15-08-2023, 09:55 PM
(This post was last modified: 15-08-2023, 10:40 PM by rohitkapoor. Edited 5 times in total. Edited 5 times in total.)
सुरिंदर ने मेरे ऊपर आते ही लौड़े की टोपी चूत के लबों के दर्मियान दबाते हुए एक ही धक्के में अपना तमाम लौड़ा ज़ोर से मेरी भभकती चूत में पेल दिया। इस तरह अचानक हमले से मेरी ज़ोरदार चींख निकल गयी। उसका मोटा लंड लेने के लिये मेरी चूत की दीवारों को फ़ैलाते हुए एक दफ़ा तो हद्द से ज्यादा खिंचाव बर्दाश्त करना पड़ा लेकिन उसका लंड मेरी रसीली चूत में दाखिल होने के बाद फिर तकलीफ कम हो गयी। मेरी चूत अब उसके लौड़े से ठसाठस भर गयी थी। मस्ती में मैंने अपनी टाँगें उसकी कमर पे लपेट कर कैंची की तरह कस दीं और वो पागलों की तरह मुझे वहशियाना तरीके से दनादन चोदनए लगा। “ऊँऊँह सुऽऽऽरिंदऱऽऽऽ आँआह...” मैं अलमस्त होकर सिसकने और आहें भरने लगी। मुझे चोदते हुए वो मेरे मम्मों पे झुका हुआ मेरे निप्पल और मम्मे मुँह में लेकर चूसने और काटने लगा। कुछ ही देर में मेरा जिस्म अकड़ा और चूत ने पानी छोड़ दिया लेकिन उसने मुझे चोदना ज़ारी रखा।
इतने में चौथा लड़का अनिल बोला, “जल्दी करो यार... मुझसे अब और इंतज़ार नहीं हो रहा!” तो सुरिंदर ने मेरी चूत में दो-तीन ज़ोरदार धक्के मारे और मेरी कमर में बाँहें डाल कर अपना लौड़ा मेरी चूत में गहरायी तक घुसाये हुए ही घूम कर पलट गया जिससे कि अब मैं उसके ऊपर आ गयी। मैं इस कदर मस्ती के आलम में थी कि उसके ऊपर आगे झुकी हुई मैं उसके लौड़े पे ऊपर-नीचे उछलने लगी। वो भी नीचे से अपने चूतड़ उछाल-उछाल कर मेरी चुत में लंड ठोक रह था। इतने में सुरेंदर हाँफते हुए बोला, “आजा अनि़ल! साथ में चोदते हैं इस माँ की लौड़ी तबससुम मैडम को!”
इतने में चौथा लड़का अनिल बोला, “जल्दी करो यार... मुझसे अब और इंतज़ार नहीं हो रहा!” तो सुरिंदर ने मेरी चूत में दो-तीन ज़ोरदार धक्के मारे और मेरी कमर में बाँहें डाल कर अपना लौड़ा मेरी चूत में गहरायी तक घुसाये हुए ही घूम कर पलट गया जिससे कि अब मैं उसके ऊपर आ गयी। मैं इस कदर मस्ती के आलम में थी कि उसके ऊपर आगे झुकी हुई मैं उसके लौड़े पे ऊपर-नीचे उछलने लगी। वो भी नीचे से अपने चूतड़ उछाल-उछाल कर मेरी चुत में लंड ठोक रह था। इतने में सुरेंदर हाँफते हुए बोला, “आजा अनि़ल! साथ में चोदते हैं इस माँ की लौड़ी तबससुम मैडम को!”
सुरिंदर की बात मुझे समझ नहीं आयी कि दोनों कैसे एक साथ मुझे चोद सकते हैं। पिछले तीन-चार दिनों में इंटरनेट पे जो मैंने कुछ-एक ब्लू-फिल्में और गंदी तसवीरें देखी थी तो उनके हिसाब से तो मुझे लगा शायद अनिल मेरे मुँह में लंड डाल कर चुसवायेगा। लेकिन जब मुझे उसके हाथ पीछे अपने चूतड़ों पे महसूस हुए और फिर अगले ही लम्हे उसके लंड का सुपाड़ा अपनी गाँड के छेद पे महसूस हुआ तो मेरी साँसें हलक़ में ही अटक गयीं। “हाय अल्लाह! ये कैसे मुमकिन है!” मैं तो ख्वाब में भी इस तरह की चुदाई का तसव्वुर नहीं कर सकती थी।
इससे पहले कि मैं कुछ रद्दे-अमल कर पाती, अनि़ळ ने एक ही धक्के में बेहद बेरहमी से आठ-नौ इंच लंबा अपना तमाम बे-ख़तना लौड़ा मेरी गाँड में अंदर तक पेल दिया। कुछ देर पहले संजय के लौड़े से चुदने के बाद मेरी गाँड खुल तो गयी थी लेकिन अनिल ने जिस बेरहमी से अपना लंड एक बार में पेला और फिर चूत में भी सुरिंदर का मोटा लौड़ा मौजूद होने के वजह से मैं दर्द के मारे ज़ोर से चींख पड़ी, “नहींईईंईंईंईं अऽऽनिलऽऽऽ.... रुक जाओ ओ ओ ओ ओ.... मर गयीईईई...! एक दफ़ा फिर मेरी आँखों में आँसू आ गये। मेरे दोनों स्टूडेंट मिलकर मेरी चूत और गाँड एक साथ चोदने लगे और मैं सुबकती हुई कराहने और चींखने लगी। चारों लड़के कुछ-कुछ तबसीरे कर रहे थे।
गनिमत है कि इस दफ़ा दो-तीन मिनट में ही दर्द का एहसास कम होना शुरू हो गया। मैं सिसकते हुए बोली, “हाय अल्लाह़! तुम लड़कों का दिमाग खराब हो गया क्या... आहहह.... ऊम्म्म ये क्या कर रहे हो... ऐसे भी कोई करता है क्या... ऊँहहह!” इस दोहरी चुदाई में मुझे अजीब सा मज़ा आने लगा था। एक लंड पीछे खिसकता तो दूसरा लंड अंदर फिसलता। गाँड और चूत के दर्मियान की झिल्ली पे मुझे उन दोनों लड़कों के लौड़े आपस में रगड़ते हुए महसूस हो रहे थे। दोनो लड़के वहशियाना जुनून में अपने लौड़े मेरे दोनों छेदों में बेहद तालमेल के साथ चोद रहे थे। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि मेरी चूत और गाँड एक हो गयी थीं जिसमें दो अज़ीम लौड़े एक साथ अंदर-बाहर चोद रहे थे। मेरे जिस्म के रोम-रोम में हवस के शोले भड़क रहे थे और बिजली का करंट दौड़ता हुआ महसूस हो रहा था। मेरी मस्ती भरी कराहें उस छोटे से कमरे में गूँजने लगी। ज़िंदगी में मैंने कभी इस कदर लुत्फ़ महसूस नहीं किया था। मेरी चूत ने इस दौरान तीन-चार दफ़ा पानी छोड़ा और फिर दोनों लड़कों ने भी तकरीबन साथ-साथ ही मेरी चूत और गाँड में अपनी-अपनी मनी भर दी।