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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
थोड़ी देर के बाद सर अपना एक हाथ फ़रीदा के पेट के ऊपर रख कर फ़रीदा के पेट को सहलाने लगे। ऐसा करने से फ़रीदा तो पहले कुछ कसमसायी और फिर चुप-चाप अपना ड्रिंक लेने लगी। फिर सर ने फ़रीदा के पेट से हाथ को और थोड़ा ऊपर उठाया और अब उनका हाथ फ़रीदा के मम्मों के ठीक नीचे था। उनकी इस हरकत से फ़रीदा सिर्फ़ अपने सर को देख कर मुस्कुरा दी। फिर सर ने अपना हाथ फ़रीदा के मम्मों पर रख दिया और अपना हाथ घुमाने लगे। अब सर का हाथ फ़रीदा के मम्मो को उसके हाऊज़ कोट के ऊपर से धीर- धीरे सहला रहा था। अपनी मम्मी और सर का कामकाज नाज़ बड़े गौर से बिना पलक झपकाये देख रही थी और उसके गाल लाल हो गये थे। । थोड़ी देर के बाद सर ने अपना ड्रिंक सामने की टेबल पर रख दिया और अपने दोनों हाथ से फ़रीदा के दोनों मम्मे पकड़ लिये और उन्हें जोर-जोर से दबाने लगे। अब फ़रीदा भी चुप नहीं बैठ सकी और उसने फौरन एक घूँट में अपना ड्रिंक खतम करके गिलास टेबल पे रख कर सर को अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया, लेकिन सर अपने दोनों हाथों से फ़रीदा के दोनों मम्मे पकड़ कर दबाते रहे। थोड़ी देर के बाद सर अपना मुँह फ़रीदा के मम्मे के ऊपर लाये और उसके मम्मे को उसके हाऊज़ कोट के ऊपर से ही अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगे। सर ने फ़रीदा के मम्मे को हाऊज़ कोट के ऊपर से चूमते-चूमते अपना एक हाथ फ़रीदा के हाऊज़ कोट के अंदर डाल दिया और अपना हाथ घुमा-घुमा कर उसकी चूचियों को मसलने लगे।

फिर उन्होंने फ़रीदा के कान में कुछ कहा और फ़रीदा ने अपने हाथ के इशारे से अपनी बेटी नाज़ को अपने पास बैठने को कहा। नाज़ शर्मीली सी मुस्कान के साथ उठ कर सर और फ़रीदा के बगल में बैठ गयी। फिर सर ने फ़रीदा को और खिसकने को कहा और खुद भी फ़रीदा के साथ खिसक गये। अब उन्होंने नाज़ को अपनी दूसरी तरफ बैठने के लिये कहा। जब नाज़ उठ कर सर के दूसरी तरफ बैठी तो उसके बैठते ही सर ने अपना दूसरा हाथ उसके कंधों के पीछे रख दिया। सर का एक हाथ अब फ़रीदा की चूचियों से खेल रहा था और दूसरा हाथ नाज़ के पीछे था। उनका पीछे वाला हाथ अब उन्होंने धीरे-धीरे आगे की तरफ किया और अब उनका दूसरा हाथ नाज़ की चूँची के ठीक ऊपर था। जैसे ही सर का हाथ नाज़ की चूँची को छूने को हुआ तो उसने सर का हाथ रोक दिया। नाज़ के ऐसा करने से उन्होंने फ़रीदा के कान में फिर कुछ कहा। अब फ़रीदा उठ कर नाज़ के सामने खड़ी हो गयी और सर का हाथ लेकर नाज़ की चूँची पर रख दिया और सर से उन्हें दबाने को कहा।
 
अपनी मम्मी के इस बर्ताव से नाज़ का चेहरा शर्म से बेहद लाल हो गया पर वो कुछ ना कह सकी। नाज़ अब चुप-चाप अपनी चूँची सर से दबवा रही थी। फ़रीदा ने तब झुक कर नाज़ के गाल पर एक चुम्मा दिया और बड़े प्यार से बोली, बेटी मल्टी नैशनल कंपनी में नौकरी ऐसे ही नहीं मिलती, उसके लिये कुछ देना पड़ता है। शर्माओ नहीं... मुझे मालूम है कि अपने बॉय फ़्रेंड आसिफ़ के साथ भी तो तुम यही सब करती हो छुप-छुप के... सर भी अपने ही हैं। फिर उसने सर से कहा, सर अब आप बेफ़िक्र हो कर मज़ा लो, लेकिन देखना नाज़ को पक्की नौकरी मिले। सर ने भी एक हाथ से नाज़ की चूँची दबाते हुए फ़रीदा की तरफ अपना मुँह बढ़ा कर उसकी चूँची को चूमते हुए कहा, चिंता मत करो, नाज़ की नौकरी तुम्हारी तरह पक्की नौकरी होगी और तुम्हारी प्रोमोशन भी पक्की है। लेकिन नाज़ को भी मेरा कहना मानना पड़ेगा।
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RE: हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 23-07-2023, 08:03 PM



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