15-12-2023, 11:00 PM
(This post was last modified: 18-08-2024, 09:01 PM by rohitkapoor. Edited 4 times in total. Edited 4 times in total.)
अचानक मैंने खिड़की से झाँक कर देखा तो रमेश की मेरे घर पर ही नज़र थी। असल में ये खिड़की उसी प्लॉट की तरफ खुलती थी जिसमें रमेश का कमरा था। अपने शौहर से मायूस होकर अब मेरा भी दिल उसका लंड लेने को हो रहा था। मैंने कमरा बंद किया और खिड़की खोल ली और अपना पैग खत्म करके जानबूझ कर कुछ काम करने लगी। नीली कमीज़ और सफ़ेद रंग की सलवार और सफ़ेद रंग की ही ऊँची सैंडल पहनी हुई थी मैंने और ओढ़नी नहीं ली हुई थी। मेरे बूब्स काफी तने हुए थे। मैं जान कर ऐसे कर रही थी कि मेरे बूब्स का पूरा मज़ा मिले रमेश को। जब मैंने काम करते-करते उसकी तरफ़ देखा तो उसने अपना लंड निकाला हुआ था। उफ़्फ़ खुदा, क्या अजीब था उसका हि़न्दू लंड, बिल्कुल उस ब्लू-फिल्म के लण्ड जैसा, बिल्कुल काला, आठ इंच का और काफी झाँटें भी थी उसके इर्द गिर्द। जैसे ही मैंने देखा उसने हाथ से चोदने का इशारा किया। मैं हल्के से हंस दी और अपनी कमीज़ के हुक खोल कर उसे थोड़ा सा नीचे किया जिससे मेरे आधे बूब्स नज़र आ रहे थे। जैसे ही मैंने आधे मम्मों का नज़ारा दिया, रमेश ने अपना लंड पैंट में वापस डाला और मेरी खिड़की की तरफ़ आने लगा। मैंने इशारे से कहा कि रुको...!
मैंने कमरा खोला और बाहर जाकर देखा। मेरा शौहर सोफे पर नशे में धुत्त खर्राटे मार कर सो रहा था। मैंने हिम्मत के लिये एक और पैग जल्दी से पीया। मैं फिर कमरे में वापस आयी और उसे इशारे से कहा कि छत्त पर आओ…! वो पिछली दीवार से छत्त पर चढ़ गया। बाजू वाला मकान खाली होने की वजह से छत्त पर पुरी प्राइवसी है। मैंने कुछ कपड़े लिये और सुखाने के बहाने छत्त पर गयी और ऊपर जाकर सीढ़ियों का दरवाजा बंद किया। रमेश पहले से ही मौजूद था। वो अपना लंड निकाले हुए सहला रहा था। वो मेरी तरफ़ अपना हि़न्दू लंड ज़िप से बाहर निकाले हुए बढ़ा और मेरा एक मम्मा पकड़ कर मेरे होंठों से अपने होंठ चिपका दिये। उफ़्फ़ खुदा कितना अजीब लग रहा था मुझे। रमेश मेरा एक मम्मा ज़ोर से दबाते हुए अपने होंठों का थूक मेरे मुँह में डाल रहा था। उसका दूसरा हाथ मेरे जवान चूतड़ों को दबाने में लगा था और उसका नंगा हि़न्दू लंड मेरी बेचैन प्यासी चूत को सलवार पर से दबा रहा था। मैं भी जोश खाने लगी और अपने हाथ में उसका लंड पकड़ लिया। अजीब से लग रहा था कि उसका काला हि़न्दू लंड मेरे गोरे हाथों में फूल रहा था। फिर उसने मेरे चूतड़ और बूब्स दबाते हुए कहा, “शबाना जान! तुमने शराब पी रखी है क्या?” मैंने कहा, “हाँ थोड़ी सी पी है... कभी-कभार अपने पियक्कड़ शौहर के साथ पी लेती हूँ!”