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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
शबाना समझ गयी उसकी गाँड मरने वाली है। लखन ने उसकी गाँड पर अपना लण्ड रगड़ना शुरू कर दिया। शबाना ने अपने घुटने अंदर की तरफ़ मोड़ लिये और अपने हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगी और एक ज़ोरदार लात पीछे लखन के पेट पेर दे मारी। लखन इस आकस्मिक हमले से संभल नहीं पाया और गिरते-गिरते बचा। शबाना के ऊँची ऐड़ी वाले सैंडल की चोट काफी दमदार थी और कुछ पलों के लिये तो उसकी आँखों के सामने अंधेरा छा गया। तभी छेद्दीलाल ने परिस्थिति समझते हुए शबाना की टाँग और पैर पकड़ कर बाहर खींच लिया। तब तक लखन भी संभल चुका था। उसने शबाना की दूसरी टाँग खींच कर चौड़ी कर दी और एक झटके से अपना लण्ड उसकी गाँड के अंदर घुसा दिया।

साली रंडी! गाँड देख कर ही पता लगता है कि पहले कईं दफा गाँड मरवा चुकी है... फिर भी इतना नाटक कर रही है! कहते हुए लखन ने एक थप्पड़ शबाना के कान के नीचे जमा दिया। शबाना चकरा गयी। लखन का लण्ड धीरे-धीरे उसकी गाँड में घुस गया था। शबाना फिर ज़ोर से चिल्लायी और मदद की गुहार लगाने लगी। अबे शम्भू! क्या हाथ पकड़े खड़ा है... मुँह बंद कर कुत्तिया का! शम्भू ने जैसे इशारा समझ लिया। उसने अपनी धोती हटायी और अपना लण्ड उलटी पड़ी हुई शबाना के मुँह में जबरदस्ती घुसाने लगा। शबाना ने पूरी ताकत से अपना मुँह बंद कर लिया। तभी शम्भू ने उसके दोनों गालों को अपनी उंगली और अंगूठे से दबा दिया। दर्द की वजह से शबाना का मुँह खुल गया और शम्भू का लण्ड उसके मुँह से होता हुआ उसके गले तक घुसता चला गया। शबाना की तो जैसे साँस बंद हो गयी और उसकी आँखें बाहर आने लगीं। शम्भू ने अपना लण्ड एक झटके से उसके मुँह से बाहर निकाला और फिर से घुसा दिया।
 
अब शबाना भी संभल गयी थी। उसे शम्भू के पेशाब का तीखापन और उसकी गन्ध साफ़ महसूस हो रही थी। शम्भू का लण्ड उसके मुँह की चुदाई कर रहा था और उसके गले तक जा रहा था और नीचे लखन उसकी गाँड में लण्ड के हथौड़े चला रहा था। काफी देर तक उसकी गाँड मारने के बाद लखन ने उसकी गाँड से लण्ड निकाला और उसकी कमर को पकड़ कर उसकी गाँड ऊँची उठा दी। फिर पीछे से ही लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया। कुछ दस मिनट की चुदाई के बाद लखन ने अपने लण्ड का पानी शबाना की चूत में छोड़ दिया और शम्भू को इशारा किया। शम्भू ने अपना लण्ड शबाना के मुँह से निकाल कर उसका हाथ छोड़ दिया। शबाना एक दम निढाल होकर घास के ढेर पर औंधे मुँह गिर गयी। उसकी हालत खराब हो चुकी थी और उसकी गाँड और चूत और मुँह में भी भयंकर दर्द हो रहा था। तभी शम्भू ने उसे सीधा कर दिया। मुझे छोड़ दो, प्लीज़, अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा... बहुत दर्द हो रहा है...! अब शबाना में चिल्लाने की चींखने की या प्रतिरोध करने की ताकत नहीं थी।
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RE: हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 23-07-2023, 07:24 PM



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