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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
इसके साथ ही मैंने दो चार और तेज़-तेज़ धक्के मार कर उसकी गाँड के अंदर अपने लंड की पिचकारी छोड़ दी। रुखसाना ने भी मेरे झड़ने के साथ ही अपनी चूत का पानी छोड़ दिया। मैं थोड़ी देर तक उसकी पीठ के ऊपर पड़ा रहा और फिर उसकी गाँड में से अपना लंड निकाला। मेरा लंड उसकी गाँड में से “पुच” की आवाज से बाहर निकल आया। रुखसाना जल्दी से उठ कर बाथरूम की तरफ़ अपनी सैंडल खटपटाती हुई भागी और थोड़ी देर के बाद मैं भी बाथरूम में चला गया। रुखसाना मेरे लंड को देखती हुई बोली, देखो साला मेरी गाँड मार के कैसे मरे चूहे जैसा हो गया है।
 
मैंने कहा, कोई बात नहीं... मैं इस को फिर तैयार कर लेता हूँ।
 
अब तक मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा था। रुखसाना मेरे पास आयी और मुझको अपनी बाँहों में जकड़ कर मेरे होठों पर चुम्मा दे कर बोली, मैं तुम्हें बताती हूँ की मैं कितनी बेहया और गंदी हूँ!”
 
फिर मुझको मेरे कँधों से पकड़ कर मुझको कमोड पर बैठने के लिये बोली। मैं उसकी बात मानते हुए कमोड पर बैठ गया। रुखसाना तब मेरी जाँघों पर मेरी तरफ मुँह कर के बैठ गयी। मेरा लंड इस समय उसकी चूत के छेद पर अपना सिर मार रहा था। उसने मुझे फिर से अपनी बाँहों में जकड़ कर मेरे मुँह को चूमते हुए मेरे मुँह में अपनी जीभ घुसेड़ दी और मेरे लंड पर पेशाब करने लगी। मुझको रुखसाना का यह अंदाज़ बहुत पसंद आया। उसके गरम-गरम पेशाब से मेरा लंड धुल रहा था। हम लोग इसी तरह कमोड पर बैठे रहे और जब रुखसाना का पेशाब पूरा हो गया तो वो बोली, मैंने तुम्हारा लंड गंदा किया था और अब मैंने इसको धो दिया है।
 
मैंने उसको चूमते हुए कहा, तुम वाकय बहुत बेशर्म हो।
 
उसने उत्तर दिया, तुमने बना दिया है।
 
मैंने तब रुखसाना से कहा, उठो और अब तुम घोड़ी बनो... मैं अपने लंड से तुम्हारी गाँड धोता हूँ।
 
रुखसाना तब उत्तेजित होकर बोली, हाँ, बेहद मज़ा आयेगा... पर पहले मैं तुम्हारे लंड को सुखा तो दूँ!”
 
हम दोनों खड़े हो गये और रुख़साना झट से झुक कर मेरा लंड पकड़ कर अपनी जीभ उस पर ऊपर से नीचे तक फिराने लगी। मेरे लंड से अपना पेशाब चाटने के बाद वो घोड़ी बन कर कमोड पकड़ के अपनी गाँड ऊपर कर के खड़ी हो गयी। मैंने उसके चूत्तड़ों की फाँकों को अलग करते हुए अपना लंड उसकी गाँड के छेद के सामने रखा। अपना लंड उसकी गाँड के सामने रखते हुए मैंने अपनी पेशाब की धार उसकी गाँड के छेद पर मारनी शुरू कर दी। जैसे ही मेरा गरम-गरम पेशाब उसकी गाँड के छेद पर पड़ा, रुख़साना उत्तेजित हो कर बोली, ओह जानू... बहुत मज़ा आ रहा है... मुझे आज से पहले चुदाने का इतना मज़ा नहीं आया। तुम भी मेरी तरह बेहद बेहया और गंदे हो, मुझे तुम्हारे जैसा मर्द ही चाहिये था जिस के साथ मैं भी इसी तरह खुल कर बेहयाई कर सकूँ।
 [Image: hr-MVC00019.jpg][Image: IMG-5716.jpg]
उसके बाद हम दोनों एक साथ शॉवर के नीचे खड़े हो कर नहाए। रुखसाना ने अभी भी अपने सैंडल पहने हुए थे। रुखसाना ने मुझे और मैंने रुख़साना को साबुन लगाया। फिर अपने अपने बदन तौलिये से पोंछ कर हम लोग बेडरूम में आ गये और फिर से एक दूसरे को चूमने-चाटने लगे। करीब दस मिनट तक एक दूसरे को चूमने और चाटने के बाद मैं उसकी चूंची पर अपना मुँह लगा कर फिर से उसकी चूंची पीने लगा।
 
मैं धीरे-धीरे रुखसाना के पेट को चूमते हुए उसकी चूत पर अपना मुँह ले गया। चूत पर मेरा मुँह लगते ही रुखसाना ने अपनी दोनों टाँगें फैला दीं और मेरे सिर को पकड़ कर अपनी चूत पर कसकर दबाने लगी। थोड़ी देर तक मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटा और चूसा। मेरे द्वारा चूत चटाई से रुखसाना बहुत गरम हो गयी और बैठे-बैठे ही अपनी कमर उचकाने लगी। फिर वो मेरा चेहरा अपने हाथों से पकड़ कर अपने चेहरे के पास ले आयी और बोली, मेरी जान, हम लोगों का रिश्ता क्या है।
[Image: 2305-0097.jpg]
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RE: हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 02-11-2023, 07:05 PM



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