02-11-2023, 07:08 PM
(This post was last modified: 16-11-2023, 08:30 PM by rohitkapoor. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मैं भी अब तक उससे चुदाई की बातें करके बहुत गरम हो चुका था और उसे दनादन चोदने लगा। तब वो बोली, “अपना थूक मेरे मुँह में डालो... यह बहुत मज़े का है।”
मैंने भी तब रुखसाना को चूमते हुए उसके मुँह में अपना ढेर सारा थूक डाल दिया। रुखसाना अपनी चुदाई से मस्त हो कर बड़बड़ाने लगी, “आहह, ओह मज़ा आ गया और ज़ोर-ज़ोर से मेरी चूत चोदो... पूरा-पूरा लंड डाल कर चोदो... मैं तो अब तुम्हारे लंड की दीवानी हो गयी... अब तुम जब भी कहोगे मैं तुम्हारे लंड को अपनी चूत के अंदर ले लुँगी। चोदो... चोदो... ज़ोर-ज़ोर से चोदो... बहुत मज़ा आ रहा है। आज मेरी चूत की सारी खुजली मिटा दो... मेरी चूत फाड़ कर उसके चिथड़े-चिथड़े कर दो। बस तुम मुझे ऐसे ही चोदते रहो। अल्लाह करे आज का वक्त रुक जाये और तुम मेरी चूत ऐसे ही चोदते रहो। हाय तुम्हारा लंड मेरी चूत में अंदर तक ठोकर मार रहा है और मुझको बेइंतेहा मज़ा मिल रहा है।”
थोड़ी देर के बाद मेरा पानी छूटने को हुआ और मैंने रुखसाना से कहा, “मेरी जान... मेरा लंड अब उल्टी करने वाला है... क्या मैं अपना लंड निकाल लूँ?”
रुखसाना अपनी टाँगों से मेरी कमर को कस कर पकड़ते हुए अपनी कमर उचका कर बोली, “जान से मार दूँगी अगर अपना लंड बाहर निकाला... अपना लंड मेरी चूत में इखराज़ कर दो... जो होगा फिर देख लेंगे।”
मैं तब उसकी चूत पर पिल पड़ा और उसकी चूत में अपना लंड पागलों की तरह अंदर बाहर करने लगा। थोड़ी देर के बाद मैं उसकी चूत के अंदर झड़ गया। मेरे झड़ने के साथ ही रुखसाना ने अपनी चूत से मेरे लंड को निचोड़ लिया और वो भी झड़ गयी। मेरे लंड को उसने अपनी चूत के रस से नहला दिया और बोली, “ओह जानू... मज़ा आ गया... आज से पहले इस कदर मज़ा नहीं आया था... मेरी चूत को तुम्हारा लंड बेहद पसंद आया है।”
अपनी लंबी चुदाई से हम दोनों अब तक बहुत थक चुके थे और इसलिये हम दोनों एक दूसरे को अपनी बाँहों से जकड़ कर सो गये। करीब एक बजे हम लोगों की आँख खुली। हम दोनों नंगे ही सो रहे थे और रुखसाना ने अभी भी अपने हाई हील सैंडल पहने हुए थे। आँख खुलते ही मेरा लंड फिर से रुखसाना की चूत में घुसने के लिये खड़ा होने लगा। हम लोगों ने एक बार फिर से जम कर चुदाई की, और फिर रुखसाना ने नंगी ही उठ कर किचन में जाकर हम लोगों के लिये लंच तैयार किया। लंच तैयार होने के बाद हम लोगों ने नंगे ही डाइनिंग टेबल पर बैठ कर लंच लिया। अब तक करीब साढ़े तीन बज रहे थे। रुखसाना बोली, “मेरी जान... जाने का तो मन नहीं है, लेकिन क्या करूँ जाना पड़ेगा। मेरा बेटा अभी कॉलेज से आता ही होगा।”
मैंने कहा, “ठीक है... अभी अपने घर जाओ, लेकिन कल इमरान और बेटे के जाते ही मेरे घर अपनी चूत और गाँड ले आना। मैं फिर तुम्हारी चूत और गाँड को लंड खिलाऊँगा। आओगी ना लंड खाने?”
रुखसाना बोली, “जरूर मेरे चोदू सनम, कल मैं फिर से तुम्हारा प्यारा लंड अपनी चूत और गाँड को खिलवाऊँगी!” और इतना कह कर रुखसाना अपने घर अपनी चुदी चूत और गाँड ले कर चली गयी।
मैंने भी तब रुखसाना को चूमते हुए उसके मुँह में अपना ढेर सारा थूक डाल दिया। रुखसाना अपनी चुदाई से मस्त हो कर बड़बड़ाने लगी, “आहह, ओह मज़ा आ गया और ज़ोर-ज़ोर से मेरी चूत चोदो... पूरा-पूरा लंड डाल कर चोदो... मैं तो अब तुम्हारे लंड की दीवानी हो गयी... अब तुम जब भी कहोगे मैं तुम्हारे लंड को अपनी चूत के अंदर ले लुँगी। चोदो... चोदो... ज़ोर-ज़ोर से चोदो... बहुत मज़ा आ रहा है। आज मेरी चूत की सारी खुजली मिटा दो... मेरी चूत फाड़ कर उसके चिथड़े-चिथड़े कर दो। बस तुम मुझे ऐसे ही चोदते रहो। अल्लाह करे आज का वक्त रुक जाये और तुम मेरी चूत ऐसे ही चोदते रहो। हाय तुम्हारा लंड मेरी चूत में अंदर तक ठोकर मार रहा है और मुझको बेइंतेहा मज़ा मिल रहा है।”
थोड़ी देर के बाद मेरा पानी छूटने को हुआ और मैंने रुखसाना से कहा, “मेरी जान... मेरा लंड अब उल्टी करने वाला है... क्या मैं अपना लंड निकाल लूँ?”
रुखसाना अपनी टाँगों से मेरी कमर को कस कर पकड़ते हुए अपनी कमर उचका कर बोली, “जान से मार दूँगी अगर अपना लंड बाहर निकाला... अपना लंड मेरी चूत में इखराज़ कर दो... जो होगा फिर देख लेंगे।”
मैं तब उसकी चूत पर पिल पड़ा और उसकी चूत में अपना लंड पागलों की तरह अंदर बाहर करने लगा। थोड़ी देर के बाद मैं उसकी चूत के अंदर झड़ गया। मेरे झड़ने के साथ ही रुखसाना ने अपनी चूत से मेरे लंड को निचोड़ लिया और वो भी झड़ गयी। मेरे लंड को उसने अपनी चूत के रस से नहला दिया और बोली, “ओह जानू... मज़ा आ गया... आज से पहले इस कदर मज़ा नहीं आया था... मेरी चूत को तुम्हारा लंड बेहद पसंद आया है।”
अपनी लंबी चुदाई से हम दोनों अब तक बहुत थक चुके थे और इसलिये हम दोनों एक दूसरे को अपनी बाँहों से जकड़ कर सो गये। करीब एक बजे हम लोगों की आँख खुली। हम दोनों नंगे ही सो रहे थे और रुखसाना ने अभी भी अपने हाई हील सैंडल पहने हुए थे। आँख खुलते ही मेरा लंड फिर से रुखसाना की चूत में घुसने के लिये खड़ा होने लगा। हम लोगों ने एक बार फिर से जम कर चुदाई की, और फिर रुखसाना ने नंगी ही उठ कर किचन में जाकर हम लोगों के लिये लंच तैयार किया। लंच तैयार होने के बाद हम लोगों ने नंगे ही डाइनिंग टेबल पर बैठ कर लंच लिया। अब तक करीब साढ़े तीन बज रहे थे। रुखसाना बोली, “मेरी जान... जाने का तो मन नहीं है, लेकिन क्या करूँ जाना पड़ेगा। मेरा बेटा अभी कॉलेज से आता ही होगा।”
मैंने कहा, “ठीक है... अभी अपने घर जाओ, लेकिन कल इमरान और बेटे के जाते ही मेरे घर अपनी चूत और गाँड ले आना। मैं फिर तुम्हारी चूत और गाँड को लंड खिलाऊँगा। आओगी ना लंड खाने?”
रुखसाना बोली, “जरूर मेरे चोदू सनम, कल मैं फिर से तुम्हारा प्यारा लंड अपनी चूत और गाँड को खिलवाऊँगी!” और इतना कह कर रुखसाना अपने घर अपनी चुदी चूत और गाँड ले कर चली गयी।
॥।समाप्त॥।