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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
मेरी तो जैसे जान ही निकल गयी हो। मेरे होश उड़ गये और मेरा सर बिल्कुल हल्का हो गया। मेरा जिस्म काँपने लगा और वो मेरे होंठ चूसता रहा। मेरे शौहर ने भी कभी मेरे होंठों को चूमते हुए इस तरह नहीं चूसा था। ये मेरी ज़िंदगी का पहला माकूल फ्रेंच-किस था। उसने मेरे सर के पीछे वाले अपने हाथ से मेरे सर को पकड़ कर हमारे होंठों को कस कर सी लिया और उसी पल मेरी बांयी तरफ़ वाले लड़के ने अपने दूसरे हाथ से मेरी छाती पकड़ ली और कमीज़ के ऊपर से ही मेरे बूब्स मसलने लगा। मेरी साँसें फूलने लगी और मैं अपने दोनों हाथों से उसके हाथ को पकड़ कर रोकने लगी तो दोनों लड़कों ने मेरी रानों को सहला रहे दूसरे हाथों से हल्का सा ज़ोर लगा कर मेरी टाँगों को खोल दिया और दांयी तरफ़ वाले लड़के ने तपाक से अपना हाथ मेरी सलवार के ऊपर से मेरी चूत पे रख दिया और उसे ऊपर से ही सहलाने लगा। कुछ ही देर में मेरे पेट में अकड़ाव पैदा हुआ और फिर एक ज़ोर का झटका लगा और मेरी चूत में फ़ुव्वारे फूटने लगे। मैं झड़ चुकी थी और मेरी पैंटी और उसके आसपास की सलवार भी भीग गयी। मैं झड़ी तो उस लड़के ने मेरे होंठ चूसने बंद कर दिये और मेरी साँसें भी ठीक हो गयीं।

फिर दूसरा लड़का मुझे फ्रेंच-किस करने लगा तो पहले वाला बोला, “वाह यार मज़ा आ गया... आज तो अंग्रेज़ी वाली को अच्छे से चूसा है और अब अच्छे से चोदेंगे भी! साली मारती बहुत ज़ोर से है... आज उतने ही ज़ोर से हम इसकी मारेंगे!” और फिर वो बारी-बारी मुझे चूमने लगे।
 
थोड़ी देर बाद जो लड़के हमारे सामने खड़ी उन लड़कियों की गाँड में उंगली कर रहे थे उन्होंने कहा, “चलो बहुत हुआ... अब हमें भी तो त़बस्सूम मैडम का थोड़ा मज़ा लेने दो... तुम इधर आ कर इन लड़कियों के मम्मों को थोड़ा मसल दो... ये भी बहुत गरम हैं आज बरिश की ठंडक में!”
 
फिर उन चारों ने जगह बदल ली। अब दूसरे दोनों लड़के मेरे अगल-बगल बैठ कर मुझे किस करने और मेरे मम्मे और चूत को सहलाने लगे। फिर उनमें से एक ने मेरी सलवार का नाड़ा खोलना शुरू किया तो मैंने अपने दोनों हाथों से नाड़ा पकड़ लिया। फिर दोनों लड़कों ने मेरे दुपट्टे के नीचे से मेरी कमीज़ के गले में से हाथ डाल कर मेरे एक-एक मम्मे को पकड़ लिया और उन्हें मसलने लगे। मैं पूरी तरह मदहोश हो चुकी थी और मैंने अपने हाथ दोनों की एक-एक रान पर रख दिये और उनके किस के बदले में उन्हें किस करने लगी। बेहद अजीब पर मजेदार चुंबन थे। बार-बार वो मेरे होंठ चूमते हुए अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल रहे थे। चारों लड़कों ने शायद पोलो-मिन्ट काफी खा रखी थी इसलिये उन्हें किस करते हुए मुझे मीठा-मीठा लग रहा था।
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RE: हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 01-08-2023, 07:50 PM



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