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Adultery मेरे अंतरंग हमसफ़र - मेरे दोस्त रजनी के साथ रंगरलिया
#1
मेरे अंतरंग हमसफ़र -

मेरे दोस्त रजनी के साथ रंगरलिया


दोस्तों आप मेरी कहानी पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे और मेरे अंतरंग हमसफर पढ़ ही रहे हो

मेरी कहानी पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे मे मेरे विवाह की कहानी में मेरे दोस्तों आमिर , रजनी, ब्रेडी, और मोंटू का जिक्र हुआ है

आमिर और ब्रेडी के बारे में आप उसकी कहानी मजे - लूट लो जितने मिले में पढ़ ही रहे हैं

इस अध्याय में आपको अपने अन्य दोस्त रजनीश के के बारे में बता रहा हूँ की कैसे उसके साथ हमने रंगरलिया मनाई

आनद लीजिये



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#2
मेरे अंतरंग हमसफ़र -

मेरे दोस्त रजनी के साथ रंगरलिया

UPDATE 01




जब मैं राजमाता से बात कर रहा था तो मुझे अपने फ़ोन पर स्कूल कॉलेज के दोस्त रजनीश का एक संदेश मिला, मैंने उसे अपनी शादी में आने का निमत्रण दिया था . उसने मुझे अपने घर आने के लिए आमंत्रित किया गया था।

इससे उसके घर की मेरी पिछली यात्रा की सुखद यादें ताजा हो गईं।

करीब 24 महीने पहले रजनीश का ऐसा ही एक पत्र मिला था जिससे मेरी पुरानी यादे ताजा हो गयी। कहानी के ये अध्याय उन्ही सुनहरी यादो का है । पहले मैं आपको उसके बारे में कुछ बता दूं। हम सब दोस्त उसे रजनी कहते थे। क्योंकि वह फिल्मस्टार रजनीकांत के बहुत बड़ा प्रशंसक है और उनकी तरह ही दीखता है लेकिन उसकी चमड़ी का रंग अभिनेता रजनीकान्त से काफी बेहतर था और स्कूल में नाटको में अक्सर उनकी नकल करता था और हमने अपना हाई स्कूल दिल्ली से एक साथ किया था। रजनी लखनऊ के एक सफल व्यवसायी का लम्बा, पतला और सुन्दर पुत्र था जिनका दिल्ली में भी घर था।

मैं पढाई करने लंदन चला गया था और उसने कालेज की पढाई भारत में ही की थी। कॉलेज में पढ़ाई से ज्यादा वह लड़कियों के पीछे लगा रहता था। लड़कियाँ भी उसे पसंद करती थीं। वह पैसे और मस्ती से भरा और दिलफेंक था। लड़कियों उसे उसके लुक्स और मनेरिज्म के लिए पसंद करती थी और वह उन पर काफी पैसा भी खर्च करता था। चारों ओर कई कहानियाँ चल रही थीं कि उसने इस लड़की या किसी और को चोद दिया है। लेकिन रजनी के मुताबिक कुछ बाते सच थीं और कुछ अफवाहें थीं।

अपने रोमांटिक और दिलफेंक मिजाज के बावजूद कॉलेज के दिनों में , वह तान्या (तनु) नामक एक लड़की के साथ रोमांस कर रहा था। तनु पास के गर्ल्स कॉलेज की छात्रा थी। तनु बहुत सुंदर, 5' 5" लंबी, छरहरी, पतली और बड़े स्तन और चमकती काली आँखों वाली थी। जब मैंने पहली बार उसे देखा, तो मेरा लंड सख्त हो गया था और मैं उसे चोदना चाहता था। कॉलेज के दिनों में एक दिन मैंने रजनी से पूछा कि क्या उसने उसे चोदा है।

' नहीं यार, इसकी कुंवारी चुत तो इससे शादी के बाद मैं अपनी सुहागरात को हो फाड़ूंगा उसने हंसते हुए जवाब दिया था ।

उन्ही दिनों जब मैं एक बार लंदन से आया था तो रजनीश से मिलने गया था तो वहाँ रजनीश के साथ तनु से भी मिला था और तनु के साथ उसकी एक सहेली रेखा मिली थी जो बहुत सुंदर और कुंवारी थी और उसे पटाने और चोदने में तनु और रजनीश ने मेरी मदद की थी। तब से हमारी दोस्ती बहुत गहरी हो गयी थी।

कॉलेज के बाद वह अपने पैतृक शहर चला गया हम कभी-कभार कार्ड पत्र या फिर फ़ोन के द्वारा संपर्क में रहते थे। उसने मुझे तनु के साथ अपनी शादी में आमंत्रित किया था लेकिन दुर्भाग्य से मैं नहीं जा सका था । उसने मुझे लिखा था कि शादी के बाद तनु ने एक कॉलेज में टीचर के तौर पर ज्वाइन किया है। उनका सन्देश पाकर मैं समय में वापस चला गया था और तनु का ख्याल आते ही उसे चोदने की इच्छा मुझमें फिर से जाग उठी। मैं भी तनु को फिर से देखने के लिए उत्सुक था। सन्देश में रजनी ने मुझे एक लंबी यात्रा पर आने के लिए आमंत्रित किया था। संदेश क्या ये एक प्रकार का सम्मन था कि मैं जल्द से जल्द लखनऊ पहुँचू । सम्मन की अत्यावश्यकता और तनु से मिलने की इच्छा ने भी मुझे एक सप्ताह के लिए उनसे मिलने जाने के लिए लखनऊ तुरंत जाने के लिए प्रेरित किया। मेरे साथ में मेरी हमसफर बेहद खूबसूरत भगवान की बनाई हुई लाजवाब मूर्ति के जैसी, गोरी, गुलाबी गालों वाली रूबी भी थी । हालाँकि रोजी हमेशा मेरे साथ रहती थी पर उसका कोई पेपर था इसलिए वह साथ नहीं जा सकती थी तो मैंने बड़े-बड़े सुडौल स्तनो वाली रूबी को ले लिया । चुकी उसके सन्देश से मुझे अंदेशा हुआ की शायद कोई मेडिकल जरूरत न हो तो ऐसे में देखभाल के लिए रूबी उचित रहेगी ।

मैंने उससे मोबाइल पर जल्दी का कारण पुछा था तो उसने कहा बस तुम जल्दी से आ जाओ । बाकी बाते आने पर करेंगे ।

रजनी मुझे एयरपोर्ट पर मिला था और मेरे साथ आयी खूबसूरती के मुजस्मे रूबी को घूरता ही रहा था l उसका हाथ अनायास ही उसके लंड पर चला गया, जो की मुझे कड़ा होता हुआ महसूस हुआल और उसकी पेण्ट में तम्बू बन गया था . मैंने उसका परिचय रूबी अपनी सहायिका और प्रशिक्षित नर्स के तौर पर करवाया और फिर वह मुझे अपने घर ले गया था । रास्ते में उसने मुझसे कहा कि उसने नया घर बना लिया है। घर पहुँचने पर तनु ने मुस्कुराते हुए मेरा अभिवादन किया था ।

आपको याद होगा मेरी चारो पहली हमसफर लड़कियों के बारे में, रोजी एक आयुर्वेदिक डॉक्टर है और रूबी एक प्रशिक्षित नर्स है, मोना एक योग्य फैशन डिजाइनर है और टीना एक प्रशिक्षित ब्यूटीशियन है।

' तुम जाओ और तरोताजा हो जाओ। मैं तुम्हारे लिए नाश्ते की व्यवस्था करती हूँ, उसने मेरा स्वागत करने के बाद कहा। मैंने कहा इस काम में रूबी तुम्हारी मदद कर देगी तो तनु बोली उसकी जरूरत नहीं है इस काम के लिए और रूबी से बोली वह भी तरोताजा हो जाए ।

उसने माफ़ी मांगी कि वह हमारे साथ नाश्ते में शामिल नहीं हो पाएगी क्योंकि उसे तुरंत अपने कॉलेज जाना है और जल्द लौट आएगी लेकिन इस दौरान उसकी नौकरानी नीरा हमारी देखभाल करेगी।

तनु आज भी बेहद खूबसूरत लग रही थी। समय के साथ उसकी ख़ूबसूरती में कोई कमी नहीं आयी थी समय ने उससे कुछ भी नहीं लिया और उसमे कोई बदलाव नहीं आया था आज भी कॉलेज जाने वाली लड़की ही लगती थी। ये बात अलग है कि वह अब पढ़ने नहीं पढ़ाने जाती थी। समय ने केवल उसके आकर्षण में इजाफा ही किया था। उम्मीद के मुताबिक उसे देखते ही मेरा लंड सख्त हो गया और उसे चोदने की इच्छा फिर से ताजा हो गई।

उनकी नौकरानी ने हमें नाश्ता परोसा। नीरा लगभग 18 वर्ष की थी, दुबली-पतली, लंबी, छोटे लेकिन दृढ़ और सेक्सी स्तनों के साथ और उसकी आँखों में एक शरारती चमक थी।

जब मैं रजनी के साथ अकेला था, तो मैंने कहा, 'रजनी, तुम यक़ीनन पक्के ठरकी हो। तनु के काम पर जाने पर आपके पास अपने लंड को खुश रखने के लिए तुमने बिलकुल सही आइटम रखी हुई है।'

और फिर उत्साहित होकर बोला साले कम तो तू नहीं-नहीं है बड़ा मस्त पटाका लेकर साथ घूम रहा है और मुझे ठरकी बोल रहा है और दोनों हसने लगे । तूने उसे कहाँ से पटाया?

तो मैंने कहा ये मेरे साथ कई सालो से है और उसे अपनी और रूबी की कहानी बतायी जिसे आप मेरी कहानी अंतरंग हमसफर भाग 1-4 में पढ़ सकते हैं । तो रजनी बोला यार बहुत बढ़िया वह कुंवारी नहीं है तो फिर तो बता मैं उसे कब चोद सकता हूँ?

मैंने कहा जब तेरा मन करे तब चोद लेना । मैं उसे बता दूंगा तू उसे चोदना चाहता है । और रजनी अब बता ये नीरा का क्या किस्सा है तूने उसे चोदा या नहीं?

'काश ऐसा होता,' उसने उदास होकर जवाब दिया।

'क्या! मुझे मत बताना कि तुमने अभी तक उसकी मनमोहक योनी वाली हसीना को चोदा नहीं है?' मैंने कहा।

'नहीं मेरे दोस्त, मैंने उसे अभी तक नहीं चौदा है लेकिन मैं उसे चोदना चाहता हूँ। तुम देखो, मेरी शादी के बाद से मुझे तनु के अलावा और कोई औरत नहीं चाहिए थी, लेकिन जब से तीन महीने पहले ये यहाँ काम पर आयी है, मैं उसे चोदना चाहता हूँ,' रजनी ने कहा और आज रूबी को देख कर भी मन मचल गया है ।

'तो फिर तुम्हे क्या रोक रहा है? चोदा क्यों नहीं उसको अभी तक या अभी तक तुम्हारी शादी की कसमें तुम्हे परेशान कर रही हैं?' मैंने मुस्कुराते हुए पूछा था ।

'नहीं, ऐसा नहीं है। मैं आपको पूरी बात बताता हूँ। अपनी शादी की रात में, मैंने तनु से कहा कि मैंने जितनी भी लड़कियों की चुदाई की थी, उन सबमे से मुझे उसकी तंग योनी सबसे ज्यादा पसंद आयी है और मुझे तुम्हारे हो साथ सबसे ज्यादा मजा आया है और मैंने तनु से कहा कि वह पहली कुंवारी है जिसे मैंने चौदा है। तनु ने मुझे बताया कि शादी से पहले उसने भी दूसरी लड़कियों और मेरे बारे में कई किस्से सुने थे।'

'उसने यह भी कहा कि उसे मेरे और दूसरी लड़कियों को चोदने से अब भी कोई फर्क नहीं पड़ता, जब तक कि मैं किसी कुंवारी लड़की का कौमार्य भंग नहीं करता क्योंकि वह मेरे जीवन में एकमात्र कुंवारी रहना चाहती थी। उसने भी मेरे प्रति वफादार रहने का वादा किया। दोस्त, मैंने उसे अपना वचन दिया। दोस्त अब आप समझ सकते हो हैं कि नीरा अभी तक कुंवारी क्यों है,' रजनी ने कहा।

'आप कैसे जानते हैं कि वह कुंवारी है? हो सकता है वह यहाँ आने से पहले चुदाई करवा चुकी हो। उसकी उम्र की कई लड़कियाँ आजकल जल्दी चुदाई करने लग जाती हैं, तुम्हें कैसे पता है,' मैंने कहा।

'मुझे पता है कि वह कुंवारी है। जब वह पहली बार हमारे लिए काम करने आई, तो तान्या ने उसका पूरी तरह से मेडिकल चेकअप कराया था। मैंने रिपोर्ट देखी है जिससे ये स्पष्ट है कि वह एक कुंवारी है। इसी कारण से मैंने आपको आमंत्रित किया है,' रजनी ने कहा, ' मैं चाहता हूँ की तुम नीरा का कौमार्य भंग कर दो। फिर मैं तनु से किया हुआ अपना वादा तोड़े बगैर इसे चोद सकता हूँ।


कहानी जारी रहेगी
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#3
मेरे अंतरंग हमसफ़र -

मेरे दोस्त रजनी के साथ रंगरलिया

UPDATE 02




मैंने सोचा था कि यह हमारी दोस्ती थी जिसके कारण आपने आमंत्रित किया,' मैंने गुस्से का नाटक करते हुए कहा।

'वह तो है ही , वह भी मेरे दोस्त ,' रजनी ने जल्दी से जोड़ा।

'बताओ, क्या तुम उसे मेरी खातिर चोदोगे और मेरे लिए ' उसका छेद' खोलोगे,' रजनी ने कुछ मिनटों के बाद मुझसे पूछा।

'अपने प्यारे दोस्त के लिए कुछ भी करूंगा ', मैंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, 'तनु ?'

'मुझे यकीन है कि उसे अंदेशा है कि मैं नीरा को चोदना चाहता हूं लेकिन उसे ये भी भरोसा है कि मैं अपना वादा नहीं तोड़ूंंगा । उसे इस बात का कोई आभास नहीं है कि मैंने आपको क्यों आमंत्रित किया है। वह सोचती है कि यह आपकी एक सामान्य यात्रा है, 'रजनी ने कहा।

'क्या नीरा मान जाएगी? मुझे बताओ उसका परिवार ? एक बात मुझे स्पष्ट कर देनी चाहिए कि मैं उसके साथ जबरदस्ती नहीं करूँगा ,' मैंने कहा।

'इसके बारे में चिंता मत करो। वह एक अनाथ है और वह बो बहुत कामुक है। वह ना नहीं कहेगी। मैं इसकी गारंटी देता हूं। मैं तुम्हें कुछ दिखाता हूँ , ' रजनी ने कहा।

उसने नीरा को बुलाया और कहा, 'हम एक-एक घंटे के लिए तहखाने में जा रहे हैं और हमें परेशान नहीं करना ।'

मैं नीरा को शिकारी की तरह देख रहा था जिसके कारण मेरा लंड बड़ा हो गया था । मैंने देखा उसकी आँखे मेरे लंड पर टिकी और आँखें चमक उठीं। तहखाने में पहुँच कर मैं यह देखकर चकित रह गया कि यह एक छोटे से सिनेमा हॉल की तरह सज्जित था । लेकिन पारंपरिक कुर्सियों के बजाय इसे बड़े कुशन वाले बिस्तरों से सुसज्जित किया गया था।

'रजनी, यह सब क्या है?' मैंने हैरान हो कर पुछा ।

रजनी ने हंसते हुए कहा, 'तनु और मुझमें एक कॉमन शौंक है। हमें पोर्न फिल्मे देखना बहुत पसंद है। मेरे पास हजार से अधिक बेहतरीन पोर्न फिल्मों का संग्रह है और मैं इस संग्रह में उन सभी नवीनतम पोर्न फिल्मों को जोड़ता रहता हूं . यह हॉल, जो विज्ञान पेश कर सकता है, उस सभी नवीनतम सुविधाओं और विशेषताओं से सुसज्जित है । आपने नीचे के रास्ते में सीढ़ी में डायवर्जन देखा। यह प्रक्षेपण कक्ष की ओर जाता है। आप दीवार में प्रोजेक्शन के लिए स्थान को देखिये ।'

रजनी ने रिमोट कंट्रोल कंसोल पर कुछ बटन दबाए। कमरे में अंधेरा हो गया और एक पोर्न फिल्म चलने लगी। दस मिनट के बाद रजनी मेरा हाथ पकड़ कर मुझे हॉल के पीछे ले गया । अपने होठों पर उंगली रखते हुए उसने मुझे प्रोजेक्शन रूम के अंदर झाँकने के लिए कहा। मैंने देखा कि नीरा की आंखें स्क्रीन पर चिपकी हुई हैं और उसका दाहिना हाथ उसकी चुत पर तेजी से घूम रहा है। उसकी आँखों में चमक का कारण अब मुझे स्पष्ट हो गया था।



[Image: mastur2.jpg]

'तनु और मैंने उसे कई मौकों पर ऐसा करते देखा है। वह नहीं जानती कि हम उसका ये राज जानते हैं। यही कारण है कि मुझे यकीन है कि वह मान जाएगी। वो एक गर्म योनी वाली लड़की है । मुझे यकीन है कि उसकी चुत चुदाई के लिए तरस रही है और मैं अपने वादे से बंधा हुआ हूँ' वह फुसफुसाया और उसने फिल्म बंद कर दी ।

मैंने पुछा तो दोस्त फिर प्लान क्या है? तुमने क्या सोचा है ये काम मुझे कब और कैसे करना है?

'मैंने सोचा है कि आज रात के खाने के बाद आप इस सभागार में आ जाओ। मैं किसी बहाने नीरा को तुम्हारे पास भेज दूँगा। फिर आप ये नवीनतम फिल्म शुरू करें,, इसे नीरा ने अभी तक नहीं देखा है और उसके लिए एक नाटक करे बाकी तुम एक्सपर्ट हो , 'रजनी ने अपनी योजना की व्याख्या करते हुए कहा।

' इस के रिमोट नियंत्रणों को कैसे संचालित करना है मुझे नहीं मालूम है ,' मैंने कहा।

'चिंता न करो वे बहुत सरल हैं मैं तुम्हे कुछ ही पलो में सीखा दूंगा ,' रजनी में मुझे नियंत्रणों को संचालित करने का तरीका दिखाते हुए कहा और फिर मुझे इस्तेमाल करने को कहा तो मैं उसे आसानी से चला पाया ।

मुझे अभी भी पूरी बात पर संदेह था। 'तनु ? क्या वह जानती है कि आप क्या योजना बना रहे हो ?' मैंने पूछ लिया,

'नहीं, लेकिन चिंता मत करो, मैं उसे संभाल लूंगा। तुम बस उस कामुक सुंदरी को चोदो और उसका कौमार्य भंग कर उसकी चुत को मेरे लिए सुलभ बनाओ। मैं हमेशा आपका आभारी रहूंगा, 'रजनी ने मुझ से विनती की।

मैंने सोचा एक कोशिश कर सकता हूं, अगर मैं सफल हुआ तो मुझे एक कुंवारी मिलती है, अगर नहीं तो शायद तनु मुझे घर से बाहर निकाल देगी। लाभ हानि से कहीं अधिक आकर्षक था, तो क्यों नहीं?

'अच्छा, आखिर दोस्त किस लिए होते हैं? जैसा आप कहेंगे, मैं वैसा ही करूँगा,' मैंने पुष्टि करते हुए कहा।

'धन्यवाद दोस्त, मुझे पता था कि मैं आप पर भरोसा कर सकता हूं,' रजनी ने खुशी से कहा।

उस रात रात के खाने के बाद रजनी ने नीरा को तहखाने में हम सभी के लिए कॉफी परोसने का निर्देश दिया। तनु हैरान दिखी लेकिन चुप रही। नीरा चौंक गई।

'क्या! आप तीनों के लिए एक साथ?' उसने कहा, जरूरत से थोड़ा जोर से।

रजनी ने को नीरा डांटा, 'जो मैंने तुमसे कहा है, वही करो।' मैं अपने कमरे में कपड़े बदलने के लिए चला गया।

(नोट: - पाठकों, मैं तनु और रजनी के बीच निम्नलिखित बातचीत के दौरान उपस्थित नहीं था। रजनी ने मुझे इसके बारे में बाद में बताया । मैंने इसे यहां डाला है ताकि कथा का क्रम न टूटे। आपको बाद में आपको कई जगह इसी तरह के विवरण मिलेंगे। )

मेरे जाने के बाद तनु ने पूछा, 'रजनी, क्या चल रहा है?'

'कुछ भी तो नहीं। आपका दिन कैसा बीता?' रजनी ने विषय बदलने की कोशिश करते हुए कहा।

'रजनी, झूठ मत बोलो! बात मत बदलो ! मुझे पता है कि कुछ चल रहा है,' तनु ने कहा, ' सच बोलो ।'

'ठीक है, मैं कबूल करता हूँ ,' उसने सर झुकाते हुए कहा।

तनु मुस्कुराई, ' तो फिर दीपक यहाँ इसीलिए आया हैं ?'

'प्रिय, मैंने तुम्हारे लिए एक लाइव ब्लू फिल्म की व्यवस्था की है। फिल्म का शीर्षक है, "नीरा का कौमार्य हरण " रजनी ने बेशर्मी से कहा।

तनु ने मुस्कुराते हुए कहा, 'तो, दीपक तुम्हारे लिए उसकी योनि की चुदाई का रास्ता खोलने वाला है,' मुझे पता था कि तुम नीरा को चोदना चाहते हो। मैं सोच रही थी था कि आप अपना वादा तोड़े बिना कैसे करोगे ।'

'तुम्हें कोई ऐतराज तो नहीं है?' रजनी ने कहा, 'तुम्हें पता है कि जब से वह आई है, मैं उसे चोदना चाहता हूं। यही एकमात्र तरीका है जिसके बारे में मैं सोच पाया ।'

'बेशक मुझे कोई आपत्ति नहीं है, नीरा को अपना कौमार्य खोते हुए देखना मजेदार होगा। जब तुम उसे चोदोगे तो मैं क्या करुँगी ?' उसने सवाल किया।

'आप भी ऐसा कर सकती हैं। अगर तुम चाहो तो। पता है।मुझे कोई आपत्ति नहीं होगी,' रजनी ने झिझकते हुए कहा।

'ओह ठीक है। तो तुम चाहते हो कि मैं दीपक के साथ चुदाई करूँ ?"' उसने पूछा।

रजनी ने उससे कहा, 'केवल अगर तुम चाहती हो, अन्यथा नहीं।

'क्यों नहीं, यह मजेदार हो सकता है। मुझे बताओ कि तुमने दीपक को क्या बताया है ?' तनु ने पूछा।

'मैंने उसे नीरा और अपने वादे के बारे में बताया है लेकिन तुम्हारे और उसके बारे में कुछ नहीं। मैंने उसे आपके बारे में इसलिए नहीं बताया क्योंकि मुझे नहीं पता था कि आप कैसे प्रतिक्रिया दोगी , 'रजनी ने स्पष्ट किया,' क्या आप दीपक के साथ सेक्स करने की योजना बना रही हो , '

'देखती हूँ क्या और कैसे होता है । चलो चलते हैं और कपड़े बदल लेते हैं। हमें अपनी नन्ही कुंआरी को अपना कौमार्य खोने के लिए अब और अधिक प्रतीक्षा नहीं करवानी चाहिए,' वह हंस पड़ी।

उनके कमरे में, रजनी जल्दी से नहाया और तैयार हो गया , लेकिन तनु अपनी योनी को शेव करने में व्यस्त थी। 'आप क्या कर रही हो?' रजनी ने पूछा।

'मेरी योनी की सफाई करके बाल हटाकर सुंदर और आकर्षक बना रही हूँ । क्या आप चाहते हैं कि आपका मित्र यह समझे कि आपकी सुंदर पत्नी की योनि बदसूरत है?' तनु ने हंसते हुए कहा, " बेशक तब अगर मैं उसे यह दिखाने का फैसला करती हूं।'



[Image: shaving.jpg]

एक शॉवर के बाद एक पारदर्शी नाइटी और एक सेक्सी नाइटगाउन पहने हुए, उसने घोषणा की, 'मैं तैयार हूं।' जब वे प्रोजेक्शन रूम में आए तो मैं हाथ में ड्रिंक लिए बार में नीरा के आने का धैर्यपूर्वक इंतजार कर रहा था।

मुझे लंबा इंतजार नहीं करना पड़ा। कुछ मिनट बाद ही नीरा कॉफी और कुछ बिस्कुटों से लदी एक ट्रे के साथ अंदर आई। मुझे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि उसने अपने कपड़े बदल लिए थे । वह अब अपने सामान्य सलवार कमीज के बजाय एक स्कर्ट और ब्लाउज पहने हुए थी। हो सकता है कि उसने इस अवसर के लिए खुद को तैयार किया गया था, अपना कौमार्य खोने के लिए नहीं, बल्कि अपनी योनी के साथ अधिक आसानी से खेलने में सक्षम होने के लिए। जब उसने ट्रे मेरे सामने मेज पर रखी तो मैंने दरवाज़ा बंद कर दिया।

'आप ने दरवाजा क्यों बंद कर दिया? ' नीरा ने पूछा।

'मैं तेरे साथ अकेले मैं फिल्म देखना चाहता हूं' मैंने उससे कहा।

'मैं गंदी फिल्में नहीं देखती,' उसने जवाब दिया।

'तुझे कैसे मलूम की फिल्म गंदी है? मैंने हंसते हुए कहा।

मैंने बत्ती बुझा दी और फिल्म शुरू कर दी। 'इधर आ कर मेरे पास बैठा। बहुत मज़ा आएगा 'मैंने उसे आमंत्रित किया। उसने मना किया।





[Image: F1.jpg]
फिल्म में एक सुंदर सुनहरे बालो वाली गोरी को एक काले आदमी द्वारा एक बड़े लंड के साथ चोदते हुए दिखाया गया था।


नीरा फिल्म को गौर से देख रही थी। मैंने उसे पकड़ने की कोशिश की लेकिन वह मुझसे बच के एक तरफ चली गई। हर बार जब वह मेरे बढ़े हुए हाथों से बचती रही और मैंने उसे बुलाने के लिए इशारा किया तो उसने अपनी जीभ बाहर निकाल दी ।


[Image: tongue1.jpg]

फिर मैं अपने कपड़े उतारने लगा।

कहानी जारी रहेगी
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#4
मेरे अंतरंग हमसफ़र -

मेरे दोस्त रजनी के साथ रंगरलिया

UPDATE 03





'अरे साहब आप अपने कपड़े क्यों उतार रहे हैं? ,' नीरा ने मुझ से पूछा।

'मैं अपने कपड़े उतारने के बाद तेरे कोवैसे ही चोदूंगा जैसी फिल्म मैं वो आदमी उस लड़की को चोद रहा है ' मैंने जवाब दिया।



[Image: F1.jpg]

जब मैं नंगा हुआ तो मेरा लंड अपनी पूरी शान से बाहर निकल कर उछला। प्रोजेक्शन रूम में तनु ने जोर से सांस ली और कहा, 'माई गॉड रजनी! दीपक केपास एक दुर्जेय हथियार है। वह नीरा को अपने इस लंड से मार डालेगा।'

'चिंता मत करो, मुझे पता है कि दीपक ने नीरा जैसी कई लड़कियों का कौमार्य भंग किया है। सभी सुरक्षित हैं और सबने उसके साथ चुदाई का आनंद लिया है और लेने को लालायित रहती हैं ।'

तनु ने अपने आप से धीरे से कहा, 'उसके बड़े लंड से चुदना एक सुखद और ययादगार अनुभव रहेगा ।'

मैं नीरा का पीछा कर रहा था, मेरा लंड ऊपर-नीचे उछल रहा था, उसे पकड़ने की कोई कोशिश किए बिना। मैं उसके स्तनों को कूदते हिलते और नाचते हुए देखना चाहता था। उसके स्तन बिलकुल ढलके हुए नहीं थे इसलिए बहुत कम उछाल ले रहे थे . फिर मुझे अचानक इस बात का अहसास हुआ कि उसने ब्रा नहीं पहनी हुई है।



[Image: tits.jpg]

'उसने शायद पैंटी भी नहीं पहनी है और उसकी स्कर्ट के नीचे पूरी तरह से नग्न है,' मैंने सोचा।



[Image: bald.jpg]
'नीरा, तू चुदने की पूरी तय्यारी कर के आई है। तूने ब्रा नहीं पहिनी हुई है। मैं दावा के साथ कहता हूं की तूने पेंटी भी नहीं पहनी हुई है,' मैं हँसा।

'नहीं, आप गलत हो,' नीरा ने शरमाते हुए जवाब दिया।

तो ठीक है अपनी स्कर्ट उठाओ और मुझे अपनी पैंटी दिखाओ. ' मैंने उसे चुनौती दी।

उसका चेहरा चुकंदर की तरह लाल हो गया लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। वह स्क्रीन पर लगी देखते हुए मुझसे सफलतापूर्वक बचती रही। वह मदद के लिए चिल्लाने लगी, 'बाबूजी, दीदी, मुझे बचाओ। दीपक साहब मेरी कुंवारी छुट फाड़ना चाहते हैं

मैं एक पलंग से दूसरे पलंग पर उसका पीछा करता रहा और वह मदद के लिए चिल्लाती हुई भागती रही। जैसे शेर अपने शिकार के साथ खेलता है वैसे ही मैं नीरा के साथ खेल रहा था औरमुझे इस खेल में मजा आ रहा था .

प्रोजेक्शन रूम में तनु ने अधीरता से कहा, 'रजनी ये दीपक इस सेक्सी पटाका लड़की को पकड़ क्यों नहीं रहा , उसे पकड़ कर उसके कपड़े फाड़ दे और अपने बड़े लंड को जल्दी से उसकी कुंवारी योनी में डाल क्यों नहीं रहा है ।'

'दीपक ने मुझसे कहा था कि वह उसकी सहमति मिलनेके बाद से ही इस लड़की को चोदेगा। वह उसका रेप नहीं करेगा। शायद यही कारण है, 'रजनी ने कहा।

'तब हम यहां पूरी रात इंतजार नहीं कर सकते हैं कि वह उसे चोदें। मुझे लगता है कि हमें उसकी मदद करनी होगी। चलो अपने कपड़े उतारो। तुम पहले जाओ, मैं बाद में चलूंगी,' तनु ने योजना को अपने ऊपर लेते हुए कहा।

जब नीरा ने दरवाजा खुलने की आवाज को सुना तो उसने सोचा कि मदद आ गई है और दरवाजे की तरफ भागी। दरवाजे के आधे रास्ते में उसने देखा कि रजनी पूरी तरह से नग्न छत की ओर इशारा करते हुए , अपने सीधे लंड को पकडे हुए प्रवेश कर रहा है। धीरे से रोते हुए वह सुरखा के लिए वापस भाग गई।

हम दोनों हंस पड़े। रजनी ने कहा, 'नीरा, आज तेरी चुदाई तौ होनी ही है। प्यार से मान जा ।

जवाब देने के बजाय वह फिर मदद के लिए चिल्लाई, 'दीदी, मुझे बचाओ। बाबूजी भी मुझसे चुदवाने के लिए कह रहे हैं ।

उसके रोने के जवाब में तनु चिल्लाई, 'नीरा, मैं अभी आती हूं। घबराओ मत सब ठीक हो जाएगा ।'

इससे उसे अपना कौमार्य बचाने की उम्मीद हुई और उसने राहत की सांस ली।

तनु की आवाज सुनकर मैं हैरान रह गया। 'रजनी, क्या चल रहा है? तनु को तो हमारी योजना के बारे में कुछ भी नहीं मालूम था,' मैंने पूछा।

'आप सही कह रहे हैं लेकिन जब मैंने नीरा को नीचे सभागार में जाने के लिए बोलै तो उसे शक हुआ। मैं उससे झूठ नहीं बोलना चाहता था और मैंने सब कुछ कबूल कर लिया। चिंता मत करो सब नियंत्रण में है,' रजनी ने उत्तर दिया, 'तनु तुम्हारे लंड के आकार पर मोहित है। मुझे लगता है कि वह तुमसे चुदवाना चाहती है।'

इससे पहले कि मैं कुछ कहता तनु अपने बर्थडे सूट में ऑडिटोरियम में दाखिल हुई। जब नीरा ने देखा कि तनु भी नग्न है, तो वह पीछे हट गई और रोने लगी।

'दीदी, आप भी इनके साथ मिली हुई हो,' उसने रोते हुए कहा।



[Image: tanu.jpg]

उस दिन मैंने तनु को पहली बार नग्न देखा। उनके स्तन दिखने में जितने बड़े थे, उससे कहीं ज्यादा बड़े थे। वे बहुत कम या बिना शिथिलता के कठोर थे। उनके हल्के भूरे रंग के निप्पल जो गुलाबी लगते थे सख्त और तने हुए थे। उसके पूरे शरीर पर किसी भी तरह का एक भी धब्बा नहीं था। उसकी योनी उसके चेहरे की तरह सुंदर थी। उसकी योनि पूरी तरह से बालों से रहित थी, और एक अच्छी तरह से विकसित और सीधा कठोर भगशेफ उसकी योनी होंठों के बीच दिखाई दे रहा था।

इस नजारे ने मेरे लंड को पहले से सख्त और थोड़ा और बड़ा कर दिया। मेरे लंड से प्री-कम की एक बूंद निकली । मेरा लंड अब तनु को चोदने के लिए उत्सुक हो गया । इस समय अगर मुझे नीरा की कुंवारी चुत और तनु की परिपक्व योनी के बीच चुनाव दिया जाता तो मैं निसंकोच तनु की चुदाई के लिए चुनता।

बिना कोई जवाब दिए तनु सीधे नीरा के पास गई और उसे आगोश में लेकर उसे गले से लगा लिया। नीरा शांत हो गई और रोना बंद कर दिया। तनु ने उसके आंसू पोंछे और धीरे से बोली, 'डरने की कोई बात नहीं है। यह दिन हर लड़की के जीवन में आता है। आपको बहादुर बनना होगा। चुदाई में एक लड़की को अपनी योनि रगड़ने से कहीं अधिक आनंद का अनुभव होता है।' और हमसब नंगो के बीच में तुम इतने कपडे क्यों पहने हुए हो ?

जब तनु नीरा से बात कर रही थी, इस बीच उसने नीरा के ब्लाउज को खोल दिया और उसके स्तनों को धीरे से दबाया।

नीरा कराहने लगी ।

हम नीरा के छोटे सख्त स्तन देख रहे थे, नीरा के निप्पल ऐसे खड़े थे जैसे दो बंदूकें हमारी ओर इशारा कर रही हों। तनु ने उसका ब्लाउज उतार दिया और उसकी स्कर्ट के बन्धन खोल दिए। स्कर्ट उसके पैरों के चारों ओर फर्श पर गिर गई, जिससे उसकी कुंवारी योनी हमारी दृष्टि में आ गई। जैसा कि मैंने अनुमान लगाया कि उसने पेंटी नहीं पहनी हुई थी।



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सहज भाव से नीरा ने अपनी योनी के सामने अपना हाथ हमारी निगाहों से छिपाने के लिए रख दिया। तनु ने हाथ हटाते हुए कहा, 'अपनी चूत को क्यों छुपा रही हो । ये बहुत ही प्यारी है। देखने दे इनहैं ।

नीरा की योनी पर एक भी बाल नहीं था। उसके योनी होठों को आपस में कसकर चिपके हुए थे । नन्ही सी भगशेफ, उत्तेजना से सख्त और सीधी, उसके योनी के होठों से झाँक रही थी। तनु ने अपनी उंगलियों से नीरा के क्लिट को हल्के से दबाया। खुशी का एक छोटी सी कराह नीरा के मुह से निकल गयी ।



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कुछ मिनटों तक योनी को सहलाने के बाद, तनु ने घोषणा की, 'नीरा, अब तेरी चूत चुदाई के लिए तैयार हो गई है' और उसे बिस्तर की ओर ले जाकर लेटा दिया।

फिर उसकी टांगों को मोड़कर अलग करते हुए बोली, 'लड़कों, देखो नीरा का प्यारा सा योनि का छेद , जबकि यह अभी भी छोटा है . ।'

नीरा की चुदाई का छेद वाकई बहुत छोटा था। उसे देखने से लग रहा था कि मेरी छोटी उंगली भी उसमें प्रवेश नहीं करेगी। तनु लड़की के बगल में बैठ गई, फिर भी अपनी उंगली को योनी के होठों के बीच धीरे-धीरे घुमा रही थी। नीरा अपनी आँखें बंद करके लेट गई, हांफ रही थी और थोड़ा कांप रही थी, अपनी कुंवारी योनी लंड के हमले की प्रतीक्षा कर रही थी।

'दीपक, वहा खड़े खड़े क्या देख रहे हो ? यहाँ आओ और नीरा का कौमार्य भंग करो आओ इसकी योनि फाड़ दो ' तनु ने कहा।

इन आदेशों को सुनकर नीरा ने अपनी आँखें खोलीं। 'नहीं दीदी, दीपक साहब नहीं। उन का लौड़ा बहुत बड़ा है। बाबूजी से कहो वो मेरी चूत फाड़े, नीरा ने उत्तेजित स्वर में विनती की और उठने लगी।

तनु ने उसे बिस्तर पर पीछे धकेल दिया और हंस पड़ी, 'पगली, बेवकूफ लड़की, अगर बाबूजी ने ही तेरी चूत फाड़नी होती तो वो तेरी चूत उसी दिन न फाड़ देते जिस दिन तू यहां काम करने आई थी। नहीं ये काम दीपक साह्ब ही करेंगे।


कहानी जारी रहेगी
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#5
मेरे अंतरंग हमसफ़र -


मेरे दोस्त रजनी के साथ रंगरलिया



UPDATE 04



दीपक जी, इसने आपको बहुत तंग किया है और भगाया है इसकी चूत आप एक ही झटके में फाड़ देना ,' ये बोलते हुए तनु के होंठों पर एक क्रूर मुस्कान आयी ।

तब तक रूबी भी वहां आ गयी थी .उसे देख रजनी के चेहरे पर चमक आ गयी जो तनु से छुपी नहीं रही और उसने इशारे में रजनी को उसके पास जाने की अनुमति दे दी . रूबी को मैंने ही थोड़ी देर बाद हॉल में आने के लिए कहा था और वो अपने साथ शराब ले कर आयी और सबको जाम बना कर दिए और बोली नीरा दीपक को जितनी वों पी सके, उतनी पिलाओ और उनकी सब बात मानो"l फिर वह गयी और एक ट्रे में कुछ शराब के बोतल, केक नमकीन कुछ फल मिठाई इत्यादि ले आयीl मेरे पास आ कर, दो गिलासों में शराब डाल कर, मुझे एक छोटी बोतल देते हुए बोली मेरे कान में फुसफुसाई, "आप नीरा को शराब में इस ख़ास देसी दवा की कुछ बूंदे डाल दें और आपके गिलास में भी मैंने कुछ बूँद डाल दी है इससे आपका आनंद बढ़ जाएगाl फिर मजे करिये", और उसके बाद रजनी ने रूबी को पकड़ लिया और रजनी रूबी को चूमने लगा l



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मैं नीरा के पास पहुंचा और उसे अपनी बाहों में ले लिया। वह अभी भी डर से कांप रही थी। फिर एक टेबल को बिस्तर का पास खींचा, और नीरा को बिस्तर पर ले गयाl उसके पास बैठ कर, मैंने पहले नीरा के साथ बिना कोई स्वतंत्रता लिए,आगे धीरे- धीरे आगे बढ़ने का फैसला किया, और अपने सभी प्रयास आराम से करने का प्रयास कियाl मैं उसकी प्रशंसा करने लगा मैं उसे कहा," तुम बेहद सुन्दर हो , तुम मुझे बहुत अच्छी लगीl तुम बहुत अच्छी हो!"

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तो उसने शर्माते हुए पुछा, "आप को मुझ में क्या अच्छा लगा?", तो मैंने कहा, "तुम्हारे रस भरे ओंठ, मन करता है, बस इन्हें चूसता रहूँl"

फिर मैंने धीरे से उसके ओंठों पर अपने ओंठ रख दिए, और मैंने उसके रस भरे ओंठों पर चुम्बन कर दियाl मैंने उसके चेहरे, उसकी आँखों और मुँह को बहुत कोमलता से चूमा। इससे वह थोड़ी शांत हुई। ऐसे ही उसकी तारीफ करता रहा, और उसका पूरा चेहरा, गाल, नाक, माथा, और आँखे, धीरे-धीरे सब चूमते-चूमते चाट गया


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मैंने नीरा को शराब का गिलास दिया, तो वह बोली मैं शराब नहीं पीती, तो मैंने उसे एक घूँट पीने को कहा तो उसने पी लीl

नीरा बोली अब आप पीओ, तो मैं पहले शराब का घूँट भरता फिर अपने होंठ उसके ओंठों से लगा कर, उसे अपने ओंठों से शराब पिलाने लगाl इस तरह मैंने उसको कुछ गिलास शराब पिलाई और उसके साथ मैंने ख़ुद भी शराब पीl

कुछ देर बाद ख़ास उत्तेजक दवा और दारू का दोनों पर असर हो गयाl अब वो थड़ी खुलने लगीl
मैंने उसकी कमर और गर्दन के चारों ओर अपनी बाँहों को रखा, और उसकी छाती को अपने छाती के पास दबाने लगा, और एक हाथ उसकी छाती पर फिराते हुए, उसके मुलायम बदन को महसूस करने लगा, और उसके गोल-गोल बूब्स को सहलाने लगाl




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फिर मैंने उसके खड़े निपल्स को चूमा और चूसा। फिर मसला दबाया, और चूस-चूस कर दोनों स्तन लाल कर दिए l वाह! क्या गोल सुडौल स्तन थे नीरा जोर-जोर से चिल्लाई। अब मैंने अपना ध्यान उसकी योनि की ओर लगा मैंने अपना हाथ उसकी जाँघ पर तब तक सरकाया, जब तक कि मेरी उंगलियाँ उसकी कुंवारी चुत के द्वार पर नहीं पहुँच गई। उसके मुँह से इस्सस! निकली और मेरे ओंठ जोर से चूमने लगी.

नीरा की चूत बिलकुल सफाचट थीl बालों का नामों निशान नहीं था, बिलकुल मुलायम, चिकनी और नरमl जब मैंने हाथ फिराया, पहले मैंने उसे किस किया और फिर उसे अपने होठों के बीच ले जाकर चूसा। 'ओह, यह प्यारा लगता है,' नीरा जोर से कराह उठी।



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मैंने उसकी योनि के होंठों के बीच उँगली की नोक डालते हुए, उसकी चूत के दाने को ढूँढ लियाl मैंने उसे इतनी अच्छी तरह से छेड़ा कि वह अपनी जगह पर उछलने लगी, और बोली अब इंतज़ार नहीं होता प्लीज अब कुछ करोl मैं इसे अब बर्दाश्त नहीं कर सकती । मेरा लंड फुल टाइट हो गया था।

मेरी आँखे के सामने नीरा के गोल सुदृढ़ सुडौल स्तन, गोरा कमसिन बदन, पतली बल खाती कमर, सपाट पेट, तीखे नैन नक्श, मीठी आवाज़, चंचल आँखे, गुलाबी होंठ, लम्बे काले बाल, नरम चूतड़ और तीखी नाक, बड़े गोल नितम्ब, लंबी सुगढ़ टाँगे और सुन्दर हाथ, सब कुछ बेहद सुन्दरl पूरा शरीर सांचे में ढला हुआ था. उसके गोल बूब्स को मैं दबाने लगा, तो कभी चूमने लगा, फिर उसके निपल्स को मुँह में ले कर चूसने लगाl उसे इस हालात में देख कर मैं सब भूल कर उसे जोर से काटने लगा तो वह ओह! आह! करने लगीl



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उसकी ऐसे हालत देख मेरे भी लंड का तनाव इतना ज्यादा हो गयाl मैंने उसे पकड़ कर अपने शरीर से चिपका लियाl मैं उसका पूरा बदन महसूस कर रहा थाल दवा का असर नीरा पर हो रहा था और वो भी अब कामाग्नि में जल रही थी l मैंने अपने हाथों से उसे अपने छाती पर दबायाl उसके स्तन कठोर हो मेरी छाती में चूभ रहे थेl उसने भी अपने हाथों से मेरी पीठ को अपने स्तनों पर दबा दिया थाl तो मैं उसकेओंठों की किश करने लगा और मेरे हाथ उसके उसकी कमर पर फिसलते हुए रोज़ी के नितंबो की अपनी और दबाने लगेl ऐसा लग रहा था दोनों एक दूसरे में समां जाना चाहते होल

आकर्षित, उससे चिपका हुआ उसके नग्न शरीर को महसूस करते हुए मैंने उसे प्यार भरे चुंबन कियेl मैं पूर्ण उन्माद में थाl

दीपक, वहा खड़े खड़े क्या देख रहे हो ? नीरा का कौमार्य भंग करो ' तनु ने कहा।

उसके शरीर को मेरा करने के लिए, मैंने कांपती हुई नीरा को अपनी बाँहों में उठाया और उसे बिस्तर पर ले गया।



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मैंने आराम करने के लिए एक तकिया उसकी शानदार गोल गांड, नितम्बो के नीचे रखकर लेटा दिया। मैंने उसकी जाँघों को चौड़ा किया और लंड पूरा खड़ा था तो उसने एक बार अपना हाथ लंड पर फेरा, तो लंड जैसे उसके हाथ के छुअन से पूरा भड़क गयाl

दूसरी तरफ रजनी रूबी को चूमता हुआ उसके स्तन दबा रहा था .

नीरा बोली आपका लंड तो काफ़ी बड़ा है मेरी चूत फट जायेगी तो मैंने कहा 'चिंता मत करो, मुझे मैंने तुम्हारे जैसी कई लड़कियों का कौमार्य भंग किया है। सभी सुरक्षित हैं और सबने उसके साथ चुदाई का आनंद लिया है और लेने को लालायित रहती हैं । चाहे तो रूबी से पूछ लो इसकी बहन रोजी की योनि मैंने सबसे पहली फाड़ी थी । '

अपना नाम सुन कर रूबी पास आयी और बोली नीरा चिंता मत करो थोड़ा सा दर्द होगा फिर तुम्हे दीपक के साथ चुदाई में बहुत मजा आएगा .

तनु अधीर हो रही थी, उसने कहा, 'दीपक जी , चूमा चाटी बहुत हो गयी अब नीरा की कोरी चूत एक झटके से फाड़ दो।'

मैं तनु की बात मानने के लिए आगे बढ़ा और नीरा के ऊपर चढ़ गया और नीरा की चुत के छोटे से प्रवेश द्वार और चूत को हाथो से सहलाया चूत के दाने को लंड से मसला, फिर उंगलियों की मदद से योनि के ओंठो को फिर अलग किया, तो रूबी ने भी हाथ से मेरा लंड पकड़कर उसे नीरा की चूत के छोटे से छेद अपने लंड को जोर से लगा दिया। तनु ने फिर दोहराया, 'याद रहे दीपक, एक झटके से।

मैंने नीरा को मजबूती से पकड़ लिया और जोर से धक्का दिया। 'आयआयययययययीईईईईई दीदी बहुत दर्द हो रही है यह इतना बड़ा नीरा चिल्लायी मेरा लंड उसके कुंवारी योनि के अंदर गया और उसकी कौमार्य की सुरक्षा कर रही झिल्ली को बीच से फाड़ कर लंड चूत के झिली को चीरता हुआ नीरा का कुंवारापण भंग करता हुआ अंदर चला गयाl और अपने आप को उसके अंदर गहराई से दर्ज कर दिया और जिसके कारण अब वो अब वो कुंवारी नहीं रही थी । इस तरह नीरा की चूत की गुफा में मेरे लंड के लिए रास्ता बन गया थाl मैंने थोड़ा-सा लंड पीछे किया और फिर एक ज़ोर दार शॉट लगा कर पूरा लंड जड़ तक अंदर पैबस्त कर दिया

नीरा ने मुझे हटाने को कोशिश की लेकिन मैं उसके लिए बहुत अनुभवी और उससे अधिक ताकतवार था । वह हो रहे दर्द के मारे, रोती चीखता और जोर से चिल्लाती हुई अपने दांतों के बीच बिस्तर की चादर रखते हुए, इस दर्द को सहने का पूरा प्रयास कर रही थी. उसने चेहरे से ही लग रहा था कि उसे बहुत दर्द हो रहा हैl मैंने नीरा को धीरे-धीरे चूमना और सहलाना शुरू कर दिया, तनु ने मेरे नितम्ब दबा कर मुझे चुदाई जारी रखने का इशारा किया और फिर मैं अपना लंड उसकी योनी के अंदर और बाहर पंप करता रहा। तनु ने नीरा का हाथ अपने हाथ में लिया और उसे आश्वस्त करते हुए उसे दबाया।

कहानी जारी रहेगी




    1. मजे - लूट लो जितने मिले
    2. मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ
    3. अंतरंग हमसफ़र
    4. पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ एक नौजवान के कारनामे
    5. गुरुजी के आश्रम में सावित्री
    6. मेरे अंतरंग हमसफ़र - मेरे दोस्त रजनी के साथ रंगरलिया
    7. छाया - अनचाहे रिश्तों में पनपती कामुकता एव उभरता प्रेम-completed 
    8. दिल्ली में सुलतान V रफीक के बीच युद्ध- completed

  1.  

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#6
मेरे अंतरंग हमसफ़र -

मेरे दोस्त रजनी के साथ रंगरलिया

UPDATE 05




' आयआयययययययीईईईईई! ओह्ह! दीदी बहुत दर्द हो रही है नीरा चिल्लायी मैंने तनु की तरफ देखा। उसकी आँखों में चमक थी, उसका चेहरा उत्साह से दमक रहा था। उसके होठों पर एक क्रूर मुस्कान थी। जाहिर तौर पर उसने नीरा की दर्द भरी चीख-पुकार का आनंद लिया था। मैंने महसूस किया कि उसके अंदर एक सैडिस्ट स्ट्रीक है।

मैंने नीरा की चूचियाँ पकड़ लीं।

तनु हँसते हुए बोली-दीपक आराम से करो और आज इसका पूरा मज़ा ले लो!

नीरा ने एक कामुक अंगड़ाई ली और बोली-उसकी दोनों संतरे जैसी चूचियाँ बाहर आ गई थीं जिन्हें मैं पागल की तरह दबाने लगा।





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तनु मुझे रोकते हुए बोली-इतने उतावले क्यों हो रहे हो? लो, साथ-साथ मेरे चुचूकों को चूसो! और मेरे मुँह में अपनी चूची की घुण्डी घुसा दी। एक बच्चे की तरह मैं उसकी चूची चूसने लगा। उसकी चूची चूसने में मुझे मज़ा आ रहा था। मैं उसकी चूची पीते-पीते उसके चुचूक पर काट रहा था और हाथो से नीरा की चूचिया दबा रहा था और साथ में मैं अपना लंड उसकी योनी के अंदर और बाहर पंप करता उसे चोद रहा था। मैंने अपने दोनों हाथ उसकी चूचियों पर टिका दिए और उसके सुन्दर हलके भूरे चुचूक नोच और मसल रहा था। उसकी चूत मेरे लण्ड के झटके खा रही थी, तनु मज़े लेते हुए नीरा का हाथ सहला रही थी। तनु ने मेरा सर अपनी चूचियों में छिपा लिया मैंने उसकी चूचिया चाटने और चूसने लगा और-और वह दुसरे हाथ से मेरे बाल सहलाने लगी।

उधर रजनी पूरा सीन देख कर मुठ मार रहा था उससे बर्दाश्त नहीं हुआ नंगी नीरा और तनु उसके लण्ड में आग लगाए हुई थी। उसका लण्ड पूरा टनटना रहा था।





[Image: 4s1.jpg]

रजनी पलंग पर बैठा और तनु के मुँह पर अपना लण्ड लगा दिया। तनु ने बड़े प्यार से धीरे-धीरे 3-4 बार रजनी का लण्ड चूसा और उसके लण्ड के अग्र भाग पर जीभ फिराने लगी। रजनी की उत्तेजना चरमसीमा पर थी, उससे रहा नहीं जा रहा था, वह बोला-तनु अब चूत मारने दो! अब रहा नहीं जा रहा है।

तनु मुँह से लण्ड निकालते हुए बोली-मरे पति देव, मेरे राजा मेरी चूत तो आपकी गुलाम है। लो राजा मार लो! तनु अभी भी नीरा का हाथ पकडे हुए थी और नीरा के बगल में लेट गई और चिल्लाई, 'रजनी, मुझे चोदो। मेरी चुत राहत जल्दी दे। मुझे इतना चोदो जितना तुमने मुझे पहले कभी नहीं चोदा।' रजनी ने बिना देर किये उसकी कमर पकड़ कर उठाया और एक तेज झटके में लण्ड को चूत में दे मारा, सफलता मिली और लण्ड चूत में था। तनु बोली वाकई एक अनोखा मज़ा आया! और रजनी ने तनु के चूतड़ पकड़ लीये और उसे तेज स्ट्रोक के साथ चोदना शुरू कर दिया।

अब मैं एक तरफ नीरा के ऊपर चढ़ा हुआ था। और दुसरे तरफ रजनी खड़ा हुआ तनु की चूत में लंड घुसा कर उसे चोद रहा था और मैं नीरा की चूची दबाते हुए और तनु की चूचिया चूसते हुए नीरा को चोद रहा था।

रजनी की चुदाई के प्रहार की लय में तनु की टाँगें हिल रही थीं और साथ में मेरी चुदाई की ले में नीरा का पूरा बदन हिल रहा था। ' अहह ओह्ह हाय! मुझे चोदो रजनी और जोर से। दीपक, उसे और तेज चोदो। आह मजा आ गया! आह नीरा! मेरी तरह से अपने चूतड़ हिलाओ वह चिल्लायी और साथ में अपनी चूतड़ ऊपर को उछालने लगी नीरा ने तनु की हरकतों को देखा और अपने कूल्हों को वैसे ही हिलाने लगी जैसे तनु ने उसे निर्देशित लिया था।

तनु नीरा को चूतड़ हिलाते और उछालते देख चिल्लाई, ' ओह्ह्ह! नीरा, कैसा लग रहा है? मजा आ रहा है इसका आनंद लो!


[Image: 4s2.jpg]

अहह दीदी, बहुत अच्छा लग रहा है नीरा चूतड़ उछाल कर कराहते हुए बोली। हांफते हुए गुरु और मैं अब उन्हें सिंक्रोनाइज़्ड स्ट्रोक से चोद रहे थे और वह दोनों उसी तरह अपने चूतड़ उछाल-उछाल कर चुदवा रही थी।

थोड़ी देर में हम चारो पूरे मज़े ले रहे थे, नीरा चिल्ला रही थी-ऊह आह! मज़ा आ गया! क्या मेरी चूत मारी है दीपक जी आपने! आज से आप मेरी चूत का राजा बन गए हो! सच अब आपसे चुदने का मज़ा आ रहा है! चोदो मेरी चूत को! साली बहुत तंग करती है। मैं भी जोर-जोर से नीरा को चोदने में लगा हुआ था।

पाँच मिनट की तुज चुदाई के बाद तनु चिल्लाई, 'रजनी मैं झड़ने वाली हूँ, मुझे और तेजी से चोदो'। मैं भी आने ही वाला था और महसूस किया कि नीरा भी अपने चरमोत्कर्ष पर है। रजनी भी चरम के आस पास ही था। 'चलो हम सब एक साथ करते हैं,' मैं चिल्लाया।

'हाँ, चलो,' रजनी ने उत्तर दिया।

कुछ और झटके के बाद, हम चारों एक साथ जोर से झड़ गए, 'आआह्ह्ह' और उस अनुभूति का आनंद लेते हुए निष्क्रिय पड़े रहे जिसे हमने अभी-अभी अनुभव किया था। मैंने नैपकिन ले कर नीरा की चूत और लंड पर लगे खून के साफ़ किया। नीरा भी मुझसे चिपक गई। चिपके-चिपके हम एक दूसरे की चूची, चूत चुचकों और लण्ड से खेल रहे थे। मैं नीरा को चिपकाते हुए बोला-नीरा रानी, तुमने मस्त कर दिया!

नीरा ने मेरे हाथ अपने हाथो से पकड़ के अपने बूब्स पर रख लिए और खुद ही नीचे हाथ डाल के मेरे लौड़े को अपने हाथो से पकड़ के मसल रही थी।


कहानी जारी रहेगी




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#7
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UPDATE 06



'ओह रजनी, तुम बहुत अच्छे हो । मैं इस तरह पहले कभी नहीं झड़ी , 'तनु ने हांफते हुए कहा।

हम दोनों लड़कियों की योनी से हट गए और वीर्य से टपकते अपने लंड के साथ खड़े हो गए। तनु ने रजनी को उसकी ओर इशारा किया और उसका लंड तब तक चूसा जब तक कि वह फिर से खड़ा नहीं हो गया। उसकी देखा देखि नीरा भी मेरा लंड और वीर्य चाट गयी .

' रजनी, अब नीरा को चोदो और अपनी पुरानी इच्छा पूरी करो, 'तनु हंस पड़ी।

रजनी नीरा के पास गया जो फिर से अपनी आँखें बंद करके बिस्तर पर लेटी हुई थी। रजनी ने उसकी टखनों को पकड़ लिया और अपने पैरों को अपने कंधों पर रखकर अपना लंड उसकी चुत में ठोक दिया। नीरा हैरान रह गई।

'आयआयययययीईईईईईईई ', वह जोर से चिल्लाई। तनु की आँखों में फिर से एक जंगली चमक नज़र आ गई। उसने मुझे मेरे लंड से पकड़ लिया और मुझे अपने पास खींच लिया। बस उसके स्पर्श ने मेरे लंड को फिर से खड़ा कर दिया ।

'दीपक, अब जितना हो सके मुझे चोदो,' तनु चिल्लाई।

मैं इस पल का सालों से इंतजार कर रहा था। " उसने मुझे ऊपर से नीचे तक देखा और अपने होंठों पर जीभ फ़िरायी।

तनु ने मुझे खींच कर अपने सीने से लगा लिया और मेरे होंठों पर अपने गुलाबी नरम होंठ रख दिये। मेरी जीभ उसके होंठों को एक दूसरे से अलग कर तनु के मुँह में प्रवेश कर गयी। मैं इसके मुँह का कोई कोना अपनी जीभ फिराये बिना नहीं छोड़ना चाहता था। एक हाथ से मैं उसके बदन को अपने सीने पर भींचे हुए था और दूसरे हाथ को उसकी पीठ पर फेर रहा था। अचानक मैंने उसके चूत्तड़ों को पकड़ कर जोर से दबा दिया और अपने से सटा लिया। मैंने लंड को उसकी चूत के ऊपर सटा हुआ दिया । उसने मुझे पल भर के लिये छोड़ा मैंने उसके दोनों बूब्स को पकड़ कर जोर से मसल दिया। इतनी जोर से मसला कि उसके मुँह से "आआआआहहहह" निकल गयी। और निप्पलों को पकड़ कर जोर-जोर से मसलने लगा। "ऊओफफफफ प्लीज़ज़ज़.... प्लीज़ धीरे करो” तनु ने दर्द से तड़पते हुए कहा।

फिर मैं उसकी एक छाती को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा , मैं उसके शरीर के नीचे के हिस्सों पर हाथ फिरा रहा था। कभी उसके चूत्तड़ों पर चिकोटी काटता तो कभी चूत के ऊपर हाथ फेरता। फिर ,मैंने एक झटके से अपनी दो मोटी-मोटी अँगुलियाँ उसकी चूत में डाल दीं और तनु को चिहुँक उठने को मजबूर कर दिया। उसकी चूत बिलकुल गीली थी पहली बार मैं उसके बदन से खेल रहा था वो पहले से गर्म थिए और अब उसका और भी शरीर गरम होने लगा।

मैंने उसे बिस्तर पर पटक दिया और चूत के होंठों के बीच लंड की सटा दिया . फिर मैंने धीरे -धीरे तनु की चूत पर दबाव डाला। मगर मेरा लंड इतना मोटा था कि अंदर ही नहीं घुस पा रहा था। उसकी चूत से बह रहे रस और कुछ गुरु के रस से वो जगह चिकनी हो रही थी। दबाव बढ़ता गया मगर बार-बार लंड फ़िसल जाता था।

"तेल लाऊँ" रूबी जो सब देख रही थी उसने पूछा। " तेल लगाने से तो आराम से अंदर चला जायेगा। फिर क्या मजा आयेगा। मैं तो इसे भी चींखते हुए देखना चाहता हूँ।" मैंने बिस्तर की चादर से तनु की चूत को साफ किया । एक अँगुली में चादर का कोना पकड़ कर चूत के अंदर भी साफ़ कर दिया। अब तनु की चूत सूखी हो गयी। इस बार अपनी अँगुलियों से चूत के मुँह को फैला कर अपने लंड के टोपे को वहाँ लगाया और अपने शरीर का पूरा वजन तनु के ऊपर डाल दिया। अब लंड मेरी चूत के दीवारों को छीलता हुआ अंदर जाने लगा। तनु जोर-जोर से चींखने लगी "ओह्हहहह उहहहहऊऊऊऊऊ..... माँआआआआआ... मर गयीईईईईईई मुझे कोईईईईईई बचाओओ ऊऊऊऊऊऊऊहहहहह नहींईंईंईंईं!" मैंने उसे उसे चोदना शुरू कर दिया था ।

'ओओओओ , वह कराह उठी, दीपक, तुम्हारा बहुत बड़ा है । मुझे ऐसा लग रहा है जैसे तुम फिर से मेरी सील फाड़ रहे हो ।'

मेरा लंड इतना मोटा था कि तनु की चूत की चमड़ी मेरे लंड पर चिपक सी गयी थी। कुछ देर तक इसी तरह रहने के बाद जैसे ही मैं अपने लंड को बाहर खींचने लगा तो तनु छटपटाने लगी। मैंने देखा कि रजनी नीरा को चोद रहा था । फिर मैं तेज-तेज धक्के मारने लगा। उसके हर धक्के से तनु की जान निकल रही थी। लेकिन कुछ ही देर में दर्द खतम हो गया और मुझे भी मजा आने लगा। तनु भी नीचे से अपनी कमर उछालने लगी। आधे घंटे तक इस तरह से चोदता रहा। इस बीच तनु एक बार झड़ गयी ।

मैं भी तेजी से आगे बढ़ने लगा और जल्द ही तनु चिल्ला उठी, ' चोदो !जोर से करो ! बहुत अच्छा है। मुझे तेज तेज चोदो'।

हमारे स्ट्रोक की लय में दोनों लड़कियों के कूल्हे हिलने लगे। देखने लायक नजारा था। जल्द ही तनु फिर से झड़ गई और जोर से चीखने लगी 'दीपक, मैं गई ! कंमींणणगगगगगग '।

लेकिन अगले पाँच मिनट में मेरा बदन सख्त हो गया।मेरे हाथ उसकी चूँचियों पर गड़ गये। मैंने उसके निप्पलों को पकड़ कर अपनी और खींचा। वो मेरे सीने पर लेट गयी। मैंने उसके होंठ पर अपने होंठ रख दिये और कुछ और झटके के बाद मैंने तनु की योनी में अपना बीज डाल दिया और गर्म गर्म धार उसके अंदर मार दी अब हम दोनों एक दूसरे से लिपटे लेटे हुए थे। मेरा पूरा बदन पसीने से भीगा हुआ था।

मैंने देखा कि दोनों रजनीकान्त और नीरा भी झड़ चुके थे और झड़ने के बाद जोश से एक दूसरे को किस कर रहे थे।

जल्द ही हम बिना किसी रोक-टोक के लड़कियों के अंगो को छेड़ने लगे और कुछ जलपान के लिए बार की ओर चल पड़े।

रजनी ने उसे ड्रिंक ऑफर की।

मैंने पहले कभी नहीं पी कहकर नीरा ने ऑफर ठुकरा दी तो उसे जूस का गिलास पकड़ा दिया ।

मैंने कहा तनु तुम में सैडिस्ट स्ट्रीक है

'तुम सही हो दीपक । मैं खुद हैरान हूं। मुझे खुद इसके बारे में पता नहीं था। जब नीरा चिल्लाई तो मेरी चूचियां गर्म हो गयी थी । जब रजनी ने मुझे चोदा और मैं ऐसे झड़ी जैसे मैं पहले कभी नहीं झड़ी थी ' मेरा तुमसे चुदने का कोई इरादा नहीं था, लेकिन जब रजनी ने अपना लंड नीरा की चुत में घुसा दिया और जब वह फिर से चिल्लाई, तो मैं अपने आप को नियंत्रित नहीं कर पायी और मुझे तुम्हे तुरंत चोदने के लिए आमंत्रित करना पड़ा 
'

'यह मेरी खुशकिस्मती है की मैं तुम्हे चोद पाया । दरअसल जिस दिन से मैंने तुम्हें पहली बार देखा था, उसी दिन से मैं तुम्हें चोदना चाहता था। आज न केवल रजनी की इच्छा पूरी हुई है, बल्कि मेरी भी पूरी हुई है, 'मैंने मुस्कुराते हुए कहा।

तनु हंस पड़ी, 'हां, मैंने हमेशा महसूस किया था कि तुम मुझे चोदना चाहते हो।

'सच ?' मैं हँसा।

'दीपक, तैयार हो जाओ तुम्हें अभी नीरा की गांड भी चोदनी है,' तनु ने कहा।

'तनु, वह इंतजार कर सकती है। आज के लिए नीरा को चुत चुदाई का मजा लेने दो ,' रजनी ने कहा।

' हां, सही है। मैं किसी भी दिन नीरा की गांड चोद दूँगा ' मैंने कहा। नीरा कृतज्ञता से मुस्कुरा दी ।

नीरा को मैंने अपना लंड चूसने को कहा उसने तुरंत मान लिया। मेरे बाद उसने रजनी का भी लंड चूसा। उसने बिना किसी बड़बड़ाहट के हमारा वीर्य निगल लिया। रुचि ने पूछा, 'कैसा लगा?

वह मुस्कुराई और बोली, 'अच्छा था। दीदी! आप की चूत चाटू ?

ठीक है नीरा , अब तू अपनी दीदी की चूत चाट! मैंने कहा। तनु आपने राधा की जीभ देखी है? बहुत ही मजा आएगा एक बार चटवा कर देखो । नीरा ने अपनी जीभ बाहर निकाल ली। उसकी जीभ पतली और बहुत लंबी थी . मैंने तनु से कहा कि बहुत सी औरतें इस की जुबान के लिए सब कुछ दे देंगी . तनु मेरी बात मान कर इसे आजमाने के लिए तैयार हो गयी । वह लेट गई नीरा बिस्तर पर उसके घुटनों के बल तनु की टाँगों के बीच झुकी और उसकी चुत चाटने लगी । मिनटों में तनु खुशी से कराहने ने लगी और नीरा के सिर पर हाथ रखकर उसे उसके सुख स्थलों की ओर निर्देशित करने लगी ।


नीरा ने तनु की चुत में अपनी जीभ डाली। तनु जोश से पागल हो गई और चिल्लायी , दीपक ये यहाँ महीनों से है और मैंने ऐसा पहले क्यों नहीं किया इसकी जीभ तो बहुत मजे देती है ।


यह नजारा देखकर और सुनकर रजनी और मेरा लंड खड़ा हो गया। ' भाई नीरा को चोद दे । ' मैंने नीरा के चूत की ओर इशारा करते हुए कहा। रजनी ने तुरंत पीछे से उसकी चूत में लंड घुसा दिया और जब हो ऊपर हुई तो मैंने तनु की चूत में लंड घुसा डाला और जब तक मैंने समाप्त किया, तनु कई बार झड़ चुकी थी। 'बस, अब और नहीं ! मैं मर जाऊंगी,' रुचि ने हांफते हुए कहा।

तनु और रजनीकांत अपने कमरे में चले गए और साथ में रूबी को भी ले गए क्योंकि तनु ने तो बस कर दी थी और मैं नीरा को अपने साथ ले गया। हमने सोने से पहले एक बार और चुदाई की और रजनी ने सोने से पहले रूबी को एक बार चौदा ।


कहानी जारी रहेगी







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#8
मेरे अंतरंग हमसफ़र -

मेरे दोस्त रजनी के साथ रंगरलिया

UPDATE 07

रजनीकांत और तनु द्वारा संचालित अकादमी





अगले दिन सुबह कमरे में तनाव का माहौल था क्योंकि शीना कल गर्मी की छुट्टियों में गुडलक अकादमी में जा रही थी, जो की युवा लड़कियों के लिए एक विशेष ग्रीष्मकालीन स्कूल है। गुडलक अकादमी, लखनऊ में मेरे मित्र रजनीकांत और उनकी पत्नी तनु द्वारा संचालित है। यह सबसे प्रतिष्ठित संस्थान है जिसका काम युवा लड़कियों को त्रुटिहीन शिष्टाचार पूर्ण व्यवहार के लिए प्रशिक्षित करना था।

शीना के पिता कबीर सिंह को पता था कि गुडलक में छुट्टिया बिताने के विचार से उनकी लड़की कितनी नफरत करती थी, लेकिन उनकी पत्नी नाज़नीन बहुत जिद कर रही थी कि शीना वह प्रक्षिशण ले। कबीर पंजाबी मूल का एक बांका सुंदर युवक था और नाज़नीन अपने तीसवें दशक के मध्य में लंबे काले बालों और बड़ी बैंगनी आँखों वाली एक असाधारण रूप से सुंदर महिला थी और इन दोनों के युवा दिनों में मिलन ने एक शानदार सुंदरी पैदा की और उन्होंने उसका नाम शीना रखा।

नाजनीन जो एक शानदार सामाजिक और राजनीतिक महिला थी लगातार शीना को उसकी इच्छा के विरुद्ध धकेल रही थी। अपनी सामाजिक और राजनीतिक महत्त्वाकांक्षा के लिए उत्साह में, उसने अपने पति की यौन जरूरतों को काफी सालो से पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया था और परिणामस्वरूप, कबीर हाल के वर्षों में अपनी शारीरिक जरूरते अपनी सचिव और नाजनीन की सहेलियों और राजनीतिक सेविकाओ से पूरी कर रहे थे।

शीना अभी कुछ दिन पहले 18 साल की हुई थी और अपनी अंतिम स्कूली परीक्षा देने के बाद अपने परिणामों की प्रतीक्षा कर रही थी। उसका अपनी माँ के समान सुंदर मनमोहक युवा शरीर था। वह वहाँ खड़ी एक छोटी गुड़िया की तरह लग रही थी, उसका नग्न मांस रोशनी के नीचे चमक रहा था। वह लंबी, कॉम्पैक्ट और खूबसूरती से गठित थी। उसके स्तन बड़े अनार के आकार के थे और बड़े सख्त निपल्स उसके चमकते मांस से पूरी तरह से बाहर निकल रहे थे।

"जी, मॉम," शीना ने आह भरी। "काश मुझे कल उस बेकार जगह पर नहीं जाना पड़ता।"

"यह एक बेकार जगह नहीं है," उसकी माँ ने जोर देकर कहा। "सभी बेहतरीन परिवारों की लड़कियाँ उसमे जा पाती हैं और किसी दिन आप हमें ऐसा शानदार अवसर देने के लिए धन्यवाद दोगी।" आपको मालूम होना चाहिए आपके लिए मुझे नवाब साहब से सिफारिश करवानी पड़ रही है और आप उसे बेकार जगह कह रही हैं?

गुडलक अकादमी केवल तीन घंटो की ड्राइव की दूरी पर थी अगली दिन शीना को माँ कार में बिठा कर ले गयी

शीना उस जगह से बहुत प्रभावित नहीं हुई थी। पेड़ों के झुरमुट में, इमारतें लंबी संकरी खिड़कियों के साथ सुनहरे पत्थर से बनी थीं जो की राजस्थानी स्थापत्य कला से निर्मित था व्यापक लॉन और घुमावदार रास्तों के साथ मैदान विशाल थे जिसे देख आकर नाजनीन ने उनकी तारीफ शीना से की तो शीना बोली ये मुझे किसी जेल की तरह लगता है

ड्राइवर ने जब कार पार्क कर दी तो शीना की माँ उसे प्रशासनिक भवन की ओर ले गई, शीना ने उन छात्रों का अध्ययन किया जो मैदान में टहल रहे थे। लड़कियों ने छोटी गुलाबी स्कर्ट और सफेद ब्लाउज पहने हुए थे जो स्पष्ट रूप से स्कूल की वर्दी थी।

वह और शीना जब स्कूल की बिल्डिंग में दाखिल हुईं और उन्हें निदेशक के कार्यालय में भेज दिया गया। नाज़नीन और उसकी बेटी दोनों ही बिल्डिंग की साज सज्जा और कला और फिर डेस्क के पीछे बैठे निदेशक से प्रभावित हुए। युवा निदेशक काले घुंघराले बालों के साथ श्याम रंग का था और उसकी एक गहरी भूरी आँखें थीं उस पर सुंदर लग रही थीं। कमरे में अभिनेता रजनी कान्त के फोटो सजे हुए थे

"मैं रजनीकांत हूँ," वह मुस्कुराया, नाज़नीन और उसकी बेटी का अभिवादन करने के लिए अपनी कुर्सी से उठा। "मैं स्कूल निदेशक हूँ।" उन्होंने अभिनेता रजनीकांत की कुछ शैलियों की नकल की।

वाह! अभिनेता रजनी कांत ये देख शीना प्रसन्न हो गयी । शीना को रजनीकांत का मन्नेरिस्म पसंद आया

"आप को कौन नहीं जानता, मिस्टर कांत," नाज़नीन ने मुस्कराते हुए कहा, उस आदमी की उपस्थिति और मन्नेरिस्म से विधिवत प्रभावित हो कर बोली। "मैं... नाज़नीन सिंह और यह मेरी बेटी शीना है, जो इस गर्मी आपके स्कूल में रहेगी।"

"और कितनी प्यारी युवती है," वह शीना पर मुस्कराया। "अब कृपया बैठ जाइए और मैं रजनी कान्त हूँ और मेरे इष्ट हैं एक्टर रजनीकांत।"

सुश्री सिंह मुझे आपको और आपकी बेटी को निराश करने के लिए बहुत खेद है, लेकिन हमारी सभी सीटें न केवल इस साल के लिए बल्कि अगले साल के लिए भी भरी हुई हैं।

महोदय, यह मेरी बेटी के प्रवेश के लिए सिफारिश पत्र है उसने हमारे प्यारे "नवाब फैसल खान हैदराबाद" जो की हमारे प्यारे दोस्त "आमिर खान हैदराबाद" के पिता का लिखा एक पत्र तैयार रजनीकांत को पकड़ा दिया । आपको उसे किसी तरह से मेरी बेटी को एडजस्ट करना होगा।

रजनी उठा तो नाजनीन और शीना भी आदर स्वरुप उठ कड़ी हुई और उसने एक चक्कर लगाया एक फाइल निकाली और वापस अपनी सीट पर आ गया। इस पूरे समय वह शीना को ताड़ता रहा और उसका लंड कुछ कठोर हुआ और उसने उसे थोड़ा एडजस्ट किया, शीना बहुत सुंदर गोरी और लंबी थी, उसका बदन अच्छी तरह से निर्मित था, लेकिन उसके फ्रेम पर कही कोई फ़ालतू चर्बी नहीं थी। उसका पेट पतला और नरम था, जो शीना की आकर्षक लम्बी टांगो में खो गया था। उसकी टाँगे लम्बी थी और जिसे उसने पैर रखे हुए थे उससे स्पष्ट था कि वह डांसर के पैर हैं। उसकी आँखें बड़ी और गहरे भूरे रंग की थीं।

रजनी ने ये भी नोट किया कि इस युवती के युवा अनछुए स्तन कितने ऊंचे, दृढ़ और सुडौल थे। और शीना के एकदम सही आधे खरबूजे के आकर के स्तन उसकी छाती पर सर उठा कर आराम कर रहे थे और उसके निप्पल खड़े थे। वह उसकी बिना बाजू की सफेद शर्ट में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे थे और उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी क्योंकि उसके स्तनों को सहारे की कोई जरूरत नहीं थी।

उसकी छोटी टॉप से उसकी कमर और नाभि देख रही थी जो इस तरफ इशारा कर रही थी की उसकी गांड चिकनी थी, और कमर और गांड के बीक रोमांचक कर्व्स स्पष्ट थे उसके बाल लंबे सुनहरे और घने थे और उसकी पीठ के नीचे उसके नितम्बो को छू रहे थे और हर संभव कोण से उसके नंगे चमचमाते शरीर को सुशोभित कर रहे था। रजनी उसे बार-बार देखना चाहता था ।

उन्होंने कहा कि सुश्री सिंह आपको ऐसे व्यक्ति द्वारा अनुशंसित किया गया है जिसे मैं मना नहीं कर सकता तो मुझे देखने दो कि आपकी बेटी को कैसे इस सत्र में समायोजित किया जा सकता है।

रजनी मेरा दोस्त था और लखनऊ के एक सफल व्यवसायी का लम्बा, पतला और सुन्दर पुत्र था जिनका दिल्ली में भी घर था। कॉलेज में पढ़ाई से ज्यादा वह लड़कियों के पीछे लगा रहता था। लड़कियाँ भी उसे पसंद करती थीं। वह पैसे और मस्ती से भरा और हमेशा ही दिलफेंक था। लड़कियों उसे उसके लुक्स और मनेरिज्म के लिए पसंद करती थी और वह उन पर काफी पैसा भी खर्च करता था।

हम सब दोस्त उसे रजनी कहते थे। क्योंकि वह फिल्मस्टार रजनीकांत के बहुत बड़ा प्रशंसक है और उनकी तरह ही दीखता है लेकिन उसकी चमड़ी का रंग अभिनेता रजनीकान्त से काफी बेहतर था और स्कूल में नाटको में अक्सर उनकी नकल करता था और हमने अपना हाई स्कूल दिल्ली से एक साथ किया था।

अपने रोमांटिक और दिलफेंक मिजाज के बावजूद कॉलेज के दिनों में , वह तान्या (तनु) नामक एक लड़की के साथ रोमांस कर रहा था। तनु पास के गर्ल्स कॉलेज की छात्रा थी। तनु बहुत सुंदर, 5' 5" लंबी, छरहरी, पतली और बड़े स्तन और चमकती काली आँखों वाली थी। जब मैंने पहली बार उसे देखा, तो मेरा लंड सख्त हो गया था और मैं उसे चोदना चाहता था।

उसने मुझे तनु के साथ अपनी शादी में आमंत्रित किया था लेकिन दुर्भाग्य से मैं नहीं जा सका था । उसने मुझे पत्र लिखा था कि शादी के बाद तनु ने उनके कॉलेज में टीचर के तौर पर ज्वाइन किया है।

मैं उसके पास पिछले ही दिन उसके पास रहने आया था और उसने तुरंत मुझे बुलवाया । उसने मुझे नाजनीन और शीना से मिलवाया और पूरी बात संक्षेप में बता दी ।

मैंने कहा हम उसके लिए कक्षा में एक अतिरिक्त सीट रख सकते हैं लेकिन समस्या उसके रहने की है। हमारा छात्रावास भरा हुआ है और बेहतरीन स्कूल होने के नाते हम किसी को एडजस्ट करने के लिए नहीं कह सकते। व्यवस्था करने के लिए कुछ समय दो।

नाजनीन ने मेरा और रजनी का तहेदिल से शुक्रिया अदा किया।

रजनी कांत और मैंने उन्हें स्कूल का कार्यक्रम समझाने में अगला आधा घंटा बिताया और नाज़नीन उससे काफी प्रभावित हुईं।

उसने जो कुछ भी सुना, उससे उसे यकीन था कि गर्मियों में शीना के शिष्टाचार, व्यवहार और आकर्षण में बहुत सुधार होगा।

जब साक्षात्कार समाप्त हो गया, तो रजनी ने शीना को एक सूची दी, जिसकी उसे यहाँ अपने प्रवास में आवश्यकता होगी और सुझाव दिया कि वह और उसकी माँ स्कूल की दुकान में जाएँ और उन्हें व्यवस्थित करें और उन्हें फिर वापिस आने को बोला।

"बहुत बहुत धन्यवाद," शीना मुस्कराई, अपनी माँ के कार्यालय से बाहर निकलते हुए वह अपनी माँ से बोली थैंक यू माँ आप सही थी । ये आपका एक और उत्तम निर्णय है ।

महिलाओं के जाने के बाद, रजनीकांत उस कमरे में पहुँचे, जिसे तनु शीना के साथ साझा करने जा रही थी ।

"नमस्ते, दीपकजी," तनु मुझे देख कर मुस्कुराई और दरवाजा खोला। "अंदर आइये।"

खूबसूरत तनु जो की मेरे दोस्त रजनीकांत की बीबी है और जिसकी मैं पिछली रात ही चुदाई कर चूका था ताकि रजनी अपनी नौकरानी नीरा की चुदाई कर सके । उसने उस समय एक ब्रा और पैंटी के अलावा कुछ नहीं पहना था, फिर भी वह हम दोनों के सामने बिकुल शर्मिंदा नहीं थी क्योंकि हम तीनो ने कल रात एक दुसरे को नग्न ही नहीं देखा था बल्कि एक साथ चुदाई भी की थी। तनु पहले से भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी। समय के साथ उसकी ख़ूबसूरती में कोई कमी नहीं आयी थी। वो आज भी कॉलेज जाने वाली लड़की ही लगती थी। ये बात अलग है कि वह अब पढ़ने नहीं पढ़ाने जाती थी। समय ने केवल उसके आकर्षण में इजाफा ही किया था। उम्मीद के मुताबिक उसे इस हालत में देखते ही मेरा लंड सख्त हो गया और उसे चोदने की इच्छा फिर से ताजा हो गई।

"आपको एक नया रूममेट मिल रहा है," रजनी ने घोषणा की कि वह सोफे पर बैठ गया है।

"वह कौन है?"

"उसका नाम शीना है," रजनी ने उत्तर दिया। "और वह एक शानदार गुड़िया है।"

"मुझसे सुंदर?" वह हँसी, आगे बढ़ी और उसकी गोद में बैठ गई।

"नहीं, प्रिय," उसने मुस्कुराते हुए, उसकी ब्रा की सामग्री के बावजूद उसके स्तनों में से एक को सहलाते हुए कहा। "लेकिन मैं चाहता हूँ कि आप और नीरा उसे त्यार करें।"

" कब

"शुभस्य शीघ्रम, हो सके तो आज ही रात," रजनी मुस्कुराया।

"हम कोशिश करेंगे," वह फुसफुसायी उसके कान पर हल्के से कुतरते हुए रजनीकांत ने धीरे से उसके स्तनों को सहलाया।

और रजनी के सामने ही मैंने तनु के सुंदर युवा चेहरे को अपने हाथों में लेते हुए, तनु का मुंह अपनी ओर झुका लिया और उसे चूमने लगा और उसके स्तनों को दबाने लगा और जब हमारे के होंठ आखिरकार अलग हो गए, तो हम दोनों छोटी गर्म हांफने में सांस ले रहे थे और उसके सूजे हुए निप्पल उसकी ब्रा की सामग्री के खिलाफ दबाव डाल रहे थे। जैसे ही मैंने अपना मुंह फिर से उसके स्तनों पर लगाया, तनु अपने प्यारे छोटे पैंटी-पहने नितम्बो के खिलाफ रजनि की पतलून के बावजूद उसके गर्म लंड को धड़कता हुआ महसूस कर सकती थी।

फिर रजनी वापिस चला गया इस बीच मैं वहीँ कमरे में तनु के पास रहा और कहा मैं व्यवस्था करता हूँ।

आधे घंटे बाद शीना और नाजनीन रजनी के कमरे में लौट आयी "यह तुम्हारे कमरे का नंबर है," उसने मुस्कुराते हुए शीना को एक कार्ड दिया। "आप कुछ दिन अन्य व्यवस्था होने तक इसे सुश्री तनु के साथ साझा करेंगी, और मुझे यकीन है कि आप उनके साथ समायोजित हो जाएंगी। तनु एक बहुत ही आकर्षक युवा महिला है और वार्डन है। हम आपके लिए वैकल्पिक व्यवस्था अगले कुछ दिनों में कर देंगे"

"क्या मुझे अब वहाँ जाना चाहिए?" शीना से पूछा।

"नहीं। अभी नहीं," रजनी ने उसे समझाया। मैंने आपके बैग भेज दिए हैं। तनु शायद अब वहाँ नहीं है और वहाँ आपके ठहरने की व्यवस्था की जा रही है तो आप आज दोपहर बाद में चेक कर लीजिये? " तब तक आप फीस इत्यादि जमा करा दीजिये और मैं आपको पूरी अकादमी दिखा देता हूँ । फिर रजनी ने उसने पूरी अकादमी दिखायी और अब शीना पूरा भवन देख कर बहुत खुश थी और बोली माँ ये तो हमारे स्कूल से काफी बड़ा सुंदर और व्यवस्थित है ।

उधर उस कमरे में मैं और तनु चिपके हुए थे। मेरे से चिपकी तनु की सांसें फूल रही थीं, हमारे होंठ आखिरकार अलग हो गए और तनु ने कुशलता से मेरा कोट और टाई हटा दी।

"मुझे आज बहुत जलन हो रही है," तनु ने मुझे सोफे पर अपनी तरफ घुमाते हुए कहा।

हमारे मुँह फिर से एक-दूसरे से सटे हुए थे और शरीर मजबूती से एक साथ दबे हुए थे, मैंने तनु की पैंटी के कमरबंद के बावजूद अपना हाथ उसमे खिसका दिया और धीरे से उसके नरम झूलते हुए नितम्बो के गालों को पकड़ लिया। दोनों ने अपनी कमर को एक साथ रगड़ते हुए अपने कूल्हों को बिस्तर पर टिका दिया।

उत्तेजना से काँपते हुए, तनु की उँगलियों ने पाया कि मेरी कमीज उसके ढीले-ढाले के कमरबंद के ठीक ऊपर खुल रही थी। तनु ने कुशलता से मेरी कमीज के बटन खोले और अपना हाथ अंदर कर लिया। वह मेरे पेट और छाति को सहलाने लगी। जब मैंने अपनी शर्ट निकाल दी तो तनु ने मेरी बेल्ट खोल दी और ज़िप नीचे कर दी।

"आप निश्चित रूप से जानतेी हैं कि आप क्या कर रही हैं, है ना," मैंने अपने कूल्हों को ऊपर उठाते हुए मुस्कुराते हुए कहा, ताकि उसके लिए मेरी पैंट नीचे खींचना आसान हो जाए।

"तुम बकवास मत करो," जब मैंने अपना झांगिया उतरा, तो वह मुस्कुराई।

मेरा एक हाथ उसकी ब्रा के नीचे फिसल गया और उसके सूजे हुए स्तन को सहलाया, तो उसकी कमर में एक झुनझुनी हुई। जैसे ही मैंने उसके स्तनों को सामग्री की तंग परिधि से मुक्त किया, उसका गुलाबी निप्पल सख्ती से बाहर खड़ा हो गया।

मैंने तुरंत निप्पल की रसदार मोटाई के चारों ओर अपने होंठ बंद करते हुए अपना सिर नीचे कर लिया।

मैंने उसके गर्म उत्तेजित स्तन की जलती हुई चोटी को चाटा और चूसा और उसकी ब्रा की निकाल दिया ताकि दोनों स्तन मुक्त हो जाएँ और फिर मैं उसकी छोटी-छोटी पैंटी को निकालने के लिए आगे बढ़ा।

तनु ने अपने होठों को चाटा और वह उत्साह से मेरी भारी बड़ी गेंदों को देखती रही और फिर मेरे की खूबसूरत मढे और मोठे नीली-नसों वाली लंड को उसने अपनी योनि के ऊपर दबाब बनाते हुए देखा।

"ओह, दीपक जी" सोफे पर फैलते ही तनु फुसफुसायी और पीठ के बल लेट गयी " ओह, दीपक जी!

"वह हँस पड़ी।" तुम मुझे चोदना चाहते हो। "

"बिलकुल इसमें क्या शक है मैं तो तुम्हे तब से बार-बार चोदना चाहता था जब मैंने तुम्हे पहली बार देखा था और मैं तुम्हे चाहता हूँ ,," मैंने मुस्कुराते हुए, उसके एक दृढ़ युवा स्तन पर अपने होंठ नीचे कर दिए और अपनी उंगलियों को उसके गांड की नरम दरार में डाल दिया।

"तो फिर चौदो," वह फुसफुसायी और मेरे लंड को उसने अपनी तड़पती चूत में निर्देशित किया ।

जब मेरा लंड उसकी गर्म नन्ही योनी में गहराई से दब गया, तो मैंने उसके सूजे हुए गुलाबी निप्पल से अपना मुँह उठा लिया और उसके होठों पर दबा दिया। हमारे भूखे मुंह मिले और उसके मुँह में मेरी जीभ फिसल गई साथ ही में मने अपने बड़े धड़कते हुए लंड को उसकी तंग, गर्म योनि में पूरा गहरा अंदर कर घुसा दिया और मेरी बड़ी गेंदे उसकी छूट के होंठो से चिपक गयी। तनु खुशी के साथ धीरे से फुसफुसा और कराह रही थी, क्योंकि मेरा बड़ा लंड उसकी चूत में तेजी से अंदर बाहर हो रहा था और हर चूत के कोने में मन मर्जी से घूम रहा था।

"ओह, तनु ने कहा, उसकी उँगलियाँ मेरी पीठ में गढ़ गयी क्योंकि उसके सूजे हुए स्तन मेरी छाती पर रगड़ रहे थे।" मुझे लगता है कि तुम दुनिया के सबसे बढ़िया चौदु हो। "

मेरे धड़कते हुए लंड की लंबाई के आसपास उसकी गर्म योनी के मांस का गीला रेशमीपन मुझे जंगली बना रहा था। मजा और भी बढ़ गया क्योंकि उसकी मांसपेशियाँ एक प्यार भरे दुलार में मेरे के लंड के चारों ओर कसकर बंद हो गईं। मैं उसकी सुडौल जाँघों को अपनी कमर से दबाते हुए महसूस कर सकता था और उसकी गांड सोफे पर गर्माहट से थरथरा रही थी क्योंकि मैं तालबद्ध रूप से अपने मोटे लम्बे लंड को उसकी गहरी गहराई में अंदर और बाहर ले जा रहा था।

इस तरह से हम प्यारी-प्यारी चुदाई का आनंद ले रहे थे और मेरी और तनु की आँखें बंद थीं क्योंकि हमने लंड की धीमी-और-तेज की गति का स्वाद चखा था-प्रत्येक आगे के जोर से मेरा लंड उसके गर्म पहले पेट में गहरा और गहरा जा रहा था।

सालों से मैंने आनंद के लिए अपने साथ की सबसे खूबसूरत युवा छात्राओं के साथ सेक्स किया था, लेकिन तनु उस सबमे से सबसे हॉट लड़कियों में से एक थी।

"ओह, दीपक" तनु ने सिसकते हुए कहा, उसकी चूत को मेरे लंड के मोटे आधार के चारों ओर कस दिया। "आपने मेरे लिए जो कुछ किया है, उसके लिए मैं आपको कभी भी पर्याप्त धन्यवाद नहीं दे पाऊंगा।"

"क्या आप मुझे अभी मुझे धन्यवाद नहीं दे रहे हैं," उसने कहा। "आप मेरी चुदाई करके ही मुझे प्यार के साथ मुझे धन्यवाद दिया करो।"

वो मुझसे कसकर लिपटकर मुझे बेतहाशा मेरे ओंठो और चेहरे पर किश करने लगी, उसकी उंगलियाँ मेरी पीठ पर टिकी हुई थीं "ओह, डार्लिंग," वह फुसफुसाई, वह अपने चरमोत्कर्ष को महसूस कर रही थी। उसकी गर्म योनी का रस जल्द ही मेरे लंड के चारों ओर उबल रहा था क्योंकि तनु का संभोग उसकी कमर की कम्पन के साथ गूंज रहा था।

"मुझे ये पसंद है! दीपक तुम मुझे बहुत पसंद हो!" वह अपने संकुचित गले के माध्यम से चिल्ला रही थी और उसका सिर सोफे पर एक तरफ से दूसरी तरफ फिसल गया।

मैंने किसी महिला के चेहरे पर ऐसी वासना पहले कभी नहीं देखी थी, क्योंकि मैंने खूबसूरत तनु को शानदार संभोग के दौरान रोते और कराहते हुए देखा था। उसके लंबे बाल उसके दमकते चेहरे के चारों ओर बेतहाशा फ़ैल गए थे और उसका प्यारा मुँह खुला हुआ था और उसकी भौहें ऊँची उठी हुई थीं और उसकी चमकीली आँखों में पूर्ण आनंद की अभिव्यक्ति थी क्योंकि उसकी योनी मेरे लंड के चारों ओर गर्मागर्म रस छोड़ रही थी।

इस तीव्र कामोत्तेजना के बाद सुंदर तनु सांस लेने के लिए हांफ रही थी, महसूस कर रही थी कि मेरा अद्भुत लंड अभी भी उसकी रसदार चूत के अंदर और बाहर तेजी से आ जा रहा है, जबकि मेरी उंगलियाँ उसकी प्यारी गांड की नरम छोटी दरार में घुस गई थीं।

"ओह, दीपक वह फुसफुसाई, अंत में अपनी आँखें खोलकर और मेरी ओर मुस्कुराते हुए देखा मैं अभी भी उसे पंप कर रहा था," वह बोली ये मेरा अब तक का सबसे अद्भुत स्खलन था। "

उसने मेरे गालों को अपने हाथों में अधिक मजबूती से पकड़ लिया और मैंने उसकी योनी को अपने लंड के खिलाफ कसकर खींच लिया जिससे मेरा लंड उसकी गहरी गहराई में और भी गहरा चला गया और उसकी गर्भशय से टकराने लगा। अपने संभोग के पूरी तरह से बीत जाने के साथ, तनु अपनी योनी की मांसपेशियों को मेरे मोठे लंड को पकड़ते हुए महसूस कर सकती थी और वह अपने कूल्हे उछालने लगी और अब हम दोनों अब जोर से धक्के मारने लगे। नीचे पहुँचकर तनु ने मेरी गांड के गालों को पकड़ लिया और मेरे मोटे लंड को और भी अपनी ओर खींचने की कोशिश की। अब हम दोनों बेदम हांफते हुए कराह रहे थे।

मैंने अपने लंड को कॉर्कस्क्रू की तरह घुमाया और उसकी योनी को अंदर और बाहर पंप किया। अविश्वसनीय गर्मी के विस्फोट के साथ मेरे शुक्राणु मेरी गेंदों से निकल मेरे लंड की लंबाई में चल कर बाहर निकलने को त्यार थे। उसके सख्त छोटे स्तन मेरी छाती के खिलाफ रगड़ रहे थे। मेरा लंड उसके गर्म, चूसने वाले छोटे से छेद में और भी बड़ा हो कर सूज रहा था। मेरी गेंदे भी फूल गयी थी और उनमे धड़कन तेज़ हो रही थी और मुझे उम्मीद थी कि अब मैं तनु को एक और संभोग सुख देने के लिए काफी देर तक नहीं टिक पाऊँगा।

लेकिन तनु भी चरमोत्कर्ष पर पहुँच गयी थी और अपने शरीर में चरमोत्कर्ष का निर्माण शुरू होने का अनुभव करते हुए, तनु की अपने फिसलन वाले योनी-होंठों ने लंड की मोटाई के आसपास और अधिक गर्म हो गयी मैंने अपने लंड की उसकी भूखी योनी में दाए बाए ऊपर और नीचे और गोल घुमाया। जैसे ही मैंने उसके होठों को चाटा, उसका चरमोत्कर्ष करीब आ गया।

"ओह, दीपक," उसने कहा। "मुझे लगता है कि मैं फिर से आऊंगी।"

वह अपने कान में मेरी कराह सुन सकती थी क्योंकि उसकी योनी में कम्पन शुरू हो गया था और मेरी सांसें छोटी-छोटी गर्म हांफों में आ रही थीं, क्योंकि मैंने अब महसूस किया कि उसकी तंग छोटी योनी म्यान मेरे लंड को तेजी से निचोड़ रही है। मेरे फेफड़े ऐसा महसूस कर रहे थे जैसे वे फटने के लिए तैयार थे और मेरी भारी गेंदें अपने चारों ओर उबल रहे गर्म शुक्राणुओं के सह को छोड़ने के लिए दर्द कर रही थीं।

छोड़ो मुझे। "मुझे आने दो... मुझे आने दो! कह कर तनु झड़ने लगी"

हमारे कूल्हे एक साथ बेतहाशा धड़क रहे थे, मेरा लंड उसके झागदार योनि में जोर से गड़गड़ाहट की आवाज कर रहा था क्योंकि मेरी गेंदे उसकी योनि के ओंठो पर जोर से थप्पड़ मार रही थी। जिससे ठप्प्प ठप्प की आवाज आ रही थी

"मैं आ रहा हूँ!" मैं चिल्लाया और सम्भोग की तीव्र गर्मी उसके पैरों के बीच से उसकी योनि से मेरे लंड में गयी और हमारे शरीर के हर हिस्से में फैल गई थी।

मेरे नीचे झुंझलाते हुए चरमोत्कर्ष वाली तनु जोर-जोर से योनी को निचोड़ रही थी और लंड समेत मेरे अपने रस और सह को अंदर खींच रही थी। अचानक तनु हाथ नीचे ले गयी और उसने मेरी गेंदों को पकड़ कर दबा दिया और ट्रिगर किया और सफेद-गर्म वीर्य की एक धार मेरे लंड से भरी उसकी योनि में घुस गई। मैंने तब तक पंप करना जारी रखा जब तक कि मैंने अपनी गेंदे उसमें खाली नहीं कर दिया, फिर वह उसके नग्न शरीर पर गिर पड़ा। और उसकी योनि को अपने वीर्य से भर दिया।

"ओह, जानेमन," वह कुछ क्षण बाद फुसफुसायी जब मैंने धीरे-धीरे अपने लंड को उसके सह से भीगी हुई चूत से बाहर निकाला। "ये बहुत शानदार था।"

"यह निश्चित था," मैं मुस्कराया और अपने कपड़े पहनने के लिए खड़ा हुआ। "लेकिन आपके नए रूममेट के आने से पहले मुझे जाना होगा।"

"तुमने क्या कहा उसका नाम क्या था?" तनु ने पूछा।

"शीना," मैंने जवाब दिया।

आपका दीपक

कहानी जारी रहेगी



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UPDATE 08


अकादमी में नयी छात्राये 



हॉस्टल के मेस में दोपहर के भोजन के बाद, शीना स्टोर पर खरीदे गए पैकेजों से भरे हुए अपने हाथों से रजनीकांत के कार्यालय की ओर चल पड़ी। उसकी माँ नाजनीन शीना को स्पष्ट निर्देश देकर शहर लौट गयी थी कि वह अकादमी में रहने के दौरान अकादमी से शीना के खिलाफ कोई शिकायत नहीं मिलनी चाहिए।

जब शीना रजनी कान्त के कार्यालय वाली बिल्डिंग में दाखिल हुई तो उसे एक कर्मचारी ने एक अन्य कक्ष के बाहर इन्तजार करने को कहा और उसका नाम लिखने के लिए एक स्लिप शीना को दी और उस कक्ष के बाहर दो लड़किया और आ कर बैठ गयी।

शीना के अकादमी में आगमन से दो दिन पहले ही अकादमी की एक छात्रा निशा रजनीकान्त के पास गयी थी और उसने रजनीकाणांत को यह बताया था कि उसकी छोटी बहन अजंता और उसकी प्रिय सहेली मोनिका अकादमी में प्रवेश चाहती थी और उनसे उसके प्रवेश के लिए एक दिन तय करने के लिए आग्रह किया था।

निशा एक विशेष कुलीन परिवार से सम्बंधित थी और यह जानते हुए की वह देश के सबसे कुलीन परिवार से हैं, वह कोई आपत्ति नहीं कर सकता था और उसे प्रवेश प्रदान किया था और चुकी पिछले दिन वह मेरे आगमन और स्वागत के लिए व्यस्त था और उस दिन नीरा का भी कौमार्य भंग किया जाना था इसलिए वह उसमे व्यस्त रहा था और फिर उससे अगला दिन अजंता और मोनिका के स्वागत के लिए निर्धारित किया था और उसी दिन शीना ने भी अकादमी में प्रवेश लिया था।

रजनी कान्त ने जब तनु से अजंता और मोनिका को प्रवेश देने के प्रस्ताव का उल्लेख किया और बताया की सुश्री अजंता निशा की भंहै और मोनिका उसकी सहेली है तो ने निशा से पूछा कि निशा को मोनिका के बारे में क्या पता है, तो उसने आश्वासन दिया कि वह उससे अधिक परिचित नहीं है क्योंकि मोनिका पिछले कुछ वर्षों से देहरादून में स्कूल में थी।

उस शाम तक निशा हमसे दूर रही, लेकिन तीन बजे अपनी बहन के साथ समय पर पहुँची, अजंता उससे छोटी थी और काफी हद तक वह निशा दिखती थी, लेकिन मोनिका अभी नहीं पहुँची थी इस अवसर के लिए सफेद कपड़े पहने अजंता; वास्तव में, वह एक बहुत ही शांत, अच्छी दिखने वाली लड़की लग रही थी और आकर्षक और हसमुख लग रही थी, और उसके साथ स्कूल यूनिफार्म पहने निशा बहुत खुश नजर आ रही थी।

फिर नाम पुकारा गया " शीना सिंह?

नाम पुकारने वाली सुंदर युवा रूबी नर्स की वर्दी में नर्स की नौकरी करने के लिए बहुत आकर्षक किन्तु छोटी लग रही थी; वेटिंग रूम में कुर्सी से उठने वाले नवयुवती शीना से वह मुश्किल से एक या दो साल बड़ी लग रही थी। फिर भी, उसके पेशेवर रवैये और उसके कुरकुरी गुलाबी नर्स की वर्दी क्र नीचे के दृढ़ युवा शरीर को ढँकने वाली बर्डी ने रूबी के अधिकारों को दर्शाया।

आईये मिस शीना और 18 साल की युवा शीना का स्वागत रूबी ने मुस्कान के साथ किया जिससे शीना थोड़ी सहज हो गयी और उसकी घबराहट थोड़ी कम हो गयी।

रूबी- मिस शीना आपके साथ यहाँ कौन आया है?

शीना- मेरी माँ आयी थी लेकिन अब वह लौट गयी है।

रूबी -"क्या यह आपका पहला पूर्ण सेक्स चेकअप है?" उसने पूछा; कागज के पैड में कुछ नोट किया। शीना उस त्वरित झलक से बता सकती थी कि उसके पास जो सामग्री थी, वह शायद शीना का पूरा मेडिकल इतिहास था।

"हाँ," उसने कुछ घबराहट से कहा, वह सोच रही थी कि नर्से ने अपने सामने फ़ाइल से वह जानकारी क्यों नहीं पढ़ी। तब उसने महसूस किया कि नर्स के पास शायद पूरी फाइल पढ़ने का समय नहीं मिला। कई लोगों के लिए वह केवल एक नर्से थी और उन कागजो में कई कॉलम खली थी इसलिए नर्स को उन्हें भरना था।

रूबी - "ओह। उस मामले में, शायद आप अपनी माँ की उपस्थिती चाहती होंगी, कम से कम आपके पहली बार पूर्ण सेक्स चेकअप के दौरान? कुछ लड़कियाँ पुरुष डॉक्टर द्वारा अपनी पहली यौन जांच करवाने के बारे में थोड़ी घबराहट महसूस करती हैं।" नर्स की दोस्ताना मुस्कराहट ने 18 वर्षीय शीना k को कुछ हद तक आश्वस्त किया कि उसे इसके लिए असामान्य नहीं माना जाएगा क्योंकि इस समय उसके माता-पिता में से कोई एक उपस्थित नहीं था।

शीना शरमा गई। आखिरी चीज जो वह चाहती थी, वह यह थी कि उसकी माँ को यह देखे और शीना को लगा कि अगर चिकित्सक ने वह सब किया जिसके बारे में उसने सुना था तो ये उसके लिए एक शर्मनाक क्षण होगा क्योंकि इसमें उसके "निजी हिस्सो का निरिक्षण भी" शामिल था। शीना को डर था कि अगर उसकी माँ ने डॉक्टर को "नीचे" छुते हुए देखा, तो वह और भी शर्मिंदा होगी, इसलिए वह थोड़ा सहज थी की अब वह डॉक्टर के साथ अकेली होगी। लेकिन जब नर्स ने उसे ये एक बार कहा तो वह फिर से शरमा गई और उसने नर्स को-को यह समझाने की कोशिश की। "नहीं," उसने कहा, मैं इसे अकेले करना चाहूंगी।

मेरा मतलब है कि मैं डॉक्टर के साथ अकेला रहना पसंद करूंगी, ओह, आप शायद ये समझती है कि मेरा क्या मतलब है। "

नर्स रूबी नवयौवना शीना के चेहरे की-की शर्मिंदगी पर मुस्कुराई लेकिन यह एक दोस्ताना मुस्कराहट थी। आखिरकार, इतने साल से उसने भी कोई सेक्स परीक्षा नहीं की थी और मेरे होम्योपैथिक क्लिनिक में इसकी कोई जरूरत नहीं पड़ी थी और उसकी स्वयं का पूर्ण सेक्स चेकअप कई साल पहले हुई थी और उसने अपनी नर्सिंग की टैनिंग के दौरान जरूर कुछ देखा और सीखा था।

"यह ठीक है," रूबी ने नवयौवना को आश्वस्त किया। "ज्यादातर लड़कियाँ पहली बार किसी नर्स या अपने माता-पिता की तरह किसी की उपस्थिती में करवाना पसंद करती हैं, लेकिन सभी ऐसा नहीं करती हैं। कुछ सिर्फ डॉक्टर के साथ अधिक सहज महसूस करते हैं। हम यहाँ इसकी सराहना करते हैं; औ आपके चेकअप को जितना संभव हो उतना सुखद और सहज बनाने का प्रयास करते है। इसलिए, यदि आप चाहती है कि आपके पास इस साम्य सिर्फ डॉक्टर रहे या आपके माता पिता या नर्से में से कोई रहे तो उसकी भी व्यवस्था की जा सकती है। जब मैं पहली बार पूर्ण सेक्स चेकअप के लिए गयी थी तो मेरे पास मेरी बहन थी और नर्स थीं। । मैं बेकार में डर गयी थी।" वह शीना के देख कर मुस्कुराई।

कुरकुरी गुलाबी वर्दी पहने रूबी की नर्स के रूप में देखकर जो खुद 18 साल से अधिक की नहीं दिखती थी, शीना को उस की इस बात पर विश्वास करना मुश्किल लगा; और शीना विशेष रूप से रूबी की सेक्सी चाल और उसकी हर हरकत को देख रही थी।

"सच में सिस्टर?" शीना ने पूछा। "मुझे डर है कि इससे मुझे बहुत शर्मिंदगी होगी और अगर मेरे माता-पिता। विशेष रूप से माँ, ने मुझे देखा ये सब करवाते हुए देखा तो मैं मर जाऊंगी। माँ उसे लगता है कि लड़कियों को सेक्स के बारे में सीखने की जरूरत नहीं ही उन्हें सेक्स अपने PATI के साथ करना ही होगा, जैसा उन्हओने हमेशा किया है। यह सब सेक्स एजुकेशन 'आधुनिक मूर्खता' UNHE बस वैसी ही लगती है। आप जानती ही हैं कि माताएँ कैसी होती हैं।"

दोनों लड़कियाँ एक-दूसरे पर मुस्कुरा दीं। 18 साल की छोटी लड़की से केवल 5 साल बड़ी होने के कारण, रूबी पीढ़ीगत अंतर की सराहना कर सकती थी। "शुक्र है कि लोग इन दिनों अधिक सभ्य हैं," रूबी ने परीक्षा कक्ष में इस नवयौवना को शुरुआत करने के लिए देखा। "वैसे भी, मुझे पहले कुछ जरूरी जानकारी इकठी करनी होगी। डॉ. दीपक ने आज शाम आपकी जांच के लिए दो घंटे एक समय निर्धारित किया है। इसमें आमतौर पर इतना समय नहीं लगता है, लेकिन क्योंकि ये आपका पहला पूर्ण सेक्स चेकअप तो इसमें थोड़ा समय लग सकता है। इस बीच, मैं ' मुझे कुछ प्रारंभिक जानकारी प्राप्त करनी है और फिर कुछ परीक्षण करने है। चलिए शुरू करते हैं।"

शीना अपने आप को एक कुर्सी से उठ कर निरिक्षण मेज पर बैठ गई; जबकि रूबी कुसी में जम गयी और अपने सामने रखे पेपर भरने लगी।

"कोई एलर्जी?" उसने पूछा।

"नहीं।"

"उच्च रक्त चाप?"

"नहीं।"

"दिल का रोग, बुखार, रक्तस्राव?" रूबी ने सवाल दाग दिए।

"नहीं नहीं नहीं।"

"कोई एसटीडी?"

उस सवाल पर शीना हैरान रह गई।

"यौन संचारित-रोग। एड्स, एचआईवी?"

"नहीं।" शीना फिर शरमा रही थी।

"बिल्कुल नहीं, यह आपका पहली बार है... फिर भी, हमें पूछना है।" रूबी ने आगे कहा, "क्या आप कोई दवा ले रही हैं?"

"नहीं।" शीना का शरमाना और भी तेज हो गया था। "क्या आपको चेचक, खसरा या काली खांसी हुई है?"


आपका दीपक

कहानी जारी रहेगी


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#10
मेरे अंतरंग हमसफ़र -

मेरे दोस्त रजनी के साथ रंगरलिया

UPDATE 09

नयी छात्राओं का स्वागत 



लगभग 10 मिनट तक पूछताछ चली और पूछताछ अधिक से अधिक व्यक्तिगत हो गयी। जब रूबी ने उससे मास्टरबेशन के बारे में पूछा और उसने यह कैसे और क्या किया, तब तक शीना के गाल लाल हो गए थे। उसके बाद रूबी ने शीना से सेक्स के बारे में पुछा तो उसने बताया की उसने अभी तक सेक्स नहीं किया है और फिर यह पता लगाने के बाद कि शीना को पिछले 4 वर्षों से मासिक धर्म हो रहा था और पिछले तीन वर्षों से नियमित थी और लगभग डेढ़ सप्ताह पहले ही अपनी अंतिम अवधि समाप्त कर ली थी, नर्से रूबी के मासिक धर्म के बारे में सारे सवाल लगभग खत्म हो गए और नर्स ने लगभग भरी राहत सांस लेते हुए अपना पेन नीचे रख दीया। और फिर उसने एक दराज से एक ब्लड प्रेशर मापने की मशीन निकाली और इक सिरे को शीना की बांह के चारों ओर फिट कर दिया और बोली अब मैं तुम्हारा ब्लड-प्रेशर ले लूँगी और एक-दो ब्लड-सैंपल और उसके बाद डॉ. दीपक आपसे मिलने आएंगे... ठीक है? "

"ठीक।" इन सब से शीना ऊब रही थी। ब्लड प्रेशर मापने के बाद रूबी ने लड़की की उंगली से खून ले नमूने लिए और फिर उसने शीना को निर्देश दिया कि " अब आराम करो और डॉ की प्रतीक्षा करो । डॉ दीपक जैसे ही निर्देशक के साथ अपनी बैठक समाप्त कर लेंगे वह इधर ही आएंगे और फिर रूबी कमरे से बाहर निकल गई और अपने नोट्स साथ ले गयी।

लगभग 10 मिनट तक शीना इंतजार करते हुई उसे पसीना आने लगा और उसकी कमीज पसीने से भीग गयी । तभी दरवाजे पर दस्तक हुई; लेकिन यह फिर से रूबी थी।

"मैं आपका वजन लेना तो भूल गयी," रूबी ने कहा और शीना को कलाई से पकड़ उसे बजन मापने की मशीन पर खींच लिया।

शीना मशीन पर खड़ी रही, जबकि रूबी ने ध्यान से वजन को नोट किया और फिर शीना की ऊंचाई जाँची "5' 5 इंच, 51 किलो" रूबी बुदबुदायी और उन्हें किताब में नोट किया।

यह समाप्त होने के ठीक बाद रूबी कमरे से बाहर निकल गई। शीना कमरे में; गई तस्वीरें देखने लगी और मैं साथ वाले लमऱे से मेडिकल रूम में प्रवेश करने ही वाला था कि मैंने देखा कि 2 लड़कियाँ मेडिकल रूम के बाहर इंतजार कर रही हैं। लम्बी लड़की ने स्कूल की वर्दी पहनी हुई थी और दूसरे ने उसकी लाल स्कर्ट और लाल शर्ट पहन रखी थी। दोनों लड़कियाँ खूबसूरत लग रही थीं।

मैंने रूबी के कमरे में प्रवेश किया और मैंने उससे ये पुछा की उस दिन के लिए मुझे कितने लोगों का मेडिकल चेकअप करना है। उसने मुझे बताया की आज मुझजे 3 लड़कियों की जांच करनी है लेकिन अब तक केवल उन तीन में से दो लड़कियों-शीना और अजंता आयी हैं। तीसरी लड़की मोनिका अभी नहीं आयी है फिर रूबी ने मुझे शीना के मेडिकल इतिहास के पेपर सौंपे और मुझे बताया कि शीना मेडिकल परीक्षा कक्ष में मेरा इंतजार कर रही है अभी मैं शीना की जांच करने जा ही रहा था कि इण्टरकॉम की घंटी बजी और रजनी ने मुझे जल्द ही उनके कक्ष में आने का आग्रह किया। मैंने कहा आज बहुत भीड़ है तीन लडकिया हैं उनकी जांच कर आपके पास हाजिर होता हूँ ।

उसके बाद शीना ने दरवाजा फिर से खुलते देखा और मैंने रूबी के साथ चुपचाप मेडिकल जांच कक्ष में प्रवेश किया और दरवाजा बंद कर दिया। "कैसी ही आप शीना," मैंने विनम्रता से कहा और उसका हाथ दोस्ताना तरीके से पकड़ा।

फिर जब मैंने शीना को देखा तो मेरी नजरे सीधे उसके स्तनों पर जा टिकी उसकी पसीने से भीगी हुई शर्ट उसके स्तनों से चिपक गयी थी और उसके गोर स्तन और निप्पल साफ़ नजर आ रहे थे और मेरा लंड आधा खड़ा हो गया। शुक्र है लंड पूरा खड़ा नहीं हुआ क्योंकि अगर वह सीधा होता और उसकी ओर इशारा करता, तो शायद शीना चीखती या बेहोश हो जाती। उसकी नजरे भी मेरे उभार पर टिक गयी थी । मैंने उसे कहा की अभी मीटिंग रखी गयी है इसलिए अभी जांच नहीं होगी इसे थोड़ी देर बाद करेंगे

मेरी ये बात सुन कर शीना ने जैसे चैन की सांस ली और उसके बाद रूबी ने अजंता से भी वही सब सवाल किये जो उसने शीना से पूछे थे और उनके जवाब नोट किये और उन दोनों को इन्तजार करने के लिए कहा और मैं अपने मित्र और निदेशक रजनी के पास मीटिंग के लिए चला गया ।

वहाँ पर मीटिंग का मुख्य एजेंडा था कि नयी छात्राओं के लिए क्या व्यवस्थाएँ की जाए क्योंकि उनके पास ग्रीष्मकालीन स्कूल में प्रवेश के लिए और आवेदन आये थे । मीटिंग में मेरे रजनी और तनु के इलावा अकादमी के कुछ अन्य टीचर भी उपस्थित थी और इस मामले पर गम्भीरतापूर्वक विचार करने के बाद ये फैसला किया गया की एक नया सेक्शन इस बार शुरू किया जाए और कुछ नयी टीचर रखे जाए और इसके इलावा हॉस्टल के कमरों को जल्दी से त्यार किया जाए।

मीटिंग चाय नाश्ते के बाद समाप्त हो गयी तो लगभग 5 बजे निशा जो की अकादमी की छात्र थी अपने दो साथियों के साथ सवागत कक्ष में आयी, अजंता निशा से छोटी थी और काफी हद तक वह निशा जैसी ही दिखती थी जिससे स्पष्ट लगता था कि वह दोनों बहने हैं लेकिन मोनिका निशा से थोड़ी लंबी थी, बल्कि पतली, काली आंखों वाली दिखाई देती थी और इस अवसर के लिए सफेद कपड़े पहने; वास्तव में, वह एक बहुत ही शांत, अच्छी दिखने वाली लड़की लग रही थी, केवल एक चीज जो उसके लिए विशेष रूप से आकर्षक थी, उसकी आँखों की एक उल्लेखनीय हंसमुख चमक थी, जो हर जगह दिखती थी और हर चीज का आनंद लेती थी और निशा के साथ बहुत खुश नजर आ रही थी।

स्वागत कक्ष में हम सब उपस्थित थे और रजनी हमेशा की तरह अध्यक्ष के रूप में अपनी कुर्सी पर बैठा हुआ था, और चारो तरफ मेरे, नीरा रूबी और तनु से घिरा हुआ था। तनु ने सबसे पहले 18 वर्षीय शीना को अकादमी के एक संरक्षक द्वारा अनुशंसा प्राप्त एक अच्छे परिवार की बेटी के रूप में सबको मिलवाया और फिर निशा ने बिना देर किए अपनी दोनों नौसिखियों साथियो को हाथ से पकड़कर कुर्सी के करीब ले जाकर, झुककर कहा, "आदरणीय महोदय, प्रिय मिस तनु मेरी 18 वर्षीय बहन सुश्री अजंता और मिस मोनिका, 19, मेरी दोस्त, आपकी अकादमी में भर्ती होना चाहती हैं, कृपया इन्हे प्रवेश दें।"

रजनी अध्यक्ष के रूप में। -"मिस मोनिका, सुश्री अजंता और सुश्री शीना, क्या आप अकादमी के अधिकांश सदस्यों द्वारा बनाए गए नियमों को मानने और नियमो का पालन करने के लिए तैयार हैं?"

मोनिका। -"हाँ, मैं भर्ती होने के लिए उत्सुक हूँ, मुझे अकादमी के सभी नियमों का पालन करने में खुशी होगी।"

अजंता।-"हाँ, महोदय, मैं अकादमी में भर्ती होना चाहती हूँ, मैं अकादमी के सभी नियमों का पालन करूंगी।"

शीना। -"हाँ, जनाब मुझे अकादमी में प्रवेश देने की कृपा करें, मैं अकादमी के सभी नियमों का पालन करने के लिए उत्सुक हूँ।"

अध्यक्ष महोदय। -"तनु ! इन्हे हमेशा की तरह शपथ लेने दो।"

तीनों लड़कियों ने सभी नियमों का पालन करने और गोपनीयता बनाए रखने की शपथ ली।

शपथ लेने के बाद रजनी ने उन्हें सम्बोधित किया और लड़कियों का अकादेमी में स्वागत किया और उसके बाद उन्होंने फिर से शुरू किया, " गर्ल्स गुडलुच अकादमी में आपका स्वागत है, आशा है यहाँ आप जो भी सीखेंगे वह आपके भावी जीवन को सुखमय बनाए में आपका मददगार होगा। मैं आपका परिचय मेरे मुख्य सहायको से करवा देता हूँ ।

मैं हूँ रजनी कान्त इस अकादमी का प्रधान निदेशक और प्रबंधक ।

सुश्री तान्या जिन्हे सब लोग मिस तनु के नाम से अधिक जानते हैं यहाँ पर प्रधान अध्यापिका और वार्डेन है।

डॉ दीपक चिकित्सा अधिकारी और आपके मेटर हैं ये आपकी फिटनेस का ख्याल रखेंगे ।

सुश्री नीरा हमारी प्रमुख सहायिका हैं ।

सुश्री रूबी डॉ दीपक की सहायिका और प्रमुख नर्स हैं ।

शेष अन्य अध्यापको से आपका परिचय आपकी कक्षाओं में होगा ।

अब अकादमी की परम्परराओ के अनुसार सुश्री मोनिका से शुरूकरते हैं । सुश्री मोनिका आप नवआगंतुक छात्राओं में सबसे बड़ी हैं, सबसे पहले आपको माप देना ताकि हम अकादमी की पोशाक आपके लिए उपलब्ध करा पाए। "

आपका दीपक

कहानी जारी रहेगी



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मेरे अंतरंग हमसफ़र -

मेरे दोस्त रजनी के साथ रंगरलिया

UPDATE 10


नयी छात्राओं का स्वागत 

मोनिका थोड़ी हिचकती हुई लगी तो तनु ने पुछा की सुश्री मोनिका क्या आप बताएंगी की आप अब तक कहाँ थी और आप अकादमी में लगभग 2 बजे आ गयी थी और उसके बाद आपको मेडिकल जांच के लिए जाना था लेकिन आप वहाँ समय पर उपस्थित नहीं हुई । कहाँ थी आप?

रजनी-ओह! मोनिका! हमे तुमसे बेहतर व्यवहार की उपेक्षा थी और तुम एक बेहतर लड़की बनने की कोशिश क्यों नहीं कर रही हो। मैं तुम्हें दंड नहीं देना चाहता।

मोनिका-ओह श्रीमान! लेकिन मुझे पता नहीं था कि मुझे मेडिकल चेकअप करवाना है ।

रजनी-मिस मोनिका, आपने इस आवेदन पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं जिसमें स्पष्ट रूप से इसका उल्लेख है और आपने इसे हस्ताक्षर करने से पहले इसे जरूर पढ़ा होगा और आपको आपकी सहेली मिस निशा ने इस विषय में अवश्य बताया होगा। आपको इस भूल की सजा भी मिलेगी।

"लेकिन, सर कृपया मुझे माफ कर दें, मैं अब अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करूंगी।"

रजनी-" ठीक है, तो अपने व्यवहार से अपनी निष्ठां साबित करो अन्यथा अपने पिछवाड़े पर सन्टी महसूस करने के


[Image: SPANK.jpg]
लिए त्यार हो जाओ। ये आपके लिए एक आखिरी मौका है मोनिका की आँखों में आँसू भर आए और वह उसके कठोर चेहरे को देख कांप उठी और जानती थी कि उसकी ओर से कोई भी विरोध बेकार होगा।


सजा की संभावना ने उसे इतना परेशान कर दिया और वह रोने लगी।

रजनी- "ओह! हो! मोनिका?" रोने से कोई फायदा नहीं होगा, कुछ नहीं होगा, देखो ये आपके लिए आखिरी मौका है अन्यथा आपको दंडित किया जायेगा।"

रजनी- मोनिका! अब आप से शुरू करते हैं आप नवआगंतुक छात्राओं में सबसे बड़ी हैं, सबसे पहले आपको वस्त्रहीन होना होगा और चिकित्सकीय जांच करवानी होगी, माप देना करना होगा ताकि हम अकादमी की पोशाक आपके लिए उपलब्ध करा पाए। "

ये बात सुन कर एक बार फिर बाकी दोनों नवआगंतुक छात्राओं शरमा गयी और उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि उन्हें क्या कहना है और मैंने देखा कि सुश्री निशा इस प्रकरण का भरपूर आनंद ले रही थीं।

किसी गुप्त कारण से निशा तनु के कान में को कुछ फुसफुसायी और उसने नीरा और फिर रूबी को और रूबी ने मुझे यह जानकारी दी कि " लंबी लड़की वास्तव में मोनिका नहीं थी, बल्कि निशा का प्रेमी मोनिका का भाई अनूप, था," जिसे निशा ने मना लिया था कि वह अपनी बहन मोनिका के व्यक्तित्व की नकल कर अकडेमी में आये और उसे ये नहीं बताया की उसे क्या करना होगा और इसमें कोई संदेह नहीं था कि वह अपनी असलियत उजागर होने और पकडे जाने के विचार से काफी परेशान था और मैंने वही राज रजनीकान्त को बताया और उसे फुसफुसा कर सलाह दी शांत रहें और इस खेल को कुछ देर खेले।

निशा ने हम सब पर जो चाल चली, उसे जानकार रजनी को बहुत गुस्सा आया, लेकिन मेरी फुसफुसाहट भरी सलाह सुन उसने मुझे कहा जैसा आप कहो वही करते हैं और फिर अपनी उस एक्टिंग के जोहर दिखाते हुए जो की वह स्कूल और कॉलेज में दिखा कर वाह वाही लूटता था, वह ऐसे आगे बढ़ा जैसे उसे इस बारे में कुछ पता ही न हो। "यहाँ मेरे पास आओ मिस मोनिका, जैसा की आप जानती हो यहाँ सब अपने हैं और सबने आपके समान गोपनीयता और नियमो के पालन की शपथ ली हुई है । आप घबराओ मत । और अपने कपड़े उतारना शुरू करो; शर्माओ मत नीरा और रूबी कृपया इस नवयुवती की सहायता करें।"

मोनिका। -"ओह! नहीं! नहीं! मुझे नहीं पता था कि मुझे ऐसा करना होगा," पहले से कहीं ज्यादा शरमाते हुए, मोनिका ने अपने पास आयी लड़कियों को दूर धकेल दिया। "मुझे आप यूनिफार्म दे दो और मैं अपने आप अपने वस्त्र बदल लूंगी लेकिन यहाँ आप सभी के सामने नहीं बदल सकती मुझे शर्म आती है।"

अध्यक्ष महोदय-"सुश्री मोनिका प्रवेश से पहले मेडिकल जांच कराना अकादमी का नियम है। सुश्री रूबी एक प्रशिक्षित नर्स हैं और दीपक डॉ हैं और ये जांच सभी की सुरक्षा के लिए है और आप अब अकादेमी के नियमों की अवहेलना कर रही हैं; आप पर नियमो के अनुसार अवहेलना करने पर बिना किसी रहम के सन्टी का उपयोग किया जाएगा और क्या आप सन्टी के उपयोग को पसंद करती है?"

मोनिका। -"आह! मैं आप सबसे से माफ़ी माँगती हूँ, मेरी नियमो की अवहेलना करने की कोई मंशा नहीं है । लेकिन-आपको वास्तव में मुझे इतने सारे लोगों के सामने कपड़े उतारने के लिए नहीं कहना चाहिए।"

यहाँ प्रधान निदेशक ने एक दुर्जय छड़ उठा ली, जो लंबी शहतूत की टहनियों के एक मोटे गुच्छे से बनी हुई थी है, जिसे लाल और नीले रंग के रिबन के साथ एक साथ बाँधा गया था और उनके एक संकेत देते ही, मैं, नीरा, तनु रूबी निशा, अजंता और शीना उछले और मोनिका को जकड कर, उसे कक्ष की सीढ़ी पर घसीटा और उसके हताश संघर्षों के बावजूद, दोनों टखनों और कलाइयों को रस्सी के साथ बाँध दिया और इस तरह बाँधे जाने के बाद मिस मोनिका ने खुद को काफी असहाय पाया, इससे पहले कि वह अच्छी तरह से समझती कि क्या हो रहा है और उसके साथ आगे क्या किया जाएगा?

अध्यक्ष महोदय, हाथ में छड़ी लेकर मिनका की तरफ आगे बढ़ते हुए। -"आह! मैं देख रहा हूँ, यह गंभीर हठ का मामला है; जल्दी से इसकी पोशाक को फाड़ दो और स्कर्ट को ऊपर खींचो।"

हम सभी मोनिका की पोशाक आदि को फाड़ने में मदद करते हैं, मोनिका शर्म से लाल हो गयी थी और चिल्लाने लगी, "आह! ओह! प्लीज ऐसा मत करो, मुझे धोखा दिया गया है, मैं लड़की नहीं हूँ, महोदय कृपया ' मुझे नग्न मत करो," दर और घबराहट के आँसू उसके गालों से नीचे बह रहे थे।

अध्यक्ष महोदय,। -"रुको सब लोग, तो, आप कौन हो आप पुरुष हैं या छक्का (षंड) हैं?"

निशा: नहीं सर वह नहीं चाहती थी कोई मर्द उसे ऐसे वस्रहीन देखे ।

अध्यक्ष महोदय: ओह तो डॉक्टर दीपक आप अपनी जांच जारी रखे।

मैंने अपना स्टेथोस्कोप का आला उठाया और उसकी सांस और छाती की जांच की और एक तरफ हो गया ।

अध्यक्ष महोदय:-मोनिका इन्होने तो इतनी ही जांच करनी थी बाकी जांच मिस रूबी ने करनी थी।

उसने कोई जवाब नहीं दिया तो रजनीकांत ने अपना सवाल दोहराया।

अध्यक्ष महोदय:-तो आप बताएँगे हमे आप कौन हो पुरुष हो, महापुरुष हो या फिर छक्के हो?

कमरे में मौजूद सभी लगे इस प्रश्न पर हंसने लगे और उसके भ्रम को देखकर अध्यक्ष चिल्ला पड़े "मिस तनु, इसे गुदगुदी का स्वाद चखाओ ताकि ये सब कुछ कबूल कर ले और उससे गोपनीयता की शपथ लेने को बोलो नहीं तो हम इसे कोड़े मार-मार कर मार डालेंगे।"

मोनिका उर्फ़ अनूप-अध्यक्ष महोदय प्लीज मुझे माफ़ कर दीजिये । ओह! मैं कहाँ फस गया ये शैतान लड़किया मुझे मार डालेंगी। ओह! मुझे जाने दो और मैं कभी किसी को कुछ नहीं बताने की कसम खाता हूँ।

अध्यक्ष महोदय-"अभी आपके जाने में बहुत समय है, आप मिस निशा के साथ की गयी इस बेहूदा साजिश के बाद इतनी आसानी से यहाँ से निकलने वाले नहीं हैं; आप दोनों एक दूसरे को अच्छी तरह से पिटाई खाते हुए देखेंगे; आप नीचे देखकर चौको मत हम आप से बहुत अच्छी तरह से परिचित हैं। फिलहाल के लिए आप काफी सुरक्षित हैं। नीरा अब मिस निशा को सजा देने की तैयारी कर रही है, ताकि वह जान सके कि आपके साथ उसे क्या करना है।"

निशा-"सर! आह सर! नहीं मिस तनु नहीं! मेरा मकसद सिर्फ थोड़ी मस्ती था मैं उसे सन्टी करवाना (छड़ी से मारना) चाहती थी और मुझे यही एकमात्र तरीका समझ आया जिससे मैं इसको पिटवा सकती थी।" जब निशा चिल्लाई तो तनु के चारे पर मुस्कुराहट फ़ैल गयी क्योंकि उसमे सैडिस्ट प्रवृति थी

अध्यक्ष महोदय। -"बहुत अच्छा, मिस निशा, हम इसे ध्यान में रखेंगे और अब आप अपने नितम्बो को स्थिर कर उस खांचे में रख दीजिये। नीरा शुरू करो और मिस मोनिका अगर आप इस सजा के लिए त्यार नहीं हैं तो हमे तुरंत पुलिस और निशा आपके अभिभावकों को सूचित करना होगा।"

युवा सज्जन को सीढ़ी पर सुरक्षित रूप से स्थिर छोड़कर, उन्होंने उसकी महिला मित्र निशा को पकड़ लिया, जो जानती थी की विरोध करने से बेहतर है समर्पण करना और कुछ ही क्षणों में अनूप को अपनी महिला मित्र के नितम्बो और सुंदर टांगो को नग्न देखने का आनंद मिला और उसके नितम्ब और टाँगे लकड़ी के खांचे से बाहर निकले हुए थे जिसमें निशा के नग्न बदन का केवल एक तरफ का आधा हिस्सा ही देखा जा सकता है।

अध्यक्ष-"अब रूबी हमारे बीच हमारी छात्रा निशा द्वारा असमय में एक अन्य लिंग के व्यक्ति को प्रवेश दिलाने के लिए पेश करने और अकादमी के नियमो के धता बताने के प्रयास के लिए निशा में उचित सुधार लाना शुरू करेंगी।"

रूबी ने इस अवसर के लिए खुद को अच्छी तरह से मसालेदार सन्टी के साथ सशस्त्र किया। -"मुझे नहीं लगता कि जब हमने उसे भर्ती किया था तो इस दिलेर छात्रा को उचित तरह से दंडित किया गया था, अन्यथा उसके नीचे की व्यथा ने निश्चित रूप से उसे ऐसे किसी भी दुस्साहस से रोक लिया होता।" फिर व्हेक-व्हेक-व्हेक-व्हेक-वह बड़े विचार-विमर्श के साथ चार बहुत ही स्मार्ट सन्टी के स्ट्रोक मारे। "आपको यह कैसा लगा, क्या मेरा हाथ मिस तनु से भारी है?"


निशा, चिल्लाई और अपने पैरों को बहुत दर्द महसूस होने से तड़पने और नाचने लगी। -"आह! ओह! ओह! मैं माफ़ी की भीख माँगती हूँ-मैं क्षमा माँगती हूँ, वास्तव में मैंने सोचा था कि अकादमी में कुछ मौज मस्ती करुँगी। हाय मर गयी ओह! आह! ये बहुत तेज लग रहा है, यह भयानक है!" जैसे-जैसे सन्टी के प्रहार प्रभाव और सटीकता के साथ हो रहे थे वैसे वैसे, सन्टी का हर एक प्रहार लंबे लाल और लाल निशान और घाव छोड़ रहा था। निशा चिल्ला रही थी तनु सबसे ज्यादा मुस्कुरा रही थी और उसे अपनी योनि रस छोड़ती हुई महसूस हो रही थी ।

आपका दीपक

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  5. गुरुजी के आश्रम में सावित्री
  6. मेरे अंतरंग हमसफ़र - मेरे दोस्त रजनी के साथ रंगरलिया
  7. छाया - अनचाहे रिश्तों में पनपती कामुकता एव उभरता प्रेम-completed 
  8. दिल्ली में सुलतान V रफीक के बीच युद्ध- completed
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#13
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#14
मेरे अंतरंग हमसफ़र -


मेरे दोस्त रजनी के साथ रंगरलिया

UPDATE 11

मास्टर अनूप का स्वागत





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रूबी .- "मुझे जल्दी करनी चाहिए, क्योंकि मास्टर अनूप का स्वागत करने में कुछ ज्यादा समय लगेगा। और मिस निशा मुझे लगता है कि मास्टर अनूप आपकी पिटाई का आनंद ले रहा है; उसके सन्टी के साथ बंधे हुए रिबन को उसकी उजागर योनि के नीचे, और उसकी ऊपरी जांघों की कोमल आंतरिक सतहों के बीच छूते हुए उसे एक बार घुमाया तो इसने निशा की कामुक संवेदनाओ को जगा दिया ।

अपनी महिला मित्र की सजा को देखकर अनूप का चेहरा उत्साह से भर गया, हर झटका उसे भी रोमांचित कर रहा था, और उसे ऐसी कामुक भावनाओ का एहसास हुआ जिन्हे उसने पहले कभी अनुभव नहीं किया था, उसका लिंग कठोर हो कड़ा होने लगा और ऊपर को और उठने लगा जिससे उसके स्वभाव की कामुकता सभी के सामने आ गयी और सब ने उत्सुकता से उस दृश्य को देखा।

रूबी ने सन्टी इतनी जोर से चलायी कि निशा के लगा ही उसे नितम्बो और जांघों पर जल्द ही खून बहने लगेगा । "आह! ओह! मैं बेहोश हो जाऊंगी । मैं मर जाऊंगी !" प्लीज सर! मुझे छोड़ दो ! आप जो कहोगे मैं वो करुँगी ! मैं सब नियम मानूंगी ! मैं आपकी सब बाते मानूंगी ! प्लीज सर अब ऐसी गलती फिर कभी नहीं होगी ! वह निरंतर सुबक रही थी सिसकती, रिस रही थी और खूबसूरती से अपने टाँगे मरोड़ रही थी और इस दृश्य का तनु सबसे ज्यादा आन्नद ले रही थी क्योंकि उसकी चूत निशा की चीखे सुन कर बह रही थी ।

यहां अध्यक्ष महोदय अपनी सन्टी के साथ यह कहते हुए आगे हुए "मुझे लगता है कि मास्टर अनूप जिनकी अभी दाढ़ी मूंछ भी नहीं आयी है और बिलकुल चिकना है . और इसी चिकनेपण का फायदा उठा कर उसने अपनी प्रेमिका के साथ मिल कर हमे मूर्ख बनाने को कोशिश की है और उसकी मित्र जिस स्वाद का अनुभव कर रही है वो खुद उस स्वाद के लिए तरस रहा है . नीरा आप उसकी स्कर्ट को यथासंभव शालीनता और सावधानी से पिन करें। मैं केवल उसका निचला और पिछला भाग देखना चाहता हूं, हम नहीं चाहते कि दूसरी चीज किसी के भी सामने पेश की जाए।"



अनूप निशा की पिटाई के खूबसूरत नजारे को देखने में इतना मग्न था कि उसे पता ही नहीं चला कि कब उसकी स्कर्ट को पिन किया गया था और जब उसके नितंब पर सन्टी के एक जबरदस्त झटके ने उसे सबसे जीवंत तरीके से उसकी अपनी दयनीय स्थिति के बारे में बताया। वो चीखने लगा और अपने होठों को काटने लगा, उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे , और उसके चेहरे पर एक अतिरिक्त लाल रंग तैर गया , और सब लोग उसे अकादमी के नियम तोड़ने का अंजाम बताने लगे । बार-बार रजनीकांत के वार पर सट सट की तेज आवाज आती थी जो पूरे कक्ष में गूँज रही थी लेकिन जब तक अनूप के पिछवाड़े पर सात या आठ वार नहीं पड़े, तब तक रजनी कान्त को संतुष्टी नहीं हुई ।

अध्यक्ष महोदय के आखिरी वार ने एक गहरी लाल रंग की लकीर खींच दी , "क्या आप क्षमा मांगते हो ? क्या आप फिर कभी यहां एक लड़की के रूप में आकर हमारा अपमान करेंगे?"
अनूप बड़ी बहादुरी से , इसे सहन करने की कोशिश कर रहा था, और उसे बहुत सारी लड़कियों के सामने रोने में शर्म आ रही थी ; उसके नितम्ब दर्द से तड़प रहे थे , और वो तब तक चुपचाप अपने होठों को काटता रहा और अपने दर्द सहने की शक्ति का प्रदर्शन करता रहा .

अध्यक्ष महोदय।- " वाह लड़का हिम्मत वाला है , ये हमारे लिए और अधिक मजेदार है , तो महोदय , क्या आप क्षमा मांगेंगे, और अपने इस दुस्साहस के बारे में किसी को कभी नहीं बताने की कसम खाओगे?" रजनी कान्त अपनी पूरी ताकत से उसके सफेद नितम्बो पर तल पर सन्टी के एक जबरदस्त प्रहार रहा था, प्रत्येक प्रहार अनुपो के नितम्ब के मांस को कच्चा बना रहा था।

अनूप ।- "आह! मुझे फोन करना है , यह भयानक है। ओह! महिलाओं मेरी हत्या मत करवाओ । आह-आर-आर-रे!" प्लीज कोई कोई मेरी मदद करो !

अध्यक्ष महोदय।- "क्या तुम यहाँ फिर से आओगे, क्या आप अपने इस राज को गुप्त रखने की शपथ लेंते हो ?" उसे उसके अच्छी तरह से सन्टी के स्ट्रोक से लगातार पीड़ा में रखते हुए रजनी कान्त उस पर सवाल दाग रहा था ।

अनूप अब तक रोने नहीं लगा था . पर वही निशा की सिसकियों के अलावा, दो अच्छी तरह से लाल हुई नितम्बो के नजारे ने सभी महिलाओं को काफी उत्साहित कर दिया मैंने अपने मित्र को सम्भोधित करते हुए कहा अध्यक्ष जी मेरा एक सुझाव है । मैंने हमेशा पेटीकोट या स्कर्ट, क़मीज़, मौजे, ऊँची एड़ी के जूते पहने लड़कियों का बहुत सम्म्मान किया है क्योंकि मेरा विश्वास रहा है कि लड़को को अनुशासित रखने का सबसे अच्छा उपाय है स्मार्ट लड़की का संग।

मैंने हमारी मानव मनोविज्ञान-मानवशास्त्रीय कक्षाओं में पढ़ा एक किस्सा सुनाया। एक सम्भार्न्त परिवार का लड़का जिसकी कोई बहन नहीं थी और उसकी मॉडर्न माँ अपने सामाजिक कार्यो में व्यस्त थी, उसे इंग्लॅण्ड के एक स्कूल में भेजा गया था और अठारह महीने बाद उसे स्कूल से निष्कासित कर दिया गया था। वह इतना उदंड था कि उसे दूसरे स्कूलो में भेजना भी व्यर्थ गया और उसे वहाँ से कुछ समय बाद निकाला दिया गया। जब घर पर टीचर रखे गए तो कई प्राइवेट टीचर्स ने एक के बाद एक इस आधार पर इस्तीफा दे दिया कि उसका व्यवहार पूरी तरह से अक्षम्य था।

जब लगा की उसकी पढ़ाई अधूरी रह जायेगी तो, उसके अभिभावकों ने कई लोगों से पूछताछ की और उदंड और दुर्दम्य लड़कों के सुधार के लिए खुद को समर्पित करने का दावा करने वाले असंख्य विज्ञापन दाताओ के पास गए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ, अंत में, उनके परिवार के एक मित्र जिसे कुछ मानवशास्त्रीय अनुभव था, द्वारा यह सुझाव दिया गया था कि लड़के को एक महिला के द्वारा प्रशिक्षित करने पर वह सुधर सकता है। उसके अभिभावकों के ये विचार आश्चर्यजनक लगा! उन्हें लगा की उनका कम उम्र का उदंड लड़का, जिसने सभी स्कूलों और ट्यूटर्स के अनुशासन का उल्लंघन किया था, कभी भी एक महिला के सामने नहीं झुकेगा।

फिर उसने एक महिला टीचर के नाम का सुझाव दिया जो ऐसे मामलो में उम्मीदों से परे सफल साबित हुई थी। उस महिला से मुलाकात और लंबी चर्चा के बाद उस सुझाव को स्वीकार किया गया को उस उदंड लड़के को दो साल के लिए पूरी तरह से उस महिला टीचर के नियंत्रण में छोड़ दिया जाना चाहिए और फिर उस अवधि के अंत में वह और उल्लेखनीय बौद्धिक विकास और आत्म-कब्जे के साथ विनम्रता और आज्ञाकारिता, शिष्टाचार और शिष्टता का एक मॉडल बन गया, उसके अभिभावको ने और उनके दोस्तों ने आश्चर्यजनक रूप से उस महिला द्वारा उस उदंड लड़के के व्यवहार में किए गए अद्भुत परिवर्तन और सुधार को आश्चर्य और कृतज्ञता के साथ स्वीकार किया।

स्वाभाविक रूप से, रजनीकांत यह जानने के लिए उत्सुक हो गया कि उस महिला ने यह चमत्कार किस जादू से किया है। मैंने उसे बताया कि जादू पूरी तरह से स्त्री संग और उसका उस लड़के पर प्रभाव था। उसने उसे सेक्स के सूक्ष्म और वश में करने वाले प्रभाव से प्रभावित किया, जिसके तहत उसे सदा लड़कियों के साथ रखा गया। जैसा कि रजनी ने अनुमान लगाया, उसने ट्यूटर नहीं बल्कि नौकरानियों को नियुक्त किया, जिन्होंने उसकी उम्र के बावजूद, उसे हर तरह से एक बच्चे के रूप में माना।

उस महिला सुधारक ने उस लड़के पर महिलाओं के कपड़ों का इस्तेमाल किया-पहले एक छोटी लड़की, फिर एक युवा महिला का-और फिर मर्दाना आदतों का इस्तेमाल किया, यहाँ तक कि किसी भी शैतानी की इच्छा को भी गहरा अपराध बना दिया। महिला सुधारक ने उस लड़के की कठोर पुरुष प्रवृत्तियों को नरम स्त्री प्रभाव के अधीन कर दिया, जि्सके कारण वह लड़का उनका आज्ञाकारी होने के लिए मजबूर हो गया। उसने छड़ी के साथ विद्रोह को सबसे अपमानजनक तरीके से दंडित किया; और एक तीक्ष्ण महिला टीचर का उपयोग उसकी बुद्धि को तेज करने, उसे उसका पाठ पढ़ाने और उसके उपदेशों को लागू करने के लिए किया।

उसे शर्म और अपमान मह्सूस करवाने के लिए, उसे कुछ सुंदर लड़कियों के साथ रखा गया और आमतौर पर उन लड़कियों के सामने दंडित किया जाता था। हंसती हुईऔर उसका मजाक उड़ाती हुई सुंदर लड़कियों के सामने सजा मिलने से वह सबसे ज्यादा डरने लगा और धीरे-धीरे उसकी हरकते सुधरने लगी। मात्र कथा सुनने से रजनीकान्त का खून खौल उठा था और ये सोच कर अनूप कांप उठा की अगर उसे उसकी प्रेमिका के सामने अगर इस तरह से दण्डित किआ जाए तो वह कभी भी उन लड़कियों के बीच जाने की हिम्मत नहीं जुटा पायेगा।

उस लड़के ने बाद में अपने लेखो में लिखा की जब उसे उन लड़कियों के सामने महिला टीचर से सजा मिलती थी तो उसने कैसे अपने कष्टों की सभी अभिव्यक्तियों को दबाने का प्रयास किया किन्तु उसे उस समय मानसिक यौर पर लड़कियों के सामबे सजा मिलने पर बहुत शर्म महसूस होती थी और ये देख कर उसकी मानसिक पीड़ा बढ़ जाती थी की जब उसे सजा मिलती थी तो लड़किया उसे देख कर आनन्दित होती थी और बाद में जो लड़किया वहाँ नहीं भी होती थी उन्हें बड़े मजे ले-ले कर उसे सजा मिलने का किस्सा सुनाती थी और गौरवान्वित महसूस करती थी । धीरे-धीरे उसका सजा मिलने पर दर्द के तनाव से उसका धैर्य गायब हो गया, जबकि युवाओं की चेतना और उसे उन लड़कियों के सामने मिलने वाली सजा ने उसे शर्म का एहसास करवाया आखिरकार, जब एक महिला के गोल हाथ के वार क्रूर नियमितता के साथ उसके बदन पर गिरते, तो वह खुद को पूरी तरह से और असहाय पाता था।

और फिर जब एक दिन उनमे से एक प्यारी-सी सड़की ने सजा मिलने के बाद उससे ये पुछा की आपको बहुत दर्द हो रहा है और आप ऐसा काम क्यों करते हो की आपको सजा मिले तो उसका पूरा धैर्य जवाब दे गया और वह फ़ूट-फ़ूट कर रोने लगा ।

वह अब घोर अपमान की भावना का सामना नहीं कर सकता था, और वह अपनी टीचर के आगे झुक गया । उसने दृढ़ आत्मविश्वास और वीरतापूर्ण प्रकृति के बारे में अपने लेख में लिखा की जब उसे पुरुषो से लड़को के सामने सजा मिलती थी तो उसे अपनी बहादुरी पर गर्व होता था और उसने धीरे-धीरे दर्द पर पूरी तरह से महारत हासिल कर ली थी। लेकिन, जब एक महिला ने उसे अन्य महिलाओं के सामने पीटा तो इसने उसकी ताकत को छीन लिया, वह सजा की यातना नहीं थी, बल्कि लिंग के टोना-टोटका था। यह पेटीकोट की जीत थी। वह अंत में इस अथक विजेताओं के सामने जमीन पर गिर पड़ा और उनसे सांस लेने की अनुमति मांगी।

रजनीकांत ने भी बताया की उसका एक मित्र स्कूल में जब वह ऐसे स्कूल में जाता था जिसमे लड़के और लड़किया दोनों पढ़ते थे लेकिन लड़किया का सेक्शन अलग था और लड़कियों का सेक्शन अलग था और दोनों कक्षाओं में छात्र छात्राये खूब शोर मचाते थे और उन्हें दंड देने पर भी कोई ज्यादा सुधार नहीं होता था क्योंकि लड़किया मिल कर बाते बहुत करती थी और लड़के मिल कर शरारते बहुत करते थे ।

तभी उनके स्कूल में एक नयी अध्यापिका आयी और उसने कक्षाओं का मिश्रण कर दिया केवल लड़को वाले सक्शन के आधे लड़के लड़कियों के सेक्शन में और आधी लड़किया लड़को के सक्शन में स्थांतरित कर दी । उसके बाद ज्यादा कुछ नहीं करना पड़ा । एक दो लड़को और लड़कियों के सजा या डांटे के बाद दोनों सेक्शन के छात्र शांत रहने लगे l क्योंकि लड़कियों के सामने लड़को को सजा मिलने की बात पूरे स्कूल की लड़कियों को पता चल जाती थी और लड़कियों को डांटना अपने आप में लड़कियों के लिए बहुत बड़ी सजा थी ।

अब मेरी ये कहानी सुन कर हर एक महिला जो वहां मौजूद थी उन सब ने अपनी सन्टी उठा ली , और जैसे ही रजनी कान्त और मैडम रूबी ने सन्टी चलानी बंद की , वे उन दोनो पीड़ितों के पीछे के हिस्से पर सन्टी चला कर उन्हें राहत देने लगे ,

जल्द ही निशा टूट गयी और लगभग बेहोश हो गयी वह दर्द से बेखबर हो गयी और मैं उस के मुँह पर पानी मार कर उसे होश में लाया, जबकि अनूप दया के लिए याचना कर रहा था , और फिर कुछ मिनटों बाद गोपनीयता की शपथ लेने की प्रार्थना कर रहा था । अंत में रजनी कान्त ने मेरी अनुशनसा पर उसे आवश्यक शपथ लेने की अनुमति दी , लेकिन जब उसने दयनीय रूप से रिहा होने और घर जाने की अनुमति मांगी तो सबने हँसी के साथ उसका स्वागत किया ।

अध्यक्ष महोदय "हा! हा! अनूप आप सोच रहे है कि हम आपको ऐसे ही जाने देंगे, जब निशा ठीक हो जायेगी तो वो भी तो आपका थोड़ा स्वागत और सम्म्मान करेगी और आपको निशा के द्वारा इस सजा को समापत करने पर कोई आपत्ति तो नहीं ही है ।"

अनूप ।- "यह सब उसकी ही गलती थी, मुझे कभी नहीं आना चाहिए था,उसने मुझे मेरे गर्मजोशी से स्वागत होने का आश्वासन दिया था ।"

तनु : तो अनूप आप निशा पर इतना भरोसा करते है की वो अगर कुए में कूद जाने को कहेगी तो आप कूद जाएंगे ?

अध्यक्ष महोदय, हंसते हुए।- "यह बिलकुल ठीक है , देवियों और अनूप आप यह नहीं कह सकते कि हमने अनूप का अच्छा स्वागत नहीं किया , ठीक है न अनूप ! लेकिन इससे पहले कि हम आपको जाने दें, चलिए आपका और गर्मजोशी से स्वागत करते हैं ।"


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UPDATE 12


निशा द्वारा अनूप का स्वागत



निशा को मैंने मलहम लग्गायी और कुछ दवा दी और जल्दी ही वह जगमगाती आँखों से उसने खुद के तैयार होने की घोषणा की । निशा की बहन अजंता ने झटपट उसे एक नयी सन्टी उसके हाथ में पकड़ा दी और जाहिर तौर पर निशा के दिमाग में कुछ था। "मैंने ये क्या सुना" उसने कहा, "आपने यह कहने की हिम्मत कैसे की कि मैंने आपको यहाँ आने के लिए लुभाया है?"

अनूप अब कांप रहा था। -"आह! आह! निशा, क्या तुम भी मेरी यातना को लम्बा खींचोगी, अब मैंने सब कुछ करने का वादा किया है।"

निशा, अपनी सन्टी को गंभीरता से नीचे लाते हुए, उसके निचले हिस्से की स्पर्श किया और फिर उसके नितम्बो पर प्रहार किया । अनूप की सफ़ेद नितम्ब की त्वचा उस स्ट्रोक के नीचे दब गयी, वह बोली ये आपकी जिद थी की आप यहाँ आना चाहते थे और जब तक आप उस जिद को छोड़ नहीं लेते, तब तक आपकी ये यातना चलेगी। "व्हिस्क-व्हिस्क-व्हिस्क, प्रत्येक प्रहार पहले की तुलना में तेज था और वह अधिक से अधिक उत्तेजित हो रहा था, क्योंकि खून उसकी नसों में और अधिक उबाल मार रहा था," क्या यह सच नहीं है अनूप कि आप मेरा मेरे साथ सेक्स करना चाहते थे, ? ये महिलाएँ मेरे प्रति आपके लज्जाजनक आचरण के बारे में सब कुछ जानती हैं। "

अनूप, इस नए सिरे से यातना में तड़प उठा और हताश हो गया। -"आह! ओह! आह! अगर मैंने ये सब मान लिया तो मुझे फांसी पर लटका दिया जाएगा, तो आप क्यों मेरा-मेरा-आप जानती हो आपने उस दिन अपने हाथ में यानी आपके हाथ में से मेरा क्या मतलब है।"

निशा, गुस्से में। -"घृणित बातो का जिक्र मत करो," उसे कंधों पर सन्टी चलाते हुए वह बोली, "अपनी दुष्ट जीभ को लगाम दो, आप मेरे चरित्र को बदनाम करने जा रहे हैं," फिर से उसके चूतड़ पर उसकी सन्टी का प्रहर हुआ । क्या तुम मेरे साथ मेरे हॉस्टल में नहीं रहना चाहते थे । तुमने ही ये सब प्लान बनाया था

अनूप अपना सर इधर उधर फेंक रहा था और अपने सिर को बहुत अधिक घुमाने से उसका विग उतर गया और अब वह, थोड़ा अधिक मर्दाना दिख रहा था, वह एक बहुत ही गोरा युवक था हालांकि उसके स्तन और नितम्ब लड़कियों जितने विकसित नहीं थे।

निशा, खुद उत्तेजक गर्मी को महसूस कर बोली। "देखो, देखो, ये इस हालात में भी कामुक महसूस कर रहा है और झूठ बोल रहा है" ये अपने उस घृणित भाग को छिपा भी नहीं पा रहा है और वह अनूप के नितंबों पर तेजी के कई प्रहार करने लगी जिससे उसकी शर्ट इतनी अव्यवस्थित हो गयी कि हमें उसके पेट के निचले भाग में घुंघराले हल्के बालों से छह या सात इंच की दूरी पर एक दुर्जेय दिखने वाले हथियार की झलक मिली।

युवा अनूप की आँखो में एक तरह का कामुक उन्माद नजर आया और सब लड़किया उस और देखने लगी, लेकिन दर्द और शर्म के हर विचार ने जाहिर तौर पर निशा की कामुक भावनाओं को दूर कर दिया था लेकिन अनूप सन्टी के हर प्रहार पर सबसे कामुक तरीके से अपने नितम्बो और

टांगो को मोड़ता और मरोड़ रहा था। उसके नितम्बो पर लाल निशान गहरे हो गए थे और कामुक भावना उसके रोष को और अधिक बढ़ा रहा थी। "आह!" वह कराह उठा, "ये न केवल मुझे अपने से भी बदतर बनाने की कोशिश कर रहा है, बल्कि देखिये वह हम सभी के सामने खुद को कितने अपमानजनक तरीके से उजागर कर रहा है!"

उसने अगला स्ट्रोक ऐसे मारा की वह उसके अपराधीअंग तक पहुँच सके। ऐसा वह बार-बार करती रही जिससे इतना तीव्र दर्द और उत्तेजना पैदा हुई की आखिर में वह बेचारा चिल्ला उठा, "ओह! हे भगवान! मैं फट जाऊंगा, मैं मर जाऊँगा । यह भयानक है, आह-आर-रे! आह-आरआर-रे! ओह! ओह!" और फिर ऐसा लगा कि वह भावनाओं की अधिकता में बेहोश ही गया।

निशा ने कुछ पल के लिए अपनी छड़ी के प्रहार रोक दिए और फिर उसके मुँह पर पानी मार कर अचानक उसे दो या तीन जबरदस्त प्रहार करके उसे फिर से जगाया है और चिल्लायी, "उठो, इतना कुछ हो गया, शायद अब आप अपने उस दुराग्रह को छोड़ दो, क्या तुमने मेरी उलझन का फायदा नहीं उठाया, जब मैं तुमसे बगीचे में मिली थी और उसने?" जब तक युवा अनूप पर सन्टी

का एक और प्रहार कर दिया।

अनूप, फिर से भयानक दर्द में और यह सोचकर शर्मिंदा हो गया कि उसे निशा ने कैसे फसा कर उसकी हरकतों को उजागर कर दिया है, अब उसकी कामुक उत्तेजना दूर हो गई थी। -"आह! आह! तुम ने मुझे कैसे फसा लिया है और दण्डित किया है । तुम्हारे उस स्नेह के प्यार भरे दुलार और दावे के बाद कौन सोच सकता है कि तुम मुझे ऐसे पिटवा और पीट सकती हो। आह! मिस तनु, मुझे इस बदमाश लड़की से बचाओ, दया करो देवियों!" शर्म के आंसू और तड़पता हुआ वैराग्य उसके लाल चेहरे पर बह रहा था।

निशा। -"अभी नहीं, बेशर्म लड़के, पहले मेरे बारे में अपने दावे वापस ले लो, या मैं तुम्हारे जाने से पहले सचमुच तुम्हारी खाल उतार दूँगी और फिर उसके बाद तुम्हे पुलिस में पकड़वा दूँगी।"

अनूप। -"ओह! ओह! निशा तुम कितनी क्रूर हो, मुझे झूठ बोलने के लिए मजबूर कर रही हो, मैं ऐसा कैसे कर सकता हूँ?" सन्टी के कुछ स्मार्ट स्ट्रोक की बौछार के बाद जाहिर तौर पर अनूप की कामुक भावनाओं की वापसी शुरू हो गयी थी।



[Image: BIRCH.jpg]

निशा। -"तुम्हारी रोना बेकार है और मैं इससे पिघलने वाली नहीं हूँ और, यह जानकर भी कि हम एक-दूसरे से कैसे प्यार करते हैं। क्या-क्या आप अपने दुष्ट दावों को वापस लेने को त्यार हो? आपने इन महिलाओं के आगे मुझे कामुकता की देवी बना दिया है। सुना?" निशा ने अनूप के निचले नागो पर तेज प्रहर किये ताकि सन्टी की युक्तियाँ उसे सबसे कोमल और सबसे निजी भागों में डंक मार सकें।

अनूप। -"आह! ओह! निशा! तुम तो मुझे मार ही डालोगी," अचानक वह दर्दनाक दर्द से बेहोश होने वाला था।

निशा। -"तो आप मेरे द्वारा माँगी गई मांगो को न मानने की जिद क्यों कर रहे हो और कहते हैं कि मैं तुमसे झूठ बोल रही हूँ, मेरे दुष्ट साथी, मैं तुम्हें सन्टी से पीट-पीट कर मार डालूँगी यदि तुम अपने नीच जिद को वापस नहीं लेते हो," और उसने सन्टी से उसे हर जगह बुरी तरह से काटते हुए मारना जारी रखा।

अनूप, भयानक पीड़ा में। -"ओह! ओह! क्या-मुझे क्या कहना चाहिए-हमारे बारे में वे सभी कहानियाँ असत्य हैं, हमने कभी कुछ गलत नहीं किया,"।

निशा, एक उग्र प्रहार के साथ जो लगभग उसकी सांस लेती है। -"रुको, अब, आप दूसरी चरम पर चले गए हैं; मैं केवल यह चाहती हूँ कि आप स्वीकार करें कि आपने मेरा फायदा उठाया है, आपका दिमाग भ्रमित है, क्या अजीब है बात यह है कि इतने कोड़े मारने और खून बहाने के बाद भी तुम्हे कुछ भी समझ नहीं आया है।"

अनूप वैराग्य के साथ सिसकते हुए। -"वास्तव में-वास्तव में, मुझे अब याद है, कैसे मैंने आपके कपड़ों के नीचे अपना हाथ घुसाया था, जब आप मुझसे इतनी दूर थी कि आप मेरा विरोध नहीं कर सकी। आह! ओह! ओह! मुझे जाने दो, तुम्हें डर की कोई जरूरत नहीं है मैं अपने अपमान का रहस्य सबको खुद बताऊंगा!"

वह काफी टूटा चूका था, निशा ने अपनी घिसी-पिटी सन्टी को गिरा दिया क्योंकि अब उसकी बड़ी प्यारी आँखों में सहानुभूति के आँसू थे और वह चिल्लाती है, "ओह मेरे प्यारे प्रेमी अनूप, तुमने इतने जिद्दी क्यों हो?"

अध्यक्ष महोदय। -"उसे नीचे उतारो और उसे मेरे सामने घुटने पर बिठा दो और अनूप तुम अपमानजनक घोटाले के लिए क्षमा मांगो, मैं महसूस कर सकता हूँ और देख सकता हूँ तम्हारी पिटाई ने हर महिला के मन में कितनी दर्दनाक भावनाएँ पैदा की हैं।"

फिर उन्होंने उसे रिहा कर दिया गया औरअनूप ने, विनम्रतापूर्वक घुटने टेकते हुए, हमारीअकादमी में इतनी शर्मनाक घुसपैठ करने के लिए अपने दुख और खेद की घोषणा कर फिर से ईमानदारी से हमारे रहस्य को बनाए रखने का वादा करने लगा । मैं उसे अकादमी के छोटे से फर्स्ट ऐड कक्ष में ले गया और उसके जख्मो पर मलहम लगाई और उसे कुछ जरूरी दवाये दी और आंखों में आँसू के साथ उनकी दर्दनाक दीक्षा के बाद रजनी कात ने उसे जाने की अनुमति दी।

आपका दीपक

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#16
मेरे अंतरंग हमसफ़र-


मेरे दोस्त रजनी के साथ रंगरलिया

UPDATE 15

आपकी योनि देखनी है


मेरे आने से पहले रूबी ने देखा की अजंता अपने हाथो में दो बैग लेकर अपनी बहन के कमरे की और जा रही है . अजंता भी बेहद खूबसूरत , गोरी और सुंदर लड़की थी . और  वो तुरंत उसके पास गयी और उसे बोली अजंता आओ अब हमे आपका मेडिकल चेकअप  करना है  . कुछ ही देर में डॉक्टर आ जाएंगे  और फिर मेडिकल  कक्ष में आमत्रित किया  और उसने उससे  वही सब सवाल  अजंता से पूछे जो उसने शीना से पूछे थे और उसका मेडिकल रिकार्ड्स का फॉर्म भर दिया . फिर वो बोली अब आप अपने कपडे उतार दो और जांच की मेज पर लेट जाओ  

अजंता ने कुछ देर पहले देख लिया था की अगर किसी बात की नहीं माना जाएगा तो  उसका अंजाम  क्या हो सकता है. 

उसनेव शरमाते हुए अपने कपड़े निकाले और बिलकुल नंगी हुई और गद्देदार मेज पर चढ़ गयी  और नसे उम्मीद थी की उसकी परीक्षा जल्द से जल्द होगी। उसने धीरे-धीरे साँस छोड़ी और सचेत  होकर  लेट गई।

"आपका बदन सुंदर  है!" नर्स  रूबी बोली  "और आपको - आपको नग्न होकर धूप सेंकनी  चाहिए इसे आपको विटामिन डी मिलेगा !"

"हमारे पास यहाँ  पूल के चारों ओर एक गोपनीयता  रखने वाली बाड़ है, आप वहां धुप सेक सकती हैं "  अजंता ने महसूस किया कि उसे  बताना चाहिए .  "मैं  इस दिनों घर पर थी ।"

"और ऐसी शानदार त्वचा!" रूबी ने सांस ली।  और चंचलता से  उसके बदन पर हाथ फिराया  और फिर  उसने अजंता के दृढ़ स्तनों में से एक के नीचे,  अपनी ऊँगली  लगाई और वहां उसे कुछ नमी मिली  । रूबी बोली  "तुम हर जगह पर चिकनी हो!"

अजंता ने घबराकर अपना थूक निगल लिया और मुँह फेर लिया और अपनी आँखें बंद कर लीं।  साफ़ था की वो शरमा रही थी, उसकी शर्मिंदगी तब बढ़ गई जब गोरी  नर्से रूबी ने  उसकी बड़ा  त्वचा और उसके नंगे स्तनों को  उत्सुकता से छूना और सहलाना शुरू कर दिया।

फिर वह शर्मा आकर अपनी कांख को बंद करके साइड करके लेट गई रूबी ने उसकी  पीठ को  देखा। यह नाओमी कैंपबेल के चिकने शरीर की तरह चिकनी थी । उसने उसकी पीठ को छुआ और महसूस किया कि वह मक्खन को छू रही है। उसकी त्वचा इतनी कोमल   थी और  रूबी को अपने हाथों के नीचे उसके मांस का स्पर्श पसंद  आया । अजंता मेडिकल  परीक्षा की मेज पर लेटी हुई थी और उसके बहुत करीब थी।   पास में पड़ी नंगी लड़की को देख रूबी का खून   का  दौरा  तेज हो  रहा था। वह उसके और करीब चली गई और उसके निपल्स को छुआ। उसे अपनी उंगलियों में  अजंता के सख्त निपल्स  का अहसास अच्छा लगा और उसने अपने कोण से उन बड़े स्तनों की मालिश करना शुरू कर दिया और अजंता के शरीर का तापमान बढ़ गया  । फिर  वो उसकी चूत को  एक बार देखना चाहती थी ।


[Image: LES1.jpg]

हर महिला हमेशा  किसी दूसरी महिला की चूत और स्तनों को देखने के लिए उतसुक रहती है । यह समलैंगिकता की लकीर से अधिक जिज्ञासा के कारण है। भगवान ने सभी महिलाओं को उभयलिंगी    बनाया है,  कोई भी लड़की  ऐसा नहीं होगी  जिसने किसी करीबी दोस्त या रिश्तेदार के साथ  दुलार या आकर्षण अनुभव नहीं किया हो। रूबी उन्माद में थी और रुकने वाली नहीं थी। वह वास्तव में उसकी योनि को देखना चाहती  थी  । रूबी ने उसे अपनी पीठ के बल लेटने के लिए मजबूर किया ताकि वह उसकी  सामने की नग्नता का पूरा नजारा देख सके ।  लेकिन अजंता अभी शर्मा रही थी और  उसने अपना हाथ अपनी गोद में रखा और वह नर्स के सामने  टाँगे  फैला कर  लेटी हुई  थी अपर उसने अपनी  छूट को  अपने हाथो से छपा लिया था । रूबी ने उसकी  चूत की तरफ देखा  तो अजंता  ने अंदर के दृश्य को देखने से रोकने के लिए अपने पैरों को क्रॉस कर लिया ।


"सुनो, मुझे नहीं लगता आपको ..." कोमल-सुंदर किशोरी ने विरोध करना शुरू कर दिया, लेकिन अचानक रुक गई जब उसने महसूस किया कि रूबी का मुंह अचानक उसके एक   निप्पल को गीला कर रहा है है। उसे जकड़ने के डर से, अजंता चिल्लाई, "ये आप क्या कर रही हो?"

रूबी बोली मिस डॉक्टर आने ही वाले हैं   मुझे  आपकी योनि देखनी  है की वो साफ़ है की नहीं . आप जानती ही अगर आप अकादमी के नियम नहीं मानोगी तो   फिर उसके आगे मैं आपकी कोई मदद  नहीं कर पाऊँगी . 

ये बात सूं कर अजनता ने टाँगे ढीली छोड़ दी ा और धीरे धीरे अपनी टाँगे खोल दी . उसकी योनि क्षेत्र में छोटे  बालो का एक बड़ा गुच्छा था  उसने पुछा  मिस  आप इन्हे साफ़ नहीं करती . अजंता ने ना में सर हिलाया . 

तब अजंता ने अपनी आँखे शर्म से बंद  कर ली थी  और जब अपनी चूत पर एक चुंबन महसूस किया और उसने अपनी आँखें खोलीं और पाया कि रूबी फर्श पर बैठी है और उसका सिर उसकी जांघों को छू रहा है और वह अजंता की चूत को चूम रही है। 'मिस प्लीज मुझे इजाज़त दो, मैं तुम्हारी छूट की  पहले शेव करूंगी , मैं तुम्हें  डॉक्टर के सामने  यहाँ पर लंबे बालों के साथ नहीं  ले  जा सकती । इस झाड़ी को देखकर डॉक्टर बहुत नाराज होंगे। अजंता ने  अब सहमति में सिर हिलाया। रूबी  बाथरूम में   गई और नग्न होकर लौटी  और उसके  हाथ में साबुन और  और पानी से भरा मग  था । उसने अजंता की टांगों को चौड़ा किया और ब्रश से  घने योनी के बालों पर साबुन लगाया। जब  अच्छा झाग बन गया तो उसने सतह पर अपने तेज  उस्तरे  का इस्तेमाल किया और अपना काम करना शुरू कर दिया। वह योनी की हजामत बनाने में माहिर थी। . और उसने अजंता  के योनि क्षेत्र और  जनघो के बीच  बाल साफ़ किये । फिर  रूबी ने अजंता को सिर ऊंचा करके बैठने को कहा। फिर उसने अजंता के नितंबों के नीचे एक तकिया रख दिया और ध्यान से अपनी बाहरी लेबिया को शेव करना शुरू कर दिया और दस मिनट के बाद उसने बताया कि योनि का मुंडन पूरा  हो गया  है  और उसने अजंता की  बगलों पर थोड़ा सा साबुन लगाकर उनका भी  मुंडन कर दिया। उसने मेज से एक छोटा सा शीशा लिया और अजंता की चूत को देखने के लिए इस्तेमाल किया ।

वाह, अजंता योनी अब नर्स रूबी  की अपनी चूत की तरह गंजी  थी। अजंता ने उस पर अपनी अंगुलियां घुमाईं और चिकनाई महसूस की। फिर  रूबी ने पानी में कुछ डेटॉल (डिओडोरेंट) डाली  और टेबल को गीला किए बिना अपनी चूत धो दी। फिर उसने अजंता के कपड़ो  से अजंता की योनि को सुखाया। फिर उसने अजंता की जाँघों को ऊपर उठा लिया और उसकी चूत को चूम लिया।

 
"  प्रिय अब तुम आराम करो  और याद रखना जब तक तुम यहाँ पर हो तुम्हे अपनी चूत और बगलोसाफ़ रखनी है ," रूबी ने उसे  समझाया , अब  फिर से उसकी जीभ अजंता के गुलाबी निप्पल पर  चली गयी और वो उसे तब तक फड़फड़ाती रही जब तक कि वह प्रतिक्रिया में सख्त नहीं हो गया । "अभी  लेट जाओ, और मैं तुम्हें अद्भुत आनंद दूंगी।"

अजंता, विरोध करने से भी डरती थी, वो चौड़ी आँखों से रूबी को देखती रही, जबकि नर्स उसके नग्न स्तनों को जोर से  चूस रही थी। अजंता के दिल की धड़कन तेज हो रही थी, उसने महसूस किया कि उसके दोनों बड़े निपल्स रूबी  के चूसने  से  सख्त हो गए।

"नहीं, वहां  नही!" जब रूबी का पसीने से तर हाथ उसकी नंगी जांघ पर गया तो अजंता हांफने लगी। "नर्स , आप मेरे साथ  ये क्या कर रही  हो?"

"डरने की कोई बात नहीं है," सुंदर नर्स रूबी  ने उसे आश्वासन दिया। " इसका आनंद लो।"

रूबी ने लड़की की कांपती जाँघों को अलग किया, फिर उनके बीच अपना हाथ फिर दिया । अजंता की गुलाबी योनी के   होंठों को अपनी उँगलियों से फुर्ती से अलग करते हुए, उत्सुक  नर्से ने  युवा  लड़की की झुनझुनी वाली भगशेफ को खोजा  और उसने अपनी उँगलियों से उस को सहलाया ।
"ओह  अजंता मजे से  कराह उठी जो  जब  रूबी ने उसकी भगनासा उसकी  कसी हुई योनि से  बाहर निकली । "मत करो, कृपया  ये मत करो! इसे रोको! कृपया!"

सुंदर किशोरी के हांफते हुए विरोध से बेपरवाह, नर्स ने अजंता की कांपती हुई भगशेफ में तब तक हेरफेर किया जब तक कि वह गद्देदार मेज पर अनियंत्रित रूप से फुसफुसाने नहीं लगी । नंगी लड़की के ऊपर झुकी रूबी ने अजंता के सूजे हुए निपल्स को एक-दो और गीले  चुंबन  दिए, फिर अपने गर्म मुंह को लड़खड़ाती लड़की के पेट   से नीचे सरका दिया।  


आपका दीपक

कहानी जारी रहेगी
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#17
मेरे अंतरंग हमसफ़र-


मेरे दोस्त रजनी के साथ रंगरलिया

UPDATE 16
 
अनियंत्रित किशोरी



किशोरी अजंता के हांफते हुए विरोध से बेपरवाह, नर्स रूबी  ने अजंता की कांपती हुई भगशेफ में तब तक हेरफेर किया जब तक कि वह गद्देदार मेज पर अनियंत्रित रूप से कराहने  नहीं लगी । उसने अपने नम होंठों को उसकी नंगी कमर के नीचे उसकी  कोमल सूजन पर फँसाया, फिर अजंता की जाँघों को   फैलाया।

"तुम मुझे पूरी तरह से कंपकंपा रहे हो!" अजंता  सिसकती रही, उसका पूरा शरीर पसीने से तरबतर हो गया। "मुझे जाने दो! प्लीज !"

"आपकी योनि  बिल्कुल छोटी  और प्यारी है!" रूबी ने ठीक उसी पर सांस ली, उसका सुंदर चेहरा लगभग उसकी योनिम को छू रहा था। अपनी जीभ बाहर निकालते हुए, वह अजंता की  योनी के फिसलन भरे होंठों को चाटने लगी। और  बोली "ओह, यह बहुत  रसदार भी  है!"

जांघों को   मरोड़ते हुए, अजंता ने अपनी नंगी गांड को टेबल पर घुमाया क्योंकि नर्स  में उसकी कांपती हुई योनि में अपना मुंह   डाल दिया था । रूबी की उत्सुक जीभ उसकी गीली चूत में इधर-उधर खिसकने के अश्लील अनुभव से अजंता ने  वासना के साथ कराह भरी । ओह्ह अह्ह्ह !

सुंदर नर्स रूबी ने अजंता की गर्म योनी पर अपने होंठों को नम कर दिया, अपनी जीभ से जांच की और लड़की की  योनि को अपनी उंगलियों से खोल दिया। हर बार जब वह अपनी जीभ ऊपर उठाती थी और सेक्सी किशोरी के योनि के ओंठो  को छेड़ती थी, तो लड़की  सिसकने के साथ हांफती थी और अपनी एड़ी को गद्देदार टेबल में खोदती थी।

अजंता ने कर्कश कराहते हुए कहा, "अब मैं और नहीं रुक सकती ! ओह्ह्ह! यह बहुत अच्छा लग रहा  है! तुम मुझे अपनी जीभ से जंगली बना रही  हो! ओह्ह्ह! उह! मेरी चूत में आग लग गई है!"

अजंता का  दृढ़ शरीर का एक-एक इंच अब  संवेदना से सजीव था। उसकी तेज होती  सांसों के साथ उसके  स्तन तेजी से उठ रहे थे और गिर रहे थे, उसने  फर्श पर गिरने  से बचने के लिए दोनों हाथों से मेज के किनारों को पकड़ लिया  । रूबी की जीभ के द्वारा प्रत्येक जांच ने उसकी रसदार योनी में उसे जोश से भर दिया, अजंता के पतले कूल्हों ने एक लहरदार झटके के साथ पंप करना शुरू कर दिया और इसे अब  वह नियंत्रित करने में पूरी तरह से असमर्थ थी।

"रुको मत!" अंजता हांफते हुए बोली , उसके घुटने चौड़े हो गए क्योंकि उसने अपने योनि क्षेत्र को   नर्स के चेहरे पर दबा  दिया था । "मेरी योनी को   ऊपर और नीचे कुछ और चाटो! उह! उह्ह्ह्ह्ह! मेरी योनी नरक की तरह गर्म हो गयी है और तेजी से  धड़क रही है! ओह्ह्ह्ह्ह! मुझे चूसो! मेरी चूत चूसो! उम्म्मम्म! यह बहुत अच्छा लगता है!"

"  अरे, आपकी चूत गीली हो गयी  है!"

अजंता और भी अधिक उन्मत्त होकर लड़खड़ाती हुई, अपनी योनी को रूबी के दबे हुए चेहरे में पीसती रही, उसकी योनी के गुलाबी होंठ खुले और तैलीय नमी से चमकते रहे।


[Image: L2.jpg]

अजंता ने गर्मजोशी से आग्रह किया, "तुम मुझे अंदर बाहर कर रहे हो!   बहुत मजा आ रहा है  प्लीज मेरी योनी को चूसो! उम्म्मम! उह! मुझे चुसो ! अपनी जीभ को मेरी चूत पर पूरी तरह से चिपका दो! इसे चाटो, रूबी! उम्म्मम्म!"

बार-बार अपनी एड़ियों को अंदर खींचते हुए और अपनी नंगी गांड को टेबल से ऊपर उठाते हुए, फुसफुसाती हुई लड़की ने बार-बार अपनी टपकती हुईयोनि  को दूसरी लड़की के मुंह पर धकेल रही थी   । वह सिर से पाँव तक काँपती रही, उसकी योनी से इतना अधिक रस निकल रहा था कि वह उसकी उछलती हुई गांड की  दरार में रिसने लगा ।

"ओह्ह ’’ ! अजंता काँपते हुए कराह उठी, अपने कूल्हों को और ऊपर उठाने के लिए जोर लगा रही थी। "ओह प्लीज मेरी चूत को ठीक बीच में चाटती रहो ! इसे चूसो और चूमो और चाटो! उम्म्म! उम्म्मम्म! मेरी योनी को ज़ोर से चूसो! ओह्ह्ह्ह! अपनी गीली जीभ को मेरी चूत पर सरका दो! चाटो! उह! उह! उह!  आह्हः  करो प्लीज !"

रूबी ने लड़खड़ाती हुई  किशोरी की योनी पर थप्पड़ मारा, अपनी जीभ से उसकी जांच की, उसकी जीभ लड़की के तंग, गुलाबी योनी-छेद तक पहुंच  गयी । जीभ चिकनी-चुपड़ी लड़की के भीषण गीलेपन में लिपट गईा  उसके गाल और ठुड्डी अजंता की योनि से निकलने वाली चिकनाई से सराबोर हो गई।

फिर, रूबी ने अजंता की  जांघों के नीचे से एक हाथ खिसकाते हुए, नीचे से  अजंता की गर्म योनी में एक अकेली उंगली को धक्का देना शुरू कर दिया।

एक शांत रोने के साथ, अजंता ने कराहते हुए कहा, "हाँ, हाँ! अपनी उँगली मेरी चूत में डालो !  उह्ह्ह!  हाय ये कितना सुखद है  !  इसे और गहरा धक्का दो! ओह्ह्ह्! कहाँ इतना झुनझुनी हो रही है! उम्म्म! उम्म्म! उम्म्मम्म! मेरी  अंदर और बाहर अपनी उंगली  तेजी से करो! तेज़! उह!  !" जितना रूबी ने अपनी उंगली को फुदकती हुई लड़की की गर्म चूत में धकेला, लड़की का योनी-छेद उतना ही सख्त होता गया।

अपना मुंह ऊपर की ओर सरकाते हुए, सुंदर नर्स  ने अजंता की योनि   को अपने कोमल होठों के बीच लपेट लिया और उन्मादी ढंग से चूसने लगी।

"ओह, मैं गयी " काले बालों वाली किशोरी अचानक कराह उठी, उसके मजबूत पैर बेतहाशा लात मार रहे थे। उसका शरीर कठोर हो गया क्योंकि उसके चरमोत्कर्ष के पूर्ण प्रभाव ने उसे झकझोर दिया, उसकी योनी में स्वादिष्ट ऐंठन ने   रूबी की खोजी उंगली को  धीरे से पकड़ लिया। "ओह्ह्ह्ह्ह!  


अनियंत्रित किशोरी  पतले कूल्हे गद्देदार मेज पर मथते हुए, उसने अपनी   जांघों को  चौड़ा किया  , फैला दिया, अपनी नंगी गांड को और भी ऊपर उठा लिया और फिर अजंता तब तक कराहती रही जब तक कि वह अपनी कांपती हुई कमर पर बहते हुए उत्तम आनंद की लहर  के कारण बह नहीं गयी ।

आपका दीपक

कहानी जारी रहेगी
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