ देर के बाद झड़ गई। और निढाल हो आयी l

इसके बाद मैंने जस्सी से बोला- तुम सबने सोचा है कि चुदाई को करने का क्रम किस प्रकार तय करेंगे?

सारा बोली- लाटरी डाल लेते हैं, उससे क्रम तय हो जायेगा।

मैं बोला- बाकी जो इंतज़ार कर रही होगी, वो क्या करेंगी?

जस्सी बोली- आमिर ठीक कह रहा है,l जो चुद रही है वो तो आमिर के साथ बिजी है लेकिन बाकी क्या करेंगी?

सब चुप रही। जब कुछ समय उन को कुछ नहीं सूझा तो मैं ही बोला- जूली बताओ, क्या आप लड़कियों ने कभी किसी दूसरी लड़की के साथ सम्बन्ध बनाया है?

जूली बोली- मैंने तो कई बार लड़कियों के साथ सेक्स किया है, आप चारो ने कभी किया है क्या?

सबने शर्माते हुए हाँ में सर हिला।

मैं बोला- तो ठीक है, जिन लड़कियों का नम्बर बाद में होगा, वो अपने लिए पार्टनर चुन लेंगी और उसके साथ सेक्स कर सकती हैं या फिर सेक्स करते हुए कपल की सहायता कर सकती हैं। चलो अब लाटरी डालो! लड़किया बोली आज तो हम केवल तुम्हारे साथ ही सेक्स करेंगेl जब तुम जिसका नंबर होगा उसे साथ सेक्स कर रहे होंगे तो हम भी उसमे तुम्हारा साथ देंगीl मैंने कहा यह भी ठीक हैl

सारा ने पर्चियों पर हर लड़की क नाम लिख दिया। और फिर मेरी आँख पर पट्टी बाँध दी और मैंने एक एक करके पर्चियाँ उठाई।

सबसे पहले सोनी वाली पर्ची निकली, दूसरी पर्ची जूली के साथ, तीसरी सारा के साथ और चौथी मोनी पांचवी लूसी के साथ और छठा नंबर जस्सी का निकला । मुझ पर कोई खास असर नहीं था, हाँ, लेकिन जस्सी थोड़ी उदास हो गई थी क्यूंकि उसका नाम आखिर में निकला था।

जस्सी बोली- मैं सोचती हूँ कि मैं चुदाई रेस से बाहर हो जाऊँ तो ही ठीक है क्योंकि मेरे तक पहुँचने तक आमिर का माल तो खत्म हो जायेगा न?

मैं बड़े ज़ोर से हंस दिया और बोला- जस्सी तुम ऐसा करो, पहले तुम लूसी सारा और जूली से उनका मेरे साथ अनुभव तो पूछो।

सोनी बोली मेरा तो हो गयाl आमिर मेरी जगह जस्सी को चोदोl मैंने जूली सारा की तरफ देखा दोनों ने सहमति में सर हिला दियाl

चारों दौड़ कर मुझसे चिपक गई। जस्सी मेरी छाती से चिपक गयी, लूसी मेरी पीठ से चिपक गयी और मेरी गर्दन पर किस करने लगी मेरी पीठ पर उसके बूब्स अपना नर्म प्यारा सा अहसास करवाने लगीl जूली मेरी बायीं और और सारा दायी और हो गयीl

जूली मेरे बाए गाल कान और कंधे को चूसने लगी तो सारा मेरे दाए गाल कान और कंधे को चूसने लगी.l जूली और सारा दोनों ने मेरे लण्ड को पकड़ लिया और जूली मेरे अंडकोषों को दबाने लगी और सारा मेरे लण्ड पर हाथ फिराने लगीl

और मोनी ने तो मेरे लैंड को चूसना ही शुरू कर दिया l

मैंने जस्सी को अपनी छाती से लगा लिया और अपनी बाँहों में जकड लिया उसके नरम मुलायम बूब्स का मेरी छाती से दबने लगे मैं अपने आनंद को बयां नहीं कर सकताl

मैंने जस्सी का मुँह चूमा और लिप किस करिl फिर मैं उनके निप्पल के साथ खेल रहे था l मैं उसके स्तनों को सहलाने लगा मैंने एक निप्पल अपने मुह में रखा और उसे चूसने लगा l अल्लाह!.नहीं बता सकता की उस पल क्या अनुभूति हुयीl फिर उन्होंने दुसरे निप्पल को किस किया और उसे भी चूसना शुरू कर दियाl उसने अपना सर उत्तेजना और आनंद के मारे पीछे की और कर लिया थीl मैंने चूचियों को दांतो से काटा जस्सी कराह उठीl

मै बारी बारी से पांचो की चुचियों को मसलने लगा, और वो मादक आवाजें निकालने लगीl आह उह आह की आवाजें पुरे कमरे में गूंज रही थी, फिर मैंने उनके मोमो को चूसना शुरू कर दियाl उनके मोमो कड़क हो गए थे और चुच्चिया कह रही थी हमे जोर से चूसो l मैंने जस्सी की चूचियों को दांतो से काटा, जस्सी कराह उठीl आह! आह! जस्सी कह रही थी, धीरे मेरे राजा धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा ही हैl उसके बूब्स अब लाल हो चुके थेl

मैं बार बार जस्सी के बाएँ और दायें निप्पल को चूसना जारी करे रहे, जब तक की उसके पूरे शरीर में एक आग सी न लग गयीl l तभी उसके शरीर में एक उफान सा आया और वह निढाल सी हो गयी और मैंने पहली बार उसकी चूत को छूआ मुझे योनी में गीलापन सा महसूस हुआl वह झड़ गयी थीl

मैं उसको चूमता रहा और बूब्स को सहलाता रहाl फिर मैंने कहा इस बार जस्सी आप ऊपर आ जाओ फिर में नीचे और जस्सी मेरे ऊपर थी। मेरे तनकर खड़े लंड पर धीरे धीरे अपनी चूत दबाकर लंड को अंदर घुसा रही थी। मैं पहली बार जस्सी की चूत की चमड़ी को अपने लंड की चमड़ी पर रगड़ते हुए देख रहा था l

में आपको बता नहीं सकता कि मुझे उस समय कितना मज़ा आ रहा था। वो मेरे लंड पर धीरे से उठती और फिर नीचे बैठ जाती जिसकी वजह से लंड अंदर बाहर हो रहा थाl वो खुद अपनी चुदाई मेरे लंड से कर रही थी और बहुत मज़े कर रही थी । जस्सी बहुत मस्त लग रही थीl मैंने भी अपने चूतड़ उठा कर उसका साथ दिया.l मेरा लंड उनकी चूत के अंदर पूरा समां जाता था तो दोनों के आह निकलती थीl मेरे हाथ उनके बूब्स को मसलने लगेl मैं उसकी चूचियों को खींचने लगता था, तो जस्सी सिहर जाती थी और सिसकने लगती थी l

तभी सारा आ कर मुझे किस करने लगी वह मेरे सारे शरीर को चूमने लगीl जूली अपने चीची मेरे मुँह में दाल कर चुसवाने लगीl मैंने एक हाथ से सारा की चूत में और दुसरे हाथ से जूली की चूत में ऊँगली करना शुरू कर दिया .l

उसके बाद जस्सी मेरे ऊपर झुक गयी और हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए.l जस्सी मुझे बेकरारी से चूमने लगी । और चूमते चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी फिर मैंने जस्सी की जम कर चुदाई की और जन्नत की सैर कराइ । फिर थोड़ी देर के बाद वो फिर झड़ गयी । मेरे ऊँगली करने से जूली और सारा भी झड़ गयींl

उसके झड़ते ही जूली मेरे पास आयी और किस करने लगी मैंने जूली की चूचिया सहलाई मैंने उसको घोड़ी बना दिया। और अब मैंने उसकी चूत में पीछे से लंड को डालकर चोदना शुरू किया मुझे लगा पीछे से लंड ज्यादा अन्दर तक गया और पहले से ज्यादा मजा आयाl जूली भी मस्ती में गांड आगे पीछे कर मेरा साथ देने लगी उनका चिलाना एकदम बंद हो गयाl और फिर में उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा।

बीच बीच में पीछे से उनके मोमो पकड़ कर दबाता रहा जब मैं उनके मोमे दबाता था तो वह मुँह पीछे कर मुझे किस करने को कहती थी और मैं उनके लिप्स चूसने लगता करीब 25 मिनट तक लगातार उसको उस पोज़िशन में चोदा उनकी हालत बुरी थी वह कई बार झड़ चुकी थीl

जूली निढाल हो कर लेट गयी मैं उनको प्यार से सहलाने लगा और किस करने लगा और बोला जूली क्या आपको मजा आया दर्द तो नहीं हुआ? जूली बोली बहुत मजा आयाl l चूत बुरी तरह से सूज चुकी थी l लेकिन मैं एक बार भी नहीं झडा था और लंड तनतनय हुआ खड़ा थाl

जूली ने लंड को सहलाते हुए कहा आज क्या बात है? मैंने कहा आज एक साथ छ: हूरे मुझे चोदने को मिल रही हैं तो लण्ड महाराज भी अपने पूरे शवाब पर हैl जूली शर्मा कर सिकुड़ गयी और सारा मुझसे लिपट गयीl

मैंने सारा को उठाकर उसकी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी, तो वो ज़ोर से चिल्लाई आहह अब लंड डाल दो, अब और इंतज़ार नहीं होता, प्लीज जल्दी करो ना, प्लीज आहहह। फिर जब मैंने उसकी चूत में अपनी उंगली की तो वो मेरे लंड को ज़ोर से आगे पीछे करने लगी और ज़ोर से मौन करने लगी। उसकी चूत पूरी डबल रोटी की तरह फूली हुई थी। अब में उन्हें ऊँगली से लगातार चोद रहा था और वो ज़ोर से मौन कर रही थी, ये तुमने क्या कर दिया? अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है, जल्दी से चोद दो, मेरी चूत में आग लग रही है और आहह, एम्म, ओह, आआआआआआअ, डालो ना अंदर जैसी आवाजे निकाल रही थी।

फिर मैंने उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और उसके दोनों पैरों को फैलाया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। अब जब मेरे लंड का सुपड़ा ही उसकी चूत में गया था तो वो ज़ोर से चिल्लाने लगी कि नहीं मुझे छोड़ दो, नहीं में मर जाउंगीl अपना लंड बाहर निकाल लो, लेकिन मैंने उसे अनसुना करते हुए एक ज़ोर का धक्का लगाया, तो वो और ज़ोर से चिल्लाई।

फिर मैंने उसके लिप्स पर किस करते हुए उसके मुँह को बंद किया और अपने धक्के लगाता गया। अब वो झटपटा रही थी और अपने बदन को इधर से उधर करने लगी, लेकिन में नहीं माना। अब में धक्के पे धक्के लगाए जा रहा था और अब उसकी आँखों से आसूँ निकल रहे थे। एक जोर का झटका लगाया, एक ही झटके में पूरा लंड उनकी चूत के अंदर चला गया, उनकी आह निकल गयीl

फिर में कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही पड़ा रहा तो कुछ देर के बाद वो शांत हुई अब में उसके बूब्स को चूसने लगा था और अपने एक हाथ से उसके बालों और कानों के पास सहलाने लगा थाl कुछ देर के बाद मैंने उसके कानों को भी चूमना शुरू कर दिया तो कुछ देर के बाद वो फिर से गर्म हो गई। फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया तो पहले तो वो चिल्लाई, लेकिन फिर कुछ देर के बाद मैंने पूछा कि मज़ा आ रहा है।

फिर वो बोली कि हाँ बहुत मज़ा आआआआ रहा है, इस चूत को सिर्फ तुम्हारी चुदाई चाहिए ..हाईईईईई, म्म्म्मम और फिर वो जोर-जोर से चिल्लाने लगी। फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब वो पूरी मस्ती में थी और मस्ती में मौन कर रही थी अआह्ह्ह आाआइईई और करो, बहुत मजा आ रहा है। अब वो इतनी मस्ती में थी कि पूरा का पूरा शब्द भी नहीं बोल पा रही थी। अब में अपनी स्पीड धीरे-धीरे बढ़ाता जा रहा था हाआअ, राआआआआजा, आईसीईई, चोदो और जोर से चोदो। आज मेरी चूत को फाड़ दो, आज कुछ भी हो जाए लेकिन मेरी चूत फाड़े बगैर मत झड़ना, आआआआ और ज़ोर से, उउउईईईई माँ, आहह हाँ, अब ऐसे ही वो मौन कर रही थी।

फिर कुछ देर के बाद मैंने महसूस किया कि मेरा लंड पानी से भीग रहा है। अब वो भी अपना पानी छोड़ने वाली थी, अब वो नीचे से अपनी कमर उठा-उठाकर चिल्ला रही थी और बडबड़ा रही थी आहहहहहह और चोदो मेरी चूत को, आज मत छोड़ना, इसे भोसड़ा बना देना और फिर कुछ देर के बाद वो बोली हाए मेरे राजा में झड़ने वाली हूँ। और फिर मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वो भी कुछ देर के बाद झड़ गई।

फिर वो चिल्ला भी नहीं सकी, क्योंकि उसका मुँह मेरे मुँह में था और में उसको ज़ोर-ज़ोर से किस करता गया और धक्के लगाते गया। तभी वो बोली कि आज फाड़ डाल मेरी चूत को। फिर वो कुछ नहीं बोली। अब में उसे लगातार धक्के लगा रहा था और फिर में ऐसे ही 15-20 मिनट तक उसको उसी पोज़िशन में चोदता गया। फिर अब उसे भी मज़ा आने लग रहा था, अब वो भी अपने कूल्हे उछाल-उछालकर मुझसे चुदवा रही थी। अब मैंने उसे और ज़ोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया था। फिर थोड़ी देर के बाद वो फिर झड़ गयी और शांत पड़ गयी।

तभी मोनी भी आ कर मुझसे लिपट गयी और मुझे किस करने लगी और उसका हाथ मेरे लण्ड को सहलाने लगी मैं उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा और फिर उसे घोड़ी बना कर चोदने में लग गया तभी सोनी आ कर मोनी के नीचे लेट गयी और अपनी चूत मोनी के नीचे लगा कर मोनी को लिप किस करने लगीl

कुछ देर बाद मोनी बोली आमिर तुम हम दोनों को एक साथ चोदो l मैंने अपना लण्ड निकला और मोनी की चूत में डाल दिया सोनी वैसे ही मोनी के ऊपर लेती रही और मोनी को लिप किस करती रही दोनों के हाथ एक दुसरे की चूचियो से खेल रहे थे और उसे चोदने लग गया कुछ देर में लगा मोनी पानी छोडने वाली है तो लण्ड निकाल कर सोनी में दाल कर धक्के लगाने लग गया दोनों की हालत बुरी हो रही थीl

यह सब देख जूली और सारा भी गरम हो गयी और सारा मुझे लिप किस करने लगी और सारा मेरे दाए तरफ आ गयी जूली बायीं और आ गयी और मैं उसकी चूत में ऊँगली करने लगाl अब चारों ऊह्ह्ह्ह आहहहह मजा आ गया और जोर से चिल्लाने लगी.l कुछ देर में जूली सारा के ऊपर ६९ पोजीशन आ गयी और दोनों एक दूसरी की चूत चूसने लगीl मैं उनके बूब्स दबाने लगाl अब मैं चार धक्के सोनी में लगाता और फिर लण्ड निकाल कर जस्सी की चूत में डाल कर चार धक्के लगाता.l दोनों एक साथ झड़ने लगी l तो जस्सी बोली अब जूली सारा को भी एक साथ चोदोl

सारा नीचे लेट गयी और जूली घोड़ी बन कर उसके ऊपर आ गयी मैंने पहले लण्ड जुली की चूत में डाला और १०-१२ धक्के लगाए उसकी चूत एकदम गरम और गीली थीl फिर लण्ड निकाल कर सारा की चूत में डाल कर धक्के लगाने लगाl सारा भी चूतड़ उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी और झड़ गयी, तो मैंने लण्ड जूली की चूत में डाल कर धक्के लगाने शुरू कर दिएl

जूली भी झड़ने लगीl मैंने लण्ड बाहर निक्कल कर सोनी की तरफ देखा तो वह आकर मेरे साथ लिपट गयीl चुतरस में भीगा मेरा लण्ड चमक रहा थाl

मैं घुटने के बल था वह भी घुटनो के बल थी उसकी चूचिया मेरी छाती से चिपक गयी थीl उसने लण्ड पकड़ कर अपनी चूत से रगड़ना शुरू कर दिया और चूत के मुँह पर लगा कर मुझसे चिपक गयीl मैंने एक कस कर धक्का लगाया और लण्ड उसकी चूत के पूरी अंदर चला गया फिर मैंने लम्बे लम्बे शॉट लगगने शुरू कर दिए लगभग पूरा लण्ड निकाल कर पूरी ताकत से अंदर पेल देता थाl

सोनी चिल्ला रही थी और जोर से और जोर से बहुत मजा आ रहा है सोनी कह रही थी मुझ में समां जाओ आमिर .l जस्सी मेरी पीठ चूमने लग गयीl मेरे हाथ उसकी गांड जोर से अपने और दबा रहे थेl सोनी अपने नरम बाजुओं से मेरी पीठ से दबा रही थी और मैं सोनी के ओंठ चूस रहा थाl कभी उपरला कभी निचला तो कभी अपनी जीभ उसके मुँह में घुसेड़ देता था.l वह मेरी जीब पर अपने जीब फेरती थी और चूसती थीl फिर वह झड़ने लगी मैं भी झड़ना चाहता था मैंने जस्सी की तरफ देखा उसने सर हिला दिया.l मैंने धक्को से स्पीड बढ़ा दीl १०-१२ मिनट के बाद मैं भी झड़ गयाl

इस बार मैं सबकी तस्सली कराने के बाद सिर्फ एक बार झड़ा पर बहुत मजा आयाl

उसके बाद लूसी मेरे पास आ गयी और मैंने उसको भी चोदा l

मैंने पुछा कोई और चुदना चाहती है तो सबने कहा नहीं अब बस करोl और सब चिपक कर एक साथ सो गएl

लंड महाराजा बार बार झड़ने के बाद भी बादस्तूर खड़े थेl


कहानी जारी रहेगी


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  7.  मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ
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#66
मजे - लूट लो जितने मिले

छठा अध्याय -खड़े लंड की दास्ताँ.

भाग-9


खाला की चुदाई



अगले दिन लगभग ८ बजे सारा चाय ले कर आयी और मुझे जगाया किस करिL मैं जब नाश्ते के लिए आया तो तीनो डॉक्टर बहने मुझ से लिपट गयीL सोनी बोली तुमने मुझ कली को फूल बना दियाl सच बहुत मजा आयाl तुम बहुत जबर्दस्त चुदाई करते होl जस्सी बोली तुम बहुत जल्दी सीख गएl अब इसी तरह चुदाई करते रहोगे, तो तुम और तुम्हारी सब बीविया तुमसे बहुत ख़ुश रहेंगीl

तीनो डॉक्टर बहनो में मुझ से कहा मैं उनके पास ही रुक जाऊंl

मैंने कहा ये ठीक नहीं रहेगा, क्योंकि जल्दी ही खाला और मेरी बाकी बीवियों और सालियो के साथ आ रही हैंl वो जब चाहेंगी मेरे पास आ सकती हैं या फिर मैं उनके पास आ जाऊँगाl

नाश्ते के बाद जस्सी सोनी और मोनी हॉस्पिटल चली गयीl हम वापिस अपने घर आ गए और मैं जा के सो गयाl सारा दुसरे के कमरे में सो गयी वो मुझे आराम देना चाहती थीl

थोड़ी देर बाद मुझे जुली ने जगाया और पुछा आमिर अब कैसे हो मैंने कहा तरोताजा महसूस कर रहा हूँl सारा बोली तैयार होकर नीचे आओ कोई तुमसे मिलने आया हैl

नीचे आया तो खाला नूरी ज़रीना दिलिया और मेरी बाकि चारि सालिया अबीर ज़ारा नरगिस और आयशा भी आयी थीl मुझे देखते ही ज़रीना और दिलिया मुझ से लिपट गयीl मैंने उन्हें किस किया तो शिकायत भरे लहजे से बोली हम आपसे बहुत नाराज़ हैं, आप हमे छोड़ कर अकेले ही चलेl नयी दुल्हनों के साथ कोई ऐसे भी करता है क्या? मैंने कहा जरूरी काम था, इसलिए आना पड़ाl नहीं तो तुम जैसी हूरो से दूर कौन कम्बख्त रहना चाहता है l

मैंने खाला को सलाम किया और खैरियत पूछी तो खाला बोली बस ठीक हूँl इन लड़कियों की चिंता लगी रहती हैl अब सोचती हूँ इनका भी निकाह जल्द से जल्द हो जाए, तो मेरी जिम्मेदारी पूरी हो जायेगीl फिर हज को जाऊँगी l

अब कल की ही बात है सब आपस में लड़ रही थी l

तो सारा बोली क्यों लड़ रही थी?

तो अबीर बोली आप के कारण हमारी लड़ाई हो गयी थी l अगर आप का इमरान से तलाक न हुआ होता तो हमारा भी निकाह आमिर से हो जाता l

तो ज़रीना बोली इसमें सारा आपा का क्या कसूर, इमरान का कसूर है पूरा l इमरान अगर किसी लायक होता तो सारा आप से तलाक क्यों होता?

अब आमिर तो चार बीविया ही रख सकते हैं, तीन बीविया इनकी हो गयी हैंllअब एक और कर लेंगेl

तो नरगिस बोली तुम्हारा तो फिर ठीक हैl अगर आमिर तुमसे शादी कर सकते हैंl पर हमारा क्या होगा हमारी किस्मत में तो तड़पना ही लिखा हैl हमें सारा आप के निकाह के बाद लगता था हमारा भी निकाह इमरान से हो जाएगा l

पर सारा बाजी भी इमरान से निकाह के बाद भी कुंवारी ही रहीl सारा के निकाह के बाद से सुनते थे हमारा निकाह या आमिर या इमरान से ही होगाl इमरान तो किसी काम का निकला नहीं और चार से ज्यादा निकाह आमिर कर नहीं सकते, तो हमें तो कुंवारा ही मरना होगाl

तो ज़ारा बोली अगर सारा के हलाला का चक्कर न पड़ता, तो मेरा भी निकाह आमिर से हो जाता l आमिर आप जल्द से सारा तो तलाक क्यों नहीं देते?

ज़ारा बोली हाँ अगली शादी आमिर अबीर से कर लेंगे तो मैं तो कुंवारी ही मरूंगी ll

तो मैंने कहा मरने की बाते मत करो, यहाँ पर इमरान के इलाज के लिए बात करि हैl जल्द ही वह ठीक हो जायेगा फिर कर लेना अपने अरमान पूरेl

तो खाला ने सबको डांटा तुम सब फिर लड़ने लगी l कम्बख्त कैसे मरी जा रही हैं, निकाह के लिएl कर रहे हैं, तुम्हारे खालू ( मेरे अब्बा) और आमिर के मामू इंतजाम तुम्हारी शादी काl निकालते हैं जल्द ही कोई रास्ता l

तो मैंने लूसी को बुला कर कहा इनके रहने का इंतज़ाम कर दो l तो लूसी बोली हाँ मैंने कमरे त्यार कर दिए हैं l चलिए आपको आपके कमरे दिखा दूँ l

तो खाला बोली आमिर मेरी एक सहेली यही पास ही रहती है मैं उनके घर पर रहूंगी l तो लड़कियों तुम बोलो तुम्हारा क्या प्रोग्राम है l और फिर बोली मेरे साथ चलो नहीं तो फिर यहां पर लड़ने लगोगी l

तो लूसी बोली इसका इंतज़ाम मैं कर देती हूँl यहाँ पे बहुत कमरे हैं सबको अलग कमरा दे देती हूँl खाला बोली फिर जो लड़की लड़ाई शुरू करेगी, सजा के तौर पर उसका निकाह आमिर से नहीं होगाl उसको नौकरानी बन कर रहना पड़ेगा और लूसी के साथ घर का सारा काम करना पड़ेगा ll

गुलाबो बोली नहीं उसकी जरूरत नहीं, मैं सब काम संभाल लूंगीl

तो सारी लड़किया बोली नहीं अब हम नहीं लड़ेंगीl

हमें तो यही आमिर और सारा आपा के पास ही रहना हैl तो मैंने कहा नाश्ता कर के सब आराम कर लोl दोपहर को खाने पर मिलते हैंl

और मैं खाला को उसकी सहेली के घर छोड़ने चला गया l गाडी में खाला मुझ से चिपक गयी और लंड पर हाथ फेरते हुए बोली आमिर, सब लड़किया तुमसे चुदने को मरी जा रही हैंl तुम्हारी याद में मैं बहुत तड़पी हूँl

मैंने भी खाला को लिप किश कियाl

मैंने कहा खाला किसी होटल में चले तो खाला बोली नहीं मेरी सहेली के यहाँ पर चलते हैं l उसे हमारे बारे में सब पता है उसने तुम्हे जब तुम दिल्ली में शादी पर मिले थे तब देखा थाl उसी ने मुझे सारा का हलाला तुमसे करवाने का आईडिया दिया था l उसी ने मुझे कहा था पहले आमिर से चुद कर अपने भी अरमान पूरे कर लेनाl lखाला ने बताया उसके घर में सिर्फ उनकी सहेली फरज़ाना ( बदला हुआ नाम) हैं आजकल l फरज़ाना का पति लंदन गए हुए थे l उनकी बहु हुस्ना और उनका लड़का हनीमून पर गए हुए थे l

खाला की सहेली के घर पर पहुंच कर खाला ने अपनी सहेली से मिलवायाl ये वही मोहतरमा थी जिनके बेटे की शादी में हम दिल्ली आये थे और खाला से मैं मिला थाl उनके घर पहुंच कर खाला मुझ से लिपट गयी और मुझे किस करने लगीl

फरज़ाना बोली नूरी बहुत आग लगी हुई लगती हैl आमिर के साथ कमरे में चली जाओl मैं तुम्हे कमरा दिखा देती हूँ l

खाला बोली बाजी अब सब्र नहीं हो रहा तुम से कोई पर्दा है नहीं l आमिर उस दिन के बाद आज अकेला मिला मिला हैl आज तो इसको मैं छोडूंगी नहीं l

फरज़ाना बोली नूरी कुछ चाय पानी तो पीने दो आमिर कोl फिर कर लेना जो मर्जी जहाँ मर्जीl

खाला बोली चाय पानी नाश्ता सब करके आये हैl अभी मत रोको मुझे l और मुझ से चिपक गयीl

फरज़ाना खाला ठीक है जैसी तुंम्हारी मर्जी, बोल कर, अपने कमरे में चली गयl

खाला ने मुझे गर्म करने के लिए अपने ब्लॉउज के बटन खोल दिएl ब्लाउज खुलते ही उसके कसे हुए मम्मे ऐसे बाहर उछल आए, जैसे दो कबूतरों को पिंजरे में रखने के बाद. जैसे आजादी मिल गई हो, और कबूतरों ने उड़ने की कोशिश की होl

मैं भी पागल होके उसके कबूतरों को चूसने लगा, उसकी चूचियों को काटने लगाl

खाला मस्त होकर बोलने लगी- ओहह! और चूसो, आह! काटो और जोर से दबाओl

उसको बाद नूरी खाला ने लिप किश करते हुए मेरे कपडे और अपने सारे कपडे उतार डालेl उतार क्या लगभग फाड़ डालेl मुझे पागलो की तरह यहाँ वहां चूमने लगीl फिर मेरा लंड जो एकदम कड़क हो चूका था, पकड़ कर बोली तुम तो बिलकुल तैयार होl

मैंने उसके मम्मे को हाथ से दबाना चालू कियाl फिर भी वो कुछ नहीं बोल रही थीl वह बस ओह आह कर रही थीl

थोड़ी देर ऐसे ही चलाl फिर मैंने उसके मम्मे और जोर जोर से दबाना चालू किएl साथ ही मैंने पीछे से अपने खड़े लंड को उसके चूतड़ों की दरार से उसकी गांड के साथ घिसना चालू कियाl वो कसमसाने लगी, लेकिन उसने मुझे कुछ भी नहीं कहाl

मैं इस वक्त उसके पीछे पूरा नंगा था और वो भी पूरी नंगी थीl मैंने उत्तेजित होकर खाला के मम्मे और जोर से दबाने चालू किएl उसके चूचुकों को उंगलियों से मसला और उसके चूतड़ को ठोकर दीl तो अचानक वो पलट गयीl

वो मुझे पीछे को धक्का दे कर जमीन पर लेट गयीl उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे भी अपने ऊपर खींच लियाl उसने कहा आ जाओ मेरे आमिर, चढ़ जाओ मेरे ऊपर और प्यास बुझा दो मेरी चूत कीl

मैंने भी उसके सामने अपना लंड हिला कर दिखायाl मेरा लंड काफी बड़ा और टाईट हो गया थाl

खाला ने कहा- जल्दी करो अब सब्र नहीं हो रहा हैl

अब उससे रहा नहीं गया, तो उसने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ा और अपनी चुत क फांक पर रख कर इशारा कियाl

मैंने लंड ठोक दिया अपनी खाला की चूत मेंl

खाला की कराह निकल गईl आऊच आआआl मर गई!

मैंने उसकी चीख को अनसुना किया और फिर से जोर से लंड दे ठोकाl इस बार के धक्के में मेरा आधा लंड उसकी चुत में चला गया थाl उसकी दर्द के मारे मुट्ठियां भिंच गई थींl काफी दिन बाद लंड मिलने से उसकी चूत एकदम टाइट हो गई थीl

मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरु किएl लण्ड उसकी चुत को चीरता हुआ जड़ तक पूरा 8 इंच अंदर चला गयाl आआहह! ऊउम्म्मम म्म्म! आईईईईईईई! माँम्म्म्म्म् म्माआआ! उसके मुँह से दर्द भरी ,परन्तु उत्तेजनापूर्ण आवाजें निकलने लगी। लगभग पाँच मिनट बाद जब मेरा पूरा लन्ड उसकी बुर में हिचकोले खाने लगा, तो वह भी चूतड़ उछाल उछाल कर अपनी बुर में मेरा लण्ड लेने लगी।

अब वह मेरे लण्ड को सुपारे से ले कर टट्टों तक उछल-उछल कर चुदवा रही थी।

अब मैं खाला को और जोर से ठोकने लगाl अब वो भी अपनी गांड उछाल उछाल कर आगे पीछे होने लगीl मेरी स्पीड बढ़ती जा रही थी और उसकी गांड उछलने की लय भी लंड के साथ मिलने लगी थीl

तभी उसकी चुत से पचाक, पचाक, पचाक, आवाज आने लगीl

खाला बोल रही थी, ओहहह राजा मुझे बहुत मजा आ रहा हैl और जोर से, चोद दे मुझेl आह कितना मस्त लंड है तेराl आह पेल देl

मैं भी बोल रहा थाl यस मेरी हॉट खाला मैं आज तुझे चोद चोद कर अपने भाइयो की माँ बना दूँगाl आह! ले मेरी खाला मेरा लं,ड ले आहl

इधर मैं खाला की बुर का बैन्ड बजाने में लगा हुआ थाl बुर टाईट थी, लण्ड भी अटक अटक के जा रहा थाl मैं अब अपनी पूरी ताकत लगा कर उसकी बुर में डाल रहा थाl हर धक्के पर उसकी मुँह से हल्की हल्की चीख निकल रही थीl आईईईईईई! ईईईसी! आआआ!

करीब दस पन्द्रह मिनट की चुदाई के बाद, उसकी बुर अब पूरे मजे से मेरे लन्ड लील रही थीl वो,चोद डालो, फ़ाड डालो, आज पूरी तरह से फ़ाड दोl मेरी बुर को, और जोर जोर से मारो, पूरा डाल दो मेरे राजा!

दस मिनट की धकापेल के बाद खाला ने कहा मेरा होने वाला है l

मुझे डॉ जसी की बाते याद आ गयीl अचानक खाला ने मुझे अपनी पूरी ताकत से मुझे दबाना शुरु कर दियाl मैं समझ गया कि अब खाला की बुर ने पानी छोड़ देना हैl मुझे जस्सी का पाठ याद था, मैंने भी अपने धक्कों की रफ़्तार धीरे धीरे कम कर दी। दो मिनट बाद खाला की पकड़ ढीली पड़ गईl उसका बदन कांपने लगा फिर ऐंठ गया उसकी बुर ने अपना पानी छोड़ दिया था। मैंने अपने धक्कों की रफ़्तार में और कमी कर दीl

मैं उसके मम्मे सहला रहा था, और देखना चाहता था कि अब उसकी चूत कैसी दिखायी दे रही है। मैंने उसकी जाँघें ऊपर उठायीं तो देखा कि उसकी चूत थोड़ी चौड़ी हो गयी थी।

मैं अपना लंड निकालने लगा, तो खाला ने आपने हाथों से मेरी गांड पकड़ ली और कहा- अन्दर ही डाल दे अपना पानी मेरे छेद मेंl ओह मजा आ रहा हैl प्लीज़ अन्दर ही सिंचाई कर देl

मैंने कहा- अगर खाला पेट से ही गई तो?

खाला ने कहा- ओह! नहीं तू डाल देl मैं नहीं होऊंगी पेट सेl

अब मेरे ठोकरें बढ़ गईंl हम दोनों ने एक दूसरे को कसके जकड़ लिया और मैंने लंड का पानी खाला की चूत के अन्दर छोड़ दियाl

झड़ने के बाद हम दोनों शांत थेl मैंने कहा- खाला , क्या मैं थोड़ी देर आप के ऊपर लेटा रहूँl

खाला ने मुझे चूमाl उसके चेहरे पे एक अलग सा आनन्द थाl उसने कहा- हां मेरे ऊपर लेट रहोl

हम दोनों वैसे ही पड़े बातें कर रहे थेl कुछ देर बाद मैं फिर से उसकी चुत में उंगली डाल रहा था और उसके मम्मे चूस रहा थाl तभी मेरी नज़र फरज़ाना खाला की तरफ गयीl उसकी हालत खराब हो गई थीl वह एक हाथ से अपने हाथ से अपनी बुर को मींजे जा रही थी तथा दूसरे हाथ से अपनी चूचियों को दबाये जा रही थीl मुँह से उत्तेजनापूर्ण अजीब अजीब आवाजें आआहहह... ऊऊउउउम्म्म! म्म्म! आईईईईई! सीईईईसी! आआ! निकाले जा रही थी। उसे देख कर लग रहा था कि वह अभी नूरी को हटा कर खुद चुदवाने की इच्छा रखती हो।

लंड महाराजा बार बार झड़ने के बाद भी बादस्तूर खड़े थेl

खाला बोली तुम्हारा शोर सुन कर मुझ से रुका नहीं गयाl

कहानी जारी रहेगी





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#67
मजे - लूट लो जितने मिले

छठा अध्याय -खड़े लंड की दास्ताँ.

भाग-10

निकाह मिस्यार, एक से अधिक निकाह



हम दोनों वैसे ही पड़े बातें कर रहे थेl कुछ देर बाद मैं फिर से उसकी चुत में उंगली डाल रहा था और उसके मम्मे चूस रहा थाl तभी मेरी नज़र फरज़ाना खाला की तरफ गयीl उसकी हालत खराब हो गई थीl वह एक हाथ से अपने हाथ से अपनी बुर को मींजे जा रही थी तथा दूसरे हाथ से अपनी चूचियों को दबाये जा रही थीl मुँह से उत्तेजनापूर्ण अजीब अजीब आवाजें आआहहह... ऊऊउउउम्म्म! म्म्म! आईईईईई! सीईईईसी! आआ! निकाले जा रही थी। उसे देख कर लग रहा था कि वह अभी नूरी को हटा कर खुद चुदवाने की इच्छा रखती हो।

लंड महाराजा बार बार झड़ने के बाद भी बादस्तूर खड़े थेl

खाला बोली तुम्हारा शोर सुन कर मुझ से रुका नहीं गयाl

खाला बोली फरज़ाना आमिर से चुद कर मजा आ गयाl तुम भी एक बार चुद कर देख लो तुम अपने खाबिन्द को भूल जाओगी और इसकी रखैल बन कर रहना चाहोगीl फिर मेरा लंड अपनी चूत से बहार निकाल कर बोली देख लो झड़ने के बाद भी कैसे खड़ा हो गया है, इसका लंड तुम्हे देख करl एक नम्बरका चोदू हैl सच में चुद कर बहुत मजा आया i खाला बोली मेरा तो मन कर रहा है ये मुझे ऐसे ही चोदता रहेl खाला मुझे लिप किस करना लगी और हाथ से लंड को सहलाने लगीl फिर लंड को अपनी चूत पर घिसने लगीl

तो फरज़ाना बोली न बाबा मुझे नहीं चुदना इतना बड़े और मोठे लंड से मेरी तो फाड़ कर रख देगाl वैसे भी अब कई साल से नहीं चुदी हूँl अब तुम ही मजे लो इसके साथl अगर अभी तुमने और चुदना है तो चुद लो, नहीं तो आमिर अपने कपडे पहन लो ये तो पूरी बेशर्म हो गयी हैl

तो खाला ने मुझे छोड़ दिया और फरज़ाना खाला चाय बना लायी थीl हमने कपडे पहन लिए और खाला मेरे साथ चिपक कर बैठ गयी l लंड पर हाथ फेरते हुए बोली आमिर! वादा करो जब तक यहाँ रहोगे, मुझे रोज मिलने आया करोगे और मेरी चूत की अच्छी तरह सेवा करोगेl मैं तुम्हे फिर कुछ इनाम दूँगीl मैंने कहा जो हुकुम खाला और बिदा लेकर वापिस चला आयाl

घर आया तो मैंने सारा और लूसी को बताया खाला कह रही थी. सारा तुम्हारी बहने और मामू की बेटिया, अब मुझसे निकाह करने के लिए उतावली हो गयी हैंl तो सारा बोली तो कर लीजिये सब से निकाह सब खुश रहेंगी, आप सेl

मैंने कहा वो तो ठीक हैl सब जवान हसीं और कमसिन हैl उनके साथ बेशक बहुत मजे आएंगे, पर न तो हमारा मजहब इजाजत देता है, न ही देश का कानून, तो कैसे करे की लड़कियों की हसरते भी पूरी हो जाए और कानून और मजहब के हिसाब से भी गलत न हो l

तो सारा बोली आमिर! एक बात और है, मैंने काजी से बात करि हैl उन्होंने लड़कियों के आपस के झगडे को मिटाने का एक रास्ता निकला हैl आमिर तुम अबीर, ज़ारा, नरगिस और आयशा, चारो के साथ "निकाह मिस्यार" कर लोl

"निकाह मिस्यार"? क्या होता है, कैसे होता है मैंने पुछा?

सारा बोली मिस्यार भी एक तरह का निकाह होता है, जिसमे लड़की अपने कुछ इख्तयार ( अधिकार) छोड़ देती हैl जिसमे दोनों जब तक चाहे तब तक साथ रह सकते हैं l निकाह की मियाद की कोई पाबंदी नहीं होती हैl

पुरुष चाहे तो कितने भी "मिस्यार" कर सकता हैl यानि पुरुष चाहे तो 10 या 20 या जितने चाहे उतने महिलाओ से "मिस्यार" कर सकता हैl

इस तरह तुम चार बीवियों की शर्त से पार हो जाओगे और लड़कियों का आपस में झगड़ा भी नहीं होगाl निकाह में सबसे ज़रूरी शर्त है कि आप अपनी सारी बीवियों से समान बर्ताव का वादा करेंl पर मिस्यार निकाह में ये शर्त नहीं है, पर इसके लिए लड़की हो अपने कुछ इख्तयार छोड़ने पड़ते हैं l

"निकाह मिस्यार"? की शर्ते क्या है, मैंने पुछा?

मिस्यार निकाह की शर्ते ये हैंl

औरत और मर्द दोनों इसके लिए राज़ी होने चाहिएl

इसके लिए दो गवाह चाहिए होते हैंl

मर्द अपनी बीवी को मैहर अदा करता हैl

निकाह कितनी देर के लिया किया गया है इसमें कोई निकाह की मियाद की कोई पाबन्दी नहीं होती हैl

निकाह की शर्तो पर दोनों पक्ष राजी होने चाहिए और लड़की अपने कुछ या सारे इख्त्यारात छोड़ने के लिए राजी होती हैl

लड़किये के वली ( गार्डियन) राजी होने चाहिएl

अगर लड़किया राजी हो और अपने कुछ अधिकार छोड़ दे तो तुम उन्हें चाहो तो हमेशा के लिए अपनी बना कर रख सकते होl

सऊदी अरब में 10 में से 7 जोड़े "मिस्यार" निकाह में ही है यानि 70% निकाह केवल सम्भोग के लिए टेम्परोरी तरीके से किये जाते है जिसे "मिस्यार" कहते हैl

तभी वहां जेन आ गयी लूसी और जेन के बारे में जानने के लिए मेरी कहानी लूसी मेरी प्यारी पहली कुंवारी पढ़िएl मैंने जेन का स्वागत किया और उन्होंने सारा को और मुझे हमारे निकाह की बधाई दीl जेन बोली जहाँ तक कानून की बात इसका रास्ता मैं बताती हूँ l आमिर आपके एक दोस्त हैं जो आपके साथ इंग्लैंड में पढ़ते थे और एक अफ़्रीकी देश कैमरून के शहज़ादे हैंl मैं कहा हाँ उसका नाम ब्रैडी हैंl.

मुझे याद आया के कैमरून उन कुछ चुनिंदा देशो में है, जहाँ पुरुषो को कितनी भी बीविया रखने की आज़ादी हैl और वहां के एक राजा की तो आज भी सबसे ज्यादा पत्निया हैंl

जेन बोली आपको याद होगा आपने उसके साथ यूरोप और इंग्लैंड में क्या धमाल मचाया था l

उनका फ़ोन आया था, जब कल आप डॉक्टर के पास गए थे तो मैंने उनके कहा था, आप किसी काम में थोड़ा व्यस्त होl जब उस से थोड़ा फारिग हो जाओगे तो उसे फ़ोन करोगेl

थोड़ी देर बाद मेरा कजिन, (मेरी बेगम सारा का पहला शौहर) इमरान कश्मीर से आ गया और कुछ देर बाद उसको लेकर डॉ जस्सी के क्लिनिक पर इलाज के चला गयाl

डॉ जस्सी, सोनी और मोनी ने उसकी जांच कर सभी जरूरी टेस्ट और करवाए और फिर बोली आमिर आप कल आ जानाl इनकी रिपोर्ट कल आ जायेगीl उन्हें देख आगे का इलाज करेंगे और तब तक के लिए इमरान के लिए दवाये लिख दी और मुझसे अकेले में बस इतना ही बोली इमरान का इलाज लगता है काफी लम्बा चलेगाl

इमरान थोड़ी जल्दी में थाl उसे आगे पंजाब में कुछ काम थाl इसलिए पंजाब चला गयाl डॉ जस्सी के पास कुछ लोग और थे, इसलिए फिर जल्दी मिलने के वादे के साथ मैं वापिस चल दियाl

तो मैंने रास्ते में ब्रैडी को फ़ोन मिलायाl तो वो बोला किसी जरूरी काम से दिल्ली आने वाला हैl

फिर वो बोला उसकी सबसे छोटी और लाड़ली बहन जिसे मैं इंग्लैंड में कई बार मिला थाl वो तुम्हे पसंद करती है और तुमसे ही निकाह करना चाहती हैl क्या तुम उसका हाथ कबूल करोगे? तो मैंने कहा दोस्त इस जरा नवाजी के लिए बहुत शुक्रियाl जरूर करूंगा! ये मेरी खुश किस्मती है के आपकी बहन मुझे पसंद करती है, पर इसमें कुछ दिक्कते हैंl

मेरे तीन निकाह हो चुके हैंl क्या उन्हें मेरी चौथी बीवी बनना मंजूर होगा? और हमारे मजहब में सिर्फ4 बीवियों ही कर सकते हैl मेरी कुछ और कजिन बहने हैं जिनसे मेरा निकाह होना लगभग तय हैl हमारे देश में मैं 4. से ज्यादा निकाह नहीं कर सकताl

मुझे अपने बाकी बीवियों और परिवार से इजाजत लेनी होगी जो मिल जायेगीl

ब्रैडी ने मुझे निकाह के लिए बधाई दी, और कहा चुकी हमारे यहाँ मर्द एक से ज्यादा बीविया रखता है उसे तुम्हारे साथ और बीवियों से कोई ऐतराज नहीं हैl

तो ब्रैडी बोला इसमें से काफी समस्या का निदान मैं कर देता हूँl

मेरी बहन से निकाह के बाद तुम भी राज परिवार का हिस्सा हो जाओगे और मैं तुम अपने अधिकार से मैं तुम्हे नागरिकता देता हूँ और मेरे देश के नागरिक जितने चाहे निकाह कर सकते हैं और बीविया रख सकते हैंl

मैं तुम्हे अपने देश कैमरून का हिंदुस्तान में राजनयिक नियुक्त करता हूँl अब तुम पर हिन्दुस्तान की कोई कानूनी बंदिश नहीं रहेगीl

तो उसने मुझे अपने देश आने का और बारात लाने का न्योता दियाl

मैंने कहा तुमने तो मेरी सभी समस्याओ का निदान कर दिया अब मैं चाहता हूँ तुम भी मेरी बहनो में से किसी के साथ निकाह कर लोl मैंने भी जल्द बारात ले कर आने का वादा कियाl उसने भी वादा किया वो जल्द ही आएगा और मेरी बहन से निकाह कर लेगाl अभी ये बात हम राज ही रखेंगे और ठीक समय पर सबको बता देंगेl

कहानी जारी रहेगी


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  2. मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ
  3. अंतरंग हमसफ़र
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  5. गुरुजी के आश्रम में सावित्री
  6. मेरे अंतरंग हमसफ़र - मेरे दोस्त रजनी के साथ रंगरलिया
  7. छाया - अनचाहे रिश्तों में पनपती कामुकता एव उभरता प्रेम-completed 
  8. दिल्ली में सुलतान V रफीक के बीच युद्ध- completed
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#68
मजे - लूट लो जितने मिले

छठा अध्याय -खड़े लंड की दास्ताँ.

भाग-11


तीनों बीवियों ने मिल कर कैसे ग्रुप सेक्स का मजा लिया. 




फिर मैंअपने कमरे में गया तो कमरे में ज़रीना मेरा इंतजार कर रही थीl

उसने मुझे जल्दी से अन्दर खींचा और दरवाजे बंद करके मुझ पर टूट पड़ीl वो मेरे गाल, नाक, मुँहlसब जगह चूमने लगी और रोने लगीl बोली हम आपसे बहुत नाराज़ हैंl आप हमे छोड़ कर अकेले ही चले आयेl नयी दुल्हनों के साथ कोई ऐसे भी करता है क्या?

वो रुआंसे से स्वर में कहने लगी- आई मिस यूlआई लव यूl

वो प्यार की भाषा बोले जा रही थीl मैंने भी उसे 'आई लव यू ' बोल किश कियाl

हम दोनों ने बहुत देर तक हग किया और फिर अलग हुएl

ज़रीना मुझसे बैठने को बोली और किचन में चाय पानी और कुछ नाश्ता ले कर आ गईl

ये सब खत्म करने के बाद हम दोनों चिपक कर बात कर ही रहे थे कि तभी दरवाजे पर दस्तक हुईl ज़रीना ने उठ कर दरवाजा खोला, तो दिलिया और सारा अन्दर आ गईl

मैंने उसे देखकर स्माइल किया और हैलो बोलाl जबाव में उसने भी स्माइल की पर उसकी कातिलाना स्माइल में मुझे कुछ गड़बड़ लगीl मुझे लगा सारा ने इन दोनों को खड़े लंड की कहानी बता दी हैl

वो ज़रीना के पास बैठ गईl वो मुझसे बोल रही थी आई मिस यूlआई लव यूl रात को खाना खाने के बाद मेरे पास आ जानाl

हम चारो साधारण बातें करते रहेl लेकिन मैंने एक बात नोट की कि दिलिया जितनी भी देर उधर बैठी, वो बार बार मुझे ही देख कर स्माइल कर रही थीl

मुझे शक हो गया था कि इस सेक्सी माल को सारा ने सब कुछ ज़रूर बता दिया हैl

थोड़ी देर दिलिया बैठी रहीl वे दोनों बातचीत करती रहींl इसके बाद दिलिया चली गईl जाते टाइम वो फिर बोली- आज रात तुम्हारे लिए एक सरप्राइज हैl

मैंने कुछ नहीं कहा, बस हल्के से स्माइल कियाl वो गांड हिलाते हुए चली गईl

उसके जाने के तुरंत बाद मैंने सारा से पूछा- ये सब क्या है?

सारा ने थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए कहा- तुम्हारी बीवी हैं, तुम्हे पता होगा!

यह बोल कर सारा किचन में चली गईl मैं भी सैर करने चला गया और कुछ देर बाद घूम कर वापस आ गयाl

अब तक शाम हो चुकी थीl शाम को खाना दिलिया परोस रही थीl वो नीचे झुकी, तो मां कसम लंड खड़ा हो गया थाl उस टाइम उसने ये चूची दिखाने के लिए जानबूझ कर झुक कर खाना परोसा थाl

अब मुझे सामने से दिलिया का फिगर दिखने लगा थाl तो मैं अब आपको दिलिया का फिगर बताना चाहूंगाl उसका 34-28 36 का फिगर बड़ा ही हाहाकारी थाl उसके बूब्स हैं तो बड़ेlयानि 36 के हैंlपर वो 34 की ब्रा पहनती थीl

खाना खत्म करने के बाद हम सब आंगन में बैठे थेl मैंने तारीफ करते हुए कहा- खाना बहुत अच्छा बना था मजा आ गयाl मैंने तो भूख से ज्यादा ही खा लिया हैl अब तो मुझे नींद आने लगी हैl

इस तरह से मैंने सोने की बात कहीl

तो दिलिया ने तुरंत कहा- मैं, ज़रीना, हम दोनों सारा आमिर के साथ में सो जाते हैंl

ज़रीना ने कहा- आज रात तुम्हारी खैर नहींl

मैं तो पहले ही दिलिया की चुदाई को लेकर ख़ुशी के मारे फूला नहीं समा रहा थाl ऊपर से ज़रीना के ये बोल सुनकर मुझे और ख़ुशी मिल गईl

दिलिया मेरे पास आई और बोली- आज देखती हूँ कि तुममें कितना दम हैlहम दोनों को थका सकते हो या नहींl

मैंने कहा- मैं अपनी तारीफ खुद नहीं करताl तुम्हें सारा ने बताया होगा नाl मैं तो मैदान में आकर जवाब देता हूंl

मेरी बात पर वे दोनों एक दूसरे को देख कर स्माइल करने लगींl

इस पर ज़रीना ने दिलिया से बोला कि देख मिल बांट कर खाएंगे हम तीनो आमिर के साथ मजा लेंगेl

ज़रीना ने मुझसे कहा- पहले तुम दिलिया को चोदोगेl तब तक मैं बाहर बैठूंगीl क्योंकि दिलिया के सामने मुझे शर्म आती हैl

मैंने कहा- इतना सब बता दिया, कर भी लिया और अब मैदान छोड़ कर भाग रही होl लगता है तू डर गई हैl

फिर दिलिया ने ज़रीना को समझाया और उसे थ्री-सम के लिए राजी कियाl उसके बाद हम तीनों बेडरूम में आ गएl

ज़रीना ने कहा- मैं वाशरूम से आती हूँl

उसके जाने के बाद मैं और दिलिया अकेले थेl

ज़रीना के जाते ही दिलिया मुझ पर टूट पड़ीlमुझे किस करने लगीl वो ऐसे चूमाचाटी करने लगी थी, जैसे उसने लड़का पहली बार देखा होl उसकी चूमाचाटी से मुझे भी जोश आ गया और मैं भी उसे किस करने लगाl मैंने उसके होंठों पर काट लियाl वो एकदम से चीख उठीl

दिलिया और मैं हम दोनों मस्ती से चूमा चाटी किस विस करते रहेl इतने में मेरी मौसेरी बहन ज़रीना बाहर आ गई और कहने लगी- अरे हो गया चालू तुम्हारा!

दिलिया - यारl सब्र नहीं हो रहा था और तुम्हारे बिना ही चालू करने का बोल रहा थाl

सारा - अच्छाl एक तो मैंने तुम दोनों को मिलवाया, ये सब करवाया और तुम दोनों मुझे ही भूल गएl

वे दोनों हंसने लगींl

मैं उठ कर ज़रीना के पास उसे किस करने जाने लगाl वो भी मेरी बांहों में झूल गईl हम दोनों किस करने लगेl बीच बीच मैं उसके मम्मों को भी दबा रहा थाl वो खुद भी मेरे लंड को पैंट के ऊपर पकड़ कर सहला रही थीl इस बीच मेरी नजर दिलिया से हट चुकी थीl

जब हम अलग हुए तो मेरे होश उड़ गएlक्योंकि बेड पर जो नजारा देखा, उससे मैं सहम गयाl

आगे क्या हुआ ये कहानी जारी रहेगी.






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  8. दिल्ली में सुलतान V रफीक के बीच युद्ध- completed
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#69
मजे - लूट लो जितने मिले

छठा अध्याय -खड़े लंड की दास्ताँ.

भाग-12

तीनों बीवियों ने मिल कर कैसे ग्रुप सेक्स का मजा लिया
 



मुझे देखते ही ज़रीना और दिलिया मुझ से लिपट गयी और शिकायत भरे लहजे से बोली हम आपसे बहुत नाराज़ हैंl आप हमे छोड़ कर अकेले ही चले आयेl नयी दुल्हनों के साथ कोई ऐसे भी करता है क्या?

अब आगे:-

उस टाइम मेरा मन किया उसी समय दिलिया को पकड़ कर दबा कर चोद दूl

बिस्तर पर दिलिया इतनी सेक्सी मैक्सी में और इतना मस्त पोज़ में बैठी थी, कि लंड आन्दोलन करने लगाl

उसकी मैक्सी बहुत सेक्सी थीl इस मैक्सी में से दिलिया के बाहर बूब्स झांक रहे थेl उसकी जांघें इतनी गोरी थीं और पिंक कलर की जाली वाली पैंटी में से एकदम सफाचट चुत का नजारा हो रहा थाl

उस सीन को याद करके आज भी मेरा लंड खड़ा हो जाता हैl

मैं और ज़रीना उसको ही देख रहे थेl तभी दिलिया ने ज़रीना से कहा- आमिर के कपड़े उतार ... और अपने भी निकाल देl आ जा बेड परl

ज़रीना ने उसकी आज्ञा का पालन किया और मेरे कपड़े उतारने लगीl उसने सिर्फ अंडरवियर छोड़ दियाl फिर ज़रीना ने भी अपने कपड़े निकाल दिएl वो बस ब्रा पैंटी में रह गई थीl हम दोनों बेड पर आ गएl

मैं दिलिया पर लपक पड़ा और हम दोनों किस करने लगेl वो मेरे खड़े लंड को चड्डी से निकाल कर उससे खेलने लगीl

मैंने उससे कहा- लंड ठीक से निकाल कर देख लो और तुम दोनों बारी बारी से लंड चूस कर मजा लो और मुझे भी मजा दोl

दोनों कज़िन बहनों जो मेरी बीविया भी थी ने मेरी बात मान ली और मुझे पूरा नंगा करके मुझ पर टूट पड़ींl पहले मेरी जान ज़रीना ने अपने नाजुक होंठों को मेरे टोपे पर लगाएl आह! मैं तो जैसे जन्नत में पहुंच गया थाl

ज़रीना थोड़ी देर ही मेरा लंड चूस पायी थी कि तभी उसकी बहन दिलिया ने ज़रीना के मुँह से मेरा लंड खींच कर निकालने का प्रयास कियाl मगर ज़रीना ने तो मानो लंड न छोड़ने की जिद ठान ली थीl इससे दिलिया गुस्सा हो गई थीl

उधर ज़रीना मस्ती से लंड चूसे जा रही थीl उसने तो जैसे लंड चूसने में पीएचडी कर रखी यार ... आह क्या मस्त लंड चूस रही थीl मेरे लंड को अब तक किसी ने चूसा ही नहीं थाl ज़रीना तो जैसे कोई पोर्नस्टार होl उसकी लंड चूसने की कला से मुझे बहुत मजा आ रहा थाl

तभी ज़रीना ने लंड को अपने मुँह में दबाए हुए ही अपनी पोजीशन बदली और अपनी चूत को मेरे मुँह पर रख चढ़ गईl मैंने भी देर नहीं की और उसकी गर्म चुत पर जीभ फेरना चालू कर दियाl वो मस्ती से गांड हिलाते हुए अपनी चूत चटवाने लगीl

मैं भी कहां पीछे हटने वाला थाl मैंने भी बहुत जोर जोर से जीभ से चाट चाट कर और उंगली डाल डाल कर उसकी चुत का पानी निकाल दियाl वो झड़ गई तो मैं उसकी चुत का नमकीन पानी पूरा पी गयाl

हाथ से मुँह पौंछ कर मैंने कहा- मजा आ गया राजा l क्या मस्त अमृत था यार!

फिर ज़रीना बोझिल से कदमों से उठी और दिलिया से कहा- ले तेरी बारी दिलिया ... अब तू भी लंड चूस कर मजा ले लेl

मैंने दिलिया को पीठ के बल करके लिटा दियाl इससे उसकी चूत मेरे सामने खुल गई थीl उसकी चूत मस्त चमक रही थीl

मैंने दिलिया को लिटाया और उसकी दोनों जांघों को हाथों से पकड़ लियाl

और उसकी छूट चाटने और चूसने लगा मैं इतने मस्त तरीके से दिलिया की चुत चूस रहा था कि मैं अपनी मस्ती में खोया हुआ सा थाl

उधर दिलिया भी नीचे मेरे लंड से खेलते हुए चूस रही थीl आज भी वो रात मैं कभी नहीं भूल सकताl

उस रात मुझे ऐसा लगा कि मैं जन्नत में 3 हूरो की चुदाई करने आया हूँl

मैंने दिलिया चूत को खूब मजे से चूसा और दिलिया का पानी निकाल दियाl वो बहुत जल्दी ही बेचारी झड़ गई थी, वो मेरी चुसाई से ज्यादा देर टिक ही नहीं पाईl

फिर मैं खड़ा हुआ और दिलिया और ज़रीना ने समिले करते हुए कहा- अब चुदाई शुरू की जाए?

मैंने कहा नहीं अब तुम दोनों को पहले सजा मिलेगी तुम दोनों आपस में भी लड़ती हो और अपनी बहनो से भी लड़ती हो और तुमने सारा को भी भला बुरा कहा है, इसलिए अब तुम्हारी चुदाई नहीं होगी l

तो दोनों तो एकदम तड़प उठी और माफिया मांगने लगी और बोली अब कभी नहीं लड़ेंगी और तुम जो कहोगे वही करेंगी l

यह सुनकर मेरे होंठ मुस्कुरा उठे और सारा भी हंस दीl

तो मैंने कहा तुम्हे सारा की सभी बाते माननी होंगी l

सारा बोली तो तुम दोनों को वादा करना होगा l

पहला कभी आपस में नहीं लड़ेगी और मिल कर रहोगी l

दोनों बोली हमें कबूल है अब आपस में कभी नहीं लड़ेंगी l

सारा फिर बोली दूसरा तुम दोनों आमिर की सभी बातें मानोगी l

दोनों बोली हमें कबूल है आमिर की सब बाते मानेंगी और आमिर की ख़ुशी में ही हमारी ख़ुशी होगी l

दोनों बोली हमें कबूल है आमिर की सब बाते मानेंगी हम अपने सभी इख्तयार छोड़ने को त्यार हैं पर एक शर्त है आमिर कभी भी हमें चोदना बंद नहीं करेंगे l

तो मैंने कहा तुम दोनों बहुत प्यारी हो मैंने तुम्हारा हाथ खुद माँगा हैl तुम्हे कैसे छोड़ सकता हूँ और तुम दोनों से वादा करता हूँ अब तुम दोनों को कभी मेरी चुदाई के लिए तरसना नहीं पड़ेगा l बस तुम जेन, लूसी और सारा की सब बाते मानना और उन दोनों को अपने गले लगा लियाl सारा भी चिपक गयी l मैंने तीनो तो बारी बारी किश किया l

ज़रीना ने कहा- पहले मुझे चोद दो, क्योंकि मुझसे अब सहा नहीं जा रहाl

हालांकि मैं पहले दिलिया को चोदना चाहता थाl मगर ज़रीना की चुदास देख कर मैंने कहा- ठीक हैl

मैंने ऐसा बोलते हुए थोड़ा सा मुँह बनाया, तो ज़रीना समझ गई कि मैं क्या चाहता हूँl

उसने कहा- रुको ... पहले दिलिया को अच्छी तरह से चोद दो l फिर मुझे रगड़ कर चोदनाl

उसके बाद सारा बोली आमिर अब दिलिया की चुदाई करोl

मैंने दिलिया को पीठ के बल लेटा दिया और उसकी गांड ऊपर करके तकिया लगा दियाl उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर ले लियाl इस तरह से चुदाई करने में अलग ही मजा आता हैl

पूरा लंड अन्दर बच्चेदानी तक चोट करता हैl

मैंने ज़रीना से कहा- तुम आगे आओ और मेरा लंड इसकी चूत पर सैट करो ताकि मैं इसकी चुत में लंड ठीक से पेल सकूं और इसकी मस्त चुदाई कर सकूंl

ज़रीना ने पहले मेरे लंड पर किस किया और दिलिया की चुत के मुहाने पर एक बार रगड़ कर सैट कर दियाl

साथ ही उसने मेरे आंड सहलाते हुए लंड से कहा- महाराज, अब आगे बढ़ोl

मैंने भी लंड को पकड़ कर चूत की फांकों में रगड़ा और दाने से छेड़खानी करने लगाl

अब तक दिलिया गर्म गई थीl उसने तड़फ कर कहा- अब डाल भी दो ना!

मैंने जोश में आकर उसकी कमर पकड़ ली और जोर से धक्का दे माराl

मेरा आधे से ज्यादा लंड चुत में घुसता चला गयाl उसी पल दिलिया की जोर की चीख निकल गईl ज़रीना ने तुरंत उसका मुँह बंद कर दिया और मुझे डांटने लगीl

ज़रीना - चुत फाड़ोगे क्या?

उधर दिलिया की आंखों से आंसू आने लगेl ज़रीना ने उसके मुँह से हाथ हटाया l

उसकी इस बात से मुझे भी जोश आ गयाl मैंने लंड बाहर निकाल कर टोपे पर थूक लगाया और इस बार जोश में आकर कर फिर से जोरदार धक्का दे माराl इस बार मेरा पूरा लंड चुत के अन्दर चला गयाl दिलिया बेचारी आंख बंद करके और हाथों से चादर को पूरी खींचते हुए बिन पानी की मछली के जैसे तड़पने लगी थीl

मैं पूरा लंड पेलने के बाद दिलिया को किस करने लगा और मम्मे चूसने लगाl मैंने कुछ पल ठहर कर उसका दर्द कम होने दियाl

कुछ देर बाद उसने खुद बोला- अब राजधानी दौड़ा दो l आह! मुझे पूरी दम से चोदोl

उसके मुँह से ये सुनकर मैंने और ज़रीना ने एक दूसरे को देखाl मैंने ज़रीना को आंख मारी और आधा लंड बाहर निकाल कर फिर झटके के साथ अन्दर कर दियाl और ज़रीना दिलिया की चुदाई के लिए वो उसके ओंठ चूसने लगी जिससे लंड अंदर बाहर जाने लगा l

अब मैं राजधानी एक्सप्रेस की रफ्तार से उसे चोदने लगाl वो मस्त होकर कलप रही थी और उसकी चूचियां बड़ी तेजी से हिले जा रही थींl

कोई 20 मिनट की लगातार चुदाई के बाद दिलिया ने मेरी पीठ पर नाखून गड़ा दिए और झड़ गईl

मैंने भी जोश में आ कर ज़रीना के बाल पकड़ कर उसे खड़ा किया और उसे किस करने लगाl

मैंने देखा कि ज़रीना दिलिया के ऊपर 69 की पोजीशन में थीl

मैंने उन दोनों को लेस्बो करते हुए देखा और लंड को पकड़कर हिलाने लगाl मैं ज़रीना के पीछे खड़ा हुआ और बिना बताए उसकी चुत में लंड डाल दियाl

ज़रीना भी लंड के अहसास से मस्त हो गई और लंड लेने में सहयोग करने लगीl उसकी कराहें मेरा जोश बढ़ा रही थींl

उधर दिलिया भी मेरे अंडकोष चूसने लगीl ताबड़तोड़ चुदाई होने लगीl ज़रीना अपनी पूरी टांगें हवा में उठा आकर मेरे लंड का मजा ले रही थीl इसी बीच में दिलिया बाथरूम में चली गई थीl हम दोनों चुदाई में धकापेल लगे थेl फिर ज़रीना झड़ीl

अब मैं थक भी चुका था, मैं बेड पर लेट गयाl l मैं और ज़रीना बांहों में बांहें डाले लेटे हुए थेl कुछ ही पलों में हम तीनो की लगभग आंख लग चुकी थीl

उसी समय मुझे लगा कि लंड पर कोई हलचल हो रही हैl मैंने जब तक आंख खोली, तब तक दिलिया ने लंड को अपने मुँह में ले लिया थाl

एक बार फिर से दिलिया की चुत चुदाई शुरू हो गईl थोड़ी देर बाद दिलीय झाड़ गयी तो उसकी जगह सारा ने ले लीl

सारा ने सिल्क की लाल रंग का नाइट सूट पहना हुआ था और वो मेरे खड़े लंड से खेल रही थी।

मेरा पायजामा नीचे खिसका था और मेरे लंड और अंडकोष पयज़ामे से बाहर निकले हुए थे। सारा की पोशाक भी ऊपर की तरफ खिसकी हुई थी और उसकी चूत मुझको दिख रही थी।

सारा की चूत एकदम सफाचट थी यानि एक भी बाल नहीं था उस पर।

सारा ने मुंह नीचे करके मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।

लंड तो खड़ा था पूरी तरह और सारा जल्दी से उस के ऊपर बैठ और लंड एकदम चूत में घुस गया। उसकी गीली और टाइट चूत में लंड बड़े आनन्द से घुसा हुआ था और मैंने हल्के से नीचे से ऊपर एक धक्का मारा और तब सारा की कमर जल्दी जल्दी ऊपर नीचे होने लगी।

अब मेरे से नहीं रहा गया और मैंने सारा की कमर पकड़ कर नीचे से ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने शुरू कर दिए और सारा भी आँखें बंद किये हुए इन धक्कों का आनन्द लेने लगी।

उधर ज़रीना मेरे मुँह पर अपनी योनि रख कर चुसवाने लगी और दिलिया इस तरह हो गयी की उसकी चुत ज़रीना चूस रही थी और वप सारा को लिप किस करने लगी और मेरी हाथ उनके स्तनों से खेल रहे थे l

मुझको लगा कि सारा की चूत बंद खुलना शुरू हो गई और थोड़ी देर में सारा का झड़ गया और वो मुझसे इस ज़ोर से लिपट गई जैसे वो मुझको कभी नहीं छोड़ेगी।

सारा झड़ी तो उसकी जगह ज़रीना ने ले ली और ऑफर जब ज़रीना झड़ी तो उसकी जगह दिलिया ने ले ली l

दिलिया का शरीर बहुत ही गठा हुआ था। मम्मे गोल और सॉलिड थे लेकिन साइज में वो सारा और जुली से छोटे थे, चूतड़ भी काफ़ी मोटे और गोल थे।

मैं चुपचाप लेटा रहा और दिलिया मेरे लंड के साथ खेलना और अपनी चूत को अपने ही हाथ से रगड़ना जारी रखे हुए थी। उसने कई इशारे फेंके कि मैं उसके ऊपर चढ़ जाऊँ लेकिन मैं लेटा रहा।

तब दिलिया ने मुझको होटों पर चूमना शुरू किया, मैं धीरे धीरे दिलिया का साथ देने लगा।

दिलिया की चूत को हाथ लगाया तो वो गर्मी के मारे उबल रही थी और उसका रस टप टप कर के बह रहा था।

अब मैं अपने को और नहीं रोक सका और खड़े लंड के साथ दिलिया की जाँघों के बीच बैठ कर ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा। और सारा को मालूम था डिलिया की छूट की चाबी तो वो उसके ओंठ चूसने लगी जिससे लंड अंदर बाहर जाने लगा।

दिलिया के मुख से सिसकारियाँ निकल रही थी और वो नीचे से ज़ोर से चूतड़ उठा उठा कर लंड और चूत का मिलन करवा रही थी।

फिर मेरे लौड़े ने इंजिन की तरह तेज़ी से अंदर बाहर होना शुरू कर दिया। पांच मिन्ट में ही दिलिया झड़ गई और मैं भी ज़ोरदार पिचकारी मारते हुए झड़ गया। मैं दिलिया के ऊपर निढाल पड़ा था।

ज़रीना ने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और कूद कर पलंग पर मेरी साइड वाली खाली जगह में आकर लेट गई।

अब मैं दोनों के बीच में था, ने मेरा लंड पकड़ रखा था और मेरे अंडकोष के साथ खेल रही थी।

अब मेरे से नहीं रहा गया और मैं बोला- दिलिया कुछ तो ख्याल करो, मैं थक गया हूँ बहुत, थोड़ी देर बाद करना जो भी करना है।

ज़रीना बोली- आप अभी आमीर को रेस्ट करने दो, तब तक हम अपना खेल करते हैं। क्यों?

दिलिया बोली- ठीक है। तू आ जा मेरी साइड में!

ज़रीना मेरी साइड को छोड़ कर दिलिया के साथ लेट गई, दिलिया ने तब ज़रीना को होटों पर चूमा और अपने एक हाथ से छोटे छोटे मम्मों के संग खेलने लगी और दूसरे हाथ से उसकी सफाचट चूत को रगड़ने लगी।

दोनों की सफाचट चूत मैंने पहली बार देखी थी। माँ बेटी की चूत पर एक भी बाल नहीं था।

दिलिया धीरे धीरे ज़रीना के मम्मों को चूसते हुए नीचे की तरफ आ गई और उसका मुंह ज़रीना की चूत पर था।

ज़रीना ने अपने चूतड़ दिलिया के मुंह के ऊपर टिका दिए थे और दिलिया अपनी जीभ उसकी भगनासा को चूसती हुई उसकी चूत के अंदर गोल गोल घुमा रही थी।

ज़रीना का शरीर एकदम अकड़ा और उसने दिलिया का मुंह अपनी जाँघों में जकड़ लिया और वो ज़ोर ज़ोर से काम्पने लगी।

तभी ज़रीना ने अपना जिस्म ढीला छोड़ दिया। कुछ देर आराम करने के बाद ज़रीना उठी और मेरे लंड को खड़ा देख कर उसके ऊपर बैठने की कोशिश करने लगी।

मैंने उसको घोड़ी बनाया और अपना खड़ा लंड उसकी चूत में पीछे से डाल दिया। उसकी चूत बहुत ही टाइट लगी मुझको और लंड बड़ी मुश्किल से अंदर जा रहा था।

लंड के घुसते ही चूत में बहुत गीलापन आना शुरू हो गया और फिर मैंने कभी तेज़ और कभी आहिस्ता धक्के मार कर ज़रीना का पानी जल्दी ही छूटा दिया और वो कई क्षण मुझ से लिपटी रही।

फिर हम बड़ी गहरी नींद में सो गए।

लंड महाराज इस पूरी चुदाई में एक बार भी नहीं झड़े थे और बदस्तूर खड़े थेl

कहानी जारी रहेगी.


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#70
मजे - लूट लो जितने मिले

छठा अध्याय -खड़े लंड की दास्ताँ.

भाग-13

नर्स के साथ सेक्स का मजा लिया



दोपहर में मुझे जुली ने जगाया और पुछा आमिर अब कैसे हो?

मैंने कहा तरोताजा महसूस कर रहा हूँl

जुली बोली तैयार होकर नीचे आओ कोई तुमसे मिलने आया हैl

मैंने पुछा बाकी सब सालिया कहाँ है तो सारा बोली सब लड़किया आज दिल्ली घूमने गयी हैंl डॉ जूली ने सब इंतजाम करवा दिया है उनके घूमने काl

मैंने देखा दो लड़किया बैठी थीl यह वही लड़किया थी, जिन्होंने अस्पताल में मेरे टेस्ट किये थेl डॉ जुली ने जिसने मेरा अल्ट्रा साउंड किया था, उसका नाम लिआ बताया और जिसने बाकी टेस्ट किये थे, उसका नाम मधु ( बदले हुए नाम )बतायाl

मैंने पुछा लिआ जी, मधुजी, आप दोनों कैसी हैं? तो दोनों मेरे पायजामे की तरफ देखते हुई शर्मा गयी और बोली हम ठीक हैं, आप कैसे हो?

मैंने कहा ठीक हूँ और पुछा लिआ जी आप कहाँ की हो? तो लिआ बोली मैं मणिपुर की हूँ और मधु हिमाचल की हैl हम दोनों यही पढ़ रही है और हॉस्पिटल में हमारी ट्रेनिंग चल रही हैl यहाँ पेइंग गेस्ट के तौर पर रहती हैंl

लिआ और मधु दोनों एकदम गोरी थीl दोनों की उम्र १९-२० साल थी पर लगती एक दम कमसिन थीl दोनों की हाइट ५'२ इंच की थीl लिआ ने अपने सर पर चुनरी बाँधी थी और उसके होंठ गुलाबी लिपस्टिक लगे हुए थेll मिनी स्कर्ट और छोटी सी पारदर्शी शिफोन की शर्ट पहने थीl जिसमें से उसकी गुलाबी रंग की पट्टीनुमा ब्रा साफ दिखाई दे रही थी और हाईहील की सैंडिलl कसम मैं तो उसे वहीं पर चूमना चाहता थाl, पर अपने आप को किसी तरह रोक लियाl वो बहुत ही जवान और मस्त चोदने लायक माल लग रही थी। बूब्स का साइज लगभग ३० कमर २४ और गांड ३० की गोल थीl

मधु ने सफ़ेद कलर की स्पोर्टिंग और सेफ ब्रा पहनी हुई थीl साथ में स्लिम फिट जीन्सl छोटा सा चुस्त टॉप पहन रखा थाl दोनों मस्त माल लग रही थीl

जुली बोली जब मैं हॉस्पिटल गयी तो लिआ और मधु मेरे पास आयी और मुझसे पूछने लगी आमिर के टेस्ट किये थे वह अब कैसे हैंl मैंने कहा ठीक हैं अभी इलाज चल रहा हैl बाकी खुद चल कर हाल पूछ लोl फिर ये साथ आने की जिद करने लगी मैं वापिस आने लगी तो मेरे साथ आ गयीl

जुली बोली मैं आप सबके लिए चाय ले कर आती हूँl

सारा भी रसोई में थी और जुली भी रसोई में उनके लिए चाय लेने चली गयीl

तभी मधु शरमाते हुए बोली आपका "वो" अब कैसा हैl पायजामा में तम्बू बना हुआ था मुझे पता नहीं क्या हुआ पायजामा का नाडा खोल कर, अंडरवियर झटके से नीचे कर बोला आप खुद ही देख लो कैसा हैll लंड महाराजा बादस्तूर खड़े थेl

दोनों एकदम शर्मा गयीl फिर धीरे से आँखे उठा कर लण्ड को घूरने लगीl

मधु बोली आपका लण्ड कभी बैठता नहीं है क्या? उस दिन भी टेस्ट के समय खड़ा हुआ थाl

मैंने कहा अभी कुछ दिनों से ऐसा हो गया हैl

तभी लिआ ने आगे बढ़ कर लण्ड को पकड़ लिया और घुमा घुमा का देखने लगीl

लिआ बोली आपका लण्ड तो बहुत लम्बा और तगड़ा हैl आपको इसके हमेशा खड़े रहने से काफी दिक्कत होती होगीl

मैंने कहा नहीं मुझे कोई दिक्कत नहीं होती उस दिन थोड़ा दर्द था अब काफी आराम है बाकी डॉक्टर जुली और जस्सी इलाज कर रही हैंl

मधु भी लण्ड पर हाथ फेरने लगी और नापने लगी बोलीl ये तो लगभग 8l इंच लम्बा है, ये तो चूत फाड् देता होगाl अंदर कैसे जाता होगाl यह तो मार ही डालेगाl

तभी सारा चाय ले कर आ गयी तो मधु और लिआ घबरा कर पीछे हटने लगी, तो सारा बोली घबराओ मतl क्यों नहीं तुम दोनों लण्ड से चुद कर देख लेतीl मैं तो इससे रोज चुदती हूँ अभी तक मैं तो नहीं मरी बल्कि यह तो बहुत मजे देता हैl ये तो मजे लेने देने का औजार हैl दोनों शर्म से लाल हो गयी सारा हसने लगीl

तभी जुली भी आ गयी और लिआ से पुछा क्या तुम ने कभी सेक्स किया है तो लिआ बोली नहीं हम दोनों अभी कुंवारी हैं लेकिन इनका लण्ड देख कर मेरा तो मन ललचा रहा हैl

जुली बोली फिर तुम दोनों का क्या इरादा हैl दोनों ने शर्मा के सर हाँ में हिला दियाl

और जुली ने मेरे लण्ड पर एक किस कर दीl मैं भी आगे हो कर जुली को पकड़ने हो लगा था के जुली बोली पहले सब लोग खाना खा लोl मैंने लिआ और मधु से खाना खाने के लिए कहा थोड़ी न नुकुर के बाद दोनों मान गयी और फिर हम सब ने मिल कर खाना खायाl

जुली बोली लिआ, मधु चूँकि आज तुम्हारी पहली चुदाई है यह हर लड़की के लिए यादगार होनी चाहिएl चलो तुम्हे तैयार कर देती हूँl वैसे भी आमिर से चुदने ने के बाद तुम्हे कोई और अच्छा नहीं लगेगाl मैंने जुली को रोक कर जुली को किस किया और बोला मेरी बहुत अछि डॉक्टर हो तुम रोज मेरे लिए नयी कुंवारी चूत का इंतज़ाम कर देती होl आज तो एक साथ दो कुंवारिया चोदने को मिलेंगीl और मैंने लिआ और मधु को गले लगाया और किस कियाl फिर लिआ और मधु दोनों को ले कर जुली और सारा मेरे कमरे में चली गयीl और मुझसे बोली आमिर थोड़ी देर इंतज़ार करो तुम्हे हम बुलाते हैंl मैं हाल में बैठ कर इंतज़ार करने लगा मेरे लण्ड बेताब होने लगाl

लगभग आधे घंटे में चारो हाल में आ गयी लिआ ने जैसा ईसाई लड़किया शादी के समय गाउन पहनती है वह गाउन पहना हुआ था और दुल्हन की तरह सजी हुई थीl मधु ने लाल रंग की साड़ी और ब्लाउज पहना हुआ थाl और गहनों और फूलो से दोनों सजी हुई थीl मैंने जुली से पुछा ये ड्रेस तुम कहाँ से लायी तो जुली बोली ये ड्रेस मैंने कॉलेज में नाटक के लिए बनवायी थी आज लिआ के काम आ गयीl आज लिआ की सुहागरात है तो यादगार तो बनानी ही पड़ेगीl

मधु के हाथ में एक फूलों की माला थी जो उसने आ कर मुझे पहना दी और मधु बोली मेरा सब कुछ आपका है आमिर मुझे पति का सुख देl

फिर जुली ने मुझे और लिआ को एक एक अंगूठी देते हुए कहा अब तुम्हारी शादी करवा देती हूँl लिआ क्या तुम अपना सब कुछ आमिर को सौंपने के लिए तैयार होl लिआ बोली मेरा सब कुछ इन्ही का है जब से उनको पहली बार देखा था तब से ही मैं तो इनको मिलने को बेक़रार थीl

जुली बोली आमिर क्या तुम इन दोनो को चोदने के लिए तैयार होl

मैं बोला इनकी खिदमत में मैं और मेरा औज़ार दोनों हाज़िर हैंl मैंने अंगूठी लिआ को पहना दी और फिर जुली बोली अब आमिर तुम लिआ को किश करो और सब हसने लगेl

फिर सारा मधु के हाथ पकड़ कर मेरे कमरे में ले गयीl

मैंने आगे बढ़ कर लिआ को किश किया जुली बोली अब तुम चुदाई शुरू कर सकते हो और अपनी गोद में उठा कर लिआ को अपने कमरे में ले गयाl

मैंने दरवाजा जैसे ही सरकाया तो अंदर लाल रंग की धीमी रौशनी थी और कमरा पूरा फूलो से सजा हुआ थाl कलियों फूलो से पूरा कमरा महक रहा थाl बिस्तर भी सुहाग की सेज बना हुआ था और बिस्तर पर मधु दुल्हन के लिबास में फूलों से सजी गहनों से लदी बैठी हुई मेरा इंतज़ार कर रही थीl और मेरी गोद में दूसरी दुल्हन लिआ थी जिसे मैं किस कर रहा थाl पीछे पीछे सारा और जुली भी आ गयीl

मैंने लिआ को बिस्तर पर बैठा दिया मधु ने अपने मुखड़े को घूंघट में छुपा लिया । मैं समझ नहीं पाया किस से शुरू करूनl

मैं दोनों के बीच में बैठ गया और बोला आप दोनों बहुत सुन्दर हैंl मेरी तो आज लाटरी लग गयीl एकसाथ दो कमसिन हसीनाएं सुहागरात मानाने के लिए मिल गयीl

मैं दुविधा में था किसके साथ शुरू करून मुझे सोच में पड़ा देख मधु बोली आप लिआ से शुरू करो वह आपके लिए ज्यादा बेक़रार हैl वह तीन रात से सोई नहीं है उसने तो जबसे आपका देखा है, बस आपकी ही बाते करती रहती थीl उसकी बातों से ही मुझेभी आपसे चुदने का मन हुआl हम दोनों में कुछ भी पर्दा नहीं हैl

उस वक्त मधु नजरें झुकाए बैठी थी, उसने पलकों को थोड़ा उठाया और मुस्कुरा कर कहा- आप लिआ को प्यार करें उस के बाद मुझे भी प्यार करेंl

मैंने मंजूर हैl' कहते हुए मधु को बांहों में भर लिया और मधु के माथे पर एक चुंबन कर दिया और लिआ ने भी मधु को कहा " लव यू मधु, तुम मेरी सबसे अछि दोस्त हो!"

मैंने सारा की और देखा तो उसने आगे आ कर मुझे एक हीरे की अंगूठी पकड़ा दीl मैंने एक गुलाब उठाया और मधु को पेश करते हुए बोलै मल्लिका ऐ हुस्न, पेश के खिदमत है, आपके गुलाम की और से मोहब्बत का पहले नज़रानाl मधु ने हाथ आगे बढ़ाया तो मैंने उसे अंगूठी पहना दीl फिर धीरे से उसका घूंघट उठा दियाl

उसने फिर घूंघट ओढ़ लिया और बोली पहले आप लिआ के साथ करेंl

फिर मैंने लिआ के ओंठ चूमे और उसे अपने गले से लगा लियाl

पहले तो लिआ शर्म से दोहरी हो गई, किसी पुरुष का ऐसा आलिंगन पहली बार था, लिआ के शरीर में कंपकपी सी हुईl पर वो जल्द ही मेरा साथ देने लगी।

मैंने उसकी पोशाक उतारने के लिए चुनरी उतार दी, मेरे दिल की धड़कनें और तेज होने लगीं, मैं उसके और करीब आ गया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिएl वो घबराहट, शर्म और खुशी से लबरेज होने लगी।

और मेरे पास आकर इस बार उसने मेरे होंठों को चूमा।

फिर क्या थाl मैंने उसे खूब चूमाl उसकी पूरी गुलाबी लिपस्टिकl मेरे होंठों में समा गई।

फिर मैंने अपना लंबा प्यासा लौड़ा निकाला और उसे उसके घुटनों पर बिठाया फिर लौड़े को उसके मुँह में डाल दिया। मैं उसके मुँह की चुदाई करने लगा और वो भी बड़े चाव से मेरा लौड़ा चूसने लगी।

उप्सl क्या खुबसूरत औरत मेरा लौड़ा चूस रही थीl मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था।

काफ़ी देर तक वो मेरा लौड़ा चूसती रहीl फिर मैंने उसे खड़ा किया और उसके मम्मों को खूब भींचा और दबाया।

मैंने उसकी ड्रेस की ज़िप खोल दी और निचे उतार दीl अब वो गुलाबी पैंटी और ब्रा में थी।l वो तो मेरे सामने नंगी हो चुकी थी, मैंने उसे उठाया और अपनी गोद में बिठा लिया उसका पतला शरीर मेरी गोद में पूरा समां गयाl

मैंने उसके कंधे पर चुम्बन किया और उसने अपना चेहरा दोनों हाथों से ढक लिया। मैंने अपने एक हाथ से उसकी पीठ सहलाई और दूसरे हाथ से जांघों को सहलाने लगाl

मेरे छूने से उसके शरीर में सरसराहट होने लगी, लिआ के मोमो सख्त होने लगे, वो शर्म से लाल होकर मुझसे लिपट गयी ।

मैंने उसके उरोजों को थाम लिया। और ब्रा को जोर से खींचा तो हुक टूट गए और उसके मोमे आज़ाद हो गए अपने कपड़ों को भी निकाल फेंका। उसके निपल्स बाहर निकल आएl जिसे मैंने चूसा-चबायाl काटा! मींजाl खूब खेलाl उसके मम्मेl जो मेरी हरकतों से बेहाल होकर लाल हो गए थे।

अनायास ही लिआ के मुंह से सिसकारी निकलने लगी, तभी मैंने उसके सीने की घाटी पर जीभ फिरा दी।

उसके उरोज आज़ाद हो गए वाह क्या गोलाईयाँ थीl बड़े बड़े नरम नरम पर बिलकुल भी ढलके हुए नहीं थे और गुलाबी रंग के छोटे छोटे निप्पलl मैं निप्पल बारी बारी किस कर चूसने लगाl और वह सिसकारियां भरने लगीl उधर नीचे मेरा लण्ड सख्त हो चुकाl लण्ड चुत को ढूंढ रहा था, लिआ ने लण्ड को हाथ लगा कर लम्बाई का अनुमान लगांने कोशिश की!

मेरे लिंग को देखते हो वह चिल्ला उठी है मधु इनका लण्ड इतना बड़ा है यह तो मुझे चीर के रख देगा मेरी फाड़ देगा बहुत दर्द होगा मैं तो दर्द से मर जाऊँगीl

जुली बोली घबराओ नहीं देखो मैं भी चुदी हूँ आमिर के ऐसी लंड सेl मुझे कुछ नहीं हुआ सही सलामत खड़ी हूँ यहाँ तुम्हारे पासl लिआ यह तो मजे का औजार है, जितना बड़ा तगड़ा होगा उतने ही ज्यादा मजे देगाl

इतने में सारा एक ट्रे में हम पांचो के लिए खास दूध लेकर आई और बोली- चलो चलो, सब यह दूध पहले पी लो फिर और कुछ करना। हम सब ने दूध पियाl

मैं और लिआ दोनों नग्न थे। मैंने कहा जुली तुम्हारा शरीर बहुत नरम मुलायम और चिकना है मैंने पहली बार उसकी योनि में हाथ फिराया और खुश होकर बोला क्या बात है लिआ , इतनी मस्त मखमली चूत , रोयें तक नहीं हैंl! वाह लिआ वाहl मेरी तो किस्मत खुल गई!

ऐसा कहते हुए मैंने उसकी पहले से गीली हो चुकी योनि में अपना लण्ड पकड़ कर अपनी दो उँगलियों से चूत का मुँह खोल कर लण्ड के सुपांडे को अन्दर फसा दिया लिआ कराहने और ओह्ह्ह आह करने लगीl

मैंने थोड़ी ताकत लगाई और अपना लगभग चौथाई लिंग योनि की दीवारों से रगड़ते हुए अंदर चला गया मैंने एक और धका लगाया , उसकी झिल्ली को फाड़ते हुए लण्ड अन्दर कर दिया।

वो दर्द के मारे बिलबिला उठी और छूटने की नाकाम कोशिश करने लगी। पर मैंने उसे दबोच लिया और उसके उरोजों को दबाते हुए एक और जोर का झटका दिया और अपने लिंग को जड़ तक लिआ की योनि में बिठा दिया।

वह रो पड़ी है मर गयी बहुत दर्द हो रहा है जालिम ने मेरी फाड़ डाली पर मैंने हंसते हुए कहा- क्यों जानेमनl कैसा लगा लण्ड उसने मरी सी आवाज में कहा- है इसने तो मुझे मार डाला प्लीज बाहर निकाल लो बहुत दर्द हो रहा है मैं मर जाऊंगी प्लीज बहार निकालो मुझे नहीं चुदना तुमने तो मुझे मार डाला है आराम आराम से क्यों नहीं किया तुमने? वो रोते हुए बोली।

मेरा कहा मेरी लिआ पहली पहली बार है तो थोड़ा दर्द तो होगा ही ना, अभी थोड़ी देर में कहोगी कि जोर जोर से मारो, धीरे धीरे में मजा नहीं आ रहा!

थोड़ा बहुत दर्द होता तो मैं सह लेती, पर तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी, थोड़ा धीरे चोदोl

मधु बोली तुम ही मरी जा रही चुदने को बार बार कह रही थी इतने लम्बे तगड़े लण्ड से जो की बैठता ही न हो उससे चुदने से कितना मजा आएगाl और उसकी चूत को सहलाने लगी फिर मधु बोली लिआ अभी थोड़ा सा दर्द हो रहा है आगे मजे ही मजे हैंl

अब मैं लंड को अंदर डाल कर आराम करने लगा मुझे मालूम था अगर बाहर निकाल दिया तो ये अब दुबारा अंदर नहीं डालने देगी. इसलिए लिआ को किस करने लगाl मैं उसके होंठ चूसने लगा । यह पहला प्रवेश चूत और लंड के पहले मिलाप की घड़ी होती है और लण्ड और चुत को एक दूसरे को पहचानने का और एडजस्ट करने का समय होता है। डॉक्टर जुली के मुताबिक़ इस वक्त कभी भी जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिये और चूत और लंड को पूरा मौका देना चाहये कि वो आपस में हिलमिल सके और एक दूसरे को पहचान सकेl

मैं भी जुली की बताई हुई बातों का ध्यान रखते हुए लिआ को होटों पर चुम्बन और मम्मों को चूसने में लग गया। लिआ मेरी गोद में थीl उसकी छातिया मेरी छाती से चिपकी हुई थीl बहुत नरम नरम लग रहा था मेरे को थोड़ी देर में लिआ सामान्य हो गयीl

जितना दर्द होना था वो हो गया अब मजे लो आगे मजे ही मजे हैं मेरी जान! यह कहते हुए मैंने एक बार अपना पूरा लिंग 'पक्कl की आवाज के साथ बाहर खींच लिया। लण्ड खून में सना हुआ थाl

फिर मैंने योनि को अपने लिंग से सहलाया और एक ही बार में अपना तना हुआ लिंग योनि की जड़ तक बिठा दिया। इस पर कमरा 'आहह ऊहहl' की आवाजों से गूंज उठा।

परन्तु मैं जानता था कि यह उसकी पहली चुदाई है इसलिए ऐसा तो होना ही था, अभी थोड़ी देर बाद यह खुद ही जोर लगाने लगेगी और चूतड़ उछाल उछाल कर चुदवाएगी।

मैं लिआ को गोद में उठा कर खड़ा हो गयाl लिआ ने अपनी टाँगे मेरी कमर पर कस ली और बाँहों से मेरे कंधो पर झूल गयी मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरु किएl लण्ड उसकी चुत को चीरता हुआ जड़ तक पूरा 8 इंच अंदर चला गयाl

आआहहह! ऊउम्म्मम म्म्मम! आईईईईईईई -- माँम्म्म्म्म् म्माआआ! उसके मुँह से दर्द भरी परन्तु उत्तेजनापूर्ण आवाजें निकलने लगी। लगभग पाँच मिनट बाद जब मेरा पूरा लन्ड उसकी बुर में हिचकोले खाने लगा तो वह भी चूतड़ उछाल उछाल कर अपनी बुर में मेरा लण्ड लेने लगी।

अब वह मेरे लण्ड को सुपारे से ले कर टट्टों तक उछल-उछल कर चुदवा रही थी। उधर मधु की हालत खराब हो गई थी वह एक हाथ से अपने हाथ से अपनी बुर को मींजे जा रही थी तथा दूसरे हाथ से अपनी चूचियों को दबाये जा रही थी तथा मुँह से उत्तेजनापूर्ण अजीब अजीब आवाजें आआहहह! ऊऊउउउम्म्म म्म्मम! आईईईईई -सीईईईसीई!l आआ! निकाले जा रही थी। उसे देख कर लग रहा था कि वह अभी लिआ को हटा कर खुद चुदवाने की इच्छा रखती हो।

इधर मैं लिआ की चूत का बैन्ड बजाने में लगा हुआ था, बुर टाईट थी, लण्ड भी अटक अटक के जा रहा था, मैं अब अपनी पूरी ताकत लगा कर उसकी बुर में डाल रहा था, हर धक्के पर उसकी मुँह से हल्की हल्की चीख निकल रही थीl आईईईईईई -सीईईईसीई!l आआआ!l

करीब दस पन्द्रह मिनट की चुदाई के बाद उसकी बुर अब पूरे मजे से मेरे लन्ड लील रही थी और वो- चोद डालो, फ़ाड डालो, आज पूरी तरह से फ़ाड दो मेरी बुर को, और जोर जोर से मारो, पूरा डाल दो मेरे राजा!

अचानक उसने मुझे अपनी पूरी ताकत से मुझे दबाना शुरु कर दिया, मैं समझ गया कि अब इसकी बुर ने पानी छोड़ देना है, मुझे जस्सी का पाठ याद था मैंने भी अपने धक्कों की रफ़्तार धीरे धीरे कम कर दी। दो मिनट बाद उसकी पकड़ ढीली पड़ गई, उसका बदन कांपने लगा फिर ऐंठ गया उसकी बुर ने अपना पानी छोड़ दिया था। मैंने अपने धक्कों की रफ़्तार में और कमी कर दी, और उसे बेड पर लिटा कर लण्ड बाहर निकाल लियाl

मैं उसके मम्मे सहला रहा था, और उसे किस किया मैं देखना चाहता था कि अब उसकी चूत कैसी दिखायी दे रही है। मैंने उसकी जाँघें ऊपर उठायीं तो देखा कि उसकी चूत थोड़ी चौड़ी हो गयी थी। उसमें से खून और लिआ का पानी दोनों टपक रहे थे । उसकी चूत खुल और बंद हो रही थीl

फ़िर वह उठी और बाथरुम में चली गयी जुली उसके साथ अंदर चली गयी और जा कर लिआ की बुर को साफ़ करने लगी।

उसके बाद जुली ने उसकी बुर पर क्रीम लगायी और लिआ को गले लगा कर बोली बधाई हो लिआ अब तुम अनछुई कली से पुष्प बन गयी होl पाँच मिनट बाद वो बाहर निकली तो उसके चेहरे पर सन्तुष्टि के भाव थे।

लंड महाराज इस पूरी चुदाई में एक बार भी नहीं झड़े थे और बदस्तूर खड़े थेl

कहानी जारी रहेगी.


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#71
मजे - लूट लो जितने मिले

छठा अध्याय -खड़े लंड की दास्ताँ.

भाग-14


नर्स मधु की पहली चुदाई




नर्स लिया के साथ सेक्स का मजा लिया में आपने पढ़ा कैसे लिया की पहली चुदाई हुई

"लिया ने मुझे अपनी पूरी ताकत से मुझे दबाना शुरु कर दिया, मैं समझ गया कि अब इसकी बुर ने पानी छोड़ देना है, मुझे जस्सी का पाठ याद था मैंने भी अपने धक्कों की रफ़्तार धीरे-धीरे कम कर दी। दो मिनट बाद उसकी पकड़ ढीली पड़ गई, उसका बदन कांपने लगा फिर ऐंठ गया उसकी बुर ने अपना पानी छोड़ दिया था। मैंने अपने धक्कों की रफ़्तार में और कमी कर दी और उसे बेड पर लिटा कर लण्ड बाहर निकाल लियाl

मैं उसके मम्मे सहला रहा था और उसे किस किया मैं देखना चाहता था कि अब उसकी चूत कैसी दिखायी दे रही है। मैंने उसकी जाँघें ऊपर उठायीं तो देखा कि उसकी चूत थोड़ी चौड़ी हो गयी थी। उसमें से खून और लिआ का पानी दोनों टपक रहे थे। उसकी चूत खुल और बंद हो रही थीl

फ़िर वह उठी और बाथरुम में चली गयी जुली उसके साथ अंदर चली गयी और जा कर लिआ की बुर को साफ़ करने लगी।

उसके बाद जुली ने उसकी बुर पर क्रीम लगायी और लिआ को गले लगा कर बोली बधाई हो लिआ अब तुम अनछुई कली से पुष्प बन गयी होl पाँच मिनट बाद वह बाहर निकली तो उसके चेहरे पर सन्तुष्टि के भाव थे।

लंड महाराज इस पूरी चुदाई में एक बार भी नहीं झड़े थे और बदस्तूर खड़े थेl"

मेरी अब तक की कहानी "जन्नत की 72 हूरे" : जो की "खाला को चोदा, खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला, मजो की दुनिया में मेरे अनुभव और खड़े लण्ड की अजीब दास्ताँ" के अगले भाग हैं में आपने पढ़ा;

मुझे देखते ही ज़रीना और दिलिया मुझ से लिपट गयी और शिकायत भरे लहजे से बोली हम आपसे बहुत नाराज़ हैंl आप हमे छोड़ कर अकेले ही चले आयेl नयी दुल्हनों के साथ कोई ऐसे भी करता है क्या? मैंने अपनी तीनो बीवियों की जोरदार चुदाई करि और ग्रुप सेक्स का मज़ा लिया l

अब आगे:-

उधर सारा बोली नयी दो दुल्हन एकसाथ क्या मिली साहेब-ऐ-आलम अपनी सारा और जुली को तो भूल ही गएl सारा और जुली भी अपने सारे कपडे उतार कर नंगी हो चुकी थी। सारा जुली दोनों मुझे पकड़ कर बाथरूम में लेकर गयी और लण्ड को धोकर साफ़ कियाl सारा ने चूसा और जुली मुझसे चिपक गयी हम वापिस कमरे में आ गए हम तीनो खड़े-खड़े एक दूसरे के बदन को सहला रहे थे और हम तीनो बाहर आ गए मैंने लिआ को किस कियाl

बाप रे, मेरी चूत तो सूज कर डबल रोटी बन गई है! लिआ बोली।

मैं खड़ा लिआ का चेहरा देखता रहा वह दर्द के मारे वह तड़प रही थी पर संतुष्टि के भाव थे। वह अपने ओंठो को भींच रही थी और रो रही और अह्ह्ह्हह अह्ह्ह ाऊओह्ह कराह रही थी सुबकती हुई बहुत प्यारी लग रही थी मैंने उसके गालो को चूमा और गले लग कर सहलाया। वह कह रही ही आह्हः मार डाला तुम तो पूरे कसाई हो बेदर्दी हो तुमने मुझे मार डाला। कोई ऐसे भी करता है क्या। मुझे लगता हैं मैं मर जाऊँगी मैंने लिआ को चूमते हुए कहा मेरी जान मेरी रानी पहली बार थोड़ी तकलीफ होती है अब तो मजे ही मजे हैं। मैंने लिआ को अपने पास खिंचा और सहलाना चाहा तो वह बोली अब आप मधु के साथ करो मुझे दर्द हो रहा था कैसे मुझे ज्ञान दे रही थी अब मैं भी इसकी चुदाई देख कर मजे लेना चाहती हूँl

मधु एक और ख़ूबसूरती और नज़ाकत का मुजस्समा मेरी तरफ़ टिकटिकी बाँध कर देख रहा था।

जैसे ही हम दोनों की आँखें मिली, उसने मुस्करा कर मुझको हाथ के इशारे से अपने पास बुला लिया।

मैं भी जल्दी से उठा और उस हसीना के महल में तख्तनशीन हो गया।

मधु की क्या हसीं ज़ुल्फ़ें थी, घनी, रेशमी और काली!

मैंने जाते ही अपना सर उसके सर की ज़ुल्फ़ों में छुपा दियाl । क्या ख़ुशबू थी! माशाल्लाह!

वो बड़े ही आहिस्ता और शाइस्तगी से बोली-खैर मुकदम हज़ूर-ऐ-आली, आपके जिन्सी करतब देख रही थी! वाह क्या कुवते मर्दानगी हैl क्या यह नाचीज़ आपकी मर्दानगी का एक जलवा देख सकती है?

मै बोला-ऐ मल्लिका-ऐ-हुस्न, आप पर कई सैकड़ो मर्दानगियाँ न्यौछावर हैं, आप हुक्म कीजिये, ग़ुलाम आपके लिए क्या कर सकता है?

वो भी वैसे ही मुस्कराते हुए बोली-हज़ूर-ऐ-आलम, बस सिर्फ़ एक बार आप अपने से इस हथियारे जिन्सी (लंड) से लौंडिया की गुफाये-ऐ-जन्नत (चूत) की सैर करवा दीजिये।

इसके बाद मधु कुछ बोलती मैंने मधु को दबोच लिया और उसके कपड़ो के ऊपर से ही उसके उरोज दबाने लग गया। मैंने उसे भी अपनी गोद में उठा लिया मधु की कद काठी भी जुली की तरह ही थी

मैंने मधु का घूंघट उठा दिया मैंने मधु से पुछा मोहतरमा-ऐ मल्लिका-ऐ-हुस्न आप अपने गुफाये जिन्सी में किस तरह से हल चलवाना चाहती हैं? लेट कर या घोड़ी बन कर या फिर मल्लिके-ऐ-अवध की तरह तख़्त पर बैठ कर?

वो बोली-ऐ मेरे ग़ुलाम, हम तुम्हारे ऊपर अपना तख़्त लगाकर तुम्हारे इस औज़ारे जांघवी को चखना चाहते हैं।

यह सारी बातें लिआ, जुली और सारा ग़ौर से सुन रहे थे और जैसे ही चूत की सेवा का ज़िक्र आया तो सब ज़ोर से हंस पड़े।

मैंने नकली गुस्से से उन सबको देखा और उन सबको कहा-इन खूबसूरत मोहतरमा की दिली ख़्वाहिश को पूरा करना मैं अपना फ़र्ज़ समझता हूँ

मैंने उसके ब्लाउज को उतार दिया और उसकी साड़ी भी उतार दी और उसके बदन को चूमते हुए नज़ाकत से उसके सारे गहने उतर दिए सिर्फ़ नथ रहने दी। मुझे नथ पहने दुल्हन उसे चोदने के लिए उकसाती है फिर उसके उरोजों को सहलाया और सफ़ेद रंग की ब्रा भी उतर दी बो और सिर्फ़ पेटीकोट में ही उसको अपनी गोद में लेकर बिठा दिया।

मधु के मम्मे बिल्कुल गुलाबी थे, उनकी जिल्द बहुत ज़्यादा चिकनी थी। कोई दाग। कोई धब्बा या किसी पिंपल का नामोनिशान नहीं था।

उनके गुलाबी मम्मों पर हरी नीली रगों का जाल था और एक-एक रग साफ़ देखी और गिनी जा सकती थी।

मुकम्मल गोलाई लिए हुए मधु के मम्मे ऐसे लग रहे थे। जैसे 2 प्याले उल्टे रखे हों। इतनी मुकम्मल शेप मैंने आज तक किसी फ़िल्म में भी नहीं देखी थी। थोड़े बहुत तो लटक ही जाते हैं हर किसी के। लेकिन मधु के मम्मे बिल्कुल खड़े थे। कहीं से भी ढलके हुए नज़र नहीं आते थे।

मधु के गुलाबी मम्मों पर गहरे गुलाबी रंग के छोटे-छोटे सर्कल थे और उन सर्कल के बीच में भूरे गुलाबी रंग के छोटे-छोटे निप्पल अपनी बहार फैला रहे थे।

और उसको लिप किश करने लगा मेरे किस करने से वह सिहरने लगी तो मैंने उसको ममो को दबाना शुरू कर दिया उसकी मम्मी बिलकुल छोटे-छोटे संतरो जैसे थे और उसके निप्पल गुलाबी थे। मैं उसके निप्पल चूसने लगा उसके मोमो मेरे मुँह में पूरे आ गए। मैं अपनी जीभ उसके निप्पलों पर फेरे लगा उसकी सिसकारियाँ छूट रही थी वह ओह्ह्ह आअह्ह्ह कर रही थीl

मैंने उसके पेटीकोट को ऊँचा किया और चूत को सहलाया और पैंटी और पेटीकोट भी खिंच कर उतार दिया और उसकी टांगें चौड़ी करके मैं नीचे लेट गयाl उसकी चूत का छेद बहुत छोटा था और उसकी बालों से भरी हुई चूत के कुंवारे मुंह पर लंड के सुपडे को रख दिया उसकी चूत एकदम गीली थी और एक दो बार लंड को अंदर बाहर किया तो वहाँ काफ़ी मोटी दीवार पाई।

जुली ने अपना बैग खोला और उसमें से वैसेलिन की शीशी निकाली और ढेर सारी मधु की चूत के बाहर और अंदर लगा दी और थोड़ी से मेरे लंड पर भी लगा दी और फिर मधु के कान में कहा-थोड़ा दर्द होगा, बर्दाश्त कर लेना। ठीक है ना?

मधु बोली-ठीक है। लेकिन आमिर प्लीज धीरे-धीरे करना तुम्हारा बहुत बड़ा है और मेरी चूत बहुत छोटी-सी है मैंने कहा हाँ धीरे करूंगाl

अब मैंने फिर से लंड को मधु की चूत में डाला और धीरे-धीरे से उसको अंदर धकेलने लगा, और जब दीवार महसूस की तो मैंने कहा मधु ऐसे, और एक ज़ोर का धक्का मारा और मधु के कंधो को ज़ोर से नीचे दबा दियाl मधु से कहा मधु नीचे दबाओ और मधु ने भी नीचे ज़ोर लगा दिया और एक ही झटके में लंड पूरा का पूरा मधु की चूत में चला गयाl उधर मधु के मुंह से चीख निकली और मधु बोली मैंने कहा था, धीरे से तो तुमने एक झटके में ही डाल दिया।

मैंने कहा मधु मैंने तो धीरे से ही डाला था तुमने ज़्यादा ज़ोर लगा दिया इसलिए लण्ड महाराज पूरे के पूरे अंदर समां गए।

वो दर्द के मारे वह तड़प रही थी वह अपने ओंठो को भींच रही थी और रो रही और अह्ह्ह्हह! अह्ह्ह! ऊओह्ह! कराह रही थीl सुबकती हुई बहुत प्यारी लग रही थीl मैंने उसके गालो को चूमा और गले लग कर सहलाया। वह कह रही ही आह्ह! मार डाला तुम पक्के कसाई होl बेदर्दी हो तुमने मुझे मार डाला। कोई ऐसे भी करता है क्या। मुझे लगता हैं मैं मर जाऊँगी! मैंने मधु को चूमते हुए कहा मेरी जान मेरी रानी ये पहली बार थोड़ी तकलीफ दायक होती है, उसके बाद तो मजे ही मजे हैंl

वो बोली प्लीज बाहर निकाल लो मेरे को बहुत दर्द हो रहा हैl मैं मर जाऊंगी प्लीज बहार निकालोl मुझे नहीं चुदनाl लिआ ने मुझे मरवा दियाl लोहे की रोड मेरे अंदर डलवा दीl तुमने तो मुझे मार डाला हैl

मैंने कहा था आराम-आराम करना और तुमने एक ही झटके में घुसा डालाl ऐसा क्यों किया तुमने? वह रोते हुए बोली।

मैं बोला मधु अगर आहिस्ता-आहिस्ता करता तो तुम्हे कई बार दर्द होताl अब एक बार हो गया, अब मजे लेना l

लिआ बोली जब मुझे दर्द हो रहा था तो कैसे मुझे ज्ञान दे रही थीl अब पता चला होगा मेरा क्या हाल हुआ था। अब लो चुदाई के मजे मेरी जानl मुझे भी लग रहा था मैं दर्द से मर जाऊँगी पर बाद में बड़ा मज़ा आयाl तुम्हे भी अभी थोड़ा-सा दर्द हो रहा है. आगे मजे ही मजे हैंl

अब मैं लंड को अंदर डाल कर आराम करने लगाl मुझे मालूम था अगर बाहर निकाल दिया, तो मधु अब दुबारा अंदर नहीं डालने देगी, और दर्द के दर के मारे ज़िन्दगी में कभी भी चुदाई के मजे नहीं ले सकेगी, इसलिए मधु को होटों पर चुम्बन और मम्मों को चूसने में लग गया। यह पहला प्रवेश चूत और लंड के पहले मिलाप की घड़ी होती है और लण्ड और चुत को एक दूसरे को पहचानने का और एडजस्ट करने का समय होता है। डॉक्टर जुली के मुताबिक़ इस वक़्त कभी भी जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए और चूत और लंड को पूरा मौका देना चाहये कि वह आपस में हिलमिल सके और एक दूसरे को पहचान सकेl

मधु मेरी गोद में थी उसकी छातिया मेरी छाती से चिपकी हुई थी। बहुत नरम-नरम लग रहा था मेरे को थोड़ी देर में मधु सामान्य हो गयीl

जितना दर्द होना था वह हो गया अब मजे लो आगे मजे ही मजे हैं मेरी जान! यह कहते हुए मैंने एक बार अपना पूरा लिंग ' पक्क। की आवाज़ के साथ बाहर खींच लिया। लण्ड खून में सना हुआ थाl

फिर मैंने योनि को अपने लिंग से सहलाया और एक ही बार में अपना तना हुआ लिंग योनि की जड़ तक बिठा दिया। इस पर कमरा 'आहह ऊहह।' की आवाजों से गूंज उठा।

परन्तु मैं जानता था कि यह उसकी पहली चुदाई है इसलिए ऐसा तो होना ही था, अभी थोड़ी देर बाद यह ख़ुद ही ज़ोर लगाने लगेगी और चूतड़ उछाल-उछाल कर चुदवाएगी।

और अब मैंने धीरे से लंड को निकाला और फिर एक हल्का-सा धक्का मारा और अब लंड बिना किसी रोक टोक अंदर चला गया।

मैंने महसूस किया कि मधु का शरीर जो एकदम से अकड़ा हुआ था, अब काफ़ी रिलैक्स हो गया और उसकी जांघें पूरी तरह से खुल गई थी।

तब मैं धीरे से धक्कों की स्पीड बढ़ाने लगा और साथ ही उसके मम्मों को चूमने और चूसने लगा, उसके लबों पर एक बड़ी हॉट किस जड़ दी और अपना मुंह उस के मुँह पर रख कर उसकी जीभ के साथ अपनी जीभ से खेलने लगा।

उसके चूतड़ों के नीचे हाथ रख कर अब ज़ोर से धक्काशाही शुरू कर दी और कुछ ही मिन्ट में ही मधु का जीवन में पहली बार पानी छूटा।

मैंने जुली की तरफ़ देखा, उसने आँख के इशारे से कहा-लगे रहो!

और अब मैंने उसको अपनी गोद में बिठा कर उसकी टांगों को अपने दोनों तरफ़ कर दिया और लंड को चूत में ही रखे-रखे धक्के मारने लगा, साथ ही उसके गोल और सॉलिड मुम्मों को मुंह में लेकर चूसने लगा और उसकी चूचियों को मुंह में लेकर गोल-गोल घुमाने लगा।

अपने हाथों को उसके चूतड़ों के नीचे रख कर अब गहरे धक्के मारने लगा और जैसे-जैसे ही मैं तेज़ी पकड़ रहा था मधु मेरे से और भी ज़्यादा चिपक रही थी और अब वह ख़ुद ही मुझको चूमने और चाटने लगी थी।

मेरे धक्कों की स्पीड इतनी तेज़ होती गई कि थोड़ी ही देर में मधु फिर एक बार हाय हाय! करते हुए झड़ गई और उसका शरीर एक अजीब-सी झुरझुरी से कम्पित हो गया।

हालाँकि वह झड़ चुकी थी फिर भी उसकी बाहें मेरे गले में ही थी और वह मुझसे बुरी तरह से चिपकी हुई थी।

अब मैंने उसको अपने से अलग किया और फिर मैंने उससे पूछा-क्यों दुल्हनिया जी, मज़ा आया या नहीं?

मधु थोड़ी-सी शरमाई और बोली-बहुत मज़ा आया आप से, आप तो वाकयी में जादूगर हैं।

जुली ने उसको उठाया, उसके शरीर पर लगे खून को साफ़ किया और कहा-आओ मधु जुली, एक बार फिर से स्नान कर लो तो सब ठीक हो जाएगा।

जुली आ कर मधु के गले लग गयी और बोली मेरी जान अब तुम भी फूल बन गयी हो बधाई हो। सच में तुम्हारी चुदाई देख कर ही मैं तो झड़ गयी। तुम भी पूरे मजे लेकर चुद रही थी।

फिर हम पांची बाथरूम में चले गए और एक साथ शावर लिया।

जुली ने मधु और जुली की चूत के अंदर बाहर क्रीम लगा दीl बाहर निकले तो सारा मुझ से लिपट गयी और मेरी गोदी चढ़ गयीl उसने अपने टाँगे मेरे कमर पर लपेट ली और मैंने खड़े-खड़े ही उसकी गीली चूत में लण्ड पेल दिया। लण्ड एक झटके में अंदर चला गयाl धीरे-धीरे सारा ऊपर नीचे हो कर चुदवाने लगी और मैंने लय में धक्के लगाए। हम दोनों के होठ जैसे जुड़ गए और हम किस करते रहे। फिर कुछ देर में सारा झड़ गयी और बोली आमिर अब तुम जुली को चोदोl

' हाँ आमिर! अब तुम जुली को भी चोदो। जुली और मधु ने एक साथ धीरे से कहा।

मैंने जुली को बाँहों में उठाया और अपनी गोदी में उठा लिया। मैं जुली को पागलो की तरह चूमने लगा। फिर उसके बूब्स से खेलने लगा और धीरे-धीरे उन्हें भींचने लगा। जुली की सिसकरियाँ तेज हो रही थी। मैं उसके निप्पलों को अपने दाँतों से दबाने लगा। कभी ज़ोर से भींच लेता तो वह उछल पड़ती।

उसकी बाँहें मेरी पीठ को सहला रही थी और मुझे भींच रही थी। 'ओह आमिर अब और मत तड़पाओ, अब सहा नहीं जाता, जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो।' प्लीज़! वह गिड़गिड़ाने लगी।

जैसे ही मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा तो वह बोली, 'आमिर! धीरे-धीरे डालना, मुझे तुम्हारे लंबे लंड से डर लगता है।'

मधु की तरफ़ हँस कर देखते हुए मैंने एक ही झटके में अपना पूरा लंड जुली की चूत में डाल दिया। 'तुम्हारा मतलब ऐसे?' मैंने कहा।

'ओहहहहह म-म म मर गई, तुम बड़े बदमाश हो जब मैंने धीरे से डालने को कहा तो तुमने इतनी ज़ोर से क्यों डाला, दर्द हो रहा है ना!' उसने तड़पते हुए कहा।

'सॉरी डार्लिंग! तुम चुदाई में नयी-नयी हो तो मैं समझा तुम मज़ाक कर रही हो, क्या ज़्यादा दर्द हो रहा?' यह कहकर मैं अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा।

'ओह आमिर बहुत मज़ा आ रहा है, अब और मत तड़पाओ, जोर-जोर से करो, आआआहहहहह... आमिर हाँ राजा... ज़ोर से चोदते जाओ, ओहहहहहह मेरा पानी निकालने वाला है, हाँ ऐसे ही।' वह उत्तेजना में चिल्ला रही थी और अपने कुल्हे उछाल-उछाल कर मेरे धक्कों का साथ दे रही थी।

जुली की चूत भी मेरे लण्ड को कस और छोड़ रही थी। ऐसा लग रहा था कि मैं सलमा की चुदाई कर रहा हूँ। मैं उसे जोर-जोर से चोद रहा था और अब मेरा भी पानी छूटने वाला था।

मैंने जुली से कहा ये तुमने कैसे किया तो जुली बोली मैंने जस्सी से कुछ चूत के कसरत सीखी हैं जिससे चूत खुलती बंद होने लगती है और चुदाई में पहली बार वाला मज़ा आता है मैं ये कसरत सारा मधु और जुली को भी सीखा दूँगी जिससे ये सारी ज़िन्दगी सेक्स का भरपूर मज़ा लेती रहेंगी।

अचानक उसका जिस्म थोड़ा थर्राया और उसने मुझे ज़ोर से भींच लिया। 'ऊऊऊऊऊ आमिर मेरी चूऊऊत गई।' कहकर वह निढाल हो गई।

मैंने भी दो तीन धक्के लगा कर अपना पानी उसकी चूत निकलना चाहा पर-पर जस्सी की बात याद आ गयीl मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए l मैं एक हाथ से जुली और दुसरे से सारा के चूचे सहलाने लगा और सारा को किश करने लगाl

फिर कुछ देर के बाद मैंने महसूस किया कि मेरा लंड पानी से भीग रहा है। अब वह भी अपना पानी छोड़ने वाली थीl अब वह नीचे से अपनी कमर उठा-उठाकर चिल्ला रही थी और बडबड़ा रही थी, आहहहहहह! और चोदो मेरी चूत को, आज मत छोड़ना, इसे भोसड़ा बना देना और फिर कुछ देर के बाद वह बोली हाए मेरे राजा में झड़ने वाली हूँ l फिर मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वह भी कुछ देर के बाद झड़ गई और निढाल हो गईl

लंड महाराज बदस्तूर खड़े थेl

आगे क्या हुआ। ये कहानी जारी रहेगी।

आमिर l



  1. मजे - लूट लो जितने मिले
  2. मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ
  3. अंतरंग हमसफ़र
  4. पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ एक नौजवान के कारनामे
  5. गुरुजी के आश्रम में सावित्री
  6. मेरे अंतरंग हमसफ़र - मेरे दोस्त रजनी के साथ रंगरलिया
  7. छाया - अनचाहे रिश्तों में पनपती कामुकता एव उभरता प्रेम-completed 
  8. दिल्ली में सुलतान V रफीक के बीच युद्ध- completed
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#72
छठा अध्याय -खड़े लंड की दास्ताँ.

भाग-15


डॉक्टर और नर्सो के साथ समूह सेक्स.



नर्स मधु की पहली चुदाई में आपने पढ़ा कैसे नर्से लिया और मधु की पहली चुदाई हुई;


"मैंने जुली से कहा ये तुमने कैसे किया? जुली बोली मैंने जस्सी से कुछ चूत के कसरत सीखी हैं जिससे चूत खुलती बंद होने लगती है और चुदाई में पहली बार वाला मज़ा आता हैl मैं ये कसरत सारा मधु और जुली को भी सीखा दूँगी, जिससे ये सारी ज़िन्दगी सेक्स का भरपूर मज़ा लेती रहेंगी।

अचानक उसका जिस्म थोड़ा थर्राया और उसने मुझे ज़ोर से भींच लिया। 'ऊऊऊऊऊ आमिर मेरी चूऊऊत गई।' कहकर वह निढाल हो गई।

मैंने भी दो तीन धक्के लगा कर अपना पानी उसकी चूत निकलना चाहा पर-पर जस्सी की बात याद आ गयीl मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए l मैं एक हाथ से जुली और दुसरे से सारा के चूचे सहलाने लगा और सारा को किश करने लगाl

फिर कुछ देर के बाद मैंने महसूस किया कि मेरा लंड पानी से भीग रहा है। अब वह भी अपना पानी छोड़ने वाली थीl अब वह नीचे से अपनी कमर उठा-उठाकर चिल्ला रही थी और बडबड़ा रही थी, आहहहहहह! और चोदो मेरी चूत को, आज मत छोड़ना, इसे भोसड़ा बना देना और फिर कुछ देर के बाद वह बोली हाए मेरे राजा में झड़ने वाली हूँ l फिर मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वह भी कुछ देर के बाद झड़ गई और निढाल हो गईl "

मेरी अब तक की कहानी "मजे - लूट लो जितने मिले" : जो की "खाला को चोदा, खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला, मजो की दुनिया में मेरे अनुभव और खड़े लण्ड की अजीब दास्ताँ" के अगले भाग हैं में आपने पढ़ा;

मुझे देखते ही ज़रीना और दिलिया मुझ से लिपट गयी और शिकायत भरे लहजे से बोली हम आपसे बहुत नाराज़ हैंl आप हमे छोड़ कर अकेले ही चले आयेl नयी दुल्हनों के साथ कोई ऐसे भी करता है क्या? मैंने अपनी तीनो बीवियों की जोरदार चुदाई करि और ग्रुप सेक्स का मज़ा लिया l नर्से लिया और मधु की पहली चुदाई हुईl

अब आगे:-

इसके बाद मैंने जुली को पकड़ लिया बाक़ी तीनो भी मुझसे चिपक गई। जुली मेरी छाती से चिपक गयी, सारा मेरी पीठ से चिपक गयी और मेरी गर्दन पर किस करने लगी मेरी पीठ पर उसके बूब्स अपना नर्म प्यारा-सा अहसास करवाने लगी। जुली मेरी बायीं और-और मधु दायी और हो गयी। जुली मेरे बाए गाल कान और कंधे को चूसने लगी तो मधु मेरे दाए गाल कान और कंधे को चूसने लगीl जुली और सारा दोनों ने मेरे लण्ड को पकड़ लिया और जुली मेरे अंडकोषों को दबाने लगी और सारा मेरे लण्ड पर हाथ फिराने लगीl

तभी कमरे में जस्सी और जैस्मिन भी आ गयी औरअंदर का नज़ारा देख कर बोली वाह आज आमिर तो तुम्हे दो नयी लड़किया मिली हैं एक साथ मैंने जस्सी को अपनी छाती से लगा लिया और अपनी बाँहों में जकड लिया उसके नरम मुलायम बूब्स का मेरी छाती से दबने लगे मैं अपने आनंद को बयाँ नहीं कर सकता, मैंने जस्सी का मुँह चूमा और लिप किस करि।

जस्सी बोली हम खाना ले आयी हैं चलो पहले खाना खा लो फिर हम सबने मिल कर खाना खायाl

खाना खाने के बाद मैं बारी-बारी से सभी 6 लड़कियों की चुचियों को मसलने लगा और वह मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थी, फिर मैं उनके निप्पल के साथ खेल रहे था । मैं उसके स्तनों को सहलाने लगा तभी सारा ख़ास दूध हम सबके लिए ले आयी और हम सबने उसको पिया।

फिर जस्सी और जैस्मिन ने अपने कपडे उतार दिए मैंने जस्सी का एक निप्पल अपने मुह में रखा और उसे चूसने लगा । अल्लाह ।नहीं बता सकता की उस पल क्या अनुभूति हुयी। फिर उसके दुसरे निप्पल को किस किया और उसे भी चूसना शुरू कर दिया। उसने अपना सर उत्तेजना और आनंद के मारे पीछे की और कर लिया थी। मैंने चूचियों को दांतो से काटा जस्सी कराह उठीl

फिर मैंने उनके मोमो को चूसना शुरू कर दिया उनके मोमो कड़क हो गए थे और चुच्चिया कह रही थी हमे ज़ोर से चूसो l मैंने जस्सी की चूचियों को दांतो से काटा जस्सी कराह उठी आह-आह जस्सी कह रही थी धीरे मेरे राजा धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा ही है उसके बूब्स अब लाल हो चुके थेl

मैं बार-बार जस्सी के बाएँ और दायें निप्पल को चूसना जारी करे रहे जब तक की उसके पूरे शरीर में एक आग-सी न लग गयी। । तभी उसके शरीर में एक उफान-सा आया और वह निढाल-सी हो गयी और मैंने उसकी चूत को छूआ मुझे योनी में गीलापन-सा महसूस हुआ। वह झड़ गयी थी l

मैंने जस्सी को बाँहों में उठाया और अपनी गोदी में उठा लिया। l जस्सी मुझे पागलो की तरह चूमने लगी ।फिर मैं उसके बूब्स से खेलने लगा और धीरे-धीरे उन्हें भींचने लगा। जस्सी की सिसकरियाँ तेज हो रही थी। मैं उसके निप्पलों को अपने दाँतों से दबाने लगा। 'ओह आमिर अब सहा नहीं जाता, प्लीज जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो।' प्लीज़! वह गिड़गिड़ाने लगी।

जैसे ही मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और झटका लगाया और उसके कंधे नीचे दबा दिए लण्ड फुच के आवाज़ के साथ पूरा अंदर चला गया जस्सी चिल्लाई ऊह्ह्ह्ह!

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'सॉरी डार्लिंग! क्या ज़्यादा दर्द हो रहा?' यह कहकर मैं अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा।

'ओह आमिर बहुत मज़ा आ रहा है, अब और मत तड़पाओ, जोर-जोर से करो, आआआहहहहहl आमिर हाँ राजाl ज़ोर से चोदते जाओ, ओहहहहहह मेरा पानी निकालने वाला है, हाँ ऐसे ही।' वह उत्तेजना में चिल्ला रही थी और अपने कुल्हे उछाल-उछाल कर मेरे धक्कों का साथ दे रही थी।

मैं उसे जोर-जोर से चोद रहा था। फिर वह झड़ गयी।

मैं उसको चूमता रहा और बूब्स को सहलाता रहा फिर मैंने कहा इस बार जस्सी तुम ऊपर आ जाओ फिर में नीचे और जस्सी मेरे ऊपर थी। मेरे तनकर खड़े लंड पर धीरे-धीरे अपनी चूत दबाकर लंड को अंदर घुसा रही थी। मैं पहली बार जस्सी की चूत की चमड़ी को अपने लंड की चमड़ी पर रगड़ते हुए देख रहा था और में आपको बता नहीं सकता कि मुझे उस समय कितना मज़ा आ रहा था। वह मेरे लंड पर धीरे से उठती और फिर नीचे बैठ जाती जिसकी वज़ह से लंड अंदर बाहर हो रहा था और वह ख़ुद अपनी चुदाई मेरे लंड से कर रही थी और बहुत मज़े कर रही थी। जस्सी बहुत मस्त लग रही थी lमैंने भी अपने चूतड़ उठा कर उसका साथ दियाl मेरा लंड उनकी चूत के अंदर पूरा समां जाता था, तो दोनों के आह निकलती थी ।फिर मेरे हाथ उनके बूब्स को मसलने लगे फिर मैं उसकी चूचियों को खींचने लगता था तो जस्सी सिहर जाती थी और सिसकने लगती थी l

तभी सारा आ कर मुझे किस करने लगी वह मेरे सारे शरीर को चूमने लगी। और जुली अपने चूची मेरे मुँह में दाल कर चुसवाने लगी मैंने एक हाथ से सारा की चूत में और दुसरे हाथ से जुली की चूत में ऊँगली करना शुरू कर दिया l

उसके बाद जस्सी मेरे ऊपर झुक गयी और हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए.। जस्सी मुझे बेकरारी से चूमने लगी और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी फिर मैंने जस्सी की जम कर चुदाई की और जन्नत की सैर कराइ। फिर थोड़ी देर के बाद वह फिर झड़ गयी। मेरे ऊँगली करने से जुली और सारा भी झड़ गयींl

उसके झड़ते ही जैस्मिन मेरे पास आयी और किस करने लगी मैंने जैस्मिन की चूचिया सहलाई मैंने जैस्मिन को बाँहों में उठाया और अपनी गोदी में उठा लिया। l हम दोनों एक दुसरे को पागलो की तरह चूमने लगे ।फिर मैं उसके बूब्स से खेलने लगा और धीरे-धीरे उन्हें चूसने लगा। जैस्मिन की सिसकरियाँ तेज हो रही थी। 'ओह आमिर अब सहा नहीं जाता, प्लीज जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो।' प्लीज़! वह गिड़गिड़ाने लगी।

जैसे ही मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और झटका लगाया और उसके कंधे नीचे दबा दिए लण्ड फुच के आवाज़ के साथ पूरा अंदर चला गया जैस्मिन चिल्लाई ऊह्ह्ह्ह मर गयी बहुत दर्द हो रहा हैl

'सॉरी डार्लिंग! क्या ज़्यादा दर्द हो रहा?' यह कहकर मैं अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा।

'ओह आमिर बहुत मज़ा आ रहा है, अब और मत तड़पाओ, जोर-जोर से करो, आआआहहहहहl आमिर हाँ राजाl ज़ोर से चोदते जाओ, ओहहहहहह मेरा पानी निकालने वाला है, हाँ ऐसे ही।' वह उत्तेजना में चिल्ला रही थी और अपने कुल्हे उछाल-उछाल कर मेरे धक्कों का साथ दे रही थी।

मैं उसे जोर-जोर से चोद रहा था। वह झड़ गयीl

मैंने उसको घोड़ी बना दिया। और अब मैंने उसकी चूत में पीछे से लंड को डालकर चोदना शुरू किया मुझे लगा पीछे से लंड ज़्यादा अन्दर तक गया और पहले से ज़्यादा मज़ा आया। जैस्मिन भी मस्ती में गांड आगे पीछे कर मेरा साथ देने लगी उनका चिलाना एकदम बंद हो गया और फिर में उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा। बीच-बीच में पीछे से उनके मोमो पकड़ कर दबाता रहा जब मैं उनके मोमे दबाता था तो वह मुँह पीछे कर मुझे किस करने को कहती थी और मैं उनके लिप्स चूसने लगता करीब 15 मिनट तक लगातार उसको उस पोज़िशन में चोदा उनकी हालत बुरी थी वह कई बार झड़ चुकी थीl

जैस्मिन निढाल हो कर लेट गयी मैं उनको प्यार से सहलाने लगा और किस करने लगा और बोला क्या आपको मज़ा आया दर्द तो नहीं हुआ। जैस्मिन बोली बहुत मज़ा आया। । चूत बुरी तरह से सूज चुकी थी l लेकिन मैं एक बार भी नहीं झडा था और लंड तनतनय हुआ खड़ा था। जुली ने लंड को सहलाते हुए कहा आज क्या बात है मैंने कहा आज एक साथ 6 हूरे मुझे चोदने को मिल रही हैं तो लण्ड महाराज भी अपने पूरे शवाब पर है। शर्मा कर जुली सिकुड़ गयी और मधु मुझसे लिपट गयीl

मैंने जुली के निपल्स पकड़ लिए l जिसे मैंने चूसा-चबायाl काटाl मींजाl ख़ूब खेलाl उसके मम्मेl जो मेरी हरकतों से बेहाल होकर लाल हो गए थे। अब मैंने अपने लौड़े पर अपना थूक लगाया और उसे सीधे उसके मुँह में घुसा दिया। वह कुछ नहीं बोल पा रही थीl बस बकरी की तरह मिमिया रही थी।

फिर मैंने उसकी गाण्ड को ख़ूब थपड़ियायाl उसकी बुर को ख़ूब चूसा और चाटा।

फिर उसने मुझे चोदने को कहाl मैंने अपना लौड़ा उसकी बुर में पेल दियाl वह चिल्लाने लगी।

वो ज़ोर से चिल्लाई मुझे इस बात की कोई परवाह नहीं थीl मुझे तो आज उसे चोदना ही थाl सो मैंने उसे ख़ूब ज़ोर-ज़ोर से धक्के मार-मार के चोदा।

मैंने देखा उसकी आँखों से आँसू निकल रहे हैंl मैं ज़रा ढीला पड़ा और उसने मुझे ढकेला और बाहर की तरफ़ भागी।

मैं उसके पीछे भागाl किसी तरह उसे बाहर वाले कामन रूम में पकड़ा और पूछा-क्या बात है?

तो उसने कहा-तेरा लौड़ा बहुत बड़ा हैl इसे मैं सहन नहीं कर सकती हूँl

वो रो पड़ी और मुझसे माफ़ करने की भीख माँगने लगीl पर मैंने उसकी एक ना मानी और वहीं पर सोफा पड़ा थाl उसे वहाँ ले जाकर पटका। और अपना लौड़ा उसकी बुर में जबरन घुसेड़ दिया।

अब मैंने उसे फिर से चोदना शुरू कर दियाl वह मेरे नीचे बेबस पड़ी थी और मैं उसके ऊपर उसकी चुदाई का मज़ा ले रहा था।

मैं कैसे ऐसी खूबसूरत लड़की को बिना चोदे छोड़ देताl मैं उसे ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा थाl उसकी आवाज़ भर गई और उसने मुझे रिक्वेस्ट की कि मैं उसे अन्दर कमरे में ले जाकर चोदूँ।

मैंने उसे लौड़ा लगाए हुए फिर से अन्दर कमरे में ले गया और इस बार बिस्तर पर चुदाई न करके.। उसके हाथ दीवार पर टिका कर उसकी चूत का मज़ा ले रहा थाl मैं उसकी चूत पीछे से डॉगी स्टाइल में मार रहा था।

ुकुछ मिनट तक 50-60 धक्के खाने के बाद फिर उसने मुझे फिर धक्का दिया और जुली के कमरे की तरफ़ भागी। मैंने उसकी मम्मों को फिर चूसना शुरू किया। उसकी हाथों को अपने लौड़े पर रखा और वह भी उसे सहलाने लगी। मैं उसकी मम्मों की चुसाई कर ही रहा था उसके मम्मों पर मेरी लार चमक रही थी और फिर मैंने उसे दबोचाl उससे अपना लौड़ा चुसवाया और उसकी चूत फैला कर उसमें अपना लौड़ा गाड़ दिया और कस-कस कर धक्के लगाए और वह झड़ कर बेड पर गिर गयीl

फिर मैंने मधु को अपने पास बुलाया और उसका सिर पकड़ कर अपने होंट उसके होंटों पर रखकर चूमने लगा। मैं उसे बिस्तर पर लिटाकर गर्दन पर चुम्बन करते हुए उसकी सख्त चूचियों को दबाने लगा। वह भी मुझे चूमने लगी। उसकी चूचियाँ गोरी थी और रगड़ने से लाल हो गई।

मैं एक-एक करके चूचियों को मुँह में लेकर चूसने लगा और जांघों को सहला रहा था। वह मुझे चूमते हुए सिसकारियाँ ले रही थी। उसकी चूत पर हाथ रखकर रगड़ने लगा। उसकी चूत गीली थी।

मैंने अपने होंट उसकी चूत पर रख दिये। उसकी चूत गर्म थी। मैं चूत को चाटने लगा और जीभ उसकी चूत में डालकर हिलाने लगा। वह बैचेन हो गई और मेरा सिर अपनी जाँघों के बीच दबा लिया। उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी। फिर मैंने अपना लण्ड उसके होंटों पर रख दिया। वह आईसक्रीम की तरह जीभ से लण्ड को चाटने लगी, जुली की चूत के पानी को चाटने लगी क्योंकि तभी कुछ देर पहले मैंने जुली को चोदा था।

मैंने उसका सिर पकड़ा और लण्ड उसके मुँह में ठुसकर आगे-पीछे करने लगा। उसकी आँखें पूरी खुल गई और मुँह लाल हो आया। जुली ने थोड़ी-सी क्रीम लेकर उसकी फ़ुद्दी में लगाई और उंगली से उसे चोदने लगी।

मैंने मधु के मुख से लण्ड बाहर निकाला तो वह सीत्कारे मारने लगी-हाँ जुली तेज-तेज करो! मज़ा आ रहा है! फाड दो मेरी चूत!

जुली ने उंगली निकाली और बोली-फाड़ेगा तो आमिर! आमिर आ जाओ! लोहा गर्म है!

कहते हुए जुली ने मेरे लण्ड पर क्रीम लगा दी। मैंने उठ कर उसके पैरों के बीच बैठकर लण्ड चूत पर लगा दिया, कन्धे पकड़कर हल्का-सा धक्का दिया तो लण्ड का टोपा उसकी चूत में घुस गया।

वो चिल्लाई-मर गई!

और पीछे को हट गई। मेरा लण्ड बाहर निकल आया। वह दर्द से चीख रही थी-मर गईl मुझे नहीं कराना अन्दर!

मैं बोला-मधु थोड़ी देर दर्द होगाl फिर तो मज़ा ही मज़ा है।

वो बोली-मुझे नहीं लेना मजा।

जुली भी गर्म हो चुकी थी। वह मुझे पीछे धक्का देते हुए बोली-आमिर रहने दो इस को! यह नहीं चुदेगी। तुम मुझे चोदो!

और लण्ड पर बैठकर झटके मारने लगी। हम दोनों मधु को दिखाने के लिए तेज-तेज आहें और सिसकारियाँ लेने लगे। जुली ज़ोर से लण्ड पर उछलती हुई अपनी चूचियों को मसल रही थी।

मैं भी नीचे से झटके मारते हुऐ सिसकारियाँ ले रहा था।

शायद यह देखकर मधु का दर्द कम हो गया और फिर चुदने का मन हो गया, वह बोली-जुली, मुझे करने दो।

मैंने जुली की तरफ़ इशारा किया, जुली बोली-ठीक है! पर इस बार नखरे मत करना।

ठीक है दीदी! पर मैं भी तुम्हारी तरह बैठकर ख़ुद अन्दर डालूँगी।

जुली खड़ी होते हुए बोली-ठीक है, आ जाओ!

मधु दोनों टाँगें चौड़ी करके लण्ड पर बैठ गई और धीरे से दबाब डालने लगी। जुली सारा उसके पीछे कन्धों पर हाथ रखकर खड़ी थी।

मैंने मधु के बाल पकड़े और जुली की तरफ़ इशारा किया।

जैसे ही मधु ने नीचे ज़ोर लगाया, मैंने बाल पकड़ कर ऊपर झटका मारा और सारा और जुली ने कन्धे नीचे दबा दिये।

मेरा लण्ड उसकी चूत फाड़ता हुआ आधा घुस गया।

वो फिर चिल्लाने लगी पर उठ नहीं पाई।

मैंने उसे पकड़ कर लिटा लिया और बाजुओं से हाथ पकड़ लिया, बोला-चुदना भी चाहती है और नखरे भी कर रही है? ले चिल्ला!

और एक दमदार झटका मारा!

2-3 झटकों में पूरा लण्ड चूत में ठोक दिया। उसकी आँखों से आँसू निकल रहे थे। जस्सी उसकी चूचियाँ सहलाने लगी।

मैं लगातार झटके पर झटके मार रहा था। थोड़ी देर में वह भी गाँड उछालने लगी।

मैं समझ गया कि उसे भी मज़ा आने लगा हैl

उसने साँस ली और बोली-तुम तो मुझे मार ही डालते?

मैं बोला-अब चुपचाप मजे ले! चोदने से कोई लड़की मरती तो दुनिया में लड़कियाँ नहीं बचती। फिर उसकी गाँड के नीचे तकिया लगाया और झटके मारने लगा। वह भी गाँड उछाल-उछाल कर पूरा साथ दे रही थी और बड़बड़ा रही थी-तेl तेज! औरl तेज हाँl मज़ा आ रहा है! फl फाड़l डाल! बहुत खुजली होती है इसमें! हाँl अl आl आl आहl सी.। सी.। ई.। मजाl आl गया। और तेज।

मैं उसे ठोके जा रहा था-l ये तो फाड़ दीl तेरी गाँड फाडूगाl तब पता चलेगा।

फाड़ देना।आl आl आहl औl गोडl आl -सी l मैं गई। कहते हुए लेट गई।

मेरा भी निकलने वाला था, मैंने 8-9 झटके धीरे-धीरे मारे और मधु की चूत से लण्ड बहार निकाल लिया और उसके ऊपर लेट गया।

फिर मैंने सारा को उठाकर उसकी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी, तो वह ज़ोर से चिल्लाई आहह अब लंड डाल दो, अब और इंतज़ार नहीं होता, प्लीज जल्दी करो ना, प्लीज आहहह। फिर जब मैंने उसकी चूत में अपनी उंगली की तो वह मेरे लंड को ज़ोर से आगे पीछे करने लगी और ज़ोर से मौन करने लगी। उसकी चूत पूरी डबल रोटी की तरह फूली हुई थी। अब में उन्हें ऊँगली से लगातार चोद रहा था और वह ज़ोर से मौन कर रही थी, ये तुमने क्या कर दिया? अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है, जल्दी से चोद दो, मेरी चूत में आग लग रही है और आहह, एम्म, ओह, आआआआआआअ, डालो ना अंदर जैसी आवाजे निकाल रही थी।

फिर मैंने उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और उसके दोनों पैरों को फैलाया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। अब जब मेरे लंड का सुपड़ा ही उसकी चूत में गया था तो वह ज़ोर से चिल्लाने लगी कि नहीं मुझे छोड़ दो, नहीं में मर जाउंगी, अपना लंड बाहर निकाल लो, लेकिन मैंने उसे अनसुना करते हुए एक ज़ोर का धक्का लगाया तो वह और ज़ोर से चिल्लाई। फिर मैंने उसके लिप्स पर किस करते हुए उसके मुँह को बंद किया और अपने धक्के लगाता गया। अब वह झटपटा रही थी और अपने बदन को इधर से उधर करने लगी, लेकिन में नहीं माना। अब में धक्के पर धक्के लगाए जा रहा था और अब उसकी आँखों से आसूँ निकल रहे थे। एक ज़ोर का झटका लगाया, एक ही झटके में पूरा लंड उनकी चूत के अंदर चला गयाl उनकी आह निकल गयीl

फिर में कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही पड़ा रहा तो कुछ देर के बाद वह शांत हुई अब में उसके बूब्स को चूसने लगा था और अपने एक हाथ से उसके बालों और कानों के पास सहलाने लगा था और फिर कुछ देर के बाद मैंने उसके कानों को भी चूमना शुरू कर दिया तो कुछ देर के बाद वह फिर से गर्म हो गई। फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया तो पहले तो वह चिल्लाई, लेकिन फिर कुछ देर के बाद मैंने पूछा कि मज़ा आ रहा है। फिर वह बोली कि हाँ बहुत मज़ा आआआआ रहा है, इस चूत को सिर्फ़ तुम्हारी चुदाई चाहिए l हाईईईईई, म्म्म्मम और फिर वह जोर-जोर से चिल्लाने लगी। फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब वह पूरी मस्ती में थी और मस्ती में मौन कर रही थी अआह्ह्ह आाइईई और करो, बहुत मज़ा आ रहा है। अब वह इतनी मस्ती में थी कि पूरा का पूरा शब्द भी नहीं बोल पा रही थी। अब में अपनी स्पीड धीरे-धीरे बढ़ाता जा रहा था हाअ, राआआआजा, आईसीईई, चोदो और ज़ोर से चोदो। आज मेरी चूत को फाड़ दो, आज कुछ भी हो जाए लेकिन मेरी चूत फाड़े बगैर मत झड़ना, आआआआ और ज़ोर से, उउउईईईई माँ, आहह हाँ, अब ऐसे ही वह मौन कर रही थी।

फिर कुछ देर के बाद मैंने महसूस किया कि मेरा लंड पानी से भीग रहा है। अब वह भी अपना पानी छोड़ने वाली थी, अब वह नीचे से अपनी कमर उठा-उठाकर चिल्ला रही थी और बडबड़ा रही थी आहहहहहह और चोदो मेरी चूत को, आज मत छोड़ना, इसे भोसड़ा बना देना और फिर कुछ देर के बाद वह बोली हाए मेरे राजा में झड़ने वाली हूँ और फिर मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वह भी कुछ देर के बाद झड़ गई।

फिर वह अचानक से चिल्ला भी नहीं सकी, क्योंकि उसका मुँह मेरे मुँह में था और में उसको ज़ोर-ज़ोर से किस करता गया और धक्के लगाते गया। तभी वह बोली कि आज फाड़ डाल मेरी चूत को। फिर वह कुछ नहीं बोली। अब में उसे लगातार धक्के लगा रहा था और फिर में ऐसे ही 15-20 मिनट तक उसको उसी पोज़िशन में चोदता गया। फिर अब उसे भी मज़ा आने लग रहा था, अब वह भी अपने कूल्हे उछाल-उछालकर मुझसे चुदवा रही थी। अब मैंने उसे और ज़ोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया था। फिर थोड़ी देर के बाद वह फिर झड़ गयी और शांत पड़ गयी।

तभी जैस्मिन भी आ कर मुझसे लिपट गयी और मुझे किस करने लगी और उसका हाथ मेरे लण्ड को सहलाने लगी मैं उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा और फिर उसे घोड़ी बना कर चोदने में लग गया तभी जस्सी आ कर जैस्मिन के नीचे लेट गयी और अपनी चूत जैस्मिन के नीचे लगा कर उसको जैस्मिन को लिप किस करने लगी।

कुछ देर बाद जस्सी बोली आमिर तुम हम दोनों को एक साथ चोदो । मैंने अपना लण्ड निकला और जस्सी की चूत में डाल दिया जैस्मिन वैसे ही जस्सी के ऊपर लेती रही और जस्सी को लिप किस करती रही दोनों के हाथ एक दुसरे की चूचियो से खेल रहे थे और उसे चोदने लग गया कुछ देर में लगा जस्सी पानी छोडने वाली है तो लण्ड निकाल कर सोनी में दाल कर धक्के लगाने लग गया दोनों की हालत बुरी हो रही थी।

यह सब देख जुली और सारा भी गरम हो गयी और सारा मुझे लिप किस करने लगी और सारा मेरे दाए तरफ़ आ गयी जुली बायीं और आ गयी और मैं उसकी चूत में ऊँगली करने लगा। अब चारों ऊह्ह्ह्ह आहहहह मज़ा आ गया और ज़ोर से चिल्लाने लगीl कुछ देर में जुली सारा के ऊपर 69 पोजीशन आ गयी और दोनों एक दूसरी की चूत चूसने लगी। मैं उनके बूब्स दबाने लगा। अब मैं चार धक्के जैस्मिन में लगता और फिर लण्ड निकाल कर जस्सी की चूत में डाल कर चार धक्के लगाताl दोनों एक साथ झड़ने लगी । तो जस्सी बोली अब जुली सारा को भी एक साथ चोदोl

सारा नीचे लेट गयी और जुली घोड़ी बन कर उसके ऊपर आ गयी मैंने पहले लण्ड अनूपमाँ की चूत में डाला और 10-12 धक्के लगाए उसकी चूत एकदम गरम और गीली थी। फिर लण्ड निकाल कर सारा की चूत में डाल कर धक्के लगाने लगा। सारा भी चूतड़ उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगी। और झड़ गयी तो मैंने लण्ड जुली की चूत में डाल कर धक्के लगाने शुरू कर दिए. जुली भी झड़ने लगी मैंने लण्ड बाहर निक्कल कर जैस्मिन की तरफ़ देखा तो वह आकर मेरे साथ लिपट गयी चुतरस में भीगा मेरा लण्ड चमक रहा था।

मैं घुटने के बल था वह भी घुटनो के बल थी उसकी चूचिया मेरी छाती से चिपक गयी थी। उसने लण्ड पकड़ कर अपनी चूत से रगड़ना शुरू कर दिया और चूत के मुँह पर लगा कर मुझसे चिपक गयी मैंने एक कास कर धक्का लगाया और लण्ड उसकी चूत के पूरी अंदर चला गया फिर मैंने लम्बे-लम्बे शॉट लगगने शुरू कर दिए लगभग पूरा लण्ड निकाल कर पूरी ताकत से अंदर पेल देता था। जैस्मिन चिल्ला रही थी और ज़ोर से और ज़ोर से बहुत मज़ा आ रहा है सोनी कह रही थी मुझ में समां जाओ आमिर l जस्सी मेरी पीठ चूमने लग गयी। मेरे हाथ उसकी गांड ज़ोर से अपने और दबा रहे थे। जैस्मिन अपने नरम बाजुओं से मेरी पीठ से दबा रही थी और मैं जैस्मिन के ओंठ चूस रहा था। कभी उपरला कभी निचला तो कभी अपनी जीभ उसके मुँह में घुसेड़ देता थाl वह मेरी जीब पर अपने जीब फेरती थी और चूसती थी। फिर वह झड़ने लगी मैं भी झड़ना चाहता था मैंने जस्सी की तरफ़ देखा उसने सर हिला दियाl मैंने धक्को से स्पीड बढ़ा दी। 10-12 मिनट के बाद मैं भी झड़ गया।

मैंने पुछा कोई और चुदना चाहती है तो सबने कहा नहीं अब बस करो और सब चिपक कर एक साथ सो गएl

लंड महाराजा बार-बार झड़ने के बाद भी बादस्तूर खड़े थे l


आगे क्या हुआ। ये कहानी जारी रहेगी।

कहानी जारी रहेगीl

आमिर l

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  1. मजे - लूट लो जितने मिले
  2. मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ
  3. अंतरंग हमसफ़र
  4. पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ एक नौजवान के कारनामे
  5. गुरुजी के आश्रम में सावित्री
  6. मेरे अंतरंग हमसफ़र - मेरे दोस्त रजनी के साथ रंगरलिया
  7. छाया - अनचाहे रिश्तों में पनपती कामुकता एव उभरता प्रेम-completed 
  8. दिल्ली में सुलतान V रफीक के बीच युद्ध- completed
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#73
मजे - लूट लो जितने मिले

छठा अध्याय -खड़े लंड की दास्ताँ.

भाग-16


एक नयी हसीना ऐनी से मुलाकात




इससे पहले  आपने पढ़ा मेरे कॉलेज के दोस्त राजकुमार ब्रेडी के बारे में पढ़ा था इसने मुझे बताया था उसकी सबसे छोटी और लाड़ली बहन पर्ल जिसे मैं इंग्लैंड में कई बार मिला थाl मुझे बहुत पसंद करती है और मुझसे ही निकाह करना चाहती हैl मैंने उसे इसमें अपनी दिक्कते बताई की मेरे तीन निकाह हो चुके हैंl और क्या उन्हें मेरी चौथी बीवी बनना मंजूर होगा? और हमारे मज़हब में सिर्फ़ 4 बीवियों ही कर सकते हैl मेरी कुछ और कजिन बहने हैं जिनसे मेरा निकाह होना लगभग तय हैl हमारे देश में मैं 4 से ज़्यादा निकाह नहीं कर सकता और मुझे निकाह मिस्यार करने होंगे जिसमे लड़की की कुछ अख्तियार कम हो जाते हैं

ब्रैडी ने मुझे निकाह के लिए बधाई दी और कहा चुकी हमारे यहाँ मर्द एक से ज़्यादा बीविया रखता है उसे तुम्हारे साथ और बीवियों से कोई ऐतराज नहीं है उसे ब्रेडी मेरे बारे में काफ़ी कुछ बता चूका था l

तो ब्रैडी में मेरी समस्या का निदान सुझाया की मेरी बहन से निकाह के बाद तुम भी कैमरून के मैं परिवार का हिस्सा हो जाओगे और मैं तुम अपने अधिकार से मैं तुम्हे नागरिकता देता हूँ और मेरे देश के नागरिक जितने चाहे निकाह कर सकते हैं और बीविया रख सकते हैंl

मैं तुम्हे अपने देश का हिंदुस्तान में राजनयिक नियुक्त करता हूँl अब तुम पर हिन्दुस्तान की कोई कानूनी बंदिश नहीं रहेगीl

जब मैं सुबह सबके साथ सो रहा था तो ब्रेडी ने मुझे दुबारा फ़ोन किया और कहा वह किसी काम से सिंगापुर दिल्ली होता हुआ जा रहा है और कुछ देर में दिल्ली पहुँच रहा है और जल्दी से मिलने आने के लिए कहा। मैंने उससे उसकी फ्लाइट के बारे में पुछा और उससे मिलने उसके होटल चला गया ।

वहाँ जाकर जब मैंने दरवाजे की बेल बजायी तो एक बेहद खूबसूरत महिला ने दरवाज़ा खोला।

मैं उस महिला को देखता ही रह गया। वह कोई महिला नहीं बल्कि 20-21 साल की लड़की थी। यूरोपियन गोरी सुनहरे बाल उसके चेहरे पर कोई निशान नहीं। यहाँ तक कि तिल भी नज़र नहीं आ रहा था। मोटी-मोटी आंखें, सुर्ख गुलाबी होंठ और दूध से रंग में गुलाब का मिला जुला रंग जैसा उसका रंग और गाल, सुडौल छातियाँ, पतली कमर, चेहरे पर क़ातिल मुस्कान और नज़रें जैसे जंग में चलती तलवारें। बेहद खूबसूरत जन्नत की हूर।

मैं एक टक उस लड़की को देखे जा रहा था। तभी ब्रेडी ने अपने कंधे से मेरे के कंधे पर मारा और धीरे से कान में बोला।

ब्रेडी: बस भी करो आमिर यहाँ मैं भी हूँ और शायद तुम मुझसे ही मिलने आये हो।

ब्रेडी की इस बात पर जहाँ मैं झेंप गया था वहीं दरवाजे पर खड़ी खूबसूरत हसीना हँसने लगी। तभी ब्रेडी ने उस लड़की का नाम लिया आमिर इनसे मिलो मेरी कजिन ऐनी और मैं ब्रेडी के गले लग गया और जब ब्रेडी से अलग हुआ तो ऐनी मेरे गले लग गयी।

कमाल की लड़की थी ऐनी। एक झीना-सा शर्ट और उसके नीचे एक छोटा सा निकर। निकर से जहाँ ऐनी की केले के पेड़ जैसे चिकनी टांगे नज़र आ रही थी वही उस झीने शर्ट से ऐनी की चुंचिया नज़र आ रही थी। नज़र क्या आ रही थी ये समझ लो बन्दूक ने निशाना साध रखा था एक दम सामने की और।

ब्रेडी बोलै आईये मेरे देश के नए नियुक्त राजनयिक जी और मेरे होने वाले जीजा जी l

फिर बोलै चलो आज तुम्हारे सारे कागज़ त्यार करवा देता हूँ। उसके साथ आये हुए अफसर ने मेरे नए राजनयिक पासपोर्ट और नियुक्ति पत्र मुझे सौंप दिएl फिर ब्रेडी ने मेरा परिचय अपनी एम्बेसे के सारे स्टाफ से करवायाl कुछ देर बाद मंत्रालय जा कर उन्हें भी मेरा परिचय करवा दिया और मेरे सारे नियुक्ति पत्र और अधिकार पत्र उन्हें दे दिए।

उसके बाद ब्रेडी बोलै वह आगे किसी बहुत ज़रूरी काम से अभी सिंगापुर जा रहा है और दो दिन बाद वापिस लौटेगा और तब तक तुम ऐनी (पर्ल की बड़ी बहन जो अब तक कुंवारी थी) को आगरा लेजा कर ताज महल दिखा दो।

मैंने कहा इसमें कोई दिक्कत नहीं है तो मैंने भी रिश्ता पक्का करने के लिए प्रस्ताव दिया वह भी रुक कर मेरी बहनो से मिल ले और निकाह के लिए अपनी सहमति दे-दे l तो उसने कहा वह जब अगली बार आएगा तो ज़रूर करेगा और उसने भी वादा किया वह दो तीन दिन में लौट ही आएगा और मेरी बहनो से मिल लेगा और निकाह पक्का कर लेगाl मैंने उसे एक अंगूठी दी तोहफे के तौर पर जो उसने स्वीकार कर ली। फिर ब्रेडी ने कहा उनकी कजिन मोहतरमा ऐनी ख़ास तौर पर हिन्दुतान में ताज महल देखने और आप से मिलने आयी है और मुझे ही उन्हें ताज महल दिखने ले जाना है। फिर ऐनी का हाथ मेरे हाथ में दे कर बोलै अब ऐनी को तुम अपने पास कितने दिन और कैसे रोक पाते हो ये तुम पर है।

उसके बाद ब्रेडी फ्लाइट पकड़ कर चला गया और मैं ऐनी के साथ आगरा चला गया। मैंने सारा को सारा मामला बता दिया तो सारा, ज़रीना, डिलिया और सालिया भी बोली वह भी ताज महल देखने जाएंगी तो उनका भी इंतज़ाम करवा दिया। आगरा शाम को पहुँच कर मैंने कहा रात में ताज का दीदार किया जाएगा क्योंकि रात में ताज और भी खूबसूरत लगता है तो सब ने रात में ताज का दीदार किया । ताज महल देख कर ऐनी बहुत खुश हुई और मुझे गले लग कर थैंक यू बोली और डिनर के बाद सब अपने कमरों में चले गएl

मैं फ्रेश हो कर निकला ही था कि तभी दरवाज़ा खटखटया। जिसे सुनकर मैंने फुर्ती दरवाज़ा खोला। दरवाजे पर कोई और नहीं बल्कि ऐनी थी। जिसे देख कर मेरा मुह खुला का खुला रह गया।

मैं ऐनी को एक टक देखता ही रह गया। ऐनी एक शर्ट में थी। उसके नीचे कुछ भी नहीं पहना था। एक दम एक्सपोज़ थी। ऐनी अपने मासूम चेहरे के साथ-साथ बहुत ही सेक्सी लग रही थी।

दरवाजा खुलने के साथ ही ऐनी आकर सीधे मेरे गले लग गयी और बोली आपका धन्यवाद ठीक से नहीं किया l

ऐनी के गले लगते ही मैं को बहुत अच्छा महसूस हो रहा था। इस वक़्त ये फीलिंग जो मेरे मन में थी कोई हवस से भरी नहीं बल्कि महोब्बत से भरी थी। लेकिन उसमें हवस भी शामिल थी। ऐनी के पीछे मैं, जहाँ मैं ऐनी की चुंचियो को छूने के प्रयास में था वही ऐनी के हाथ मेरे पेंट में सेंध लगा चुके थे।

लंड महाराजा बादस्तूर खड़े थेl ऐनी मेरी बाहों में सिमटे हुए मेरी उस भावना को भली भांति समझ चुकी थी। आज ऐनी अपना सब कुछ मैं पर कुर्बान करने को तैयार थी। या फिर ऐसा कहूँ की ऐनी सारा और मेरी बाक़ी दोनों बीवियों के नक़्शे क़दम पर चलने को तैयार थी।

कहानी जारी रहेगीl

आमिर खान हैदराबाद



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  3. अंतरंग हमसफ़र
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  5. गुरुजी के आश्रम में सावित्री
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  7. छाया - अनचाहे रिश्तों में पनपती कामुकता एव उभरता प्रेम-completed 
  8. दिल्ली में सुलतान V रफीक के बीच युद्ध- completed
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#74
मजे - लूट लो जितने मिले

छठा अध्याय -खड़े लंड की दास्ताँ.

भाग-17


हसीना ऐनी 





जब ऐनी के हाथ मेरे हथियार तक पहुंचे तो उसको अंदाजा हो गया के मेरा हथियार कैसा है और उसने उसे भींच कर अपना इरादा जाहिर कर दियाl

मैंने भी ऐनी के बदन को अपनी छाती से दबा कर उसके नितम्बो पर हाथ फिराते हुए उसकी गांड को दबा कर अपनी सहमति दे दीl

मैं भी बहुत खुश था क्योंकि अब मेरा अपनी बाकी मौसेरी और ममेरी बहनो और प्रेमिकाओ को अपनाने का मार्ग साफ़ हो गया था l अब मैं जितनी चाहो उतनी बेगमे रख सकता था और इसी ख़ुशी में मैंने ऐनी को भी अपना बनने का झट से फैसला कर लिया l

दरअसल जब ऐनी अपनी कजिन ब्रेडी के साथ थी तो मेरे बारे और मेरे परिवार के बारे में ऐनी सब कुछ बता दिया। मेरे बारे में जान और मिल कर एनी भी मुझे चाहने लगी थी। ये पहली नज़र का प्यार था l

और फिर जब एनी ने ब्रेडी को-अपना इरादा बताया कि वह मुझ से प्यार करने लगी है। तो ब्रेडी ने एनी से कहा "अगर प्यार करती है तो पहले तुम दोनों को एक हो जाना चाहिए। मेरा मतलब दो जिस्म एक जान जैसे। उसके लिए तुम्हे सबसे पहले आमिर को अपनाना होगा। उसे अपने दिल में उतारना होगा और साथ ही साथ उसके दिल में भी उतरना होगा।"

ऐनी: और ये सब में कैसे करूँ?

ब्रेडी: बहुत सिम्पल है यार मैं तुम दोनों को अकेला छोड़ने का प्रबंध कर देता हूँl जब तुम दोनों आगरा जाओ, कमरे के अंदर एक ही बेड होगा, तोड़ दो रात भर में। ही-ही ही ही।

अच्छा मज़ाक अलग है लेकिन ये सच है सेक्स कोई प्यार नहीं है ऐनी लेकिन ये प्यार जाहिर करने का तरीक़ा है। तुम आज

आमिर को सब सौंप दो और आमिर को अपना लो।

खेर जो होगा सो होगा लेकिन फिलहाल तो दोनों एक दूसरे की बाहों में गुम हुए खड़े थे।

तभी मैंने ऐनी की नाज़ुक कमर पर हाथ रख कर ऐनी के चेहरे पर झुका और एक स्मूच किस किया ये एक ऐसा चुम्मा था जिसके अंदर दोनों गुम थे। सारी दुनिया से दूर किसी हसीन जगह पर।

मैं अब बहुत गर्म हो चुका था। वहीं ऐनी ख़ुद भी अपनी गर्मी से पिघल रही थी। दोनों की हवस और प्यास पराकाष्ठा की चोटी पर पहुँच चुकी थी। जिसके आगे कुछ नहीं था। सिवा हसीन नज़ारों के।

ऐनी और मैं एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे। मेरे कपड़े उतारते हुए ऐनी जितना शर्मा रही थी। उस से ज़्यादा जब उसका एक मात्र शर्ट मैने उतारा तो ऐनी शर्म से ग़ुलाब हो गयी।

मैं ऐनी के बदन को हल्की रोशनी में देखता ही रह गया। उस हल्की रोशनी में ऐनी का दूध-सा और चांदनी जैसा चमकीला बदन लम्बी सुनहरी जुल्फे। गुलाब की पंखुड़ी जैसे होंठ और उनपर शर्म की चादर से उमड़ी मुस्कान। आंखों में गहरा काजल और हया की चादर। माउंट एवरेस्ट जैसी सुडौल चुंचिया और उन चुंचियों पर जैसे एक छोटी-सी चेरी रखी हो जैसे निप्पल। मेरी नज़र जैसे नीचे आती है तो जैसे अजंता की गुफाओं की खूबसूरत नाभि। और पहाड़ों जैसा प्राकृतिक कमर के कटाव। और कॉक बोटल की तरह बाहर को उभरे ऐनी के नितम्ब उफ्फ।

ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे जन्नत से साक्षात कोई हूर आयी हो।

ऐनी एक अत्यधिक सुंदर युवा किशोर वय की कन्या जिसका रंग सफेद है उसके उरोज उन्नत, गोल और बडे हैं जो झुके हुए नहीं हैं। उसके आने से सारा कमरा सुगंधित और प्रकाशित हो गया था और एनी का मुख दर्पण से भी अधिाक चमकदार था।

मैं एक टक ऐनी के बदन को निहार रहा था। जो हाल इस वक़्त मेरा था वही हाल ऐनी का था। मेरा चेहरा। ऐनी की खूबसुरती में डूबा जहन। छाती और बदन पर हल्के बाल जो और हल्की मसल जो मेरे पुरुषार्थ को दर्शा रही थी।

मैंने हल्के से आगे बढ़ कर ऐनी की कमर में अपना हाथ डाल और उसे अपनी और खींचा । मेरे हल्के से खींचने पर ऐनी मेरी बाहों में समा गयी ऐसा होते ही दोनों के शरीर में बिजली कौंध गयी ऐनी की वह खूबसूरत घाटियों का लिबास लिए चुंचियाँ सीधे मेरे सीने में धंस गयी। पहली बार में ही हम इतने आगे बढ़ गए थे।

मैंने हल्का-सा ऐनी का चेहरा ऊपर को उठा कर ऐनी के होंठों को चूमा।

मैं और ऐनी दोनों ही इस वक़्त एक अलग ही दुनिया में थे।

मैं ऐनी को किस करते-करते बेड पर ले गया और बड़े ही शालीन तरीके से ऐनी को बिस्तर पर लिटा दिया। ऐनी को बिस्तर पर लिटाने के बाद भी ऐनी की सुडौल चुंचियाँ एक दम ऊपर की और उठी हुई थी। मैं अपने एक मात्र अंडरवियर को भी उतार कर ऐनी के शरीर पर चढ़ गया। इस वक़्त ऐनी और मुझे, हम दोनों को सिवा एक दूसरे के सारी दुनिया की कोई परवाह नहीं थी। दोनों अपने ख़ुद को भूल कर एक दूसरे में गुम होने को तैयार थे।

ऐनी ने भी मेरे लंड को पकड़ कर उसकी लम्बाई और मोटाई का अंदाजा लगाया और खुश होकर मुझे ज़ोर से किश कर दिया l जब मैंने उसे प्रश्नसूचक निगाहो से देखा तो उसने शर्मा कर आँखे झुका कर मेरे लंड को देखा तो मैंने उसके ओंठो को चुम्बन कर दिया ।

आज पहली बार ऐनी अपना सर्वस्व मुझ पर लूटा रही थी। मुझ पर भी एक तरफ़ जहाँ ऐनी के बदन को देख कर हवस सवार होनी चाहिए थीl वह भी एक अजीब-सी कस्मोकश में थी। ना तो मेरे मन में हवस की कोई जगह थी ना ही ऐनी दूसरी लड़कियों की तरह थी। आज का ये मिलन मेरे लिए दुनिया का सबसे हसीन सुख था।

मैं बड़े ही महोब्बत भरे अंदाज़ में ऐनी पर झुकता चला जाता है और ऐनी के नाज़ुक से गुलाब जैसे होंटों को अपने होंटों में भर लिया।

मैं ऐनी के होंटों को इस क़दर चूम रहा था जैसे वह कोई साधारण होंठ नहीं बल्कि अमृत का कोई झरना हो।

और ऐनी मैं की इसी चुम्बन से मैं की महोब्बत की प्रगाढ़ता को महसूस कर सकती थी। ऐनी भी अपनी आंखें मूंदे हुए मेरे चुम्बन का जवाब देने की कोशिश कर रही थी लेकिन मेरे पौरुष के सामने उसकी कोशिश महज़ कुछ भी नहीं के सिवा और क्या हो सकती थी।

सबसे पहले मैंने उसके चुंबन लेने प्रारंभ किए। मैं उसकी जीभ और उपर नीचे के होठों को चूसने लगा। मैं उसके होठों को पूरी तरह से जकड़ उसका पूरा साँस अपने फेफड़ो में ले लेता जिससे वह बिना साँस के व्याकुल हो छटपटाने लगती और जब मैं उसे छोड़ता तो ज़ोर-ज़ोर से साँस भरने लगती। यह क्रिया काफ़ी देर तक चली।

कुछ ही क्षणों में मैं और ऐनी दोनों के नंगे बदन हल्के नीले चंद्रमा की चांदनी से चमक उठे। मेरे हाथ उस हल्की चांदनी में ऐनी के दूध से बदन पर रेंग रहे थे। मेरे हाथ कभी ऐनी के कंधे तो कभी गाल सहला रहे थे। कभी ऐनी की गर्दन तो कभी सुडौल उरोज। ऐनी के बदन का हर एक रोंया खड़ा हो रहा था।

करीब 10-15 मिनट तक मैं ऐनी के शरीर को सहलाता रहा। उसके बाद होले-होले मैं अपने होंटों की मुहर ऐनी के ललाट से लेकर उसके पूरे चेहरे पर छाप दी और उसी मुहर को राह ऐनी के पूरे शरीर पर लगाने के लिए ऐनी की ठुड्डी से नीचे की और बढ़ने लगा। मेरे मुँह से निकलने वाली गर्म हवा और इश्क़ के इस नए अंदाज़ ने ऐनी के पूरे शरीर में झुरझुरी दौड़ा दी।

अचानक मेरे होंठ ऐनी के नरम नाज़ुक और सुडौल उरोजों पर जा ठहरे। मेरे होंटों का ऐनी की चुंचियों पर स्पर्श ही ऐनी की सिसकियों की वज़ह बन गया था। मैं ने ऐनी के शरीर की इस गर्मी को भांप कर हल्की मुस्कुराहट से ऐनी की बायीं चुंची को अपने मुंह में भर लिया और दायीं चुंची को अपनी दाएँ हाथ की हथेली के पकड़ में क़ैद कर लिया।

फिर मैं उसके स्तनों पर आ गया। पहले उसने धीरे-धीरे स्तन मर्दन करना प्रारंभ किया। फिर चूचुक पर धीरे-धीरे जीभ फेरनी शुरू की। इस'से एनी की काम ज्वाला भड़क के सातवें आस' मान पर जा पाहूंची।

ऐनी मैं की इस हरकत से बहुत बैचैन हो चुकी थी। मेरे मुँह में ऐनी की चुंची जाते ही ऐनी की पीठ हवा में उठ गई। एक और जहाँ ऐनी का शरीर थर-थर कांप रहा था वहीं दूसरी और भट्टी की तरह गर्म हो कर तप रहा था।

धीरे धीरे मैं ऐनी की चुंचियों को अपने आतंक से मुक्त करते हुए आगे बढ़ा और अपने होंटों को ऐनी की गहरी नाभी की और ले गया। वह चांदनी रात थी। हल्की चांदनी में ऐनी की गहरी नाभी किसी झील से कम ना थी। ऐनी की नाभि से जब मैंने नज़र उठा कर ऐनी के चेहरे की तरफ़ देखा तो ऐनी के शरीर के कटावों से होकर मेरी नज़र ऐनी के कांपते होंठो पर पड़ी।

कहानी जारी रहेगी l

आपका आमिर खान हैदराबाद


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#75
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#76
मजे - लूट लो जितने मिले

छठा अध्याय -खड़े लंड की दास्ताँ.

भाग-18


ऐनी के साथ पहला सम्भोग.




जब मेरी नज़र ऐनी के हुस्न पर से उसकी नज़रों तक गयी तो उसके मन में यहीं ख़्याल आया होगा। वह चूत मैं लंड लेने के लिए व्याकुल हो उठी। पर इधर मुझे कोई जल्दी नहीं थी। तब मैं उसकी नाभी के इर्द गिर्द जीभ फेरने लगा। कभी-कभी बीच मैं उसकी झांटों मैं हल्के से अंगुली फिरा देता। साथ मैं वह उस के नितंबों के नीचे अपनी हथैली ले जा उन्हे सहलाए भी जा रहा था और उस के भारी नितम्बो पर कभी-कभी हल' के से नाख़ून भी गाढ रहा था। इन क्रियाओं के फल स्वरूप ऐनी ज़ोर-ज़ोर से साँस लेने लगी।

क्या हुस्न है! ।

मैने ऐनी की नाभी को चूम बोला आज तुम्हे बहुत मजे आने वाले हैं। ऐनीl

वहीं दूसरी और ऐनी आंखें बंद किये बोली " उम्मीद करती हूँ तुम्हारी ख़ुशी का कारण बनूँ।

मैं ऐनी को जिस्मानी तौर पर बहुत गर्म कर चुका था। अब मैने सोचा अब मुझे आगे बढ़ना चाहिए। मैं ने बड़े ही नाज़ुक से अंदाज़ में ऐनी की दोनों जांघों को चूमते हुए खोलने की कोशिश की। लेकिन ऐनी शायद इसके लिए अभी तक तैयार नहीं थी इस लिए हल्का-सा चिंहूँकि लेकिन तुरंत ही ऐनी ने अपने आपको मेरे हवाले कर दिया। मैंने बड़े ही नाज़ुक तरीके से ऐनी की जांघों को चूमते हुए खोला।

मेरे सामने ऐनी की जवानी की सबसे बड़ी दौलत थी। ऐनी का कौमार्य। मैं उस खूबसूरत और हसीन ऐनी की चूत को देखे जा रहा था। एक तरफ़ जहाँ मेरे लन्ड में बिजली की लहर दौड़ गयी थी। वही मैं आज ऐनी के साथ पहली बार एक होने जा रहा था यही सोच कर मैं और गर्म हो रहा था।

तब मैंने उसकी चूत मैं एक अंगुली डाली। मैं धीरे-धीरे उस' के चूत के दाने पर अंगुली की टिप का प्रहार कर रहा था। फिर मैंने बड़ी मुश्किल से दुसरे हाथ से उसकी छूट खोलते हुए दो अंगुल डाली।

मैं एक टक ऐनी की आंखों में देखता रहा तो वहीं ऐनी भी शर्मा गयी। । मैं एक टक ऐनी के चेहरे को देखते हुए अपने लन्ड को ऐनी की चूत पर रख दिया। ऐनी को मेरे लन्ड का जैसे ही अपनी चूत पर एहसास होता है ऐनी की आंखें मादकता के नशे में हल्की-सी बन्द हो जाती है और उसका सीना बिस्तर से 4 इंच ऊपर उठ जाता है। ऐनी की सांस बहुत तेज चलने लगती है। मैंने कोशिश की लन्ड को चूत में घुसाने की लेकिन ऐनी की चूत वाकई में बहुत तंग थी जिसके चलते मेरा लन्ड फिसल कर ऐनी की नाभि पर आ जाता था या नीचे गांड की तरफ़ चला जाता था। तकरीबन 4-5 बार मैं कोशिश KI लेकिन मेरा लन्ड ऐनी की चूत में नहीं घुस पाया।

ऐनी एक बार मैं की तरफ़ अपनी हल्की मुंदी आंखों से देखती है और मेरे को बोली-आमिर क्या हुआ क्यों तड़पा रहे हो? प्लीज कुछ करो...?

मै वह कर तो रहा हूँ लेकिन अंदर नहीं जा रहा। बार-बार फिसल रहा है।

मेरे इस उत्तर के बाद मैं और ऐनी दोनों एक टक एक दूसरे की आंखों में देखने लगते है फिर अचानक से ऐनी को हंसी आ गयी। ऐनी को हंसता देख मैं भी मुस्कुराते हुए हसने लगा। ऐनी हल्की-सी ऊपर होकर मेरे दोनों गालों को सहलाने लगी तो मैं बोला-राज कुमारी जी। अपने खूंटे को ज़मीन में गाड़ने से पहले ज़मीन तो थोड़ी-सी गीली करनी पड़ेगी ना l मैंने ऐनी की आंखों में झांकते हुए बड़े ही नटखट अंदाज़ में कहा।

अब बारी ऐनी की शर्माने की थी। एनी के मुँह से बस इतना ही निकला हम्म!

थोडी देर मैंने इधर उधर देखा तो मुझे अलमारी में कुछ दिखता है। वहाँ एक शीशी में तेल था।

मैं वह कटोरी उठा लाया और अपनी हथेली भर कर तेल ऐनी की चूत पर डाल और अच्छे से मसलने लगा। ऐनी ने जब मेरे हाथों में तेल देखा तो सोचने लगी ये तेल कहाँ से आया।

तभी मुझे याद आया ये काम ज़रूर सारा या लूसी का ही होगा वह मेरे कमरे में हमेशा तेल रखती है पता नहीं कब मुझे ज़रूरत आन पड़े उसने ही वह तेल वहाँ रखा होगा। खेर अब वह तेल काम आ रहा था।

मैंने थोड़ा तेल और लेकर अपने लन्ड पर लगा लिया। तेल लगने से मेरा लन्ड ऐसे चमक गया जैसे धूप में काले नाग की चमड़ी चमकती हैl

ऐनी की एक नज़र शीशी की तरफ़ जाती है जिसमे रत्ती भर तेल बचा था। उस शीशी को देख कर ऐनी शर्म से पानी-पानी हो गयी। । अभी ऐनी शर्मा ही रही थी कि मैंने अपने लन्ड को ऐनी की चूत पर रख कर हल्का-सा अपने हाथ से दबाया जिससे मेरे लन्ड का सुपड़ा ऐनी की चूत की फांको को खोलते हुए अंदर जाने को तैयार था। लेकिन वह बस हल्का-सा अंदर जाकर फंस कर रह गया और ऐनी हल्की-सी सिसक कर रह गयी।

मैंने ऐनी की तरफ़ देखा लेकिन ऐनी तो आने वाले लम्हे को लेकर अपनी आंखें बंद किये हुई थी। मैंने ऐनी के ऊपर झुक कर एक करारा झटका मारता है। ऐनी बिस्तर से ऊपर की और जाने लगती है लेकिन मैंने ऐनी के कन्धों को ज़ोर लगा कर उसे ऊपर नहीं होने दिया और दूसरा झटका भी मार दिया। इस बार ऐनी की चीख पड़ी।

मेरा 2.5 इंच लन्ड अंदर घुस चुका था और उसकी कौमर्य की झिल्ली से टकराया था ऐनी का पूरा शरीर दर्द से कांप रहा था। आंखें बुरी तरह से बंद थी और चेहरे के भाव ऐसे थे जैसे कोई छोटी बच्ची रोने के वक़्त अपना चेहरा बना लेती है। मैं ऐनी को चूम कर ऐनी की चीख बंद करवाना चाहता था लेकिन ऐनी ने मुझे मना कर दिया। क़रीब 3 से 5 मिनट बाद मैंने हल्का-सा धक्का और मारा तो ऐनी सिसक पड़ी। मैं ऐनी के चेहरे के भाव देख कर भावुक हो गया।

ऐनी भी मेरे को देख कर समझ चुकी थी। ऐनी हल्की-सी ऊपर होकर मेरे गले में अपनी बाहें डाल दी और मुझ को नज़दीक कर-कर उत्तेजना में भर बोली फाड् दो मेरी चूत एक ही झटके से मेरी कुंवारी चूत की सील अपने हथियार से चीर कर रख दो l खबरदार जो रहम खाया तो। अब जब तक पूरा ना अंदर कर दो रुकना नहीं।

मैं एक टक ऐनी को देखता रह गया। फिर मैंने ऐनी की आंखों में देखते हुए अपने लन्ड को हल्का-सा बाहर निकाला है। ऐनी सोचती है मैं पूरा लंड बाहर निकाल रहा हूँ इसलिए ऐनी ने बोलने की कोशिश करती उससे पहले मैंने भी एक पूरा जोरदार झटका मार कर दिया।

एक हलकी-सी रुकावट और फिर फचक की आवाज़ से मेरा 7 इंच लन्ड ऐनी की चूत की झिल्ली को फाड़ता हुआ और चारो तरफ़ से फैलाता हुआ अंदर घुस गया और ऐनी की दर्द भरी चीख ने पूरा कमरा गुंजा दिया। क्योंकि होटल का कमरा साउंड प्रूफ था तो आवाज़ बहार तो नहीं गयी होगी और गयी भी होगी तो हम दोनों में से किसी ने भी उसकी कोई परवाह नहीं की। मैं फिर भी नहीं रुका और फिर से हल्का-सा लन्ड बाहर निकाल कर पूरा ज़ोर से धक्का मार दिया।

ऐनी इस बार फिर से ज़ोर से चीखी । ऐनी के हाथों के नाखून मेरी पीठ पर गड गए। यहाँ तक कि मेरी पीठ से हल्का-हल्का खून भी निकल गया और ऐनी की चूत से भी गर्म खून बह कर बाहर आ रहा था। मेरा पूरा लन्ड ऐनी की चूत में जड़ तक पहुँच गया था। ऐनी को ऐसा लग रहा था जैसे मैंने कोई मोटा सरिया उसके पेट में घुसा दिया हो। ऐनी को मेरा लन्ड अपनी नाभि के ऊपर तक महसूस हो रहा था।

मुझे अपने लंड पर बहुत अधिक कसाव अनुभव हो रहा था। कसाव इसी कुंवारी से कन्या की बुर चोदने के असीम आनन्द की होती हैl

मेरे लन्ड का सूपड़ा ऐनी के गर्भाशय को जबरन खोल कर गर्भाशय में फंसा पड़ा था। मैं इंतज़ार कर रहा था ऐनी के दर्द के ठीक होने का।

अब मैं लंड को अंदर डाल कर आराम करने लगा। यह पहला प्रवेश चूत और लंड के पहले मिलाप की घड़ी होती है और एक दूसरे को पहचानने को और एडजस्ट करने का समय होता है। डॉ जुली के मुताबिक़ इस वक़्त कभी भी जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए और चूत और लंड को पूरा मौका देना चाहये कि वह आपस में हिलमिल सके और एक दूसरे को पहचान सकें।

मैं ऐनी को गले लगाए हुए ऐनी के ऊपर पड़ा था। मेरा सर ऐनी के कन्धे और गले के बीच में था जिससे मैं और ऐनी अब तक एक दूसरे का चेहरा नहीं देख पाए थे। मैंने उसके कंधे पर गर्दन और कानो को चूमना शुरू कर दिया। लेकिन इस छोटे से 5 मिनट के इंतज़ार के बाद मैं जब अपना सर ऊपर उठा कर ऐनी को देखा और मुस्कुरा दिया।

ऐनी के चेहरे पर बाल बिखरे पड़े थे। आंखों का काजल पूरे चेहरे पर फैल चुका था। गाल और आंखें आंसुओं से भीगे हुए थे। वही ऐनी मेरे चेहरे की तरफ़ देखा तो पाया मेरा चेहरा पसीनो में भीगा हुआ था। चेहरे पर हल्के दर्द की लकीरें थी।

ऐनी मुझ से आंखों के ईशारे से पुछा की क्या हुआ?

मैंने भी गर्दन ना में हिलाकर बोलै कि कुछ नहीं हुआ। मैं भी जुली की बताई हुई बातों का ध्यान रखते हुए ऐनी को होटों पर चुम्बन और मम्मों को चूसने में लग गया।

ऐसा करने से ऐनी अपनी चूत में हो रहे दर्द को भूलने लगी और नीचे से चूतड़ की थाप देकर मुझको लंड चलाने के लिए उकसाने लगी।

उसके मम्मों के निप्पल एकदम खड़े थे और मैंने चूस-चूस कर अपने अंदर कर लिया था।

ऐनी का शरीर रिदम का जवाब रिदम के साथ देने लगा। लिंग को ऐनी की योनि से बाहर खींचने की क्रिया के साथ-साथ ही ऐनी अपने नितम्ब नीचे को खींच लेती और जैसे ही लिंग योनि में दोबारा प्रवेश पाने को होता तो ऐनी शक्ति के साथ अपने नितंब ऊपर को करती, परिणाम स्वरूप एक ठप्प की आवाज़ के साथ मेरा लिंग ऐनी की योनि के अंतिम छोर तक जाताl

मैं भी धीरे-धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा। पूरा लौड़ा निकाल कर फिर धीरे से अंदर डालने में मुझको भी बहुत मज़ा आने लगा और ऐनी के भी आनन्द की सीमा नहीं रही।

हल्के हल्के धक्के मारने लगा। ऐनी हर धक्के के साथ हिलती रहती सिसकती रहती है। ऐनी को इस वक़्त दर्द और आनंद, प्रेम और पीड़ा के मिलेजुले भाव महसूस हो रहे थे। ऐनी के मन में इस वक़्त मेरे प्रति अगाध प्रेम था और मेरे मन में इस वक़्त सिर्फ़ ऐनी थी। ऐनी के मुख से 'आह...आई... ओह... मर गई... हा... उफ़... उम्म्ह... अहह... हय... याह... हाय... सी... ई...ई' की मज़े वाली सिसकारियाँ निकल रही थी और मैं ऐनी को यहाँ-वहाँ चूम रहा था, चाट रहा था माथे पर, आँखों पर, गालों पर, नाक पर, गर्दन पर, गर्दन के नीचे, कंधो पर, उरोजों पर, निप्पलों पर, उरोजों के बीच की जगह पर!

ऐनी 'अह्ह्ह ... अह्ह्ह्ह ...' करने लगी थी और ऊपर नीचे होकर उछलने लगीl

ऐनी चिल्ला रही थी-उहह ... अहहहह ... ज़ोर से चोदो ... आई लव यू ... फक मी... फक मी हार्ड ... यू आर बेस्ट फकर!

मैंने उसे मिशनरी पोज में कस कसके चोदा और वह भी कूल्हे उचका-उचका कर मेरे तगड़े लंड को भोग रही थी l

हमारा सम्भोग अपनी अधिकतम गति पर था, अचानक ऐनी का शरीर अकड़ने लगा, ऐनी ने अपने दांत मेरे बाएँ कंधे पर गड़ा दिए, मेरी पीठ पर ऐनी के तीखे नाख़ून पच्चीकारी करने की कोशिश करने लगेl

क़रीब 15 मिनट तक ऐसा करने के कुछ मिन्ट में ही ऐनी चूतड़ उठा कर मुझसे नीचे से लिपट गई और मुझको कस कर अपने बाहों में जकड़ लियाl

ये लक्षण मेरे जाने पहचाने थे, मैं तत्काल अपनी कोहनियों के बल हुआ और ऐनी के दोनों हाथ अपने हाथों में जकड़ कर बिस्तर पर लगा दिए और अपनी कमर तीव्रतम गति से चलाने लगा, साथ-साथ मैं कभी ऐनी के होठों पर चुम्बन जड़ रहा था, कभी उसके निप्पलों पर, कभी उसकी आँखों पर!

अचानक ऐनी का सारा शरीर कांपने लगा और ऐनी की योनि में जैसे विस्फोट हुआ और ऐनी की योनि से जैसे स्राव का झरना फूट पड़ा। ऐनी ज़िन्दगी में पहली बार स्खलित हो रही थी l

लेकिन अभी तो मैं ठीक से शुरू भी नहीं हुआ था। ऐनी के झड़ने के बाद-बाद मैंने आवेश में ऐनी को चुदाई करदी I चुदाई क्या ऐनी की चूत की कुटाई शुरू कर दी। करीब 10 मिनट बाद ऐनी एक बार फिर से झड़ गयी लेकिन मैंने अपनी गति धीमी नहीं की।

ऐनी की योनि की मांसपेशियों ने संकुचित होकर मेरे लिंग को जैसे चूसना और निचोड़ना शुरू कर दियाl

प्रतिक्रिया स्वरूप मेरा लिंग और ज़्यादा फूलना शुरू हो गया, इसका नतीजा यह निकला कि मेरे लिंग के लिए संकरी योनि में रास्ता और भी ज़्यादा संकरा हो गया और मेरे लिंग पर ऐनी की योनि की अंदरूनी दीवारों की रगड़ पहले से भी ज़्यादा लगने लगी l

मैं अपनी गति बढ़ा कर ऐनी की चुदाई करता हुआ करीब 15 मिनट बाद जैसे ही मैंने पूरी शक्ति से अपना लिंग ऐनी की योनि में अंदर तक डाला मेरे अंडकोषों में एक जबरदस्त तनाव पैदा हुआ और मेरे लिंग ने पूरी ताक़त से वीर्य की पिचकारी ऐनी की योनि के आखिरी सिरे पर मारी फिर एक और।। एक और... एक और... एक और... मेरे गर्म वीर्य की बौछार! अपनी योनि में महसूस कर के अब तक निढाल और करीब-करीब बेहोश पड़ी ऐनी जैसे चौंक कर उठी और उसने मुझसे अपने हाथ छुड़ा कर ज़ोर से मुझे आलिंगन में ले लिया और मुझे यहाँ-वहाँ चूमने लगीl

मेरा वीर्य बहुत ज़्यादा निकला था। मैं झड़ते हुए ऐनी को बहुत गहरे झटके मारे जिससे मेरा लन्ड ऐनी की चूत में पिचकारियाँ करने लगा। ऐनी का गर्भाशय मेरे वीर्य की काफ़ी मात्रा अपने में समा कर बन्द हो चुका था उसकी योनि मेरे वीर्य से बरी हुई थी जिसमे से कुछ वीर्य, एनी का रस और उसके कौमार्य का लहू मिल कर ऐनी की चूत के होंठों से होकर बाहर बिस्तर की चादर पर फैल गया था और में उस पर गिर गया और दोनॉ लिपट गएl

हम दोनों कुछ क्षण इसी तरह एक दूसरे की बाहों में लिपटे रहेl जब सांस ठीक हुई तो ऐनी ने मेरे मुंह अपने मुंह के पास लाकर ज़ोरदार किस किया और बोली-थैंक यू आमिर! मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ। सच में बहुत मज़ा आया l शुरू में थोड़ा दर्द हुआ, बाद में तुमने बहुत मजे दिएl

दिन भर के सफ़र और इस चुदाई के बाद ऐनी और मैं दोनों थक गए दोनों एक दूसरे की बाहों में लिपटे हुए नींद के आगोश के चले गए।

लंड जी तो बदस्तूर खड़े हुए ही थे l

ऐनी की कहानी जारी रहेगी...

आपका आमिर खान हैदराबाद l


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  1. मजे - लूट लो जितने मिले
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#77
मजे - लूट लो जितने मिले

छठा अध्याय -खड़े लंड की दास्ताँ.

भाग-19

खुली बालकनी में बारिश के साथ में चुदाई.



मैं सुबह लगभग 4 बजे उठा तो फिर ऐनी को किश करने लगा जिससे ऐनी भी जाग गयी l

मैं उसे गोदी में उठा कर वाशरूम ले गया और दोनों साथ में नहाये और फिर बेड पर आ गए और मैंने कमरे में रखी क्रीम जो तेल के पास ही रखी थी ऐनी की चूत पर लगायी उसकी चूत रात में हुई चुदाई के कारण सूज कर फूल गयी थी और दोनों किश करने लगेl फिर दोनों बालकनी में आ गए दूर-दूर तक कोई नहीं था जो हमें देख सकता हो बालकनी में एक सेट्टी पड़ी हुई थी और दोनों उस पर लेट गए l

ऐनी फिर मेरे को सीधा लिटा कर मुझे चूमते हुए नीचे जाने लगी।

ऐनी ने बहुत ही प्यार से मेरे लन्ड को चूमा।

मेरे को जब अपने लन्ड पर ऐनी की गर्म सांसे और गर्म होंट महसूस हुई तो मेरे लन्ड को सुकून मिला। ऐनी बेहद नाज़ुक तरीके से मेरे लन्ड पर अपनी उंगलियाँ घूमा रही थी। मैं आंखें बंद किये इस शारीरिक सुख के अनुभव का आनंद उठा रहा था।

तभी ऐनी मेरे लन्ड को सहलाते-सहलाते मेरे अंडों को अपनी गिरफत मैं लेकर घप्प से मेरे सुपडे को अपने मुह मैं लिया।

ऐनी के ऐसा करते ही मेरी कमर ख़ुद बा ख़ुद हवा में उठ गई।

थोड़ी देर तक मेरे लन्ड को चूसते-चूसते ही ऐनी को एहसास हुआ कि मेरे लन्ड की लंबाई बढ़ रही है। जो लन्ड कुछ देर पहले तक मुश्किल से 5.5 इंच नज़र आ रहा था वह अब 7 से 7.5 इंच की औकात मैं खड़ा था।

ऐनी ने देखा कि अब जब मेरा लन्ड बिलकुल अकड़ गया मैं आ गया है मैंने ऐनी से पूछा-ऊपर आना है? वह बोली-लंड की सवारी?

मैंने कहा-हाँ। तुम ऊपर आ जाओl

तो ऐनी होले से खड़ी हो कर मेरे ऊपर चढ़ गयीऔर मेरे होंटों को अपने होंटों मैं क़ैद करके नीचे अपना हाथ ले जा कर मेरे लन्ड के सुपडे को ठीक अपनी चूत के मुह पर टिका दिया और हल्का-सा दबाव बनाया। मेरे लंड का मोटा सूपड़ा ऐनी की चूत के मुह को खोल कर फंस गया ।

ठीक उसी वक़्त आसमान में काले-काले बादलों की घटा घिर आयी। और ठंडी हवा चलने लगी ।

ऐसे में मेरे लन्ड का सूपड़ा ज़बरदस्ती उसकी चूत को खोले उसमे फसा हुआ है। ऐनी को आनंद के साथ-साथ एक मीठे से दर्द का एहसास हो रहा था।

ऐनी अपनी चूत मेरे लन्ड पर टिकाये हुए ऊपर आसमान की तरफ़ गर्दन किये आंखें मूंद रखी थी। जिन आंखों में कुछ आंसू छलक आये।

वही मैं इसी आनंद मैं डूबा हुआ था। मुझे अपने लन्ड में और भी कड़कपन महसूस हुआ । ऐनी अभी आनन्द के सागर में गौते खा ही रही थी कि ऐनी की आहहह निकल गयी।

ऐनी: अभी रुको! ओहहह अभी धक्के मत मारो प्लीज l



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ऐनी ने मुझ से धक्का मारने के लिए मना किया लेकिन मैं ने तो अभी धक्का मारा ही नहीं था। मैं तो ज्यों का त्यों ऐनी के नीचे लेटा हुआ था। इस बात का एहसास ऐनी को तब हुआ जब मैं ने अगली बार धक्का नहीं मारा और ना ही अपना लन्ड बाहर की तरफ़ खींचा।

ऐनी ने झुक कर मेरे लन्ड को देखा तो ऐनी की आंखें खुली की खुली रह गयी। मेरा लन्ड जितना कड़क हो रहा था उतनी उसकी लम्बाई बढ़ रही थी। जिस लन्ड के सुपडे को ऐनी ने चूत मैं लिया था वह 6 इंच का था लेकिन फिलहाल 2 इंच लन्ड चूत मैं घुसा हुआ था और फिर भी 6 इंच लन्ड बाहर था।

मैं: लेकिन मैंने तो कुछ किया ही नही।

ऐनी मेरी बात सुनकर चोंक गयी लेकिन अगले ही पल उसने मेरी तरफ़ मुस्कुरा के देखा ।

ऐनी सोचने लगती है कि 8 इंच का लन्ड है इस का अगर ये बाद मैं और बड़ा हुआ तो ये किसी भी चूत का भोसड़ा एक बार मैं ही बना देगा। ऊपर से इसका लन्ड कितना मोटा है।



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ऐनी अभी ये सब सोच ही रही थी कि मैं ऐनी से बोला।

मैं: प्लीज कुछ करो या मैं शुरू करून।

ऐनी मेरी तरफ़ देखने लगी। ऐनी को भी लगा कि अब काफ़ी देर हो गयी है अब आगे बढ़ना चाहिए। ऐनी होले से अपना ज़ोर मेरे लन्ड पर लगाया । लेकिन मेरा लन्ड ऐनी की चूत मैं बुरी तरह से फंसा हुआ था। ऐनी की सारी कोशिश बेकार जा रही थी। क्योंकि मेरा लन्ड अब रत्ती भर भी ऐनी की चूत मैं नहीं जा पा रहा था।

ऐनी काफ़ी परेशान हो गयी । आख़िर में ऐनी मुझ से बोली ।

ऐनी: सुनो आमिर! तुम नीचे से कमर उठा कर धक्का मारो।

ऐनी: आमीर शुरू हो जाओ।

ऐनी ने इतना कह कर मेरे हाथ पकड़ कर अपनी कमर पर रख दिया। मैंने भी ऐनी की कमर पकड़ ली और नीचे से अपने कूल्हों को एडजस्ट करके अपनी कमर को ज़ोर से ऊपर की तरफ़ उछाल दिया। ठीक उसी वक़्त ऐनी भी ऊपर से मेरे लन्ड पर ज़ोर से बैठ गयी। नतीजा ये निकला कि मेरा 3 इंच लन्ड और ऐनी की चूत मैं घुस गया।

मेरा लन्ड चूत में घुसते ही मैं ज़ोर से चीख पड़ा। आहहहह! उंहहह ओहआई! ऐनी भी ज़ोर से चीख पड़ी और ठीक उसी समय बिजली कड़की और हमारी मिली जुली चीखे उस जोरदार बिजली की कड़क में दब कर रह गयी और बारिश शुरू हो गयी l

मेरे सुपडे की चमड़ी उतर कर नीचे की तरफ़ पूरी तरह से खींच गयी थी और ऐनी की आंखों से आंसू निकल आये। जहाँ आसमान में सावन की झड़ी लगी थी ऊपर आसमान से हल्की-हल्की बारिश हो रही थी नीचे मैं और ऐनी चुदाई का खेल-खेल रहे थे।

ऐनी की चूत जो पहली चुदाई से सूज गयी थी बुरी तरह से मेरे लन्ड पर कस गयी थी। अब बारी ऐनी की थी। ऐनी इस बार हल्का-सा ऊपर उठी जिससे मेरा करीब एक इंच लन्ड बाहर निकल गया। मुझे हल्का-सा दर्द हुआ इस लिए मैं कसमसा कर रह गया। लेकिन अगले ही पल ऐनी पूरे ज़ोर से मेरे लन्ड पर बैठ गयी।

ऐनी के ऐसा करते ही ऐनी की इस बार जोरदार चीख निकल गयी और ठीक उसी समय एक बार फिर ज़ोर से बिजली कड़की। इस बार खुले में चुदाई होने के कारण ये चीख ज़रूर कोई सुन लेता पर बारिश और बिजली की कड़कने के शोर में ये चीख दब के रह गयी l

ऐनी ने नीचे हाथ ले जाकर देखा तो मेरा लन्ड अभी भी 2 इंच के करीब बाहर ही था।

ऐनी: ओह गॉड अभी भी बाहर है।

मैं आंखों से इशारा करके पूछा . क्या?

ऐनी: लन्ड और क्या मेरे प्यारे!

ऐनी की इस बात पर मैं ओर ऐनी दोनों हसने कगे ।

ऐनी: चल मेरे घोड़े अब हो जा शुरू?

मैं: चुदाई के लिए।

ऐनी मुस्कुराते हुए हाँ मैं सर हिला दिया।



[Image: SAREE4.jpg]


बारिश तेज हो गयी थी पर बालकनी कुछ उस तरह से बनी हुई थी के खुली हुई थी जहाँ पर सेट्टी पड़ी हुई थी जहाँ पर हम थे वहाँ बारिश नहीं आ रही थी क्योंकि उसके ऊपर छत थी । पर बीच बीच में कभी कभी पानी की कुछ फुहारे हमारे ऊपर आ जाती थी जिससे चुदाई का रोमांच और मजा और बढ़ जाता था ।

मैं भी मुस्कुराते हुए नीचे से हल्के-हल्के धक्के मारने लग गया। करीब पांच मिनट ऐनी की चूत और मेरा लंड दोनों एक दूसरे के आदि हो गए। अब दोनों एक दूसरे को बेइंतेहा चूमते हुए चुदाई कर रहे थे।

ऐसा लग रहा था जैसे दो आशिक हनीमून मना रहे हों।

ऐनी: हेय आमिर ये बचा खुचा लन्ड क्या मेरी बहन पर्ल के लिए बचाया है?

मैं एकदम से ऐनी के मुह से ऐसी बात सुनकर सकते में आ गया और उसे अपनी बहन पर्ल याद आते ही उसकी आँखों के सामने उसकी बहन पर्ल का चेहरा घूमने लगा । ऐनी को कुछ न करते देख मैं अपनी एक उंगली ऐनी की गांड के छेद पर घुमाने लगा।

जैसे ही मेरी ऊँगली ऐनी की गांड के छेद को छुआ ऐनी की कमर ऊपर उठी मैंने भी ऊपर को दबाब बढ़ाया और मैंने मैं ज़ोर से धक्का मार दिया और बचा हुआ लन्ड पूरी तरह से ऐनी की चूत में घप्प से घुस गया। उसकी कसी हुई चूत मेरे लंड को जकड़ रही थीl इसी के साथ ऐनी मेरे होंटों को चूमने के लिए मुझ पर झुक गयी।

अब थोड़ी देर ऐनी यूँही ऊपर से मेरे लन्ड पर धक्के मारने लगी और नीचे से मैं भी ऐनी की चुदाई करने लगा । जिस स्पीड में बारिश हो रही थी हमने उसी स्पीड में चुदाई शुरू कर दी पहली धीरे धीरे, फिर जब बारिश थोड़ी तेज हुई तो तेज फिर जब हलकी होती तो हलकी स्पीड से हम चुदाई करने लगे l

ऐनी लंड की सवारी की खिलाड़ी बन गयी थी। लेकिन ऐनी को चाहिए था कि मैं अब उसकी जबरदस्त चुदाई करू।

वो मेरे लंड की सवारी करने लगीl मैं नीचे से गांड उठा कर उसकी चूत को ठोकने लगाl ऐनी के मम्मे मेरे सामने उछल रहे थे ... मैंने उन दोनों को बारी-बारी से चूस कर चुदाई का मज़ा लिया l

बीस मिनट तक मैंने चूत को चोद-चोद कर लाल कर दियाl वह हांफने लगीl फिर अचानक उसका शरीर कांपने लगा और ूऊई आई कहती हुई वह मेरे ऊपर गिर गयी और झड़ गयी और मैं उसे किस करने लगा l

कुछ देर बाद ऐनी मेरे ऊपर से उठ कर नीचे लेट गयी और मेरे को अपने ऊपर खींच लिया। ऐनी अपनी टांगे चौड़ी कर के मेरे को अपनी टांगों के बीच में ले आयी और मेरा लन्ड पकड़ कर अपनी चूत के मुह पर रख दिया।


[Image: BEACH.jpg]
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ऐनी: घुसा दो अब जल्दी से।

मैंने एक ज़ोर दार धक्का मारा तो ऐनी ने मेरे को अपने ऊपर खींच कर ज़ोर से गले लगा लिया और पीछे से कैंची की तरह अपनी टांगे मैं की कमर पर कस लिया।

ऐनी: आह मेरे राजा! ऐसे ही दम दिखा अपना।

वो मेरे लंड को पकड़ कर लेटी थीl मैंने भी तुरंत उसके स्तनों को दबा दियाl मैंने उसके स्तनों को बहुत ज़ोर से दबाया, जिससे उसके मुँह से आवाज़ निकल गईl मैंने बिना रुके बहुत तेजी से उसके मम्मों को मसलना शुरू कर दियाl मैंने उसको डॉगी स्टाइल में खड़ा किया और लंड डाल दियाl वह ज़ोर से चिल्ला उठी-अहहहह अहह हहह ... मर गई धीरे से करो l

मैंने कुछ देर धक्के नहीं मारे और ऐसे ही लंड पड़ा रहने दियाl फिर जब उसने अपनी गांड को हिलाना शुरू किया और अपने चूतड़ों को आगे पीछे चलाना शुरू कर दिया l

ऐनी बहुत तेजी से चिल्ला रही थीl मैं भी उसे उतनी ही तेजी से धक्के दे रहा थाl मुझे धक्के मारने में बहुत मज़ा आ रहा था क्योंकि उसकी कसी हुई चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी l

मैं उसे बड़ी तीव्र गति से झटके मारने लगाl जब मैं उसकी घोड़ी बना कर चोद रहा था, तो मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था l

वो पूरा लंड अन्दर लेते हुए अपनी गांड को मुझसे मिलाने लगीl वह मुझे कहने लगी कि तुम्हारा लंड तो मेरी चूत के अन्दर तक जा रहा है ... मुझे बड़ा बहुत अच्छा महसूस हो रहा हैl ये कहते हुए वह भी अपनी गांड को मुझसे बड़ी तेजी से टकरा रही थी और मैं भी उसे बड़ी तेज-तेज धक्के मार रहा थाl

मैंने आंखे बंद किये ही "ओह ऐनी, आह कितना मज़ा है इन सब" में बोलते हुए ऐनी की धुआंदार चुदाई शुरू कर दी।

करीब 30-35 मिनट की चुदाई के बाद अपना सारा पानी ऐनी की चूत मैं छोड़ दिया । जैसे ही मैं पानी छोड़ता है वैसे ही ऐनी भी झड़ने लगती है और साथ ही साथ चीख पड़ी ।

झड़ते हुए मेरा लन्ड सीधा ऐनी की बच्चे दानी के मुह को खोल कर अंदर घुस गया। करीब 5 मिनट तक मैं ऐनी की चूत मैं झड़ता रहा । जब मैं अपने अंडकोष पूरी तरह से ऐनी की चूत मैं खाली कर दिए तो ऐनी मुझे साइड में हटा कर ज़ोर-ज़ोर से हांफने लगी । हम दोनों एक दुसरे को चूमते हुई ऐसे ले लेते रहे और चुदाई रुकते ही बारिश भी रुक गयी l

लंड जी बदस्तूर खड़े हुए थे l

कहानी जारी रहेगी...

आपका आमिर खान हैदराबाद l




[*]मजे - लूट लो जितने मिले


[*]मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ


[*]अंतरंग हमसफ़र


[*]पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ एक नौजवान के कारनामे


[*]गुरुजी के आश्रम में सावित्री


[*]मेरे अंतरंग हमसफ़र - मेरे दोस्त रजनी के साथ रंगरलिया


[*]छाया - अनचाहे रिश्तों में पनपती कामुकता एव उभरता प्रेम-completed 


[*]दिल्ली में सुलतान V रफीक के बीच युद्ध- completed
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#78
मजे - लूट लो जितने मिले


छठा अध्याय -खड़े लंड की दास्ताँ.

भाग-20


ताज के पास नदी के किनारे पर न्यूड और सेक्सी फोटोशूट.

बारिश रुक गई और एकदम से चाँद निकल गया। एनी फ्रेश होने के लिए बाथरूम गई ।लगभग 5 मिनट के बाद, एनी ने बाथरूम का दरवाज़ा खोला और मैं मंत्रमुग्ध हो गया। वह बहुत खूबसूरत लग रही थी। पिछली रात में हमारे यौन क्रियाकलापों के कारण ऐसा लग रहा था कि उसके स्तन बड़े हो गए। और उसके एरिओला और निपल्स भी सेक्सी लग रहे थे ।

वह सीधे बिस्तर पर आई और मेरे पास बैठ गई और मेरे कंधे पर सिर रख दिया। उसने मुझसे कहा कि वह हमारे यौन सम्बंधों के कारण बहुत अच्छा महसूस कर रही है। यह सेक्स के कारण उत्पन्न होने वाले विभिन्न हार्मोनों की रिहाई के कारण था।

उसने फिर मेरे कान की लोब को काटा और मुझे चिढ़ाने लगी। मैंने उससे कहा, "बेबी!, तुम ताज के पास आयी हो. क्या तुम ताज के आसपास खुले आकाश में चांदनी रात में सभी आकाशगंगाओं के बीच यादगार सेक्स करना चाहोगी?" उसने मुझे ख़ुशी से चूमा और मेरी गोद से आ गयी और अपने पैर मेरी कमर में डाल के मेरे सामने बैठ गयी और उसने मुझे बेतहाशा चूमना और मेरे होठों को चबाना शुरू कर दिया और मेरे मुँह के अंदर उसकी जीभ चली गयी। मैंने एक हाथ उसके दाहिने बूब पर रखा और इसे धीरे से दबाया। जब मैंने उसके स्तन को थोड़ा ज़ोर तो वह कराहने लगी।

उसने मुझे अपने स्तन चूसने और चाटने के लिए कहा। साइड टेबल से मुझे चॉकलेट सिरप मिला जो मैंने अपने बैग से पहले ही निकाल लिया था। मैंने उसका थोड़ा-सा उसके निप्पल में डाला और उसे चाटने लगा।

ओ! क्या शानदार अहसास था। एनी के निप्पल पर चॉकलेट सिरप के साथ उसके बूब्स तो मैंने चूसा और चाटा। जब उसके स्तन चूसने और चाटने के बाद, मैंने उससे कहा कि हम ताज के पास यमुना तट पर जाएंगे, फिर हम अपने होटल के कमरे से बाहर गए। मैं अपनी कार नदी के किनारे के पास ले गया और हम एक ऐसी जगह पर चले गए जहाँ से ताज साफ़ दिखाई दे रहा था। हम पीछे नदी के किनारे की तरफ़ से ताज देख रहे थे, फिर हम नदी के किनारे पर चांदनी से उजली चांदी की रेत पर लेट गए और आकाश और चाँद में चमकीली आकाशगंगा में ताज को देखते रहे। एनी ने कहा आमिर ओह यह बहुत सुंदर है और चांदनी रात में ताज कितना सुंदर दीखता है। उस समय तट पर कोई नहीं था यह पूरी तरह से सुनसान था।

ताज को निहारते हुए एनी को एक अजीब विचार आया। उसने कहा मुझे लगता है कि सूर्योदय के लिए 1 घंटे से अधिक समय बचा है और आकाश अभी भी स्पष्ट है और अभी भी चांदनी बिखरी हुई है। वह ताज के पास नदी के किनारे पर न्यूड और सेक्सी फोटोशूट कराना चाहती हैं। उसने चारो तरफ़ देखा और अपनी पोशाक और मेरे कपड़ों को निकाल दिया और जल्द ही हम दोनों बिलकुल नग्न थे और हमने एक दुसरे तो चूमना शुरू कर दिया।

मैंने उसके हैंडबैग से उसका डिजिटल कैमरा लिया और उससे कहा कि मैं तैयार हूँ। वह जिस अंदाज़ में पोज दे रही थीं वह वाकई कमाल का था। उसे लग रहा था कि वह दुनिया की अगली सुपरहिट पोर्न स्टार और न्यूड मॉडल होगी। मैं उनके सेक्सी न्यूड पोज से हर अंदाज़ में और हर एंगल से कायल हो गया।

फिर एनी मेरे पास आयी और सब फोटो उसने देखे और बहुत खुश हुई क्योंकि फोटो बहुत बढ़िया आये थे, उसके ऐसे पोज़ देख मेरा लंड कठोर और कड़ा हो चूका था । फिर वह मेरी गोद में बैठ गयी और मेरे लंड के ऊपर अपनी गांड घुमा दी। लगभग 2-3 मिनट के बाद, उसने उस पर चिकनाई लगाने के लिए अपनी कुछ लार डाल दी। फिर उसने मेरा खड़ा हुआ लंड लिया और उसे अपनी चूत में डाल लिया।

वह उस पर बैठ गई, उसके स्तनों मेरे सामने थे और एक काउगर्ल की तरह मेरी ओर मुंह किये हुए थी। उसके बाद, उसने लंड अंदर लिए हुए अपनी सेक्सी कमर को दक्षिणा वर्त घुमाना शुरू कर दिया और-और फिर घड़ी की विपरीत दिशा में गोल और गोल और ऊपर और नीचे की सवारी की। इस दौरान मेरा लंड पूरी तरह से उसकी चूत के अंदर जा चूका था।

एक बार जब मेरा लंड उसकी चूत में घुस गया, तो उसने मेरे सीने पर हाथ रख संतुलन बनाया। उसके स्तन बाएँ-दाएँ-ऊपर-नीचे उछल रहे थे। ढीले बालों के साथ, वह एक असली पोर्नस्टार की तरह लग रही थी, पूर्णिमा की रोशनी के कारण उसकी चमकदार त्वचा और चमक रही थी । ऐनी झड़ी और उसका पसीने से लथपथ शरीर बहुत सुंदर लग रहा था।

20 मिनट तक मेरी सवारी करने के बाद, मैंने उससे कहा कि मैं अपना लोड शूट करने वाला हूँ।

वह मेरे लंड से उठी। उसने मेरा लंड अपने बूब्स पर रख दिया और जोर-जोर से बूब्स से लंड की मालिश करने लगी। फिर मैंने अपने वीर्य की पिचकारियाँ मार दी और मेरे शुक्राणु को उसके स्तन और, उसके निपल्स पर फ़ैल गए तो वह ख़ुशी से कराह रही थीl

फिर मैंने उन्हें चाट कर मुँह में भर लिया और हम किश करने लगे और मैंने अपने शुक्राणुओं का गोला बना कर उसके मुँह में सरका दिया और फिर हम रात के आसमान में तारों को निहारते रहे।

आइए उस समय बहुत शरारती मूड और मस्ती में आ गयी थी और उसने सेक्स का आनंद लेने के लिए कुछ नई तकनीकों और स्थितियों के बारे में सोचा। फिर उसने प्रस्ताव दिया की अब डॉगी अंदाज़ में सेक्स करेंगे।

जिम और तैराकी सत्रों में उसके शारीरिक प्रशिक्षण के कारण, एनी की गांड उसकी प्रमुख विशेषताओं में से एक थी। उसकी गांड आड़ू के आकार की थी और नितम्ब गोल थे।

उसका पूरा शरीर कामुकता विकीर्ण कर रहा था। वह जाकर रेत पर लेट गई। मैंने फिर कुछ फोटो लिए। वह अपने पेट के बल लेट गई और अपनी सेक्सी गांड मेरी ओर रख दी और बोली, बेबी, मैं बेसब्री से तुम्हारे लंड का इंतज़ार कर रही हूँ, मेरी चूत की प्यास बुझाओ।

वह मेरे सामने अपनी गांड हिला कर मुझे आमंत्रण दे रही थी और मेरे लंड को अंदर आने के लिए आमंत्रित कर रही थी। मैंने उसके इस अदा में कुछ और फोटो लिए फिर मैंने उसकी चूत कुछ अपने डिक पर थूक डाल दिया और एक ही झटके में मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और पूरी ताकत से उसमें घुसा दिया। वह आन्नद से कराह रही थी क्योंकिमेरा पूरा लंड पहले प्रयास में ही अंदर चली गया था।

वह उत्साह से भरी हुई थी। कमाल का सीन था। वह अपने चारों हाथों और पैरों में कुत्तीया की स्थिति में थी, मैं उसे पीछे से चोद रहा था, ताज हमारे पीछे था और ठीक हमारे सामने, सूरज बिल्कुल लाल रंग की गेंद की तरह उग रहा था। यमुना नदी के किनारे की रेत धीरे-धीरे सुनहरा रंग प्राप्त कर रही है और हल्की ठंडी हवा चल रही थी।

ऐनी कई बार झड़ी पर मैं उसे ऐसे ही चोदता रहा। लगभग 30 मिनट तक उसे चोदने के बाद, मैंने अपने शुक्राणु को उसकी योनि के अंदर स्खलित कर दिया और अगले कुछ मिनट तक एक-दूसरे की बाहों में लेटे रहे। फिर हमने जल्दी से कपड़े पहने और मैं उसका हाथ पकड़कर होटल ले गया।

लंड जी बदस्तूर खड़े हुए थे l

कहानी जारी रहेगी...

आपका आमिर खान हैदराबाद l
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#79
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सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-01

पर्ल से मुलाकात


मेरी कहानी "मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं " मेरी अब तक की कहानी "जन्नत की 72 हूरे , खड़े लण्ड की अजीब दास्ताँ: जो की "खाला को चोदा, खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला और मजो की दुनिया में मेरे अनुभव" के अगले भाग हैं l

इससे पहले जन्नत की 72 हूरे Ch. 5 में आपने पढ़ा मेरे कॉलेज के दोस्त राजकुमार ब्रेडी के बारे में पढ़ा था इसने मुझे बताया था उसकी सबसे छोटी और लाड़ली बहन पर्ल जिसे मैं इंग्लैंड में कई बार मिला थाl मुझे बहुत पसंद करती है और मुझसे ही निकाह करना चाहती हैl मैंने उसे इसमें अपनी दिक्कते बताई की मेरे तीन निकाह हो चुके हैंl और क्या उन्हें मेरी चौथी बीवी बनना मंजूर होगा? और हमारे मज़हब में सिर्फ़ 4 बीवियों ही कर सकते हैl मेरी कुछ और कजिन बहने हैं जिनसे मेरा निकाह होना लगभग तय हैl हमारे देश में मैं 4 से ज़्यादा निकाह नहीं कर सकताल और मुझे निकाह मिस्यार करने होंगे जिसमे लड़की की कुछ अख्तियार कम हो जाते हैं

ब्रैडी ने मुझे निकाह के लिए बधाई दी और कहा चुकी हमारे यहाँ मर्द एक से ज़्यादा बीविया रखता है उसे तुम्हारे साथ और बीवियों से कोई ऐतराज नहीं है उसे ब्रेडी मेरे बारे में काफ़ी कुछ बता चूका था l

तो ब्रैडी में मेरी समस्या का निदान सुझाया की मेरी बहन से निकाह के बाद तुम भी कैमरून के मैं परिवार का हिस्सा हो जाओगे और मैं तुम अपने अधिकार से मैं तुम्हे नागरिकता देता हूँ और मेरे देश के नागरिक जितने चाहे निकाह कर सकते हैं और बीविया रख सकते हैंl

मैं तुम्हे अपने देश का हिंदुस्तान में राजनयिक नियुक्त करता हूँl अब तुम पर हिन्दुस्तान की कोई कानूनी बंदिश नहीं रहेगीl

राजकुमार ब्रेडी की सबसे छोटी और लाड़ली बहन पर्ल जिसे मैं इंग्लैंड में कई बार मिला थाl मुझे बहुत पसंद करती है और मुझसे ही निकाह करना चाहती हैl ब्रेडी दिल्ली आया था। मैं उससे मिलने उसके होटल चला गया। वहाँ मुझे उसकी कजिन सिस्टर एनी जो उसके साथ आई थी मिली। एनी एक यूरोपियन। गोरी जिसके सुनहरे बाल थे। उसकी मोटी-मोटी आंखें। सुर्ख गुलाबी होंठ और दूध से रंग में गुलाब का मिला जुला रंग जैसा उसका रंग और गाल। सुडौल छातियाँ। पतली कमर। चेहरे पर क़ातिल मुस्कान। बेहद खूबसूरत जन्नत की हूर। उसे मैं ताज महल दिखाने आगरा ले गया और फिर ऐनी रात में एक शर्ट में मेरे कमरे में आ गयी और आकर सीधे मेरे गले लग गयी l

फिर हम दोनों ने एक दुसरे के कपडे उतार दिए और मैंने उसे चूमने लगा, फिर ऐनी ने अपना कौमार्य मुझे समर्पित कर दिया। उसके बाद हम रात के अँधेरे बरसात में खुली बालकोने में हमने बारिश के साथ ताल मिला कर चुदाई की और उसके बाद में सुबह होने से पहले ताज के पास नदी के किनारे पर उसने मुझसे नग्न फोटोशूट करवाया और फिर वहां हमने सूरज निकलने तक चुदाई की l

जन्नत की 72 हूरे Ch. 15 से उद्धृत

ऐनी उत्साह से भरी हुई थी। कमाल का सीन था। वह अपने चारों हाथों और पैरों में कुत्तीया की स्थिति में थी, मैं उसे पीछे से चोद रहा था, ताज हमारे पीछे था और ठीक हमारे सामने, सूरज बिल्कुल लाल रंग की गेंद की तरह उग रहा था। यमुना नदी के किनारे की रेत धीरे-धीरे सुनहरा रंग प्राप्त कर रही है और हल्की ठंडी हवा चल रही थी।

ऐनी कई बार झड़ी पर मैं उसे ऐसे ही चोदता रहा। लगभग 30 मिनट तक उसे चोदने के बाद, मैंने अपने शुक्राणु को उसकी योनि के अंदर स्खलित कर दिया और अगले कुछ मिनट तक एक-दूसरे की बाहों में लेटे रहे। फिर हमने जल्दी से कपड़े पहने और मैं उसका हाथ पकड़कर होटल ले गया।

अब आगे:-

हम दोनों होटल पहुँचे तो कमरा बंद था चाबी मेरे पास थी और कोई कमरे के अंदर था, मैंने दरवाजा खटखटाया तो कुछ पल बाद कमरे का दरवाजा खुला और मेरे सामने मेरे दोस्त फ्रेड्डी की बहन पर्ल खडी थी। पर्ल मेरे दोस्त फ्रेड्डी की बहन से मैं पहले ही मिल चूका था।

मेरे मुँह से इतना ही निकला अरे पर्ल तुम यहाँ कैसे?

मैं अभी उसे ठीक से देख भी नहीं पाया था कि उसने मेरा हाथ पकड कर मुझे अन्दर खीच लिया और एक झटके के साथ दरवाजा बन्द कर दिया। मैं उसकी इस हरकत से एक दम सकपका गया। पर्ल ने कहा अगर मैं तुम्को इस तरह से अन्दर नहीं खीचती तो तुम बाहर खडे-खडे ही मुझ देखते रहते जो कि मैं नहीं चाहती थी। तुम्को मुझको देखना हे तो लो मैं तुमहारे सामने खडी हो जाती हूँ जी भर के देख लो। ऐसा कह कर वह मेरे सामने अपने दोनों हाथ कमर पर रख कर खडी हो गयी। ये सब इतनी ज्लदी में हुआ था कि मुझे उसको देखने का मौका भी नहीं मिला था। अब वह मेरे सामने थी और मैं जी भर कर उसको देख सकता था।

फिर मैंने अपनी नजर उसपर गढा दी। उसका रंग गोरा था। फ्रेड्डी ने पर्ल की उमर मुझको 20-21 साल बतायी थी पर वह अपनी उमर से 4-5 साल छोटी दिखती थी। उसकी आँखे बडी-बडी थी। जिन में वासना भरी हुयी थी। उसके होठ बडे-बडे थे। जैसे कि अभिनेत्री सलमा हायेक के हैं। मुझे इस तरह के रसभरे होठ बहुत ही पसन्द हैं। उसपर उसने गहरे लाल रंग की लिपस्टिक लगा रखी थी। जो उसकी सुन्दरता को और बढ़ा रही थी। उसके चहरे पर एक आमत्रंण का भाव था जैसे कह रही हो आओ और चुम लो मेरे होठों को।

फिर मेरी नजर उसके बदन पर गयी बडा ही भरपूर बदन था उसका। उसका गदराया बदन देख कर मेरा लंड पैन्ट के अन्दर ही उछलने लगा था। उसने हल्के गुलाबी रंग की स्कर्ट और टॉप पहन रखी थी। उसका टॉप स्लीव लेस था और उसमे कफ़ी गहरा कट था जिसकी वजह-सी उसके बडे-बडे मम्मे आधे से ज्यादा टॉप से बाहर झाँक रहे थे। पर्ल ने शायद बहुत ही टाईट टॉप पहन रखा था क्योकी उसके मम्मो की दोनों बडी-बडी गोलाईयाँ आपस मैं चिपक गयी थी और एक गहरा कट बना रही थी। जो कि बडा ही सेक्सी लग रहा था। इस नजारे को देख कर मैं उत्तेजना से पागल हो रहा था। मेरे लंड का उभार मेरी पैन्ट से साफ़ दिखायी दे रहा था।

फिर मेरी नजर उसके पेट पर गयी। उसने ड्रेस की स्कर्ट अपनी नाभी के काफ़ी नीचे पहनी थी। जिस से उसकी गहरी नाभी साफ़ दिखयी दे रही थी। उसकी नाभी की गहरायी देख कर मेरा मन उसको चूम लेने का हुआ। फिर मैं थोडी देर तक उसको ऐसे ही निहरता रहा। कुछ देर बाद ऐनी ने कहा क्या हुआ आमिर कहाँ खो गए कैसी लगी तुम्को मेरी बहन पर्ल? मैंने कहा बहुत ही अच्छी। ऐनी ने कहा वह तो तुम्हारे पैन्ट में उभरते तुम्हारे लंड को देख कर पता चल रहा है।

मैंने कहा लेकिन ये कब आयी और अंदर कैसे आ गयी चाबी तो मेरे पास है।

तो ऐनी बोली हमने कमरे को दो चाबियाँ होटल से ली थी। एक तुम्हारे पास है और एक मैंने पर्ल के लिए रिसेप्शन पर रखवा दी थी ।

मैं पर्ल को देख कर इतना गर्म हो गया था कि मेरा गला सुखने लगा और मुझ को प्यास लगने लगी।

पर्ल मेरे को देख कर शायद समझ गयी की मेरे को प्यास लगी है। बोली पानी चाहिए आपको मेने कहा हाँ। ठीक है अभी लाती हूँ कह कर वह पलट कर पानी लेने चल दी। जैसे ही वह पल्टी सबसे पहले मेरी नजर उसके भारी भरकम चूतडो पर गयी। औरत के चूतड भी मेरा पसन्दीदा अंग है और पर्ल के चूतड तो बहुत ही बडे थे। उसने ऊँची ऐडी की सैंडल पहन रखी थी। जिस की वजह से जब वह चल रही थी तो उसके चुतड बहुत ही मस्ताने ठंग से मटक रहे थे। जेसे किसी फैशन शो में मॉडल अपने चूतडो को मटका के चलती है वैसे ही।

एक तो उसको आगे से देख कर ही मेरा बुरा हाल था अब तो मैंने उसको पीछे से भी देखा लिया था मेरा लंड तो बिलकुल ही आपे से बाहर हो गया। वोह भी शायद जानती थी की उसके चूतडो का मुझ पर क्या असर होगा क्योकी मैं ऐनी को बता चुका था कि भारी चूतड मुझ को कितने पसन्द हैं। इसलिये मेज तक जाने में जहाँ पर पानी का जग रखा था उसने बहुत देर लगायी जिस से मैं जी भर कर उसके चूतड और उनका मटकना देख सकूं।

फिर उसने जग उठाया और मेरी तरफ़ देखते हुये उसने गिलास में पानी भरना शुरु किया। वह मुझ को देख कर मस्ती भरी नजरो से मुस्कुरा रही थी। पानी भरकर वह मेरी तरफ़ चल दी। उसके मस्त बदन ने मेरे उपर ऐसा असर किया था कि मैं अभी तक दरवाजे पर ही खडा था। उसने ऊँची ऐडी के सैंडल पहन रखे थे और जिस तरह से वह चूतड मटका के चल रही थी उसकी वजह से उसके बडे-बडे मम्मे उसके कसे टॉप में फंसे हुये जोर-जोर से उछल रहे थे। उसने पुरी तरह से मुझको अपने तरुण हुस्न के जाल में फसाँ लिया था।

लो पानी पी लो कह कर उसने गिलास मेरे हाथ में थमा दिया। मैं पानी पीने लगा और पानी पी कर मैंने गिलास उसको दे दिया। जो देखा पसन्द आया मैं मुस्कुरा कर बोला हाँ बहुत पसन्द आया। फिर यहाँ क्यो खडे हो चलो अन्दर बैठते हैं। फिर मैं उसके साथ चल दिया अन्दर आ कर मैं सोफ़े पर बैठ गया। अन्दर आने से पहले मैंने अपने जूते बाहर ही उतार दिये। ऐनी और पर्ल भी दोनों मेरे पास आ कर बेठ गयी।

मैंने उसका हाथ अपने हाथो में लिया और बोला पर्ल तुम बहुत सुन्दर हो। जैसा मुझे याद था जब मैं तुमसे कई साल पहले लंदन में मिला था तो मैने सोचा था कि तुम सेक्सी हो पर तुम तो महा सेक्सी हो गयी हो पर्ल। मेरा लंड तो तुमको देखते ही खडा हो गया था और अभी तक पुरी तरह टनटनाया हुआ है। देखो कैसे पैन्ट फाड कर बाहर आने को तैयार है। फिर तुमने इसको पैन्ट के अन्दर रखा ही क्यो है पैन्ट उतार कर अपने प्यारे लंड को मुझको दिखाओ। लाओ मैं तुम्हारे कपडे उतरने में तुम्हारी मदद करती हूँ। मैंने कहा नहीं पर्ल मैं खुद ही उतार देता हूँ। मुझे तो वह मौका आज पहली मिला है तुम इस तरह से मुझसे ये मौका नहीं छीन सकते।

तो वह बोली अब से मैं ही तुम्हारे कपडे उतारूँगी और पहनाऊँगी। मैंने कहा पर्ल तुम ठीक कह रही हो मैं इस तरह से तुम्हारा हक नहीं छीन सकता। मैं तैयार हूँ उतार दो मेरे कपडे। आज से जब तक मैं तुम्हारे साथ हूँ और जब भी हम मिलेंगे मेरे कपडे तुम ही उतारोगी और तुम ही पहनओगी। यह सुन कर वह बहुत खुश हो गयी और मेरे गालो पर किस किया। फिर वह मेरी कमीज के बटन खोलने लगी। उसके भरी पूरी गोरी बाँहे मुझको बहुत अच्छी लग रही थी। फिर उसने सारे बटन खोल दिये और बोली अब खडे हो जाओ जिस से मैं तुम्हरी कमीज उतार सकूँ।

मैं खडा हो गया पर्ल भी मेरे साथ खडी हो गयी और पीछे कर के मेरी कमीज उतार दी। मैंने नीचे बनियान पहन रखी थी। मेरी कमीज उतार कर पर्ल मेरी छाती पर हाथ फेरने लगी और बोली तुम्हरी छाती कितनी चौडी है। तुम बहुत हैडसम हो। अब मैं तुमको अपना सारा प्यार दूंगी। ऐसा कहते वक्त उसके आँखो में वासना भरी थी। ऐसा कह कर उसने मेरी बनीयान भी उतर दी।

बनियान उतरते वक्त उसने अपने हाथ उपर किये उसने स्लीवलैस गुलाबी टॉप पहन रखा था जिसकी वजह से उसकी काँख मुझको दिखायी दी। उसकी काँख साफ़ थी थे। मुझे साफ़ काँख बहुत पसन्द हैं। उसकी काँख देखकर मेरी मस्ती और बढ गयी। बनियान उतार कर उसने कमरे के एक कोने मैं फेंक दी। अब मेरी छाती पूरी नंगी हो गयी और वह अपने गोरे-गोरे हाथ मेरी छाती पर धीरे-धीरे फिराने लगी। जिसकी वजह से मेरी उत्तेजना बढने लगी और मेरे निप्पल कडे हो गये।

फिर पर्ल ने अपनी एक उँगली को अपने थूक से गिला करके मेरे बाँये निप्पल पर फिरने लगी और उसका दुसरा हाथ मेरी छाती पर धीरे-धीरे चल रहा था। वह मुझे मस्त कर रही थी। थोडी देर इसी तरह से मेरे निप्पल पर हाथ फेरने के बाद उसने अपना मुँह मेरे निप्पल पर रख दिया और उसे अपने होंठो के बीच लेकर चुसने लगी। उसके ऐसा करने से मेरे मुँह से एक दम से एक आह निकल गयी। इसका सीधा असर मेरे लंड पर हुआ। वोह मस्ती में एक दम कडा को गया। अब उसका मेरी पैन्ट में रहना बडा ही मुश्किल था।

कहानी जारी रहेगी...

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सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं

भाग-02


ऐनी बनी मेरी उस्ताद


फिर ऐनी आगे आ कर मेरे दुसरे निप्पल को अपने हाथ के नाखून से जोर-जोर से कुरेद रही थी। एक तो निप्पल चुसे जाने की मस्ती दूसरा निप्पल कुरेदे जाने की वजह से होता दर्द ने मुझे तो स्वर्ग में पहुँचा दिया था। इस बेताह मस्ती के कारण मेरे मुँह से आह ओह के आवाज निकल रही थी। मैने अपने हाथ उसकी पीठ और एक बाँह पर रख रखा था। एक हाथ से उसकी बाँह मसल रहा था और दुसरे हाथ उसकी पीठ और कमर पर फेर रहा था। वोह करीब 3-4 मिनट तक ऐसे ही करती रही फिर पर्ल बाँयी निप्पल छोड कर दाँयी निप्पल को चुसने लगी और बाँयी निप्पल को नाखुनो से कुरेदने लगी।

दुसरे निप्पल को अच्छी तरह से चुसने के बाद ही उसने मेरे को छोडा। फिर ऐनी ने मेरी और देख कर आँखो में आँखे डाल कर पूछा कैसा लगा निप्पल चुसवाना। मैं बोला क्या बताँऊ बस इतना कह सकता हूँ कि मुझे अभी बहुत कुछ सीखना है। सीखाओगी उस्ताद जी। ऐनी बोली जरूर आखिर उस्ताद या गुरु होती किस लिये है। गुरु का तो ये कर्तव्य है के उसके चेले की शादी से पहले उसे सेक्स की पूरी शिक्षा दे प्रेक्टिकल के साथ जिससे की उसकी पत्नी सुहाग रात को ये ना कह सके की उसकी गुरु ने उसको कुछ भी नहीं सिखाया। चलो पर्ल अब आमिर की छोड़ो अभी इसे पहले बहुत कुछ सीखना है ।

उसके मुहँ से ये बात सुन कर मैं बोला उस्ताद जी तुम्हारे विचार कितने उत्तम हैं। अगर तुम जैसी सबकी उस्ताद हो तो किसी भी चेले को रंडी के पास जाने की जरूरत ही नही। सुन कर उसने मेरे होंठो पर किस कर लिया और बोली तुम बिल्कुल मेरे सब्से सच्चे चेले कहलाने के लायक हो। चलो मैं अब तुम्हारा लंड पैन्ट से बाहर निकाल देती हूँ। ये भी मुझको गाली दे रहा होगा कि बात तो लंड को बाहर निकालने की कर रही थी और निप्पलस को मजा देने लगी। कह रहा होगा कितनी निर्दय है तुम्हारी उस्ताद। नंही उस्ताद मेरा लंड तो बल्की बहुत खुश है कि मेरी उस्ताद तुम हो।

मेरा लंड तो कह रहा है कि जिस तरह से तुम मेरी उस्ताद हो तुम्हारी चुत उसकी उस्ताद हुयी ओर जब तुम इतनी मस्त हो तो उसकी उस्ताद और भी मस्त होगी वोह भी अपनी उस्ताद से मिलने और उसकी बाँहो मैं जाने के लिये बेचैन है। ऐनी बोली उसके लिये तो उसको थोडा इंतजार करना पडेगा। पहले मैं अपने चेले को और उसके लंड को तो जी भर के प्यार कर लूँ और अपने चेले से अपने आप को और लंड के मालिक के उस्ताद को प्यार करा लूँ तब कही जा कर तुम्हारा लंड अपनी उस्ताद से मिल सकता हे समझे। मैंने कहा हाँ उस्ताद तुम ठीक कह रही हो।

इतना कह कर ऐनी ने मेरी पैन्ट खोलनी शुरु कर दी। जब ऐनी मेरी पैन्ट खोल रही थी तो उसकी नजर मेरी तरफ थी और पर्ल की नजर मेरे लंड की तरफ थी। दोनों मन्द-मन्द मुस्कुरा रही थी। सबसे पहले उसने मेरी बेल्ट को निकाल कर फेंक दिया। ओर मेरी पैन्ट का बटन खोलने लगी। बटन ओर चैन खोल कर उसने कमर से पकड कर एक ही झटके में मेरी पैन्ट नीचे कर दी और साथ मैं खुद भी नीचे बैठ गयी। मैंने भी अपने पैर और कूल्हे उठा कर पैन्ट निकालने में उसकी मदद की।

उसने पैन्ट निकाल कर उसको भी एक कोने में फेंक दिया। मैंने अन्डर वीयर पहन रखा था। उस समय पर्ल का मुँह बिल्कुल मेरे लंड के सामने था। मेरा लंड पूरी तरह से खडा था जो कि मेरे अन्डर वीयर के उभार से पता चल रहा था। उसने मेरी तरफ़ देखा और अपनी जीभ बाहर निकाल कर अपने होठों पर फिराने लगी। जैसे कोई बहुत ही स्वादिष्ठ चीज देख ली हो और फिर एक दम से आगे बढ कर मेरे लंड को उन्डर वीयर के उपर से किस करने लगी उन्डर वीयर की इलास्टिक से लेकर नीचे जाँघो के जोड तक। फिर ऐनी ने मेरे उन्डर वीयर की को कमर से पकड कर एक ही झटके मैं खीच कर उतार दिया।

मेरा लंड उत्तेजना के कारण मस्त होकर बुरी तरह से अकड़ कर बड़ा हो खडा हो गया थ। जैसे ही ऐनी ने मेरा उन्डर वीयर उतारा मेरा लंड पर्ल के मुँह के सामने एक लम्बे साँप की तरह फुँकार मारते हुये नाचने लगा। मेरा लंड देख कर एर्नी बोली-बोली रेअर्ल देखले कितना बडा लंड है मेरे चेले का। फिर ऐनी ने मेरे लंड को अपने हाथ में पकड लिया। जैसे ही उसने मेरे लंड को अपने कोमल हाथो में पकडा मुझे ऐसा लगा 440 वोल्ट का करंट लगा हो। मेरे लंड का हाल तब था जबकी उसने अभी तक एक भी कपडा अपने बदन से नहीं उतारा था। मैं सोचने लगा कि जब मैं उसको नंगा देखुँगा तो मेरा क्या हाल होगा।

ऐनी बोली पर्ल तुम ने देख लिया तुम्हे किस लंड से चुदना है और इसलिए अब बाकी काम आमिर के साथ निकाह कर लो फिर करना और आमिर त्युंहे भी पेरल के पूरे जलवे उसके साथ निकाह के बाद मिलेंगे अब तुम दोनों को निकाह तक थोड़ा सब्र करना होगा ।

ऐनी मेरे लंड को अपनी एक हथेली में रख कर दूसरे हाथ से उसको सहला रही थी जैसे किसी बच्चे को प्यार से पुचकारते हैं। थोडी देर तक इसी तरह मेरे लंड को पुचकारने के बाद ऐनी उठ कर खडी हो गयी और बोली लो निकाल दिया मैंने तुम्हारे लंड को बाहर। अब हम चल कर बैठते हैं और थोडी प्यार भरी बातें करते हैं। फिर मैं सोफे पर बेठ गया और ऐनी से बोला आओ माँ मेरी गोदी मैं बैठ जाओ ऐनी थोडी-सी मुस्कुरायी और आ कर मेरी गोदी में बैठ गयी।

ऐनी इस तरह से मेरी गोदी में बेठी थी की मेरा लंड उसकी गाँड की दरार में फंसा था। जैसा की मुझको मेरे लंड पर महसूस हो रहा था। उसने अपनी पीठ मेरे कंधे से लगा ली थी और अपनी गोरी दाँयी बाँह मेरे गले के पीछे से निकाल कर दुसरे हाथ से पकड ली। ओर मैंने पीछे से अपने हाथ उसके कमर में डाल कर उसके नंगे पेट को पकड लिया। उसके इस तरह से बैठने के कारण उसकी बड़ी चूचियाँ मेरे मुँह के सामने आ गयी। साथ ही साथ उसके मस्ताने चुतडो का दवाब मेरे लंड पर पड रहा था। मैं अपने आप को बडा ही खुशकिस्मत समझ रहा था इतनी मस्तानी औरत मेरी गोद में बैठी थी।



कहानी जारी रहेगी...

आपका आमिर खान हैदराबाद l


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