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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
इधर मैंने रवि के लंड को चूसते हुए अपनी नंगी मुसल्ली गाँड किशन की तरफ़ की हुई थी। नाज़िया ने विजय का लंड मुँह से निकल कर कहा, शब्बो जान! बोल दूँ इन * मर्दों को कि तू मदरसे की उसतानी है।
 
ये सुनते ही किशन जिसके सामने मेरी गाँड कुत्तिया बनी हुई थी,  उसने पीछे से मेरी चूत को अपनी उंगलियों से पकड़ कर कहा, हाँ साली रंडी नाज़िया तूने ठीक कहा इसके होंठ भी गरम थे और राम कसम साली मुल्लनी की चूत भी गरम है!”  फिर सवालिया अंदाज़ में किशन ने मुझसे पूछा, साली राँड! हिजाब में चेहरा छुपा कर बच्चों को सबक सिखाने की बजाय अगर तू इस तरह शराब पी कर अपनी चूत खोल कर फिरेगी तो ठीक नहीं रहेगा?” मैंने तंज़िया अंदाज़ में कहा,  ये सवाल मुझसे पूछ रहे हो या मेरी कुत्तिया बनी मु़स्लिम चूत से मेरे किशन कनहैया!  इस पर सब हंस पड़े और मैं भी हंस रही थी कि अचानक किशन ने अपनी गरम * मुरली मेरी मुस्लि़मा चूत में ज़ोर से झटके के साथ घुसेड़ दी! उफ़्फ़ अल्लाहहऽऽऽ,, मर गयीऽऽऽ कमबख्त नाज़ूऽऽ मेरी चूत फट गयीऽऽऽ, अल्लाहऽऽऽ प्लीज़ किशन निकालो! तुम्हारा ये अनकटा त्रिशूल मेरी चूत फाड़ रहा हैऽऽ उफ़्फ़ निकालो!
 
नाज़िया ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगी, अब क्या हुआ हसीन शब्बो! तेरी खूबसूरती पर मरने वाले मुल्ले कटवे तो अब शरम से झुक जायेंगे कि तूने अपनी मुसल्ली चूत किशन के लंड से चुदाई है!”  मैंने हल्के गुस्से से कहा,  चुप कर कुत्तिया रंडी! मेरी चूत में मूसल घुसा है और तुझे हरामी कटवों की पड़ी है?”  मैं बोल ही रही थी कि विशाल ने नाज़िया की गाँड में दमदार लंड घुसेड़ कर कहा, ज़रा अब बता कि तू क्या करेगी जब कटवे मुल्ले तेरी गाँड चुदने की बात सुनेंगे?” नाज़िया चिल्ला उठी, उफफफऽऽऽ विशाआऽऽल धगड़े चोदू! मेरी गाँड में मूसल घुसेड़ ही दिया तुमने ना!  जैसे ही नाज़िया का मुँह खुला, विजय ने अपना * लंड उसके मुँह में डाल कर कहा,  “बज़ार में ऊँची सैंडल पहन कर अपनी गाँड मटका-मटका कर और चूची उछाल कर हमारे * लंड को इसी लिये तो गरम करती है तुम मुल्लियाँ कि हम तुम्हारी मुस्लि़मा गाँड और चिकनी छिनाल चूत मारें! है ना मेरी नाज़िया जान?” नाज़िया ने मुँह में से लंड निकाला फिर अपनी ज़ुबान बाहर करके विजय शिंदे के गेंदों की थैली से चाटती हुई लंड के गुलाबी टोपे तक ज़ुबान फेर कर बोली,  “हम बज़ार में इसलिये अपनी गाँड मटकाती और मुस्लि़म चूचियाँ उछालती हैं ताकि तुम जैसे गरम मर्दाना * धगड़े हमारी चिकनी मखमली मुल्लनी चूत को चोद कर हमारी प्यास बुझायें... मेरे * सनम!
 
वहाँ नाज़ू की मुस्लि़म गाँड विशाल अपने * लंड से चोद रहा था और यहाँ किशन मेरी मुस़्लिम चूत को चीर कर अपने लंड को आगे पीछे कर रहा था। मैं रवि लोहिया का काला लंड चूस रही थी और उसके * लंड की झाँटों के बाल मेरे सुर्ख मुस्लि़म होंठों पे बिखरे हुए थे जैसे मेरे होंठों को सहला रहे हों। रवि अब मेरे सामने लेट गया और मैं झुक कर उसका लंड चूसने लगी। मेरे बुऱके से दोनों मुस्लि़म चूचियाँ बाहर निकल कर लटक रही थी। विजय शिंदे जो नाज़िया का मुँह चोद रहा था, उसने झुक कर मेरी मुस्लि़म चूची को पकड़ लिया। मैंने विजय की तरफ़ देखा तो उसने मेरी चूची को दबाते हुए कहा,  “राँड! कैसा लग रहा है अपना हिजाबी मम्मा मेरे * हाथों से मसलवाते हुए?” मैंने रवि का लंड मुँह में से निकाला और विजय के हाथ पे हाथ रख कर अपनी मुस्लि़म चूची को और दबवाया और बोली,  मेरा शौहर असलम... कमबख्त दोनों हाथ से भी दबाता है मेरी मुस्लि़म चूची तो ऐसी मर्दानगी नहीं ज़ाहिर होती विजय जी! इधर रवि लोहिया ने फिर से मेरे मुसल्ली मुँह में लंड घुसेड़ते हुए दूसरे हाथ से नाज़िया की लटकती चूची पकड़ ली और दबाने लगा। अब विशाल नाज़िया की चोदू गाँड पर ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगा और यहाँ मेरी कुत्तिया बनी मुस्लि़म चूत को किशन भी ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा।
 
चुदाई ज़ोर पकड़ने लगी और हम दोनों मुसल्लियों के मुँह से “हाय अल्लाह। उफफ अल्लाह!” निकलने लगा। इधर रवि लोहिया मेरे बाल पकड़ कर अपने लंड को ऐसे मेरा मुँह चोदने लगा कि जैसे पानी निकालने वाला हो। उधर विजय भी मेरी मुस्लि़म चूची दबाते हुए नाज़िया के प्यारे मुस्लि़म मुँह में ऐसे ही लंड चोदने लगा कि पानी निकालने वाला हो। इधर मेरी मुस्लि़म चूत उधर नाज़िया की मुस्लि़म गाँड ज़ोर  से चोदी जा रही थी। फिर चारों मर्दों ने एक दूसरे को इशारा किया और हम दोनों को तंज़िया अंदाज़ में कहा,  प्यारी मुल्लनी रंडी शबाना और हिजाबी रंडी नाज़िया! अब तैयार हो जाओ हमारे * त्रिशूलों से मलाई की धार तुम दोनों राँडों के मुँह , चूत और गाँड में छूटने वाली है।  मैंने रवि लोहिया का तमाम लंड अपने हलक तक अंदर ले लिया और उसके * लंड के बाल मेरी नाक में घुस गये। पीछे से किशन ने अपना पूरा लंड बाहर निकाला और मुझे गाली देते हुए फिर से ज़ोर के एक झटके से अंदर दाखिल हो गया, हिजाबी राँड!!  कहते हुए किशन के लंड से एक तेज़ धार मेरी मुल्लनी चूत में महसूस हुई। अभी मैं चूत में किशान की मलाई महसूस ही कर रही थी कि मेरे मुँह में रवि लोहिया के लोहे जैसे लण्ड से मलाई की धार फूट पड़ी। मैं भी जोशिले अंदाज़ में रवि के लंड को ज़ोर से चूसने लगी और उसका * त्रिशूल लंड मेरे थूक और उसकी * मलाई से तरबतर हो गया।
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RE: हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 06-02-2024, 04:57 AM



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