17-09-2025, 09:20 PM
मैंने अपनी ग्रेजुयेशन पूरी कर ली और एक दिन मुझे पता चला के मेरा निकाह किसी अशफाक नाम के आदमी से फिक्स हो गया है। उसके घर वाले हमारे घर आये थे और मुझे पसंद भी कर गये और फिर निकाह की डेट फिक्स कर के मेरा निकाह कर दिया गया।
मैं अभी निकाह की डीटेल्स में नहीं जाना चाहती और डायरेक्ट अपनी सुहाग रात के बारे में बता देती हूँ। निकाह हो गया और मैं अपने ससुराल आ गयी। सारा घर अच्छी तरह से सजा हुआ था। घर बहुत बड़ा भी नहीं और बिल्कुल छोटा भी नहीं था, बस ठीक ठाक ही था। उसके घर को पहुँचते-पहुँचते रात हो चुकी थी। डिनर तो कर ही चुके थे मैरिज हॉल में। अशफाक का कमरा भी ठीक ठाक ही था। बेड पे चमेली के फूल बिखरे पड़े थे। पिंक कलर का नरम बेड बहुत अच्छा लग रहा था। सारे कमरे में चमेली के फूलों कि भीनी भीनी खुशबू आ रही थी। बेहद अच्छा लग रहा था। एक दम से ऐसे ही रोमैंटिक था जिसकी हर लड़की ख्वाहिश करती है।
अशफाक कि छोटी बहन, रुखसाना ने मुझे बेड पे बिठा के मुस्कुराते हुए कहा कि “भाई जान अभी आ जायेंगे, आप थोड़ा रेस्ट ले लें” और कमरे से चली गयी। मुझे अपनी सहेलियों के किस्से याद आने लगे जिनकी शादी हो चुकी थी। किसी ने कहा कि मेरी तो रात भर चुदाई हुई और सुबह मुझसे चला भी नहीं जा रहा था। किसी ने कहा था कि बस ऐसे ही रहा, कोई खास मज़ा नहीं आया था। किसी ने कहा कि अपने लौड़े को चूत के अंदर डालने से पहले ही चूत के ऊपर अपनी मलाई निकाल के सो गया था। मैं काफी एक्साईटेड थी कि पता नहीं मेरा क्या हशर होगा क्योंकि सुहैल से चुदवाये हुए भी तकरीबन एक साल से ज़्यादा ही हो चुका था। चूत के मसल फिर से टाइट हो गये थे। थोड़ी ही देर में वो कमरे में आ गया। अशफाक बहुत स्मार्ट लग रहा था। गोरा रंग, मीडियम हाईट और मीडियम बिल्ट। सब मिलाकर एक अच्छा स्मार्ट आदमी लग रहा था। मुझे अपनी फ्रैंड्स की बातें याद आ रही थी जिनकी शादी हो चुकी थी, जैसे कि सुहाग रात को क्या होता है और कैसे हसबैंड अपनी वाइफ को अपनी बातों से पता के चोद डालता है और लड़की को कितना मज़ा आता है। और साथ में ही मुझे सुहैल भी याद आ गया और सुहैल के साथ हुई मेरी पहली चुदाई भी मुझे याद आ गयी तो मस्ती से मेरा जिस्म टूटने लगा और एक लंबे मोटे लंड का सपना लिये बैठी रही, जो मेरी चूत में घुस के मुझे चोदेगा, मेरी प्यासी चूत की प्यास को बुझायेगा और मज़ा देगा।
अशफाक कमरे के अंदर आ गया और बेड पे बैठ गया। पहले तो मेरी खूबसूरती को निहारता रहा, मेरे गालों पे हाथ फेरता रहा और फिर गाल पे किस किया तो मेरे जिस्म में बिजली दौड़ने लगी और जिस्म जलने लगा। थोड़ी देर में वो उठा और अपने कपड़े चेंज कर के बेड पे आ गया और बहुत धीमी रोशनी वाला लाइट पिंक कलर का नाइट लैंप जला दिया। मेरा दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगा। सारे जिस्म से पसीना छूटने लगा और मुँह से गरम-गरम साँसें निकलने लगी। अब अशफाक चेंज कर के आ गया और हम दोनों लेट गये। पहले तो मेरी खूबसुरती को निहारता रहा और धीरे-धीरे उसके हाथ मेरी चूचियों पे आ गये और वो उनको दबाने लगा तो जिस्म में सनसनी सी फैल गयी। ऐसे ही बातें करते-करते वो मेरे कपड़े उतारता चला गया। सारे कपड़े निकाल के मुझे नंगा कर दिया। मेरे मुँह से एक बात भी नहीं निकल रही थी। नये घर में नये लोगों के साथ रहने से एक नयापन ही लग रहा था। सुहैल तो फिर भी कज़न था, उतना नयापन नहीं महसूस हुआ था लेकिन यहाँ तो हर कोई अजनबी था। शरम भी आ रही थी और एक्साइटमेंट भी थी। मैं बेड पे नंगी लेटी रही। शरम से बुरा हाल था पर क्या करती, ज़माने के रिवाज यही थे कि पहली रात को हसबैंड अपनी वाइफ को चोद देता है और सारी उम्र के लिये वो सिर्फ़ अपने हसबैंड की ही होके रह जाती है। वो थोड़ी देर तक मेरे नंगे जिस्म को देखता रहा और अपने हाथ मेरे सारे जिस्म पे फेरता रहा। मेरे सारे जिस्म में जैसे चिंटियाँ घूमने लगी हों। चूत में भी अब खुजली शुरू हो गयी थी।
वो मेरे नंगे जिस्म पे हाथ फेर रहा था। वो मेरी चूचियों को दबा रहा था और कभी-कभी चूचियों को चूस लेता। धीरे-धीरे उसका हाथ मेरी चूत पे आ गया और वो मेरी उसी दिन की शेव की हुई मक्खन जैसी चिकनी चूत पे आ गया और वो चूत का मसाज करने लगा। मेरे जिस्म में बिजली दौड़ रही थी और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने दिल में सोचा कि ये तो खिलाड़ी लग रहा है, शायद चुदाई का एक्सपीरियंस होगा और उसका हाथ मेरी चूत पे लगते ही जैसे मेरी चूत में फ्लड आ गया और वो बे-इंतहा गीली हो गयी और रस से भर के अब रसीली चूत हो गयी।
अशफाक ने अपने कपड़े भी निकाल दिये और नंगा हो गया। मैंने एक तिरछी नज़र उसके लंड पे डाली तो दिल धक से रह गया। उसका लंड बस ऐसे ही था, कोई खास नहीं था, टोटल इरेक्ट होने के बाद शायद चार इंच या पाँच इंच का ही होगा। मैंने सोचा कि शायद थोड़ी देर के बाद वो और अकड़ के बड़ा हो जायेगा। खैर अब वो मेरी चूचियों को चूस रहा था और हाथ से मेरी चूत का मसाज कर रहा था। कभी-कभी चूत के अंदर अपनी उंगली डाल देता तो मैं “ससससीसीसी ईईईईई” कर के सिसकरी ले लेटी।
अब उसने मेरा हाथ अपने हाथ में लेकर अपने लंड पे रख दिया। मैं कुछ देर तक ऐसे ही अपना हाथ उसके लंड पे रखी रही तो उसने मेरे हाथ को अपने हाथ से पकड़ के दबाया तो मैं समझ गयी कि शायद वो चाहता है कि मैं उसका लंड अपनी मुट्ठी में लेकर दबाऊँ। मैंने उसके लंड को एक या दो बार ही दबाया था कि उसने मेरा हाथ हटा दिया और सीधा मेरे ऊपर चढ़ आया और मेरी टाँगों को फैला के मेरे ऊपर लेट गया। लंड को मेरी चूत के लिप्स के अंदर सुराख पे सटाया और झुक के मुझे किस करने लगा और एक ही झटके में उसका लंड मेरी समंदर जैसे गीली चूत के अंदर घुस चुका था और वो अचानक ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा और बस चार या पाँच ही धक्के लगाया था कि उसके मुँह से “ऊऊऊऊहहहह” की आवाज़ निकली और उसकी मलाई मेरी चूत में गिर गयी। मुझे तो उसका लंड अपनी चूत के अंदर सही तरीके से महसूस भी नहीं हुआ और उसकी चुदाई पूरी हो चुकी थी। मेरी कुछ फ्रैंड्स ने बताया था कि कभी-कभी एक्साइटमेंट की वजह से और कभी चूत की गरमी से लंड से मलाई जल्दी ही निकल जाती है पर कुछ दिनों में जब चुदाई डेली करते रहते हैं तो फिर ठीक हो जाता है और अच्छी तरह से चोदने लगाता है और ये कि ऐसा अगर कभी हो तो कोई फिक्र की बात नहीं है। यही सोच के मैं खामोश हो गयी कि हो सकता है कि एक्साइटमेंट या चूत की गर्मी से वो जल्दी ही झड़ गया हो पर बाद में अच्छी तरह से चोद डालेगा।
मैंने भी सोचा कि शायद एक्साइटमेंट में उसकी क्रीम जल्दी निकल गयी होगी और ये कोई नयी बात नहीं होगी। वो गहरी-गहरी साँसें लेता हुआ मेरे जिस्म पे पड़ा रहा और मेरी चूत में पहले से ज़्यादा तूफ़ान उठ रहा था और मेरा मन कर रहा था कि किसी तरह से सुहैल आ जाये और मुझे इतना चोदे कि मेरी चूत फट जाये पर ऐसा हो नहीं सकता था ना। मैं कुछ नहीं कर सकती थी। इंतज़ार किया कि शायद अशफाक के लंड में फिर से जान पड़ेगी और वो कुछ सही ढंग से चुदाई करेगा पर ऐसा कुछ नहीं हुआ और वो मेरे बगल में लेट के गहरी नींद सो गया और एक ही मिनट में उसके खर्राटे गूँजने लगे।
मैं अभी निकाह की डीटेल्स में नहीं जाना चाहती और डायरेक्ट अपनी सुहाग रात के बारे में बता देती हूँ। निकाह हो गया और मैं अपने ससुराल आ गयी। सारा घर अच्छी तरह से सजा हुआ था। घर बहुत बड़ा भी नहीं और बिल्कुल छोटा भी नहीं था, बस ठीक ठाक ही था। उसके घर को पहुँचते-पहुँचते रात हो चुकी थी। डिनर तो कर ही चुके थे मैरिज हॉल में। अशफाक का कमरा भी ठीक ठाक ही था। बेड पे चमेली के फूल बिखरे पड़े थे। पिंक कलर का नरम बेड बहुत अच्छा लग रहा था। सारे कमरे में चमेली के फूलों कि भीनी भीनी खुशबू आ रही थी। बेहद अच्छा लग रहा था। एक दम से ऐसे ही रोमैंटिक था जिसकी हर लड़की ख्वाहिश करती है।
अशफाक कि छोटी बहन, रुखसाना ने मुझे बेड पे बिठा के मुस्कुराते हुए कहा कि “भाई जान अभी आ जायेंगे, आप थोड़ा रेस्ट ले लें” और कमरे से चली गयी। मुझे अपनी सहेलियों के किस्से याद आने लगे जिनकी शादी हो चुकी थी। किसी ने कहा कि मेरी तो रात भर चुदाई हुई और सुबह मुझसे चला भी नहीं जा रहा था। किसी ने कहा था कि बस ऐसे ही रहा, कोई खास मज़ा नहीं आया था। किसी ने कहा कि अपने लौड़े को चूत के अंदर डालने से पहले ही चूत के ऊपर अपनी मलाई निकाल के सो गया था। मैं काफी एक्साईटेड थी कि पता नहीं मेरा क्या हशर होगा क्योंकि सुहैल से चुदवाये हुए भी तकरीबन एक साल से ज़्यादा ही हो चुका था। चूत के मसल फिर से टाइट हो गये थे। थोड़ी ही देर में वो कमरे में आ गया। अशफाक बहुत स्मार्ट लग रहा था। गोरा रंग, मीडियम हाईट और मीडियम बिल्ट। सब मिलाकर एक अच्छा स्मार्ट आदमी लग रहा था। मुझे अपनी फ्रैंड्स की बातें याद आ रही थी जिनकी शादी हो चुकी थी, जैसे कि सुहाग रात को क्या होता है और कैसे हसबैंड अपनी वाइफ को अपनी बातों से पता के चोद डालता है और लड़की को कितना मज़ा आता है। और साथ में ही मुझे सुहैल भी याद आ गया और सुहैल के साथ हुई मेरी पहली चुदाई भी मुझे याद आ गयी तो मस्ती से मेरा जिस्म टूटने लगा और एक लंबे मोटे लंड का सपना लिये बैठी रही, जो मेरी चूत में घुस के मुझे चोदेगा, मेरी प्यासी चूत की प्यास को बुझायेगा और मज़ा देगा।
अशफाक कमरे के अंदर आ गया और बेड पे बैठ गया। पहले तो मेरी खूबसूरती को निहारता रहा, मेरे गालों पे हाथ फेरता रहा और फिर गाल पे किस किया तो मेरे जिस्म में बिजली दौड़ने लगी और जिस्म जलने लगा। थोड़ी देर में वो उठा और अपने कपड़े चेंज कर के बेड पे आ गया और बहुत धीमी रोशनी वाला लाइट पिंक कलर का नाइट लैंप जला दिया। मेरा दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगा। सारे जिस्म से पसीना छूटने लगा और मुँह से गरम-गरम साँसें निकलने लगी। अब अशफाक चेंज कर के आ गया और हम दोनों लेट गये। पहले तो मेरी खूबसुरती को निहारता रहा और धीरे-धीरे उसके हाथ मेरी चूचियों पे आ गये और वो उनको दबाने लगा तो जिस्म में सनसनी सी फैल गयी। ऐसे ही बातें करते-करते वो मेरे कपड़े उतारता चला गया। सारे कपड़े निकाल के मुझे नंगा कर दिया। मेरे मुँह से एक बात भी नहीं निकल रही थी। नये घर में नये लोगों के साथ रहने से एक नयापन ही लग रहा था। सुहैल तो फिर भी कज़न था, उतना नयापन नहीं महसूस हुआ था लेकिन यहाँ तो हर कोई अजनबी था। शरम भी आ रही थी और एक्साइटमेंट भी थी। मैं बेड पे नंगी लेटी रही। शरम से बुरा हाल था पर क्या करती, ज़माने के रिवाज यही थे कि पहली रात को हसबैंड अपनी वाइफ को चोद देता है और सारी उम्र के लिये वो सिर्फ़ अपने हसबैंड की ही होके रह जाती है। वो थोड़ी देर तक मेरे नंगे जिस्म को देखता रहा और अपने हाथ मेरे सारे जिस्म पे फेरता रहा। मेरे सारे जिस्म में जैसे चिंटियाँ घूमने लगी हों। चूत में भी अब खुजली शुरू हो गयी थी।
वो मेरे नंगे जिस्म पे हाथ फेर रहा था। वो मेरी चूचियों को दबा रहा था और कभी-कभी चूचियों को चूस लेता। धीरे-धीरे उसका हाथ मेरी चूत पे आ गया और वो मेरी उसी दिन की शेव की हुई मक्खन जैसी चिकनी चूत पे आ गया और वो चूत का मसाज करने लगा। मेरे जिस्म में बिजली दौड़ रही थी और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने दिल में सोचा कि ये तो खिलाड़ी लग रहा है, शायद चुदाई का एक्सपीरियंस होगा और उसका हाथ मेरी चूत पे लगते ही जैसे मेरी चूत में फ्लड आ गया और वो बे-इंतहा गीली हो गयी और रस से भर के अब रसीली चूत हो गयी।
अशफाक ने अपने कपड़े भी निकाल दिये और नंगा हो गया। मैंने एक तिरछी नज़र उसके लंड पे डाली तो दिल धक से रह गया। उसका लंड बस ऐसे ही था, कोई खास नहीं था, टोटल इरेक्ट होने के बाद शायद चार इंच या पाँच इंच का ही होगा। मैंने सोचा कि शायद थोड़ी देर के बाद वो और अकड़ के बड़ा हो जायेगा। खैर अब वो मेरी चूचियों को चूस रहा था और हाथ से मेरी चूत का मसाज कर रहा था। कभी-कभी चूत के अंदर अपनी उंगली डाल देता तो मैं “ससससीसीसी ईईईईई” कर के सिसकरी ले लेटी।
अब उसने मेरा हाथ अपने हाथ में लेकर अपने लंड पे रख दिया। मैं कुछ देर तक ऐसे ही अपना हाथ उसके लंड पे रखी रही तो उसने मेरे हाथ को अपने हाथ से पकड़ के दबाया तो मैं समझ गयी कि शायद वो चाहता है कि मैं उसका लंड अपनी मुट्ठी में लेकर दबाऊँ। मैंने उसके लंड को एक या दो बार ही दबाया था कि उसने मेरा हाथ हटा दिया और सीधा मेरे ऊपर चढ़ आया और मेरी टाँगों को फैला के मेरे ऊपर लेट गया। लंड को मेरी चूत के लिप्स के अंदर सुराख पे सटाया और झुक के मुझे किस करने लगा और एक ही झटके में उसका लंड मेरी समंदर जैसे गीली चूत के अंदर घुस चुका था और वो अचानक ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा और बस चार या पाँच ही धक्के लगाया था कि उसके मुँह से “ऊऊऊऊहहहह” की आवाज़ निकली और उसकी मलाई मेरी चूत में गिर गयी। मुझे तो उसका लंड अपनी चूत के अंदर सही तरीके से महसूस भी नहीं हुआ और उसकी चुदाई पूरी हो चुकी थी। मेरी कुछ फ्रैंड्स ने बताया था कि कभी-कभी एक्साइटमेंट की वजह से और कभी चूत की गरमी से लंड से मलाई जल्दी ही निकल जाती है पर कुछ दिनों में जब चुदाई डेली करते रहते हैं तो फिर ठीक हो जाता है और अच्छी तरह से चोदने लगाता है और ये कि ऐसा अगर कभी हो तो कोई फिक्र की बात नहीं है। यही सोच के मैं खामोश हो गयी कि हो सकता है कि एक्साइटमेंट या चूत की गर्मी से वो जल्दी ही झड़ गया हो पर बाद में अच्छी तरह से चोद डालेगा।
मैंने भी सोचा कि शायद एक्साइटमेंट में उसकी क्रीम जल्दी निकल गयी होगी और ये कोई नयी बात नहीं होगी। वो गहरी-गहरी साँसें लेता हुआ मेरे जिस्म पे पड़ा रहा और मेरी चूत में पहले से ज़्यादा तूफ़ान उठ रहा था और मेरा मन कर रहा था कि किसी तरह से सुहैल आ जाये और मुझे इतना चोदे कि मेरी चूत फट जाये पर ऐसा हो नहीं सकता था ना। मैं कुछ नहीं कर सकती थी। इंतज़ार किया कि शायद अशफाक के लंड में फिर से जान पड़ेगी और वो कुछ सही ढंग से चुदाई करेगा पर ऐसा कुछ नहीं हुआ और वो मेरे बगल में लेट के गहरी नींद सो गया और एक ही मिनट में उसके खर्राटे गूँजने लगे।