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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
अब रमेश मेरे बाहर निकले एक नंगे मम्मे पर अपना लंड ले आया और अपने लंड से हल्के से मारते हुए मेरे मम्मे के निप्पल को अपने * लंड के सुपाड़े से छेड़ने लगा और शरारत भारी नज़रों से मुझे देखने लगा। मैं भी हल्के से मुस्कुराते हुए अपनी ज़ुबान होंठों पर फेरने लगी और उसके लंड की तरफ़ इशारा किया। वो अपना काला लंड मेरे होंठों के पास लाने लगा तो मैंने शरारत में उसके लंड पर थूक दिया। रमेश थोड़ा सा मुस्कुराया और वापस लंड मेरे मम्मे पर रख कर उस पर ठोकने लगा। अब मेरे मम्मे पर मेरा थूक और रमेश का थूक लगा हुआ था। मेरे बूब्स को रमेश हल्के से अपने लंड से मारता रहा और फिर दोबारा अपने लंड पर थूक कर मेरे मुँह के पास ले आया। मैंने बिना हिचकिचाये उसका लंड अपने होंठों में ले लिया और उसकी तरफ़ देख कर मज़े से चूसने लगी।

 
रमेश ने मस्त नज़रों से मुझे देखा और कहा, साली छिनाल इतनी अदायें कहाँ से सीखी तूने? बुऱके में तो काफी शरीफ बनकर जाती है मेरी रंडी! मैंने रमेश का लंड अपने मुँह से निकाला और कहा,कितनी बार मैंने चाहा कि मैं तेरे इस * लंड से अपनी प्यासी मुस्लि़म चूत को चुदवाऊँ मगर डर लगता था क्योंकि मैं शादीशुदा हूँ रमेश! ये सुनकर रमेश ने मेरे बुऱके के सारे बटन खोल दिये और मेरी कमीज़ को और नीचे करके मेरे दोनों मुस्लि़म मम्मे कमीज़ से आज़ाद कर दिये। मेरे बूब्स काफी उभरे हुए नज़र आ रहे थे। अब रमेश बारी-बारी से मेरे दोनों बूब्स के निप्पलों को चूस-चूस कर गीला कर रहा था और चूसते हुए मेरी तरफ़ देख कर बोला,तेरे बूब्स पर मेरा थूक मेरी शबाना रंडी! मेरा बुऱका खुला हुआ था। अब रमेश ने मेरी कमीज़ ऊपर करके मेरी सफ़ेद सलवार पर से मेरी चूत पर हाथ रख कर कहा, शबाना इज़्ज़त शरीफ की चूत को आज क्या चाहिये?” मैंने रमेश की आँखों में देख कर कहा,  आज अपना * पानी मेरी शादीशुदा चूत में डाल कर मेरी चूत की प्यास बुझा दे रमेश!
 
अब रमेश मेरी सलवार का नाड़ा अपने मुँह से खोलने लगा और मेरी सलवार को मेरी टाँगों और सैंडलों से नीचे खींच कर उतार दिया और मेरे गोरे बदन पर मेरी लाल रंग की छोटी सी पैंटी को देख कर बोला,आह साली छिनाल! राँड तेरा फिगर तो बहुत मस्त है शबाना रंडी! इतने दिन बुऱके में छुपया क्यों तूने मेरी छिनाल! मैंने रमेश का अनकटा * लंड पकड़ कर दबाते हुए कहा, आज अपने इस * लंड से शबाना इज़्ज़त शरीफ की चूत को चोद कर मुझे राँड बना दे रमेश!रमेश ने मेरी पैंटी पर से सहलना शुरू किया और गंदी नज़रों से मेरी तरफ़ देखने लगा। फिर आहिस्ता से मेरी पैंटी में रमेश का हाथ जाने लगा। मैं गौर से देखने लगी कि एक * का हाथ मेरी शादीशुदा प्यासी चूत पर जा रहा है। रमेश अब एक हाथ से मेरा एक मम्मा और दूसरा हाथ पैंटी में डाले हुए था और आहिस्ता-आहिस्ता मेरी प्यासी शादीशुदा चूत को अपने हाथों से सहलाने लगा। मैं रमेश की आँखों में देखने लगी। रमेश ने अपने लंड की तरफ़ इशारा किया और हल्के से बोला, छिनाल शबाना! मैंने रमेश का लंड अपने हाथ में ले लिया और उसे दबाने लगी और दूसरे हाथ से रमेश के गेंदों को सहलाने लगी। अब रमेश मेरी मुस्लि़म चूत को सहलाने लगा और मेरे दोनों मम्मों को बारी बारी दबाते हुए मेरी प्यासी चूत को सहलाने लगा। मेरी चूत पर जैसे किसी ने अंगार रख दिया हो। रमेश का गरम हाथ मेरी मखमली चूत पर आग लगा रहा था।
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RE: हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 18-12-2023, 10:21 PM



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