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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
शबाना ने मदहोश होकर अपनी गाँड और उठा दी और जगबीर ने अपना लण्ड एक झटके से पूरा का पूरा शबाना की चूत में ढकेल दिया। शबाना को एक झटका सा लगा और उसकी सिसकारियाँ फूटने लगीं। जगबीर ने दोनों हाथों से उसकी कमर को पकड़ा और नीचे से जोर-जोर से झटके मारने शुरू कर दिये और शबाना की कमर को पकड़ कर एक लय में उसके जिस्म को हिलाने लगा। शबाना का पूरा जिस्म हिल रहा था। उसे ऐसा महसूस हो रहा था जैसे उसकी चूत को कोई उठा-उठा कर जगबीर के लण्ड पर पटक रहा था,  और जगबीर का लण्ड उसकी चूत को चीरते हुए उसके पेट में घुस रहा था।

शबाना की सिसकारियाँ अब मदहोशी की चीखों में बदल चुकी थी। उसकी चूत के थपेड़े जगबीर के लण्ड पर बेतहाशा पड़ रहे थे। जगबीर ने उसकी कमर को कस कर पकड़ रखा था और शबाना की गाँड से लेकर उसके कंधों तक उसके जिस्म को झकझोर कर रख दिया था। जगबीर उसे बुरी तरह चोदे जा रहा था और शबाना के सैंडल वाले पैर ज़मीन से उठने लगे थे। जगबीर ने उसकी कमर को छोड़ दिया और उसकी जाँघों को अंदर की तरफ़ से पकड़ कर उसे ऊपर उठा लिया। अब शबाना अपने हाथों को बेड पर टिकाये हवा में लहरा रही थी और जगबीर उसकी चूत में बेतहाशा धक्के लगाये जा रहा था। जगबीर के धक्के एक दम तेज़ हो गये और शबाना की चूत में जैसे ज्वालामुखी फट गया। पता नहीं किसका पानी कब गिरा,  दोनों के जिस्म अब शाँत पड़ने लगे। जगबीर ने शबाना की जाँघें छोड़ दीं तो खटाक की आवाज़ के साथ शाबाना के पैरों में बंधे सैंडल ज़मीन पर पड़े। शबाना घूमी और धड़ाम से बेड पर गिर गयी। जगबीर मज़ा आ गया.. लव यू डार्लिंग! जगबीर भी उसकी बगल में लेट गया और शबाना ने उसके होंठों को चूम लिया।
 
शबाना की मौज हो चली थी। अच्छे दिन निकाल रहे थे चुदाई में। कभी जगबीर तो कभी प्रताप और कभी दोनों से खूब ज़ोरों में चुदाई करवा रही थी शबाना! या यूँ कहें चुदाई के पूरे मज़े लूट रही थी वो!
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RE: हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 23-07-2023, 07:14 PM



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