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मेरे अंतरंग हमसफ़र
चतुर्थ अध्याय
लंदन जाने की तयारी
भाग -13
चलती कार में चुदाई
आपने "मेरे अंतरंग हमसफ़र चतुर्थ अध्याय भाग 12 में पढ़ा:
मैंने किश करते हुए फिर अपने दाए हाथ को उसकी कमर के सामने की ओर घुमाते हुए, मैंने साहसपूर्वक उसके स्तनों को सहलाया, फिर दबाया और एक उंगली को उसके निप्पल को छेड़ा और फिर, अपना हाथ उसकी टांगो पर ले जाकर उसकी छोटी स्कर्ट और ऑफर उसकी नंगी और चिकनी जांघों को सहलाया। अब, मेरा लंड लोहे की छड़ की तरह हो गया था, एक बार वह थोड़ा पीछे हट गई और मानो मुझे रोकने के लिए प्रयासरत हुई लेकिन मैंने उसे वापस अपनी ओर खींच लिया और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस हुए।
इस पर वह मेरी छाती पर चिपक गई, मेरी गर्दन में उसने उसकी बाहें डाल दी और यह देखकर कि उसका प्रतिरोध समाप्त हो गया था, मैंने उसके फांक के गर्म नम होंठों को विभाजित किया और उसके भगशेफ की तलाश की और कोमल और लगातार रगड़ से जल्द ही उसका भगशेफ मिल गया जो आक्रमणकारी से लड़ने के लिए खड़ा और कठोर था।
आपने मेरी कहानी " मेरे अंतरंग हमसफ़र " में अब तक पढ़ा:
मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।
उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। अचानक वह दर्द से चिल्लाने लगी और बोली, मेरे पैरों में ऐंठन आ गयी है। मैंने उसके गाउन को ऊपर उठाते हुए और उसकी प्यारी पिंडलियों को अपने हाथों से सहलाया, और नरम और गुलाबी त्वचा पर चुंबन कर दिया। उसके अतुलनीय अंग अनुपम रूप से सुशोभित थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।
लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।
कुछ देर बाद मैं उठा तो मैंने देखा हुमा भी नींद की आगोश में थी और पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने नहीं ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'
कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये।
अब आगे:-
मिली वास्तव में बेहद खूबसूरत महिला थी, जिसे अपने पिता के कद के साथ-साथ अपनी माँ की सुंदरता विरासत में मिली थी। उसके बदन की आकृति सबसे कामुक थी और वह उसे प्रदर्शित करना पसंद करती थी। उसकी माँ के तरह मिली सुनहरे बालों और बिल्लोरी आँखों के साथ एक आकर्षक गोरी थी, जिसने मुझे काफ़ी आकर्षित किया था
उसकी लम्बाई 5' 4" थी, उसके कमर तक उसके लंबे रेशमी बाल गिर रहे थे, जिसे वह अक्सर बाँधती थी। उसका गोल चेहरा था, चौड़ा माथा, लंबी नुकीली नाक, पतली भौहें और गहरी नीली बिल्लोरी आँखें। उसके मोटे होंठ प्राकृतिक गुलाबी रंग में थे और उसके सफेद दांत मोतियों की तरह चमकते थे। वह बहुत गोरी थी और त्वचा का रंग सफेद और गुलाबी (गुलाबी) रंग का मिश्रण था। उसके लम्बे पतले हाथ और उसकी कमर संकीर्ण थी और उसकी कमर की तुलना में उसके उभरे हुए नितम्ब गोल थे। उसके बड़े स्तन गोल आकार में ऊपर की ओर खड़े थे और नुकीले निपल्स लाल और भूरे रंग के मिश्रित रंग के थे और स्तनों के ऊपर और निप्पल के चारो और गुलाबो रंग के घेरे थे।
मेरे हाथ में मिली के बूब्स थे और मेरे होंठ मिली के होठों में दब गए थे। इस क्षण भर की अनपेक्षित कार्यवाही से सब कुछ बदल गया, एक सनसनी और करंट दोनों के शरीर में बह गयी।
उसने मुझे कस कर अपने आलिंगन में खींच लिया और मैंने उसको गालों को चूमा और अंत में उसके होंठो पर अपने गर्म होंठ रख दिए मैंने मिली के होठों को अलग किया और अपनी जीभ उसके मुँह के भीतर डाल उसकी दांतो की जांच की। मेरी जीभ ने उसकी जीभ को छुआ और मिली के गालो की दीवार को छुआ। हम दोनों की लार मिश्रित हो गई और हमारे शरीर में एक अजीब-सी सनसनी फैल गई। हम दोनों ने एक दूसरे की लार का स्वाद चखा जो स्वर्ग में मिलने वाले अमृत के समान थी और हमने उस रस को निगल लिया।
मैं उसके द्वारा पहने गए टॉप्स के नीचे उसके निपल्स को सख्त महसूस कर रहा था। मैं उसके दोनों स्तनों को निचोड़ने से ख़ुद को अब रोक नहीं सका। मैं उसके ऊपर झुक गया और उसके बड़े उभरे हुए स्तनों को देखा। वे दोनों गोल आकार में थे और लाल-भूरे रंग छोटे गुलाबी घेरे से घिरे हुए छोटे निप्पल उसकी पारदर्शी ब्रा से बिलकुल स्पष्ट दिख रहे थे। वे चबाने और चखने के लिए छोटी चेरी के समान थे। मैंने उनको उसके टॉप और ब्रा के ऊपर से ही चूमा और उसकी छोटी-सी गुलाबी निप्पल के चारों ओर अपनी जीभ घुमा का उसकी चाटा और अपनी उंगली से दबाया और सहलाया। वे सख्त हो गए और थोड़े बड़े हो गए। मैंने एक से दूसरे निप्पल पर स्विच किया और उसके दो स्तनों के बीच अपना सिर आगे-पीछे करते हुए स्तनों को चूमा और चाटा।
जैसे ही मैंने अपने हाथ से जो मिली की स्कर्ट में घुसा हुआ था उससे मिली के भगशेफ को छेड़ा तो मिली कराह उठी और बोली लिली दीपक तो आपने जितना बताया था उसे बहुत तेज और उतावले हैं देखो एक पल के लिए मैंने इन्हे आलिंगन किया तो ये कहाँ तक पहुँच गए हैं ।
flag smileys
उसकी बात सुन मैंने अब एक पल के लिए अपना हाथ हटा दिया और अपनी पैंट के सामने के हिस्से में ज़िप को खोला तो मेरा पत्थर जैसा कठोर ही चूका लंड उछाल कर बाहर निकल आया और मैंने मिली का हाथ पकड़ लिया और उसे धड़कते हुए लंड पर रख दिया तो मिली ने मेरे लंड को अपनी हथेली में पकड़ कर महसूस किया और फिर का कर पकड़ा और धीरे-धीरे अपने हाथ को लंड की लंबाई से ऊपर और नीचे रगड़ना शुरू कर दिया।
मेरी कामुक संवेदनाओं के केंद्र पर-पर उसके कोमल और नाज़ुक हाथ के अचानक चुंबकीय स्पर्श और फिर उसके द्वारा मेरे प्यार के औजार को उसकी नरम और कोमल उंगलियों की हरकत ने और हमारे चुम्बन और उसके स्तनों के स्पर्श और हमारी कामुकता को जानूं की हद तक बढ़ाने की साज़िश रची और उस कामुक जुनून में मैंने उसे अपनी ओर खींचा और अपनी उंगली को उसकी योनि के अंदर घुसा दिया जिससे उसे थोड़ा दर्द हुआ और वह कराह उठी और जल्दी से मुझसे दूर हो गया और कार के दुसरे कोने की तरफ़ बैठ गयी और कराहने लगी।
उसका आग के अंगारे की तरह गर्म हाथ मेरे धड़कते और उसे हुई लंड से हट गया था और जैसे ही मैंने उसकी आँखों में आंसू बहते हुए देखा, मैंने ख़ुद को अंदर से कोसते हुए, जल्दी से माफी मांगी उसने उसे बताया कि उसने मुझे कितना उत्तेजित कर दिया था । मेरी कामुक प्रकृति, आदि के बारे में उसे बताया। फिर कुछ पल के बाद मैंने उसे फिर से मेरी तरफ़ खींच लिया और उसके ओंठो को चूमने लगा और उसने फिर से उसकी मुलायम गोरी उंगलियों में मेरे कड़े लिंग को कस लिया।
इस बार मैंने पहले की तरह नहीं किया, बल्कि उसका टॉप उतार दिया और उसकी ब्रा को खोल दिया और उसके स्तनों को चूमा और धीरे से उसकी स्कर्ट के नीचे फिर से मेरे हाथ फिसला और मेरे हाथ की उंगलिया उसकी भगशेफ को पुनः सहलाने लगी।
कुछ पलों के लिए मैंने उसे नाज़ुक ढंग से सहलाया और फिर उसके बूब्स को निचोड़ा और फिर उसके छोटे कांपती हुए योनि के नम होंठों को अलग किया और उसके खड़े भगशेफ को सहलाया, लेकिन तभी मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि उसके हाथ की मीठी सिकुड़न और हरकते मुझे चर्म पर जल्द ले जाएंगी तो मैंने धीरे से उसके हाथ को हटा दिया और उसे मेरी गोद में खींच दिया और उसकी छोटी स्कर्ट को-को उसकी कमर के ऊपर धकेल दिया और उसे चूमता रहा।
उसने अब मुझे अपनी इच्छा पूरी करने की अनुमति दी और अपने खड़े लंड के सिर को उसके योनि के होठों के रखकर, मैंने उसे धीरे-धीरे उस पर बिठा दिया और उसे अपनी बाहों में मजबूती से पकड़ लिया, अब हमने वासना भरी चुदाई शुरू कर दी । मानो उस समय सब कुछ अनुकूल हो गया सड़क में कुछ खडडे थे जिनमे कार ने हिचकोले खाये और मिली उन के साथ मेरे लंड पर ऊपर नीचे हुई और पूरा लंड उनकी योनि की जड़ में समा गया ।
'ओह, ओह, ओह, आह-ह-ह!' उसने सांस ली, 'ऐसा है, ये बहुत बढ़िया है ओह, ओह, ओह। वह धीरे-धीरे मेरे लंड पर ऊपर नीचे होती रही और आगे सड़क भी समतल नहीं थी इसलिए झटके लगने जारी रहे। ओह, कितना प्यारा है; ओह, ओह, ओह, आह, मैं जा रहा हूँ... ओह-ह-ह-ह!' और उसने मेरे तूफानी छड़ी के सिर पर अपने रसों की धार बरसा दी।
मैंने भी अपना चरम उत्कर्ष महसूस किया, मैंने लंड को बाहर नहीं निकाला और उसे अपनी बाहों में उठा लिया और उसे कार के कुशन पर उसकी पीठ पर लिटा कर, कुछ गहरे और जोरदार धक्के मारता रहे और उसकी-उसकी कोमल और चिपकी हुई योनि के भीतर आत्मा-उत्तेजक फुहारे मार दी ।
हम फिर घनिष्ठ आलिंगन में लेटे सुखद संयोग के मधुर परिणाम का आनंद लेते रहे उसकी योनि ने, मेरे लंड को कसकर जकड़ा हुआ था।
मैंने उसकी जांघों के बीच रूमाल रखा और उसके होठों को चूमता रहा।
रास्ते भर मिली यही बोलती रही "उह! इसे अंदर ले आओ! ऊओह, तुम्हारा बहुत बड़ा है, तुम बहुत अच्छी तरह से चोद रहे हो! मम्म, तुम मुझे तो मुझेमार ही डालोगे! अघ्ह! अब मुझे चोदना बंद मत करो; मैं तुम्हारे लिए कब से तड़प रही थी, अगर तुम मुझे नहीं चोदोगे तो मैं मर जाऊंगी!"
मिली की कामुक आकृति ने मेरे को उत्तेजित कर दिया था और मुझे एक चरमोत्कर्ष पर ले आयी थी । उसके बाद वह मेरे लंड को अपनी चूत के हल्के फुल्के होंठों में भरने की कोशिश कर रही थी। उस दोपहर मेरे लंड से निकलने वाली गर्म, चिपचिपी बाढ़ ने उसकी ख्वाहिशों को आग लगा दी थी, और वह चाहती थी कि वह पहले मौके पर उसे ठीक से चोद दे।
वह पूरी तरह से कापं रही थी, उसकी नब्ज पागलों की तरह धड़क रही थी और उसका हाथ मेरे लंड पर चला गया और उसने उसे धीरे से बाहर निकाला और अपने हाथ में पकड़ लिया और वह तेजी से अपना हाथ अधीरता से लुंड के ऊपर नीचे और इधर-उधर घुमाती रही, और कराहती हुई पागलपन में मुझे मेरे होंठो पर चुंबन करती रही। उसके सहलाने से मेरा लंड जल्द ही सख्त हो गया और उसे एक बार फिर से सीट पर लिटा कर, मैंने उसे फिर से उसके भीतर डुबो दिया, वह बोली चोदो, दीपक चोदो! ख़ूब चोदो! और थोड़ी-सी फुसफुसाहट और ख़ुशी भरी कराहो के साथ उसने अपनी कमर का एक पागल क्रंदन शुरू कर दिया, जो कार की गति से उछलने के साथ-साथ, लण्ड बुर में काफ़ी रगड़ते हुए जा रहा था। जिससे मेरा मज़ा ही कुछ और था और मिली भी झूम-झूम कर चूतड़ हिला रही थी और बुर लण्ड की दोस्ती गच-गच की धुन पैदा कर रही थी। लण्ड गच-गच गच गच की धुन बुर को सुना रहा था और बुर चुभ-चुभ फ़ुच फ़ुच कर लण्ड के गीत का स्वागत कर रही थी।
जिसने हमे बहुत ही जल्द झड़ने की कगार पर ला दिया मैंने अपने लण्ड की अंदर बाहर करने की रफ़्तार बढ़ा ली, लग रहा था उसकी रेशमी झांटों वाली बुर उछ्ल-उछ्ल कर लण्ड का स्वागत कर रही हो और लण्ड फच-फच कर स्वागत करवा रहा हो। पूरी गति से लण्ड का प्रहार बुर पर जारी था और तभी मिली की योनि ऐसी चिपकी जैसे लण्ड को निगल जाएगी और उसका बदन काम्पा और वह झड़ गई। और लण्ड ने भी अपना गरम लावा फेंक कर बुर को पूरा भर दिया।
मिली बोली वाह-वाह दीपक! ग़ज़ब चोदा तुमने मेरी बुर को! अन्दर तक हिला दिया! वाह मज़ा आ गया। मैंने मिली से कहा-मिली वाकई तुम बेहतरीन और कमाल की हसीना हो और तुम्हारी योनि तो तोहफा ही है।
वो बोलीं-आपका लण्ड भी कम नहीं है, बड़ा ही मस्त है। मैं आज की चुदाई कभी नहीं भूलूंगी इस छोटे से सफ़र में जीवन का वह आनन्द प्राप्त हुआ है कि मैं व्यक्त नहीं कर सकती।
कार की आगे की सीटों पर लिली और सपना को ये शब्द स्पष्ट रूप से सुनाई दे रहे थे और उन्हें पता था कि उनका क्या मतलब है; लिली ने इसे पहले ही देख लिया था। मिली की आसमानी नीली आंखें और मक्के के रेशमी बाल में वो फरिश्ता लग रही थी, वहीं बगल की सीट पर बैठी लड़की सपना कुछ अलग थी।
इस समय तक हम लगभग लिली के घर पहुँच चुके थे और अपने वस्त्रों को ठीक करते हुए, हम एक-दूसरे की बाँहों में चिपक कर बैठ गए।
जारी रहेगी
[*] मजे - लूट लो जितने मिले
[*] मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ
[*] अंतरंग हमसफ़र
[*] पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ एक नौजवान के कारनामे
[*] गुरुजी के आश्रम में सावित्री
[*] मेरे अंतरंग हमसफ़र - मेरे दोस्त रजनी के साथ रंगरलिया
[*] छाया - अनचाहे रिश्तों में पनपती कामुकता एव उभरता प्रेम-completed
[*] दिल्ली में सुलतान V रफीक के बीच युद्ध- completed
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मिली बोली वाह-वाह दीपक! ग़ज़ब चोदा तुमने मेरी बुर को! अन्दर तक हिला दिया! वाह मज़ा आ गया। मैंने मिली से कहा-मिली वाकई तुम बेहतरी और कमाल की हसीना हो और तुम्हारी योनि तो तोहफा ही है।
वो बोलीं-आपका लण्ड भी कम नहीं है, बड़ा ही मस्त है। मैं आज की चुदाई कभी नहीं भूलूंगी इस छोटे से सफ़र में जीवन का वह आनन्द प्राप्त हुआ है कि मैं व्यक्त नहीं कर सकती।
कार की आगे की सीटों पर लिली और सपना को ये शब्द स्पष्ट रूप से सुनाई दे रहे थे और उन्हें पता था कि उनका क्या मतलब है; लिली ने इसे पहले ही देख लिया था। मिली की आसमानी नीली आंखें और मक्के के रेशमी बाल में वो फरिश्ता लग रही थी , वहीं बगल की सीट पर बैठी लड़की सपना कुछ अलग थी।
इस समय तक हम लगभग लिली के घर पहुँच चुके थे और अपने वस्त्रों को ठीक करते हुए, हम एक-दूसरे की बाँहों में चिपक कर बैठ गए।
आपने मेरी कहानी " मेरे अंतरंग हमसफ़र में अब तक पढ़ा:
मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।
उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। अचानक वह दर्द से चिल्लाने लगी और बोली, मेरे पैरों में ऐंठन आ गयी है। मैंने उसके गाउन को ऊपर उठाते हुए और उसकी प्यारी पिंडलियों को अपने हाथों से सहलाया, और नरम और गुलाबी त्वचा पर चुंबन कर दिया। उसके अतुलनीय अंग अनुपम रूप से सुशोभित थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।
लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।
कुछ देर बाद मैं उठा तो मैंने देखा हुमा भी नींद की आगोश में थी और पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने नहीं ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'
कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से हजार के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।
अब आगे:-
जब हम कार से बाहर निकले तो बैठक में एमी और साथ में उसकी सहायिका और बाल सखी शबनम, लिली की सहायिका डेज़ी, हुमा और रोज़ी ने हमारा स्वागत किया । रोज़ी को हुमा ने बुलवा लिया था।
एमी अपनी बहनों में सबसे छोटी ब्रिटिश मूल की बेहद आकर्षक मीठी प्यारी स्वीट, नज़ाकत भरी सुंदर तरुण युवती थी जिसे देख्नते हो बाँहों में प्यार से पकड़ने; कोमलता से गले लगाने, सहलाने और चूमने ही इच्छा होती है, जो सबको बहुत प्यारी है और उत्सुक और घबराई हुई लग रही थी।
लिली और मिली दोनों अपनी छोटी बहन एमी से आलिंगन कर मिली और एमी और उन्होंने मेरा परिचय एमी और शबनम से करवाया।
फिर मिली ने अपनी छोटी बहनों के साथ एक अर्थपूर्ण मुस्कराहट का आदान-प्रदान किया, दोनों बहने मिली की लगभग सटीक प्रतियाँ थीं, सिवाय इसके कि उनमें से न तो उनके समान स्पष्ट बस्टलाइन थी और न ही उनके नितम्ब मिली जितने बड़े थे। उसने मौन के इशारे में अपने होठों पर अपने हाथ की तर्जनी राखी और शयनकक्ष की ओर इशारा किया और मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।
अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए और फिर ओह माई गॉड, दीपक, तुम मुझे फिर से झड़ने की कगार पर ले जा रहे हो! उहह तुम एक बेकाबू घोड़े हो और तुम्हारा लंड तो कमाल का है, क्या तुम चुदाई बंद नहीं कर सकते! ओउव! उन्न्ग्घ्ह! रुकना मत लगे रहो और ज़ोर से चोदो, चोदो ... ओह्ह! आहहह! मज़ा आ गया! "
हम दोनों एक दुसरे में इतने खोये हुए थे की हमे ये भी होश नहीं था कि हमारे पीछे-पीछे बाक़ी दोनों बहने, तीनो सहायिकाएँ, हुमा और रोज़ी भी आ गयी थी और चुपचाप खड़ी हमारी चुदाई देख रही थी।
इनमे से सेबल छोटी एमी ने पाया कि एक जोड़े को अपने सामने चुदाई करते हुए देखना वास्तव में इसके बारे में पढ़ने या किताबों में अत्यधिक स्पष्ट, विस्तृत चित्रों को देखने से कहीं अधिक रोमांचक था।
एमी ने इससे पहले अपनी कुछ सहेलियों से ली कुछ पोर्न पुस्तकों या किताबो में विस्तृत चित्रों को देखा था तो उसकी तरुण कुंवारी योनि में खुजली और दर्द हुआ था, लेकिन यह उस बिजली की तुलना में कुछ भी नहीं था जिसे उसने अपने पैरों के बीच महसूस किया था जब उसने अपनी सबसे बड़ी बहन मिली को बिस्तर पर इधर-उधर उछलते हुए और मेरे साथ चुदाई करते हुए देखा था।
हालाँकि हुमा। रोज़ी और लिली भी मुझ से चुदाई करवा चुकी थी और उनकी हालत और भी बुरी थी और बाक़ी शबनम, डेज़ी और सपना का हाल भी एमी से कोई बहुत ज़्यादा अलग नहीं था।
उसकी बहन मिली की कराहे और भी तेज हो गयी क्योंकि उसका जुनून चरम पर पहुँच गया था-एमी अकेली नहीं थी जिसने महसूस किया कि क्या हो रहा था-और सब लड़कियों बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो गयी थी। जल्द ही हम दोनों झड़े और फिर मैंने कपड़े पहने और वापस अपने कमरे में चला गया और फिर एमी ने देखा कि मिली बिस्तर पर पड़ी थी और उसकी योनि से वीर्य बह रहा था और उसकी जांघों और उसके पेट के ऊपर मेरे अत्यधिक प्रचुर मात्रा में वीर्य फैला हुआ था-मिली ने अपनी उंगलिया अपनी योनि में घुसा रखी थी और जब उसने उंगलिया बाहर निकाली तो मेरे वीर्य और उसके चुतरस से सनी हुई थी उसने उन उंगलियों को चाटा-जब वह थोड़ी स्थिर हो गयी तो उसने कमरे में एमी और अन्य लडकियोंको देखा और बेड पर से चादर को ऊपर खींच लिया अपने कपड़े उठाये और जितनी जल्दी हो सका बाथरूम की और भाग गयी।
एमी आगे बढ़ी और बिस्तर की जांच करने के लिए ऊपर की शीट को वापस खींच लिया। निश्चित रूप से, नीचे की शीट के बीच में एक गीला स्थान था। एमी ने इसे देखा था और महसूस किया था कि कामुक शक्ति का एक शक्तिशाली उछाल के साथ मिली की योनि हिल रही थी और मैं पंप करता जा रहा था ... फिर मेरा लिंग बहार निकलका तो कुछ पिचकारियाँ मिली के पेट और जांघो पर पड़ी । इसी समय लिली ने अपनी छोटी बहन को मौके का महत्त्व समझाया और दोनों उसे सूंघने लगी। वीर्य की तीखी गंध, मज़बूत और मांसल, अधिक मेहनती योनी की अतिरिक्त सुगंध के साथ, उस सुगंध को महसूस किया यह पहली बार था जब एमी डेज़ी और शबनम से किसी आदमी के वीर्य की गंध को महसूस किया था-और उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त की।
" वाह, वे पल भर के लिए बिस्तर के चारों ओर खड़े रही, सबकी निगाहें उस गीले धब्बे वाली जगह पर टिकी रहीं। यह जानते हुए कि हमारे सम्भोग और झड़नेका दृश्य उनकी कोमल युवा चूतों को गर्म और अधिक संवेदनशील बना रहा था; वे सब उस चुदाई के दृश्य को फिर से जी रही थी और अपनी बड़ी बहन या सखी को चुदाई के मजे लेते हुए अपनी योनी को ऊपर फेंकते हुए देख रही थी और फिर उनकी बहन अपनी भावुक उत्तेजना की गहराई से कराह रही थी।
लिली बिस्तर की चौकी के खिलाफ झुकी हुई थी और बड़े पैमाने पर लकड़ी के स्तंभ पर अपने प्यार के टीले को रगड़ रही थी।
अंत में वह इसे और बर्दाश्त नहीं कर सकी और उसने बड़े करीने से चादर को ऊपर खींच लिया। फिर वह अपनी छोटी बहन और अपने कपड़े उतारने लगी।
और शीघ्र ही सब लड़किया नग्न हो गयी। युवा एमी को अपनी बेहतर विकसित बहन के सामने अपनी नग्नता प्रदर्शित करने में थोड़ी शर्म महसूस हुई; उसके प्रत्येक निप्पल के पीछे केवल माध्यम आकार के स्तन थे, पर उसके गुलाबी चूचक आश्चर्यजनक रूप से संवेदनशील थे और उसकी चूत का मांस पूरी तरह से नग्न था।
"यार, वह वास्तव में बहुत कुछ शूट करता है" लिली बोली। "यह लगभग कोल्ड क्रीम जैसा दिखता है" एमी ने सांस ली, एमी की योनी के ऊपर और नीचे लिली की उंगली काम कर रही थी; हालाँकि उसके चारों ओर का मांस उसके पेट की तरह बालों से रहित था, फिर भी वह अपनी कोमल युवा योनी से उस गर्म, मांसल स्नेहक का एक मनभावन प्रवाह उत्पन्न कर सकती थी, और लिली की उंगली उस झुनझुनी खांचे के ऊपर और नीचे आसानी से फिसल रही थी।
"वह सब निगलने की कल्पना करो!" लिली बोली .
जारी रहेगी
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मेरे अंतरंग हमसफ़र
चतुर्थ अध्याय
लंदन जाने की तयारी
भाग -15
तीन गर्म बहनो की चुदाई का क्रम.
आपने "मेरे अंतरंग हमसफ़र चतुर्थ अध्याय भाग 14 में पढ़ा::
और शीघ्र ही सब लड़किया नग्न हो गयी। युवा एमी को अपनी बेहतर विकसित बहन के सामने अपनी नग्नता प्रदर्शित करने में थोड़ी शर्म महसूस हुई; उसके प्रत्येक निप्पल के पीछे केवल माध्यम आकार के स्तन थे, पर उसके गुलाबी चूचक आश्चर्यजनक रूप से संवेदनशील थे और उसकी चूत का मांस पूरी तरह से नग्न था।
"यार, वह वास्तव में बहुत कुछ शूट करता है" लिली बोली। "यह लगभग कोल्ड क्रीम जैसा दिखता है" एमी ने सांस ली, एमी की योनी के ऊपर और नीचे लिली की उंगली काम कर रही थी; हालाँकि उसके चारों ओर का मांस उसके पेट की तरह बालों से रहित था, फिर भी वह अपनी कोमल युवा योनी से उस गर्म, मांसल स्नेहक का एक मनभावन प्रवाह उत्पन्न कर सकती थी, और लिली की उंगली उस झुनझुनी खांचे के ऊपर और नीचे आसानी से फिसल रही थी।
"वह सब निगलने की कल्पना करो!" लिली बोली.
आपने मेरी कहानी " मेरे अंतरंग हमसफ़र" में अब तक पढ़ा:
मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।
उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। अचानक वह दर्द से चिल्लाने लगी और बोली, मेरे पैरों में ऐंठन आ गयी है। मैंने उसके गाउन को ऊपर उठाते हुए और उसकी प्यारी पिंडलियों को अपने हाथों से सहलाया, और नरम और गुलाबी त्वचा पर चुंबन कर दिया। उसके अतुलनीय अंग अनुपम रूप से सुशोभित थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।
लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।
कुछ देर बाद मैं उठा तो मैंने देखा हुमा भी नींद की आगोश में थी और पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने नहीं ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'
कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।
घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए।
अब आगे:-
इतने में मिली वाशरूम से बाहर आ गयी और बोली मेरी बहनो किसी भी कोल्ड क्रीम, या किसी अन्य चिकनाई युक्त पदार्थ में या मानव के द्वारा बनाये गए पदार्थ में एक पुरुष के वीर्य के गुण नहीं होते हैं। लिली नेअपनी बड़ी बहन मिली और छोटी बहन एमी को बतया की कल मैं उस समय मैं कितना अधीर था और कल हमारी पहली मुलाकात में जब वह मेरे लंड को संभालने की कोशिश कर रही थी और उस मेरे द्वारा जल्दी स्खलन हो गया और वीर्य की मात्रा, वह कितना चिपचिपा और चिकना था ये सब बताया और उसने बार-बार इसका वर्णन किया।
उसके बाद हमने जल्दी खाना खाया और फिर लिली ने शरमाते हुए मुझ से पुछा दीपक आपका क्या इरादा है और मिली दीदी अगर आप लम्बी यात्रा के बाद थकी हुई नहीं हैं तो फिर हम कुछ देर बाद मिलते हैं! '
मैं बोला तुम तीनो बहनो की नग्न सुंदरता को सराहने और देखने की संभावना और तुम्हारी बाहो में परमानंद प्राप्त करना सभी थकान को दूर करने के लिए पर्याप्त होगा और वैसे भी मुझे कोई थकान नहीं है इसलिए हम अवश्य मिलेंगे! ' मैंने जवाब दिया और उसने मुझे हर्षातिरेक के साथ चूमा।
फिर मिली एमी को लेकर चली गयी तो मैंने लिली से कहा मिली तुम बिना शृंगार के इतनी सुंदर लगती हो। शृंगार के पश्चात तो तुम बिल्कुल अप्सरा लगोगी।
लिली बोली मैं इतनी सुंदर कहाँ हूँ!
मैंने कहा लिली तुम नहीं जानती तुम कितनी सुंदर और चंचल हो। तुम्हारी चाल मुझे बहुत अच्छी लगती है।
लिली यह सब सुन कर शर्मा रही थी और मुस्कुरा रही थी अपनी तरफ किसे अच्छी नहीं लगती है तो उसे भी अच्छा लग रहा था।
'क्या एमी के कौमार्य को आज शाम या रात में ही भंग किया जाना है? आप का क्या प्रस्ताव है या फिर वह आज लम्बे सफर से थकी हुई है इसलिए हमे कल तक के लिए रुकना चाहिए और हम आज रात का उपयोग उसे आपके और लिली द्वारा थोड़ा शिक्षित करने के लिए कर सकते हैं? आपको क्या लगता है, लिली?' मैंने पूछ लिया।
'दीपक! वो थोड़ी थकी हुई और घबराई हुई लग रही है इसलिए मैंने और मिली दीदी ने इस पर विचार कर सोचा है कि हम इसे आप पर छोड़ देते हैं।' उसने जवाब दिया, 'हमारा विचार है कि आपको चुनने का अधिकार होना चाहिए।'
मैंने उसे अपने करीब खींच लिया। तो ठीक है। प्रिय लिली फिर हम एमी के कौमर्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखेंगे और मैं आज रात मैं खुद को आपको और मिली को समर्पित कर दूंगा। लेकिन हम आज रात हम एमी के सामने नग्न हो जाएंगे और हमारे प्यार भरे मज़ाक से उस कुंवारी को उत्साहित और उत्तेजित करेंगे और मैं उसे वह प्यार भरी राहत देने के विशेषाधिकार का उपयोग करूंगा जो उसे बहुत पसंद आएगा। अब प्रिय लिली, बस एक बात और आप बुरा तो नहीं मानेोगी यदि मेरे पास पहले मिली आये है और फिर आप!
'बिल्कुल नहीं, दीपक,' लिली ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया-' मुझे लगता है कि आपको ये ही करना चाहिए, खासकर यदि मिली दीदी भी यही चाहती है।
'मुझे यकीन है कि वह यही चाहेगी, क्योंकि मुझे लगता है वह मेरे से मिलने को बहुत ज्यादा उत्सुक और पागल है!' मैंने कहा 'मेरी बाहों में मिली की देख परमानंद से कांपती हुई एमी उत्तेजना से पागल हो जाएगी! इसके अलावा, लिली, एमी के लिए यह बेहतर होगा की जब वह पहली बार चुदाई देखे तो वह आपके साथ हो!' लिली ने ये सुन कर मुझे हर्षातिरेक से चूमा।
'मैं जल्द ही सारी चीजे व्यवस्थित करती हूँ, आप मिली के साथ सेक्स करना फिर हम एमी के साथ थोड़ा खेलेंगे और हमें उत्साहित करने के लिए नग्नता के आकर्षण का उपयोग करेंगे-और प्रिय, आप और मैं एक लंबी चुदाई करेंगे!' और फिर से मिली मुझे दुबारा हर्षातिरेक से चूमा।
मैं अब चलती हूँ लेकिन मैं जल्द ही सब कुछ व्यवस्थित करके आपके पास वापस आ जाऊंगी और फिर हम सब मिल कर मधुर समय बिताएंगे!
मैंने कहा अब आप एमी और मिली को बताओ कि हमने क्या व्यवस्था की है शायद आप उसे यह भी बताएंगी कि वह आज रात आराम कर सकती है और उसे कल के लिए त्यार होना है और हम आज रात का इस्तेमाल एमी को उत्तेजित और थोड़ा शिक्षित करने के लिए करने के लिए करेंगे।
फिर लिली को ओंठो को लम्बे समय तक चुंबन करने के बाद, मुझे एमी के साथ छोड़कर मिली जल्द ही लिली के साथ गायब हो गई। एमी जो पहले बहुत शर्मीली और घबराई हुई थी-लेकिन जब उसे मालूम हुआ की आज उसका कौमार्य भंग नहीं किया जाना है तो वह सामान्य महसूस करने लगी।
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दीपक कुमार
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चतुर्थ अध्याय
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भाग -16
तीन गर्म बहनो की चुदाई का क्रम.
आपने "मेरे अंतरंग हमसफ़र चतुर्थ अध्याय भाग 15 में पढ़ा:
मैंने कहा अब आप एमी और मिली को बताओ कि हमने क्या व्यवस्था की है शायद आप उसे यह भी बताएंगी कि वह आज रात आराम कर सकती है और उसे कल के लिए त्यार होना है और हम आज रात का इस्तेमाल एमी को उत्तेजित और थोड़ा शिक्षित करने के लिए करने के लिए करेंगे।
फिर लिली को ओंठो को लम्बे समय तक चुंबन करने के बाद, मुझे एमी के साथ छोड़कर मिली जल्द ही लिली के साथ गायब हो गई। एमी जो पहले बहुत शर्मीली और घबराई हुई थी-लेकिन जब उसे मालूम हुआ की आज उसका कौमार्य भंग नहीं किया जाना है तो वह सामान्य महसूस करने लगी।
आपने मेरी कहानी " मेरे अंतरंग हमसफ़र " में अब तक पढ़ा:
मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।
उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। अचानक वह दर्द से चिल्लाने लगी और बोली, मेरे पैरों में ऐंठन आ गयी है। मैंने उसके गाउन को ऊपर उठाते हुए और उसकी प्यारी पिंडलियों को अपने हाथों से सहलाया, और नरम और गुलाबी त्वचा पर चुंबन कर दिया। उसके अतुलनीय अंग अनुपम रूप से सुशोभित थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।
लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।
कुछ देर बाद मैं उठा तो मैंने देखा हुमा भी नींद की आगोश में थी और पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने नहीं ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'
कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।
घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी ।
अब आगे:-
रात का खाना समय पर हुआ और फिर चारो ने मिल कर थोड़ा संगीत सुना और कुछ गप्पे मारी और सबसे मजेदार बात ये थी की एमी ने कुछ चुटकले सुनाये जी इस बात का आभास दे रही थी की अब एमी सहज थी और साथ-साथ वह खिलखिला रही थी । उसके बाद बिस्तर पर जाने का समय हो गया और सब लोग अपने कमरो में चले गए और एमी की सहायिका और बाल सखी शबनम, मिली की सहायिका सपना और लिली की सहायिका डेज़ी और रोजी भी लिली के साथ व्यवस्था करने के लिए चली गयी।
मैं हाल में आरामदायक कुर्सी पर बैठ गया और इस तीन बहनो से मुलाकात, लिली की पहली चुदाई और फिर मिली की चुदाई और खाने की मेज पर सुंदर पोशाक में तीन महिलाओं को याद किया और रात्रि भोज के दौरान मेरी आँखें उनके उन्नत स्तनों पर टिकी हुई थी और वे तीनो सहजता से अपने रूप का प्रदर्शन कर रही थी और मेरा लंड इस विचार से धड़क रहा था है कि बहुत जल्द मैं उन तीनो बहनो को एक साथ नग्न और उनके स्तनों को खुला देखूंगा और मुझे उनकी नग्न सुंदरता को सराहने और देखने अवसर मिलने वाला है I
फिर मेरे विचार अपने आसपास के शयनकक्षों और उसमे रहने वालीयो पर चला गया और मैं ये सोचने लगा की तीनो अब क्या कर रही होंगी । मैंने कल्पना की के लिली अपने कपड़ों को उत्साह से निकाल नग्न हो गयी है और अपने एकमात्र रात को पहने जाने वाले वस्त्र को पहनने से पहले खुद को आईने में निहार रही है । फिर मैंने मिली की कल्पना की के मिली ने आज रात की चुदाई के लिए-लिए उसने सावधानी से खुद को तैयार किया था और ये विचार आते ही की उसकी अब जोरदार चुदाई होने वाली है वह अपने स्तनों को दबा रही थी और अपनी योनि को सहला रही थी । वह स्पष्ट रूप से चुदाई के लिए तरस रही थी और फिर मैंने एमी को त्यार होतव हुए देखने की कल्पना की जो पहले नग्न हुई और फिर घबराहट से उसने फटाफट अपनी नाइटी पहनी और मेरे सामने आने के लिए तैयार हो गयी थी।
एमी रात के खाने के बाद वह प्रसन्नतापूर्वक बातें कर रही थी और एक निश्चित दबी हुई उत्तेजना को छोड़कर बिलकुल सहज लग रही थी क्योंकि मुझे लगा कि उसे बताया गया था कि उसकी पहली चुदाई परीक्षा अगली रात के लिए स्थगित कर दी गई थी और इसलिए उसे मुख्य रूप से दर्शक, सहायिका और प्रशिक्षु की भूमिका निभानी थी।
वहीँ लिली की साथ गयी शबनम, सपना डेज़ी और रोजी मिल कर बैठने लेटने, खाने पीने की व्यवस्था कर रही थी और जरूरी सामान को व्यवस्थित कर रही थी।
अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा, हॉल की बत्ती बुझाई और चुपचाप प्रकाश की एक पतली रेखा जो की मिली के कमरे की तरफ ईशार कर रही थी उस और चल दिया । दरवाजा खुला था और मैं कमरे में प्रबेश कर गया।
लिली और एमी वहाँ एक साथ बैठी हुई थीं, लिली की बांह एमी की कमर में थी। दोनों ने बेहद सुंदर और उत्तेजक नाइटी पहनी हुई थी जो मैंने पहले कभी नहीं देखि थी। जैसे ही मैं उनके पास पहुँचा वे दोनों उठ खड़ी हुई। लील ने अपने बाहे खोल कर मेरा स्वागत किया और मुझे उससे लिपट कर कहा, 'यहाँ आपका स्वागत है, दीपक!' और मुझे चूमने लगी और उसके बाद बोली एमी को मेरी पास धकेलते हुए बोली अब एमी! तो शरमाते हुए प्यारी एमी ने अपने बाहे मेरे गले में दाल दी और एमी ने अपने चेहरे को इस तरह से आयोजित किया जिससे मैं उसे आसानी से चूम सकू।
मैंने एमी को अपनी बाहों में ले लिया और उसे अपने पास खेंच कर कास आकर आलिंगन में लिया जिससे उसके स्तन मेरी छाती पर डाब गए और मैंने उसके होंठ पर गर्म चुंबन की वर्षा तब तक की तक वह सांस के लिए हाफने नहीं लगी, और उसकी मीठी साँसों की खुशबू को में तब तक चूसता रहा, जब तक कि वह उत्तेजित हो कर कांपने नहीं लगी। फिर जब मैंने अपनी पकड़ को ढीला किया तो वह शर्माती हुई फिर से लिली की बगल में चली गयी।
मैंने पुछा क्या हुआ एमी क्या आपको मेरा चुम्बन अच्छा नहीं लगा । मेरे ऐसा कहने से वह मेरी तरफ घूमी और उसके चेहरे का गुलाबी रंग गहरे सुर्ख लाल में बदल गयाl । मैं बोला एमी मैं आपको बहुत पसंद करता हूँ और मैं आगे बढ़ा और उसको दुबारा किस करने लगा। एमी बहुत धीरे से बोली जब आप ऐसे मुझे किस करते हो तो मुझे कुछ होता है।
तभी मिली भी आ गयी, और उसने बहुत आकर्षक नाइटी पहनी हुई थी-क्योंकि वह अर्ध-पारदर्शी थी। उसने सब को बारी-बारी से चूमा, उसकी बहन लिली की तरफ देखा और मिली ने मुझसे पूछा। क्या आप आज रात लिली और मेरे साथ संतुष्ट होंगे और एमी को देखने दीजिये कि ये खेल कैसे खेला जाता है; कल हम एमी को तुम्हारे हवाले कर देंगी! ' मिली ने एमी की कमर के चारों ओर अपना हाथ डाला क्योंकि शरमाती हुई लड़की उसके करीब होकर सुरक्षित महसूस कर रही थी।
'निश्चित रूप से, मिली!' मैंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया और एमी को और देखा 'लेकिन मुझे लगता है कि एमी हर उस चीज में हिस्सा लेने को तैयार है जिसे हम खेल सकते हैं?'
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भाग -17
मिली का सौंदर्य अवलोकन
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मैंने पुछा क्या हुआ एमी क्या आपको मेरा चुम्बन अच्छा नहीं लगा? मेरे ऐसा कहने से वह मेरी तरफ घूमी और उसके चेहरे का गुलाबी रंग गहरे सुर्ख लाल में बदल गयाl । मैं बोला एमी मैं आपको बहुत पसंद करता हूँ और मैं आगे बढ़ा और उसको दुबारा किस करने लगा। एमी बहुत धीरे से बोली जब आप ऐसे मुझे किस करते हो तो मुझे कुछ होता है।
तभी मिली भी आ गयी, और उसने बहुत आकर्षक नाइटी पहनी हुई थी-क्योंकि वह अर्ध-पारदर्शी थी। उसने सब को बारी-बारी से चूमा, उसकी बहन लिली की तरफ देखा और मिली ने मुझसे पूछा। क्या आप आज रात लिली और मेरे साथ संतुष्ट होंगे और एमी को देखने दीजिये कि ये खेल कैसे खेला जाता है; कल हम एमी को तुम्हारे हवाले कर देंगी! ' मिली ने एमी की कमर के चारों ओर अपना हाथ डाला क्योंकि शरमाती हुई लड़की उसके करीब होकर सुरक्षित महसूस कर रही थी।
'निश्चित रूप से, मिली!' मैंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया और एमी को और देखा 'लेकिन मुझे लगता है कि एमी हर उस चीज में हिस्सा लेने को तैयार है जिसे हम खेल सकते हैं?'
आपने मेरी कहानी " मेरे अंतरंग हमसफ़र " में अब तक पढ़ा:
मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।
उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। अचानक वह दर्द से चिल्लाने लगी और बोली, मेरे पैरों में ऐंठन आ गयी है। मैंने उसके गाउन को ऊपर उठाते हुए और उसकी प्यारी पिंडलियों को अपने हाथों से सहलाया, और नरम और गुलाबी त्वचा पर चुंबन कर दिया। उसके अतुलनीय अंग अनुपम रूप से सुशोभित थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।
लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।
कुछ देर बाद मैं उठा तो मैंने देखा हुमा भी नींद की आगोश में थी और पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने नहीं ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'
कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।
घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।
अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया।
अब आगे:-
मिली ने एमी की ओर रुख किया। 'मेरी लाड़ली छोटी बहन एमी! तुम क्या कहती हो,?' उसने प्यार से पूछा।
मिली की बात सुन एमी एक पल के लिए झिझकीं, उसके चेहरे का रंग शर्म के मारे और लाल हुआ और उसने शर्माते हुए धीमी आवाज में जवाब दिया 'हाँ दीदी, जैसा आप ठीक समझो।'
'दीपक आशा है तुम्हे जवाब मिल गया है!' मिली ने मुस्कान के साथ कहा। 'मास्टर, आपकी दासियाँ के लिए अब आपकी क्या आज्ञा है?'
मैंने कहा सबसे पहले तीनो मेरे पास आओ और फिर सबसे पहले मिली मेरे पास आयी तो मैंने उसके आकर्षक बदन का सर्वेक्षण किया। उसकी पतली, लगभग पारदर्शी पोशाक ने उसके दो बड़े स्तनों को बड़ी मुश्किल से छुपाया हुआ था। जैसा कि आजकल की सभी लड़कियों के साथ आम है उसकी पोशाक बहुत छोटी थी, उसके नंगे और चमकदार जिस्म की इस झलक पर, मैंने महसूस किया कि मेरा लंड उग्र हो रहा था। फिर मैंने उसे पास खींचा और अपने आलिंगन में लिया और उसके बदन पर हाथ फेरते हुए मैंने उसे चूमा।
जैसे ही हम अलग हुए लिली मेरे से लिपट गयी और मेरे हाथ कामुक लिली की कमर पर घूमते रहे, उसके गोल युवा स्तनों को मैंने दबाया और उसने अपनी आँखें बंद कर लीं, आनंद की एक गर्म चमक महसूस कर रही थी। फिर मैंने उसे अपनी बाहो में लिया और उसे प्यार से कुछ देर तक चूमा ।
और जब हम लग हुए तो तब तक एमी को भी समझ आ चूका था अब उसकी बारी है और वह झिझकते हुए सब आँखे नीचे किये हुए हमे चुंबन करते हुए देख रही थी । एमी की पतली, छोटी पोशाक उसके दो नाजुक माध्यम आकार के गोल स्तनों की सही आकृति को एक पतली चोली द्वारा कसकर पकड़े हुए थी और इन दो आकर्षक नाजुक स्तनों को देख कर मेरा मन उन्हें छूने और दबाने के लिए ललचाया, लेकिन यह जानते हुए की एकदम से बहुत आगे बढ़ने से मैं इस सुकुमारी तरुणा को डरा सकता था इसलिए मैंने खुद को संयमित किया और उसके आकर्षक तरुण जिस्म का एक गुप्त सर्वेक्षण किया।
'एमी डियर, अब तुम आओ और मेरे घुटने पर बैठ जाओ,' मैंने कहा। तो एमी ने झिझकते हुए अपनी मिली दीदी की बाजू को छोड़ दिया और धीरे से मेरे घुटनों पर इस तरह से बैठ गई की वह अपनी बड़ी बहनो लिली और मिली का सामना कर रही थी। अपनी जांघो पर उसके नरम वजन को महसूस करना और उसके द्वारा स्पंदित होने वाले छोटे-छोटे झटकों को अनुभव करना बहुत सुखद और उत्तेजक अनुभूति थी, क्योंकि वह अब उत्तेजना से-से कांप रही थी। मैंने अपने बाएँ हाथ को उसकी कमर में डाल कर उसे पकड़ा। उसकी पतली कमर में अपनी बाहों को दबाते हुए उसे कसकर गले से लगा लिया। उसने मुझे किस करने के लिए अपने होंठ प्रेस करने की अनुमति दी और मैंने प्यार से उसे चूमा। और उसे भी मेरे द्वारा इस प्रकार चूमे जाने पर मजा आया हालाँकि जब मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाली तो उसे यह बहुत अजीब लगा क्योंकि उसे इस तरह से पहले किसी ने नहीं चूमा था।
'मिली, क्या अब आप हमें अपने आप को दिखाओगी?' मैंने कहा-'डियर लिली कृपया अपनी बहन को पूरी तरह से नंगा कर दो और फिर उसे मेरे पास यहाँ लाओ!'
ओह! दीपक! नहीं-नहीं ऐसा मत करो! 'उग्र रूप से निस्तब्ध मिलि ने अचानक विरोध किया। लेकिन लिली ने खुशी-खुशी उसे पकड़ लिया।' प्लीज खड़ी हो जाओ, दीदी! ' लिली फटाफट मिली की नाइटी को खोलने के लिए तैयार हो गई और मेरे और देख कर रोजी भी आगे हो गयी और साथ-साथ एमी की सहायिका शबनम, मिली की सहायिका सपना और लिली की सहायिका डेज़ी ने उसे घेर लिया तो धीरे-धीरे और अनिच्छा से मिली ने मेरी आज्ञा का अनुपालन किया। जल्दी से लिली ने मिली की नाइटी को मिली के ऊपर से खींच लिया और उसे साइड पर फेंक दिया और अब मिली हमारे सामने नग्न खड़ी थी, उसका एक हाथ उसके स्तनों के सामने था जबकि दूसरे हाथ से उसने अपनी योनी को ढँक लिया।
मुझे महसूस हुआ-हुआ अपनी बहन मिली को इस हाल में देख कर मेरे घुटने पर बैठी एमी रोमांचित थी। मैंने उसकी तरफ देखा-उसके गाल गुलाबी लाल थे, लेकिन उसकी निगाहें अपनी मिली दीदी की नग्न आकृति पर टिकी हुई थीं। लिली अपनी बहन के पास ही खड़ी रही, मानो मेरे अगले आदेश की प्रतीक्षा कर रही हो। मैंने देखा लिली भी दबी हुई उत्तेजना से कांप रही थी।
'लिली, अपनी बहन के हाथों को दूर खींचो और उनके सिर के पीछे उन्हें एक साथ जकड़ लो-और रोजी और सपना आप दोनों मिली को फिर यहाँ लाओ!' मैंने आज्ञा दी।
'नहीं, दीपक! नहीं!' मिली, जो जाहिर तौर पर हमारी निगाहों के सामने अपनी योनी को बेनकाब करने के लिए अनिच्छुक थी और शर्मा रही थी। लेकिन लिली उसके पीछे गई, उसकी कलाई को अपनी मजबूत युवा बाहों में पकड़ लिया और उन्हें पीछे की ओर खींचकर उसे वांछित स्थिति में मेरे सामने नग्न कर दिया और फिर लिली जल्दी से एमी और मेरे साथ आ कर मेरी कुर्सी के पीछे खड़ा हो गयी। अपनी बहन की इस हालत में लजाते हुए देख कर उसकी आँखें वासना से चमक रही थीं।
हम तीनों ने मिली को देखा। दोनों लड़कियों की टूटी हुई सांसें उनके दबे हुए उत्साह को छुपा नहीं पा रही थीं। लजाती हुई मिली का नग्न रूप एक रोमांचकारी नजारा था। उसका दमकता हुआ चेहरा, उसकी शानदार आकृति, उसकी लजाने के अदाए, उसके अद्भुत स्तन, उसकी शानदार गोल जांघें और टाँगे, उसके भव्य गोल और बड़े कूल्हे और नितम्ब और घुंघराले रेशमी बालों का आकर्षक जंगल जिसने उसकी योनी को छुपाया हुआ था।
'दीपक! दी कितनी सुंदर शानदार और गौरवशाली है!' प्रशंसा में लिली फुसफुसाई। मेंने सिर हिलाया। 'मिली को धीरे-धीरे घुमाओ, ताकि हम उसे सभी बिंदुओं से और कोनो से देख सकें!' मैंने रोजी को धीरे से बोला जिसे सुन एक त्वरित लाली मिली के चेहरे पर आयी, जिसने मुझे बताया कि मिली ने मेरा ये आदेश सुना था। और प्रतिक्रिया स्वरुप उसका एक हाथ दुबारा उसके स्तनों के सामने था जबकि उसके दूसरे हाथ से उसने अपनी योनी को ढँक लिया और थोड़ी टेडी हो कर खड़ी हो गयी।
मैंने कहा सपना! और सपना ने आगे बढ़ मिली के हाथ पकडे, तो मिली ने मेरी बात का आशय समझ हाथ हटा लिए 'कृपया, मिली!' मैंने धीरे से कहा-'बहुत धीरे से, कृपया!' अनिच्छा से मिली ने मेरी आज्ञा का अनुपालन किया और घुमते हुए हमें उसके शानदार नग्न आकर्षणों का दीदार प्रदान किया।
जब वह हमारे सामने थी तो मैंने उसे स्थिर होने का इशारा किया इस स्थिति में उसका नजारा बस अद्भुत था। मिली जब खड़ी हुई थी तो उसने अभी भी अपनी टाँगे जोड़ी हुई थी और एक घुटना थोड़ा-सा मोड़ा हुआ था औऱ वह लजा रही थी । उसकी कमानदार पीठ और नितम्बो को गोलाई, उसके गोल सुदृढ़ गर्वित स्तनों के साथ तीखे निप्पल और सुनहरे बालों ने मुझे मोहित कर दिया और मैं महसूस कर सकता था कि मेरा लंड सख्त हो रहा था। मुझे आश्चर्य होने लगा कि क्या एमी ने ऐसा नजारा पहले देखा है! कुछ देर तक उसे ऐसे ही देखने के बाद मैंने मिली को अपनी परिक्रमा जारी रखने का इशारा किया तो वह फिर घूमने लगी लेकिन उसके शानदार नितंबों और उसकी कमान दार पीठ और उसकी मोटी जांघों को देखने के लिए मैंने उसे फिर से रोक दिया। और फिर शुरू करते हुए मैंने उसे चक्कर पूरा करने दिया और उसने फिर से हमारा सामना किया। अब मिली आशंका और शर्म से कांप रही थी।
जब सबने वाह! कहा और मैंने कहा मिली आप सच में बहुत सुंदर खूबसूरत औऱ आकर्षक है तो वह शर्मा कर फिर अपने हाथो से अपने स्तन और योनि को छुपाने लगी ।
मैंने कहा मिली, अगर तुम अब भी अपने हुस्न की इस शानदार विशेषताओं को छुपाना चाहती हो तो मेरी छाती में छुपा सकती हो और अपने दोनों बाजुओं को फैला दिया ।
मानो मिली इस आदेश का इन्तजार कर रही थी और एक दम से लपक कर मेरे से लिपट गयी। वहीं लिली और एमी पूरी नंगी मिली के नंगे बदन को सहला रही थीं ताकि वह थोड़ी सामान्य हो सके। फिर लिली फुसफुसाई मिली दीदी आपका शरीर कितना सुन्दर है, बिल्कुल तराशा हुआ, हाथी दांत की तरह चिकना स्वच्छ और सुन्दर है और उस पर आपकी योनि पर हल्के बाल आपको बहुत कामुक बनाते हैं । मैंने आपको कितनी बार नग्न देखा है और आपको अपनी योनि को सहलाते हुए और कई बार सम्भोग करते हुए भी देखा है । आप खुद दीपक को कितना चाहती हैं और आज जब वह आपके सामने हैं तो आप इतना शर्मा क्यों रही हो?
इन कामुक बातों से दोनों उत्तेजित होने लगी और उनकी सांसे तेज चलने लगी। लिली उत्तेजनावश अपना एक हाथ मिली की चूची पर लेजाकर उसे दबाने लगी और अपनी एक उंगली से उसके चूचूकों को रगड़ने लगी। जिससे मिली ओर उत्तेजित और हो गयी और अचानक फुर्ती से मेरे से अलग हो लिली को अपनी ओर खींच कर उससे चिपक गयी और लिली को गले लगा कर अपने स्तन से उसके स्तन को रगड़ने लगी। फिर दोनों एक दूसरे से आलिंगनबद्ध हो गयी ।
लिली थोड़ा घूमी और फिर मिली को बीच में ले आयी और मैं बोला चलो लड़कियो मिली को चूमो। हुमा, एमी, रोजी, सपना, शबनम, डेजी और लिली एक साथ मिली की और लपकी और उसे घेर कर चूमने लगी। सभी सात लड़कियों ने मिली के चेहरे पर चुंबनों की बारिश कर दी । फिर जिसको मिली के बदन में जहाँ जगह मिली वहाँ चुंबन करने लगी। और फिर मैं भी इस समूह में शामिल हो गया औऱ उसके ओंठो को चुंबन करने लगा औऱ इस उत्साहित और उत्तेजित लड़कियों से मिली को बचाने के लिए उसे अपने पास खींच लिया और नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। जबकि मेरे हाथ उस समय उसके शानदार स्तनो को दबा रहे थे। फिर भी सभी लड़किया हमारे पास आ गयी और मिली तो जहाँ तहाँ चूमने लगी।
जारी रहेगी
दीपक कुमार
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मेरे अंतरंग हमसफ़र
चतुर्थ अध्याय
लंदन जाने की तयारी
भाग -18
मिली की सहायिका सपना की ख़ूबसूरती
आपने "मेरे अंतरंग हमसफ़र चतुर्थ अध्याय भाग 17 में पढ़ा
इन कामुक बातों से दोनों उत्तेजित होने लगी और उनकी सांसे तेज चलने लगी। लिली उत्तेजनावश अपना एक हाथ मिली की चूची पर लेजाकर उसे दबाने लगी और अपनी एक उंगली से उसके चूचूकों को रगड़ने लगी। जिससे मिली ओर उत्तेजित और हो गयी और अचानक फुर्ती से मेरे से अलग हो लिली को अपनी ओर खींच कर उससे चिपक गयी और लिली को गले लगा कर अपने स्तन से उसके स्तन को रगड़ने लगी। फिर दोनों एक दूसरे से आलिंगनबद्ध हो गयी ।
लिली थोड़ा घूमी और फिर मिली को बीच में ले आयी और मैं बोला चलो लड़कियो मिली को चूमो। हुमा, एमी, रोजी, सपना, शबनम, डेजी और लिली एक साथ मिली की और लपकी और उसे घेर कर चूमने लगी। सभी सात लड़कियों ने मिली के चेहरे पर चुंबनों की बारिश कर दी । फिर जिसको मिली के बदन में जहाँ जगह मिली वहाँ चुंबन करने लगी। और फिर मैं भी इस समूह में शामिल हो गया औऱ उसके ओंठो को चुंबन करने लगा औऱ इस उत्साहित और उत्तेजित लड़कियों से मिली को बचाने के लिए उसे अपने पास खींच लिया और नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। जबकि मेरे हाथ उस समय उसके शानदार स्तनो को दबा रहे थे। फिर भी सभी लड़किया हमारे पास आ गयी और मिली तो जहाँ तहाँ चूमने लगी।
आपने मेरी कहानी " "मेरे अंतरंग हमसफ़र " में अब तक पढ़ा:
मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।
उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।
लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।
कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'
कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।
घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।
अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया।
अब आगे:-
मिली ने मुझे लड़कियों के सामने पहले ही मास्टर के रूप में सम्बोधित किया था और सब लड़कियों को संकेत दे दिया था कि उनको मेरी बात माननी होगी। इस दौरान मैंने अपनी गोद में बैठी मिली के नितम्बो पर हाथ फेरा और उसे अपनी गोद में उसके पेट के बल लेटा लिया ताकि उसके प्यारे गोल-मटोल नितम्ब और गांड सीधे मेरी आँखों के नीचे हो और मेरे हाथों के लिए आसानी से उपलब्ध हो। मेरी टांगो के ऊपर लेटी हुई, मिली के प्यारे, रोमांचक और जो कभी भी कल्पना कोइये जा सकते थे वह सबसे मनोरम कूल्हे गोल नितम्ब और प्यारी-सी गांड मुझे दिखाई दे रहे थे और मैंने अपने हाथों को उनके चारों ओर फिरा कर और उनके साथ खेलने की इजाजत देकर मेरी और उसकी निकटता का पूरा फायदा उठाया।
अपने साथीयो के सौंदर्य से प्रसन्न होने के अलावा, मैं अब खुद को उसकी निकटता के कारण शारीरिक रूप से उत्साहित महसूस कर रहा था और यह तथ्य कि मुझे पता था कि वह मेरी इच्छा अनुसार उपयोग करने के लिए प्रस्तुत और अधीर थी। कामुक आवेगों के इस बढ़ते ज्वार ने केवल उस उत्सुकता को बढ़ाने का काम किया जिसके साथ मेरे हाथ उस के नितम्बो को सहलात रहे थे और मिली के रमणीय कूल्हों, नितंबों और जाँघों की उत्कृष्ट रचनाओं का अन्वेषण कर रहे थे। वह मेरी हाथ की हरकतों के कारण कराह रही थी, लेकिन इसका विरोध करने या मेरे हाथों से बचने की उसने कोई कोशिश नहीं की । मुझे मिली के साथ उसके नरम कूल्हों को सहलाते देख बाकी लड़किया धीरे-धीरे पीछे हट गयी ।
इसी बीच मैंने मिली की सहायिका सपना की एक कराह को सुना। मैंने उसकी ओर देखा और पाया कि उसने एक हल्के नीले रंग की पोशाक पहनी हुई थी जिसमे एक बहुत ही प्यारी-सी और छोटी गुलदस्ते वाली स्कर्ट थी जो केवल उसके कोमल कूल्हों के ढक रही थी और उसकी जाँघे नग्न थी और भी अपनी सखी मिली को इस तेरह से नग्न देख कामुक उत्तेजना में अपने टांगो को टांगो से सहला रही थी और अपने होंठ काट रही थी जिससे आभास हो रहा था कि उसकी योनि में भी कुछ हो रहा था जो उसे कराहने पर मजबूर कर रहा था ।
उसकी छोटी स्कर्ट के नीचे उसके लंबी गोल टाँगे थी जो एक ग्लैमरस महिला के अंगों की महिमा को दिखा रही थी। सपना की टखनों में घुटनो के ऊपर तक लम्बे सफेद मोज़े पहने हुए थे और उसने काले रंग के कम एड़ी वाले पेटेंट चमड़े के जूते पहने हुए थे, जिसके नीचे एक पट्टा था। कुल मिलाकर वह एक पूरी तरह से रमणीय युवा लड़की थी और आज रात की पार्टी के लिए तैयार थी और उसे अभी कोई अंदाजा नहीं था की आज रात कैसी पार्टी होने वाली थी।
वह उत्साहित लग रही थी, उसके लम्बे बाल उसकी लंबी पोनी टेल में बंधे हुए थे जो उसके सिर के पिछले हिस्से से बाहर निकली हुई थी। उसका चेहरा गोल बड़ी काली आँखों वाला, छोटी-सी पतली लम्बी नाक और सबसे कामुक, भरे हुए, भरे हुए होंठ जो मैंने कभी किसी भी उम्र की लड़की पर नहीं देखे थे। उसके होठ बडे-बडे थे। उसपर उसने गहरे लाल रंग की लिपस्टिक लगा रखी थी। जो उसकी सुन्दरता को और बढ़ा रही थी। उसके चहरे पर एक आमत्रंण का भाव था जैसे कह रही हो आओ और चुम लो मेरे होठों को। उसका भी रंग गोरा था लेकिन मिली जितना नहीं। वह मिली की हम उम्र थी पर अपनी-अपनी उमर से करीब चार पांच साल छोटी दिखती थी। उसकी आँखे बडी-बडी थी, जिन में वासना भरी हुयी थी।
फिर मेरी नज़र उसके बदन पर गयी बडा ही भरपूर बदन था उसका। उसका गदराया बदन देख कर मेरा लंड पैन्ट के अन्दर ही उछलने लगा था। उसका टॉप स्लीव लेस था और उसमे कफ़ी गहरा कट था, जिसकी वजह-सी उसके बडे-बडे मम्मे आधे से ज़्यादा ब्लाउस से बाहर झाँक रहे थे। सपना ने बहुत ही टाईट टॉप पहन रखा था क्योकी उसके मम्मो की दोनों बडी-बडी गोलाईयाँ आपस मैं चिपक गयी थी और एक गहरा कट बना रही थी। जो कि बडा ही सेक्सी लग रहा था।
उसके जवान रस भरे ओंठ चूमने और चूसने के लिए ही बने हुए थे उसके रस भरे होंठ देख मैं सोचने लगा की इन ओंठो से और कौन से अन्य कर्तव्यों किये जाने हैं। वह बहुत सुंदर लग रही थी और उसका यौवन छलक रहा था।
फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया तो उसने मिली की तरफ उसकी इजाज़त के लिए देखा। मिली ने सिर हिलाया और फिर सपना मेरे पास आ गई और मैंने अपने हाथों को उसके शरीर पर अश्लील तरीके से घुमाया, जिसे वह रोकने के लिए कुछ नहीं कर सकती थी। फिर मैंने अपने हाथों को उसकी पीली नीली पोशाक की छाती में घुसा दिया और ऊपर को टॉप को नीचे की ओर लगभग उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके कारण उजागर हुए उसके स्तनों को मैंने पकड़ लिया और उन्हें उसके कपड़ों से बाहर खींच लिया और टॉप के फाटे हुए हिस्से को इस तरह से खींच कर फैलाया कि वे अपनी पूरी कुदरती सुंदरता में उसकी हल्के नीले रंग की पोशाक के बीच में से प्रदर्शित हों और मेरे लिए आसानी से उपलब्ध हो और उन्हें सहलाने लगा।
इसके बाद मैंने उसकी स्कर्ट की कई ढीली सिलवटों को ऊपर उठाया, उसकी पोशाक के सामने वाले हिस्से को उठा लिया, जिससे उसका योनि क्षेत्र मेरे हाथों और आंखों के सामने आ गया। अब, उसके कराहने के बावजूद, मैंने अब उसकी तनावपूर्ण जाँघों के बीच, उसकी योनी में एक उंगली घुसा दी। वह इस कामुक हमले पर चिल्लाई, मैंने उसकी पतली कमर में अपना दूसरा डाला और उसे कसकर गले से लगा लिया। बिना किसी प्रतिरोध के उसने मुझे किस करने दिया फिर अपने हाथ को उसकी कमर के सामने की ओर घुमाते हुए, मैंने साहसपूर्वक उसके स्तनों को दबाया और उंगलीयो से उसकी उत्तेजित निप्पल को मसल दिया।
जारी रहेगी
दीपक कुमार
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मेरे अंतरंग हमसफ़र
चतुर्थ अध्याय
लंदन जाने की तयारी
भाग -19
सपना के नग्न सौंदर्य का निरीक्षण कर उसे सराहा.
आपने "मेरे अंतरंग हमसफ़र चतुर्थ अध्याय भाग 18 में पढ़ा
फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया तो उसने मिली की तरफ उसकी इजाज़त के लिए देखा। मिली ने सिर हिलाया और फिर सपना मेरे पास आ गई और मैंने अपने हाथों को उसके शरीर पर अश्लील तरीके से घुमाया, जिसे वह रोकने के लिए कुछ नहीं कर सकती थी। फिर मैंने अपने हाथों को उसकी पीली नीली पोशाक की छाती में घुसा दिया और ऊपर को टॉप को नीचे की ओर लगभग उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके कारण उजागर हुए उसके स्तनों को मैंने पकड़ लिया और उन्हें उसके कपड़ों से बाहर खींच लिया और टॉप के फाटे हुए हिस्से को इस तरह से खींच कर फैलाया कि वे अपनी पूरी कुदरती सुंदरता में उसकी हल्के नीले रंग की पोशाक के बीच में से प्रदर्शित हों और मेरे लिए आसानी से उपलब्ध हो और उन्हें सहलाने लगा।
इसके बाद मैंने उसकी स्कर्ट की कई ढीली सिलवटों को ऊपर उठाया, उसकी पोशाक के सामने वाले हिस्से को उठा लिया, जिससे उसका योनि क्षेत्र मेरे हाथों और आंखों के सामने आ गया। अब, उसके कराहने के बावजूद, मैंने अब उसकी तनावपूर्ण जाँघों के बीच, उसकी योनी में एक उंगली घुसा दी। वह इस कामुक हमले पर चिल्लाई, मैंने उसकी पतली कमर में अपना दूसरा डाला और उसे कसकर गले से लगा लिया। बिना किसी प्रतिरोध के उसने मुझे किस करने दिया फिर अपने हाथ को उसकी कमर के सामने की ओर घुमाते हुए, मैंने साहसपूर्वक उसके स्तनों को दबाया और उंगलीयो से उसकी उत्तेजित निप्पल को मसल दिया।
आपने मेरी कहानी " मेरे अंतरंग हमसफ़र " में अब तक पढ़ा:
मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।
उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।
लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।
कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'
कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।
घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।
अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया और मैंने उसकी पीली नीली पोशाक की टॉप को उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।।
अब आगे:-
फिर मैंने सपना के टॉप को निकाल कर उसके सफ़ेद संगमरमरी बड़े दृढ़ स्तनों और शरीर के ऊपरी भाग का अनावरण किया तो लड़किया विस्मय और ईर्ष्या से देखने लगी। उसके बड़े स्तनों के बड़े घेरे के ऊपर भूरे रंग के खड़े हुए निपल्स, शंक्वाकार और नुकीले होने के कारण बाहर निक्ले हुए थे। वह अपने स्ट्रॉबेरी निपल्स को प्रदर्शित करने में गर्व महसूस कर रही थी। मैंने उसके स्तनों को दबोच कर कब्ज़ा किया और मैंने फिर उन्हें थपथपाया तो उसकी एक छोटी-सी आह निकली ।
जब मैंने ऐसा किया, तो उसके गर्वीले स्तन पहले से और दृढ़ हो गए जिसे देख वहाँ की सभी लड़कियों की आँखें प्रशंसा में थोड़ी खुली, जिससे सपना को प्रसन्नता हुई। उसके स्तन अच्छी तरह से विकसित हो चुके थे पर बिलकुल भी ढलके हुए नहीं थे, त्वचा मखमली चिकनी और समृद्ध थी, मैंने उसके निप्पलो को तब तक धीरे-धीरे घुमाते हुए उन्हें मसला जब तक कि उसका चेहरा लाल नहीं हो गया और मैंने उसके निप्पलों को भी कठोर महसूस किया।
जब मैंने उसके निप्पल खींचे और सपना ओह्ह्ह आअह्ह्ह्ह कराही तो मिली बड़बड़ायी दीपक! कृपया उसके साथ कोमल रहो। वह मेरी बहुत प्यारी और आज्ञाकारी है और अभी तक कुंवारी है और इस बीच एक हाथ से मैं अभी भी सपना की कुंवारी योनी को छूने में व्यस्त था।
संगमरमर जैसे मम्मे और मखमली चिकनी जांघें दोनों उस समय मेरे कब्ज़े में थे वह क्या बात है!
फिर मैंने उसे आगे झुकने के लिए कहा जिससे उसकी चिकनी और मखमली गांड और गोल नितमाब मेरे सामने आ गए. उसके बाद, मेरे एक हाथ ने उसकी और मखमली चिकनी जांघो को धीरे से सहलाया और उसके नितम्बो को दृढ़ता और गोल रूपरेखा को महसूस किया। वह मेरे स्पर्श से हिल रही थी। फिर मैंने उसे अपनी पैंटी उतारने का आग्रह किया और उसके हाथ अपनी प्यारी छोटी पैंटी के बीच पहुँच गए। कुछ टगिंग और झटकों के बाद उसने अपनी स्कर्ट को ढीला किया और पेंटी के सहित उसकी स्कर्ट का पूरा मध्य भाग नीचे आ गया क्योंकि उसने अपने पूरे नीचे के परिधान को नीचे खींच लिया था।
फिर मैंने उसकी सफेद झालरदार पैंटी को तब तक नीचे खींचा जब तक कि वे उसकी जांघों के चारों ओर, उसकी योनि क्षेत्र के नीचे नहीं लटक गईं। उसके नितंब गांड और योनी सब मेरी आसान पहुँच के भीतर थी और वह गुलाबी और प्यारी लग रही थी कि उसे मैं उसे सहलाने के लिए अपना हाथ उसके निचले अंगो पर ले गया।
उसके नीचे की खूबसूरत गोल गुलाबी गोल पहाड़ियाँ, बीच में उसकी गांड के नाजुक खांचे के साथ बेहद सुंदर लग रही थी। उस तनावपूर्ण मुद्रा में जिसमे सपना आगे को झुकी हुई अपना निचला पिछले भाग मुझे प्रदर्शित कर रही थी। मैं उसके गुदा के गहरे गुलाबी छेद और उसकी योनि के गुलाब की कोमल काली को उसकी, कोमल घाटी के तल पर स्थित देख रहा था और उसके नितम्बो के ताल के नीचे उसके दोनों ओर मोटे गुलाबी होंठों के साथ तंग और गर्म योनि क्षेत्र था जिसमे उसकी छोटी-सी बचकानी योनी थी। उसकी योनि आंशिक रूप से उसकी जाँघों के बीच छिपी हुई थी लेकिन उसकी योनि वहाँ अपनी उपस्थिति मुझे दर्शा रही और मैं ये पर्याप्त प्रकार से देख रहा था कि उसकी कुंवारी योनि तंग थी और वह मेरी थी। सपना और उसकी योनि किसी भी तरह से इस्तेमाल करने के लिए मेरी थी और ये बात जान कर मुझे प्रसन्नता हुई की सपना मुझे अपना ासर्वस्व समर्पण करने को तटपर थी और मेरी आज्ञाकारी थी।
मैंने हाथो की आगे बढ़ाया और उसके नितमाबो पर एक हलकी से चपत लगाई । पर मेरी हलकी चपत भी उसके नरम और नाजुक मांस के लिए काफी तेज थी और उसके मुँह से कराह निकली और फिर मैंने धीरे से उसके नितम्बो और गांड के कोमल गर्म मांस को एक ऊँगली से सहलाया। तो सपना फिर से कराह उठी।
आपने सुना होगा कि चीजों की चिकनाई की तुलना एक लड़की के नितम्बो की तरह चिकनी होने के रूप में बतायी जाती है। सपना एक बच्ची तो नहीं थी, लेकिन मैंने कभी भी किसी के नितम्बो को इतना चिकना, चमकदार, गर्म और दुलार करने योग्य महसूस नहीं किया था, क्योंकि जब मेरे हाथ उसकी चिकनी गांड पर गए थे तो बार-बार नीचे को फिसल रहे थे। इस कोमल स्पर्श के कुछ क्षणों के बाद जब सपना को कोई दर्द नहीं दिया तो वह थोड़ा आराम करने लगी। लेकिन जब मैंने उन उत्तम नितंबों के बीच मखमली के खांचे के नीचे एक उंगली धीरे से डाली तो वह एक तेज कराह के साथ मैंने उसके नितम्बो, गांड और योनि में तनाव महसूस किया तो फिर मैंने उसकी गांड और योनि के टाइट छेद जिसमे मेरी ऊँगली बड़ी मुश्किल गयी थी उसमे से ऊँगली को निकाल लिया और उसकी योनि और गांड और फिर उसके नितम्बो को सहलाया।
फिर मैंने उसे अपने हाथ की हथेली से उसके नितम्बो जो अब गुलाबी हो गए थे उसके निचले हिस्से पर हल्के से थपथपाया और कहा, "ठीक है, सपना। अब आप खड़े हो सकती हैं।"
वह झटके से सीधी हुई और मेरी ओर मुड़ गयी, शर्मिंदगी और झुकने से उसका चेहरा चमकदार लाल हो गया था। आश्चर्यजनक रूप से वह अब और भी अधिक आकर्षक और अधिक रोमांचक लग रही थी क्योंकि वह मेरे सामने खड़ी थी, वह धीरे-धीरे घूमी ताकि मैं उसकी पूरी सुंदरता का स्वाद ले सकूं।
मैंने सामने देखा तो उसका स्तन, पेट, कूल्हों और योनि क्षेत्र स्पष्ट रूप मेरे सामने थे, लेकिन उसके नंगे बाल रहित योनि के गुलाबी होंठों मेरा ध्यान सबसे ज्यादा आकर्षित कर रहे थे। पीठ में उसके नितम्बो के गालो के बीच की गहरी घाटी ने सपना के दिलकश आकर्षण को और अधिक मनोरम बना दिया। वह सर से लेकर अपने टांगो की जुराबों तक पूरी तरह से नग्न और मेरे लिए जैसे चाहे भोगने के लिए उपलब्ध थी।
मैंने सब लड़कियों का अधिक बारीकी से निरीक्षण किया कि मुझे मैं वास्तव में क्या और किसके साथ क्या काम करना है। मैंने अभी भी उसकी बांह को अपने हाथ में पकड़ रखा था और मैंने धीरे-धीरे उसे एक पूरे घेरे में घुमाया, ताकि उसे पूरी तरह से देख सकु।
मैंने उसे फिर से अपने पास खड़ा कर दिया और मैंने धीरे से अपने बाएँ हाथ की मध्यमा उंगली को उसकी मोटी छोटी जांघों के बीच में डाल दिया और ऊपर वहाँ तक ले गया, जहाँ वे उसके पेट में मिलती थी। सपना विरोध करने के लिए हिली, लेकिन मेरी ओर से एक कड़ी नज़र ने उसे आज्ञाकारी और निष्क्रिय रखा। फि मैंने उसे किसी भी तरह से चोट पहुँचाने या उसका उल्लंघन करने का कोई प्रयास नहीं किया, बल्कि उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसके पूर्वावलोकन से मिलने वाले आनद का उसे पुनः आभास करवाया।
यह अनुभव मेरे और सभी लड़कियों के लिए पूरी तरह से अद्भुत था। "ठीक है, सपना अब जाओ और अपने स्थान पर खड़ी हो जाओ।" मैंने सपना से कहा और उसका दिल खुशी से उछल पड़ा और वह तुरंत मेरे पास से आज्ञा मान अपने जगह की और चल दी तो मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।
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मेरे अंतरंग हमसफ़र
चतुर्थ अध्याय
लंदन जाने की तयारी
भाग -20
सौंदर्य निरिक्षण
आपने "मेरे अंतरंग हमसफ़र चतुर्थ अध्याय भाग 19 में पढ़ा:
मैंने अभी भी उसकी बांह को अपने हाथ में पकड़ रखा था और मैंने धीरे-धीरे उसे एक पूरे घेरे में घुमाया, ताकि उसे पूरी तरह से देख सकु।
मैंने उसे फिर से अपने पास खड़ा कर दिया और मैंने धीरे से अपने बाएँ हाथ की मध्यमा उंगली को उसकी मोटी छोटी जांघों के बीच में डाल दिया और ऊपर वहाँ तक ले गया, जहाँ वे उसके पेट में मिलती थी। सपना विरोध करने के लिए हिली, लेकिन मेरी ओर से एक कड़ी नज़र ने उसे आज्ञाकारी और निष्क्रिय रखा। फि मैंने उसे किसी भी तरह से चोट पहुँचाने या उसका उल्लंघन करने का कोई प्रयास नहीं किया, बल्कि उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसके पूर्वावलोकन से मिलने वाले आनद का उसे पुनः आभास करवाया।
यह अनुभव मेरे और सभी लड़कियों के लिए पूरी तरह से अद्भुत था। "ठीक है, सपना अब जाओ और अपने स्थान पर खड़ी हो जाओ।" मैंने सपना से कहा और उसका दिल खुशी से उछल पड़ा और वह तुरंत मेरे पास से आज्ञा मान अपने जगह की और चल दी तो मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।
आपने मेरी कहानी मेरे अंतरंग हमसफ़र में अब तक पढ़ा:
मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।
उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।
लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।
कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'
कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।
घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।
अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया और मैंने उसकी पीली नीली पोशाक की टॉप को उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसका सौंदर्य निरिक्षण किया और सपना को उसके स्थान की तरफ जाते हुए मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।
अब आगे:-
फिर मैंने मिली को अपने घुटने के ऊपर से उठाया और उसे अपने साथ बिठा कर उसे चूमा और आगे की कार्यवाही पर उसके साथ चर्चा की।
फिर मैं अपनी कुर्सी से उठा और सब लड़कियों के सामने से गुजरा और उन्हें करीब से देखा वहाँ पर उस समय वहाँ पर सबसे पहले सपना खड़ी हुई थी जो की पूरी नग्न थी, उसकी साथ में लिली सपना एमी, हुमा शबनम और अंत में डेज़ी खड़ी हुई थी और मिली मेरी कुर्सी के साथ बैठी हुई थी, तभी रोजी ख़ास पेय बना कर लायी और उसे हम सबने पिया फिर मैंने हुमा के पीछे जा कर पीछे से उसकी गुलाबी ड्रेस उतार दी और उसकी ब्रा खोली और उसकी ब्रा उसकी पोशाक पर फिसली और नीचे गिर गयी। चूंकि उसके स्तन मेरे सामने आ गए थे, उसके हाथ उनको छुपाने के लिए सहज रूप से ऊपर जाना चाहते थे, लेकिन जैसे ही उसने शर्माते हुए अपने हाथ हिलाने और ऊपर को उठाने शुरू किये तो उस समय रोजी मेरी मंशा भांप गयी थी और रोजी जो उसके लगभग सामने थी ने उसे चेतावनी में नकारात्मक सर हिला कर इशारा किया। उसे अंदेशा हुआ की इस समय मैं बहुत कामुक हूँ और जैसा की अभी तक मैंने सपना और मिली के साथ किया था इस समय मैं सभी लड़कियों के सौंदर्य का निरीक्षण करना चाहता था। इस समय मेरे मतव्य में अगर कोई भी रुकावट पेश करेगा तो वह मुझे बुल्कुल अच्छा नहीं लगेगा।
हुमा यह भी जानती थी कि मेरे द्वारा उसका मेडिकल परीक्षण नहीं किया जा रहा था, बल्कि एक दास की तरह उसका निरीक्षण किया जा रहा था ताकि ये पता लगाया जा सके की कि उसका शरीर पूरी तरह से बना हुआ है और उसकी क्या विशेषताएँ है। हुमा ने खुद को उतना अकेला और असहाय महसूस किया. जितना एक गुलाम लड़की को तब महसूस होता है जब उसे नीलामी ब्लॉक पर रखा जाता है, उसके कपड़े उतार दिए जाते हैं और सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को बेच दिया जाता है।
हालाँकि यहाँ उसे बेचा नहीं जाना था पर मैं सब अन्य लड़कियों के सामने उसे नग्न कर उसका निरिक्षण कर रहा था ।
मैंने एक बेंत जो उस कमरे में मेरी कुर्सी के पास रखी हुई थी वह उठा ली और मेरे चेहरे के भाव देखकर हुमा को यह विचार और भी अधिक सत्य लग रहा था, क्योंकि उसने कहानी की किताबों में पढ़ा था कि गुलाम लड़कियों को कोड़े के नीचे कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया जाता था और अगर मैंने उसके कपड़े नहीं उतारे होते, तो उसे बेंत मार कर नग्न होने के लिए मजबूर किया जाता। तो हुमा ने मेरे सामने उसी समय आत्मसमर्पण कर दिया वैसे भी वह मेरे से चुदाई सबके सामने करवा ही चुकी थी । वह जानती थी कि किसी भी तरह का प्रतिरोध बेकार है और वह मदद के लिए चिल्लाये तो भी उसकी सहायता करने वाला यहाँ कोई नहीं था। मिली और लिली जो की इस जगह की मालकिन थी मुझे पहले ही सबके सामने मास्टर कह सम्बोधित कर चुकी थी । इन हालात में वह केवल निष्क्रिय रह और मेरी आज्ञा का पालन कर अपनी अधीनता को स्वीकृति को प्रदर्शित कर मेरी कृपा प्राप्त करने की उम्मीद कर रही थी।
मेरे हाथ में बेंत पर मैंने दूसरा हाथ फिराया तो हुमा कांपने लगी। चोली को हटाने के बाद, मैंने उसके उजागर हुई अंगो को अच्छी तरह से देखा। मैंने परीक्षण धीरे-धीरे और इत्मीनान से किया, इसके मेडिकल होने का केवल एक छोटा-सा ढोंग करते हुए, मैंने उसकी बाहों की मांसपेशियों का निरिक्षण किया और उसकी त्वचा की कोमल बनावट को महसूस किया, और फिर मैंने अपना ध्यान उसकी टांगो की ओर लगाया।
"हुमा! आपको इन्हें भी उतारना होगा,," मैंने बेंत को उसकी लोचदार कमर पर फिराते हुए फिर उसकी पेंटी के अंदर डाल नीचे करते हुए कहा।
अबसे पहले हमेशा ऐसे किसी मौके पर मैं अपनी हमसफर को प्रिय या मेरी प्रिय कह कर सम्भोधित करता था, परन्तु इस बार मैंने सिर्फ नाम लिया और मेरी आवाज में कुछ कठोरता थी।
यह पहली बार है कि जब आप अपनी पैंटी उतारेंगी तो आपको बेंत मारी जायेगी।
ये बात सुन हुमा कांपने लगी और बाकी लड़किया सिहर गयी और फिर डरते हुए लिली ने पुछा मास्टर हुमा को किस बात की सजा मिलेगी?
मैंने कहा है कि कल अचानक मुझे छोड़ने के लिए हुमा को दंडित किया जाना है, आपको पता होना चाहिए की कल मेरे फूफा जी का फोन आया की मुझे कुछ जरूरी काम करना है तो मोहतरमा ने मेरे साथ झगड़ा किया और उस दौरान मुझे बहुत बुरा लगा और फिर ये लड़ कर मेरे को छोड़ कर चली गयी और फिर जब तक मैं लिली से नहीं मिला, मैं बहुत उदास रहा था।
अब मोहतरमा को उनके उस व्यवहार के लिए सजा मिलेगी और आप सबको इन्हे दण्डित करना होगा और इन्हे एक अच्छा व्यवहार करने वाली लड़की बने रहने का वादा करना होगा । आप अपने सुझाव दीजिये।
ये बातचीत चुपचाप सुन रही हुमा जान गयी की यह एक बेकार खतरा नहीं था और मैं उसे बेंत मार कर या ने किसी तरह से उसे दण्डित करूंगा और उसकी जांच उसके बाद भी जारी रहेगी। मेरी बेंत अभी भी उसकी पेंटी में घुसी हुई थी तो हुमा ने तुरत अपनी उंगलिया पेंटी में घुसाई और उसकी पेंटी उसके कूल्हों से नीचे की ओर फिसली और फिर उसके टखनों पर गिर गयी और वह ऐसे ही खड़ी हो गयी।
मिली बोली अगर हम बहने कोई गलती करती थी तो हमे भी सजा मिलती थी। मोहतरमा ने तो ना केवल मास्टर की अवज्ञा की है बल्कि उनसे झगड़ा भी किया है इसलिए मोहतरमा को तब तक पीटना होगा जब तक ये आपकी आज्ञा कारी होने को तैयार नहीं हो जाती। "
"हुमा उनमें से बाहर निकलो और यहाँ मास्टर के घुटनों के बल लेट जाओ," मिली ने निर्देश दिया।
जारी रहेगी
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मेरे अंतरंग हमसफ़र
चतुर्थ अध्याय
लंदन जाने की तयारी
भाग -21
सजा.
आपने "मेरे अंतरंग हमसफ़र चतुर्थ अध्याय भाग 20 में पढ़ा:
बातचीत चुपचाप सुन रही हुमा जान गयी की यह एक बेकार खतरा नहीं था और मैं उसे बेंत मार कर या ने किसी तरह से उसे दण्डित करूंगा और उसकी जांच उसके बाद भी जारी रहेगी। मेरी बेंत अभी भी उसकी पेंटी में घुसी हुई थी तो हुमा ने तुरत अपनी उंगलिया पेंटी में घुसाई और उसकी पेंटी उसके कूल्हों से नीचे की ओर फिसली और फिर उसके टखनों पर गिर गयी और वह ऐसे ही खड़ी हो गयी।
मिली बोली अगर हम बहने कोई गलती करती थी तो हमे भी सजा मिलती थी। मोहतरमा ने तो ना केवल मास्टर की अवज्ञा की है बल्कि उनसे झगड़ा भी किया है इसलिए मोहतरमा को तब तक पीटना होगा जब तक ये आपकी आज्ञा कारी होने को तैयार नहीं हो जाती। "
"हुमा उनमें से बाहर निकलो और यहाँ मास्टर के घुटनों के बल लेट जाओ," मिली ने निर्देश दिया।
मेरे अंतरंग हमसफ़र में अब तक पढ़ा:
मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।
उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।
लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।
कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'
कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।
घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।
अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया और मैंने उसकी पीली नीली पोशाक की टॉप को उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसका सौंदर्य निरिक्षण किया और सपना को उसके स्थान की तरफ जाते हुए मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।
उसके बाद हुमा चुनी गयी और मैंने उसके पकडे निकाले और चुकी वो मुझ से झगड़ कर और नाराज होकर चली गयी तो मुझे लगा उसे दण्डित किया जानना चाहिए।
अब आगे:-
हुमा माफ़ी मांगने लगी तो लिली बोली नहीं हुमा आपको माफ़ी इतनी आसानी से नहीं मिलेगी इसके लिए आपको साबित करना होगा की आप मास्टर से अपने बर्ताव के लिए शर्मिंदा हैं और अब उनकी आज्ञाकारी हैं आप सबसे पहले घुटनो के बल होकर मास्टर से माफ़ी मांगो
हुमा हो लग रहा था कि बेंत के मार के सामने ये सजा बहुत कम है। हुमा तुरंत घुटनो के बल हो गयी तो सपना बोली अब ऐसे ही घुटनो के बल चलते हुए मास्टर के पास जाओ और उनसे माफ़ी मांगो
हुमा ने अपने हाथ जोड़े और घुटनो के बल धीरे-धीरे चलती हुई मेरे पास आयी तो डेज़ी बोली अब मास्टर के हाथ चूमो और पैर चाटो तो हुमा ने मुँह आगे किया और मेरे हाथ चाटे और फिर मेरे पैर। चाटने लगी । मुझे भी अब मजा आने लगा ये तो मेरी सोची हुई सजा से भी बेहतर था ।
फिर शबनम बोली अब हुमा आप अपने स्तनों को मरोडो और निप्पलों को खींचो और मास्टर के सामने पेश कर उन्हें मसलने और खींचने के लिए प्राथना करो ।
तो हुमा उसकी बात का पालन करते हुए अपने स्तनों को दबाने लगी और अपने निप्पलों को मसलने लगी तो उसके स्तन उत्तेजना में खड़े हो गए और फिर खींच कर मेरे सामने पेश कर बोली मास्टर। प्लीज इन्हे मसलन और खींच कर मुझे सजा दीजिये और प्लीज मुझे माफ़ कर दो
डेज़ी ने हुमा को बोला इन्हे खींच कर मास्टर के मुँह में डालो और फिर मैंने उसके निप्पल को हलके से दांतो से कुत्रा तो हुमा कराहने लगी और बोली आअह्ह्ह मास्टर प्लीज अब मुझे माफ़ कर दो । अब फिर कभी आपको अवज्ञा नहीं करुँगी ।
एमी बोली हुमा आप मास्टर को किश कर मास्टर के हाथ अपने स्तनों पर ले जाएये और मास्टर आप इनके स्तन और फिर नितम्बो को दबाइये हुमा मेरे हाथ अपने स्तनों पर ले गयी और मुझे किस करने लगी और फिर मेरे दुसरे हाथ को अपने नितम्बिओ पर ले गयी और फिर हमने किस की और मैंने उसके स्तन और नितम्ब दबाये और जब हम सांस लेने को रुके तो ।
"अब हुमा फिर से घुटनो के बल बैठो और-और उन्हें और सब लड़कियों के पैरो को चूमो और उन्हें धन्यवाद दो की उन्होंने आपको सजा दी है," मिली ने निर्देश दिया।
अब तक हुमा सब की बात बिना किसी विरोध के मानने लग गयी थी और वह झुकी और मेरे पैरो को चाटा और मुझे बोली मास्टर मुझे सजा देने के लिए आपका धन्यवाद । इससे मुझे मेरा व्यवहार सुधारने में सहायता मिलेगी और आप मुझे माफ़ कर दीजिये और फिर सब लड़कियों के पैरो को चूमा और उन्हें धन्यवाद बोला फिर मेरे पास आयी।
मिली बोली हुमा तुमने जितना तुमने अपराध किया है उसके लिए इतनी सजा काफी नहीं है तुमने न केवल मास्टर की अवज्ञा की है बल्कि उनसे लड़ाई भी की है, उन्हें दुःख पहुँचाया है परेशान किया है और फिर बिना उनकी आज्ञा के उनको छोड़ कर चली गयी थी इसलिए तुम्हे अभी और सजा मिलनी चाहिए जाओ अब मास्टर के घुटनो पर पेट के बल लेट जाओ
मैं बैठ गया और मिली ने हुमा को मेरी गोद में नीचे की ओर मुंह करके लेटने का इशारा किया।
हुमा रुआँसी हो गयी थी, हुमा ने मोज़े और जूतों के अलावा कुछ भी नहीं पहना हुआ था। किसी भी लड़की ने अब एक शब्द भी नहीं कहा । निराशा और डर के साथ-साथ हुमा को उसकी सबसे बड़ी शर्मिंदगी के साथ अपनी सभी गलतियों का पता चला और हुमा ने अपनी गलतियों को स्वीकार किया इसलिए वह उसने बेंत को मुँह से उठाया और मेरे पास आकर बोली मास्टर अब मैं आपसे याचना करती हूँ की आप मुझे इस बेंत से सजा दीजिये।
मैंने बेंत पकड़ी और फिर अपना शर्मिंदा चेहरा छिपाने के लिए बहुत उत्सुक हुमा तुरंत मेरे घुटनों पर नीचे मुँह करके लेट गयी।
हुमा का चेहरा बहुत प्यारा थाl, जब वह मुस्कुराती थी तो गालो में डिंपल पड़ते थे जिससे उसकी खूबसूरती में भी चार चाँद लग जाते थे। उसकी भी छोटी-योनि थी जिसपे हलके-हलके रुए थे जो नरम और सुनहरे रंग के थेl
जैसे ही हुमा मेरे अपने घुटनों के ऊपर सही ढंग से लेटी और मुझे उसके शानदार नग्न पिछवाड़े के आकर्षणों का दीदार प्रदान किया।, मैंने उसके पीछे के हिस्से और नितम्बो पर देखा तो मैं उसकी चिकनी गांड और नितम्बो पर मोहित हो गया और उन्हें पहले सहलाया और फिर उसके नंगे नितम्बो पर-पर चुटकी काटी जिससे उसे दर्द हुआ और वह दर्द से आह-आह करती हुई कराहने लगी। छड़ी मेरे हाथो से नीचे गिर गयी ।
हुमा के बदन पर सर और आँखों की पलकों और भोहों को छोड़ कर बाल का नाम और निशाँ नहीं था हुमा की बिलकुल चिकनी और दाग रहित त्वचा थी जिसे सहलाने और चुने भर से मेरा तना हुआ हथियार हिचकोले खाने लगा और फुफकारने लगा ।
हुमा अपनी-अपनी पूर्ण नग्न अवस्था के कारण शर्मसार थी ऊपर से सभी लड़कियों के सामने उसे सजा दी जा रही थी जो की उसके लिए अपमानजनक भी था परन्तु गलती उसी की थी । इसलिए उसका बदन शर्म और आशंका से कांप रहा था और लाल हो चला था ।
उसकी चिकनी और मखमली गांड और गोल नितम्ब मेरे सामने थे । उसके बाद, मैंने उसकी मखमली चिकनी जांघो को धीरे से सहलाया और उसके नितम्बो को दृढ़ता और गोल रूपरेखा को महसूस किया।
और उसकी गांड के छोटे से गुलाबी छेद को देख मैंने अपने ऊँगली उसकी अंदर घुसाई तो वह बहुत टाइट था और ऊँगली अंदर नहीं घुस पायी और हुमा कराहने लगी । फिर मेरा हाथ उसके योनि के निचले हिस्से और गांड के छेद के बीच गया और मैंने वहाँ कुछ देर अपनी उंगलिया चलाई और फिर मेरा हाथ उसके नीचे से दिख रही बाल रहित योनि पर चला गया। उसके गोल नितंब चिकनी और टाइट गांड और मेरी द्वारा चुद चुकी बाल रहित योनी सब मेरी आसान पहुँच के भीतर थी और वह गुलाबी और प्यारी लग रही थी कि उसे मैं उसे सहलाने के लिए अपना हाथ उसके निचले अंगो पर घुमाते हुए उसकी नाभि और कमर तक ले गया। मेरा हाथ जब भी उसकी किसी नए अंग को छूता था वह कराहने लगती थी और मेरा लंड कसमसाने लगता था ।
उसके नीचे की खूबसूरत गोल गुलाबी गोल नितम्बो बीच में उसकी नाजुक गांड बेहद सुंदर लग रही थी। उस तनावपूर्ण मुद्रा और हलात में हुमा आगे को झुकी हुई अपना निचला पिछले भाग मुझे प्रदर्शित कर रही थी। उसकी गुदा का छोटा-सा गुलाबी छेद और उसकी बाल रहित छोटे-छोटे नरम रोयों वाली छोटी से तंग छेद वाली योनि को कोमल कली उसकी, कोमल घाटी के तल पर स्थित किसी भी तरह से इस्तेमाल करने के लिए मेरी थी और अब मेरे को समर्पित थी ।
जब मेरे हाथ उसकी चिकनी गांड पर गए थे तो बार-बार फिसल रहे थे। जब मैं उसके नितम्बो और गांड के निरीक्षण को और लंबा नहीं कर सका, तो मैंने उसके नितम्बो, गांड, योनि, टांगो कमर और पीठ को और जांघों को प्रशंसा पूर्वक सहलाते हुए हुमा को खड़े होने की आज्ञा दी। वह बोल रही थी वह प्लीज मसस्टर मुझे माफ़ कर दो और अब मेरी हर आज्ञा मानेगी तो मैंने उसकी आज्ञाकारिता को आजमाने का फैसला किया और बोला हुमा बोलो हुमा तुम ही बताओ अब तुम्हे अब क्या सजा मिलनी चाहिए क्योंकि अभी तुम्हारी सजा पूरी नहीं हुुइ है ।
हुमा नीचे झुकी और अपने मुँह में छड़ी उठायी और मुँह मेरी तरफ घुमा दिया और बोली मास्टर आप जो सजा दोगो मुझे मंजूर है और मेरे सामने झुक गयी और अपने हाथों से अपने टखनों को छूआ और अपना पिछवाड़ा सजा के लिए प्रस्तुत कर दिया। मैंने सब लड़कियों को और देखा, सब दरी हुई थी और चुप थी और अब मैंने अपना हाथ जिसमे वह छड़ी थी ऊपर उठाया तो रोजी बोल उठी मास्टर! कृपया रुकिए! मेरे निवेदन पर आप हुमा को इस बार क्षमा कर दे ये इसकी पहली भूल है और हुमा को अपने भूल का आभास हो गया है और उसने आपसे माफ़ी भी मांग ली है आप बहुत दयालु है और आपको हुमा बहुत प्यारी भी है । कृपया मेरे अनुरोध पर आप उसे उसके इस पहले अपराध पर अब क्षमा कर दे।
रोजी के इस प्रस्ताव का सबसे पहले एमी ने अनुमोदन किया और बोली दीपक आप मेरा भी अनुरोध मानिये और इसे अब क्षमा कर दीजिये । । इसके तुरंत बाद सभी लड़किया जो पहले चुप थी अब सब एक सुर में बोली मास्टर अब आप हुमा को क्षमा कर दीजिये । मैंने मिली से पुछा आपकी क्या राय है, मिली?
तो वह बोली हम सब आपके गुस्से को देख डरी हुई थी परन्तु अब सबने थोड़ा साहस जुटा लिया है और आपसे प्राथना है उसे इस बार क्षमा कर दीजिये ।
तो मैंने हुमा से पुछा हुमा तुम्हारी अब क्या इच्छा है तो हुमा बोली मास्टर आप मुझे थोड़ी-सी सजा आवश्य दीजिये ताकि मैं अपना ये सबक याद रखूँ और कभी कोई गलती न करूँ ।
तो मैंने रोजी से कहा रोजी ये आपका प्रस्ताव था की इसे क्षमा कर दिया जाए और हुमा चाहती है उसी थोड़ी-सी सजा जरूर दी जाए । तो मुझे लगता है इसे थोड़ी सजा मुझ से जरूर मिलनी चाहिए और उसकी गांड पर मैंने बहुत हलके हाथ से एक प्यार भरी चपत लगा कर मैं मुस्कुरा दिया और हुमा को पकड़ आकर अपने और खींच लिया और उसे चुंबन करते हुए उसके स्तन दबा कर बोला अब कभी मुझे ऐसे मत सताना ।
अब मुझसे हुमा सपना और मिली का कोई शारीरिक रहस्य नहीं बचा था। मैं इस दौरान अपनी भावनाओं का वर्णन नहीं कर सकता मेरा लंड बहुत उग्र था।
"हुमा बहुत ही सुन्दर और प्यारी युवती है। मैंने अंत में घोषणा की, उसके नंगे कंधे पर अपना हाथ रखते हुए, मैंने मिलि की ओर रुख किया। हुमा चिकित्सा और कलात्मक दोनों दृष्टिकोण से बिल्कुल सही सुंदर और प्यारी है। एक प्रेमी के रूप में, मैंने कई नग्न युवतियों को देखा है, लेकिन हुमा जैसी कोई नहीं है। मुझे यकीन है कि आप सब को इस खेल में आनंद आ रहा है। फिर हुमा को चूमते हुए ठीक है, मेरी प्रिय, अब आप अपने स्थान पर खड़ी हो सकती हैं," मैंने हुमा से कहा.
जारी रहेगी
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मेरे अंतरंग हमसफ़र
चतुर्थ अध्याय
लंदन जाने की तयारी
भाग -22
मिली उस्ताद.
आपने "मेरे अंतरंग हमसफ़र चतुर्थ अध्याय भाग 21 में पढ़ा:
तो मैंने रोजी से कहा रोजी ये आपका प्रस्ताव था की इसे क्षमा कर दिया जाए और हुमा चाहती है उसी थोड़ी-सी सजा जरूर दी जाए । तो मुझे लगता है इसे थोड़ी सजा मुझ से जरूर मिलनी चाहिए और उसकी गांड पर मैंने बहुत हलके हाथ से एक प्यार भरी चपत लगा कर मैं मुस्कुरा दिया और हुमा को पकड़ आकर अपने और खींच लिया और उसे चुंबन करते हुए उसके स्तन दबा कर बोला अब कभी मुझे ऐसे मत सताना ।
अब मुझसे हुमा सपना और मिली का कोई शारीरिक रहस्य नहीं बचा था। मैं इस दौरान अपनी भावनाओं का वर्णन नहीं कर सकता मेरा लंड बहुत उग्र था।
"हुमा बहुत ही सुन्दर और प्यारी युवती है। मैंने अंत में घोषणा की, उसके नंगे कंधे पर अपना हाथ रखते हुए, मैंने मिलि की ओर रुख किया। हुमा चिकित्सा और कलात्मक दोनों दृष्टिकोण से बिल्कुल सही सुंदर और प्यारी है। एक प्रेमी के रूप में, मैंने कई नग्न युवतियों को देखा है, लेकिन हुमा जैसी कोई नहीं है। मुझे यकीन है कि आप सब को इस खेल में आनंद आ रहा है। फिर हुमा को चूमते हुए ठीक है, मेरी प्रिय, अब आप अपने स्थान पर खड़ी हो सकती हैं," मैंने हुमा से कहा।
आपने मेरी कहानी "मेरे अंतरंग हमसफ़र में अब तक पढ़ा:
मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।
उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।
लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।
कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'
कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।
घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।
अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया और मैंने उसकी पीली नीली पोशाक की टॉप को उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसका सौंदर्य निरिक्षण किया और सपना को उसके स्थान की तरफ जाते हुए मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।
उसके बाद हुमा चुनी गयी और मैंने उसके पकडे निकाले और चुकी वो मुझ से झगड़ कर और नाराज होकर चली गयी तो मुझे लगा उसे दण्डित किया जानना चाहिए। मैंने हुमा को हलकी से सजा दी और उसे माफ़ कर दिया।
अब आगे:-
मैंने लिली की तरफ देखा और मेरी गोरी मेजबान वैसा ही पारदर्शी गुलाबी गाउन पहने हुई थी, जिसमे मैंने उसे पहली बार देखा था जो ऊपर से खुला था, जिससे उसकी आकर्षक दूधिया छाती के ऊपरी भाग प्रदर्शित हो रहे थे वह केवल पेट के पास एक डोरी से बंधा हुआ था और उसकी गोरी लम्बी और चिकनी टाँगे जिनमे उसने खूबसूरत ऊँची ऐडी की सैंडल पहन रखी थी। उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था।
उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। यह वास्तव में बहुत सुंदर थी और उस समय मेरे सामने अर्ध-नग्न थी और थोड़ा शर्मा रही थी। उसके गोरे गाल शर्म से लाल हो चमक रहे थे, उसके प्यारे चमकदार कंधे और उसकी उत्तम छाती लगभग पूरी तरह से नग्न थी!
अपना हाथ आगे बढ़ा कर मिली ने लिली को अपने पास बुलाया तो लिली ने मिली का हाथ थोड़ा ऊपर किया तो उसकी गाउन उसकी छाती से थोड़ी दूर एक तरफ गिर गई और अब वह ऊपर से लगभग पूरी तरह से नंगी थी और उसके हाथीदांत के दो सबसे उत्कृष्ट गोल, पूर्ण और पॉलिश किए हुए सफ़ेद संगेमरमर के गोल स्तन दिखने लगे, बल्कि उस संगेमरमर के ऊपर सजा हुआ गुलाबी मूंगा भी बाहर निकल आया, जो उनमें से प्रत्येक को सुशोभित कर रहा था।
वह पूर्ण अंडाकार सुंदर चेहरे के साथ स्त्री सौंदर्य की एक आदर्श आकृति थी! गुलाब के फूल जैसा मुँह और चेरी जैसे होंठ, छोटे-छोटे कान, उत्तम गोल चमकदार कंधे, पूर्ण और सुंदर भुजाएँ, लहराती हुई उत्तम छाती, गोल सुदृढ़ और मोठे स्तन जिन्हे सहलाने और धीरे से दबाने का सौभाग्य एक बार फिर प्राप्त करने के लिए व्याकुल हो गया।
'लिली, अब तुम्हारी बारी है!' मैंने कहा; 'प्रिय अपने वस्त्र निकालो और सबके सामने अपनी सुंदरता का नग्न प्रदर्शन करो । एमी उसकी नाइटी को उतारने में उसकी मदद करें!' उसके सुंदर स्तन गोल, मोटे और मज़बूत दिखने वाले थे। एक क्षण में लिली के गाउन की डोरी एमी ने खोली और लिली की जाँघों थोड़ी अलग हो गयी और उसकी गाउन उनके बीच गिर गई और वह अब सबके सामने नग्न खड़ी थी, मैं उसके प्यारे, प्यारे चुलबुले स्तनों को अपने कब्जे में लेना चाहता था ताकि मैं उन्हें अपने हाथ में के कर दबाने के बाद, उन्हें और उनके गुलाबी चुचकों को मेरे मुंह से चूसूं! और उसने अपने स्तनों की गोलाई और सुंदर रूप को मुझे पूरी तरह से दिखाया, जिससे मेरी कामोतेजना और उसे पाने की इच्छा और अधिक भड़क गयी। मिली जानती थी लिली मुझे उत्तेजित कर रही है, क्योंकि वह मेरे उत्तेजित हृदय की धड़कन को मेरे तेज साँसों से महसूस कर रही थी। पतली लिली कामुकता का एक सुंदर दृश्य पेश कर रही थी। मेरे और उसकी बड़ी बहन मिली के लिए यह दृश्य परिचित था, लेकिन बाकी लड़कियों और एमी के लिए यह एक रहस्योद्घाटन था जिसके कारण प्रशंसा के लिए शब्द नहीं ढूँढ पा रही थी।
एमी की टूटी हुई सांस ने मुझे बताया कि उसकी बहन की नग्न सुंदरता की दृष्टि उसे कितना प्रभावित कर रही थी, जबकि बाकी लड़कियों बस निर्विवाद आनंद से रोमांचित थी, उनकी आँखें लगभग आश्चर्यजनक रूप से सुनहरे बालों के शानदार धन पर टिकी हुई थीं जो कि लिली के शुक्र पर्वत पर बढ़ीं और उसकी योनी को आश्रय दिया। । हमने लिली को धीरे-धीरे घुमाया, जैसा कि उसकी बहन ने किया था, उसकी आकर्षक कोमलता के तमाशे में आनंदित होना; और जब उसने फिर से हमारा सामना किया, उसके गाल लाल हो गए, मैंने चुपके से मिली की आंखों को देखा क्योंकि वे अपनी बहन के स्वेच्छा से नग्न शरीर, उसके स्वादिष्ट स्तनों और उसके सुनहरे बालों वाली योनी पर घूमते थे।
कामोतेजना के कारण मैं अपने ओंठो पर जीभ फेर रहा था और मिली मेरे को देख कर शायद समझ गयी की मेरे को प्यास लगी है। बोली पानी चाहिए आपको मेने कहा हाँ। ठीक है अभी लाती हूँ कह कर लिली पलट कर पानी लेने चल दी। जैसे ही वह पल्टी सबसे पहले मेरी नजर उसके भारी भरकम चूतडो पर गयी। लिली के चूतड शानदार, कूल्हों चौड़े और बडे थे। उसने ऊँची ऐडी की सैंडल पहन रखी थी। जिस की वजह से जब वह चल रही थी तो उसके चुतड बहुत ही मस्ताने ठंग से मटक रहे थे और ज्यादा बड़े लग रहे थे।
एक तो उसको आगे से देख कर ही मेरा बुरा हाल था अब तो मैंने उसको पीछे से भी देखा लिया था मेरा लंड तो बिलकुल ही आपे से बाहर हो गया। वोह भी शायद जानती थी की उसके चूतडो का मुझ पर क्या असर होगा क्योकी लिली को पता था कि भारी चूतड मुझ को कितने पसन्द हैं। इसलिये मेज तक जाने में जहाँ पर पानी का जग रखा था उसने बहुत देर लगायी जिस से मैं जी भर कर उसके चूतड और उनका मटकना देख सकूं।
फिर उसने जग उठाया और मेरी तरफ़ देखते हुये और मटक कर उसने गिलास में पानी भरना शुरु किया। वह मुझ को देख कर मस्ती भरी नजरो से मुस्कुरा रही थी। पानी भरकर वह मेरी तरफ़ चल दी। उसने ऊँची ऐडी के सैंडल पहन रखे थे और जिस तरह से वह चूतड मटका के चल रही थी उसकी वजह से उसके बडे-बडे मम्मे जोर-जोर से उछल रहे थे।
मिली ने लिली से पानी का गिलास पकड़ा और मुझे पानी पिलाने लगी और पानी पीला कर गिलास उसको दे दिया। मैंने उसका हाथ अपने हाथो में लिया और बोला लिली तुम तो सेक्सी हो। मेरा लंड अब पुरी तरह टनटनाया हुआ है और पैन्ट फाड कर बाहर आने को तैयार है।
फिर मिली ने मेरा कुरता उतारा और अपनी एक उँगली को अपने थूक से गिला करके मेरे बाँये निप्पल पर फिराने लगी और उसका दुसरा हाथ मेरी छाती पर धीरे-धीरे चल रहा था। वह मुझे मस्त कर रही थी। थोडी देर इसी तरह से मेरे निप्पल पर हाथ फेरने के बाद उसने अपना मुँह मेरे निप्पल पर रख दिया और उसे अपने होंठो के बीच लेकर चुसने लगी। उसके ऐसा करने से मेरे मुँह से एक दम से एक आह निकल गयी। इसका सीधा असर मेरे लंड पर हुआ। वोह मस्ती में एक दम कडा को गया। अब उसका मेरी पैन्ट में रहना बडा ही मुश्किल था।
फिर मेरे दुसरे निप्पल को अपने हाथ के नाखून से जोर-जोर से कुरेद रही थी। एक तो निप्पल चुसे जाने की मस्ती दूसरा निप्पल कुरेदे जाने की वजह से होता दर्द ने मुझे तो स्वर्ग में पहुँचा दिया था। इस बेइन्तेआह मस्ती के कारण मेरे मुँह से आह! ओह! के आवाज निकल रही थी। मैने अपने हाथ उसकी पीठ और एक बाँह पर रख रखा था। एक हाथ से उसकी बाँह मसल रहा था और दुसरे हाथ उसकी पीठ और कमर पर फेर रहा था। वोह करीब 3-4 मिनट तक ऐसे ही करती रही फिर पर्ल बाँयी निप्पल छोड कर दाँयी निप्पल को चुसने लगी और बाँयी निप्पल को नाखुनो से कुरेदने लगी।
दुसरे निप्पल को अच्छी तरह से चुसने के बाद ही उसने मेरे को छोडा। फिर मिली ने मेरी और देख कर आँखो में आँखे डाल कर पूछा कैसा लगा निप्पल चुसवाना। मैं बोला क्या बताँऊ बस इतना कह सकता हूँ कि मुझे अभी बहुत कुछ सीखना है। लिली में बताया था आप सेक्स के मामले में उस्ताद हो । मैं आपको अपनी सेक्स गुरु बनाना चाहता हूँ। सीखाओगी गुरु जी। ये सुन कर उसने मेरे होंठो पर किस कर लिया और बोली तुम बिल्कुल मेरे सब्से सच्चे चेले कहलाने के लायक हो वैसे तो तुम्हे बहुत कुछ आता है और तुम हीरे के जैसे हो पर थोड़ी-सी पोलिश से सेक्स में निखर जाओगे। मिली बोली जरूर सिखाऊंगी और फिर कैसाउस्ताद अगर उसका कोई चेला ही ना ही और फिर आखिर उस्ताद होती किस लिये है।
मैंने कहा उस्ताद इसमें प्रैक्टिकल भी होंगे?
उस्ताद का तो ये फर्ज है के उसके चेले को पूरी शिक्षा दे प्रेक्टिकल के साथ जिससे की कोई ये ना कह सके की उसको कुछ भी नहीं आता है। अब मैं तुम्हारी सेक्स उस्ताद बनूंगी तो ये फर्ज जरूर पूरा करुँगी। मिली बोली।
उसके मुहँ से ये बात सुन कर मैं बोला गुरु जी आपके विचार कितने उत्तम हैं।
तो दोस्तों कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।
आपका दीपक
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मेरे अंतरंग हमसफ़र
चतुर्थ अध्याय
लंदन जाने की तयारी
भाग -23
मिली ने दिया पहला सेक्स ज्ञान.
मेरे अंतरंग हमसफ़र, चतुर्थ अध्याय भाग 23 में पढ़ा:
दुसरे निप्पल को अच्छी तरह से चुसने के बाद ही मिली ने मेरे को छोडा। फिर मिली ने मेरी और देख कर आँखो में आँखे डाल कर पूछा कैसा लगा निप्पल चुसवाना। मैं बोला क्या बताँऊ बस इतना कह सकता हूँ कि मुझे अभी बहुत कुछ सीखना है। लिली में बताया था आप सेक्स के मामले में उस्ताद हो । मैं आपको अपनी सेक्स गुरु बनाना चाहता हूँ। सीखाओगी गुरु जी। ये सुन कर उसने मेरे होंठो पर किस कर लिया और बोली तुम बिल्कुल मेरे सब्से सच्चे चेले कहलाने के लायक हो वैसे तो तुम्हे बहुत कुछ आता है और तुम हीरे के जैसे हो पर थोड़ी-सी पोलिश से सेक्स में निखर जाओगे। मिली बोली जरूर सिखाऊंगी और फिर कैसाउस्ताद अगर उसका कोई चेला ही ना ही और फिर आखिर उस्ताद होती किस लिये है।
मैंने कहा उस्ताद इसमें प्रैक्टिकल भी होंगे?
उस्ताद का तो ये फर्ज है के उसके चेले को पूरी शिक्षा दे प्रेक्टिकल के साथ जिससे की कोई ये ना कह सके की उसको कुछ भी नहीं आता है। अब मैं तुम्हारी सेक्स उस्ताद बनूंगी तो ये फर्ज जरूर पूरा करुँगी। मिली बोली।
उसके मुहँ से ये बात सुन कर मैं बोला गुरु जी आपके विचार कितने उत्तम हैं।
आपने मेरी कहानी " मेरे अंतरंग हमसफ़र" में अब तक पढ़ा:
मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।
उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।
लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।
कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'
कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।
घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।
अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया और मैंने उसकी पीली नीली पोशाक की टॉप को उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसका सौंदर्य निरिक्षण किया और सपना को उसके स्थान की तरफ जाते हुए मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।
उसके बाद हुमा चुनी गयी और मैंने उसके पकडे निकाले और चुकी वो मुझ से झगड़ कर और नाराज होकर चली गयी तो मुझे लगा उसे दण्डित किया जानना चाहिए। मैंने हुमा को हलकी से सजा दी और उसे माफ़ कर दिया।मिली ने अपने सेक्स ज्ञान का मुझे थोड़ा सा नमूना दिया तो मैंने उसे तुरंत अपना सेक्स गुरु बना लिया।
अब आगे:-
मैंने कमरे में चारो और देखा वह कक्ष बहुत बड़ा था और इसमें कई प्रकार के तकियों से सजा हुआ एक विशाल बिस्तर था। एक पूरी दीवार पर एक जंगल का दृश्य के रूप में चित्रित किया गया था जिसमें नग्न लड़किया और नग्न अप्सराओं झरनो और तालाब में स्नान कर रहे थे और झरने के बगल में घास के मैदान में एक बहुत सुंदर लड़की को एक युवक चोद रहा था और एक उतनी ही सुंदर लड़की तालब में पूल में उन्हें चुदाई करते हुए देख रही थी और कुछ लड़किया वहाँ उत्साह में नाच रही थी और कुछ लड़किया शराब और खाना परोस रही थी। यह कमरा जाहिर तौर पर निजी प्रकृति के मनोरंजन के लिए था।
मिली बोली दीपक आपका प्रक्षिक्षण अब शुरू हो रहा है और फिर मिली ने अपने होठं मेरे होठ से लगा दिये और एक किस ले लिया। फिर मिली ने अपने हाथ मेरी गर्दन के पीछे ले जाकर मेरा मुँह को अपनी तरफ खीचा और अपनी जीभ निकाल कर मेरे होंठो पर जीभ फिराने लगी। उसके थोडी देर इसी तरह से जीभ फिराने के बाद मैंने उसका निचला होंठ अपने होंठो के बीच पकड लिया और फिर उस पर जीभ फिराने लगा।
मैं उसके होंठो को चुसने से पहले मैं गीला कर देना चाहता था। थोडी देर तक इसी तरह उसके होंठो को गिला करने के बाद मैने उसके होंठ चुसने शुरू कर दिये। मैं बहुत जोर-जोर से उसके होंठो को चूस रहा था। इस बीच लिली भी अपनी जीभ निकाल कर मेरे उपरी होंठ के उपर फिरा रही थी और साथ ही साथ अपना बहुत-सा थूक अपने नीचले होंठ के पास जमा कर रही थी जिस से मैं ज्यादा से ज्यादा उसके स्वादिष्ट थूक को पी सकूँ। मैं भी हर थोडी देर में नीचले होंठ को छोड कर उसका थूक अपनी जीभ की मदद से उसके होंठो पर मलने लगता और अच्छी तरह से मल कर फिर से उसके होंठ को चुसने लगता करीब 2 मिनट तक मैं ऐसा ही उसके साथ करता रहा।
फिर उसने मेरा निचला होंठ छोड कर मेरा उपरी होंठ अपने दोनों होंठो के बीच पकड लिया और उसको भी अपने थूक से गीला कर दिया। मिली ने भी मेरा नीचला होंठ अपने थूक से गिला कर दिया था। थोडी देर तक वह मेरे होंठ को गीला करती रही और-और मैं उसके ओंठ चुसता रहा फिर एक दम से मैंने अपनी जीभ को नुकीला कर के उसके दाँतों और होंठो के बीच डाल दी और उसके दाँतों पर फिराने लगा। वोह भी अपनी जीभ को नुकीली बना कर मेरे जीभ के नीचे गोल-गोल घुमाने लगी। जिससे उसकी जीभ से लार निकल कर मेरे मुहँ में गिरने लगी और मेरी जीभ के नीचे जमा होने लगी।
थोडी देर इसी तरह से उसके दाँत और होंठ के बीच की और उसके जीभ से टपकती लार मेरे मुँह में जमा हो गयी। फिर मैंने मिली के होंठ मुँह में लेकर चूसने लगा तथा साथ ही साथ मुँह के अन्दर जमी स्वादिष्ट लार को भी मैं पी गया। ये लार मेरे लिये अमृत थी। फिर थोडी देर तक इसी तरह मैं उसका होंठ चुसता और लार पीता रहा। फिर मिली ने आखरी बार मेरे होंठो पर अपने होठ रखे और एक गहरा चुम्बन लेकर मेरे से अलग हो गयी। फिर मैंने पूछा मजा आया दीपक।
तो मैं बोलै हाँ गुरूजी बहुत मजा आया।
तुम तो बहुत ही अच्छी किस करते हो दीपक। मैं तो सोच रही थी तुमको किस करने की भी ट्रेनिग देनी पडेगी लेकिन ऐसा लगता इसकी कोई जरूरत नहीं है। मैंने कहा ट्रेनिग कि जरूरत तो मुझे है क्योकि चाहे जितना भी अच्छा किस मैं करता हूँ पर तुमसे अच्छा तो नहीं कर सकता। मिली बोली वोह तो तुम ठीक ही कह रहे हो राजा! ठीक है मैं तुम को पुरी तरह ट्रेन कर दूँगी और लगता है तुम मेरा सारा अनुभव और ज्ञान लूट लोगों। फिर मिली बोली तुम्हारी मस्ती होंठ चूसायी के कारण बढ चुकी है।
मैं हैरान हुआ और मिली को प्रणाम कर बोलै गुरूजी ये आपकी कैसे पता चला की मेरी मस्ती बहुत बढ़ चुकी है? क्योंकि मेरे लंड का तनाव मस्ती से बहुत बढ़ चूका था
मिली बोली लुंगी में छुपा हुआ नाग बारी-बारी अपना सर उठा कर फुफकार रहा है उसी से मुझे पता लगा । सभी लड़किया हमे किश करते हुए देख कर गर्म हो रही थी और तभी मेरा ध्यान लिली की तरफ गया जो हमे किस करते हुए बड़ी गौर से देख रही थी ।
' मिली मेरे साथ बैठी हुई लिली के दिव्य रूप, सौन्दर्य, यौवन, चमक उत्साह को देख आसक्त लग रही थी।
क्या आपने लिली को इस तरह पहले नहीं देखा है? 'मैं मिली के कान में फुसफुसाया तो मिली शरमा गई।' नहीं! 'उसने धीरे से उत्तर दिया-' लिली छोटी थी जब मैंने उसे आखिरी बार पूरी नंगी देखा था-दीपक, उसे देख कर मुझे लगता है कि मुझे पुरुष होना चाहिए था, उसकी खातिर! '-और वह हसने लगी जबकि एमी जो हमारे पीछे खड़ी थी उसने भी मिली का हसी में साथ दिया।
'तब तो आप निश्चित रूप से इस समय मेरी संवेदनाओं को समझ पाती कर सकते हैं, प्रिय मिली!' मैंने उसके स्तनों से प्रेमपूर्वक खेलते हुए कहा।
'दीपक, जिस चीज पर मैं बैठी हुई थी मैं उसकी धड़कन और चुभन से अभी भी उन संवेदनाओं का अनुमान लगा सकती हूँ!' मिली ने जवाब दिया और उसने खुद को मेरे घुटनों पर दबाया और मुझ पर मुस्कुरा दी और दीपक अब आपको लिली के मिलवाना ही पड़ेगा।
लिली जैसे खड़ी थी उसमे उसकी बाहें, एक आकर्षक स्थिति में मुड़ी हुई थीं, जो उसकी बगल के गड्ढे के नीचे बालों की हलकी-सी वृद्धि दिखा रही थी। उसकी छाती नग्न थी और उसके दो अनमोल नग्न स्तन, गोल और दृढ़, इतनी खूबसूरती से रखे हुए थे जैसे दो प्यालो को उलटे रखा गया हो और उनपर दो बड़े अंगूर लगा कर उन्हें सजाया गया हो और उसका पूरा शरीर उसकी पतली कमर तक पूरा नग्न था।
लिली के समतल पेट का साफ़ चौड़ा मैदान कर उसने कमर में सुंदर आकर्षक कमरघनी पहनी हुई थी जो उसकी नाभि के आरपार गुजर रही थी और फिर उसका शानदार योनि क्षेत्र था और उसके नीचे उसकी सुंदर चिकनी टाँगे सब बिलकुल आकर्षक और शानदार था! उसकी शानदार नग्नता को देखने के बाद कोई भी उसको प्राप्त करने के लिए उत्सुक हो जाता, लिली के कामुक आकर्षण के प्रदर्शन के बाद उसके निकट संपर्क का भड़काऊ प्रभाव और उसके स्तनों को संभालने से उत्पन्न उत्तेजना ने मुझे कामुक आग में झोक दिया था, मैंने इस समय छूने उसकी योनी को छूने की हिम्मत नहीं की। लुंगी के अंदर मेरा लंड लोहे की छड़ की तरह था और फुफकार रहा था।
मैंने अपने कंधे पर एमी को देखा। वह अभी भी लिली को गौर से देख रही थी और जाहिर तौर पर उसकी नग्न सुंदरता से बहुत उत्साहित थी। उसकी आँखें चमक रही थीं, उसके होंठ आंशिक रूप से खुले हुए थे, जबकि उसकी छाती धड़क रही थी और भारी हो गई थी। जिज्ञासा वह स्पष्ट रूप से उस पर हावी थी, जो कुछ समय के लिए उसके दब्बू स्वाभाव पर हावी हो गयी थी।
मिली ने मुझे देख मुस्कुरायी और मेरे को, लिली को एमी को और यह सुनाने के लिए जोर से फुसफुसायी लिली अब तुम दीपक के पास आ जाओ! लिली से सुन कर शरमा गई, लेकिन एमी क्रिमसन हो गई और उसने जल्दी से मेरी ओर देखा।
फिर मिली बोली एमी तुम मेरे पास आओ और सब लड़कियों अब ध्यान से देखो आपको कुछ विशेष देखने को मिलेगा फिर अपनी गोद की ओर इशारा करते हुए, 'इधर आओ, एमी,' उसने कहा, जिस पर दबी हुई उत्सुकता से कांपती हुई एमी ने तुरंत खुद को स्थापित कर लिया। मिली ने उसके कान में कुछ फुसफुसाया और उसे प्यार से चूमा, लेकिन मिली ने एमी के कान में जो भी कहा उसे सुन एमी का रंग पहले से ज्यादा लाल हो गया।
तो दोस्तों कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।
आपका दीपक
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मेरे अंतरंग हमसफ़र
चतुर्थ अध्याय
लंदन जाने की तयारी
भाग -24
लिली के साथ मजे.
आपने मेरी कहानी मेरे अंतरंग हमसफ़र, चतुर्थ अध्याय भाग 23 में अब तक पढ़ा:
मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।
उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।
लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।
कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'
कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।
घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।
अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया और मैंने उसकी पीली नीली पोशाक की टॉप को उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसका सौंदर्य निरिक्षण किया और सपना को उसके स्थान की तरफ जाते हुए मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।
उसके बाद हुमा चुनी गयी और मैंने उसके पकडे निकाले और चुकी वो मुझ से झगड़ कर और नाराज होकर चली गयी तो मुझे लगा उसे दण्डित किया जानना चाहिए। मैंने हुमा को हलकी से सजा दी और उसे माफ़ कर दिया।मिली ने अपने सेक्स ज्ञान का मुझे थोड़ा सा नमूना दिया तो मैंने उसे तुरंत अपना सेक्स गुरु बना लिया।
मिली में मेरा प्रक्षिक्षण शुरू करते हुए अपने होठं मेरे होठ से लगा दिये और किस किया और बोली तुम तो बहुत ही अच्छी किस करते हो दीपक। मैं तो सोच रही थी तुमको किस करने की भी ट्रेनिग देनी पडेगी लेकिन ऐसा लगता इसकी कोई जरूरत नहीं है। फिर वो बोली अब तुम पहले लिली के साथ मजे ले लो फिर तुम्हारा प्रशिक्षण जारी रहेगा।
मेरे अंतरंग हमसफ़र, चतुर्थ अध्याय भाग 23 से उद्धृत :
"मिली मुझे देख मुस्कुरायी और मेरे को, लिली को एमी को और यह सुनाने के लिए जोर से फुसफुसायी लिली अब तुम दीपक के पास आ जाओ! लिली से सुन कर शरमा गई, लेकिन एमी क्रिमसन हो गई और उसने जल्दी से मेरी ओर देखा।
फिर मिली बोली एमी तुम मेरे पास आओ और सब लड़कियों अब ध्यान से देखो आपको कुछ विशेष देखने को मिलेगा फिर अपनी गोद की ओर इशारा करते हुए, 'इधर आओ, एमी,' उसने कहा, जिस पर दबी हुई उत्सुकता से कांपती हुई एमी ने तुरंत खुद को स्थापित कर लिया। मिली ने उसके कान में कुछ फुसफुसाया और उसे प्यार से चूमा, लेकिन मिली ने एमी के कान में जो भी कहा उसे सुन एमी का रंग पहले से ज्यादा लाल हो गया।"
अब आगे:-
फिर सब लड़कियों के लिली के पास हुई और उसे घेर लिया और मेरे सामने उसे हाथो और बाजुओं से छिपा लिया और मुझे सिर्फ लड़कियों के हाथ और बाजू ही नजर आ रहे थे और लिली उनमे चुप गयी थी । फिर लड़कियों ने एक-एक कर के अपनी एक-एक बाजू या हाथ को-को हटाया तो लिली मेरे सामने खड़ी अपने स्तनों को सहला रही थी।
फिर लिली ने अपने स्तनो को अपनी उंगलियों में पकड़ कर दबाया और उन्हें ऊपर से धीरे-धीरे दबाते हुए अपने हाथ निप्पल के पास ले गयी और निप्पल को सहलाने लगी। वह अपना समय ले रही थी और इससे मेरी हालत खराब हो रही थी। अब उसके हाथ उसके स्पॉट पेट पैर से होते हुए नीचे की चले गए. फिर उसके हाथ उसकी योनि क्षेत्र में चले गए और उसकी उंगलिया उसकी योनी के कोमल मांस में छुप गयी और उस संक्षिप्त क्षण के लिए उसके पेट की मांसपेशियाँ सख्त हो गईं,
उसने अपने एक हाथ को अपने शरीर पर फिराया। यह हाथ उसके स्तनों को दबाने के लिए कुछ समय के लिए रुक कर फिर उसके पेट के साथ वापस उसकी चूत पर आ गया। उसकी लंबी उंगली नीचे की ओर झुकी और उसके भगशेफ तक पहुँचने के लिए योनि के मैजेंटा होठों को थोड़ा-सा विभाजित किया!
फिर लिली लहराते हुए घूमी और उसने चम्मच से अपने पास रखे हनीपोट में से शहद निकाला और उसे अपने स्तनों के निपल्स पर रगड़ा और उसकी अच्छी तरह गोल छाती पर उसके निप्पल लाल चेर्री की तरह चमक उठे। वह फिर मेरे पास चली आयी और एक स्तन को मेरे होठों तक धकेल दिया और कहा, "इसमें से शहद चाटो!" मैंने लालच से अपना मुँह खोला जीभ निकाली और स्तन पर फिरा कर उसे चाटा और ओंठ ब्नद कर एक निप्पल को चूसा और फिर दूसरा। लेकिन यह उसे काफी नहीं लग रहा था। मुझे उन निपल्स को अपने दांतों के बीच ले जाना चाहिए था लेकिन पता नहीं क्यों मैंने ऐसा नहीं किया।
मेरी धोती के अंदर मेरा लंड ऊपर उठा और उसकी योनी की ओर इशारा किया, मैं अब बुरी तरह से उसे चोदना चाहता था!
मैंने अपनी बाहें खोली और कहा मेरी प्यारी लिली क्या मैं तुम्हें गले लगा सकता हूँ और वह मेरी बाहों में दौड़ पड़ी और मैंने अपनी बाँहों को लिली के चारों डाल दिया और उसे अपनी ओर खींचकर उसे मेरे दिल से दबा दिया, हमारे होंठ जुड़ गए और हम एक लंबे समय तक चुंबन करते रहे।
"मेरी प्यारी लिली, मेरी परी; मेरी प्यारी मेरी जान! मैं तुमसे प्यार करता हूँ; मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ।" मैं उसे प्यार करते हुए बोल रहा था। वह अब मेरे सीने पर अपने स्तन गूंथ रही थी और उसकी चूत और कुल्हे ऊपर-नीचे उछल रहे थे ।
लिलीने मेरी बाहो में आ कर आराम करने की जगह खुद को मुझे समर्पित कर दिया और दुलार के साथ मेरे चुंबन का जबाब चुंबन देकर दुलार का जबाब दुलार के साथ। उसके गोरे बदन का रंग गुलाबी हो गया और उसकी आँखें चमक उठीं। और वह भी "ओह मेरे दीपक मेरे मास्टर मेरे प्यारे दीपक मेरी जान! मैं तुमसे प्यार करती हूँ; मैं तुम्हें बहुत प्यार करती हूँ। ओह! माई दीपक माई लव,", "आई लव यू। मैं तुम्हारी हूँ।" बोलती हुई मुझे चुम्बन करने लगी
आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हो है कि इस तरह के दुलार का मुझ पर क्या असर हुआ। मुझे लगा की मैं बिजली की चिंगारी से टकरा गया और वह एक क्षण ऐसा था मानो मुझे लकवा मार गया हो और मैं अपना होश लगभग खो चुका था। फिर जब उसे मुझे एक बार फिर चुंबन किया तो मुझे जैडसे होश आया और मैंने खुद को संभाला।
मैंने फिर से उसके होंठो को दबाते हुए एक चुंबन किया जिसका उसने-उसने तहे दिल से जवाब दिया। उसने खुद को मेरे चारों ओर लपेट लिया और मुझे अपने ऊपर खींच लिया जिससे मैं उसके ऊपर आधा और आधा सोफे पर लेट गया। मेरा लंड उसकी चूत से कुछ ही दूर उसकी नाभि के मांस पर दब गया और मेरा चेहरा उसके स्तनों के बीच की खायी में उतर गया। माएने उसके स्तनों को चूमना और चाटना शुरू कर दिया, उसके स्तन बहुत स्वादिष्ट थे! मेरा मुंह इससे पहले कभी भी इतना ग्रहणशील नहीं था। उसके निप्पलों का स्वाद मेरे अंदर तक ऐसे भर गया जैसे मैंने कोई दुर्लभ व्यंजन निगल लिया हो।
मैं उस समय समझ नहीं पाया कि मेरी अंगुलियों की संवेदी नसें भी पहले से दस गुना संवेदनशील हो गयी थी। मैं अब केवल उसकी त्वचा, उसके किसी भी हिस्से को छूना चाहता था, और इसलिए मेरे हाथ और मेरी उंगलिया उस समय लिली के सारे बदन जहाँ भी वह आजादी से जा सकती टी वहाँ पर फिर रही थी।
ओह मेरे प्यारे बोलते हुए उसने मेरी गर्दन में अपने बाहों को डाले रख मुझे बेतहाशा चुंबन करने लगी तो मैं बोलै लिली मुझे अब पता चला कि तुम मुझे कितना चाहती हो। ओह लिली तुम कितनी सुन्दर हो और मैंने बारी-बारी से उसके प्रत्येक स्तन को छुआ और पाया की उसके स्तन और निप्पल सूज गए हैं ।
अन्य सातो लड़किया हमारे इस प्यार भरे चुंबन को बड़े गौर से देख रही थी।
फिर उसके शरीर को महसूस करते हुए मेरा हाथ उसके नाजुक स्थान पर पहुँच गया और बड़ी उत्सुकता से साथ वहाँ खोज बीन करने लगा। मुझे ऐसा लग रहा था कि लिली की योनि में थोड़ा-सा बदलाव आया है। उसकी योनि के होंठ पहले से मोटे हो गए थे; मैंने उस जगह की तलाश की जिसने लालच से मेरी बड़ी और कठोर मशीन को निगल लिया था, लेकिन मुझे एक बार फिर वहाँ पर केवल एक छोटा-सा छेद मिला जिसमें मेरी उंगली उसे दर्द दिए बिना प्रवेश नहीं कर सकती थी। उसकी चूत चुदाई के बाद से थोड़ा सूज गयी थी । मैंने अपनी उंगली को थोड़ा अंदर किया तो एक अवर्णनीय सनसनी ने उसके पूरे अस्तित्व पर आक्रमण किया। मैंने पहले धीरे से उसकी योनि को सहलाया फिर तेज, बाद में धीमे और फिर और तेज ऊँगली को आगे पीछे किया तो लिली ने शब्दों को दोहराया-"।आह! ओह्ह! ओह्ह की धीमे और फिर तेज कराहे कमरे में गूंजने लगी!"
अंत में एक नर्वस ऐंठन ने लिली को जकड़ लिया और मेरी ऊँगली और हाथ पूरा गीला हो गया। वह पूरा आंनद महसूस कर रही थी क्योंकि वह इस बार बेहोश नहीं हुई थी। और फिर उसने अपनी बिखरी हुई इंद्रियों को इकट्ठा किया और मैंने उसके प्यारे नंगे नितम्बो पर हल्के से थपथपाया और पूछा, "क्या तुम्हें कुछ अलग लग रहा है, लिली?"
लिली को लगा शायद मैं उसे भी हुमा की तरह कुछ सजा दूंगा तो वह बोली ओह्ह! कृपया, -ओह, कृपया मुझे हुमा की तरह सजा मत दीजिये उसने मुझसे भीख माँगी और अपना सिर मेरी तरफ घुमाया ताकि वह मेरे चेहरे की ओर देख सके। "आप जो चाहते हैं, मैं वह करूँगी, अगर आप चाहते हैं कि मुझे इस तरह चोट लगे तो आप वह भी कर सकते हैं।" वह थोड़ा घबरा कर बोली ।
सभी लड़किया लिली के इस प्रेम प्रलाप को सम्भोग का आनद लेते हुए बड़े गौर से देख रही थी।
लिली! पहली बात यह है कि जब मैं आपसे कोई प्रश्न पूछूं तो आप मुझे उसका उत्तर देना। "मैंने उससे कहा।" क्या आप अब कुछ अजीब या अलग महसूस कर रही हो? " मैंने अपना सवाल दोहराया ।
वह एक पल रुकी और फिर बोली, "हाँ। मुझे ऐसा लगता है। ऐसा लगता है कि मेरे पेट के ठीक नीचे नाभि के पास कुछ बहुत सख्त है जो पहली बार लेटने पर नहीं थी। और ये अब मेरे पेट पर जोर से दबाव डाल रहा है।"
"तो बेहतर होगा कि आप उठें और पता करें कि वह गांठ क्या है।" मैंने उसे गंभीरता से बताया। "और तब तक मत रुकना जब तक आप गांठ के बारे में सब कुछ नहीं पता लगा लेती और जांच नहीं कर लेती।"
कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग 25 में पढ़िए।
आपका दीपक
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11-08-2022, 02:27 PM
(This post was last modified: 14-10-2023, 11:07 AM by aamirhydkhan1. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मेरे अंतरंग हमसफ़र
चतुर्थ अध्याय
लंदन जाने की तयारी
भाग -25
लिली ने की लंड चुसाई.
आपने मेरी कहानी मेरे अंतरंग हमसफ़र, चतुर्थ अध्याय भाग 24 में अब तक पढ़ा:
मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।
उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।
लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।
कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'
कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।
घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।
अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया और मैंने उसकी पीली नीली पोशाक की टॉप को उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसका सौंदर्य निरिक्षण किया और सपना को उसके स्थान की तरफ जाते हुए मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।
उसके बाद हुमा चुनी गयी और मैंने उसके पकडे निकाले और चुकी वो मुझ से झगड़ कर और नाराज होकर चली गयी तो मुझे लगा उसे दण्डित किया जानना चाहिए। मैंने हुमा को हलकी से सजा दी और उसे माफ़ कर दिया।मिली ने अपने सेक्स ज्ञान का मुझे थोड़ा सा नमूना दिया तो मैंने उसे तुरंत अपना सेक्स गुरु बना लिया।
मिली में मेरा प्रक्षिक्षण शुरू करते हुए अपने होठं मेरे होठ से लगा दिये और किस किया और बोली तुम तो बहुत ही अच्छी किस करते हो दीपक। मैं तो सोच रही थी तुमको किस करने की भी ट्रेनिग देनी पडेगी लेकिन ऐसा लगता इसकी कोई जरूरत नहीं है। फिर वो बोली अब तुम पहले लिली के साथ मजे ले लो फिर तुम्हारा प्रशिक्षण जारी रहेगा। मिली ने मेरे साथ एक लम्बा और गहरा गर्म चुंबन किया और फिर बोली तुम एक हीरे हो जिसे मैं ट्रैन करके पोलिश कर के चमका दूँगी ।
मेरे अंतरंग हमसफ़र चतुर्थ अध्याय भाग 24, से उद्धृत :
लिली! पहली बात यह है कि जब मैं आपसे कोई प्रश्न पूछूं तो आप मुझे उसका उत्तर देना। "मैंने उससे कहा।" क्या आप अब कुछ अजीब या अलग महसूस कर रही हो? " मैंने अपना सवाल दोहराया ।
वह एक पल रुकी और फिर बोली, "हाँ। मुझे ऐसा लगता है। ऐसा लगता है कि मेरे पेट के ठीक नीचे नाभि के पास कुछ बहुत सख्त है जो पहली बार लेटने पर नहीं थी। और ये अब मेरे पेट पर जोर से दबाव डाल रहा है।"
"तो बेहतर होगा कि आप उठें और पता करें कि वह गांठ क्या है।" मैंने उसे गंभीरता से बताया। "और तब तक मत रुकना जब तक आप गांठ के बारे में सब कुछ नहीं पता लगा लेती और जांच नहीं कर लेती।"
अब आगे:-
लिली तुरंत मेरी गोद से नीचे उतरी और मैंने उसे जगह देने के लिए अपनी कुर्सी को टेबल से पीछे खिसका दिया। जब उसने मेरी लुंगी के सामने का उभार देखा, तो वह ईमानदारी से हैरान और उलझन में लग रही थी कि उभार का आकार इतना ज्यादा क्यों है, क्योंकि उसे पता था कि इसका क्या मतलब है।
अपनी अंतर्निहित विनम्रता के कारण वह सबके सामने इस उभार की जांच करने बारे में मेरे आदेशों का पालन करने में झिझक रही थी, लेकिन हुमा की सजा को याद करते हुए, वह मेरे सामने झुक गई। मेरी लुंगी के ऊपर से ही उसके मोटे नन्हे हाथों ने मेरे कठोर लंड को छुआ और यह मेरी लुंगी के अंदर गया और फिर उसने लुंगी को हटाया तो एक झटके के साथ मेरा लंड बाहर निकला और लिली के गालों से टकराया। मेरे लंड की पहली झलक देखते ही मिली की गोद में एमी आश्चर्य से उछल पड़ी और फिर मिली की ओर प्रश्नवाचक दृष्टि से देखा, मानो पूछ रही हो कि यह अजीब चीज क्या है जो अभी-अभी मेरी लुंगी से बाहर दिखाई दी है।
मिली उसके विस्मय और उसकी प्रतिक्रिया को देख कर जोर से हँसी और मैं हुमा और रोजी उसके साथ हसने लगे। एमी और लिली दोनों शरमा गई और हम हंस रहे थे, क्योंकी लिली के हाथ में उसके चेहरे के ठीक सामने एक व्यस्क मर्द का खड़ा हुआ बड़ा मोटा लम्बा और कड़ा लंड था जिससे लिली के गालो पर चपत लग गयी थी। जाहिर तौर पर इसका एमी के लिए कोई मतलब नहीं था इसलिए यह उसे शर्मिंदा नहीं होना चाहिए था पर ये पहला मौका था जब उसने एक व्यस्क लंड देखा था।
"आप अब तक ठीक कर रहे हैं, लिली।" मैंने लिली को आश्वासन दिया, उसकी टांगो से होते हुए मेरी नज़र स्वतः ही उसकी नन्ही गुलाबी योनी पर टिक गई। तो मिली बोली लिली आपके पास सीखने के लिए बहुत कुछ है और मुझे लगता कि मुझसे इसे सीखने में आपको आनंद भी मिलेगा।
अब सभी लड़कियों को आने दो और उन्हें इसे देखने दो लिली ने मिली की आज्ञा का पालन किया और थोड़ा पीछे होती हुई सीढ़ी होकर बैठ गयी । मैं उसके प्यारे गोल नितम्बो की चिकोटी को देखकर मोहित हो गया। एमी भी लिली को देख रही थी, सपना, शबनम, डेज़ी और एमी सहित सभी लड़कियाँ मेरी सख्त लंबी और सीधे लंड की पहली झलक से चकित थीं। हुमा भी एक टक मेरे लंड को देख रही थी ।
" आह! ओह! वाह देखो लड़कियों देखो! ये कितना सुंदर है! कितना मोटा, लम्बा!! और इतना बड़ा! और ये कठोर ही नहीं है बल्कि लोहे की रोड की तरह इसका सर गर्म और लाल भी है! और फिर दीपक के पास कितने अच्छे बड़े अंडकोष हैं जिनमे हम सबके लिए ढेर सारे रस का भंडार है! ये ही आनद, ख़ुशी और मजे का वो औजार है जो हम सबको जननत की सैर पर ले जाएगा आओ आओ इसे देखो. डरो मत।"
मिली ने लंड को पकड़ कर एक बारी घुमा कर सब लड़कियों को दिखाया और लड़कियों द्वारा मेरे लंड को पहली बार देखने के बाद मैंने लिली को मेरे फैले हुए घुटनों के बीच घुटने टेकने का आदेश दिया। उसके हाथों और चेहरे को मेरे खड़े हुए लंड के करीब रखते हुए, मैंने उससे कहा कि वह उसे को चाटे और चूसें। उसके स्पर्श और उसकी सुंदरता ने मुझ पर अपना प्रभाव दिखाएँ शुरू कर दिया था।
उसने तुरंत आज्ञा मान ली और लिली मेरे खड़े हुए लंड को हाथ से सहलाने लगी और साथ में मेरे अंडकोषों को भी सहला रही थी। फिर लिली ने सिर नीचे किया और जीभ निकाल कर लण्डमुंड चाटने लगी। उसकी जीभ को लंडमुंड पर महसूस करते ही मेरा लंड सख्त महसूस होने लगा और इस बीच लंड की लम्बाई और अंडकोषों को उसने प्यार से अपने हाथ से सहलाया।
मेरे संवेदनशील लंड पर उसके भरे हुए कामुक होंठों को देख और महसूस कर मैं बहुत उत्तेजित हो गया लेकिन मैंने इस पूरे अद्भुत प्रकरण को धीरे-धीरे करने का दृढ़ संकल्प किया ताकि इसके रोमांच का अधिकतम आनंद लिया जा सके।
जब मैंने उसके रोमांचक मुंह में अंदर अपने बड़े लंड के बैंगनी सिर को समाते हुए देखा तो मुझे उस परम परमानंद का अनुभव हुआ जिसका मैं यहाँ वर्णन नहीं कर सकता जो। ये रोमांच गहरा और लंबा और किसी भी अन्य चीज़ से अधिक संतोषजनक था जो मैंने पहले कभी अनुभव किया था। मेरी उस समय की भावनाओं का पूर्व के अनुभवों का कोई मुक़ाबला नहीं था। 7 अन्य लड़कियों के सामने जिनमे से 4 कुंवारी थीं। एक रमणीय अति सुंदर और पूरी तरह से आकर्षक महिला मेरा कठोर और उत्तेजित लंड चूस रही थी। मैं उन सबके चेहरे का उत्साह उत्तेजना, रोमांच और विस्मय देख कर मजे और आनद ले रहा था।
मैंने लिली के सिर को धीरे से लेकिन मजबूती से अपने हाथों के बीच पकड़ लिया और उसके अनुभवहीन मुंह को लंड अंदर लेने और चूसने के लिए मेरे लंड के उभरे हुए बैंगनी सिरे को उत्तेजित करने के लिए निर्देशित किया। लिली ने लंडमुंड मुँह में ले लिया और उसकी मासूम आँखें दया की एक खामोश याचना करते हुए मेरे चेहरे की ओर देख रही थीं। उसने देखा था कि हुमा को मेरी बात ना मानने के लिए मैंने अभी उसके साथ क्या किया था और उम्मीद थी कि मैं उसे इसी तरह की सजा नहीं दूंगा, खासकर जब से वह किसी भी तरह से मेरी हर बात मानने को तैयार थी।
"लिली! अपने होंठ और जीभ का प्रयोग करो।" मैंने उससे कहा। "मेरे लंड को अब तुम अच्छी तरह से चूसो।"
उसने मेरे हर सुझाव का पालन किया क्योंकि वह अवज्ञा के लिए मिलने वाली सजा से बचने के लिए उत्सुक थी, भले ही अभी मैंने ज्याद सजा नहीं दी थी लेकिन सजा से शर्म और अपमान का अनुभव तो होता ही है। चूसते समय उसकी आँखें समय-समय पर हुमा की ओर देखती थीं और फिर वह मुझे खुश करने के अपने प्रयासों को दुगना कर देती थी।
फिर मैंने लिली के कोमल कामुक मुँह से अपने कठोर लंड को उसके गले के अंदर और नीचे तक एक लंबा स्ट्रोक लगाया तो उसके पूरे होंठ फैले हुए थे और जैसे ही मैंने उसका सिर नीचे किया, मेरा लंड उसके गर्म तंग गले में इतना गहरा घुसा कि वह ठिठकने लगी। इसने मुझे और भी उत्तेजित कर दिया, लेकिन इससे लिली की आँखों में आँसू आए और उसने चुपचाप कातर आँखों से मुझसे उसे इस पीड़ा से बचाने के लिए विनती की।
फिर मैंने उससे कहा, "तुम मेरे आदेशों का पालन करते हुए बहुत अच्छा कर रही हो, लिली। तुम्हें कुछ और देर तक चूसते और चाटते रहना होगा अगर तुम रुकी तो मुझे तुम्हें कड़ी सजा देनी होगी और तुम्हें पता है कि इससे तुम्हें कितना दुख होगा। क्या तुम समझ रही हो?"
अपनी आँखों में डर और आश्चर्य के साथ मेरी ओर देखते हुए, लिली ने अपना सिर हिलाया, वह कुछ भी बोलने में असमर्थ थी क्योंकि उसका मुँह मेरे गर्म और बड़े लम्बे लंड से भरा हुआ था। "लिली अब मेरे लंड के नीचे मॉए अंडकोषों के तलो पर अपने हाथों का उपयोग करो।" मैंने उसे आदेश दिया। " वहाँ अपने हाथों से बस धीरे से मेरी गेंदों को महसूस करो और उन्हें धीरे से दबा कर सहलाओ और अपने होठों और जीभ को मेरी लंड के सिर पर इस्तेमाल करो और अपने मुंह को लंड के ऊपर और नीचे पंप करती रहो जैसे तुम अब कर रही हो।
उसके हाथ मेरी गेंदों को धीरे से सहला रहे थे, उसकी जीभ मेरे उपकरण पर ऊपर और नीचे फिसलते हुए लंड के मुंह को थपथपा रही थी, जबकि उसकी जीभ मेरे लंड के अति संवेदनशील सिर को सहला रही थी।
मैंने एमी और अन्य लड़कियों को देखा। वे सभी लिली को गौर से देख रही थी और जाहिर तौर पर लिली की नग्न सुंदरता और मेरे लंड के आकार और जिस तरह से लिली लंड को चूस रही थी, उससे सभी बहुत कामुक उत्तेजित और रोमांचित थी। विशेष तौर से एमी की आंखें चमक रही थीं, उसके होंठ आंशिक रूप से खुले हुए थे, जबकि उसकी छाती धड़क रही थी और भारी हो गई थी।
मैं लिली और अन्य सभी लड़कियों को सुनाने के लिए जोर से फुसफुसाया, 'मिली! अगर आपको परेशानी ना हो तो मुझे लगता है की अब मुझे चुदाई करने चाहिए!?' लिली ये सुन कर शरमा गई, लेकिन एमी ये सुन कर शर्म से क्रिमसन हो गई और उसने आँखे शर्म से झुका कर मेरी ओर देखा।
'जरूर, दीपक!' मिली ने कहा और मुझे एक लम्बा चुंबन किया। फिर एक पल में मैंने अपनी लुंगी उतार कर फेंक दी और पूरी तरह से नग्न हो गया, मेरा लंड और उस समय तन कर खड़ा हुआ बहुत शानदार लग रहा था। लिली की आँखें खुशी से चमक उठीं, लेकिन एमी चौंक कर पीछे हट गई और मिली की बाहों में समा गयी, 'ओह! ओह! दीदी!' उसकी आँखें आश्चर्य और अलार्म के साथ व्यापक रूप से फैल गयी थी और वह अब मेरे लंड को देख हैरान थी।
तो मैंने हुमा, लिली, सपना और मिली जो की पूरी तरह से नग्न थी उन चारो को अगले आदेश तक फिल्मफेयर अवार्ड ट्रॉफी की डांसिंग लेडी की मुद्रा में खड़े रहने के लिए कहा।
कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।
आपका दीपक
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मेरे अंतरंग हमसफ़र
चतुर्थ अध्याय
लंदन जाने की तयारी
भाग -26
घट कंचुकी
पने मेरी कहानी मेरे अंतरंग हमसफ़र, चतुर्थ अध्याय भाग 25 में अब तक पढ़ा:
मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।
उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।
लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।
कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'
कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।
घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।
अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया और मैंने उसकी पीली नीली पोशाक की टॉप को उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसका सौंदर्य निरिक्षण किया और सपना को उसके स्थान की तरफ जाते हुए मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।
उसके बाद हुमा चुनी गयी और मैंने उसके पकडे निकाले और चुकी वो मुझ से झगड़ कर और नाराज होकर चली गयी तो मुझे लगा उसे दण्डित किया जानना चाहिए। मैंने हुमा को हलकी से सजा दी और उसे माफ़ कर दिया।मिली ने अपने सेक्स ज्ञान का मुझे थोड़ा सा नमूना दिया तो मैंने उसे तुरंत अपना सेक्स गुरु बना लिया।
मिली में मेरा प्रक्षिक्षण शुरू करते हुए अपने होठं मेरे होठ से लगा दिये और किस किया और बोली तुम तो बहुत ही अच्छी किस करते हो दीपक। मैं तो सोच रही थी तुमको किस करने की भी ट्रेनिग देनी पडेगी लेकिन ऐसा लगता इसकी कोई जरूरत नहीं है। फिर वो बोली अब तुम पहले लिली के साथ मजे ले लो फिर तुम्हारा प्रशिक्षण जारी रहेगा। मिली ने मेरे साथ एक लम्बा और गहरा गर्म चुंबन किया और फिर बोली तुम एक हीरे हो जिसे मैं ट्रैन करके पोलिश कर के चमका दूँगी ।फिर लिली ने मेरा लुंगी में से मेरा लंड निकाल लिया और उसे चूसा।
मेरे अंतरंग हमसफ़र, चतुर्थ अध्याय भाग 25 से उद्धृत :
अपनी आँखों में डर और आश्चर्य के साथ मेरी ओर देखते हुए, लिली ने अपना सिर हिलाया, वह कुछ भी बोलने में असमर्थ थी क्योंकि उसका मुँह मेरे गर्म और बड़े लम्बे लंड से भरा हुआ था। "लिली अब मेरे लंड के नीचे मॉए अंडकोषों के तलो पर अपने हाथों का उपयोग करो।" मैंने उसे आदेश दिया। " वहाँ अपने हाथों से बस धीरे से मेरी गेंदों को महसूस करो और उन्हें धीरे से दबा कर सहलाओ और अपने होठों और जीभ को मेरी लंड के सिर पर इस्तेमाल करो और अपने मुंह को लंड के ऊपर और नीचे पंप करती रहो जैसे तुम अब कर रही हो।
उसके हाथ मेरी गेंदों को धीरे से सहला रहे थे, उसकी जीभ मेरे उपकरण पर ऊपर और नीचे फिसलते हुए लंड के मुंह को थपथपा रही थी, जबकि उसकी जीभ मेरे लंड के अति संवेदनशील सिर को सहला रही थी।
मैंने एमी और अन्य लड़कियों को देखा। वे सभी लिली को गौर से देख रही थी और जाहिर तौर पर लिली की नग्न सुंदरता और मेरे लंड के आकार और जिस तरह से लिली लंड को चूस रही थी, उससे सभी बहुत कामुक उत्तेजित और रोमांचित थी। विशेष तौर से एमी की आंखें चमक रही थीं, उसके होंठ आंशिक रूप से खुले हुए थे, जबकि उसकी छाती धड़क रही थी और भारी हो गई थी।
मैं लिली और अन्य सभी लड़कियों को सुनाने के लिए जोर से फुसफुसाया, 'मिली! अगर आपको परेशानी ना हो तो मुझे लगता है की अब मुझे चुदाई करने चाहिए!?' लिली ये सुन कर शरमा गई, लेकिन एमी ये सुन कर शर्म से क्रिमसन हो गई और उसने आँखे शर्म से झुका कर मेरी ओर देखा।
'जरूर, दीपक!' मिली ने कहा और मुझे एक लम्बा चुंबन किया। फिर एक पल में मैंने अपनी लुंगी उतार कर फेंक दी और पूरी तरह से नग्न हो गया, मेरा लंड और उस समय तन कर खड़ा हुआ बहुत शानदार लग रहा था। लिली की आँखें खुशी से चमक उठीं, लेकिन एमी चौंक कर पीछे हट गई और मिली की बाहों में समा गयी, 'ओह! ओह! दीदी!' उसकी आँखें आश्चर्य और अलार्म के साथ व्यापक रूप से फैल गयी थी और वह अब मेरे लंड को देख हैरान थी।
तो मैंने हुमा, लिली, सपना और मिली जो की पूरी तरह से नग्न थी उन चारो को अगले आदेश तक फिल्मफेयर अवार्ड ट्रॉफी की डांसिंग लेडी की मुद्रा में खड़े रहने के लिए कहा।
अब आगे:-
चारो लड़किया हुमा, सपना, मिली और लिली उस समय एक ट्रॉफी की तरह हाथ ऊपर उठा कर खड़ी हुई थी। बड़ा अध्भुत और कामुक दृश्य था। चारो लड़कियों बहुत सुन्दर थी और उस समय मुझे उनमे से एक को चुदाई के लिए चुनना था।
मैंने एक बार उन चारो के आसपास चक्कर लगाया ताकि किसी एक को चुन सकूँ पर मैं चयन नहीं कर पा रहा था तो मुझे संशय में देखकर रोजी ने मेरी दुविधा भांप ली और बोली मास्टर अब आप ऐसा करिये पुरातन भारतीय सेक्स क्रीड़ा "घट कंचुकी" का सहारा लीजिये
प्राचीन भारत में एक सेक्स गेम (समूह सम्भोग) का खेल खेला जाता था, जिसका नाम था घट कंचुकी। इस गेम में महिलाओं और पुरुषों का एक समूह हिस्सा रात के वक्त एक जगह इकट्ठा होता था। महिलाएँ और पुरुष अपने सारे कपड़े उतारकर एक घड़े में डाल देते। इसके बाद महिलाएँ एक पर चक्र के निशान के इर्द-गिर्द बैठ जातीं। गेम में हिस्सा ले रहा हर पुरुष घड़े में मौजूद महिलाओं के कपड़ों में से एक कपड़ा उठाता और जिस महिला का वह कपड़ा होता था, वह महिला उस रात के लिए उसका सेक्स पार्टनर बन जाती थी।
अब इस समय हमारे पास चार लड़किया और आप ही केवल एकमात्र पुरुष है तो इस खेल में थोड़ा-सा परिवर्तन कर लेते हैं। सब महिलायो के वस्त्र एक घड़े में डाल देते हैं और उनमे से एक वस्त्र को बाहर निकाल लेंगे और जिसका वस्त्र होगा वही आज रात आपकी पहली सेक्स पार्टनर होगी।
तो मिली ने पुछा उस समय बाकी लड़किया क्या करेंगी। तो रोजी बोली बाकी सब लोग उस समय सम्भोग को देखेंगे और सीखेंगे।
तो मिली बोली उसके बाद? तो मैं बोला उसके बाद क्या होगा उसे बाद में तय कर लेंगे।
तो सबके कपडे एक घड़े में डाल दिए गए और मैंने बोला अब रोजी ही इसमें से पहला कपड़ा निकाल कर मेरी पहले सेक्स पार्टनर का पता लगाएगी।
तो एमी ने हाथ डाल कर सब कपड़ो को अच्छे से घुमा फिर कर, मिक्स कर दिया और फिर रोजी ने घड़े में हाथ डाल कर हाथ निकाला तो उसमे लिली के वस्त्र थे और सबने ताली बजा कर लिली को बधाई दी।
बाकी लड़कियों को मैंने हाथ नीचे कर उपयुक्त जगह लेकर बैठने को कहा तो मिली सपना के साथ और मिली की गोदी में एमी बैठी, एमी के साथ में उसकी सहायिका शबनम बैठी और एक तरफ हुमा, लिली की सहायिका डेज़ी और रोजी बैठ गयी।
मैं लिली की तरफ बढ़ गया और लिली के चारो तरफ एक चक्कर लगाया तो मैंने पाया लिली का रंग शर्म और उत्तेजना से लाल हो गया था। उसके कूल्हे और स्तन बड़े और गोल थे। वह पूरी तरह से नंगी थी, उसकी बाहें, एक आकर्षक स्थिति में मुड़ी हुई थीं, जो उसकी बगल के गड्ढे के नीचे बालों की हलकी-सी वृद्धि दिखा रही थी और मैंने उसके हाथीदांत के दो सबसे उत्कृष्ट, चिकने, पूर्ण और पॉलिश किए हुए सफ़ेद संगेमरमर के गोल स्तन देखे, बल्कि उस संगेमरमर के ऊपर सजा हुआ गुलाबी मूंगा भी देखा, जो उनमें से प्रत्येक को सुशोभित कर रहा था। उसके सुंदर स्तन गोल, मोटे और मज़बूत दिखने वाले थे। मैं उन प्यारे, प्यारे चुलबुले स्तनों को अपने कब्जे में लेना चाहता था ताकि मैं उन्हें अपने हाथ में के कर दबाने के बाद, उन्हें और उनके गुलाबी चुचकों को मेरे मुंह से चूसूं!
वह पूर्ण अंडाकार सुंदर चेहरे के साथ स्त्री सौंदर्य की एक आदर्श आकृति थी! गुलाब के फूल जैसा मुँह और चेरी जैसे होंठ, छोटे-छोटे कान, उत्तम गोल चमकदार कंधे, पूर्ण और सुंदर भुजाएँ, लहराती हुई उत्तम छाती, गोल सुदृढ़ और मोठे स्तनो को मैं सहलाना और धीरे से दबाना चाहता था। उसका सौन्दर्य, यौवन और रूप मुझे कामुक उत्तेजना से भर रहे थे और मेरा लंड कामुक तुनके मार रहा था।
लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उस समय मेरे सामने नग्न थी और शर्मा रही थी।
लिली के हाथ आकर्षक लालित्य वाले हैं मैंने लिली के हाथो पर हाथ रखा जो की उसके सर के ऊपर थे और उसने सहलाया और चूमा फिर धीरे-धीरे उसके पूर्ण और सुंदर हाथो और बाजुओं को सहलाते हुए उसके उत्तम गोल चमकदार कंधो पर हाथ रखा और उसके सामने आकर उसके गुलाब के फूल जैसा मुँह और चेरी जैसे ओंठो को किस किया मानो मैं किसी बेहद खूबसूरत बुत को प्यार कर रहा हूँ।
उसके गोरे गाल शर्म से लाल हो चमक रहे थे, उसके प्यारे चमकदार कंधे और उसकी उत्तम छाती पूरी तरह से नग्न थी! मैं अपनी आँखों को त्वचा के करीब ले गया तो मुझे दिखा की उसकी त्वचा की बनावट कितनी चकनी नरम और मुलायम थी।
लिली जैसी सुंदर महिला के गर्म, धड़कते शरीर को अपने इतने पास महसूस करके मेरा खून अधिक तेजी से चला, बल्कि मुझे यह महसूस होने लगा कि मेरा लिंग फटने को हो गया। मुझे उसकी सांसें साफ सुनाई दे रही थीं, जो वाकई पहले से तेज थी। मैं उसके हाथ काँपते हुए महसूस कर रहा था!
वह भी जानती थी की वह मुझे उत्तेजित कर रही है, क्योंकि वह मेरे उत्तेजित हृदय की धड़कन को मेरे तेज साँसों से महसूस कर सकती थी। मैंने अपना बायाँ हाथ उसकी पतली कमर के चारों ओर खिसका दिया और उसे अपनी ओर थोड़ा-सा आलिंगन किया।
फिर कंधो से शुरू करके गले से होकर मेरी हथेलियों ने लिली के स्तनों के ऊपर उसके गले और गार्डन को सहलाया महसूस किया और उसके मेरे स्तन का वह हिस्सा जो ब्लाउज या टॉप के ठीक ऊपर खुला रहता है वहाँ मेरे हाथ गए और मेरी उँगलियाँ उसके स्तनों की गहरी दरार को महसूस करने लगी। मेरी उँगलियाँ उसके स्तनों की गोलाइयों को महसूस कर रही थीं और स्तनों का तना हुआ मांस महसूस कर रही थीं।
मेरा हाथ और स्तनों पर गया और अब मैं सामने से मेरे पूरे स्तनों को अपनी दोनों हथेलियों से सहला रहा था और उसके तंग स्तन के मांस की गोलाई और चिकनाई का आनंद ले रहा था। अब लिली इतनी उत्तेजित हो गयी थी कि उसने अपनी मुट्ठी हवा में बंद कर ली और उसके मुँह से ओह्ह! आह! की काराहे निकल रही थी ।
महिला के पूर्ण विकसित स्तनों को खुले तौर पर छूने और महसूस करने का अवसर मिलने पर मेरे हाथो का अस्थिर होना स्वाभाविक था और चिकनाई के कारण मेरे हाथ फिसल रहे थे।
मेरी चूत के अंदर पहले से ही बड़ी हलचल हो रही थी-मानो कोई नदी, जो कई सालों से सूखी थी, अचानक उसे बारिश का पानी मिल गया। अब वह और नीचे चला गया, उसकी उँगलियाँ मेरे ब्लाउज के कपड़े को पकड़ रही थीं और मेरे पूरे स्तनों का तना हुआ मांस महसूस कर रही थीं।
वो कराह रही थी आआह! उह्ह्ह! ह्ह्हह्ह! ह्ह्ह्हाई!
मेरी उंगलियाँ और नीचे खिसक रही थीं और फिर उंगलियों दोनों स्तनों पर उसके निप्पल पर थी। मैंने उसके निपल्स के ऊपर अपनी उंगलियाँ दबाईं और उसके गोल बड़े और भरे स्तनों को छूकर और महसूस करके काफी उत्तेजित हो गया था और वह भी उत्तेजित हो गयी थी क्योंकि मैंने उसके स्तन पकड़ लिए थे और उन्हें धीरे-धीरे उन्हें दबा रहा था! मेरी हथेलियाँ ने उसके भारी स्तनों को ढँक लिया था और अपने दोनों हाथों की मध्यमा उंगली से उसके सख्त हो चुके निपल्स को सहला रहा था!
आह! यससससस? ओह्ह! प्लीज और करो!
मेरी हथेलियाँ इस समय लिली के दिल परथी और उसका दिल उस समय उत्तेजना के कारण तेज फड़क रहा था और निश्चित रूप से उसके स्तनों को दबाने का अवसर मिलने से मेरा लंड सीधा हो गया था।
मैंने उसके स्तनों को दबाते हुए उसको चूमना शुरू कर दिया । फिर लिली ने अपने होठं मेरे होठ से लगा दिये और एक किस ले लिया। फिर मैंने अपने हाथ लिली की गर्दन के पीछे ले जाकर लिली का मुँह को अपनी तरफ खीचा और अपनी जीभ निकाल कर लिली के होंठो पर जीभ फिराने लगा। उसके थोडी देर इसी तरह से जीभ फिराने के बाद मैंने उसका निचला होंठ अपने होंठो के बीच पकड लिया और फिर उस पर जीभ फिराने लगा।
थोडी देर तक इसी तरह उसके होंठो को गिला करने के बाद मैने उसके होंठ चुसने शुरू कर दिये। मैं बहुत जोर-जोर से उसके होंठो को चूस रहा था। इस बीच लिली भी अपनी जीभ निकाल कर मेरे उपरी होंठ के उपर फिरा रही थी और साथ ही साथ अपना बहुत-सा थूक अपने नीचले होंठ के पास जमा कर रही थी जिस से मैं ज्यादा से ज्यादा उसके स्वादिष्ट थूक को पी सकूँ। मैं भी हर थोडी देर में नीचले होंठ को छोड कर उसका थूक अपनी जीभ की मदद से उसके होंठो पर मलने लगता और अच्छी तरह से मल कर फिर से उसके होंठ को चुसने लगता कुछ देर तक मैं ऐसा ही उसके साथ करता रहा और अपने हाथो से उसके स्तनों और निप्पलों को दबाता रहा ।
फिर मैंने अपनी जीभ को नुकीला कर के उसके दाँतों और होंठो के बीच डाल दी और उसके दाँतों पर फिराने लगा। वोह भी अपनी जीभ को नुकीली बना कर मेरे जीभ के नीचे गोल-गोल घुमाने लगी।
थोडी देर मैंने लिली को ओंठो पर अपने होठ रखे और एक गहरा चुम्बन लेता रहा।
इसके साथ हर पल और अधिक साहसी होते हुए लिलि के स्तन दाबते हुए और किस करते हुए मैं अपना एक हाथ उसकी नाभि से उसकी-उसकी जांघो तक ले गया! और फिर अपना हाथ उसकी योनि पर ले गया तो मैंने पाया उसकी चूत गीली थी उसकी चुत ने पानी छोड़ गया था ।
चुत पर हाथ लगते ही वह बोली आआआआ आआआआआह! उह्ह्ह! ह्ह्हह्ह! हईय! ह्ह्ह्हाई!
तो दोस्तों कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।
आपका दीपक
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मेरे अंतरंग हमसफ़र
चतुर्थ अध्याय
लंदन जाने की तयारी
भाग -27
एमी और तीनो कुंवारी लड़कियों ने पहली बार चुदाई साक्षात देखी.
आपने मेरी कहानी मेरी कहानी मेरे अंतरंग हमसफ़र, चतुर्थ अध्याय भाग 26 में अब तक पढ़ा:
मैंनेअभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।
उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।
लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।
कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'
कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।
घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।
अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया और मैंने उसकी पीली नीली पोशाक की टॉप को उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसका सौंदर्य निरिक्षण किया और सपना को उसके स्थान की तरफ जाते हुए मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।
उसके बाद हुमा चुनी गयी और मैंने उसके पकडे निकाले और चुकी वो मुझ से झगड़ कर और नाराज होकर चली गयी तो मुझे लगा उसे दण्डित किया जानना चाहिए। मैंने हुमा को हलकी से सजा दी और उसे माफ़ कर दिया।मिली ने अपने सेक्स ज्ञान का मुझे थोड़ा सा नमूना दिया तो मैंने उसे तुरंत अपना सेक्स गुरु बना लिया।
मिली में मेरा प्रक्षिक्षण शुरू करते हुए अपने होठं मेरे होठ से लगा दिये और किस किया और बोली तुम तो बहुत ही अच्छी किस करते हो दीपक। मैं तो सोच रही थी तुमको किस करने की भी ट्रेनिग देनी पडेगी लेकिन ऐसा लगता इसकी कोई जरूरत नहीं है। फिर वो बोली अब तुम पहले लिली के साथ मजे ले लो फिर तुम्हारा प्रशिक्षण जारी रहेगा। मिली ने मेरे साथ एक लम्बा और गहरा गर्म चुंबन किया और फिर बोली तुम एक हीरे हो जिसे मैं ट्रैन करके पोलिश कर के चमका दूँगी ।फिर लिली ने मेरा लुंगी में से मेरा लंड निकाल लिया और उसे चूसा।
मैंने हुमा, लिली, सपना और मिली जो की पूरी तरह से नग्न थी उन चारो को अगले आदेश तक फिल्मफेयर अवार्ड ट्रॉफी की डांसिंग लेडी की मुद्रा में खड़े रहने के लिए कहा। "घट कंचुकी" मैंने लिली के सामने आकर उसके गुलाब के फूल जैसा मुँह और चेरी जैसे ओंठो को किस किया मानो मैं किसी बेहद खूबसूरत बुत को प्यार कर रहा हूँ।
मेरे अंतरंग हमसफ़र, चतुर्थ अध्याय भाग 26 से उद्धृत :
"मैंने उसके स्तनों को दबाते हुए उसको चूमना शुरू कर दिया । फिर लिली ने अपने होठं मेरे होठ से लगा दिये और एक किस ले लिया। फिर मैंने अपने हाथ लिली की गर्दन के पीछे ले जाकर लिली का मुँह को अपनी तरफ खीचा और अपनी जीभ निकाल कर लिली के होंठो पर जीभ फिराने लगा। उसके थोडी देर इसी तरह से जीभ फिराने के बाद मैंने उसका निचला होंठ अपने होंठो के बीच पकड लिया और फिर उस पर जीभ फिराने लगा।
थोडी देर तक इसी तरह उसके होंठो को गिला करने के बाद मैने उसके होंठ चुसने शुरू कर दिये। मैं बहुत जोर-जोर से उसके होंठो को चूस रहा था। इस बीच लिली भी अपनी जीभ निकाल कर मेरे उपरी होंठ के उपर फिरा रही थी और साथ ही साथ अपना बहुत-सा थूक अपने नीचले होंठ के पास जमा कर रही थी जिस से मैं ज्यादा से ज्यादा उसके स्वादिष्ट थूक को पी सकूँ। मैं भी हर थोडी देर में नीचले होंठ को छोड कर उसका थूक अपनी जीभ की मदद से उसके होंठो पर मलने लगता और अच्छी तरह से मल कर फिर से उसके होंठ को चुसने लगता कुछ देर तक मैं ऐसा ही उसके साथ करता रहा और अपने हाथो से उसके स्तनों और निप्पलों को दबाता रहा ।
फिर मैंने अपनी जीभ को नुकीला कर के उसके दाँतों और होंठो के बीच डाल दी और उसके दाँतों पर फिराने लगा। वोह भी अपनी जीभ को नुकीली बना कर मेरे जीभ के नीचे गोल-गोल घुमाने लगी।
थोडी देर मैंने लिली को ओंठो पर अपने होठ रखे और एक गहरा चुम्बन लेता रहा।
इसके साथ हर पल और अधिक साहसी होते हुए लिलि के स्तन दाबते हुए और किस करते हुए मैं अपना एक हाथ उसकी नाभि से उसकी-उसकी जांघो तक ले गया! और फिर अपना हाथ उसकी योनि पर ले गया तो मैंने पाया उसकी चूत गीली थी उसकी चुत ने पानी छोड़ गया था ।
चुत पर हाथ लगते ही वह बोली आआआआ आआआआआह! उह्ह्ह! ह्ह्हह्ह! हईय! ह्ह्ह्हाई!"
अब आगे:-
फिर मैंने लिली के चूचुकों को मुँह में ले लिया और चूसने लगा।
वो 'आआह्ह! ह्हह्ह! हाआ! आह्हह्ह! ह्हहाह्ह! ह्हह!' कर रही थी, मैं उसे चूसता ही रहा।
इस विचार ने कि एमी, सपना, शबनम और डेज़ी की कुंवारी योनीया परमानंद में कांप रही थी, लिली और मेरे में आग लगा दी। 'आओ, प्रिये लिली!' मैंने कहा-और जल्दी से मैं उसे मिली के बिस्तर पर ले गया, उस पर लिली ने जल्दबाजी में अपनी पीठ पर खुद को लिटाया और मैं फिर से उसकी चूत को चाटने लगा। वह सिसकारियाँ भर रही थी। फिर मैं-मैं उठा और उसके दोनों पैरों को फैला दिया। उसने अपने हाथों से चूत को और फैला दिया। मैंने अपना लण्ड उसकी चूत पर रख दिया और उसकी चूत पर घिसने लगा।।
वो बोली-अब डाल भी, कितना तड़पाओगे ।
मैंने कहा-तड़पने में ही मजा है मेरी जान!
एक क्षण रुको, दीपक! 'जल्दी करो, एमी और लड़कियों!' मिलि तेजी से बोली और वह जल्दी से उठी और एक हाथ से कांपती और बेतहाशा उत्साहित एमी को पकड़ बिस्तर के पास ले आई।
बाकी तीनो कुंवारी लड़किया व्ही इस तरह से आस पास खड़ी हो गयी की वह योनि में लंड का प्रवेश आसानी से देख सके।
लिली की टाँगे अब मुझे जगह देने के लिए व्यापक रूप से अलग हो गयी और उसकी हलके सुनहरी बालों वाली योनी पूरी तरह से दिखाई दे रही थी, उसके योनि के सुंदर होंठ सुनहरे बाले के समूह के समूह के बीच में से स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे थे। 'देखो, लड़कियों इन योनि के ओंठो को देखो' मिली फुसफुसायी, अपनी उंगली से लिली की योनी की ओर इशारा करते हुए-'क्या यह सुंदर नहीं है!' एमी की आँखें चमक उठीं क्योंकि उन्होंने लिली की योनी को देखने के बाद लिली की योनि के ओंठो से टकरा रहा मेरा योनि प्रवेश के लिए अधीर लंड को देखा।
एमी हमारी हर हरकत को गौर से देख रही थी। चलो, दीपक! 'मिलि ने धीरे से कहा। जल्दी से मैंने खुद को लिली के पैरों के बीच की स्थिति में रखा और मैंने उसके स्तनों पर छोड़ दिया; और जैसे ही लिली की बाहें मेरे चारों ओर प्यार से बंद हो गईं, मैंने अपने लंड को उसके धड़कते उत्तेजित योनी के होंठों के बीच में लाया और योनि द्वार पर लगाया और धीरे से उसे अंदर धकेल दिया।' और मैंने धक्का लगा कर उसकी फैली हुई चूत में लण्ड को 3 इन्च तक घुसा दिया।
वो मजे से कराह उठी-ऊऊऊउ! माँ!.इऊऊउ! ऊईईई! ईमा! आआआअ! घह्हह्ह! ह्हस्सस्स! गया आआआ। 'देखो, एमी, देखो!' मिलि उत्साह से फुसफुसायी, एमी की आँखें विस्मय से फैल गईं क्योंकि उसने देखा कि लिली की योनी ने मेरे बड़े लंड को कितनी आसानी से निगल लिया। जल्द ही मैंने लंड को लिली योनी में तब तक अंदर पूरा घुसा दिया गया जब तक कि हमारे जाँघे के बीच के बाल-बाल आपस में मिल नहीं गए और बाकी लड़किया भी ओह्ह्ह! से आह! या हाय! या वाह! या उह्ह्ह! बोल पड़ी ।
लिली ' अह्हाअ! हह्ह! ह्हहा! कर कराह रही थी ।
मैं समझ गया कि मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में घुस चुका है।
मैंने धक्के मारना बन्द किया वह शान्त हो गई और मैंने उसको चुम्बन करना शुरू कर दिया।
थोड़ी देर बाद मैंने फिर से धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू कर दिए.
वो 'अह्हाअ! हह्हह्हहा उफ़्फ़फ़फ़्फ़ू! फ़्फ़उफ़्फ़फ़!' कर रही थी।
'ओह! प्रिय दीपक!' लिली आधी बंद आँखों से खुशी से बुदबुदाई, उसके मीठे होठों पर गर्म-गर्म चुंबनों की बौछार करने के साथ मैं उसे चोदने लगा। उसने तुरंत अपनी टांगें मेरी कमर पर फेंक दीं और अपनी युवा भुजाओं से मुझे अपने स्तनों से सटा दिया।
'उन्हें देखो, प्रिय लगकियो!' मिलि उत्सुकता से फुसफुसायी उसकी आवाज में उत्तेजना थी । एमी की निगाहें हमारे कांपते, झुर्रीदार, नग्न शरीरों पर टिकी हुई थीं, मैं उसे चोदते हुए चुंबन करता रहा और उसके स्तनों को दबाने लगा । लिली मेरे पीठ पर हाथ फेर रही थी और मेरे नितबो के अपने पैरो से दबा रही थी और मेरे ढ़ाको की ले में अपने कूल्हे उछाल कर चुदवा रही थी । सभी लड़किया हमारी चुदाई को बड़े गौर से देख रही थी और हमारी एक भी हरकत ऐसी नहीं थी जिस पर किसी का ध्यान नहीं गया।
जल्द ही आपसी परमानंद ने हम तेजी से चुदाई करने लगे और हमारे धक्के तेज होने शुरू हो गए। मैंने उसे और जोर से चोदना शुरू कर दिया। फिर मैं भी आनंदमय चरमोत्कर्ष पर पहुँच गया-एक अवर्णनीय ऐंठन हम दोनों में बह गई-'आह!.आह! आह! लिली स्खलित हुई और उसी समय मेरे लंड ने भी पिचकारी मार दी।
एक या दो पल के लिए हम सबसे करीबी और मधुरतम आलिंगन में बंद पड़े रहे; एमी और बाकी तीनो कुंवारी लड़कियों ने पहली बार चुदाई साक्षात देखी थी।
तो दोस्तों कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।
आपका दीपक
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मेरे अंतरंग हमसफ़र
चतुर्थ अध्याय
लंदन जाने की तयारी
भाग -28
हुमा ने की लंड चटाई
आपने मेरी कहानी मेरी कहानी मेरे अंतरंग हमसफ़र, चतुर्थ अध्याय भाग 27 में अब तक पढ़ा:
मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।
उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।
लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।
कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'
कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।
घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।
अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया और मैंने उसकी पीली नीली पोशाक की टॉप को उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसका सौंदर्य निरिक्षण किया और सपना को उसके स्थान की तरफ जाते हुए मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।
उसके बाद हुमा चुनी गयी और मैंने उसके पकडे निकाले और चुकी वो मुझ से झगड़ कर और नाराज होकर चली गयी तो मुझे लगा उसे दण्डित किया जानना चाहिए। मैंने हुमा को हलकी से सजा दी और उसे माफ़ कर दिया।मिली ने अपने सेक्स ज्ञान का मुझे थोड़ा सा नमूना दिया तो मैंने उसे तुरंत अपना सेक्स गुरु बना लिया।
मिली में मेरा प्रक्षिक्षण शुरू करते हुए अपने होठं मेरे होठ से लगा दिये और किस किया और बोली तुम तो बहुत ही अच्छी किस करते हो दीपक। मैं तो सोच रही थी तुमको किस करने की भी ट्रेनिग देनी पडेगी लेकिन ऐसा लगता इसकी कोई जरूरत नहीं है। फिर वो बोली अब तुम पहले लिली के साथ मजे ले लो फिर तुम्हारा प्रशिक्षण जारी रहेगा। मिली ने मेरे साथ एक लम्बा और गहरा गर्म चुंबन किया और फिर बोली तुम एक हीरे हो जिसे मैं ट्रैन करके पोलिश कर के चमका दूँगी ।फिर लिली ने मेरा लुंगी में से मेरा लंड निकाल लिया और उसे चूसा।
मैंने हुमा, लिली, सपना और मिली जो की पूरी तरह से नग्न थी उन चारो को अगले आदेश तक फिल्मफेयर अवार्ड ट्रॉफी की डांसिंग लेडी की मुद्रा में खड़े रहने के लिए कहा। "घट कंचुकी" मैंने लिली के सामने आकर उसके गुलाब के फूल जैसा मुँह और चेरी जैसे ओंठो को किस किया मानो मैं किसी बेहद खूबसूरत बुत को प्यार कर रहा हूँ। उसके बाद मैंने लिली को चोदा।
मेरे अंतरंग हमसफ़र, चतुर्थ अध्याय भाग 27 से उद्धृत :
'ओह! प्रिय दीपक!' लिली आधी बंद आँखों से खुशी से बुदबुदाई, उसके मीठे होठों पर गर्म-गर्म चुंबनों की बौछार करने के साथ मैं उसे चोदने लगा। उसने तुरंत अपनी टांगें मेरी कमर पर फेंक दीं और अपनी युवा भुजाओं से मुझे अपने स्तनों से सटा दिया।
'उन्हें देखो, प्रिय लगकियो!' मिलि उत्सुकता से फुसफुसायी उसकी आवाज में उत्तेजना थी । एमी की निगाहें हमारे कांपते, झुर्रीदार, नग्न शरीरों पर टिकी हुई थीं, मैं उसे चोदते हुए चुंबन करता रहा और उसके स्तनों को दबाने लगा । लिली मेरे पीठ पर हाथ फेर रही थी और मेरे नितबो के अपने पैरो से दबा रही थी और मेरे ढ़ाको की ले में अपने कूल्हे उछाल कर चुदवा रही थी । सभी लड़किया हमारी चुदाई को बड़े गौर से देख रही थी और हमारी एक भी हरकत ऐसी नहीं थी जिस पर किसी का ध्यान नहीं गया।
जल्द ही आपसी परमानंद ने हम तेजी से चुदाई करने लगे और हमारे धक्के तेज होने शुरू हो गए। मैंने उसे और जोर से चोदना शुरू कर दिया। फिर मैं भी आनंदमय चरमोत्कर्ष पर पहुँच गया-एक अवर्णनीय ऐंठन हम दोनों में बह गई-'आह!.आह! आह! लिली स्खलित हुई और उसी समय मेरे लंड ने भी पिचकारी मार दी।
एक या दो पल के लिए हम सबसे करीबी और मधुरतम आलिंगन में बंद पड़े रहे; एमी और बाकी तीनो कुंवारी लड़कियों ने पहली बार चुदाई साक्षात देखी थी।
अब आगे:-
जब मेरी उखड़ी हुई साँसे थोड़ी नियंत्रित हुई तो मैंने अपने परिवेश को याद किया तो मैंने मिलि और एमी को ढूँढने के लिए सावधानी से चारों ओर देखा। मैंने पाया कि वे दोनों अपनी कुर्सी पर लौट गयी हैं। मिलि, अभी भी नग्न, थी और एमी, अभी भी उसकी नाइटी में, मिली की गोद में थी, लेकिन उसने खुद को सिकोड़ कर गोल कर लिया था और कसकर मिली की छाती से चिपकी हुई थी। उसकी नाइटी उसके नितम्बो से कसकर चिपक गयी थी और जिससे एमी के नितम्बो की रूपरेखा का शानदार खुलासा हो रहा था कि मैं अनजाने में खुशी और उत्तेजना से भर गया जिससे लंड जो अभी तक लिली की योनि के अंदर आधा जगा हुआ था वह जाग कर उठा खड़ा हुआ और पूरा सख्त और लम्बा होने लगा और चूत के अंदर की मांसपेशियों पर दबाब बढ़ने लगा। लंड के इस दबाब ने लिली को भी जगाया, और उसने अपनी आँखें खोलीं; जैसे ही उसकी नाखे मेरी आँखों से मिली तो संतुष्टि की मुस्कान ने उसके चेहरे को चमका दिया। उसके होंठ मेरे ओंठो से मिले और हमने एक-दूसरे के प्रति कृतज्ञता को व्यक्त करने वाले लंबे भावुक चुंबन का आदान-प्रदान किया।
मेरे वीर्य और लिली का चुतरस लिली की योनि से बाहर बह रहा था तो मिली ने कहा हुमा अब तुम उठो पहले इस बहते हुए रस की चाटो और-और फिर दीपक के औजार को बाहर निकालो और फिर तुम्हे उसे चूसते और चाटते रहना है । हुमा ने मिली की बात मानी, तुरंत उठी और मेरे पास आ गयी । हुमा के पास आते ही मेरा लंड जो कड़ा हो रहा था पूरा सख्त और लम्बा होने लगा।
हुमा उसे बाहर निकालो और उसे चाटो और हर बूंद को निगल जाओ। मुझे नहीं पता कि आपको इसका स्वाद पसंद आएगा या नहीं, लेकिन आपको इसे फिर भी चाटना और निगलना ही होगा। ध्यान रखना फर्श पर कुछ भी गिरने या टपकने मत देना नहीं तो तुम्हें बहुत कठोर दण्ड दिया जाएगा और तुम जानती हो कि इससे तुम्हें कितनी पीड़ा होगी और इस बार माफ़ी नहीं मिलेगी । क्या तुम समझ रहे हो? "
हुमा ने तुरंत मेरा लिंग बाहर निकाल लिया लंड मेरे वीर्य और लिली के छूट रस में सना हुआ था।
मिली तुरंत उठी और कहा एक मिनट के लिए रुको हुमा जो अमृत रस तुमने चाटा है उसे लिली और मेरे को चखाओ।
हुमा ने बात मानी और पाने मुँह में भरा हुआ अमृत रस भर कर लिली और फिर मिली को चखाया और दोनों उसे मजे से चाट कर निगल गयी ।
मिली ने कहा। मुझे पता है कि सभी लड़कियाँ प्यार के गुप्त सुखों के बारे में जानने के लिए अत्यधिक उत्सुक हैं और अक्सर रात में आपस में इस विषय पर बात करती हैं। अब वह सब लड़किया ध्यान से सुनो जो कुंवारी है!
मिली-क्या आपने कभी इस छोटी-सी छेद का कोई नाम सुना, क्यों सपना?
सपना-हाँ, प्रिय मिली, योनी।
मिली-और किसी ने कोई और नाम सुना है? शबनम तुम बताओ।
शबनम-बुर।
और डेज़ी बोली उसे चूत भी कहते है मैंने उस दिन कुछ लड़कियों को इसके बारे में बात करते सुना था।
एमी ने धीरे से कहा कि लड़कों ने इसे पूसी भी कहा था। "
और फिर मिली बोली बिलकुल ठीक लड़कियों इसे स्त्रियों की भगेंद्रेय कामिन्द्री, भग, योनि, बुर या फिर चूत, पूसी भी कहते हैं योनि का अर्थ है वह जिससे कोई वस्तु उत्पन्न हो या उत्पत्ति स्थान लड़कियों में इसे रसाल और भोसड़ी भी कहा जाता है। योनि स्त्रियों का जननेंद्रिय है।
"और वे अपनी चीज को क्या कहते हैं?"
सपना शर्माते हुए बोली लिंग। "
मिली इसे शिश्न, लंड या लिंग भी कहते हैं।
"वे उन्हें लंड क्यों कहते हैं?"
"मुझे लगता है कि ये एक डंडे की तरह कड़ा हो जाता है और लड़के फिर इसे हमारी योनी को घुसाते हैं। योनि वह मार्ग है जो जांघो के बीच में एक दरार होती है जो ही गर्भाशय की ओर जाता है। योनी शरीर के बाहर से दिखाई देती है और पुरुष या लड़के का लिंग साधारणतय यही प्रवेश करता है।"
मिली बोली बिलकुल ठीक जैसे दीपक ने इसे लिली की योनि में घुसाया है बिलकुल वैसे ही लड़के इसे हमारी योनी को घुसाते हैं और दोनों फिर बहुत मजे करते हैं ।
"सपना, शबनम और डेज़ी क्या आप सब इसे अपनी योनी को घुसवाना चाहोगी?"
"सपना बोली हाँ, मुझे लगता है, मैं इसे घुसवाना पसंद करूंगी, क्योंकि मेरी योनी बहुत गर्म महसूस होती है।"
बाकी दोनों कुछ नहीं बोली पर शर्मा रही थी
तब सपना उठी और हुमा के ऊपर चढ़ गई और अपनी योनी को हुमा की योनि पर जोर से रगड़ा, जबकि हुमा ने उसके नितम्बो को पकड़कर उसे अपनी जाँघों के बीच दबा दिया।
और फिर सपना बोली मेरी बस यही जानने की तमन्ना है अगर मेरी योनी को एक लंड में बदल दिया जाया तो हमें कितना मज़ा आएगा और मिली, क्या तुमने दीपक के लंड के आकार को नोटिस किया? "
"हाँ, प्रिय, उसका लंड शानदार है जैसा आमतौर पर सब के पास नहीं होता है और दीपक का लंड दूसरों की तुलना में बड़ा भी है।" और सपना तुम उतरो और अब हुमा तुम जारी रख सकती हो ।
इस वार्तालाप को सुन कर सब हस पड़े और मैं उस परम परमानंद का वर्णन नहीं कर सकता जो मेरे पूरे शरीर में प्रवाहित हो गया था क्योंकि उसने मेरे लंड पर लगे अमृत रास को चाटा और फिर मैंने उसके रोमांचक मुंह के अंदर अपने विशाल लंड के बैंगनी सिर को समाते हुए देखा। मिली बोली अच्छा लगा हुमा?
बोलने में असमर्थ होने के कारण हुमा ने सिर स्वीकृति में हिलाया, क्योंकि उसका मुँह मेरे गर्म लंड से भरा हुआ था। "अब मेरे लंड के नीचे थैले पर अपने हाथों का उपयोग करो।" मैंने हुमा को आदेश दिया। "वहाँ अपने हाथों से बस धीरे से मेरी गेंदों को महसूस करो और सहलाओ और अपने होठों और जीभ को मेरी लंड के सिर पर इस्तेमाल करो और अपने मुंह से लंड के ऊपर और नीचे पंप करती रहो। यह बहुत अच्छा लग रहा है। ।" इस चुसाई से मेरा लंड शीघ्र ही पूरा कठोर हो गया ।
हाथों से मेरी गेंदों को धीरे से सहलाते हुए और उसका कोमल मुंह मेरे लंड पर ऊपर और नीचे फिसलने लगा, जबकि उसकी जीभ मेरे लंड के अति संवेदनशील सिर को सहला रही थी, जैसे ही मैंने अपने जेटिंग हथियार को उसके गले में गहराई में घुसा, उसका दम घुटना शुरू हो गया।
वो फिर भी चूसने और चाटने और हर बूंद को निगलने में व्यस्त थी।
वह हर मायने में अब मेरी आज्ञाकारी हो गयी थी। अंत में मैंने उसके सिर को अपने पैरों के बीच स्थिति से मुक्त कर दिया, वह सांस लेने के लिए हांफ रही थी और वह वहीँ लेट गयी। मैंने उसे अपने पैर के अंगूठे को उसकी नंगी योनि क्षेत्र में छुआ दिया और उसकी योनि को सहलाने लगा जिससे वह उत्तेजित और आनन्दित हो रही थी ।
तो दोस्तों कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।
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मेरे अंतरंग हमसफ़र
चतुर्थ अध्याय
लंदन जाने की तयारी
भाग -29
अगले सत्र की तयारी.
आपने मेरी कहानी मेरी कहानी मेरे अंतरंग हमसफ़र, चतुर्थ अध्याय भाग 28 में अब तक पढ़ा:
मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।
उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।
लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।
कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'
कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।
घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।
अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया और मैंने उसकी पीली नीली पोशाक की टॉप को उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसका सौंदर्य निरिक्षण किया और सपना को उसके स्थान की तरफ जाते हुए मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।
उसके बाद हुमा चुनी गयी और मैंने उसके पकडे निकाले और चुकी वो मुझ से झगड़ कर और नाराज होकर चली गयी तो मुझे लगा उसे दण्डित किया जानना चाहिए। मैंने हुमा को हलकी से सजा दी और उसे माफ़ कर दिया।मिली ने अपने सेक्स ज्ञान का मुझे थोड़ा सा नमूना दिया तो मैंने उसे तुरंत अपना सेक्स गुरु बना लिया।
मिली में मेरा प्रक्षिक्षण शुरू करते हुए अपने होठं मेरे होठ से लगा दिये और किस किया और बोली तुम तो बहुत ही अच्छी किस करते हो दीपक। मैं तो सोच रही थी तुमको किस करने की भी ट्रेनिग देनी पडेगी लेकिन ऐसा लगता इसकी कोई जरूरत नहीं है। फिर वो बोली अब तुम पहले लिली के साथ मजे ले लो फिर तुम्हारा प्रशिक्षण जारी रहेगा। मिली ने मेरे साथ एक लम्बा और गहरा गर्म चुंबन किया और फिर बोली तुम एक हीरे हो जिसे मैं ट्रैन करके पोलिश कर के चमका दूँगी ।फिर लिली ने मेरा लुंगी में से मेरा लंड निकाल लिया और उसे चूसा।
मैंने हुमा, लिली, सपना और मिली जो की पूरी तरह से नग्न थी उन चारो को अगले आदेश तक फिल्मफेयर अवार्ड ट्रॉफी की डांसिंग लेडी की मुद्रा में खड़े रहने के लिए कहा। "घट कंचुकी" मैंने लिली के सामने आकर उसके गुलाब के फूल जैसा मुँह और चेरी जैसे ओंठो को किस किया मानो मैं किसी बेहद खूबसूरत बुत को प्यार कर रहा हूँ। उसके बाद मैंने लिली को चोदा। एमी और बाकी तीनो कुंवारी लड़कियों ने पहली बार चुदाई साक्षात देखी थी।
मेरे अंतरंग हमसफ़र, चतुर्थ अध्याय भाग 28 से उद्धृत :
' हुमा ने मेरे लंड पर लगे अमृत रस को चाटा और फिर मैंने उसके रोमांचक मुंह के अंदर अपने विशाल लंड के बैंगनी सिर को समाते हुए देखा। "अब मेरे लंड के नीचे थैले पर अपने हाथों का उपयोग करो।" मैंने हुमा को आदेश दिया। "वहाँ अपने हाथों से बस धीरे से मेरी गेंदों को महसूस करो और सहलाओ और अपने होठों और जीभ को मेरी लंड के सिर पर इस्तेमाल करो और अपने मुंह से लंड के ऊपर और नीचे पंप करती रहो। यह बहुत अच्छा लग रहा है। ।" इस चुसाई से मेरा लंड शीघ्र ही पूरा कठोर हो गया ।
हाथों से मेरी गेंदों को धीरे से सहलाते हुए और उसका कोमल मुंह मेरे लंड पर ऊपर और नीचे फिसलने लगा, जबकि उसकी जीभ मेरे लंड के अति संवेदनशील सिर को सहला रही थी, जैसे ही मैंने अपने जेटिंग हथियार को उसके गले में गहराई में घुसा, उसका दम घुटना शुरू हो गया।
वो फिर भी चूसने और चाटने और मेरे वीर्य और लिली का चुतरस की हर बूंद को निगलने में व्यस्त थी।
वह हर मायने में अब मेरी आज्ञाकारी हो गयी थी। अंत में मैंने उसके सिर को अपने पैरों के बीच स्थिति से मुक्त कर दिया, वह सांस लेने के लिए हांफ रही थी और वह वहीँ लेट गयी। मैंने उसे अपने पैर के अंगूठे को उसकी नंगी योनि क्षेत्र में छुआ दिया और उसकी योनि को सहलाने लगा जिससे वह उत्तेजित और आनन्दित हो रही थी ।
अब आगे:-
मैं अपने पैर के अंगूठे से हुमा की योनि को सहलाने लगा जिससे वह उत्तेजित और आनन्दित हो रही थी। हुमा कराहती हुई मुझे चूमने लगी कुछ देर बाद मैंने हुमा से कहा "मुझे भूख लग रही है," मिली ने कहा। "सपना रसोई से कुछ ले लाएगी।" सपना और रोजी रसोई की तरफ चल दी ।
लिली चुदाई के बाद बिस्तर पर लेटी हुई थी, उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि उसे अब सबके सामने चोद दिया गया है। और इस बीच हुमा ने मुझे चूमना जारी रखा ।
हुमा ने महसूस किया कि मेरा हाथ उसके बालों को सहला रहा है। अचानक मेरे हाथ ने उसके घने सुनहरे बालों को पकड़ लिया।
"अब जाओ मेरे लिए कुछ खाने को लाओ," मैंने हुमा को आज्ञा दी।
"ठीक है," उसने मेरी बात मानी।
दरसल मैं हुमा के नितम्बो को चलते समय हिलते हुए देखना चाहता था ।
"हुमा तुम्हारी गांड बहुत अच्छी है," मैंने कहा। " मुझे अच्छी गांड वाली लड़कीया नहुत पसंद है।
हुमा उठी कमरे का चक्र लगाया और रसाई की तरफ चल दी और जब वह चल रही थी तो मैं उसकी मटकती हुई गांड और बलखाती कमर को देखता रहा और उसके सुडोल गोल नितम्ब बेडरूम से बाहर की और जाते हुए थिरक रहे थे कमरे से बाहर निकलते समय हुमा बहुत शरमा रही थी और जब उसने रसोई में कदम रखा तो वहाँ रोजी और सपना थी ।
मिली ने कहा कि दीपक हुमा बहुत अच्छी लड़की है। "
मैं बोला मुझे इसे चोदना है! "
हुमा मेरे लंड को चूसने के कारण और लिली की चुदाई देखने के कारण उत्तेजित हो गयी थी और मेरे पास जल्दी से जल्दी वापस भागना चाहती थी। लेकिन वह कुछ खाने के सामान के बिना वापस नहीं लौट सकती थी। वह मुझे नाराज नहीं करना चाहती थी।
मुझे अच्छा लगा कि जिस तरह से सुंदर हुमा शरमा रही थी। मुझे आश्चर्य हुआ कि मैं इसे कैसे वश में करने में कामयाब रहा । अब तक मैंने जितनी भी लड़किया भोगी थी वह सब सुंदर थी लेकिन यह लड़की खास थी। वह उस तरह की थी जिसे एक आदमी दिन-रात चोदना चाहता है।
मैंने इसे जल्दी करने का आदेश दिया । रोजी उसके पास गई और उसे कुछ फल, केक और पेय एक ट्रे में रख कर दे दिए।
मैं बता सकता था कि वह भ्रमित और डरी हुई थी। उसने जो सोचा था यह उससे कहीं ज्यादा था। मैंने उसे कोई लानत नहीं दी थी फिर भी वह डरी हुई थी। मुझे उसका डर अच्छा लगा। एक महिला जब डर जाती है तो वह वास्तव में अपने पुरुष को खुश करने की कोशिश करती है। एक डरी हुई महिला एक आदमी को मौत के घाट भी उतार सकती है। पर यहाँ स्थिति अलग थी उसे मुझे खुश करना था क्योंकि वह मुझ से चुदना बहुत पसंद करती थी ।
इस बीच लिली ने मुझे अपनी तरफ खींच लिया और गले लगाया और मुझे चूमा । मिली, अभी भी नग्न, कुर्सी पर बैठी हुई थी और एमी, अभी भी अपनी नाइटी में, उसकी गोद में थी, लेकिन उसने खुद को खुद को गोल कर लिया था मिली से चिपकी हुई थी, मिली ने भी उसको पाने छाती से कसकर लगाया हुआ था और उसे अपनी बाहों में जकड़ा हुआ था।
हुमा धीरे-धीरे खाने का सामान लेकर मेरी तरफ आई तो उसके दृढ स्तन बिलकुल नहीं हिल रहे थे। मैंने कुछ फल और एनर्जी ड्रिंक ली और बाकी सभी जखाने के चीजे लड़कियों में बंट गयी।
मैंने फल खाते हुए और एनर्जी ड्रिंक के घूँट भरते हुए कहा लड़कियों! 'मिली और एमी को देखो!'। हुमा सहित सभी लड़कियों ने देखा और हँसी-मज़ाक करने लगी, जिसने मिली और एमी को लगभग अपराधबोध से भर दिया; और फिर जैसे ही मैं और लिली धीरे-धीरे एक-दूसरे के आलिंगन से बाहर निकले और बिस्तर से उठे, तो लड़किया शरमाती हुए हमसे मिलने आयी।
लिली बड़बड़ाते हुए अपनी मिली की बाहों में दौड़ी, 'ओह, मेरी डार्लिंग दीदी!' जबकि मिली ने जवाब दिया, 'ओह, लिली डियर! ओह, तुम खुश हो मेरी छोटी बहन!' और फिर उन्होंने एक दूसरे को जोश से चूमा।
मैंने अपनी बाहों को चुपचाप एमी के कमर में डाला तो वह डरपोक शर्माती हुई मेरे आलिंगन में आ गई और मैंने उसके होठों को चूमा। 'प्रिय, क्या आपको हमारा सम्भोग और अब तक जो कुछ यहाँ हुआ और आपने देखा है वह पसंद आया? क्या हमने आपको खुश किया?' मैं अपनी आंखों में एक चमक के साथ फुसफुसाया। वह शरमा कर लाल हो गई, उसने अपनी आंखें मूंद लीं, लेकिन चुप रही; जिस पर मैंने कहा, 'कोई बात नहीं, प्रिय, बेहतर है! तुम मुझे कल रात बता देना!' जिस पर वह घबरा गई।
फिर मेरे आश्चर्यचकित करते हुए उसने खुद को अपने पंजो पर उठाया, अपना शरमाता हुआ चेहरा मेरी ओर कर दिया और भावना से भरी आवाज में बहुत धीरे से फुसफुसायी, 'मुझे फिर से चूमो, दीपक और कल जब मेरा समय आएगा तो मुझ पर दया करोगो और वादा करो मेरे साथ बहुत प्यार से करोगे!'
'मेरी प्रिये!' मैंने कहा जरूर और मैं उत्तेजना से भर गया और अजीब तरह से हिल गया-और फिर से उसे मेरे पास ला कर मैंने उसे बार-बार जोश से चूमा।
बहुत खूब! लड़किया बोली और फिर मिली की आवाज ने हमें बाधित किया। 'दीपक, आप मेरे कमरे में जा सकते हैं और तरोताजा हो सकते हैं; एमी प्रिय, तुम हमारे साथ आओ!' सात बहनें मिली के बाथरूम में गायब हो गईं और उसके इशारे पर काम करते हुए मैं उसके कमरे में चला गया और रोजी मेरे पीछे हो ली। उसने मुझे और मेरे अंग के सबसे स्वागत योग्य स्नान और सफाई करने में मदद की और थोड़ी से मेरी मालिश की; इस मालिश और स्नान से मैं बहुत तरोताजा महसूस कर रहा था, मैं अभी भी नग्न था और फिर अपने कमरे में लौट आया मिली भी मेरी ही तरह पूरी नग्न थी और बाथरूम से अकेली बाहर आई थी।
कमरे में एक दुसरे को अकेला पाकर हम एक दूसरे की बाहों में लिपट गए और हमने एक दूसरे को कोमलता से चूमा; उसके कोमल जिस्म को महसूस कर मैं यह सोचकर रोमांचित हो गया कि जल्द ही वह मेरी बाहों में सबसे नज़दीकी आलिंगन में बंद हो जाएगी।
'दीपक! यह बस अद्भुत था!' उसने बड़बड़ाया; 'लिली का कहना है कि यह सबसे अच्छा था। ये उसकी सबसे बढ़िया चुदाई थी!'
'और एमी ने इसके बारे में क्या कहा, मिली?' मैंने उत्सुकता से पूछा। वह हंसी। 'एमी बिल्कुल हिली हुई है! जो उसने अब देखा है; वैसी उसने अपने बेतहाशा अच्छे और सबसे बुरे क्षणों में भी कभी कल्पना भी नहीं की थी। आपको और लिली को एक-दूसरे की बाहों में देखकर वह बहुत उत्तेजित हो गई थी, और जब आप चुदाई करते हुए अद्भुत समापन पर पहुँच गया, तो जैसा आपने देखा था, मैंने उसे अपनी गोद में लिया और गोद में बिठाया, क्योंकि मुझे यकीन है कि अन्यथा वह उसकी भावनाओं से राहत पाने के लिए हाथ का इस्तेमाल करती! मैं खुद बहुत बुरी हलात में थी!' उसने शर्माते हुए जोड़ा।
'क्या तुम उत्कर्ष पर पहुँची, क्या तुम झड़ गयी थी मिली?' मैंने शरारत से पूछा।
'नहीं, नहीं, दीपक!' उसने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, 'लेकिन मुझे खुद को नियंत्रित करने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ा!'
'क्या आपको लगता है कि एमी झड़ गयी थी?' मैंने कुछ उत्सुकता से पूछा। 'नहीं, मुझे पता है कि उसने नहीं किया, लेकिन उसने अभी बाथरूम में लिली को उसने जो किया वह सब बताया!'
'अब वह कहाँ है?' मैंने जिज्ञासा की और बाकी लड़किया?
'सब की सब लड़किया बहुत उत्तेजित और उत्सुक हैं और अब बाथरूम में लिली के पास हैं,' मिली ने जवाब दिया। ' मैंने सोचा कि लड़कियों को एक साथ छोड़ना अच्छा है और मुझे उम्मीद है कि लिली एमी और लड़कियाँ सवालों के साथ खेल रही हैं!
प्रिय दीपक! मुझे लगता है कि आपके पास जल्द ही सबसे प्यारे विद्यार्थियों का दल होगा! 'मैंने मुस्कान के साथ जोड़ा-' मैं बहुत सुखद उम्मीदों के साथ इसका इंतजार कर रहा हूँ और उस समय आप मेरे पास रहिएगा। '
तो दोस्तों कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले भाग में पढ़िए।
आपका दीपक
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मेरे अंतरंग हमसफ़र
चतुर्थ अध्याय
लंदन जाने की तयारी
भाग 31
ज्यादातर जीव किस आसन में सेक्स करते हैं.
इस समय हुमा के नग्न स्तन निश्चित रूप से मेरे विशेष और तत्काल ध्यान का विषय थे। आकार, रूप और रंग की पूर्णता, अध्भुत थी, उसके मूंगे जैसा निपल्स दृढ़ और सीधा खड़ा था, और चुंबन चाहता था। दो बर्फीली पहाड़ियों के बीच एक विस्तृत स्थान था, जो मेरे पिछले कुछ दिनों के से किए गए प्रयासों के कारण थोड़ा भारी हो गए थे। मैं उन्हें खुशी और प्रशंसा के साथ देखता रहा। उसने अचानक मेरे एक हाथ को पकड़ा और अपनी चुची पर रख दिया।
मैंने हुमा की चूची को हल्के से सहलाया तो हुमा ने मेरे हाथ पर अपना हाथ रखा और कसके हाथ से स्तनों को दवबाने लगीं।
अगले ही पल मैंने हुमा को अपनी गोदी में खींचा और अपनी बांहों में भर लिया और उनके होंठों को जोर-जोर चूमने चूसने लगा। मैं कभी होंठों पर होंठ रगड़ता, तो कभी गाल पर, तो कभी कान को, तो कभी गर्दन को चूमने लगता। यूं ही हुमा के सेक्सी बदन को चूमते हुए और चुचियों को मसलते हुए मुझे दस मिनट से ज्यादा हो गया। फिर हम दोनों थोड़ा अलग हुए पर वह गोदी से नहीं निकली ।
फिर उसकी ओर लपकते हुए, मैंने अपना चेहरा उसके स्तनों के बीच की घाटी में दफन कर दिया, अपने जलते हुए होंठों से प्रत्येक पड़ोसी ढलान पर चुंबनों की बरसात कर दी और अंत में एक के बाद एक गुलाबी निपल्स पर कब्जा कर लिया, जिन्हे प्रसन्नता के उन्माद के साथ ओंठो और जीभ का उपयोग करते मैंने बारी-बारी चूसा।
यह एक सच्चाई है, जैसा कि हर वह लड़की जिसने अभी भी मुख मैथुन किया है और किसी लड़के या लड़की के द्वारा उसके स्तनों को चूसा गया है या फिर उसने अगर किसी अन्य लड़की के स्तनों को चूसा है, वह हर लड़की जानती है कि लड़किया अपने स्तनों को चुसवाना कितना पसंद करती है। और हुमा भी इस मामले में कोई अपवाद नहीं थी और हुमा ने इस सभी को आजमाया है ।
साहसी युवा लड़की ने मेरे हर इच्छा को पूरी करने के लिए उत्सुकता से खुद को समर्पित कर दिया, अपने निपल्स को मेरे मुंह में धकेल दिये, अपने स्तनों को मेरे चेहरे पर दबा दिया और अपनी प्यारी नग्न बाहों के साथ मेरी गर्दन को घेर कर मेरे सर को पकड़ लिया।
श्रीमान अब आप मेरे स्तनों और बाकी सब को भी जो कुछ जो आपको मेरी पसंद है उसे देख सकते हैं,। भविष्य में, आपसे प्यार करने के लिए मेरी यही फुल-ड्रेस पोशाक होगी।
मैंने हुमा की तरफ देखा तो हुमा के बूब्स के नज़ारे और उन्हें छूने सहलाने और चूसने के अहसास ने मुझे उत्तेजित कर दिया था। और निश्चित तौर पर वह भी उत्तेजित थी क्योंकि जब मैं उसके स्तन चूस रहा था तो वह उह्ह्ह अह्ह्ह आहाये करती हुई कराह रही थी। जैसे ही मैंने उसके सुंदर, मुलायम स्तनों में से एक को जीभ से सहलाया, वह कांप उठी। उसका निप्पल और सख्त हो गया। मैंने उसे अपने मुंह में दाल उसे चूसने लगा और उसे भी मजा आने लगा था।
"क्या तुम्हें मेरा बड़ा लंड अपनी चूत में लेना पसंद है?"
"कृपया सबके सामने मुझसे इस तरह से बात न करें," उसने मुझसे भीख माँगी "इससे मुझे गर्माहट महसूस होती है।"
"तुम तो पहले से ही एक हॉट बेबी हो" मैंने कहा। "तुम्हारी योनि गर्म है। क्या तुम्हारा छेद गर्म नहीं है, क्या तुम्हें चुदाई करवाना पसंद नहीं है?"
उसने मुझे कोई जवाब नहीं दिया मैंने उसे अपनी गोद में खींच लिया। हुमा में मेरा विरोध करने की इच्छाशक्ति नहीं थी उसने महसूस किया कि मेरे हाथ उसके वासना से सूजे हुए स्तन की ओर बढ़ रहे हैं। जब मेरी उंगलिया उसके निप्पल की मालिश करने लगी और जब मेरी उँगलियों ने उन्हें खींचा तो वह कराह उठी और मेरे खड़े हुए लंड के खिलाफ अपनी गांड हिलाने लगी।
हुमा तुम बोलो न बोलो तुम्हारा शरीर बता रहा है तुम्हे मेरा लंड अपनी योनि में लेना बहुत पसंद है।
"तुम्हारे स्तन अच्छे हैं, बेबी जो तुम्हारे मन की सही बात बता देते हैं," मैंने कहा। "मैं उनमें से एक को सच बताने का इनाम देना चाहता हूँ।"
मैंने उसे थोड़ा पीछे धकेला और उसके गुलाबी निप्पल में से एक पर अपना मुँह चिपका लिया। मैंने उस रस भरी कली को अपने मुँह में ले लिया। जब मैंने अपने स्तनों पर काम करना शुरू किया तो मुझे पता था कि एक महिला को मजे से कैसे मस्त करना है। हुमा कोई अपवाद नहीं थी।
जैसे ही मैंने उसके निप्पल और स्तन का गर्म मांस अपने मुँह में लिया, उसने मेरा मुँह खुला उसके स्तन को चूसते हुआ महसूस किया। उसे उम्मीद नहीं थी की मैं उसका निप्पल और स्तन इतने जोर से चूसूंगा और मैंने भी थोड़ी शरारत करते हुए उसके स्तन को दांतो से हल्का-सा कुतरा तो वह उछल पड़ी । लेकिन वह मुझसे दूर नहीं जा सकती थी, उसकी टांगो के बीच का योनि क्षेत्र पहले से ही एक सुखद रूप से गीलापन लिए हुए था। वह मेरी गोद में अपनी गांड को थोड़ा जोर से रगड़ने लगी। मेरा लंड लगभग पूरी तरह से सख्त था। वह अपनी गांड के गालों के बीच मेरे लंड को चुबता हुआ महसूस कर रही थी और अपनी योनि में भी गर्मी महसूस कर रही थी।
"हे भगवान," वह चिल्लायी । "हे भगवान, मैं इस तरह महसूस करने से खुद को रोक नहीं सकती। आप मुझे गर्म कर रहे हो!"
उसने कदमों की आहट सुनी। उसने सिर घुमाया सपना, द्वार पर शबनम और डेज़ी खड़ी थी। । उसने सोचा ये दोनों उसके पक्ष में मुझसे कुछ कहेंगी लेकिन इसके बजाय सपना रेफ्रिजरेटर की तरफ चली गई और एक बियर निकाली और मुझे दे दी। मैंने बियर के कैन को खोला और हुमा को गोद में लिए हुए बैठ गया।
मैंने हुमा का गला चूमा। मेरे दुसरे हाथ ने उसके दृढ स्तन को मसलना जारी रखा। वह बड़ी मुश्किल से इसे बर्दाश्त कर रही थी।
वो झुक गयी और मेरे होंठों को हल्के अपने होंठो से सहलाया। मैंने अपना हाथ उसके सिर पर रख दिया और उसे जोर से अपनी तरफ खींच लिया और अपनी जीभ उसके मुंह में डाल दी। उसने मेरे जीभ को अपने जीभ को छुआ और मेरी जीभ को चूसने लगी और ऐसा लग रहा था कि मैं पागल हो जाऊंगा।
ओह्ह्ह मैं कराह उठा। मेरे हाथ उसकी पीठ के नीचे फिसल गए और मेरी उंगलिया उसके नितम्बो के गालों को अलग कर उनके बीच की दरार को तलाशने लगी और फिर उंगलिया उसकी छूट तक ले गया और गांड और योनि के बीच के हिस्से को सहला कर मैं उसकी चूत को और ज्यादा गर्म कर रहा था। उसकी शरीर में हो रहे कम्पन को महसूस कर मैं समझ गया अब वह मेरे लंड के लिए तैयार थी। मैंने धीरे से उसे अपनी गोद से धक्का दे दिया।
"मेज पर बैठो, बेबी," मैंने कहा।
"आप मुझसे क्या कराना चाहते हैं?" उसने पूछा।
"मैं चाहता हूँ कि तुम अपनी चूत दिखाओ," मैंने कहा।
मैंने उसे टेबल पर उठा दिया और नीचे देखने लगा। वह शरमा गई क्योंकि उसने महसूस किया कि मैं वास्तव में उसकी योनी को देखना चाहता हूँ। वह टेबल पर चढ़ गई।
"अपने पैर फैलाओ," मैंने कहा। आओ लड़कियाँ उसे देखें। इस समय लिली और एमी बाँहों में लिपटी हुए बाथरूम से निकली, लिली चुदाई के बाद आंनद और संतुष्टि से दीप्तिमान दिख रही थी, जबकि एमी का चेहरा बस खुशी से चमक उठा; क्योंकि उसने थोड़ी देर पहले ही चुदाई लाइव देखि थी और उसका भय हमारे उत्साहपूर्ण सम्भोग कोई देख कर दूर हो गया था और साथ ही वह खुश थी की वह एक लम्बे और मजबूत लंड से चुदेगी। लिली ने उसे बताया था कि मेरे से चुदाई में उसे कितने मजे आये हैं। साथ ही उसे यह सुखद ज्ञान था कि वह इस समय हुमा को मेरी बाहों में देख रही होगी। इसलिए जब लिली एक कुर्सी पर बैठ गई तो एमी ने हुमा की योनी में देखा और फिर खुद मिली की गोद में आराम से बैठ गई और हमें देखकर मुस्कुराई।
अपनी मलाईदार जांघों को इस तरह कर फैलाते हुए दूसरी लड़कियों को देखना हुमा को वास्तव में बहुत भद्दा लगा। वह जानती थी कि वह वास्तव में वह मुझे अपनी योनि का एक नजारा दे रही थी। मैं उसकी गुलाबी, कांपती योनी को बड़े गौर से देख रहा था। उसका शरीर कांप रहा था लेकिन उसने कुछ छिपाने की कोशिश नहीं की।
"हाँ," मिली ने कहा। "लड़कियों! देखो हुमा के पास एक सुंदर योनि है। दीपक को और हुमा को अब उसे चोदने में मज़ा आने वाला है और आप सभी इस चुदाई को लाइव देखने का आनंद लें!"
मैंने अपनी उंगली को चाटा और उसकी योनी में घुसा दी । सूजने के कारण ऊँगली योनि में थोड़ी मुश्किल से गयी। उसे नहीं पता था कि उसके साथ क्या मामला है। बस मेरा स्पर्श उसे दीवाना बना रहा था और वह ओह्ह! अह्ह्ह! करती हुई कराहने लगी । वह जोर से काम्पी और मेरी उंगली पर अपना चुत रस छोड़ कर उसे गीला कर दिया और वह महसूस कर रही थी कि उसकी चूत का रस मेरी ऊँगली को भिगो रहा है
"अच्छा लगा?" मैंने पूछ लिया।
"ओह! हाँ," वह चिल्लायी।
मैंने मेरी एक और उँगली उसकी योनी में अंदर कर दी। वह खुशी से झूम उठी। योनि में आयी सूजन के कारण मेरी उँगलियों पर्याप्त गहराई तक नहीं जा रही थी। उसने महसूस किया कि मेरा दूसरा हाथ जो खाली था फिर से उसके पेट और नाभि की सहलाता हुआ उसके स्तनों की ओर बढ़ रहा है। मेरी कठोर उँगलियों ने उसके स्तनों को सहलाया और दबाया तो उसने ढेर सारा रस मेरी उंगलियों पर छोड़ कर उंगलियों को रसदार बना दिया।
"वो चिल्लाई।" मुझे तुम्हारा बड़ा लंड अंदर चाहिए! "
उसके हाथ मेरे पैरों के बीच पहुँचे और उसकी उंगलियों ने मेरे खड़े हुए लंड की रूपरेखा का पता लगाया।
मैं उसकी योनी में अपनी उंगलियाँ चलाता रहा। वह कराह उठी जब उसने महसूस किया कि मेरी एक उंगली उसकी कठोर योनि के दाने को छेड़ रही है। उसने मेरी गर्म लंड को-को बेरहमी पकड़ा तो मुझे उत्तेजना के साथ झटका लगा।
धीरे-धीरे उसने मेरे खड़े हुए कठोर लंड के चारों ओर अपनी उँगलियाँ घुमाईं और उसने मेरे लम्बे लंड के चारों ओर अपनी पकड़ मजबूत की और अपना हाथ ऊपर-नीचे किया। वह ह मुझे अच्छा महसूस कराना जानती थी। उसने लंड के संवेदनशील मुकुट के चारों ओर अपनी उंगलियाँ ऊपर कीं । `
मेरा लंड झटका देकर उसके हाथ से छूट गया।
"नहीं, कृपया," वह कराह उठी। "मुझे इसे पकड़ने दो। मैं इसे पकड़ना चाहती हूँ!"
"आप इसे पकड़ने ही जा रही हो" मैंने कहा। "आप इसे आपकी योनी में रख लो!"
"ओह हाँ," वह चिल्लायी।
"अब घूमो," मैंने आज्ञा दी।
जब तक मैंने उसे घुमाया, उसे अब तक समझ नहीं आया था कि मैं क्या चाहता हूँ। मैंने उसे मेज के पर झुका दिया जिससे उसके स्तन मेज़ के खिलाफ सपाट हो गए। मैंने अपनी कुर्सी इधर-उधर कर दी ताकि मैं उसका चेहरा देख सकूं। फिर मैं उसके पीछे आ गया और लंड पकड़ कर उसकी योनि पर के छेद पर लगा दिया।
"अब मैं तुम्हें एक कुत्ते की तरह चोदने जा रहा हूँ," मैंने कहा। "बिल्कुल उस कुतिया की तरह! जो गर्म हो चुकी है और मैं पीछे से लंड अंदर डालने वाला हूँ। अब आप सभी सीखेगी की ज्यादातर पशु किस आसन में सेक्स करते हैं। "
मैं हुमा की चूत को सूंघने लगा और उसके चारो और घूमने लगा और फिर रुक रुक कर हुमा की चूत को सूंघता था और फिर घूमने लगता था। ऐसा कुछ 4-5 मिनट हुआ और फिर मैं हुमा के पीछे खड़ा हो गया और उसकी चूत को सूंघने लगा। सब लड़किया ये देख कर हसने लगी।
वह इतनी उत्साहित थी कि उसे परवाह नहीं थी की उसकी चुदाई किस आसन में होने वाली है। फिर मैं एक बार ज़ोर से घोड़े के तरह हिनहिनाया और झट घोड़ी बनी हुई हुमा के ऊपर चढ़ गया औरअपना लंड उसकी चूत पर लगा दिया। उसने महसूस किया कि मेरा लंड उसके गीले योनि के द्वार को दबा रहा है। मैंने उसके अंदर धक्का नहीं दिया। इसके बजाय मैंने अपना लंड पकड़ा और उसकी चूत के खांचे में अपना मोटा लंड रगड़ा। उसने मुड़ने की कोशिश की लेकिन मैंने उसकी चूत के दाने को लंड से दबा दिया।
"मुझे इसकी ज़रूरत है, जल्दी अंदर डालो" वह चिल्लायी।
"मुझे पता है कि तुम क्या चाहती हो," मैंने कहा। " लेकिन मैं अभी तैयार नहीं हूँ। आप जहाँ हैं वहीं रहें।
अब लंड डाल दो, अब और इंतज़ार नहीं होता, प्लीज जल्दी करो ना, प्लीज आहहह।
मैं इसे आपके अंदर जल्द ही घुसा दूंगा। " मैंने उसे थोड़ा और तड़पाने की सोची ।
"दीपक, अब ये पूरी गर्म हो गयी है इसको वह दे दो जो वह चाहती है," मिली ने मुझसे कहा।
"मैं तैयार हूँ," उसने मुझसे विनती की "मैं बिलकुल तैयार हूँ!" मैं हँसा क्योंकि मैंने अपना लंड पूरी तरह से उसकी योनि के अंदर एक ही झटके में घुसा दिया और मेरी गेंदों उसके नितम्बो पर पटक दी। उसने उस पल की उम्मीद नहीं की थी। वह चकित होकर खुशी और दर्द में चिल्लाई।
मैंने कहा। "लड़कियों अब आप प्राकृतिक तौर पर लंड, योनी और सेक्स और आंनद के बारे में सब कुछ सीखने वाली हैं।अब आप सभी सीखेगी की ज्यादातर पशु किस आसन में सेक्स करते हैं। "
वो मेरे लंड पर अपनी छूट को ज़ोर से आगे पीछे करने लगी और ज़ोर से कराहने लगी। उसकी चूत पूरी डबल रोटी की तरह फूली हुई थी।
मिली ने कहा गर्ल्स अब तुम सब सीखेगी कि पशु सेक्स के पूरे मजे कैसे लेते हैं! "
मुझे लगा पीछे से लंड ज्यादा अन्दर तक गया और पहले से ज्यादा मजा आया। हुमा भी मस्ती में गांड आगे पीछे कर मेरा साथ देने लगी।
मैंने अपना लंड उसकी योनि से बाहर निकाला। मैंने उसे काफी देर तक उसकी चूत में नहीं घुसाया। वह अब अपनी गीली योनी में लंड लेने के लिए तड़प रही थी। वह बोली निकाल क्यों लिया । डालो जोर से डालो पूरा अंदर डालो। अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है, जल्दी से चोद दो। मेरी चूत में आग लग रही है। अब वह ज़ोर-जोर से हाँफ रही थी और जैसे कोई कई मीलों से दौड़कर आई हो और आहह, एम्म, ओह, आआआआआआअ, डालो ना अंदर जैसी आवाजे निकल रही थी। फिर जल्द ही उसने महसूस किया कि मेरा गर्म लंड उसकी गीली नाली को रगड़ता हुआ वापस आ गया है और उसकी आहे निकल रही थी ।
जैसे ही मैंने अपने धड़कते औजार को वापस उसकी योनि में घुसा दिया, वह हांफने लगी। उसकी योनि ने लंड की थरथराती लंबाई पर अपनी योनि के होठों को बंद कर लिया। वह अपने शरीर को हिलाते हुए कामेच्छा की मीठी ऐंठन महसूस कर रही थी। उसे एक बड़े और कठोर लंड के कच्चे और कुदरती पाश्विक आसान में सुख से प्यार करना सीखने में देर नहीं लगी।
में धक्के पर धक्के लगाए जा रहा था और अब उसकी आँखों से आसूँ निकल रहे थे। एक जोर का झटका लगाया, एक ही झटके में पूरा लंड उनकी चूत के अंदर चला गया, उनकी आह निकल गयी।
मेरे चेहरे पर सिर्फ मस्ती थी। उसने महसूस किया कि मेरा हाथ उसके बालों को सहला रहा है।
चोदो वह कराह उठी। "मुझे अच्छे से चोदो!"
मैं हस्ते हुए बेरहमी से चोदने लगा। मेरा एक हाथ उसके सिर के पिछले हिस्से पर था और मैंने उसे टेबल से दबा रखा था। हर बार जब मैं उसे घुसाता तो मेरा विशाल लंड उसके अंदर गहराई तक जा रहा था।
मैंने हाथ से उसके सिर को छोड़ दिया और मेरे दोनों हाथ उसके शरीर के चारों और फिरते हुए उसके स्तनों के नीचे गए और उसके स्तन टेबल से ऊपर उठ गए। जैसे ही मैंने अपना कठोर लंड आगे पीछे किया मैंने उसके स्तनों को बेरहमी से निचोड़ा। वह मेरी सांसों की आवाज और मेरी गेंदों की उसके नितम्बो से टकरा कर निकलने वाली जोरदार थप्पड़ की आवाज सुन रही थी। उसने सोचा कि वह ऐसी ही चुदाई के लिए बनी है। जिसे एक महिला जान सकती है उसने उस सबसे मधुर आनंद की खोज की थी I
फिर वह बोली कि हाँ बहुत मज़ा आआआआ! रहा है, इस चूत को सिर्फ तुम्हारी चुदाई चाहिए । हाईईईईई! म्म्म्मम! करती हुई वह जोर-जोर से कराहने लगी। फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब वह पूरी मस्ती में थी और मस्ती में मौन कर रही थी। अआह्ह्ह! आाइईई! और करो, तेज करो और तेज करो । बहुत मजा आ रहा है। में अपनी स्पीड धीरे-धीरे बढ़ाता जा रहा था हाअ, राआआआजा, आईसीईई, चोदो और जोर से चोदो। आज कुछ भी हो जाए लेकिन बाहर मत निकालना करते रहो। ऐसे ही करते रहो, झड़ना मत, आआआआ और ज़ोर से, उउउईईईई! माँ, आहह! हाँ, अब ऐसे ही वह मौन कर रही थी।
में पीछे से उसके मोमे पकड़ कर दबाता रहा! जब मैं उनके मोमे दबाता था तो वह मुँह पीछे कर मुझे किस करने को कहती थी और मैं उसकी पीठ पर झुक कर उसके लिप्स चूसने लगता! करीब 25 मिनट तक लगातार उसको उस पोज़िशन में चोदा!
"ओह, बेबी," वह रोयी । "मुझे यह पसंद है। इसे मुझे ऐसे ही चोदते रहो। मुझे तुम्हारा लंड बहुत पसंद है!" जब मेरेा लंड अंदर जाता था तो मेरी गेंदे उसकी भगनासा से टकरा रही थी,। ये एहसास उसके लिए बहुत अधिक साबित हुआ और उसने अपने शरीर में तीव्र विस्फोटों को महसूस किया।
मैं गयी! वह बोली हाए मेरे राजा में झड़ने वाली हूँ और फिर मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वह भी कुछ देर के बाद झड़ गई। यह अच्छा लगता है! ओह! "
उसने मेरे धड़कते डिक को अपनी चूत की दीवारों से पकड़ लिया उसके रस ने मेरे लंड को गीला कर दिया था, मेरा लंड इससे और भी गहरा गया। वह मेरी घुंडी को अपनी योनी में फूलता हुआ महसूस कर रही थी।
मैं तैयार था। मेरी लय तेज हो गई मैं उसके ऊपर झुक गया। वह मेरी घुंडी की गर्म सूजन को महसूस कर रही थी और वह जानती थी कि वह आने वाली है। उसे वह चिपचिपा एहसास याद आया जो उसने मेरे लंड का वीर्य अपनी योनि में लिया था और उसने खुद को फिर से इसके लिए भूखा पाया।
"दीपक उसे एक शॉवर दो,," लिली ने सुझाव दिया।
वह नहीं जानती थी कि इसका क्या मतलब है। वह हैरान रह गई जब उसे लगा कि मैंने उसकी दर्द भरी चूत से अपना लंड निकालना शुरू कर दिया है। वह जानती थी कि मैं अभी तक नहीं आया हूँ। उसने महसूस किया कि मैं उसे टेबल से खींच रहा हूँ।
"अपने घुटनों पर हो जाओ, हुमा!" मैंने कहा.
उसने अब मुझसे सवाल नहीं किया। वह मेरे सामने घुटनों के बल गिर पड़ी। मैं उसके ऊपर चला गया। मेरा लंड उसके गाल पर लग गया।
"उसकी गेंदों के साथ खेलो," मिली ने कहा। "उन्हें उंगली करो।"
जल्दी से उसने अपना हाथ मेरी भारी गेंदों के नीचे सरका दिया। जैसे ही मैंने अपना लंड अपने हाथ से आगे पीछे सहलाया तो वहमेरी गेंदों को सहलाने लगी।
मैं हँसा। "लड़कियो देखो एक कम-शॉवर। देखो लंड से वीर्य कैसे स्खलित होता है!"
हुमा ने मुझे कराहते हुए सुना और अपने गाल पर प्री-कम की एक चिपचिपी बूंद महसूस की। उसने जल्दी से सिर घुमाया। उसने महसूस किया कि मेरे हाथ के आगे पीछे होने की गति तेज हो गयी हैं।
फिर लंड को मुकुट फूला और फिर सुकड़ा और एक पम्पिंग एक्शन के तहत मेरे अंडकोष सुकुड़े और वीर्य नडकोषो से निकला वीर्य का प्रवाह हुआ और मेरे लंड ने लावा उसके मुँह पर उगल दिया और वीर्य उसके मुँह और चेहरे और बालो पर फ़ैल गया।
जैसे ही हुमा के चेहरे पर मेरे लंड ने स्खलन करते हुए पिचकारी मारी, मेरे कूल्हे बेतहाशा झटके लगे। मैं फिर से कराह उठा और हुमा के चेहरे के किनारों से चिपचिपी नदियाँ बहने लगी और बाकी सभी लड़किया आश्चर्य चकित हो लंड को पिचकारियाँ मारते हुए देखती रही।
जारी रहेगी
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मेरे अंतरंग हमसफ़र
चतुर्थ अध्याय
लंदन जाने की तयारी
भाग 31
चॉकलेट खाने का सही तरीका.
लिली और हुमा चुदाई से मिले आनंद से दीप्तिमान थी, जबकि एमी, सपना, शबनमा और डेजी के चेहरा खुशी से चमक रहा था; क्योंकि उन्होंने अलग-अलग आसान में दो चुदाई के दौर देख लिए थे और उनका सेक्स के बारे में जो भी आशंका और भय थे वह हमारे उत्साहपूर्ण संभोग को देखकर दूर हो गए थे। साथ ही उन उन्हें अब ये भी आभास था कि अब अगला नम्बर मिली की चुदाई का है ।
मैंने कहा आप सब जैसे मैं और मिली करेंगे वैसे ही करो! तो लिली बोलो अगर हम आपके देखेंगे, तो हम तभी वैसा कैसे कर पाएंगे और फिर जब ध्यान आपके ऊपर होगा तो करने में उतना मजा भी नहीं आएगा । तो पहले आप करो हम देख लेते हैं फिर वैसा ही कर लेंगे । नहीं तो बीच बीच में बार बार करके आप को रुकना पड़ेगा तभी हम सब वैसे ही यही कर पाएंगी ।
समस्या गंभीर थी और मैं कुछ उपाय सोच कर बोलता उससे पहले ही रोजी बोली आप सब लोग चॉकलेट खाओ. जो भी दीपक और मिली करेंगे मैं उसकी कमेंट्री करुँगी जिसे सुन कर आप सब वैसे कर सकती हैं ।
चॉकलेट देख मिली समेत सब लड़कियों के मुँह में पानी आया हुआ था और तुरंत सब लड़कियों ने भी अपने मुँह अपने पार्टनर के आगे कर लिए । मिली ने भी अपना मुँह आगे बढ़ा दिया और मेरे मुँह में पकड़ी हुई बाईट करने लिए आयी। तो मैंने चॉक्लेट को मुँह के अंदर कर लिया। मिली समझ गयी की चॉकलेट मुँह से मुँह लगा कर ही खानी पड़ेगी तो वह आगे बढ़ कर मेरे मुँह से चॉकलेट खाने लगी।
अब रोजी ने कमेंट्री शुरू कर दी । अब मिली कुमार के मुँह से चॉकलेट चूस-चूस कर खा रही है... खा नहीं चूस और चाट रही है । अब कुमार ने अपने मुँह से सारी चॉकलेट अपने और मिली के मुँह पर लगा दी और कुमार के मुँह पर लगी चॉकलेट खा रहा है और मिली भी कुमार के मुँह पर लगी चॉकलेट चाट रही है
मैंने देखा की हुमा और एमी अभी ओंठो से ओंठ जोड़ कर चॉकलेट चाट रही थी तो डेजी सपना के गालो पर लगी ही चॉक्लेट को जीभ से चाट रही थी और लिली चॉक्लेट का टुकड़ा चूस कर शबनम के मुँह में धकेल रही थी और शबनम ने वह टुकड़ा अपने मुँह में ले लिया था।
फिर रोजी बोल रही थी अब कुमार ने चॉकलेट का टुकड़ा चूस कर मिली के मुँह में धकेल दिया है और मिली ने वह टुकड़ा अपने मुँह में ले लिया और चूस कर वापिस कुमार के मुँह में धकेल दिया है और अब दोनों एक दुसरे की जीभ पर लगी चॉकलेट को चाट रहे हैं ।
फिर वह बोलो अब सभी लड़किया भी मिली और कुमार की ही तरह एक दुसरे की जीभ पर लगी चॉकलेट को चाट रहे हैं और अब कुमार और मिली बेतहाशा किस कर रहे हैं। फिर कुमार ने मिली के गालो पर फिर उसकी ठोड़ी और गर्दन पर लगी ही चॉकलेट को चाट कर साफ़ कर दिया है और अब मिली भी कुमार के चेहरे और ओंठो पर लगी हुई चॉकलेट चाट रही है ।
फिर मैं और मिली एक दूसरे की बाहों में समा गए और एक दूसरे को कोमलता से चूमा; और वह मेरी बाहों टाइट और नज़दीकी आलिंगन में बंद हो गयी। उसकी कोमल त्वचा को अपने आलिंगन में मह्सूस करने से मेरे लिंग में सनसनी होने लगी ।
'ओह दीपक! यह बस अद्भुत था!' लिली बोली ये चॉकलेट बहुत अच्छा था... एमी बोली ऐसे तो मैंने कभी चॉकलेट पहले नहीं खाई थी और फिर सपना बोली मुझे नहीं मालूम था चॉकलेट ऐसे खाने में इतना मजा आएगा ।
मेरा दाहिना हाथ मिली के पेट पर चला गया और धीरे से उसकी नाभि को गुदगुदी करके उसकी योनी की ओर बढ़ गया, जिसे अब तक मैंने छुआ नहीं था। झट से मिली ने मुझे रोक लिया। 'नहीं, दीपक, प्लेसए वहाँ मत करो!' वह कुछ शर्माते हुए बोली, ' आप मुझे वहाँ मत छुओ-मैं बहुत उत्तेजित हूँ और मेरे हाथो को उसने हटा कर पीछे धकेल दिया और मेरे से दूर हो गयी।
सभी लड़कियाँ जो अब हमें देख रही थीं, मुस्कुरा उठी तो लिली ने शरारत से कहा, ' जल्दी करो, दीपक, नहीं तो तुम मौका चूक जाओगे, और फिर बोली;
पहले ऊँगली योनि में फिर आठ इंची लंड रखो त्यार। ता के नीचे रसीली जन्नत, डालो अंदर मत चूको कुमार॥ '
जिसे सुन सब हसने लगे ।
मैंने कहा लड़कियों मिली के हाथो को पकड़ो तो सब लड़कियो ने मिली के हाथो को पकड़ कर उसकी पीठ के पीछे कर दिया और धीरे से उसे मेरे सामने नग्न अवस्था में खड़ा होने के लिए मजबूर किया।
मिली नग्न मेरे सामने खड़ी थी। लिली, सपना और शबनम ने उसे एक कलाई से, हुमा, डेजी और एमी ने मिली की दूसरी कलाई से मजबूती से पकड़ रखा था; इस प्रकार उसकी बाहें उसके बदन से दूर कर दी गईं थी । चूंकि उसके हाथ बंदी थे, इसलिए वह अपने सबसे निजी अंगों को मेरी उत्सुक आँखों से छिपा नहीं सकती थी। उसकी त्वचा दूध की तरह थी। उसके पास बेहतरीन, भरे और पके हुए, गोल और दृढ स्तन थे, उनपर छोटे गुलाबी निपल्स के बाहर की ओर इशारा करते हुए तने हुए थे। उसकी जाँघें शानदार रूप से चिकनी टाँगे लम्बी और गोल थीं। उसका सुंदर गोल पेट की बीचो बीच गहरी नाभि उसकी जांघों की तरफ धीरे-धीरे नीचे की ओर झुकी हुई थी। उसकी योनि क्षेत्र की पहाड़ी बड़ी और मांसल थी और घुंघराले रेशमी बालों से ढकी हुई थी। जिसके, बीच में से उसकी योनी के नाजुक गुलाबी होंठ दिखाई दे रहे थे। कुल मिलाकर वह सुंदर और प्यारी युवती थी जिसकी कोई कल्पना कर सकता था।
मैं बस उस पर मुग्ध हो गया। मेरे सामने अद्भुत लड़किया या परिया खड़ी थी सभी सुंदर और शानदार रूप से कामुक, जिनमे से चार पूरी तरह से नग्न, उनके बीच मिलि को उसकी कोमलता में पकड़े हुए थी, मिली का चेहरा शर्म से भरा हुआ था और प्यारे स्तन हाथ पीछे खींचे जाने के कारण आगे को तन गए थे, आधा-हंसते हुए और आधा-घबराकर उसने छोड़े जाने के लिए भीख माँगी।
'मिली को यहाँ मेरे पास लाओ,' मैंने अपने पैरों को व्यापक रूप से अलग करते हुए कहा तो मिली ने डरते हुए थोड़ा विरोध किया । लेकिन फिर हुमा और लिली ने कोमल बल का उपयोग किया और जल्द ही नग्न संघर्षरत लड़की मिली को, हुमा और लिली ने मजबूती से पकड़कर मेरी जाँघों के बीच खड़ी कर दिया, और आगे को दिलचस्प कार्यवाही की उत्सुकता से प्रतीक्षा करने लगी।
मैंने फिर उसकी योनि को छुआ तो 'दीपक! प्लीज मुझे वहाँ मत छुओ, कृपया मत करो!' मिलि ने भीख मांगी, वह झुकी हुई आँखों के साथ कांप रही थी मैंने अपने हाथों को उसके नितम्बो पर रखा और सहलाया तो वह फुदक गई, और उसके स्तनों को हिलते हुए देखकर मेरे लंड में सनसनी होने लगी ।
'मिली डियर,' मैंने धीरे से कहा, ' आप अपना वादा तोड रही है। क्या आपको लगता है कि मैं आपको या किसी लड़की को कभी चोट पहुँचाऊँगा? इसके विपरीत, अब आपको अब तक का सबसे प्यारा आनंद मिलने वाला है! इसलिए प्रिय घबराओ मत, हिम्मत करो! मुस्कुराओ और मुझे चूमो।
जब मैं बोल रहा था तो मैंने उसके नितबो और दुसरे हाथ को उसकी पीठ पर ले जा कर उसे जोर से अपनी ओर दबाया; थोड़ी देर के लिए मिली अडिग खड़ी रही-फिर उसने आँखें उठाईं, मुझे प्यार से देखा, विश्वास से मुस्कुराई और मेरे हाथों के कोमल दबाव के आगे झुकते हुए उसने खुद को तब तक आगे बढ़ने दिया जब तक वह मेरे साथ चिपक नहीं गयी थी। फिर उसने मुझे चूमने लगी। मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया; और उसके कोमल शरीर को अपने ऊपर दबाते हुए, मैंने उसे बार-बार चूमा।
'अब आप मिली के हाथ छोड़ सकती हैं, क्योंकि मिली फिर से एक अच्छी लड़की बन गई है!' मैंने अपनी उंगली मिली की नाभि पर लगाई। 'ओह! प्रिय दीपक!' वो कांपने लगी और उसके चेहरे का रंग और लाल हो गया फिर वो कराहने लगी आआह्ह! और फिर वह मेरी विजयी हंसी में शामिल हो गयी और इस बीच वो मचल कर खुद को घुमा रही थी।
फिर मैंने मिली के गले पर बेतहाशा किस किया फिर उसके कंधों पर किस किया वह कराह उठी आआह्ह धीरे!
पर मैं कहाँ रुकने वाला था। मैंने उसके दोनों कंधों को चाटने लगा फिर मैं उसके गालों पर टूट पड़ा। उसके गाल बहुत नर्म मुलायम सॉफ्ट और स्वाद में मीठे थे। । वह कराहने लगी आअह्ह! आई! ऊह्ह! मर गयी, मार डालाअअ! प्लीज प्यार से करो!
उसकी कराह से मेरा जोश और बढ़ जाता था ।
मैंने तय किया कि इस बार मैं मिली की दबी हुई जाँघों द्वारा बनाई गई घाटी पर आक्रमण करूँगा, जो की इक चीरे जैसी लग रही थी और उसकी झांटो के घुंघराले रेशमी बाल झाड़ी की तरह बाहर खड़े होते हैं। उ मैंने अपना हाथ उसकी जांघों पर हल्के से गिरा दिया, फिर उसे उनकी नरम चिकनी जांघो के बीच ऊपर की ओर तब तक घुमाया जब तक कि योनि के बाहर बालो की झाड़ी तक नहीं पहुँच गया। जब मैंने उसके झांटो के बालों के साथ कामुकता से खेला और उन्हें धीरे से खींचा और धीरे से उन्हें ब्रश करते हुए तर्जनी और अंगूठे के साथ उसके बालों से ढके क्षेत्र का पता लगाने के लिए आगे बढ़ा। उसके स्वादिष्ट नरम मांस को दबाने से मिली को अनैच्छिक टांगो के हिलने के अंदाज ने मुझे स्पष्ट बताया कि वह उस कामुक यौन उत्तेजना की स्थिति में आ गई थी जिसे मैं चाहता था। फिर मैंने धीरे से अपनी तर्जनी को मिली की कोमल योनी के होठों पर लगाया।
'ओह! मेरे प्यारे दीपक ये आप क्या कर रहे हो!' वह कराही और मेरी उंगली से बचने के लिए अपने आप को जल्दी से पीछे खींच लिया, जिसने केवल मेरी ऊँगली की स्थिति में सुधार किया और मैंने ऊँगली उस नाजुक छेद में आगे बढ़ाना शुरू कर दिया जिससे उसे सबसे उत्तम गुदगुदी और कामुक संवेदनाएँ अनुभव हुई जिनका मिली ने कराहते हुए स्पष्ट रूप से आनंद लिया। उसने मुझे मेरेी गर्दन के चारों ओर पहले से कहीं ज्यादा कसकर पकड़ लिया। अपने होंठों को मेरे ऊपर ले लिया और मुझे जोर से चूमना शुरू कर दिया। और जब मैंने पूरी उंगली उसकी योनी के छेद में डाल दी और ऊँगली हिला कर उसे मोहक रूप से उत्तेजित करना शुरू कर दिया, तब उसने काफी हद तक खुद पर से नियंत्रण खो दिया और अपनी यौन इच्छाओं और मेरे आगे अपनी कामुक वासना की संतुष्टि के लिए खुद को अनर्गल रूप से आत्मसमर्पण कर दिया।
वह बोली आपकी ऊँगली ने तो कुछ जादू कर दिया है मुझे कुछ हो रहा है ।
मैंने कहा ये तो अभी तर्जनी ऊँगली का जादू है अभी तो आपको बड़ी और मोटी ऊँगली के जादू भी अनुभव होगा और उसे चूमने लगा और साथ-साथ ऊँगली आगे पीछे करने लगा।
ओह! प्रिय!' मिलि ने हांफते हुए, मेरी उंगली को उसकी योनी में और अधिक उग्र परिश्रम के लिए प्रोत्साहित करने के लिए खुद को पागलों की तरह आगे की ओर झटका दिया.
यह देखकर कि मिली अब कामोत्तेजक शिखर के कगार पर थी, मैंने उसके भगशेफ पर हमला किया और उसे तेजी गुदगुदाया। 'हा!...हा!...हा!!!...' अवर्णनीय तरीके से वो काम्पी और हांफते हुए वो झड़ गयी और मेरी ऊँगली को उसके मलाईदार रस से भिगो दिया ।
जारी रहेगी
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मेरे अंतरंग हमसफ़र
चतुर्थ अध्याय
लंदन जाने की तयारी
भाग 32
मिली खुद चुदी.
लिली ने अपनी बहन एमी को चूमा और फिर वह दोनों सबसे पहले के पास मिली के पास आई, और वे दोनों स्वर्ग का आनंद अनुभव कर रही अपनी बड़ी बहन को बधाई देने के लिए उसके पास आयी । उनके पीछे-पीछे बाकी लड़किया भी मिली के पास आ गयी । मिली अभी भी उसी आनंद के खुमार में डूबी हुई थी और लगभग आधी बेहोश थी, मैंने सावधानी से अपनी उंगली को उसकी योनी से बाहर निकाला और विजेता की मुद्रा में मैंने उन्हें अपनी ऊँगली को उन्हें दिखाया, जो की गीली, चमकदार और मिली के मलाईदार रस से चिपचिपी थी । तभी लिली ने उस ऊँगली को अपने मुँह में लिया और वह सारा रस चाट गयी और फिर ओंठो से वह रस सबसे पहले एमी और फिर बाकी लड़कियों को उस रस को थोड़ा-थोड़ा चटाया और सबसे आखिर में मेरे ओंठो के साथ अपने ओंठ जो की मिली के मलाईदार रस से चिपचिपे थे लगा दिए।
तभी मिली अर्ध मूर्छा से बाहर निकली और उसने बेचैनी से खुद को हिलाया, फिर एक लंबी सांस ली और जैसी वह किसी सपने से बाहर आ गयी हो वैसे अपनी आँखें खोलीं। जैसे ही उसकी आँखे लिली, मेरे से और अन्य लड़कियों से मिली उसे याद आ गया वह असल में कहाँ थी और क्या कर रही थी। वह शरमा गई, और अपना चेहरा अपने हाथों में दबा लिया, शर्म से बड़बड़ाते हुए बोली, 'ओह, दीपक! ये तुमने क्या किया! ओह दीपक!'
मैंने कहा कि अगर तुम छिपना चाहती हो तो मेरी बाहों में छिप जाओ वह एक दम से मेरी तरफ लपकी और मैंने उसे प्यार से मेरी बाहों में ले लिया और कहा, 'शर्म की कोई बात नहीं है, प्रिय आपकी बहने सखियया और सहायिकाये आपको बधाई देने आयी हैं!' बहुत खुश मिली ने मुझे कृतज्ञतापूर्वक चूमा, लिली फिर बारी-बारी एमी, सपना, शबनम, हुमा और रोजी को गले लगाया, फिर ओह, डार्लिंग! मेरे प्रिय, दीपक बड़बड़ाते हुए खुद को मेरी बाहों में फेंक दिया। मैं तब तक उठ गया था ।
लेकिन मेरा लंड उसके नरम गर्म तल की हरकतों से इतनी कड़ा और सूज गया था कि वह प्रचंड उत्तेजना के कारण कठोर हो गया था। 'ओह, देखो'! लिली बोली और उसने मेरे लंड की ओर इशारा किया और बोली देखो इसकी क्या हालत है फिर मैंने मिली को उसके बिस्तर पर लिटाया उसके नितम्बो के नीचे एक सख्त तकिया रखा और उसकी जाँघों को अलग किया, जिससे मिली की योनि शानदार ढंग से प्रदर्शित हुई, और उसे देख कर मेरे उग्र लण्ड ने एक तुनका लगाया।
बहुत जल्द ही लड़कियों ने आनंददायक उत्साह और प्रत्याशा के साथ झूमते हमे घेर लिया। 'अब दीपक, मिली को चोदो!' लिली बोली। मुझे किसी प्रोत्साहन की आवश्यकता नहीं थी। एक झटके में बिस्तर पर और मिली की टांगों के बीच में था और मैं बस अपना लंड उसकी योनी में डालने ही वाला था थी कि सपना ने मासूमियत से बीच में हस्तक्षेप किया। 'दीपक, क्या मैं इसे महसूस कर सकती हूँ?' उसने पूछा। उसकी इस बात पर हम सब हँसे।
'हाँ प्रिय! क्यों नहीं' मैंने उत्तर दिया, 'बेशक आप इसे महसूस कर सकती हैं और आप चाहे तो अपने अंदर भी ले सकती हैं जो चाहे कर सकती है और आप इसे मिलि की योनि में भी डाल सकती हैं!'
सपना के कोमल कुंवारे हाथ के स्पर्श से मेरा औजार खुशी से और कड़ा हो गया। उसने हाथ से लंड को पकड़ा ओर सहलाया और मेरे लंड को अपनी प्यारी उंगलियों में पकड़े हुए सपना ने बड़ी चतुराई से उसके सिर को मिली की धड़कटी हुई योनी की तरफ निर्देशित किया और खुशी से इंच दर इंच उसे मिली की योनि में गायब होते हुए देखा । मिली अपने अंदर मेरे लंड को महसूस करके उत्साह के साथ कराह रही थी। मैं उसको चुंबन करने लगा और मेरे हाथ उसके स्तनों को मसलने लगे।
अब हम दोनों बहुत उत्तेजित और उत्साहित थे लेकिन मैंने धीरे-धीरे आनंद लेने के लिए निश्चय किया। जैसे ही मिली ने मुझे अपनी योनी के अंदर मह्सूस किया और साथ में मेरी बाहें उसके चारों ओर मजबूती से जकड़ी हुई हैं, और उसके स्तन मेरे सीने में दब कर चपटे हो गए हैं और मैं उसके ओंठो को लगातार चूम रहा था तो उसने खुद को मेरे नीचे बेतहाशा हिलाना शुरू कर दिया । फिर वह कभी लड़खड़ाने तो कभी थरथराने लगी कभी उसने अपने आप को झकझोरा, और फिर अपने पैरों को बेचैनी से मेरे पैरो से रगड़ने लगी और कभी-कभी उन्हें मेरे चारों ओर घुमा के मेरे नितम्बो के ऊपर ले गयी।
इस आनंदमय यौन सम्बंध को लम्बा करने के लिए, मैं उसे जितना संभव हो सके उतना गतिहीन और कठोर हो कर उसके ऊपर लेटा रहा, मैंने उसे वास्तव में खुद को चुदवाने दिया, ताकि उसकी उग्र हरकतें उसे और उत्तेजित करें और उसे जल्दी से चरम उत्कर्ष की और बढ़ जाये और ऐसा ही हुआ, और वह जल्द ही तनाव में आ गई और खुद को उसने तेजी से ऊपर की ओर उछालते हुए ओह, माय डार्लिंग!... माय डार...लिंग बोलते हुए उसने उत्साहपूर्वक स्खलन किया ।
उसकी योनि के कामुक तरकश के संकुचन और तेज झटको ने मुझे भी बहुत उत्तेजित कर दिया । पर मैंने खुद को थोड़ा नियंत्रित किया और जब स्खलन के बाद उसके आनंद की ऐंठन कम हो गयी और उसमे रोमांच कम हो गया तो मैंने उसे मजे ले-ले कर धीरे-धीरे चोदने लगा। लेकिन यौन जुनून, कामुक उत्तेजना और वासना का एक और चक्रवात मिलि के शरीर में उठा और फिर से उसने मेरे नीचे हिलना और उछलना शुरू कर दिया। फिर उसने अपनी पीठ ऊपर उठा ली और फिर उसका सिर उसकी इच्छाओं के उत्साह में एक तरफ से दूसरी तरफ लुढ़क गया।
अब मैं अपने आप को नियंत्रित नहीं कर पा रहा था। मैंने उसकी जम कर तेजी से चुदाई की। मिलि ने खुद को पागलों की तरह ऊपर की ओर झटकते हुए मेरे हर धक्के का जवाब दिया। फिर दोनों के अंदर एक चक्रवात आया और फिर परमानंद में मैंने मिली के अंदर स्खलन किया और मिली ने आनंद के सबसे कामुक कम्पन के साथ उत्साही स्खलन करते हुए मेरे वीर्य की उबलती हुई श्रद्धांजलि प्राप्त की।
जारी रहेगी
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