15-01-2023, 01:35 AM
“क्या कर रहे हो दोनों? शबाना कहाँ है? और जगबीर तूने क्या यहाँ भी मज़े कर लिये क्या?” ताज़ीन की आवाज़ थी ये। नशे में झूमती हूई वो उस कमरे में दाखिल हुई। अभी भी उसने सिर्फ सैंडल ही पहने हुए थे और बिल्कुल नंगी ही थी।
“अब आप तो बाथरूम में घुस गयी थीं और बाहर निकलने का नाम ही नहीं ले रही थीं तो क्या करता... सोचा आपकी भाभी को डबल मज़ा दे दिया जाये?”
“अब तो आ गयी हूँ मैं... मुझे डबल मज़ा नहीं दोगे क्या?”
शबाना की गाँड और चूत दोनों की खुजली एक साथ शाँत हो गयी थी। वो अब भी मस्तिया रही थी और उसे लग रहा था जैसे अब भी उसकी चूत में प्रताप का और गाँड में जगबीर का लण्ड घुसा हुआ है और वो चुदाई करवा रही है। उसने झटपट अपनी चूत और गाँड की खबर ली, गाऊन पहना और बाहर आ गयी। ब्रा और फैंटी पहन कर उसे अपना मूड नहीं खराब करना था और फिर चूत और गाँड को भी तो खुला रखना था... आखिर इतनी मेहनत जो की थी दोनों ने!
जब वो बाहर आयी तो ज़मीन पर उसकी ननद ताज़ीन की डबल चुदाई चल रही थी। ताज़ीन जगबीर के ऊपर बैठ कर झुकी हुई अपनी चूत में उसका लण्ड लेकर चुदवा रही थी और उसके पीछे प्रताप उसकी कमर पर झुका हुआ उसकी गाँड में दनादन अपना लण्ड अंदर-बाहर चोद रहा था। कमरे में ताज़ीन की सिसकरियाँ और आहें गूँज रही थीं।
बाद में चारों फ्रेश होकर ड्राइंग रूम में फिर से बैठ कर व्हिस्की के पैग पीने लगे!
तभी एक तसवीर देख कर जगबीर ने कहा, “तो इन हज़रत की बीवी हैं आप?”
“जी हाँ! यही परवेज़ हैं! क्या आप जानते हैं इन्हें?”
“नहीं बस ऐसे ही पूछ लिया, क्या वो शहर से बाहर गये हैं?”
“हाँ, कल शाम को आ जायेंगे!”
शराब का ग्लास रखते हुए जगबीर ने अपने कपड़े पहनते हुए कहा, “ठीक है तो हम चलते हैं, फिर मिलेंगे... अगर आपने याद किया तो!”
“अब आप तो बाथरूम में घुस गयी थीं और बाहर निकलने का नाम ही नहीं ले रही थीं तो क्या करता... सोचा आपकी भाभी को डबल मज़ा दे दिया जाये?”
“अब तो आ गयी हूँ मैं... मुझे डबल मज़ा नहीं दोगे क्या?”
शबाना की गाँड और चूत दोनों की खुजली एक साथ शाँत हो गयी थी। वो अब भी मस्तिया रही थी और उसे लग रहा था जैसे अब भी उसकी चूत में प्रताप का और गाँड में जगबीर का लण्ड घुसा हुआ है और वो चुदाई करवा रही है। उसने झटपट अपनी चूत और गाँड की खबर ली, गाऊन पहना और बाहर आ गयी। ब्रा और फैंटी पहन कर उसे अपना मूड नहीं खराब करना था और फिर चूत और गाँड को भी तो खुला रखना था... आखिर इतनी मेहनत जो की थी दोनों ने!
जब वो बाहर आयी तो ज़मीन पर उसकी ननद ताज़ीन की डबल चुदाई चल रही थी। ताज़ीन जगबीर के ऊपर बैठ कर झुकी हुई अपनी चूत में उसका लण्ड लेकर चुदवा रही थी और उसके पीछे प्रताप उसकी कमर पर झुका हुआ उसकी गाँड में दनादन अपना लण्ड अंदर-बाहर चोद रहा था। कमरे में ताज़ीन की सिसकरियाँ और आहें गूँज रही थीं।
बाद में चारों फ्रेश होकर ड्राइंग रूम में फिर से बैठ कर व्हिस्की के पैग पीने लगे!
तभी एक तसवीर देख कर जगबीर ने कहा, “तो इन हज़रत की बीवी हैं आप?”
“जी हाँ! यही परवेज़ हैं! क्या आप जानते हैं इन्हें?”
“नहीं बस ऐसे ही पूछ लिया, क्या वो शहर से बाहर गये हैं?”
“हाँ, कल शाम को आ जायेंगे!”
शराब का ग्लास रखते हुए जगबीर ने अपने कपड़े पहनते हुए कहा, “ठीक है तो हम चलते हैं, फिर मिलेंगे... अगर आपने याद किया तो!”