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12-01-2019, 10:17 PM
(This post was last modified: 21-11-2023, 05:15 PM by badmaster122. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
(मैंने बेशरमी से बहु के बुर की बात कह डाली।।। बहु मेरे मुह से बुर वर्ड सुन कर शॉक हो गई।। और मेरा मुह बंद करने के लिए उसने अपना हाथ मेरे मुह पे रख दिया लेकिन ये वही हाथ था जिससे बहु ने अपनी चुत में ऊँगली की थी। मैं पागलों की तरह बहु के हाथ चाटने लगा। बहु शर्मा गई।।)
सरोज - बाबूजी।। हुमे साथ नहीं सोना चहिये।। ये आपको क्या हो रहा है।। ? प्लीज रुक जाइये।
मै - मैं रुक जाऊंगा बहु बस एक बार मुझे अपनी गरम बुर (चुत) छूने दो।
सरोज - नहीं बाबूजी।।
मै - प्लीज बहु मैं जानता हूँ ये गलत है लेकिन मुझे बस एक बार अपनी गरम जवान बहु का बुर छूना है
सरोज - नहीं बाबूजी।। मैं नहीं कर सकती अगर आपको मेरे बुर का पानी पीना है तो मैं अपनी ऊँगली डाल के आपके मुह में देती हूँ बस। ये ठीक है?
बहु के मुह से बुर वर्ड सुन मैं पागलों की तरह लंड हिलाने लगा।। और बोला।मैं बहु को खुलता देख और गन्दी बातें करने लगा
मै - ठीक है बहु मैं नहीं छुऊँगा लेकिन फिर तुम्हे मेरे लंड से पानी निकालना होगा।।
सरोज - मैं कैसे कर सकती हूँ बाबूजी।।?
मै - देखो बहु झूट मत बोलो मुझे पता है तुम्हे भी मेरे लंड का स्मेल पसंद है, और शाम को तो रूम साफ़ करते वक़्त मेरे लंड का पानी तुम्हारे चेहरे पे गिर गया था।
सरोज - वो सब अचानक हुआ था बाबूजी।। प्लीज मैं आपका लंड नहीं छूवूँगी।। प्लीज आप मेरे ससुर है।
मै - ठीक है बहु फिर मैं तुम्हारे सामने मास्टरबैट करुँगा और शाम की तरह तुम्हारे चेहरे पे अपने लंड का पानी निकालूंगा। बोलो बहु।।
सरोज - ठीक है बाबूजी।। लेकिन जल्दी कीजिये शमशेर अंकल क्या सोचेंगे?
(मैं अपना लंड हाथ में लेकर बहु के पास बैठ गया, बहु के चुचि से चादर हटा दिया और बहु के बड़ी बड़ी चूचि और निप्पल देख मुट्ठ मारने लगा। मेरा लंड बहु के होठ के काफी क़रीब था और बहु बेशरमी से कभी मुझे तो कभी मेरे लंड को देख रही थे) थोड़ी देर बाद मेरे लंड से गाढ़ा सफ़ेद पानी बहु के होठ पे गिरा और फिर उसके पूरे चेहरे पर गिरने लगा।।
आज मुझे अपनी ही बहु के मुह पे मूठ मार कर बहुत सटिस्फैक्शन मिला। बहु ने अपना मुह पोंछा और बोली।।
सरोज - बाबूजी।। आपने तो मेरा पूरा मुँह गन्दा कर दिए कितना सारा मूठ निकला है आपका?
मै - हाँ बहु।। तुम्हारी जैसी बहु हो तो किस ससुर का मुठ नहीं निकलेंगा।
सरोज - मुस्कराते हुवे बोली।। आपको बहु पसंद है न? लेकिन प्लीज वादा कीजिये आज के बाद आप ऐसा नहीं करेंगे।
मै - बहु को आँख मारते हुए।। ठीक है बहु।। लेकिन अगर बहु का मन करे तो?
सरोज - (हँसते हुए।। ) नहीं होगा बहु कंट्रोल कर लेगी।
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Jeth ji ne coching class ke bahane choda
https://youtu.be/lCGA4_NEqZU
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(12-01-2019, 10:16 PM)Karishma saxena Wrote: NICE update
Thanks
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Good story bro keep fast update thanks.
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13-01-2019, 11:38 PM
(This post was last modified: 29-11-2023, 05:10 PM by badmaster122. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
बहु के मुह पे अपना मूठ निकाल के मुझे काफी सटिस्फैक्शन हुआ, मैं रिलैक्स होने के बाद वहीँ बहु के बगल में सो गया। बहु भी अपना मुह पोंछ अपनी पेटीकोट पहन मेरे बगल में लेट गई।
सूबह जब मेरी नींद खुली तो बहु कमरे में नहीं थी, शायद वो किचन में काम कर रही थी। मैं हाथ मुह धोकर कमरे से बहार आया, हमेशा की तरह बहार हॉल में शमशेर न्यूज़पेपर पढने के बहाने मेरी बहु की जिस्म के नुमाईश का जायजा ले रहा था।
मै - गुड मॉर्निंग शमशेर आज सुबह-सुबह उठ गया तु।।
शमशेर - गुड मॉर्निंग हाँ देसाई, कल रात जल्द ही सो गया था इसलिए जल्दी उठ गया।
मै - कैसी रही नींद?
शमशेर - अच्छी।।। तेरी बहु सरोज को याद कर थोड़ी देर जागा रहा रात में फिर अपनी पिचकारी से तेरी बहु के नाम की सफ़ेद पानी निकाल कर सो गया।
मै- साला तु नहीं सुधरेगा
शमशेर - क्या करूँ मेरी किस्मत तेरी तरह तो नहीं न की बहु के कमरे में सो सकूँ। लेकिन देसाई जी नुक़्सान भी है आप बहु के कमरे में सोते हो तो आप चाह के भी मुठ नहीं मार सकते है न?
मै- चुपकर।। (मैं सोचता हुआ की शमशेर तुझे क्या मालूम मैंने कल रात सिर्फ मुठ ही नहीं मारी बल्कि बहु के मुह पे गिराया भी वो भी बहु के मर्ज़ी से।। )
मै - हाँ शमशेर, ये प्रॉब्लम तो है
शमशेर - देसाई आज सुबह से मैं यहाँ बाहर बैठा हूँ लेकिन बहु पास नहीं आयी मेरे वहीँ किचेन में काम कर रही है, बड़ा मन हो रहा है उसकी डीप नाभि और मोटी मोटी गांड देखने का।
मै - चुप हो जा, बहु ने सुन लिया तो क्या सोचेगी।
मै - चलो अब हमलोग मॉर्निंग वाक के लिए चलते हैं मैं बहु को भी बुलाता हू।
मै - बहुउउउ।।।।।
सरोज - जे बाबूजी आयी।।
सरोज पहले से ही एक पिंक कलर का मिड ड्रेस पहनी हुई थी, उसकी गोरी और मोटी जाँघें सुबह-सुबह हमे पागल बना रही थी।।
सरोज - बाबूजी मैं तैयार हूँ चलिये
सरोज, शमशेर और मैं मॉर्निंग वाक के लिए निकल पडे। शमशेर और बहु मेरे आगे-आगे चल रहे थे और मैं पीछे बहु के गांड पे नज़र गड़ाए चल रहा था। मैं सोच रहा था की कल रात जो भी हआ, उसके बावजूद बहु कितने आराम से बातें कर रही है जैसे मानो कुछ हुआ ही न हो। क्या ये मेरी बहु है जिसके मुह पे कल रात मैं अपना लंड का पानी निकला था। क्या मेरे बेटे ने कभी भी मेरी बहु के मुह में अपना पानी छोड़ा होगा? मेरे अंदर काफी सारे सवाल आ रहे थे मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था की मैं अपनी बहु के साथ इतना कुछ कर सकूँगा वो भी इतनी जल्दी।
बीते रात की बात सोच मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं जैसे तैसे वाक पूरा कर घर आ गया।
दोपहर १ ओ कलॉक हम तीनो डाइनिंग टेबल पे बैठ कर लंच कर रहे थे। मेरे बगल में बहु वाइट कलर सलवार सूट पहन के बैठी थे और मेरे ठीक सामने दूसरी तरफ शमशेर।
हम सब कुछ-कुछ बातें कर रहे थे, मैंने बातो ही बातों में अपना एक हाथ बहु के जाँघो पे रख दिया। बहु ने तुरंत मेरा हाथ हटा दिया मैं फिर से बहु के जाँघ पे हाथ रख दिया और सहलाने लगा। इस बार बहु चुपचाप थी और अपनी नज़र झुकाये लंच करती रही।
मै - बहु जरा रोटी देना एक और।। (ऐसा कहते हुये मैंने अपना हाथ बहु के बुर के पास ले गया और जोर से दबा दिया )
सरोज - ये लिजीये बाबू जी।। (बहु ने एक नज़र शमशेर को देखा)
मै - *डबल मीनिंग में* वह बहु।।। तुम्हारी रोटी कितनी गरम और फूली हुई है।। (मैं बहु की बुर वाइट सलवार के ऊपर से सहलाते हुये कहा।)
बहु मेरा इशारा समझ रही थी की मैं रोटी की नहीं उसकी फूलि हुई और गरम बुर की बात कर रहा हू।
सरोज - हाँ बाबूजी बहुत गरम है।।
शमशेर - हाँ बहु तुम रोटी बहुत अच्छी बनाती हो। लेकिन बहु तुम इतना घी क्यों लगाती हो रोटी में।
मै - *डबल मीनिंग* शमशेर, बहु की रोटी का घी ही तो टेस्टी है। मुझे तो बहु की रोटी से निकलता हुआ घी बहुत पसंद है। बहु के रोटी में जितना घी उतना मजा।।
मै - (एक हाथ से रोटी को उठाते हुए।। ) देखो बहु कितना सारा घी निकल रहा है।। (ऐसा कहते हए मैंने बहु के बुर के बीच अपनी ऊँगली घुसा दी।।) क्यों बहु घी निकल रहा है ??
सरोज - हाँ बाबूजी, बहुत ज्यादा घी निकल रहा है मेरी रोटी से।। अब खा भी लीजिये।।देखिये न आपकी पूरी ऊँगली भींग गई मेरे घी से।
मै - (अपनी ऊँगली चाटते हुये।) बहु तुम तो जानती हो मुझे चाटना अच्छा लगता है। (इस बार मैंने अपना दूसरा हाथ बहु के बुर से हटा कर अपने जीभ से चाट लिया)
शमशेर - (हँसते हुए।।) देसाई, तुम्हारे इस हाथ में घी लगा है और तुम दुसरा हाथ चाट रहे हो ??
मै - अरे शमशेर, तुम नहीं जानते इस हाथ में भी बहु की रोटी का घी लगा है, इसकि स्मेल भी अच्छी है और चाटने में स्वाद भी।
इतना सब डबल मिनिंग बात कर मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो चूका था, मैंने बेशरमी से टेबल के नीचे बहु के सामने ही अपना लंड बहार निकाल लिया और रब करने लगा।
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13-01-2019, 11:56 PM
(This post was last modified: 29-11-2023, 05:20 PM by badmaster122. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
बहु चोरी से अपनी तीरछी नज़र से मेरे लंड का स्किन ऊपर नीछे जाते देख रही थी। दूसरी तरफ बैठा शमशेर इन सब हरक़तों से अन्जान था।
मै - (मुठ मारते हुए। ) बहु क्या हुआ तुम ठीक से खा नहीं रही। ?
सरोज - कुछ भी तो नहीं बाबूजी मैं खा तो रही हूँ।
मै - नहीं बहु लगता है तुमने सारी घी वाली रोटियां मुझे और शमशेर को दे दी और खुद सूखी रोटी खा रही हो।।
शमशेर - बहु ये गलत है, तुम मेरी ये घी वाली रोटी ले लो और मुझे सूखि वाली दे दो।।
मै चेयर पे बैठा मुठ मार रहा था, और ५-६ बार स्ट्रोक मारते ही मेरे लंड का पानी मेरी हथेली पे ही निकल गया। बहु ने मेरा मुठ निकलते हुए देख लिया लेकिन वहां शमशेर के होने के वजह से कुछ नहीं बोल पायी और चुपचाप खाना ख़ाति रही।
मै - बहु।।।लाओ रोटी इधर दो।। मेरे हाथ में घी लगी है मैं लगा देता हू। (बहु ने कोई रेस्पोंस नहीं दिया )
मै - (अपना हाथ आगे बढाते हुए बहु की रोटी उठा ली और उसपे अपने हथेली का सारा मुठ फैला दिया) ये लो बहु।। थोड़ा मेरे भी घी का स्वाद चख लो।
सरोज - जी बाबूजी।। (सरोज ने मेरे सफ़ेद मुठ से भीगी रोटी को तोड़ अपने मुह में डाल लिया)
मै - कैसी लगी बहु।।?
सरोज - अच्छी बाबूजी।। बहुत अच्छी।।
बहु के इस हरकत को देख मैं काफी एक्साइटेड हो गया, मेरी रंडी बहु कितनी बेशरमी से मेरा मुट्ठ चाट रही थी। हमसब लंच ख़तम करने के बाद काफी देर तक वहीँ बैठे बातें करते रहे।
शमशेर - बहु तुम्हारे हस्बैंड कब आएंगे? रोज बात होती है?
सरोज - हाँ अंकल बात तो होती है, कुछ महीनो में आ जाएंगे
शमशेर - तुम सारा दिन बोर नहीं हो जाती?
सरोज - हो जाती हूँ लेकिन फिर हस्बैंड से कभी फ़ोन पे तो कभी वेबकम पे बात कर लेती हू।
शमशेर - अच्छा तो तुम इंटरनेट भी यूज करती हो ?
सरोज - जे अंकल
शमशेर - अरे वाह।। ये तो अच्छी बात है। आज़कल तो सबलोग फेसबुक पे भी बातें और फोटो अपलोड करते हैं न। तुम्हारी फोटोज हैं फेसबुक पे।
सरोज - जी मैं फेसबुक यूज करती हूं, फोटो तो पुराने शादी के है। उसके बाद कोई नयी फोटो अपलोड नही की है।
शमशेर - क्यों बहु?? तुम और मनीष मिलते नहीं हो तो कम से कम उसे अपनी लेटेस्ट फोटो तो भेज दिया करो
सरोज - अंकल वक़्त ही कहाँ मिलता है और काफी दिनों से कहीं गई भी तो नहि।
शमशेर - तो क्या हुआ बहु हमारे घर के पीछे अच्छी जगह है तुम्हे कहीं जाना भी नहीं पडेगा। लाओ मैं तुम्हारी कुछ अच्छी फोटो निकाल देता हू।
मै - हाँ बहु मैं कैमरा लाता हूँ तुम ये सलवार सूट उतार कर साड़ी पहन लो, और २-३ ड्रेस और भी निकाल लेना ढेर सारी फोटो खीच लेते हैं तुम्हारी।
सरोज - जी बाबूजी।
मैं शमशेर और बहु घर के पीछे चले गए। शमशेर कैमरा पकडे खड़ा था और बहु उसके सामने खड़ी हो गई। मैंने नोटिस किया की शायद बहु ने अपनी साड़ी और नीचे कर दी है और अपना पूरा पेट् और नवेल हमे बेशरमी से दिखा रही है। शमशेर ने बहु के कई फोटो खीचे,
बहु भी शर्म छोड़ अपनी जिस्म की नुमाईश करती रही और कई पोज़ में तो वो मुझे बिलकुल रंडी नज़र आ रही थी। कुछ फोटो के बाद बहु ने २-३ साड़ी और चेंज की और हर फोटो में उसका नवेल पूरा खुला ही दिख रहा था। किसी भी फोटो में बहु ने अपनी नवेल छुपाने की जरुरत नहीं समझी।
शाम को डिनर करने के बाद शमशेर अपने कमरे में चला गया। मैं और बहु एक कमरे में आ गये। बहु ने दरवाज़ा बंद किया और विंडो पे कर्टेन लगा दिया। मैं बिस्तर पे बैठ ब्लैंकेट में घुस गया और बहु को देखने लगा, बहु मेरे सामने कपडे चेंज करने लगी।। और मेरे सामने एक टीशर्ट और शर्ट में बिस्तर पे चढ़ गई।
मै - बहु तुम इतनी चुप क्यों हो? मुझसे नाराज़ हो?
सरोज - हाँ बाबूजी, कल रात मैंने आपको बोला था की आप मेरे साथ ऐसी हरकत दूबारा नहीं करेंगे
मै - हाँ बहु बोला तो था।
सरोज - फिर क्यों? आपको दोपहर में लंच टेबल पे क्या हो गया था?? वो भी शमशेर अंकल के सामने?
मै - देखो बहु, मैं माफ़ी चाहता हूँ लेकिन उस वक़्त मैं अपने आप को रोक नहीं पाया तुम बहुत खूबसूरत लग रही थी।
सरोज - बाबूजी, अगर शमशेर अंकल को पता चल जाता तो? आप बिना किसी डर के मेरे सामने। ओ।। अपना।।।। पानी।।।। और मेरी रोटी पे घी कह के लगा दिया।। और मुझे मजबूरन खाना पडा।
मै - बहु मैं अपने होश खो बैठा था मुझे माफ़ कर दो। तुम्हे देख कर तो कोई भी अपना होश खो बैठे
सरोज - नहीं बाबूजी, केवल आप।। आपको प्रॉब्लम है आपको क्यों कण्ट्रोल नहीं होता।।?
मै - देखो बेटी मैं जानता हू। लेकिन तुम भी तो गरम हो गई थी है न।। ??
सरोज - (अपना सर झुकाते हुए।।) नहीं मैं गरम नहीं हुई थी
मैन - झूठ।। झुठ
सरोज - हाँ थोड़ा सा लेकिन वो आपकी वजह से।। प्लीज ऐसा मत करिये।
मै- बहु मैं कण्ट्रोल नहीं कर पाता, मैं तो क्या कोई भी नहीं कर पायेगा तुम्हारी जैसे भरे बदन वाली बहु को देख कर।
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सरोज - बाबू जी मैं आपकी बहु हूं, मत करिये मेरे साथ ऐसा। आप शमशेर के साथ कमरे में सो जाइये प्लीज
मै - बहु, शमशेर ने तो मेरा रूम गन्दा कर दिया है। और उसे प्राइवेसी चहिये।
सरोज - मैं समझी नहि।। गन्दा कर दिया है? कैसी प्राइवेसी
मै- जाने दो बहु तुम नहीं जानति।।
सरोज - बताइये न प्लीज बाबूजी
मै - देखो बहु शमशेर भी एक आदमी है और हर आदमी की एक जरूरत होती है उससे वो रात में पुरी करना चाहता है।। किस्सी के साथ या फिर अकेले।
सरोज - कैसी जरुरत बाबूजी?
मै - मास्टरबैट करने की।
सरोज - ये क्या कह रहे हैं आप?
मै- हाँ बहु, हर कोई करता है ये तो नार्मल है। शमशेर भी वो भी तुम्हारे बारे में सोच कर
सरोज - मेरे बारे में ?? क्या?
मै - तुम्हारी मस्त मस्त चूचियां स्ट्रक्चर और ख़ास कर तुम्हारी गांड के बारे में सोच कर वो मास्टरबैट करता है
सरोज - लेकिन आपको कैसे पता?
मै - मैंने २ दिन पहले उसे अपने एक दोस्त के साथ फ़ोन पे बातें करते हुए सुना।। वो कह रहा था की देसाई जी की बहु बहुत सेक्सी है और वो तुम्हारे बारे में सोच कर मुट्ठ मारता है। (मैंने बहु से झूठ बोला।।)
सरोज - ओह बाबूजी, मुझे तो यकीन नहीं होता की शमशेर अंकल ऐसे है।।
मै - हाँ बहु कल दोपहर में मैंने उसे मास्टरबैट करते हुये देखा भी।।
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14-01-2019, 03:57 PM
(This post was last modified: 29-11-2023, 05:25 PM by badmaster122. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
सरोज - क्या कर रहे थे शमशेर अंकल?
मै - दोपहर को शमशेर अपने कमरे में बैठा फोटो में तुम्हारी नवेल देख मुठ मार रहा था।
मै धीरे-धीरे बहु के पास आ गया और उसके काँधे पे हाथ रख उसे समझाने लगा। देखो बहु ये सभी आदमीयों के लिए नार्मल है। मास्टरबैट केवल सेक्सुअल सटिस्फैक्शन के लिए होता है
सभी पुरुष करते है, क्या तुमने कभी नहीं देखा? कभी अपने मायका में? तुम्हारे भाई, चाचा या और किस्सी ने? तुम अपने घर में कभी भाई या पापा के बैडरूम में गई? कभी देखा बेडशीट पे कूछ गिला या दाग कुछ भी।
सरोज - हाँ घर में कई बार कुछ अजीब सी चीज़ें होती थी लेकिन मुझे ये सब कभी समझ में नही आया।
सरोज की बात सुनकर मेरे लंड में थोड़ी सी हलचल हुई और मैंने उससे और डिटेल में बताने को कहा।
मै - बहु।। क्या थी वो अजीब सी चीज़ें बताओ मुझे।
सरोज - वो शादी से कुछ दिन पहले के बात है, मेरी मम्मी और मेरा भाई गाँव में एक शादी के लिए गई थी। और घर में मैं और पापा अकेले थे।।
मै - फिर क्या हुआ।।?
सरोज - मैंने जब एक सुबह पापा का रूम साफ़ कर रही थी तो मुझे उनके पिलो के नीचे मेरी पैन्टी मिली। मैंने सोचा शायद मम्मी ने गलती से मेरी पेंटी रख दी हो। लेकिन फिर मुझे याद आया की ये पैन्टी १ दिन पहले की मेरी यूज की हुई पैन्टी है और मैं बाथरूम में इसे धुले बगैर छोड़ दिया था फिर यहाँ कैसे पहुची।।? और मम्मी तो गाँव में हैं तो क्या पापा मम्मी की पेंटी समझ कर मेरी पेंटी अपने कमरे में ले आये?
मै - उसके बाद?
सरोज - फिर मुझे कुछ समझ में नहीं आया, दूसरे दिन भी मेरी पेंटी पापा के पिलो के नीचे पड़ी थी और उसमे कुछ गिला गिला सा लगा था।।
सरोज - तो क्या मेरे पापा।।।।
मै - हाँ इसका मतलब तुम्हारे पापा तुम्हारी पैन्टी रात में लाते थे और तुम्हारी यूज की हुई पैन्टी का स्मेल लेते थे। और फिर तुम्हे उस पेंटी में इमेजिन कर मुट्ठ मारते थे। और फिर मुट्ठ तुम्हारी पेंटी में ही गिरा दिया करते थे।
सरोज - नहीं मैं नहीं मानती मेरे पापा मेरे बारे में सोच कर।। ये सब?
मै - हाँ बहु, इसमे गलत नहीं है ये तो हर पुरुष का नेचर है वो तो बस तुम्हारी बड़ी-बड़ी चूचि और फुली हुई बुर के बारे में इमेजिन कर अपने आप को सेक्सुअली सटिसफाइ करते होगे
मै- क्या तुमने कभी उनका खड़ा लंड देखा था?
सरोज - हाँ देखा था।
मै - कब?
सरोज - वो एक बार बाथरूम में मैंने उन्हें देखा था, वो अपनी अंडरवियर उतार अपना लंड हाथ में लिए खड़े थे सामने एक बड़ा सा मिरर था जिसके रेफ्लेक्शन में मैंने उनका बड़ा सा लंड साफ़ साफ़ देखा। वो अपने लंड के स्किन को नीचे किये हुये थे मैंने देखा तो मेरी धड़कन तेज़ हो गई और मैं भाग कर किचन में आ गई।
(बहु बिना शर्म अपने मुह से अपने पापा के लंड के बारे में बोल रही थी। मेरी रंडी बहु के मुह से ये सब सुन कर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने अपना लोअर नीचे कर ब्लैंकेट के अंदर लंड निकाल सहलाने लगा)
मै - तो इसका मतलब तुमने सबसे पहले लंड अपने पापा का देखा?
सरोज - (शर्माते हुए।।) हाँ।
मै - वो।। अपने पापा का लंड देख क्या तुम्हारे बुर में पानी आया था?
सरोज - छी: बाबूजी ये आप क्या कह रहे हैं वो मेरे पापा है।
मै - मैं नहीं मानता, सच सच बताओ बहु अपने पापा के बारे में जानकार क्या अभी तुम्हारे बुर में पानी नहीं आ रहा?
सरोज - बाबूजी ये आप क्या कह रहे हैं?
मै - सच कह रहा हूँ बहु, क्या तुम अभी गरम नहीं हो? अपनी ऊँगली डाल के देखो।
सरोज - नहीं मैं गरम नहीं हू।
मै - अगर नहीं हो तो अपनी ऊँगली अपनी बुर में डाल के दिखाओ
सरोज - (छुपाते हुए अपनी गिली पेन्टी हटाती है अपनी एक ऊँगली बुर में डाल बहार निकालती है)
सरोज - (झिझकते हुए। ) ओह बाबूजी चलिये अब सोते है।
मै - नहीं बहु पहले तुम अपनी ऊँगली दिखाओ
सरोज - (अपनी नज़र झुकाये अपने हाथ दिखाती है।। ) उसकी २ उँगलियाँ बुर के पानी से पूरी तरह गिली होकर चमक रही थी।
मै - (मैंने वो दो ऊँगली अपने मुह में ले ली) देखा बहु तुम्हारे बुर से कितना पानी निकल रहा है (मैं तेज़ी से ब्लैंकेट के अंदर मुट्ठ मारने लगा)
सरोज - बाबूजी ये आप क्या कर रहे हो?
मै - मुठ मार रहा हूँ बहु।।।
सरोज - प्लीज बाबूजी ये मत करिये प्लीज प्लीज प्लीज।।
मै - (मैंने अपना लंड बहार निकाल बहु को दिखा दिया ) नहीं बहु तुमने जब बताया की तुम्हारे पापा तुम्हारी पेंटी में मुठ मारे थे तबसे मैं एक्साइटेड हो गया हूं।। ओह बहु।। मेरा लंड छुओ बहु।। (मैंने बहु का हाथ अपने लंड पे रख दिया)
सरोज - (हाथ हटाते हुए।। ) नहीं बाबूजी
मै- बहु।।। बहु।। मेरा पानी निकाल दो बहु।।
(तभी बगल में शमशेर के कमरे से कुछ आवज़ आयी।।)
सरोज - शह्ह्हह्ह्।।। बाबूजी।। शायद शमशेर अंकल जगे है। आप प्लीज रुक जाइये।
मै - नहीं बहु मैं नहीं रुक सकता।
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(16-01-2019, 11:04 AM)Kumarkaram52 Wrote: Updated kro bahi
Jaldi milega update
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Waiting for long Update bro
Samser ka bhi jugad lagana
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(17-01-2019, 03:09 AM)Veer.rajvansh Wrote: Waiting for long Update bro
Samser ka bhi jugad lagana
Thoda busy hu, update jaldi hi milega.
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Bhai story mast hay,bhai Saroj Ko Thora innocent or conservative wife show Karen uski Pori tarah khulne main mushkil ho or sharmili ho toh Maja dugna ayega,bhai apki story shandar hay,mere kuch ideas hay jayse ki
saroj ki shadi ki salkirah ho or woh bade umed or mehnat se Apne aapko Dulhan ki tarah or bistar Ko suhagrat ki tarah sajaye par uska pati na apaye or Saroj naraj or mayus ho jaye tab Saroj ka sasur uska faiyada utaye or Saroj ke saath pehla Milan kare ek pati ki tarah jise Saroj Apne sasur Ko Apne pati ke roop main dhekne Lage....or Saroj ke sasur ke dost Ko sasur bahar karde taki Saroj par woh poora haq apna samjhe or kisi se shair na kare or Saroj ke saath Bina kisi protection ke Milan kare taki uske pet main uska bacha ajaye jise chupane ke liyea Saroj jaldi se jald Apne pati se Milan kare taki usko Lage ki woh bacha uska hi hay na ki uske bap ka or sasur or bahu ke beech romantic Milan or saroj par khub rupya lutaye uske Khushi ke liyea
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Or bhai koshish Karen ki Hindustani aurton ki photo Dale toh or acha
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Sorry for delay in update.
update jaldi hi milega.
Thanks
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20-01-2019, 01:23 PM
(This post was last modified: 29-11-2023, 05:35 PM by badmaster122. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
सरोज - तो फिर जल्दी निकाल दिजिये बाबूजी, जलदी।। अंकल आ गए तो।।
मै - बहु, इतनी जल्दी नहीं निकलेगा तुम कुछ करो।।
सरोज - क्या करूँ बाबूजी आपका मुट्ठ जल्दी निकालने के लिये
मै - तुम अपनी ब्रा खोल दो बहु शायद तुम्हारी चूचि देख के मेरा मुट्ठ निकल जाए।।।
सरोज - ओके बाबूजी।। जल्दी करिये।। (सरोज ने अपनी ब्रा उतार दी और अपनी नंगी चूचि मुझे दिखाने लगी। मैं बहु के चूचि देख मुठ मरता रहा)
मै - ओह बहु।।। तुम अपनी पेंटी भी उतार दो मेरे लंड का पानी नहीं निकल रहा।
सरोज - ओके बाबूजी।। जल्दी करिये प्लीज।(बहु ने अपनी पेंटी उतार अपना बुर मेरे सामने खोल दिया।। उसकी बुर से रस टपक रही थी और पूरी गिली हो चुकी थी)
मै - आह बहु।। तुम्हारी बुर से कितना जूस निकल रहा है क्या मैं चाट लूँ?
सरोज - (बिस्तर पे लेते हुए।।अपनी टाँगे फ़ैलाये ) नहीं बाबूजी।।
मै - प्लीज बहु।। (मैंने बिना देरी किये बहु के बुर चाटने लगा।। बहु के मुह से सिसकारी निकल गई और वो आह आह कर चिल्लाने लगी।। )
सरोज - बाबूजी ये आप क्या कर रहे है।। प्लीज।। इतना शोर सुनकर शमशेर अंकल को पता चल जाएगा।। प्लीज जल्दी निकालिये।
मै - बहु।। अगर जल्दी निकालना है तो तुम मेरा लंड अपने मुह में ले कर चूसो और मैं तुम्हारे मुह में मूठ निकाल देता हूँ।
सरोज - मुह में नहीं बाबूजी।। मैंने तो अपने पति का लंड भी कभी मुह में नहीं लिया।।
मै - तो क्या हुआ बहु पति का नहीं तो ससुर का ही लंड मुह में ले लो।। मेरा लंड चूस कर तुम एक अच्छी बहु बनोगी।।
सरोज - ठीक है बाबूजी।। लाईये मैं आपका लंड चुस्ती हूँ (बहु ने होठ खोल मेरा लंड अपने मुह में ले लिया और कस के चूसने लगी।। )
मै - आह बहु।। बहुत मजा आ रहा है (बहु के गीले गरम होठों के अंदर मेरे लंड का बुरा हाल था। मेरी बहु मुझे ब्लोजॉब दे रही थी। ) मै इस बार कण्ट्रोल नहीं कर पाया और फ़व्वारे की तरह बहु के मुह के अंदर वीर्य का सैलाब छोड़ दिया।।
मेरा मुट्ठ इतना ज्यादा था की बहु के होठो के किनारे से बह कर बिस्तर पे गिरने लगा। फिर भी मेरी बहु मेरा लंड चुसती रही।।
शायद उसे मेरा लंड चूसने में मजा आ रहा था।। लेकिन वो रंडी की तरह जिस तरह मेरा लंड कस के चूस रही थी उससे मुझे ऐसा लगा जैसे वो शायद पहले भी कई बार लंड चूस चुकी है।। लेकिन अभी ये बताना मुश्किल था की किसका??
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सुबह देर तक मैं और बहु एक बिस्तर पे एक चादर के अंदर सोते रहे मुझे ख्याल ही नहीं आया की कब शमशेर हमारे कमरे में आया और मुझे आवाज़ लगाने लगा।
शमशेर- देसाई जी। देसाई जी।। बहु।। बहु।। दिन चढ़ गया है मॉर्निंग वाक पे नहीं जाना क्या।
मै घबरा कर उठ गया मुझे हैरत हुआ की ये शमशेर कबसे हमे उठा रहा है।। कमरे के हालत बहुत ख़राब थी। बहु के ब्रा और पेंटी बिस्तर के नीचे गिरी पड़ी थी और मैं भी पूरा नंगा था। मैं डर गया की शमशेर न जाने क्या सोच रहा होगा हमारे बारे में मैंने छुपके से चादर खीच के बहु के नंगी पीठ को ढक दिया और खुद भी लेता रहा।।
मै - शमशेर वो मेरे सर में दर्द है तो मैं वाक पे नहीं जाउँगा।। तुम चले जाओ।।
शमशेर - और बहु क्या बहु नहीं जाएगी।।?
मै - बहु देर रात तक मनीष से बात कर रही थी तो अभी शायद नहीं उठेगी तुम चलो मैं पूछता हूं।
शमशेर - ठीक है, (और शमशेर कमरे से बाहर चला गया)
सरोज - (उठ के बैठती हुई।।) बाबूजी।।। शमशर अंकल ने सब देख लिया??????? शीट।। मैं क्या मुह दिखाउंगी।।? ओहः।।
मै - (ओह इसका मतलब बहु जानबूझ कर सोने की एक्टिंग कर रही थी उसे पता था की वो बिस्तर से बाहर नहीं निकल सकती)।।। नहीं नहीं बहु उसे पता नहीं चला होगा की चादर के अंदर तुम नंगी हो।। तुम चिंता मत करो।
सरोज- सच में बाबूजी?
मै - हाँ
सरोज - बाबूजी मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा ये सब क्या हो रहा है क्यों हो रहा है प्लीज बाबूजी आप रात को इतना बहक जाते हैं मैं आपको कण्ट्रोल नहीं कर पाती आखिर आपको हुआ क्या है क्यों मेरी ज़िन्दगी बर्बाद कर देना चाहते हैं?
मै - नहीं बहु।। ऐसा मत बोलो मैं तुम्हे कभी बदनाम नहीं होने दूंगा। मैं कल रात कुछ ज्यादा ही जिद्दी हो गया था मुझे माफ़ कर दो बहु।।
सरोज - ठीक है बाबूजी।। लेकिन मैं अपने आप को और प्रॉब्लम में नहीं दाल सकती। आप प्लीज शमशेर अंकल को अपने घर जाने के लिए कह दिजिये वो यहाँ क्यों रुके हुए हैं?
मै - बहु।। शमशेर तुम्हारी जिस्म के ख़ूबसूरती पाने के लिए रुका हुआ है मैं क्या बहाना करके उसे अपने घर भेजूं?
सरोज - आप मर्दो का क्या प्रॉब्लम है? क्या मिलता है आपको? क्या वो आपके....आपके... ओ....केले का पानी निकलने से सब ठीक हो जाता है?
मै- हाँ बहु हम मर्दो के लंड का पानी एक बार निकल जाए तो रिलैक्स महसूस होता है। एक बात कहूं बहु अगर तुम बुरा न मानो तो।।
सरोज - क्या बाबूजी?
मै - तुम चाहती हो न की शमशेर अपने घर चला जाए?
सरोज - हाँ
मै - तो फिर तुम उसे सटिस्फाइड क्यों नहीं कर देती?
सरोज - मैं समझी नहीं बाबू जी?
मै - मेरा मतलब।। तुम कुछ ऐसा करो की वो सटिसफाइ हो जाए, वो तुम्हे बहुत पसंद करता है तुमहारे बारे में सोच कर मुठ मारता है। और अगर तुम उसे हेल्प करोगी तो वो खुश हो कर अपने घर चला जाएगा।
सरोज - बाबूजी मैं ये नहीं कर सकती।। ये आप क्या कह रहे हैं?
मै - देखो बहु तुम अनजाने में कुछ ऐसा करो की वो मुठ मारने पे मजबूर हो जाए। और वो जब सटिसफाई हो जायेगा तो खुद ही चला जाएगा।
सरोज - लेकिन ये होगा कैसे? की मैं भी अन्जान रहूँ और शमशेर अंकल को मजा भी आ जाए? मैं कुछ सोचती हूँ।
मै - ठीक है बहु।।
बहु चादर के अंदर ही अपनी ब्रा पैंटी पहनी फिर नाइटी पहन कर वाशरूम चलि गई।। मैं भी फ्रेश होने चला गया।।। बाथरूम से लौट कर मैं कमरे में घूम रहा था शमशेर सोफ़े पे बैठा टीवी देख रहा था। मैं भी शमशेर के साथ सोफ़े पे बैठ गया। बहु कमरा साफ़ कर रही थी, वो हॉल में झाड़ू लगाने के बाद टीवी के पास बैठ कर कुछ फोटोज फ्रेम साफ़ करने लगी। बहु ने पीली साड़ी पहन रखा था और जब वो हमारे ठीक आगे झुक के सफाई कर रही थी तो उसकी मोटे मोटे कुल्हे उसकी साड़ी में लिपटे बहुत ही मादक लग रहे थे। उसकी कमर का भाग काफी खुला हुआ था और कमर से ले कर हिप तक उसकी शेप देख शमशेर की आँखें बाहर आ गई।
बहु जानबूझ कर अपने कुल्हे हिला रही थी जैसे किसीको आमंत्रित कर रही हो।।शमशेर की हालत ख़राब हो रही थी।। और वो बहु की गांड देख अपना लंड सहलाने लगा।
शमशेर - बहु क्या बात है आज तुम बहुत खुश लग रही हो।।। और बालों में गजरे भी लगाए हैं कोई ख़ास बात?
सरोज - (बहु बिना पीछे मुड़े ही जवाब दी।।। शायद वो जानती थी की शमशेर अपना लंड हिला रहा होगा और वो उसे डिस्टर्ब नहीं करना चाहती थी।। ) ख़ास बात तो है लेकिन न तो मेरे पतिदेव को याद है और न ही मेरे ससुर जी को।
मै- क्या ख़ास बात बहु।। ? मेरा न्यूज़ पेपर पे ध्यान गया क्या आज १४ जुलाई है? ओह मेरी बहु का जन्मदिन? (मैं सोफ़े से उठ खड़ा हुआ)
बहु भी खड़ी हो गई और बोली।।
सरोज - हाँ बाबूजी आप भूल गये।।
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