06-10-2023, 12:25 AM
हम लोग इसी तरह काफी देर तक एक दूसरे का लंड और चूत चूसते रहे। फिर मुझे लगा कि मेरा अपना रस छूटने वाला है और यह बात मैंने रुखसाना से बतायी और कहा, “मेरा लंड अपने मुँह से निकाल दो।”
लेकिन उसने मेरे चूत्तड़ों को जोर से पकड़ लिया और मेरा लंड अपने दाँतों से हल्के हल्के काटने लगी। इस से मेरी गर्मी और बढ़ गयी मेरे लंड ने उसके मुँह के अंदर उल्टी कर दी और उसके मुँह को अपने पानी से भर दिया। वो मेरा लंड अपने मुँह में ही रखे रही और लंड का सारा पानी पी गयी और मेरे लंड को अपनी जीभ से चाट-चाट कर साफ़ भी कर दिया।
उसकी इस जबरदस्त चुसाई से मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। तब उसने मुझको उठने के लिये कहा और मैं उठ कर उसके पैरों के बीच बैठ गया। वो भी उठ गयी और मेरा लंड पकड़ कर बोली, “अब मैं और नहीं रुक सकती। जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो और मेरी चूत को अपने लंड के धक्कों से फाड़ दो।”
मैंने उसकी टाँगों को उठा कर अपने कँधों पर रख लिया और उसकी चूत के दरवाजे पर अपना लंड टिका दिया। उसकी चूत इस वक्त बहुत ही गीली और गरम थी। मैं उसकी चूत के दरवाजे पर लंड रखके उसके ऊपर लेट गया और उसकी एक चूंची को पकड़ कर उसके मुँह में अपनी जीभ डाल दी। रुखसाना मुझको अपने चारों हाथ-पैर से जकड़ कर अपने चूत्तड़ उछालने लगी। मैंने उसकी चूत में अपना लंड एक ही झटके से डाल दिया।
उसने मेरे गालों को काट लिया और चिल्ला कर बोली, “ऊईईईईईई हाय बहनचोद तूने मेरी चूत फाड़ दी हाय।” उसकी चूत बिल्कुल कुँवारी लड़की की तरह तंग थी। उसने अपनी टाँगें मेरी कमर पर रख दीं। मैं उसकी चूंची को सहलाने लगा और कभी-कभी उसके निप्पल अपने मुँह में भर कर चूसने लगा। रुखसाना चुपचाप पड़ी रही और थोड़ी देर के बाद अपनी सैक्सी आवाज में बोली, “ऊईईईई, उफफ कितना मोटा लंड है... ऐसा लगता है कि गधे का लंड हो।”
मैंने कहा, “गधे का लंड इतना छोटा नहीं होता... तुम्हारी चूत ज़्यादा तंग है इसलिये तुम्हें मेरा लंड मोटा लग रहा है,” और मैं अपना लंड उसकी चूत के अंदर बाहर करने लगा।
रुखसाना मेरे चुदाई शुरू करते ही बोली, “ओह जानू... अभी नहीं हिलो... मुझे दर्द हो रहा है... पहले मेरी चूत को अपने लंड से दोस्ती कर लेने दो... ज़रा दर्द कम हो तो फिर इस को चोदना।”
थोड़ी देर के बाद रुखसाना मुझे चुम कर फिर बोली, “ओह मेरी जान, मुझे तुम्हारा लंड बेहद पसंद आया। मुझे अब तक इतने मोटे, लंबे और सैक्सी लंड से चुदवाने का मौका नहीं मिला। बस अब तुम मुझको जोरदार धक्के मार-मार कर खूब चोदो। अब ये चूत तुम्हारी है... इसको जैसे चाहो अपना लंड पेल-पेल कर चोदते रहो।”
रुखसाना ने मेरी बात सुनते ही मुझे और जोर से अपने हाथों से बाँध लिया और बोली, “खबरदार, अपना लंड मत निकालना। तुम मेरी चूत के अंदर ही अपना पानी छोड़ो। मैं रोज़ पिल्स लेती हूँ। तुम अपने पानी से मेरी चूत को भर दो। मुझे तुम्हारे पानी से अपनी चूत भरनी है।”
मैंने उसकी बातों को सुन कर चोदने की स्पीड फिर से तेज कर दी और उसकी चूत में अपना लंड जल्दी-जल्दी से अंदर-बाहर करने लगा। थोड़ी देर के बाद मेरे लंड ने रुखसाना की चूत के अंदर पिचकारी छोड़ दी और उसकी चूत मेरे पानी से भरने लगी।
रुखसाना भी मेरे झड़ने के साथ साथ झड़ गयी। वो अपनी चूत सिकोड़-सिकोड़ कर मेरे लंड का पानी निचोड़ने लगी। थोड़ी देर मैं अपना लंड रुखसाना की चूत से बिना निकाले उसके उपर लेटा रहा और रुखसाना को फिर से चूमने लगा और हाथों से उसकी चूंची को दबाने लगा। कुछ देर के बाद मैं रुखसाना की एक चूंची अपने मुँह में भर कर चूसने लगा।
लेकिन उसने मेरे चूत्तड़ों को जोर से पकड़ लिया और मेरा लंड अपने दाँतों से हल्के हल्के काटने लगी। इस से मेरी गर्मी और बढ़ गयी मेरे लंड ने उसके मुँह के अंदर उल्टी कर दी और उसके मुँह को अपने पानी से भर दिया। वो मेरा लंड अपने मुँह में ही रखे रही और लंड का सारा पानी पी गयी और मेरे लंड को अपनी जीभ से चाट-चाट कर साफ़ भी कर दिया।
उसकी इस जबरदस्त चुसाई से मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। तब उसने मुझको उठने के लिये कहा और मैं उठ कर उसके पैरों के बीच बैठ गया। वो भी उठ गयी और मेरा लंड पकड़ कर बोली, “अब मैं और नहीं रुक सकती। जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो और मेरी चूत को अपने लंड के धक्कों से फाड़ दो।”
मैंने उसकी टाँगों को उठा कर अपने कँधों पर रख लिया और उसकी चूत के दरवाजे पर अपना लंड टिका दिया। उसकी चूत इस वक्त बहुत ही गीली और गरम थी। मैं उसकी चूत के दरवाजे पर लंड रखके उसके ऊपर लेट गया और उसकी एक चूंची को पकड़ कर उसके मुँह में अपनी जीभ डाल दी। रुखसाना मुझको अपने चारों हाथ-पैर से जकड़ कर अपने चूत्तड़ उछालने लगी। मैंने उसकी चूत में अपना लंड एक ही झटके से डाल दिया।
उसने मेरे गालों को काट लिया और चिल्ला कर बोली, “ऊईईईईईई हाय बहनचोद तूने मेरी चूत फाड़ दी हाय।” उसकी चूत बिल्कुल कुँवारी लड़की की तरह तंग थी। उसने अपनी टाँगें मेरी कमर पर रख दीं। मैं उसकी चूंची को सहलाने लगा और कभी-कभी उसके निप्पल अपने मुँह में भर कर चूसने लगा। रुखसाना चुपचाप पड़ी रही और थोड़ी देर के बाद अपनी सैक्सी आवाज में बोली, “ऊईईईई, उफफ कितना मोटा लंड है... ऐसा लगता है कि गधे का लंड हो।”
मैंने कहा, “गधे का लंड इतना छोटा नहीं होता... तुम्हारी चूत ज़्यादा तंग है इसलिये तुम्हें मेरा लंड मोटा लग रहा है,” और मैं अपना लंड उसकी चूत के अंदर बाहर करने लगा।
रुखसाना मेरे चुदाई शुरू करते ही बोली, “ओह जानू... अभी नहीं हिलो... मुझे दर्द हो रहा है... पहले मेरी चूत को अपने लंड से दोस्ती कर लेने दो... ज़रा दर्द कम हो तो फिर इस को चोदना।”
थोड़ी देर के बाद रुखसाना मुझे चुम कर फिर बोली, “ओह मेरी जान, मुझे तुम्हारा लंड बेहद पसंद आया। मुझे अब तक इतने मोटे, लंबे और सैक्सी लंड से चुदवाने का मौका नहीं मिला। बस अब तुम मुझको जोरदार धक्के मार-मार कर खूब चोदो। अब ये चूत तुम्हारी है... इसको जैसे चाहो अपना लंड पेल-पेल कर चोदते रहो।”
मैं रुखसाना की बात मानते हुए उसकी चूत में लंड दनादन पेलता रहा और अपने दोनों हाथों से उसकी चूंची मसलता रहा। मैं इस समय रुखसाना की चूत एक पागल कुत्ते की तरह चोद रहा था।
शुरू के दस मिनट तक रुखसाना मुझे चोदने में पूरा साथ देती रही पर बाद में मेरे कँधों पर पैर रख कर आँखें बंद करके चुपचप लेट गयी। उसकी सैंडल के बकल मेरी गर्दन पर खरोंच रहे थे। थोड़ी देर के बाद मैं जब झड़ने को हुआ तो मैंने अपनी कमर चलाना बंद कर दी और उससे कहा, “मैं अब अपना लंड निकाल कर तुम्हारे पेट के ऊपर झड़ने वाला हूँ।” रुखसाना ने मेरी बात सुनते ही मुझे और जोर से अपने हाथों से बाँध लिया और बोली, “खबरदार, अपना लंड मत निकालना। तुम मेरी चूत के अंदर ही अपना पानी छोड़ो। मैं रोज़ पिल्स लेती हूँ। तुम अपने पानी से मेरी चूत को भर दो। मुझे तुम्हारे पानी से अपनी चूत भरनी है।”
मैंने उसकी बातों को सुन कर चोदने की स्पीड फिर से तेज कर दी और उसकी चूत में अपना लंड जल्दी-जल्दी से अंदर-बाहर करने लगा। थोड़ी देर के बाद मेरे लंड ने रुखसाना की चूत के अंदर पिचकारी छोड़ दी और उसकी चूत मेरे पानी से भरने लगी।
रुखसाना भी मेरे झड़ने के साथ साथ झड़ गयी। वो अपनी चूत सिकोड़-सिकोड़ कर मेरे लंड का पानी निचोड़ने लगी। थोड़ी देर मैं अपना लंड रुखसाना की चूत से बिना निकाले उसके उपर लेटा रहा और रुखसाना को फिर से चूमने लगा और हाथों से उसकी चूंची को दबाने लगा। कुछ देर के बाद मैं रुखसाना की एक चूंची अपने मुँह में भर कर चूसने लगा।