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Misc. Erotica हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह
अब तुम्हारे इस लज़ीज़ क़बाब के साथ शराब पीना तो बनता ही है...! पैंट के ऊपर से जगबीर के लण्ड को अपनी मुठ्ठी में भींचते हुए शबाना ने कहा।

फिर जगबीर अपनी जीप में से व्हिस्की की बोतल ले आया और शबाना अपने लिये पैग बना कर जगबीर की गोद में बैठ कर पीने लगी। जगबीर ने शबाना की साड़ी का पल्लू हटाया और उसके ब्लाऊज़ के ऊपर से ही उसके मम्मों को दबाने लगा। उसके होंठों को अपने होंठों में दबाते हुए उसने एक हाथ उसके मम्मों पर रख दिया और दूसरे हाथ से उसकी साड़ी को ऊँचा उठा कर उसकी गाँड को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा। उसने शबाना को एक दम जकड़ लिया। शबाना उसके लण्ड को अपनी चूत पर महसूस कर सकती थी और उसकी तो जैसे साँस अटक रही थी। इसी दौरान शबाना शराब के तीन पैग जल्दी-जल्दी गटक चुकी थी और काफी नशे में थी और बेहद मस्ती में भर गयी थी। शबाना का छोटा सा ब्लाऊज़ भी ज़मीन पर एक तरफ पड़ा था और जगबीर उसके नंगे भरे-भरे मम्मों को भींचते हुए उसके निप्पल चूसते हुए दाँतों से काट रहा था।
 
जगबीर फिर उसे बेडरूम में ले गया और खड़े-खड़े ही उसकी साड़ी को खींच कर निकाल दिया। पेटीकोट तो शबाना ने पहना ही नहीं था। जगबीर उसकी टाँगों के बीच बैठ गया और उसकी पैंटी उतार दी। अब उसका मुँह शबाना की नाभि को चूस रहा था और उसका एक हाथ शबाना की दोनों टाँगों के बीच उसकी जाँघों पर सैर कर रहा था। उसने शबाना की जाँघ पर दबाव बनाया और शबाना ने अपने पैर फ़ैला दिये। अब वो जगबीर को अपनी चूत खिलाने के लिये तैयार थी। उसने अपनी चूत आगे की तरफ़ ढकेल दी। ऊँची हील की सैंडल में खड़ी शबाना नशे और मस्ती में झूम रही थी। जगबीर ने अपने दोनों हाथों को उसकी टाँगों के बीच से लेकर उसकी गाँड पर रख दिये। शबाना की टाँगें और फ़ैल गयीं और उसकी आगे की तरफ़ निकली हुई चूत अब जगबीर के मुँह के ठीक सामने थी। ससीसीईईऽऽऽ! सिसकरी छूट गयी शबाना की जब जगबीर की जीभ ने उसकी चूत को चाटा और उसके किनारों पर ज़ोर से जीभ रगड़ दी। जगबीर की जीभ शबाना की चूत में घुसती जा रही थी और शबाना के पैर जैसे उखड़ने को थे। जगबीर के हाथ जो शबाना की टाँगों के बीच से पीछे की तरफ़ थे, उनसे शबाना के हाथों की कलाइयों को पकड़ लिया। अब शबाना की चूत और आगे की तरफ़ निकल आयी और जगबीर की जीभ उसकी चूत में और अंदर धंस गयी।
 
जगबीर ने इसी स्थिति में उसे उठा लिया और एक धक्का देकर बेड के बिल्कुल किनारे पर पटक दिया और खुद बेड के नीचे घुटनों के बल बैठ गया। शबाना की गाँड के नीचे से निकले हुए जगबीर के हाथों की वजह से उसकी चूत एक दम उठ गयी थी और ब्राऊन सैंडलों वाले पैर हवा में लहरा रहे थे और उसकी टाँगें एक दम फ़ैली हुई थीं। उसकी चूत में जगबीर की जीभ धंसती जा रही थी। जगबीर ने उसकी चूत में छुपे गुलाबी दाने को अपने होंठों में जकड़ लिया और उसपर बेतहाशा अपनी जीभ रगड़ कर चूमने लगा। शबाना की सिसकारियाँ फूट गयी और उसकी चूत में खलबली मच गयी। उसकी मस्ती पूरे परवान पर थी और वो हिल भी नहीं सकती थी। उसकी कलाइयों को जगबीर ने पूरी ताकत से पकड़ रखा था और उसकी गाँड बिस्तर से हवा में पूरी उठी हुई थी। उसकी गाँड ने एक ज़ोर का झटका दिया और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। अब जगबीर ने उसकी कलाइयों को छोड़ा और अपने हाथ उसकी टाँगों के बीच से निकाल लिये। अब वो बिल्कुल धाराशायी हो गयी बिस्तर पर। ओह गॉड...मज़ा आ गया जगबीर!
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RE: हिंदी की सुनी-अनसुनी कामुक कहानियों का संग्रह - by rohitkapoor - 23-07-2023, 07:12 PM



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