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Romance मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ
#1
मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ



पेशे खिदमत है वो कहानी जिसके पहले भाग को पढ़ कर मैंने लिखना शुरू किया . जिनकी ये कहानी है अगर वो कभी इसे पढ़े तो अपने कमेंट जरूर दे .

कहानी के सभी भाग कहीं नहीं मिले तो उन्हें पूरा करने का प्रयास किया है

उम्मीद है मेरा लेखन पसंद आएगा .

आमिर हैदराबाद


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  7.  मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ


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#2
मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 01

जीनत आपा के साथ निकाह


मेरा नाम सलमान है और हम लखनऊ के नवाब खानदान से ताल्लुक रखते है, हमारे यहाँ शादी केवल खानदान में ही होती है। हमारे खानदान में सिर्फ़ दो लड़के है में और मेरी मौसी का लड़का रिज़वान, जिसका निकाह मेरी बहन रुकसाना से हुआ है। मेरे दो और बहनें है सलमा और फ़ातिमा और उनका निकाह भी रिज़वान से ही होगा। मेरी मौसी के दो लड़कियां है ज़ीनत और आरसी, मेरे चाचा के दो लडकियाँ है रुक्सर और ज़ूनी, ज़ीनत 26 साल की, आरसी 18 साल की, रुक्सर 20 साल की और ज़ूनी 18 साल की है। फिर तय हुआ की मेरा निकाह ज़ीनत और आरसी से एक दिन और रूक्सर और ज़ूनी से दूसरे दिन हो जाए और रिज़वान का निकाह सलमा और फातिमा से हो जाए, ताकि खानदान घर में ही बढ़े और सब हवेली में ही रह जाए। फिर मैंने मेरी पहली सुहागरात ज़ीनत के साथ चुनी और हर एक महीने के बाद सुहागरात मनाने का फ़ैसला लिया और क्योंकि उम्र में सब उससे छोटी थी इसलिए घरवालों को भी कोई ऐतराज़ नहीं हुआ।


अब दोस्तों में आपको ज़ीनत के बारे में और उनकी चुदाई की कहानी सुनाता हूँ। वो मुझसे 4 साल बड़ी थी, लेकिन वो बला की खूबसूरत थी, हाईट 5 फुट 9 इंच, गोरी, भूरे बाल, भरा हुआ मांसल बदन, वो एकदम सुष्मिता जैसी लगती थी। मेरी उससे बहुत कम बात हुई थी, लेकिन मुझे मालूम था कि आज जन्नत की सैर करने का मौका खुदा ने दे ही दिया है। में आज उस लंबी नाजुक ज़ीनत को सोने नहीं दूँगा। फिर रात को रुकसाना और सलमा, फ़ातिमा मुझे ज़ीनत के कमरे में ले गयी और बाहर से दरवाज़ा बंद कर हंसते हुए चली गयी। अब वो कमरा गुलाब के फूलों से सज़ा था और सेज़ पर ज़ीनत बैठी थी। फिर में उनके पास गया और उनका हाथ अपने हाथ में लेकर उनसे बातें करने लगा और बोला कि आप तो यह बताओ कि मुझे आपके साथ करना क्या है? तो उन्होंने शरमाते हुए मुझे अपनी बाहों में लिया और कहने लगी कि मेरा बच्चा तुझे सब मालूम है। अब ज़ीनत हरे रंग की बनारसी साड़ी और पूरी गहनों से लदी हुई थी। फिर मैंने धीरे से उनके होंठो को चूमा, उफ उनकी खुशबू ही क्या सेक्सी थी? और मेरे चूमते ही उनकी सिहरन और उनके सोने के कंगनो की टकराहट से छन की आवाज़ मेरे लंड को फौलादी बना गयी थी। फिर मैंने धीरे से उन्हें अपनी बाहों में लिया और उनके होंठो पर चूमना और अपनी जीभ से गीली चटाई शुरू कर दी। अब ज़ीनत सिहरकर मुझसे लिपट गयी थी और उसकी 38 साईज की चूचीयां मेरे सीने से दब गयी थी।


फिर मैंने उत्तेजना में उन्हें जकड़कर अपनी बाहों में मसल डाला। तो जीनत ने कहा कि सलमान मेरे दूल्हे धीरे करो बहुत दर्द होता है। फिर मैंने उनके गालों पर अपनी जीभ फैरनी चालू कर दी और फिर उनके ऊपर के होठों को चूमता हुआ, उनके नाक पर अपनी जीभ से चाट लिया। अब ज़ीनत उत्तेजित हो चुकी थी और सिसकारियां भरती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी। अब में उनके चेहरे के मीठे स्वाद को चूसते हुए उनकी गर्दन को चूमने, चाटने लगा था और मेरे ऐसा करते ही वो सिसकारी लेती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी। अब में ज़ीनत आपा के ब्लाउज के ऊपर से ही उनके बूब्स को दबाने लगा था। अब उनके मांसल बूब्स दबाने से वो सिहरने, सिकुड़ने और छटपटाने लगी थी, जिससे मैंने जोश में आकर उनका ब्लाउज फाड़ दिया और उसे अलग करके उनकी काली ब्रा भी उतार दी। उफ़फ्फ़ अल्लाह ने उसे क्या खूबसूरती से बनाया था? अब मेरा लंड तनकर पूरा खड़ा हो गया था और उनका सुडोल, चिकना, गोरा बदन, मेरी बाहों में सिर्फ़ साड़ी और पेटीकोट में था।


अब उनके होंठो को किस करते हुए उनके मुँह का स्वाद और उनके थूक का मीठा और सॉल्टी टेस्ट मुझे मदधहोश कर रहा था। अब उनकी आहें भरने की सेक्सी आवाज़ और नंगे जिस्म पर आभूषण मेरे लंड के लिए एक वियाग्रा की गोली से कम नहीं थे। फिर वो उत्तेजना से सिसकारी भरते हुए बोली कि ओह सलमान 26 साल से तड़पति ज़ीनत पर ये क्या हुआ? मुझे मसल दो, मुझ पर छा जाओ, में मदहोश हूँ, मुझे अब और मत तड़पाओ, आओ मेरे राजा मेरी प्यास बुझा दो। अब उनकी हालत देखकर मैंने भी सोचा कि देर करना उचित नहीं है और उनको पूरा नंगा कर दिया, क्या मस्त माल था? थैंक यू अल्लाह, शुक्रिया। फिर मैंने सिर्फ़ गहनों में लदी ज़ीनत के पेट की अपनी जीभ से ही चुदाई कर डाली, सपाट पेट, लहराती हुई कमर, गहरी नाभि और बूब्स पर तनी हुई निपल्स, आँखे अधमुंदी चेहरा और गला मेरे चाटने के कारण गीला और शेव्ड हल्के ब्राउन कलर की चूत, केले के खंभे जैसी जांघे और गोरा बदन।


अब मेरा मन तो कर रहा था कि बस चूमता, चाटता रहूँ और अपनी बाहों में जकड़ कर मसल डालूँ और जिंदगी भर ऐसे ही पड़ा रहूँ और उफ क्या-क्या नहीं करूँ? और फिर अपनी जीभ उनकी चूत पर लगाकर उनकी चूत को चाटने लगा। तो वो उछल पड़ी और मेरे बालों को अपने हाथ में लेकर सिसकारी भरने लगी और बड़बडाने लगी कि सलमान में 10 साल से तेरे बड़े होने का इंतज़ार कर रही थी, मेरी 26 साल की कुँवारी चूत की प्यास तूने आज और भड़का दी है। फिर वो मेरी जीभ की मस्त चटाई में ही झड़ गई और मेरे बालों को कसकर पकड़कर मेरे होठों को चूसने लगी। फिर में उठकर उनकी जाँघो के बीच में आ गया और अपने मुँह में उनकी निपल्स लेते हुए अपनी एक उंगली उनकी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा, लेकिन उनकी टाईट चूत बहुत सख्त और तंग थी और मेरी कोशिश पर आपा चीखने लगती थी, लेकिन बड़ी मुश्किल से मेरी 1-2 उंगली उनकी चूत में अंदर जा पाई।


फिर मैंने आपा से कहा कि एक बार दर्द होगा, लेकिन आप अगर बर्दाश्त करोगी तो सारी जिंदगी मस्ती ले पाओगी। फिर मैंने उनको चूमते हुए और बूब्स दबाते हुए अपना लंड उनकी चूत के मुँह पर सेट किया और उनको चूमता चाटता रहा। अब उनकी सुगंध से मेरा लंड जो कि अब 11 इंच लंबा और 4 इंच मोटा हो गया था, फंनफना कर ज़ीनत की चूत में घुसने की कोशिश करने लगा था। फिर बड़ी मुश्किल से मेरा लंड 2 इंच अंदर घुसा ही था कि जीनत की चीख निकल पड़ी, सलमान आईईईईईईईई दर्द उउउउइईईईईई हो रहा है और उनकी चीख से में और मदहोश हो गया और उनकी हथेलियों को अपनी हथेली से दबाते हुए उनकी चूत पर एक ज़ोर का शॉट मारा और मेरा लंड 2 इंच अंदर घुस गया। अब दर्द से दोहरी आपा अम्म्म्मा अम्मी जान कहकर चीखने लगी और छटपटाने लगी थी। फिर मैंने उसकी चीखों की परवाह किए बिना एक ज़ोर का धक्का और मारा तो मेरा फनफनाता हुआ लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ 5 इंच अंदर घुस गया।


अब वो अम्मी अम्मी कहकर ज़ोर से चिल्लाने लगी थी और चीखने लगी थी, अम्मी मुझे मार डाला इसने, मेरा दूल्हा कसाई है, जालिम है, मार डालेगा मुझे आआईईईईई रे सलमान, प्लीज़ अपनी मुझ पर रहम कर, यह लोहे की रोड घुसा दी, में मर जाउंगी, आआई रे मेरे ज़नाज़े का इंतज़ाम कर लो आईईईई। फिर मैंने कहा कि अच्छा में 2 मिनट में बाहर खींच लूँगा और अब और नहीं फाड़ूँगा और धीरे से उन्हें सहलाने लगा और चूमने लगा और अपना लंड 2 इंच बाहर निकालकर फिर से एक ज़ोर का शॉट मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ चूत की जड़ में समा गया। फिर जो वो चीखी, तो पूरी हवेली जाग गयी, लेकिन में उसे चोदता रहा, चोदता रहा।


फिर 10 मिनट की बेरहम चुदाई के बाद जब उसकी चीखे कम हुई और सिसकारी में बदलने लगी तो मैंने अपना लंड आधा बाहर कर लिया और अंदर बाहर करने लगा। फिर अचानक से आपा ने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और झड़ गयी और मुझे चूमने लगी। फिर मैंने कहा कि कसाई कैसा है? तो आपा ने कहा कि अरे बड़ा जालिम है, लेकिन प्यारा और मस्त है, चोदो सल्लू मुझे चोदो, अपनी मौसी की लड़की को चोदो और फिर मैंने उसकी जमकर धुनाई करते हुई चुदाई की और उसको 3 बार और झड़ाने के बाद अपना रस उसकी चूत में ही डाल दिया।

दोस्तों उस आनंद का अंदाज जो अपनी मौसी की लड़की को चोदेगा वही जान पाएगा। फिर उस रात मैंने ज़ीनत को 4 बार चोदा और जब वो सुबह लंगडाते हुए चल रही थी।

जारी रहेगी


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#3
मेरा निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 02

जीनत आपा के साथ निकाह


सुबह मुझसे मिलने रुकसाना आयी तो मैंने उसे पूरा हाल बताया ,, रुकसाना आप मुझसे पूरी खुली हुई थी मैंने सलमा और रिज़वान का हालचाल पुछा तो रुकसाना ने कहा रिज़वान रात भर सलमा को बेदर्दी से चोदता रहा और सलमान से मेरी आपा ज़ीनत की चुदाई का बदला लेना है और ज़ीनत और सलमा की चीखो से पूरी हवेली गूँज रही थी .

जैसे ही रात हुई अब्बा जान और ज़ीनत के अब्बा और मेरे मामू ने मुझे और रिज़वान को बुलाया और कहा कल रात जो चीखने चिल्लाने की आवाज़ आयी थी वह नवाबी तेहज़ीब के मताबिक सही नहीं हैं जो भी करो नज़ाकत को देख कर करो . सारे नौकर नौकरानी सुनते है और बातें बहार जा सकती है .

हम ने सर झुका कर आदाब किया और कमरे में चले गए , इतने में ही लाइट चली गयी और घोर अँधेरा छा गया . में भूल गया की मुझे ज़ीनत के रूम में जाना है और अपने रूम में चला गया और रिज़वान सलमा के पास चला गया .

दोस्तों ज़ीनत की पर्सनल नौकरानी हिन्दू लड़की हमारे घर में ही रहती थी और उसका नाम लाज्जो था . वह ज़ीनत के साथ ही सोती थी और क्योंकि में ज़ीनत के कमरे में सोनेवाला था इसलिए वह मेरे रूम में सो रही थी .

में जब बिस्तर पर पंहुचा तो लाइट आ चुकी थी और मेरे बिस्तर पर लाज्जो बेखबर सोई पड़ी थी , उसका बदन गठीला , सुडोल स्तन , पतली कमर और ठिगना कद था और मादकता से लबरेज 21 साल की 5’कद की इस तरह सोयी थी की उसकी साड़ी जांघो तक और पेट साफ दिख रहा था . एकदम स्पंजी कमर मांसल यौवन देख कर मैंने उसे चोदने का मन बना लिया और कमरे को बंद कर उसको चूमने चाटने लगा . जानबूझकर भी वह अनजान सोती रही और मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया . उसकी चुत काली पर गद्देदार थी और वह शादी शुदा थी लेकिन उसका पति खेती करने के लिए गांव गया हुआ था

जल्दी से मुझे चोद कर ज़ीनत के पास जाइये नहीं तो सबको मालूम पड़ जायेगा ऐसा कहते हुए वह उठी और मुझे अपने लिप्स और जीभ से चाटने लगी . उसके ऐसा करने से मैं जोश में भर कर अपने लैंड को उसकी चुत में घुसेड़ दिया , और जैसे माखन की टिकिआ में चाकू जाता है उसी सरलता से वह अंदर चला गया . साहब बेरहमी से छोड़िये और मज़ा लूटिये . और मेने उसकी बेरहमी से उछाल उछाल कर चुदाई की और उसने भी चूतड़ उठा उठा कर चुदाई का मज़ा लिया और अचानक हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा .

उठकर तैयार हो कर मैं अपनी दुल्हन आप के पास पहुंचा तो देखा की वह सो रही थी . गोरी सुष्मिता की तरह आज वह चूड़ीदार और कुरता में थी और उसे थकी हुयी सोते देख मुझे उस पर प्यार आया और धीरे से मैंने उसकी गोरी पेशानी चुम ली . मेरे स्पर्श से वह जग गयी और बड़े प्यार से बोली तुम कब आये सलमान मेरी आँख लग गयी थी . मैंने पूछा आपा आपकी तबीयत कैसी है आज आप ठीक से चल नहीं प् रही थी . मैंने प्यार से उनके गुलाबी होंठो को चूमते हुए पुछा क्या आपको अच्छा नहीं लगा वह धीरे से बोली अच्छा तो लगा मजा भी बहुत आया पर दर्द बहुत हुआ और उन्हों मेरे होंठो को चुम लिया आराम से करो न मेरे राजा मैं पूरी तुम्हारी हूँ. शरमाते हुए उसने कहा अपनी दुल्हन और आपा को बड़ी बेरहमी से किया ,ऐसा भी करते है कोई , कल रात तुमने बहुत तंग किया आज मैं तुमसे कुछ भी नहीं करवाऊंगी. देखो कैसे सूज गयी है. और मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चुत पर रख दिया. उसने पैंटी भी नहीं पहनी थी चुत एकदम सूजी हुई थी मैंने प्यार से चुत सलवार की ऊपर से ही को सहलाया फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी.

फिर मैनी भी उसकी जीभ को चूसा. मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा और वह झड़ने लगी और मेरे हाथो को उनके चूक गीली गीली लगने लगी. मैंने उनकी चुत को ऊपर से हो चूमा और बोला आज इसे थोड़ा आराम देता हूँ उसके बाद मैंने अपने हाथो के उसके मोमे दबाने लगा और तभी उनका निप्पल मुझे कड़ा सा महसूस हुआ तो मैंने अपनी उंगलियों से निप्पल को खींचा को आपा कराह उठी आआह मेरे राजा धीरे बहुत दुख रहे हैं. मैंने निप्पल को किस की और फिर उनके ओंठो को चूमा. क्योंकि मैंने लाजो की जम कर चुदाई की थी इसलिए थका हुआ था मैंने कहा आओ आपा अपनी बांहो में सुला दो सुबह चार बजे का अलार्म लगा देते है अगर तुम्हारा मन करे तो फिर मेरे को करने देना और हम दोनों एक दुसरे को चूमते हुए लिपट कर सो गए .

अचानक मेरी नींद खुली करीब रात के तीन बजे थे ,आपा मेरे सीने से लिपटी हुई सो रही थी और बड़ी प्यारी और मासूम लग रही थी ,उनको देखते ही मेरा संयम टूट गया और इस दर से की कहीं मना नहीं कर दे मैंने उन्हें दबोच कर लिप्स किस करने लगा , जिसका की उन्होंने बड़ी कामुक और मादक अंदाज में जवाब दिया वह नींद से भरी बोली सलमान मेरी आदत मत बिगाड़ो , तेरी चार बीवी है और में सबसे बड़ी हूँ मेरा तो नंबर ही नहीं लगेगा , मैंने कहाँ आपा इसकी फ़िक्र न करे , आप सबसे सुन्दर ,गोरी और मेरे से 5 साल बड़ी होने के बावजूद मस्त माल हो . आपको देखकर तो कोई भी पागल हो जाये जैसे की मैं हूँ आपको मालूम नहीं है मेरी क्या हालत है. मेरे मन आपको देखते हे बेकाबू हो जाता है तुम तो मेरे दिल की मल्लिक्का हो उनकी गोल गोल बूब्स से भरी उसकी छाती और भरे भरे गालों के साथ उसकी नशीली आंखें मुझे नशे में कर रही थी। मैं उनको बोला आपके होठों की बनावट तो ऐसी थी, अगर कोई एक बार उनका रस चूसना शुरू करे तो रूकने का नाम ही न ले। और फिर मैंने कहा आपा हमारे खानदान में गांड मरने की रिवाज़ है और आप चीखती बहुत हैं इसलिए अगर आप इज़ाज़त दे तो आपकी कलाई में रस्सी बांधकर आपको उल्टा कर आपके दोनों हाथ बीएड पोस्ट से बांध देता हूँ और आपके मुंह को कपडे से बांध कर आपकी गांड मर लेता हूँ .

मेरे राजा सलमान पहले मेरी चुत चोदो फिर जैसा चाहे वैसा कर लेना लेकिन धीरे से ताकि दर्द न हो . मैं उन पर चढ़ कर बेकरारी से चूमने लगा। और चूमते चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट तक उसका लिप्स किस लेता रहा मैंने अपना हाथ उठाया और उनके बूब्स दबाने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी, मैंने उनकी चूड़ीदार सलवार कमीज अपने हाथों से उतार दी,

मै उनकी चुचियों को मसलने लगा, और वो मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पुरे कमरे में गूंज रही थी, फिर मैंने उनके मोमो को चूसना शुरू कर दिया उनके मोमो कड़क हो गए थे और चुच्चिया कह रही थी हमे जोर से चूसो .. मैंने चूचियों को दांतो से काटा आपा कराह उठी आह यह आह आपा कह रही थी धीरे मेरे राजा धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा ही है उसके बूब्स अब लाल हो चुके थे फिर मैंने उनकी नाभि को चूमा अपनी जीभ उनकी नाभि में डाल दी आपा मस्त हो गयी और मेरे सर अपने पेट पर दबाने लगी आपा का पेट एकदम सपाट था कमर पतली और नाजुक मैंने उनके एक एक अंग को चाट डाला और उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा उन्हें जैसे करंट सा लगा और उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी, उनका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था. उनकी चूत गीली होने लगी मैंने पुछा अब चूत कैसी है उन्हों ने कहा तुम खुद देख लो तुम्हारे लिए तड़प रही है मैंने उनकी चुत को चूमा उनकी खुशबू ने मुझे मदहोश कर दिया मैं उनकी चूत को चाटने लगा, उनके चूत के रस में क्या गज़ब का स्वाद था, आपा बोली बहुत अच्छा लग रहा है बहुत आराम मिल रहा है .फिर उसकी चूत पर अपना मुँह रखते ही वो जोर से चिल्ला उठी आआहह, ओमम्म्मममम, चाटो ना जोर से, सस्स्सस्स हहा और मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। अब वो सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वो अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी। अब उसके ऐसा करने से मेरे लंड में भी सनसनी होने लगी थी। फिर मैंने अपनी पेंट खोली और अपना लंड उसके हाथ में थमा दिया। अब मेरा लंड तनकर पूरा 90 डिग्री का हो गया था। उन्होंने मेरा सारा कपड़ा अपने हाथों से निकाल दिया और मेरे लंड पकड़कर सहलाने लगी

मैंने उसको उठाकर उसकी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी, तो वो ज़ोर से चिल्लाई आहह अब लंड डाल दो, अब और इंतज़ार नहीं होता, प्लीज जल्दी करो ना, प्लीज आहहह। फिर जब मैंने उसकी चूत में अपनी उंगली की तो वो मेरे लंड को ज़ोर से आगे पीछे करने लगी और ज़ोर से मौन करने लगी। उसकी चूत पूरी डबल रोटी की तरह फूली हुई थी। अब में उन्हें ऊँगली से लगातार चोद रहा था और वो ज़ोर से मौन कर रही थी, ये तूने क्या कर दिया? अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है, जल्दी से चोद दो, मेरी चूत में आग लग रही है। अब वो ज़ोर-जोर से हाँफ रही थी और जैसे कोई कई मीलों से दौड़कर आई हो और आहह, एम्म, ओह, आआआआआआअ, डालो ना अंदर जैसी आवाजे निकल रही थी।

फिर मैंने उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और उसके दोनों पैरों को फैलाया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। अब जब मेरे लंड का सुपड़ा ही उसकी चूत में गया था तो वो ज़ोर से चिल्लाने लगी कि नहीं मुझे छोड़ दो, नहीं में मर जाउंगी, अपना लंड बाहर निकाल लो, लेकिन मैंने उसे अनसुना करते हुए एक ज़ोर का धक्का लगाया तो वो और ज़ोर से चिल्लाई। फिर मैंने उसके लिप्स पर किस करते हुए उसके मुँह को बंद किया और अपने धक्के लगाता गया। अब वो झटपटा रही थी और अपने बदन को इधर से उधर करने लगी, लेकिन में नहीं माना। अब में धक्के पे धक्के लगाए जा रहा था और अब उसकी आँखों से आसूँ निकल रहे थे। एक जोर का झटका लगाया, एक ही झटके में पूरा लंड उनकी चूत के अंदर चला गया, उनकी आह निकल गयी,

फिर में कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही पड़ा रहा तो कुछ देर के बाद वो शांत हुई अब में उसके बूब्स को चूसने लगा था और अपने एक हाथ से उसके बालों और कानों के पास सहलाने लगा था और फिर कुछ देर के बाद मैंने उसके कानों को भी चूमना शुरू कर दिया तो कुछ देर के बाद वो फिर से गर्म हो गई। फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया तो पहले तो वो चिल्लाई, लेकिन फिर कुछ देर के बाद मैंने पूछा कि मज़ा आ रहा है। फिर वो बोली कि हाँ बहुत मज़ा आआआआ रहा है, इस चूत का इलाज सिर्फ तुम्हारी चुदाई है ..हाईईईईई, म्‍म्म्मम और फिर वो जोर-जोर से चिल्लाने लगी। फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब वो पूरी मस्ती में थी और मस्ती में मौन कर रही थी अआह्ह्ह आाआइईई और करो, बहुत मजा आ रहा है। अब वो इतनी मस्ती में थी कि पूरा का पूरा शब्द भी नहीं बोल पा रही थी। अब में अपनी स्पीड धीरे-धीरे बढ़ाता जा रहा था हाआअ, राआआआआजा, आईसीईई, चोदो और जोर से चोदो। आज मेरी चूत को फाड़ दो, आज कुछ भी हो जाए लेकिन मेरी चूत फाड़े बगैर मत झड़ना, आआआआ और ज़ोर से, उउउईईईई माँ, आहह हाँ, अब ऐसे ही वो मौन कर रही थी।

फिर कुछ देर के बाद मैंने महसूस किया कि मेरा लंड पानी से भीग रहा है। अब वो भी अपना पानी छोड़ने वाली थी, अब वो नीचे से अपनी कमर उठा-उठाकर चिल्ला रही थी और बडबड़ा रही थी आहहहहहह और चोदो मेरी चूत को, आज मत छोड़ना, इसे भोसड़ा बना देना और फिर कुछ देर के बाद वो बोली हाए मेरे राजा में झड़ने वाली हूँ। और फिर मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वो भी कुछ देर के बाद झड़ गई।

फिर वो अचानक से चिल्ला भी नहीं सकी, क्योंकि उसका मुँह मेरे मुँह में था और में उसको ज़ोर-ज़ोर से किस करता गया और धक्के लगाते गया। तभी वो बोली कि आज फाड़ डाल मेरी चूत को, वो तुम्हारे जैसा ही लंड मांगती है। फिर वो कुछ नहीं बोली। अब में उसे लगातार धक्के लगा रहा था और फिर में ऐसे ही 15-20 मिनट तक उसको उसी पोज़िशन में चोदता गया। फिर अब उसे भी मज़ा आने लग रहा था, अब वो भी अपने कूल्हे उछाल-उछालकर मुझसे चुदवा रही थी। अब मैंने उसे और ज़ोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया था। फिर थोड़ी देर के बाद वो फिर झड़ गयी और शांत पड़ गयी।

मैं उनको चूमता रहा और उनके बूब्स को सहलाता रहा फिर मैंने कहा इस बार आपा आप ऊपर आ जाओ फिर में उनके नीचे और आपा मेरे ऊपर थी। मेरे तनकर खड़े लंड पर धीरे धीरे अपनी चूत दबाकर लंड को अंदर घुसा रही थी। दोस्तों आज पहली बार में उसकी चूत की चमड़ी को अपने लंड की चमड़ी पर रगड़ते हुए देख रहा था और में आपको बता नहीं सकता कि मुझे उस समय कितना मज़ा आ रहा था। वो मेरे लंड पर धीरे से उठती और फिर नीचे बैठ जाती जिसकी वजह से लंड अंदर बाहर हो रहा था और वो खुद अपनी चुदाई मेरे लंड से कर रही थी और बहुत मज़े कर रही थी । सच कहो आपा बहुत मादक लग रही थे उनके रेशमी सुनहरी बाल चारो तरफ फ़ैल गए थे आपा उन्हें पीछे करते हुए मेरी छाती पर अपने हाथ रख देती थी

मैंने भी अपने चूतड़ उठा कर उनका साथ दिया.. मेरा लंड उनकी चूत के अंदर पूरा समां जाता था तो दोनों के आह निकलती थी .फिर मेरे हाथ उनके बूब्स को मसलने लगे फिर मैं उनकी चूचियों को खींचने लगता था तो आपा सिहर जाती थी और सिसकने लगती थी .. उसके बाद आपा मेरे ऊपर झुक गयी और हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए.. मैं आपा को बेकरारी से चूमने लगा। और चूमते चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी फिर मैंने ज़ीनत आपा की जम कर चुदाई की और उनको जन्नत की सैर कराइ । फिर थोड़ी देर के बाद वो फिर झड़ गयी ।

फिर मैंने उसको घोड़ी बना दिया। और अब मैंने उसकी चूत में पीछे से लंड को डालकर चोदना शुरू किया मुझे लगा पीछे से लंड ज्यादा अन्दर तक गया और पहले से ज्यादा मजा आया. आपा भी मस्ती में गांड आगे पीछे कर मेरा साथ देने लगी उनका चिलाना एकदम बंद हो गया. और फिर में उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा। बीच बीच में पीछे से उनके मोमो पकड़ कर दबाता रहा जब मैं उनके मोमे दबाता था तो वह मुँह पीछे कर मुझे किस करने को कहती थी और मैं उनके लिप्स चूसने लगता करीब 25 मिनट तक लगातार उसको उस पोज़िशन में चोदा उनकी हालत बुरी थी वह कई बार झड़ चुकी थी

आपा निढाल हो कर लेट गयी मैं उनको प्यार से सहलाने लगा और किस करने लगा और बोला आपा क्या आपको मजा आया दर्द तो नहीं हुआ. आपा बोली बहुत मजा आया. मेरे दुखती चूत का इलाज तुम्हारे लंड की चुदाई ही है . चूत बुरी तरह से सूज चुकी थी .. लेकिन मैं एक बार भी नहीं झडा था और लंड तनतनय हुआ खड़ा था. आपा ने लंड को सहलाते हुए कहा आज क्या बात है मैंने कहा आज इसका ये गांड मारे बिना नहीं रूकेगा आपा शर्मा कर सिकुड़ गयी और मुझसे लिपट गयी

फिर थोड़ी देर बाद आपा ने मुझसे कहा कि तुम मेरे हाथ पैर दोनों को बांध दो और फिर मेरी जमकर मेरी गांड की चुदाई करो, में आज तुम्हे नहीं रोकूंगी। और फिर उनके हाथ बांध कर मुंह पर सलवार बांध दी और खूब देर तक उनकी पीठ पर चुम्बन करते हुए बॉडी लोशन उनकी प्यारी बिन बालों वाली गोरी गांड पर लगाया और उसके पहले मैंने उनकी मांसल गोरी चूतड़ों की जम कर जीभ से चटाई की और दन्त से हलके हलके कटा भी और आपा मस्त हो उठी और मैंने टनटनाया हुआ 9 इंची लोडा उनकी गांड में दे डाला और पहच की आवाज़ के साथ खून के फुव्वारे छूटे और एक ही धक्के में लंड समां गया . क्योंकि उनका मुंह बंधा था बेचारी केवल पाऊँ पटक सकती थी जिन्हे मैंने अपने हांथो से जकड रखा था और में अब लगातार धक्के देकर चोदता रहा और फिर ३० मिनट उस नाज़ुक गांड की लगातार चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गये।

में धन्य हो गया . क्या गद्देदार चूतड़ थे , नरम मुलायम गोरी चमड़ी जो लाल सुर्ख हो गयी थी और सख्त टाइट मांस और बस मत पूछो यार मज़ा आ गया . आपा का शरीर पर कई नील पड़ गए थे और बचपन में आपा बहुत मरती थी मैंने जवानी में दूल्हा बनकर आज सारा बदला ले लिया और फिर उनको प्यार से सहलाते हुए उनका हाथ और मुंह खोल दिया. और उनके लिप्स पर किस किया और कहा आय लव यू आपा आपको चोद कर मैं धन्य हो गया रोती और सिसकते हुए बहुत प्यारी लग रही थी लेकिन मुझसे गुस्सा थी और बोली जाओ हम तुमसे अब कभी नहीं चुदवाते कोई ऐसे भी अपनी खला की लड़की को चोदता है . उसकी आँखो से आंसू आ गये, लेकिन मुझे उनके चेहरे पर संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी।

सुबह ज़ीनत को डॉक्टर को दिखाया गया और लेडी डॉक्टर ने सलमा और ज़ीनत के लिए 3 दिन चुदाई बंद का हुकम दे दिया .

जारी रहेगी


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#4
मेरा निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 03

रुकसाना के साथ रिज़वान का निकाह



जैसा की मैंने पहले कहानी में बताया मेरे मामू के बेटे रिज़वान का निकाह मेरी आपा रुकसाना के साथ हुआ लगभग एक महीने पहले ही हुआ था .. मैं थोड़ा सा रुकसाना के बारे में बताता हूँ .. उसकी उम्र २३ साल की है रंग गोरा बाल सुनहरी और फिगर मस्त ३६ २४ ३६ है वह इतनी गोरी है के अँगरेज़ मेम जैसी लगती है.. उसकी कमर बेहद पतली और नाज़ुक है उसके गुलाब की पंखुड़ी जैसी होंठ नाज़ुक होटों के नीचे काला तिल !और आवाज़ बहुत मीठी है .. उसकी एक झलक जो देख ले वह दीवाना हो जाता है देखने में बिलकुल मुमताज़ लगती है

जब लेडी डॉक्टर ने मेरी शादी के दुसरे दिन बाद सलमा और ज़ीनत के लिए 3 दिन चुदाई बंद का हुकम दे दिया . तो मैं और रिज़वान दोनों जल बिन मछली की तरह तड़पने लगे ज़ीनत और सलमा को डॉक्टर से दिखने के बाद हम दोनों बैठक में बैठ कर बात कर रहे थे .. मैंने रिज़वान से कहा भाई रुकसाना कह रही थी के आप ने रात भर सलमा आपा को बेदर्दी से चोदा क्योंकि मैंने आपा ज़ीनत की बुरी तरह से चोदा है और आपने सलमा से चुदाई कर बदला लिया .. रिज़वान बोला भाई सलमा आपा है ही इतनी हसीं कमसिन के उसको कस कर चोदे बिना अब रहना मुश्किल है मैंने भी कहा हाँ भाई हमारी बहने और कजिन इतनी मस्त हैं की जो भी उनको एक बार देख ले वो पागल हो जाये.. फिर मैंने कहा रिज़वान भाई तुम्हारी तो रुकसाना से शादी पहले हो गयी थी तुम तो आज रात उसको चोद कर काम चला लोगो मेरी चार बीविया होने के बावजूद आज रात तो सूखा ही सोना पड़ेगा. क्योंकि आरसी, रुक्सर और ज़ूनी के साथ तो मेरी सुहागरात में अभी एक महीने का टाइम है.

रिज़वान बोला

इस पर रिज़वान बोला भाई सलमा जो की २१ साल की थी वह भी बला की ख़ूबसूरत है. उसे देख मेरा लंड बेकाबू हो गया. सलमा का भी रंग दूध जैसा गोरा, इतना गोरा के छूने से मैली हो जाए . बड़ी बड़ी काली मदमस्त आँखे गुलाबी होंठ हलके भूरे रंग के लम्बे बाल, बड़े बड़े गोल गोल बूब्स. नरम चूतड़, पतली कमर, सपाट पेट, पतला छरहरा बदन और फिगर ३४ २४ ३६ था. कद ५ फुट ५ इंच था दिखने में एकदम माधुरी जैसी थी आवाज़ मीठी कोयल जैसी .. मेरा तो मन ही नहीं लगता अब उसके बिना फिर मैंने कहा रिज़वान भाई कम तो रुखसाना आपा भी नहीं है पर उसके साथ निकाह के बाद तो आपका ऐसा हाल नहीं था..


तो रिज़वान ने कहा मेरे हाल तो रुकसाना से निकाह के बाद भी ऐसा ही था और कल तो सलमा के साथ मेरा लंड शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा था.. रिज़वान जो मेरी हमउम्र था बोला सलमान भाई अपने खानदान के परंपरा के अनुसार मुझे पहले से ही पता था के रुकसाना सलमा और फातिमा मेरी ही होंगी. क्योंकि खानदान में तुम्हारे सिवा और कोई लड़का तो है नहीं इसलिए इन तीनो कजिन का निकाह मुझसे ही होगा और तीनो की खूबसूरती और नजाकत का मैं कायल था और मन ही मन तीनो को बहुत चाहता था फिर वह बोला मेरा बस चलता तो कब का तीनो को चोद देता. फिर बोला मुझे ये भी पता था की ज़ीनत और आरसी का निकाह सलमान तुमसे ही होगा .. सिर्फ मन में यही संशय था के रुक्सार और जून किसको मिलती हैं तुम्हे या फिर मुझे. तुम यार किस्मत वाले हो तुम्हे चारो मिली. मुझे तुमसे कोई गिला नहीं है और उसने मुझे मुबारकबाद दी . . फिर रिज़वान मुझे रुकसाना आपा के साथ अपनी सुहागरात का किस्सा सुनाने लगा

रिज़वान बोला " मैं निकाह में सजी धजी रुकसाना को निकाह के जोड़े में देख कर दीवाना हो गया था. और उसकी एक झलक के लिए बेकरार था. मैं बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था के कब रुकसाना मेरे पास आएगी. थोड़ी देर बाद लगभग ११ बजे मेरी बहने ज़ीनत और आरसी गहनों और फूलों से सजी धजी रुकसाना को मेरे फूलों से सजे कमरे में ले हमारी सुहागरात के लिए आयी और मुझे छेड़ने लगी है भाई आराम से करना हमारी भाभी बहुत नाजुक हैं. वह हँसते हुए रुखसार को मेरे पास छोड कर दरवाजा बंद कर बहार चली गयी.

रुकसाना ने लाल लेहंगा चोली चुनरी और ढेर सारे गहणे पहने हुए थे. और साथ में गजरा और फूलों से श्रृंगार किये हुए स्वर्ग से आयी हुई अप्सरा लग रही थी. मेरा तो लंड उसे देख कर बेकाबू हो गया और मेरी हालत काम रोग से ग्रस्त हो गयी. रुकसाना बिस्तर के पास शर्मायी हुई अपने पैरो की तरफ देख रही थी. उसने हल्का सा घूंघट किया हुआ था. उसका चेहरा शर्म और आगे जो होने वाला था वह सोच कर लाल हो रहा था. वह थोड़ी सी घबराई हुई थी.. मैं थोड़ा सा आगे होकर और उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और उसको बेड पर ले गया .. या खुदा !! उसका नरम गर्म हाथ पकड़ते ही मेरे तनबदन की आग और भड़क गयी और मेरा लंड सनसनाता हुआ पूरा १० इंची बड़ा हो गया और सलामी देने लगा.


बेड पर बैठ कर हमने अपनी शादी की बात करि और अपने आगे के सपनो के बारे में बाते करि .. वह पूनम की चांदनी रात थी और कमरा चांदनी से नहाया हुआ था. रुकसाना के आने से मानो कमरा पूरा रोशन हो गया था. हमारी बातो में लगभग एक बज गए. और रुकसाना आपा मेरे साथ थोड़ा सहज हो गयी थी.


मैंने रुकसाना आपा की तारीफ करना शुरू कर दिया.मैंने कहा रुकसाना आपा बहुत सुन्दर हो आप मेरे सपनो की रानी हो जब से मैं जवान हुआ हूँ और आप को देखा है तब से आप से बहुत प्यार करता हूँ और आप को पाना चाहता था. आज अल्लाह के करम से आप मेरी हो गयी हैं. .. वह और भी शर्माने लगी और मेरे बहुत कहने पर मीठी आवाज़ में बोली मैं भी जब से जवान हुई हूँ तब से आप को प्यार करती हूँ. फिर मैंने अपनी जेब से निकाल कर एक हीरे का हार उनको अपनी शादीशुदा जिंदगी के पहले नज़राने के तौर पर दिया. वह बोली आप ही पहना दीजिये और उसके गहने खड़कने लगे.

मैंने उसे हार पहनाया फिर धीरे से उसका घूंघट उठा दिया दूध जैसी गोरी चिट्टी लाल गुलाबी होंठ नाज़ुक होटों के नीचे काला तिल ! नाक पर बड़ी नथ, मांग में टिका बालो में गजरा उसका चेहरा नीचे को झुका हुआ था इतनी सुन्दर दुल्हन देख मेरे मुँह से निकला वाह !! तुम तो क़यामत हो मेरी जान मेरा लंड फुफकारने लगा... मैंने धीरे से उसके चेहरे को ऊपर किया रुकसाना आपा की आँखे बंद थी .. इतनी सुन्दर दुल्हन मुझे अता फरमाने के लिए मैंने अल्लाह का शुक्रिया अदा किया और बोला मेरी जान अपनी आँखे खोलो और अपने दूल्हे को देखो उसने आँखे खोली और हलकी से मुस्करायी मैंने उसका ओंठो पर एक नरम सा चुम्बन ले लिया .. ये उसका पहला चुम्बन था वह फिर शर्मा कर सिमट कर मुझ से लिपट गयी. मैंने रुकसाना को अपने गले लगाया और पीठ पर हाथ फिरा कर पुछा उसकी पीठ बहुत चिकनी थी मैंने पुछा क्या तुम्हे मालूम है शोहर बीबी सुहागरात में क्या करते है?. उसने अपना सर हाँ मे हिलाया और मुझसे और कस का लिपट गयी.


मेरे हाथ ने महसूस किया उसने बैकलेस चोली पहनी हुई थी जो सिर्फ दो डोरियों से बंधी हुई थी और ब्रा नहीं पहनी हुई थी फिर मेरे फिसल हाथ की कमर तक पहुँच गए थे.. क्या चिकनी नरम और नज्जुक कमर थी मैंने फिर पुछा क्या तुम थकी हुई तो नहीं हो सोना तो नहीं चाहती? उसने न में सर हिलाया . मेरे हाथ फिसल कर उसकी गांड पर पहुँच गए थे उसने लेहंगा अपनी नाभि की नीचे और चूत के ऊपर पहना हुआ था उसकी गांड की दरार को मैंने मह्सूस किया.आअह्ह्ह उसकी सिसकी निकल गयी . मैंने फिर पुछा क्या तुम त्यार हो उसने हाँ में सर हिलाया और धीरे से बोली इस रात का इंतज़ार तो हर लड़की करती है. मेरे सपनो की रानी मेरे साथ थी दुल्हन बन मेरे से चुदने को त्यार मैंने फिर आपा से कहा आप सबसे सुन्दर ,गोरी मस्त माल हो . आपको देखकर मैं तो दीवाना हो गया हूँ मैंने हल्की सी आवाज में ‘ आई लव यू आपा ‘ आपको मालूम नहीं है मेरी क्या हालत है. मेरे मन आपको देखते हे बेकाबू हो जाता है तुम तो मेरे दिल की मल्लिक्का हो..मैं उनको बोला आपके गुलाबी नरम गुलाब के पंखुरियों जैसे होठों का रस चूसना शुरू करे तो रूकने का नाम ही न ले। मैंने आज तक तुम जैसी सेक्सी लड़की नहीं देखी !

मैंने फिर उसको अपने से हल्का सा दूर किया हाथो से उसका चेहरा ऊपर किया और होंठो पर एक लम्बी किस की उसकी आँखे बंद थी मैंने उसके होंठो को छोड कर चेहरा ऊपर किया तो आपा ने आँखे खोली और मुस्करायी मैं फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी. फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा. मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा. फिर मैंने अपने होंठ उसके होंठो से अलग किये हम दोनों मुस्कराये और फिर बेकरारी से लिप्प किस करने लगे और चूमते चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट तक उसका लिप्स किस लेता रहा वह मेरा लिप किस में भरपूर साथ दे रही थी


और उनके होटों के नीचे वाले काले तिल को अपने दाँतों में बुरी तरह दबोच लिया और चूसने लगा। आपा को दर्द हो रहा था मगर आपा मुझ से भी ज्यादा प्यासी थी, उसे दर्द में भी मज़ा आ रहा था। हम लोग एक दुसरे को किस करने लगे थे. मैंने आपा की मेरी पींठ, कमर पर अपनी उंगलियाँ फेरनी शुरू कर दी थीं. मेरे हाथ उनके कन्धों पर थे और वह मुझको अपनी और धकेल रही थी.


मैंने महसूस किया की आपा की जीभ मेरे होंठों में से मेरे मुह में अन्दर जाना चाह रही थी. मेरे होंठों को खोलती हुयी जीभ मेरे मुह में चली गयी और उसी बीच मेरे हाथ उनके चोली पर से होते हुए आपा की पीठ कमर पर होते हुए उनके स्तनों पर पहुँच गया. मेरा हाथ चोली के ऊपर से स्तनों को दबा रहा था. आपा की आँखें पूरी तरह से बंद थी. वह मेरे हर प्रयास को अनुभव कर रही थी और उसका पूरा मजा ले रही थी.

जब मैंने उसके कपडे उतारने शुरू किये तो आपा बहुत उत्तेजित थी, कि आज वह पहली बार किसी लड़के के सामने बिना कपडों के होने वाली थी. और तो और आज एक पुरुष को पूर्ण नग्न देखने का मौका मिलने वाला था.


फिर धीरे से मैंने उसकी गोरी पेशानी चुम ली और धीरे से उसकी चुनरी हटाने लगा . उसने भी मुझे चुनरी हटाने में मदद करि उसका रूप धीरे धीरे मेरे सामने आने लगा था. वाह क्या रूप था मैं तो एकदम सन्न देखता रह गया ..गोरी चिट्टी कमसिन तीखी नैन नक्श. मुमताज़ का चेहरा. ..मेरा लंड तो फुफकारने लगा .. मैंने रुकसाना को कहा रुकसाना आपा आप मुझे बिलकुल मुमताज लगती हैं तो वह बोली मेरे शाहजहां मैं आपकी मुमताज ही हूँ आप आगे से मुझे मुमताज ही कहें ..


अब मैंने उसका मांग टिका हटा दिया और धीरे से मैंने उसकी गोरी पेशानी चुम ली . उसकी नशीली आंखें मुझे नशे में कर रही थी। फिर मैंने उसकी दोनों नशीली आँखों पर एक चूमा दिया. फिर मुमताज का नाक को चूमा तो वह सिहर उठी .. फिर मैंने उसके गालो पर चुम्बन किया वह हलके हलके खुलने और मुस्कराने लगी मैंने फिर उसके गालो को चाटा. बहुत मोठा स्वाद था फिर मैंने ऊपरी होंठ पर किस किया और उसको धीरे धीरे चूसा आअह्ह्ह उसकी सिसकी निकल गयी और उसका शरीर सिहरने लगा फिर मैंने निचला होंठ चूमा और चूसा. फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी . और चूमते चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट तक उसका लिप्स किस लेता रहा वह मेरा लिप किस में भरपूर साथ दे रही थी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी. फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा. आपा मुझसे कस कर लिपट गयी.. मेरे हाथ अब उनके मोमो पर जा चुके थे मैंने ऊके गोल गोल बूब्स को पहले सहलाया फिर चोली के ऊपर से ही दबाया. मैंने महसूस किया उसके अनछुए बूब्स बहुत नरम मुलायम गोल और सुडोल थे.. तभी मेरा हाथ को उसके निप्पल कड़क मह्सूस हुए और लगा कबूतर आज़ाद होना चाहते हैं मैंने चोली के ऊपर से ही उसके बूब्स को चूमा और निप्पल्स को चूसा और उसके गले में पहने गहनों को उतार दिया. जहाँ जहाँ के गहने उतरे मैंने वहां किस किया. बिच बिच में मैं उसकी मदहोश आँखों में देकता था तो वह मुस्करा देती थी मेरे एक हाथ उसकी पीठ पर था ..

मैंने चुनरी के एक पल्लू को लहंगे और एक कंधे से हटाया और वो एक तरफ गिर गया, अब चुनरी एक कंधे पर थी साथ ही चुनरी का दूसरा हिस्सा जो लहंगे में घुसा हुआ था होता है, वह मेरे सामने लहंगे और चोली में थी.और चुनरी आधे बदन पर थी क्या क़यामत का नज़ारा था. लंड फिर संसानने लगा मैंने आपा को एक बार फिर से अपनी बाहों में भर लिया और हम दोनों एक दुसरे की आँखों में देखने लगे

उनकी चोली जिसमे उनके स्तन पूरी तरह फिट थे और बाहर आने को आतुर थे. उसकी चोली स्लीव लेस थी मैंने उसकी चोली के ऊपर की डोरी खोल दी और उसके कंधो और बाँहों पर किस करने लगा. उसके बाद नीचे की भी डोरी खिंच कर चोली की अलग कर दिया और कबूतर अज़्ज़ाद कर दिए . रुकसाना आपा शर्मा कर बाहों से छुपाने लगी और मुझसे लिपट गयी . मैंने धीरे से उसको अलग किया अभी भी उनके स्तन लाल चुनरी से ढके हुए थे मैंने धीरे उनके हाथ हटाए और चुनरी कंधे से हटाई और छातियों को हाथो से पकड़ लिया और जोर से दबाने लगा दोनों बूब्स एक दम लाल हो गए .. फिर मैंने उनके निप्पल्स को पकड़ लिया और मसलने लगा दोनों बूब्स एक दम नरम मुलायम गोल सुडोल थे रुखसाना के पिंक गुलाबी चुचुक (निप्पल) उत्तेजना से खड़े हो चुके थे. मेरे हाथों ने उनके स्तनों को अपनी हथेलियों में भरा और उन्हें किस करने लगा . मैंने स्तनों को सहलाना शुरू कर दिया. हम दोनों की साँसे तेज तेज चलने लगी.

मैंने अपना कुत्ता उतार दिया और रुकसाना को अपनी छाती से लगा लिया और अपनी बाँहों में जकड लिया उसके नरम मुलायम बूब्स का मेरी छाती से दबने लगे मैं अपने आनंद को बयां नहीं कर सकता ,, मैंने रुकसाना का मुँह चूमा और लिप किस करि. फिर मैं उनके निप्पल के साथ खेल रहे था . मैं उसके स्तनों को देखे जा रहे था और उसका दिल जोर जोर से धड़क रहा था. मैंने एक निप्पल अपने मुह में रखा और उसे चूसने लगा . अल्लाह ….नहीं बता सकता की उस पल क्या अनुभूति हुयी. फिर उन्होंने दुसरे निप्पल को किस किया और उसे भी चूसना शुरू कर दिया. उसने अपना सर उत्तेजना और आनंद के मारे पीछे की और कर लिया थी. मैंने चूचियों को दांतो से काटा आपा कराह उठी

मै उनकी चुचियों को मसलने लगा, और वो मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पुरे कमरे में गूंज रही थी, फिर मैंने उनके मोमो को चूसना शुरू कर दिया उनके मोमो कड़क हो गए थे और चुच्चिया कह रही थी हमे जोर से चूसो .. मैंने चूचियों को दांतो से काटा आपा कराह उठी आह यह आह आपा कह रही थी धीरे मेरे राजा धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा ही है उसके बूब्स अब लाल हो चुके थे

मैं बार बार बाएँ और दायें निप्पल को चूसना जारी करे रहे जब तक की उसके पूरे शरीर में एक आग सी न लग गयी. पहली बार कोई ऐसा उसके साथ सम्भोग कर रहा था. तभी पता नहीं क्या हुआ, उसके शरीर में एक उफान सा आया और वह निढाल सी हो गयी और मैंने पहली बार उसकी छूट को छूआ मुझे योनी में गीलापन सा महसूस हुआ. वो उसका पहला ओर्गास्म था उस सुहागरात में और उसे लगा कि उसने पैंटी में पेशाब कर लिया है. आपा बहुत शर्मिंदगी महसूस करने लगी.


मैं समझ गया और पुछा, “क्या हुआ, क्या तुम्हे ओर्गास्म हुआ ?”

“यह क्या था? मुझे लगा कि मेने पेशाब कर दिया.”, आपा के पूछा.

“नहीं..तुम्हे जरूर ही ओर्गास्म हुआ होगा..”, मैंने जवाब दिया.

अब तो मेरे लिए रुकना असंभव हो गया मुझे जल्दी से जल्दी अपना वीर्य निकलना था. फिर सोचा रुकसाना मुँह में तो लेगी नहीं इसलिए इसे अब जल्द ही छोड़ कर इसका कुंवारा पण भंग करना पड़ेगा

फिर मेरे हाथ स्तनों पर से अपने हाथ नीचे की और बदाये और लहंगे पर पहुँच गए. मैंने लहंगे का नाडा खोल दिया और मेरी उँगलियों का उसकी पैंटी पर स्पर्श हुआ वह गीली थी और मेरे बदन में सिरहन दौड़ गयी. मैं उसकी कमर पर किस करने लगा और फिर मैंने उनकी नाभि को चूमा अपनी जीभ उनकी नाभि में डाल दी आपा मस्त हो गयी और मेरे सर अपने पेट पर दबाने लगी आपा का पेट एकदम सपाट था कमर पतली और नाजुक मैंने उनके एक एक अंग को चाट डाला और उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा उन्हें जैसे करंट सा लगा और उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी, उनका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था. और फिर पैंटी पर भी किस किया. मैंने उसके हिप्स को पकडा और अपने चेहरे को पैंटी से सटा डाला और उसे चूमने लगा . मैंने धीरे से अपनी उंगलियाँ पैंटी के इलास्टिक में डाली और धीरे धीरे उसे नीचे करना शुरू कर दिया. और पैंटी उतर फेंकी उसकी चुत पर कोई बाल नहीं था अच्छी तरह से उसने अपने चूत साफ़ करि थी . रुकसाना ने अपनी चूत से बाल साफ़ किये हुए थे वह थोड़े गुलाबी रंग की थी और गीलेपन की कुछ बूंदे साफ़ दिख रही थी रुकसाना की कमसिन कमर बल खा रही थी .. मेरी हालात भी ख़राब हो चली थी

अब आपा मेरे सामने बिलकुल नंगी थी सिर्फ उनके नाक में नथ थी, बालो में गजरा कमर में कमरघनी हाथो में चुडिया और पांव में पायल उनका एक एक अंग बहुत सुन्दर है फिर मैंने अपना पायजामे का नाडा खोला और आपा ने मेरा पायजामा अपने हाथों से निकाल दिया फिर मेरे कहने पर आपा ने अपना हाथ मेरे अंडरवियर पर रखा और…और..आपा ने मेरा कठोर लिंग पकडा. अब मेरा १० इंची लम्बा ३ इंची मोटा लंड तनकर पूरा 90 डिग्री का हो गया था।और मेरे लंड पकड़कर सहलाने लगी और अपनी उँगलियों में लपेट लिया. वो बहुत बड़ा था. आपा बोली रिज़वान क्या ये मेरे अंदर जा पायेगा .ये मेरी चूत फाड् तो नहीं देगा मैं बोला नहीं मेरी रानी ये तो तुम्हारा आशिक़ है और हमारे प्यार और आनंद का औज़ार है इसी से तो हम दोनों के प्यार के मजे मिलिंगे. मैंने उन्हें उसे प्यार करने को कहा पहले तो वह घबराई फिर मेरे कहने पर लंड पर एक मीठी किस करि. फिर मेरे हिप्स भी हरकत करने लगे थे. मैं खड़ा हुआ और अपना अंडरवियर उतार दिया.

उसके बाद मैंने आपा को खड़ा किया और उनसे चिपट गया मेरा लंड उनकी चुत ढूंढ़ने लगा और उनकी छाती मेरी छाती से दबने लगी और मैं उन्हें लिप किस करने लगा मेरे हाथ उनके पीठ और चूतड़ दबाने लगे उसके बाद मैंने अपनी मुमताज को इस तरह लिटा दिया कि मेरी छाती के साथ रुखसाना की पीठ लगने लगी . मैंने अपने दोनों हाथों में उनके स्तन दबा लिए. हम दोनों पूरी तरह से नंगे थे और एक दुसरे के शरीर कि महसूस कर रहे थे. मेरा लंड उनकी चूतड़ों की दरार में फसाकर उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा उन्हें जैसे करंट सा लगा और उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी, उनका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था. उनकी चूत गीली होने लगी मैंने पुछा अब चूत कैसी है उन्हों ने कहा तुम खुद देख लो तुम्हारे लिए तड़प रही है मैंने देखा चुत एक दम लाल हो रही थी. मानो मुझे आवाज दे रही हो जल्दी चोदो मुझे.. मैंने उनकी चुत को चूमा उनकी खुशबू ने मुझे मदहोश कर दिया मैं उनकी चूत को चाटने लगा, उनके चूत के रस में क्या गज़ब का स्वाद था, आपा बोली बहुत अच्छा लग रहा है .फिर उसकी चूत पर अपना मुँह रखते ही वो जोर से चिल्ला उठी आआहह, ओमम्म्मममम, चाटो ना जोर से, सस्स्सस्स हहा और मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। अब वो सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वो अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी। अब उसके ऐसा करने से मेरे लंड में भी सनसनी होने लगी थी।

जारी रहेगी


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मेरा निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 04

रुकसाना के साथ रिज़वान का निकाह


(अबतक आप लोगों ने पढ़ा कि सलमान भाई का निकाह ज़ीनत से हुआ और उनकी तीन और कजिन बहनो के साथ हुआ और उनकी बहनो का निकाह उनके कजिन बही रिज़वान के साथ हुआ और सलमान ने ज़ीनत के साथ और रिज़वान ने सलमा के साथ सुहाग रात मनाईl फिर अगले दिन सलमा और ज़ीनत की जोरदार चुदाई हुई और डॉक्टर ने कुछ दिन चुदाई बंद का हुकुम सुना दिया तो मेरे कहने पर रिज़वान ने हमे मेरी सबसे बड़ी बहन रुख़्साना की सुहागरात में हुई चुदाई की दास्ताँ सुनानी शुरू की lअब आगे ….


रिज़वान ने हमे मेरी सबसे बड़ी बहन रुख़्साना की सुहागरात में हुई चुदाई की दास्ताँ सुनानी शुरू की l


मैंने उसको उठाकर उसकी चूत में अपनी एक उंगली की पंखुरियों को अलग करने की कोशिश की पर वह बहुत टाइट थी .. मैंने दो उंगलियों की मदद से चूत की पंखुड़ियों को अलग किया मैंने धीरे धीरे चुत में ऊँगली घुसानी शुरू की डाल दी, तो वो ज़ोर से चिल्लाई आहह अब लंड डाल दो, अब और इंतज़ार नहीं होता, प्लीज जल्दी करो ना, प्लीज आहहह। अब में उन्हें ऊँगली से लगातार चोद रहा था और वो ज़ोर से मौन कर रही थी, ये तूने क्या कर दिया? अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है, जल्दी से चोद दो, मेरी चूत में आग लग रही है। अब वो ज़ोर-जोर से हाँफ रही थी और जैसे कोई कई मीलों से दौड़कर आई हो और आहह, एम्म, ओह, आआआआआआअ, डालो ना अंदर जैसी आवाजे निकल रही थी।

फिर मैंने आपा के स्तनों को मसलना शुरू कर दिया. कभी मैं निप्पल को उमेठता तो कभी स्तनों को दबा देता उसके बाद वो सीधी लेट गयी और मैंने चूत को सहलाना शुरू कर दिया. फिर मैंने क्लिटोरिस को भी रगड़ दिया. आपा का बुरा हाल था. उनकी मुह से आहे निकल रही थी. वो मेरी उँगलियों द्वारा चूत पर किये जा रहे घर्षण को मजे से महसूस कर रही थी. हम दोनों ही आउट ऑफ़ कण्ट्रोल हो चुके थे.

अब मैं उसको चोदना चाहता था मैंने अपना लैंड उसकी चूत पर रखा और चूत खोलने की कोशिश की लेकिन वह बहुत टाइट थी मैंने अपने उँगलियों से चूत को खोला और लैंड का गुलाबी सूपड़ा बिच में रख दिया

फिर रुखसाना से बोला आपा क्या आप तैयार हो .. वह बोली है मैं पूरी तरह से आपकी ही हूँ मुझे सुहागरात का पूरा सुख चाहिए

देखो, हो सकता है कि तुम्हे थोडा दर्द हो…पर बाद में अच्छा लगेगा.”, मैंने कहा.

“मैं जानती हूँ. बस आप मुझे प्यार करो.”, आपा ने बोला.

मैं बोला आपा आप मेरी आँखों में देखो मैंने उनकी छाती पर अपना हाथ फिराना शुरू कर दिया. फिर मैंने धीरे धीरे अन्दर डालना शुरू किया. फिर धीरे से थोडा पीछे और फिर अन्दर की ओर बढे लेकिन चूत बहुत टाइट थी और आराम से अंदर जा नहीं रहा था, मेरे लिए भी रुकना मुश्किल हो रहा था. फिर मैंने एक कस कर जोर लगाया और लैंड दो इंच अंदर चला गया. आपा चीखने चिलाने लगी . हाआअ, राआआआआजा, आईसीईई, चोदो और जोर से चोदो। आज मेरी चूत को फाड़ दो, आज कुछ भी हो जाए लेकिन मेरी चूत फाड़े बगैर मत झड़ना, आआआआ और ज़ोर से, उउउईईईई माँ, आहहहाँ,

आपा अपने अन्दर उस गहरायी में हो रहे उस अनुभव को लेकर बहुत आश्चर्यकित थी. यहाँ तक की वोह मेरे लिंग को अपनी योनी के दीवारों पर महसूस कर रही थी. एक बार फिर मैं पीछे हटा और फिर अन्दर की ओर दवाब दिया. मैंने थोड़ा सा लैंड पीछे किया उठा और फिरसे धक्का दिया, ज्यादा गहरायी तक नहीं पर लगभग आधा अंदर चला गया था . मुझे पता था कि मेरे लिंग को आपा ने अपनी योनी रस ने भिगो दिया था, जिसकी वजह से लिंग आसानी से अन्दर और बाहर हो पा रहा था. और अगली बार के धक्के में मैंने थोडा दवाब बड़ा दिया. मेरी साँसे जल्दी जल्दी आ रही थीं. आपा ने अपनी बाहें मेरे कंधे पर लपेट दी थीं और अपने नितम्बो को ऊपर कि ओर उठा दिया. अन्दर अवरोध महसूस होने लगा था. लैंड झिल्ली तक पहुँच चूका था मेरा लैंड आपा की हायमन से टकरा रहा था और जब उसने उसे भेदकर आगे बढ़ना चाहा तो आपा चिलाने लगी कि दर्द के मारे मैं मर जाउंगी.

मैंने पूरी ताकत के एक धका लगा दिया “ओह अम्मी ” आपा के मुह से निकला. आपा के स्तन ऊपर की ओर उठ गए और शरीर एंठन में आ गया जैसे ही मेरा गर्म, आकार में बड़ा लिंग पूरी तरह से गीली हो चुकी योनी में घुस गया. अन्दर, और अन्दर वो चलता गया, चूत के लिप्स को खुला रखते हुए क्लिटोरिस को छूता हुआ वो पूरा १० इंच अन्दर तक चला गया था. आपा की योनी मेरे लिंग के सम्पूर्ण स्पर्श को पाकर व्याकुलता से पगला गयी थी. उधर मेरे हिप्स भी कड़े होकर दवाब दे रहे थे और लिंग अन्दर जा चूका था . रुखसाना दर्द के मारे चिलाने लगी जो पूरी हवेली में गूँज उठी होंगी आहहहहह रिज़वान आएीी उउउउउइइइइइइ ओह्ह्ह्हह बहुत दर्द हो रहा है प्लीज इसे बाहर निकल लो मुझे नहीं चुदना तुमसे तुम बहुत जालिम हो यह क्या लोहे की गर्म रॉड घुसा डाली है तुमने मुझ में निकालो इसे न्यूऊओ प्लीज बहुत दर्द हो रहा है मैं दर्द से मर जाऊँगी प्लीज निकालो इसे और रुकसाना से आँखों से आंसू निकल आये .. रुकसाना की चूत बहुत टाइट थी मुझे लगा मेरा लैंड भी छील गया है मेरी भी चीखे निकल गयी.. हम दोनोंएक साथ चिल्ला रहे थे ऊह्ह्हह्ह मर गया... मर गयी मैंने एक बार फिर पूरी ताकत लगा कर पीठ उठा कर लैंड को बाहर खींचने की कोशिश की और एक धका और लगाया लुंड फिर पूरा अंदर समां गया और हम दोनों झड़ गये.. और मैं आपा के ऊपर गिर गया फिर में कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही पड़ा रहा तो कुछ देर के बाद वो शांत हुई

मेरा लंड आपा की चूत के अंदर ही था .. उनकी चूत ने मेरे लंड को जैसे जकड लिया था. कुछ देर बाद जब मुझे लगा झड़ने के बाद भी मेरा लंड खड़ा है आपा सुबक रही थी .. मेरे साथ पहली बार ऐसा हुआ था के झड़ने के बाद भी लंड खड़ा था और चोदने के लिए त्यारर था मैंने उन्हें लिप किस करना शुरू कर दिया, और काफी देर तक उनको लिप किस करता रहा फिर उनकी स्तनों को सहलाना और मसलना शुरू कर दिया आप्पा का चीखना चिलाना बंद हो गया था .. वह अब मेरा पूरा साथ दे रही थी

अब में उसके बूब्स को चूसने लगा था और अपने एक हाथ से उसके बालों और कानों के पास सहलाने लगा था और फिर कुछ देर के बाद मैंने उसके कानों को भी चूमना शुरू कर दिया तो कुछ देर के बाद वो फिर से गर्म हो गई। मेरा लंड और उनकी चूत दोनों मेरे वीर्य और चुतरस से एक दम चिकने हो चुके थे फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया तो पहले तो वो चिल्लाई, लेकिन फिर कुछ देर के बाद मैंने पूछा कि मज़ा आ रहा है। फिर वो बोली कि हाँ बहुत मज़ा आआआआ रहा है, ..हाईईईईई, म्म्म्मम और फिर वो जोर-जोर से चिल्लाने लगी। फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब वो पूरी मस्ती में थी और मस्ती में मौन कर रही थी अआह्ह्ह आाआइईई और करो, बहुत मजा आ रहा है। अब वो इतनी मस्ती में थी कि पूरा का पूरा शब्द भी नहीं बोल पा रही थी। अब में अपनी स्पीड धीरे-धीरे बढ़ाता जा रहा था हाआअ, मेरे शहंशाह मेरे नवाब राआआआआजा, आईसीईई, चोदो और जोर से चोदो। आज मेरी चूत को फाड़ दो, आज कुछ भी हो जाए लेकिन मेरी चूत फाड़े बगैर मत झड़ना, आआआआ और ज़ोर से, उउउईईईई माँ, आहह हाँ, अब ऐसे ही वो मौन कर रही थी।

फिर कुछ देर के बाद मैंने महसूस किया कि मेरा लंड पानी से भीग रहा है। अब वो भी अपना पानी छोड़ने वाली थी, अब वो नीचे से अपनी कमर उठा-उठाकर चिल्ला रही थी और बडबड़ा रही थी आहहहहहह और चोदो मेरी चूत को, आज मत छोड़ना, इसे भोसड़ा बना देना और फिर कुछ देर के बाद वो बोली हाए मेरे राजा में झड़ने वाली हूँ। और फिर मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वो भी कुछ देर के बाद झड़ गई।

फिर वो अचानक से चिल्ला भी नहीं सकी, क्योंकि उसका मुँह मेरे मुँह में था और में उसको ज़ोर-ज़ोर से किस करता गया और धक्के लगाते गया। तभी वो बोली कि आज फाड़ डाल मेरी चूत को, वो तुम्हारे जैसा ही लंड मांगती है। फिर वो कुछ नहीं बोली। अब में उसे लगातार धक्के लगा रहा था और फिर में ऐसे ही 15-20 मिनट तक उसको उसी पोज़िशन में चोदता गया। फिर अब उसे भी मज़ा आने लग रहा था, अब वो भी अपने कूल्हे उछाल-उछालकर मुझसे चुदवा रही थी। अब मैंने उसे और ज़ोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया था। फिर थोड़ी देर के बाद वो फिर झड़ गयी और शांत पड़ गयी। सच कहो आपा बहुत मादक लग रही थे उनके रेशमी सुनहरी बाल चारो तरफ फ़ैल गए थे आपा उन्हें पीछे करते हुए मेरी छाती पर अपने हाथ रख देती थी कभी मुझे बहो में जकड कर अपने और खींचती थी कभी मेरे हिप पर रथ रख कर दबा कर कहती थी और जोर से और जोर से चोदो मैंने भी अपने चूतड़ उठा कर उनका साथ दिया.. मेरा लंड उनकी चूत के अंदर पूरा समां जाता था तो दोनों के आह निकलती थी .फिर मेरे हाथ उनके बूब्स को मसलने लगे फिर मैं उनकी चूचियों को खींचने लगता था तो आपा सिहर जाती थी और सिसकने लगती थी .. उसके बाद मैं आपा के ऊपर झुक गया और हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए.. मैं आपा को बेकरारी से चूमने लगा। और चूमते चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी फिर मैंने रुकसाना आपा की जम कर चुदाई की और उनको जन्नत की सैर कराइ । फिर थोड़ी देर के बाद वो फिर झड़ गयी । आपा तीन बार झड़ने के बाद निढाल हो रही थी मैंने धके लगाने चालू रखे आपा फिर गर्म हो जाती थी और चौथी बार हम दोनों एक साथ झड़ गए हम दोनों जन्नत में थे.. ..

फिर मैंने अपना लुंड बाहर निकाला तो वह वीर्य आपा के चूतरस और खून से भीगा हुआ था... बेड शीट खून से सन्न चुकी थी मैंने फिर रुकसाना को लिप किश दी और उनके बदन को सहलाया. उनके चुचो को दबाया और चूत पर हाथ फेरा और बोला आप तो जानती हो पहली बार थोड़ा दर्द होता है और खून भी आता है उसके बाद तो मजा है मजा है .. आपा बोली पर क्या कोई ऐसे भी चोदता है जैसे आपने मुझे चोदा. आप बड़े जालिम हो .. अम्मी आपने मुझे किस निर्दयी जालिम से व्याह दिया. बहुत बेदर्दी से चोदता है फिर मैंने उनको प्यार से चूमा तो कहने लगी मेरा शौहर बड़ा प्यारा कसाई है जिसने मुझे जन्नत की सैर कराइ .. अब तो मैं रोज़ ऐसे ही ऐश करूंगी

फिर हम दोनों उठ कर वाशरूम चले गए और अपने अंगो को धोया. फिर मैंने उनके सारे बदन और चूत पर क्रीम लगाई उन्होंनेमेरे लंड को किश कर थैंक यू बोला और मेरे लंड पर क्रीम लगाई उनका स्पर्श पा कर लंड एक बार फिर जागने लगा. फिर हम बिस्तर पर वापिस आ गए तो आपा बोली चूत में अभी भी दर्द हो रहा है मैंने कहा मुझे देखने दीजिये. मैंने चूत पर किश किया और चाटने लगा तो रुकसाना बोली आअह्ह्ह आराम मिल रहा है बहुत अच्छा लग रहा है प्लीज और चाटो मैंने उन्हें दस मिनट तक चाटा और चूसा और आपा फिर झड़ गयी.. मैंने उन्हें किश किया सुबह के 5 बज गए थे.. हम दोनों एक दूसे से चिपट कर सो गए..

कुछ देर बाद ६ बजे जब मैं जगा तो वह मेरे सीने से लग कर सो रही थी. सोती हुई बहुत प्यारी लग रही थी. मैंने उन्हें किश किया तो वह जग गयी. मैंने उनकी चूत को सहलाया और पुछा अब कैसा लग रहा है तो वह शर्मा गयी और महजसे लिपट गयी. मेरे लंड खड़ा हो चूका था .. मैंने उनका हाथ अपने लंड पर रखा तो मानो दोनों को करंट लगा. और लंड एकदम तन गया. मैंने उन्हें एक बार फिर चोदा और हम दोने ७.४५ तक सो गए. फिर उठ कर मैं अपने आये हुए रिश्तेदारों से मिलने गया तो हम दोनों को शर्म आ रही थी क्योंकि लव बिट्स और किस्सेस के निशान रुकसाना के शरीर और चेहरे पर नज़र आ रहे थे. उसके ओंठ सूज गए थे और क्योंकि वह सारी रात चुदी थी इसलिए ठीक से चल भी नहीं पा रही थी

रिज़वान बोला इस तरह मेरा और रुकसाना का पहला मिलन हुआ.

जब हम अपनी बात ख़त्म कर चुके तो रुकसाना अंदर आ गयी और पूछने लगी क्या चल रहा है.. मैंने कहा रिज़वान भाई तुम्हारे साथ अपनी सुहागरात की कहानी सुना रहे थे तो रुकसाना बोली मुझे भी सलमान तुम्हारी और ज़ीनत आपा की सुहागरात की दास्ताँ बताओ

फिर मैंने फिर कहा रुकसाना आपा कुछ कीजिये डॉक्टर ने ३ दिन ज़ीनत की चुदाई के लिए मना किया है मेरी चार बीविया होने के बावजूद आज रात तो सूखा ही सोना पड़ेगा. क्योंकि रुक्सर के साथ तो मेरी सुहागरात में अभी एक महीने का टाइम है. रुकसाना बोली इसीलिए तो तुम से पहले ही कहा था आराम से करना ज़ीनत आपा कहाँ भागी जा रही हैं पर तुम को सब्र कहाँ. कर दी दन दना दन अब सब्र रखोl

मैं उनके हाथ जोड़ने लगा आपा कुछ करो मैं मर जाऊँगा.

जारी रहेगी



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मेरा निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 05

सलमा के साथ रिज़वान का निकाह

(मेरी चार बीविया होने के बावजूद आज रात तो सूखा ही सोना पड़ेगा. क्योंकि रुक्सर के साथ तो मेरी सुहागरात में अभी एक महीने का टाइम है. रुकसाना बोली इसीलिए तो तुम से पहले ही कहा था आराम से करना ज़ीनत आपा कहाँ भागी जा रही हैं पर तुम को सब्र कहाँ. कर दी दन दना दन अब सब्र रखोl मैं उनके हाथ जोड़ने लगा आपा कुछ करो मैं मर जाऊँगा. )

दोस्तों मैं सलमान मेरी पहली कहानी भाग १-२ में आपने मेरे ज़ीनत आपा के साथ निकाह के बाद सुहागरात की दास्तान पढ़ी,, भाग 3-4 में आपने मेरी कजिन भाई रिज़वान के निकाह के बाद मेरी बहन रुखसाना की सुहागरात की कहानी पढ़ी अब आगे

जब रिज़वान ने रुखसाना के साथ अपनी सुहागरात की कहानी ख़त्म करि तो उसे सुन मेरा ११ इंची लुंड पूरा तन गया थाl और पायजामा में टेंट बन गया था तभी रुकसाना अंदर आ गयी और पूछने लगी क्या चल रहा हैl मैंने कहा रिज़वान भाई तुम्हारे साथ अपनी सुहागरात की कहानी सुना रहे थे तो रुकसाना बोली मुझे भी सलमान तुम्हारी और ज़ीनत आपा की सुहागरात की दास्ताँ बताओ

फिर मैंने फिर कहा रुकसाना आपा कुछ कीजिये डॉक्टर ने ३ दिन ज़ीनत की चुदाई के लिए मना किया है मेरी चार बीविया होने के बावजूद आज रात तो सूखा ही सोना पड़ेगाl क्योंकि रुखसार के साथ तो मेरी सुहागरात में अभी एक महीने का टाइम हैl रुकसाना बोली इसीलिए तो तुम से पहले ही कहा था आराम से करना ज़ीनत आपा कहाँ भागी जा रही हैं पर तुम को सब्र कहाँl कर दी दे दन दना दन अब सब्र रखो मैं उनके हाथ जोड़ने लगा आपा कुछ करो मैं मर जाऊँगाl आपा को मुझ पर कुछ दया आ गयी बोली अच्छा कुछ करती हूँ लेकिन पहले तुम अपनी और ज़ीनत की सुहागरात की कहानी मुझे सुनाओl इतने में वहां रुखसार और आरसी भी आ गयी और बोली हमें भी सुहाग रात की कहानी सुननी है सलमान पूरी तफ्सील से बताना l रिज़वान भी कहने लगा हैं भाई सुनाओ न तुम्हारे कमरे से बहुत आवाज़े मुझे भी आ रही थी ज़ीनत आपा के चीखने चिल्लाने की आवाज़ों से मेरा भी जोश बढ़ गया था और मैंने भी चीखे सुन कर सलमा को बढ़ चढ़ कर कस कस कर चोदाl

मैं उन्हें संक्षेप में अपनी सुहागरात की कहानी सुनाई मैं कमरे में ले गया तो सेज़ पर ज़ीनत बैठी थी और ज़ीनत हरे रंग की बनारसी साड़ी और पूरी गहनों से लदी हुई थीl कहानी की तफ्सील भाग 1-३ में पढ़ ले l

फिर में उनके पास गया और उनका हाथ अपने हाथ में लेकर उनसे बातें करने लगा फिर मैंने धीरे से उनके होंठो को चूमा, उफ उनकी खुशबू ही क्या सेक्सी थी? और मेरे चूमते ही मेरे लंड को फौलादी बन गया था फिर मैंने धीरे से उनकी गर्दन को चूमने, चाटने लगा था और मेरे ऐसा करते ही वो सिसकारी लेती हुई मुझसे लिपटी जा रही थीl


[Image: ZEENAT1.jpg]


अब में ज़ीनत आपा के ब्लाउज के ऊपर से ही उनके बूब्स को दबाने लगा थाl मैंने जोश में आकर उनका ब्लाउज फाड़ दिया और उनके सारे कपडे उतार दिए उनका सुडोल, चिकना, गोरा बदन, मेरी बाहों में नंगा था उनके बदन पर सिर्फ आभूषण थेl फिर मैंने सिर्फ़ गहनों में लदी ज़ीनत के पेट की अपनी जीभ से ही चुदाई कर डाली, और फिर अपनी जीभ उनकी चूत पर लगाकर उनकी चूत को चाटने लगाl

फिर वो मेरी जीभ की मस्त चटाई में ही झड़ गई फिर अपने मुँह में उनकी निपल्स लेते हुए अपनी एक उंगली उनकी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा, लेकिन उनकी टाईट चूत बहुत सख्त और तंग थी और मेरी कोशिश पर आपा चीखने लगती थी, लेकिन बड़ी मुश्किल से मेरी 1-2 उंगली उनकी चूत में अंदर जा पाईl


[Image: ZEENAT3.jpg]

फिर मैंने उनको चूमते हुए और बूब्स दबाते हुए अपना लंड उनकी चूत के मुँह पर सेट किया और उनको चूमता चाटता रहाl बड़ी मुश्किल से मेरा लंड 2 इंच अंदर घुसा ही था कि जीनत की चीख निकल पड़ी, सलमान आईईईईईईईई दर्द उउउउइईईईईई हो रहा है और उनकी हथेलियों को अपनी हथेली से दबाते हुए उनकी चूत पर एक ज़ोर का शॉट मारा और मेरा लंड 2 इंच अंदर घुस गयाl फिर मैंने उसकी चीखों की परवाह किए बिना एक ज़ोर का धक्का और मारा और मेरा लंड उसकी चूत की झिल्ली को फाड़ता हुआ 5 इंच अंदर घुस गयाl


[Image: ZEENA3.jpg]

अब वो अम्मी अम्मी कहकर ज़ोर से चिल्लाने लगी थी और चीखने लगी थीमें मर जाउंगी, फिट मैं कुछ देर रुका और धीरे से उन्हें सहलाने लगा और चूमने लगा और अपना लंड 2 इंच बाहर निकालकर फिर से एक ज़ोर का शॉट मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ चूत की जड़ में समा गयाl फिर जो वो चीखी, तो पूरी हवेली जाग गयी होगी, लेकिन में उसे चोदता रहा, चोदता रहाl

फिर 10 मिनट की बेरहम चुदाई के बाद जब उसकी चीखे कम हुई और सिसकारी में बदलने लगी तो मैंने अपना लंड आधा बाहर कर लिया और अंदर बाहर करने लगाl फिर अचानक से आपा ने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और झड़ गयी फिर मैंने उसकी जमकर धुनाई करते हुई चुदाई की और उसको 3 बार और झड़ाने के बाद अपना रस उसकी चूत में ही डाल दियाl

फिर उस रात मैंने ज़ीनत को 4 बार चोदा और जब वो सुबह लंगडाते हुए चल रही थी,

फिर आपा बोली अब कल रात क्या हुआ वह भी सुनाओ क्योंकि आज सुबह तक बहुत चिल्लाने की आवाज़े आ रही थी तुम्हारे कमरे से

मैंने कहा जब अब्बू ने मुझे और रिज़वान को बुला कर कहा कल रात जो चीखने चिल्लाने की आवाज़ आयी थी वह नवाबी तेहज़ीब के मताबिक सही नहीं हैं जो भी करो नज़ाकत को देख कर करो l सारे नौकर नौकरानी सुनते है और बातें बहार जा सकती है




[Image: ZEENAT5.jpg]
फिर कल रात मैं जब ज़ीनत के कमरे में गया तो मैंने देखा ज़ीनत आपा की चुत एकदम सूजी हुई थी मैंने प्यार से चुत सलवार की ऊपर से ही को सहलाया फिर अपने हाथो के उसके मोमे दबाये मैंने अपनी उंगलियों से निप्पल को खींचा को आपा कराह उठी आआह मेरे राजा धीरे बहुत दुख रहे हैंl तो मैं बोला आज इसे थोड़ा आराम देता हूँ मैंने कहा आओ आपा अपनी बांहो में सुला दो सुबह चार बजे का अलार्म लगा देते है अगर तुम्हारा मन करे तो फिर मेरे को करने देना और हम दोनों एक दुसरे को चूमते हुए लिपट कर सो गए l

मेरी नींद खुली करीब रात के तीन बजे थे ,आपा मेरे सीने से लिपटी हुई सो रही थी उनको देखते ही मेरा संयम टूट गया और दबोच कर लिप्स किस करने लगा , मैंने कहाँ आपा इसकी फ़िक्र न करे , आप सबसे सुन्दर ,गोरी और मेरे से 5 साल बड़ी होने के बावजूद मस्त माल हो l आपको देखकर तो कोई भी पागल हो जाये जैसे की मैं हूँ आपको मालूम नहीं है मेरी क्या हालत हैl मेरे मन आपको देखते हे बेकाबू हो जाता है तुम तो मेरे दिल की मल्लिक्का हो और फिर मैंने कहा आपा हमारे खानदान में गांड मरने की रिवाज़ है और आप चीखती बहुत हैं इसलिए अगर आप इज़ाज़त दे तो आपकी कलाई में रस्सी बांधकर आपको उल्टा कर आपके दोनों हाथ बीएड पोस्ट से बांध देता हूँ और आपके मुंह को कपडे से बांध कर आपकी गांड मार लेता हूँ l

आपा बोली मेरे राजा सलमान पहले मेरी चुत चोदो फिर जैसा चाहे वैसा कर लेना लेकिन धीरे से ताकि दर्द न हो l मैं उन पर चढ़ कर बेकरारी से चूमने लगा। और उनकी चुचियों को मसलने लगा, और वो मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पुरे कमरे में गूंज रही थी, फिर उसकी चूत पर अपना मुँह रखते ही वो जोर से चिल्ला उठी आआहह, ओमम्म्मममम, चाटो ना जोर से, सस्स्सस्स हहा और मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। अब वो सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वो अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी। मैंने अपनी पेंट खोली और आपा मेरे लंड पकड़कर सहलाने लगी

फिर मैंने उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और उसके दोनों पैरों को फैलाया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। अब जब मेरे लंड का सुपड़ा ही उसकी चूत में गया था तो वो ज़ोर से चिल्लाने लगीlहाईईईईई, म्‍म्म्मम। फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब वो पूरी मस्ती में थी और मस्ती में मौन कर रही थी अआह्ह्ह आाआइईई और करो, बहुत मजा आ रहा है। और ज़ोर से, उउउईईईई माँ, आहह हाँ, और फिर मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वो भी कुछ देर के बाद झड़ गई।


[Image: RUKH15.jpg]

फिर मैंने कहा इस बार आपा आप ऊपर आ जाओ फिर में उनके नीचे और आपा मेरे ऊपर मैंने भी अपने चूतड़ उठा कर उनका साथ दियाl मेरा लंड उनकी चूत के अंदर पूरा समां जाता था तो दोनों के आह निकलती थी l फिर मैंने ज़ीनत आपा की जम कर चुदाई की और उनको जन्नत की सैर कराइ । फिर मैंने उसको घोड़ी बना दिया। और अब मैंने उसकी चूत में पीछे से लंड को डालकर चोदना शुरूकिया और फिर में उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा। करीब 25 मिनट तक लगातार उसको उस पोज़िशन में चोदा उनकी हालत बुरी थी वह कई बार झड़ चुकी थी
आपा निढाल हो कर लेट गयी मैं उनको प्यार से सहलाने लगा और किस करने लगा और बोला आपा क्या आपको मजा आया दर्द तो नहीं हुआl आपा बोली बहुत मजा आयाl मे l चूत बुरी तरह से सूज चुकी थी l लेकिन मैं एक बार भी नहीं झडा था और लंड तनतनय हुआ खड़ा थाl आपा ने लंड को सहलाते हुए कहा आज क्या बात है मैंने कहा आज इसका ये गांड मारे बिना नहीं रूकेगा आपा शर्मा कर सिकुड़ गयी और मुझसे लिपट गयी


फिर रिज़वान ने मुझसे पुछा क्या तुमने फिर ज़ीनत आपा की गांड भी मारी?

मैंने कहा पूरी बात सुनो और आगे सुनाने लगा फिर थोड़ी देर बाद आपा ने मुझसे कहा कि तुम मेरे हाथ पैर दोनों को बांध दो और फिर मेरी जमकर मेरी गांड की चुदाई करो, में आज तुम्हे नहीं रोकूंगी। और फिर उनके हाथ बांध कर मुंह पर सलवार बांध दी और खूब देर तक उनकी पीठ पर चुम्बन करते हुए बॉडी लोशन उनकी प्यारी बिन बालों वाली गोरी गांड पर लगाया और मैंने टनटनाया हुआ 9 इंची लोडा उनकी गांड में दे डाला और पहच की आवाज़ के साथ खून के फुव्वारे छूटे और एक ही धक्के में लंड समां गया l क्योंकि उनका मुंह बंधा था बेचारी केवल पाऊँ पटक सकती थी जिन्हे मैंने अपने हांथो से जकड रखा था और में अब लगातार धक्के देकर चोदता रहा और फिर ३० मिनट उस नाज़ुक गांड की लगातार चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गये। में धन्य हो गया l क्या गद्देदार चूतड़ थे , नरम मुलायम गोरी चमड़ी जो लाल सुर्ख हो गयी थी और सख्त टाइट मांस और बस मत पूछो यार मज़ा आ गया l आपा की आँखो से आंसू आ गये, लेकिन मुझे उनके चेहरे पर संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी।

मैंने अपनी और ज़ीनत की सुहागरात की कहानी ख़त्म की तो देखा रिज़वान और रुखसाना आपा दोनों गर्म हो चुके थेl रिज़वान का लंड भी पूरा तन गया था मैंने देखा रिज़वान ने आपा का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया था और आपा उसे धीरे धीरे सहला और दबा रही थी और दोनों लिप किश कर रहे थेl मेरा भी लंड पूरा तन गया था और मुझे लगा वह पजामा फाड् कर बाहर आ जायेगा फिर दोनों को ख्याल आया के मैं भी वही हूँ तो दोनों शर्मा गएl आपा ने मेरा तना हुआ पायजामा देखा तो बोली सलमान सब्र करो अभी तो सुबह ही हुई है देखती हूँ तुम्हार्रे लिए क्या हो सकता है मैंने कहा रिज़वान अब तुम भी सलमा के साथ अपनी सुहाग रात की कहानी सुनाओ रुखसार और आरसी भी बोली हमें भी सलमा भाभी की सुहाग रात की कहानी सुननी है रिज़वान पूरी तफ्सील से बताना जूनि चूँकि छोटी थी वह स्कूल चली गयी थी l

रुखसाना आपा बोली मुझे भी सुननी है रिज़वान प्लीज बताईये क्या हुआ l हमारे बहुत कहने पर रिज़वान शुरू हुआ l

सलमान भाई अपने खानदान के परंपरा के अनुसार मुझे पहले से ही पता था के रुकसाना सलमा और फातिमा मेरी ही होंगीl क्योंकि खानदान में तुम्हारे सिवा और कोई लड़का तो है नहीं इसलिए इन तीनो कजिन का निकाह मुझसे ही होगा और तीनो की खूबसूरती और नजाकत का मैं कायल था और मन ही मन तीनो को बहुत चाहता था फिर वह बोला मेरा बस चलता तो कब का तीनो को चोद देताl



[Image: SALMA2.jpg]


रिज़वान बोला भाई निकाह के बाद दुल्हा, दुलहन दोनों को इन्तजार रहता है सुहागरात का… यह दोनों के विवाहित जीवन की पहली और सबसे ख़ास रात होती है जिसके सपने लड़का लड़की दोनों बरसों से देख रहे होते हैं! दोनों अपनी इर रात को यादगार बनाना चाहते हैं, इसके लिए उन्होंने पूरी तैयारी भी की होती है, लड़की के मन में पहले सेक्स का डर समाया होता है तो रोमांच भी होता है, वहीं लड़का भी रोमांचित होने के साथ साथ कुछ डरा हुआ होता है की उससे सब कुछ ठीक ठाक हो भी पाएगा या नहीं!

मेरे दोस्त मेरे पास बैठे गप्पे मार रहे थे पर मेरा मन सलमा के बारे में ही सोच रहा था मुझे खोया खोया देख दोस्त बोलो ये भाई तो दुल्हन के खयालो में अभी से खो गया है अब इसे और मत तडपायो और अपनी नयी दुल्हन के पास जाने दो फिर दोस्त एक एक का चले गए थोड़ी देर बाद लगभग ११ बजे और मेरी शरीके हयात रुखसाना और मेरी बहन आरसी मेरे पास आयी तो मैंने पुछा ज़ीनत आपा कहाँ है तो आरसी बोली आपाको सलमान के कमरे में छोड़ कर आये हैं और सलमा आपका आपके कमरे में इंतज़ार कर रही हैं फिर वह मुझे पकड़ कर मेरे फूलों से सजे कमरे में हमारी सुहागरात के लिए आयी मैंने देखा वहां सुहाग से सेज पर गहनों और फूलों से सजी धजी सलमा सिकुड़ और शर्मा सुहागरात की सेज पर छुईमुई सी सजी बैठीl अपने सपनों के राजकुमार का इंतजार कर रही थी।


वो आए और मेरे पास आकर मुझसे ज़माने भर की बात करने लगे। फिर आरसी मुझे छेड़ने लगी है भाई आराम से करना हमारी भाभी बहुत नाजुक हैंl आँख मारते हुए रुखसार मेरे कान में बोली मेरी बहन सलमा को मेरी तरह बेदर्दी से मत चोदना ये बहुत नाज़ुक और कमसिन है फिर दोनों दरवाजा बंद कर बहार चली गयीl मैंने दरवाजा अंदर से बंद किया ।


ओए होएl क्या बताऊँl सलमा जो की २१ साल की बला की ख़ूबसूरत हैl निकाह के समय उसे देख मेरा लंड बेकाबू हो गयाl सलमा का भी रंग दूध से भी गोरा, इतना गोरा के छूने से मैली हो जाए l बड़ी बड़ी काली मदमस्त आँखे गुलाबी होंठ हलके भूरे रंग के लम्बे बाल, बड़े बड़े गोल गोल बूब्सl नरम चूतड़, पतली कमर, सपाट पेट, पतला छरहरा बदन और फिगर ३४ २४ ३६ थाl कद ५ फुट ५ इंच था दिखने में एकदम माधुरी जैसी है और आवाज़ मीठी कोयल जैसी सुहाग की सेज सजी धजी गहनों और फूलों से लड़ी पर बैठी सलमा किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी। सलमा ने गुलाबी रंग का लेहंगा और ब्लाउज पहना हुआ था और ऊपर लम्बी सी ओढ़नी का घूँघट किया हुआ था lइस रूप में अगर कोई 70 साल का बूढ़ा भी उसे देख लेताl तो उसका भी लंड खड़ा हो जाता। मेरा १० इंची हथियार शिकार के लिए तैयार होने लगाl मैं थोड़ा सा आगे होकर बैठ गया और उसका हाथ पर अपना हाथ रख दिया l या खुदा !! उसका नरम मुलायम मखमल जैसा गर्म हाथ पकड़ते ही मेरा लंड फुफकारे मारने लगा और सनसनाता हुआ पूरा 8 इंची बड़ा हो गयाl


वह फिर पूनम की चांदनी रात थी और कमरा चांदनी से नहाया हुआ थाl सलमा का रंग गुलाबी कपड़ो के कारन गुलाबी लगने लगा थाl उसकी चमड़ी इतनी नरम मुलायम नाजुक और पारर्दर्शी थी के उसकी फूली हुई नसे साफ़ नज़र आ यही थी मैंने एक गुलाब उठा कर उसके हाथो को छू दिया और वह कांप कर सिमटने लगी मैंने कहा की मैं आप से बहुत प्यार करता हूँ और आप को पाना चाहता थाl lफिर मैंने अपनी जेब से निकाल कर एक नौलखा हार उनको अपनी शादीशुदा जिंदगी के पहले नज़राने के तौर पर दियाl वह बोली आप ही पहना दीजिये और उसके गहने खड़कने लगेl


मैंने उसे हार पहनाया फिर धीरे से उसका घूंघट उठा दिया दूध जैसी गोरी चिट्टी लाल गुलाबी होंठ ! नाक पर बड़ी नथ, मांग में टिका बालो में गजरा उसका चेहरा नीचे को झुका हुआ था, ढेर सारे गहनों ले लदी और फूलों से लदी अप्सरा लग रही थी इतनी सुन्दर दुल्हन देख मेरे मुँह से निकला वाह !! तुम तो बला की क़यामत हो मेरी जान l मैंने धीरे से उसके चेहरे को ऊपर किया सलमा की आँखे बंद थी l उसने आँखे खोली और हलकी से मुस्करायीl



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फिर बड़े प्यार से से पूछा, “क्या मैं तुम्हे किस कर सकता हूँ?”

मैंने उसका ओंठो पर एक नरम सा चुम्बन ले लिया और सलमा के चेहरे को अपने हाथों में लेकर गाल पर किस किया और सलमा को बताया कि इस दिन का मै जबसे सलमा जवान हुई थी तबसे इंतज़ार कर रहा था l l ये उसका पहला चुम्बन था वह फिर शर्मा कर सिमट कर मुझ से लिपट गयीl मैंने सलमा को अपने गले लगाया और पीठ पर हाथ फिरा कर पुछा उसकी पीठ बहुत नरम मुलायम और चिकनी थी उसने बैकलेस चोली पहनी हुई थी जो सिर्फ दो डोरियों से बंधी हुई थी और ब्रा नहीं पहनी हुई थी फिर मेरे फिसल हाथ सलमा की कमर तक पहुँच गए थेl


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क्या चिकनी नरम और नाजुक कमर थी फिर मैंने उसका दुपट्टा सीने से हटा दिया। और उसे घूरने लगा मेरे इस तरह घूरने से सलमा को शर्म आने लगी और वो पलट गयी और अपनी पीठ मेरी तरफ कर दी। मैं आगे बढ़ गया उसे अपनी लोहे जैसी बांहो में कस कर जकड़ लिया, मैंने अपना मुँह सलमा की गर्दन पर किया और उस पर किस करने लगा। उसके शरीर से पसीने और लेडीज परफ्यूम की महक आ रही थी जो मुझे मदहोश कर रही थी! मैंने सलमा के गले पर किस करते हुए अपना मुँह सलमा के कान के पास किया और मेरे कान में कहा- आय लव यू जान! तू बहुत अच्छी लग रही है! आज मैं तेरी सील तोड़ दूँगा!

सलमा ने कहा- "हम्म्म्म ll" फिर मैंने सलमा के होंठों पर अपने होंठों रख दिए होंठ चसते हुए मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर में डाल दिया। उसकी कमर पर हाथ फेरा तो उसके पूरे जिश्म में कंपन होने लगी।

मेरी ऐसी बातों से सलमा पागल हो गयी , उसकी गर्म बांहों में मेरा शरीर जल रहा था!



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मैंने सलमा को अपनी तरफ किया और अपने होंठों को सलमा के होंठ पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा। मैं बहुत जोश में था और सलमा के होंठों पर ही टूट पड़ा। फिर मैंने सलमा को अपनी गोद में खींच लिया और उसकी चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने लगा। सलमा में अपनी आँख बंद कर ली। मैंने उसके बलाउज के बटन खोल दिए। उसकी रेड ब्रा को मैंने बिना हक खोले ऊपर कर दिया। अब सलमा के दोनों कबूतर मेरे सामने नंगे थे। मैंने उसकी एक चूची को मुँह में ले लिया और दूसरी को हाथ से सहलाने लगा।

सलमा की धड़कन तेज हो गई थी। मैंने अब उसकी दूसरी चूची को मुँह में ले लिया और उसकी पहली चूची को जोर से दबाया। सलमा ने एक सिसकी सी ली। अबकी बार मैंने थोड़ा सा और जोर से दबाया। अब उसकी सिसकी में दर्द पैदा हो गया। अब मैंने ऋत को पलंग से उतार कर नीचे खड़ा होने को कहा। वो नीचे आकर खड़ी हो गई। मैंने उसके ब्लाउज को उसके जिएम से अलग कर दिया। फिर मैंने उसकी साड़ी को खोल दिया। अब त मेरे सामने सिर्फ सफेद पेटीकोट में खड़ी थी।


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मैंने उसको कहा- "अपने दोनों हाथ अपने सिर के पीछे रख लोl"

सलमा में चुपचाप रख लिए। मैंने अब उसके पेटीकोट को ऊपर उठा दिया और उसके पेटीकोट के नाड़े में उसका पेंटीकोट मोड़कर फैंसा दिया। फिर मैंने सलमा की पैटी के ऊपर से उसकी चूत को हल्का सा सहलाया। उसकी टांगों की कंपन में साफ देख रहा था। मैंने उसकी दोनों जांघों को अपने हाथ से पकड़कर घुमा दिया। अब अत की गाण्ड मेरे सामने थी। उसकी लाल रंग की कच्छी में उसके गोरे-गोरे चूतड़ बड़े प्यारे लग रहे थे। फिर मैंने उसकी कच्छी के इलास्टिक में उंगली डालकर कच्छी को आधा नीचे किया। उसके चूतड़ों की दरार में मैंने अपनी उंगली फिरानी शुरू कर दी। चिकने चूतड़ों में उंगली फिसली जा रही थी।

जारी रहेगी

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#7
मेरा निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 06

सलमा के साथ रिज़वान का निकाह


  बहन सलमा की सुहागरात में हुई चुदाई की दास्ताँ 



रिज़वान बोला मैंने अब सलमा के पेटीकोट को ऊपर उठा दिया और उसके पेटीकोट के नाड़े में उसका पेंटीकोट मोड़कर फैंसा दिया। फिर मैंने सलमा की पैटी के ऊपर से उसकी चूत को हल्का सा सहलाया। उसकी टांगों की कंपन में साफ देख रहा था। मैंने उसकी दोनों जांघों को अपने हाथ से पकड़कर घुमा दिया। अब अत की गाण्ड मेरे सामने थी। उसकी लाल रंग की कच्छी में उसके गोरे-गोरे चूतड़ बड़े प्यारे लग रहे थे। फिर मैंने उसकी कच्छी के इलास्टिक में उंगली डालकर कच्छी को आधा नीचे किया। उसके चूतड़ों की दरार में मैंने अपनी उंगली फिरानी शुरू कर दी। चिकने चूतड़ों में उंगली फिसली जा रही थी।

रिज़वान बोला मैंने अब उसकी पेंटी को थोड़ा और उत्तार दिया उसके चूतड़ों को कच्छी से बाहर निकाल दिया और उसके चूतड़ों पर किस करा। फिर मैंने पी से ही उसकी चत के मुँह पर उंगली रख दी। उसकी चूत में जैसे आग निकल रही थी। मैंने अपनी उंगली को जरा सा अंदर डाला, तो वो सीईईईll कर उठी, मैंने अब उसकी पूरी पैंटी उतार दी।

रिज़वान बोला मैंने सलमा से कहा- "सलमा अब तुम मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेकर चूसाl"


सलमा ने अपनी जीभ से मेरे लौड़े को चाटना शुरू कर दिया। मैं पलंग पर लेट गया और मैंने सलमा का अपने पेट पर बैठा लिया। फिर मैंने सलमा की चूत अपने मुँह के पास कर ली। अब हम दोनों 69 पोज में थे। सलमा की चूत आज बिल्कुल चिकनी थी। मैंने उसकी चूत पर अपनी जीभ रख दी। बड़ी मस्त सी महक मेरी सांसों में समा गई। सलमा मेरा लौड़ा अब अपने मुँह में लेकर चूस रही थी। मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से रगड़ रहा था। थोड़ी देर बाद मैंने ऋत को सीधा लिटा दिया और उसकी टांगों के बीच में बैठ गया। मेरा लौड़ा अब पूरी तरह टाइट था और चूत में जाने को बेकरार था।

रिज़वान बोला मैंने अपने लण्ड का सुपाड़ा सलमा की कुँवारी चूत के छोटे से छेद पर रख दिया। सलमा अब लंबी-लंबी साँसे लेने लगी थी। मैंने अपने लौड़े को जरा सा जोर से दबाया तो थोड़ा सा लण्ड उसकी चूत में घुसा। सलमा के चेहरे पर दर्द दिखाई दे रहा था। मैं उसको अभी और तड़पा के चोदना चाहता था। मैंने उसकी चूत में अपना लण्ड थोड़ा सा और घुसा दिया, तो उसकी चीख निकल गईं। और लगभग उसी समय मुझे ज़ीनत की भी चीख सुनाई दी l जिसे सुन मेरा जोश बढ़ गया l


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अब सलमा की आँखों में आँसू आने लगे। रिज़वान बोला मैंने अबकी बार अपना लौड़ा चूत से सटाकर कसकर शाट मारा, तो मेरा लण्ड उसकी कुँवारी चूत की झिल्ली को चीरता हुआ आधा अंदर चला गया। सलमा ने जोर से एक चीख मारी। मैंने भी उसको रोका नहीं। क्योंकी में यही चाहता था की सलमा की चीख उसके भाई सलमान को भी को सुनाई देनी चाहिए। मैं जानता था की वो साथ वाले रूम में मेरी बहन की चीखे निकलवा रहा था । मुझे महसूस हुआ कि मेरे लिंग को सलमा ने अपनी योनी रस ने भिगो दिया था, जिसकी वजह से लिंग आसानी से अन्दर और बाहर हो पा रहा था. और अगली बार के धक्के में मैंने थोडा दवाब बड़ा दिया. मेरी साँसे जल्दी जल्दी आ रही थीं. सलमा ने अपनी टंगे मेरे चूतड़ों से और बाहें मेरे कंधे पर लपेट दी थीं और अपने नितम्बो को ऊपर कि ओर उठा दिया. अन्दर अवरोध महसूस होने लगा था.


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रिज़वान बोला मैंने अपना लण्ड थोड़ा सा बाहर निकाला और अब मैंने कस के शाट मारा, तो मेरा पूरा लण्ड अब सलमा की चूत में घुस गया था। सलमा की आवाज में दर्द था और वो रोने लगी। मैंने पूरी ताकत के एक धका लगा दिया “ आप की टांगो ने भी मेरे चूतड़ों की नीचे की और कस लिया ओह अम्मी ” आपा के मुह से निकला. सलमा के स्तन ऊपर की ओर उठ गए और शरीर एंठन में आ गया जैसे ही मेरा १० इंची गर्म, आकार में बड़ा लिंग पूरी तरह से गीली हो चुकी योनी में घुस गया. अन्दर, और अन्दर वो चलता गया, चूत के लिप्स को खुला रखते हुए क्लिटोरिस को छूता हुआ वो पूरा १० इंच अन्दर तक चला गया था. आपा की योनी मेरे लिंग के सम्पूर्ण स्पर्श को पाकर व्याकुलता से पगला गयी थी. उधर मेरे हिप्स भी कड़े होकर दवाब दे रहे थे और लिंग अन्दर जा चूका था . सलमा भी दर्द के मारे चिलाने लगी जो पूरी हवेली में गूँज उठी होंगी आहहहहह रिज़वान आएीी


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सलमा बोली- "प्लीज रिज़वान बाहर निकाल लीजिए। मैं मर जाऊँगी, बड़ा दर्द हो रहा हैl" और वो ऊऊऊll आईईईll की आवाजें निकालने लगी।

उउउउउइइइइइइ ओह्ह्ह्हह बहुत दर्द हो रहा है प्लीज इसे बाहर निकल लो मुझे नहीं चुदना तुमसे तुम बहुत जालिम हो यह क्या लोहे की गर्म रॉड घुसा डाली है तुमने मुझ में निकालो इसे न्यूऊओ प्लीज बहुत दर्द हो रहा है मैं दर्द से मर जाऊँगी प्लीज निकालो इसे और सलमा की से आँखों से आंसू की धरा बाह निकली मैं उन आंसूओं को पि गया .. बोला मेरी रानी बस इस बार बर्दाश्त कर लो आगे मजा ही मजा हैl

रिज़वान बोला सलमा की चूत बहुत टाइट थी मुझे लगा मेरा लैंड उसमे जैसे फस गया और छील गया है मेरी भी चीखे निकल गयीl हम दोनों एक साथ चिल्ला रहे थे ऊह्ह्हह्ह मर गएl मैंने एक बार फिर पूरी ताकत लगा कर पीठ उठा कर लैंड को बाहर खींचने की कोशिश की लेकिन लण्ड टस से मस नहीं हुआ सलमा की चूत ने मेरा लण्ड जकड लिया था. मैंने बहुत आगे पीछे होने की कोशिश की लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा फिर मैंने पूरी ताकत से एक और धक्का लगाया और लण्ड पूरा अंदर समां गया और मैं सलमा के ऊपर गिर गया फिर में कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही पड़ा रहा तो कुछ देर के बाद वो शांत हुईl



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फिर सलमा की चूत संचुकन करने लगी और लंड चूसने लगी और मैं झड़ गया और चूत ने जैसे मेरे लंड को चूस चूस का निचोड़ दिया .. ये अनोखा अनुभव मुझे पहली किसी चुदाई में नहीं हुआ था ....

भाई उसके बाद तो मेरा मन कर रहा था बस ऐसे ही लंड सलमा के अंदर डाले पडा रहू और मजे लेता रहू ..


रिज़वान बोला मेरा लंड सलमा की चूत के अंदर ही था l मैंने चूत पर हाथ लगाया तो वह सूज चुकी थी एक दम सुर्ख लाल हो गयी थी सलमा कहने लगी क्या हुआ, मैंने कहा झड़ने के बाद भी लण्ड बहार नहीं निकल रहा है. सलमा की चूत ने मेरे लंड को जैसे जकड लिया था. सलमा रोने लगी है मर गयी मेरी चूत फाड़ डाली और लण्ड फसा डाला जालिम ने मुझे बर्बाद कर दिया अब तो मैं मर जाऊँगी अब मैं क्या कर्रूँगी .. कुछ देर बाद जब मुझे लगा झड़ने के बाद भी मेरा लंड खड़ा है सलमा सुबक रही थी . मैंने उसके होंठों से अपने होंठ सटा कर एक जोरदार धक्का मारा और मेरा लंबा और मोटा लंड पूरा अन्दर चला गया था। इस बार के झटके से उसकी चीख उसके गले में ही रह गई और उसकी आँखों से तेजी से आँसू बहने लगे। उसने चेहरे से ही लग रहा था कि उसे बहुत दर्द हो रहा है। मैंने सलमा को धीरे धीरे चूमना सहलाना और पुचकारना शुरू कर दिया, मैं बोला मेरी रानी डर मत कुछ नहीं होगा थोड़ा देर में सब ठीक हो जाएगा.


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रिज़वान बोला मैंने उसे लिप किश किया मैं उसे लिप किश करता ही रहा वह भी कभी मेरा उप्पर लिप तो कभी लोअर लिप चूसती रही मैंने उसके लिप्स पर काटा उसने मेरे लिप्स को काट कर जवाब दिया,फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी. फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा. सलमा मुझे बेकरारी से चूमने चाटने लगी और चूमते चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। फिर मैंने उसकी चूची सहलानी और दबानी शुरू कर दी वह सिसकारियां ले मजे लेने लगी मैंने धीरे धीरे उसकी चूत पर अपने दूसरी ऊँगली से से उसके क्लाइटोरिस तो सहलाना शुरू कर दिया सलमा गर्म होने लगी धीरे धीरे चूत ढीली और गीली होनी शुरू हो गयी फिर मेरे लण्ड पर चूत की कसवत भी कुछ ढीली पड़ गयी इक मिनट रुकने के बाद मैंने धक्का लगाना शुरू किया.. फिर कुछ देर में ही वो भी मेरा साथ देने लगी। मुझे जैसे जन्नत का मज़ा आ रहा था। सलमा ने ढेर सारा पानी मेरे लंड पर छोड़ दिया. मैं झड़ने के बाद भी लिप्स किस करता रहा . करीब 30 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों ही साथ में झड़ गए। दो-तीन झटकों बाद मैंने लण्ड निकाल लिया ।

हां रिज़वान मैंने कहा - तुम दोनों की ये चीख तो मैंने भी सुनी थी पर उस समय मेरा लंड भी ज़ीनत की चूत में थाl

रिज़वान बोला मैंने अब उसकी चूची को मुँह में ले लिया और हल्के-हल्के धक्के मारने लगा। सलमा को अब जरा सा आराम मिला था जैसे। मैंने उसके होंठों को चसते हुए कहा- "अब कैसा लग रहा है?"

सलमा ने कोई जवाब नहीं दिया।


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रिज़वान बोला मैंने उसको कहा- "अपनी जीभ मेरे मुँह में दोl' उसने दे दी। मैं उसकी जीभ को चूसने लगा। फिर मैंने उसको कहा- "अपने दोनों हाथ मेरी कमर पे रख दोll"

रिज़वान बोला उसकी चूड़ियों की खनक सेक्स का मजा दोगुना कर रही थी। उसका नाजुक बदन मेरे जिम से चिपका हुआ था। मैंने उसकी टांगों को थोड़ा और फैला दिया। मैंने अब धक्कों की स्पीड बढ़ा दी। सलमा की अब जोर-जोर से सिसकियां निकल रही थी। उसकी चूड़ियां में हर धक्के पर खनक उठती थी। उसकी पायजेब और चूड़ियां मेरे हर धक्के के साथ लय बना रही थी। फिर मैंने उसके होंठों पे होंठ रख दिए और कस-कस के धक्के मारे। 20-25 धक्कों में मेरा सारा वीर्य उसकी चूत में भर गया। मैं उसके ऊपर ही लेट गया मेरा। लौड़ा झड़ने के बाद भी सलमा की चूत में चिपक कर फंसा हुआ था। फिर धीरे-धीरे लण्ड सिकुड़कर बाहर आने लगा।

रिज़वान बोला सलमा तेज-तेज सांसें ले रही थी। उसकी चूचियां अब ऊपर-नीचे हो रही थी। मैंने उसकी टांगों को अपनी टांगों में फंसा लिया था। मेरे हाथ जब उसकी गाण्ड पर लगे तो कुछ गीला-गीला सा लगा। मैंने देखा तो उसके सफेद चादर पर खून के धब्बे साफ दिख रहे थे। वो मुस्कुराने लगी और मुझसे चिपक गई।


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रिज़वान बोला मैंने उसको कहा- "अपने पेटीकोट से मेरा लण्ड पॉछ दो, और अपनी चूत भी इसी से साफ कर लोl" उसने ऐसा ही किया। हम दोनों लिपटकर लेटे रहे।

रिज़वान बोला लगभग पांच मिनट बाद हम उठे फिर हम दोनों से साथ में बाथ लिया और मैंने सलमा को उठा कर गोद में बिठा लिया और थोड़ी देर में ही दूसरा राउंड भी स्टार्ट हो गया।

रिज़वान बोलता रहा मैं सलमा से बोला - अपनी चूचियों से मेरे चेहरे पर मसाज करl सलमा ने अपनी चूचियाँ पकड़ कर मेरे क्लीन शेव चेहरे पर रगड़ना शुरू कर दिया। मेरा लण्ड ठीक मेरी चूत के नीचे था, तभी मैंने सलमा की कमर पकड़ कर एक जोरदार धक्का माराl वो उछल पड़ीl तब तक मगर मेरा टोपा चूत में फंस चुका था।


मेरा लंड इस समय लोहे की सलाख जैसा सख्त और गर्म था और सलमा उस पर पर बैठी हुई थी। मैंने जोर लगाया तो सलमा चिल्ला पड़ी। मैंने उसे खिलौने की तरह उठाया और खड़े हो कर एक और झटका दिया।

सलमा बोली प्लीज आराम से करो नहीं तो मैं मर जाऊँगी, इतना अधिक दर्द मुझे कभी नहीं हुआ था, सलमा बेहोश सी होने लगी। पता नाहीउ मुझे क्या हुआ था एक तो सलमा का हुस्न गोरा रंग खूबसूरती और फिर तुम्हारे कमरे से आ रही आवाज़े मेरे जोश को बढ़ा रही थी l

फिर मैं सलमा को गोद मे ले कर बैठ गया और वो मेरे होंठ चूसने लगी , लगभग दो मिनट तक हम ऐसे ही बैठे रहे, दो मिनट बाद सलमा को थोड़ा आराम मिलाl तो मैं फिर बोला - सलमा बेगम अपनी चूत को ऊपर-नीचे करोl

सलमा रोते-रोते अपनी चूत को ऊपर-नीचे करने लगी, बीस-पच्चीस बार ऊपर-नीचे करने के बाद मुझे अच्छा लगने लगा। मैं सलमा को ही देख रहे था और बोला - जब दर्द ख़त्म हो जाए तो बताना।
सलमा बोली- अब दर्द हल्का हो गया है।


बस यह सुनते ही मैंने सलमा कमर पकड़ कर उसे थोड़ा ऊपर उठाया और नीचे से जोर-जोर से धक्के लगाने लगा ।

सलमा के बड़े-बड़े कोमल मम्मे किसी फुटबॉल की तरह उछाल मार रहे थे और मेरे ,मुँह से टकरा कर मुँह की मालिश लकर रहे थे । और उसकी चूत भी अब गीली हो गई थी।

फिर मैं बोला - चल सलमा अब पहले अपनी चूत पूँछ और फिर कुतिया बन जा।


सलमा उठी तो मैंने एक रूमाल से उसकी चूत पूँछी और बोलै अब जब रगड़ कर अंदर जाएगा तो देख कितना मजा आएगा और मेरे ऊपर से उठ कर हाथ-पैरों के बल झुक गई। मैंने पीछे आकर लण्ड को चूत पर रख कर जोर से झटका मारा और एक ही बार में पूरा लण्ड अन्दर डाल दिया।

सलमा अब किसी कुतिया की तरह चुद रही थी। और लंड जब शुकी हुई चूत को रगड़ता हुआ अंदर बाहर हो रहा था तो सच बहुत मजा आया और फिर सलमा जल्द ही झड़ गयी ।


उस रात मैंने सलमा को ऐसे ही दो बार और चोदा और उस सूखी चुदाई से चूत बिलकुल सूज गयी थीl

रिज़वान बोला अगले दिन जब बड़ो ने हमे बुला कर डांटा और कहा कल रात जो चीखने चिल्लाने की आवाज़ आयी थी जो भी करो नज़ाकत को देख कर करो l तो मेरा मन किया कह दू ये सब शुरू तो सलमान ने किया था l ज़ीनत आपा के कमरे से आ रही आवाज़ों और चीखे ने ही मेरा जोश बढ़ाया था l कई बार तो जब ज़ीनत आपा सलमान से कहती थी और जोर से तो मुझे लगता था सलमा मुझे जोर से करने को कह रही है और मैं शुरू हो जाता थाl

रिज़वान बोला मैं जानता था की हम जो भी कर रहे हैं, वो सलमान तुम्हे और ज़ीनत आपा दोनों को सब पता चल रहा है क्योंकि हमारे सुहागरात वाले रूम बिलकुल एकदूसरे के साथ जुड़े हुए थे और मुझे भी तुम्हारी आवाज़े साफ़ सुनाई दे रही थी । मैंने रूम में जाकर पहली सलमा को किस किया उसके कपडे निकाले और सलमा को लण्ड पकड़ा दिया और कहा- "अब चूसोl"

सलमा मेरे लौड़े को चूसने लगी। दो मिनट में मेरा लौड़ा टनटना का पूरा तैयार हो गया। सलमा पलंग पर जाकर लेट गई, और अपनी दोनों टांगों को फैला दिया। मुझे देखकर हँसी आ गई।

मैंने उसको कहा- "मैं अब तुमको आगे से नहीं पीछे से चोदूंगाl"


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shesher kobita poem in bengali lyrics

सलमा सुनकर घबरा गई। हाथ जोड़कर बाली- "प्लीज ! आप वहां मत करिए मैंने सुना है वह बड़ा दर्द होता है l"

मैंने कहा- "सुनो। मैं तमको जैसा कहें वैसा करोl मेरा मूड खराब मत करो समझी?"

मैंने जब गुस्से से कहा तो वो डर गईं।

मैंने उसको कहा- "चलो एक काम करो, कोई तेल लेकर आओl"

उसने कहा- "सामने खिड़की के पास से उठा लीजिएl"

मैंने सलमा को कहा- "तुम घोड़ी बन जाओl"

मुझे याद आया मेरे दोस्तों ने कहा था बीवी अपनी ही है आराम से करना l तभी दोनों को पूरा मजा आएगा मैंने उसकी पीठ को चूमाl


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उसने एक बार फिर मिन्नत की तो मुझे तरस आ गया और मैंने कहा अच्छा फिर लेट गया और बोला चलो मेरा लंड चूसो l और मैं उसका सर पकड़ कर अपने लन्ड पर रगड़ने लगा ।

सलमा ने जोर लगाने की कोशिश कीl मगर मेरे आगे उसकी एक न चली उसके होंठ न चाहते हुए भी मेरे लन्ड पर फिर रहे थे। मुझे अच्छा लगा रहा था और मेरा लंड अकड़ रहा थाl

एक मिनट बाद सलमा को भी अच्छा लगने लगा,और उसने भी जोर लगाना बंद कर दिया।

तभी मैंने उसके बाल जोर से खींचे तो उसका मुँह खुल गया। जैसे ही मुँह खुला वैसे ही मैंने अपना लण्ड अन्दर करके उसका सर अपने लण्ड पर दबा लिया।


मेरे लण्ड ने मुँह में अपना आकार बढ़ाना शुरू कर दियाl सलमा छटपटा उठीl गूँ गूँ करती हुई हाथ-पांव पटकने लगीl मगर मैंने उसे नहीं छोड़ा!

मेरा लण्ड मुँह से होते हुए गले तक चला गया है।सलमा की आँखों से आंसुओं की धार निकल पड़ी। वो मेरी जाँघों पर पंजे मार रही थीl नाखून गड़ा रही थीl मगर मुझ पर इसका कोई असर न हुआ। उल्टा मैंने उसका सर जोर से दबा दिया ।

सलमा ने हाथ जोड़ लिए और मुझे लण्ड निकालने के लिए विनती वाली नजरों से देखा।

मैं सलमा से बोला l जैसे बोलूँगाl वैसे ही करेगी न?

सलमा ने तुरंत आँखों से हामी भरी। मैंने सलमा का सर छोड़ दियाl


सलमा बिस्तर पर गिर पड़ी, और एक दमे के मरीज की तरह हांफ रही थी।

इतने में मैं बोला हाँl अब सलमा पूरी कुतिया लग रही है।


फिर मैं उसके दोनों हाथ फैला कर उनके ऊपर अपने घुटने रख कर सलमा के सीने पर बैठ गया और कहा- अब इस लण्ड को चाटो ।

मेरा हलब्बी लण्ड देख कर सलमा की आँखें फ़ैल गईं।

मेरा करीब आठ इंच लंबा और तीन इंच मोटा कालाl लौकी जैसा लण्ड, सलमा मुँह पर रखा हुआ था।

सलमा लण्ड देख के हक्की-बक्की थी।

मैं बोला - चाट इसे जल्दी नहीं तो फिर मुँह में डालू क्या ।

सलमा ने जल्दी से जीभ निकाल कर लण्ड चाटना शुरू कर दिया।

मैं बोला - हाँl अब पूरी कुतिया बनी।


सलमा रोती जा रही थी और लंड चाटती जा रही थी, उसके दोनों हाथ मेरे पैरों के नीचे दबे हुए थे।

बीच बीच में मैं लण्ड को पकड़ कर सलमा के चेहरे पर मार देता था , उसके गोरे गालों पर मेरा भारी लण्ड मुक्के की तरह पड़ रहा था।


फिर मैंने कहा अब खड़ी हो जाओ और अपने पैरो को ढीला कर दिया और उसे पकड़ कर किश किया और उसके स्तनों को मसल दिया l

फिर मैंने सलमा को कहा- "अब तुम मेरे ऊपर आ जाओ और मेरे लण्ड पर अपनी चूत रखकर बैठ जाओl" ये सोच कर के गांड बची लाखो पाए सलमा फट से मेरे ऊपर आ गई। उसने अपने नाजुक हाथ से मेरा लौड़ा पकड़ा और अपनी चूत के मुंह पर लगा दियाl

और हल्का सा दबाया। मैं तो इसी माके की इंतजार में था। जैसी ही सलमा ने अपनी चूत को मेरे लण्ड पर दबाया, मैंने नीचे से जोर का धक्का मारा।

सलमा को शायद इसकी उम्मीद नहीं थी, इसलिए उसने एक जार की चौख मारी- "उईईई मर गईl" मैंने उसकी कमर को कस के पकड़ रखा था। वो उठ नहीं पाई। एक मिनट तक लण्ड पूरा उसकी चूत में घुसा रहा।

फिर मैंने उसकी गाण्ड के नीचे हाथ रखकर उसको ऊपर उठाया और कहा- "अब मेरे लौड़े पर उछल-उछलकर इसको अपनी चूत में अंदर-बाहर करती रहोll

सलमा ने हल्के-हल्के ऊपर-नीचे होना शुरू कर दिया।



[Image: M7.jpg]

मैंने सलमा में कहा- "अगर हर बार में पूरा लण्ड अंदर नहीं लिया तो मैं नीचे से फिर धक्का मारूंगाl"

सुनते ही सलमा ने कहा- “नहीं नहीं प्लीजll आप मत करनाl"

में मुश्कुरा पड़ा। मैं जानता था अब वो सही से लौड़ा खायेगी। फिर मैंने सलमा से कहा- "मेरे मुँह में अपने हाथ से पकड़कर अपनी चूची चुसवाओl"

उसने मेरे मुँह में अपनी चूची लगा दी। मैं उसकी चूची चूसने लगा। अब मेरा लण्ड सलमा की चूत में फिसल फिसल के जा रहा था। क्योंकी सलमा की चूत अब पानी छोड़ रही थी। फिर सलमा की चूत संचुकन करने लगी . ये अनोखा अनुभव मुझे पहली किसी चुदाई में नहीं हुआ था ..

सलमा ने कहा- "अब आप मेरे ऊपर आ जाइएl"

मैंने कहा- "ऐसे नहीं, पहले तुम मुझे कहाँ की- 'प्लीज मेरे ऊपर आकर मेरी चूत मारोl"

सुनकर सलमा शर्मा गईं। मैंने जरा जोर से खा सलमा !

सलमा ने हल्के से कहा- "मेरी जान मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चोदोl"

मैंने कहा- "ऐसे नहीं,जोर में बोलो साथ वाले कमरे में सलमान को सुनाई देना चाहिए l"

सलमा ने अब जोर से कहा- "मेरी जान मेरे ऊपर चढ़कर मुझे चोदोl"

ये सुनकर मेरा जोश और बढ़ गया। मैंने सलमा को नीचे कर दिया और उसकी चूत में अपना लण्ड अंदर-बाहर करने लगा। मैंने सलमा से कहा- "अब तुम भी नीचे से अपनी चूत को उठा-उठाकर चुदवाओ"l

सलाम को अब मजा आ रहा था। वो अब नीचे से अपनी चूत उठा रही थी। ऐसा करने में उसकी चूत दो बार झड़ गई। उसने अपनी आँखों को बंद कर लिया और उसके चेहरा पर स्माइल दिखने लगी। 5 मिनट ऐसे ही चलता रहा। सलमा ने मेरी पीठ पर अपने नाख़ून गड़ा दिए थे। चुदाई में इसका पता नहीं चला। पर अब इसका एहसास होने लगा था। मैं सलमा के ऊपर से उठने लगा, पर उसने मुझे अपनी बाहों में कसकर दबा लिया।


सलमा की चूत फिर संचुकन करने लगी और लंड चूसने लगी और मैं झड़ गया. फिर मैंने अपना सारा जोर लगाकर 10-15 शाट में सलमा की चूत में माल झाड़ दिया।और चूत ने जैसे मेरे लंड को चूस चूस का निचोड़ दिया ..

मैंने कहा- "क्या हुआ?"


सलमा ने कहा- "प्लीजll ऐसे ही लेटे रहिए ना l"

फिर सलमा ने कहा देखो मेरी चूत की तुमने क्या हालत कर दी है और मुझे अब नींद भी आ रही हैll मैंने अपने मोबाइल में 5 बजे का अलार्म लगा दिया और सलमा से कहा- " अलार्म बजते ही मेरा लौड़ा मुँह में लेकर चसना शुरू कर देना। पांच बजे का अलार्म लगया है अगर पहले उठ जाओ तो चूस कर मेरा लौड़ा खड़ा करोगी तो मैं उठ जाऊँगा समझी या नहीं?"

सलमा ने सिर हिला दिया।

मैं भी रात भर का जगा हुआ था और नींद मुझे भी आ रही थी और मैंने तुम्हारे कमरे से भी कोई आवाज नहीं आ रही थीl मुझे लगा आज तुम भी सो गए हो तो मैंने सोचा थोड़ा आराम कर लेते हैं

मैं सलमा को अपनी बांहों में भरकर लेट गया। फिर मुझे नींद आने लगी। सुबह लगभग 3-4 बजे तुम्हारे कमरे से भी ज़ीनत आपा की आहों की आवाज आनी शुरू हो गयी थीl मैं जाग गया आँख खोली तो पता चल गया की मेरे लौड़े को सलमा चूस रही हैं। पर आँखें बंद करके लेटा रहा। सलमा मुझे हिलते देखा तो जोर से चूसने लगीl ऐसें चुप्पा लगवाने में मुझे बड़ा मजा आ रहा था।

फिर मैंने अपनी आँखों को खोला, और सलमा को कहा- जो काम रात में अधूरा रह गया था उसे अब पूरा करते हैंl

सलमा समझ गयी मेरा इरादा और सुनकर घबरा गई। हाथ जोड़कर बाली- "प्लीजll आप वहां मत करिए बड़ा दर्द होगाl"

मैंने कहा- "सलमा । मैं तमको जैसा कहें वैसा करोl मेरा दिमाग खराब हो जाएगा तो उसकी जिम्मेदार तुम होगी ?"

मैंने जब गुस्से से कहा तो वो डर गईं।

मैंने उसको कहा- "चलो तेल पकड़ाओ l"

उसने चुपचाप तेल की शीशी मुझे दे दी l

मैंने तेल की शीशी ली और सलमा को कहा- "तुम घोड़ी बन जाओl"

वो घोड़ी बन गई। मैंने खूब सारा तेल उसके चूतड़ों पर डाल दिया। तेल की धार उसके चूतड़ों की दशा में होती हुई उसकी गाण्ड तक जा रही थी। मैंने अपनी उंगली उसकी गाण्ड में घुसा दी। सलमा ने अपनी गाण्ड आगे कर दी।

मैंने उसको कहा- "अगर अब तेरी गाण्ड एक इंच भी हिली तो मैं बिना तेल के ही गाण्ड मार दूँगा l"

सुनकर सलमा बोली- "नहीं-नहीं अब नहीं हिलाऊँगीll"


फिर मैंने उसकी गाण्ड में उंगली पेल दी। अब उसकी गाण्ड हिल नहीं रही थी, बस वो अपनी गाण्ड को सिकोड़ रही थी। दो-तीन मिनट मैं उसकी गाण्ड में उंगली चलाता रहा। फिर मैंने अपनी दूसरी उंगली भी उसकी गाण्ड में पेल दी। अब सलमा को दर्द होने लगा और वो रोने लगी। मैंने उसको कुछ कहा नहीं, अपना काम करता रहा। जब मैंने देखा इसकी गाण्ड अब लौड़ा लेने को तैयार हैं तब मैंने उसको पलंग के कार्जर में घोड़ी बना दिया, और मैं नीचे खड़ा होकर उसकी गाण्ड पर अपना लौड़ा अइजस्ट करने लगा।

फिर मैंने उसकी गाण्ड में उंगली पेल दी। अब उसकी गाण्ड हिल नहीं रही थी, बस वो अपनी गाण्ड को सिकोड़ रही थी। दो-तीन मिनट मैं उसकी गाण्ड में उंगली चलाता रहा। फिर मैंने अपनी दूसरी उंगली भी उसकी गाण्ड में पेल दी। अब सलमा को दर्द होने लगा और वो रोने लगी। मैंने उसको कुछ कहा नहीं, अपना काम करता रहा। जब मैंने देखा इसकी गाण्ड अब लौड़ा लेने को तैयार हैं तब मैंने उसको पलंग के कोने में घोड़ी बना दिया, और मैं नीचे खड़ा होकर उसकी गाण्ड पर अपना लौड़ा अइजस्ट करने लगा।

सही कोन बनाकर मैंने उसको कहा- "में अब लौड़ा पेलने जा रहा हैl"

उसने फिर से रोना शरू कर दिया और बोली- "प्लीज मान जाइए नाl"
l
मैंने कहा- "चुपचाप घोड़ी बनी रह, नहीं तो कुतिया बनाकर चोदूंगाl"


फिर मैंने अपना लण्ड उसकी गाण्ड में जैसी ही डाला वो उछल पड़ी और मेरे पैरों में गिर के रोने लगी। मैंने उसको गुस्स से कहा- "प्यार से गाण्ड मरवा लें, नहीं तो तेरी अम्मी और भाई को अभी यही बुलाता है। उनके सामने ही तेरी गाण्ड मार्रूंगा ll"

से सुनकर वो सिहर कर रह गई, और चुपके से फिर से घोड़ी बन गई।
फिर मैंने सलमा के पेट के नीचे एक तकिये लगाए र उसके दोनों पैरों को फैलाया और अपना लंड उसकी गांड में डाल दिया। मेरा सुपाड़ा अब उसकी गाण्ड के छेद में चला गया था।


मैंने उसको कहा- "तू अपनी गाण्ड को पीछे की तरफ जोर लगाकर धकेलl" मैं जानता था वो ऐसा नहीं कर पाएगी पर में देखना चाहता था की वो करती है या नहीं?

उसने करने की कोशिश की। और फच की आवाज हुई और खून निकला और एक ही धक्के अब मेरा पूरा लण्ड उसकी गाण्ड में था। l बेचारी पाऊँ पटकती रही और मैंने उसे अपने हांथो से जकड रखा था l मेरी हर चोट पर उसकी एक जोर की चीख निकल रही थी। मैं उसकी चीखों की परवाह करें बिना उसकी गाण्ड में अपना लण्ड पेले जा रहा था। में उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा ।

सलमा इस बीच - "उईईई माँ उईईई माँl बस करो , मर गयी l" करती जा रही थी।

करीब 20-25 मिनट बाद मुझे लगा की मैं अब झड़ने वाला हूँ, तो मैंने कस के धक्के मारने शुरू कर दिए। उसकी- चीखें और तेज हो गई। मैंने कस के एक शाट मारा और मैं उसकी गाण्ड में झड़ गया। उसकी गाण्ड में मैंने अपना लण्ड ऐसे ही पड़ा रहने दिया। मेरे लण्ड को उसकी गाण्ड ने अभी तक कस के दबाया हुआ था। सलमा अभी तक अपनी गाण्ड को आगे पीछे किये जा रही थी। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरे लण्ड की मालिश हो रही हो। अब मैंने अपना लण्ड बाहर खींचा तो फुच्च की आवाज के साथ मेरा लौड़ा बाहर आ गया और खून की धारा बह निकलीl

मैं पलंग पर लेट गया । सलमा भी पेंट के बल पलंग पर लेट गई फिर बोली- "आपने मुझे इतना दर्द दिया है, आप बड़े खराब होll"

मैंने सलमा के गाल को चूमते हुए कहा- "जान अब इस दर्द की आदत डाल लोl" बोली मैं बाथरूम हो कर आती हूँl

मैं समझ गया उसकी गाण्ड में मेरा माल चिपचिप कर रहा होगा, मैंने कहा- "जाओ। लेकिन जल्दी से आ जाना ll"
वो उठकर चली गई। थोड़ी देर में सलमा आ गई। तो मैंने उसे कहा अब तोड़ी देर आराम कर लो पर वो बेतहाशा रो रही थी बोल रही थी बहुत दर्द हो रहा हैl तुम आराम से नहीं कर सकते क्या? कल तुमने तुमने मेरी चूत फाड़ी और आज गांड दोनों फाड़ डालीl मैं तुमसे नहीं बोलती और मेरे सीने पर सर रख कर लेट गयीl


पर मेरा लंड अभी भी शांत नहीं हुआ था और मैंने सलमा को थोड़ा सा पुचकारा और बोलै पहली बार थोड़ी तकलीफ तो होती ही है तुम्हे रुकसाना आपा ने बताया तो था आगे तो मजे ही मजे हैं और फिर तुम इतनी प्यारी हो की मैं तुमसे दूर रह ही नहीं पा रहा हूँlउसे पाय से चूमा और सहलाया एक दर्द की गोली दी और और दो बारी और उसकी चूत सुबह सुबह चोद डालीlआगे तो तुम्हे पता ही है क्या हुआ डॉक्टर ने सुबह क्या कहा.

फिर रिजवान मुस्कुराते हुए बोला सलमान भाई मेरे कमरे के ही साथ मेरे और तुम्हारे अब्बू का भी कमरे हैl रात भर वहां से भी आवाजे आ रही थीl लगता है, पिछली दो रातो से मेरे और तुम्हारे अब्बू अम्मी भी सोये नहीं हैंl ये सुन कर रुखसाना बोली धत आप दोनों भी बहुत बदमाश हो और बाकी लड़किया रुखसाना के साथ शर्मा कर उठ कर चली गयी l
रिजवान बोला सलमान भाई lजब मैं ज़ीनत की चीख सुनता था तो जोर से झटका मारता था जिससे सलमा और जोर से चिलाती थी और फिर उसे सुन कर उतने ही जोर की आवाज ज़ीनत आपा की भी आती थीl


मैं ज्यादा कुछ नहीं बोला बस मुस्कुरा कर हम्म्म बोल कर रह गयाl

तभी अब्बू वहाँ आ गए और छड़ी लहराते हुए बोले बर्खुदारो तुम्हे कितना समझाया था आराम से करना l अपनी तहजीब का ख्याल रखना, पर दोनों में एक तरह का कम्पटीशन चल रहा था कौन कितना कस कर चुदाई करता है और अपनी बीवी की ज्यादा चीखे निकलवाता हैl तुम दोनों ने तो आपस के कम्पटीशन में अपने खानदान की माँ चुदवा लीl हम दोनों वहां से अपनी गांड बचाकर भाग गए l

जारी रहेगी


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  7.  मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ
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#8
मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 07

छोटी बीवी जूनि


मेरा नाम सलमान है और हम लखनऊ के नवाब खानदान से ताल्लुक रखते है, हमारे यहाँ शादी केवल खानदान में ही होती है। हमारे खानदान में सिर्फ़ दो लड़के है में और मेरी मौसी का लड़का रिज़वान, जिसका निकाह मेरी बहन रुकसाना से हुआ है। मेरे दो और बहनें है सलमा और फ़ातिमा और उनका निकाह भी रिज़वान से ही होगा। मेरी मौसी के दो लड़कियाँ है ज़ीनत और आरसी, मेरे चाचा के दो लडकियाँ है रुक्सर और ज़ूनी, ज़ीनत 26 साल की, आरसी 18 साल की, रुक्सर 20 साल की और ज़ूनी 19 साल की है। फिर तय हुआ की मेरा निकाह ज़ीनत और आरसी से एक दिन और रूक्सर और ज़ूनी से दूसरे दिन हो जाए और रिज़वान का निकाह सलमा और फातिमा से हो जाए, ताकि खानदान घर में ही बढ़े और सब हवेली में ही रह जाए। फिर मैंने मेरी पहली सुहागरात ज़ीनत के साथ चुनी और हर एक महीने के बाद सुहागरात मनाने का फ़ैसला लिया और क्योंकि उम्र में सब उससे छोटी थी इसलिए घरवालों को भी कोई ऐतराज़ नहीं हुआ।

जब अब्बू छड़ी लहराते हुए सांतने लगे बर्खुदारो तुम्हे कितना समझाया था आराम से करना l अपनी तहजीब का ख्याल रखना, हम दोनों वहाँ से अपनी गांड बचाकर भाग गए । भागते हुए मैं अपने कमरे में जा रहा था तो वहाँ हमे रास्ते में मुझे आरसी मिल गयी और आरसी ने मेरे पास आकर कहा कि पूरी हवेली को रातभर सोने नहीं दिया, ऐसा क्या कर डाला जीनत के साथ?

तो मैंने कहा कि अगले महीने तेरी भी यही हालत करूँगा साली, तो आरसी ने कहा कि तो कर लेना, आओ तो सही, में चैलेंज देती हूँ तुम हार जाओगे, जीनत तो सीधी थी मीठी, नमकीन और कमसिन का मज़ा तो में ही दूँगी ।


अब तक मैंने आपको अपनी बड़ी बीवी जीनत आपा जो की मेरी की चुदाई की दास्ताँ सुनाई और फिर मेरी मौसी का लड़का रिज़वान, जिसका निकाह मेरी सगी बहन रुकसाना और सलमा की चुदाई की दस्ताने सुनाई । अब आप को जूनि मेरी सबसे छोटी कजिन की कहानी सुनाता हु । जूनि के साथ मेरा निकाह तो हो गया था लेकिन उम्र में सबसे छोटी होने के कारन उसकी सुहागरात मेरे साथ दो साल बाद होनी थी और उसकी बड़ी बहनो रुक्सार और आरसी की सुहागरात पहले होनी थी ।


तो तय तो ये हुआ था कि ज़ीनत के बाद आरसी की सुहागरात होगी लेकिन कुदरत के खेल न्यारे हैं । और उसी पहले चुदाई हो गयी मेरी सबसे छोटी बीवी जूनि की ।

हमारे रात भर चलने वाले चुदाई कम्पटीशन से परेशान हो कर घरवालों ने रामपुर के पास हमारी बहुत बड़ी खेती है और एक हवेली भी है और इस बार खेती के काम के सिलसिले में मेरा वहाँ 15 दिन रहने का प्रोग्राम बना डाला ताकि मेरे हनीमून भी हो जाए और घरवाले रात भर आराम से सो सकें इसलिए ज़ीनत के साथ मेरा प्रोग्राम बन गया, लेकिन ज़ीनत ने कहा की अकेले उसका मन नहीं लगेगा इस लिए जूनि भी जाएगी और इस तरह हम हवेली के लिए निकल पड़े ।

क्योंकि दोनों मेरी बीविया थी इसलिए मैंने सबसे बड़े कमरे में सोने का प्रोग्रम बनाया जिसमे की बहुत बड़ा पलंग या आप समझ लीजिये जिसमे दो पलंग लगे हुए थे, इसका एक और कारन था की जूनि को अलग सोने में डर लग रहा था और अभी वह 18 साल की उम्र को क्रॉस ही की थी लेकिन वह लगती बिलकुल कमसिन थी ।

मैंने जीनत से बोला क्या बेगम तुम कबाब में हडि साथ ले आयी हो और अब उसे साथ में भी सुलाने जा रही ही । अब कैसे होगा । तो जीनत आप बोली । आप तो दिन भर खेती का काम देखोगे और मैं बोर हूँगी इसीलिए इसे साथ ले आयी हूँ और फिर वह अकेली सोने में डरती है । तीसरी इससे कैसी शर्म एक तो मेरी बहन है , दूसरा आपकी बीवी है और इससे कैसे शर्म । कुछ देख लेगी तो सीख जायेगी उसमे आपका ही फायदा है? मुझे बात जचि. पर फैसला किया उसके सोने के बाद ही हम कुछ करेंगे ।



[Image: zj1.jpg]

रामपुर की हवेली में पहली रात मुझे लगा वह गहरी नींद सोयी हुई थी और उसके सोने के बाद मैंने ज़ीनत की 3 बार चुदाई की। । लेकिन पूरे रूम में हमारी चुदाई का नंगा नाच जूनि लेटे हुए चुपचाप देख रही थी। उसने सुबह मुझ से पुछा?


[Image: zj2.jpg]


उसने कहा भाई जान आपा की पेशाब वाली जगह आपने क्या घुसा दिया था और आपा और जोरसे और जोरसे क्यों बोल रही थी । मैंने बोलै तुम चुप चाप सो जाय करो नहीं तो अकेले सोना पड़ेगा और आपा की बात अपनी आपा से पूछ लेना । मैंने ज़ीनत आपा से बाद में जूनि के बारे में पूछा इसको पीरियड्स चालू हो गए क्या? इसको कुछ पता है के नहीं सेक्स के बारे में, तो उन्होंने बताया अभी वह 18 साल की उम्र को क्रॉस ही की है लेकिन वह लगती बिलकुल कमसिन है और पीरियड्स 6 महीने पहले स्टार्ट हो गए है पर सलमान अभी बिलकुल नाजुक है इसको अभी मत छूना , मर जाएगी बेचारी ।

बाद में जब में खेती देखने चला गया तो जून ने जीनत से वही सवाल किया - आपा रात भाई जान ने आपकी पेशाब वाली जगह क्या डाला था और आप जोर से और जोर से क्यों चिल्ला रही थी?

ज़ीनत आपा ने जूनी से पूछा-जूनि, तुझे सेक्स और सुहागरात के बारे में कुछ नालेज है कि उस रात शौहर और उसकी बीबी के बीच क्या होता है? फिर न कहना कि मुझे इस बारे में किसी ने कुछ बताया ही नहीं था।

जूनी थोड़ी अनजान तो थी ही उसे पढाई भी बहुत पहले छोड़ दी थी और मुश्किल से 6-7. क्लास पास की थी और उसने जीनत आपा से शरमाकर पूछा-क्या होता है आपा, उस रात को? बताइये, मुझे कुछ नहीं मालूम।

ज़ीनत आपा बोली-पगली, इस रात को शौहर और उसकी बीबी का जिस्मी मिलन होता है।

'कैसे आपा, जरा खुल के बताओ न, कैसा मिलन?'

'अरी पगली, शौहर और उसकी बीबी एक दूसरे को प्यार करते हैं। शौहर और उसकी बीबी के ओठों का चुम्मन लेता है, उसके ब्लाउज के हुक खोलता है और फिर उसकी ब्रा को उतार कर उसकी चूचियों का चुम्मन लेता है, उन्हें दबाता है। धीरे-धीरे शौहर अपना हाथ बीवी के सारे शरीर पर फेरने लगता है, वह उसकी छातियों से धीरे-धीरे अपना हाथ उसकी जाँघों पर ले जाता है और फिर उसकी दोनों जाँघों के बीच की जगह को अपनी ऊँगली डाल कर उसका स्पर्श करता है।'

'फिर क्या होता है आपा, बताइये न, आप कहते-कहते रुक क्यों गईं?'

'कुछ नहीं, मैं भी तुझे कैसी बातें बताने लगी। ये सारी बातें तो तुझे खुद भी आनी चाहिए, अब तू बच्ची तो नहीं रही।' ज़ीनत आपा ने नकली झुंझलाहट का प्रदर्शन किया।

'आपा, बताओ प्लीज, फिर शौहर क्या करता हैअपनी बीवी के साथ?'

'उसे पूरी तरह से नंगी कर देता है और फिर खुद भी नंगा हो जाता है। दोनों काफी देर तक एक दूसरे के अंगों को छूते हैं, उन्हें सहलाते हैं और अंत में शौहर अपनी बेगम की योनि में अपना लिंग डालने की कोशिश करता है। जब उसका लिंग आधे के करीब योनि के अन्दर घुस जाता है तो बीवी की योनि की झिल्ली फट जाती है और उसे दर्द होता है, योनि से कुछ खून भी निकलता है। कोई-कोई बीवी तो दर्द के मारे चीखने तक लगती है। परन्तु शौहर अपनी मस्ती में भर कर अपना शेष लिंग भी बीवी की योनि में घुसेड़ ही देता है।'

ओह तो आपा इसीलिए आप और सलमा बाजी सुहागरात वाली रात चिल्ला रही थी 'फिर क्या होता है आपा?'

'आपा, बताओ प्लीज, फिर शौहर क्या करता है बीवी के साथ?'

'होता क्या, थोड़ी-बहुत देर में बीवी को भी पति का लिंग डालना अच्छा लगता है और वह भी अपने कूल्हे मटका-मटका कर शौहर का साथ देती है। इस क्रिया को सम्भोग-क्रिया या मैथुन क्रिया कहते हैं।'


कहानी जारी रहेगी

Aamir..


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  1. मजे - लूट लो जितने मिले
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  4. पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ एक नौजवान के कारनामे
  5. गुरुजी के आश्रम में सावित्री
  6. छाया - अनचाहे रिश्तों में पनपती कामुकता एव उभरता प्रेम
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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ


भाग 09



सेक्सी- छोटी बीवी जूनी


"एक मिनट !" कहकर मैं वाशरूम जा कर फ्रेश हो कर आया और पेण्ट और अंडरवियर निकाल कर लुंगी पहन ली। और जीनत के पास गया तो वो सज संवर कर पड़ोस में जाने की तयारी कर रही थी । जीनत आपा बहुत सुंदर लग रही थी। उसे देख कर मेरा लंड अकड़ने लगा और मैंने जीनत आपा को चूमाँ और पुछा आज तो कयामत ढाने का इरादा है मेरी जान का । .. तो वो बोली मेरे सरताज अभी पड़ोस में ठाकुर साहब के पोता हुआ है उनके यहाँ फंक्शन में जा रही हूँ। मैंने आपा को चूमा और उन्हें गले लगाया और बोलै मुझे जूनी को देखना है। लगता है उसे ज्यादा चोट नहीं लगी है। वो नहीं जा पाएगी। और मुझे उसके लिए रुकना चाहिए । आप लाजो के साथ चली जाओ । मैं वापिस जूनी के पास लौट आया ।.





[Image: zmirror.jpg]



फिर लाजो आयी और गरम पानी देकर चली गई और बोली वो जीनत आपा के साथ जा रही है।फिर मैंने जूनी के दाहिने पैर को अपनी जाँघों के बीच में बिस्तर पर टिका दिया। मेरी दाईं टांग उसकी टांगों के बीच, घुटनों से मुड़ी हुई बिस्तर पर टिकी थी और मेरी बाईं टांग बिस्तर से नीचे ओर लटक रही थी। अब मैंने तौलिए को गीला करके जूनी के दाहिने घुटने की सेंक करना शुरू किया। ऐसा करने के लिए जब मैं आगे को झुकता तो जूनी का दाहिने पांव का तलवा मेरी जाँघों के बीच मेरी तरफ खिसक जाता। एक दो बार इस तरह करने से मेरा लंड उसके तलवे को छूने लगा। उसके छूते ही जहाँ मेरे शरीर में एक डंक सा लगा मैंने देखा कि जूनी के शरीर से एक गहरी सांस छूटी और मैंने एक क्षण के लिए घुटने की मालिश रोक दी। फिर मैंने अपने कूल्हों को हिला-डुला कर अपने आप को थोड़ा आगे कर लिया। अब जब मैंने आगे झुकता उसका तलवा मेरे लंड पर अच्छी तरह ऐसे लग रहा था मानो ड्राईवर ब्रेक पेडल दबा रहा हो। उसके तलवे पर लुंगी में छुपे मेरे लिंग का उभार महसूस हो रहा था।

"एक मिनट !" कहकर मैंने अपना हाथ से अपने लिंग को व्यवस्थित किया . फिर मैं पहले की तरह आगे खिसक कर बैठ गया और जूनी के तलवे का संपर्क दोबारा अपने अर्ध-उत्तेजित लिंग से करा दिया।




जूनि चुप रहीं, फिर उसने उठने की कोशिश की, लेकिन नहीं कर सकीं, उसे कमर के पीछे दर्द महसूस हुआ। उसने दर्द के साथ कहा, "ओह्ह ... भाई जान , मुझे अपने शरीर के पिछले हिस्से में तेज दर्द महसूस हो रहा है।"

मैंने चिंताजनक लहजे में कहा, "जूनि रुको, और उठने की कोशिश मत करो, मुझे कुछ प्राथमिक चिकित्सा-उपचार करने दो।"








[Image: leg1.jpg]

यह कहकर मैं भाग कर आइस ,दर्द निवारक मरहम की एक ट्यूब और एक एंटीसेप्टिक ट्यूब के साथ लौटा। जूनी दर्द में थी। लेकिन वह मुझे सराहना और आभारी आँखों में देख रही थी।

मैंने कहा, "अब, जूनी आप पेट के बल पट्ट लेट जाओ ताकि मैं आपकी पीठ को जांच कर वहां मलहम लगा सकूँ जिससे आपको स्थायी रूप आराम मिल जाएगा । "


मैंने उसकी टी शर्ट को निकलने को कहा वह बहुत घबरायी हुई थी, और संकोच महसूस कर रही थी । फिर उसने एक चादर ओढ़ ली और उसके अंदर अपनी टी शर्ट निकाल दी और उसने नीचे ब्रा नहीं पहनी हुई थी।

मैंने जूनी चेहरे का अध्ययन किया और उसकी भावना को पढ़ा, और गंभीर स्वर में कहा, "जूनी डरने, शर्म करने और संकोच करने की कोई आवश्यकता नहीं है मैं आपका शौहर हूँ और शौहर और बीबी में संकोच का कोई काम नहीं है । मैं जो करने जा रहा हूं वह एक प्राथमिक उपचार है और इन परिस्तितियों में दर्द से तत्काल राहत के लिए जरूरी है।

मेरी शांत आवाज़ सुनने के बाद, जूनि पलटी और पेट के बल लेट गई, अपनी पीठ मेरे सामने नग्न थी ।

"ओह्ह ... माई गॉड, शानदार ," मैंने सोचा, मैं अपनी ही आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था जूनि का सफेद शरीर अद्भुत था । उसकी बल कहती हुई उसकी पतली कमर को देख मेरा लंड उग्र होने लगा इस नज़ारे ने मुझ पर जादू किया , स्कर्ट के नीचे उसके नितम्ब गोल और उठे हुए थे। मैंने उनके ऊपरी शरीर का बारीकी से अवलोकन किया। कही कोई चोट नजर नहीं आयी ।






[Image: back.jpg]



मैंने बोला जूनी मुझे जांच करने दो आपको चोट कितनी और कहाँ लगी है और फिर मैंने धीरे धीरे जूनी के कंधो से लेकर दबाब दे कर धीरे धीरे नीचे सरका कर पता लगाया अंदरूनी चोट ज्यादा गहरी नहीं थी और बोला जूनी खुशकिस्मती से आपकी चोट गहरी नहीं है. और पीठ में दर्द गिरने की वजह से है l

उसके बाद मैंने 10 मिनट तक आइस पैक को उसकी चिकनी पीठ पर धीरे से लगाया । फिर इस क्षेत्र को सुखा दिया। उसके बाद मैंने जूनी की पीठ पर औषधीय तेल मिला दर्द निवारक मरहम लगाया।

फिर मैंने पुछा अब कैसा लग रहा है तो भाभी बोली पहले से दर्द कुछ कम हुआ है पर अभी दर्द है l

मैंने उसकी रीढ़ की हड्डी और उसके किनारों पर मालिश करना शुरू कर दिया, मैंने अपनी उँगलियों से उसके उभरे हुए स्तनों के किनारे से मसलते हुए मालिश की जिससे मेरी हथेलियाँ उसकी रीढ़ के दोनों ओर दबाव डालते हुए तनाव को कम कर रही थी ।

मैं धीरे-धीरे उसकी पीठ की मालिश कर रहा था और फिर जैसे-जैसे समय बीतता गया मेरे हाथ ऊपर जाने लगे, और उसकी पीठ उसके कंधों पर। उसके स्तनों के बड़े और सुडोल होने में कोई संदेह नहीं था, और मुझे उसके नग्न स्तन दिख रहे थे। मुझे अपने कठोर हो चुके लण्ड को काबू में रखने के लिए कठिनाई हो रही थी क्योंकि मैंने सिर्फ लुंगी पहनी हुई थी और इसलिए इसे छुपाना और भी मुश्किल था क्योंकि जब मैं उसे मसाज दे रहा था मेरा लंड उसके बदन को छू रहा था l

मुझे लगा, वो भी मालिश का मज़ा ले रही थी। और जब मेरा लंड उसे बदन को छूता था तो उसकी एक आह निकलती थी जो मुझे और आगे जाने के लिए उत्साहित करती थी. हर बार जब मैंने उसके बाजू , कंधे और स्तन की मालिश की, तो वह झूम उठी थी ।

मेरी उँगलियाँ घुटने के पीछे वाले मुलायम हिस्से और घुटने से थोड़ा ऊपर और नीचे चलने लगी थीं। जूनी की मोच और घुटने का दर्द काफूर होता लगने लगा था। जूनी को लगा उसे सुसू आ रहा है और मैंने उसको रोकने के यत्न में अपनी जांघें जकड़ लीं।''


मैंने जूनी को अपने शरीर को पलटने पीठ के बल चित लेटने का का निर्देश दिया और वो एक आज्ञाकारी रोगी की तरह, उसने अपने शरीर को घुमाया पलटा और पीठ के बल चित लेट गयी। मैंने उसकी स्कर्ट ऊपर की और "ओह माय गॉड!" मैंने कहा , "मुझे लगता है जब जूनी तुम गिरी तो आपके शरीर के कुछ हिस्सों में हलकी खरोंच लग गयी है . जहाँ खरोच के निशान है मुझे वहां मुझे वहां एंटी-सेप्टिक मरहम लगाना होगा।"

कमर के नीचे उसके दाहिने जांघ क्षेत्र में एक खरोंच थी। मैंने वहां मरहम लगाया।






[Image: l2.jpg]



फिर मेरा दूसरा हाथ उसकी दूसरी टांग पर भी चलने लगा है। जूनी का शरीर में कंपकंपी सी होने लगी। मैंने थोड़ा और आगे हुआ जिससे जूनी के तलवे का मेरे लिंग पर दबाव और बढ़ गया था। मेरा लंड पहले से बड़ा हो गया और उसका रुख जूनी के तलवे की तरफ हो गया था। जूनी के तलवे के कोमल हिस्से पर लंड बेशर्मी से लग रहा था।

मैं थोड़ा आगे की ओर खिसका और अपने दोनों हाथ उसके घुटनों के ऊपर... निचली जाँघों तक चलाने लगा। जूनी ले तन-बदन में चिंगारियाँ फूटने लगीं। मेरी उंगलिया अब जूनी की अंदरूनी जाँघों तक जाने लगी थीं। बहुत मज़ा आ रहा था। जूनी का दर्द मालिश और मलहम के कारण काफूर हो गया था।

मैंने पुछा अब कैसा है घुटना तो वो बोली अब बहुत बेहतर है।

वो बोली भाईजान आपने बताया नहीं ?

मैंने पुछा क्या ?

वही सेक्सी क्या होता हैं??

मैंने कहा तुझे जीनत आपी ने बताया नहीं कुछ ?

जूनी बोली हाँ आप और आपी जो रात को करते हैं उसके बारे में कुछ बताया था ।

मैं हसते हुए बोला जो कुछ बताया था आपी ने वो तुझे समझ आया ?

जूनी बोली हां !

अच्छा बता क्या बताया था आपी ने ?

जूनी बोली आपी ने बताया था की निकाह के बाद रात को शौहर और उसकी बीबी का जिस्मी मिलन होता है।




और ?







[Image: ZEENAT3.jpg]







फिर शौहर और उसकी बीबी एक दूसरे को प्यार करते हैं। शौहर और उसकी बीबी के ओठों को चूमता है। उसके ब्लाउज खोल उसकी ब्रा को उतार कर उसकी चूचियों का चुम्मन लेता है और उन्हें दबाता है। धीरे-धीरे शौहर बीवी के सारे शरीर पर हाथ फेरने लगता है, वह अपना हाथ उसकी जाँघों पर ले जाता है और फिर उसकी दोनों जाँघों के बीच की जगह को अपनी ऊँगली डाल कर उसका स्पर्श करता है। उसे पूरी तरह से नंगी कर देता है और फिर खुद भी नंगा हो जाता है। दोनों काफी देर तक एक दूसरे के अंगों को छूते हैं, उन्हें सहलाते हैं और अंत में शौहर अपनी बेगम की योनि में अपना लिंग डालता है तो बीवी की योनि की झिल्ली फट जाती है और उसे दर्द होता है, योनि से कुछ खून भी निकलता है। बीबी को दर्द होता है इसलिए वो थोड़ा बहुत चिल्लाती है थोड़ी-बहुत देर में बीवी को भी पति का लिंग डालना अच्छा लगता है और वह भी अपने कूल्हे मटका-मटका कर शौहर का साथ देती है। इस क्रिया को सम्भोग-क्रिया या मैथुन क्रिया कहते हैं।'
'
जूनी एक सांस में सब बोल गयी और अब उसकी आँखे बंद थी और चेहरे पर शर्म थी ।

मैंने फिर उसके गालो पे किस कर दी . उसे अपने बाहो मे थामे रखा. और कहा कि वो बहुत भोली प्यारी , सुंदर और सेक्सी हैं. ??

जूनी बोली भाई जान बताओ न "सेक्सी" का मतलब ?

मैंने कहा आपी ने जिस क्रिया को सम्भोग-क्रिया या मैथुन क्रिया बताया है उसे ही सेक्स भी कहते हैं। और सेक्सी शब्द का यौनिक अभिव्यक्ति के लिए उपयोग किया जाता है। जब किसी लड़का या लड़की की सुंदरता तथा बनावट को देखकर आप आकर्षित होते है या सेक्स करने का मन चाहने लगता है।

मेरी बात सुन वो शर्माने लगी और अपने हाथो में अपना मुँह छुपा लिया ।

तो मैंने कहा अगर छुपना है तो मेरे सीने में अपना चेहरा छुपा लो मुझे भी अच्छा लगेगा वो झट से मेरे से लिप्त गयी और अपना चेहरा उसने मेरे सीने में छुपा लिया।




मैने उसे बड़े प्यार से अपनी बाहों मे उठाया और इस तरह बैठाया अपनी गोद मे कि उसकी नाज़ुक गान्ड मेरे लेग्स पे आ जाए. मैं सब्र से काम लेना चाहता था सो अपने लंड से दूर ही रखा उसे. अब उसकी गान्ड मेरे पैर पे, हाथ मेरे हाथ मे और नज़र मेरे चेहरे पे और कुछ इंचस का डिस्टेन्स मेरे और उसके होंठो मे।

जूनी बोली भाई जान आपी कहाँ गयी ?

मैंने कहा पड़ोस के ठाकुर साहब के यहाँ बच्चा हुआ है। बधाई देने गयी है ।




मैने उससे कहा कि," जूनी तुम जानती हो क्या कि बच्चे कैसे होते हैं?" हर बच्चे की तरह उसे भी बकवास बाते बताई गयी थी। मैने उससे कहा की सब झूठ हैं। तो बोली,"फिर कैसे?". मैने उससे कहा कि मैं बताउन्गा उससे मगर तुम्हे मेरी फीस देनी पड़ेगी ।

तो बोली कितनी पर मेरे पास तो कुछ भी नहीं है।मैं तो कुछ भी पैसे साथ लेकर नही आयी ? आपो बताओ भाई कितनी मैं आपी से लेकर दे दूँगी।

मैने उस पे ज़ोर दिया कि पहले जो मांगूगा वो देगी हाँ बोल. फिर वो मानी।

मैने उसे अब धीरे धीरे अपनी बाहो मे उठाना स्टार्ट किया और अपने लंड की तरफ उसे खीचा।
फाइनली उसकी नरम गान्ड मेरे लंड पे आ टिकी. मैने उसे उठाया सिर्फ लुंगी पहनने की वजह से मेरा लंड उसकी गान्ड पे सॉफ महसूस हो रहा था जब मैने उससे अपनी बाहो मे उठाने की कोशिश की और फिर खेल खेल मे उसे पकड़ने लगा और जितना उसका जिस्म हो सके अपने जिस्म से दबाने लगा। अब मैने उसके हाथो को उसके सिर के उपर कर दिया और अपने हाथो से उसे दबा दिया और मिशनरी पोज़िशन मे आ गया।वो पैर झटक रही थी। मैने उसकी आखो मे देखा. बोली "भाईजान , छोड़ो मुझे!". आपने ये तो बताया नहीं बच्चे कैसे होते हैं ?



मैंने कहा ऐसे ही होते हैं जो मैं और तुम्हारी आपी करते हैं उसी से बच्चे होते हैं ।

कुछ देर सोच कर जूनी बोली भाई जान क्या रुखसाना आपी और सलमा आपी भी रिजवान भाई के साथ यही सेक्स करती है और बच्चे होने में कितना समय लगता है ?

मैंने कहा लगभग नौ महीने ।

और ये कब पता चलता है की बच्चा होने वाला है ?

जब लड़की का पेट फूलने लगता है।

लेकिन रुखसाना आपी के निकाह को तो साल से ऊपर हो गया उसके कोई बच्चा क्यों नहीं हुआ ?

अब मेरा मुँह बंद हो गया।

रुखसाना आपी की बात अपनी रुखसाना आपी से पूछना। अभी मैंने तुम्हे इतना कुछ बताया है चलो उसकी फीस दो !

वो बोली मतलब?? तब मैने उसकी आखो मे देखते हुए उसके लिप्स पे किस किया। सॉल्टी टेस्ट आया। वो शरम से तड़पने लगी पर मैने उसे दबा रखा था। मैने उसे उसका प्रॉमिस याद दिलाया । उससे कहा," कि बच्चे जिस तरह नंगे होते हैं उसी तरह उन्हे पैदा करने वाले भी नंगे ही होने चाहिए।." और फिर सीधा बता दिया कि जब लंड चूत मे जाता हैं तो बच्चा होता हैं। तो उसे कुछ समझ नही आया। मैने कहा जानना चाहती हैं । वो हाँ बोली । मैने उसे खड़ा किया और उसे नंगा करने लगा। और उसकी चड्डी निकालने के बाद तो मानो मेरी साँसे ही रुक गयी । दुनिया की सबसे कीमती,सुंदर चीज़ मेरे सामने थी। उसकी पिंक,बॉल्ड, स्मूद चूत। मन तो किया कि अभी उसी वक़्त उसे चोद डालु । एक भी बाल नही था। बिल्कुल कुवारि चूत । और जिस बात की खुशी मुझे हुई वो ये कि वो गीली थी। मतलब जो भी जिस्म से मैं खेल रहा था वो रेस्पॉंड कर रही थी !!.



कहानी जारी रहेगी



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#10
मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ


भाग 10


चुदाई किसको कहते है 



मैने सिर्फ़ उसकी पेंटी निकाली तो वो पीछे होने लगी. मैने फिर उसे अपनी बाहो मे जकड़ा और बेड पे पटक दिया. उसकी शक़्ल रोने जैसी हो गयी थी. मैने फिर उसे पुचकारा . . मैं खड़ा हो गया उसके सामने और मेरा लंड टेंट बनाए हुए था पॅंट मे. मैने उसे मेरा लंड पकड़ने को कहा. वो ना कहने लगी और खुद की नंगी चूत छुपाने लगी. . मैने उसका हाथ पकड़ा और अपने लंड पे घुमाने लगा और वो अपना हाथ पीछे लेने लगी. मैने उसको कहा कि तू जानती हैं ये क्या हैं.

उसने बड़ी मासूमियत से कहा; लुल्ली . इसी को आप आपी की सुसु वाली जगह में घुसाते हो रात को .

मैने उसे कहा " छोटे बच्चो की लुल्ली होती है और इसे लंड कहते हैं और ये जो तेरे पैर के बीच हैं इसे चूत!!". मैने उससे कहा "देखेगी लंड?". तो वो ना कहने लगी मगर उसकी वो आखे मेरे लंड की ओर ही देखने लगी थी.

मैं समझ गया और अपने लंड को आज़ाद कर दिया. उसने एक झलक देख कर अपनी आखे बंद कर ली. अब उसके दोनो हाथ उसके चेहरे पे थे. उसने अपनी टाँगो को दबा लिया.

मैने उसे फिर से पकड़ा और अपने पास लाया और उसे बिठा दिया और टाँगे बिस्तर पर फैलाने के लिए कहा. उसने टाँगे फैलाई इस बार इसने अपनी टाँगे स्प्रेड कर ली थी. और नंगी होने की वजह से उसकी खूब सूरत चूत मेरी आखो के सामने थी.और मैं अपने दोनों हाथ जूनि के घुटनों के ऊपर... निचली जाँघों तक चलाने लगा। मैंने उससे पुछा अब दर्द कैसा है ?

वो बोली अब कम है .


मैं थोड़ा आगे हुआ और उसका तलवा अब मेरे लंड को छूने लगा था। मैं टांग और घुटने की मालिश करने लगा तो उसका दायाँ पांव अपने आप दायें-बाएं और ऊपर-नीचे होकर उसके लिंग को अच्छी तरह से से छूने लगा था। मेरे तन-बदन में चिंगारियाँ फूटने लगीं। वो टाँगे भींचने लगी जिससे लगा , वो अब खुद को रोक नहीं पा रही थी । उधर मेरी उँगलियाँ अब अंदरूनी जाँघों तक जाने लगी थीं।

मैं अब बेहिचक आगे-पीछे होते हुए अपने हाथ जूनि की जाँघों पर चला रहा था... जूनि का पैर मेरे लिंग का मर्दन कर रहा था। फिर मैं थोड़ा ज्यादा ही आगे की ओर हुआ और मेरे दोनों अंगूठे हल्के से जूनि की चूत से पल भर के लिए छू गए। जूनिएअसे काम्पी जैसे उसे कोई करंट लगा हो ... वो उचक गई और उसने अपनी टांगें हिला कर मेरे हाथों को वहाँ से हटाया और अपने दोनों हाथ योनि पर रख दिए। उसे शर्म आ रही थी कि उसका सुसू निकलने वाला है ।

जूनि की साँसें तेज़ होने लगी... वो बोली मुझे ज़ोरों का सुसू आ रहा है ।

मैं उसे पकड़ कर सहारा देकर बाथरूम ले गया इस बीच मैं उसकी पीठ सहला रहा था .. उसने सुसु करने के लिए बोली मुझे शर्म आती है आप बाहर जाओ तो मैं दरवाजा ब्नद कर बाहर खड़ा हो गया . दो मिनट वाद वो लंगड़ाती हुई बाहर आ गयी ।

मैंने पुछा सुसु हो गया तो वो बोली नहीं ?

तो मैं मुस्कुराया तो वो बोली भाईजान मुझे लगा मेरा सुसु निकल जाएगा पर आया ही नहीं .


"अब दर्द कैसा है?" मैंने पूछा।

"पहले से कम है...अब मैं ठीक हूँ।"

"नहीं... तुम ठीक नहीं हो... अभी लंगड़ा रही हो आराम करो चोट इतनी नहीं है।

तभी घंटी बजी मतलब जीनत आपा वापिस आ गयी थी ..

जूनी बोली आपा आ गयी !! मैं रुक गया और इस बीच जूनी ने जल्दी से अपने कपडे पहन लिए . मैने कंबल उसे से ढक दिया मैं दरवाजा खोलने गया.

उस रात मैंने ज़ीनत आपा की बड़ी धुआंदार चुदाई की . जूनी की कमसिन चूत देखकर मैं बहुत जोश में था और मैंने सारी कसर ज़ीनत आपा पर निकाल दी क्योंकि उस दिन ज़ीनत आपा भी बहुत खूबसूरत लग रही थी . जूनी सारी रात हमारी चुदाई का नंगा नाच देखती रही .

इस तरह 10 दिन निकल गए और जूनी की चोट भी ठीक हो गयी और फिर एक दिन ज़ीनत को पीरियड्स हो गए और मैं उस रात में ज़ीनत आपा को चोद नहीं पाया और ज़ीनत के बूब्स के अंदर ही अपना लैंड डालकर अपना पानी निकाल दिया और ज़ीनत सो गयी ,

इतने में जूनि बोली भाई आज ज़ीनत आपी के अंदर नहीं घुसाया , रोज़ कितना मज़ा आता था उनको , आज कैसा ख़राब लग रहा होगा .

मैंने बोला की ख़राब तो मुझे भी लग रहा है क्योंकि मेरा लैंड भी तो कही नहीं घुस पा रहा हु ज़ीनत को पीरियड्स है ,

जूनी बोली मेरे अंदर घुसा लो में भी तो तुम्हारी दुल्हन हु .

मैंने पूछा चुदाई किसको कहते है मालूम है , वह बोली ज्यादा नहीं, कुछ आपी ने उस दिन बताया था कुछ आपने, लेकिन इतना मालूम है की दूल्हे के अलावा कोई दूसरा मर्द मुझे छूये नहीं, और जब आप आपा में घुसाते हो तो मुझे अच्छा लगता है .


कहानी जारी रहेगी

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#11
मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ


भाग 11



छोटी बेगम की सुहागरात 



मेरी बीबी होने के बाबजूद मैंने अभीतक जूनी को चोदने की नज़र से नहीं देखा था क्योंकि मुझे वह बहुत छोटी लगती थी। उस रात उसकी बातों से मैं मस्त हो उठा और मैंने फैसला कर लिया की कल इसकी सुहागरात होगी। और जब सुबह मैंने ज़ीनत आपा को बताया तो वह गुस्सा हो गयी और बोली इसकी इज़ाज़त बड़ो से लेनी पड़ेगी।

तब मैंने कहा मेरा इसके साथ निकाह बड़ो की इजाजत से ही हुआ है अगर उन्हें कोई दिक्कत होती तो अभी इसके साथ मेरा निकाह नहीं करवाते। और मेरी दुल्हन है जब चाहे में इसे चोद सकता हु और जब आप ने अपनी उम्र से कई साल छोटे मुझसे चुदवालिया है तो क्या में अपने से कुछ साल-साल छोटी इस नाज़नीन को नहीं चोद सकता और फिर जहाँ तक बड़ो की इजाजत का सवाल है तो आप भी मुझ से बड़ी हो आप इजाजत दे दो । आप ही तो उसको उस दिन कह रही थी अब तुम बड़ी हो गयी हो और फिर उनको चूमा और प्यार किया और उनको मना लिया। और उन्होंने इजाजत देते हुआ कहा अगर जूनी नहीं ले पायेगी तो मैं जबरदस्ती उसे नहीं चौदूंगा और वह रात में कमरे में रहकर इस का ध्यान रखेगी ।

फिर दिन में आपा ने जूनी का मेकअप और वैक्सिंग करवा के जूनि को त्यार किया और उसका भरपूर शृंगार किया । उस रात जूनी सजने सवारने से बहुत खुश थी । रात में ज़ीनत जूनी को ले कर आयी जूनी ने पश्चिमी दुल्हने शादी के समय जो गाउन पहनती है वह गाउन पहना हुआ था और दुल्हन की तरह सजी हुई थी। ज़ीनत आप बोली सलमान आज जूनी की सुहागरात है तो यादगार तो बनानी ही पड़ेगी इसीलिए उसकी सजाया है ।






[Image: zmirror2.jpg]



फिर ज़ीनत आपा ने पुछा जूनी क्या तुम अपना सब कुछ सलमान को सौंपने के लिए तैयार हो ?जूनी बोली मेरा सब कुछ इन्हीं का है यही मेरे खाबिन्द है। इनके सिवा कोई और मर्द मुझे छु भी नहीं सकता?

अनुपमा बोली सलमान क्या तुम जूनी को चोदने के लिए तैयार हो मैं बोला जूनी की खिदमत में मैं और मेरा औज़ार दोनों हाज़िर और बेकरार हैं। फिर ज़ीनत आप बोली अब सलमान तुम जूनी को किश करो और सब हसने लगे। मैंने पहले-पहले ज़ीनत आपा को किस किया।

और अपनी गोद में उठा कर जूनी को अपने कमरे में अपने बिस्तर पर ले गया ।






[Image: Z1.jpg]

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मैंने दरवाजा जैसे ही सरकाया तो अंदर लाल रंग की धीमी रौशनी थी और कमरा पूरा फूलो से सजा हुआ था कलियों फूलो से पूरा कमरा महक रहा था बिस्तर भी सुहाग की सेज बना हुआ था और मेरी गोद में दुल्हन भी ही जूनी थी जिसे मैं किस कर रहा था। पीछे-पीछे ज़ीनत आपा भी आ गयी।

मैंने जूनी को बिस्तर पर बैठा दिया एक तरफ ज़ीनत आपा बैठ गयी और जूनी ने अपने मुखड़े को नकाब में छुपा लिया।

मैं दोनों के बीच में बैठ गया और बोला मेरी तो आज लाटरी लग गयी जो मुझे ऐसी नाजनीन कमसिन हसीना सुहागरात मानाने के लिए मिल गयी है । अब-अब जूनि गुलाबी रंग की पोशाक में-में बिना ब्रा और पेंटी के मेरे बिस्तर पर थी और में बहुत आवेश में था।

मैंने जूनी को बांहों में भर लिया और जूनी के माथे पर एक चुंबन कर दिया! " और मैंने एक गुलाब उठाया और जूनी को पेश करते हुए बोला मल्लिका ऐ हुस्न ऐ नाजनीना पेश के खिदमत है आपके गुलाम की और से मोहब्बत का पहले नज़राना। जूनी ने हाथ आगे बढ़ाया तो मैंने उसे अंगूठी पहना दी। फिर धीरे से उसका नकाब हटा दिया।

पहले तो जूनी शर्म से दोहरी हो गई, फिर उसे गले लगा लिया और उसके ओंठो को चूम लिया ये उसका किसी पुरुष के साथ ऐसा आलिंगन पहली बार था, जूनी के कमसिन बदन में कंपकपी-सी हुई.। पर वह जल्द ही मेरा साथ देने लगी।

इतनी कमसिन और नाजनीन दुल्हन भी हुई जूनी आज सजने और मेकअप करके बहुत सुंदर लग रही थी । मैं उसकी देखे जा रहा था तो ज़ीनत बोली सलमाा ऐसी नाजनीन बहुत नसीब वालो को ही मिलती है । अब ये तुम्हारी है । देख क्या रहे हो इसे प्यार करो और मैंने उसको बांहो में भर लिया और दबा दिया । तो वह चिलायी आह! मर गयी ... तो ज़ीनत बोली सलमान आराम से करो ये तुम्हारी ही है । सलमान आराम से करोगे तो बहुत मजे करोगे नहीं तो जैसे हमारी सुहागरात के बाद तुम तड़पे थे वैसे ही पड़पोगे । मुझे भी बात सही लगी और मैंने धीरे-धीरे से करने का फैसला किया।

मैंने उसकी पोशाक उतारने के लिए उसका नक़ाब उतार दीया, मेरे दिल की धड़कनें और तेज होने लगीं, मैं उसके और करीब आ गया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए. वह घबराहट, शर्म और खुशी से लबरेज होने लगी।

मैं उसे चूम कर थोड़ा पीछे हटा तो जूनी मेरे पास हुई और इस बार उसने मेरे होंठों को चूमा।

फिर क्या था... मैंने उसे खूब चूमा... उसकी पूरी गुलाबी लिपस्टिक... मेरे होंठों में समा गई। मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था।

। फिर मैंने उसे खड़ा किया और उसके मम्मों को खूब भींचा और दबाया।






[Image: Z4.jpg]



मैंने उसकी ड्रेस की ज़िप खोल दी और निचे उतार दी। वह तो मेरे सामने नंगी हो चुकी थी, मैंने उसे उठाया और अपनी गोद में बिठा लिया उसका पतला शरीर मेरी गोद में पूरा समां गया।

मैंने उसके कंधे पर चुम्बन किया और उसने अपना चेहरा दोनों हाथों से ढक लिया। मैंने अपने एक हाथ से उसकी पीठ सहलाई और दूसरे हाथ से जांघों को सहलाने लगा।

मेरे छूने से उसके शरीर में सरसराहट होने लगी, जूनी के मोमो सख्त होने लगे, वह शर्म से लाल होकर मुझसे लिपट गयी।

मैंने उसके उरोजों को थाम लिया। उसके निपल्स को मैंने चूसा-चबाया... काटा... मींजा... खूब खेला... उसके मम्मे... जो मेरी हरकतों से बेहाल होकर लाल हो गए थे।



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#12
मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ


भाग 12


छोटी बेगम की सुहागरात 




फिर मैं जूनी के ओंठ चूसते-चूसते उसके बूब्स दबाने लगा जैसे-जैसे मैं उसके होंठों को चूसता रहा, उसे मज़ा आने लगा।


[Image: pp7.jpg]

उसकी चूचियाँ चकित कर देने वाली थी। सन्तरे के आकार की चूचियाँ और उसकी निप्पलों को नज़र ना लगे, बिल्कुल मटर के दाने से भी छोटे। मैंने उनको ख़ूब दबाया। जूनी बोली ऊई दर्द हो रहा है।



[Image: pp4.jpg]
मैंने उसे लिटा दिया और उसका सर एक और तकिया लगा कर ऊँचा किया और सर हो सहलाने लगा। मेरी उँगलियाँ उसके बालों में घूमने लगीं जैसे मुझे उसकी नस-नस से वाकफियत हो। कहाँ दबाना है... कितना ज़ोर देना है... कितनी देर तक दबाना है... मैं धीरे धीरे उसके बदन को सहलाता रहा। वह बस मज़े ले रही थी... गर्दन के पीछे... कान के पास... आँखों के बीच... ऐसी-ऐसी जगहों पर दबाव डाला कि ज़रा ही देर में सारा दर्द चला गया। अब मैं उसके गालों, ठोड़ी और सामने की गर्दन पर ध्यान देने लगा। जूनी ने अपनी आँखें मूँद लीं।

अब मेरे हाथ कन्धों पर चलने लगे थे। मैंने गर्दन और कन्धों पर जितनी गांठें थीं सब सहला डाला और मसल-मसल कर गांठें निकाल दीं। जूनी की टांगें अपने आप ज़ोर से जुड़ गई थीं... मैंने उसे चूमा और फिर औंधा लिटा दिया। और उसकी चिकनी पीठ पर हाथ फिराने लगा। उसकी चिकने कमसिन जिस्म को देख और महसूस करके मेरे रोंगटे खड़े होने लगे। मुझे बहुत मजा आ रहा था... उधर जूनी की चूत और बदन मेरे सहलाने से उत्तेजित हो रहा था और-और खुशी से तर हो चली थी।

अब मैं थोड़ा नीचे सरक गया और अपनी मुठ्ठियों से जूनी के गोल सुडोल और चिकने चूतड़ों को गूंथने लगा। जैसे आटा गूंदते हैं उस प्रकार मेरी मुठ्ठियाँ कूल्हों और जाँघों पर चल रही थीं। अब जूनी की टांगें अपने आप थोड़ा खुल गईं। मैंने आगे हो कर उसके चूतड़ों को चूम लिया।



[Image: pp11.jpg]

ऊ ऊ-ऊ ऊह... ये क्या कर रहे हो दूल्हे भाई मुझे कुछ हो रहा है? मैंने जूनी की जाँघों और चूतड़ों को कुछ देर सहलाया चूमा और चाटा। मेरी उँगलियाँ और अंगूठे उसकी चूत के बहुत करीब जा-जा कर उसकी चूत को छेड़ रहे थे। जैसइ वह कांप रही थी उससे साफ़ था की जूनी के बदन में रोमांच का तूफ़ान आने लगा था। उसकी योनि धड़क रही थी... योनि को मेरी उँगलियों के स्पर्श की लालसा-सी हो रही थी... और वह योनि को इस तरह से हिलाने लगी के मेरी उंगलिया उसकी योनि को छुए और छेड़े लेकिन मैं जा कर उसकी योनि को नहि छु रहा था मुझे उसे सताने और तड़पाने में मजा आ रहा था? फिर । मुझे उसकी योनि के गीली होने का अहसास हुआ और जूनी ने अपनी टांगें भींच लीं। लेकिन उसके चेहरे पर सकूं था क्योंकि उसे भी मज़ा आ रहा था... एक ऐसा मज़ा जो पहले कभी नहीं आया था।

मैंने फिर अपनी हथेलियों की एड़ी से जूनी के चूतड़ों को सहलाना, मसलना और गूंदना शुरू किया... और मेरे अंगूठे उसके चूतड़ों की दरार में दस्तक देने लगे। मैं बहुत चतुराई से जूनी के नाजुक कमसिन अंगों से खिलवाड़ कर रहा था... उसे धीरे-धीरे उत्तेजित कर रहा था। मैंने अपना ध्यान जूनि की लम्बी और चिकनी टांगों पर किया और उनको सहलाने लगा और कभी-कभी अपनी उँगलियाँ जूनि के घुटनों के पीछे के नाज़ुक हिस्से पर चलाता तो जूनिमजे से आअह्ह्ह-आअह्ह्ह करने लगती और उचक रही थी। मेरे हाथ उसके पैरो से लेकर उसके नितम्बो की बीच की दरार में उंगली फिराने के बाद पीठ और कंधो तक जा रहे थे।



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और जब मैंने अपनी जीभ उसके निप्पल्स पर लगाई तो वह सिसकारी लेकर उछाल पड़ी और मुझसे लता की तरह लिपट गयी और बोली भाई मुझे क्या हो रहा है बहुत ही मज़ा आ रहा है, थोड़े और जोरसे मसलो न मज़ा अत है और मैंने भी जहा तक वह बर्दास्त कर सके वह तक उसकी छतियो को मसलता रहा चूमता रहा चाटता रहा उफ़ बिना चुदाई केवल उसकी खुशबू से मुझे जन्नत की सैर का मज़ा आ रहा था, जूनि मेरे अब्बा के भाई द्वारा अपनी माँ की बहन मेरी चाची की मस्त चुदाई की संतान थी और अपने अब्बा के भाई के लड़के से छोड़ने की तयारी में मस्त हो रही थी ।


[Image: pp8.jpg]

जूनि नाज़ुक इतनी थी की मेरे किश करने से जहा मैंने ज्यादा होंठ के दवाब डाला था वहाँ की गोली स्किन गुलाबी हो गयी थी और नज़ाकत से भरी इस गुलाबी गोरी के खुले हुए घुटनो तक लहराते बालों से खेलते हुए मैंने उसके लम्बी घने रेशमी बालो को पूरे जिस्म पर पहला दिया, गज़ब का सेक्सी मौहाल था और में बड़े प्यार से उसके कमसिन चिकने गोरे जिस्म को अपनी बांहो में भर कर अपनी मर्ज़ी आये वही चूमता था। हलके-हलके दन्त का दवाब डालता था और फिर मैंने उसकी गर्दन पर जोर से उसकी स्किन की चुसाई की और वह तो वासना की आग में दधक उठी।


[Image: pp6.jpg]

फिर जल्द ही जूनि का पूरा बदन एक बार अकड़-सा गया और फिर उसमें अत्यंत आनन्ददायक झटके से आने लगे... पहले 2-3 तेज़ और फिर न जाने कितने सारे हल्के झटकों ने जूनि को सराबोर कर दिया... वह सिहर गई ...

जूनि बोली भाई बहुत मज़ा आ रहा है लेकिन कुछ और करो नहीं तो इस मज़े से मेरी पेशाब निकलने वाली है और में समझ गया की जूस निकलने वाला गुलाबो रानी का, आज जब चूदेगी तभी इसकी आग ठंडी होगी ।

उसकी योनि में एक अजीब-सा कोलाहल हुआ और चूत रस की कुछ बूंदे बाहर छलक गयी और फिर जूनि का शरीर शांत हो गया। शांत होने के बाद मैंने प्यार से अपना हाथ जूनि की पीठ पर कुछ देर तक फिराया। ये उसका अभूतपूर्व सेक्स के आनन्द का पहला अनुभव था।

लेकिन उस कमरे में अब सिर्फ मैं और जूनी ही उत्तेजित नहीं थे हमारी हरकते देख कर ज़ीनत भी गर्म हो गयी थी और अपनी चूत और बूब्स मींज रही थी ।

कुछ देर बाद मैंने जूनि को पलट कर सीधा होने के लिए इशारा किया। और वह झट से सीधी हो गई।

मैंने देखा ज़ीनत गर्म हो रही है तो मैंने ज़ीनत के ओंठो पर किश किया और फिर ज़ीनत के चुचों को किस किया। वह अधलेटी-सी हो गयी। उसने अपने शरीर का भार अपनी बांहों पर कर दिया। मैंने उसे देख कर मुस्काराते हुए उसके होंठों पर एक मीठी चुम्मी कर दी।

फिर मैं थोड़ा दूर हुआ और उसके खुले बालों को पीछे किया। वह अपना चेहरा आगे ले आयी और मैं उसे धीरे-धीरे किस करने लगा। मेरे हाथ उसके मम्मों को सहलाते हुए पेट, कमर, गांड पर चलने लगे।

मैंने फ़ौरन उसे अपने पास खींच लिया और उसकी चूचियाँ दबाने लगा, जूनि एक तरफ लेट गई और हमारा खेल देखने लगी। आज जीनत की चूचियों में जो कड़कपन था, वह और दिन के मुकाबले अलग ही था।

मैं उसकी चूचियों को चूसने में लग गया। मैंने 10-15 मिनट तक चूचियों को खूब चूसा, मेरा लंड और कड़क हो गया था। मैंने अपना कुरता उतार दिया।

मैंने जीनत आपा को बिस्तर पर लिटा लिया और उसकी बुर पर हाथ फ़ेरना शुरू कर दिया, उसने भी मेरा लंड पकड़ कर सहलाना चालू कर दिया। मैंने अपनी छोटी और कमसिन बीवी जूनि को इसी तरफ़ देखता देख, मैंने अपनी जीनत की बुर में उंगली करना शुरू कर दिया और जीनत अब काफ़ी हद तक गरम हो चुकी थी और हमे देख कर जूनि भी गर्म हो रही ।

मैं जीनत की चूचियों को चूसने में ही लगा हुआ था। तभी जीनत आपा ने मेरा पायजामा उतारा, अंडरवियर नीचे किया और लंड पकड़ कर सहलाने लगी और बोली जूनि अब तू बहुत मजे लेगी तैयार हो जा।



[Image: pp12.jpg]

अब मैंने जूनी की बुर को देखा वाह क्या कुंवारी और चिकनी बुर थी, एक भी बाल का नामोनिशान नहीं, बिल्कुल छोटा-सा गुलाबी छेद।

मैंने उसकी बुर को सहलाया तो जूनि 'आआआह हहहह करने लगी।'

इस पर ज़ीनत आपा बोली-मियाँ जी, कमसिन और कुंवारी है, इसकी बुर बहुत छोटी और टाइट है। थोड़ा प्यार से और आराम से काम लो जी।

"कैसा लग रहा है?" मैंने जूनि से पूछा।

जूनि कुछ नहीं बोली और आह ओह्ह करने लगी उसकी आवाज में दर्द कम मजा ज्यादा था।

"क्यों जूनि ... अच्छा नहीं लग रहा?" मैंने जान बूझ कर पुछा

जूनि चुप ही रही।

"ओह... शायद तुम्हें मज़ा नहीं आया... देखो शायद अब आये..." कहते हुए मैं ऊपर हुआ और अपने होंट जूनि के ओंठो पर रख दिए।

जूनि के ओंठो पर ओंठ रख कर मैंने अपनी जीभ के ज़ोर से पहले उसके ओंठ और फिर दांत खोले और अपनी जीभ को उसकी मुँह में घुसा दिया। फिर जीभ को दायें-बाएँ और ऊपर नीचे करके उसके मुँह के रस को चूसने लगा और अपनी जीभ से जूनि के मुँह का अंदर से मुआयना करने लगा। साथ ही उसने अपना हाथ जूनि के पेट और छाती पर दोबारा से घुमाना चालू कर दिया। कुछ देर अपनी जीभ से जूनि के मुँह में खेलने के बाद मैंने उसकी जीभ अपने मुँह में ले ली और उसे चूसने लगा।



[Image: ZEENAT2.jpg]


मैंने उसे खूब चूमा और अपनी बांहो में होले-होले दबाने लगा, जूनि भी उत्तेजित थी और मेरे चूमने का जवाब अपने चुंबनों से देने लगी । मैंने उसके दोनों बूब्स सहलाये और हल्के हलके दबाने लगा । क्या सख्त थे उसके बूब्स और बड़ी सेक्सी थी उसके बदन की खुशबू और उतनी ही मादक उसकी सिसकारियाँ ।

कहानी जारी रहेगी


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#13
मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ


भाग 13



छोटी बेगम की सुहागरात 



जूनि नाज़ुक इतनी थी की मेरे किश करने से जहा मैंने ज्यादा होंठ के दवाब डाला था वहाँ की गोरी स्किन गुलाबी हो गयी थी गज़ब का सेक्सी मौहाल था और में बड़े प्यार से उसके कमसिन चिकने गोरे जिस्म को अपनी बांहो में भर कर अपनी मर्ज़ी आये वही चूमने लगा। हलके-हलके दन्तो का दवाब डाला और फिर मैंने उसकी गर्दन पर जोर से उसकी स्किन की चुसाई की और वह तो वासना की आग में दधक उठी।


[Image: TSS0.jpg]

उसकी गर्दन की थोड़ी देर ज्यादा चुंबन और चुसाई की तो मेरे चुम्बन से उसकी गर्दन पर हल्का नीला निशान पड़ गया था लेकिन वह इस फोरप्ले चूमा चाटो और चुसाई से-से मस्त हो रही थी और मुझे उसकी चूँचियो से नीचे जाने के पहले ही इतना मजा आ रहा था की मैंने फैसला किया की अभी इसको खूब प्यार करना है ।

जब मैं उसे उसकी बाजुओ में उसकी बगल में चूम और सहला रहा था तो जूनि के मुंह से गर्म-गर्म सिसकारीया निकलने लगी, तभी मैंने उसके गर्दन के नीचे उसकी छाती को चाटा और चूमा और सीने की घाटी पर जीभ फिरा दी।

उसकी वाह क्या गोलाईयाँ थी उसके स्तन बिलकुल भी ढलके हुए नहीं थे और गुलाबी रंग के छोटे-छोटे निप्पल ... मैं निप्पल बारी-बारी किस कर चूसने लगा। और वह सिसकारियाँ भरने लगी ।

मैंने हलके से उसे कमर से पकड़ा और उसकी नाभि पर एक चुम्बन दिया और ज्यू ही मैंने अपनी जीभ उसके पेट पर फिराई तो वह मज़े के कारन मस्त हो गयी और अह्ह्ह उफ्फ्फ आह आहाहा वह और करो प्लीज जोर से चूमो प्लीज करते रहो कहने लगी । इतना मज़ा मुझे छोड़ने मैं भी नहीं आता उतना मज़ा मुझे उस नाज़नीन के बदन से खेल कर आ रहा था और मैंने उसे उल्टा कर उसकी पीठ को छाटा और पूरे बदन की पहले गीली चटाई की और फिर अपने थूक से पूरे बदन की मालिश कर डाली, जंहा जहाँ मैं चूमता था उसके बदन के मुलायम रोंगटे खड़े हो जाते थे और फिर मैंने उसके चुत्रो को चूमा दबाया और अपनी एक अंगुली से उसकी गांड के फांक को सहलाया लेकिन अंगुली अंदर नहीं की, क्योंकि जब जीनत आपा ने जूनि के साथ सुहागरात मानाने की इजाजत दी थी तो मैंने जूनि की गांड नहीं मारने का कौल दे रखा था ज़ीनत आपा को ।

इस तरह 2 घंटे गुजर गए, मैंने उसकी लम्बी गुलाबी गोरी जांघो से चूमते हुए प्यार करते हुए उसकी पांवो को भी चूमा और उसके पूरे बदन की अपनी जीभ से मालिश करि, उफ़ क्या मादक खुशबू थी।



[Image: TSS6.jpg]

मैंने कहा जूनि तुम्हारा शरीर बहुत नरम मुलायम और चिकना है मैंने पहली बार उसकी योनि में हाथ फिराया और खुश होकर बोला क्या बात है जूनि, इतनी मस्त मखमली चूत, रोयें तक नहीं हैं...! वाह जूनी वाह ... मेरी तो किस्मत खुल गई!

जूनी की बुर बिल्कुल भीगी थी और गरम भी। मौका अच्छा देख कर मैने उसे कहा जूनी मेरे लंड को अपने हाथ में ले। उसने तुरंत हाथ में ले लिया अब हिला वह लंड को शेक करने लगी मैंने कहा ऐसे नही। मैने उसका हाथ पकड़ा और उपर नीचे करने लगा।



अब वह मेरे लंड को हिला रही थी और मैं उसकी चूत को सहला रहा था। हम दोनों चरम पे पहुँच गये... मैने अचानक अपना हाथ रोक दिया उसका रियेक्शन देखने के लिए और खड़ा हो गया।

जूनी बोली क्या हुआ? रुक क्यू गये? करो ना!

ज़ीनत आपा ने देखा अब जूनि तड़फने लगी है तो बोली सलमान अब अपना लंड घुसा दो नहीं तो बेचारी मर जाएगी, मैंने भी अपनी अंगुली उसकी चूत के ऊपर राखी और उसकी बिना झांट के बाल वाली चूत पूरी गीली थी । और फिर अपनी जीभ उसकी चूत पर रख उसकी चूत चाटने लगा, छी भाई पेशाब की जगह चाट रहे हो, लेकिन मज़ा आ रहा है दूल्हे भाई, चूस डालो इसको ।

मैने अपने हाथो से उसके लेग्स को स्प्रेड किया। मैने अपनी जीभ निकाली और उसकी चूत के होंठों को धीरे-धीरे किस करने लगा। जीभ को मैं धीरे-धीरे उपर नीचे करने लगा और अपने हाथो से उसकी गान्ड मसल्ने लगा।: अया...ऐसे ही... मैं अपनी जीभ से खेल था-था वह सिसकारियाँ भर रहि थी ।आह, ओह्ह उंह।ह!

मैं उसकी चूत के होंठो को किस करने लगा। किस करते हुए मैने उसकी चूत के लिप्स को स्प्रेड किया और अपनी जीभ को धीरे-धीरे घुमाने लगा ।

आहह, ...बहोत अक्चा...आअहमम्म्म, उमुमूंम्म्मममममम । वो अब धीरे से अपनी गान्ड उपर नीचे करने लगी। मैं उसकी चूत को चूसने लगा। उसकी चूत से बहुत ज़्यादा जूस बह रहा था। टेस्ट में सॉल्टी और मस्की स्मेल आ रही थी...थोड़ी थोड़ी फिश जैसी । मगर मेरे दिमाग़ पर हवस चढ़ि थी रूम में आह...उऊहह...की आवाज़े आने लगी। ...आआहहहहहहः...आआहा आहा आ आहा आ वह अपनी गान्ड ज़ोर-ज़ोर से हिलाने लगी और मेरा लंड और ज़ोर से हिलाने लगी। ।मैं समझ गया कि अब वह पूरी तरह से गर्म है ।

आईई पीईशाब नननननिककाल जायेगा इससस्स्स्स ओह यह और उसे ओर्गास्म महसूस हुआ और उसकी आँखे बंद हो गयी और वह बोली अब में थक गयी हु ।

मैंने उसके साथ लेटा और उसके ओंठ चूमते हुए उसे बूब्स दबाने लगा और जूनि भी धीरे-धीरे चुंबन में मेरा साथ देने लगी और उसे इस तरह सहयोग करते देख मैंने अपने बदन को थोड़ा और नीचे खिसका दिया और अब मेरा लंड जूनि की चूत के छोटे से छेद पर दस्तक देने लगा।मेरे हाथ उसके स्तनों को मसलने लगे। उसके तन-बदन में आग लग गई। जूनि की टांगें अपने आप थोड़ा खुल गईं और मेरे लंड को उसकी जाँघों के कटाव में जगह मिल गई। लंड योनि से टकराया तो जूनि की हूक निकल गई और उसका बदन रह-रह कर ऊपर उचकने लगा। जूनि चुदने के लिए तड़प गई।

। उधर नीचे मेरा लण्ड सख्त हो चुका ... लण्ड चुत को ढूँढ रहा था, जूनि की बुर पर लंड ने दस्तक दी तो उसे लंड थोड़ा चुभा तो उसने लण्ड को हाथ लगा कर लम्बाई और आकार का अनुमान लगांने कोशिश की!

मेरे लिंग को छूने के बाद चिल्ला उठी है ज़ीनत आपी इनका लण्ड इतना बड़ा है और मेरा छेद तो छोटा-सा है यह तो मुझे चीर के रख देगा मेरी फाड़ देगा बहुत दर्द होगा मैं तो दर्द से मर जाऊँगी ... ज़ीनत आपा बोली जूनी घबराओ नहीं देखो मैं भी चुदी हूँ सलमान से मुझे कुछ नहीं हुआ सही सलामत लेटी हुई हूँ यहाँ तुम्हारे पास । जूनी यह तो मजे का औजार है जितना बड़ा तगड़ा होगा उतने ही ज्यादा मजे देगा।

ज़ीनत आपा बोली मेरी जान जूनी मैं तुझे कोई दर्द नहीं होने दूँगी, तेरा भाई तुझे बड़े प्यार से चोदेगा, तुझे पता भी नहीं चलेगा की कब तेरे भाई का लंड तेरी चूत में चला जायेगा, मेरी रानी बहन, ला मैं तुझे गरम कर डालूं, आ जा मेरी प्यारी बहन? जीनत आपा ने उसकी चूत के दाने को मेरे लंड से सहलाने लगी ।

मैंने सोचा अभी तो असली मज़ा बाकि है अभी लंड कहा डाला है, बेचारी ज़ीनत को चुदते देख समझती थी की लंड बड़ी आसानी से घुसता है, उस को क्या मालूम की कैसा दर्द होता है लेकिन में भी इस बार तयारी करके आया था और उसको तैयार भी बहुत अच्छे से किया था । मैंने k y जेली अपने खड़े लैंड पर लगाई और धीरे से होले-होले से उसकी योनि में अपना लण्ड पकड़ कर अपनी दो उँगलियों से चूत का मुँह खोल कर लण्ड के सुपांडे को अन्दर फसा दिया उसकी चूत में 1″ घुसाया जूनी मजे से कराहने और ओह्ह्ह आह करने लगी और फिर बोला देखो जूनि एक बार अभी तुम्हे दर्द होगा लेकिन फिर ता उम्र ज़ीनत के जैसे ऐश करोगी । काफी गीली होने के कारन अभी तक उसे दर्द का अहसास नहीं हुआ था इस लिए बोली मुझे तो मज़ा आ रहा है, मैंने कहा फिर भी बर्दाश्त करना और उसकी नाज़ुक हथेलियों को दबाकर उसके लिप्स को अपने लिप्स से चूसता हुआ मैंने एक करारा शॉट दे मारा । सरसराता हुआ लंड उसकी योनि की दीवारों से रगड़ते हुए अंदर चला गया और नाज़ुक झिल्ली को चीरता हुआ 6″ अंदर घुस गया । वह छटपटाने लगी लेकिन मेरे लिप्स के उसके लिप्स के ऊपर होने के कारन सिर्फ गु-गु की आवाज़ ही निकल प् रही थी । मैंने एक और शॉट जोर से मारा और उसकी मुलायम, टाइट चूत में पूरे लंड को घुसा दिया और उसकी निप्पल्स को मुंह में भर कर चूसने लगा । वह आईई अअअअअ-अअअअअ आआ दारररद ह्ह्ह्हूऊऊऊऊताहै हैईईई आआपा मर गयी ममेरी रररर ऊऊफफफफफफ अअअअअअअ आहाहा करने लगी। लेकिन 5 मिनट के बाद जब मैंने उसकी हलकी चुदाई शुरू की तो वह तुरंत झड़ गयी। उसके साथ ही उस गुलाबी चूत में उसके बूब्स को अपने सीने से दबाये में भी झड़ गया और जन्नत की सैर में चला गया । फिर उसको टॉयलेट में ले जाकर उसकी चूत साफ करि और चादर जिस पर खून के निशान पड़ गए थे उसे बदल कर फिर 30 मिनट बाद उस कमसिन हसीना को चौदा और उसकी चूत में लंड डाल कर करीब सुबह 8 बजे तक सोता रहा ।



[Image: TSS1.jpg]

दुसरे दिन ज़ीनत बोली आप तो एक्सपर्ट हो गए हमारे साथ तो वहशीपना दिखाया था अब मेरी भी ऐसी ही चुदाई करना ।

कहानी जारी रहेगी






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#14
मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 14

छोटी बेगम की सुहागरात की सुबह 



सुबह सुबह ज़ीनत बोली आप तो एक्सपर्ट हो गए हमारे साथ तो वहशीपना दिखाया था अब मेरी भी ऐसी ही चुदाई करना। मेरे साथ आपको क्या हो गया था ?

मैंने कहा आपा आप सबसे सुन्दर ,गोरी और मेरे से बड़ी होने के बावजूद मस्त माल हो।आपको देखकर मैं पागल हो जाता हूँ । मेरा मन आपको देखते हे बेकाबू हो जाता है। आप मेरे दिल की मल्लिक्का हो और आपकी गोल गोल बूब्स से भरी उसकी छाती और भरे भरे गालों के साथ नशीली आंखें मुझे नशे में कर देती हैं ।

और जब आपने सुहाग रात में कहा था की मुझे मसल दो, मुझ पर छा जाओ, में मदहोश हूँ, आओ मेरे राजा मेरी प्यास बुझा दो। तो मुझे अलग ही मस्ती चढ़ गयी थी और मेरा मन आपको देख कर आज भी , कर रहा है कि बस आपको चूमता, चाटता रहूँ और अपनी बाहों में जकड़ कर मसल डालूँ ! और जब आप कहती थी और जोर से और तेज करो तो मेरा जोश बढ़ जाता था और मैं कर तेज करने लगा ।



[Image: ZEENAT1.jpg]

ये बोल कर मैं जीनत पर चढ़ कर उन्हें बेकरारी से चूमने लगा। और चूमते चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट तक उसका लिप्स किस लेता रहा मैंने अपना हाथ उठाया और उनके बूब्स दबाने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी, और मैंने उसके कपडे निकाल दिए और फिर मेरा ध्यान फिर उसके मम्मो पर चला गया के मम्मे बिल्कुल गुलाबी थे, उनकी जिल्द बहुत ज्यादा चिकनी थी.. कोई दाग.. कोई धब्बा या किसी पिंपल का नामोनिशान नहीं था।

उनके गुलाबी मम्मों पर हरी नीली रगों का जाल था और एक-एक रग साफ देखी और गिनी जा सकती थी। मुकम्मल गोलाई लिए हुए जीनत आपा के मम्मे ऐसे लग रहे थे.. जैसे 2 प्याले उल्टे रखे हों.. इतनी मुकम्मल शेप मैंने आज तक किसी फिल्म में भी नहीं देखी थी।थोड़े बहुत तो लटक ही जाते हैं हर किसी के.. लेकिन जीनत आपा के मम्मे बिल्कुल खड़े थे.. कहीं से भी ढलके हुए नज़र नहीं आते थे।

जीनत के गुलाबी मम्मों पर गहरे गुलाबी रंग के छोटे-छोटे सर्कल थे और उन सर्कल के बीच में भूरे गुलाबी रंग के छोटे-छोटे निप्पल अपनी बहार फैला रहे थे।



[Image: mn6.jpg]

मै उनकी चुचियों को मसलने लगा, और वो मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पुरे कमरे में गूंज रही थी। फिर मैंने उनके मोमो को चूसना शुरू कर दिया उनके मोमो कड़क हो गए थे और चुच्चिया कह रही थी हमे जोर से चूसो।मैंने चूचियों को दांतो से काटा तो जीनत आपा कराह उठी आह यह आह उनके बूब्स लाल हो चुके थे। फिर मैंने उनकी नाभि को चूमा अपनी जीभ उनकी नाभि में डाल दी ।आपा मस्त हो गयी और मेरे सर अपने पेट पर दबाने लगी आपा का पेट एकदम सपाट था कमर पतली और नाजुक मैंने उनके एक एक अंग को चाट डाला। उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी, उनका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था। आपा ज़ोर-जोर से हाँफ रही थी ।मेरे हाथ उनके बूब्स को मसलने लगे फिर मैं उनकी चूचियों को खींचने लगता था तो आपा सिहर जाती थी और सिसकने लगती थी। उनकी चूत गीली होने लगी बदन कांपने लगा और आपा झड़ गयी ।


आपा की आह ओह्ह और कराहने सुन कर जूनी भी उठ गयी और मैं उसको लिप किश करने लगा मेरे किस करने से वह सिहरने लगी तो मैंने उसको ममो को दबाना शुरू कर दिया उसकी बूब्स बिलकुल छोटे छोटे संतरो जैसे थे और उसके निप्पल गुलाबी थे .. मैं उसके निप्पल चूसने लगा उसके मोमो मेरे मुँह में पूरे आ गए. मैं अपनी जीभ उसके निप्पलों पर फेरे लगा उसकी सिसकारियां छूट रही थी वह ओह्ह्ह आअह्ह्ह कर रही थी ।

मैंने उसको अपनी गोद में बिठा कर उसकी टांगों को अपने दोनों तरफ कर दिया उसकी छातिया मेरी छाती से चिपकी हुई थी. बहुत नरम नरम लग रहा था मेरे को ।



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फिर मैंने योनि को अपने लिंग से सहलाया और एक ही बार में अपना तना हुआ लिंग योनि की जड़ तक बिठा दिया। इस पर कमरा ‘आहह ऊहह..’ की आवाजों से गूंज उठा। फिर एक हल्का सा धक्का मारा और अब लंड बिना किसी रोक टोक अंदर चला गया।

मैंने महसूस किया कि जूनि का शरीर अब काफी रिलैक्स हो गया और उसकी जांघें पूरी तरह से खुल गई थी।




[Image: mia1.jpg]

तब मैं धीरे से धक्कों की स्पीड बढ़ाने लगा और साथ ही उसके मम्मों को चूमने और चूसने लगा, उसके लबों पर एक बड़ी हॉट किस जड़ दी और अपना मुंह उस के मुँह पर रख कर उसकी जीभ के साथ अपनी जीभ से खेलने लगा।



उसके चूतड़ों के नीचे हाथ रख कर अब ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर दीये मैंने जीनत आपा की तरफ देखा, उन्होंने आँख के इशारे से कहा- लगे रहो!

फिर मैंने लंड को चूत में ही रखे रखे धक्के मारने लगा, साथ ही उसके गोल और सॉलिड मुम्मों को मुंह में लेकर चूसने लगा और उसकी चूचियों को मुंह में लेकर गोल गोल घुमाने लगा।

अपने हाथों को उसके चूतड़ों के नीचे रख कर अब गहरे धक्के मारने लगा और जैसे जैसे ही मैं तेज़ी पकड़ रहा था जूनी मेरे से और भी ज़्यादा चिपक रही थी और अब वो खुद ही मुझको चूमने और चाटने लगी थी।



[Image: pp7.jpg]

मेरे धक्कों की स्पीड इतनी तेज़ होती गई कि थोड़ी ही देर में जूनी हाय हाय… करते हुए झड़ गई और उसका शरीर झुरझुरी से कम्पित हो गया।

हालाँकि वो झड़ चुकी थी फिर भी उसकी बाहें मेरे गले में ही थी और वो मुझसे बुरी तरह से चिपकी हुई थी।

अब मैंने उसको अपने से अलग किया और फिर मैंने उससे पूछा- क्यों दुल्हनिया मज़ा आया या नहीं?

जूनी थोड़ी सी शरमाई और बोली- बहुत मज़ा आया .. आप कमाल के जादूगर हो बहुत मजे देते हो ।


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#15
मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 15

छोटी बेगम की सुहागरात की सुबह
 





जूनि के खूबसूरत चेहरे पर उसके खुले हुए बालों की लटे पड़ी हुई थी और उस के रस भरे होंठ और स्तन मेरे थूक से चमक रहे थे। बिस्तर पर बिछे फूल बुरी तरह से मसले जा चुके थे और पैरो के पास पायल टूट कर गिरी हुई थी। बालो का गजरा टूट कर फ़ैल चूका था परन्तु बालो में ही लटका हुआ था। हाथो के पास कुछ कांच की चुडियो के टुकड़े थे और कलाईयों पर निशाँ थे गले का हार टूट कर पता बिखर गया था, कान के झुमके गिर गए थे। बाल खुल कर फैले हुए। जूनि की चूत मेरे मोटे और बड़े लंड की जबर्जस्त चुदाई की वजह से सुर्ख हो कर फूल गई थी।

जूनि, ज़ीनत आपा और मेरे शरीर पर जहाँ तहँ कुछ फूलो की पंखुडिया चिपकी हुई थी और बिस्तर की चादर चुदाई के पानी से जगह-जगह से भीग कर तर हो चुकी थी।

जूनि अपनी टाँगें खोले बिस्तर पर कमर के बल बे सुध पड़ी हुई थी। मेरे लंड ने जूनी की फूल जैसी कोमल और टाइट चूत की वाकई में हालत खराब करके रख दी थी और वहाँ का नजारा देख कर स्पष्ट हो रहा था कि यहाँ सुहागरात में जबरदस्त चुदाई का खेल खेला गया है।



[Image: SALMA10.jpg]

जूनी का सारा शृंगार बिगड़ गया था लेकिन अब उसका ये रूप अलग ही मोहकता लिए हुए था। जूनी की आँखे बंद थी और मैंने उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव देखे। तो मैं आगे बढ़ा और उसे चूमने लगा।

ज़ीनत आपा फिर जूनी का बदन देखने लगी जगह-जगह मेरे चूसने और दांतो के दबाब देने के कारण निशान पड़ गए थे और जीनत आप सब निशानों पर किस करने लगी तो जूनि कराहने लगी । ज़ीनत आपा बोली सलमान तुमने बेचारी फूल जैसी जूनी का हाल बेहाल कर दिया है! तुमने फूल से भी कमसिन और कोमल जूनि का देखो क्या हाल कर दिया है ।



[Image: zmirror2.jpg]

जब साँसे सम्भली तो जूनी उठी और शीशे के सामने खड़ी हो कर अपने जवान बदन का जायज़ा लेने में मसरूफ़ हो गई और एक-एक अंग तो बड़े गौर से देखने लगी।


[Image: MIR1.jpg]

मैंने कभी अपनी किसी बहन को आईने के सामने अपने नंगे बदन का जायजा लेते हुए नहीं देखा था, इसीलिए आज अपनी छोटी बेगम जूनि को इस तरह शीशे के सामने खड़े हो कर अपने जिस्म का जायज़ा लेने का मंज़र मेरे लिए एक अनोखी बात थी । इसीलिए मैं कमरे में खड़ी अपनी छोटी बेगम को आयने के सामने इश्तियाक से देखने लगा और जूनी की अल्हड़ और मचलती जवानी को देख कर मस्ती से बेक़रार हो रहा था।



[Image: mirror.jpg]

आज जूनी की अल्हड़ जवानी एक अनोखा ही रस दे रही थी फिर मेरे देखते ही देखते जूनी ने एक बहुत ही मदहोश अंगड़ाई ली।

जूनी की इस अंगड़ाई से उस के मम्मे ऊपर की तरफ़ छलक उठे। तो जूनी की इस मदहोश अदा से मैं मज़ीद गरम और बेचैन हो गया।

बेड रूम में आयने के सामने खड़ी जूनी के जवान, बदन को देख-देख कर अपनी आँखे सेकने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था आगे पीछे पूरा बदन साफ़ नजर आ रहा था।

इस तरह उस सुबह जूनि की छोटी-छोटी चूचियाँ जिसपे हलके पिंक कलर के निप्पल गजब लग रहे थे मैं आगे हुआ और तुरंत ही उसे अपने बाजुओं में भर लिया और उसकी टाइट टाइट-सी छोटी-छोटी चूचियाँजब मेरे हाथ में आयी तो मेरा तन बदन में आग लग गयी और मेरा लौड़ा सलामी देने लगा मेरी धड़कन तेज हो गयी और उसकी जिस्म की गर्मी और तेज-तेज साँसे जब मेरे बदन को छूई तब मुझे बहुत मजा आया।

मैं उसके मम्मे मींज रहा था। जूनि-सी 2 की आवाज कर रही थी। से ऐसा करते देख मेरा जोश और भी ज्यादा हो गया। मैं और जोर-जोर से उसके मम्मों को दबा दबा कर पीने लगा। जोर से दूध पीते ही कभी-कभी मेरे दांत उसके निप्पल में गड़ जाते थे। पुष्पा “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….” की आवाज निकाल देती थी।

मैंने उसके होठ को छुआ तो उसने मेरा हाथ पकड़ लीया और अपनी नशीली आँखों से निहारने लगी, वह निहारती रही और मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा, फिर मैंने उसको खड़ा किया और उसके रसीले होठ को चूसने लगा, वह भी मेरे होठ को डीप किश कर रही थी।

मैं जूनी के बूब्स को जोर-जोर से दबाता जा रहा था। वही दूसरी ओर मेरे लौड़े पर ताव आता जा रहा था। मेरी और जूनी की साँसे धौकनी की तरह दौड़ रही थी। हम दोनों की गरम हो रहे थे। तभी मैंने उसके बड़े से चुत्तड़ पर एक जोर की चपट लगायी। फिर उसकी जुस्फों से मैं उसके जिस्म की खुसबू लेने लगा।

मैंने अपने में सटा के उसके दोनों चूतड़ को पकड़ कर अपने लौड़े से सटा लिया, मैं उसकी मेरे लौड़े के पास आ गया मैंने ऊपर से ही लौड़े को उसके गांड में रगड़ने लगा, वह व्याकुल हो गई और मेरे बाल को सहलाने लगी। तभी ज़ीनत आपा ने मुझे रोक दीया, मेरे हाथ पकड़ लिया, मैंने कहा मैंने आप को कौल दिया है अभी इसकी गांड नहीं मारूंगा पर मुझे छूने तो दो।

मैंने उसको बेड पर उलटी लिटा दिया और-और फिर उसके चूतड़ को दबाने लगा। वह भी मजे लेने लगी। फिर मैं उसकी पीठ और गर्दन चूमने और चूसने लगा और टाँगे फैला कर बीच में बैठ करचूतड़ों ऊपर से ही लौड़ा रगड़ने लगा। वह खूब मजे ले रही थी और मैं भी मजे ले रहा था पर बर्दाश्त के बाहर हो रहा था।

फिर मैं उसके चूतड़ों की दरार के बीच में से उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा ओह्ह्ह उसकी चूत गीली हो चूकी थी । वह जोर से चिल्ला उठी आआहह, ओमम्म्मममम, सस्स्सस्स हहा और मचलने लगी और कसमसाते हुए अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। अब वह सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वह अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी।

मैंने उसकी चूत पर ऊँगली फिराई और चूत के रस को ऊँगली पर लगायी और चाट गया। ओह कितना नमकीन पानी था उसकी चूत का।

फिर मैंने उसको घोड़ी बना दिया और उसकी चूत पर लंड को रगड़ने लगा.

मैंने उसकी चूत में भड़के हुए शोले को खत्म करने के लिए अपना लंड उसकी चूत के छेद पर सटा दिया। मेरे लंड के ठीक निशाने पर ही उसकी चूत की छेद थी। मैंने जोर से धक्का मार कर अपना आधा से अधिक लंड उसकी चूत में घुसा दिया। जूनी के मुंह से चीखें निकल गई। वह बहुत तेज से“……अम्मी आपि …..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की आवाज निकालने लगी।




और फिर मैंने उसकी चूत में पीछे से लंड को डालकर चोदना शुरू किया । उसकी चूत बहुत टाइट लगी और मुझे लगा पीछे से लंड ज्यादा अन्दर तक गया और पहले से ज्यादा मजा आया। फिर में उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा।

मुझे उसे चोदने के लिए और भी ज्यादा उत्तेजना होने लगी। मैंने अपनी स्पीड को बढ़ा दी। मैं जल्दी-जल्दी अपनी कमर और चूतड़ आगे पीछे कर उसकी चूत में अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था। जूनी घोड़ी बनी हुई चुदाई का मजा ले रही थी। उसकी“….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” की आवाज से पूरा कमरा भरा हुआ था।

बीच-बीच में पीछे से जूनी के मोमो पकड़ कर दबाता रहा और ज़ीनत आपा मेरे पास आकर मुझे किस करने लगी.

मै भी बहोत ही मजे ले ले कर उसकी घोड़ी बना कर पीछे से चूत चुदाई शुरू कर दी। उसकी चूत मेरे पूरे लंड को खा रही थी। मैने उसकी चुदाई को और भी ज्यादा तेज कर दी। उसकी मटकती कमर को पकड़ कर अपना लंड जोर जोर से उसकी चूत में घुसा कर निकालने लगा। मैं अपने लंड को जड़ तक पेल रहा था। वो अपनी गांड को मटका कर “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” की आवाजो के साथ चुद रही थी।


[Image: Z05.jpg]



मैं उनके लिप्स चूसते हुए करीब 25 मिनट तक लगातार जूनि को घोड़ी बना कर चोदा वह कई बार झड़ चुकी थी । उसकी टाइट चूत की रगड़ से मैं भी झड़ने की कागार पर पहुच चुका था। आखिर में उसकी चूत में मैंने एक बार फिर अपना पानी डाल दिया ।



[Image: Z06.jpg]

मैंने अपनी पिचकारी उसकी चूत में छोड़ दी।

जब मेरे और जूनि के रस का आपस में मिलाप हुआ तो जूनि पलटी और हम दोनों के जवान पसीने से भीगे हुए शरीर भी एक दूसरे लिपट गये। जूनि निढाल हो कर लेट गयी । कुछ देर तक तो मैं अपना लंड उसकी चूत में डालकर ही बिस्तर पर पड़ा रहा। मेरा लंड धीरे-धीरे सिकुड़ने लगा। मेरे लंड के सिकुड़ते ही उसकी गांड से माल बाहर आने लगा। बिस्तर पर पड़े चादर पर माल बिखर गया। उसने चादर पर बिखरे हुए सारे माल को पोंछ कर उस पर लेट गई। मैं उसको प्यार से सहलाने लगा और किस करने लगा और जूनि की कमसिन नाजुक चूत बुरी तरह से सूज चुकी थी ।

इसी दौरान बिस्तर पर लेटे-लेटे और अपनी छोटी बहन की गरम सिसकियों को सुनते हुए ज़ीनत आपा को अपनी चूत में कसमसाहट महसूस हुई।

अपनी चूत पर खारिस करने के लिए ज़ीनत आपा ने ज्यों ही अपने हाथ से दुबारा अपनी चूत को छुआ तो ना सिर्फ़ ज़ीनत आपा के नीचे की चादर उसी की चूत के पानी से गीली हो गई। बल्कि उनका अपना हाथ भी उस की अपनी चूत के बहते पानी से भीग-सा गया।

अपनी चूत की इस काफियत पर ज़ीनत सन्न रह गई। क्योंकि उस ने तो कभी खवाब में भी नहीं सोचा था कि जूनी की चुदाई देख कर उनकी चूत अपना पानी इस तरह छोड़ने लगेगी कि उनकी चूत से निकलता हुआ पानी चूत से निकल-निकल कर उस की मोटी गान्ड की तरफ बहने लगेगा। उन्हें ये महसूस करके बहुत हैरत हुई।

कहानी जारी रहेगी





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  7. मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ
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#16
(04-02-2022, 03:34 PM)aamirhydkhan1 Wrote: मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 15

छोटी बेगम की सुहागरात की सुबह
 





जूनि के खूबसूरत चेहरे पर उसके खुले हुए बालों की लटे पड़ी हुई थी और उस के रस भरे होंठ और स्तन मेरे थूक से चमक रहे थे। बिस्तर पर बिछे फूल बुरी तरह से मसले जा चुके थे और पैरो के पास पायल टूट कर गिरी हुई थी। बालो का गजरा टूट कर फ़ैल चूका था परन्तु बालो में ही लटका हुआ था। हाथो के पास कुछ कांच की चुडियो के टुकड़े थे और कलाईयों पर निशाँ थे गले का हार टूट कर पता बिखर गया था, कान के झुमके गिर गए थे। बाल खुल कर फैले हुए। जूनि की चूत मेरे मोटे और बड़े लंड की जबर्जस्त चुदाई की वजह से सुर्ख हो कर फूल गई थी।

जूनि, ज़ीनत आपा और मेरे शरीर पर जहाँ तहँ कुछ फूलो की पंखुडिया चिपकी हुई थी और बिस्तर की चादर चुदाई के पानी से जगह-जगह से भीग कर तर हो चुकी थी।

जूनि अपनी टाँगें खोले बिस्तर पर कमर के बल बे सुध पड़ी हुई थी। मेरे लंड ने जूनी की फूल जैसी कोमल और टाइट चूत की वाकई में हालत खराब करके रख दी थी और वहाँ का नजारा देख कर स्पष्ट हो रहा था कि यहाँ सुहागरात में जबरदस्त चुदाई का खेल खेला गया है।



[Image: SALMA10.jpg]

जूनी का सारा शृंगार बिगड़ गया था लेकिन अब उसका ये रूप अलग ही मोहकता लिए हुए था। जूनी की आँखे बंद थी और मैंने उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव देखे। तो मैं आगे बढ़ा और उसे चूमने लगा।

ज़ीनत आपा फिर जूनी का बदन देखने लगी जगह-जगह मेरे चूसने और दांतो के दबाब देने के कारण निशान पड़ गए थे और जीनत आप सब निशानों पर किस करने लगी तो जूनि कराहने लगी । ज़ीनत आपा बोली सलमान तुमने बेचारी फूल जैसी जूनी का हाल बेहाल कर दिया है! तुमने फूल से भी कमसिन और कोमल जूनि का देखो क्या हाल कर दिया है ।



[Image: zmirror2.jpg]

जब साँसे सम्भली तो जूनी उठी और शीशे के सामने खड़ी हो कर अपने जवान बदन का जायज़ा लेने में मसरूफ़ हो गई और एक-एक अंग तो बड़े गौर से देखने लगी।


[Image: MIR1.jpg]

मैंने कभी अपनी किसी बहन को आईने के सामने अपने नंगे बदन का जायजा लेते हुए नहीं देखा था, इसीलिए आज अपनी छोटी बेगम जूनि को इस तरह शीशे के सामने खड़े हो कर अपने जिस्म का जायज़ा लेने का मंज़र मेरे लिए एक अनोखी बात थी । इसीलिए मैं कमरे में खड़ी अपनी छोटी बेगम को आयने के सामने इश्तियाक से देखने लगा और जूनी की अल्हड़ और मचलती जवानी को देख कर मस्ती से बेक़रार हो रहा था।



[Image: mirror.jpg]

आज जूनी की अल्हड़ जवानी एक अनोखा ही रस दे रही थी फिर मेरे देखते ही देखते जूनी ने एक बहुत ही मदहोश अंगड़ाई ली।

जूनी की इस अंगड़ाई से उस के मम्मे ऊपर की तरफ़ छलक उठे। तो जूनी की इस मदहोश अदा से मैं मज़ीद गरम और बेचैन हो गया।

बेड रूम में आयने के सामने खड़ी जूनी के जवान, बदन को देख-देख कर अपनी आँखे सेकने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था आगे पीछे पूरा बदन साफ़ नजर आ रहा था।

इस तरह उस सुबह जूनि की छोटी-छोटी चूचियाँ जिसपे हलके पिंक कलर के निप्पल गजब लग रहे थे मैं आगे हुआ और तुरंत ही उसे अपने बाजुओं में भर लिया और उसकी टाइट टाइट-सी छोटी-छोटी चूचियाँजब मेरे हाथ में आयी तो मेरा तन बदन में आग लग गयी और मेरा लौड़ा सलामी देने लगा मेरी धड़कन तेज हो गयी और उसकी जिस्म की गर्मी और तेज-तेज साँसे जब मेरे बदन को छूई तब मुझे बहुत मजा आया।

मैं उसके मम्मे मींज रहा था। जूनि-सी 2 की आवाज कर रही थी। से ऐसा करते देख मेरा जोश और भी ज्यादा हो गया। मैं और जोर-जोर से उसके मम्मों को दबा दबा कर पीने लगा। जोर से दूध पीते ही कभी-कभी मेरे दांत उसके निप्पल में गड़ जाते थे। पुष्पा “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….” की आवाज निकाल देती थी।

मैंने उसके होठ को छुआ तो उसने मेरा हाथ पकड़ लीया और अपनी नशीली आँखों से निहारने लगी, वह निहारती रही और मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा, फिर मैंने उसको खड़ा किया और उसके रसीले होठ को चूसने लगा, वह भी मेरे होठ को डीप किश कर रही थी।

मैं जूनी के बूब्स को जोर-जोर से दबाता जा रहा था। वही दूसरी ओर मेरे लौड़े पर ताव आता जा रहा था। मेरी और जूनी की साँसे धौकनी की तरह दौड़ रही थी। हम दोनों की गरम हो रहे थे। तभी मैंने उसके बड़े से चुत्तड़ पर एक जोर की चपट लगायी। फिर उसकी जुस्फों से मैं उसके जिस्म की खुसबू लेने लगा।

मैंने अपने में सटा के उसके दोनों चूतड़ को पकड़ कर अपने लौड़े से सटा लिया, मैं उसकी मेरे लौड़े के पास आ गया मैंने ऊपर से ही लौड़े को उसके गांड में रगड़ने लगा, वह व्याकुल हो गई और मेरे बाल को सहलाने लगी। तभी ज़ीनत आपा ने मुझे रोक दीया, मेरे हाथ पकड़ लिया, मैंने कहा मैंने आप को कौल दिया है अभी इसकी गांड नहीं मारूंगा पर मुझे छूने तो दो।

मैंने उसको बेड पर उलटी लिटा दिया और-और फिर उसके चूतड़ को दबाने लगा। वह भी मजे लेने लगी। फिर मैं उसकी पीठ और गर्दन चूमने और चूसने लगा और टाँगे फैला कर बीच में बैठ करचूतड़ों ऊपर से ही लौड़ा रगड़ने लगा। वह खूब मजे ले रही थी और मैं भी मजे ले रहा था पर बर्दाश्त के बाहर हो रहा था।

फिर मैं उसके चूतड़ों की दरार के बीच में से उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा ओह्ह्ह उसकी चूत गीली हो चूकी थी । वह जोर से चिल्ला उठी आआहह, ओमम्म्मममम, सस्स्सस्स हहा और मचलने लगी और कसमसाते हुए अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। अब वह सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वह अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी।

मैंने उसकी चूत पर ऊँगली फिराई और चूत के रस को ऊँगली पर लगायी और चाट गया। ओह कितना नमकीन पानी था उसकी चूत का।

फिर मैंने उसको घोड़ी बना दिया और उसकी चूत पर लंड को रगड़ने लगा.

मैंने उसकी चूत में भड़के हुए शोले को खत्म करने के लिए अपना लंड उसकी चूत के छेद पर सटा दिया। मेरे लंड के ठीक निशाने पर ही उसकी चूत की छेद थी। मैंने जोर से धक्का मार कर अपना आधा से अधिक लंड उसकी चूत में घुसा दिया। जूनी के मुंह से चीखें निकल गई। वह बहुत तेज से“……अम्मी आपि …..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की आवाज निकालने लगी।




और फिर मैंने उसकी चूत में पीछे से लंड को डालकर चोदना शुरू किया । उसकी चूत बहुत टाइट लगी और मुझे लगा पीछे से लंड ज्यादा अन्दर तक गया और पहले से ज्यादा मजा आया। फिर में उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा।

मुझे उसे चोदने के लिए और भी ज्यादा उत्तेजना होने लगी। मैंने अपनी स्पीड को बढ़ा दी। मैं जल्दी-जल्दी अपनी कमर और चूतड़ आगे पीछे कर उसकी चूत में अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था। जूनी घोड़ी बनी हुई चुदाई का मजा ले रही थी। उसकी“….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” की आवाज से पूरा कमरा भरा हुआ था।

बीच-बीच में पीछे से जूनी के मोमो पकड़ कर दबाता रहा और ज़ीनत आपा मेरे पास आकर मुझे किस करने लगी.

मै भी बहोत ही मजे ले ले कर उसकी घोड़ी बना कर पीछे से चूत चुदाई शुरू कर दी। उसकी चूत मेरे पूरे लंड को खा रही थी। मैने उसकी चुदाई को और भी ज्यादा तेज कर दी। उसकी मटकती कमर को पकड़ कर अपना लंड जोर जोर से उसकी चूत में घुसा कर निकालने लगा। मैं अपने लंड को जड़ तक पेल रहा था। वो अपनी गांड को मटका कर “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” की आवाजो के साथ चुद रही थी।


[Image: Z05.jpg]



मैं उनके लिप्स चूसते हुए करीब 25 मिनट तक लगातार जूनि को घोड़ी बना कर चोदा वह कई बार झड़ चुकी थी । उसकी टाइट चूत की रगड़ से मैं भी झड़ने की कागार पर पहुच चुका था। आखिर में उसकी चूत में मैंने एक बार फिर अपना पानी डाल दिया ।



[Image: Z06.jpg]

मैंने अपनी पिचकारी उसकी चूत में छोड़ दी।

जब मेरे और जूनि के रस का आपस में मिलाप हुआ तो जूनि पलटी और हम दोनों के जवान पसीने से भीगे हुए शरीर भी एक दूसरे लिपट गये। जूनि निढाल हो कर लेट गयी । कुछ देर तक तो मैं अपना लंड उसकी चूत में डालकर ही बिस्तर पर पड़ा रहा। मेरा लंड धीरे-धीरे सिकुड़ने लगा। मेरे लंड के सिकुड़ते ही उसकी गांड से माल बाहर आने लगा। बिस्तर पर पड़े चादर पर माल बिखर गया। उसने चादर पर बिखरे हुए सारे माल को पोंछ कर उस पर लेट गई। मैं उसको प्यार से सहलाने लगा और किस करने लगा और जूनि की कमसिन नाजुक चूत बुरी तरह से सूज चुकी थी ।

इसी दौरान बिस्तर पर लेटे-लेटे और अपनी छोटी बहन की गरम सिसकियों को सुनते हुए ज़ीनत आपा को अपनी चूत में कसमसाहट महसूस हुई।

अपनी चूत पर खारिस करने के लिए ज़ीनत आपा ने ज्यों ही अपने हाथ से दुबारा अपनी चूत को छुआ तो ना सिर्फ़ ज़ीनत आपा के नीचे की चादर उसी की चूत के पानी से गीली हो गई। बल्कि उनका अपना हाथ भी उस की अपनी चूत के बहते पानी से भीग-सा गया।

अपनी चूत की इस काफियत पर ज़ीनत सन्न रह गई। क्योंकि उस ने तो कभी खवाब में भी नहीं सोचा था कि जूनी की चुदाई देख कर उनकी चूत अपना पानी इस तरह छोड़ने लगेगी कि उनकी चूत से निकलता हुआ पानी चूत से निकल-निकल कर उस की मोटी गान्ड की तरफ बहने लगेगा। उन्हें ये महसूस करके बहुत हैरत हुई।

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  7. मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

bahut hi erotic aur sex kahani. pahle bhi padhi hai magar har baar maza aata hai.
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#17
मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 16



दोनों कजिन्स चुदासी हुई 



सेक्स... एक ऐसा शब्द जिसको नवजात शिशुओं को छोड़कर हर कोई जानता है। दैनिक आधार पर हम प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कितनी ही घटनाये देखते हैं और देख सकते हैं जिनसे हम आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं कि कैसे लोग सेक्स के लिए मानसिक रूप से निराश हैं। चाहे रोड पर गन्दा कमेंट करने वाला कोई लड़का हो या छत के किसी कोने पर छूप कर किसी से कोई बात कर रहा हो या मोबाइल पर कोई परम देख या पढ़ रहा हो या फिर किसी लड़की को बुरे तरीके से घुरता हुआ कोई बुड्ढा अंकल हो या ओपन ब्लाउज से अपनी एसेट्स को दिखाती कोई लड़की या महिला हो। सेक्स का हर कोई प्यासा होता है, समय पर सेक्स करना उनका हक है कुदरती जरूरत है। लकिन ये हर किसी को टाइम पर नहीं मिल पाता, अगर मिल पाता तो कितनो की लाइफ में कभी भी कोई गलत कदम उठा ही नहीं होता।


[Image: e1.png]

उस दिन शाम को जब खेत से लोटा तो देखा की जूनि मेरे इंतज़ार में हवेली के गेट पर खड़ी थी। मुझे देखते ही शर्माकर अंदर चली गयी और खाना खिलाते वक़्त जब जीनत चल रही थी तो ज़ीनत की बड़ी-बड़ी गांड़ हौले-हौले हील रही थी और उसकी टाइट साड़ी से उसकी अंड़रवियर का उभार साफ़ दिख रहा था जिसे देख कर मेंरा लण्ड़ बुरी तरह से खड़ा हो गया। खाना खिलाने के बाद जूनि मेरे सामने खड़ी हुई शर्मा रही थी तो मुझे उसकी इस मनमोहक अदा पर बड़ा प्यार आया।

मेरे मुंह तो नया-नया खून (या चूत कहें?) लगा ही था। इधर ज़ीनत आपा भी पीरियड्स में कसमसा रहा थी और जूनि ने पहली बार चुदाई का मजा लिया था। दोनों कजिन्स आँखों ही आँखों में अपनी प्यास ज़ाहिर कर रही थी। जीनत आपा भी चुदाई के लिए बेचैनी से तिलमिला उठी थी।

जूनि का शर्मिलापन मेंरे लिये काफ़ी सुखद और आकर्षक था और जूनि का शानदार जिस्म, गोरा बदन, सुंदर चेहरा, बेह्तरीन चिकनी जांघे, बाहर की तरफ़ निकलती हुई गोल-गोल गांड और मदहोश करने वाली रसीली शानदार उभारों वाली उसकी दोनों छातियाँ।



[Image: e2.png]

मेंरा ध्यान पूरी तरह से जूनि की कड़्क जवानी के रस से भरपूर छातीयों पर ही था। झिनी साड़ी के भीतर से दिखने वाले उसकी छाती के क्लिवेज का तो मैं दिवाना बन गया था और मैं भी उसे बुरी तरह से घूर रहा था तो जीनत और जूनि दोनों पूरी तरह से समझ गयी थी कि मैं जूनि के कौन से अंग को निहार रहा हूँ। वह बुरी तरह से झेंप गयी, लेकिन हाय रे उसकी शरम वह चाह कर भी मेंरे सामने अपना पल्लु ठीक नहीं किया और मैं उसके शर्म का भरपूर फ़ायदा उठाते हुए उसके जिस्म को घूरने का पूरा मजा लेने लगा।

उसे देख मेरा लंड़ खड़ा हो गया और मुझे ऎसी ईच्छा हुई कि मैं इसे तुरंत नंगी कर ड़ालू और उसकी रसीली छातियों में भरे हुए जवानी के रस को जी भर कर पिऊ। कमसिन लड़की एक रात की चुदाई में ही चुदासी हो गयी थी मैंने उसे गोद में उठाया और चूमते हुए बिस्तर पर ले गया।

वो मेरे बिस्तर में ही मेरे साथ लेट गयी और हमने आज खेत पर क्या-क्या काम किया मैंने उसे सब बताया।

उस दिन खेत पर बहुत काम था इसलिए मैं बहुत थका हुआ था सो लेट गया और उसे चूमता रहा और उसकी दांई गांड़ से अपना हाथ घुमाते हुए उसकी बाई गांड़ पर घुमाते हुए उसके कमर और पीठ पर घुमाते हुए जूनि के कंधो पर रख दिया।

मेंरे हाथ उसके कंधो पर ठीक उसकी ब्रा की पट्टी पर थे, अब मैंने अपनी ऊंगलियों को ढीला छोड़ दिया और अब वह ठीक उस जगह के उपर थी जहाँ से उसके स्तन का उभार शुरु हो रहा था। बाते करते-करते मैं जूनि के बूब्स को दबाने लगा ।

जूनि बोली आज इतना काम किया है तो थक गए होंगे मेरी बांहो में ही सो जाओ, मैंने देखा की ज़ीनत आपा बहुत दुखी थी की ऐसी कमसिन अल्हड जिस्म की मल्लिका को छोड़ सलमान उसके पास तो बड़ी मुश्किल से ही आएगा।



में जैसे ही जूनी के साथ लेटा तो ज़ीनत भी मेरे बिस्तर पर मुझसे चिपक कर लेट गयी,। अब एक तरफ जीनत मेरे साथ चिपकी हुई थी और एक तरफ जूनि मेरे साथ चिपकी हुई थी और मैं उन दोनों को बारी-बारी किश कर रहा था। मैंने सोचा काश मेरी बाकी दोनों बीबियाँ आरसी और रुक्सार भी मेरे पास होती तो उनको नीचे और ऊपर लेता कर बॉक्स बना देता।



खैर चूँकि मैं थका हुआ था मैं 2 घंटे जम कर सोया और दोनों कजिन्स भी मेरे साथ ही सो गयी और जागने के बाद जीनत को चूमते-चूमते मैं उसके बूब्स को दबाने लगा।


[Image: KIS1.jpg]


जीनत की सांसे कुछ तेज हो गई थी और वह जरा जोर से गहरी सांस ले रही थी। गहरी सांसे लेने के कारण उसके स्तन उपर नीचे हो रहे थे, जब उसके दोनों स्तन उपर की तरफ़ उठते तो मेंरी उंगलियाँ उसके स्तनों के उभार शुरु होने वाले स्थान से काफ़ी नीचे तक अपने आप चली जाती और उसके स्तन का काफ़ी हिस्सा उससे छुआ जाता। मैं जीनत के शरीर से उसी तरह चिपका हुआ था जैसे लोहा चुंबक से। लेकिन इस तरह स्तन के छुआने से मेंरे लिये खुद पर कबू रखना मुश्किल हो रहा था। फिर मैं अपना हाथ जीनत की नरम गांड़ के पास ले गया, चार पांच बार हल्के से अपने हाथ को उसकी गांड़ से टकराने के बाद मैंने अपना हाथ हिलाना बंद कर दिया और मेंरा हाथ अब उसकी गांड़ से चिपक गया। 30-40 सेकण्ड़ तक उसी तरह से अपना हाथ का उपरी भाग उसकी गांड़ पर रखने के बाद मैंने फ़िर से अपने हाथ को घुमा लिया और अपनी हथेली को उसकी गांड़ से लगा दिया, अब उसकी गांड़ मेंरी हथेली में थी। मैंने अपनी हसीना की गांड़ को जरा जोर से दबा दिया और उसकी गांड़ में हल्के से हाथ घुमाते हुए उसकी अंडरवियर को तलाशते हुए अपना हाथ उसकी अंडरवियर के उभार पर रख दिया।


[Image: Z08.jpg]

जब मैंने ज़ीनत की गांड़ को जरा जोर से दबाया तो ज़ीनत ने कहा की कोई हर्ज़ नहीं है सलमान आज मेरे पीरियड्स का चौथा दिन है अब पीरियड्स बहुत हलके ही गए हैं और तुम तो मेरे को पीरियड्स में ही चोद दो और बोली तुम तो सिर्फ पड़े रहो तुम्हारा लंड खड़ा कर के में ही ऊपर से चोदूंगी और तुम्हारे को जन्नत की हूर कैसे चोदती है वह दिखाऊंगी।

में भी बड़ा लकी हूँ सारी कजिन्स किसी हीरोइन से कम नहीं थी, ज़ीनत सुष्मिता की तरह, जूनि तब्बू की तरह, रुक्सार रवीना जैसी और आरसी अमिशा जैसी। जूनि और रुखसार पतली कमर वाली, तो आरसी के पतले बदन पर हड्डिया बहुत सेक्सी थी।



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#18
मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 17

ज़ीनत आपा के साथ स्नान





फिर ज़ीनत आपा बोली मैं आती हूँ दो मिनट में और मैं अपनी चारो बीबियो की ख़ूबसूरती के बारे में सोच रहा था .

आपा आयी और बोली सलमान कल खेत पर काफी काम था और आप थक गए थे तो चलिए पहले थोड़ा फ्रेश हो जाईये। आपके स्नान के लिए आपका स्नानघर आपका इन्तजार कर रहा है । उसने स्नानागार की ओर इशारा किया। वाशरूम में एक छोटा स्टूल रखा हुआ था और उसके दाईं ओर गर्म पानी का एक बड़ा कुंड था। स्नानघर से पहले एक छोटा कपड़े बदलने का कमरा भी है . कमरे में प्रवेश करने पर ज़ीनत ने मेरी बाईं ओर इशारा किया और कहा, "सलमान यहाँ कपड़े उतारो. " दीवार पर मेरे कपड़े टांगने के लिए कई हुक थे और वहां बोथ टॉवल लटका हुआ था । और ज़ीनत बाथ रूम में चली गयी मैंने जल्दी से कपड़े उतारे और अपने कपड़े टांग दिए और फिर बाथ टॉवल अपने चारों ओर लपेट लिया। जैसे ही मैंने बाथ टॉवल को बंद किया, ज़ीनत एक धातु की बाल्टी लेकर वापस आ गई। लेकिन सबसे खास बात यह थी कि उसने अपना लाल रंग का नाईटगाउन अब निकाल दिया था । उसकी जगह एक बड़े सफेद तौलिये ने ले ली थी जिसे ज़ीनत ने अपने बायें हाथ के नीचे बांध रखा था। और सोचने के लिए, मैंने सोचा था कि मेरा लंड तो पहले से ही कड़ा था कठोर था! अब मेरा लंड फुल ऑन, फुल लेंथ पर पूरा उग्र था !





[Image: BATH0.jpg]


मैंने उसके पीछे बाथरूम में प्रवेश किया जैसे ही मैंने फर्श पर कदम रखा वह फिर बोली, "पहले हम धोते हैं, फिर स्नान करते हैं।" "हम"? उसका क्या मतलब था हम? ज़ीनत स्टूल के पास गई और बाल्टी नीचे रख दी। उसने मुझे अपने पास आने और स्टूल पर बैठने का इशारा किया।

मैंने अपने होश में इससे पूर्व पहले कभी किसी महिला के साथ स्नान नहीं किया था, और इसी कारण से विशेष रूप से मे लंड खड़ा हो गया था ।जैसे ही मैं स्टूल के पास रुका, मेरे प्रश्न का उत्तर मिल गया। ज़ीनत ने तुरंत अपना तौलिया खींच दिया और उसे स्टूल के ठीक सामने दीवार से जुड़ी एक छोटी कपड़े की छड़ पर लपेट दिया। जब वह वापस मुड़ी और अपने पूरे खूबसूरत नग्न शबाब में मेरे सामने खड़ी हो गयी और उसके होठों से एक मुस्कान और एक हल्की सी हंसी छूट गई। मेरा मुंह खुला हुआ था और लटक रहा था और मेरा इरेक्शन बाथ टावल के दो फड़कों से बाहर झाँक रहा था ।

फिर उसने मेरा टॉवल खोलना शुरू कर दिया।

मैं बस हेडलाइट्स के बीच में एक हिरण की तरह खड़ा था क्योंकि उसने मेरे टावल को खींच लिया और टावल को उसी कपड़े की छड़ पर लटका दिया, मैं पूरा नग्न उसके सामने था और मेरा 8 इंच का लंड उसके सामने गर्व से खड़ा हो गया।

"बैठिये ।" उसने स्टूल की ओर इशारा करते हुए और बाल्टी को पकड़ते हुए कहा।

"आपा मुझे माफ़ कीजियेगा ," मैंने सीट लेते हुए उससे कहा। "मुझे इसकी आदत नहीं है।" और आपको देख कर मुझे जो होता है वो तो मैंने आपको बताया ही है इसी कारण देखो मेरा लंड बिलकुल कड़ा हो गया है .

"यह सामान्य है. बस तुम इसके मजे लो ," उसने बाल्टी से साबुन के स्पंज को खींचते हुए उत्तर दिया और मेरे कंधों को सहलाना शुरू कर दिया, "मुझे भी इसकी आदत नहीं है।"




[Image: zbath1.jpg]

हालाँकि मैं आपा की चुदाई कई बार कर चूका था लेकिन कभी भी मैंने इससे पहले इस तरह मैं नहाया नहीं था जहाँ एक लड़की या स्त्री या महिला मुझे पूरा नंगा करके और खुद भी पूरा नंगी हो होकर मुझे नहलाय.

मैं आपा से नज़रें नहीं हटा पा रहा था। आपा के स्तन ठोस और दृढ़ थे, जिनके बीच में गहरे गुलाबी रंग के छोटे-छोटे गोले और कठोर हो चुके निप्पल थे। उसकी त्वचा एक चिकनी और गोरे रंग की थी, जो उनके के कोमल कर्व्स और टोंड टांगों से बहुत आकर्षक लग रही थी। लंबी नाजुक उंगलियों और मैनीक्योर किए हुए नाखूनों के साथ उसकी बाहें भी बहुत सुंदर लग रही थी । और उसकी योनि क्षेत्र पर हल्के बाल उग आये थे जिन्हे उन्हों साफ़ कर दिया था और योनि के थोड़ा ऊपर उसके सिर के बालो के रंग का एक छोटा त्रिकोण पैच बना लिया था । मेरी राय में, वह महिला सौंदर्य की सबसे उत्तम आकृति है। उसने पिछले दिनों का उपयोग अपनी काया को और सुंदर बनाने के लिए किया था .



[Image: BATH1.jpg]
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उसने मुझे स्पंज करना शुरू कर दिया पानी बहुत हल्का कुनकुना गर्म था . और मैं केवल बैठ और देख सकता था क्योंकि वह मेरे चारों ओर शान से घूम रही थी, मेरे सिर के ऊपर से मेरे पैरों के नीचे तक हर आखिरी इंच स्पंज से धो रही थी। कभी-कभी हमारी नजरें मिलतीं और वह मुझ पर मुस्कुराती, खासकर जब उसने मेरे लंड को धोने की प्रक्रिया शुरू की। ज़ीनत ने मेरे सामने घुटने टेक दिए और खुद को मेरे पैरों के बीच में कर लिया। मेरे खड़े लंड को अपने बाएं हाथ में धीरे से पकड़े हुए उसने धीरे-धीरे मेरे लंड को ऊपर से नीचे और फिर नीचे से ऊपर तक साबुन के स्पंज से थपथपाया। जब साबुन की झाग के कारण जब वह दिखाई नहीं दे रहा था, तो उसने स्पंज को वापस बाल्टी में रख दिया और दोनों हाथों से मुझे नीचे से ऊपर तक सहलाया। भावना अवर्णनीय थी! उसके कोमल हाथ मेरे लंड के ऊपर और नीचे फिसल रहे थे, साबुन से पर्याप्त रूप से चिकनाई थी और मैं लगभग स्खलित होने वाला था । और उसे पूरा यकीन था कि वह एक भी जगह नहीं चूकेगी। ऊपर से नीचे तक धीमे लेकिन दृढ़ स्ट्रोक के साथ, वह जल्दी से मुझे बिना किसी वापसी के बिंदु पर ला रही थी। जब मैंने जोर लगाना शुरू किया तो वह रुक गई और मेरे लेंस से उसने अपने हाथ को हटा लिया ।


ज़ीनत ने अपने चेहरे पर अजीब भाव से मेरी ओर देखा और जैसी उसकी आँखे बोली आपको यहाँ इस तरह स्खलित नहीं होना है और कहा, "अब हम धोते हैं।"


[Image: BATH2.jpg]

ज़ीनत मेरे सिर के ऊपर से बाल्टी उठाकर खड़ी हो गई। उसने मेरी तरफ कदम बढ़ाया, मैं उसकी गंध को बहुत स्पष्ट रूप से सूंघ सकता था, पहले उसने मेरे ऊपरबाल्टी का बचा हुआ पानी डाला गया, सभी अंगो को एक बार फिर झाग से धो दिया.

यह थोड़ा कम अच्छा था, लेकिन मुझे फिर भी अच्छा लगा क्योंकि इसमें जीनत आप के कोमल हाथो का स्पर्श शामिल था । जैसे ही मैंने अपनी आँखों से पानी पोंछा ज़ीनत ने लगभग तुरंत एक और बाल्टी पानी लिया । मैंने उसे फिर से बाल्टी उठाते हुए देखा और अपनी आँखें बंद कर लीं। इस बार पानी गर्म पहले त्से थोड़ा ज्यादा गर्म था, लेकिन साबुन की सुगंध के बिना था । जैसे ही यह मेरे शरीर पर पड़ा, मैंने वास्तव में साफ महसूस किया।

"अब हम नहाते हैं," उसने कहा और भाप के पानी के कुंड की ओर इशारा किया।

[Image: zbath2.jpg]

जैसे ही मेरा दाहिना पैर पानी में घुसा, मैं लगभग चौंक गया कि यह काफी गर्म था, लगभग दर्दनाक होने के बिंदु तक। कुछ झिझकने वाले क्षणों के बाद मैं पानी के ऊपर अपने सिर और कंधों के साथ आराम करते हुए, गर्म पानी में चला गया और नीचे झुक कर बाथ गया । ज़ीनत वापस छोटे कमरे में चली गयी और पानी की एक और बाल्टी लेकर लौट आयी । वह स्टूल पर बैठ कर सिर से पांव तक खुद को साबुन लगाने लगी। मैं वास्तव में शो का आनंद ले रहा था . उसने खुद को ऊपर उठाया, यह देखते हुए कि उसके निपल्स कितने सख्त हो गए जब उसने अपने गोल स्तन धोए । जब उसने साबुन लगाना समाप्त किया तो उसने अपने सिर पर बचा हुआ पानी डाला और सारा झाग धो दिया। फिर से उसने एक और बाल्टी निकाली और गर्म कुंड में आने से पहले खुद को फिर से धोया।



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"सलमान आपको पसंद आया ?" उसने धीरे से पानी में सरकते हुए पूछा
.


ईमानदारी से बोलों तो मैं नहीं जानता था कि वह किस बारे में बात कर रही थी। क्या उसका मतलब था कि क्या आपको अपना स्नान पसंद आया ? या उसका मतलब था कि क्या आप जो देख रहे हो वह आपको पसंद आया ? यह देखकर कि वह मेरे को उत्तेजित कर रही है और मेरा लंड खड़ा हुआ है मुझे लगता है कि वह बता जानती थी कि मुझे उसके स्नान का नजारा और उसके साथ स्नान करना और अपना इस तरह से स्नान बहुत पसंद आया है । मैंने एक आसान उत्तर चुना और कहा "हाँ। मुझे बहुत पसंद आया ।"

तब वह मुस्कुराई और कहा, "अच्छा।" और फिर मेरे पास आयी और मेरे से चिपक गयी और हमने कुछ देर किश की और उसने मेरे अंगो को छेड़ा और मैंने उसके अंगो को सहलाया , गर्म पानी के इस स्नान से मैं बिलकुल तरोताजा हो गया.


[Image: SHOWER1.jpg]

ज़ीनत पूल से बाहर निकली और दो बड़े तौलिये निकाले। एक को अपने चारों ओर लपेटकर उसने मुझे पानी से बाहर आने के लिए कहा, जिस पर उसने मुझे सिर से पाँव तक सुखाया। ज़ीनत को वापस बाथ टावल डालने के बाद मुझे वापस सोने के कमरे में ले गयी और लेटने के लिए कहा । लेटते ही मैंने अपनी खूबसूरत बड़ी बेगम की तरफ देखा।



"बहुत खूब!" मैंने अपने बगल में बैठी सुंदरता की युवा मूर्त अपनी बेगम को देखते हुए कहा, "यह अविश्वसनीय और शानदार था!"

"शुक्रिया !" उसने एक हल्के से झुकते हुए उत्तर दिया.


कहानी जारी रहेगी





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  7. मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ
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भाग 18

ज़ीनत आपा का स्तनपान



जब आपा झुकी तो मैंने उनका टॉवल खींच कर उनके बदन से अलग किया और दूर फेंक दिया।

ज़ीनत आपा ने दिन में पूरे शरीर की वैक्सिंग और अभी नहाने के बाद शरीर पर तेल लगाया था, जिससे शरीर पर बालों का नामोनिशान नहीं था, जिसके कारन कंधो से लेकर कमर तक उसकी नरम गोरी त्वचा से ढका नाजुक बदन बल्ब की रौशनी में संगमरमर की तरह चमक रहा था। मैं सर झुकाकर अधखुली आँखों से जीनत के नंगे खूबसूरत शरीर को देखने लगा। उसके स्तन कठोर होकर समाने की तरफ तने हुए थे, जब उसने अपनी तनी हुई चुचियाँ को मुझे ताकते हुए देखा तो ज़ीनत की सांसे तेज हो गयी। उसकी गरम-गरम सांसे मक्खन जैसे मुलायम गोरे-गोरे सुडौल स्तनों पर से होती हुई चुचियों पर जाकर लग रही थी। वह बला की खूबसूरत लग रही थी। उसके स्तन अभी भी किसी कुंवारी लड़की की तरह सुडौल, ठोस और सामने की तरफ तने हुए थे। वह दूसरी तरफ जाने लगी

मैं जीनत को अपने से दूर और फिर अपनी तरफ आते हुए देखता रहा, वह थोड़ा घुम कर मेरे पास दूसरी तरफ रखे कुछ फल और मेवे उठा लायी मैं उसे आते और जाते हुए देखता रहा उसके हर कदम के साथ उछलते, दोल स्तनों और कुल्हे और चूतडो में संतुष्टि का एक भाव था, चाल में एक मादकता थी।



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फिर वह मेरे पास बैठी और मुझे चूम लिया औअर मैंने भी उनके चुंबन का जवाब दिया। आपा ने फिर अंगूरों का गुच्छा मेरे आगे कर दिया और बोली नहाने के बाद-बाद मेरे बच्चे को भूख लगी होगी। , मैंने अंगूर खाया नहीं। तो ज़ीनत आपा ने ओंठो में बड़ी अदा से अंगूर दबाया और अपने ओंठ मेरे पास ले आयी और जैसे चिड़िया अपने चूजों को अपनी चोंच में भर कर खाना खिलाती है वैसे ही अपने ओंठ में अंगूर रखकर मेरे पास अपने ओंठ ले आयी।

आपा ने मेरे की को गले लगा लिया और जोर से मेरे से लिपट गयी और मेरी की बांह के ऊपर सिरे पर हलके-हलके हाथो से सहलाने लगी।

ज़ीनत आपा के लिपट जाने से उसके स्तन और चूची मेरे सीने से टकराने लगे। मुझे भी ज़ीनत के स्तन और चुचियो का अहसाह हो रहा था, ज़ीनत ने अपनी बांहों का कसाव बढ़ा दिया और स्तन और चूची ज्यादा कसकर मेरे सीने से रगड़ने लगी। इस रगडन से मेरे लंड में हल्की-सी हरकत हुई। उसे मेरा कड़ा लंड अपने बदन पर चुबता हुआ महसूस हुआ।

उसके कोमल शरीर को उसका अहसास साफ साफ़ हो रहा था, उससे चिपकी होने की वजह से वह मेरे लंड के अन्दर के तनाव को अपनी नाजुक कमर के निचले हिस्से और केले के तने जैसी चिकनी नरम गुदाज जांघो और चुतड़ो पर महसूस कर रही थी।

हल्की मादक कराह के साथ ज़ीनत ने अपन चेहरा बिलकुल मेरे सामने किया, मेरी आँखों में हल्का आश्चर्य था, इससे पहले मैं ज़ीनत की आंखे और पढ़ पाता, ज़ीनत ने अपने भीग चुके होठो को मेरे ओठो पर रख दिया, तो मैने आपा के ओंठो को चूम लिया और अंगूर को मेरे ओंठो पर दबाया और मैंने ओंठ नहीं खोले और अंगूर अंदर नहीं लिया। तो आपा ने मेरी आँखों में देखा और मुझे उनके दूध की तरफ देखते हुए पाया तो वह समझ गयी मुझे क्या चाहिए।

वो थोड़ी ऊपर हुई और अपने स्तन को मेरे ओंठो के पास लायी और बोली ओह मेरा बच्चा दूधु पियेगा और मैंने उसकी चूची पर अपनी जीभ फिराई और फिर आपा ने स्तन को जोर से मेरे ओंठो पर दबा दिया तो मैं उनकी चूची चूसने लगा, फिर मैं उन्हें छोटे बच्चे की तरह चूसने लगता। फिर आपा ने कुछ देर बाद अपना दूसरा स्तन मेरे मुँह में दे दिया और मैं जीभ घुमा-घुमा कर चाटते हुए चूसने लगा ..., कुछ देर तक मैं उनकी चूचिया चूसने लगा और बीच-बीच में चुचियो पर अपने दांत गडा देता, तो ज़ीनत के मुहँ से सीत्कार भरी सिसकारी फूट पड़ती।



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तो ज़ीनत ने अब अपने मुँह में लिया हुआ अंगूर एक हल्की मादक कराह के साथ अपना चेहरा बिलकुल मेरे सामने किया और ज़ीनत ने अपने भीग चुके होठो को मेरे ओठो पर रख दिया और अंगूर को मेरे ओंठो पर दबाया और मैंने ओंठ नहीं खोले अंगूर अंदर नहीं लिया। तो आपा ने अंगूर को आधा काट कर दबा दिया और उस अंगूर कर रस मेरे मुँह में बहने लगा।

गजब स्वाद था इस अंगूर का। रसभरा और मीठा जो आपा की लार से और मीठा हो गया था। आपा मेरे ओंठ चूसने लगी और मैं अपने ओंठ चुसवा रहा था धीरे से साँस लेटे हुए ज़ीनत ने अपने ओठ खोलकर अपनी जीभ को मेरे दांतों के बीच से होते हुए उसके मुहँ की तरफ ठेल दिया वह अपनी जीभमेरे मुहँ में डालकर डीप किस कर रही है।



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दोनों के मुहँ की लार एक में मिलने लगी। ज़ीनत आपा अपनी जबान से मेरी जबान चूस रही थी चूम रही थी। उनकी बड़े-बड़े स्तनों से भरी पूरी छाती, मेरे सीने से टकरा रही थी। मैं आपा के दोनों स्तनों का भरपूर कसाव दबाव अपने सीने पर महसूस कर पा रहा है, आपा की सांसे तेज चल रही और उसका पूरा शरीर उत्तेजना के कारन कांप रहा था।

उधर आपा की कराहे सुन कर जूनि भी जग गयी थी और वह लेटी-लेटी चुपचाप पहले तो हमें चूमते और चाटते हुए देखती रही। फिर कुछ देर बाद उसने भी ने भी अपने हाथ ज़ीनत आपा की कमर पर रख दिए और हलके-हलके सहलाते हुए पीठ पर ऊपर बांहों तक ले जाने लगी, थोड़ी देर के बाद सहलाने से ज़ीनत आपा के बदन का कसाव मेरे बदन पर बढ़ गया, पीठ पर ऊपर की तरफ हाथ ले जाकर मैं भी ज़ीनत आपा को बाहो में कसने की कोशिश करने लगा। जिससे पहले से ही सीने से रगड़ रहे कुचल रहे ज़ीनत के बड़े स्तन और कसकर मेरे सीने से रगड़ने लगे। ज़ीनत आपा के शरीर की कंपकपी बता रही थी की उनकी उत्तेजना बहुत बढ़ गयी है, जूनि को भी ज़ीनत आपा की कंपकपी से उनकी उत्तेजना पता लग रही थी, ये सेक्स की लालसा जूनि और मेरे को भी उत्तेजित कर रही थी और जीनत की हरकतों से जूनि और मेरी उत्तेजना और बढ़ रही थी।

ज़ीनत और मेरे अन्दर वासना का समन्दर हिलोरे मार रहा था ऐसे में जूनि कहाँ से खुद को रोक पाती। ज़ीनत ने मेरे ओठो से ओठ हटा लिए, जूनि अपने चेहरे को मेरे गालो पर रगड़ने लगी, मेरे कानो में फूंक मारने लगी। इसी बीच जूनि का एक हाथ ज़ीनत के स्तन को मसलते हुए दोनों के चिपके शरीरो के बीच से फिसलता हुआ जीनत की छाती तक पंहुच गया और जूनि अपने हाथ से जीनत आपा के स्तनों को दबाने लगी।

दूसरी तरफ ज़ीनत की कमर के आस पास एक नयी झुनझुनी दौड़ गयी जब मेरा एक हाथ ज़ीनत की मखमली नरम जांघ पर हाथ फेरते हुए आगे कमर की तरफ बढ़ने लगा।

तो जीनत एक दम से रुक गयी और अलग हो गयी और धीरे से मेरे हाथ अपने स्तनों पर रख कर उन्हें दबाने लगी मानो कह रही हो सलमान आपको आज केवल मेरे स्तन दबाने की इजाजत हैं बाकी सब मैं करुँगी।


खैर फिर ज़ीनत ने मेरे को खूब प्यार किया मुझे चूम और मेरे ओंठ चूसे और मेरे निप्पल्स को अपने थूक गिला कर खूब चाटा और फिर धीरे से मेरे जिस्म को सहलाते हुए ज़ीनत का हाथ मेरे लंड तक पंहुच गया था उसने लंड को कसकर पकड़ लिया।



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ज़ीनत ने जैसे ही मेरे लंड को पकड़ा वैसे ही मेरी कमर ने उत्तेजना की कारन झटके लगने शुरू हो गए थे, जीनत ने एक हाथ से गरम, खून से भरे मांस की गरम राड, लोहे की तरह सख्त लंड को कसकर पकड़ा, दुसरे हाथ से उसने मेरे टॉवल गाउन को किनारे कर निकाल दिया और-और लंड को बाहर निकाल लिया, मेरा बड़ा कठोर लंड पत्थर की तरह कठोर हो चूका था। ज़ीनत ने लंड को जड़ से पकड़कर जोर से ऊपर नीचे किया और अपनी जीभ से अपने ओठो को गीला किया और तेज खून के बहाव के चलते कांपते लोहे की तरह सख्त हो चुके लंड को भूखी नजरो से देखते हुए ज़ीनत ने फुर्ती से पास रखा एक आयल निकाला और अपने हाथ पर तेल डाला और लंड के चारो और तेजी से हाथ ऊपर नीचे करने लगी। ज़ीनत का हाथ नीचे जाते ही तेल से सना सुपाड़ा चमकने लगता और ऊपर आते ही ज़ीनत के हाथ में गुम हो जाता। तेल लगाने से अब ज़ीनत के हाथ आसानी से मेरे लंड पर फिसल रहे थे।



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जैसे जैसे जीनत खड़े लंड पर हाथ फिराने को लयदार करती उसी तरह मेरी कमर झटके मारती रही। मामला अब मेरे नियंत्रण से बिल्कुल बाहर था जो जीनत कर रही थी उसी के हिसाब से मेरा शरीर अपनी प्रतिक्रिया दे रहा था। धीरे-धीरे ज़ीनत ने स्ट्रोक्स की रफ़्तार बढ़ा दी, बीच-बीच में उत्तेजना से सुख रहे ओठो पर अपनी जुबान फिराती रहती। अब उसने लंड पर हथेली की कसावट और तेज कर दी थी और अपनी पूरी स्पीड से लंड के अपने हाथ को ऊपर नीचे करने लगी। तभी लंड के सुपाड़ा फूलने लगा तो ज़ीनत ने हाथो के ऊपर नीचे करने की स्पीड कम कर दी और फिर धीरे-धीरे सुपाडे को दबाते हुए प्यार से उंगलियाँ लंड के सुपाडे पर फिराने लगी।



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भाग 19

लंड चुसाई और चुदाई 





मैं बेड पर चित लेटा हुआ था और जीनत मेरे लंड की टोपी पर अपने नरम उंगलिया फिरा रही थी । फिर उसे लंड को छोड़ा और मुझे किस किया। मेरे लेटे हुए होने और ज़ीनत के उस प्यार के कारण मेरा लंड किसी सांप की तरहा खड़ा झूमने लगा था।


[Image: HJ1.jpg]से उसने फूले हुए, खून से भरे फड़कते तने लंड को पकड़ कर नीचे की तरफ झुकी और पोजीशन बनाकर ऐसे झुकी की लंड उसके मुहँ के सामने आ गया। जब लंड की टोपी ज़ीनत के मुहँ से बस एक इंच दूर रहा गयी तो आपा ने थोड़े से ओठ खोले और एक हल्की-सी फूंक लंड की टोपी पर मारी। और उसकी फूक के साथ उसका कुछ थूक लंड पर गिरा पर लंड इतना गर्म था कि लंड पर से भाप उठने लगी और जिसे देख ज़ीनत की आँखे चौड़ी हो गयी उसकी उंगलियों ने हलके-हलके फिर से लंड को रगड़ना शुरू कर दिया था।

मैं दर्द और मजे से कराहने लगा। आह आह! उसके बाद ज़ीनत ने ओठो पर जीभ फिरा कर उसको गीला किया। और फिर लंड की एक बार किश किया । लंड से भाप फिर उठने लगी और आपा को स्वाद अच्छा लगा आपा ने मेरे लंड पर फिर मैं ने झुक कर लंड की टोपी से अपने होंठ मिला दिए. अब आपा ने के लंड की टोपी का ऐक लंबा किस लिया फिर जब आपा ने अपने होन्ट लंड की टोपी से हटाये तो टोपी के सुराख से परिकम का ऐक कतरा निकल आया। फिर थोड़ा-सा और झुक कर ओंठ खोले पूरी जीभ बाहर निकाल ली। जीभ का अगला हिस्सा सुपाडे के छेद तक पंहुच गया था। आपा ने अपनी ज़बान से कतरे को पूरी टोपी पर फेला दिया और फिर मैं टोपी को मुँह में लेकर चूसने लगी।

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प्रीकम की बूंदों के स्वाद ने ज़ीनत की हवस और बढ़ा दी। अब उसकी काम वासना और ज्यादा भड़क गयी, काफ़ी देर तक आपा ने लंड की टोपी को चूसा फिर वह मेरे लंड को चारों तरफ से अपनी ज़बान से चूम और फिर चाटने लगी। आपा जितनी हवस की भूख को शांत करने की कोशिश करती उतना ही हवस की आग भड़कती जा रहा थी।



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आपा से लंड चटवाने का मेरा ये पहला सेक्स एक्सपीरियेन्स था, इस लिए मैं अपनी आन्खै बंद किए मदहोश हो रहा था। आपा अब पागलों की तरहा चारों तरफ से मेरे लंड की टोपी को चाट रही थी ।

ज़ीनत के जीवन में ये पहला मौका था जब वह लंड चूस रही थी। आज उन्होंने अपने शौहर का लंड पहली बार मुहँ से लगाया था। एक दो बार लंड की टोपी चाटने के बाद ज़ीनत ने थोड़े और ओठ चौड़े किये और मुहँ खोला। धीरे से मेरे के लंड की टोपी के चारो ओर ओंठो का घेरा बना लिया। लार से सनी लसलसी जीभ अब लंड की टोपी के चारो ओर घूम रही थी।


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मेरी सेक्सी कराहे उसकी उत्तेजना के साथ बढ़ रही थी, ज़ीनत अपने हाथ को फिर से लंड की जड़ में ले गयी और लंड के सुपाडे के थोड़ा-सा और मुहँ के अन्दर ठेल दिया, देखते ही देखते, खून से भरा लाल सुपाडा ज़ीनत के गीले और गरम मुहँ में समा गया। फिर आपा ने मेरा पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया जो आप के गले के अंदर तक गया फिर वह मेरा लंड दबा कर मज़े से चूसने लगी। जैसे ने ज़ीनत ने लार से भरा मुहँ से मेरे हिलते हुए लंड के सुपाडे को पहली बार चूसा, मेरे मुहँ से हल्की-सी मादक आह निकल गयी।

इस बीच मैंने जूनि की तरफ देखा जूनि दूसरी तरफ लेटी हुई मेरे लंड की चुसाई देख रही थी और उसके हाथ अपने बूब्स को दबा रहे थे ।

ज़ीनत की लार से सनी गुनगुनी जीभ मेरे फूले हुए लाल टोपी के चारो तरफ नाच रही थी बीच-बीच में मुहँ खोलकर वह अपनी लम्बी जीभ लंड पर फिराती हुई नीचे की तरह ले जाती और फिर शरारतपूर्ण तरीके से वापस मुहँ में ले आती और ओंठो से लंड को चूस लेती।

ज़ीनत के लंड के सुपाडे पर जीभ फिरा रही थी। सुपाडे को जीभ से चाट रही थी और फिर चूस रही थी जैसे कोई लोलीपोप चूसता है।



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उसके बाद ज़ीनत ने मेरे लंड की टोपी को कसकर ओठो से जकड लिया। ओठ बंद करके और धीरे-धीरे अपना सर हिला कर टोपी चूसने लगी, जैसे बच्चे टॉफी चूसते है, मैं मजे ले रहा था और बेसाख्ता कामुक लम्बी कराहे भर रहा था। मेरा लंड उत्तेजना के कारण फटने की स्थिति में थाl

कुछ देर बाद अचानक मेरा हाथ ज़ीनत के सर तक पंहुच गया, और आपा के बालो को मजबूती से पकड़ लिया और उसके सर को नीचे की तरफ ठेलने लगा। ज़ीनत इस तरह के हमले के लिए तैयार नहीं थी। उसे पूरा लंड गटकना पड़ा। मेरा लम्बा बड़ा लंड उसके ओठो को चीरता हुआ, खुरधुरी जीभ पर से गुजरता हुआ ज़ीनत के गले तक पंहुच गया जिससे उन्हें लगा की उनका गला घो स घुट रहा है अन्दर की साँस अन्दर रह गयी बाहर की बाहर। कुदरती तौर पर उनको को तेज खांसी आ गयी लेकिन मुहँ में पूरा लंड होने की वजह से घुट कर रह गयी।



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ज़ीनत ने मुहँ से ही लम्बी साँस ली और मेरे लंड की जड़ के चारो ओर सख्ती से अपने ओठ कसे दिए और इससे ज़ीनत के मुहँ में मेरे फूले हुए कठोर लंड पर ज़ीनत के दांत लग सकते थे ये बात ज़ीनत भली भांति जानती थी।

ज़ीनत ने अपना हाथ मेरे हाथ पर रखा और हाथ पीछे किया जो मुझे रुकने को सन्देश था। फिर ज़ीनत आपा ने झटके से-से खुद को अलग किया, खांसी और फिर कुछ लम्बी साँस ली, जैसे किसी का कुछ देर तक गला दबाये रखो फिर छोड़ दो। ज़ीनत की हालत भी कुछ ऐसी हो गयी थी। उसने दो तीन सांसे जोर-जोर से ली फिर बोली आप मुझे अपने तरीके से चूसने दो। मैंने पहले भी कहा था आज आपको कुछ नहीं करना है अगर अब आपने कुछ मेरे साथ किया तो मैं आप से कभी भी नहीं चुदवाउंगी । तुम तो सिर्फ पड़े रहो तुम्हारा लंड खड़ा कर के में ही ऊपर से चोदूंगी और तुम्हारे को जन्नत की हूर कैसे चोदती है वह दिखाऊंगी।




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उनके तेवर देख मैंने उनके के सर से तुरंत हाथ हटा लिया। और अपने हाथ अपने कानों पर ले गया और बोला सॉरी आपा । मैंने कुछ नहीं किया । इतना मजा आ रहा था कि मैं अपने इख्तियार से बाहर हो गया था और अपने आप मेरे हाथ आपके सर पर चले गए. तो आपा बोली जूनी तुम आमिर के हाथो का ध्यान रखना आमिर के हाथ ज्यादा न भटके




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और फिर आपा थोड़ा मेरा पास इस तरह बैठ गयी की अब मेरे हाथ उनके बूब्स पर जा रहे थे उन्हेने मेरे हाथ अपने बूब्स पर रखे ौरः थोड़े से दबाये और मुझे उनसे खेलने का इशारा किया और मुझे करने दो। मैं कर रही हूँ, तुम्हे मजा आ रहा है बस मजे लेते रहो।

इतना कहकर ज़ीनत ने फिर से मेरे लंड पकड़कर मुहँ में ले लिया और कसे ओठो के साथ पूरा अन्दर लेती चली गयी। मैंने आपा के बूब्स को हलके-हलके दबाने लगा ।

पहले वह जहाँ सिर्फ सुपाडे से खेल रही थी अब पूरा लंड मुहँ में लेकर चूस रही थी। ज़ीनत के कसे ओठो से गुजरता हुआ लंड पूरा का पूरा मुहँ में समा गया और फिर एक झटके में दिर ऊपर ले गयी और लंड बाहर आ गया लेकिन फिर भी टोपी ज़ीनत के मुँह में ही थी। उन्होंने अपने हाथ की उंगली और अंगूठे से एक छल्ला-सा लंड की जड़ में बना लिया था। इससे वह लंड के इधर उधर भागने या तिरछा हो जाने को रोक रही थी। बार-बार ज़ीनत गर्म खून के भरा, फड़कता गरम लंड अपने नरम-नरम गुनगुने गीले मुहँ में अंदर बाहर कर रही थी और फूला हुआ फड़कता सुपाडा जीभ की पूरी लम्बाई तय करके मुहँ के आखिरी छोर गले तक जा रहा था। आपा पहले धीरे-धीरे फिर स्पीड बढ़ा कर तेजी से अपना सर लंड पर ऊपर नीचे करने लगी । लंड अधिकतम जितनी गहराई तक मुहँ में जा सकता था जा रहा था। ज़ीनत की लार भरी जीभ लंड को गीला कर रही थी। इससे लंड आसानी से अन्दर बाहर हो रहा था। कमरे में बस लंड चूसने और मेरी कराहने की आवाजे ही सुनाई पड़ रही थी।






ओह्ह आअह्ह्ह उफफफ-उफफफ हाये चूसो । और चूसो ऐसे ही वाह आपा मजा आ गया ओह्ह्ह आह

वो मेरे लंड को और ज्यादा कसकर पकड़कर आक्रामक और वाइल्ड तरीके से चूसने लगी, ऐसा लग रहा था जैसे सालो से इस लंड की भूखी हो।

मैं आनद में गोते लगाते हुए-आह आपा बहुत मजा आ रहा है, क्या लंड चूसती हो आप। आह-आह आह...और जोर से और अन्दर तक लेकर चूसो आह-आह अह्ह्ह्ह। में भी ज़ीनत के ब्रैस्ट दबाने लगा और उसके निप्पलों को मरोड़ने लगा

ज़ीनत के शरीर में पहले से भी ज्यादा तेज सिहरन दौड़ गयी। ज़ीनत ने अब पागलो की तरह मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया। और उत्तेजना के मारे लंड पर दांत भी लगाने लगी, फिर और जोरदार तरीके से लंड को चूसने लगी। ज़ीनत लंड पर पूरी तरह झुककर तेजी से पागलो की तरह लंड को बेतहाशा मुहँ में पूरा का पूरा ले रही थी, इससे मेरे कराहने की आवाज और बढ़ गयी।



[Image: z1.jpg]

में भी ज़ीनत के ब्रैस्ट निचोड़ने लगा और उनके नीपल्लो को खींचने और मरोड़ रहा था और फिर हवस की आग ऐसी भड़की की ज़ीनत के होंठो से चुसवाते हुए मेरा 90 डिग्री पर खड़ा लंड ज़ीनत ने अपने मुँह से निकाल कर अपनी चूत का मुंह सुपारे पर रख एक ही धक्के में पूरा लंड घप्प से अंदर ले लिया और मेरे हाथ ज़ीनत के बूब्स पर थे और वह मेरे लंड पर उछल कर मुझे चोद रही थी ।





मेरे मुँह से ऐक सिसकारी निकली और मैं ने खुद नीचे से अपने चूतड़ को उछाला और मेरा पूरा लंड ज़ीनत ने अपनी चूत में ले लिया, आपा ऊपर हुई और फिर लंड टोपी तक चूत से निकाला और फिर ऐक झटके से उसने वापिस चूत में ले दिया, अब आपा के मुँह से भी सिसकारी निकली और फिर मैं भी खूब ज़ोर-ज़ोर से झटके मारने लगा.


मुझे बोहत मज़ा आरहा था और आपा बुरी तरहा से सिसकने लगी, आआआअहह-आआआअहह उूउउफफफफफफफफफफफफ्फ़ और ज़ोर जोर से उछलने लगी आआअहह ऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईई मुझे बोहत माज़ा आरहा है मेरी जान । मैं उसके बूब्स दबा रहा था उउउउउउउउउउउफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ् फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ,




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जूनि भी हमारी चुदाई देख मस्त हो गयी और वह मुझे चूमने लगी और फिर उसने अपनी चूत मेरे मुंह पर रख कर ज़ीनत को चूमने लगी और मेरी जीभ उसकी गुलाबी चूत की क्लिट पर थी और ज़ीनत की क्लिट मेरे लंड से टकराने लगी और नीचे से सुष्मिता-सी ज़ीनत की मखमली गद्देदार चूत का मज़ा और मुंह पर अल्हड कमसिन जूनि की तब्बू जैसी चूत, मेरे बड़ो का ऐसी हूरो को पैदा करने के लिए शुक्रिया, और जूनि आई अहहा पिशाब निकल जायेगा कह कर झाड़ गयी और उसकी खट्टी-खट्टी चूत के जूस को मैं पी गया इतने में ही ज़ीनत भी झड़ चुकी थी और पस्त हो गयी थी । उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और उसका जिस्म ढीला पड़ गया।

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  3. अंतरंग हमसफ़र

  4. पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ एक नौजवान के कारनामे

  5. गुरुजी के आश्रम में सावित्री

  6. छाया - अनचाहे रिश्तों में पनपती कामुकता एव उभरता प्रेम

  7. मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ
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