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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
उसने बगल वाली औरत को हिलाकर एक बार तसल्ली कर ली कि वो गहरी नींद में है। फिर वो पहले की तरह ऊपर होकर बैठ गयी और अपने बुऱके को पीछे से उठाकर गाँड के ऊपर ले लिया ताकि मौका मिलने पर उसे ऊपर कर सके। पीछे बैठे आदमी को पता लग गया था कि उसका काम बन गया है। उसने अपना हाथ बुऱके के अंदर घुसा दिया और शबाना की नंगी चिकनी पीठ पर हाथ फिराने लगा। अचानक उसने शबाना के ब्लाउज़ की हुक खोल दी और अपना हाथ आगे लेकर उसके नंग मम्मों को मसलने लगा। शबाना ने अपनी आँखें बंद कर लीं और मज़े लेने लगी। अब वो हाथ नीचे की तरफ जा रहा था। शबाना समझ गयी कि उसकी चूत के नसीब खुलने वाले हैं। लेकिन वो हाथ उसकी नाभि तक तो पहुँच गये लेकिन चूत तक नहीं पहुँच पा रहे थे। सिर्फ़ उसकी नाभि के कुछ ही नीचे पहुँच रहे थे वो भी बड़ी मुश्किल से। अब तक तो शबाना की नंगी चूत पूरी भीग चुकी थी और उसके होंठ भी लण्ड चूमने के लिये मचलने लगे थे। उसके मुँह में पानी आ गया था और उसकी ज़ुबान उसके मुँह के बाहर निकल रही थी।

उसने अपना हाथ पीछे की तरफ़ कर दिया। लेकिन उसके हाथ में उस आदमी का लण्ड फिर भी नहीं आया। वो सिर्फ़ उसके घुटनों तक ही पहुँच पा रही थी। उसने मुड़कर देखा तो उस शख्स ने अपना मुँह ढक रखा था और एक पतली सी चादर कुछ इस तरह से लटकायी हुई थी कि किसी को भी यही लगेगा कि वो शबाना की सीट पर सिर रख कर सो रहा है। उस आदमी का हाथ अब शबाना की गाँड के नीचे से उसकी चूत पर पहुँचने की कोशिश कर रहा था। शबाना ने चारों तरफ़ देखकर एक बार फिर पक्का कर लिया कि सब सो रहे हैं। फिर उसने अपना मुँह पीछे किया और उस आदमी के कान में कहा बाजू की सीट खाली है क्या?”
 
नहीं मेरा छोटा भाई सो रहा है!
 
क्या उम्र है?”
 
दस साल!
 
उसे उठाकर मेरी सीट पर बिठा दो! शराब के नशे में शबाना की हिम्मत कुछ ज्यादा ही बढ़ गयी थी। वो आदमी भी एक दम सन्न रह गया, लेकिन उसने शबाना की बात मान ली। वो तो अपनी किस्मत पर फूला नहीं समा रहा था। शबाना धीरे से खड़ी हो गयी और उस आदमी ने अपने सोये हुए भाई को शबाना की सीट पर बिठा दिया।
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RE: हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 23-07-2023, 07:35 PM



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