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अंतरंग हमसफ़र
#21
अंतरंग हमसफ़र

द्वितीय अध्याय

परिवार से मेलजोल

भाग -11

अलका के साथ सम्भोग से पहले चाटना चूमना.



स्तन मेरी हमेशा कमजोरी रही है। मेरे ऐसे चूसने से अलका स्वर्ग में पहुँच गयी थी। कुछ देर बाद मैं इस स्तन से थक गया, तो समान शक्ति के साथ दूसरे स्तन को चूसने लगा। अपने जुनून में, मैंने उसके दूधिया और कोमल मांस के चारों ओर प्रेम से काटने लगा, कुतरने लगा जिससे उसके स्तनों पर काटने के निशान पड़ गए। मैंने उसकी छातियों को हाथो से पकड़ लिया और जोर से दबाने लगा इससे उसके दोनों बूब्स एक दम लाल हो गए। फिर मैंने उनके निप्पल्स को पकड़ लिया और मसलने लगा। दोनों बूब्स एक दम नरम मुलायम गोल सुडोल थे, अलका के गुलाबी निप्पल उत्तेजना से खड़े हो चुके थे।

मेरे हाथों ने उनके स्तनों को अपनी हथेलियों में भरा और उन्हें किस करने लगा। मैंने स्तनों को सहलाना शुरू कर दिया। हम दोनों की साँसे तेज तेज चलने लगी। फिर एक के बाद दुसरे निप्पल को लगातार चूसने लगा। फिर एक बिंदु पर मैंने दोनों स्तनों को एक साथ निचोड़ा और एक साथ में दोनों निपल्स को मुँह में ले लिया, चूसा , अपनी जीभ को दोनों स्तनों के आगे पीछे की ओर घुमाया। उसकी आँखें पूरी तरह से बंद थी. वह मेरे हर प्रयास को अनुभव कर रही थी और उसका पूरा मजा ले रही थी।

उसको दोनों स्तनों पर हुए इस लगातार आक्रमण से अलका अपना नियंत्रण खो रही थी। उसका पूरा शरीर बिजली के करंट जैसी उत्तेजना महसूस कर रहा था और उसने कभी भी इस तरह की उत्तेजना महसूस नहीं की थी। उसे लगा कि उसके स्तन सूज गए हैं और उसके निप्पल इतने सख्त लग रहे हैं कि वह डर गई कि वे विस्फोट करेंगे।

हर अर्थ में अलका के लिए एक नया अनुभव था क्योंकि न केवल वह एक कुंवारी थी, उसने पहले कभी हस्तमैथुन भी नहीं किया था। उसकी टाँगों पेट और छाती कांपने लगे। उसकी साँसें छिटपुट हो रही थीं और उसकी त्वचा फड़क रही थी। मैंने उसकी क्लिट को चूसते हुए उसका मौखिक हमला जारी रखा और जब उसने अपने होंठों से उस पर दबाव डाला, तो अलका उसके पहले संभोग सुख की उमंग में चिल्ला उठी! फिर उसका शरीर अकड़ने लगा उसकी साँसे तेज चलने लगी उसके शरीर में एक उफान आया और वह निढाल हो कर मुझ से लिपट गयीl

मैंने उसे किस करके पुछा क्या तुमने पहले भी कभी कुछ ऐसा अनुभव किया है तो वो बोली नहीं कभी नहीं। ये निश्चित तौर पर उसका पहला ओर्गास्म था . हम कुछ देर ऐसे ही लेते रहे जब तक उसकी साँसे कुछ नियंत्रित नहीं हो गयी। फिर मैंने पहले उसे किश किया और उसके स्तनों से खेलना शुरू कर दिया। फिर कानो को किश किया जब उसकी प्रतिक्रिया से ये महसूस होने लगा वो दुबारा गर्म हो गई, तो हमारी किश जयादा गर्म होने लगी। तो मैंने धीरे धीरे नीचे को और चलने लगा उसकी गर्दन फिर उसकी बाजू ऊपर उठा दी और उसकी कांख ( armpit ) को चूमा वो इस करके कराहने लगी। मैं उसकी छाती और फिर स्तन और फिर निप्पलों को चूसने और चूमने लगा।

अब नीचे उसका स्पॉट पेट मेरे चूमते ही उसकी पतली नाजुक कमर बल खाने लगी। उसकी कमर में कमरघनी उसकी पतली कमर की शोभा बढ़ा रही थी। मैंने अपनी जीभ से गीली चटाई शुरू कर दी।पेट एकदम सपाट था कमर पतली और नाजुक मैंने उनके एक एक अंग को चाट डाला। फिर उसकी गुफा जैसी नाभि के बाहर चारो तरफ चूमा और फिर चाटते हुए अपनी जीभ उसकी नाभि में घुसा दी। वो एक दम से उछल गयी। मेरे उसके नाभि में हर हिस्से में जीभ घुमाई। उधर मेरे हाथ उसके स्तनों को दबा फिर उसके निप्पल को मसलने और खींचने लगा। वो बोली प्लीज मुझे कुछ हो रहा है।

फिर मैं और नीचे जाने लगा और उसके नाभि के नीचे किस करता हुआ उसकी जंघा के पास पहुंचा और उसकी आंतरिल जंघा पर एक किश की और चाट कर धीरे धीरे उसकी योनि की और जाने लगा पर योनि को नहीं छुआ और घुटनो की तरफ किस करता चला गया, फिर घुटनो के आंतरिक हिस्सों और फिर घुटनो पर फिर पिंडलिया और फिर टखना और फिर पैर और पैरो की उंगलियों को चूमा और चूसा फिर उसके दोनों पैरो को मिला दिया और दुसरे पैर को चूमा और फिर धीरे धीरे से टखनो फिर पिंडलियों , घुटनो को चूमते हुए उसकी जांघो को चूमते हुए उसकी जंघा के बीच के स्थान की और बढ़ता गया।

जब मैं अलका के टांगो के मध्य के करीब पहुंचा तब तक चुंबन करना जारी रखा। अलका ने मुझे उसके नारीत्व पर आक्रमण करते हुए देखने के लिए अपना सिर ऊपर किया। उसने उसे करीब से देखा और महसूस किया कि मेरी जीभ उसकी फीते से ढकी हुई पेटी के सिरों पर टिकी है। वह मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अपने पैरों को अलग करती है और फिर मेरे होंठ उसके फीते से ढकी हुई चूत को रेशमी कपड़ो को ऊपर से सहलाने लगे।

मैंने अलका की योनि को ढकने वाले रेशमी कपड़े को चूमा. मैंने महसूस किया उसकी पेंटी पूरी गीली थी। मैंने अपना हाथ उसकी पेंटी की डोरियों के अंदर सरका दिया और उसकी पेंटी को नीचे खींचा तो अलका ने अपने चूतड़ उठा दिए। और आखिरकार मैंने अलका को उसके सारे वैभव में देखा। उसकी योनि पर और आसपास बालों के एक भी निशान को साफ़ किया हुआ था। उसकी योनि पहले से ही सिकुड़ रही थी और उसके रस को बूंदो से उसकी योनि भीगी हुई थी।

मैंने उसकी भीगी चूत को पहले चूमा फिर उसके उभरे हुए बाहरी होंठों को चाटने लगा। अलका की चूत मेरे चुम्बन से उसकी चूत संकुचन करने लगी। मैंने अपनी जीभ को बाहर निकालते हुए, धीरे से गीली योनि के दरार की नोक पर चलाया और कुछ रसों को उसके योनि से बाहर निकलते ही चाट गया। अलका ने और अधिक की उम्मीद में अपने कूल्हे ऊपर उठा दिए।

मेरी आँखे बंद हो गयी और मैंने अलका के चूतरस का स्वाद लिया। जब मैंने अपने आँखों को फिर से खोला, तो मेरी आँखों में एक इच्छा थी जो अलका ने पहले नहीं देखी थी। मैंने अपनी जीभ को इसके चूत के दाने के चारों ओर घुमाया और धीरे-धीरे उसे छेड़ दिया।

"हे भगवान!"अलका कराह उठी। हाथो से अपने स्तनों को सहलाते हुए कहने लगी"तुमने कैसी आग लगा दी है अब जल्दी कुछ करो"।

मैंने उसकी चूत पे अपने होंठों को टिकाया और धीमे-धीमे चौड़े झटके में चाटने लगा। अल्का ने अपने पैरों को और भी फैला दिया उसने अपने निप्पलों की मसला और परमानंद में डूब गई।

उसकी चूत से निकलती संचित रस को निगलते हुए, मैंने अपनी उंगलियों से उसकी योनि की ओंठो को जुदा किया और उसकी अंदरूनी सिलवटों को चाटना शुरू कर दिया। मुझे लगा अब तरसाने का समय खत्म हो गया। अब यह समय था जब प्रेमी अपनी काम वासना की इच्छाओं को पूरा करें। मैंने अपनी जीभ को उसकी गर्म चूत में डुबो दिया और उसकी मांसपेशियों का संकुचन अपनी जीभ के आस-पास महसूस किया। जैसे ही मैंने अपने होंठों को खोल कर, जब उसने अपनी जीभ को अंदर-बाहर किया अलका ने अपने कूल्हों को उठा कर मेरे मुंह पर खुद को धकेल दिया।

उसने अपने हाथो से मेरा सर पकड़ा और मेरे चेहरे को अपनी चूत में अपनी पूरी ताकत के साथ चिपका लिया। मैं चाटना जारी रखा जिससे उसके बदन में तीव्र आनंद की लहर दौड़ गयी। उसके कूल्हे मेरा मुंह पीस रहे थे , उसका रस मेरे चेहरे पर फ़ैल रहा था। और वह बिस्तर पर गिर गई। उसके दिल के धड़कन की गति बहुत तेज हो गयी थी। अलका ने कभी इस रात की ऐसी कल्पना नहीं की थी, न ही ऐसी तीव्रता या आनंद या परमानंद की। उसके शरीर पहले काम्पा फिर अकड़ा और फिर निढाल हो गया मैं धीरे से ऊपर हुआ और उसे लिप किश करने लगा। उसने मेरे होठों पर लगे अपने रस का स्वाद चखा।

अलका को उसके कामुक आनंद में देखकर मैंने उसे अपनी बाँहों में पकड़ लिया और उसे किस किया। मेरा लंड अब उत्तेजना के चार्म पर पहुँचने वाला था। अल्का ने अपनी जांघ पर मेरे लंड की कठोरता महसूस की और मुस्कुराई। उसका हाथ नीचे पहुंच गया और उसने उंगलियों के साथ लंड की ढूंढते हुए बड़ी नाज़ुकता से पकड़ लिया और उधर मेरे ओंठो को बड़े प्रेम से चूमा। उसने धीरे से मेरे लंड को कस के पकड़ लिया।

अलका ने नेट पर पहले भी लंड की तस्वीरें देखी थीं, लेकिन असली चीज़ उससे बहुत बेहतर थी। वह बस उसे देखती रही थी और धीरे से छोड़ा तो लंड ऊपर को फुदका तो उसने ऊपर उसे फिर पकड़ लिया। उसने अपनी उंगलियों को शाफ्ट के चारों ओर लपेटा और उसे वह एकदम गर्म रोड जैसा महसूस हुआ। उसने जिज्ञासा और कामुकता के मिश्रण के साथ हाथ को लंड के ऊपर नीचे किया।

फिर वह बोली ये तो काफी बड़ा और सख्त है। मेरी तो बहुत छोटी सी है . ये अंदर चला तो जाएगा . मुझे बहुत दर्द होगा मैं सह नहीं पाऊँगी।तो मैंने कहा नहीं मेरी रानी ये तो प्यार का औजार है और कितनी भी छोटी योनि क्यों न हो अपने प्रेमी के लिय जगह बना ही लेती है। और ये दर्द तो पहली बार ही होता है और एकदिन हर लड़की जो प्यार से कामसुख आनद पाना चाहती है उसे इसे एक बार तो गुजरना ही पड़ता है। और फिर मैं बहुत आराम से करूंगा।

उसके हाथ के स्पर्श से मेरा लंड भड़क गया और अलका ने अपनी उंगलियों को उसकी चारों ओर लपेट दिया और धीरे-धीरे उसे पंप करना शुरू कर दिया था। फिर उसने लंड को चूत के छेद पर ले गयी और चुत के दाने को लंड से घिसा। मुझे लग गया अब लंबे समय तक रुकने और इंतजार करने की कोई वजह नहीं थी क्योंकि अलका अब बिलकुल त्यार लग रही थी।

"प्लीज, अब मुझे चाहिए,"उसने विनती की।".

मैंने देखा कि अलका अभी भी मेरे लंड को देख रही है। चेहरे पर मुस्कान के साथ, मैंने उसके नग्न शरीर को अपनी छाती से चिपका लिया। उसके स्तन मेरी छाती पर दब गए और मेरा लंड उसकी चूसी हुई चूत को चुम्बन करने लगा। मैं उसकी आँखों में देख रहा था तो उसके बाल मेरे चेहरे पर आ रहे थे, और उसे एहसास हुआ कि वह मुझसे कितना प्यार करती है। अलका ने मेरी आँखों में भी गर्मजोशी देखी, जिसे देख उसका दिल और भी पिघल गया। वह अब मेरी थी मुझे पूर्णतया समर्पित।

"आई लव यू ,"दोनों ने उसी समय एक साथ कहा। यह महसूस करते हुए कि अब तक दोनों के बीच क्या हुआ, कुछ मुस्कराए और फिर से चूमा और दोनों अपने प्रेमी के मुंह में अपना रस चख रहे थे। चुंबन नरम, रोमांटिक, एक दूसरे के लिए प्यार से भरे थे। मैंने अलका के बाल एक तरफ किये और भारतीय संस्कृति के संकेत के अनुरूप , फिर से उसके माथे चूमा,। अल्का ने मेरे सीने पर अपना सिर टिका दिया, और मैंने उसका नाम पुकारा।

अलका मैं बहुत खुशकिस्मत हूँ के आप मुझे मिली।

अलका ने मेरी छाती को चूमा और फुसफुसाए,"इस के लिए धन्यवाद।"

मैंने धीरे से अपनी उँगलियाँ की और अलका की नंगी पीठ पर ऊपर नीचे की मेरी उंगलियाँ उसकी रीढ़ की हड्डी के एक एक मनके को महसूस करते हुए धीरे से उसके नितम्बो की दरार में से होते हुए उसके नितम्बो पर दबाव डाला तो अलका ने आहें भरी। उसकी उंगली उसके गोल नरम पर सुदृढ़ नितम्बो पर गोल घूमी फिर नितम्बो को सहलाया।

ऐसा करने से मेरा लंड उत्तेजना की ताजा स्थिति के रूप में उठा और उसकी योनि का दरवाजा खटखटाने लगा।. मेरी उंगलियों ने उसकी योनि की दरार को महसूस किया फिर धीरे से एक फिर दूसरी अंदर सरका दी मेरी ऊँगली का अग्रभाग उसके रस से डूब गया।

फिर मैंने उंगलिया ऊपर नीचे की और उंगलियों की मदद से दरार की थोड़ा फैलाया और लंड मुंड का अगर भाग दुसरे हाथ से लंड की पकड़ कर दरार पर रगड़ कर अलका की चूत की छेद की द्वार पर लगा दिया। अब वो सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वो अहाह! आहहह! आहहह! कर रही थी। अब उसके ऐसा करने से मेरे लंड में भी सनसनी होने लगी थी।

उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया उसका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया।

मेरी उंगली ने धीरे से उसकी योनि के गीले होठों की मालिश की, मेरी उंगली धीरे-धीरे उसकी चुत के अंदर गोलाई को धीमे-धीमे घूमने लगी. मेरी उसकी उंगली धीरे-धीरे उसकी चूत में घुस गई और अलका की मेरे मुँह में किस करते हुए एक आह निकली।

आगे क्या हुआ -- ये कहानी जारी रहेगीl





दीपक कुमार


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#22
अंतरंग हमसफ़र

द्वितीय अध्याय

परिवार से मेलजोल

भाग -12

कुंवारी फूफेरी बहन की धुआंधार चुदाई


फिर मैं आगे कहानी सुनाते हुए बोला प्रीती, मैं बस अलका के कौमार्य को भंग करने ही वाला थाl

अलका ने अपनी आँखें बंद कर लीं क्योंकि मेरी उंगली उसकी पवित्रता में घुस गई थी। उसने दर्द से मिला जुला आनंद अनुभव किया जिससे वह अभी तक परिचित नहीं थी। उसने मुझे और जोश में चूमा अब मेरी ऊँगली धीरे-धीरे उसकी योनि में आगे पीछे होने लगी और हरेक बार पहले से अधिक गहरी जा रही थी। अलका ने मेरे होठों को चूसते हुए मेरा सिर अपने हाथों से पकड़ लिया। उसका शरीर फिर से वासना और उत्तेजना से तपने लगा।

मेरा लंड भी खड़ा हो कर मेरे हाथ के पीछे तब टकराया जब मेरी उंगलिया उसकी योनि की मालिश कर रही थी और फिर लंड महाराज ने आगे बढ़कर अपनी प्रेमिका अलका की चूत को रगड़ दिया। इस दोतरफा ऊँगली और लंड के एकसाथ हुए हमले से अलका एकदम उचक गयीl

मैं धीरे से अलका को पलट कर उसकी पीठ पर लिटा दिया और उसे अधिक आक्रामक तरीके से चूमा। इससे अलका के मम्मे मुझे और भी साफ साफ दिख रहे थेl. मेरे लंड का बुरा हाल थाl मैं धीरे धीरे उनके मम्मों के ऊपर हाथ घुमाने लगा।

फिर मैं उसके निप्पल मसलने लगा और मैं कभी इस तरफ की चूची को दबाता, कभी उस तरफ की चूची को मींजताl मैं उसकी घुंडियों को काफी देर तक मसलता रहाl

थोड़ी देर बाद चाची के मुँह से सिसकारियां निकलने लगींl अब मैं समझ गया कि चाची भी कामवासना से गरम हो चुकी हैं और मैंने मौका ना गँवाते हुए उसके होंठों को चूम लिया और फिर ऊपर वाले लिप को अपने होंठों में लेकर चूसने लगा l

फिर मैंने मम्मों को छोड़कर उसको अपनी बांहों में जकड़ लिया और उसको लगातार पागलों की तरह किस करने लगाl वो भी कामुक सिसकियाँ लेते हुए आहें भरने लगींl

वो मेरे बालों पर अपने हाथ फेर रही थींl मैं धीरे धीरे नीचे आकर उसके पेट को चूमने लगाl फिर मैं उसकी नाभि पर आयाl अब मैंने उसका एक हाथ अपने लंड पर रख दिया, जिसे वो सहलाने लगींl

मैंने अपने हाथों पर अपने वज़न का संभाला तो अलका की चूत पर मेरा कठोर लंड महसूस किया।

हमने एक-दूसरे को देखा, दोनों एक ही बात सोच रहे थे, दोनों की समान इच्छाएँ थीं और दोनों एक साथ एक ही लक्ष की तरफ़ बढ़ रहे थे।

ऐसा करने से मेरा लंड उत्तेजना की ताज़ा स्थिति के रूप में उठा और उसकी योनि का दरवाज़ा खटखटाने लगा। मेरी उंगलियों ने उसकी योनि की दरार को महसूस किया फिर धीरे से एक फिर दूसरी अंदर सरका दी फिर मैंने उंगलिया ऊपर नीचे की और उंगलियों की मदद से दरार की थोड़ा फैलाया l

अब वह सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वह अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी। अब उसके ऐसा करने से मेरे लंड में भी सनसनी होने लगी थी।

मैं उसके माथे फिर से चूमा, एक हाथ नीचे ले लिया और धीरे-धीरे उसकी योनि पर अपने लंड को मला, ऊपर और उसके भगनासा के नीचे। उस पर उसका रस मला और अपने लंड को अच्छी तरह से चिकना कर दिया। तत्पश्चात लंऔर लंड मुंड का अग्रभाग दुसरे हाथ से लंड की पकड़ कर दरार पर रगड़ कर अलका की चूत की छेद की द्वार पर लगा दिया l

मैंने पुछा तुम तैयार हो, मेरी प्यारी अलका?

अलका ने मुझे देखा और सिर हिलाया। वह मुझसे प्यार करती थी, उसने मुझ पर भरोसा किया और अब वह मेरी थी। उसने पहले ही मुझे अपना दिल, अपना दिमाग, अपनी आत्मा दे दी थी और अब वह अपने शरीर को मुझे सौंपने के अंतिम कगार पर थी और उसने मुझे चूम कर पूर्ण समर्पण का इशारा कर दिया l

मैंने धीरे से अपने कूल्हों को आगे बढ़ाया और लंड का सर के अंदर घुस गया। अलका ने अपनी आँखें बंद कर लीं सुख और दर्द में मिलेजुले एहसास उसके होश उड़ गए। आह! ओह!

लेकिन चूत बहुत टाइट थी और आराम से अंदर जा नहीं रहा था, मेरे लिए भी रुकना मुश्किल हो रहा था। फिर मैंने एक कस कर ज़ोर लगाया और लैंड दो इंच अंदर चला गया। अलका चीखने चिलाने लगी । हाअ, दीदीपककक्क! आईसीईई, आआआआ और ज़ोर से, उउउईईईई माँ, आहहहाँ!

आआहहl l उह्ह्ह ह्ह हाँl आईईईl प्लीज आहl l मैं बस तुम्हारी हूँl l हाँ और उह्ह्ह्ह l उह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हl

वो अपने अन्दर उस गहरायी में हो रहे उस अनुभव को लेकर बहुत आश्चर्यकित थीl

यहाँ तक की वोह मेरे लिंग को अपनी योनी के दीवारों पर महसूस कर रही थी। एक बार फिर मैं पीछे हटा और फिर अन्दर की ओर दवाब दिया। मैंने थोड़ा-सा लंड पीछे किया उठा और फिरसे धक्का दिया, लंड लगभग आधा अंदर चला गया था । मेरे लंड को अलका के योनी रस ने भिगो दिया था, जिससे वह चिकना हो गया था और आसानी से अन्दर और बाहर हो पा रहा था और अगली बार के धक्के में मैंने थोडा दवाब बड़ा दिया। अलका ने अपनी बाहें मेरे कंधे पर लपेट दी थीं और अपने नितम्बो को ऊपर कि ओर उठा दिया। अन्दर अवरोध महसूस होने लगा था। लंड झिल्ली तक पहुँच अलका की हायमन से टकरा रहा था और जब उसने उसे भेदकर आगे बढ़ना चाहा तो अलका ज़ोर से चिलाने लगी कि आह! बहुत दर्द हो रहा है मैं मर जाउंगीl

मैंने पूरी ताकत के एक धका लगा दिया "ओह माँ" अलका के मुह से निकला। उसके स्तन ऊपर की ओर उठ गए और शरीर एंठन में आ गया जैसे ही मेरा गर्म, आकार में बड़ा लिंग पूरी तरह से गीली हो चुकी कुंवारेपन की झिल्ली चीरता योनी को भेद कर अंदर घुस गया l लिंग अन्दर और अन्दर चला गया था। अलका भी योनी के अंदर मेरे लिंग के सम्पूर्ण स्पर्श को पाकर व्याकुलता से पगला गयी थीl उधर मेरे हिप्स भी कड़े होकर दवाब दे रहे थे और लिंग अन्दर जा चूका था l

वो दर्द के मारे चिलाने लगी आहहहहह! दीपक उउउउउइइइइइइ! ओह्ह्ह्हह! बहुत दर्द हो रहा है प्लीज बहुत दर्द हो रहा है मैं दर्द से मर जाऊँगी l अलका की चूत बहुत टाइट थी मैंने उसकी चूत की तीव्र गर्मी महसूस की जिसने मेरे लंड की जकड़ लिया था। मैंने अलका को इस आक्रमण के बाद में समायोजित होने के लिए समय दिया और उसकी श्वास के सामान्य होने तक उसे आराम दिया। कुछ देर बाद उसने अपने कूल्हों को ऊपर की और उठा दिया तो मैंने धीरे-धीरे अपना पूरा 8 इंच अन्दर तक उसमें सरका दीया। उसकी चूत बहुत कसी हुई थी और उसने लंड की जकड़ लिया था और जब भी मैं लंड की आगे को धक्का लगाता था तो उसकी कराहने की आवाज़ मेरे कानो से टकरा रही थीl

आआहहl l उह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हl

अलका ने मुझे अपनी बाहों में मजबूती से पकड़ लिया और मुझ में से ऐसे लिपट गयी जैसे मुझ में समा जाना चाहती हो। उसने ख़ुद को मुझे दे दिया था। उसका शरीर अब मेरा था और जैसे ही मैंने अपने शरीर को उसके ऊपर रखा, भावनाओं का एक प्रवाह ने अलका बह गयी। उस पल की तीव्रता ने उसे अभिभूत कर दिया था और उसके आँसू उसके गालो पर बहने लगे। मैंने अपना वज़न उसके ऊपर से उठाया। उसने अपनी आंसुओं से भीगी हुई आँखों को खोल कर मुझे देखा। मैंने उसके सिर को चूमा और फिर उसकी आँखों को चूमा, उसके आंसू को अपने ओंठो से पि गया।

उस पल में, अलका की सभी चिंताओं, डर और दर्द को गायब हो गए और उसे अपने जीवन की सार्वभौमिक सच्चाई का एहसास हुआ। मैंने सही मायने में उसे पूरा कर दिया था।

उसने मेरे चेहरे को पकड़ा और मेरे होठों को नम्रता से चूमा और मैंने धीरे-धीरे अपने कूल्हों को आगे और पीछे ले जाना शुरू कर दिया। मैंने धीरे से लंड वापस खींचा और अपना लंड फिर से अंदर सरका दिया। अलका साँसे धीरे-धीरे निगलने लगी क्योंकि मेरे लंड के सुख ने उसके होश उड़ा दिए थे। उसकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी और जैसे ही मैंने पंप करना शुरू किया, मैंने देखा मेरे लंड चारों तरफ़ से उसके मिश्रित लाल तरल पदार्थों में भीगा हुआ था।

मैंने देखा और महसूस किया कि मेरा लंड अब पहले से आसानी से अलका की चूत में घुस रहा था। पर उसकी चुत बहुत टाइट थी। । जैसे-जैसे मैंने अपनी गति बढ़ायी, अलका को ख़ुशी उसके मुख से निकलने वाली आनंद भरी आवाजों से साफ़ पता लग रही थी। मैंने चूचियों को चूसा और चूसा और मैं देख सकता था कि वह मूड में है। वह अपनी चूत को ऊपर की तरफ़ उठा रही थी।

मुझे लग रहा था उसकी चुत संकुचन कर रही थी और मेरे हर धक्के के साथ महसूस कर रहा था की जैसे उसकी चुत मेरे लंड को चूस रही हो। उन्होंने ख़ुद को अपने हाथ से आगे बढ़ाया और अपनी लय जारी रखी। अलका ने समर्थन के लिए मेरी बाहों को पकड़ रखा था और मेरे हर धक्के का साथ उसने अपने कूल्हों को ऊपर उठा कर दिया। जिससे हमारे जिस्मो के निचले हिस्से का मिलन हवा में होता था। मैंने उसके स्तन की मालिश करने के लिए एक हाथ का उपयोग किया और उसके निप्पल को चुटकी में लिया और महसूस किया कि उसकी चूत मेरे लंड को ज़ोर से चूसने लगती। मैंने अपने सिर को नीचे किया और उसकी गर्दन को चूम लिया।

अब अलका कामुक उन्माद में थी। उसके हाथ मेरे नितम्बो पर चले गए और उसने अपने नितम्ब नीचे दबा दिए। साथ-साथ उसने अपने पैरों को यथासंभव फैला दिया और अपने नितंबों को पूरा ऊपर उठा कर मेरे धक्के की ले में मिला दिए। हर बार जब हमारी पैल्विक हड्डियाँ टकराती थीं तो उसने महसूस किया कि उनके संभोग की कठिन और तेज लहर आने वाली थी।

"ओह, मत रोको, मुझे कुछ हो रहा है।" वह हांफने लगी

मैंने अपनी लय और गति को जारी रखा अलका ख़ुशी से चीख पड़ी और अपने पैरों को मेरे चारों ओर लपेटकर मुझे अपनी और खींच लिया। उसने अपनी चूत को मेरे लंड पर धकेल दिया और अपने कामोन्माद की लहर में अपनी चूत को मेरे लंड के चारो और घुमाया और अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँच गयी। मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, उसका जिस्म एक बार फिर काम्पा, कुछ देर के बाद वह पहले से बहुत अधिक तीव्रता से झड़ गई। ।

"हे भगवान!" कहते हुए उसके पेअर पहले अकड़े फिर ढीले पड़ गए और उसने मुझे उसके ऊपर खींच मुझ से कस कर लिपट गयी और मेरे कान में फुसफुसायी "आई लव यू"।

उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव देख कर मैं अब दुनिया के शीर्ष पर था। निरंतर लगातार तेज पंपिंग के कारण अब मेरे अंडकोषों में भी दबाब बढ़ने से दर्द होने लगा था। मैंने फिर से गति पकड़ी और इस बार सभी सज्जनता भूल गया। अब मुझे भी अपनी संतुष्टि की आवश्यकता थी। मैंने अलका के पैरों को उठाया और उन्हें अपनी छाती पर रखा और हर जोरदार धक्के के साथ योनि के अंदर गहरी पैठ बनाने लगा। फिर मैंने अलका के घुटनो को पीछे धकेल दिया, जीसे उसके घुटने उसके स्तनों को छू रहे थे और अलका महसूस कर सकती थी कि मेरा लंड उसकी गहराइयों को छू रहा है। उसने मेरे लंड को अपनी पूरी गहराईयो में और भी अच्छे से महसूस किया और जान गई कि मैं भी फटने की कगार पर हूँ।

मेरे अंडकोषों पर पड़ रहे दबाब को अनुभव करते हुए, मैंने अपने धक्को की गति को बढ़ा दिया और कमरे में हमारे सेक्स की आवाज़ें गूंज रही थीं। दोनों जोश में उबल रहे थे। शुद्ध कच्ची वासना और कामिच्छा इच्छा से मेरी एक गहरी मर्दाना कराह निकली और मेरे लंड ने उसकी योनि में अपना लावा उगल दिया।

अलका ने महसूस किया कि मैंने लावे से उसकी गर्भाशय को नहला दिया हो और वह शुद्ध कामुकता में कराहने लगी। मैं बिना रुके लगातार पंप करता रहा मुझे लगा मेरे अंडकोषो ने कई बार लावा उगला और लगा जैसे खाली हो गए हो। उसके बाद मुझे मेरे अंडकोष एकदम हलके महसूस होने लगे।

और अंतिम प्रयास से अपनी छाती के पसीने के साथ उसके ऊपर गिर गया।

जब मेरी उखड़ी हुई साँसे कुछ सामान्य हो गयी और धीरे से लंड को बाहर निकाला। मैं बिस्तर पर लेट गया और अलका को अपनी बाहों में खींच लिया। उसे चूमा, हम दोनों ने बस एक-दूसरे को अपने प्यार में पकड़े रखा और धीरे-धीरे सोते हुए सो गए तभी एक नरम आवाज़ ने हमारे पहले मिलन की तन्द्रा को तोडाl

वो आवाज़ किसकी थी? और उसने क्या कहा ये कहानी के अगले भाग मेंl

आगे क्या हुआ -- ये कहानी जारी रहेगीl

 


दीपक कुमार


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#23
मेरे अंतरंग हमसफ़र

द्वितीय अध्याय

परिवार से मेलजोल

भाग -13

फूफेरी बहनो की धुआंधार चुदाई 


मैंने आँखे खोली तो सामने जेन खड़ी थी और बोल रही थी दीपक! बहुत-बहुत बधाई! आपने मेरी बहन अलका को बहुत प्यार से चोदा और फिर अलका को भी बधाई दी। अलका शर्मा कर चादर खींच कर ढकने लगी तो जेन बोली मैंने आपकी दोनों की पहली चुदाई पूरी लाइव देखि है अब मुझ से क्या शर्मा रही हो।

तो वह बोली आप कब आयी थी? तो जेन बोली मैं सोई ही नहीं थी मैं तो सोने का नाटक कर रही थी और फिर रोज़ी के साथ मिल के मैंने सब देखा। बहुत सुन्दर नज़ारा था। तो मैंने उठ कर जेन को पकड़ा और किश करते हुए उसके स्तन दबाने लगा।

तो जेन बोली पहले आप का लंड को साफ़ कर लू और उसने एक रुमाल उठाया और मेरा लंड जो अलका के रसो । मेरे वीर्य और उसके कुंवारे लहू में सना हुआ था और साफ़ किया और फिर अलका की चूत को भी साफ़ किया। जब उसने अलका की चूत को छुआ तो वह कराह उठी, तो जेन ने पुछा अलका दर्द हो रहा है क्या? तो अलका ने अपनी गर्दन हिला कर स्वीकृति दी तो रोज़ी ने वही रखी क्रीम जेन को पकड़ा दी जो उसने अलका की चूत के अंदर बाहर लगा दी।

अलका बोली दीपक अब आप जेन से प्यार करो। तो जेन थोड़ा हिचकी तो अलका बोली मैंने भी आप दोनों की चुदाई देखि थी। उसी को देख कर मेरी //// भड़क गयी और मैंने भी आज ही अच्छा मौका देखते हुए दीपक से आज ही चुदने का मन बना लिया।

तो मैंने पुछा तुमने सब देखा। तो वह बोली जब मेरी माँ का आपसे बात करने के लिए फ़ोन आया तो मैं आपको ढूँढने यहाँ आयी तो पता चला आप जेन के साथ जंगल में घूमने गए हो। तो मैं वहाँ भी गयी तो वहाँ मैंने आपको जेन को नंगी करते हुए देखा तो मैं भी वही छूप कर सार नज़ारा देखती रही। फिर जब आप लोग वापिस आने लगे तो मैं चुपचाप वापिस आ गयी और आपसे मिल का माँ से फ़ोन पर बात करवाई।

अब न तो किसी से कोई पर्दा था न डर तो मैंने जेन को दबोच लिया और उसकी नाईट ड्रेस एक झटके में उतार डाली। जेन बोली अरे आराम से, ये क्या हो गया है आपको। तो मैंने बोलै यहाँ मेरे कमरे में आराम करने थोड़ी आयी हो। आराम करना था तो अपने कमरे में करती यहाँ तो रात भर मेहनत करनी पड़ती है । और हम चारो हस पड़े।

मैं जेन के एकदम गोल-गोल सुडोल बड़े-बड़े मम्मे, की तरफ़ लपका, उसने मुझे रोक दिया।

वो बोली-दीपक थोड़ा रुको, सब तुम्हारा ही है।।

मैंने उसे देख कर मुस्काराते हुए उसके होंठों पर एक जोरदार किस कर दी।

मैंने उसके खुले बालों को पीछे किया और मैं उसे किस करते हुए । मेरे हाथ उसके मम्मों को सहलाते हुए उसके चुचकों के खींचते हुए उसे अपने पास खींच लिया और उसकी चूचियाँ दबाने लगा।

फिर मैं उसकी चूचियों को चूसने में लग गया। मैंने 5 मिनट तक चूचियों को ख़ूब चूसा, मेरा लंड और कड़क हो गया था।

मैंने उसे बिस्तर पर लिटा लिया और उसकी योनि पर हाथ फ़ेरा, उसने भी मेरा लंड पकड़ कर सहलाया। मैंने जेन की योनि में उंगली करना शुरू कर दिया और जेन जो हमारी लाइव चुदाई देख कर पहले ही-सा गरम थी और उसकी चूत भी गीली थी और चुदवाने के लिए त्यार थी।

मैं घुटनो के बल बैठ गया और धीरे से अपना 8 इंच लम्बा लंड को जेन की चूत के छेद पर टिका कर।

मैंने धीरे से धक्का लगाया और पूरा लंड एक ही झटके में पूरा अंदर डाल दिया। हालाँकि उसकी चूत सूजी हुई थी पर गीली होने के कारण लंड पूरा अंदर चला गया। वह बोली प्लीज थोड़ा आराम से करो। अभी मैं भी चुदाई में नई ही हूँ, मैंने धीरे-धीरे शॉट लगाने शुरू किए। सूजने के कारण उसकी योनि थोड़ी कस गई थी। मेरा मोटा लम्बा लंड अटक-अटक कर जा रहा था। मुझे अब ज़्यादा ताकत लगा कर उसकी चूत में डालना पड़ रहा था।

हर धक्के पर उसके मुँह से हल्की-हल्की चीख निकल रही थी-'आआहहह आह, ज़ोर से करो, और ज़ोर से' और फिर मैंने स्पीड बढ़ा दी।

मैंने अलका की तरफ़ देखा उसकी की हालत भी खराब हो रही थी। उसके मुँह से अजीब-अजीब आवाजें निकाल रही थी। उसे देख कर मेरी रफ़्तार में बेतहाशा तेजी आ गई। चुदाई से जेन भी अपने उत्कर्ष पर पहुँच रही थी। फिर जो जेन पहले कह रही थी धीरे करो वही बोलने लगे और ज़ोर से और ज़ोर लगा कर चोदो बहुत मज़ा आ रहा है।

आठ-दस धक्कों के बाद मेरे लंड की पिचकारी छूटी और मैंने जेन की चूत में अपना लावा भरता चला गया। मैं हैरान था जो अंडकोष थोड़ी देर पहले लग रहा था खाली हो गए हो उनमे इतना लावा इतनी जल्दी कहाँ से आ गया! ये ही नयी-नयी जवानी का कमाल था।

मैं जेन के ऊपर लेट गया और जेन की तरफ़ देखा तो उसके चेहरे पर सन्तुष्टि के भाव थे और कुछ देर में मेरी साँसे सामान्य हो गयी। मैंने महसूस किया अलका मेरी पीठ से आकर चिपक गयी थी। अलका मेरी पीठ पर बेतहाशा किस करे जा रही थी। मैंने अलका को खींचा पलटा और उसे बिस्तर पर लिटा कर किस किया।

"कृपया, मुझे और चाहिए, मुझे फिर से चोदो" अलका ने विनती की।

तभी जेन बोली दीपक किसका इंतज़ार कर रहे हो, अलका को फिर से चोदो।

मैंने उसके चूतड़ को देखने के लिए उसे घुमाया। उसके चूतड़ निश्चित तौर पर बेहद सेक्सी चूतड़ थे जिन्हे मैंने अभी तक देखा था, यहाँ तक कि पोर्न स्टार्स को भी उससे जलन होगी।

उसने फिर कहा हम फिर से करेंगे न।

उसकी प्यार भरी गुहार सुन कर मेरा लंड जाग गया और उसने मेरा सर पकड़ा और मेरे ओंठो से अपने ओंठ लगा कर किस करने लगी और फिर अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल कर सुपड-सुपड कर चाटने लगी। फिर उसका हाथ मेरे लंड पर पहुँचा तब तक लंड अपनी कठोरता प्राप्त कर के पूरा लम्बा हो गया था और उसने हाथ नीचे सरका कर लंड को पकड़ा और हाथ ऊपर नीचे किया। । फिर थोड़ा सरक कर चूत को लंड के नज़दीक ला कर लंड को योनि पर रगड़ा और छेद पर ठिका कर उसने अपने चूतड़ उठा कर अंदर लेने की कोशिश करने लगी।

मैंने चूचियों को चूसा और चूसा और मैं देख सकता था कि वह मूड में है। फिर मेरे हाथ उसके स्तनों से खेल रहे थे और उसके निप्पलों को उमेठ रहे थे। अलका गिड़गिड़ाने लगी-प्लीज अब मत तड़पाओ, जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो प्लीज़!

फिर वह डरते हुए बोली-प्लीज धीरे-धीरे डालना, मैंने देखा था तुमने कैसे बेदर्दी से जेन को अभी चोदा है।

अलका तो चूमते हुए धीरे से अपने लंड को उसकी गीली चूत में डाल दिया। दो झटको में पूरा लंड अंदर चला गया और उसके गर्भशय से टकराया उसकी चूत नयी और टाइट थी और उसे चूत में थोड़ा दर्द महसूस हो रहा था। मैं अपने लंड को अच्छी तरह से और धीरे से चूत के अन्दर-बाहर कर रहा था। चूत अंदर से बहुत गर्म थी और मेरा लंड उसे महसूस कर रहा था।

हर बार मेरे लंड को उसकी चूत में धकेलने से उसकी मांसपेशियों में कसाव आ जाता था और इसलिए मुझे और भी रोमांच हो रहा था। मैंने फिर धीरे-धीरे स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी। तो वह बोलने लगी मुझे चोदो, मुझे कस के चोदो प्लीज, मुझे ज़ोर से चोदो।

मुझे मज़ा आ रहा था वह भी सच में मज़ा ले रही थी। मैंने ज़ोर से धक्के देने शुरू कर दिए उसके चिल्लाने की मुझे जोश आने लगा। कुछ देर बाद उसने नीचे से अपने नितम्ब उठा कर एक दो झटके दिए और मुझे कस कर पकड़ लिया। I

वह अपनी चूत को ऊपर की तरफ़ उठा रही थी। मेरे धक्के बदस्तूर पूरी ताकत के साथ जारी थे। वह एक बिंदु पर पहुँच रही थी, जहाँ वह नियंत्रित नहीं कर सकती थी। वह बोली ज़ोर से चोदते जाओ।

अचानक उसका जिस्म थोड़ा थर्राया और उसने मुझे ज़ोर से भींच लिया दीपक मैं गयी गई।

ये कहकर वह निढाल हो गई। मैंने भी उसे दबोचा और कस कर धक्के लगाते रहा और फिर अलका के अन्दर अपना वीर्य की पिचकारियाँ मारी।

उसके बाद मैंने उन दोनों के सामने एक बार रोज़ी को भी चोदा और फिर चारो चिपक कर सो गए।

सुबह मेरी आँख खुली तो अलका मेरे पास खड़ी थी। उसने मुझे किश किया और जो नज़राना मैंने उसे दिया था, उसे देते हुए बोली इसे आप ही मेरी तरफ़ से संभाल कर रखियेगा। ये मैं किसी को नहीं दिखा नहीं सकती किसी ने पुछा कहाँ से आया, तो क्या जवाब दूँगी और उसे बेड के किनारे पड़े स्टूल पर रख दिया।




ll द्वितीय अध्याय समाप्त ll


आगे क्या हुआ...ये कहानी तृतीय अध्याय में जारी रहेगीl 

दीपक कुमार



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#24
अंतरंग हमसफ़र

द्वितीय अध्याय

परिवार से मेलजोल


अब तक की कहानी का सार;


आपने मेरी कहानिया "झट शादी पट सुहागरात-1-4" में पढ़ा कैसे मेरी सहयोगी प्रीती दुल्हन बन कर सुहागरात मनाने को तैयार हो गयी और उसके बाद मेरी और मेरे घर की देखभाल करने वाली रोज़ी और रूबी मिली और मेरी सभी प्रेमिकाओ और उनकी चुदाई के बारे में पूछने लगी तो मैंने उसे बताया किस तरह मैं रोज़ी और रूबी से मिला और कैसे मेरी और रोज़ी की पहली चुदाई हुई। फिर उसके बाद रूबी को चोदा और फिर हमारे गाँव के प्रवास के आखिरी दिन जंगल में हमने ग्रुप सेक्स और मेरे फूफेरे भाइयो बॉब और टॉम के साथ प्रेमिकाओ की अदला बदली का कार्यक्रम बनाया। वहाँ रोज़ी की सहेली टीना की पहली चुदाई की। फिर छोटे योनि के छेद वाली मोना को मैंने चोदा। रोज़ी मेरे साथ शहर आ गयी। उसके बाद मेरी बुआ और उनकी तीन बेटियों लंदन से दिल्ली हमारे घर आये।

मेरा दोनों बहनो रोज़ी और रूबी के साथ हमारा पहला थ्रीसम हुआ वहाँ मेरी बुआ भी अपनी तीनो बेटिया जेन लूसी और सिंडी के साथ छुट्टिया बिताने आयी थी। अगले दिन सुबह मेरी सबसे बड़ी फूफेरी बहन जेन ने जंगल में पेड़ो के नीचे हरी घास के मैदान पर अपना कुंवारापन मुझे समर्पित कर दिया और दूसरी बुआ के बेटी अलका और जेन का रात को मेरे साथ सोने का कार्यक्रम बन गया और फिर मैंने बॉब और जेन के साथ मिल कर अपनी बाक़ी फूफेरी बहनो को भी प्यार मुहब्बत और मजो की हसीं दुनिया में ले जाने का प्लान बनाया। उसी रात में फूफेरी बहन अलका मेरे पास आयी और मैंने उसका कौमर्य भंग कर दिया और एक दुसरे के बाहो में सो गए

ये कहानी आगे तृतीय अध्याय में जारी रहेगीl

आपका दीपक



दीपक कुमार



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#25
अंतरंग हमसफ़र

तृतीय अध्याय

खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग -1

नयी लड़किया और तालाब पर नज़ारे


जब हम सुबह उठे तो अलका मुझे वह नज़राना वापिस दे रही थी, तो मैंने उसे अपने ऊपर खींच कर किस करा तो वह बोली छोड़ो, मुझे बाथरूम जाना है। नीचे सब चिपचिपा लगा रहा है। मैंने देखा साइड में जेन और रोज़ी चिपक कर सो रही थी तो मैं उठा और उसके साथ में बाथरूम चला गया।

और उसके अंगो को धोया और उसने मेरे अंगो को धोया। फिर मैंने उनके सारे बदन और चूत पर क्रीम लगाई। उसने मुझे किश कर थैंक यू बोला और बोली तुम बहुत प्यारे हो और मेरे लंड पर क्रीम लगाई। उसके छूने से मेरा लंड एक बार फिर जागने लगा। फिर हम कमरे में वापिस आ गए तो अलका शीशे के सामने खड़ी हो कर चूत देखते हुए बोली। देखो तुमने मेरा क्या हाल किया है, कैसे सूज गयी है मेरी चूत और बोली अभी तक दर्द हो रहा है। मैं उसे बिस्तर पर ले गया और लिटा कर चूत पर किश करके उससे बोला बहुत दर्द हो रह है तो दवाई दे देता हूँ।

इतने में हमारी आवाजे सुन कर रोज़ी उठ गयी और बोली मेरे पास एक देसी आयुर्वेदिक क्रीम है वह लगा देती हूँ, जल्द ही आराम मिल जाएगा और क्रीम निकाल कर अलका की चूत और पूरे शरीर पर जहाँ-जहाँ मेरे चूसने या चाटने से उसके गोरे बदन पर जो निशाँ पड़ गए थे वहाँ क्रीम लगा दी। मैं भी उसके साथ लेट गया और उसे बाहों में ले कर प्यार से चूमने लगा। अलका मेरी बाए और थी तब तक जेन भी जाग चुकी थी और वह मेरी दायी और आके मुझे चूमने लगी। उनके देख रोज़ी भी मेरे ऊपर आ कर पट लेट गयी। अब मेरी तीनो प्रेमिकाए मेरे साथ चिपक गयी फिर तीनो एक साथ मुझे चूमने लगी। मेरा एक हाथ अलका के स्तनों से खेल रहा था तो दुसरे हाथ में जेन के निप्पल थे और मुझे चूमते हुए रोज़ी के स्तन मेरी छाती पर गड रहे थे।

सच में बहुत मज़ा आ रहा था। मैंने अलका को चूमा और कहा तुम तीनो लाजवबाब नगीने हो और मैं बहुत खुश हूँ के तुम मेरी हो और मुझे तुम्हारा कौमार्य भंग करके तुम्हे प्यार की दुनिया में ले जाने का मौका मिला है।

तुम सब सुन्दर हो नहीं-नहीं बहुत सुन्दर हो।

तो अलका बोली अच्छा बताओ तुम्हे हमारा क्या-क्या सुन्दर लगता है?

मैंने कहा मैं एक का नहीं बताऊंगा ये तुम तीनो के लिए है।

फिर मैंने उनकी तारीफ करनी शुरू की :-

ओह, तुम सुंदर हो, मेरी प्रिय जानेमन तुम सब बहुत सुंदर हो!

तुम्हारी हिरणी जैसी बड़ी-बड़ी सुन्दर आँखे हैं।

तुम्हारे बाल पर्बतो से उतरती हुई मादा बकरियों के झुंड की तरह हैं।

तुम्हारे दांत मोतियों की माला जैसे हैं।

तुम्हारे ओंठ लाल रंग के गुलाब की पंखुड़ियों जैसे और रस भरे हैं जिन्हे कोई एक बार चूसना शुरू करे तो रुकने का नाम ही न ले।

तुम्हारा चाँद जैसा चेहरा बहुत प्यारा है।

चाँद पर तो फिर भी दाग है पर तुम्हारा चेहरा बिलकुल बेदाग़ है।

तुमने मेरा दिल चुराया है।

मेरी प्रेमिका तुमने अपनी आँखों की एक झलक से मेरा दिल चुरा लिया है।

तो अलका शर्माते हुए बोली अरे आप तो कविता करने लगेl अच्छा बस करो, अब हम नहाने जाएंगी। बाक़ी कविता आप बाद में सुनाना।

मैंने कहा जल्दी क्या है? पहले एक-एक राउंड हो जाए तो अलका बोली नाश्ते का समय होने वाला है और बाक़ी लोग हमारा नाश्ते पर इंतज़ार कर रहे हैं।

हम तैयार हो कर नाश्ते के लिए गएl वहाँ अलका की एक कॉलेज की दो सहेलिया रुखसाना अपनी बहन हुमा आयी l

वहाँ बॉब और टॉम अलका की एक कॉलेज की साथी रुखसाना अपनी बहन हुमा खूबसूरत युवा लड़कियों के आगमन से खुश थे, जो की हमारे घर पर एक सप्ताह रुकने के लिए आयी थी।

हुमा और रुखसाना वास्तव में लम्बी और बहुत सुंदर युवतिया थीl जिनके सुंदर अंग अच्छी तरह से भरे हुए थेl उन्नत वक्ष स्थल, सुन्दर गोल चेहरा, गुलाबी गाल, बड़ी बड़ी काली आँखें और काले लम्बे बाल, चेरी के रूप में लाल रंग के साथ पूर्ण सुंदर सूजन और मोती की तरह सफ़ेद दांत, जिनकी दिल चुरा लेने वाली मुस्कराहट चेहरे को कभी न छोड़ती हो, ऐसे रूप और लावण्य की मल्लिकाये थी दोनों।

इन दोनों को देख कर और यहाँ रुकने की बात सुन कर टॉम और बॉब ने मेरे हाथ पकड़ लिए, जिनसे उनकी ख़ुशी झलक रही थी क्योंकि इन नई सुन्दर युवतियों के आने पर हमारे प्यार के खेल में नए खिलाड़ियों के शामिल होने की संभावना बढ़ गयी थी। मैंने भी उन्हें बधाई दी, क्योंकि टॉम और फिर बॉब ने भी ने मुझे अपनी बहनों के साथ स्वतंत्रता लेने में अपनी काफ़ी मजबूरियों जताई थी।

रुखसाना और हुमा ख़ास तौर पर जेन और उसकी बहनो से मिलने आयी थी और बहुत जल्दी ही उनके साथ घुल मिल गयी और लंदन में क्या-क्या देखने और घूमने को है ये पूछती रही। जेन ने उन्हें लंदन आने का न्योता दिया और उनसे वादा किया अगर वह लंदन आएँगी तो जेन उन्हें ख़ुद सब दिखाने ले जाएंगी।

वो सुबह शानदार ढंग से ठीक और सुहावनी थीl न ज़्यादा गर्म न ज़्यादा सर्द, करीब एक घंटे तक मैं और मेरे फूफेरे भाई मैदान में टहलते रहे। हमने सिगरेट पी और जब हमें अंदाजा हो गया की अब लड़कियाँ मैदान से आगे पार्क की छोटी झील में नहाने के लिए जा रही हैं। हम छुपते छुपाते वहाँ पहुँचे और गहरी चुप्पी के साथ, बहनों और उनकी सहेलियों के आगमन का इंतज़ार किया।

जिसे हम लोग झील कहते हैं वह घनी झाड़ियों, पेड़ो और पौधों से घिरा हुआ लगभग एक एकड़ का छोटा-सा तालाब था, जो दूर से दिखाई भी नहीं देता था। या यु कहिये छुपा हुआ तालाब है। जिसका पता केवल घर के वासियो को ही है, इस तालाब को हम लोग अक्सर प्राइवेट स्विमिंग पूल के तौर पर भी इस्तेमाल करते थे। तालाब से लगभग बीस या तीस वर्ग गज की दूरी पर, जिसमें पेड़ों के बीच में घिरा हुआ या कहिये छुपी हुई एक झोपड़ी, या गर्मियों का घर था, जहाँ स्नान करने वाले अपने कपडे बदल सकते थे।

तालाब का किनारे पर बारीक रेत थी और तालाब के किनारे एक ग्रिल थी जिसे पकड़ कर तालाब के गहराई से बाहर निकल सकते थे। एक ग्रिल और थी जो तालाब के गहराई में जाने से रोकती थीl नदी से आ रही नहर से जुडी ताजे पानी की एक पतली-सी जलधारा थी जो तालाब में गिरती थी l फिर तालाब से एक नहर निकलती थी, जो मैदान और खेतो की तरफ़ जाती थी।

उस तालाब में जाने के लिए इस झोपड़ी का पिछला दरवाज़ा एक बहुत संकरे फुट-पाथ पर खुलता था, जो की काफ़ी घने पेड़ो के बीच से निकलता था, ताकि कोई भी दल बिना दिखे सुरक्षित उस तालाब तक आ और जा सके। स्नान के मौसम में आमतौर पर उस गर्मियों के घर में शराब, बिस्कुट और केक का भंडार रखने के अलावा, उसके अंदर को आराम की सीटों और सोफों के साथ सुसज्जित किया गया था। इसके इलावा वहाँ एक सुन्दर साफ़ सुथरा टॉयलेट भी था जहाँ तौलिये इत्यादि रखे हुए थे और दूसरा दरवाज़ा तालाब के किनारे पर खुलता था। तालाब में आने और जाने का यही एकमात्र रास्ता था। पूरी व्यवस्था में दादाजी के शौक़ीन मिज़ाज की शानदार झलक थी।

मैंने उस झोपडी की चाबी आशा अम्मा से ले ली थी और हम सब ने उस झोपडी से होते हुए दरवाज़ा बंद करके सावधानी से एक घने पेड़ पर चढ़कर, छिपे हुए सिगरेट को फूंकते हुए, कुछ अधीरता के रोमांच के साथ लड़कियों की प्रतीक्षा करने लगे। वहाँ से हमे तालाब का अच्छा नज़ारा मिल रहा था।

इसे देखकर बॉब मुझ से बोला भाइ ये तो बहुत बढ़िया जगह है, मस्ती करने के लिए और सब कुछ गुप्त रहे इसका भी पूरा ध्यान रखा गया है। यहाँ तक के तालाब के चारो और एक काँटों लगा लोहे का गुप्त बाड़ा (चारदीवारी) भी है जो की अब पेड़ो और झाड़ियों में पूरा छिप गया है। जिससे कोई अनचाहा मेहमान यहाँ नहीं आ सकताl ये किसने बनवाया है?

मैंने कहा जहाँ तक मैं जानता हूँ ये जगह ज़मीन जायदाद तो हमारी पुश्तैनी है और ये मैंने एक बार पिता जी से सुना था कि ये तालाब या झील का निर्माण मेरे पूर्वजो ने ही करवाया था।

टॉम बोला हाँ लगता है काफ़ी शौक़ीन थे हमारे पूर्वज। यहाँ पर अपनी प्रेमिकाओ के साथ गुप्त रूप से मस्ती की जा सकती है और मेरा हाथ दबा कर बोला भाई जल्दी से कोई कार्यक्रम बनाओ। मैं तो मरा जा रहा हूँ टीना रूबी और मोना से यहाँ पर मस्ती करने के लिए। तो मैंने कहा तो भाई कल रात क्या कुछ नहीं कर पाए। तो बॉब बोला कहाँ कल दोनों बहने लूसी और सिंडी देर तक जाग कर टीवी देखती रही इसलिए कोई मौका ही नहीं मिला।

इस तरह कुछ दस मिनट के इंतज़ार के बाद हमें पास आती हुई लड़कियों की टोली की हँसी की आवाज़ सुनाई दी तो मैंने सबको ख़ामोश रहने का इशारा किया और अपनी सिगरेट बुझा कर फेंक दी। फिर हमने बंद ताला के चाबी से खुलने की आवाज़ सुनी, फिर हमने चहचहाती हुई और ख़ुशी से उछलती हुई लड़कियों की आवाजे सुनाई दी। ओह ये तो बहुत सुन्दर हैl

उसके बाद अलका की आवाज़ आयी ये ख़ास तौर पर लड़कियों के लिए बनाया गया है ताकि वे गुप्त रूप से जल क्रीड़ाये कर सकेl सबने अलका को थैंक यू कहा इस गुप्त जगह पर लाने के लिए। मैंने भी अपने दोनों फूफेरे से कहा मुझे भी ये जगह अलका ने ही दिखाई थी । आप उसे भी मौका मिलने पर धन्यवाद ज़रूर दे देना।

फिर जैसे मैंने और जेन ने मिल कर बनायीं थी उसी हमारी पूर्वत योजना के अनुसार जेन की आवाज़ सुनाई दीं: "आह! इस प्यारे गर्म दिन हमें यहाँ बिना कपड़ो के और नहाते हुए देखकर लड़कों को क्या मज़ा नहीं आएगाl"

जिसके बारे में रुखसाना ने हँसते हुए जवाब दिया: "अगर वह मुझे नहीं दीखते है, ये मुझे छुप कर देखते हैं तो मुझे कोई आपत्ति नहीं हैl" तो हुमा बोली हाँ अगर हमे नहीं पता कोई हमे देख रहा है तो क्या हर्ज हैl उन्हें भी तो नज़ारे लेने का हक़ है। फिर ये नज़ारे एक दिन तो किसी ने लूटने ही है।

इस पर लूसी बोली न बाबा मुझे तो डर लगता है और सिंडी बोली मुझे भी शर्म आती हैl मैं तो कभी किसी के साथ नहीं नहायी।

तो जेन बोली जल्द ही वह समय आने वाला है, बहनो। हम सब अब जवान हो चुकी हैं और जल्द ही हम सब अपना साथी ढूँढ कर उसके साथ प्रेम भरी मस्तिया करने वाली हैंl रुखसाना बोली हमारे यहाँ तो पर्दा होता है ऐसा खुल कर करने की सोच भी नहीं सकतीl

हुमा बोली यहाँ तो सब सहेलिया ही हैं, तो अलका जिसे हमारी योजना का कुछ पता नहीं था, बोली तो बहनो हटा दो सब परदे और ले लो मजे। यहाँ कौन से लड़के हमे देखेंगे।



आगे क्या हुआ  ? कहानी आगे  जारी रहेगीl


दीपक कुमार



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#26
अंतरंग हमसफ़र

तृतीय अध्याय

खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग -2


लड़कियों की तालाब पर मस्ती के मादक कामुक नज़ारे.

इन अगले कामुक भागो में ज़रूर आपको भी उत्तेजना का आभास होगाl सोचिए मैंने इन लम्हो को देखा, जिया, भोगा और लिखा हैl मेरा क्या हाल हुआ होगाl

अब आगे पढ़िए तालाब पर फिर क्या हुआ, मजे लीजिये।

, इस तरह लड़किया आपस में बात कर रही थी तो रुखसाना बोली हमारे यहाँ यु तो पर्दा होता है फिर भी लड़के हमे यु घूरते रहते हैं जैसे कपड़ो के नीचे हमारे बदन को ताड़ रहे हो। तो जेन बोली रुखसाना लगता है तुम्हारा दीवाना तो मेरा भाई बॉब भी हो गया है। वह नाश्ते के टेबल पर नाश्ता कम कर रहा था और तुम्हे ज़्यादा ताड़ रहा था। लगता है उसे तुम पसंद आ गयी हो।

अलका बोली मेरी सहेली है ही ऐसी सुन्दर की इसको जो देख ले वह दीवाना हो जाए और जेन दी आपने ग़ौर नहीं किया की टॉम भी हुमा को वैसे ही ताड़ रहा था और रुखसाना को छेड़ते हुए पूछने लगी तुम्हे हमारा भाई बॉब कैसा लगा तो वह पहले तो शर्मायी फिर बहुत पूछने पर बोली। हाँ मैंने भी ग़ौर किया था वह मुझे ही देख रहा था। जब भी मैं उधर देखती थी तो वह मुझे ही देख रहा होता था और हमारी आँखे मिलने पर धीरे से आँखे झुका लेता था। तो हुमा बोली मैंने तो कुछ नहीं देखा मैं तो नाश्ते में व्यस्त थी बहुत स्वादिस्ट नाश्ता था और सब लड़किया ज़ोर से हसने लगी।

तो अलका बोली अच्छा रुखसाना ये तो बता तुझे मेरे मौसेरा भाई बॉब कैसा लगा तो वह बोली अभी तक ऐसा कुछ सोचा नहीं है, बाक़ी इस विचार में कोई बुराई तो नहीं है लगी। तो जेन बोली बो लड़कियों से बात करने में डरता है पर उसकी आँखे बता रही थी वह रुकसाना को पहली ही नज़र में पसंद करने लगा है। फिर उत्साह से बोली तुम्हारे साथ उसे देखने के विचार में कुछ रमणीय है, जो मेरी प्रिय बहनो दोस्तों और भाइयो को भी निश्चित तौर पर उत्तेजित करेगा।

रुखसाना बोली मैं भी हरेक लड़की की तरह चाहती हूँ बॉब जैसा कोई सुन्दर बांका नौजवान मुझे पसंद करे लगी। लगता है, बॉब को तो पहले ही मुझसे प्यार हो गया हैl क्या कहती हो दोस्तों मुझे भी बॉब को मुझे पसंद करना चाहिए?

तो सब बोली हाँ-हाँ तुम दोनों की जोड़ी अच्छी रहेगी।

फिर जेन बोली और मैंने कही पढ़ा है कि एक लड़की जिस लड़के को जीतना चाहती हो उसे अपने जिस्म के सभी आकर्षण दिखा कर अपने प्रति आकर्षत करे और एकांत में उसे आज़ादी देने के लिए बेहोशी या सोने का नाटक करे और वह सारे अंग दिखाए जो एक लड़के की कमजोरी होते हैं।

उनकी ये बाते सुन बॉब थोड़ा शरमाया पर उत्तेजित हो गया और अपने लंड पर हाथ फिराने लगा और उसकी पेण्ट में आये तनाव के कारण वहाँ तम्बू बन गया।

"लूसी ने कहा," वह सब ठीक है, लेकिन यहाँ हमारे देखे जाने का कोई डर नहीं है, मैं यहाँ पर पानी में मस्ती करने आयी हूँ। अब बाते बंद करो अपने कपडे निकालो। जल्दी, से पानी में चलो इस मौसम में आज बहुत मज़ा आएगा। "

जेन ने घुटनो तक स्कर्ट और टी शर्ट पहन रखी थी, लूसी ने मिनीस्कर्ट और बिना बाजू की टी शर्ट और सिंडी ने एक बहुत छोटी-सी निकार जो बमुश्किल उसकी जांघो के जोड़ को ढक रही थी और उतनी ही छोटी बिना बाजू की टॉप जो पहन रखी थी। वही अलका ने हाफ जीन और गुलाबी शर्ट और रुखसाना और हुमा ने घागरा और लहंगा हुआ था और छोटी-सी कुर्ती पहनी हुई थी। सभी एक से बढ़ कर एक सुन्दर और ऐसा लग रहा था फैशन शो ने आयी हो।

क्योंकि वे पानी में प्रवेश करने की जल्दी में थी तो सबने जल्दी से अपने टॉप को छोड़कर अपने बाक़ी कपडे निकाले और झोपडी से निकल कर तालाब के किनारे पर आ गयी।

लूसी बोली अलका चुकी तुम रुखसाना की इतनी तारीफ़ कर रही हो तो हम बहनो को भी ने एक बार रुखसाना को इन कपड़ो से आज़ाद करके देखना चाहिए इसमें क्या-क्या ख़ास है। जिससे हमारा भाई इस पर मोहित हो गया है। उसने हंसी के साथ कहा, आओ, लड़कियों, उसे लेटाओ और इसकी कुर्ती को इसके जिस्म से दूर करो। "

मुझे लगा अब सही मौका है इसका फायदा उठाना चाहिए तो मैं नीचे उतर कर छुपते हुए उस झोपडी में घुस गया और लड़कियों के कपडे उठा कर छुपा दिए और वापिस पेड़ पर आकर छुप गया और लड़कियों का खेल देखने लगा।

सुंदर रुखसाना से केवल थोड़ा से विरोध किया लेकिन बाक़ी लड़कियों ने उसे घेर कर पकड़ लिया और उसकी क़मीज़ को चंचलता से खींच कर उतार दिया। उसने कहा: "मेरे प्रशंसको तुम मेरा सब कुछ ऐसे ही नहीं देख सकती इसके बाद तुम्हे भी अपने सब कपडे उतारने पड़ेंगे। फिर रुखसाना, सिंडी जो मेरी बुआ की बेटी थी उसे देखते हुए बोली तुम्हारे जंगल में तो अभी कोई पेड़ क्या अभी छोटी-छोटी घास भी नहीं उगी है क्योंकि उसे उसके बदन पर कोई बाल नहीं मिलाl

सिंडी बोली बाल तो अभी हुमा के बदन पर भी नहीं है। हुमा बोली हम सब के हिस्से का जंगल रुखसाना और लूसी ने जो ऊगा रखा है। फिर लूसी बोली जेन और अलका तुमने तो लगता है जंगल की कल ही सफ़ाई की हैl यह एक बहुत अच्छी आदत है।"

अलका बोली देखो तो लूसी की बुर कितनी छोटी-सी है औ फिर अलका रुखसाना के स्तनों को देखती हुई बोली ये तो बड़े सुदृढ़ और गोल-गोल और दूध से भरे हैं। हमारे भाई को कभी भी दूध की कमी नहीं होगी। तो जेन बोली आगे हमारे भतीजे भतीजियों को भी ख़ूब दूध मिलता रहेगा। फिर सभी ज़ोर से हसने लगी। ।

उनकी ऐसी बाते सुन कर हमारे हथियार तन गए और लग रहा था अभी पेण्ट फाड़ कर बाहर आ जाएंगे। तो बॉब मेरे कान में फुसफुसाया अब हमे भी अपने कपडे त्याग दने चाहिए। मैंने कहा अभी ठोड़ी देर रुक जाओ पर तब तक टॉम ने अपनी पेण्ट उतार कर अपना लंड बाहर निकाल लिया और टॉम को दिखाते हुए बोला देख लो मेरा हथियार तुम से लम्बा और तगड़ा हैl

टॉम ने भी अपना लंड बाहर निकाल लिया और वह भी बिलकुल तना हुआ था। फिर मुझे बोले आप भी पेण्ट उतार दो फिर हमे इन्हे दबोच कर इनकी गन्दी बाते करने के लिए इन्हे सबक सिखाना चाहिए। तो मैंने कहा अभी ठोड़ी देर रुको और देखो लड़किया आगे क्या करती हैं।

फिर जल्द ही रुखसाना नरम हरी घास पर उसकी पीठ पर लेटी हुई थी। उसके चेहरा उत्तेजना और शर्म से एकदम लाल हो गया था, क्योंकि लड़कियों ने उनकी सुंदर योनी को देखने के लिए उजागर कर दिया था और खुशकिस्मती से वह नज़ारे बिलकुल हमारे सामने पेड़ की उचाई पर बैठे होने के कारण बिलकुल हमे बिलकुल स्पस्ट दिख रहे थे।

सुंदर योनी को नरम बालो ने ऐसे घेर रखा था जैसे धुंध तारे को घेरता है। चमकदार धूप में संगमरमर की तरह चमकती उसकी खूबसूरत सफेद पेट और जांघो के बीचो बीच उसकी योनि के चारो और ये बाल उसकी योनि के अलंकरण थे। सभी बहनें अपने दोस्तो के साथ-साथ शरमा रही थीं और बहुत प्यार की नजरों से देख रही थीं और हस रही थी और सबने अपने बाक़ी कपडे भी निकल दिए और बिलकुल वैसी हो गयी जैसी की वह पैदा हुई थी।

उनकी हंसी वहाँ गूंज रही थी और फिर हम इन असली अप्सराओं के खेल का गवाह बन जाते हैं। कुछ देर बाद रुखसाना और हुमा अपने घुटनों पर हो गई, उसके बाद बारी में सभी चारो बहनों ने चुंबन करने के लिए अपने दोस्तो को उनके योनि को प्रस्तुत किया। फिर हुमा ने सब की योनि को चूमा और उसके बाद रुखसाना ने भी चूमा सबसे आख़िर में सिंडी थी तो रुखसाना ने हुमा के नितम्बो के चारो तरफ़ अपनी बाहो का घेरा बनाते हुए बोली इस बिना बाल वाली खूबसरत छोटी-सी योनि को तो मैं चूसूंगी।

और उसके होंठ सैन्य की योनि से चिपक गए और फिर उस युवा लड़की ने उत्साह के साथ अपने हाथों को रुखसाना के सिर पर रख दिया और फिर उधर जेन भी हुमा की बाल रहित योनि को चूसने चाटने लगा गयी और अलका अपने दोस्त हुमा और लूसी रुखसाना की तरफ़ घुटने टेककर, उन दोनों की योनी, छाती और हर आकर्षण को सहलाने लगे।

ये रोमांचक दृश्य पांच या छह मिनट तक चला और उसके बाद चुंबन और पागल उत्तेजना में चुने के बाद वे सब एक के ऊपर एक ढेर होकर गिर गयी। सब एक दुसरे में खो गयी इस बीच हमने भी अपने सब कपडे निकाल कर पेड़ पर ही छुपा दिए और चुपके से जा कर उनके सब कपडे उठा लाये और छिपा दिएl मैंने कहा दोस्तों अब ये हमसे नहीं बच पाएंगी। अब इन्हे हमारी सब बात माननी पड़ेगी l ो बॉब ने कहा अब चले नीचे इनके सामने, तो मैंने कहा बस कुछ देर और इंतज़ार करो।

एक के बाद एक, सभी लड़कियों ने-ने अपनी दोस्त की रमणीय गर्म योनि के सुर्ख लाल होंठो को चूमा और फिर उसे-उसे पलट कर पट्ट पेट के बल लिटा कर अपनी हस्ती खिलखुलाती हुई दोस्त को उसके दूधिया सफ़ेद नितम्बो पर खुले हाथों से चपत मारने लगीl जिससे वह झूठ मूठ चिलाने लगी बचाओ-बचाओ बॉब मुझे बचाओ, दीपक मुझे बचाओ।



आगे क्या हुआ  ? कहानी आगे  जारी रहेगीl


दीपक कुमार



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#27
 अंतरंग हमसफ़र

तृतीय अध्याय

खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग -3

तुम ने पुकारा और हम चले आये- लड़कियों के साथ तालाब पर मस्ती
 
इन अगले कामुक भागो में ज़रूर आपको भी उत्तेजना का आभास होगाl सोचिए मैंने इन लम्हो को देखा, जिया, भोगा और लिखा हैl मेरा क्या हाल हुआ होगाl

अब आगे पढ़िए तालाब पर फिर क्या हुआ, मजे लीजिये।


एक के बाद एक, सभी लड़कियों ने-ने अपनी दोस्त की रमणीय गर्म योनि के सुर्ख लाल होंठो को चूमा और फिर उसे-उसे पलट कर पट्ट पेट के बल लिटा कर अपनी हस्ती खिलखुलाती हुई दोस्त को उसके दूधिया सफ़ेद नितम्बो पर खुले हाथों से चपत मारने लगीl जिससे वह झूठ मूठ चिलाने लगी बचाओ-बचाओ बॉब मुझे बचाओ, दीपक मुझे बचाओ।



एक के बाद एक, सभी लड़कियों ने अपनी दोस्त के दूधिया सफ़ेद नितम्बो पर खुले हाथों से चपत मारने लगी जिससे वह झूठ मूठ चिलाने लगी "बचाओ बचाओ, बॉब मुझे बचाओ"।


तो अलका बोली, खाली बॉब ही क्यों दीपक और टॉम को भी बुला ले बचाने को पर अब तुझे बचाने कोई नहीं आने वाला है यहाँ और ज़ोर से उसके नितम्बो पर दो चपत लगा दी। इस पर रुखसाना दर्द से बिलबिला कर लगता हैl दुखता हैl बोली और फिर से चिल्लाई बचाओ मुझे बचाओ दीपक बॉब और टॉम कोई तो मुझे बचाओ।


मैंने बॉब से कहा अब हमारा समय आ गया है, हमने बड़े-बड़े पत्तो और टहनियों की मदद से बाँध कर अपने गुप्तांगो को छुपा लिया और लड़कियों को आश्चर्यचकित करते हुए,पेड़ से नीचे, तुम ने पुकारा और हम चले आये गाते हुए हम उनके पास ऐसे कूद गए, जैसे आसमान से आये हो रुखसाना को बचाने के लिए l


मैं बोला इस लड़की को अकेली देख कर आप क्यों मार रहे हो उसे छोड़ दो और बॉब रुखसाना के पास जाकर उसका हाथ पकड़ कर बोला-ऐ हसीन मोहतरमा! तुम डरो मत हम तुह्मे बचाने आ गए हैं और टॉम शरारत में गाने लगा तुम ने पुकारा और हम चले आये।


एक पल के लिए तो लड़कियों को कुछ समझ नहीं आया। सब की सब ज़ोर से डर के चिल्लाई और अपने हाथों में अपने शरमाते चेहरे को छिपा लिया और फिर जब तक वह हमें पहचानी तो उन्होंने अपने कपडे ढूँढने शुरू किये और अपने हाथो से अपने वक्षो और योनि प्रदेश को छुपाते हुए भागने लगी पर उन्हें कोई सुरक्षित जगह नहीं दिखी क्योंकि झोपडी के गेट के आगे मैं खड़ा हो गया था।



जब बचने का कोई उपाय समझ नहीं आयेा तो वह सब हमसे दूर भागने लगी। तो हम भी उनके पीछे भागे तो वह चिलायी आप लोग यहाँ कैसे आ गए ये क्या बदतमीजी है जाईये यहाँ से। तो बॉब बोला हम ने आपकी बचाने की पुकार सुनी इसीलिए यहाँ आये है आप ही ने हमे पुकारा था बचाने के लिए।



तो टॉम बोला पहले तो आपने हमे पुकारा अब जब हम आ गए बचाने तो हमे धन्यवाद देने की जगह हम ही पर नाराज हो रही हैं आप और फिर ठोड़ी नक़ल करते हुए बोला "ये तो कोई अच्छी बात नहीं है"।



वे सब बहुत चकित थे, अपनी पूर्ण नग्न अवस्था के कारण शर्मसार भी थी। उन्हें अभी तक कुछ भी समझ नहीं आया था तो अब अपने आप को छुपाने के लिए उन्हें तालाब में ही उतर जाना ठीक लगा और सब से पहले रुखसाना तालाब में उतर गयी। उसके पीछे-पीछे बाक़ी लड़किया भी तालाब में चली गयी और बोली आप लोग प्लीज यहाँ से चले जाओ।



तो बॉब बोला मोहतरमा आप हुकुम करेंगे तो हम चले जाएंगे पर आप कब तक तालाब में ऐसे रह पाएंगी क्योंकि बिना कपड़ो के आप सब वापिस घर नहीं जा सकती और आप सब के कपडे हमारे पास हैं। उन्हें वापिस लेने के लिए तो आपको बाहर आना ही होगा और जलवा अफरोज होकर अपने हुस्न के दीदार हमे करवाने ही पड़ेंगे।



वैसे हम सब भी तालाब में आ सकते हैं इसकी भी कोई हमे मनाही तो नहीं है। बेहतर यही होगा की आप सब हमारी बात को समझे और माने। वह मिन्नत करने लगी की हम उनके कपडे लौटा दे और यहाँ से चले जाए पर हम कहाँ इतनी आसानी से मांनने वाले थे और हमारे लंड महाराज अपने पूरे शबाब पर थे और पत्तो के बीच से सर उठा कर अपनी उपस्थिती दर्ज करा रहे थे जिसे देखकर लड़किया शर्म से पानी के अंदर पानी-पानी हुई जा रही थी।



हमारी बाते सुन कर उन्हें स्थिति की वास्तविकता समझ आने लग गयी थी। " कितने अशिष्ट और कैसे कामुक विचार हैं आप तीनो के? l प्लीज, इन विचारो को अपने दिमाग़ से निकाल दीजिये हमे हमारे कपडे लौटा दीजिये और यहाँ से चले जाइये। तो बॉब बोला तो चिल्लाने से पहले जो आप सब जो कर रही थी क्या वह अशिष्ट और कामुक नहीं था।



तो रुखसाना बोली क्या आप अचानक मेरी चिल्लाहट सुन यहाँ नहीं आये हैं पहले से ही यहाँ थे और आपने सब देखा और सुना है। बुरी फस गयी आज तो मैं! तो अब तो आपसे समझौता ही करना पड़ेगा। बताइये हमे क्या करना होगा।



तो बॉब कुछ देर सोचने लगा। तो मैंने कहा जो खेल आप खेल रही थी उसे ही जारी रखना होगा और हमे भी इसमें शामिल करना होगा। अब हरेक लड़की एक-एक करके बाहर निकलेगी और फिर हम लड़के एक-एक करके उसका मुआयना निरिक्षण करेंगे और लड़की भी चाहे तो लड़के के मुआयना कर सकती है और फिर सब पानी में गेंद से खेलेंगे साथ में नहाएंगे और फिर तालाब के किनारे एक दौर पकड़ा पकड़ी का होगा। जिसके नियम सब मिल कर बना लेंगे।



तो सब लड़किया ने आपस में मिल कर पानी के अंदर ही कुछ कानाफूसी करते हुए मंत्रणा की फिर जेन बोली अब चुकी और कोई रास्ता नहीं है हम सब आपके साथ सहयोग करने को त्यार हैं पर एक शर्त है कि आप तीनो हमारा ये राज और यहाँ जो भी हुआ है और आगे भी हम सब के बीच जो भी होगा किसी को नहीं बताएँगे। सब लोग राज को राज रखने का वादा करिये l तो हमने कहा ठीक है हम वादा करते हैं तो लड़कियों ने भी वादा किया वह ये राज किसी से नहीं कहेंगी।



तो एक लड़की मीठी से आवाज़ में बोली आप सब भी पहले उन पत्तो और टहनियों को अपने जिस्म से दूर कीजिये ताकि हम भी आपके जलवो का नज़ारा कर सके। ये तो बराबरी का हिसाब नहीं हुआ की आप हमे ऐसे देखे और हम आपको इन पत्तो में देखे। तो हमने भी एक झटके में उन पत्तो को दूर कर दिया और हमारे प्यार की गाडी के इंजन अपनी पूरी कठोर उत्तेजक स्थिति में उजागर हो गए और लड़किया उन्हें मुँह खोले देखती रही। फिर हमने हमारे कूल्हे हिला कर हमारे लंड से उन महारानियो को तीन बार तुनक कर तीन तोपों की सलामी दी। जिसे देख सब हस पड़ी।



मैं बोला जब हमे पता चला आप सब यहाँ नहाने आ रही हैं और मेरा भाई बॉब तो रुखसाना और टॉम हुमा के हुस्न के जलवे देखने के लिए बेकरार हो गया था, तो हम भी आप सबको यहाँ नहाते हुए देखने चले आये थे। हम सब लड़के आपसे आपके खेल में व्यवधान डालने के लिए क्षमा चाहते हैं। हम वैसे यहाँ आये तो आप सब को नहाते देखने के लिए थे पर जब आप सब एक दुसरे को चूमने चाटने लगी तो हमपे उत्तेजना और कामवासना हावी हो गयी और हम से रुका नहीं गया और हम बीच में कूद गए। इसके लिए आप हमे माफ़ कर दीजिये और अब हमे अपने जलवे जो हमने कुछ दूरी से देखे हैं, नज़दीक से दिखा दीजिये ताकि हमारी जलती और तड़पती हुई आँखों को कुछ हरियाली देखने से राहत मिल जाए।



तो मैंने पुछा अब कोई किसी से नाराज तो नहीं है और इस खेल के लिए सब तैयार है l अब आपसे प्राथना है के अब खेल को पुनः जारी किया जाए तो सबसे पहले कौन आ रहा है। सब लडकिया एक दुसरे को देखती रही तो हिम्मत करके उनमे से उम्र में सबसे बड़ी जेन सबसे पहले बाहर आयी। जब वह पानी से बाहर आ रही थी तो जिस तरह से धीरे-धीरे उसका हुस्न पानी से निकल कर हमारी प्यासी आँखों के आगे उजागर हो रहा था, उससे हमारी उत्तेजना और बढ़ गयी और बॉब तो अपने लंड को पकड़ने लगा तो मैंने उसे इशारे से रोका। तीनो के लंड महाराज ने फिर भी तुनक कर जेन के हुस्न को सलामी तो दे ही दी।



तो बॉब ने पहले उसका मुयायना किया और उसकी तारीफ की और वह एक तरफ़ खड़ी हो गयी तो उसके बाद टॉम ने उसका मुआयना किया और फिर मैंने भी जेन को मुयायना किया और उसके स्तन दबा कर और उसकी गोलाइयों को महसूस किया और फिर चूत पर हाथ फिराते हुए कहा आप सच में शानदार हुस्न की मल्लिका हैं।



उसके बाद अलका बाहर आयी फिर लूसी और उसके बाद सिंडी जब आयी तो उसकी छोटी-सी बाल रहित संकरे छेद वाली चुत देख कर मैं सोचने लगा इसकी संकरी चुदाई करने में कितना मज़ा आएगा। l उसके बाद जब रुखसाना आयी तो बॉब उसे आते देख आगे बढ़ गया उसे झुक कर सलाम किया और जब वह बहार निकल रही तो उसका हाथ पकड़ कर उसे आगे ले आया और उसके लंड ने भी रुखसाना को तीन बार तुनक कर सलाम किया और फिर उसके एक-एक अंग का काफ़ी देर तक मुआयना करता रहा। तो टॉम बोला भाई सब कुछ अभी देख लोगों, कुछ बाद के लिए भी रहने दो।



आख़िर में हुमा आयी तो उसका चेहरा बहुत प्यारा थाl, गालो में जब वह मुस्कुराती थी तो डिंपल पड़ते थे जिससे उसकी खूबसूरती में भी चार चाँद लग जाते थे। उसकी भी छोटी-सी योनि थी जिसपे हलके-हलके रुए थे जो बाहर नरम और सुनहरे रंग के थेl जिसका पहला मुआयना टॉम ने आगे हो कर किया और सब एक लाइन में खड़ी हो गयी l हमारे प्रेम के प्रचंड इंजनों को देखते हुए सब बहुत शर्मा रही थीl



हम सब से एक बार फिर सबका एक साथ मुआयना किया l फिर सबकी तारीफ करते हुए, मैंने कहा आप सब शानदार आकर्षक हुस्न की मल्लिका हैl आप सब में से एक को सर्वश्रेष्ठ चुनना बहुत मुश्किल है, और मैं आप सब को घर वापिस पहुँचने पर एक भेंट देना चाहूंगा।



मैंने कहा अब आगे खेल शुरू करते हैं तो टॉम झोपडी में से एक गेंद उठा लाया और उसे तालाब में फेंक दिया l फिर दो दल बनाये गए स्वाभिक तौर पर एक दल जिसमे सब लड़किया थी और दूसरा लड़को का और फिर सब लड़कियों ने एक गोल घेरा बना लिया जिसके अंदर हम तीनो लड़के थे और अब लड़कियों ने लड़को को गेंद मारनी थी और लड़को ने बचना था।



सब लड़कियों ने अपना-अपना निशाना चुन लिया था जहाँ रुखसाना और जेन ने बॉब को चुना था, वही दोनों कॉलेज के सहेलियों अलका और हुमा ने टॉम को चुना और मेरी फूफेरी हमउम्र बहनो लूसी और सिंडी ने मुझे चुना। यहाँ तक की कई बार जब मैं रुखसाना से निशाने में था, तब भी उसने मेरी जगह बॉब पर ही निशाना साधा और इसे तरह हुमा भी टॉम पर निशाना साधती रही और सिंडी मुझ पर चुना। जब सब आउट हो गए तो अब लड़को ने लड़कियों को जल्द ही आउट कर लिया तो उसके बाद जिसने जिसको आउट किया था, वह उसके साथ पानी में खेलने लगा। बॉब रुखसाना के साथ टॉम हुमा के साथ और मैं बारी-बारी से चारो बहनो पर पानी डालता रहा।

फिर मैं सिंडी को पकड़ कर तालाब में एक तरफ़ चला गया और उसके साथ खेलने लगा मैंने पानी में उसके स्तनों को धोया। मैंने देखा अब सभी यही कर रहे थे कोई किसी की पीठ और कोई केले के तने जैसी चिकनी टांगो को मल रहा था। मैंने महसूस किया सिंडी के हाथ मेरे सारे बदन पर चल रहे थे और रुखसाना के हाथ मेरे खड़े लंड से खेल रहे थे और उसका दूसरा हाथ बॉब की लंड से खेल रहा था। वही टॉम उसके स्तनों से खेल रहा था फिर सब एक साथ हो गए और पता नहीं कौन किसके साथ क्या कर रहा था। किसके बदन पर कितने हाथ थे बस हाथ जिस्मो पर चल रहे थे।

आगे क्या हुआ  ? कहानी आगे  जारी रहेगीl


दीपक कुमार



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#28
अंतरंग हमसफ़र

तृतीय अध्याय

खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग -4

नग्न सामूहिक कामुक खेल


सभी पूरे नग्न थे और शर्म त्याग चुके थे और इन खेलो का पूरा आंनद ले रहे थे l इन मस्तियो और कामुक खेलो के कारण भी हम सब की आपस में शर्म और झिझक बिलकुल ख़त्म हो गयी थीl

फिर तालाब में सब एक साथ हो गए और पता नहीं कौन किसके-किसके बदन पर कितने हाथ थे ये तो नहीं पता बस हाथ जिस्मो पर चल रहे थे।

फिर सबसे पहले लूसी तालाब से निकलते हुए बोली मैं तो अब थक गयी हूँ, कुछ देर धुप में लेटूंगीl उसके पीछे-पीछे सभी तालाब से बाहर निकल आये और हरी घास पर लेट गए। कुछ देर बाद जब सब सूख गए, तो हुमा बोली अब क्या करना है! बताइये दीपक?

तो मैंने कहा अब एक खेल पकड़ा पकड़ी का हो जाए। तो मैंने कहा अब लड़किया 6 हैं और लड़के तीनl ऐसा करते हैं तीन दल बना लेते है पहले लड़किया अपना साथी लड़की चुन ले। और फिर दोनों मिल कर एक लड़के को पकड़ेंगे। फिर जो लड़की लड़के को पकड़ेगी उस को दूसरी लड़की और लड़का मिल कर पकड़ेंगे। कोई भी पानी में नहीं जाएगा l कोई भी किसी को किश नहीं करेगा और पकड़नेवाले अपना एक-एक हाथ पकड़ कर भागने वाले लड़के या लड़की को पकड़ेंगे। जो जीतेगा उसे इनाम मिलेगा और जो हारेगा उसे सजा मिलेगी। क्या मिलेगा ये सरप्रीइज है।

तो तीन दल इस प्रकार बने। रुखसाना और जेन, हुमा और उसकी सहेली अलका और दोनों बहने लूसी तथा सिंडी। और अब तीनो को एक-एक लड़के को पकड़ना था l मैंने कहा एक प्रथम राउंड हो जाए जिसकी हार जीत गिनी नहीं जायेगी इसके लिए समय रहेगा 10 मिनट अगर 10 मिनट में नहीं पकड़ पाए तो वह जोड़ी हारी हुई हुए मानी जाएगी।

तो बॉब बोला ठीक है फिर जो पकड़ा जाएगा उसे पकड़ने वाले तो कुछ इनाम देना होगा .. तो लड़किया बोली क्या इनाम होगा ये आपस ने तय कर लेंगेl

रुखसाना उम्मीद के अनुसार बॉब के पीछे भागी। रुखसाना कोशिश कर रही थी। बॉब को रुखसाना ही पकडे ताकि उसके बाद फिर वह बॉब का हाथ पकड़ कर जेन के पीछे भागे। जब बॉब ने रुखसाना की इच्छा को समझा तो जान भुझ कर जेन की पकड़ में आ गयाl उसके बाद दोनों ने उसके साथ लिपट कर उसे पकड़ लिया। जब जेन और रुखसाना बॉब के पीछे भाग रही थी उसे पकड़ने तो देखे में बड़ा मज़ा आ रहा थाl नग्न बॉब का हथियार बड़ी तेजी के साथ झूल रहा था और वही भागती हुई लड़कियों के ऊपर नीचे होते हुए स्तन भी बड़ा मजेदार नज़ारा पेश कर रहे थे।

जेन ने तय किया पकडे जाने वाले को पकड़नेवाले को चुम्बन देना होगा, जिसे सबने मान लिया l

उसके बाद सब बोले इस के लिए 5 मिनट का समय काफ़ी रहेगाl अब सब भागेंगे तो फिर खेल शुरू हुआ l मैं पहले बहुत तेज भागा और लड़कियों से बहुत दूर जाकर खड़ा हो गया, और बाक़ी सबको भागते हुए देखने लगा l भागते हुए बॉब और टॉम के हिलते हुए खड़े लंड, भागती हुई नग्न लड़कियों, उनके हिलते हुए स्तन, एक अलग ही मंज़र पेश कर रही थीl मैं उन्हें ही देखता रह गया और लड़कियों लूसी तथा सिंडी ने मुझे आकर पकड़ लिया और मेरे को कस कर पकड़ने के लिए मुझ से लिपट गयी ताकि मैं भाग न सकूl सच में जब वह दोनों मुझ से लिपटी, एक मेरेी छाती ले लिपट गयी और मेरी पीठ से लिपट गयी और उनके स्तन मेरी पीठ और छाती से चिपक गएl

दोनों में मुझसे चुम्बन माँगा जो मैंने सहर्ष दे दिया l

मैं बता नहीं सकता क्या एहसास थाl बहुत मज़ा आया और मन कर रहा था दोनों मेरे साथ ऐसे ही चिपकी रहेl किसी ने शोर नहीं मचाया के पकड़ लिया पकड़ लियाl दूर से जेन चिल्लाई लूसी ने दीपक को पकड़ लियाl अब दीपक और सिंडी मिल कर लूसी को पकड़ेंगे l फिर हम तीनो भागे और इस बार सिंडी ने भागती हुई लूसी को पकड़ लिया और फिर मैं और सिंडी लूसी के पीछे भागे और उसे मैंने पकड़ा। इसमें पकड़ने के बाद लिपटने में बहुत मज़ा आ रहा था और सब बहुत खुश हो रहे थे और ज़ोर जोर से हस रहे थेl

इसी तरह सब दो-दो बारी पकडे गए तो बॉब बोला ठीक है फिर जो पकड़ा जाएगा उसे पकड़ने वाले तो कुछ और इनाम देना होगाl लड़किया बोली क्या इनाम होगा ये आपस ने तय कर लेंगे पर बॉब लड़कियों की पकड़ में नहीं आया l जबकि उसने रुखसाना को पकड़ लिया और पकड़ने के बाद रुकसाना से चुम्बन माँगा, जो उसने धीरे से उसके गालो पर कर दियाl

इसमें सब बहुत थक गएl रुखसाना बोली इतना तेज भागने से मैं तो बहुत थक गयी हूँ और पसीना-पसीना हो गयी हूँl मैं तो अब और नहीं भागुंगी और तालाब में नहाने जा रही हूँl सबने इस विचार का समर्थन किया l अब कोई नहीं भागेगा और सब तालाब में जा कर नहा लेते हैंl

फिर सब तालाब में चले गए और नहाये और दस मिनट बाद बॉब बोला अब तो भूख भी लगने लगी है। मैंने बोला झोपडी में कुछ खाने पीने और हलके नाश्ते इंतज़ाम हैl वहाँ चलते हैं सब बाहर निकले और कुछ देर धुप में बिठा कर ख़ुद को सुखाया l

फिर बॉब ने रुखसाना को कमर में बाहे डाल कर पकड़ा और गर्मियों के घर में ले गयाl उसके पीछे-पीछे मैं और टॉम उनकी बहनों, हम भी उस झोपडी में चले गए। टॉम ने सबको शैम्पेन और खाने का समान जैसे बिस्कुट केक नमकीन और फल सबको पेश किये। रुखसाना और हुमा पहले तो हिचकी फिर दोस्ती के नाम पर सबने जाम उठाये और हम तीनो प्रत्येक घुटने पर एक युवा महिला के साथ बैठ गए l मेरा अज़ीज़ दोस्त बॉब के साथ रुख़्सान और जेन थी, टॉम के साथ दो करीबी सहेलिया हुमा और अलका थी।

जबकि मेरी फूफेरी बहने लूसी अवं सिंडी मेरे साथ बैठीl हमने लड़कियों को शैंपेन के कई गिलास दिए, जो उन्हें शर्म की भावना से उबरने के लिए निगल लिएl जब वे हमारी गर्दन के साथ लिपटी हुई थी, तब हमने उनके उत्तेजित शरीर के कम्पन को महसूस किया l उनके हाथ और हमारे हाथ छाती पर, स्तनों पर और शर्ट के नीचे और हर निषिद्ध स्थान पर महसूस हो रहे थे और ये सब क़ुदरती होने के साथ ही हम सबकामुक और उत्तेजित हो गए थेl

हम में से प्रत्येक के पास हमारे लंड पर दो नाज़ुक हाथ, दो बाहे हमारे गर्दन के चारों ओर, दो चेहरे हमारे दोनों तरफ़ गाल के साथ गाल चिपकी हुई, दो जोड़ी होंठो के दो सेट चुम्बन के लिए, नम और चमकदार आंखों, दो जोड़ी उन्नत गोल और सुदृढ़ स्तनों की थी और हम उन्हें चूमते-चूमते चूसते और दबाते हुए पूरे मजे ले रहे थेl जो जोड़ी हाथ हमारे कठोर लंड के ऊपर नीचे हो रहे थे जिसके कारण जल्द ही हमने उनकी हाथ और उनके स्तनों पर पिचकारियाँ मार दीl

शराब से उत्साहित और अत्यंत प्रिय लड़कियों को आनंद देने के लिए उत्तेजित हो, मैं ने लूसी की टांगों को चौड़ा किया और मेरे घुटनों पर बैठकर, उसकी कुंवारी योनी को तब तक सहलायाl चूमा और चूसा, जब तक वह चरमोत्कर्ष पर पहुँच कर ख़र्च नहीं हो गईl जबकि प्रिय सिंडी भी मेरे साथ वही अपने मुँह और हाथो से कर रही थी और उसने मेरे लंड की कठोरता द्वारा ख़र्च की गयी आखिरी बूंद को भी बड़े प्रेम से चूस लियाl जब उसने सब चाट लिया तो लूसी ने भी अपना मुँह सिंडी के मुँह से लगा कर, मेरा सारा वीर्य जो सिंडी के मुँह पर लगा था उसे भी चाट लिया।

इस बीच बॉब मेरी नक़ल करते हुए मेरे उदाहरण का अनुसरण कर रहा था l रुखसाना ने उसकी कामुक जीभ के आगे सम्पूर्ण समर्पण किएl जब प्यार की सनक उसे ख़र्च बिंदु पर ले आईl वह ख़ुशी से चिल्लायी और उसने उसके सिर को अपने जाँघि के बीच माउंट की ओर दबायाl जबकि जेन उस समय अपने भाई के पेट और लंड और फिर उसके अंडकोषों पर बेतहाशा चुंबन करती रही और बॉब भी एक तेज उत्सर्जन करने के बाद, दोनों को चूमते हुए उनके स्तन दबाता रहा l

उधर टॉम पहले तो हुमा की बाल रहित योनि के कर हाथ फेरता रहा l फिर छोटी-सी योनि देखकर अति उत्साहित होकर उसमे ऊँगली घुसाने की कोशिश कर रहा था l उसके बहुत संकरी और टाइट होने के कारण असफल रहाl पहले तो उसने उसके स्तनों को चूमा चाटा और फिर उसके चूचको को खिंचाl फिर चूसा और हाथ से अलका का एक हाथ अपने लंड पर रख कर, अलका का दूसरा हाथ हुमा की योनि के दाने को छेड़ने के लिए प्रेरित कर, उसके दोनों स्तन और चूचक एक-एक करके तब तक चूसता रहा, जब तक वह इस दोहरे हमले से चरमोत्कर्ष पर पहुँच कर ख़र्च नहीं हो गयी l उधर अलका ने अपने हाथ चलाते हुए उसके लंड को चूसा जिससे वह भी उसके बाद एक बार फिर स्खलित हो गया l

इसके बाद एक राउंड और हुआ जिसमे कोई भी किसी के भी साथ प्रेमालाप करने के लिए स्वतंत्र था l जल्द ही बॉब तो टॉम इसमें एक बार फिर उत्तेजना के चार्म पर पहुँच कर निढाल हो गिर गएl सभी लड़किया मेरे साथ लग गयी और मैंने सभी को चरम पर लेजाकर सबसे आखिर में हुमा के स्तनों पर अपने वीर्य की पिचकारियां मारीl

जब हम इस रोमांचक ग्रुप सेक्स के बाद हम सब थोड़ा संयत हुए, तो हमारे बीच के सभी उतावलेपन गायब हो गएl हमने एक दुसरे से कल मिल कर कार्यक्रम फिर दोहराने का वादा किया और वर्तमान में सभी ने एक साथ स्नान करके ख़ुद को संतुष्ट कियाl लड़किये के कपडे लौटाए और उन्हें बड़ी उत्सुकता से कपडे पहनते हुए देखते रहेl हालाँकि कपडे पहनते हुए देखने का अनुभव कपडे उतारते हुए देखने से थोड़ा कम उत्तेजक था, पर फिर भी हमारे लिंग उन्हें देखते हुए बड़ी जल्दी कठोर होने लगेl

बहुत लंबे समय तक लड़कियों के बाहर रहने के कारण कोई कुछ ग़लत होने का संदेह कर सकता है इस डर से घर लौट आए।

जब हम घर वापिस पहुँचे तो बुआ और फूफा लौट आये थे और दोपहर का खाना लग ही रहा था। उनके साथ मेरी छोटी बुआ (अलका की माँ) भी थी और तीनो बहुत खुश नज़र आ रहे थे। सब लड़किये के चेहरे की लाली को देख कर बुआ बोली सुबह की सैर का सब लड़कियों के स्वस्थ्य पर अच्छा असर हो रहा हैl सबको मेरे साथ ये सैर जारी रखनी चाहिएl अलका ने रुखसाना और हुमा का परिचय दोनों बुआओँ और फूफा जी से करवाया l और उनसे उनके आने और एक हफ्ते रुकने का मंतव्य बताया, तो उन्हों ने उनका स्वागत किया और ख़ुशी से उन्हें सबके साथ रुकने की इजाज़त दी l साथ ही अलका से भी कहा अगर वह चाहे तो वह भी सब के साथ रुक सकती है और रूबी और आशा अम्मा से सबके रुकने और रहने का इन्तेजाम करने को कहा।

दोपहर का खाना खाने के बाद बॉब ने कहा वह थोड़ा थक गया है, इस लम्बी सैर के बाद और आराम करना चाहता है और अपने कमरे में चला गया, हमेशा जैसा की वह ज़रूर खाने के बाद स्मोक करता है, पर आज उसने मुझे और टॉम को सिगरेट पीने के लिए भी आमनत्रित नहीं किया जो मुझे बहुत अजीब लगा।

उसके बाद छोटी बुआ ने सभी को अपने घर आने के लिए आमंत्रित किया तो सबने बोला सभी अभी तो लम्बी सैर के बाद और फिर वहाँ कुछ खेल खेलने के कारण थक गए हैl इसलिए आराम करना चाहते हैं हाँ रात के खाने पर वही मिलते हैं और अलका सब को वहाँ ले आएगी l तब उसने अपनी बड़ी बहन (मेरी बड़ी बुआ) और फूफा जी को भी आमंत्रित किया की चलिए दोपहर के खाने के बाद चाय वहाँ पीते हैंl वह छोटी बुआ के साथ चले गए और जाते-जाते रूबी, टीना और मोना को छोटी बुआ की शाम के डिनर में सहायता करने के लिए बोल कर चले गएl

उनके जाने के बाद अलका और जेन, लूसी और सिंडी मेरे पास आ कर बोली आज हम दोनों की माँ बहुत खुश हैl ज़रूर इस टूर पर ऐसा कुछ हुआ है जिससे इनके रिश्ते सुधर गए हैं, इसी कारण ये तीनो इतने खुश हैंl नहीं तो, कभी भी छोटी बुआ यहाँ नहीं आती थी और बड़ी बुआ का छोटी बुआ के घर चले जाना तो आठवां आश्चर्य है l तो मैंने पुछा क्या आपको मालूम है ये आपस में क्यों नाराज थी। तो दोनों बोली हमे ज़्यादा कुछ कभी किसी ने नहीं बताया। हमने तो सिर्फ़ इनके व्यवहार में आये परिवर्तन से अंदाजा लगाया है l

तो मैंने कहा जेन सब आपके कमरे में चलते हैं, वहाँ आशा अम्मा को बुला कर पूंछते है l वे सबसे पुरानी है उन्हें सब पता होगा l

जेन के कमरे में जा कर हमने रूबी को आशा अम्मा को बुला कर लाने को कहा और उनके आने के बाद उन्हें घेर लिया और फिर मैंने उनसे बुआ और फूफा का सारा माजरा पुछा।

आगे क्या हुआ, मेरी दोनों बुआ की क्या कहानी थी? ये अगले भाग में पढ़िए।

ये कामुक कहानी जारी रहेगी l

आपका दीपकl



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#29
अंतरंग हमसफ़र

तृतीय अध्याय

खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग -5

सौतेली बहने




तो प्रीती ने उत्सुकता से पुछा तो आपकी दोनों बुआ का क्या किस्सा था?



फिर मैं आगे कहानी सुनाते हुए बोला प्रीती, तुम्हे ये राज इसलिए बता रहा हूँ क्यंकि अब तुम मुझ से शादी करने के बाद मेरे परिवार का हिस्सा बन गयी हो l मुझे लगता है तुम्हे ये राज पता होने चाहिए ताकि तुम्हे भविष्य में कोई दिक्कत न हो।



तो हमने आशा अम्मा को बुला कर अपनी बुआ के बारे में पूछा तो आशा अम्मा पहले तो बोली ऐसी कोई बात नहीं हैl मैंने जब ज़ोर दिया और कहा आप बताइये ये जानने की मेरी इच्छा है। तो वह बोली वैसे तो ये परिवार का मसला है तो इसे परिवार के बाहर बताना मेरे लिए उचित नहीं और फिर मुझे किसी अन्य को बताने के लिए मुझे मना भी किया गया हैl मैंने जब ज़ोर दिया और कहा यहाँ तो सभी परिवार के हो लोग हैंl तो वह बोली आपकी ऐसी इच्छा है इसलिए मुझे जितना मालूम है उतना आपको बता देती हूँ।



तो आशा अम्मा बोली जैसे कि आप जानते तो छोटे कुमार आपके परिवार में पुरुष रसिक रहे हैं। उनकी एक से अधिक पत्निया रही हैं और विवाहेतर सम्बन्ध भी रहे है तो आपके दादा जी की भी वैसे तो कई पत्निया थीl उसके इलावा भी जो मेरी जानकारी में थी कुछ अन्य स्त्रियों से उनके सम्बन्ध थे जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं। उन सबके बारे में आपको एक डायरी जो आपके दादा जी अपने कमरे में आपके लिए छोड़ गए हैं उसमे पता लग जाएगा l आप उस पढ़ लीजियेगा।



तो मैंने कहा ठीक है आशा अम्मा वह मैं देख लूँगा आप बड़ी और छोटी बुआ के बारे में बताये। तो आशा अम्मा बोली आपके दादा जी की दो मुख्य पत्निया थी जिनसे उन्हें विशेष लगाव था l एक आपकी दादी थी, जिनसे आपके पिताजी और बड़ी बुआ है और दूसरी अलका की नानी थीl जो उनकी सबसे छोटी और प्रिय पत्नी थी जिससे उनके एक संतान थी आपकी छोटी बुआ अर्थात अलका की माँ, उन दिनों दोनों बहनो में अच्छी बनती थी। चुकी आपके दादा जी की अनेक सन्तानो में केवल एक ही लड़का, जो की आपके पिताजी हैं, इसलिए वह आपकी दादी का बहुत मान करते थे और उसकी कोई बात नहीं टालते थे।



समय के अनुसार जब आपके पिताजी बड़े हो गए तो वे पहले विदेश में पढ़ने गएl फिर उसके बाद भी आपके दादाजी के जैसे ही विदेश जाते रहते थे और पढाई के दौरान वहाँ उनकी मित्रता जेन आपके पिताजी से हुई। जेन के पिताजी को व्यापार में बहुत बड़ा नुक्सान हुआ तो कुमार आपके पिताजी ने अपने दोस्त की बिज़नेस दुबारा खड़ा करने में बड़ी मदद की।



फिर एक दिन दोनों मित्रो से अपनी दोस्ती को रिश्तेदारी में बदलने का प्रस्ताव रखा और अपनी बहन की शादी उनसे करने का प्रस्ताव रखाl आपके फूफा जी ने भी अपने बहन के विवाह का प्रस्ताव आपके पिताजी के साथ रखा। उसके जब जेन आपके पिताजी, यहाँ आये तो उन्हें सबसे पहले छोटी बुआ मिली जो की उस समय जवान हो गयी थी और बहुत सुन्दर थी और आज भी बहुत सुन्दर हैं और उन्हें देखते ही छोटी बुआ पसंद आ गयी और उन्होंने उसे ही दिमाग़ में रखते हुए अपनी विवाह के लिए स्वीकृति दे दीl तुम्हारी दादी ने उनसे तुम्हारी बड़ी बुआ का विवाह करने का प्रस्ताव किया और चुकी उनकी चलती थी और तुम्हारे फूफा जी चुकी तुम्हारे पिताजी के अहसान के नीचे दबे हुए थे वह अपनी मन की बात तो नहीं बोल सके।



तो तुम्हारी बड़ी बुआ का उनसे विवाह हो गया और उन्होंने उससे पहले ही चुपचाप तुम्हारी छोटी बुआ से सम्बन्ध कर लिया था, जिसके कारण अलका हुई। वक़्त के साथ तुम्हारी बड़ी बुआ के कोई लड़का नहीं हुआ तो उन्हों ने और भी विवाह कर लिए और उनसे तुम्हारे फूफेरे भाई और अन्य बहने हुई। पर तुम्हारे फूफा जी के तुम्हारी बड़ी बुआ के साथ सम्बन्ध बहुत अच्छे नहीं रहे।



तुम्हारी छोटी बुआ बड़ी बुआ के कारण कभी तुम्हारे फूफा जी के पास लंदन नहीं गयी पर उससे मिलने तुम्हारे फूफा जी साल में कई बार आते रहे। इसेी कारण दोनों बहनो के भी सम्बन्ध बिगड़ गए।



पर आज तो दोनों बहने फिर हस बोल रही थी l पता नहीं ये जादू कैसे हुआ पर अच्छा है के परिवार के सम्बन्ध सुधर गएl मुझे बस इतना ही पता है इस बारे में ये कह कर आशा अम्मा चली गयी।



मैं बोलै निश्चित तौर पर जब बहनो के सम्बन्ध सुधरे, तो पति पत्नी के भी सम्बन्ध सुधर गए लगते हैं इसे कारण से तीनो खुश थी।



तो मैंने अलका को और जेन लूसी और सिंडी को बधाई दी और जेन ने अलका को अपने साथ लंदन आने का आमंत्रण दिया। जेन मुझे बोली आपको एक बात बताऊl मेरी एक (आंटी) बुआ है मुझे लगता है उसके साथ मामाजी ने विवाह किया हुआ है और जब भी वे लंदन आते है तो हमारे घर केवल दिन में ही रुकते हैं।



मैने कहा अब जब लंदन आऊँगा तो उनसे ज़रूर मिलूंगा। उसके बाद जेन और बाक़ी बहनो ने मुझे चुम्बन करके बिदा किया और सब बहने अपने कमरों में आराम करने चली गयी।



तभी दो ही मिनट में अलका वापिस आ गयी और मेरा हाथ पकड़ कर बोली दीपक चलो तुम्हे कुछ दिखाना हैl



तभी दो ही मिनट में अलका वापिस आ गयी और मेरा हाथ पकड़ कसर बोली दीपक चलो तुम्हे कुछ दिखाना है मैंने कहा क्या हुआ कहाँ क्या दिखाना है तो बोली चलो तो lअलका मुझे खींचती हुई अपने घर की और ले चली और रास्ते में जेन मिली तो उसे भी साथ ले चलीl फिर अपने घर में उसे गुप्त रास्ते से प्रवेश किया और हमे फुसफुसाते हुए बोली कोई आवाज मत करना और छुप कर चुपचाप देखनाl हम एक तरफ छुप गएl



हमने देखा छोटी बुआ बड़ी बुआ को पकड़ कर फूफा जी के पास ले आयी और दोनों फूफा जी के साथ दोनों तरफ चिपक कर बैठ गयी और उन्हें एक साथ किश करने लगीl



फूफा जी बोले मैं आप दोनों को बेहद चाहता हूँl इतना सुनना था कि बड़ी बुआ ने फूफा को अपने सीने में दाब लिया। उनके होंठ मिल गए।



बड़ी बुआ अपने को रोक नहीं पाई और फूफा के चेहरे को अपनी हथेली में भरकर उठाया। फूफा की आँखों के कोनों पर दो आँसू चमक रहे हैं। दोनों बुआ यह देख कर तड़प उठी। बड़ी बुआ ने अपनी उँगलियों से उनको पोंछ कर उनके चेहरे को अपने सीने पर खींच लिया। वो किसी बच्चे की तरह बुआ की छातियों से अपना चेहरा सटाये हुए थे।



इतने में छोटी बुआ भी फूफा जी के होंठो को किश करने आ गयी और फूफा जी ने अपने होंठ खोल कर उनके होंठों का स्वागत किया। फूफा जी ने दोनों बहनो को इस तरह चूमना शुरू किया मानो बरसों के भूखे हों। कोटि बुआ उनके चौड़े सीने के बालों में अपनी उँगलियाँ फेर रही थी। छोटी बुआ ने बड़ी बुआ के जिस्म पर बंधी गाउन की उस डोर को खींच कर खोल दिया।



अब बड़ी बुआ सिर्फ सैंडल पहने, पूरी तरह नंगी उनके सामने थी। छोटी बुआ ने भी फूफा के पायजामे के ऊपर से उनके लंड को अपने हाथों से थाम कर सहलाना शुरू किया।



फिर छोटी बुआ ने पायजामे की डोरी को खोल कर उनके लंड को बाहर निकाला। उनका लंड काफी मोटा था। उनके लंड के ऊपर का सुपाड़ा एक टेनिस की गेंद की तरह मोटा था।



फूफा जी गोरे-चिट्टे थे, लेकिन लंड काफी काला था। उनके लंड के मुँह से पानी जैसा चिपचिपा रस निकल रहा है। वो मेरी बुआओँ की हरकतों को गौर से देख रहे थे।



छोटी बुआ ने अपनी जीभ पूरी बाहर निकाली और स्लो-मोशन में अपने सिर को उनके लंड पर झुकाया। बड़ी बुआ की आँखें लगातार फूफा के चेहरे पर टिकी हुई थी और दोनों बेतहाशा किश कर रहे थे।



तभी बड़ी बुआ ने भी छोटी बुआ के गाउन की डोरी खींच कर अलग कर दिया और फिर छोटी बहन के जिस्म पर हाथ फेरने लगीl



छोटी बुआ ने अपनी जीभ उनके लंड के टिप पर लगाई और उससे निकलने वाले रस को चाट कर अपनी जीभ पर ले लिया। फिर उसी तरह धीरे-धीरे मैंने अपना सिर उठा कर अपनी जीभ पर लगे उनके रस को उनकी आँखों के सामने किया और मुँह खोल कर जीभ अंदर कर ली।



छोटी बुआ को अपना रस पीते देख वो खुशी से भर उठे और वापस बड़ी बुआ के चेहरे पर अपने होंठ फिराने लगे। वो बड़सी बुआ के होंठों को, कानों को, आँखों को, गालों को चूमे जा रहे थेl बड़ी बुआ का हाथ भी फूफा के लणड और अंडकोषों पर चला गया और उनके अंडकोषों को को अपनी मुठ्ठी में भर कर सहला रही थी।



बड़ी बुआ ने उनके सिर को पकड़ कर नीचे अपनी चूचियों से लगाया। उन्होंने जीभ निकाल कर दोनों चूचियों के बीच की गहरी खाई में फ़िराई। फिर एक मम्मे को अपने हाथों से पकड़ कर उसके निप्पल को अपने मुँह में भर लिया। बुआ के निप्पल पहले से ही तन कर कड़े हो गये थे।



वो एक निप्पल को चूस रहे थे और दूसरे मम्मे को अपनी हथेली में भर कर मसल रहे थे। पहले तो उन्होंने धीरे-धीरे मसला मगर कुछ ही देर में दोनों मम्मे पूरी ताकत से मसल-मसल कर लाल कर दिये। बड़ी बुआ उत्तेजना में सुलगने लगी।



बड़ी बुआ "सीईऽऽ... आआ...आहहऽऽऽऽ... मममऽऽऽ... ऊँऊँऽऽऽऽ" जैसी आवाजें निकालने से खुद को नहीं रोक पा रही थी।



उनके होंठ दोनों मम्मों पर घूमने लगे और जगह-जगह बुआ के मम्मों को काट-काट कर अपने मिलन की निशानी छोड़ने लगे। पूरे मम्मों पर लाल-लाल दाँतों के निशान उभर आये। और साथ के साथ फूफा जी के हाथ छोटी बुआ के मम्मो पर भी चल रही थे और उनके निप्पलों को मसल रहे थेl



"आगे भी कुछ करोगे या इनसे ही चिपके रहने की मर्ज़ी है?" छोटी बुआ उनको प्यार भरी एक झिड़की दी।



निप्पल लगातार चूसते रहने की वजह से दुखने लगे थे, मम्मों पर जगह-जगह उनके दाँतों के काटने से लाल-लाल निशान उभरने लगे थे।



बड़ी बुआ काफी उत्तेजित हो गई थी, लग रहा था काफी दिनों के बाद सेक्स कर रही हैं ।



इतना सुनना था कि उन्होंने बड़ी बुआ को अपने सीने में दाब लिया। उनके होंठ मिल गए ।



आगे क्या हुआ ...ये कहानी जारी रहेगी ।


आपका दीपकl



ये कामुक कहानी जारी रहेगी l

आपका दीपकl



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अंतरंग हमसफ़र

तृतीय अध्याय

खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग -6

सौत बनी साथी



फूफा जी ने बड़ी बुआ की चुत को सहलाना शुरू कर दियाl थोड़ी ही देर में बड़ी बुआ की चुत गीली होने लगीl वह ज़ोर जोर से कामुक सिसकरियाँ भरने लगीl

फूफा जीने एक उंगली बड़ी बुआ की चुत के अन्दर डाल दी, तो बड़ी बुआ ने ज़ोर की सिसकारी लीl

मेरा लंड अब तक बहुत ज़्यादा सख्त हो चुका थाl

थोड़ी देर तक फूफा जी बड़ी बुआ की चुत में अपनी उंगली अन्दर बाहर करते रहे l

फूफा जी ने बड़ी बुआ की टाँगें पकड़ कर नीचे की ओर खींचा तो बड़ी बुआ बिस्तर पर लेट गई। अब फूफा जी ने बड़ी बुआ की दोनों टाँगें उठा कर फूफा जीके नीचे दो तकिये लगा दिये, जिससे बुआ की चूत ऊपर को उठ गई। बड़ी बुआ ने अपनी टाँगों को चौड़ा करके छत की ओर उठा दिया, फिर फूफा जी के सिर को पकड़ कर अपनी चूत के ऊपर दबा दिया। फूफा जी अपनी जीभ निकाल कर बड़ी बुआ की चूत के अंदर उसे डाल कर घुमाने लगे। बुआ के पूरे जिस्म में सिहरन-सी दौड़ने लगी। बड़ी बुआ अपनी कमर को और ऊपर उठाने लगी जिससे फूफा जी की जीभ ज़्यादा अंदर तक जा सके।

बड़ी बुआ के हाथ बिस्तर को मजबूती से थामे हुए थे, बुआ मुँह खुल गया। बुआ ज़ोर से चीख पड़ी-हाँऽऽऽ और अंदर आआहहह ऊऊहह इतने दिन कहाँ थे पागल हो जाऊँगी l

ऊऊहहह ऊऊईई छोटी ये क्या कर रहे हैं मुझे संभालो मेरा छूटने वाला हैl

एकदम से बड़ी बुआ की चूत से रस की बाढ़-सी आई और बाहर की ओर बह निकली। बड़ी बुआ का पूरा जिस्म किसी पत्ते की तरह काँप रहे थे काफ़ी देर तक बुआ झड़ना चलता रहा l

जब सारा रस फूफा जी के मुँह में उड़ेल दिया तो बड़ी बुआ ने फूफा जी के सर को पकड़ कर उठाया। फूफा जीकी मूछें, नाक, होंठ सब बुआ के रस से सने हुए थे। फूफा जी ने अपनी जीभ निकाली और अपने होंठों पर फिराई।

"छी... गंदे!" बड़ी बुआ ने फूफा जी से कहा।

"इसमें गंदी वाली क्या बात हुई? यह तो टॉनिक है। तुम मेरा टॉनिक पी कर देखना... अगर जिस्म में रंगत ना आ जाये तो कहना।"

"जानू अब आ जाओ!" बड़ी बुआ ने फूफा जी को अपने ऊपर खींचा, "मेरा जिस्म तप रहा है। नशे की खुमारी कम होने की बजाय बढ़ती जा रही है... इससे पहले कि पागल हो जाऊँ अंदर डाल दो।"

फूफा जी ने अपने लंड को बड़ी बुआ के मुँह से लगाया।

"एक बार मुँह में तो लो... चूत में बाद में डालूँगा। पहले एक बार प्यार तो करो इसे!"

बड़ी बुआ ने फूफा जीके लंड को अपनी मुठ्ठी में पकड़ा और अपनी जीभ निकाल कर उसे चूसना और चाटना शुरू कर दिया। बुआ अपनी जीभ से फूफा जीके लंड को एकदम नीचे से ऊपर तक चाट रही थी और अपनी जीभ से फूफा जीके लंड के नीचे लटकते हुए अंडकोषों को भी चाट रही थी। फूफा जीका लंड बड़ा प्यारा लग रहा था। छोटी बुआ फूफा जी के लंड को चाटते हुए बड़ी बुआ और फूफा जी के चेहरे को देख रही थी।

बड़ी बुआ का उत्तेजित चेहरा बड़ा प्यारा लग रहा था। दिल को सकून मिल रहा था कि छोटी बुआ बड़ी बुआ और फूफा जी ने मुझे इतना प्यार दिया था और तीनो के रिश्ते सुधर गए थे।

छोटी बुआ ने मुस्कुराते हुए कहा-पहले बड़ी बुआ से प्यार की दो बातें कर लो बाद में अपने औजार पर ज्यादा-सा तेल लगा लेनाl फिर अपना औजार को बड़ी बुआ के छेद में बहुत ही धीरे-धीरे घुसा देनाl जल्दीबाजी मत करना, नहीं तो दीदी बहुत चिल्लाएगीl समझ गए नाl

फूफा जीके लंड से चिपचिपा-सा बेरंग का प्री-कम निकल रहा था जिसे बड़ी बुआ बड़ी बेकरारी से चाट कर साफ़ कर देती थी।

बुआ काफ़ी देर तक फूफा जीके लंड को तरह-तरह से चाटती रही। फूफा जीका लंड काफ़ी मोटा था इसलिये मुँह के अंदर ज़्यादा नहीं ले पा रही थी और इसलिये जीभ से चाट-चाट कर ही उसे गीला कर दिया था।

कुछ देर बाद फूफा जीका लंड झटके खाने लगा। फूफा जी ने बुआ के सिर पर हाथ रख कर रुकने का इशारा किया।

"बस...ll बस...ll और नहीं! नहीं तो अंदर जाने से पहले ही निकल जायेगा।" कहते हुए फूफा जी ने बड़ी बुआ के हाथों से अपने लंड को छुड़ा लिया l

फूफा जी ने कहा आज तुम दोनों को क्या हो गया है कहाँ तो एक दुसरे से बात भी नहीं करती थी और अब ये सब एक साथ l

तो बड़ी बोली जानू इसका पूरा श्रेय दीपक को है ... वह कुछ दिन जब वह पहले छोटी से मिला तो किसी बात पर उसने कहा जब प्यार के लिए समय कम है तो झगड़ा क्यों करना अगर अपना दायरा बढ़ा लो और सबको जो मिले उसे मिल बाँट लो तो ज़्यादा ही मिलता है l

यही बात उसने मुझे भी कही जब छोटी बुआ ने उससे पुछा बॉब और टॉम ने तुम्हे तंग तो नहीं किया। बस यही बात घर कर गयी और हमे लगा पहले जिस भी कारण से जो भी हुआ उसे भूल कर आगे बढ़ना चाहिए l

और हम बहने जब आपस में मिली तो किसी को भी कुछ नहीं कहना पड़ा बस आपस में गले लग गयी l

तो फूफा जी बोले तो फिर आ जाओ छोटी बुआ की जान तुम दोनों को आज बहुत प्यार करूंगा l

और बड़ी बुआ की टाँगों को फैला कर फूफा जीके बीच घुटने मोड़ कर झुक गए।

फूफा जी ने अपने लंड को बुआ की चूत से सटाया।

"आपका बहुत मोटा है। बड़ी की चूत को फाड़ कर रख देगा।" छोटी बुआ ने घबराते हुए कहा, "धीरे-धीरे करना नहीं तो बड़ी दर्द से मर जायेगी" l

वो हंसने लगे।

"आप बहुत खराब हो! इधर तो जान की पड़ी है।" छोटी बुआ ने फूफा जी से कहा।

छोटी बुआ ने भी अपने हाथों से बड़ी की चूत को चौड़ा कर फूफा जीके लंड के लिये रास्ता बनाया। फूफा जी ने अपने लंड को बड़ी बुआ की चूत के दर पर टिका दिया।

छोटी बुआ ने फूफा जीके लंड को पकड़ कर बड़ी की फैली हुई चूत के अंदर खींचा।

"अंदर कर दो..." छोटी बुआ की आवाज़ भारी हो गई थी।

फूफा जी ने अपने जिस्म को बड़ी बुआ के जिस्म के ऊपर लिटा दिया। फूफा जीका लंड बड़ी बुआ की चूत की दीवारों को चौड़ा करता हुआ फूफा जी अंदर जाने लगा। बड़ी बुआ सब कुछ भूल कर फूफा जी के सीने से लग गई। बस सामने सिर्फ़ फूफा जी ज़ थे और कुछ नहीं। वह ही इस वक़्त बुआ के पति आशिक, बुआ के सैक्स पार्टनर और जो कुछ भी मानो, थे।

जैसे ही फूफा जी का लंड बुआ की चूत को चीरता हुआ आगे बढ़ा बुआ के मुँह से "आहहऽ" की आवाज निकली और फूफा जीका लंड पूरा का पूरा बुआ की चूत में धंस गया। और छोटी बुआ बड़ी बुआ के निप्पलों को सहलाने लगी और माथे पर प्यार से हाथ फिराने लगी l

फूफा जी इस पोजीशन में छोटी बुआ के होंठों को चूमने लगे। तो बड़ी बुआ अपने नितम्ब ऊपर उठा कर फूफा जी के लंड को और अंदर लेने का यत्न करने लगी l

फूफा जी बड़ी बुआ से बोले "अच्छा तो अब पता चला कि मुझसे मिलने के लिये तुम भी इतनी बेसब्र थी... कहकर वो अपने हाथों का सहारा लेकर बुआ के जिस्म से उठे और साथ-साथ उनका लंड भी बुआ की चूत को रगड़ता हुआ बाहर की ओर निकला और फिर वापस पूरे जोर से छोटी बुआ की चूत में अंदर तक धंस गया।

"ऊऊऊहह दर्द कर रहा है। आपका वाकयी काफी बड़ा है। बुआ की चूत छिल गई। बुआ ने उनके आगे-पीछे होने की ताल से अपनी ताल भी मिलाई।

हर धक्के के साथ उनका लंड छोटी बुआ की बुआ की चूत में अंदर तक घुस जाता और उनकी कोमल झाँटें बुआ की मुलायम त्वचा पर रगड़ खा जाती। वो जोर-जोर से बुआ को ठोकने लगे उनके हर धक्के से पूरा बिस्तर हिलने लगता। काफी देर तक वो ऊपर से धक्के मारते रहे।

बुआ ने नीचे से अपनी टाँगें उठा कर उनकी कमर पर लपेट ली थी और उनके बालों भरे सीने में तने हुए निप्पल रगड़ रही थी। इस रगड़ से एक सिहरन सी पूरे जिस्म में दौड़ रही थी।

बुआ ने अपने हाथों से उनके सिर को पकड़ कर अपने होंठ उनके होंठों पर लगा कर अपनी जीभ उनके मुँह में घुसा दी। छोटी बुआ इसी तरह उनके लंड को अपनी चूत में लेने के लिये अपनी कमर को उचका रही थी। उनके जोरदार धक्के बुआ पागल बना रहे थे। उन्होंने अपना चेहरा ऊपर किया तो बुआ उनके होंठों की छुअन के लिये तड़प कर उनकी गर्दन से लटक गई।

फूफा जी के शरीर में दम काफी था जो बुआ के जिस्म का बोझ उठा रखा था। बुआ अपने हाथों और पैरों के बल पर उनके जिस्म पर झूल रही थी।

इसी तरह बुआ को उठाये हुए वो लगातार चोदे जा रहे थे, बुआ "आआहह! माँआ! मम्म! ऊफ़्फ़! आआहह!" जैसी आवाजें निकाले जा रही थी।

उनके धक्कों से तो बुआ निढाल हो गई थी। वो लगातार इसी तरह पंद्रह मिनट तक ठोकते रहे। इन पंद्रह मिनट में बुआ दो बार झड़ चुकी थी लेकिन उनकी रफ़्तार में कोई कमी नहीं आई थी।

उनके सीने पर पसीने की कुछ बूँदें जरूर चमकने लगी थीं। बुआ ने अपनी जीभ निकाल कर उन नमकीन बूँदों को चाट लिया। वो बुआ की इस हरकत से और जोश में आ गए।

पंद्रह मिनट बाद उन्होंने बड़ी बुआ की चूत से अपने लंड को खींच कर बाहर निकाला।

उन्होंने छोटी बुआ को किसी बार्बी डॉल की तरह एक झटके में उठाकर हाथों और पैरों के बल घोड़ी बना दिया। छोटी बुआ की चूत अब उनके सामने थी।

"मम्म डाल दोओ आज मुझे जितना जी में आये मसल डालो... आआआह मेरी गर्मी शाँत कर दो।"

छोटी बुआ छटपटा रही थी उनके लंड के लिये।

"एक मिनट ठहरो।" कहकर उन्होंने रुमाल उठाया और चूत को अच्छी तरह साफ़ करने लगे। यह जरूरी भी हो गया था, छोटी बुआ की चूत में इतना रस निकला था कि पूरी चूत चिकनी हो गई थी। उनके इतने मोटे लंड के रगड़ने का अब एहसास भी नहीं हो रहा था।

जब तक लंड के रगड़ने का दर्द नहीं महसूस होता तब तक मज़ा उतना नहीं आ पाता है। इसलिये छोटी बुआ भी उनके इस काम से बहुत खुश हुई। छोटी बुआ ने अपनी टाँगों को फैला कर अपनी चूत के अंदर तक का सारा पानी सोख लेने में मदद की। छोटी बुआ की चूत को अच्छी तरह साफ़ करने के बाद उन्होंने अपने लंड पर चुपड़े बड़ी बुआ के रस को भी रुमाल से साफ़ किया।

छोटी बुआ ने बेड के सिरहने को पकड़ रखा था और कमर उनकी तरफ़ कर रखी थी। उन्होंने वापस अपने लंड को छोटी बुआ चूत के द्वार पर लगा कर एक और जोरदार धक्का दिया।

"हम्म उहफ़्फ़" छोटी बुआ के मुँह से एक आवाज निकली और छोटी बुआ ने उनके लंड को अपनी चूत में रगड़ते हुए अंदर जाते हुए वापस महसूस किया। वो दोबारा जोर-जोर से धक्के लगाने लगे। उनके धक्कों से छोटी बुआ के बड़े-बड़े स्तन किसी पेड़ पर लटके आमों की तरह झूल रहे थे।

छोटी बुआ के गले पर पहना हुआ नेकलेस उनके धक्कों से उछल-उछल कर छोटी बुआ की चूचियों को और छोटी बुआ की ठुड्डी को टक्कर मार रहे थे l छोटी बुआ ने उसके लॉकेट को अपने दाँतों से दबा लिया जिससे कि वो झूले नहीं।

फूफा जी ने छोटी बुआ की इस हरकत को देख कर छोटी बुआ के नेकलेस को अपने हाथों में लेकर अपनी ओर खींचा। छोटी बुआ ने अपना मुँह खोल दिया।

अब ऐसा लग रहे थे मानो वह किसी घोड़ी की सवारी कर रहे हों और नेकलेस उनके हाथों में दबी उसकी लगाम हो। वह इस तरह छोटी बुआ की लगाम थामे बुआ को पीछे से ठोकते जा रहे थे।

तभी छोटी बुआ बोली आज जानू अपना रस बड़ी में डालो। बड़ी बुआ को घोड़ी बना कर छोटी बुआ ने फूफा जी का लंड बड़ी बुआ की छूट पर लगा कर फूफा जी के नितम्बो को आगे की और दबा दिया और फूफा जी ज़ोर से बुआ को पीछे से ठोकने लगे .l

तभी छोटी बुआ बोली आज जानू अपना रस बड़ी में डालो। बड़ी बुआ को घोड़ी बना कर छोटी बुआ ने फूफा जी का लंड बड़ी बुआ की छूट पर लगा कर फूफा जी के नितम्बो को आगे की और दबा दिया और फूफा जी ज़ोर से बुआ को पीछे से ठोकने लगे।

"जानू ... ऊऊहह...जानू ... मेरा झड़ने वाला है... तुम भी मेरा साथ दो प्लीईऽऽऽज़!" बड़ी बुआ ने फूफा जी से बड़ी बुआ के साथ झड़ने की गुज़ारिश की।

फूफा जी ने बड़ी बुआ की पीठ पर झुक कर बड़ी बुआ के झूलते हुए दोनों मम्मों को अपनी मुठ्ठी में पकड़ लिया और पीछे से अपनी कमर को आगे पीछे ठेलते हुए जोर-जोर के धक्के मारने लगे।

बड़ी बुआ ने अपने सिर को झटका देकर अपने चेहरे पर बिखरी अपनी ज़ुल्फों को पीछे किया तो बड़ी बुआ के दोनों मम्मों को मसलते हुए फूफा जी के हाथों को देखा। उनके हाथ बड़ी बुआ के निप्पलों को अपनी चुटकियों में भर कर मसल रहे थे और छोटी बुआ फूफा जी को लिप करने लगी l

"अम्मंह...जानू ...जानू!" मैं झड़ रही हूँ...जानू तुम भी आ जाओ... तुम भी अपनी धार छोड़ कर मेल कर दो। "

फूफा जी ने महसूस किया कि उनका लंड भी झटके लेने लगा है। उन्होंने छोटी बुआ की गर्दन के पास अपना चेहरा रख दिया। उनकी गर्म-गर्म साँस छोटी बुआ की गर्दन पर महसूस हो रही थी।

उन्होंने लगभग छोटी बुआ के कान में फुसफुसाते हुए कहा, " ... मेरा निकल रहा हैl

" आज दीदी को भर दो छोटी बुआ ने कहा और एक साथ बड़ी बुआ और फूफा जी दोनों के जिस्म से अमृत की धारा बह निकली।

उनकी उँगलियों ने छोटी बुआ की चूचियों को बुरी तरह निचोड़ और तीनो बिस्तर पर गिर पड़े, वह बड़ी बुआ के ऊपर ही पड़े हुए थे, तीनो के जिस्म पसीने से लथपथ हो रहे थे।

बड़ी बुआ बोली "आआहह जानू! आज आपने मुझे वाकई ठंडा कर दिया आपने मुझे वो... मज़ा... दिया जिसके... लिये मैं ... काफ़ी सालो से तड़प रही थीll मममऽऽऽ।" बुआ का चेहरा तकिये में धंसा हुआ था और वह बड़बड़ाये जा रही थी।

फूफा जी बहुत खुश हो गये और बड़ी बुआ की नंगी पीठ को चूमने लगे और बीच-बीच में बड़ी बुआ की पीठ पर काट भी लेते।

उसके बाद मैं और अलका दोनों वहाँ से चुपचाप खिसक लिए और अलका ने मुझे चुम कर मेरे गले लग गयी और कहा थैंक यू तुमने मेरे माँ और मौसी को दुबारा एक करवा दियाl

उसके बाद वह जेन के पास चली गयी

मेरे दिमाग़ में दुबारा वही खटक रहा था क्या कारण है की आज बॉब अपने कमरे में इतनी जल्दी चला गया और उसने साथ में सिगरेट पीने की पेशकश भी नहीं की। तो मैं बॉब के कमरे की तरफ़ चला गया।

मैंने जाकर बॉब का कमरा खटखटाया और जब उसने दरवाज़ा खोला तो किसी भी कोने से ये नहीं लगा की वह सो रहा था या सोने जा रहा था। मैंने उससे उसके आराम में खलल डालने के लिए क्षमा मांगी और फिर बोला भाई आज हमने दोपहर के खाने के बाद साथ में सिगरेट नहीं पि इसलिए मैं आपके पास आ गयाl लगता है आज वहाँ तालाब पर हुई गतिविधियों ने आपको थका दिया है।

बॉब बोलै नहीं ऐसी कोई बात नहीं है मैं माँ और पिताजी के सामने सिगरेट नहीं पीना चाहता था। वह अशिष्ट होता। फिर मुझे जोरदार तलब लगी थी और आप मेरी बहनो के साथ बात कर रहे थे l जिसमे मैं विघ्न नहीं डालना चाहता था इसीलिए जल्दी से अपने कमरे में आकर सिगरेट पीने लगा l अगर आपको कुछ अन्यथा लगा तो मुझे माफ़ कर दीजिये और मुझे सिगरेट जला कर दे दी।

फिर मैंने बॉब के साथ उसके कमरे में सिगरेट पी। सुबह की घटनाओं ने हम दोनों को सबसे अशांत और उत्तेजित स्थिति में छोड़ दिया था। "मैं कहता हूँ, मेरे भाई," उसने कहा, " मेरे लिए रुखसाना के लिए कल का इंतज़ार करना काफ़ी मुश्किल है। इसके अलावा, जब हम बहुत सारे लोग एक साथ हो तो ऐसा मौका मिलना लगभग असंभव है। मुझे लगता है हमारा अपने प्रयासों में असफल होने की संभावना ज़्यादा हैl कोई और रास्ता निकालना चाहिए नहीं तो मैं इसके लिए मर जाऊँगा। उसका कमरा मेरे कमरे के साथ ही है, मुझे अभी अपना भाग्य आज़माना चाहिएl

मैंने उसे जल्दबाजी में कुछ भी करने से रोकने की कोशिश की, क्योंकि हम अभी तक निश्चित नहीं थे कि रुखसाना ने अभी तक ये नहीं जताया था के वह भी इतनी जल्दी अपना कौमार्य समर्पण करने के लिए उत्साहित और तैयार थी।

हालाँकि जैसे इन मामलो अक्सर होता है वैसे ही वॉव को समझाने के लिए मेरे द्वारा दिए गए कारण, तर्क और वितर्क सब व्यर्थ साबित हुए। फिर बॉब बोला "इधर देखें," उन्होंने कहा, "ओह रुखसाना! उसके विचार ही मेरे लिंग को कितना उत्तेजित और तैयार कर देते हैंl" उसने पतलून को खोलकर अपना कठोर हो चूका लिंग बहार निकाल लिया। उसकी नसों विकृत ही चुकी थी और फूली हुई साफ़ नज़र आ रही थी। उसका तैयार उबलता हुआ गर्म खून फटने के लिए तैयार और ख़ुद बॉव बहुत उत्तेजित था,। तभी मैंने कहा भाई तुझे और तेरे लड़ को अगर जल्द राहत नहीं पहुँचाई गयी तो ज़रूर तुम्हे कुछ हो जाएगा।

मैंने सिगरेट को अपने होठों से हटा दिया और रूबी को बुलायाl वहाँ अंदर आकर उसने जब बॉब की हालत देखि तो तुरंत वह अपने घुटनों पर हो कर उसने लंड को पहले पकड़ कर सहलाया, फिर चूमा और, चूसा, और फिर अपनी ड्रेस उठा कर योनि के अंदर ले कर तेजी से ऊपर नीचे होने लगी। जिससे जल्दी ही उसके हथियार ने रूबी की योनि के अंदर अपना सारा लावा उगल दिया।

इससे बॉब को कुछ समय के लिए राहत मिली पर कुछ ही देर बाद जैसे ही बातचीत में रुख़्साना का नाम आया l बॉब का लिंग फिर सर उठाने लगा और जल्द ही पूरा खड़ा हो गया तो मैंने उसके लंड को पकड़ कर सहलाया और बोला बस थोड़ी देर और इंतज़ार करोl मुन्ना, जल्द ही तुम अपने मक़सद में कामयाब होकर अपने गंतव्य पर पहुँच जाओगे।

बॉब! आज खेल में भी रुखसाना तुम्हे बार बारदेख रही थी और मैंने देखा था वह तुम्हारा लंड देखते हुए दो बार उसका हाथ भी अपनी योनि पर चला गया था।

फिर मैंने उससे पुछा क्याँ तुमने उससे उसका फ़ोन नंबर लिया है। तो वह बोलै नहीं वह तो नहीं लिया। मैं तो उसकी ख़ूबसूरती में ऐसा खो गया की मूझे कुछ होश नहीं रहा। हाँ सब को दिख रहा था, तुम्हारा उसके प्रति दीवानापण।

तो फिर वह बोलै भाई प्लीज उसका नंबर दिलवा दोl तो मैंने कहा नंबर या तो अलका से लेना पड़ेगा या जेन के पास से लेना पड़ेगा। तो मैंने पहले जेन को व्हाट्सप मैसेज किया (हिन्दी अनुवाद) ।

मैं जेन से: हाय कैसी होl

जेन; हाय मैं ठीक हूँ आप कैसे हो l

मैं: मुझे तुमसे थोड़ी मदद चाहिए l

जेन: बोलो मैं तुम्हारे लिए क्या कर सकती हूँ l

मैं: बॉब को रुकसाना का फ़ोन नंबर चाहिए तुम्हारे पास है क्या l

जेन: नहीं मेरे पास नहीं है मैं लेना भूल गयी l

जेन: आप अलका से ले लो उसके पास ज़रूर होगा l

मैं: अच्छा याद दिलाया मुझे सबके नंबर रखने चाहिए आगे से धयान रखूँगा l

मैं अच्छा मुझे अलका लूसी और सिंडी का नंबर भी भेज दो l

जेन: xxxxxxxxx, अलका xxxxxxxxxxl लूसी xxxxxxxxxxl सिंडी l

मैं: थैंक यू l

मैं: लूसी और सिंडी कहाँ है l

जेन: अपने कमरों में होंगी l

मैं: लव यू टेक केयर l

उसके बाद मैंने अलका का और बाक़ी सबका नंबर सेव कर लिया और अलका को व्हाट्सप मैसेज किया (हिन्दी अनुवाद) ।

मैं अलका से: हाय, अलका कैसी हो मैं दीपकl

अलका: हाय, मुझे पता है मेरे पास तुम्हारा नंबर है l

मैं: तुमने कब लिया मेरा नंबर l

अलका: वह कल मौसी ने दिया था, जब वह माँ के साथ जा रहे थे के कोई ज़रूरत हो तो दीपक से बात कर लेना l

मैं: मेरे पास नहीं था मुझे जेन से लेना पड़ा l

मैं: तुम्हारे पास नंबर था तो फिर कॉल क्यों नहीं किया l

अलका: फिर मैं आप से मिलना चाहती थी इसलिए कॉल नहीं किया था l

मैं: अच्छा क्या कर रही हो ज़्यादा बिजी तो नहीं हो l

अलका: नहीं कुछ ख़ास नहीं l

मैं: मुझे तुमसे थोड़ी मदद चाहिए l

अलका: बताइये l

मैं: बॉब को रुकसाना का फ़ोन नंबर चाहिए l

अलका: ज़रूर प्लीज वेट लव बर्ड्स की मदद करनी ही चाहिए (स्माइली) l

अलका: xxxxxxxxxx रुखसाना l

मैं: हुमा का भी दे दो, टॉम का फ़ोन भी आता ही होगा (स्माइली) l

अलका: xxxxxxxxxxl हुमा l

मैं: थैंक्स, आज डिनर पर तुम्हारे घर कितने बजे चलना है l

अलका: वही नार्मल समय परl बाक़ी माँ से पूछ कर बता दूँगी l

अलका: मेरे पास सब के नंबर नहीं हैं l

मैं: मुझे भेज देना मैं सबको व्हाट्सउप कर दूंगा l

अलका: सबके नंबर शेयर कर लो l

मैं: ठीक है टेक केयर l

और उसके बाद मैंने अलका को सबके नंबर भेज दिए l

मैंने बॉब को रुखसाना का और टॉम को हुमा का नंबर भेज दिया और बॉब उसका नंबर सेव करने लग गया l

उधर नंबर मिलते ही टॉम का मास्ज आया थैंक्स भाई इसकी बहुत ज़रूरत थी। तुमने मेरी मुराद बिन मांगे ही पूरी कर दी है। तुम बहुत अच्छे भाई हो l अपने भाई की ज़रूरतों का बहुत अच्छा ख़्याल रखते हो। l मैंने उसे मैसेज भेजा भाई के लिए कुछ भी। ज़्यादा माखन मत मार उससे बात कर।

और बॉब से कहा पहले रुखसाना को मैसेज भेज ताकि वह तेरा नंबर सेव कर ले।

आगे क्या हुआ ये अगले भाग में पढ़िए।

ये कामुक कहानी जारी रहेगी l

आपका दीपक

ये कामुक कहानी जारी रहेगी l

आपका दीपकl




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#31
अंतरंग हमसफ़र

तृतीय अध्याय

खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग -7

बॉब की रुखसाना के लिए बेकरारी.

फिर मैं आगे कहानी सुनाते हुए बोला जब मैंने बॉब को रुखसाना का नंबर दे दिया और उसे रुख़्साना को मैसेज करने को कहा। मैंने उसे थोड़ा सब्र रख कर संयत होने को कहा क्योंकि अधिक अधीर होने से बना हुआ काम भी बिगड़ सकता हैl तो बॉब थोड़ा संयत हुआ और मुझसे रुखसाना से मिलवाने के लिए मिन्नत करने लगा l मैंने बॉब से कहा इसके लिए मुझे भी इसमें अपना हिस्सा चाहिए जिसके लिए बॉब सहर्ष तैयार हो गया, तो हमने आपस में सलाह करके आगे का पूरा प्लान बनाया।

जिसकी पहली शर्त थी की पहले वह रुखसाना के कमरे में जाए, या उसे अपने या मेरे कमरे में आमंत्रित करे उसे मनाये और उसकी उत्साही सहमति; प्राप्त करे l फिर उसे सम्भोग में संलग्न करे उसका कौमार्य बॉब को ही भंग करना होगा l तब मैं उन्हें उनकी मस्ती के बीच में आश्चर्यचकित करने के लिए उनके कामुक प्रलाप में शामिल हो जाऊँगा और उससे पहले उन दोनों के मिलन को आसान करने में उनकी मदद करूंगा।

उसके बाद बॉब ने रुखसाना का नंबर सेव कर लिया और रुखसाना को व्हाट्सप मैसेज किया (हिन्दी अनुवाद) ।

बॉब रुखसाना से: हाय बेबी मैं बॉब, रुखसाना आप कैसी हो।

रुखसाना: हाय, आपके पास मेरा नंबर कहा से आया।

रुखसाना: मैं अच्छी हूँ, आप कैसे हो।

बॉब; मैंने आपका नंबर दीपक भाई से लिया l आप क्या कर रही हैं।

बॉब: मेरी हालात ठीक नहीं है।

रुखसाना: अरे क्या हुआ आपको, मैं कुछ ख़ास नहीं आपके बारे में ही सोच रही थी।

बॉब: बस एक पल भी चैन नहीं आ रहा है।

रुखसाना: ऐसा क्या हो गया।

बॉब: मन बहुत बेचैन है।

रुखसाना; आप कहाँ पर है।

बॉब: अपने कमरे में।

रुखसाना: ठीक है मैं पांच मिनट में आती हूँ तब तक अपना ख़याल रखो।

रुखसाना: आपका कमरा कौन-सा है कहाँ पर है।

बॉब: बस आपके कमरे के साथ में जो दाए हाथ पर कमरा है वह मेरा है।

फिर प्लान के अनुसार बॉब जल्दी से अपने सारे कपड़े निकाल कर बिस्तर पर चादर ले कर लेट गया l

मैंने कहा बॉब थोड़ा-सा अभिनय करोl तुम्हारा काम जल्द ही बन सकता है l दरवाज़ा को बिना चिटकनी लगाये भिड़ा कर छोड़ दिया और मैं उस कमरे में छिप गया।

कुछ देर बाद दरवाज़ा खटखटाया और रुखसाना की आवाज़ आयी, बॉब बॉब।

तो बॉब ने थोड़ी धीमे आवाज़ में कहा आ जाईये दरवाज़ा खुला है।

तो रुखसाना अंदर आ गयी।

उसने लाल रंग की सुन्दर ड्रेस पहनी हुई थी जिसमे वह बहुत सुन्दर लग रही थी और उसने थोड़े-सा शृंगार भी किया हुआ था।

बॉब आँखे बंद कर लेट गया था।

रुखसाना बोली बॉब आप कैसे हैं।

फिर वह बोला कौन है।

और आँखे खोल कर बोला अरे रुखसाना आप हैं और मुस्करा दिया।

अरे आप तो ठीक लग रहे हैं और मुस्कुरा रहे हैं।

तो मिर्ज़ा ग़ालिब के चेले ने मौके पर शेर चिपका दिया।

" उन के देखे से जो आ जाती है मुंह पर रौनक़,।
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है"।l

रुखसाना आ कर उसके पास बैठ गयी और बॉब उठने का प्रयास करने लगा l रुखसाना को अपने पास आया देख उसका पहले से उत्तेजित लंड पूरा भड़क कर कड़क हो गया और चादर में तम्बू बन गया l जिसे छुपाने के लिए बॉब ने एक टांग मोड़ ली।

रुखसाना ने उसके माथे पर हाथ रखा तो उत्तेजना के कारण तपते बॉब का बदन उसे गर्म महसूस हुआl वह बोली अरे लगता है आपकी तो बुखार आ गया है l इसके लिए दवा ली क्या आपने।

तो बॉब ने कहा अब आप आ गयी है तो दवा भी मिल जायेगी l

रुखसाना ने पुछा क्या मतलब आपका?

तो बॉब बोलाl मेरी बिमारी भी आप है और इसका इलाज़ भी आप ही के पास है।

बॉब बोलाl मुझे आप बहुत अच्छी लगती हैं।

रुखसाना बोली मैं आपकी कितनी अच्छी लगती हूँ?

बॉब ने सिखाये अनुसार फिर एक शेर चिपका दिया।

" हुस्न-ए-मह गरचे ब-हंगाम-ए-कमाल अच्छा है।
उस से मेरा मह-ए-ख़ुर्शीद-जमाल अच्छा है "।l

1-हुस्न-ए-मह =चांद की ख़ूबसूरती,

2l मह-ए-ख़ुर्शीद-जमाल-ख़ूबसूरत सूरज का चांद l

लड़कियों को हमेशा अपनी खूबसूरती की तारीफ अच्छी लगती है और फिर शेरो शायरी भी हो तो बस कहने ही क्या।

बॉब बोलता गया मैं अब आपके बिना नहीं रह सकता l फिर उसका हाथ पकड़ कर अपने दिल के पास रख कर बोलाl देखिये मेरी धड़कन कितनी तेज हो गयी हैl

रुखसाना बोली हाँ ये तो काफ़ी तेज हो गयी हैl आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए

बॉब बोलाl मुझे मेरी बिमारी का और उसका इलाज़ पता है बस आप थोड़ा-सा मेरा साथ दीजिये।

तो रुखसाना बोली आपकी मदद करके मुझे बहुत ख़ुशी होगी।

देखिए खेल में जब मैंने आपको पकड़ा था तो आपने वादा किया था मनचाहा इनाम मिलेगा l

बॉब फिर बोला

" देखिए पाते हैं उश्शाक़ बुतों से क्या फ़ैज़।
इक बरहमन ने कहा है कि ये साल अच्छा है "॥

(उश्शाक़-चुंबन-बोसा)

और फिर बॉब ने दुसरे हाथ से उसका सर नीचे कर उसके होठो पर किस किया।

और बॉब बोला मैं पहली ही झलक से आपका दीवाना हो गया हूँl मैं आपसे प्यार करने लगा हूँ और अब आपके बिना नहीं रह सकता, आप बस मेरी हो जाईये।

और फिर दुबारा से उसे बेतहासा चूमने लगा और रुखसाना भी उसका साथ देने लगी फिर चुम्बन तोड़ कर बोली अब कुछ ज़्यादा हो रहा हैl बॉब आप ख़ुद को नियंत्रित कीजिये इतना ज़्यादा चुम्बन ठीक नहीं हैl मुझे भी कुछ होता है।

चाचा ग़ालिब के चेले को फिर मौका मिला उसने फिर चिपकाया।

" बोसा देते नहीं और दिल पर है हर लहज़ा निगाह l
जी में कहते हैं कि मुफ़्त आए तो माल अच्छा है "।l

(लहज़ा-पल, लम्हा)

तो रुखसाना शर्माते हुए और मुस्कुराते हुए बोली क्या अब थोड़ा आराम मिला आपको।

तो बॉब ने जवाब दिया

" हजारो ख्वाहिशे ऐसी कि हर ख़्वाहिश पर दम निकले।
बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले।l "

फिर बॉब ने अपने चादर हटा दी और उसका हाथ पकड़ कर अपने खड़े हुए लंड पर रख दिया और बोलाl अब अपने इस मरीज का भी इलाज़ कर दो।

तो रुखसाना ने पहले लंड को सहलाया और फिर बॉब के तरफ़ देख कर मुस्कुरायी फिर लंड की तरफ़ मुँह किया सर को झुकाया और लंड के अगर भाग पर एक किश की और फिर मुँह खोल कर हलके-हलके चूसने लगी इस अचानक मिली ख़ुशी से बॉब का लंड बहुत जल्दी अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँच गया और उसमे मुँह में पिचकारियाँ मार दी जिसे वह पूरा चाट गयी और उसके बाद उसे जीभ में भर कर एक गोला बना कर बॉब को देख कर मुस्कुरायी।

तो चाचा ग़ालिब का कच्चा शागिर्द बोला।

" बे-तलब दें तो मज़ा उस में सिवा मिलता है।
वो गदा जिस को न हो ख़ू-ए-सवाल अच्छा है "। ।

गदा -भिखारी, भिक्षु,

ख़ू-ए-सवाल -इश्क़ करने वाले, प्रेमी

उसके बाद रुखसाना कुछ नहीं बोली और मुँह में उसकी जीभ पर रखे बॉब के वीर्य के गोले को मुँह में घुमाया और बॉब के ओंठो के साथ अपने ओंठ जोड़ कर अपनी जीभ और वीर्य के गोले को बॉब के मुँह में सरका दिया और जीभ से उस पर धक्का मारा और वह उस गोले को निगल गया और फिर काफ़ी देर तक दोनों ऐसे-सी चुम्बन करते रहे फिर वह अलग हुई।

और चचा ग़ालिब ने एक आखिरी शेर दे मारा।

" क़तरा दरिया में जो मिल जाए तो दरिया हो जाए।
काम अच्छा है वह जिस का कि मआल अच्छा है "।l

मआल -परिणाम, नतीजा, अन्त

तो वह वही पड़ा ग़ालिब का दीवान उठा का बोली चचा ग़ालिब के नए-नए चेले जी क्या आपको उनकी कोई और नज़्म भी याद है l जब बॉब कुछ नहीं बोला।

तो वह हाथ छुड़ा कर दूर हट गयी और वापिस जाने लगी तो बॉब ने कहा अरे आप कहाँ जा रही हैं।

तो वह बोली

" ख़त्म हुआ खेल बंजारे का अब रुखसती की तैयारी हैं।
जुड़ा था जो रिश्ता कभी तेरे शहर से उसे अलविदा कहने की बारी हैं "॥

अभी आप थोड़ा ग़ालिब पढ़ लीजिये और आराम कीजिये बाद में मिलते हैं।

तो बॉब उठ कर खड़ा हो गया और उसे पकड़ कर अपनी तरफ़ खींचा और गले लगा कर बोला आप तो हमसे रूठ कर यु मत जाईये ये सब आप के ही लिए था।

तो बॉब बोला रुखसाना आप जानती नहीं हो मेरी क्या हालात हैl में ज़्यादा इंतज़ार करने की स्थिति में नहीं हूँ मैं आपसे दूर ज़्यादा देर नहीं रह सकता हूँ और अगर मैं आपसे नहीं मिला तो मर जाऊँगा।

तो उसने बॉब को एक चुम्बन किया और जाने लगी और बोली आप दो घंटो में मेरे कमरे में आइये l अभी मुझे जेन के पास जाना है नहीं तो कही वह मुझे ढूँढते हुए यही न आ जाए और भाग गयी।

फिर बोली मैं मैसेज करूंगी तब तुम मेरे कमरे में आ जाना।

तो उसके बाद मैंने बॉब को बोला अब तुम नहा कर त्यार हो जाओ l तब तक मैं जेन के कमरे में जा कर देखता हूँ क्या कर सकते हैं।

उसके बाद मैं जेन के कमरे में चला गया और उसे बताया कैसे उसका भाई रुखसाना के लिए बिलकुल बेकरार हो चूका है l अगर हमने इन दोनों को नहीं मिलवाया तो कह रहा है वह मर जाएगाl इसलिए हमे उसकी मदद करनी होगी l रुखसाना जेन के कमरे में जाने से पहले शायद फ्रेश होने अपने कमरे में चली गयी थी lहम बात कर ही रहे थे की इतने में रुखसाना आ गयी तो मैं चुप कर उनके कमरे से निकल गया l जेन ने उसका स्वागत किया और फिर आज सुबह तालाब पर हुई मस्तियो की बात करते हुए उससे पूछने लगीl उसे कैसा लगा आज के खेल मेंl

तो रुख़्साना बोली आज जैसा मज़ा तो उसे पहले कभी नहीं आया और उसे बहुत अच्छा लगा।

जेन ने फिर पुछा और क्या-क्या अच्छा लगा तो उसने कहा तालाब, शराब और खेल और मस्ती सब कुछl जेन ने पुछा बस यही और मेरा भाई बॉब नहीं अच्छा लगा तुमको l तो जेन बोली मुझे भी उसकी हरकते देख कर यही लग रहा था l उसकी आँखे सारा समय तुम पर ही टिकी हुई थी l किसी और की तरफ़ तो वह देख भी नहीं रहा था।

तो रुखसाना शर्माते हुए बोली और मुझे आपका भाई बॉब अच्छा लगा l मुझे लगता है वह मुझे प्यार करने लगा है और जब वह मुझे ऐसे प्यार से देखता है मुझे भी कुछ-कुछ होने लगता है l आपा कुछ करो न के हमारा मिलन हो जाए।

तो जेन ने पुछा अब कहाँ से आ रही हो?

रुखसाना ने बॉब के कमरे में जो हुआ था वह सब कह सुनायाl जेन बोली रुखसाना मालूम है लड़का लड़की के मिलन में क्या होता है l तो रुखसाना बोली ज़्यादा तो नहीं पता पर यही पता है दोनों बहुत प्यार करते हैं l तो जेन बोली लगता है तुम्हे सब करके दिखाना पड़ेगा और जेन ने मुझे फ़ोन अपने कमरे में बुलाया।

ये कामुक कहानी जारी रहेगीl

आपका दीपकl


आगे क्या हुआ पढ़िए अगले भाग 8 में।
 
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  1. मजे - लूट लो जितने मिले
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#32
अंतरंग हमसफ़र

तृतीय अध्याय

खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग -8

सेक्स का आरंभिक ज्ञान

अब तक की कहानी का सार;

मैं दीपक आपने मेरी कहानिया "झट शादी पट सुहागरात-1-4" में पढ़ा कैसे मेरी सहयोगी प्रीती दुल्हन बन कर सुहागरात मनाने को तैयार हो गयीl उसके बाद मेरी और मेरे घर की देखभाल करने वाली रोज़ी और रूबी मिली और मेरी सभी प्रेमिकाओ और उनकी चुदाई के बारे में पूछने लगीl मैंने उसे बताया किस तरह मैं रोज़ी और रूबी से मिला और कैसे मेरी और रोज़ी की पहली चुदाई हुई l फिर उसके बाद रूबी को चोदाl हमारे गाँव के प्रवास के आखिरी दिन जंगल में हमने ग्रुप सेक्स और मेरे फूफेरे भाइयो बॉब और टॉम के साथ प्रेमिकाओ की अदला बदली का कार्यक्रम बनाया l वहाँ रोज़ी की सहेली टीना की पहली चुदाई की। फिर छोटे योनि के छेद वाली मोना को मैंने चोदा। रोज़ी मेरे साथ शहर आ गयी। उसके बाद मेरी बुआ और उनकी तीन बेटियों लंदन से दिल्ली हमारे घर आये।

मेरा दोनों बहनो रोज़ी और रूबी के साथ हमारा पहला थ्रीसम हुआl वहाँ मेरी बुआ भी अपनी तीनो बेटिया जेन लूसी और सिंडी के साथ छुट्टिया बिताने आयी थी। अगले दिन सुबह मेरी सबसे बड़ी फूफेरी बहन जेन ने जंगल में पेड़ो के नीचे हरी घास के मैदान पर अपना कुंवारापन मुझे समर्पित कर दिया l दूसरी बुआ के बेटी अलका और जेन का रात को मेरे साथ सोने का कार्यक्रम बन गया। मैंने बॉब और जेन के साथ मिल कर अपनी बाक़ी फूफेरी बहनो को भी प्यार मुहब्बत और मजो की हसीं दुनिया में ले जाने का प्लान बनाया l उसी रात में अलका मेरे पास आयी और मैं उसका कौमर्य भंग कर दिया l अगले दिन अलका की सहेलिया रुखसाना और हुमा एक हफ्ते के लिए रहने आयीl सब लड़किया तालाब पर नहाने गयी और हम तीनो वहाँ पेड़ पर छुपे हुए थे l लड़किया नग्न हो कर मस्तिया करने लगी और फिर हम वहाँ कूद पड़े और उनके सेक्स ने नए-नए खेल रचाये l सबने आशा अम्मा से मिल कर छोटी बुआ, बड़ी बुआ और फूफा का सारा माजरा जाने का प्लान बनाया l

जब हम वापिस आये तो वहाँ दोनों बुआ और फूफा जी वापिस आ गए थे और तीनो बहुत खुश थेl सबने आशा अम्मा से मिल कर छोटी बुआ, बड़ी बुआ और फूफा का सारा माजरा जाना l उसके बाद में बॉब रुखसाना के लिए बहुत बेकरार था तो उसको रुखसाना का नंबर दिलवाया और फिर रुखसाना को बॉब के साथ संसर्ग करने के लिए जेन की मदद से मना लिया (अंतरंग हमसफ़र-1-28)।

अब आगे पढ़िए।

तो प्रीती ने उत्सुकता से पुछा तो बताइये फिर आपको जेन ने किसलिए बुलाया था और आपने वहाँ क्या किया?

फिर मैं आगे कहानी सुनाते हुए बोला प्रीती, जेन ने मुझे रुखसाना को लड़का लड़की के मिलन में क्या होता है ये दिखाने के लिया बुला लिया इस बीच मुझे टॉम का बार-बार मैसेज आ रहा था कि हुमा भी मान नहीं रही हैl तो मैंने ये शर्त यहाँ भी रख दी थी की मुझे भी इसमें मेरा हिस्सा चाहिएl जिसे टॉम फटाफट मान गया फिर मैंने वहाँ भी अलका की मदद से उसको टॉम के साथ सेक्स करने के लिया मनाने में मदद कर दीl फिर टॉम ने पुछा की हुमा पूछ रही है कितने बजे आओगे तो कितने बजे बोलू

मैंने टॉम को कहा अभी बताता हूँ क्योंकि मैं भी उस बिना बालो और संकरी चूत वाली खूबसूरत हुस्न की कमसिन मल्लिका हुमा की पहली चुदाई देखना चाहता था l

जब जेन ने मुझे बताया की रुखसाना की क्या बताना और दिखाना है तो मैंने कहा हुमा को भी बुला लो उसका भी टॉम के साथ अपॉइंटमेंट फिक्स हो गया है। उसे पूछ लो अगर वह देखना चाहती है तो वह भी देख सीख लेगी और अलका के पास ही बैठी हैl उसके बाद 5 मिनट में ही अलका और हुमा दोनों जेन के कमरे में आ गयी। इसे पहले मैंने वक़्त का अंदाजा लगाया लगभग डेढ़ से दो घंटे यहाँ पर रुखसाना को त्यार होने में फिर दो घंटे रुखसाना और बॉब के साथ मेरे कमरे में और उसके बाद हुमा के पास जा सकते हैंl तो अभी घडी में 2 बज रहे हैं तो मैंने टॉम को बोला तुम हुमा हो लगभग 6 बजे का टाइम दे दो l

मैंने कहा रुखसाना और हुमा क्योंकि यहाँ मेरी दो प्रेमिकाए मौजूद हैं और मैं इनमे किसी एक को नहीं चुन सकता इसलिए इन दोनों को एक साथ प्यार कर रहा हूँ। कोई ज़रूरी नहीं आपके साथ भी प्यार के पहले अनुभव में यही हो, की आपका प्रेमी आपके साथ-साथ एक और लड़की को भी प्यार करे, या कभी ये भी हो सकता है आपको एक साथ दो या अधिक लोगों का प्यार मिलेl आप इस बात की परवाह मत करो कितने लोग हैंl प्यार के सभी आयाम जो मैं अपनी दोनों प्रेमिकाओ के साथ आपको इस छोटे से समय में दिखा सकू उसमे जो आपको अच्छा लगे वह सीख लीजियेगा। मैं तो यही कहूंगा प्यार में अपने साथी को भरपूर प्यार कीजिये और मजे दीजिये और लूट लीजिये। "मैं तो यही मानता हूँ प्यार असीम है प्यार की कोई सीमा नहीं है"।

पहले आप देखना चाहेंगी प्यार में क्या होता है या पहले मेरी राय में कुछ प्राथमिक ज्ञान संक्षेप में हो जाए। मानवों में प्रजनन हेतु जननांग होते हैं, जो स्त्रियों और पुरुषों में भिन्न होते हैं। तो कुछ चीज़ो के बारे में जानना ज़रूरी है,

1) लड़की के बारे में


वैसे तो लड़कियों का हरेक अंग पुरुष को आकर्षित करता है और ये भी बताना बहुत कठिन है कि कौन से पुरुष को कौन-सा अंग सबसे ज़्यादा आकर्षित करता है फिर भी लड़की के यौन अंगों में योनि, वल्वा, भगशेफ या भगनासा, गर्भाशय ग्रीवा, गर्भ, अंडाशय, मूत्रमार्ग और पीठ मार्ग (गुदा क्षेत्र) आदि शामिल हैं। इसके इलावा स्तन, ओंठ, नितम्ब, नाभि और कमर भी स्त्री के महत्त्व पूर्ण अंग है जिनका सेक्स में एक विशेष स्थान है।

योनि और भगशेफ

योनि का अर्थ है वह जिससे कोई वस्तु उत्पन्न हो या उत्पत्ति स्थान लड़कियों में इसे-इसे चूत, बुर, भग और भोसड़ी भी कहा जाता है योनि स्त्रियों का जननेंद्रिय है इसे चूत, बुर, रसाल, भग और भोसड़ी भी कहा जाता है

योनि वह मार्ग है जो जांघो के बीच में एक दरार होती है जो ही गर्भाशय की ओर जाता है। योनी शरीर के बाहर से दिखाई देती है और पुरुष या लड़के का लिंग साधारणतय यही प्रवेश करता है।

भगशेफ या भग्नाशा

भगशेफ या भग्नाशा योनी के बाहर है और स्पर्श करने के लिए बहुत संवेदनशील है। इससे महिलाओं को उनके यौन सुख का भरपूर आनंद मिलता है। कामोत्तेजना के दौरान इस क्षेत्र में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है, जिससे योनी और भगशेफ में सूजन और अतिरिक्त संवेदनशीलता हो जाती है।

स्तन

अधिकतर पुरुषों को महिलाओं के स्तन बहुत ही आकर्षक लगते हैं। किसी भी महिला का स्तन उसके शरीर का सबसे खूबसूरत और अहम और आकर्षक हिस्सा होता है। लड़के या पुरष जब भी किसी लड़की या महिला को देखते हैं तो सबसे पहले उनका ध्यान महिलाओं के स्तनों या छाती पर ही जाता है। आकर्षण के लिए स्तनों का माप या कोई अन्य एक मापदंड नहीं रखा जा सकता। यह एक बहुत ही संवेदनशील सेक्स अंग भी होता है, जिसे छुने से महिलाएँ कामोत्तेजित भी महसूस करती हैं।

2) लड़को या पुरुषो के जनांगो बारे में

पुरूष के जनन अंगों को दो भागों में बांटा जा सकता है। पहला बाहरी भाग जैसे लिंग और अंडकोश तथा भीतरी भाग मूत्र नलिका, शुक्राणु आदि।

लिंग

पुरूष अपने शिश्न या लिंग के द्वारा शुक्राणु को स्त्री के योनि में डालता है। जब पुरुष संसर्ग के लिए उत्तेजित होता है तो उसका लिंग कठोर हो जाता है। पुरूष लिंग की कठोरता के समय लिंग के अंदर की मांसपेशियों से अधिक रक्त का संचार होता है व इसके कारण लिंग की लम्बाई बढ़ जाती है। लिंग की सुपारी की त्वचा आसानी से ऊपर-नीचे खिसक सकती है तथा कठोरता के समय लिंग को चौड़ाई में बढ़ने के लिए स्थान भी देती है। लिंग का अगले भाग काफ़ी संचेतना पूर्ण होता है।

अंडकोश

अंडकोष पुरूष के नीचे एक थैली होती है जिसमे साधारणतया पुरुषो के दो अंडकोष होते हैं। इनका मुख्य कार्य शुक्राणु और पुरूष उत्तेजित द्रव को बनाना होता है।

3) सम्भोग-सेक्स

सम्भोग मैथुन या सेक्स की उस क्रिया को कहते हैं जिसमे नर का लिंग मादा की योनि में प्रवेश करता हैं। सम्भोग को योनि मैथुन, काम-क्रीड़ा, रति-क्रीड़ा भी कहते हैं। महाभारत के अनुशाशन पर्व के अनुसार लड़की सम्भोग या मिलान के समय पुरुष से कई गुना ज़्यादा आनंद सुख और तृप्ति की प्राप्ति करती है।

सम्भोग इंसानों में, संतान प्राप्ति, सुख प्राप्ति या प्यार या जज़्बात दिखाने का भी एक रूप हैं। सम्भोग अथवा मैथुन से पूर्व की क्रिया, जिसे अंग्रेज़ी में फ़ोर प्ले कहते हैं, के दौरान हर प्राणी के शरीर से कुछ विशेष प्रकार की गन्ध (फ़ीरोमंस) उत्सर्जित होती है जो विषमलिंगी को मैथुन के लिये अभिप्रेरित व उत्तेजित करती है।

फ़ोर प्ले से लेकर चरमोत्कर्ष की प्राप्ति तक की सम्पूर्ण प्रक्रिया ही सम्भोग कहलाती है बशर्ते कि यह कार्य विषमलिंगियों के बीच हो रहा हो।

मुख मैथुन अथवा गुदा मैथुन उन्हें मैथुन तो कहा जा सकता है परन्तु सम्भोग नहीं।

सेक्स सिर्फ़ मादा की योनि में प्रवेश के लिए नहीं किया जाता बल्कि इसमें उससे बहुत कुछ ज़्यादा शामिल होता है। सेक्स विभिन्न स्तिथियो में किया जा सकता है जिन्हे आसन कहते हैं। सेक्स के दौरान जोड़ो को बहुत-सी बाते और चीजे करनी होती हैं। फोरप्ले से लेकर चरमोत्कर्ष तक सेक्स के अलग-अलग पहलू होते हैं।

सेक्स और आसनो के बारे में विस्तृत ज्ञान फिर कभी। अब जितना सीखा है पहले उसका प्रैक्टिकल अभ्यास कर लेते हैं।

सुबह तालाब पर हुए सामूहिक सेक्स के कारण अब किसी को किसी से कोई शर्म नहीं थी इसलिए अलका और जेन भी दोनों त्यार थी l

फिर मैं जेन के पास गया और बोलै तो प्यारी जेन शुरू करे सेक्स की क्लास और एक हाथ जेन की कमर में डाला और दूसरा अलका की कमर में डाल कर, बारी-बारी से एक दूसरे को चुंबन करते हुए जल्द ही प्यार की वृत्ति की इच्छुक लड़कियों के साथ हम एक बहुत ही सुविधाजनक जगह पर पहुँचे अर्थात बिस्तर पर पहुँचेl उन्होंने मुझे दो कुंवारी कन्याओं का प्यार और आनद की और मार्गदर्शन करने की अनुमति दी।

कमरे में बिलकुल शान्ति थी सिर्फ़ हम्मरे तेज चुम्बनों की आवाज़ गूंज रही थी l कमरा रजनी गंधा के फूलो की खुशबु से महक रहा था। तो अलका बोली "रजनी गंधा की ख़ुशबू कितनी प्यारी मीठी और रसभरी है!" मैंने उन्हें बिस्तर पर अपने पास एक कोने मेरी तरफ़ आकर्षित किया और दोनों मेरे पास चुम्बक की तरह खींचती चली आयी और फिर एक सबसे स्वादिष्ट चुंबन शुरू हुआl मैंने उन दोनों के बदन को टटोलना शुरू कर दिया और अलका की कपड़ो के अंदर हाथ डाल कर उसकी भगनासा तक पहुँच गया।

"ये सुगंध तुम्हारी प्यारी छोटी-सी योनि ये ज़्यादा रसभरी और मीठी नहीं है ये, अलका" मैंने कहा और शरारत भरी चंचलता से अपनी दाए हाथ की उंगलियों को कोमलता से प्यार के उस छोटे से गोश्त के चारों ओर घुमाते हुए, उसकी रस की खान (भगनासा) को मैंने अपने कब्जे में ले लिया।" दूसरा हाथ जेन की वक्ष स्थल पर से होता हुआ उसके बाए चुचक को मसलने लगा।
 
ये कामुक कहानी जारी रहेगीl

आपका दीपक


आगे क्या हुआ पढ़िए अगले भाग 9 में।
 
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#33
अंतरंग हमसफ़र


तृतीय अध्याय

खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग -9
चुदाई के नज़ारे


तो प्रीती ने उत्सुकता से पुछा तो बताइये फिर आपने जेन और अलका से साथ क्या-क्या किया? और आपको ये सेक्स का ज्ञान कहाँ से मिला?

फिर मैं बोला प्रीती पहले तुम्हारे दुसरे सवाल का जवाब दूंगा। वैसे तो आदमी हर समय हर किसी से कुछ न कुछ सीख सकता है और मैंने भी अपने सभी सेक्स के साथियो से हमेशा कुछ न कुछ सीखा है, क्योंकि हरेक दुसरे से थोड़ा भिन्न होता है। हरेक की पसंद नापसंद थोड़ी बहुत अलग होती है। अपने साथी की पसंद और नापसंद को अगर समझ और जान कर अगर सेक्स किया जाए तो मजे कई गुना बढ़ जाते हैं। इसके इलावा भी मेरा मानना है हरेक को थोड़ा बहुत आधारभूत ज्ञान होना ही चाहिए।

पहले सवाल का जवाब ये सेक्स का थोड़ा बहुत ज्ञान सबसे पहले कॉलेज में विज्ञानं और बायोलॉजी में मिला था। पर वह बहुत कम था। उस कमी की पूर्ती काफ़ी हद तक कुछ तो मुझे मेरे फूफेरे भाई बॉब ने पहली चुदाई के समय पर दिया हुए ज्ञान से हो गयी थी। फिर उसके बाद कुछ ज्ञान रूबी से मिला था जिसके पिताजी वैद्य थे, उनकी बनायीं हुई देसी दवा का मैंने कई बार इस्तेमाल किया है। जब मैं दादा जी की कमरे में शिफ्ट हो गया तो वहाँ अन्य किताबो के साथ सेक्स ज्ञान की कुछ किताबे पड़ी हुई थी जैसे काम सूत्र जिन्हे मैंने पढ़ा था। फिर इंटरनेट और मोबाइल तो है ही, ज्ञान प्राप्त करने का सबसे आसान और सुलभ साधन। मैंने जो थोड़ा बहुत ज्ञान अर्जित किया था उसमे से कुछ बहुत ज़रूरी बाते को ही संक्षेप में बताया था।

वैसे इसके बाद मेरी मुलाकात एक लव गुरु से भी हुई थी जिसने मेरे सेक्स ज्ञान के चक्षु खोल दिए थे जोकि आगे बताऊंगा।

अब कहानी में आगे सुनो उसके बाद अलका ने मेरी गर्दन पर हाथ फेरा और धीरे से आह भरते हुए बोली "ओह! ओह! प्रिय दीपक!"

"जैसे आज सुबह आपने लूसी और सिंडी को चुंबन किया था वैसे ही मुझे भी किश करेंगे?" अलका बोली, मैं अलका को किश करने के लिए आगे बढ़ा और बोला मेरी प्रिय लाड़ली प्रेमिका, यह किश आपको उनसे भी ज़्यादा मजे देगी; अब संकोच और शर्म छोड़ो और खुल कर मजे लो हम सब यहाँ मजे लेने के लिए या उनके बारे में जानने के लिए या हम और ज़्यादा आनंद कैसे ले सकते हैं इसी मकसद से एकत्रित हुए हैं। क्या ये सच नहीं है, चाहो तो अपनी बहन या दोस्त से पूछ सकती हो। " हम सबके बीच गोपनीयता बनाये रखने का समझौता हो चूका है और सब एक दुसरे के भरोसेमंद राजदार हैं, इसलिए शर्माओ मत और मेरे साथ चुम्बन करो। पर अलका अभी भी हिचक रही थी।

जेन बोली। -"ओह! उसे किश करने दो, प्रिय अलका, तुम सबसे अनूठी और सर्वाधिक मजे वाली आलोकिक संवेदनाओं का अनुभव करोगी जिससे तुम्हे लगेगा तुम स्वर्ग में हो।" जेन फिर बोली मुझे लूसी और सिंडी ने ऐसा ही बताया था। दीपक बहुत अच्छी किश करते हैं। मैं समझ गया दोनों ऐसे रुखसाना और हुमा के सामने अभिनय कर रही हैं। ताकि हमारे सम्बन्धो का उनको पता नहीं चले हैं तो मैंने भी उनके साथ वैसा ही नाटक खेलने का निश्चय किया।

मैंने कहा आप दोनों मुझ पर भरोसा करे आपको बहुत ज़्यादा मजे आने वाले हैं जो आपने आज तक अनुभव नहीं किये होंगे।

फिर मैंने धीरे-धीरे चूमते हुए अलका के कपडे उतारे और फिर मेरे कहने पर अलका ने भी मेरे कपडे उतार दिए और मुझे उसने मुझे एक कोने में अपनी बाजुओं के सहारे पीछे की और झुकते हुए बिठाया और फिर मेरी टाँगे सीधी करदी। इस तरह मैं अधलेटा हो गया। मैं और अलका इसके बाद काफ़ी देर तक एक दुसरे को चुम्बन करते रहे और हमारे हाथ एक दुसरे के बदन पर चल रहे थे। मेरे हाथ अलका के सुन्दर स्तनों से खेल रहे थे और उसके हाथ मेरी छाती और मेरी पीठ पर चल रहे थे।

लेकिन अभी तक हमारे खेल में जेन शामिल नहीं हुई थी। जब हम उसके बाद सांस लेने के लिए रुके तो मैंने देखा जेन भी अब उत्साहित और उत्तेजित हो रही थी l मैंने अपना हाथ बढ़ा कर उसे अपनी और आकर्षित किया तो वह मेरी और ऐसे खींची चली आयी जैसे मरे निमंत्रण का बेताबी से इंतज़ार कर रही हो। मैंने पहले उसे भी एक प्यार भरा चुम्बन किया और फिर धीरे-धीरे उसके सारे कपडे हटा कर उसे बेपर्दा कर दिया और उसने मुझे प्यार से पीठ के बल लिटा दिया और अधलेटी हो कर मेरे चहरे के ऊपर झुक गयी।

जेन के प्यारे नरम मुलायम हाथों ने एक बार में ही मेरे कठोर हो चुके हथियार को पतलून की जकड़न और सीमित स्थिति से बाहर निकाल दिया और दूसरी तरफ़ मैंने अलका की योनि को चूसना और चाटना शुरु कर दिया। जेन ने मेरे लंड को सहलाया जकड़ कर उसकी चमड़ी को ऊपर नीचे किया और फिर किस करने के बाद अपना मुँह खोला, चूसा और धीरे-धीरे पूरा लंड अपने कब्जे में ले लिया और मेरा एक-एक हाथ उनको स्तनों और नीपल्लो से खेल रहा था। मैंने अलका को खींच कर अपने मुँह के अपर बिठा लिया और उसकी चूत को घपा गप जीभ से चोदने लगा। अलका का चेहरा मेरे लंड की और था और वह लें को मेरा लंड चूसते हुए देख रही थी।

"ओह प्रिय जेन मुझे चूमो," अलका ने कहा और उसके मुँह ने अलका ने अपनी झीभ डाल दी। तब तक जेन मेरे लंड को चूसना छोड़, घुड़सवारी वाले अंदाज़ में मेरे ऊपर आ गयी थीl उसकी एक टांग मेरे कूल्हों की एक तरफ़ और एक टांग दूसरी तरफ़ और उसका मुँह मेरी या अलका की तरफ़ था। फिर उसने मेरा लंड पकड़ा और उसे अपनी योनि के द्वार पर लगा कर धीरे-धीरे नीचे बैठने लगी। वैसे तो उसकी चूत का उद्गाटन मैं कर चूका था फिर भी अभी नयी-नयी होने के कारण चूत टाइट थी। इसलिए, लंड बमुश्किल चूत की दीवारों और भगनासा को रगड़ता हुआ आधा अंदर गया तो उसकी चीख निकल गयी। आह। पर अभी तो मंज़िल दूर थी और रुकने का कोई कारण नहीं था तो एक धक्का मैंने भी नीचे से अपने चूतड़ उठा कर ऊपर की और लगा दिया और उसके कमर पर हाथ लेजाकर उसको नीचे की और दबा दियाl लंड फच की आवाज़ के साथ जड़ तक समा गया तो उसका सर पीछे चला गया चुम्बन टूट गया और आह ओह करती धीरे से बोली धीरे से करो दर्द होता है उसके बाद दोनों रुक गए।

जब लंड अंदर प्रवेश करता है तो लड़कियों की योनि के अंदर मौजूद मांसपेशिया ख़ुद को एडजस्ट करने के लिए जगह बनाती है। इसलिए प्रवेश के बाद कुछ देर ज़रूर रुकना चाहिए ताकि लड़की की योनि में ये एडजस्टमेंट हो जाए। सामान्य अवस्था में योनि की भित्तियाँ या मांसपेशिया आपस में चिपकी रहती है संभोग क्रिया के दौरान लिंग के योनि में प्रविष्ट होने पर वे अलग-अलग हो जाती है। जिससे योनि लैंड को अपने अंदर समागरहित कर लेती है। इसीलिए छोटी-सी दिखने वाली योनि में बड़ा या छोटा, मोटा या पतला सब लंड सेट हो जाते हैं और बच्चे को भी जन्म के समय भी इनके कारण ही सुविधा रहती है।

जेन की योनि की मांसपेशिया संकुचन करते हुए लंड को जकड़ने लगी और साथ-साथ योनि को चिकना बनाये रखने के लिए स्राव भी शुरू हो गया। एक शानदार शुरुआत हो चुकी थी और दोनों बहने रुखसाना और हुमा सांस रोके हमारी चुदाई देख रही थी। उनकी साँसों की आवाज़ नहीं हमारी साँसों के आवाज़ ही सुनाई दे रही थी।

मैंने दोनों बहनो में से छोटी अलका के नितम्बो को एक हाथ से मजबूती से जकड़ लिया, जबकि मेरे दाहिने हाथ से मैंने उसके सख्त हो चुके चूत के दाने को रगड़ना शुरू कर दिया और अपनी जीभ को अंदर बाहर करते हुए से उसकी चूत की चोदने लगा। जिससे वह उत्तेजना के चर्मं की और बढ़ गयी।

उधर जेन सम्भोग के स्वैच्छिक उन्माद में थी, वह मेरे कठोर खड़े लंड पर उछलने लगी,। बीच में रूकती थोड़ा बहुत अपनी गांड को आगे पीछे करती। जिससे लंड कुछ अनछुई परतो को रगड़ता और फिर दुबारा उछलने लगती और साथ ही साथ इस दौरान वह अलका को किश करती रही और दोनों एक दुसरे की स्तनों को दबाती सहलाती और निप्पलों को छेड़ती रही।

उसकी योनी सिकुड़ती और फैलती रही और मेरे लंड सूजन पर धड़कते हुए सबसे स्वादिष्ट तरीके से चूसने लगी और लंड के ऊपर आगे पीछे होती रही। चूत के अंदर चूसै के साथ चुदाई के अनुभव का कोई सानी नहीं है।

फिर उन दोनों ने अपनी जगह बदल ली अलका मेरे लंड पर आ गयी और जेन मेरे मुँह पर आ गयी और मैंने वही क्रिया जारी राखी। मैंने जाने की योनि को सहलाया फिर चूमा और ऊँगली से उसकी भगनासा को छेड़ा और जीभ से चोदने लगा। उसकी चूत पहले से गीली थीl उधर अलका ने भी मेरे लंड को पकड़ कर सहलाया, किस किया, फिर अपने मुँह में ले कर चूसा, फिर घुड़सवारी वाले अंदाज़ में ऊपर बैठी। लंड को पकड़ा और उसे अपनी योनि के छोटे से द्वार पर लगा कर धीरे-धीरे नीचे बैठने लगी। चूत का द्वार अत्यंत संकरा था उसलिए आसानी से अंदर नहीं जा रहा था तो उसने उंगलियों की सहायता से योनि को थोड़ा खोला और थोड़ा नीचे ज़ोर लगाया तो लंड लगभग 1 इंच अंदर गया। फिर वह ज़ोर लगाती रही और लंड एक-एक इंच अंदर जाता रहा। अब आधे के आसपास अंदर चला गया तो-तो एक जोरदार धक्का मैंने भी नीचे से अपने चूतड़ उठा कर ऊपर की और लगा दिया और उसके साथ अलका ने भी नीचे अपना पूरा ज़ोर लगा दिया। नतीजा ये हुआ की लंड पूरा का पूरा अलका की योनि में समा गया। योनि तो मेरे चूसने और जीभ द्वारा किते गए छेड़छाड़ के कारण गीली थी ही l

उसके बाद जब अलका ऊपर नीचे हो रही थी तो थोड़ी सुगमता से अंदर बाहर आ और जा रहा था। , अलका की योनि संकरी होने के कारण मुझे आनंद जेन की योनि के मुकाबले निश्चित तौर पर ज़्यादा आ रहा था।

"ओह ओह ओह!" अलका ने गहरी साँसे ली और जेन को एक जबरदस्त चुंबन किया उह मैं तो गयी। प्रिय दीपक मुझे कुछ हो रहा है मुझ से कुछ जा रहा है मेरी जान तो नहीं निकल रही है कहीं? फिर बोली ओह, यह बहुत अच्छा है। ओह! अब मैं क्या करूं? " ये कहकर उसका बदन ज़ोर से थर्रायाl फिर अलका कांपने लगी और उसकी टाँगे और बदन अकड़ा, वह अपने काम सुख के उत्कर्ष पर पहुँच चुकी थी। मैंने भी नीचे से चूतड़ उठाते हुए उसके साथ उसी लय से लय मिलाते हुए धक्के लगाए और इसी तरह मेरी ऊँगली और जीभ जो जेन की योनि को छेड़ रही थी के दोहरे मिले जुले आक्रमण से जेन उसी तरह से कांपती हुई झड़ गयी। मेरे मुँह के ऊपर तड़पते और फटफटाते हुए उसने मेरा मुँह पर एक मोटी मलाईदार उत्सर्जन किया जिसे मैं मजे से चाट गया।

अलका जेन और मैं तीनो एक साथ इस पल में एक संयुक्त रूप से झड़े जिसने हम तीनो को प्यार की एक अस्थिर सुस्ती में छोड़ दिया और दोनों बहनें मेरे शरीर के ऊपर आननद के अतिरेक में लगभग बेहोश हो गईं।

जब हम थोड़ा ठीक हो गए, तो मैं दोनों बहनों के बीच बैठ गया।

आगे क्या हुआ ये अगले भाग 10 में पढ़िए।

ये कहानी जारी रहेगीl

आपका दीपक 



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  1. मजे - लूट लो जितने मिले
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अंतरंग हमसफ़र

तृतीय अध्याय

खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग -10
प्यार का सबक


जेन, अलका और मैं तीनो एक साथ इस पल में एक संयुक्त रूप से झड़े जिसने हम तीनो को प्यार की एक अस्थिर सुस्ती में छोड़ दिया और दोनों बहनें मेरे शरीर के ऊपर आननद के अतिरेक में लगभग बेहोश हो गईं।

उस गर्म-गर्म थ्रीसम देखने के बाद मैं जब हम थोड़ा ठीक हो गए, तो मैं उन दोनों हसीन मौसेरी बहनों के बीच बैठ गया एक मेरी दायी और थी और एक मेरी बायीं और थी। मैंने उनकी बाजुओं को थोड़ा सहलाया।

फिर रुखसाना उठ कर मेरे पास आयी, अपनी एक बाजू मेरे गले में डालती हुई उसने मुझे चूमा और मेरे कान में फुसफुसाई "प्यारे दीपक, ये सब बहुत सुन्दर और उत्तेजक था। क्या यही वह प्यार का आनंद है जो आपके जेन और अलका के साथ कर रहे थे? क्या मैंने सही अंदाजा लगाया है कि बॉब इसी के लिए मुझ से अनुरोध कर रहा था। आपके इस प्रेमालाप को देख कर मैं भी उत्साहित हूँ और आपके साथ सम्भोग के लिए तैयार हूँl"

"क्या आप अनुमान नहीं लगा सकते, प्रिय?" मैंने जवाब दिया, उसका हाथ ले कर अपने अभी भी मस्त लंड पर रख दिया। "यह वही है जिसके साथ जेन खेल रही थी।"

"पर कैसे?" रुखसाना एक मासूम बच्ची की तरह फुसफुसायी। "मैं इस दौरान ज़्यादा कुछ नहीं देख पायी क्योंकि ये सब देख कर हुमा बहुत उत्तेजित हो गयी थी और इस पूरे दौरान वह मुझे चूमती और मेरी जीभ को चूसती रही जिसके कारण आनंद के मारे मेरी आँखे बंद हो जाती थी।"

"आपने देखा कैसे मेरी प्यारी फूफेरी बहन, आपकी मित्र जेन, मेरी सवारी कर रही थी, उसने मेरा हथियार अपनी योनि में ले लिया था और बड़े मजे से तब तक ऊपर नीचे होती रही, जब तक की हम दोनों अपने उत्कर्ष पर पहुँच कर आनंद के मारे लगभग एक साथ बेहोश नहीं हो गए।" मैंने उसे जवाब दिया।

अब आपको प्यार का असली सबक बॉब देगा और हुमा को टॉम से मिलेगा। उसके बाद आप मुझसे अगला सबक ले सकती हैं और इसमें किसी को कोई ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए, क्यों जेन आपको इसमें कोई ऐतराज तो नहीं, आप मेरी सबसे प्यारी प्रेमिका रहोगी? "

जेन। -"नहीं, नहीं, हम सभी को ईर्ष्या के बिना प्यार के सभी खेलों का आनंद लेने के लिए स्वतंत्र होना चाहिए और मजे खुल कर लेने चाहिए बिना किसी पूर्वाग्रह और सब बंधन तोड़ कर अपने प्रेमी की ख़ुशी को अपनी ख़ुशी मानना चाहिए।" हमें अब जल्दी आपके वाले कक्ष में जाकर रुखसाना को त्यार करना होगा क्योंकि पहली चुदाई हमेशा ख़ास और यादगार होनी चाहिए, ताकि इसे बार-बार आनंद लेने को मन करे। "

मुझे जेन की यह बात बहुत अच्छी लगी की प्यार को बिना किसी पूर्वाग्रह के और सब बंधनो को तोड़ कर अपने प्रेमी के प्रति पूर्ण समर्पण करना चाहिए। अपने प्रेमी की ख़ुशी को ही सर्वोपरि मानना चाहिए, क्योंकि प्रेम है देने के लिए, लेने के लिए नहीं। तो इस बात के लिए मैंने उसका मुख चूमा और बोला वाह जेन तुमने क्या खूबसूरत बात की है। तुमने तो प्रेम की पूर्ण ज्ञान को खोल कर रख दिया है। इसीलिए तुम सदा मेरी सबसे प्रिय प्रेयसी रहोगी।

तो रुखसाना बोली लेकिन मैं तो आपसे प्रेमालाप करने को सज्ज हूँ। आप मेरे साथ कब करेंगे? तो मैंने कहा यदि आप मेरे साथ करने के लिए बेहद उत्सुक हैं, तो आज ही कर लेते हैं। आप अपना पहला सम्भोग बॉब के साथ करिये क्योंकि वह आपके साथ के लिए मरा जा रहा है। मैंने रोज़ी को मैसेज कर दिया है वह आपको त्यार कर देगी और हुमा को भी ज़रूरी चीज़े दे देगी और अलका भी हुमा को त्यार कर देगी।

तो मैंने कहा उसके बाद आप दरवाज़ा लॉक मत करियेगा। मैं वही आ जाऊँगा और फिर प्यार का अगला सबक पढ़ लेंगे। तो हुमा बोली वह भी मुझ से आज ही करना चाहती है तो मैंने कहा दोनों के साथ एक बार में तो नहीं कर सकता इसलिए थोड़ा-सा समय का अंतर रख कर किया जा सकता है। फिर मेरे भवन में भी किया जा सकता है वहाँ अलग-अलग कमरे में आप चली जाए इससे रोज़ी को भी आपको त्यार करने में सुविधा रहेगी। मैंने दोनों का मुख चूमा और उनको कहा अपने प्रेमी को मैसेज करके समय और जगह बता दो और फिर मैंने रूबी को फ़ोन करके बताया की आज शाम की चाय पर लड़के और लड़कियों में से कोई नहीं आएगा। उसने बताया दोनों बुआ और फूफा जी ने भी शाम की चाय पर आने का कार्यक्रम रद्द कर दिया है।

इस तरह दोनों बहने मेरे कक्ष की और जेन और अलका के साथ चली गयी।

इस के बाद प्रीती बोली आप ने इन दोनों को कौमार्य और पहले मिलान पर होने वाले दर्द के बारे में नहीं बताया ऐसा क्यों। तो मैंने कहा ये दोनों बहने रुखसाना और हुमा मुझे कुछ ज़्यादा ही घबराई हुई लग रही थी। दर्द और खून की बात बताता तो शायद डर के मारे मना कर देती इसलिए मैंने जान भूझ कर इन्हे इस बारे में नहीं बताया और जैसी हालत बॉब की हो गयी थी तो मुझे लग रहा था आज बॉब का रुखसाना के साथ पहला मिलन बहुत ज़रूरी था और मुझे अपने फूफेरे भाई की बहुत चिंता हो रही थी। बाक़ी मुझे पूरा विश्वास था कि बॉब और टॉम दोनों अनुभवी थे और आगे अपने आप संभाल लेंगे।

रुखसाना और हुमा प्यार की कला के बारे में अधिक स्पष्टीकरण के लिए उत्सुक थी, लेकिन मैंने समय का आभाव देखते हुए इसे दूबरा फिर किसी अन्य समय तक के लिए स्थगित कर दिया था और सभी अब शांत स्थिति में था। इस बीच जब तक रुखसाना त्यार हो रही थी तब तक घर के कुछ ज़रूरी काम जो बाक़ी थे मैं उन्हें निपटाने में लग गया।

सब काम निपटाने के बाद जब मैंने देखा की बॉब और रुखसाना के पहले मिलन का नियत समय होने वाला है तो मैं अपने कमरे की तरफ़ चल दिया। बॉब मुझे बाहर ही मिल गया। उसने मेरा हाथ पकड़ा और थैंक यु थैंक यू वैरी मच कहते हुए मेर गले लग गया। बोला भाई तुमने मुझ पर बहुत बड़ा एहसान किया है रुखसाना को मेरे साथ सम्भोग करने के लिए राजी करके। फिर बोला मुझे मेरी बहन जेन ने बताया है तुम्हारे समझने पर ही वह मेरे पास आने को राजी हुई है।

मैंने कहा भाई एक तो वह बड़ी मुश्किल से सिर्फ़ अकेले में मिलने को राजी हुई है।अब तुम्हारे ऊपर है तुम इस मुलाकात को कहाँ तक ले जा पाते हो। दूसरा शुक्रगुजार तो मैं हूँ तुम्हारा। तुम्हारे ही कारण मेरा प्यार की मजो से परिचय हुआ। फिर तुम्हारे की कारण मैं रोज़ी से मिला और मुझे कुंवारी रोज़ी को चोदने का मौका मिला। जिन मजो से मैं महरूम था वह मजे मुझे तुम्हारे ही कारण मिले हैं। मैं इसके लिए तुम्हारा ता-जिंदगी एहसानमंद रहूंगा। मैंने फिर कहा मुझे भी ख़ुशी है मैं तुम्हारे भी कुछ काम आ सका। कभी भी कुछ भी काम हो तो बेझिझक बोल देना। करने की पूरी कोशिश करूंगा। -मैं आगे बोला भाई हम भाई दोस्त राजदार सब हैं तुम्हारे लिए कुछ भी।

मैंने देखा उसका हाथ और बदन अभी भी तप रहे थे। मैंने कहा भाई तुम्हे तो लगता है बुखार आ गया है। इसलिए आज आराम कर लोl रुखसाना कही भागी नहीं जा रही है। दवा ले लो ठीक हो जाये फिर कर लेना।

मेरी बिमारी की दवा मेरा इंतज़ार कर रही है मुझ से तो अब रुका नहीं जा रहा है। बॉब लंड पर हाथ फेरते हुए बोला "भाई रुखसाना के बारे में सोच-सोच कर दो-तीन बार हाथ मैथुन कर चूका हूँ पर ये टिक ही नहीं रहा है"।

अब जब तक मैं रुखसाना को चोद नहीं लेता मुझे चैन और आराम नहीं मिलेगा और अंदर जाने लगा तो मैंने कहा भाई अपना ध्यान रखना और आराम से मस्त होकर मजे करो। अब डिनर तक तुम्हे कोई नहीं तंग करने आएगा और हाँ तुमने मुझ से जो वादा किया था वह याद है न। तो बॉब बोला बिलकुल याद है दरवाज़ा खुला रहेगा तुम चुपके से आ जाना।

उसके बाद मैं वही रुक कर दरवाजे जो हमारी पहले की योजना के अनुसार हल्का खुला हुआ था उसमे से अंदर जा कर छुप गया और वहीँ निर्वस्त्र हो सारा नज़ारा देखने लगा।

अंदर बिस्तर पर रुखसाना लाल रंग के शादी के कपड़ो गहनों और फूलो में सजी हुई बैठी थी। अंदर जा कर बॉब ने उसका हाथ चूमा और फिर उसे पकड़ कर खड़ा कर दिया और उसके चारो और घूम कर उसको देखा और ख़ुद को चुटकी काट कर बोला। आउच, अब ये सच है कोई सपना नहीं फिर रुख़्साना का हाथ पकड़ कर बोला जानेमन रुखसाना, आप सच में बहुत खूबसूरत हो आपने मेरा चैन अमन सब लूट लिया है। । आज सुबह जब से आपको पहले बार देखा है तब से मुझे चारो तरफ़ बस आप ही दिख रही हैंl मैं अब आप के बिना नहीं रह पाया। मेरी इल्तेजा मानने के लिए आपका बहुत शुक्रिया।

रुकसाना बला की खूबसूरत थी, हाईट 5 फुट 9 इंच, गोरी, भूरे बाल, भरा हुआ नरम मांसल बदन और फिगर मस्त 36 24 36 है। उसकी कमर बेहद पतली और नाज़ुक है उसके गुलाब की पंखुड़ी जैसी होंठ नाज़ुक होंठ हैं। कुल मिला कर सुन्दर शानदार मस्त माल। जो किसी को भी दीवाना बना दे जैसा की बॉब हो गया था।

बॉब ने रुखसाना की तारीफ करि आप बहुत सुन्दर हो! मैं आपका दीवाना हो गया हूँ। आप के बिना अब नहीं रह सकता हूँ और उसे अपने गले से लगा लिया और उसके साथ ऐसे गले लगा जैसे कोई जन्मो के बिछड़े प्रेमी मिले हो।

फिर उसके बदन पर हाथ फिरा कर बोला मुझे आपको बिना कपड़ो के देखना है। पहले तो रुखसाना ने आपत्ति की। फिर जब बॉब ने बार-बार बिनती की और अपने शरीर पर उसके हाथ रख कर बोला देखि मेरा क्या हाल है, अगर आप नहीं मानोगी तो मैं ऐसे ही तड़प-तड़प कर मर जाऊँगा। मुझ पर कुछ रहम करो और फिर बोली अच्छा आप दरवाज़ा लॉक नहीं करेंगे और कपड़ो के बिना चुम्बन से आगे नहीं बढ़ेंगे। ये वादा जब बॉब ने कर दिया तो रुखसाना ने अंत में अपनी सहमति दे दी।

आगे क्या हुआ ये अगले भाग  11 में पढ़िए।

ये कहानी जारी रहेगी।

आपका दीपक।



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  1. मजे - लूट लो जितने मिले
  2. दिल्ली में सुलतान V रफीक के बीच युद्ध
  3. अंतरंग हमसफ़र
  4. पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ एक नौजवान के कारनामे
  5. गुरुजी के आश्रम में सावित्री
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#35
अंतरंग हमसफ़र


तृतीय अध्याय

खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग -11

कजिन के सहेली के साथ मेरे फूफेरे भाई की आशिक़ी.


फिर बॉब बार-बार मिन्नत कर और अपनी हालत का वास्ता दे कर रुखसाना को नग्न होकर चुम्बन करने के लिए मना लिया और ये वादा किया वह इससे आगे नहीं बढ़ेंगे।

तो बॉब ने जब रुखसाना मान गयी तो खुश हो कर एक शेर चिपकाया।

कब तक दिल के आईने में मेरा अक्स छुपाओगे,
कब तक रहोगे ख़फ़ा कभी तो मान जाओगे।

मोहब्बत में मेरी इतनी तासीर है,
यूं हमसे कब तक दूर रह पाओगे।

उसके बाद बॉब बोला रुखसाना मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ।

और उसे किश करने के लिए आगे हुआ तो रुख़्साना पीछे होने लगी बोली इसकी तो कोई बात नहीं हुई थी।

बॉब बोला जब मैंने आपको भागते हुए पकड़ लिया था, तो मैंने आपसे इनाम लेना था, जिसे मैंने बाद में मांग लूँगा ये कहा थाl अब वही नग्न होकर चुम्बन आप से मांग रहा हूँ, और चाहता हूँ आप भी इस पल का सब पूर्वाग्रह छोड़ कर पूरा मजा लीजियेl तो रुखसाना ने उसे धीरे से चुम्बन कर दियाl

तो बॉब बोला जिसके लिए बात हुई है बस वही कर रहा हूँ। आप बस मजे लीजिये।

उसने फिर किसी शायर का शेर चिपकाया।

कोई पल हो तेरे साथ का मेरी उम्र भर को समेट ले,
मैं फ़ना बकाक सारे सफ़र उसी एक पल में गुज़ार दूँ।

हालाँकि लंबे समय तक रुकने के कारण वह बहुत अधीर था। उसने सोचा अब फटाफट रुखसाना को निर्वस्त्र कर चुम्बन करना शुरू कर दे। उसने अपनी अधीरता में उसकी छतियो पर दोनों हाथो से हमला किया और उसके दोनों स्तन पकड़ कर ज़ोर से दबा दिए, तो रुखसाना बोली अरे धीरे करो इतनी ज़ोर से मत करो दर्द होता है।

फिर बॉब ने उससे माफ़ी मांगी और बोला क्या करून आपको देख कर मुझसे काबू ही नहीं हो रहा। उसने ख़ुद को नियंत्रित करते हुए फ़ैसला किया, की जल्दबाज़ी का कोई फायदा नहीं होगा। अगर ये बिदक गयी तो उसका बनता हुआ काम बिगड़ सकता है। उसने निश्चय किया की थोड़ा आराम से करना होगा और रुख़्साना को साथ-साथ गर्म करना होगा ताकि वह उसके बाद ख़ुद का न रोक पाए और पूरा आत्म समर्पण कर दे और भरपूर प्यार करे।

फिर बॉब बोला रुखसाना अब आराम से करते हैं और रुखसाना की सुन्दर शरीर पर हाथ फेरा।

मैंने भी ग़ौर किया रुखसाना को पतली आदर्श कमर है, उसका शरीर भरा हुआ है और रसीला है। उसके लम्बे भूरे बाल, बड़ी-बड़ी काली आँखें, सुंदर नाक, रस भरे लाल-लाल होंठ हैं। उसकी सांस की गंध सुखद थी। उसके स्तन भरे हुए और दृढ़ हैं। उसकी बदन से बड़ी मनमोहिनी महक आ रही थी। उसके कूल्हे बड़े हैं। उसके हाथ और पैर दोनों सुन्दर है।

मैं कमरे में छुपा हुआ सब देख रहा था और उत्सुकता से उनका हर शब्द सुन रहा था।

रुकसाना ने लाल लेहंगा चोली चुनरी और ढेर सारे गहणे पहने हुए थे। साथ में गजरा और फूलों से शृंगार किये हुए थी। मेरा तो लंड उसे देख कर बेकाबू हो गया और मेरी भी हालत काम रोग से ग्रस्त हो गयी। रुकसाना बिस्तर के पास शर्मायी हुई अपने पैरो की तरफ़ देख रही थी। उसने हल्का-सा घूंघट किया हुआ था। । वह थोड़ी-सी घबराई हुई थी। उधर बॉब का हाल मुझ से भी खराब था उसका लंड फटने को हो रहा था। उसे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा था की रुख़्साना उसके साथ अकेली प्यार करने के लिए त्यार हो कर आ गयी थी। उसने थोड़ा-सा आगे होकर और उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और उसको बेड पर ले गया।

" मेरी जानेमन आप सचमुच बहुत सुन्दर हो। बॉब के हाथ के छूते ही वह बोली अरे आप तो तप रहे हो। तो बॉब ने कहा मेरी बिमारी अब ठीक हो जायेगी और रुकसाना थोड़ा सहज हो गयी थी।

बॉब ने रुकसाना की तारीफ करते हुए कहा ' रुकसाना! आप बहुत सुन्दर हो आप मेरे सपनो की रानी हो जब से आप को देखा है तब से आप से बहुत प्यार करता हूँ और आप को पाना चाहता था। " वह और भी शर्माने लगी और बहुत कहने पर मीठी आवाज़ में बोली मैं भी आप को पसंद करती हूँ।
फिर धीरे से उसका घूंघट उठा दिया दूध जैसी गोरी चिट्टी लाल गुलाबी होंठ नाज़ुक होटों के नीचे काला तिल! नाक पर बड़ी नथ, मांग में टिका बालो में गजरा उसका चेहरा नीचे को झुका हुआ था।

इतनी सुन्दर रुखसाना को दुल्हन के रूप में देख बॉब के मुँह से निकला वाह! तुम तो क़यामत हो मेरी जान और बॉब का कठोर अधीर लंड फुफकारने लगा। बॉब ने धीरे से उसके चेहरे को ऊपर किया रुकसाना की आँखे बंद थी। बॉब बोला मेरी जान अपनी आँखे खोलो और अपने दीवाने को देखो उसने आँखे खोली और हलकी से मुस्करायी बॉब ने उसका ओंठो पर एक नरम-सा चुम्बन ले लिया। वह शर्मा कर सिमट कर बॉब से लिपट गयी। बॉब ने रुकसाना को अपने गले लगाया और पीठ पर हाथ फिरा कर महसूस किया उसने बैकलेस चोली पहनी हुई थी। जो सिर्फ़ दो डोरियों से बंधी हुई थी और ब्रा नहीं पहनी हुई थीl फिर बॉब के हाथ फिसल कर रुखसाना की कमर तक पहुँच आअह्ह्ह उसकी सिसकी निकल गयी।

बॉब हल्की-सी आवाज़ में बोला 'आई लव यू' आपको मालूम नहीं है मेरी क्या हालत है। मेरे मन आपको देखते हे बेकाबू हो जाता है। तुम तो मेरे दिल की मल्लिक्का हो। बॉब बोला "आपके गुलाबी नरम होठों का रस चूसना शुरू करे तो रूकने का नाम ही न ले। मैंने आज तक तुम जैसी सुन्दर लड़की नहीं देखी!"

फिर बॉब होंठो को चूमने लगा और वह भी साथ देने लगी फिर बॉब ने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी और फिर बेकरारी से लिप्प किस करने लगे। उसी बीच बॉब के हाथ उसकी चोली पर से होते हुए उसके स्तनों पर पहुँच गया। बॉब का हाथ चोली के ऊपर से स्तनों को दबा रहा था। रुखसाना की आँखें बंद थी और पूरा मज़ा ले रही थी।

अब बॉब ने उसके कपडे उतारने शुरू किये धीरे से उसकी चुनरी हटाई। । वाह क्या रूप था। गोरी चिट्टी कमसिन तीखी नैन नक्श। प्यारा-सा चेहरा। । लंड तो फुफकारने लगा। फिर बॉब ने उसके ओंठो को चूमता रहा। बॉब के हाथ उसके स्तनों पर जा चुके थे। बॉब ने उसके गोल-गोल सुडोल और सुदृढ़ स्तनों को पहले सहलाया फिर चोली के ऊपर से ही दबाया। बॉब के हाथो ने उसके कड़क निप्पल की मसला और फिर खींचा तो वह कराह उठी। इसस! बॉब ने चोली के ऊपर से ही उसके बूब्स को चूमा और निप्पल्स को चूसा और उसकी चोली के ऊपर की डोरी खोल दी और उसके कंधो और बाँहों पर किस करने लगा। उसके बाद नीचे की भी डोरी खिंच कर चोली की अलग कर दिया। वह बॉब से लिपट गयी, बॉब ने छातियों को हाथो से पकड़ लिया और ज़ोर से दबाने लगा। दोनों बूब्स एक दम लाल हो गए। फिर बॉब ने उसके निप्पल्स को पकड़ लिया और मसलने लगा तो रुखसाना के चुचुक (निप्पल) उत्तेजना से खड़े हो चुके थे। बॉब ने स्तनों को अपनी हथेलियों में भरा और उन्हें किस करने लगा। बॉब ने स्तनों को सहलाना शुरू कर दिया। दोनों की साँसे तेज-तेज चलने लगी।

बॉब ने अपना कुत्ता उतार दिया और रुकसाना को अपनी छाती से लगा लिया और अपनी बाँहों में जकड लिया। उसके नरम मुलायम बूब्स का बॉब की छाती से दबने लगे। बॉब ने रुकसाना का मुँह चूमा और लिप किस करि। । बॉब ने एक निप्पल अपने मुह में रखा और उसे चूसने लगा। फिर दुसरे निप्पल को किस किया और उसे भी चूसना शुरू कर दिया। उसने चूचियों को दांतो से कुत्र तो रुखसाना कराह उठी।

आह यह आह! उसके बूब्स अब लाल हो चुके थे।

बॉब ने बार-बार बाएँ और दायें निप्पल को चूसना जारी रखा जब तक की रुखसाना के पूरे शरीर में एक आग-सी न लग गयी।

फिर बॉब के हाथ स्तनों पर से लहंगे पर पहुँच गए। बॉब ने लहंगे का नाडा खोल दिया और की उँगलियों का उसकी पैंटी पर स्पर्श हुआ और बॉब के बदन में सिरहन दौड़ गयी। बॉब रुखसाना की चूत पर हाथ फेरने लगा। उसे करंट-सा लगा और रुखसाना ने बॉब की कस कर पकड़ लिया और उससे लिपट गयी। उसका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था। और फिर बॉब ने पैंटी पर भी किस किया। उसके हिप्स को पकडा और चेहरे को पैंटी से सटा डाला और उसे चूमने लगा। बॉब ने धीरे से अपनी उंगलियाँ पैंटी के इलास्टिक में डाली और धीरे-धीरे उसे नीचे करना शुरू कर दिया और पैंटी उतर फेंकी। उसकी चुत पर कोई बाल नहीं था अच्छी तरह से उसने अपने चूत साफ़ करि थी। रुकसाना ने अपनी चूत से बाल साफ़ किये हुए थे वह थोड़े गुलाबी रंग की थी और गीलेपन की कुछ बूंदे साफ़ दिख रही थी रुकसाना की कमसिन कमर बल खा रही थी। इस समय रुखसाना अपने कुदरती नग्नता में थी बिना किसी कपड़ो के बंधन के बिना। वाह क्या नज़ारा था बॉब और मेरी हालात भी ख़राब हो गई थी।

अब वह बिलकुल नंगी थी सिर्फ़ उनके नाक में नथ थी, बालो में गजरा कमर में कमरघनी हाथो में चुडिया और पांव में पायल। उनका एक-एक अंग बहुत सुन्दर है। फिर बॉब ने अपना पायजामे का नाडा खोला और पायजामा और अंडरवियर निकाल दिया।

रुखसाना ने बॉब का कठोर लिंग पकडा और उसे सहलाने लगी। फिर अपनी उँगलियों में लपेट लिया। बॉब ने उसे लंड को प्यार करने को कहा पहले तो वह घबराई फिर कहने पर लंड पर एक मीठी किस करि। बॉब के हिप्स भी हरकत करने लगे थे।

फिर बॉब ने रुखसाना को खड़ा किया और उससे चिपट गया उसका लंड उसकी चूत के द्वार पर दस्तक देने लगा। उसके छाती बॉब की छाती से दबने लगी और बॉब उसे लिप किस करने लगा।

बॉब ने अपना लिंग अपने हाथ में पकड़ लिया और उसकी एक टांग को अपनी जांघों के ऊपर से खींचते हुए, उसके उत्सुक लंड के सिर को उसके पैरों के बीच के निशान पर रखने की कोशिश कर रहा था।

"आह! नहीं! नहीं! कभी नहीं! आपने वादा किया था ऐसा कुछ नहीं करोगे!" वह चिल्लाई और उसके मज़बूत आलिंगन से ख़ुद को अलग करने के लिए संघर्ष करने लगी। "नहीं! नहीं! ओह! नहीं! मैं नहीं करूंगी, प्लीज छोडो मुझे! प्लीज रुक जाइये!"

मेरा नग्न लंड आपकी नग्न योनि को चूमना और मिलना चाहता है तो आप उसे क्यों रोक रही हैl

"रुक जाऊँ! कैसे रुक जाऊँ!" वह हसते हुए बोला। "जब आपने मुझे लुभा कर मेरी ऐसे हालात कर दी है कि मैं कामाग्नि में तप रहा हूँ, तो मैं अब कैसे रुक सकता हूँ? रुखसाना? आपने मुझे जो अज़ादिया लेने की अनुमति दी है उन स्वतंत्रताओं ने मुझे पागल कर दिया है। अब प्रतिरोध बेकार है। अब रुका तो मर ही जाऊंगा।"

रुखसाना बोली रुकिए! बस करिये! इसकी कोई बात नहीं हुई थी। आपने कहा था सिर्फ़ नग्न चुम्बन करेंगे। तो बॉब बोला नग्न चुम्बन करेंगे कितनी देर करेंगे ये कोई बात नहीं हुई थी। अब नग्न चुम्बन ही तो कर रह हूँ अब बस मजे लीजिये और फिर उसे लिप किश करने लगा।

आगे क्या हुआ, ये अगले भाग में पढ़िए।

ये कहानी जारी रहेगी l

आपका दीपक l

आगे क्या हुआ पढ़िए अगले भाग 12 में।
 

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अंतरंग हमसफ़र

तृतीय अध्याय

खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग -12

भँवरे ने खिलाया फूल



मैं नंगा तो था ही और उन दोनों को चुंबन करते देख मेरा लंड सहला रहा था और सार्क सरक कर उनके बिस्तर के बिलकुल पास पहुँच गया ताकि उनकी बाते नजदीक से सुन सकू और चुदाई देख सकूँ


फिर बॉब ने रुखसाना पहले गर्म किया फिर उसे नग्न करके दीवानो की तरह उसे चूमने लगा और चुत पर लंड लगा कर छोड़ने की तयारी करने लगा। तो रुखसाना उसको रोकने लगी। रुखसाना बोली रुकिए! प्लीज रुकिए!

तो बॉब बोला। आप बहुत खूबसूरत हो रुखसाना।

तेरे हुस्न को परदे की ज़रूरत नहीं ग़ालिब
कोण रहता है होश में तुझे देखने के बाद ।।

और फिर किसी शायर के शेर सुनाने लगा।

दिल की नहीं जान की ज़रूरत हो तुम
ज़मीं की नहीं आसमान की इनायत हो तुम।

और अब हम क्या आपकी तारीफ करे
हुस्न की नहीं क़यामत की मूरत हो तुम।

अब अपनी तारीफ किस हुस्न वाली को अच्छी नहीं लगती और रुख़्साना तो हुस्न की मल्लिका ठहरी। वह कुछ क्षणों तो अवाक हो अपनी तारीफ सुनती रही फिर शर्माते हुए बोली आप झूठ बोल रहे हो, हम इतने सुन्दर थोड़े ही हैं। तो बॉब समझ गया मल्लिका कुछ और तारीफ चाहती है।

बॉब सुनाने लगा;

हसी फूलो को आती है जब आप मुस्कुराते हो।
हमारी दुनिया बदल जाती है जब आप मुस्कुराते हो।

आप के मुस्कराहट के आगे भला चाँद की रौनक क्या है
क्युकी हुज़ूर चाँद ख़ुद शर्माता है!

नज़र इस हुस्न पर ठहरे तो आख़िर किस तरह ठहरे
कभी जो फूल बन जाये कभी रुखसार हो जाये।

इस हसीन चेहरे की क्या बात है हर दिल अज़ीज़,
कुछ ऐसी इसमें बात है-है कुछ ऐसी कशिश ,
इस चेहरे में के एक झलक के लिए सारी दुनिया बर्बाद है।

रुखसाना बोली आप तो दीवाने हो गए हो। तो बॉब उसे फिर चूमने लग गया और रुखसाना छूटने के लिए चुप चाप संघर्ष करती रही। और छूटने का असफल प्रयास करती रही। लेकिन उसकी ताकत बॉब से काफ़ी कम थी। तो फिर वह बोली अगर आप नहीं रुकेंगे तो मैं कभी फिर आपके पास नहीं आऊँगी और शोर मचाऊँगी जिसे सुन कर साथ वाले कमरे से हुमा और अलका आ जाएँगी। फिर आप मेरे साथ कभी कुछ नहीं कर पाओगे। ये सुन कर बॉब रुक गया और सोचा अभी इसे और गर्म करने की ज़रूरत है। इसे तब तक गर्म करने पड़ेगा जब तक ये ख़ुद न बोले मुझे चोदो पर बॉब के लंड की हालत बहुत खराब थी। अब फटा, तो अब फटा।

सच में रुखसाना बहुत सुन्दर थी। उसको पूर्ण नग्न देख मेरा भी लंड फुफकारने मारने लगा था। मेरा तो मन कर रहा था मैं भी इस खेल में शामिल हो जाऊँ। पर फिर मैंने ख़ुद को थोड़ा संयत करते हुए थोड़ा इंतज़ार करने का फ़ैसला किया।

"बॉब ने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसे चिपक कर किस करने लगा और उनके नग्न शरीर एक दुसरे के नग्न जिस्म के स्पर्श का आनंद महसूस करते हुए एक-दूसरे को चुंबन करना शुरू कर दिया और रुखसाना भी अब बॉब का साथ दे रही थी।"

फिर बॉब नीचे झुका और स्तनों की किस करते हुआ चूसा और बोला ये तो ठीक है। तो रुखसाना कुछ नहीं बोली बस आह उह करती रही। रुखसाना ने शर्म से आँखे झुका दी और फिर उठाई तो बॉब बोला।

सादगी तो देखो उन नज़रों की
हमसे बचने की कोशिश में बार-बार हमें ही देखती है।

बॉब ने चुत को चूमा और उसकी चूत को चाटने लगा। रुखसाना बोली आह ये! बहुत अच्छा लग रहा है। ।फिर उसकी चूत के दाने पर अपना मुँह रखते ही वह ज़ोर से चिल्ला उठी आआहह, ओमम्म्मममम, चाटो ना ज़ोर से, सस्स्सस्स हहा और मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। अब वह सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वह अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी।

अब उसके ऐसा करने से मेरे लंड में भी सनसनी होने लगी थी। लंड पूरा कठोर और तन कर त्यार था।

बॉब के लंड का तो इससे भी बुरा हाल था क्योंकि बार-बार बॉब अपने हाथ से लंड को बीच-बीच में सहला कर जैसे सांत्वना दे रहा हो बस कुछ देर और। बस कुछ देर और उसका लंड फटने की कगार पर था।

बॉब ने उसकी चूत में अपनी एक उंगली की पंखुरियों को अलग करने की कोशिश की पर वह बहुत टाइट थी। बॉब ने दो उंगलियों की मदद से चूत की पंखुड़ियों को अलग किया और धीरे-धीरे चुत में ऊँगली घुसानी शुरू की और आगे पीछे की, तो वह ज़ोर से चिल्लाई आहह अब लंड डाल दो, अब और इंतज़ार नहीं होता। प्लीज जल्दी करो ना, प्लीज आहहह। रुखसाना की आँखे बंद थी।

अब बॉब के लिए रुकना नामुनकिन था। बॉब ने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और चूत खोलने की कोशिश की लेकिन वह बहुत टाइट थी। बॉब ने अपने उँगलियों से चूत को खोला और लंड का गुलाबी सूपड़ा बिच में रख दिया। और बोलै तो ये लो। फिर बॉब ने एक कस कर ज़ोर लगाया पर लंड चिकनाई के कारण फिसल गया और उसने ऐसे ही एक दो बार और कोशिश की लंड अंदर तो नहीं गया पर उसकी उत्तेजना इतनी बढ़ गयी थी की उसका लंड बॉब के हाथ पर पिचकारियाँ मारता हुआ झड़ गया और बॉब निढाल होकर एक तरफ़ गिर गया और लगभग आधा बेहोश हो गया।

उधर रुखसाना चिल्लाने लगी, अरे कहा गए? अब रुक क्यों गए? चोदो मुझे प्लीज! कुछ करो? उसके आँखे बंद ही थी मुझे कुछ समझ नहीं आया। ये क्या? मैं धीरे से सरकता हुआ बॉब के पास पहुँचा उसे हाथ लगाया तो वह बुखार से तप रहा था और आराम न करने से और थकान के कारण हुए बुखार से बेहोश हो गया था। वह अत्यधिक अधीरता और उत्तेजना अधिक होने के कारण प्रवेश से पहले ही झड़ चूका था। बॉब का लंड झड़ने के बाद सुकुड़ चूका था और अब योनि में प्रवेश के लिए अक्षम था।

उधर गर्म हो चुकी रुखसाना लंड के लिए तड़प रहे थी। मैं भँवरे की तरह बॉब और रुकसाना के बीच था , उसकी आँखे बंद ही थी उसने तड़पते हुए अपना हाथ हिलाया तो उसके हाथ में मेरा लंड आ गया। तो वह बोली प्लीज जानू मुझे माफ़ कर दो। मैंने तुम्हे रोका था अब रुको मत। मुझे यू मझधार में छोड़ कर मत जाओ और अब जो तुमने शुरू किया है उसे पूरा करो और लंड को खींच कर अपनी चूत के पास ले गयी। और लंड के साथ मैं भी खिंचा हुआ उसके ऊपर आ गया।

मैं भी उत्तेजित तो था ही उसने जब पकड़ा तो लंड ने तुनक कर एक सलाम दे मारा और लंड चूत से जा टकराया और मैंने अपना मुँह उसके ओंठो से लगाया और उसे किश करने लगा। फिर उसने ख़ुद अपनी उंगलियों से चूत को खोला और लंड को छेद के ऊपर लगाया और अपने चूतड़ ऊपर उठा दिए। उधर उसने दुसरे हाथ से मेरे कूल्हे को नीचे दबाया। नतीजा ये हुआ लंड आधा अंदर जा कर उसकी चूत की झिल्ली से टकराया। वह ज़ोर से चिल्लाई जो मेरे मुँह में दब कर रह गयी और मैंने उसकी जीभ की अपने ओंठो में दबाया अपने ओंठ से उसके ओंठो से लगाए और हाथो से उसके स्तनों को पकड़ा और एक और ज़ोर दार शॉट लगा दिया। मेरा लंड झिली को चीरता हुआ जड़ तक पूरा का पूरा अंदर चला गया।

इस प्रहार और दर्द के कारण से रुखसाना लगभग बेहोश-सी हो गयी। उसकी चीख भी उसके गले में ही दब के रह गयी क्योंकि उसके मुँह को मेरे मुँह ने बंद कर रहा था,। मैं उसके ऊपर हे लेट गया और किस करता रहा लंड के लिए चूत की मांसपेशिया एडजस्ट होने लगी। कुछ देर मैंने उसे चूमा और सहलाया तो उसने अपनी आँखे खोली तो मैंने उसकी आश्चर्य में निकली किसी असुविधाजनक चीख को रोकने के लिए, उसके मुँह पर अपना हाथ रखा,। इस बीच उसकी चूत संकुचन करने लगी और चूत के मांपेशियों ने लंड के कस कर जकड़ लिया।

जब मुझे लगा वह शांत हो गयी है तो मैं फुसफुसाया "प्लीज आवाज़ मत करना।" मैंने उसे संक्षेप में पूरी बात बताई की कैसे मैं अंदर आया और कैसे बॉब बुखार में बेहोश हो गया और कैसे मैंने उसकी योनि में प्रवेश कर उसका कौमार्य भंग कर दिया।

पूरी बात सुन कर वह मुझे पागलो की तरह चूमने लगी और फुसफुसाई " ये तो वही हुआ जो मैं चाहती थी। मैं भी यही चाहती थी के मेरा कौमर्य तुम ही भंग करो और जब बॉब अंदर लंड घुसा रहा था तो मैं आँखे बंद करके यही कल्पना कर रही थी के तुम ही मुझे चोद रहे हो और मैं इस सपने से बाहर नहीं आना चाहती थी इसीलिए, आँखे बंद रखी हुई थी मैंने और जब आँखे खुली तोआप ही मेरे सामने थे और ऐसे हालात बन गए जिससे तुमने ही मेरी पहली चुदाई कर दी। ओह अल्लाह ने मेरी दुआ कबूल कर ली। अल्लाह का लाख-लाख शुक्रिया।

फिर वह बोली बॉब को क्या हुआ वह ठीक तो है? मैंने बॉब की और देखा तो बॉब के चेहरे पर बेहोशी में भी रुखसाना को पा लेने के संतोष और संतोष जनित आनद के भाव थे और वह हलके-हलके बेहोशी में भी मुस्कुरा रहा था। मैंने बॉब को हाथ लगाया और देख कर बोलै हाँ ठीक है बुखार और थकान से सो गया है। आराम करने दो, अभी कुछ देर में ठीक हो जाएगा। चिंता की कोई बात नहीं है। ऐसा दीवाना हो गया था। तुम्हारा की बुखार की परवाह किये बगैर तुम्हे पाने के चक्कर में लगा हुआ था। अब तुम्हे पा लिया है तो देखो कैसा आनंद अनुभव करता हुआ शांति के साथ सो रहा है।

मेरी बात सुन रुखसाना मुस्कुरायी तो ये सोच कर की इसका दर्द कुछ कम हो गया है मैंने पूरी ताकत लगा कर चूतड़ उठा कर लंड को बाहर खींचने की कोशिश की तो वह चीखने ही वाली थी पर ख़ुद ही अपने मुँह पर हाथ रख लिया और धीरे से मेरे कान में फुसफुसाई प्लीज बहुत दर्द हो रहा है। अभी मत हिलना। फिर जब मेरा दर्द कम हो जायेगा तो मैं कमर उठा कर इशारा करूंगी फिर मुझे पूरी स्पीड से नॉन स्टॉप चोदना और मेरे अंदर ही अपना सारा रस डाल देना। मैंने उसे चूमना और उसके स्तनों की सहलाना शुरू कर दिया।

फिर कुछ देर बाद जब उसका दर्द कम हो गया तो उसने अपने कमर ऊपर उठा कर इशारा किया। मैंने अपने लंड को धीरे-धीरे से रुखसाना की चूत से बाहर करने की कोशिश चालू कर दी और वह भी 'ओह अह ओह अह्ह येस्स अह्ह्ह आह्ह अह्ह ...' करने लगी। । मैंने पहला गियर डाल कर धीरे-धीरे लंड की आगे पीछे करने लगा उसकी चुत में भी गीलापन आ गया था। जिसके कारण लंड का आगे पीछे होना थोड़ा सुगम हो गया था। ।मैं पूरे लंड को अन्दर डाल के बाहर निकालता था और फिर ज़ोर से वापस अन्दर धकेल देता था जिससे लंड जड़ में जा कर समा जाता था। जब लंड थोड़ा आसानी से आने जाने लगा, तो मैं चोदने की स्पीड बढ़ाने लगा। । फिर दूसरा गियर में स्पीड बढ़ा डाली और मेरे धक्के थोड़े तेज हो गए. फिर तीसरा फिर चौथा और-और मेरे झटकों से रुखसाना के बड़े चूचे उछल रहे थे।।

धक्के मारते हुए मैं उसे लिप किस और साथ-साथ उसके स्तनों को सहलाना और मसलना जारी रहा। वह मेरा पूरा साथ दे रही थी। वह पूरी मस्ती में आ गयी थी और आनंद में कराह रही थी अआह्ह्ह आाइईई और करो, बहुत मज़ा आ रहा है। उसकी आनंद में देखकर उत्साहित होकर मैंने टॉप गियर डाल दिया धक्के पूरी तेजी से लगता हुआ उसे चरमोत्कर्ष की तरफ़ ले जा रहा था। ।हाअ, चोदो और ज़ोर से चोदो।

में उसको ज़ोर-ज़ोर से किस करता गया और धक्के लगाते गया और ऐसे ही कुछ देर तक उसको चोदता गया। वह भी अपने कूल्हे उछाल-उछालकर मुझसे चुदवा रही थी। फिर जब वह अपने उत्कर्ष पर पहुँची तो उसका बदन काम्पा फिर उसका जिस्म अकड़ा और वह झड़ गयी और मेरा लंड उसके रस से भीग गया।

मेरे धक्के जारी थे करीब दस मिनट चोदने के बाद फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए।

जब हम थोड़ा ठीक हो गए और हमारी उखड़ी हुई साँसे नियंत्रण में आ गयी तो मैंने उसके कौमार्य रक्त से सना अपना हथियार उसकी भंग हो चुकी योनि से बाहर निकाल लिया, तो वह खून देख कर घबराई और बोली "आपको भी बहुत दर्द हुआ होगा। देखिये आपका हथियार भी लहूलुहान हो गया है।" तो मैंने उसे चुम कर कहा मेरी भोली प्रेमिका, ये रक्त तुम्हारे कौमार्य भंग होने का सबूत है। प्रिय!

इतने में मैंने देखा बॉब अपनी कच्ची नींद में हिल रहा था और जग कर कभी भी उठ सकता था तो मैंने मुझ से चिपटे हुए रुखसाना से बोला बॉब अब जग रहा है मैं उसकी तुम्हे चोदने की ख़ुशी को अभी उससे छीनना नहीं चाहता, बाद में सही मौके पर बता दूंगा। तुम उसके साथ चिपक कर लेट जाओ। , हमे उसे आराम करने देना चाहिए। इसके लिए थोड़ा नाटक करना पड़ेगा। तुम मेरा साथ देना और मैं छुप गया। जब रुख़्साना उसके साथ चिपकी तो बॉब के लंड पर थोड़ा खून लग गया। बॉब उठा, तो उसने अपना लंड पर खून लगा देखा तो उसे लगा उसने ही रुखसाना का कौमार्य भंग किया है। जिसके कारण उसके लंड पर खून लगा है। तो उसने रुखसाना को चूमा वह बहुत खुश लग रहा था तो रुखसाना बोली देखो मेरा क्या हाल हो गया है। बहुत दर्द हुआ मुझको मैं तो लगभग बेहोश ही हो गयी थीl आप भी थक कर सो गए थे। बॉब इस बात से बे ख़बर था कि उसकी अर्ध बेहोशी में मैंने और रुखसाना ने क्या किया।

फिर इस हालात में भी गुनगुनाया।

मत पूछ मेरी ख़ुशी की इंतेहा क्या है इस वक़्त l
क्यूंकी इस दिन ख़त्म मेरे बरसो का इन्तेजार हुआ।
आज हासिल मुझे मेरे हुस्न का प्यार हुआ।

फिर मैं भी अपने छुपने की जगह से बाहर निकल आया और बॉब को बधाई दी तो मुझे वह अभी भी काफ़ी गर्म लगा। फिर उसके सर पर हाथ लगा का बोला आपको तो लगता है बुखार आ गया है। । इस तेज बुखार में भी भाई ग़ज़ब क़िला फ़तह किया है। तुमने एक ही झटके में क़िला जीत लिया तुमने तो कमाल कर दिया।

मैंने रुखसाना को आँख मारते हुए उसके मुँह पर हाथ रखा तो रुखसाना ने भी थोड़ा चौंकने का नाटक किया। रुखसाना को कौमार्य की बाधा हट जाने की उसको बधाई देते हुए कहा अब आप भी खुल कर जब चाहे जिसके साथ जितनी बार खुलकर प्यार और चुदाई का आनंद ले सकती है। अब इसमें कोई बाधा नहीं रही है। प्यार और मजो की दुनिया में आपका स्वागत है और मैंने उसका हाथ पकड़ कर उसके हाथ पर एक मीठी-सी किश कर दी ।।

बॉब रुखसाना को किस करने लगा फिर बोला

तेरे हुस्न का दीवाना तो हर कोई होगा लेकिन
मेरे जैसी दीवानगी हर किसी में नहीं होगी।

बॉब अब आप कहें और अब यदि रुखसाना को आपत्ति ना हो तो मैं भी रुखसाना के साथ अपने हिस्से का आनंद ले लू। मैंने कहा तो बॉब बोला शुक्रगुजार तो मैं आप का हूँ जो आपने मेरा रुखसाना से मिलना सुगम कर दिया।। मैंने कहा तब तक आप थोड़ी देर आराम कर लीजिये।

आगे क्या हुआ, ये अगले भाग में पढ़िए।

ये कहानी जारी रहेगी l

आपका दीपक l


आगे क्या हुआ पढ़िए अगले भाग 13 में।
 

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  1. मजे - लूट लो जितने मिले
  2. दिल्ली में सुलतान V रफीक के बीच युद्ध
  3. अंतरंग हमसफ़र
  4. पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ एक नौजवान के कारनामे
  5. गुरुजी के आश्रम में सावित्री
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#37
अंतरंग हमसफ़र

तृतीय अध्याय

खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग -13

रुखसाना की चुदाई की कहानी जारी है


इस तरह से रुखसाना का कुंवारापण मैंने भंग किया पर बॉब का बुखार देख मुझे चिंता होने लगी। मैंने रोज़ी को बुलाया और कहा बॉब को डॉक्टर के पास ले जाओ तो बॉब ने कहा वह ठीक हो जाएगा। डॉक्टर के पास जाने की कोई ज़रूरत नहीं है और उसने ज़िद पकड़ ली वह यही रहेगा डॉक्टर के पास नहीं जाएगा। और कोई रास्ता न देख कर रोज़ी से कहा रूबी को बुला लेते हैं, दीदी ने पिताजी से काफ़ी वैद्यक सीखा हुआ है। वह कोई देसी दवा दे देगी। गाँव में हम बुखार के लिए डॉक्टर के पास नहीं जाते हैं। मैंने रूबी को फ़ोन कर बॉब का सब हाल बता दिया। वह आकर बॉब को देखने के बाद बोली थोड़ी थकान के कारण बुखार आ गया है और देसी दवा दे गयी और बोली कुछ देर में आराम मिल जाएगा, थोड़ी देर आराम कर ले। ।

बॉब ने दवा ले ली। बॉब को हमने आराम करने को कहा। रुखसाना भी बोली उसे थोड़ा दर्द हो रहा है तो रोज़ी ने एक क्रीम हमे पकड़ा दी मैंने रूमाल लेकर उसकी योनि और अपने लंड को साफ़ किया उसकी योनि पर थोड़ी क्रीम लगाई और सहलाया। क्रीम लगाते हुए रुखसाना बोली आह आराम मिल रहा है। ऐसे ही सहलाते रहो। मुझे तो अभी उसके साथ और मजे लेने थे और एक बार मैं और रुखसाना फिर शुरू हो गए।

मैंने पहले तो रुखसाना को दवा मिली शराब के कुछ गिलास पिलाये और बॉब को पीने के लिए पानी दिया तो, उसने कहा उसे भी थोड़ी-सी शराब चाहिए, तो बॉब को भी मैंने थोड़ी शराब पीला दी। वह बोलै आह थोड़ी और दो। तो मैंने उसे गिलास भर कर दे दिया और दवा मिली शराब के एक गिलास मैंने भी पिया।

रुखसाना में मेरे लंड पर हाथ रखा और वह देखते ही देखते अपनी कठोरता को प्राप्त कर के कड़ा होकर खड़ा हो गया।! उसको वह बहुत आकर्षक लग रहा था! वह लंड की घूरती रही। मैं उसके करीब गया और अपनी ओर खींच लिया। मैंने उसे कस कर आलिंगन किया और उसके चेहरे को चूमा। मेरा अर्ध कठोर लंड उसकी जांघ को छू रहा था। कितना अच्छा लगा। उसने समर्पण करते हुए अपनी बाँहें मेरे चारों ओर डाल दीं। मैंने उसके होठों को अच्छी तरह से चूमा और चूमता रहा और वह भी मेरा पूरा साथ देने लगी। मेरा हाथ उसके नंगे नितंबों पर पहुँच गया और जब तक हम चूमते रहे, मेरा हाथ उसके नितम्बो को दबाता रहा। अहह! आए! ममम! मममम।

दवा ने अपना असर दिखाया और थोड़ी देर में हो वह गर्म हो गयी और उसने मेरी हरकतों को आनंद लेना शुरू कर दिया। , मेरा एक हाथ उसके बूब्स पर जा कर उन्हें दबाने लगा और दूसरा हाथ उसकी योनि को सहलाने के बाद मेरी एक ऊँगली उसकी योनि के द्वार पर गयी तो उसकी योनि ने अपने ओंठ खोल कर स्वागत किया। उसने आह की और मेरी ऊँगली मेरे प्रेम रस के पहले चिकनाई के इंजेक्शन के बाद आराम से अंदर चली गयी और उसके नितंब ज़ोर से मिलने के लिए तड़प उठे और उसकी बाहें अकड़ कर मेरे शरीर को चारो और लिपट गयी। वह अब उस आनंद की पुनरावृत्ति के लिए उत्सुक थी जो उसने अभी-अभी चखना शुरू किया था। फिर जैसे ही उसने पहले से कुछ कठोर हो चुके लंड पर हाथ रखा, मैंने देखा उसकी आँखें काम उत्तेजना और इच्छा से भरी हुई थीं।

उसे मेरा उसके अंगो की छेड़ना बहुत अच्छा लगा! उसने मेरा गाल, मेरे कान, मेरी गर्दन और फिर मेरे होठों को चूमा। ये सब करते हुए वह अपने हाथों को मेरे नितम्बो पर ले गयी और मुझे अपने ऊपर खींचा। अब मेरा अर्ध कठोर लंड उसकी योनि का चुम्बन ले रहा था। ओह क्या आनंद! क्या एहसास था। ब्यान करना बहुत मुश्किल है आनंद! बस मैं तो इसे आनंद में डूब जाना चाहता था। उसे भी लंड की छुअन से आनद का एहसास हुआ और बोली आह! फिर उसने धीरे से अपने हाथ मेरी पीठ पर ले जाकर मेरी पीठ को सहलाना शुरू कर दिया। वाह। आनद का एक और सुखद झोका

मेरी उत्तेजना और बढ़ने लगी और नतीजा ये हुआ के लंड उस छुअन के कारण कठोर हो कर मुझे लगा अब अपने आप ही प्रवेश कर जाएगा। इस कठोरता से उसकी भी उत्तेजना बढ़ने लगी। मैं उसकी चूत गीली होने का एहसास कर सकता था। उसका गीलापन मेरी सख्त रॉड से रगड़ खा रहा था।

मैं अपना दूसरा हाथ भी ऊपर ले गया और उसके पूरे स्तनों को सहलाने लगा। वाह! मैंने उसके निपल्स को पिंच किया। वह हाफ़ने लगी। मैंने निप्पल्स को खींचा और वह कराह उठी, आह! यह उसे बहुत अच्छा लगा। मैंने उसके स्तन को देखा। वे केंद्र में हल्के भूरे रंग के रॉक हार्ड निपल्स के साथ एकदम गोल और सुडोल थे। मैंने रुखसाना को बिस्तर पर धक्का दिया और उसके ऊपर आ गया। मैंने उसके बाएँ निप्पल को अपने गर्म मुंह में रख कर चूस लिया। मैंने अपने हाथ से उसके दाहिने निप्पल से खेला। फिर दाए निप्पल को चूसा और बाए निप्पल को हाथ से छेड़ा। वाह! मेर मुँह में उसके गर्म निपल्स बहुत अच्छे लग रहे थे! आननद और उत्तेजना का एक और झोंका आया और उसके निपल और अधिक कड़े हो गए और मेरे लिंग भी और अधिक कठोर होकर तुनक गया।

मैं अपनी जीभ से एक रेखा बनाते हु, मुँह नीचे की ओर ले गया। मैं उसके पेट तक पहुँच गया और उसे पूरी तरह से चाटा। मैंने उसके पेट और नाभि को चाटा और इससे वास्तव में रुखसाना बेकाबू हो गयी। उसने मेरा सर अपनी चूत की तरफ़ धकेलने की कोशिश की। लेकिन मैं अपना समय ले रहा था। मैंने उसको देखा और मैं उसको स्तनों और पेट को अपनी लार से चमकता देख सकता था। वह अद्भुत लग रही थी। अंत में मैं उसकी योनि पर पहुँच गया और उसकी योनि पर एक चुम्बन किया।

उसे कंपकंपी हो आई। उसने मेरी सुविधा के लिए अपने पैरों को अलग किया। मैं उसकी चूत को चाटने और खाने लगा। मैंने लगातार उसकी क्लिट को ना छूते हुए योनि के ओंठो को ही चूमता रहा। वह मुझसे अपनी क्लिट चाटने के लिए भीख माँगने लगी और मेरा सर पकड़ कर ऊपर की खींचती हुई मेरा मुँह अपने भगनासा तक ले गयी। अंत में मैंने अपनी जीभ ने उसे वहाँ छुआ और उसने बढ़ी हुई उत्तेजना के कारण मेरे चेहरे पर विस्फोट किया और मेरा चेहरा उसके रस से भीग गया।

उसका रस थोड़ा नमकीन था। मैं थोड़ा उठा और फिर ऊपर हो कर उसके होठों पर चूमा। उसने मेरे चेहरे पर लगा अपना सारा रस चाट लिया तो मैं फिर उसके ओंठ चूसने लगा तो उसने कुछ चुतरस जो उसकी झीभ पर लग गया था। मेरे मुँह में धकेल दिया, जिसे मैंने थोड़ा चाटा और फिर वापिस उसके खुले मुँह में धकेल दिया। ऐसे तो बार-बार घुमाते हुए हम सारा रस चाट गए और में फिर नीचे जा कर उसकी चूत को फिर से चाटने लगा। पहले ओंठ चूमने और फिर चूत चाटने से इस बार वह बहुत जल्दी गर्म हो गयी थी।

अब वह मुझे अपने अंदर चाहती थी और बोली अब मेरे अंदर आ जाओ चोदो मुझे वह भीख मांगने लगी लेकिन मैं उसे चाटता रहा और उसकी भगनासा को चूसत्ता रहा, हर बार जब वह झड़ने लगती तो वह मुझे रोक देती। कुछ देर बाद मैं उठा और अचानक से अपना विशाल बड़ा और कठोर लंड उसकी तड़पती हुई चूत के द्वार पर लगा दिया और उसने अपने कूल्हे उठा कर न केवल मेरे लंड को प्रवेश करने की अनुमति दी बल्कि टाँगे खोल कर स्वागत किया। तो मैंने भी एक जोरदार धक्का लगा कर पूरा लंड जड़ में टिका दिया और वह बस इतना बोली। अरे इतना ज़ोर से क्यों। अभी नयी-नयी हूँ इस खेल में मेरी चूत अभी कोमल है, दर्द होता है । थोड़ा आराम से करो। मैं उसके ऊपर लेट गया। मेरे हाथ उसके स्तनों पर थे और मेरे होंठ उसको किश कर रहे थे। वह भी मुझे बेतहाशा किश कर रही थी।

हालाँकि रुखसाना की पहली चुदाई मेरे योजना में नहीं थी पर ऐसे हालात बने के उसका कौमतया भंग मुझसे हो गया। अब मैंने मेरी पहले से बनी हुई योजना के अनुसार, उसे फिर चोदने का निश्चय किया। , मेरा लंड अभी-अभी ही उसकी कोमल योनी में घुसा था। मैंने बहुत सावधानी से, धीरे-धीरे अपनी पीठ को हिला कर लंड आगे पीछे करने शुरू किया। लेकिन वह उत्साह से अपनी कमर हिला रही थी। उसका उत्साह मेरे लिए बहुत अच्छा था। उसने धीरे-धीरे मेरी कूल्हों के धक्को की लय से लय मिला कर कमर हो हिलाना शुरू किया। इससे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मेरी स्पीड बढ़ती गयी।

जल्द ही हम दोनों उत्कर्ष पर पहुँच गए। उत्तेजना में वह कांपती हुई झड़ गयी और उसके साथ ही प्रसन्नता के उदगारो के साथ मैंने अपने शुक्राणु की बहुत सारी पिचकारियाँ उसके छिद्रों में मारी। उसकी योनी ने मेरा लंड जकड़ा और वह शानदार ढंग से धड़कने लगी और मेरे लंड को उसकी योनि की मांसपेशियों ने पूरा निचोड़ लिया। मैं लंड अंदर डाले हुए ही रुखसाना के नरम कमसिन बदन के ऊपर ही लेट गया कुछ देर तक हम दोनों ऐसे ही लेटे हुए चुम्बन करते रहे और एक दुसरे के बदन को सहलाते रहे।

बॉब शराब पीते हुए हमे देख रहा था। उसका बुखार थोड़ा उतर गया था। कुछ देर में शराब में मिली दवा ने भी असर दिखाना शुरू कर दिया। अब बॉब के लिए यह बहुत अधिक था। वह उत्तेजित हो गया और उसका लंड फिर से लोहे की तरह सख्त था। तो मैंने कहा अभी थोड़ी देर आराम कर लो। लेकिन अब वह रुकने वाला नहीं थाl

तभी रोज़ी फिर वहाँ आ गयी और बोली आपसे कुछ बहुत ज़रूरी बात करनी है।

मैं एक तरफ़ गया तो बोली रूबी का फ़ोन आया है टॉम आपसे कुछ बात करना चाहता है।

आगे क्या हुआ, ये अगले भाग में पढ़िए।

ये कहानी जारी रहेगी l

आपका दीपक l


आगे क्या हुआ पढ़िए अगले भाग 14 में।

 

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अंतरंग हमसफ़र

तृतीय अध्याय

खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग -14

हुमा की पहली चुदाई की तयारी



उसके बाद रोज़ी वहाँ आ गयी मुझे एक तरफ़ ले गयी और बोली रूबी का फ़ोन आया है टॉम आपसे कुछ बात करना चाहता है। मैंने टाइम देखा तो इन दो राउंड चुदाई में दो घंटो से भी ज़्यादा समय लग गया था। मैंने सोचा टॉम का हुमा के पास जाने का टाइम हो गया है इसीलिए मुझे बुला रहा होगा। मैंने टॉम को फ़ोन पर कहा मैं आता हूँ उसके बाद मैंने बॉब और रुखसाना से कहा मैं थोड़ी देर में आता हूँ तब तक आप दोनों आराम कर कीजिये और अपने कपड़े उठा कर टॉम के पास चला गया।

जब मैं वहाँ पहुँचा तो रूबी मुझे वहाँ मिली और टॉम ने मुझे बताया उसे तेज बुखार आ गया है और रूबी में बताया मैंने उसकी जांच की है, टॉम को भी बॉब की तरह का ही बुखार है। मुझे दोनों की फ़िक्र हुई तो मैंने तालाब पर नहाने और खेल और मुख मैथुन के बारे में सब बता दिया तो रूबी बोली । ये बुखार गर्म सर्द होने की वज़ह से हो गया है दवा दे देती हूँ। बॉब और टॉम दोनों को आराम करना होगा और एक या दो दिन में ठीक हो जायगा और चुदाई के लिए भी मना कर दिया। तो मैंने कहा कुछ ऐसी दवा दो जिससे ये रात्रि भोज पर जा उसके नहीं तो बुआ फूफा जी बेकार की फ़िक्र करेंगे। तो रोज़ी बोली अभी ये दवा ले ले। अभी थोड़ी देर में वह दवा भी इनको दे देते हैं आप इनके पास बैठिये मैं दवा ले कर आती हूँ।

ये सुन कर टॉम बोला भाई मैंने बड़ी मुश्किल से हुमा को पटाया था। वह त्यार होकर मेरा इंतज़ार कर रही है और मुझे बुखार आ गया है। बड़ी दिक्कत हो गयी है, इस बुखार के कारण।। तो मैंने कहा अभी हुमा को फ़ोन करके मना कर देते हैं तो टॉम बोलै यही तो दिक्कत है मैंने उसे इतनी मिन्नत करके मनाया था अब मना कर दूंगा तो वह पता नहीं क्या सोचेगी। मैंने कहा ये तो बिलकुल KLPD वाला मामला हो गया हैl

टॉम बोला KLPD मतलब? मैंने कहा-खड़े लंड पर धोखा । टॉम बोला फिर अब क्या किया जाए। उस बेचारी के लिए तो बहुत बुरा हो गया । उसके सारे अरमानो पर तो पानी फिर जाएगा।

फिर कुछ सोचते हुए टॉम बोला। देख उसे तो चुदना ही है कोई चोदे क्या फ़र्क़ पड़ता है और जैसा हम्मरे बीच तय हुआ था मेरे बाद तुमने भी उसे चोदना ही था। तो क्यों न तुम ही मेरे बदले चले जाओ। आज रास्ता खुल जाएगा तो मैं आज नहीं तो कल अपने हिस्से के मजे उसके साथ ले ही लूँगा।

तो मैंने कहा नहीं ये ठीक नहीं होगा। ऐसे हमे किसी लड़की को धोखा नहीं देना चाहिए। क्योंकि मैं ये मानता हूँ इस के लिए उसकी सहमति भी ज़रूरी है और अभी उसने सिर्फ़ तुम्हारे साथ चुदाई करने के लिए हाँ भरी है। । ऐसे मेरा जाना ठीक नहीं रहेगा। फिर रूबी से टॉम बोला आप मेरा एक काम करोगी आप अलका को बुला दो वह दीपक भाई के साथ जाकर हुमा को सारी बात बता देगी और क्योंकि दोनों अच्छी सहेलिया हैं तो उसे मना भी लेगी। इस तरह उसके अरमान पूरे हो जाएंगे।

तो मैंने कहा अलका मेरे वाले भवन के हिस्से में ही है और हुमा को त्यार कर रही है। मैं रूबी के साथ वही चला जाता हूँ और फिर अलका को सारी बात बता दूंगा और तुमसे फ़ोन पर बात करा देता हूँ। इतने में रूबी दवा ले और कुछ जूस और फल ले कर आ गयी तो मैंने कहा भाई टॉम तब तक तुम दवाई ले लो और जूस फल ले कर आराम करो। रूबी बोली अगर हो सके तो सो जाओ उससे जल्दी आराम मिल जाएगा।

उसके बाद मैं और रूबी दोनों वापिस चले गए। तो वहाँ अलका को बुला कर उसे सारी बात बताई और उसकी फ़ोन पर टॉम से बात करवाई तो अलका बोली आप मेरे साथ चलो, मैं हुमा को पूरी बात बताती हूँ फिर वह जैसा चाहेगी वैसा कर लेंगे।

उसके बाद हम वहाँ गए तो अलका ने अपनी सहेली को टॉम को आये बुखार की सारी बात बताई और कहाः अब वह चाहे तो अपना पहला सेक्स दीपक के साथ कर सकती है। तो हुमा पहले तो एकदम चुप हो गयी फिर बोली मैं दीपक से अकेले में कुछ बात करना चाहती हूँ। जब वह बाहर चले गए तो मैंने कहा हुमा हमारे बीच यहाँ कोई पर्दा नहीं है हम सब एक दुसरे के राजदार हैं। रोजी, रूबी, टीना, अलका और मोना, हम तीनो से चुद चुकी हैं और हमारे सब राज जानती हैं । और विश्वासपात्र राजदार हैं इसलिए तुम आगे से सबके सामने खुल कर बात कर सकती हो।

तो वह मुझ से लिपट गयी। बोली मैं तो आपसे ही चुदना चाहती थी। क्यणोकि मेरी दोस्त अलका ने बताया था एक तो आप बहुत अच्छे से चोदते हो और हम आपसे ही चुदने के लिए यहाँ आयी थी पर यहाँ आकर फिरंगियों को देखकर हम दोनों बहने उनकी और आकर्षित हो गयी थी। हमने कभी भी फिरंगियों को इतने पास से नहीं देखा था पहले।

दूसरा आज सुबह तालाब पर भी मैंने भी ग़ौर किया था और रुख़्साना ने भी मुझसे ज़िक्र किया था कि तुम्हारा लंड उन दोनों से बड़ा और तगड़ा था।

तीसरे तालाब पर जब मुखमैथुन कर रहे थे तो आप सब से बाद झड़े थे। मतलब इन दोनों फिरंगियों से ज़्यादा देर तक चोदते हो।

चौथा इन दोनों को तो आज की थोड़ी-सी भागदौड़ से ही बुखार हो गया पर आपको नहीं हुआ ।मतलब आपकी सेहत भी इनसे बेहतर है।

और फिर आज जब दिन में आप हमे थोड़ा सेक्स ज्ञान दे रहे थे और फिर अलका और जेन को चोदा था। उसके बाद हम दोंनो ने आपसे ही चुदने की दुआ करि थी और आपको अपनी इच्छा जताई थी पर आपने ही कहा था पहले टॉम से मिल लो क्योंकि उसकी तुम्हे चोदने की बहुत ज़्यादा इच्छा है और आप हमे बाद में चोदोगे इसीलिए हम उनसे मिलने को मान गयी थी।

अब अल्लाह मिया हमारी दुआ कबूल करके हमे आप से पहले मिलवां चाहती है तो ये तो हमारी दुआए है जो कबूल हो गयी हैं। इसलिए अब आप भी संकोच छोड़िये और मैं जब में त्यार हो जाऊँगी, तो रोज़ी या अलका आपको बुला लेगी।

तो मैंने उसे चूमते हुए कहा पसंद तो आप दोनों भी मुझे पहली ही नज़र में आ गयी थी पर चुकी टॉम आप पर और बॉब रुखसाना पर फ़िदा हो गया था और फिर हम भाई आपस में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं करते, इसलिए मैं रास्ते से हट गया था। मुझे मेरा हिस्सा देर सबेर मिलना ही था क्योंकि मैं मानता हूँ सुख बांटने से बढ़ जाता है। जैसे अगर हम अलग-अलग लड़की पटाये तो केवल उसी को भोग पाएंगे जिसे हमे पटाया है पर अगर मिल कर करे है तो तीनो बहुत से लड़कियों को भोग सकते हैं और मुझे तो इस मजो की दुनिया से परिचय करवाने वाले भी बॉब ही है। और इसलिए उसकी ख़ुशी के लिए मैं कुछ भी करने को ततपर रहता हूँ।

और एक राज की बात आपको बता दू की कुछ ऐसे हालात बन गए की आपकी बहन रुखसाना का कौमार्य भी मैंने ही भंग किया है और बॉब ऐन मौके पर कैसे चूक गया यह उसे सब संक्षेप में बता कर बोला। जब अल्लाह मिया हमे मिलवाना चाहता हैं तो उसकी मर्जी के आगे हम कौन।

बस मेरी एक प्राथना है कि जब टॉम का बुखार उतार जाए तो बाद में आप टॉम से भी ज़रूर चुद लेना।

तभी रोज़ी और रूबी कुछ नाश्ता ले कर आ गयी और बोली जेन, अलका हुमा रूबी सब लोग कुछ नास्ता कर लीजिये। आपको दोपहर का भोजन किये हुए काफ़ी समय हो गया है भूख भी लग गयी होगी।

फिर मैंने सब को नाश्ता करवाया और कुछ शराब पिलाई जिसमे दवा मिली हुई थीl उसके बाद मैं बोला अलका आप हुमा को त्यार कर दो तब तक मैं और रूबी बॉब को देख कर वापिस आते हैं। तो अलका बोली हम सब भी आपकी और हुमा की चुदाई देखना चाहती है तो मैंने कहा ठीक है ज़रूरी इंतज़ाम कर लो और हुमा से जब पुछा तो उसने भी शर्माते हुए कहा जैसे दीपक कहे वैसा कर लो।

तो रूबी बोली हम भी देखना चाहेंगी कुमार हमे भी शामिल कर ले अपने गुट में और फिर आपको ये कार्यक्रम रात्रि भोज के बाद करना होगा क्यणोकि अब रात्रि भोज में ज़्यादा समय नहीं रह गया है। टीना और मोना छोटी बुआ के यहाँ पर गयी हैं रात्रि भोज की व्यवस्था में मदद करने। तो मैंने कहा फिर हुमा के कौमार्य भंग के लिए कोई वैकल्पिक जगह की व्यवस्था करनी होगी क्योंकि काफ़ी लोग हो जाएंगे और ये कमरा इतने लोगों के लिए छोटा रहेगा। तो मैंने रोज़ी को बुला कर उसके कान में कुछ कहा और फिर सबसे कहा तो जो भी हुमा का कौमार्य भंग होते देखना चाहता है उसका स्वागत है। सब लोग रात्रि भोज समाप्त होने के एक घंटे बाद यही पर मिलेंगे और रोज़ी इसके लिए उचित व्यवस्था कर देगी जो की सबके लिए एक सरप्राइज रहेगा और सबको यहाँ आने के बाद उसके कहे अनुसार चलना होगा, बिना कोई सवाल किये, और हुमा को थोड़ा-सा और इंतज़ार करना होगा।

हुमा बोली आपको बुआ फूफा जी से अनुमति लेनी होगी सबके इधर आने की। मैंने कहा वह आप मुझ पर छोड़ दे। तो सबने सहर्ष रात्रि के लिए सहमति दे दी और मैं और रूबी जिस कमरे में बॉब और रुखसाना थे वहाँ चले गए।

मैं मन ही मन बहुत प्रसन्न था। आज ही मुझे दो बेहद सुन्दर, आकर्षक, नयी तरुण अक्षत यौवना कन्याये भोगने के लिए मिल गयी थी और मुझे उनका कौमर्य भंग करने का भी सौभाग्य देव योजना से मिल रहा था। मुझे कुछ-कुछ अपनी क़िस्मत पर रश्क हो रहा था।

वहाँ गए तो देखा बॉब और रुखसाना लिप किस कर रहे थे और बॉब उसके स्तन दबा रहा था और रुखसाना उसके लंड तो पकड़ कर अपना हाथ ऊपर नीचे कर रही थी। हमे आया देख बॉब ने चुम्बन तोड़ दिया और बोलै क्या हुआ कुछ परेशान लग रहे हो? मैंने उसे कहा टॉम को भी बुखार हो गया है इसलिए उसे भी रोज़ी से दवा दिलवा दी है। तो रोज़ी ने बॉब की जांच की और बोली अब बुखार थोड़ा उतर गया है, पर अभी इनको आराम करना चाहिए। मैं इनको दवा की एक डोज और दे रही हूँ। थोड़ा संयम रखे और ताकत बचा कर रखे तभी खाने के समय तक बुखार उतरेगा। और रोज़ी वहाँ कुछ फल और जूस ले आयी रुख़्साना और बॉब के लिए और बोली रुखसाना इनको खिला दीजिये और उसके बाद थोड़ी देर सो जाईये और आराम करिये।

इसके बाद सब लोग अपने कमरों में चले गए और कपडे बदल कर ठीक साढ़े आठ बजे रात्रि भोज के लिए अलका के घर जाने के लिए डिनर हॉल में मिले। रोज़ी ने एक बार फिर बॉब और टॉम की जांच की और उन्हें हल्का खाने को कहा, जो की उसने टीना और मोना को बोल कर उनके लिए स्पेशल बनवा लिया था और फिर अलका सब को अपने घर ले गयी। वहाँ बुआ ने स्पेशल पूरी हलवा और सब्ज़िया पूरा भारतीय खाना बनाया था। जो की काफ़ी स्वादिष्ट था जिसे चखने-चखने में सबने कुछ ज़्यादा ही खा लिया।

रात्रि भोज के बाद मैंने कहा आज रात को हम सब युवा लोग मिल कर एक फ़िल्म देखना चाहते हैं और मेरे वाले भवन में बड़ा टीवी और हाल है। जहाँ सब देख सकेंगे तो आप भी आमंत्रित हैं और सबको इजाज़त दे-दे तो बुआ फूफा ने कहा वह आज छोटी बुआ के घर ही रुकेंगे । क्योंकि छोटी बुआ यही चाहती है। आप जैसा चाहे वैसा कर ले।

फिर भोजन के बाद सबने थोड़ी देर सैर करि और सबके सब मरे साथ आ गए और रोज़ी सबके लिए गिलास में दवा मिली शराब ले आयी और सबने हुमा और मेरे मिलन की ख़ुशी में जाम उठाये। फिर रूबी हुमा को त्यार करने ले गयी और मैं भी वाशरूम में जा नहाने चला गयाl जब त्यार हो कर लौटा तो रोज़ी ने सब की आँख अपर एक पट्टी बाँध दी थी और फिर बड़े तहखाने का रास्ता खोल कर सबको बंद आँखों के साथ मैं और रोज़ी सबको बड़े तहखाने में ले गए।

वहां पर फिर क्या हुआ ये अगले भाग में पढ़िए।

ये कहानी जारी रहेगी ..


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  5. गुरुजी के आश्रम में सावित्री
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#39
सबको नए साल की बधाईया
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#40
मेरे अंतरंग हमसफ़र

तृतीय अध्याय

खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग -14

हुमा की पहली चुदाई की तयारी



उसके बाद रोज़ी वहाँ आ गयी मुझे एक तरफ़ ले गयी और बोली रूबी का फ़ोन आया है टॉम आपसे कुछ बात करना चाहता है। मैंने टाइम देखा तो इन दो राउंड चुदाई में दो घंटो से भी ज़्यादा समय लग गया था। मैंने सोचा टॉम का हुमा के पास जाने का टाइम हो गया है इसीलिए मुझे बुला रहा होगा। मैंने टॉम को फ़ोन पर कहा मैं आता हूँ उसके बाद मैंने बॉब और रुखसाना से कहा मैं थोड़ी देर में आता हूँ तब तक आप दोनों आराम कर कीजिये और अपने कपड़े उठा कर टॉम के पास चला गया।

जब मैं वहाँ पहुँचा तो रूबी मुझे वहाँ मिली और टॉम ने मुझे बताया उसे तेज बुखार आ गया है और रूबी में बताया मैंने उसकी जांच की है, टॉम को भी बॉब की तरह का ही बुखार है। मुझे दोनों की फ़िक्र हुई तो मैंने तालाब पर नहाने और खेल और मुख मैथुन के बारे में सब बता दिया तो रूबी बोली । ये बुखार गर्म सर्द होने की वज़ह से हो गया है दवा दे देती हूँ। बॉब और टॉम दोनों को आराम करना होगा और एक या दो दिन में ठीक हो जायगा और चुदाई के लिए भी मना कर दिया। तो मैंने कहा कुछ ऐसी दवा दो जिससे ये रात्रि भोज पर जा उसके नहीं तो बुआ फूफा जी बेकार की फ़िक्र करेंगे। तो रोज़ी बोली अभी ये दवा ले ले। अभी थोड़ी देर में वह दवा भी इनको दे देते हैं आप इनके पास बैठिये मैं दवा ले कर आती हूँ।

ये सुन कर टॉम बोला भाई मैंने बड़ी मुश्किल से हुमा को पटाया था। वह त्यार होकर मेरा इंतज़ार कर रही है और मुझे बुखार आ गया है। बड़ी दिक्कत हो गयी है, इस बुखार के कारण।। तो मैंने कहा अभी हुमा को फ़ोन करके मना कर देते हैं तो टॉम बोलै यही तो दिक्कत है मैंने उसे इतनी मिन्नत करके मनाया था अब मना कर दूंगा तो वह पता नहीं क्या सोचेगी। मैंने कहा ये तो बिलकुल KLPD वाला मामला हो गया हैl

टॉम बोला KLPD मतलब? मैंने कहा-खड़े लंड पर धोखा । टॉम बोला फिर अब क्या किया जाए। उस बेचारी के लिए तो बहुत बुरा हो गया । उसके सारे अरमानो पर तो पानी फिर जाएगा।

फिर कुछ सोचते हुए टॉम बोला। देख उसे तो चुदना ही है कोई चोदे क्या फ़र्क़ पड़ता है और जैसा हम्मरे बीच तय हुआ था मेरे बाद तुमने भी उसे चोदना ही था। तो क्यों न तुम ही मेरे बदले चले जाओ। आज रास्ता खुल जाएगा तो मैं आज नहीं तो कल अपने हिस्से के मजे उसके साथ ले ही लूँगा।

तो मैंने कहा नहीं ये ठीक नहीं होगा। ऐसे हमे किसी लड़की को धोखा नहीं देना चाहिए। क्योंकि मैं ये मानता हूँ इस के लिए उसकी सहमति भी ज़रूरी है और अभी उसने सिर्फ़ तुम्हारे साथ चुदाई करने के लिए हाँ भरी है। । ऐसे मेरा जाना ठीक नहीं रहेगा। फिर रूबी से टॉम बोला आप मेरा एक काम करोगी आप अलका को बुला दो वह दीपक भाई के साथ जाकर हुमा को सारी बात बता देगी और क्योंकि दोनों अच्छी सहेलिया हैं तो उसे मना भी लेगी। इस तरह उसके अरमान पूरे हो जाएंगे।

तो मैंने कहा अलका मेरे वाले भवन के हिस्से में ही है और हुमा को त्यार कर रही है। मैं रूबी के साथ वही चला जाता हूँ और फिर अलका को सारी बात बता दूंगा और तुमसे फ़ोन पर बात करा देता हूँ। इतने में रूबी दवा ले और कुछ जूस और फल ले कर आ गयी तो मैंने कहा भाई टॉम तब तक तुम दवाई ले लो और जूस फल ले कर आराम करो। रूबी बोली अगर हो सके तो सो जाओ उससे जल्दी आराम मिल जाएगा।

उसके बाद मैं और रूबी दोनों वापिस चले गए। तो वहाँ अलका को बुला कर उसे सारी बात बताई और उसकी फ़ोन पर टॉम से बात करवाई तो अलका बोली आप मेरे साथ चलो, मैं हुमा को पूरी बात बताती हूँ फिर वह जैसा चाहेगी वैसा कर लेंगे।

उसके बाद हम वहाँ गए तो अलका ने अपनी सहेली को टॉम को आये बुखार की सारी बात बताई और कहाः अब वह चाहे तो अपना पहला सेक्स दीपक के साथ कर सकती है। तो हुमा पहले तो एकदम चुप हो गयी फिर बोली मैं दीपक से अकेले में कुछ बात करना चाहती हूँ। जब वह बाहर चले गए तो मैंने कहा हुमा हमारे बीच यहाँ कोई पर्दा नहीं है हम सब एक दुसरे के राजदार हैं। रोजी, रूबी, टीना, अलका और मोना, हम तीनो से चुद चुकी हैं और हमारे सब राज जानती हैं । और विश्वासपात्र राजदार हैं इसलिए तुम आगे से सबके सामने खुल कर बात कर सकती हो।

तो वह मुझ से लिपट गयी। बोली मैं तो आपसे ही चुदना चाहती थी। क्यणोकि मेरी दोस्त अलका ने बताया था एक तो आप बहुत अच्छे से चोदते हो और हम आपसे ही चुदने के लिए यहाँ आयी थी पर यहाँ आकर फिरंगियों को देखकर हम दोनों बहने उनकी और आकर्षित हो गयी थी। हमने कभी भी फिरंगियों को इतने पास से नहीं देखा था पहले।

दूसरा आज सुबह तालाब पर भी मैंने भी ग़ौर किया था और रुख़्साना ने भी मुझसे ज़िक्र किया था कि तुम्हारा लंड उन दोनों से बड़ा और तगड़ा था।

तीसरे तालाब पर जब मुखमैथुन कर रहे थे तो आप सब से बाद झड़े थे। मतलब इन दोनों फिरंगियों से ज़्यादा देर तक चोदते हो।

चौथा इन दोनों को तो आज की थोड़ी-सी भागदौड़ से ही बुखार हो गया पर आपको नहीं हुआ ।मतलब आपकी सेहत भी इनसे बेहतर है।

और फिर आज जब दिन में आप हमे थोड़ा सेक्स ज्ञान दे रहे थे और फिर अलका और जेन को चोदा था। उसके बाद हम दोंनो ने आपसे ही चुदने की दुआ करि थी और आपको अपनी इच्छा जताई थी पर आपने ही कहा था पहले टॉम से मिल लो क्योंकि उसकी तुम्हे चोदने की बहुत ज़्यादा इच्छा है और आप हमे बाद में चोदोगे इसीलिए हम उनसे मिलने को मान गयी थी।

अब अल्लाह मिया हमारी दुआ कबूल करके हमे आप से पहले मिलवां चाहती है तो ये तो हमारी दुआए है जो कबूल हो गयी हैं। इसलिए अब आप भी संकोच छोड़िये और मैं जब में त्यार हो जाऊँगी, तो रोज़ी या अलका आपको बुला लेगी।

तो मैंने उसे चूमते हुए कहा पसंद तो आप दोनों भी मुझे पहली ही नज़र में आ गयी थी पर चुकी टॉम आप पर और बॉब रुखसाना पर फ़िदा हो गया था और फिर हम भाई आपस में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं करते, इसलिए मैं रास्ते से हट गया था। मुझे मेरा हिस्सा देर सबेर मिलना ही था क्योंकि मैं मानता हूँ सुख बांटने से बढ़ जाता है। जैसे अगर हम अलग-अलग लड़की पटाये तो केवल उसी को भोग पाएंगे जिसे हमे पटाया है पर अगर मिल कर करे है तो तीनो बहुत से लड़कियों को भोग सकते हैं और मुझे तो इस मजो की दुनिया से परिचय करवाने वाले भी बॉब ही है। और इसलिए उसकी ख़ुशी के लिए मैं कुछ भी करने को ततपर रहता हूँ।

और एक राज की बात आपको बता दू की कुछ ऐसे हालात बन गए की आपकी बहन रुखसाना का कौमार्य भी मैंने ही भंग किया है और बॉब ऐन मौके पर कैसे चूक गया यह उसे सब संक्षेप में बता कर बोला। जब अल्लाह मिया हमे मिलवाना चाहता हैं तो उसकी मर्जी के आगे हम कौन।

बस मेरी एक प्राथना है कि जब टॉम का बुखार उतार जाए तो बाद में आप टॉम से भी ज़रूर चुद लेना।

तभी रोज़ी और रूबी कुछ नाश्ता ले कर आ गयी और बोली जेन, अलका हुमा रूबी सब लोग कुछ नास्ता कर लीजिये। आपको दोपहर का भोजन किये हुए काफ़ी समय हो गया है भूख भी लग गयी होगी।

फिर मैंने सब को नाश्ता करवाया और कुछ शराब पिलाई जिसमे दवा मिली हुई थीl उसके बाद मैं बोला अलका आप हुमा को त्यार कर दो तब तक मैं और रूबी बॉब को देख कर वापिस आते हैं। तो अलका बोली हम सब भी आपकी और हुमा की चुदाई देखना चाहती है तो मैंने कहा ठीक है ज़रूरी इंतज़ाम कर लो और हुमा से जब पुछा तो उसने भी शर्माते हुए कहा जैसे दीपक कहे वैसा कर लो।

तो रूबी बोली हम भी देखना चाहेंगी कुमार हमे भी शामिल कर ले अपने गुट में और फिर आपको ये कार्यक्रम रात्रि भोज के बाद करना होगा क्यणोकि अब रात्रि भोज में ज़्यादा समय नहीं रह गया है। टीना और मोना छोटी बुआ के यहाँ पर गयी हैं रात्रि भोज की व्यवस्था में मदद करने। तो मैंने कहा फिर हुमा के कौमार्य भंग के लिए कोई वैकल्पिक जगह की व्यवस्था करनी होगी क्योंकि काफ़ी लोग हो जाएंगे और ये कमरा इतने लोगों के लिए छोटा रहेगा। तो मैंने रोज़ी को बुला कर उसके कान में कुछ कहा और फिर सबसे कहा तो जो भी हुमा का कौमार्य भंग होते देखना चाहता है उसका स्वागत है। सब लोग रात्रि भोज समाप्त होने के एक घंटे बाद यही पर मिलेंगे और रोज़ी इसके लिए उचित व्यवस्था कर देगी जो की सबके लिए एक सरप्राइज रहेगा और सबको यहाँ आने के बाद उसके कहे अनुसार चलना होगा, बिना कोई सवाल किये, और हुमा को थोड़ा-सा और इंतज़ार करना होगा।

हुमा बोली आपको बुआ फूफा जी से अनुमति लेनी होगी सबके इधर आने की। मैंने कहा वह आप मुझ पर छोड़ दे। तो सबने सहर्ष रात्रि के लिए सहमति दे दी और मैं और रूबी जिस कमरे में बॉब और रुखसाना थे वहाँ चले गए।

मैं मन ही मन बहुत प्रसन्न था। आज ही मुझे दो बेहद सुन्दर, आकर्षक, नयी तरुण अक्षत यौवना कन्याये भोगने के लिए मिल गयी थी और मुझे उनका कौमर्य भंग करने का भी सौभाग्य देव योजना से मिल रहा था। मुझे कुछ-कुछ अपनी क़िस्मत पर रश्क हो रहा था।

वहाँ गए तो देखा बॉब और रुखसाना लिप किस कर रहे थे और बॉब उसके स्तन दबा रहा था और रुखसाना उसके लंड तो पकड़ कर अपना हाथ ऊपर नीचे कर रही थी। हमे आया देख बॉब ने चुम्बन तोड़ दिया और बोलै क्या हुआ कुछ परेशान लग रहे हो? मैंने उसे कहा टॉम को भी बुखार हो गया है इसलिए उसे भी रोज़ी से दवा दिलवा दी है। तो रोज़ी ने बॉब की जांच की और बोली अब बुखार थोड़ा उतर गया है, पर अभी इनको आराम करना चाहिए। मैं इनको दवा की एक डोज और दे रही हूँ। थोड़ा संयम रखे और ताकत बचा कर रखे तभी खाने के समय तक बुखार उतरेगा। और रोज़ी वहाँ कुछ फल और जूस ले आयी रुख़्साना और बॉब के लिए और बोली रुखसाना इनको खिला दीजिये और उसके बाद थोड़ी देर सो जाईये और आराम करिये।

इसके बाद सब लोग अपने कमरों में चले गए और कपडे बदल कर ठीक साढ़े आठ बजे रात्रि भोज के लिए अलका के घर जाने के लिए डिनर हॉल में मिले। रोज़ी ने एक बार फिर बॉब और टॉम की जांच की और उन्हें हल्का खाने को कहा, जो की उसने टीना और मोना को बोल कर उनके लिए स्पेशल बनवा लिया था और फिर अलका सब को अपने घर ले गयी। वहाँ बुआ ने स्पेशल पूरी हलवा और सब्ज़िया पूरा भारतीय खाना बनाया था। जो की काफ़ी स्वादिष्ट था जिसे चखने-चखने में सबने कुछ ज़्यादा ही खा लिया।

रात्रि भोज के बाद मैंने कहा आज रात को हम सब युवा लोग मिल कर एक फ़िल्म देखना चाहते हैं और मेरे वाले भवन में बड़ा टीवी और हाल है। जहाँ सब देख सकेंगे तो आप भी आमंत्रित हैं और सबको इजाज़त दे-दे तो बुआ फूफा ने कहा वह आज छोटी बुआ के घर ही रुकेंगे । क्योंकि छोटी बुआ यही चाहती है। आप जैसा चाहे वैसा कर ले।

फिर भोजन के बाद सबने थोड़ी देर सैर करि और सबके सब मरे साथ आ गए और रोज़ी सबके लिए गिलास में दवा मिली शराब ले आयी और सबने हुमा और मेरे मिलन की ख़ुशी में जाम उठाये। फिर रूबी हुमा को त्यार करने ले गयी और मैं भी वाशरूम में जा नहाने चला गयाl जब त्यार हो कर लौटा तो रोज़ी ने सब की आँख अपर एक पट्टी बाँध दी थी और फिर बड़े तहखाने का रास्ता खोल कर सबको बंद आँखों के साथ मैं और रोज़ी सबको बड़े तहखाने में ले गए।

वहां पर फिर क्या हुआ ये अगले भाग में पढ़िए।

ये कहानी जारी रहेगी ..



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