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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
थोड़ी देर के बाद फ़रीदा ने अपनी बेटी की चूत को दोनों हाथों से लंड खाने के लिये फ़ैला दिया और मनोज से कहा, सर लीजिये... मैंने नाज़ की चूत को फ़ैला दिया है... अब आप अपना लंड धीरे-धीरे नाज़ की चूत में डालो और इसको मज़ा दो!” फिर मनोज ने अपना सुपाड़ा फिर से नाज़ की चूत के ऊपर रखा और धीरे से उसको अंदर कर दिया। नाज़ फिर से चिल्लाने लगी लेकिन उसकी बात ना सुनते हुए मनोज ने एक जोरदार धक्का मारा और उसका लंड नाज़ की चूत में घुस गया। नाज़ एक चींख मार कर बेहोश सी हो गयी। फ़रीदा नाज़ की चूँची को जोर-जोर मसलने लगी। मनोज यह सब ना देखते हुए अपनी रफ़्तार से नाज़ की चूत में अपना लंड पेले जा रहा था। थोड़ी देर के बाद नाज़ ने आँखें खोली और अपनी मम्मी से कहने लगी, हाय! अम्मी बहुत दर्द कर रहा है और मज़ा भी आ रहा है!” यह सुन कर फ़रीदा बोली, बस अब थोड़ी ही देर में तेरा सब दर्द दूर हो जायेगा और तुझे मज़ा ही मज़ा आयेगा!”

 
मैंने जब देखा कि नाज़ अब मज़े ले लेकर मनोज का लंड अपनी चूत में लील रही है, तब मैंने भी फ़रीदा के पीछे से जाकर फ़रीदा की चूत में अपना लंड फिर से घुसा दिया और अपनी रफ़्तार से फ़रीदा को चोदने लगा। यह देख कर नाज़ बोली, हाय! अम्मी तुम्हारी चूत में भी अमित का लंड घुसा हुआ है और तुम मज़े से चुदवा रही हो। अब मुझे भी मज़ा आ रहा है। अब नाज़ ने अपनी टाँगें उठा कर मनोज की कमर में अपने पैर फंसा लिये और नीचे से अपने चूत्तड़ उठा-उठा कर मनोज के हर धक्के का जवाब देने लगी। मनोज भी नाज़ की दोनों चूँचियों को पकड़ कर उसकी चूत में अपना लंड हचक-हचक कर डाल रहा था। अब दोनों माँ और बेटी को चुदाई का मज़ा आ रहा था और दोनों जोर-जोर से चोदने को कह रही थीं। मैं अपना लुंड फ़रीदा की चूत में जोर-जोर से अंदर बाहर कर रहा था और दोनों हाथों से उसकी चूँचियाँ मल रहा था। फ़रीदा भी अपना चेहरा घुमा कर मुझको चुम्मा दे रही थी। थोड़ी देर इस तरह मैं और मनोज फ़रीदा और नाज़ को चोदते रहे और फिर उनकी चूत में अपना लंड ठाँस कर झड़ गये। हम लोगों के सथ ही माँ और बेटी भी झड़ गयीं।
 
जब हम लोगों ने अपना लंड माँ और बेटी की चूतों से निकाला तो दोनों ने अपनी-अपनी चूत रुमाल से पोंछी। मैं और मनोज आमने-सामने की सीट पर बैठ गये और तब फ़रीदा भी मेरे पास बैठ गयी और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। मनोज उठ कर बाथरूम चला गया तो नाज़ भी मेरे पास आ कर अपनी मम्मी से मेरा लंड छीन कर चूसने लगी और मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूँची से लगा दिया। मैं भी नाज़ की चूँचियाँ मसलने लगा। थोड़ी देर के बाद मनोज कूपे में आया तो देखा कि नाज़ मेरे लंड को मुँह में ले कर चूस रही है और फ़रीदा मेरे से लिपटी हुए अपनी बेटी को देख रही है। मनोज यह देख कर बोला, अरे फ़रीदा, तुम्हारी बेटी है बहुत मस्त चीज़। नाज़ की चूत चोदने में मुझे बहुत मज़ा आया। अब तुम भी कुछ अपनी बेटी से सीखो, चलो आओ और मेरे लंड को चूस-चूस कर खड़ा करो । अब मैं तुम्हारी गाँड में अपना लंड पेलुँगा!”
 
यह सुन कर फ़रीदा पहले मुस्कुरायी और फिर मनोज के पास जा कर बैठ गयी। फरीदा बोली, सर इजाज़त हो तो पहले एक पैग और पी लूँ... तब आपका लंड गाँड में लेने में ज्यादा मज़ा आयेगा!” मनोज हंसते हुए बोला,ठीक है! सिर्फ़ एक पैग और ज़रा जल्दी करो...! फ़रीदा ने गिलास में व्हिस्की डाली और नीट ही गटागट पी गयी! उसके बाद मनोज ने फ़रीदा के चेहरे को अपने लंड तक झुका दिया और अपना लंड फ़रीदा के मुँह से लगा दिया। फ़रीदा अपनी जीभ निकाल कर मनोज का लंड चाटने लगी। थोड़ी देर के बाद नाज़ ने अपने मुँह से मेरा लंड निकाला और फिर अपनी मम्मी से पुछा, अम्मी सर का लंड गाँड में लेने से तुम्हें दर्द नहीं होगा?”
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RE: हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 26-07-2023, 12:43 AM



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